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Lahoo Ki Lau

युवा दिलों की धड़कन, जन जागृति का दर्पण, निष्पक्ष एवं निर्भिक समाचार पत्र

08 दिसंबर 2014

सीएम खट्टर से मिलेंगे डबवाली अग्निकांड पीडि़त

डबवाली (लहू की लौ) डबवाली फायर विक्टम एसोसिएशन की एक बैठक रविवार को अग्निकांड स्मारक स्थल पर हुई। जिसकी अध्यक्षता शमशेर सिंह ने की।
सीएम से मिलेंगे अग्निकांड पीडि़त
इस मौके पर उपस्थित अग्निकांड पीडि़तों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करके 19वीं बरसी 23 दिसंबर को सर्वधर्म सभा के रूप में मनाने का निर्णय लिया। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि अग्निकांड पीडि़तों की समस्याओं के संदर्भ में मुख्यमंत्री हरियाणा से मिला जायेगा। सरकार से मांग की गई कि अग्निकांड स्मारक स्थल को राष्ट्रीय स्मारक के रूप में स्वीकार किया जाये और अग्निकांड में शहीद हुये बच्चों की याद में बनाये गये सरकारी अस्पताल को अपग्रेड करके प्लास्टिक तथा कॉस्मेटिक सर्जन की व्यवस्था की जाये। जिससे अग्निकांड का दंश सह रहे घायलों को आवश्यक उपचार मिल सके।
काऊंसलिंग करवाये सरकार
बैठक में अग्निकांड पीडि़तों के बच्चों को नौकरी देने का मामला भी उठा। यह मांग भी सरकार के समक्ष रखने का निर्णय लिया गया कि सरकार अग्निकांड पीडि़तों की काऊंसलिंग लेकर उनके दर्द को सुने और जो भी उनके लिये आवश्यक बन पड़े, वह करे। इस मौके पर विनोद बांसल, सुरेंद्र कालड़ा, अमर लाल, पालविंद्र शास्त्री, चंद्रकला, उमेश कुमार, सुमन, रमेश सचदेवा, सुच्चा सिंह भुल्लर, राजीव वढेरा, इकबाल शांत, जयमुनी गोयल उपस्थित थे।

संचालक कमेटी का गठन
बैठक में डबवाली फायर विक्टम एसोसिएशन के अंतर्गत 19वीं बरसी मनाने के लिये एक संचालन समिति का गठन किया गया। जिसमें सर्वसम्मति से जयमुनी गोयल अध्यक्ष, विनोद बांसल सचिव, शमशेर सिंह कोषाध्यक्ष, इकबाल शांत उपाध्यक्ष, राजीव वढेरा सहसचिव, पालविंद्र शास्त्री मैनेजर, सुच्चा सिंह, चंद्रकला, उमेश मित्तल, अमर लाल अनेजा को लंगर कमेटी सदस्य तथा आचार्य रमेश सचदेवा को पीआरओ चुना गया।

पहले कांग्रेस ने लूटा, अब भाजपा लूट रही-चौटाला

डबवाली (लहू की लौ) इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौटाला ने रविवार को डबवाली हल्के के गांव गोरीवाला, लंबी, सुकेराखेड़ा, जोतांवाली का दौरा कर नैना सिंह चौटाला को विजयी बनाने पर ग्रामीणों का धन्यवाद किया।
इस मौके पर ग्रामीणों को संबोधित करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस व बीजेपी दोनों दलों मे कोई फर्क नही हैं। दोनों दल किसान, मजदूर व कमेरा वर्ग के विरोध मे नीतियां बनाते है। पहले कांग्रेस ने दोनों हाथों से देश के लोगों को लूटा और अब भाजपा शोषण कर रही है। मजदूर को पूरी मजदूरी नही मिल रही और किसान को फसल के उचित दाम नही दिए जा रहें । किसानी घाटेे का सौदा बन गई है और प्रदेश का धरती पुत्र भूखे मरने के कगार पर है। कपास व धान का भाव अपने न्यूनतम मूल्य पर पहुंच गया है लेकिन बीज व खाद की कीमतें आसमान छू रही है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह सब हालात तब बदलेंगे जब सत्ता की बागडोर सही हाथों मे होगी। उन्होंने हल्के के लोगों को परिवार का सदस्य बताते हुए कहा कि उनके संघर्ष व सहयोग की कभी कोई कमी नहीं रही और आगे भी ऐसे ही सहयोग व सघंर्ष करना होगा। दिग्विजय चौटाला ने कहा कि इनेलो के कार्यकर्ता चौ. देवीलाल की सोच व नीतियों पर चलने वाली फौज है। ऐसे में बिना मुकाम हासिल किए इस फौज ने पीछे बैरक में लौटना नहीं सीखा। इस मौके पर उनके साथ राधेराम गोदारा, संदीप गंगा, सर्वजीत मसीतां, लवली मैहता, गिरधारी बिस्सू, कुलदीप जम्मू, मंदर सिंह सरां, सरपंच पवन मैहता, राकेश कुमार, रामकुमार बिश्नोई व मनजीत सिंह सिधू मौजूद थे।

वार्षिक वेद प्रचार उत्सव की तैयारियां पूर्ण

डबवाली (लहू की लौ) आर्य समाज मंदिर यज्ञशाला में रविवारीय साप्ताहिक हवन यज्ञ उपरांत आर्य बंधुओं की एक आवश्यक बैठक आर्य समाज के वरिष्ठ सदस्य भारत मित्र छाबड़ा की अध्यक्षता में हुई। जिसमें आर्य समाज की ओर से आगामी 10 दिसंबर, बुधवार से शुरू होने वाले पांच दिवसीय वार्षिक वेद प्रचार उत्सव को लेकर तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। यह जानकारी देते हुए महामंत्री सुदेश कुमार आर्य ने बताया कि वैदिक प्रवक्ता आचार्य हरि प्रसाद शास्त्री व भजनोपदेशक राजवीर शास्त्री दिल्ली से तथा जसविंद्र आर्य प्रतिनिधि सभा रोहतक से 9 दिसंबर, मंगलवार सायं डबवाली पहुंच जाएंगे। व्यवस्था के लिये एसके दुआ, रामफल आर्य व व्यवस्था प्रमुख राज कुमार की ड्यूटी लगाई गई। पारिवारिक कार्यक्रम के अंतर्गत प्रथम दिवय बहादर सिंह कूका, 11 दिसंबर को राम कुमार डीसीएमवाले, 12 दिसंबर को विनोद बांसल पूर्व पार्षद तथा 13 दिसंबर को रवि कुमार छाबड़ा चक्की वाले के आवास पर प्रात: 9 बजे से 11 बजे तक होगा तथा रात्रिकालीन सत्र साढ़े 7 बजे से 10 बजे तक प्रतिदिन व पूर्णाहुति 14 दिसंबर, रविवार को प्रात: 9 बजे से 12 बजे तक होगी। मौके पर बीएन रहेजा, राम कुमार बांसल, नीलम राय, सावित्री देवी, शास्त्री कमलेश उपस्थित थे। इससे पूर्व आर्य समाज मंदिर में पुरोहीत कमलेश शास्त्री के सानिध्य में साप्ताहिक हवन यज्ञ आयोजित हुआ।

आज होगा एक्सरे

डबवाली (लहू की लौ) गांव गंगा की राजकीय कन्या प्राथमिक पाठशाला में जेबीटी प्रशिक्षु के कहर का शिकार हुई 12 वर्षीय सोमा के हाथ का सोमवार को एक्स-रे होगा।
सोमा के पिता शंकर लाल ने बताया कि चिकित्सक ने एक्सरे करवाने की सलाह दी थी लेकिन रविवार की छुट्टी होने के कारण एक्सरे नहीं हो पाया। सोमवार को एक्सरे के बाद चिकित्सक रिपोर्ट बनायेगा। शंकर के अनुसार बेटी के हाथ पर सोजिश पहले से बढ़ी है।
अभी शिकायत नहीं
इधर गोरीवाला पुलिस चौकी प्रभारी भाना राम ने बताया कि फिलहाल पुलिस के पास शिकायत या फिर एमएलआर नहीं पहुंची है। शिकायत मिलने के तुरंत बाद आगामी कार्रवाई शुरू की दी जायेगी।

हादसों से बचने के लिये अपनायें दो सैकंड फार्मूला

आज दो स्कूलों में चलेगा यातायात जागरूकता अभियान

डबवाली (लहू की लौ) ड्राईविंग के दौरान मामूली सी चूक हादसे को अंजाम देती है। हरियाणा पुलिस चूक से बचने के लिये दो सेकंड नियम का प्रयोग करने की सलाह देती है। अगर इस नियम पर चला जाये तो बहुत सी जानें बच सकती हैं।
सुरक्षित ड्राईविंग के लिये अपने वाहन और आगे चल रहे वाहन के बीच उचित दूरी बनाय रखना एक अच्छी आदत है। यह धीमे होने या सुरक्षित रूप से अपना रास्ते बदलने हेतू पर्याप्त स्थान देती है। यातायात, गति, मौसम की स्थिति व दृश्यता इस सुरक्षित दूरी पर प्रभाव डालते हैं। 2 सेंकड नियम का मतलब है कि आपको अपने वाहन को आगे जा रहे वाहन से इतनी दूरी पर रखना चाहिये कि यदि अगला वाहन रूक जाये तो आपके वाहन को उस तक पहुंचने में कम से कम दो सेकंड लगें। हरियाणा पुलिस ने अपनी सड़क सुरक्षा पुस्तक में 2 सेकंड नियम की विस्तृत व्याख्या की है। शहर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर दलीप सिंह के अनुसार पीछे चलने की दूरी को मापने के लिये आपके आगे चल रहे वाहन के आगे एक निश्चित वस्तु जैसे टेलीफोन पोल, एक पुल या एक पेड़ चुनिए। जैसे ही आपके आगे का वाहन उस वस्तु से गुजरता है आप एक हजार एक, एक हजार दो, एक हजार तीन कहते हुये गिनती शुरू करें और ऐसा करते रहें जब तक आपका वाहन भी उसी वस्तु तक न पहुंच जाये। यदि आप एक हजार दो गिनने से पूर्व ही उस वस्तु तक पहुंच जायें तो इसका मतलब आपकी पीछे चलने की दूरी सुरक्षित से बहुत कम है।
एमएसएम/पीएसएल नियम
रक्षात्मक ड्राईविंग के सबसे महत्वपूर्ण नियमों में से एक है एमएसएम। जिसका अर्थ है मिरर, सिग्नल, मैन्युवर। नियमित रूप से रियर-व्यू मिरर और साईड मिरर से सड़क की बाएं और दायं ओर देखते रहना महत्वपूर्ण है। यह एक मानसिक चित्र बनाने में मदद करता है कि आपके पीछे सड़क पर क्या है। दिशा बदलने की योजना बनाने से पूर्व दर्पण में चौकसीपूर्वक यातायात का निरीक्षण करते रहें।
सिग्नल : एक बार जब दर्पण का निरीक्षण कर लिया हो और अपनी दिशा बदलने के लिये रास्ता स्पष्ट लग रहा हों तो वाहन के दिशा सूचक या हाथ से संकेत करके या दोनों का ही प्रयोग करते हुये मुडऩे का संकेत दिया जा सकता है।
मैन्युवर : जब वास्तव में ही दिशा बदलने की कार्यवाही करते हैं, इस चरण को आगे तीन उप चरणों में विभाजित किया जा सकता है। जिसके तहत पोजिशन, स्पीड और लुक हैं। तीनों उपचरणों को ध्यान में रखकर रक्षात्मक ड्राईविंग की जा सकती है।
आज भी चलेगा अभियान
शहर थाना प्रभारी दलीप सिंह ने बताया कि यातायात नियमों के प्रति जागरूकता के लिये अभियान जारी रहेगा। सोमवार को खालसा सीनियर सैकेंडरी स्कूल तथा डीएवी स्कूल में बच्चों को यातायात नियमों के बारे में जागरूक किया जायेगा।

8 Dec. 2014





07 दिसंबर 2014

सवालों के जवाब न देने पर बेटी पर बरसे डंडे

गांव गंगा की प्राथमिक पाठशाला में जेबीटी प्रशिक्षु ने की हरकत

डबवाली(लहू की लौ) गांव गंगा की राजकीय कन्या प्राथमिक पाठशाला में एक जेबीटी प्रशिक्षु ने गणित के सवाल हल न करने पर बालिकाओं पर डंडे बरसा दिये। एक बच्ची को बारह डंडे खाने पड़े। जिससे उसके बांयें हाथ का अंगूठा बुरी तरह से चोटिल हुआ है। शनिवार को उपचार के लिये उसे डबवाली के सरकारी अस्पताल में लेजाया गया।
चौथी कक्षा में पढऩे वाली 12 वर्षीय सोमा ने बताया कि शुक्रवार को गणित अध्यापक अमन ने भाग के पांच सवाल हल करने के लिये दिये थे। उसके पांचों सवाल गलत थे। जिस पर मास्टर जी को गुस्सा आ गया। उन्होंने उसके हाथों पर जोर-जोर से 12 डंडे लगाये। कक्षा में अन्य बच्चों को भी डंडों से बुरी तरह से पीटा। जिसके बाद से उसके बाएं हाथ के अंगूठे में दर्द हो रहा है। अंगूठा में सोजिश आ गई है। छात्रा के अनुसार अध्यापक उन्हें हिंदी विषय भी पढ़ाते हैं। वीरवार को हिंदी के प्रश्नों का गलत उत्तर देने पर उसके दो डंडे मारे थे।
स्कूल में छुट्टी के बाद शुक्रवार शाम को सोमा घर लौटकर रोने लगी। उसने अपनी मां बाईली देवी को उपरोक्त बात बताते हुये हाथ पर लगी चोट दिखाई। मार्ग में मिले अमन को देखकर बाईली देवी उससे भिड़ गई। अमन ने जैसे ही सुबह उपचार करवाने की बात कही तो मां को गुस्सा आ गया। आनन-फानन में अमन सोमा को लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गोरीवाला में पहुंचा। मरहम पट्टी करवाने के बाद सोमा को वापिस घर छोड़ दिया।
सोमा के पिता शंकर लाल ने बताया कि उसकी बेटी के अंगूठे में सोजिश आई हुई है। शनिवार को सोजिश ज्यादा बढ़ गई। अमन उनके गांव में रहता है। सुबह करीब साढ़े 6 बजे वह अपने किये पर माफी मांगने के लिये उनके घर पहुंचा गया। हाथ जोड़कर माफी मांगने लगा। जब उन्होंने सोमा का हाथ दिखाया तो मौका से भाग खड़ा हुआ।

हाथ पर है गंभीर चोट, एक्सरे करवाएंगे
बच्ची के हाथ पर गंभीर चोट है। अंगूठे में सोजिश है। फ्रेक्चर का पता करने के लिये सोमवार को एक्स-रे करवाया जायेगा।
-बलेश बांसल, चिकित्सक सिविल अस्तपाल, डबवाली

मैंने समझाया था, लेकिन नहीं माना
सितंबर माह में छह जेबीटी प्रशिक्षुओं ने पाठशाला में ज्वाईन किया है। पढऩे में कमजोर बच्चों का जिम्मा इन प्रशिक्षुओं को दिया गया है। जिम्मा सौंपते समय प्रशिक्षुओं को बच्चों को पीटने के संबंध में मना किया गया था। लेकिन उन्होंने बात नहीं मानी। बच्चों को पीटना गलत है। संबंधित प्रशिक्षु अमन पर कार्रवाई की जायेगी।
-राजविंद्र कौर, इंचार्ज
राजकीय कन्या प्राथमिक पाठशाला, गंगा

मामले की जांच करेंगे
स्कूलों में बच्चों को पीटने में सख्त मनाही है। जेबीटी प्रशिक्षु ने जो किया वो सरासर गलत है। मामले की जांच की जायेगी। जिसके बाद आगामी कार्रवाई की जायेगी।
-संत कुमार बिश्नोई, बीईओ, डबवाली

शिकायत आते ही करेंगे कार्रवाई
फिलहाल शिकायत नहीं आई है। शिकायत आते ही आगामी कार्रवाई अमल में लाई जायेगी।
-भाना राम, प्रभारी पुलिस चौकी, गोरीवाला

सिग्नल सिस्टम से जुड़ा कलोनी रोड़ रेलवे फाटक

डबवाली (लहू की लौ) करीब साढ़े पांच माह से आधुनिक होने की इंतजार में पड़ा कलोनी रोड़ रेलवे फाटक शनिवार को सिग्नल सिस्टम से जुड़ गया। रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर इंद्राज मीणा ने बताया कि अब तक रेलवे फाटक पर लगी लाल बत्ती तथा सफेद बत्ती को मिट्टी तेल से जलाना पड़ता था। अब कलोनी रोड़ रेलवे फाटक पर ऐसा नहीं होगा। यहीं नहीं फाटक की चौड़ाई बढ़ा दी गई है। 8 मीटर से 10 मीटर कर दी गई है।

लोक अदालत में साढ़े 24 लाख रूपये की रिकवरी

डबवाली (लहू की लौ) शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत बैंकों के लिये वरदान साबित हुई। बैंकों के कुल 88 मामले प्रस्तुत हुये। जिसमें 18 मामलों का निपटारा हुआ। जिससे 23 लाख 34 हजार 017 रूपये की वसूली हुई। कोर्ट परिसर में उपमंडल न्यायिक दंडाधिकारी परवेश सिंगला की अध्यक्षता में लोक अदालत आयोजित हुई। जिसमें न्यायिक दंडाधिकारी (प्रथम श्रेणी) कपिल राठी तथा देवेंद्र सिंह ने भी मामलों पर सुनवाई की। तीनों जस्टिस के सामने कुल 844 मामले प्रस्तुत हुये। जिनमें से 504 का निपटारा हो गया। हल हुये केसों से 24 लाख 63 हजार 491 रूपये की रिकवरी हुई।

उन्नीस सालों में गाडिय़ां बढ़ीं आग बुझाने वाले हाथ नहीं

डबवाली (लहू की लौ) अग्निकांड के उन्नीस वर्षों बाद भले ही केंद्र तथा प्रदेश में सरकारें बदलती रही हों। लेकिन व्यवस्था में परिवर्तन नहीं हुआ। आज भी डबवाली के दमकल केंद्र में हालात वैसे ही हैं, जैसे वर्ष 1995 में थे। बेशक गाडिय़ों की संख्या बढ़ गई। किंतु आग बुझाने वाले हाथ नहीं बढ़े। आज भी त्रिवेणी शहर के लिये सरकार के वहीं नियम हैं, जो 23 दिसंबर 1995 में थे। नप के दमकल केंद्र में सरकार ने जो पद स्वीकृत किये हैं, वे एक गाड़ी के लिये भी पूरे नहीं बैठते। ऐसे में किराये के फायरमैन से गाड़ी चलाई जा रही है।
हरियाणा फायर सर्विस रूल के अनुसार एक गाड़ी पर एक कमांडर, एक चालक तथा चार फायरमैन होने चाहिये। वर्तमान समय में नप के दमकल केंद्र में रेगुलर स्टॉफ के साथ-साथ चार फायरमैन तथा तीन चालक डीसी रेट पर भर्ती हैं। इसके बावजूद भी तीन गाडिय़ों पर स्टॉफ पूरा नहीं होता। आग लगने की स्थिति में एक गाड़ी के साथ एक फायरमैन ही जा पाता है। ऐसे में पक्के तथा कच्चे कर्मचारियों को अतिरिक्त डयूटी देनी पड़ रही है। वहीं दो गाडिय़ों की स्थिति अच्छी नहीं है। दमकल केंद्र में जो गाडिय़ां हैं, उनमें से एक गाड़ी 13 साल पुरानी यानी 2001 मॉडल है। जबकि शेष दो गाडिय़ां 2007 तथा 2012 मॉडल हैं।
एक गाड़ी पर चाहिये छह लोग
हां यह सही है कि सर्विस रूल के अनुसार एक गाड़ी पर छह लोगों का स्टॉफ जरूरी है। सरकार ने एक गाड़ी का स्टॉफ स्वीकृत हुआ है। कई बार मांग करने के बाद अस्थाई नियुक्तियां की गई। इसके बावजूद भी कर्मचारी पूरे नहीं है। हर माह कर्मचारियों की डिमांड की जाती है। डबवाली में तंग बाजार तथा तंग गलियां हैं। आग लगने की स्थिति में वहां तक पहुंचने का कोई साधन नहीं है। दो छोटी गाडिय़ों की डिमांड की गई है।
-अमर सिंह, प्रभारी
दमकल केंद्र, डबवाली
अग्निश्मन विभाग के एकीकरण के प्रयास
दमकल केंद्र नगर परिषद से जुड़ा हुआ है। इसके एकीकरण के प्रयास चल रहे हैं। जिसको लेकर भर्ती का मामला खटाई में है। हर माह कर्मचारियों की रिपोर्ट सरकार के पास भेजी जाती है।
-ऋषिकेश चौधरी, सचिव
नगर परिषद, डबवाली

राजकीय स्कूल में हर रोज लगेगा 20 मिनट का ट्रेफिक पीरियड

डबवाली (लहू की लौ) आपको जीवन अनमोल है। खून इंसान को चाहिये, न की सड़क को। सुरक्षा उतरी जरूरी है, जितनी एबीसी। इसलिये आप ट्रेफिक नियमों का पालन कीजिये, दूसरों को भी नियमों की पालना करने की हिदायत दीजिये। ये शब्द शहर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर दलीप सिंह यातायात नियमों के प्रति जागरूकता अभियान की शुरूआत करते हुये शनिवार को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में कहे। इस मौके पर थाना प्रभारी के कहने पर  प्रिंसीपल ने प्रतिदिन 20 मिनट का ट्रेफिक पीरियड लगाने की भी घोषणा की।
विद्यार्थियों से सीधा संवाद किया
थाना प्रभारी ने यातायात नियमों को लेकर विद्यार्थियों से सीधा संवाद किया। उन्होंने कहा कि एक छोटी सी लापरवाही से बड़ा हादसा हो जाता है। अगर यातायात नियमों के बारे में ज्ञान हो तो लापरवाही से बचा जा सकता है। देश में दिन ब दिन हादसों में लगातार बढ़ौतरी हो रही हैं। असंख्या जानें जा रही हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से सवाल पूछे। थाना प्रभारी ने कहा कि 16 से 18 वर्ष की आयु के बच्चे गियर बगैर स्कूटी चलाने के हकदार हैं। 18 वर्ष का युवा लाईसेंस लेकर ही गियर वाला वाहन चला सकता है। थाना प्रभारी ने वाहन चलाते समय हमेशा हेलमेट का प्रयोग करने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि दुर्घटना के दौरान हेलमेट जान बचा सकता है। उन्होंने कार या चार पहिया वाहन चलाते समय सीट बेल्ट की आदत डालने का आह्वान किया। इसके बाद थाना प्रभारी ने एचपीएस सीनियर सैकेंडरी स्कूल में भी बच्चों को ट्रेफिक नियमों की जानकारी दी।
मुझे हेलमेट ने बचाया
विद्यार्थियों को संबोधित करते हुये राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्रिंसीपल सुरजीत सिंह ने कहा कि मेरा बाईक कार के साथ भिड़ा था। करीब 12 फुट ऊंचाई से उछलने के बाद मैं जमीन पर गिरा था। बेशक उस दौरान मैं बेहोश हो गया। लेकिन मेरे पहने हेलमेट ने मेरी जान बचाई। उन्होंने बच्चों को हेलमेट पहने की आदत डालने की सलाह दी।
हर रोज लगेगा ट्रेफिक पीरियड
अपने अलग अंदाज में क्रियाकलाप करने के लिये अग्रणी रहने वाला राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय इस बार भी बाजी मार गया। स्कूल प्रिंसीपल ने कहा कि मोर्निंग असेंबली में हर रोज 20 मिनट का ट्रेफिक पीरियड होगा। जिसमें बच्चों को ट्रेफिक नियमों के बारे में परिचित करवाया जायेगा।

दुर्घटनाएं रोकने के लिये दौड़े महकमें


इंस्पेक्टर दलीप सिंह ने
बच्चों को पढ़ाया यातायात नियमों का पाठ


डबवाली (लहू की लौ) सड़क हादसों में हो रही तीव्र वृद्धि ने सोचने पर मजबूर कर दिया है। प्रत्येक विभाग के आगे सवाल खड़ा हुआ है कि आखिर क्या किया जाये? सड़क पर यातायात सुचारू करने के कुछ नियम कायदे होते हैं। ऐसे नियमों तथा कायदों को सरकारी महकमों को धरातल पर लाना होता है। सड़क सुरक्षा में बरती जा रही लापरवाही को दूर करने के लिये राष्ट्रीय राजमार्ग, बीएंडआर, मार्किंटिंग बोर्ड सहित नगर परिषद के अधिकारी सड़क सुरक्षा के लिये दौड़ पड़े हैं।
विभागों का प्लान
नेशनल हाईवे
नेशनल हाईवे हिसार से डबवाली तक 170 किलोमीटर सड़क पर ऐसी जगहों का चयन कर रहा है, यहां सबसे ज्यादा हादसे होते हैं। करीब 70 लाख रूपये की लागत से उपरोक्त क्षेत्र में सफेद पट्टी के साथ-साथ यातायात सूचक तथा चेतावनी बोर्ड लगाये जाने की योजना है। ताकि वाहन चालक इन्हें समझकर ड्राईव कर सकें। कालांवाली टी प्वाईंट तथा बिजलीघर के नजदीक सड़क को ठीक करवाकर दुर्घटनाएं रोकने के प्रबंध किये जाएंगे।
-रवि मोंगा, एसडीई, नेशनल हाईवे, सिरसा
हाईवे जुडने वाली सड़कों पर बनेंगे स्पीड़ ब्रेकर
डबवाली क्षेत्र में करीब 106 किलोमीटर एरिया में सड़कें हैं। मार्किटिंग बोर्ड की जो सड़कें सीधा हाईवे पर जा मिलती हैं, उनका निरीक्षण किया गया है। हाईवे पर मिलने से 100 फुट पहले स्पीड ब्रेकर बनाये जाएंगे। इससे वाहन की गति धीमी हो जाएगी, चालक अच्छी तरह से दायें-बांयें देखकर अपनी गाड़ी हाईवे पर ले जा सकेगा।
-ओमप्रकाश गाट, एसडीई
मार्किटिंग बोर्ड, सिरसा
36 जगहों पर लगवाई सफेद टाईल
डबवाली क्षेत्र में 275 किलोमीटर क्षेत्र में हमारी सड़कें हैं। दुर्घटना संभावित 36 जगहों पर स्पीड ब्रेकर बनवाने के बाद उस पर सफेद टाईल लगा दी गई हैं। इसके अतिरिक्त सड़कों के किनारे सूचक संकेत तथा चेतावनी बोर्ड भी लगाये गये हैं। लेकिन नशेड़ी इन्हें गिरा देते हैं। इस बार पुन: मुरम्मत करवाई जायेगी। डबवाली-ऐलनाबाद रोड़ का अस्टीमेट मंजूरी के लिये सरकार के पास गया हुआ है।
-अनिल भारद्वाज, एसडीई बीएंडआर, डबवाली
बाजारों में बंद होगी हैवी वाहनों की एंट्री
हैवी वाहनों की शहर के भीतर एंट्री न देने के लिये कलोनी रोड़ पर गेट तैयार करवा जा रहा है। वहीं कलोनी रोड़ रेलवे फाटक के नजदीक भी गेट लगवाया जायेगा। जिससे हैवी वाहनों के कारण जाम जैसी समस्या से छुटकारा मिलेगा। वहीं हादसों से बचाव रहेगा। शहर के चौराहों पर हाई मास्क लाईट लगनी प्रस्तावित हैं।
-जयवीर डुडी, एमई,
नगर परिषद, डबवाली

रामबाग कमेटी के प्रधान का इस्तीफा, तनेजा को कमान

डबवाली (लहू की लौ) शनिवार को रामबाग के कार्यालय में रामबाग सरप्रस्तों की बैठक हुई। जिसमें सर्वसम्मति से रामबाग प्रबंधक कमेटी के प्रधान मदन लाल के इस्तीफे को स्वीकार करते हुए कार्यकारी प्रधान बख्शी राम तनेजा को अध्यक्ष पद का कार्यभार संभाला दिया गया।
मदन लाल ने यह कहते हुए रामबाग प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था कि वे स्वास्थ्य कारणों से यह पद संभालने में सक्षम नहीं है। उनके इस्तीफे पर विचार करने के लिए सरप्रस्तों की बैठक आज आयोजित की गई। जिसमें सर्वसम्मति से इस्तीफा स्वीकार करते हुए पहले से चुने गये कार्यकारी प्रधान बख्शी राम तनेजा को प्रधान पद का कार्य संभालते हुए उन्हें पूर्व प्रधान मदन लाल के कार्यकाल के समय की सभी गतिविधियों की समीक्षा करने का अधिकार दिया गया। साथ में रामबाग प्रबंधक कमेटी की ओर किसकी कितनी राशि देय है और किससे कितनी राशि बकाया ली जानी है का पता लगाने का अधिकार देते हुए इसके लिए प्रधान के साथ सरप्रस्त बलदेव राज शर्मा, पूर्व नगरपालिका प्रधान टेक चन्द छाबड़ा, कामरेड गणपत राम की नियुक्ति भी की गई।
इस मौके पर राम बाग में कार्यरत कर्मचारियों के वेतन की बढ़ौतरी का प्रस्ताव भी पारित करते हुए बढ़ा हुआ वेतन नये वर्ष जनवरी 2015 से लागू करने  का प्रावधान किया गया। 

अरोड़वंश सभा की बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा

डबवाली (लहू की लौ) अरोड़वंश सभा की एक बैठक नई अनाज मंडी रोड़ पर स्थित अरोड़वंश स्कूल में प्रधान प्रेम सिंह सेठी की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। 
सभा के कार्यकारिणी सदस्य एवं प्रवक्ता रविकांत मोंगा ने बताया कि उपस्थित सदस्यों ने मार्च माह में होने वाले सभा के चुनावों को लेकर विचार विमर्श किया। इसके अलावा सदस्यों ने 4 जनवरी को गुरूपर्व मनाने का फैसला लिया। अरोड़वंश गुरूद्वारा में 2 जनवरी को श्री अखंड़ पाठ का प्रकाश किया जाएगा व 4 जनवरी को इसका भोग डाला जाएगा। अरोड़वंश स्कूल का वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह भी जल्द आयोजित करने का निर्णय लिया गया। चौटाला रोड़ पर बन रहे केआर अरोड़वंश विद्यालय के भवन के निर्माण कार्य को लेकर भी विचार विमर्श हुआ। बैठक में सुभाष अरोड़ा, विजय सेठी, नरेंद्र सेठी, राकेश सचदेवा, दविंद्र सेठी, रजनीश मोंगा उपस्थित थे। 

रामपाल मात्र एक ट्रेलर, असली फिल्म अभी बाकी-चौटाला

डबवाली (लहू की लौ) इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौटाला ने कहा कि पहले 10 साल कांग्रेस व अब बीजेपी की किसान विरोधी सोच के कारण प्रदेश का धरती पुत्र भूखे मरने के कगार पर है। कपास व धान का भाव अपने न्यूनतम मूल्य पर पहुंच गया है लेकिन बीज व खाद की कीमतें आसमान छू रही हैं। दिग्विजय ने कहा कि बीजेपी कभी भी किसान, दलित, कमेरे व पिछड़े वर्ग का भला नहीं कर सकती। संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर के 49वें महापरिनिर्माण दिवस पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि महापुरूषों के कारण ही आज हमारा समाज उन्नति के रास्ते पर अग्रसर है। दिग्विजय चौटाला ने कहा कि लोकसभा हो या विधानसभा, इनेलो नेता ही किसानों की आवाज उठा रहें हैं। उन्होंने सांसद दुष्यंत चौटाला के द्वारा लोकसभा में प्रदेश को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग को सही ठहराते हुए प्रदेश के किसानों को जल्द से जल्द मुआवजा देने की बात कही। बीजेपी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि केवल डेढ़ महीने के कार्यकाल ने ही मौजूदा सरकार की पोल खोल दी है। उन्होंने संतों व धर्म गुरूओं द्वारा राजनीति में हिस्सा लेने पर सवाल उठाया। रामपाल मामले को केवल एक ट्रेलर बताते हुए उन्होंने कहा कि पूरी फिल्म आनी अभी बाकी है।
उन्होंने शनिवार को डबवाली हल्के के गांव बनवाला, रिसालिया खेड़ा, चकजालू, बिज्जूवाली, गोदीकां, चक फरीदपुर, कालूआना, अहमदपुर दारेवाला व मोडी आदि गांवों का दौरा कर नैना सिंह चौटाला को विजयी बनाने पर ग्रामीणों का धन्यवाद किया। इस दौरान उन्होंने हल्के के लोगों को परिवार का सदस्य बताते हुए कहा कि संघर्ष की कोई सीमा नहीं होती, अंधेरे के बाद उजाला होता है। इनेलो जनता के हितों के लिए हमेशा संघर्ष करता रहेगा।  इससे पहले इनसो नेता ने लिछाराम माली कालूआना, बख्तावर राम गोदारा के बहनोई, श्योपत राम के बहनोई के निधन पर शोक व्यक्त किया। इससे पहले गांवों में पहुंचने पर इनसो नेता का जोरदार स्वागत किया गया। दिग्विजय सिंह ने मौके पर ही गांव वासियों की समस्याओं का समाधान किया व बाकी समस्याओं को जल्द से जल्द निदान करने की बात कही। इस मौके पर उनके साथ राधेराम गोदारा, महेन्द्र डूडी, संदीप गंगा, सर्वजीत मसीतां, कुलदीप जम्मू, जगसीर मांगेआना, मंदर सिंह सरां, सरपंच सत्यनारायण सुथार, हरमीत सरां, कृष्ण बिश्नाई व जसपाल आदि मौजूद थे।

होम गार्डस का स्थापना दिवस मनाया

डबवाली(लहू की लौ) खेल स्टेडियम में होम गार्डस हरियाणा का स्थापना दिवस मनाया गया।  होमगार्ड 43 शहरी कम्पनी डबवाली ने जवानों को मिठाइयां बांट कर देश सेवा में लगे रहने के लिए प्रेरित किया। जवानों को सम्बोधित करते हुए प्लाटून कमाण्डर भूपेन्द्र सिंह ने होमगार्ड के नियमों व कत्र्तव्यों का बड़े साहस के साथ पालन करने का जवानों से आह्वान किया। रमेश कुमार हवलदार ने भी जवानों को सम्बोधित किया। कार्यक्रम के दौरान जवानों ने रागनी, चुटकलों व अच्छी-अच्छी बातें बताकर सभी का मनोरंजन किया। इस मौके पर जवानों की जायज मांगों को मुख्यमंत्री हरियाणा व महानिदेशक से मिलकर अवगत करवाने का निर्णय लिया। कार्यक्रम में हवलदार तरसेम सिंह, राय सिंह,सुनील कुमार, मोहन लाल, विनोद कुमार, अजमेर सिंह, हरबंस लाल भी शामिल थे।

खूब झूमे विशेष बच्चे, कैंप संपन्न

डबवाली (लहू की लौ) राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय डबवाली में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए चल रहे कैंप के तीसरे दिन सांस्कृतिक गतिविधियां करवाई गईं। जिसमें भाषण प्रतियोगिता, गीत गायन प्रतियोगिता और नृत्य प्रतियोगिता करवाई गई।
भाषण प्रतियोगिता में सर्वजीत कौर प्रथम रही। सुनील कुमार द्वितीय तथा मनप्रीत तृतीय रही। गीत गायन में प्रथम राजगुरू, दूसरे स्थान पर पूजा और नवप्रीत, तीसरे स्थान पर अमनदीप रहे। नृत्य प्रतियोगिता में प्रथम गुरप्रीत, दूसरे स्थान पर सुनीता और तीसरे स्थान पर गोलू रहे। खंड स्तरीय कैंप प्रिंसीपल सुरजीत सिंह मान के नेतृत्व में कुशलतापूर्वक संपन्न हुआ। उपरोक्त गतिविधियां विशेष अध्यापक स्माइली, कुलदीप और नव्य सुखीजा ने करवाई। इस मौके पर रिसोर्स पर्सन सुमित वर्मा, शिवानी सचदेवा, तमन्ना, सारिका और मोनिका दुरेजा उपस्थित थे।
10 को जिला स्तरीय प्रतियोगिता
तीन दिवसीय कैंप के दौरान हुई गतिविधियों में अव्वल आने वाले बच्चे 10 दिसंबर को जिला स्तरीय कैंप में भाग लेकर अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करेंगे।

7 Dec. 2014





06 दिसंबर 2014

जिंदगी पर भारी पड़ रही वाहनों के बढऩे की रफ्तार

प्रत्येक माह खरीदे जा रहे करीब 310 वाहन, पुलिस महानिदेशक कर चुके हैं तीखी टिप्पणी

डबवाली (लहू की लौ) वाहनों की संख्या तेज रफ्तार के साथ बढ़ रही है, जिसमें जिंदगी का दम घुट रहा है। डबवाली में पिछले चार साल आठ माह में 18 हजार 720 वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ। अगर माह वार रिपोर्ट का आंकलन किया जाये तो इस समयावधि में प्रत्येक माह करीब 310 वाहन पंजीकृत हुये। जिसमें मोटरसाईकिल, कार, ट्रेक्टर, स्कूटर/मोपेड तथा जीप शामिल हैं। इतनी बढ़ी संख्या में वाहनों का पंजीकरण होने के बावजूद चालक नियमों से कन्नी काटे हुये हैं। चालक नहीं जानते कि वाहन पर सवार होने से पहले कुछ नियम होते हैं। अगर नियमों की पालना की जाये तो हादसों से बचा जा सकता है।
अपने वाहन को जानिए
अपने वाहन को अच्छी तरह जानना आवश्यक है। आपको वाहन के नियंत्रण, सुरक्षा सुविधाओं व उसमें सक्रिय सूचकों, विभिन्न लाईटों और अलार्म के बारे में जानकारी होनी चाहिये। वाहन की लाईटें, हॉर्न, ब्रेक, टायर और अन्य नियंत्रकों को नियमित रूप से चैक करें और सुनिश्चित करें कि वे सही कार्य करने की दशा में हो।
हॉर्न : हर मोटर वाहन एक कार्यशील हॉर्न से सुसज्जित होना चाहिये जो ध्वनि के माध्यम से वाहन के स्थान या आगमन की पर्याप्त चेतावनी दे। घंटियां और सायरन हॉर्न नहीं हां। अपने हॉर्न का उपयोग केवल दुर्घटना से बचने के लिये करें। इसके अलावा केवल आपातकालीन वाहनों जैसे एंबुलैंस, फायर इंजन, पुलिस वाहनों या पंजीकरण प्राधिकारी द्वारा अनुमोदित वाहनों पर ही हॉर्न फिट किया जा सकता है, जो कठोर, तीखी तथा जोरदार आवाज निकालता हो।
हॉर्न संबंधी जरूरी टिप्स :
1. अनावश्यक और लगातार हॉर्न ना बजायें।
2. मौन क्षेत्रों में हॉर्न न बजायें।
3. साईलेंसर के अलावा निकाल गैसें निकालने के लिये किसी कट-आउट का प्रयोग ना करें।
4. कठोर, तीखी, जोरदार आवाज निकालने वाले हॉर्न ना लगवाएं।
5. ऐसे वाहन ना चलायें जो चलते समय अनुचित शोर करता हो।
6. ऐसा वाहन ना चलायें जिसका साईलेंसर चेतावनीपूर्वक आवाज करता हो।
लाईसेंस प्लेट : एक पंजीकरण चिहन सभी मोटर वाहनों के सामने और पीछे दोनों ओर स्पष्टता से लाईसेंस प्लेट के रूप मे प्रदर्शित होना चाहिये। एक सफेद बल्ब या रियर लैंप ठीक से पूरे पंजीकरण निशान क्षेत्र को प्रकाशित करने वाला होना चाहिये।
रिफ्लेक्टर : बाईक या तिपहिया वाहन को छोड़कर सभी वाहनों में पीछे की ओर दो लाल रिफ्लेक्टर दोनों दिशाओं में एक-एक लगे होने आवश्यक हैं। मोटरसाईकिल में पीछे की ओर कम से कम एक लाख रिफ्लेक्टर लगाया जाना चाहिये।
सीट बेल्टस और एयर बैगस : सीट बेल्ट एक महत्वपूर्ण उपकरण है जो दुर्घटना की स्थिति में चोट लगने या मृत्यु होने की संभावना को कम करता है। आगे की सीट पर बैठे व्यक्ति और सामने की तरफ की सीटों पर बैठे व्यक्तियों के लिये चलते वाहन में हर समय सीट बेल्ट पहनना अनिवार्य है।
क्या है सीट बेल्ट का फायदा
1. सीट बेल्ट आपको स्टेयरिंग के पीछे और टकराव की स्थिति में वाहन को आपके नियंत्रण में रखती है।
2. सीट बेल्ट आपके शरीर व सिर को वाहन के अंदर टकराने से बचाती है।
3. सीट बेल्ट टकराव की स्थिति में आपको वाहन के अंदर बनाये रखती है। जो व्यक्ति टबराव के समय वाहन से बाहर गिर जाये, उसे गंभीर चोटें लगने की अधिक संभावना होती है।
वाहन में यह नहीं होना चाहिये
1. सामने दिख रही कोई भी लाल या नीले रंग की चमकती या झपकती रोशनी
2. कोई स्पॉट लाईट या सर्च लाईट
3. कोई भी मल्टी टयून हॉर्न या सायरन जो असाधारण सी आवाज का आभास देता हो।
4.कांच अथवा खिड़कियों पर अंधेरी फिल्म का प्रयाग न हो।


यातायात पुलिस को भी नियमों की जानकारी नहीं
ड्राईविंग की समझ के अभाव और यातायात नियमों की निरंतर अवहेलना ने सड़कों को बेहद असुरक्षित बना दिया है। यह कोई कम आश्चर्य की बात नहीं कि मोटर वाहन चालकों, पैदल चलने वालों, साईकिल चालकों तथा यातायात पुलिस कर्मियों को भी यातायात नियमों की पर्याप्त जानकारी नहीं है। सुरक्षित ड्राईविंग की जानकारी के अभाव और यातायात के नियमों को भली-भांति लागू न किये जाने के कारण आज सड़कों पर अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो गई है। भारत में हर साल एक लाख 30 हजार से अधिक व्यक्ति सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं। केवल पिछले दशक में ही देश में सड़कों पर होने वाली मौतों में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यदि यह बढ़ौतरी ऐसे जारी रही तो वर्ष 2015 तक यह आंकड़ा 1 लाख 50 हजार को पार कर जाने की आशंका है।
-एसएन वशिष्ठ, पुलिस महानिदेशक, हरियाणा
(हरियाणा पुलिस की ओर से सड़क सुरक्षा नामक पुस्तिका में छपे लेख में)


1 अप्रैल 2010 से
31 मार्च 2011
वाहन रजि.
स्कूटर/मोपेड 293
मोटरसाईकिल 2084
कार 497
ट्रेक्टर 233
जीप 63
कुल वाहन 3170

1 अप्रैल 2011 से
31 मार्च 2012
वाहन रजि.
स्कूटर/मोपेड 320
मोटरसाईकिल 2391
कार 537
ट्रेक्टर 395
जीप 91
कुल वाहन 3734

1 अप्रैल 2012 से
31 मार्च 2013
वाहन रजि.
स्कूटर/मोपेड 409
मोटरसाईकिल 2606
कार 638
ट्रेक्टर 525
जीप 121
कुल वाहन 4302

1 अप्रैल 2013 से
31 मार्च 2014
वाहन रजि.
स्कूटर/मोपेड 418
मोटरसाईकिल 2597
कार 697
ट्रेक्टर 579
जीप 100
कुल वाहन 4391


1 अप्रैल 2014 से
30 नवंबर 2014
(8 माह की रिपोर्ट)
स्कूटर/मोपेड 389
मोटरसाईकिल 1973
कार 395
ट्रेक्टर 301
जीप 45
कुल वाहन 3103

सरकारें जख्म देती रही, अदालत मरहम लगाती गई

डबवाली (लहू की लौ) अग्निकांड पीडि़त संघ क्यों बना? अदालत न होती तो क्या पीडि़तों को न्याय मिलता? सरकार ने जो वायदे किये गये थे, आज तक वे पूरे क्यों नहीं हुये? पिछले उन्नीस वर्षों से अग्निकांड पीडि़त इन्हीं सवालों का जवाब मांग रहे हैं। सरकारों ने जवाब तो नहीं दिया, लेकिन जख्म कुरेदने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी। अग्निकांड के ठीक बाद प्रदेश में हुये तख्तापलट के बाद आई सरकार ने ऐसे तुगलकी फरमान जारी किये थे, जिससे अग्निकांड पीडि़तों के इलाज के सभी मार्ग बंद हो गये थे। ऐसे में अदालत ही सहारा बनी। अब एक बार फिर पूर्व प्रधानमंत्री के वायदों की याद दिलाने के लिये अग्निकांड पीडि़त पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में हैं।
यूं अस्तित्व में आया अग्निकांड पीडि़त संघ
23 दिसंबर 1995 के अग्निकांड के दौरान प्रदेश में दिवंगत भजनलाल की सरकार थी। उन्होंने अग्निकांड पीडि़तों को मुफ्त इलाज की घोषणा की थी। वर्ष 1996 में जैसे ही प्रदेश में तख्तापलट हुआ। दिवंगत बंसीलाल की सरकार बनी। पिछली सरकार के निर्णय को पलटते हुये बंसीलाल सरकार ने मुफ्त इलाज की सुविधा को समाप्त कर दिया। वहीं डीएवी संस्थान में अग्निकांड पीडि़तों के बच्चों से फीस वसूली जाने लगी। अग्निकांड पीडि़त इलाज के लिये तरस गये, जबकि उनके बच्चे शिक्षा को। सरकार के तुगलकी फरमान पर अग्निकांड पीडि़तों में आक्रोश पनप गया। 1996 में पीडि़त हरपाल सिंह, गुरजंट सिंह, रामप्रकाश सेठी, राजकुमार सचदेवा, मास्टर रणजीत सिंह, गुरतेज सिंह धालीवाल, बलविंद्र सिंह, शमशेर सिंह, सुच्चा सिंह भुल्लर, सुरेंद्र कुमार ने मिलकर अग्निकांड पीडि़त संघ का झंडा बुलंद कर दिया। न्याय के लिये अग्निकांड पीडि़त पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चले गये।
तीन मुद्दों पर लड़ी लड़ाई
अग्निकांड पीडि़त संघ ने मुफ्त इलाज, मुआवजे तथा डीएवी संस्थान में फीस वापिसी के लिये जंग लडी। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पीडि़तों के दर्द को समझते हुये उत्तर भारत के 10 मेडिकल इंस्टीच्यूट में अग्निकांड पीडि़तों के मुफ्त इलाज करवाने का निर्णय सुनाया। 28 मई 2001 में अपने एक अंतरिम आदेश में अदालत ने डीएवी संस्था को अग्निकांड पीडि़तों से वसूली गई फीस वापिस दिये जाने के आदेश दिये। दो मुद्दों पर जंग जीतने के बाद तीसरा तथा सबसे अहम मुद्दा मुआवजे का आया। 28 जनवरी 2003 को न्यायालय ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस टीपी गर्ग पर आधारित एक सदस्यीय आयोग का गठन करके मुआवजा राशि तय करने तथा हादसे के लिए लापरवाह संस्थान के बारे में रिपोर्ट देने को कहा। जून 2003 में 405 मृतकों के परिजनों तथा 88 घायलों ने मुआवजा राशि के लिए अपने आवेदन जस्टिस टीपी गर्ग के समक्ष प्रस्तुत किए। इसके बाद मार्च 2009 में करीब साढ़े साल साल के कार्यकाल में जस्टिस गर्ग आयोग ने लगभग 1300 लोगों की गवाहियां दर्ज करके रिपोर्ट दाखिल की। 9 नवम्बर 2009 में जस्टिस टीपी गर्ग आयोग की रिपोर्ट पर फैसला सुनाते हुए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने डीएवी संस्थान व हरियाणा सरकार को अग्निकांड पीडि़तों को लगभग 34 करोड़ रूपए की राशि मुआवजा के रूप में देने के आदेश दिए। लेकिन डीएवी निर्णय के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में चला गया। 15 मार्च 2010 को उच्चतम न्यायालय ने प्रथम सुनवाई के दौरान डीएवी संस्थान को आदेश देकर 10 करोड़ रूपए अग्निकांड पीडि़तों में बंटवाए। 8 जनवरी 2013 को उच्चतम न्यायालय ने मामले की सुनवाई पूरी करते हुए अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया। 23 जनवरी 2013 को उच्चतम न्यायालय दिल्ली के न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीएस चौहान तथा न्यायमूर्ति वी. गोपाल गौड़ा की बैंच ने डीएवी की दायर याचिका को खारिज करते हुए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय चंडीगढ़ के 9 नवम्बर 2009 के निर्णय को बहाल रखा।
37 मृतकों तथा 20 घायलों के परिवारों ने नहीं लिया मुआवजा
अग्निकांड में मरने वालों की संख्या 442 थी। लेकिन मुआवजे के लिये 405 ने आवेदन किया। जबकि घायलों में से करीब बीस लोगों ने आवेदन नहीं किया था। हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब कुछ परिवारों ने मुआवजे के लिये अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
पूर्व प्रधानमंत्री ने की थी घोषणाएं
अग्निकांड के तुरंत बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने डबवाली आकर कुछ घोषणाएं की थी। जिसमें डबवाली के प्राथमिक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को सामान्य अस्पताल का दर्जा देकर 100 बिस्तर का अस्पताल देने के साथ-साथ इसमें बर्न यूनिट भी बनाने का वायदा किया था। अभी तक 30 बिस्तर का अस्पताल बना है। भवन भी मात्र 60 बिस्तर का बना है। बर्न यूनिट तो बनाने का नाम तक नहीं है। तीसरी तथा सबसे महत्वपूर्ण घोषणा अग्निकांड पीडि़तों को नौकरी दिये जाने की घोषणा की थी। जो आज तक पूरी नहीं हुई हैं।

7 दिसंबर की बैठक
में उठेंगे मुद्दे
अग्निकांड पीडि़त कई बच्चे इंजीनियरिंग, चिकित्सा क्षेत्र में पढ़ चुके हैं। जिन्हें अब नौकरी की तालाश है। पूर्व प्रधानमंत्री ने जो घोषणाएं की थी, उनमें ऐसे बच्चों को नौकरी दिया जाना शामिल है। लेकिन आज तक पूर्व प्रधानमंत्री की घोषणाओं को अमलीजामा नहीं पहना है। 7 दिसंबर को होने वाली बैठक में इन्हीं मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की जायेगी। अग्निकांड पीडि़त संघ इन मुद्दों पर पीडि़तों को एकजुट करने का काम करेगा।
-विनोद बांसल, प्रवक्ता, अग्निकांड पीडि़त संघ