महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना के तहत बंटने हैं सौ-सौ गज के प्लाट
डबवाली (लहू की लौ) गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना के तहत दिए जा रहे प्लाटों को लेकर बवाल खड़ा हो गया है। आरोप है कि ग्राम पंचायतें अपने चहेतों को प्लाट आवंटित करके जरूरतमंदों को इससे वंचित कर रही हैं। आरोप यह भी है कि पंचायतों ने प्लाटों के लिए मृत बालकों को दफनाने वाले स्थलों को भी नहीं बख्शा है। मामले की जांच करवाए जाने की मांग को लेकर दो गांवों के लोगों ने बुधवार को एसडीएम को ज्ञापन सौंपा।
गांव पन्नीवाला रूलदू के निवासी मग्घर सिंह, हरफूल सिंह, मक्खन लाल, बलदेव सिंह, बिल्लू, पिरथी, छोटा सिंह, गुरदीप, बलजीत कौर, शाम सिंह, करनैल कौर, सुखजीत कौर आदि ने बताया कि सरकार की ओर से उनके गांव में 100-100 गज के प्लाट आवंटित किए जा रहे हैं। लेकिन आवंटन में भारी गोलमाल किया जा रहा है। अपात्र व्यक्तियों को पात्र बताकर प्लाट दिए जा रहे हैं। इन लोगों ने बताया कि गांव में जिनके पास जमीन, जायदाद, ट्रेक्टर हैं, उन्हें भी प्लाट देकर जरूरतमंदों को वंचित किया जा रहा है।
इधर गांव कालूआना के प्रीतपाल नंबरदार, जगतपाल, प्रहलाद, लेखराम, विनोद, अभिमन्यु ने बताया कि उनके गांव में भी जरूरतमंदों पर कुठाराघात करते हुए ग्राम पंचायत अपने चहेतों को प्लाटों का आवंटन कर रही है। उनके अनुसार बेशकीमती जमीन जोकि बस अड्डा के नजदीक पड़ती है और खसरा नं. 514, 516, 522 है, को योजना के नाम पर कुंवारे युवकों को आवंटित किया जा रहा है। उपमण्डलाधीश को दी शिकायत में कहा है कि नथोर रोड़ पर स्थित मृत छोटे बच्चों को दफनाने के लिए बनाए गए शमशान घाट को भी प्लाटों में लाकर आवंटित किया जा रहा है। यह वह जमीन है, जिसमें ग्रामीण सालों से मृत बच्चों को दफनाते आ रहे हैं।
बाद में उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल ने बताया कि गांव पन्नीवाला रूलदू तथा कालूआना के ग्रामीणों की शिकायत को ध्यान में रखते हुए बीडीपीओ डबवाली को आवश्यक कार्यवाही करके रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। दोनों गांवों के ग्रामीणों की शिकायत को सूचनार्थ के लिए उपायुक्त सिरसा के पास भेजा गया है।
इधर एससीपीओ रामप्रकाश ग्रोवर ने बताया कि कई गांवों से 100-100 गज के प्लाट अपात्र व्यक्तियों को दिए जाने की शिकायतें ग्रामीणों से मिली हैं। शिकायतों के आधार पर जांच-पड़ताल की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि गांव कालूआना की पंचायत ने तीन-चार जगह प्लाट वितरण के लिए दर्शाई हैं। बच्चों को दफनाने वाली जगह किसी भी सूरत में जरूरतमंदों को वितरित नहीं करने दी जाएगी।
गांव कालूआना के सरपंच जगदेव सहारण ने बताया कि गांव में गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वाले जरूरतमंदों को सौ-सौ गज के प्लाट हरियाणा सरकार के नियमानुसार आवंटित किए जा रहे हैं। उनके अनुसार शमशान भूमि को गांव से बाहर निकाल दिया गया है और वहीं पर अलग से इसके लिए जगह पहले से निर्धारित की हुई है। जिस जगह की बात की जा रही है, वह जगह गांव के भीतर आती है और अब वहां पर मृतक बच्चों को दफनाने के लिए कोई कार्य नहीं हो रहा। बल्कि इस खाली पड़ी जमीन को गरीबों को बांटकर इस भूमि को पंचायत उपयोग में ला रही है। उनके अनुसार प्लाटों का वितरण राशन कार्ड के आधार पर किया जा रहा है। अगर कोई कुंवारा लड़का जिसका राशन कार्ड अलग बना हुआ है, वो इसके अंतर्गत आता है, तो उसे भी प्लाट लेने से कैसे वंचित किया जा सकता है। उन्होंने शिकायतकर्ता जगतपाल पर आरोप लगाया कि उसने पंचायत की आधा एकड़ भूमि पर कब्जा कर रखा है। गरीबों को भूमि आवंटन के समय उसकी अवैध कब्जे वाली भूमि भी प्लाटों में चली जाएगी। इसलिए वह उसका विरोध कर रहा है।
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Lahoo Ki Lau
08 जुलाई 2011
06 जुलाई 2011
सुधारगृह बने अपराधियों की पाठशाला
सोनू का सनसनीखेज खुलासा : पंजाब-हरियाणा में कई सरपंच भी संलिप्त हैं नशे के कारोबार में
डबवाली। जेलों को सुधारगृह के नाम से पुकारा जाता है। अपराधियों को इसी लिए जेलों में भेजा जाता है कि वे सुधर जाएं और फिर से अपराध न करें। लेकिन ये सुधार गृह बिगाड़ गृह साबित हो रहे हैं। साधारण तस्करी में जेल गया एक युवक जब वहां से लौटा तो एक बड़ा समगलर बन गया।
बाईक चोरी के आरोप में थाना शहर पुलिस ने जिला बठिंडा के गांव जोधपुर रोमाना के 23 साल के कुलविंद्र उर्फ सोनू को गिरफ्तार किया। पुलिस रिमांड पर रहे इस युवक ने अपने जीवन का कच्चा चिट्ठा पुलिस के आगे ही नहीं रखा, बल्कि रिमांड के बाद मंगलवार को जब उसे अदालत में पेश किया गया तो इस संवाददाता के समक्ष अपने जीवन की कहानी ब्यां की। सोनू ने बताया कि कुछ साल पहले डबवाली पुलिस ने उसे 4 किलोग्राम चूरा पोस्त के साथ गिरफ्तार किया था। उस समय उसकी उम्र महज 15 साल थी। उसे सिरसा जेल भेजा गया। वहां जेल काट रहे लोगों से उसकी जान-पहचान हुई। जेल काट रहे अपराधियों ने उसे बताया कि बाहर निकलने के बाद वह उनसे मिले और चूरा पोस्त जैसा छोटा धंधा छोड़कर स्मैक के धंधे में उतरे। इस धंधे में मुनाफा अधिक है।
तीन माह जेल में रहने के बाद उसने स्मैक समगलरों से संबंध स्थापित किया और इस धंधे से जुड़ गया। इसके बाद वह स्मैक समगलिंग करता हुआ बठिंडा पुलिस के हत्थे चढ़ गया। बठिंडा जेल में रहते समय उसके संबंध अन्य स्मैक समगलरों से हो गए। उसने खुलासा किया कि स्मैक समगलिंग का धंधा पंजाब, हरियाणा में छोटे स्तर पर नहीं है। बल्कि इस धंधे में कुछ गांवों के सरपंच और उनके बेटे भी संलिप्त है।
वह भी हरियाणा के खण्ड कालांवाली तथा जिला बठिंडा के एक गांव के सरपंच के संपर्क में था। वह इन लोगों से स्मैक लेकर पीने लगा। हर रोज की करीब 5000 रूपए की स्मैक पी जाता। इतना बड़ा खर्च चलाना उसके लिए मुश्किल हो गया, तो इन लोगों तथा उसके दोस्तों ने उसे सलाह दी कि वह स्मैक पीए और साथ में समगलिंग भी करे। जिस पर वह समगलर की राह पर चल निकला। वह 250 रूपए प्रति ग्राम के हिसाब से स्मैक खरीदता और आगे जिला बठिंडा में 500 रूपए प्रति ग्राम के हिसाब से सप्लाई करता। उसके अनुसार इस कार्य में केवल युवक ही नहीं बल्कि युवतियां भी शामिल हैं। वह कॉलेजों की युवतियों को स्मैक सप्लाई करता। वह एक दिन में करीब 20 हजार रूपए की स्मैक बेच डालता। जिससे उसे अच्छा लाभ होने लगा।
सोनू ने समगलिंग करने के ढंग का राज खोलते हुए बताया कि स्मैक का सबसे बड़ा अड्डा राजस्थान का कोटा नगर है। वहीं से उन्हें स्मैक मिलती और इसके इंतजार में उन्हें कई-कई दिन कोटा के होटलों में भी गुजारने पड़ते। उसके अनुसार यह सारा सौदा कैश पेमेंट पर होता है। उसने बताया कि जो व्यक्ति कोटा में उसे स्मैक देने आता था, वह अपने पैरों में डाले हुए सैंडलों में करीब 500 ग्राम तक स्मैक डालकर लाता था।उसके अनुसार इन लोगों के सैंडल भी इस ढंग से बने हुए हैं कि एक सैंडल में आराम से 250 ग्राम स्मैक आ जाती है।
सोनू के अनुसार बीमारी के चलते पहले उसके पिता बलजिंद्र सिंह ने दम तोड़ा। फिर बीमारी के कारण ही उसकी माता सुनीता की भी मृत्यु हो गई। वह अब अपनी दादी महेंद्र कौर के साथ जोधपुर रोमाना में रह रहा है। लेकिन आय का कोई साधन न होने पर स्मैक ही उसका सहारा है। पंजाब में एनडीपीएस एक्ट में ढाई साल की कैद काटने के बाद 20 दिन पूर्व ही बाहर आया था। लेकिन स्मैक की तलब पूरी करने के लिए अपने साथी के साथ वह डबवाली आया और यहां से बाईक चुरा लिया और पकड़ा गया।
लाईसेंस मिल जाता तो तस्कर ना बनता!
बंदा इक बारी जेल च चला जावे सारा कुछ ही पता चल जांदा ए। बांत-बांत दी दुनियां मिलदी ए ओत्थे। मैं बठिंडा दे इक वकील दी गड्डी चलाऊंदा सी। मेरा लाईट लाईसेंस बनया होया सी। ऐस पीछों गंदे कम्मा विच पे गया। 2003 च मैं सिरसा जेल विच गया सी। तीन महीने मगरो बाहर आ के जदों मैं पुलिस तो अपना लाईट लाईसेंस मंगवा दे, मैंनूं नहीं मिलिया। जे उस वेले मैनूं मेरा लाईसेंस मिलिया हुंदा तां शायद अज मैं स्मैक समगलर ना हुंदा।
असामाजिक तत्वों से पुलिस का खौफ गायब
डबवाली (लहू की लौ) सिटी में असामाजिक तत्वों पर पुलिस का खौफ गायब हो गया है। जिसके चलते लगातार चोरियों की वारदातों में इजाफा हो रहा है। रात को दुकानों के ताले चटकाकर चोरी की जा रही है। दिन में बाईक उड़ाए जा रहे हैं।
सोमवार रात को अज्ञात चोरों ने जीटी रोड़ रेलवे फाटक के नजदीक स्थित पिंक मार्किट में इलेक्ट्रोनिक्स की दुकान के ताले चटकाए। जबकि साथ लगती तीन अन्य दुकानों के ताले तोडऩे का प्रयास किया। रामू इलेक्ट्रेनिक्स के मालिक शिशुपाल (49) निवासी मण्डी किलियांवाली ने बताया कि मंगलवार सुबह उसके पड़ौसी दुकानदार जगमोहन ने उसे सूचना दी कि उसकी दुकान के शट्टर पर लगे ताले गायब हैं, शट्टर ऊपर उठा हुआ है। वह तत्काल दुकान पर आया। शिशुपाल के अनुसार अज्ञात चोर काऊंटर में रखी 30 किलोग्राम तांबे की तार चोरी करके ले गए हैं। जिसकी कीमत करीब पंद्रह हजार रूपए है। इसी दुकान के साथ स्थित जेएस इलेट्रिकल, शिव साईकिल स्टोर, सतनाम सिंह टीवी मैकेनिक की दुकान के भी ताले तोडऩे का प्रयास किया गया।
इसी रात को चौ. देवीलाल शॉपिंग कम्पलैक्स में स्थित बांसल डेयरी के ताले तोडऩे का प्रयास किया गया। डेयरी के मालिक राजकुमार बांसल के अनुसार रात को दूध की गाड़ी करीब दो बजे आ गई थी। संभव है कि गाड़ी को देखकर चोर वारदात को अंजाम न दे सके।
इधर मंगलवार दोपहर को गांधी चौक में छोले-भटूरे की रेहड़ी लगाने वाले जय नाथ उर्फ सागर निवासी वार्ड नं. 4 का बाईक (एचआर25बी/3153) उनके घर के आगे से अज्ञात व्यक्ति उठा ले गया। जय नाथ के अनुसार वह आर्य विद्या मंदिर के पास अपने घर में गया था। लेकिन पंद्रह मिनट बाद जब वह घर से बाहर निकला तो उसका सीडी डिलक्स बाईक घर के बाहर से गायब मिला।
15 मिनट में दो बाईक चोरी!
मंगलवार दोपहर करीब 12.45 पर पुलिस को सूचना मिली कि गोल बाजार क्षेत्र से एक बाईक चोरी हो गया है। दस मिनट बाद फिर थाना की घंटी बज उठी। कॉल थी कि अनाज मण्डी में दुकान नं. 3 के आगे खड़ा एक बाईक चोरी हो गया है। सूचना मिलते ही पुलिस के हाथ-पांव फूल गए। तुरंत पुलिस की गश्त बढ़ा दी गई। क्षेत्र के तहत आने वाली सभी पुलिस चौकियों को अलर्ट जारी करके चौकसी बढ़ाने के आदेश दिए गए। इसी बीच पुलिस को सूचना मिली कि अनाज मण्डी से गायब हुआ बाईक वापिस लौट आया है। गलती से कोई व्यक्ति उसे अपना बाईक समझकर उठा ले गया था। एक बाईक मिलने से पुलिस ने कुछ राहत की सांस ली।
डबवाली शहर में सांड़ों को जिन्दा जलाने का प्रयास!
डबवाली (लहू की लौ) दूध, दही की नदी कहे जाने वाले हरियाणा के छोटे से कस्बे डबवाली में गौधन पर तेजाब फेंककर जिन्दा जलाए जाने का प्रयास करने का मामला सामने आया है। शहर के भीतर एक सप्ताह में तीन सांड़ों का शरीर तेजाब से फूंकने की तीन घटनाएं लगातार घटित हो गई हैं। जिससे गौ भक्तों में रोष फैल गया है। इस मामले को पुलिस के समक्ष भी उठाया गया है।
शहर में अवारा घूम रहे गौधन की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इसकी संभाल न तो प्रशासन कर रहा है और न ही गौशाला। लोग अपने बचाव के लिए गौधन को भगाने के लिए डंडों का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन सात दिनों में सांड़ों पर कोई ज्वलनशील पदार्थ फेंककर उन्हें जलाने की घटनाएं होने लगी हैं।
गौशाला प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष जवाहर कामरा, सचिव अनिल धारणियां ने बताया कि सात दिनों में लवकुश पार्क, मार्किट कमेटी तथा जीटी रोड़ क्षेत्र में सांडों पर ज्वलनशील पदार्थ फेंककर उन्हें जिंदा जलाने के प्रयास किए गए हैं। सूचना मिलने पर घायल सांडों को गौशाला में लाया गया। यहां उनका उपचार किया जा रहा है। गौशाला पदाधिकारियों ने बताया कि संभव है कि यह कार्य उन लोगों का हो सकता है जो सांड़ों से परेशान हैं। लेकिन वारदात का क्षेत्र अलग-अलग होने से यह भी संभावना व्यक्त की जा रही है कि यह काम शरारतियों का भी हो सकता है।
गौशाला प्रबंधक कमेटी की कार्यकारिणी के सदस्य गोवर्धन दास गोयल ने गौधन पर ज्वलनशील पदार्थ फेंककर जलाने की घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए इस मंदभागी बताया है। साथ में थाना शहर पुलिस को एक शिकायत पत्र सौंपकर गौधन की रक्षा करने तथा ज्वलनशील पदार्थ फेंककर गौधन को जलाने का प्रयास करने वाले अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने का अनुरोध किया है।
गौशाला में गौधन का इलाज करने वाले डॉक्टर सूबे सिंह के अनुसार गौधन पर फेंका गया ज्वलनशील पदार्थ तेजाब हो सकता है। उनके अनुसार सांड की चमड़ी दो प्रकार की होती है। ऊपरी भाग को एपी डरमिस कहते हैं, जोकि शरीर पर दो से ढाई एमएम के बीच होती है। दूसरी चमड़ी डरमिस कही जाती है। चमड़ी की यह लेयर चार से साढ़े चार एमएम मोटी होती है। जोकि एपी डरमिस के नीचे होती है। डॉक्टर ने बताया कि ज्वलनशील पदार्थ ने सांड़ों की एपी डरमिस चमड़ी को खत्म कर दिया। यह पदार्थ इतना तेज था कि इससे डरमिस को भी कुछ नुक्सान पहुंचा। उनके अनुसार अगर इससे डरमिस लेयर समाप्त हो गई होती तो यह ज्वलनशील पदार्थ सांड़ों की मौत का कारण बन सकता था।
थाना शहर पुलिस प्रभारी एसआई महावीर सिंह ने बताया कि पुलिस के पास मामला आया है। शिकायत के आधार पर इसकी जांच की जाएगी।
05 जुलाई 2011
धधकती आग में कूदकर बचाई जान
डबवाली (लहू की लौ) मण्डी किलियांवाली के अजीत नगर में अपनी किराएदारनी को आग की लपटों से बचाने के लिए मकान मालकिन संकट मोचन बनकर आई। उसने अपनी जान पर खेलकर आग की लपटों के बीच बेहोश पड़ी किराएदारनी को बाहर निकाला।
सोमवार सुबह 7 बजे थे। अजीत नगर के सुभाष उर्फ शुभकरण के मकान के एक कमरे में अचानक आग लग उठी। आंगन में खेल रहे बच्चों पंकज (12), राजन (10) तथा पिंकी (14) ने कमरे में लगी आग को देखकर शोर मचा दिया। शोर सुनकर बच्चों की माता परमेश्वरी देवी (40) कमरे के पास आई। उसने देखा कि रविवार को उनके मकान में किराए पर रहने के लिए आई अमरजीत कौर (50) बेहोशी की हालत में पड़ी है। जबकि कुंकिंग गैस सिलेण्डर के पास आग की लपटे निकल रही हैं। उसने साहस बटोरा और कमरे के भीतर घुसी। बेहोश अमरजीत कौर को उठाकर आंगन में ले आई।
परमेश्वरी देवी ने बताया कि वह एकदम किराएदार के कमरे में गई और उसने बेहोश अमरजीत को पहले बाहर निकाला। फिर घर की मेन स्विच ऑफ कर दी, ताकि आग बिजली के उपकरणों को न पकड़ ले। उसने इसी दौरान कमरे का बाहरी दरवाजा भी खोला और एक लोहे की रॉड लेकर कुकिंग गैस सिलेण्डर को रॉड की सहायता से गली में निकालकर पटक दिया और गैस सिलेण्डर को लगी आग बुझ गई। इसी दौरान सूचना पाकर फायर ब्रिगेड भी पहुंच गई। फायर ब्रिगेड ने कमरे के भीतर सामान को लगी आग पर नियंत्रण स्थापित किया।
बेहोशी टूटने के बाद किराएदारनी अमरजीत कौर ने बताया कि उसने अपने कुकिंग गैस चूल्हे पर चाय बनाने के लिए नया सिलेण्डर लगाया था। दियासिलाई जलाते ही गैस सिलेण्डर को आग लग गई। आग को देखकर वह कमरे के भीतर ही गिरकर अपनी सुधबुध खो बैठी। उसके अनुसार परमेश्वरी देवी ने उसे आग की लपटों में गिरने के बावजूद बाहर निकालकर जो उसकी सहायता की है, वह उसके लिए भगवान की शुक्रगुजार है तथा परमेश्वरी देवी की ऋणी है। उसके अनुसार काश! प्रत्येक किराएदार को ऐसे ही मकान मालिक मिलें।
आग से सब राख
डबवाली (लहू की लौ) मण्डी किलियांवाली के अजीत नगर में कुकिंग गैस सिलेण्डर बदलते समय आग लगने से कमरे में पड़ा लाखों रूपए का सामान जलकर राख हो गया। मौका पर पहुंची मार्किट कमेटी डबवाली के दमकल केंद्र की गाड़ी ने एक घंटा के प्रयासों से आग पर काबू पाया।
कल ही आए थे यहां
गाड़ी चालक धन्ना राम का परिवार जिला बठिंडा के गांव जस्सी बागवाली से रविवार को ही मण्डी किलियांवाली के अजीतनगर में रह रहे पेट्रोल पंप कर्मचारी शुभकरण उर्फ सुभाष के मकान में किराए पर रहने के लिए आया था। रविवार को ही धन्ना राम तथा उसके बेटे हरविंद्र (19) तथा जसविंद्र (17) काम पर गए हुए थे। कमरे में धन्ना राम की पत्नी अमरजीत कौर (50) अकेली थी। इस बीच कुकिंग गैस सिलेण्डर खत्म हो गया। सोमवार सुबह करीब 7 बजे उसने नया गैस सिलेण्डर लगाकर चाय बनाने के लिए जैसे ही स्विच ऑन किया तो सिलेण्डर को आग लग गई।
आग ने कमरे में पड़े सामान को अपने आगोश में ले लिया। कुछ ही मिनटों में टीवी, फ्रिज, बैड तथा कमरें में पड़ा सारा सामान जलकर राख हो गया। सूचना पाकर मौका पर पहुंची मार्किट कमेटी डबवाली की फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पाया।
कोल्ड ड्रिंक मिला दूध पीने से पांच बेहोश
डबवाली (लहू की लौ) कोल्ड ड्रिंक मिला दूध पीने से एक ही परिवार के 5 सदस्य बेहोश हो गये। जिन्हें उपचार के लिए डबवाली के सामान्य अस्पताल में दाखिल करवाया गया।
डबवाली के टेलर मास्टर जावेद खान ने बताया कि वह वार्ड नं. 14 की गली गंगा वाली में स्थित अपने ससुर इन्द्र सिंह के घर रविवार रात को अपनी पत्नी उर्मिला के पास आया हुआ था। रात को करीब 9.30 बजे उसकी सास सावित्री देवी (45) ने सभी के लिए दूध में कोक मिला कर पेय तैयार करके स्वयं पीया और अपने बेटे ईशान (22), सुनील (12), रवि (18) तथा पुत्री ज्योति (15) के साथ उसे भी पिलाया। लेकिन सुबह 6 बजे जब वह उठा तो उसने देखा कि उसके अतिरिक्त उपरोक्त पांचों बेहोशी की हालत में हैं, उल्टियां कर रहें हैं, बोल कुछ नहीं रहे। उसने इसकी जानकारी गली वासियों को दी और गली वासियों के सहयोग से जन सहारा सेवा संस्था की एम्बुलैंस से सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचाया।
डॉक्टर ने प्राथमिक चिकित्सा के बाद दोपहर को उन्हें छुट्टी दे दी। डॉ. सरवन बांसल ने बताया कि दूध में कोक मिलाकर पीने से संभव है कि उपरोक्त को फूड प्वाईजन हुआ होगा। उन्हें उपचार देकर छुट्टी दे दी गई।
84 बोतल शराब पकड़ी
डबवाली (लहू की लौ) क्षेत्र में अवैध शराब की बिक्री खुलेआम हो रही है। माईनरों के किनारे सूने पड़े घरों की आड़ में इस धंधे को चलाया जा रहा है। रविवार शाम को चौटाला पुलिस ने इसी प्रकार के एक धंधे पर छापा मारा। धंधा चला रहा व्यक्ति फरार हो गया। लेकिन मौका से पुलिस को 84 बोतल शराब बरामद हुई। पुलिस ने फरार हुए आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज करके उसकी तालाश शुरू कर दी है।
चौटाला पुलिस चौकी इंचार्ज जीत सिंह ने बताया कि पुलिस को मुखबरी मिली थी कि गांव गिदडख़ेड़ा रकबा में चौटाला माईनर पर स्थित सूने पड़े एक घर के सामने एक व्यक्ति धड़ल्ले से अवैध शराब की बिक्री कर रहा है। मुखबर की सूचना पाते ही एएसआई महेंद्र कुमार ने अपनी टीम के साथ मौका पर छापा मारा। पुलिस को देखते ही आरोपी खेतों में भाग खड़ा हुआ। मौका से पुलिस को सात पेटी यानि 84 बोतल ठेका देसी शराब बरामद हुई। उन्होंने बताया कि फरार हुए आरोपी की पहचान जीत राम पुत्र भागीरथ निवासी आसाखेड़ा के रूप में हुई है। आरोपी के विरूद्ध मामला दर्ज करके उसकी तालाश शुरू कर दी गई है।
विवादों के घेरे में डबवाली सीआईए तोड़ी
डबवाली (लहू की लौ) काफी समय से विवादों में घिरी डबवाली सीआईए को हटा दिया गया है। सीआईए डबवाली के प्रभारी एसआई हवा सिंह का तबादला सिटी थाना सिरसा में कर दिया गया है। जबकि अन्य स्टाफ को पुलिस लाईन सिरसा में भेजा गया है।
उल्लेखनीय है कि सीआईए डबवाली काफी लम्बे समय से चर्चा में चल रही है। इन दिनों गांव जोतांवाली में सीआईए की एक रेड काफी चर्चा का विषय बनी हुई थी। बताते हैं कि इस रेड की वजह से सीआईए की काफी किरकरी हुई। उसी दिन से जिला पुलिस के उच्च अधिकारी सीआईए पर टेढ़ी नजर बनाए हुए थे। रविवार को इसे हटाने के आदेश दे दिए गए।
एसपी सिरसा सतिंद्र गुप्ता ने सीआईए डबवाली तोडऩे की पुष्टि करते हुए बताया कि किसी आरोप की वजह से नहीं बल्कि सीआईए डबवाली को रूटीन में तोड़ा गया है। इसके प्रभारी एसआई हवा सिंह को सिटी थाना सिरसा तथा अन्य स्टॉफ को पुलिस लाईन सिरसा में लगाया गया है। एसपी के अनुसार स्टाफ को शीघ्र जिला के अन्य थानों में लगा दिया जाएगा।
गुप्तांग काटकर बना दिया हिजड़ा!
नकली हिजड़ा बनकर उगाही करने का सनसनीखेज आरोप, आरोपी ने कहा पहले लड़का था अब बना दिया हिजड़ा
डबवाली (लहू की लौ) शहर के एक युवक पर नकली हिजड़ा बनकर गांवों से बधाईयों के नाम पर उगाही इक्ट्ठी करने की शिकायत सिटी पुलिस के पास आई है। आरोपी का कहना है कि वह पहले लड़का था और उसे जबर्दस्ती हिजड़ा बनाकर इस कारोबार में उतारा गया है।
डबवाली की कबीर बस्ती निवासी मधु महंत ने थाना शहर पुलिस में एक शिकायत देकर घग्गड़ (पंजाब) हाल वार्ड नं. 17 निवासी राजा राम के बेटे प्रीति (20) पर आरोप लगाया कि प्रीति पिछले दो माह से हिजड़े के वेश में शेरगढ़, सकताखेड़ा, अबूबशहर, मटदादू, मौजगढ़ आदि गांवों में जाकर बधाईयां उगाह रहा है। जबकि वह लड़का है। मधु महंत ने बताया कि कुछ दिन पहले वे उपरोक्त गांवों में बधाई मांगने के लिए गई थी। लेकिन वहां के लोगों ने बताया कि उनका ही एक ग्रुप गांव से बधाईयां ले गया है। अब वे यहां क्या करने आए हैं?
इधर प्रीति ने बताया कि दस साल पूर्व मधु महंत उसे घर से ले गई थी। करीब पांच साल तक उसने उसे काम सीखाया। लालच देकर उसका गुप्तांग काट दिया और उसे हिजड़ा बना दिया गया। पांच साल तक वह मधु महंत के लिए उसके सहयोगी डूना तथा सरवी के साथ गांव मौजगढ़, लम्बी, अबूबशहर, सकताखेड़ा, शेरगढ़, आसाखेड़ा, भारूखेड़ा, रामपुरा बिश्नोईयां, झुट्टीखेड़ा में काम करता आ रहा है। उन्हें बधाईयों के रूप में जो भी राशि मिलती वह इसे मधु महंत के सुपुर्द कर देते थे। लेकिन पिछले कुछ माह से मधु महंत उसे अनावश्यक रूप से मारने पीटने लगा। जिस पर उसने उससे किनारा कर लिया। अपने स्तर पर गांवों में जाकर बधाईयां मांगने लगा।
थाना शहर में रविवार को इस मामले को सुलझाने के लिए एक पंचायत हुई। जिसमें भोला महंत, वार्ड नं. 10 के पार्षद टेकचंद छाबड़ा, वार्ड नं. 17 की पार्षद गीता चौहान आदि शामिल हुए। इस मौके पर प्रीति तथा उसके पिता राजा राम को भी बुलाया गया। प्रीति ने अपना पक्ष प्रस्तुत किया। लेकिन पंचायत के सहयोग से दोनों पक्षों ने समझौता कर लिया।
वार्ड नं. 17 की पार्षद गीता चौहान ने बताया कि प्रीति उनके वार्ड के हर्ष नगर में रह रहा है। वह पिछले काफी सालों से उसे हिजड़े के वेश में देखती आ रही है। इसी वेश में वह गांवों में बधाईयां मांगने भी अक्सर जाता है। पार्षद ने कहा कि प्रीति अब लड़का है या हिजड़ा इसके संबंध में वह कुछ नहीं कह सकती।
मामले के जांच अधिकारी सिटी पुलिस के एएसआई गोपाल राम ने बताया कि उनके पास मधु महंत की शिकायत आई थी। लेकिन पंचायत द्वारा समझौता करवा देने और मधु महंत द्वारा अपनी शिकायत वापिस लेने पर इस मामले को फाईल कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि राजा राम ने पुलिस को दिए ब्यान में कहा कि प्रीति उसका बेटा था। अब वह हिजड़ा है या नहीं इसकी जांच तो डॉक्टर ही कर सकता है।
04 जुलाई 2011
टेक्सटाईल इंडस्ट्री में आग से लाखों का नुक्सान, परिंदे भी जल मरे
डबवाली (लहू की लौ) शनिवार रात किलियांवाली में स्थित मिढ़ा टेक्सटाईल इंडस्ट्री में आग लगने से लाखों रूपए का धागा, मशीनरी जलकर राख हो गई। इंडस्ट्री को जलता देख सदमे में आया इंडस्ट्री मालिक का पिता बेहोश हो गया। कड़ी मशक्कत के बाद रविवार अल सुबह करीब 3 बजे आग पर नियंत्रण पाया जा सका। वहीं इंडस्ट्री के शैड पर घर बनाए परिंदे भी आग में जल मरे।
धमाका के साथ उठा धुआं
इंडस्ट्री में कार्यरत पिंटू, रामप्रवेश, सूरज, विजय, संजू, गुरिया, विनय ने बताया कि रात करीब 11 बजे वह इंडस्ट्री के आंगन में अपनी-अपनी चारपाई पर लेटे हुए आपस में बातचीत कर रहे थे। इंडस्ट्री के भीतर स्थित एक बिजली के बोर्ड में अचानक धमाका हुआ और धुआं उठने लगा। आग ने वहां पड़ी बान (चारपाई के लिए प्रयुक्त होने वाला धागा) को पकड़ लिया। उन्होंने इसकी सूचना तत्काल इंडस्ट्री मालिक अनिल मिढ़ा पुत्र नत्थू राम मिढ़ा निवासी वार्ड नं. 11, डबवाली को दी। इधर इसकी सूचना दमकल केंद्र डबवाली को दी गई।
सूचना पाकर इंडस्ट्री मालिक अनिल मिढ़ा, सुनील मिढ़ा तथा नत्थू राम मिढ़ा मौके पर पहुंचे। कर्मचारियों के सहयोग से बाल्टी में पानी भरकर आग आग पर काबू पाने का प्रयास किया गया। आग के विकराल रूप को देखकर सदमे में आए नत्थू राम मिढ़ा बेहोश होकर वहीं गिर पड़े। मौका पर पहुंचे अग्निश्मक दस्ते ने आग पर नियंत्रण स्थापित करने के प्रयास शुरू किए।
इंडस्ट्री के कर्मचारियों ने बताया कि इंडस्ट्री के जिस हिस्से में आग लगी हुई थी वह हिस्सा चारों तरफ से बंद था। धुआं निकलने का कहीं से मार्ग नहीं था। जिसके चलते मशीनरी रूम में गैस भर गई और उसमें प्रवेश करना मुश्किल हो गया। उन्होंने आग पर नियंत्रण पाने के लिए और गैस को रूम से बाहर निकालने के लिए रूम के चारों तरफ लगे शीश तोड़े। तब कहीं जाकर अग्निश्मक दस्ते ने रविवार सुबह करीब 3 बजे आग पर काबू पाया।
परिंदे भी जले
कर्मचारियों ने बताया कि आग की तपिश इतनी तेज थी कि इंडस्ट्री के ऊपर बनी शैड की छत भी क्षतिग्रस्त हो गई। इन शैड़ों में घौंसला बनाकर रहने वाले करीब बीस-पच्चीस कबूतर आग की भेंट चढ़ गए।
इंडस्ट्री मालिक अनिल मिढ़ा, सुनील मिढ़ा पुत्रान नत्थू राम ने बताया कि आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है। आग से उसका करीब 8 लाख रूपए का नुक्सान हुआ। जिसमें मशीनरी, तैयार किया गया बान, बिल्डिंग, दरियां आदि का नुक्सान शामिल है।
करीब चार माह पहले इंडस्ट्री के मीटर रूम में आग लगने से इंडस्ट्री का ढाई लाख रूपए का नुक्सान हुआ। इसके बाद मशीनों के पास पड़े कुछ माल को आग लगी। जिसमें करीब 25 हजार रूपए का नुक्सान हुआ। करीब 20 दिन पूर्व मशीनरी रूम में आग लगने से डेढ़ लाख की मशीनरी जल गई। अब चौथी बार आग लगी।
कहां जाता है माल
मिढ़ा टेक्सटाईल इंडस्ट्री के मालिक ने बताया कि वे रूईं से धागा निर्मित करके सीतापुर, बम्बई, कानपुर, बरेली आदि जगहों में बेचते हैं। इससे वहां पर दरियां आदि बनती हैं।
03 जुलाई 2011
हे भगवान क्राइम खत्म करने की शक्ति दो, हवन करके मांगी दुआ
डबवाली (लहू की लौ) सिटी में बढ़ रहे क्राईम तथा बढ़ते नशे को रोकने के लिए सिटी पुलिस ने हवन करवाकर भगवान से अपराधियों को गिरफ्तार करने की शक्ति मांगी। साथ में सिटी में सुख शांति रहे के लिए दुआ मांगी।
डबवाली शहर क्षेत्र में अपराधों का ग्राफ बढ़ रहा है। अपराधी वारदात को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं। पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ते। पुलिस अपराधियों को शीघ्र पकडऩे की इच्छा के साथ ईश्वर से दुआ करती है। शनिवार को मंत्रोच्चारण के बीच सिटी थाना के सभी कर्मचारियों ने मिलकर हवन यज्ञ करवाया।
कार्य स्थल पर गूंजे मंत्र
शनिवार को थाना शहर परिसर में धार्मिक माहौल था। सभी कर्मचारी पूजा अर्चना के लिए सुबह सवा 6 बजे ही हवन कुंड के पास बैठ गए। करीब सवा घंटा तक हवन यज्ञ करवाने वाले पुरोहित बालकृष्ण की आज्ञा से यज्ञ में आहुतियां डालते रहे। इस मौके पर मुख्य यजमान के रूप में डीएसपी बाबू लाल उपस्थित रहे।
हालांकि पुलिस थाना परिसर में रामभक्त हनुमान का मंदिर बना हुआ है। लेकिन इसके बावजूद भगवान सीधी दृष्टि थाना में काम करने वाले सभी कर्मचारियों और अधिकारियों पर रहे, इसलिए मंदिर की अपेक्षा कार्य स्थल को हवन यज्ञ के लिए चुना गया।
एएसआई ने दी सलाह
एएसआई राजकुमार धार्मिक प्रवृत्ति के हैं। इसलिए उन्होंने बढ़ते क्राईम, नशाखोरी पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए डंडे की बजाए भगवान का सहारा लेने की सलाह अपने साथियों को दी। उन्हीं की सलाह पर इस धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन हुआ। जिसमें सर्वप्रथम श्री गणेश की पूजा अर्चना के बाद धरती पूजन, वास्तु पूजन, नवग्रहों के पूजन के साथ-साथ सभी देवी-देवताओं की अराधना तथा गायत्री मंत्र के साथ पूर्णाहुतियां डाली गई।
दुआ मांगी
हवन में आहुति डालते हुए डीएसपी बाबू लाल, सिटी थाना प्रभारी एसआई महावीर सिंह, एएसआई राजकुमार, एएसआई कृष्ण कुमार, एएसआई तुलसी राम, एचसी भरत सिंह, अजीत सिंह, जयप्रकाश, चरणजीत सिंह, कांस्टेबल राजकुमार, विजय कुमार, अमरजीत सिंह, नफे सिंह सहित अन्य पुलिस मुलाजिमों ने ईश्वर से दुआ की कि वह सिटी में ऐसा माहौल पैदा करे कि अपराध और अपराधियों के इरादों पर पानी फिर जाए। लोगों में भाईचारा पैदा हो। सभी को सदबुद्धि मिले। अमन-चैन रहे। स्वयं ने जाने या अनजाने में जो कुछ गलतियां हो गई, उनके लिए क्षमा याचना की।
हवन के बाद अपराध होंगे कम
हवन के बाद डीएसपी बाबू लाल ने कहा कि ईश्वर का नाम लेना कोई बुराई नहीं है। इस प्रकार के आयोजन कार्य करने की शक्ति को बढ़ाते हैं। नगर की सुख-शांति और समृद्धि तथा पुलिस की रक्षा के लिए इस प्रकार का आयोजन करना हमारी संस्कृति में शामिल है। हवन यज्ञ से यहां देवी-देवता प्रसन्न होते हैं। वहां वातावरण भी शुद्ध होता है। जिससे आरोग्य प्राप्त होता है। हवन यज्ञ के बाद अपराधों में कमी आएगी।
डबवाली का बीडीपीओ घोटालेबाज!
दो जांच अधिकारियों की रिपोर्ट में हुआ रहस्योद्घटन, साढ़े तीन लाख में से एक लाख का घपला
डबवाली (लहू की लौ) देश की राजधानी दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाला का भूत डबवाली पहुंच गया है। उपमण्डल के गांव मसीतां में प्रस्तावित खेल स्टेडियम के निर्माण से पहले खरीदे गए सामान में बड़ा घपला सामने आया है। दो अधिकारियों की जांच के दौरान पाया गया कि सामान को बाजार भाव से ऊंची दरों में खरीदा गया। वहीं सामान के वजन तथा मोटाई में भी अंतर निकला है। साढ़े तीन लाख के सामान में करीब एक लाख घपला उजागर हुआ है। तीन माह के भीतर आई दो जांच रिपोर्ट में खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी डबवाली को राजकोष का 'घोटालेबाजÓ तय किया गया है।
नींव रखी नहीं, सामान पहुंचा
गांव मसीतां में निर्माणाधीन खेल स्टेडियम के हाल कमरे का निर्माण होना है। जिसका नींव पत्थर अभी तक नहीं रखा गया है। लेकिन हाल कमरे के लिए खिड़की, दरवाजे, रोशनदान, ग्रिल बगैरा का निर्माण पहले ही हो लिया। यह सारा सामान प्रस्तावित खेल स्टेडियम स्थल पर पहुंच गया। सामान का निर्माण बीडीपीओ डबवाली द्वारा करवाया गया था। बीडीपीओ ने सामान के बदले 3 लाख 74 हजार 333 रूपए का भुगतान किया। लेकिन ग्राम पंचायत ने सामान के निर्माण में गोलमाल की आशंका जाहिर की। गांव के सरपंच शिवराज सिंह ने तत्कालीन उपायुक्त सिरसा को एक शिकायत देकर आरोप लगाया कि सरपंच पद के लिए चुनाव जून 2010 में हुए थे। 25 जुलाई को उसने सरपंच पद की शपथ ग्रहण करनी थी। लेकिन इससे पूर्व ही बीडीपीओ ने बैंक से 3 लाख 74 हजार 333 रूपए निकलवा लिए और इन पैसों को उपरोक्त सामान पर खर्च किया हुआ दिखा दिया।
जांच से कर दिया था इंकार
सरपंच की शिकायत पर उपायुक्त ने डीडीपीओ को जांच के आदेश दिए। लेकिन डीडीपीओ ने इस मामले की जांच करने से इंकार कर दिया। जांच एसडीएम डॉ. मुनीश नागपाल के पास आ गई। एसडीएम ने मामले की जांच एसडीई पंचायती राज शेषकरण बिश्नोई को सौंप दी। एसडीई ने 1 अप्रैल 2011 को अपनी जांच रिपोर्ट एसडीएम डबवाली को सौंप दी।
जांच रिपोर्ट
पंचायती राज के एसडीई शेषकरण बिश्नोई ने एसडीएम डॉ. मुनीश नागपाल को सौंपी अपनी जांच रिपोर्ट में कहा है कि खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी राम सिंह ने खरीदे गए सामान का जो बिल प्रस्तुत किया है उसमें दरवाजों की मोटाई 14 गेज, माप 2018 फुट दर्शाई गई है। जबकि वास्तविक मोटाई 16 से 18 गेज है तथा माप 1971.31 फुट है। इनमें लगे पल्लों की लम्बाई बिल में 18 गेज तथा क्षेत्रफल 1123.19 वर्गफुट दर्शाया गया है, जबकि वास्तविक मोटाई 19 गेज है तथा कुल क्षेत्रफल 1057.35 वर्गफुट है। इसी प्रकार ग्रिल का वजन बिल में 1238 किलोग्राम दर्शाया गया है, जबकि वास्तविक वजन 787 किलोग्राम है। कब्जों की संख्या 496 की बजाए मौके पर 467 नग मिले हैं। खरीद किए गए इस सामान का बाजार मूल्य 55 रूपए, 90 रूपए तथा 55 रूपए का है, जबकि खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी ने इसकी अदायगी 72 रूपए, 105 रूपए तथा 60 रूपए के हिसाब से की गई है। जांच में सामने आया है कि खरीदे गए सामान पर 99703 रूपए अधिक खर्च किए गए हैं। इससे स्पष्ट होता है कि अधिक दरों पर की गई खरीद से खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी, डबवाली ने राजकोष को जानबूझकर नुक्सान पहुंचाया है।
दूसरी रिपोर्ट भी खिलाफ
पंचायती राज के एसडीई की जांच रिपोर्ट को गलत बताते हुए खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी डबवाली ने उपायुक्त सिरसा से दोबारा जांच की मांग की। बीडीपीओ की मांग पर उपायुक्त ने पीडब्ल्यूडी सिरसा के एक्सीयन एमएस सांगवान को जांच का दायित्व सौंपा। उनकी जांच में भी बीडीपीओ को राजकोष के नुक्सान को दोषी करार दिया गया है। दोनों ही रिपोर्ट उपायुक्त के पास भेजी गई हैं।
जांच के संबंध में ये बोले अधिकारी
खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी डबवाली (बीडीपीओ) द्वारा जिस दर पर सामान खरीदा गया है, वह बाजार मूल्य से काफी अधिक है। वहीं सामान के वजन तथा गिनती में भी अंतर पाया गया है। बीडीपीओ ने राजकोष का दुरूपयोग किया है। उन्होंने अपनी रिपोर्ट एसडीएम डॉ. मुनीश नागपाल को सौंप दी है।
-शेषकरण बिश्नोई, एसडीई पंचायती राज
उपायुक्त के आदेश पर उन्होंने गांव मसीतां में प्रस्तावित स्टेडियम के लिए खरीदे गए सामान की जांच की थी। सामान का वजन, मूल्य तथा बिलों में दर्शाई गई गिनती में काफी अंतर पाया गया है। बीडीपीओ ने राजकोष को करीब करीब एक लाख रूपए की चपत लगाई है। उन्होंने अपनी रिपोर्ट उपायुक्त को सौंप दी है।
-एमएस सांगवान, एक्सीयन पीडब्ल्यूडी सिरसा
जांच के लिए डीडीपीओ के इंकार करने पर उपायुक्त के आदेश पर उन्होंने एसडीई पंचायती राज शेषकरण बिश्नोई को जांच का कार्यभार सौंपा था। उनकी जांच में बीडीपीओ सरकारी पैसे के दुरूपयोग का दोषी पाया गया है। जांच रिपोर्ट को उपायुक्त सिरसा के पास भेज दिया गया है।
-डॉ. मुनीश नागपाल, एसडीएम
वह बिल्कुल पाक साफ है। उसने कोई घोटाला नहीं किया। जांच में आया है कि उसके द्वारा खरीदे गए सामान की मोटाई अधिक है, जबकि उसने कम मोटाई के सामान पैसे दिए हैं। वह हर जांच रिपोर्ट का स्वागत करता है और उसका सामना करने के लिए तैयार है।
-राम सिंह, बीडीपीओ डबवाली
कार्रवाई में आनाकानी क्यों?
दो जांच अधिकारियों द्वारा सामान खरीद घोटाले का पर्दाफाश करने के बावजूद भी प्रशासन ढिलमुल रवैया अपनाए हुए है। बीडीपीओ राम सिंह के खिलाफ जांच रिपोर्ट आने के दो माह बीतने के बावजूद भी कोई कानूनी कदम नहीं उठाया गया है। जिला प्रशासन बीडीपीओ के खिलाफ केस दर्ज करवाकर, बीडीपीओ को कानूनी सजा दे। डबवाली में रहते हुए बीडीपीओ द्वारा किए गए सभी कार्यों की विभागीय कार्रवाई भी आरंभ करे। अगर ऐसा नहीं होता तो वे आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
-शिवराज सिंह सरपंच ग्राम पंचायत मसीतां एवं अध्यक्ष सरपंच एसोसिएशन ब्लाक डबवाली
02 जुलाई 2011
मरहम लगाने वाली पेंशन ने पेंशन धारकों को रूलाया
डबवाली (लहू की लौ) तीन माह के बाद विधवा, विकलांग और बुढ़ापा पेंशन का वितरण शुरू किया गया। यह पेंशन भी शहर के 19 वार्डों में से मात्र वार्ड नं. 10 के पेंशन धारकों के लिए आई। लेकिन पेंशन लेने पहुंचे वार्ड के लोगों से भद्दा मजाक हुआ। स्मार्ट कार्ड होने के बावजूद उनके नाम लिस्ट से गायब मिले। वहीं विधवा पेंशन धारकों को कम पेंशन थमा दी गई। सूची में नाम न मिलने और कम पेंशन थमाने से पेंशन धारकों की आंखों से अश्रुधारा बह उठी। पार्षदों ने उन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन देकर घर भेजा।
शुक्रवार को नई अनाज मण्डी रोड़ पर स्थित अरोड़वंश धर्मशाला में फिनो कंपनी के एजेंट राजेंद्र कुमार तथा विनोद शहर के वार्ड नं. 10 के पेंशन धारकों को पेंशन बांटने के लिए पहुंचे। तय कार्यक्रम के अनुसार वार्ड के पेंशन धारक अपने स्मार्ट कार्ड लेकर मौका पर आ गए। लेकिन अधिकांश पेंशन धारक यह देखकर हैरान रह गए कि उनके नाम ही फिनो कंपनी की पेंशन वितरण सूची में नहीं है। जबकि वे वार्ड नं. 10 के स्थाई निवासी हैं। पेंशन वितरण सूची में अपना नाम गायब देखकर पेंशन धारकों ने बवाल खड़ा कर दिया। वार्ड नं. 10 के पार्षद टेकचंद छाबड़ा, वार्ड नं. 12 के पार्षद रमेश बागड़ी मौका पर पहुंचे। उन्होंने पेंशन धारकों का पक्ष लेते हुए पेंशन वितरण करने आए फिनो कंपनी के एजेंटों को खूब खरी-खोटी सुनाई।
बुढ़ापा पेंशन लेने पहुंचे 70 वर्षीय देसराज ने बताया कि वह वार्ड नं. 10 में रहता है और वहीं से वोट पोल करता है। स्मार्ट कार्ड बनाने के समय उसने अपना वार्ड नं. 10 लिखवाया था। लेकिन जो स्मार्ट कार्ड उसे दिया गया है, उस पर उसे वार्ड नं. 7 का निवासी दिखा दिया गया है। वह चार माह के बाद पेंशन लेने आया तो उसे यह कहकर टरका दिया गया कि उसका नाम सूची में नहीं है।
इसी वार्ड के विकलांग विपिन कुमार (25) ने बताया कि उसे कई वर्षों से विकलांग पेंशन मिल रही है। लेकिन फिनो कंपनी ने उसका स्मार्ट कार्ड ही नहीं बनाया। अब उसे पेंशन से ही वंचित रखा जा रहा है। उसने कहा कि सरकार विकलांगों को सम्मान देने की बात करती है, लेकिन पेंशन न देकर उनका सरेआम मजाक उड़ा रही है। इस पेंशन धारक ने यह भी शिकायत की कि सरकार शायद नहीं चाहती कि विकलांग समाज की मुख्यधारा से जुड़ें। इसलिए उनके साथ इस प्रकार का भेदभाव किया जा रहा है।
विधवा इसरो देवी ने बताया कि जब नगरपालिका द्वारा पेंशन वितरण की जाती है, तो उसे 750 रूपए प्रति माह के हिसाब से पेंशन मिलती थी। लेकिन इस बार चार माह के बाद तीन माह की पेंशन आई है। वह भी फिनो कंपनी द्वारा 550 रूपए प्रति माह के हिसाब से तीन माह की पेंशन 1650 रूपए दी गई है। पार्षद टेकचंद छाबड़ा तथा रमेश बागड़ी ने कहा कि मात्र एक वार्ड में पेंशन का वितरण किया गया। इस वितरण में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं मिलने से सरकार की नीति उजागर हो गई है। उन्होंने कहा कि जो पेंशन, पेंशन धारकों के लिए राहत बननी थी, वह आंसू बनकर बाहर टपकी है। उन्होंने कहा कि अगर इसी प्रकार अनियमितताएं जारी रही तो पेंशन धारकों में सरकार के प्रति विद्रोह की चिंगारी फूट पड़ेगी और पेंशन धारक मजबूर होकर सड़कों पर उतर आएंगे। उन्होंने इन अनियमितताओं की जांच करवाने की मांग की।
इस संदर्भ में फिनो कंपनी के एजेंट राजेंद्र तथा विनोद ने बताया कि उन्हें जिस प्रकार के आदेश हुए हैं और जो सूची व राशि उपलब्ध करवाई गई है, वे उसी के अनुसार ही इसका वितरण कर रहे हैं। इसमें अनियमितताओं के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। एजेंटों के अनुसार विधवा पेंशन के संदर्भ में अपने अधिकारियों को अवगत करवा दिया है।
एसडीएम डॉ. मुनीश नागपाल ने कहा कि उपरोक्त मामला उनके नोटिस में आया है। जिला समाज कल्याण विभाग अधिकारी सुभाष मोंगा को इससे अवगत करवा दिया है। उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण की जांच करवाई जाएगी। जिला समाज कल्याण अधिकारी सुभाष मोंगा ने बताया कि वे इस समय ट्रेनिंग पर गुडग़ांव गए हुए हैं। उनके ध्यान में उपरोक्त मामला आया है। उन्होंने ठेकेदार एक्सीस बैंक तथा फिनो कंपनी के अधिकारियों को शैड्यूल जारी करने के निर्देश दिए हैं। विधवा पेंशन धारकों से जो भेदभाव हुआ है, उसकी भी जांच कराने के आदेश दिए हैं।
एक्सीस बैंक सिरसा के मैनेजर कवरजीत भारद्वाज ने कहा कि सूची में जो विसंगतियां पाई गई हैं, उसे जल्द दूर किया जाएगा। जिनको पेंशन कम मिली है, उन्हें घबराने की जरूरत नहीं। चूंकि उनका बैलेंस उनके खाते में जमा रहेगा। जब आगे पेंशन मिलेगी, तब यह बकाया राशि भी उसे मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि नई योजना होने के कारण समस्याएं आ रही हैं। 10 जुलाई तक आने वाली समस्याओं का समाधान ढूंढ लिया जाएगा। शीघ्र ही पेंशन वितरण का शैड्यूल भी जारी कर दिया जाएगा।
रेलगाडिय़ों के समय में परिवर्तन
डबवाली (लहू की लौ) भारत सरकार के रेल विभाग ने एक जुलाई से रेल समय सारिणी को बदलते हुए गाडिय़ों के समय में कुछ परिवर्तन किया है।
यह जानकारी देते हुए डबवाली रेलवे स्टेशन अधीक्षक महेश सरीन ने बताया कि हनुमानगढ़-बठिंडा रेलवे लाईन पर आने-जाने वाली गाडिय़ों के समय में भी परिवर्तन किया गया है। जिसमें गुवहाटी-लालगढ़ एक्सप्रेस 15609 जो डबवाली रेलवे स्टेशन पर 6.12 से 6.14, जम्मूतवी-अहमदाबाद 19224 का समय 19.21 से 19.36, अबोहर बङ्क्षठडा-जोधपुर 54703 का समय 22.36 से 22.41, हरिद्वार-कालका-बाड़़मेर 14881 का समय 5.11 से 5.16, बठिंडा-लालगढ़ 54701 का समय 11.46 से 11.51, बठिंडा-बीकानेर 59711 का समय 15.52 से 15.57 कर दिया गया है। इसी प्रकार लालगढ़-गुवहाटी एक्सप्रेस 15610 का समय रात्रि 0.38 से 0.40, जोधपुर-बठिंडा 54704 का समय 4.10 से 4.15, अहमदाबाद-जम्मूतवी 19223 का समय 6.53 से 6.58, बीकानेर-बठिंडा 59712 का समय 11.17 से 11.22, लालगढ़-बठिंडा 54702 का समय 15.10 से 15.15, बाड़मेर-कालका-हरिद्वार 14888 का समय 22.02 से 22.07 तक कर दिया गया है।
इसके अतिरिक्त जन्मभूमि एक्सप्रेस-अहमदाबाद से उद्यमपुर का डबवाली से गुजरने का समय 5.04 से 5.18, जबकि इसी गाड़ी का उद्यमपुर से अहमदाबाद से बिना रूके समय 8.47 का है।
प्रदेश की सर्वश्रेष्ठ पंचायत का रिकॉर्ड जलकर खाक
डबवाली (लहू की लौ) गुरूवार शाम को गांव गंगा के पास एक कार सड़क किनारे खड़े वृक्ष से टकरा गई। जिससे कार में आग लग गई। कार में रखा ग्राम पंचायत का रिकॉर्ड धू-धू कर जल गया। जबकि कार चालक और कार में सवार एक अन्य व्यक्ति बाल-बाल बच गए।
गांव कालूआना के सरपंच जगदेव सहारण ने बताया कि गुरूवार को उसका भतीजा लीलाधर तथा गांव का प्रेम कुमार ग्राम पंचायत के रिकॉर्ड को फोटो स्टेट करवाने के लिए उसकी गाड़ी पर डबवाली लाए थे। लेकिन रिकॉर्ड फोटो स्टेट करवाने के बाद जब वे वापिस लौट रहे थे तो गांव गंगा रकबा में उनकी गाड़ी के आगे अचानक नील गाय आ गई। अनियंत्रित होकर गाड़ी सड़क किनारे खड़े एक पेड़ से जा टकराई। जिससे कार में आग लग गई। पंचायत का रिकॉर्ड भी जल गया।
सरपंच के अनुसार कार के दुर्घटनाग्रस्त होने से कार चालक लीलाधर तथा प्रेमकुमार घायल हो गए। जिन्हें उपचार के लिए डबवाली के सरकारी अस्पताल में लेजाया गया। लेकिन उनकी गंभीर हालत को देखते हुए सिरसा रैफर कर दिया गया। सरपंच ने बताया कि वर्ष 2005 से लेकर अब तक पंचायत द्वारा किए गए विकास कार्यों का काफी रिकॉर्ड कार में लगी आग से जल गया।
गोरीवाला पुलिस चौकी प्रभारी एसआई प्रीतम सिंह ने बताया कि उन्हें रात्रि करीब 9 बजे कार दुर्घटना की सूचना मिली थी। वे करीब 10.15 बजे मौका पर पहुंचे। उन्होंने देखा कि कार बुरी तरह जल गई है। कार गैस पर थी और कार के वृक्ष से टकराने से गैस को आग लग गई। उसमें रखा पंचायत का रिकॉर्ड जल गया। उन्होंने बताया कि लीलाधर के ब्यान पर इसे इत्तेफाकिया माना गया है। उनके अनुसार इस दुर्घटना में कार बिल्कुल जल गई है।
बस-बाईक टक्कर में युवक की दर्दनाक मौत, एक गंभीर
डबवाली (लहू की लौ) नेशनल हाईवे पर सेमनाला के पास एक प्राईवेट बस-बाईक टक्कर में एक युवक की दर्दनाक मौत हो गई। जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया।
गांव हैबूआना निवासी फौजी सिंह पुत्र छिन्द्र सिंह तथा गुरप्रीत सिंह (20) पुत्र पप्पी सिंह गुरूवार दोपहर बाद करीब ढाई बजे अपने गांव हैबूआना लौट रहे थे। बाईक को फौजी सिंह चला रहा था। सेमनाला के पास उनकी बाईक एक बस से टकरा गई। दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। जिन्हें डबवाली जन सहारा सेवा संस्था की एम्बुलैंस ने उपचार के लिए सरकारी अस्पताल में पहुंचाया। लेकिन उनकी गंभीर हालत को देखते हुए दोनों को सिरसा रैफर कर दिया गया। जिसमें से गुरप्रीत ने रास्ते में दम तोड़ दिया।
थाना शहर प्रभारी एसआई महावीर सिंह ने बताया कि उन्हें अस्पताल से एमएलआर मिल गई है। जांच जारी है।
नहीं निकलने दिया शहर का पानी
डबवाली (लहू की लौ) मानसून की पहली बरसात राहत के साथ आफत लेकर आई। गुरूवार सुबह सवेरे आई रिमझिम बूंदों से मौसम खुशनुमा हो उठा। लोगों ने गर्मी से राहत पाई। लेकिन बरसाती पानी की निकासी न होने से यह बरसात आफत भी बन गई। जगह-जगह पानी का ठहराव हो गया। पंजाब के किसानों ने एकबारगी फिर हरियाणा के पानी को उनके खेतों में छोडऩे पर जनस्वास्थ्य विभाग को खबरदार किया।
यहां ठहरा पानी
बरसात लगभग घंटा भर चली। लेकिन जीटी रोड़, बस स्टैण्ड, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग, सब्जी मण्डी क्षेत्र, मेन बाजार, कलोनी रोड़, चौटाला रोड़, न्यू बस स्टैण्ड रोड़, कबीर चौक, नई अनाज मण्डी रोड़, लहर बाजार, पब्लिक क्लब क्षेत्र, जनस्वास्थ्य विभाग कार्यालय क्षेत्र बरसाती पानी से जलमग्न हो गया। देर शाम तक भी इस पानी की निकासी नहीं हो पाई।
मानसून की पहली दस्तक के साथ ही शहर में जमा हुए बरसाती पानी को निकालने के लिए जनस्वास्थ्य विभाग ने पंजाब क्षेत्र में पड़ते अपने डिस्पोजल को चलाया। यह पानी पंजाब के किसानों के खेतों में अक्सर जनस्वास्थ्य विभाग छोड़ता है। आज भी विभाग ने कुछ ऐसा ही करने का प्रयास किया। लेकिन पंजाब के किसान विभाग की इस कार्रवाई के विरोध में लामबंद हो गए। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि अगर उनके खेतों में पानी छोड़ा गया तो वे मामले को पुलिस के पास ले जाएंगे। पिछले वर्ष भी पंजाब के किसान लामबंद होकर जनस्वास्थ्य विभाग के खिलाफ पुलिस में पहुंच गए थे।
गुरूवार को दोपहर करीब 12 बजे तक किसानों तथा जनस्वास्थ्य विभाग के बीच पानी निकासी को लेकर कशमकश चलती रही। लेकिन किसान टस से मस नहीं हुए। आखिर जनस्वास्थ्य विभाग ने रामबाग के पास पड़ी भूमि पर एक एकड़ में 12 फुट गहरा खड्डा खोदकर पानी की निकासी की।जनस्वास्थ्य विभाग को उम्मीद थी कि इस बार मानसून 31 जुलाई को आएगा। इसलिए विभाग ने शहर में बने सीवरेज के 5300 मेन होल की सफाई का अभियान शुरू कर रखा था। लेकिन अनुमान के विपरीत मानसून पहले आ जाने से विभाग की योजना पर पानी फिर गया। सीवरेज हौज की सफाई के दौरान जो गाद निकाली गई थी, वह फिर से बरसात आने से पानी के साथ ही सीवरेज हौज में चली गई।
बरसाती पानी से निबटने के लिए विभाग ने करीब 30 लाख रूपए की लागत से 215 स्क्रिनिंग चैम्बर, 50 लाख रूपए की लागत से 20 बोर का निर्माण शहर के विभिन्न कोनों में करना था। इस योजना को क्रियान्वित करने के लिए स्वीकृति हेतू सरकार के पास भेजा गया था।
जनस्वास्थ्य विभाग के जेई सतपाल ने स्वीकार किया कि बरसाती पानी पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए उपरोक्त योजना सरकार के पास भेजी गई थी। लेकिन अभी तक इसकी मंजूरी नहीं आई है। उन्होंने बताया कि फिलहाल यह योजना भी चल रही है कि पंजाब के डिस्पोजल पर भार कम करने के लिए नई अनाज मण्डी रोड़ क्षेत्र को चौटाला रोड़ पर बने डिस्पोजल से जोड़ दिया जाए। जनस्वास्थ्य विभाग के पास फिलहाल रामबाग के पास बनाए गए बड़े खड्डे ही बरसाती पानी पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए विकल्प हैं।
कनेक्शन योजना में फिक्सिंग
बीपीएल परिवारों के लिए आई लाखों रूपए कीमत की बिजली कनेक्शन किटें गायब
डबवाली। प्रदेश में गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले लोगों को सरकार ने सस्ती दर पर कनेक्शन देकर बिजली का सपना दिखाया। लेकिन यह सपना जिला सिरसा में बीपीएल परिवारों तक पहुंचते-पहुंचते क्रिकेट मैच की तरह 'फिक्सÓ हो गया। फिक्सिंग के चलते गरीब परिवारों के घरों के लिए आई लाखों रूपए की किटें गायब कर दी गई। निगम के उच्च अधिकारी भी दबी जुबान से इस योजना में 'फिक्सिंगÓ होने की बात कबूलते हैं।
योजना इस प्रकार
हरियाणा सरकार ने कुछ समय पूर्व प्रदेश में बीपीएल कार्ड धारकों के घरों तक रोशनी पहुंचाने के लिए एक योजना तैयार की थी। जिसके तहत मात्र 10 रूपए में उनके घरों पर मीटर लगाकर बिजली का कनेक्शन देना था। जिला सिरसा में उस समय बीपीएल परिवारों की संख्या 47 हजार 600 थी। जिनमें से योजना के तहत बिजली कनेक्शन देने के लिए 19 हजार 247 परिवारों को चुना गया था। चयनित बीपीएल परिवारों के घरों तक बिजली पहुंचाने और मीटर लगाने का ठेका बिजली निगम ने दिल्ली की फर्म अरावली इंफरा पॉवर लि. को दिया था। इस निजी फर्म ने अपना काम शुरू करते हुए जिला सिरसा में बीपीएल परिवारों के घरों में मीटर लगाने शुरू कर दिए और जिन घरों में मीटर लगाए गए उनकी रिपोर्ट निगम को प्रेषित कर दी।
शिकायत से खुला राज
प्राईवेट फर्म का कार्य पूरा होने की रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद निगम ने बीपीएल परिवारों से निर्धारित बिल लेने के लिए अपनी कवायद शुरू कर दी। जिसके तहत बिल भी संबंधित परिवारों को भेज दिए गए। लेकिन बिल पहुंचते ही जिन बीपीएल परिवारों को यह सुविधा नहीं मिली थी, उन परिवारों ने लम्बे-चौड़े बिल देखकर इस मामले को निगम के अधिकारियों के समक्ष उठाया। शिकायत मिलने पर निगम के उच्च अधिकारियों की आंख खुली। शिकायतों की फेहरिस्त लम्बी होती देख निगम ने सर्वे करानी की ठानी। सर्वे में जो रिपोर्ट मिली, उसने उच्च अधिकारियों को चौंका दिया। सर्वे में पाया कि करीब 450 बीपीएल परिवारों तक यह योजना पहुंची ही नहीं।
क्या रहा कारण
सरकार की योजना को अमलीजामा पहनाने और गरीब परिवारों तक शीघ्र इस सुविधा को पहुंचाने के लिए बिजली निगम अधिकारियों ने आनन-फानन में ठेकेदार फर्म की मार्फत इसके लिए बिचौलिए तैयार किए। इन बिचौलियों के माध्यम से ही गरीब परिवारों को बिजली कनेक्शन की किटें वितरित की गई। जिला सिरसा के 19 हजार 247 बीपीएल परिवारों के लिए आई किटों में से 450 गरीब परिवारों तक ये पहुंची ही नहीं। बल्कि बिल जरूर पहुंच गए।
सर्वे से खुलासा, जांच जारी
दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम हिसार के एसई (निर्माण) आरके सोढ़ा ने स्वीकार किया बीपीएल परिवारों के लिए बिजली कनेक्शन के आई करीब 450 किटें गायब मिली हैं। निगम को शिकायत मिली थी कि बिना कनेक्शन के ही बीपीएल परिवारों को बिल भेजे जा रहे हैं। इस पर सर्वे करवाया गया। सर्वे में किटें गायब होने का खुलासा हुआ। उनके अनुसार किटें बिचौलियों के जरिए जरूरतमंद परिवारों तक पहुंचाई गई थी। फिलहाल जांच की जा रही है ये किटें मार्ग में कहां गायब हुई हैं। उनके अनुसार कनेक्शन के लिए एक किट करीब 2500 रूपए की है। उन्होंने कहा कि अगर किटें नहीं मिलती तो संबंधित ठेकेदार फर्म से इसकी राशि वसूली जाएगी।
29 जून 2011
कच्चे मार्ग से संगरिया से लाया गया चूरा पोस्त पकड़ा
डबवाली (लहू की लौ) रोड़ी क्षेत्र में सप्लाई करने के लिए लेजाए जा रहे 24 किलो 200 ग्राम चूरा पोस्त सहित थाना सदर पुलिस ने एक व्यक्ति को काबू किया है। जबकि उसके दो साथी भागने में कामयाब रहे। ये लोग चूरा पोस्त को राजस्थान के संगरिया से खरीदकर कच्चे रास्ते के जरिए गांव अबूबशहर पहुंचे थे। यहां बस पकडऩे के लिए नहर की पटरी के किनारे बैठ गए।
सोमवार शाम को थाना सदर पुलिस के एएसआई आत्मा राम, एएसआई बलवंत सिंह, सिपाही रणजीत सिंह, चालक भूप सिंह गश्त पर थे। इस दल की नजर गांव अबूबशहर क्षेत्र में राजस्थान कैनाल की पटरी पर प्लास्टिक के गट्टे के ऊपर बैठे तीन लोगों पर पड़ी। इन लोगों पर संदेह होने के कारण पुलिस ने गाड़ी उनकी ओर कर ली। पुलिस को अपनी ओर आता देख तीनों गट्टे को वहीं छोड़कर भागने लगे। पीछा करते हुए पुलिस ने एक व्यक्ति को पकड़ लिया। जबकि उसके दो साथी भागने में कामयाब रहे। एएसआई आत्मा राम ने बताया कि तालाशी लेने पर पुलिस को गट्टे चूरा पोस्त बरामद हुआ। जोकि तोल करने पर 24 किलो 200 ग्राम था। पकड़े गए आरोपी ने अपनी पहचान बंदरपत्ती रोड़ी निवासी पप्पू (40) पुत्र राम लाल के रूप में करवाई।
एएसआई आत्मा राम के अनुसार पूछताछ करने पर आरोपी पप्पू ने पुलिस को बताया कि वह पिछले दस सालों से एरिया में चूरा पोस्त तस्करी का धंधा करता है और इसे खाता भी है। सोमवार को वह गांव के ही पृथ्वी सिंह तथा गुरनाम सिंह के साथ संगरिया से 800 रूपए प्रति किलोग्राम चूरा पोस्त खरीदकर वापिस रोड़ी जा रहा था। संगरिया से अबूबशहर तक वे लोग कच्चे रास्ते होते हुए पैदल पहुंचे। उसने यह भी बताया कि उन्होंने इसे 1000 से लेकर 1200 रूपए तक आगे सप्लाई करना था।
जांच अधिकारी एएसआई आत्मा राम ने यह भी बताया कि पड़ौसी राज्य पंजाब में नशा तस्करी के आरोप में पप्पू पर कई मामले दर्ज हैं। उनके अनुसार पप्पू, फरार हुए पृथ्वी सिंह तथा गुरनाम सिंह पर मामला दर्ज कर लिया गया है। फरार हुए आरोपियों को शीघ्र काबू कर लिया जाएगा। चूरा पोस्त तस्करी में पकड़े गए पप्पू को मंगलवार को चीफ ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट सिरसा एनके सिंघल की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने आरोपी को 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिए।
बेटे के लिए मां बनी मजदूर
कुदरत से संघर्षरत पिता ने इलाज के लिए सबकुछ लुटाया
डबवाली (लहू की लौ) अपने कलेजे के टुकड़े को बचाने के लिए माता-पिता कुदरत से लड़ रहा है। इस लड़ाई में विजय पाने के लिए मां ने मजदूर बनना स्वीकार किया और पिता ने इलाज पर अपना सबकुछ लूटा दिया।
गांव अलीकां का रहने वाला जसप्रीत उर्फ जसकरण सिंह दिहाड़ीदार मजदूर है। उसके दो बेटे संदीप (15), कुलदीप (13) तथा एक बेटी (11) है। करीब पांच साल पूर्व वह अपने बड़े बेटे संदीप के साथ ट्रेक्टर पर गांव लौट रहा था। रास्ते में अचानक ट्रेक्टर पलट गया। जिससे संदीप बुरी तरह से घायल हो गया। पांच साल बीतने के बावजूद आज भी संदीप बिस्तर पर पड़ा है। उसके मूत्रमार्ग वाली नली सिकुड़ गई थी। मूत्र करने के लिए वह नली का सहारा ले रहा है। यह नली हर पंद्रह दिनों बाद बदली जाती है, जिस पर करीब 500 रूपए की लागत आती है। यही नहीं इन पांच सालों के दौरान जसप्रीत अपने बेटे को इलाज के लिए डबवाली के साथ-साथ पड़ौसी राज्य राजस्थान के शहर बीकानेर के निजी अस्पतालों में ले जा चुका है। लेकिन संदीप की हालत में कोई सुधार नहीं है।
बिस्तर पर पड़े बेटे की चिंता मजदूरी करके पेट पालने वाले जसप्रीत को खाई जा रही है। रिश्तेदारों, गांव वालों से इक्ट्ठी हुई राशि को वह खर्च कर चुका है। यही नहीं अपने बेटे के लिए वह एक भैंस तथा चार बकरी भी बेच चुका है। बीकानेर से डॉक्टर ने जवाब दे दिया। लेकिन जसप्रीत हार मानने वालों में से नहीं। उसे उम्मीद है कि उसका बेटा संदीप अच्छा-भला होगा। इसी उम्मीद के साथ वह कुदरत से लड़ रहा है।
उम्मीद को जिंदा रखे हुए गांव अलीकां का जसप्रीत उर्फ जसकरण मंगलवार को सरकारी अस्पताल में पहुंचा तथा चिकित्सकों से अपने बेटे के जीवन की गुहार लगाई। कार्यकारी एसएमओ डॉ. एमके भादू ने सहायता के आवेदन को उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल के पास भेज दिया। उपमण्डलाधीश ने इस संदर्भ में डॉ. एमके भादू को रिपोर्ट करने के निर्देश दिए।
अपने घायल बेटे की तस्वीर सीने से लगाए जसप्रीत ने बताया कि वह अपने बेटे के लिए हर कुर्बानी देने को तैयार है। हालांकि इलाज करवाने में आए खर्च के बाद उसकी धर्मपत्नी सुखजीत कौर मजदूरी करने के लिए मजबूर होगी गई है। लेकिन उसने उम्मीद का दामन नहीं छोड़ा है। उसका मन और दिल कहता है कि मेरा संदीप जरूर ठीक होगा।
कार्यकारी एसएमओ डॉ. एमके भादू ने बताया कि उन्होंने संदीप की बीमारी से संबंधित रिपोर्टों का अध्ययन किया है। अध्ययन के दौरान उन्हें मालूम हुआ है कि संदीप की मूत्र नाली सिकुड़ गई है। जिसका इलाज मेडिकल कॉलेज स्तर के अस्पताल में सर्जरी से संभव है। यह सुविधा डबवाली अस्पताल में उपलब्ध नहीं है, इसलिए उन्होंने राय दी है कि संदीप का इलाज रोहतक मेडिकल कॉलेज से करवाया जाए।
उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल ने बताया कि प्रशासन द्वारा 15 वर्षीय संदीप की जिन्दगी बचाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे। इसके लिए उन्होंने उपायुक्त सिरसा से अनुमति भी मांगी है। अनुमति मिलते ही संदीप को इलाज के लिए अच्छे अस्पताल में लेजाया जाएगा। अस्पताल तक लेजाने के लिए एम्बुलैंस की सुविधा भी उपलब्ध करवाई जाएगी।
26 जून 2011
हत्यारोपी मां के साथ दूधमुंही बच्ची भी गई जेल
बलदेव नाथ हत्याकांड : हत्यारोपी बाजार नाथ एक दिन के रिमांड पर
डबवाली (लहू की लौ) रूठी बीवी को मनाने के लिए ससुराल आए दामाद की हत्या करने के आरोप में पुलिस ने मृतक की पत्नी, सास तथा साले को गिरफ्तार किया है। आरोपियों को शनिवार को चीफ ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट सिरसा नरेश कुमार सिंघल की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने महिलाओं को बोस्टल जेल हिसार भेजने के आदेश दिए। जबकि मृतक के साले को एक दिन के पुलिस रिमांड पर भेजने के आदेश दिए। उल्लेखनीय है कि हत्यारोपी महिला के साथ उसकी तीन माह की दूधमुंही बेटी भी जेल में गई है।
सिरसा की जेजे कलोनी का रहने वाला बलदेव नाथ (30) 20-21 जून को गांव डबवाली में अपने ससुराल में अपनी पत्नी सुरती बाई (28) को लेने के लिए आया हुआ था। 21 जून की सुबह उसका शव एक कीकर के नीचे पड़ा मिला। उस समय बलदेव नाथ के परिजनों ने हत्या की आशंका जाहिर की। पीजीआई रोहतक के चिकित्सकों ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या किए जाने का खुलासा किया। रिपोर्ट के बाद पुलिस ने मृतक की बहन शिमला बाई (40) निवासी बरनाला रोड़, सिरसा के ब्यान पर मृतक की पत्नी सुरती बाई, सास ठरिया बाई तथा दो सालों बाजार नाथ तथा अंग्रेज नाथ के खिलाफ दफा 302/34 आईपीसी के तहत मामला दर्ज करके उनकी तालाश शुरू कर दी। शुक्रवार रात को पुलिस ने सुरती बाई, ठरिया बाई तथा बाजार नाथ को गिरफ्तार कर लिया।
थाना शहर प्रभारी एसआई महावीर सिंह ने बताया कि मृतक बलदेव नाथ समुदाय से था। समुदाय की परंपरा अनुसार उसकी शादी गांव पन्नीवाला मोटा हाल गांव डबवाली निवासी सुरती बाई के साथ हुई थी। परंपरा के मुताबिक ही उसकी बहन शिमला बाई की शादी सुरती के भाई बाजार नाथ से कर दी गई। शिमला बाई तथा बाजार नाथ के सात बच्चे हुए। लेकिन पिछले तीन साल से शिमला बाई बाजार नाथ को छोड़कर अपने देवर लोहार नाथ के साथ सिरसा के बरनाला रोड़ पर रहने लगी। बाजार नाथ बगैरा ने भरसक प्रयास किए लेकिन शिमला बाई वापिस नहीं आई। बाजार नाथ बगैरा सुरती बाई को अपनी ननद तथा उसके घरवालों को समझाने के लिए कहने लगे। लेकिन सुरती बाई के प्रयास भी नाकाफी रहे।
एसआई महावीर ने बताया कि इसी बात को लेकर दोनों परिवारों में मनमुटाव चला आ रहा था। बलदेव नाथ शराब पीने का आदि था। सुरती बाई अपने पति की शराब की लत तथा उपरोक्त विवाद के चलते गांव डबवाली में मायके आकर रहने लगी। घटना से कुछ दिन पूर्व बलदेव नाथ अपनी पत्नी को मनाने के लिए ससुराल आया हुआ था। 20 जून की रात को उपरोक्त विवाद को लेकर बाजार नाथ, सुरती बाई, ठरिया बाई तथा अंग्रेज नाथ का बलदेव नाथ से गाली-गलौज हो गया। मामला हाथापाई तक जा पहुंचा। आरोपियों ने बलदेव नाथ की पिटाई शुरू कर दी। बाजार नाथ ने कंधाली (तेजधार हथियार) से बलदेव के सिर पर वार किया। जिससे वह वहीं ढ़ेर हो गया। हत्या के बाद आरोपियों ने बलदेव नाथ को कीकर के वृक्ष के पास लेटा दिया और मामला आत्महत्या का दिखाने की कोशिश की। 21 जून की सुबह बलदेव की आत्महत्या की खबर उसके परिजनों को दे दी।
थाना प्रभारी ने बताया कि शुक्रवार रात को सुरती बाई, ठरिया बाई तथा बाजार नाथ को गिरफ्तार कर लिया गया था। शनिवार को हत्यारोपियों को चीफ ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट सिरसा नरेश कुमार सिंघल की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने आरोपी महिलाओं को बोस्टल जेल हिसार भेजने के आदेश दिए। जबकि बाजार नाथ को एक दिन के पुलिस रिमांड पर भेजने के आदेश दिए। इस दौरान पुलिस हत्या में प्रयुक्त किए गए तेजधार हथियार तथा फरार आरोपी अंग्रेज नाथ का पता लगाएगी।
मां के साथ दूधमुंही बच्ची भी गई बोस्टल जेल
बलदेव नाथ की हत्या के आरोप में पकड़ी गई सुरती बाई को पुलिस ने शनिवार को सिरसा कोर्ट में पेश किया। उस समय उसके साथ उसकी दूधमुंही बेटी रेखा (तीन माह) भी थी। जो बिलख रही थी। अदालत ने सुरती बाई को बोस्टल जेल हिसार भेजने के आदेश दिए। जिसके चलते तीन माह की मासूम रेखा भी अपनी मां के साथ जेल काटने के लिए हिसार रवाना हो गई। इधर घटनाक्रम से अंजान सुरती के तीन बेटे संदीप नाथ (6), मनदीप नाथ (4) तथा मनप्रीत नाथ (2) अपनी चाची किलपा बाई के पास रह गए।
25 जून 2011
नशा मुक्ति केंद्र का संचालक टोंटी चोर!
डबवाली (लहू की लौ) मलोट रोड़ पर चौ. देवीलाल पार्क क्षेत्र में सार्वजनिक जगह पर लगी टोंटी चोरी करते हुए लोगों ने एक नशा मुक्ति केंद्र के संचालक को रंगे हाथों काबू कर लिया। नशा छुड़ाने वाला नशा मुक्ति केंद्र का यह संचालक नशे में था।
चौ. देवीलाल पार्क क्षेत्र में करीब एक माह से सार्वजनिक स्थलों पर लगी टोंटियां चोरी होने का सिलसिला बददस्तूर जारी था। पार्क के पास खड़े जीप चालक रोजाना अपनी जेब से पैसे खर्च करके टोंटी लगाते। अगली सुबह टोंटी गायब मिलती। रोज-रोज की चोरी से तंग आए जीप चालकों ने टोंटी चोर का पता लगाने की ठानी। इसके लिए गुरूनानक जीप यूनियन के अध्यक्ष अंग्रेज सिंह फौजी तथा शेर ए पंजाब जीप यूनियन के अध्यक्ष सोहनी लाल ने अन्य जीप चालकों के साथ मिलकर एक चार सदस्यीय टीम का गठन किया। इस टीम में जीप चालक मंदर सिंह घुमियारा, शिवराज सिंह, दलजीत सिंह तथा पुलिस कर्मी शिवराज सिंह शामिल थे। इस टीम ने गुरूवार की पूरी रात जागकर बिताई।
टीम के सदस्य मंदर सिंह, शिवराज सिंह ने बताया कि शुक्रवार अल सुबह करीब पौने चार बजे एक व्यक्ति पार्क के पास लगे प्याऊ पर आया और उस पर लगी टोंटी उतार ली। जब उन लोगों ने उसे फटकार लगाई तो उसने टोंटी वहीं एक स्थान पर रख दी और आराम से पार्क के पास पड़े एक मेज पर बैठ गया। पूछताछ करने पर उसने अपने आपको पशु मण्डी के नजदीक स्थित एक नशा मुक्ति केंद्र का संचालक बताया। जीप चालकों ने बताया कि उन लोगों ने उपरोक्त चोर के परिजनों से संपर्क साधा। परिजनों ने बताया कि वह मानसिक तौर पर परेशान है। मानसिक परेशानी में इस प्रकार की ऊल-जलूल हरकतें करता रहता है। इससे पहले की जीप चालक मामले को पुलिस में लेजाते, परिजनों के खेद जताने पर मामला ठंडा पड़ गया।
ससुराल में दामाद की हुई थी हत्या
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा : बलदेव नाथ के सिर पर तेजधार हथियार मारकर की गई थी हत्या
डबवाली (लहू की लौ) गांव डबवाली में अपने ससुराल आए दामाद ने आत्महत्या नहीं की थी, बल्कि उसकी हत्या की गई थी। इस बात का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट से हुआ है। थाना शहर पुलिस ने रिपोर्ट के आधार पर चार जनों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है।
परिजनों को था हत्या का संदेह
21 जून को सिरसा निवासी बलदेव नाथ अपनी पत्नी सुरती देवी को लेने के लिए अपने ससुराल गांव डबवाली आया हुआ था। यहां उसकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। ससुराल पक्ष का कहना था कि बलदेव ने फांसी खाई है। जबकि सूचना पाकर डबवाली आए बलदेव के भाई बन्ना नाथ, चचेरे भाई सुखदेव नाथ ने उसके शरीर पर चोटों के निशान देखकर हत्या की आशंका जताई थी। उस समय पुलिस ने मृतक की बहन शिमला बाई निवासी सिरसा के ब्यान पर दफा 174 सीआरपीसी के तहत कार्रवाई की।
पीजीआई रोहतक में हुआ पोस्टमार्टम
मृतक के परिजनों द्वारा हत्या की आशंका व्यक्त किए जाने पर पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करने के लिए यहां के सरकारी अस्पताल के एसएमओ से बोर्ड गठित करने का अनुरोध किया। पुलिस के अनुरोध पर सरकारी अस्पताल के कार्यकारी एसएमओ डॉ. एमके भादू ने डॉ. बलेश तथा डॉ. पंकज गुप्ता पर आधारित दो सदस्यीय बोर्ड गठित कर दिया। लेकिन मामला हत्या और आत्महत्या के बीच उलझा होने के कारण बोर्ड ने शव को सिरसा रैफर कर दिया। पोस्टमार्टम के लिए सिरसा में भी डॉ. मुनीष, डॉ. अमित नारंग तथा डॉ. नीलू पर आधारित तीन सदस्यीय बोर्ड गठित किया गया। लेकिन केस पेचीदा होने की वजह से शव को यहां से भी पीजीआई रोहतक रैफर कर दिया गया।
गुरूवार को पीजीआई रोहतक के चिकित्सकों ने शव का पोस्टमार्टम किया। अपनी रिपोर्ट में चिकित्सकों ने बलदेव की मौत का कारण सिर पर तेजधार हथियार की चोट बताया। रिपोर्ट से बलदेव की मौत पर सस्पेंस खत्म हो गया।
थाना शहर प्रभारी एसआई महावीर सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि बलदेव ने आत्महत्या नहीं की। बल्कि उसकी हत्या की गई है। हत्या सिर पर भारी तेजधार हथियार मारकर की गई है। पुलिस ने मृतक की बहन शिमला बाई (40) निवासी बरनाला रोड़, सिरसा के ब्यान पर बलदेव नाथ की पत्नी सुरती बाई, साले बाजार नाथ, अंग्रेज नाथ, सास ठरिया बाई निवासी पन्नीवाला मोटा हाल गांव डबवाली के खिलाफ दफा 302/34 आईपीसी के तहत मामला दर्ज करके आरोपियों की तालाश शुरू कर दी है। पुलिस को दिए ब्यान में शिमला बाई ने कहा है कि उसका भाई बलदेव नाथ शराब पीने का आदि था। इसी वजह से उसकी भाभी सुरती देवी तथा बलदेव नाथ में अक्सर कहासुनी होती रहती थी। कुछ समय पूर्व उसकी भाभी गांव डबवाली आकर रहने लगे। अपनी पत्नी को मनाने के लिए उसका भाई अपने ससुराल आया हुआ था
चिकित्सकों की रिपोर्ट
हमारी राय में इस मामले में मौत का कारण भारी तेजधार वाली वस्तु से सिर पर चोट है। सामान्य स्थिति में ऐसे मामले मौत के लिए पर्याप्त है। लेकिन रासायन का पता लगाने के लिए विसरा लिया गया है, जिसकी जांच रासायनिक विश्लेषक करेगा।
शुक्रवार को अघोषित कटों में बिजली निगम ने बनाया रिकॉर्ड
डबवाली (लहू की लौ) झुलसाती गर्मी के बीच बिजली के अघोषित कटों में लगातार इजाफा हो रहा है। शुक्रवार को निगम ने अपने पिछले रिकॉर्ड को तोड़ते हुए कटों का पहाड़ खड़ा कर दिया। जिससे लोगों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ा। यहां एक ओर आसमान से आग बरस रही है। वहीं दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम कट पे कट लगाकर जले पर नमक छिड़क रहा है। गर्मी की छुट्टिया बिताने आए बच्चे अपने घरों को वापिस जाने को मजबूर हो रहे हैं। वहीं आम व्यक्ति से लेकर बड़ा व्यापारी तक परेशान हैं। प्रत्येक वर्ग सरकार तथा उसके बिजली विभाग को कोस रहा है।
गांव चौटाला में अपने नाना सुभाष के घर गर्मियों की छुट्टियां बिताने आए राजस्थान के नगर हनमानगढ़ निवासी मोहित ने बताया कि वह 8वीं का छात्र है। वह अपने नाना के यहां छुट्टिया बिताने आया था। लेकिन यहां लाईट आती ही नहीं, ये उसे मालूम ना था। जबकि उनके यहां एक दफा भी लाईट गुल नहीं होती। मोहित के अनुसार बिजली से तंग आकर वह 25 जून को वापिस अपने घर हनुमानगढ़ लौट रहा है। गांव मौजगढ़ निवासी जसवंत सिंह ने बताया कि अलीकां, मसीतां, मौजगढ़ लाईन पर निगम की ओर से मात्र दो घंटे ही बिजली दी जा रही है। उन दो घंटों में बिजली कई बार गुल होती है। बिजली न मिलने के कारण ग्रामीणों का जीवन नरक से कम नहीं है। इधर शहर की बिजली व्यवस्था गड़बड़ा गई है। शुक्रवार को अघोषित बिजली कटों के साथ-साथ ट्रिपिंग भी हुई। जिसकी वजह से कई रेफ्रीजरेटर के कंप्रेशरों को नुक्सान पहुंचा।
अलविदा अंग्रेजी सिस्टम
डबवाली रेलवे प्लेटफार्म पर अब नहीं जलाया जाएगा अंग्रेजों का दीया, कलर लाईट सिस्टम होगा शुरू
डबवाली। भारत से अंग्रेजों को गए करीब 64 साल बीत गए हैं। इतना लम्बा समय बीतने के बाद आज भी देश उनकी दी हुई व्यवस्था पर निर्भर होकर आगे बढ़ता रहा है। लेकिन अब भारतीय रेल ने रेलवे में 'ब्रिटिश साम्राज्यÓ के प्रतीकों को खत्म करने की 'क्रांतिÓ छेड़ी हुई है। भारतीय रेल में अंग्रेजी सिस्टम को खत्म कर भारतीय और आधुनिक सिस्टम स्थापित किया जा रहा है।
देश में रेल व्यवस्था अंग्रेजों ने स्थापित की। अभी तक यही व्यवस्था चल रही है। प्लेटफार्म पर आ रही गाड़ी को रेड या ग्रीन सिग्नल देने के लिए केरोसीन का दीया जलाया जाता था। गाड़ी क्रॉस कराने के लिए लाईन क्लीरेंस जानना जरूरी था। इसके लिए टोकन सिस्टम भी लागू किया गया। जिससे कर्मचारियों को गाड़ी को प्लेटफार्म से निकालते-निकालते करीब 15 मिनट बेकार हो जाते थे। इतनी देर तक फाटक डाऊन रहता। यहीं नहीं गाड़ी मात्र 50 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ती। लेकिन अब भारतीय रेल महकमे ने दीये के सिग्नल से छुटकारा पाने के लिए कलर लाईट सिस्टम शुरू किया है। यह सिस्टम बठिंडा केबिन ए, बी से लेकर डबवाली, गांव बडिंगखेड़ा प्लेटफार्म तक स्थापित किया जा रहा है।
क्या होगा फायदा
स्टेशन मास्टर महेश सरीन ने बताया कि कलर लाईट सिस्टम से पूर्व लैम्प (दीया) सिस्टम लागू था और यह कार्य भी मैनूअल था। लेकिन अब यह सिस्टम हो जाने से स्टेशन मास्टर को उनके कार्यक्षेत्र में गाड़ी के प्रवेश करते ही जानकारी मिल जाएगी। स्टेशन मास्टर तुरंत गाड़ी को सुरक्षित लाईन पर डाल देगा। इस व्यवस्था से गाड़ी 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ेगी। लाईन क्लीरिंग में यहां करीब पंद्रह मिनट का समय लगता, वहीं अब मात्र तीन मिनट में प्लेटफार्म पर आई गाडिय़ों को उनके गंतव्य की ओर रवाना किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि कलर लाईट सिस्टम में रेलवे फाटक बंद होते एक तेज ध्वनि करेगा, ताकि लोगों को मालूम पड़ सके कि फाटक बंद हो रहा है।
सिस्टम को स्थापित कर रही एचबीएल पॉवर सिस्टमस लि. कंपनी के साईट मैनेजर जगजीत सिंह ने बताया कि रेलवे ने तीन करोड़ रूपए में कंपनी को बठिंडा-बीकानेर लाईन पर पड़ते रेलवे स्टेशन पर कलर लाईट सिस्टम स्थापित करने का ठेका दिया है। उनके अनुसार बठिंडा कैबिन ए, बी, गुरूसर सेहनेवाला, संगत, बगवाली, डबवाली तथा बडिंगखेड़ा में यह सिस्टम स्थापित होने में करीब छह माह लग जाएंगे।
मृत रवि जीवित हो उठा!
डबवाली (लहू की लौ) मृत घोषित कोई इंसान कभी घर लौट आए, ऐसा न कभी देखा है और न कभी सुना है। लेकिन गुरूवार को किलियांवाली का मृत घोषित रवि अचानक घर लौट आया। जबकि उसका शव मलोट के सरकारी अस्पताल में पड़ा था।
किलियांवाली पुलिस को गुरूवार सुबह मालवा बाईपास रोड़ पर एक 22 वर्षीय युवक का शव मिला। शव की पहचान के लिए पुलिस ने कई स्थानों पर संपर्क साधा। लेकिन अचानक किलियांवाली की कबीर बस्ती में रहने वाला वाला 75 साल का बृजलाल मौका पर पहुंचा और शव को अपने सीने से लगाकर फूट-फूटकर रो पड़ा और रोते-रोते उसने कहा कि यह उसका छोटा बेटा रवि है। बृजलाल ने रवि की मौत की सूचना अपने घर पर दी। जिस पर रवि का ताऊ टेकचंद, भाई राजू, विक्की, सोनू, चचेरा भाई शाम लाल उर्फ शामा के साथ गली के अन्य लोग भी मालवा बाईपास पर पहुंच गये और शव को देख कर रोने-चिल्लाने लगे।
रवि की मौत पर उसके घर पर सन्नाटा छा गया, दरियां बिछ गईं, गली के लोग संवेदनाएं प्रकट करने के लिए आने शुरू हो गए। गली के लोग रोते-बिलखते परिवार के लोगों को सांत्वना देने लगे। इधर रवि के पिता बृजलाल, ताऊ टेकचंद तथा भाई सोनू ने पुलिस को ब्यान दिया कि करीब दस साल पूर्व रवि के सिर में चोट आने के कारण वह मानसिक रूप से परेशान रहने लगा था। अब वह हलवाईयों के साथ समारोहों में जाकर तंदूर पर रोटी बनाने का काम कर रहा था। साथ में उसका इलाज भी चल रहा था। बुधवार शाम को करीब 6 बजे खाना खाने के बाद रवि घर से निकला था। लेकिन उसके बाद घर नहीं लौटा। किलियांवाली पुलिस ने उपरोक्त तीनों के ब्यान पर कागजी कार्रवाई पूरी करके संदेह प्रकट किया कि लू लगने के कारण रवि की मौत हुई होगी और शव को पोस्टमार्टम के लिए मलोट के सरकारी अस्पताल में लेजाया गया।
शव को अस्पताल के डैड हाऊस में पहुंचे तीन घंटे ही बीते होंगे कि रवि के भाई सोनू के मोबाइल की घंटी बज उठी। रवि की आवाज सुनकर सोनू सकपका गया। रवि ने बताया कि वह जीवित है, इस पर वहां उपस्थित परिजन कभी शव को देखते और कभी मोबाइल पर आई आवाज का आभास करते। बाद में शव के साथ गए रवि के परिजन पुलिस को यह कहकर लौट आए कि उनका बेटा तो जीवित है। वह घर लौट आया है।
किलियांवाली पुलिस चौकी प्रभारी एएसआई जीत सिंह ने बताया कि मृतक युवक की पहचान रवि के रूप में उसके परिजनों ने की थी। परिजनों की पहचान पर ही उन्होंने दफा 174 सीआरपीसी के तहत कार्रवाई करते हुए इस शव को पोस्टमार्टम के लिए मलोट के सरकारी अस्पताल में पहुंचाया था। लेकिन अब परिजन मृत युवक को अपना बताने से इंकार कर रहे हैं और अपने बेटे के घर आने का दावा जता रहे हैं।
मुझे मरा समझ लिया
मैं तो गुरूवार को अग्रवाल धर्मशाला में भोग समारोह में तंदूर पर रोटियां बना रहा था। मंगू हलवाई ने बताया कि वह जीवित यहां है और उसके परिजन घर पर उसकी मौत का मातम मना रहे हैं। वह तुरंत घर पहुंचा और उसने बताया कि वह जीवित है।
-रवि कुमार
फिर यह शव किसका
किलियांवाली चौकी प्रभारी जीत सिंह के अनुसार डॉक्टर की व्यस्तता के चलते उक्त शव के पोस्टमार्टम में देरी हुई। इससे पहले ही उसकी पहचान से पर्दा उठ गया। फिलहाल शव को मलोट के सरकारी अस्पताल के डैड हाऊस में पहचान के लिए रखा गया है। मृतक युवक का कद करीब 5 फुट 6 ईंच है, उम्र करीब 21-22 साल है। युवक ने डार्क ग्रे कलर की जींस पेंट, फरोजी कलर की शर्ट पहनी हुई है। उसके मुंह पर हल्की दाढ़ी है। दाईं बाजू पर अनिता लिखा हुआ है। पुलिस शव की पहचान के लिए प्रयासरत है।
सर्विस स्टेशनों पर लगाम कसने की तैयारी
डबवाली (लहू की लौ) शहर में पेयजल को लेकर बवाल मच रहा है। वहीं दूसरी ओर सर्विस स्टेशनों पर पानी व्यर्थ में बहाया जा रहा है। इसकी शिकायत मिलने पर उपमण्डलाधीश ने जनस्वास्थ्य विभाग को दिशा-निर्देश देते हुए व्यर्थ बहा रहे पानी को रोकने के उपाय करने के लिए कहा है।
उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल ने जनस्वास्थ्य विभाग के एसडीई को एक आदेश देकर कहा है कि शहर में इस समय गंभीर पेयजल संकट बना हुआ है। लोग पानी के लिए मारामारी कर रहे हैं। इसके विपरीत सर्विस स्टेशनों पर पानी फिजूल में बह रहा है। आदेश में कहा गया है कि विभाग अपनी ओर से शहर में चल रहे सर्विस स्टेशनों को नोटिस जारी करे। नोटिस के जरिए सर्विस स्टेशन संचालक को सचेत किया जाए कि वह पंद्रह दिन के भीतर अपने स्टेशन पर वाटर रिचार्जर लगवाए। साथ में पांच फुट चौड़ा, तीन फुट लम्बा तथा 5 फुट गहरा मेन होल बनाकर विभाग की अनुमति से सीवरेज कनेक्शन प्राप्त करने का भी आदेश दिया गया है। अगर तय समयावधि के भीतर उपरोक्त निर्देशों की पालना नहीं की जाती तो विभाग को सर्विस स्टेशन का पेयजल और सीवरेज कनेक्शन काटने के आदेश जारी किए गए हैं।
उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि नगर में बढ़ रही पेयजल किल्लत को ध्यान में रखते हुए प्रशासन द्वारा उपरोक्त आदेश दिए गए हैं। अगर पंद्रह दिनों के भीतर सर्विस स्टेशन का संचालक प्रशासन के निर्देशों की पालना नहीं करता तो उसका पेयजल तथा सीवरेज का कनेक्शन जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा काट दिया जाएगा। ऐसा पानी की बचत करने के उद्देश्य से किया गया है।
मारपीट, अपहरण, पुलिस सुरक्षा के बीच रजिस्टरी के बाद किसान लापता
डबवाली (लहू की लौ) गांव रामपुरा बिश्नोईयां के दो किसान मोहन लाल व बिहारी उर्फ भैरा राम के अपनी जमीन की रजिस्टरी करवाने के बाद अचानक गांव से गायब हो जाने का मामला गहरा गया है। हालांकि रजिस्टरी पुलिस सुरक्षा में करवाई गई थी।
गांव रामपुरा बिश्नोईयां के नंबरदार मोहन लाल ने 13 कैनाल 7 मरले और बिहारी उर्फ भैरा ने अपनी 3 एकड़ जमीन कमल सैनी निवासी माधोसिंघाना को 37 लाख रूपए में बेच दी थी। लेकिन 17 जून को तहसील परिसर में इन जमीनों की रजिस्टरी को लेकर विवाद खड़ा हो गया। कुछ लोग एक गाड़ी में मोहन लाल को जबरन उठा ले गए थे। इसके बाद 21 जून को पुलिस सुरक्षा के बीच दोनों ने कमल सैनी के नाम तहसील में रजिस्टरी करवा दी। उसी दिन से मोहन लाल तथा बिहारी लाल उर्फ भैरा राम रहस्यमय ढंग से गायब से गायब हैं। बताया जाता है कि भैरा राम भी इसी दिन से अपने पत्नी गोमती, दो बच्चों मांगी तथा नेत्रहीन अमर के साथ गांव चला गया है।
17 जून को मोहन लाल तथा भैरा राम के साथ रजिस्टरी करवाने के लिए आए गांव रामपुरा बिश्नोईयां के साधु राम ने बताया कि पूर्व सरपंच सोहन लाल तथा उसके साथी उन्हें रजिस्टरी होने के बाद से धमकियां दे रहे हैं। इन धमकियों के चलते ही मोहन लाल तथा भैरा राम गांव छोड़कर चले गए हैं।
मोहन लाल के भाई मक्खन लाल निवासी रामपुरा बिश्नोईयां ने बताया कि उसका भाई उसके साथ रहता था। लेकिन अब वह गांव से गायब है। उसके भाई मोहन लाल ने उसके सामने गांव के पूर्व सरपंच सोहन लाल के भतीजे पिरथी सिंह से अपनी जमीन का इकरारनामा 10 लाख रूपए में किया था। मौके पर ही उन्होंने 9 लाख रूपए मोहन को दे दिए थे। लेकिन अब उनके गांव के साधु राम ने उसके भाई पर दबाव डालकर रजिस्टरी किसी ओर के नाम करवा दी। तभी से उसका भाई गायब है। मक्खन सिंह ने बताया कि वे अपने भाई से मोबाइल पर संपर्क करने का प्रयास कर रहा है। लेकिन संपर्क नहीं हो पा रहा।
पूर्व सरपंच सोहन लाल ने बताया कि उस पर लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं। पूर्व सरपंच के अनुसार मोहन लाल नंबरदार ने अपनी जमीन उसके भतीजे पिरथी सिंह को बेच दी थी। जिसकी एवज में उसने 9 लाख रूपए लिए थे। एक लाख रूपए की राशि रजिस्टरी के समय देनी तय थी। लेकिन गांव के साधु राम बगैरा के बहकावे में आकर मोहन लाल ने इकरारनामा के विपरीत किसी ओर के नाम रजिस्टरी करवा दी। उसके अनुसार इकरारनामा उसके पास है।
डीएसपी बाबू लाल ने बताया कि रामपुरा बिश्नोईयां से उपरोक्त दोनों के गायब होने संबंधी पुलिस के पास कोई सूचना नहीं है। न ही किसी ने इस संदर्भ में पुलिस से शिकायत की है। उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि एएसपी के माध्यम से एक शिकायत उनके पास आई है। जिसमें मोहन लाल बगैरा ने जिक्र किया है कि रजिस्टरी के समय तहसील परिसर में कुछ लोगों ने उनसे मारपीट की और बाद में उसका अपहरण करके ले गए। उनके अनुसार इसकी जांच चल रही है।
23 जून 2011
बस चालकों का होगा 'टैस्टÓ
डबवाली। बढ़ते क्राईम पर रोक लगाने के साथ-साथ अब जिला सिरसा पुलिस सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लगाने के लिए बसों के चालकों को चैक करेगी। विशेषत: स्कूल तथा राज्य परिवहन की बसों के चालकों को फोकस करेगी। इस संबंध में एसपी सतिंद्र गुप्ता ने जिला के सभी थानों तथा पुलिस चौकियों को आदेश जारी किया है। ये आदेश अप्रैल 2011 में प्रदेश के जिला यमुनानगर में हुए एक भयानक सड़क हादसे को ध्यान में रखते हुए जारी किए गए हैं। एसपी ने जिला के सभी थानों तथा चौकी प्रभारियों को एक माह तक अपने क्षेत्र में विशेष अभियान चलाकर शिक्षण संस्थान, राज्य परिवहन की बसों के चालकों के साथ-साथ अन्य बसों के चालकों को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा निमित कुमार मामलों में दी गई हिदायतों की पालना कराने के लिए कहा है। साथ में राज्य परिवहन की बस का चालक नियमों पर खरा न उतरने की स्थिति में रोड़वेज के संबंधित महाप्रबंधक को जानकारी देने के आदेश दिए गए हैं। जिला पुलिस 15 जुलाई 2011 तक बस चालकों का टैस्ट लेगी।
बस चालक और परिचालक के वर्दी पहनी है। वर्दी पर उनकी नेम प्लेट लगी है। बस चालक के पास पांच वर्ष का अनुभव है। चालक निर्धारित लाईसेंस ऑथोरिटी से मान्यता प्राप्त है। परिचालक के पास नियम 29एमवी एक्ट के तहत लाईसेंस है। चालक ने निर्धारित दो वर्षीय रिफ्रेशर कोर्स किया है।
इसकी पुष्टि करते हुए जिला के कार्यकारी पुलिस कप्तान प्रवीण मैहता (एडीशनल एसपी) ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं के दृष्टिगत बस चालकों को चैक करने के आदेश सभी थानों तथा चौकी प्रभारियों के नाम जारी किए गए हैं। यह विशेष अभियान एक माह तक जारी रहेगा। सभी थाना तथा चौकी प्रभारियों को 15 जुलाई तक रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है।
यमुनानगर हादसे के बाद हरकत में पुलिस
28 अप्रैल 2011 को प्रदेश के जिला यमुनानगर में एक बड़ा सड़क हादसा घटित हुआ था। जिसमें कॉलेज के विद्यार्थियों को लेकर जा रही एक बस ट्रक से टकरा गई थी। हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई थी। जांच में पाया गया था कि बस चालक सामने आ रहे ट्रक की स्पीड का सही आंकलन नहीं कर पाया। बस को ओवरटेक कराने के प्रयास में हादसा घटित हुआ था। पुलिस ने जांच के दौरान यह भी पाया कि बस का चालक दो माह पहले ही नियुक्त हुआ था। इससे पूर्व वह इलेक्ट्रीशियन का कार्य करता था। वह मूल रूप से यमुनानगर के गांव रादौर का रहने वाला था। लेकिन उसका ड्राईविंग लाईसेंस उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से बना हुआ था। इसी मामले से हरियाणा पुलिस को यह भी पता चला कि प्रदेश में काफी चालकों ने दूसरे राज्यों से लाईसेंस प्राप्त किया हुआ है। चूंकि हरियाणा के अतिरिक्त अन्य प्रदेशों से यह आसानी से प्राप्त हो जाता है।
क्या है नियम : एमवी एक्ट 1988 की उप धारा (1) दफा-9 के तहत लाईसेंस प्राप्त करने वाला व्यक्ति उस इलाके का रहने वाला होना चाहिए। वहां अपना कारोबार चलाता हो या उसने किसी ट्रेनिंग स्कूल से प्रशिक्षण लिया होना जरूरी है।
22 जून 2011
ससुराल आए व्यक्ति की मौत पर बवाल
डबवाली (लहू की लौ) गांव डबवाली में ससुराल आए एक नाथ की मौत पर बवाल खड़ा हो गया है। पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।
सिरसा निवासी सुखदेव नाथ ने बताया कि उसका चचेरा भाई बलदेव नाथ पुत्र लेखनाथ सोमवार रात को अपने ससुराल गांव डबवाली में आया हुआ था। लेकिन मंगलवार दोपहर करीब 12 बजे किसी ने उन्हें सूचना दी कि बलदेव नाथ मृत अवस्था में पड़ा हुआ है। वह मौके पर पहुंचे और उन्होंने देखा कि उसका भाई नाथों के डेरा के नजदीक कीकर के वृक्ष के पास पड़ा हुआ है। उसने शंका प्रकट की कि उसके भाई की हत्या की गई है। उसके सिर, रीढ़ की हड्डी, गर्दन, नाक आदि पर चोट के निशान हैं।
मृतक के भाई बन्ना नाथ निवासी सिरसा ने बताया कि उसके भाई के सिर पर गंदाली के निशान हैं और उसकी खोपड़ी भी बाहर को निकली हुई थी। उसके भी संदेह है कि उसके भाई की उसकी भाभी सुरती, सास टरिया बाई, साले बाजार नाथ और अंग्रेज नाथ ने हत्या की है। उसने हत्या की वजह बताते हुए कहा कि उसका भाई अपनी पत्नी सुरती को अक्सर बुरे काम करने से रोकता था। उसने आरोप लगाया कि सुरती देवी अक्सर मायके में ही रहती थी।
थाना शहर प्रभारी एसआई महावीर सिंह ने बताया कि मृतक की बहन तथा बाजार नाथ की पत्नी शिमला बाई के ब्यान पर 174 सीआरपीसी के तहत कार्रवाई अमल में लाई गई है। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद ही अगली कार्रवाई की जाएगी।
मारपीट, अपहरण के बाद मंगलवार को हुई रजिस्टरी
डबवाली (लहू की लौ) तहसील परिसर में जमीन की रजिस्टरी करवाने आए गांव रामपुरा बिश्नोईयां के दो लोगों से कुछ व्यक्तियों ने मारपीट की। मौका पर पहुंची पुलिस को देखकर मारपीट करने वाले फरार हो गए। बाद में पुलिस सुरक्षा के बीच जमीन की रजिस्टरी हुई।
गांव रामपुरा बिश्नोईयां के मोहन सिंह नंबरदार और भेरू राम ने गांव माधोसिंघाना के कमल सैनी को अपनी 24 कैनाल जमीन बेचने का इकरारनामा किया था। इसी के तहत 17 जून को रजिस्टरी करवाने के लिए खरीददार और विक्रेता तहसील में आए हुए थे। लेकिन गांव के कुछ लोग इस रजिस्टरी को लेकर खफा थे। उन्होंने जमीन बेचने वालों पर अचानक हमला कर दिया। जिसमें भैरू राम मौका से भागने में सफल हो गया। जबकि मोहन सिंह उनके हाथ आ गया।
मोहन लाल ने बताया कि उस दिन आरोपी उसका अपहरण करके उसे पहले चौटाला ले गए और फिर चौटाला से तीन किलोमीटर दूर अपनी ढाणी में ले गए और बाद में उसे छोड़ दिया। इसी के बाद उसका साथी भेरू राम, कमल सैनी और भेरू राम का साला पृथ्वी राम एसपी सिरसा को मिले। एसपी ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी सुनवाई होगी। इसी आधार पर मंगलवार को वे लोग रजिस्टरी करवाने के लिए तहसील में आए। लेकिन आज भी गांव के पूर्व सरपंच सोहन लाल बगैरा ने उनसे मारपीट की। लेकिन इसकी सूचना पुलिस को दिए जाने पर मौका पर पहुंची पुलिस को देखकर आरोपी फरार हो गए।
मौका पर उपस्थित थाना शहर प्रभारी एसआई महावीर सिंह ने बताया कि वे सूचना पाकर तहसील कार्यालय में पहुंचे थे। उन्होंने भेरू राम और मोहन लाल को सुरक्षा प्रदान की। पुलिस सुरक्षा में रजिस्टरी का काम पूरा हो गया।
इधर तहसीलदार राजेंद्र सिंह ने रजिस्टरी होने की पुष्टि की है।
रूठों को मनाने का चांस
कालांवाली (नरेश सिंगला) पालिका प्रधान व उपप्रधान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए रखी गई बैठक बिना किसी निर्णय के समाप्त हुई। प्रशासन का कहना था कि अविश्वास प्रस्ताव के लिए अभी एक माह का समय बाकी है। इस अवधि में रूठों को मनाने के लिए प्रधान को एक माह का गोल्डन चांस मिला है। हालंाकि पालिका प्रधान राजीव गर्ग ने 20 जून क ो ही अपने पद से त्याग पत्र दे दिया था। पालिका प्रधान से असंतुष्ट चल रहे 11 नगर पार्षदों नेे पालिका प्रधान की कार्यप्रणाली से नाराज होकर उपायुक्त सिरसा को शपथ पत्र देकर अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग की थी। उपायुक्त ने इसके लिए उपमण्डलाधीश रोशन लाल की डयूटी लगाते हुए 21 जून की तिथि निर्धारित की थी। मंगलवार को इस मामले को लेकर पालिका कार्यालय में प्रात: से ही गहमा-गहमी शुरू हो गई थी। इस अवसर पर थाना प्रभारी विक्रम नेहरा के नेतृत्व मे भारी पुलिस बल तैनात था। प्रशासन द्वारा रखी गई इस बैठक में इनेलो समर्थित पार्षदो ने बहिष्कार किया। वहीं कंाग्रेसी पार्षदो में भाग लेने वालों में वार्ड 2 की पार्षद रानी देवी, पांच के कालू लुहानी, छह के वेद प्रकाश, 12 के जगसीर सिंह, 13 के भूरा सिंह सहित इनेलो समर्थित वार्ड नं. 11 के राजेश कुमार शामिल थे। बैठक मे पहुंचे उपमण्डलाधीश रोशन लाल ने बैठक मे उपस्थित पार्षदों से बातचीत कर बैठक को समाप्त घोषित किया व अविश्वास प्रस्तावके लिए नियमानुसार एक वर्ष का समय पूरा न होने की बात कही।
बाद में पत्रकारों को जानकारी देते हुए उपमण्डलाधीश रोशन लाल ने बताया की नियमानुसार पद ग्रहण के बाद एक साल से पूर्व अविश्वास प्रस्ताव नही लाया जा सकता। जबकि प्रधान के कार्यकाल को एक साल पूरा होने मे लगभग एक महीना बाकी है।
नियमानुसार पालिका प्रधान राजीव गर्ग को अपने पद पर रहने के लिए एक सुनहरी मौका मिला है। एक सप्ताह के भीतर इस्तीफा वापिस लेते है या नहीं यह देखने वाली बात है।
लोगो मे आज दिन भर यह चर्चा बनी रही की जब एक वर्ष से पूर्व अविश्वास प्रस्ताव नही लाया जा सकता है, तो उपायुक्त सिरसा ने असंतुष्ट पार्षदों के शपथ पत्र लेकर अविश्वास प्रस्ताव के लिए तिथि क्यों निर्धारित की
उन्होंने पार्टी हाईकमान के आदेश पर अपने पद से इस्तीफा दिया था, आगे भी हाईकमान जो आदेश देगी वह उसे मंजूर होगा। -राजीव गर्ग, अध्यक्ष नपा कालांवाली
प्रदेश में दलितों पर बढ़ रहे अत्याचारों के विरोध में दलितों ने निकाला मौन रोष मार्च
डबवाली (लहू की लौ) हिसार में वाल्मीकियों पर पुलिस लाठीचार्ज के विरोध में मंगलवार को डबवाली के दलितों ने भारतीय वाल्मीकि समाज बचाओ संघर्ष समिति के नेतृत्व में मंगलवार को मौन जुलूस निकाला। तहसीलदार को राज्यपाल हरियाणा के नाम ज्ञापन भी सौंपा।
इससे पूर्व दलित न्यू बस स्टैण्ड रोड़ पर स्थित वाल्मीकि मंदिर में इक्ट्ठे हुए। बैठक के बाद हाथों में दलित समाज पर अत्याचार के संदर्भ में सलोगन लिखित तख्तियां उठाए ये लोग बस स्टैण्ड, चौटाला रोड़, बिश्नोई मंदिर मार्किट से होते हुए उपमण्डलाधीश कार्यालय पर पहुंचे। इस दौरान समाज के लोगों ने मौन धारण किया हुआ था। मौन रखकर इन लोगों ने सरकार का विरोध जताया।
प्रदर्शन का नेतृत्व अखिल वाल्मीकि समाज न्याय मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश गोगा, संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष साहब राम, राजकुमार, गोपाल बिट्टू, शिव कुमार खाराखेड़ा, जसवंत, श्योपत आदि कर रहे थे। सुरेश गोगा ने कहा कि हरियाणा में दलित समाज पर आए दिन अत्याचार हो रहे हैं। कभी दुलीना काण्ड, कभी गोहाना अग्निकांड, गोहाना में लारा हत्याकांड, मिर्चपुर में आगजनी एवं हत्याकांड, बणी में मुखराम हत्याकांड, कर्म सिंह एवं चमेल सिंह हत्याकांड इसके मुख्य उदाहरण हैं। गोगा के अनुसार हिसार में मिर्चपुर काण्ड के पीडि़त परिवारों पर लाठीचार्ज व सिरसा में दलित समाज के लोगों पर झूठे मुकद्दमें बनाकर सरकार और हरियाणा पुलिस उनकी आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है। जिसे दलित समाज कभी सहन नहीं करेगा।
उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल की अनुपस्थिति में दलित समाज ने अपनी मांगों के समर्थन में तहसीलदार राजेंद्र सिंह को ज्ञापन सौंपा।
पुलिस रही चौकस
दलित समाज के प्रदर्शन के मद्देनजर पुलिस प्रशासन चौकस रहा। वाल्मीकि मंदिर से प्रारंभ हुए प्रदर्शन के साथ-साथ पुलिस पीसीआर चल रही थीं। किसी भी अप्रिय घटना से निबटने के लिए उपमण्डलाधीश कार्यालय में थाना शहर प्रभारी एसआई महावीर सिंह, थाना सदर प्रभारी एसआई रतन सिंह अपने दलबल सहित मोर्चा संभाले हुए थे।
......मैं तो साहब बन गया
शराबी बीपीएल सर्वेयर पार्षद के घर में घुसा, छित्तर-परेड़
डबवाली (लहू की लौ) साला, मैं तो साहब बन गया। ये बूट मेरा देखो, ये सूट मेरा देखो। जैसे छोरा कोई लंदन का। लालपरी की धुन में कुछ यही गुनगुनाता एक बीपीएल कार्ड सर्वेयर मंगलवार को वार्ड नं. 14 के पार्षद के निवास स्थान में घुस गया और आराम से सोफे पर जा लेटा। मौका पर पहुंचे पार्षद ने सर्वेयर की छित्तर-परेड़ करते हुए उसे पुलिस को सौंप दिया।
नगरपालिका डबवाली क्षेत्र में सिरसा साक्षरता मिशन की ओर से बीपीएल कार्डों की जांच का कार्य 17 जून से शुरू किया गया है। यह कार्य 24 जून तक चलना है। यह कार्य वार्डों में डिपू होल्डर की सहायता से किया जा रहा है। मंगलवार को वार्ड नं. 11 से लेकर 15 में सर्वे का कार्य आरंभ हुआ। वार्ड नं. 14 में फोटोग्राफी (सर्वे) के लिए दारा सिंह नामक युवक की डयूटी थी। उसके साथ इसी वार्ड से संबंधित डिपू होल्डर जसवंत सिंह भी था। वार्ड नं. 14 के पार्षद विनोद बांसल ने बताया कि उसके पास डिपू होल्डर का फोन आया कि फोटोग्राफी कर रहे युवक ने शराब पी हुई है और सर्वे के दौरान उसका रवैया ठीक नहीं है। इसकी जानकारी पाकर वह अपने घर आया। जसवंत घर के बाहर खड़ा था। लेकिन दारा उसके घर के सदस्यों से बिना पूछे घर के अंदर घुस गया और आराम से सोफे पर जाकर सोया हुआ था। बिना अनुमति के घर में घुसने के बारे में पूछने पर शराब के नशे में धुत्त दारा दुव्र्यवहार पर उतर आया। इसी दौरान गली के लोग भी इक्ट्ठे हो गए और फोटोग्राफर की धुनाई कर डाली।
छित्तर परेड़ के बाद गली के लोग शराबी बीपीएल कार्ड सर्वेयर को पकड़कर खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के कार्यालय में ले आए और कार्रवाई की मांग की। लेकिन विभाग के इंस्पेक्टर अरविंद पूनियां ने कहा कि वे इसके खिलाफ कार्रवाई करने में अक्षम हैं। चूंकि सर्वे साक्षरता मिशन के तहत हो रहा है और मिशन ने ही इसे रखा है।
सूचना पाकर मौका पर पहुंचे जिला साक्षरता मिशन के सचिव सुखविंद्र सिंह ने कार्रवाई करते हुए इस सर्वेयर को तुरंत सर्वे से हटा दिया। वार्ड पार्षद ने शराबी सर्वेयर को मौका पर पहुंचे थाना शहर पुलिस के एएसआई हंसराज को सौंप दिया।
--दोस्त ने पीला दी माफ कर दो
--आज ही किसी दोस्त ने पीला दी। गलती हो गई, माफी मांग रहा हूं। मुझे माफ कर दो। आईंदा से शराब पीकर डयूटी नहीं करूंगा। -दारा फोटोग्राफर (सर्वेयर), गांव आनंदगढ़
--साक्षरता मिशन में शराबियों का कोई काम नहीं। दारा को केवल फोटोग्राफी सर्वे से ही नहीं। बल्कि मिशन से ही निकाल दिया गया है।
-सुखविंद्र सिंह, सचिव सिरसा साक्षरता मिशन
--लिखित रूप में शराब के नशे में धुत्त दारा ने माफी मांग ली और मुद्दई ने उसे माफ कर दिया। दोनों पक्षों में राजीनामा होने के बाद यह मामला थाना में निबट गया।
-एसआई महावीर सिंह, थाना शहर प्रभारी
चौबीस घंटे में एक घंटा मिलेगी बिजली!
डबवाली (लहू की लौ) म्हारा हरियाणा गांवों का प्रदेश है। राज्य की एक तिहाई आबादी गांवों में बसती है। लेकिन प्रदेश के ग्रामीण आंचल में बसे लोग ही मूलभूत सुविधाओं से मोहताज चले आ रहे हैं। सुविधाओं में से एक है बिजली। कुछ गांवों में बिजली पहुंची है, तो कुछ में नहीं। लेकिन जिन गांवों में बिजली पहुंची है, उनकी हालत आज भी दयनीय है। चूंकि चौबीस घंटे के भीतर ग्रामीणों को कुछ देर ही बिजली मिलती है। इधर बिजली आपूर्ति की समयावधि बढ़ाने के लिए बिजली निगम के मण्डल अभियंता द्वारा लिखे गए एक पत्र को दरकिनार करते हुए निगम के उच्च अधिकारियों ने जवाब भेजा है कि ग्रामीण आंचल में जैसे बिजली दी जा रही है, वैसे ही बिजली की आपूर्ति होती रहे, शैड्यूल से कोई छेड़छाड़ न की जाए।
दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के तहत आने वाले गांवों को मुश्किल से एक-आध घंटा बिजली मिल रही है। ग्रामीण आंचल में बसे लोगों को बिजली न मिलने के कारण पानी की भारी दिक्कत आ रही है। ग्रामीण घने अंधेरे में खाना खाने को मजबूर हैं। बच्चे दीए की रोशनी में पढऩे को बाध्य हैं। बार-बार बिजली निगम के अधिकारियों का कुंडा खटखटाने के बावजूद ग्रामीणों को कहीं भी आशा की किरण नजर नहीं आ रही। निगम के डबवाली मण्डल में पडऩे वाले गांवों में चार घंटे बिजली मुहैया करवाने के लिए ग्रामीणों की मांग पर मण्डल अभियंता ने एक पत्र भी निगम के उच्च अधिकारियों को लिखा था। मण्डल अभियंता के पत्र से ग्रामीण आंचल के लोगों को कुछ उम्मीद अवश्य बंधी थी। लेकिन यह उम्मीद पत्र के बदले आए उच्च अधिकारियों के साफ इंकार से धराशाई हो गई।
दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम मण्डल डबवाली के अभियंता बीके रंजन ने बताया कि मण्डल डबवाली के अंतर्गत पडऩे वाले गांवों के लोगों की प्रतिदिन चार घंटे बिजली देने की मांग पर उन्होंने एसई (सिस्टम ऑपरेशन) को एक पत्र लिखा था। लेकिन बिजली की कमी के कारण उन्होंने इस मांग को ठुकरा दिया। अब वे दोबारा फिर पत्र लिखकर उनसे गांवों में बिजली आपूर्ति की समयावधि बढ़ाने की मांग करेंगे।
'साड़े पिंडा विच आऊन वालियां बिजली दियां तारा वड़ देओÓ
डबवाली (लहू की लौ) बिजली निगम ने साड़े नाल धोखा किता है। साड़े पासे बिजलीघर बनना सी। ऐस नाल साड़े पिंडा दी बिजली च वादा हो जांदा। बिजली आलेयां ने ऐह बिजलीघर होर किते बनोन दा फैसला लिता है। हुण साड़े पिंडा विच निगम दे शैड्यूल मुताबिक भी बिजली नी मिलदी। जे तुसीं सानूं बंदे नी समझदे तां साड़े पिंडा विच आऊन वालियां बिजली दियां तारा वड़ देओ।
ये शब्द हैं मसीतां, अलीकां, मौजगढ़ तथा गोबिंदगढ़ गांव के लोगों के। उपरोक्त गांवों के लोगों ने सोमवार को दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के मण्डल अभियंता बीके रंजन से मिलकर उन्हें अपना दुखड़ा सुनाया। गांव मसीतां के सरपंच शिवराज सिंह, पूर्व सरपंच मनजीत सिंह दलेह, सर्वजीत सिंह, दर्शन सिंह, कुलवंत सिंह, करनैल सिंह, भिन्द्र सिंह, हैप्पी सिंह, गांव अलीकां के बलकौर सिंह, जसविंद्र सिंह, कुलदीप सिंह, नैब सिंह, राजेंद्र सिंह, गोबिंदगढ़ के धर्म सिंह, पप्पू सिंह, नरेश कुमार, बनवारी लाल, गांव मौजगढ़ के देवीलाल, जसवंत सिंह, राईट सिंह, पवन कुमार आदि ने मण्डल अभियंता को बताया कि करीब चार साल पूर्व गांव मसीतां की पंचायत ने एक प्रस्ताव पारित करके गांव में 33केवी बिजलीघर के लिए बिजली निगम को जमीन उपलब्ध कराने का फैसला लिया था। इस जमीन पर बिजलीघर स्थापित होने से आस-पास के गांवों को निर्बाध रूप से बिजली आपूर्ति होती। इन लोगों ने बताया कि गांव गंगा स्थित बिजली घर को जाने वाली केबल गांव मसीतां से होकर गुजरती है। ऐसी हालत में अगर गांव मसीतां में बिजलीघर बनता है तो निगम को कम खर्चा उठाना पड़ेगा। लेकिन निगम अधिकारियों ने इस बात को दरकिनार करते हुए यह बिजलीघर कहीं ओर ट्रांसफर कर दिया। उनकी तीन साल की मेहनत पर पानी फेर दिया। यहां तक की वर्तमान समय में उनके गांवों तथा टयूब्बैलों को होने वाली बिजली आपूर्ति भी शैड्यूल अनुसार नहीं की जा रही।
ग्रामीणों ने बताया कि घरों में मात्र एक घंटा तथा टयूब्बैलों को मात्र चार घंटे बिजली दी जा रही है। लेकिन इस आपूर्ति में कई दफा कट लगाए जा रहे हैं। गर्मी अत्याधिक होने की वजह से खेतों में लगी फसल भी जल रही है। बिजली न होने की वजह से गांव में पेयजल संकट गहरा गया है। ट्रालियों तथा कैंटरों की मदद से अपने घरों पानी लाकर ग्रामीण सूखे गले तर कर रहे हैं। गुस्साए ग्रामीणों ने मण्डल अभियंता को चेतावनी दे डाली कि अगर बिजली निगम नारेबाजी और प्रदर्शन से जागता है, तो गांवों के सैंकड़ों लोग बिजली निगम कार्यालय में जमा होकर बिजली निगम अधिकारियों का विरोध जताएंगे।
आक्रोशित ग्रामीणों को समझाते हुए दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम मण्डल डबवाली के अभियंता बीके रंजन ने कहा कि गांव मसीतां में 33केवी बिजलीघर का निर्माण हो इसके लिए उनकी ओर से प्रक्रिया जारी है। यहां तक शैड्यूल अनुसार बिजली आपूर्ति का सवाल है, उनके गांवों में पड़ते टयूब्बैल कनेक्शनों को प्रतिदिन छह घंटे बिजली दी जाएगी। उन्होंने ग्रामीणों को आश्वस्त कराया कि 132केवी बिजलीघर डबवाली पर ओवर लोड़ कम करने के उद्देश्य से गांव मांगेआना को 33केवी देसूजोधा से जोड़ा जा रहा है। ऐसा होने के बाद बिजली आपूर्ति में सुधार होना संभव है।
19 जून 2011
नशे के खिलाफ महिलाएं एकजुट, शराब ठेका न खुलने देने पर अडिग
डबवाली (लहू की लौ) पति को शराब से दूर रखने के लिए गांव सावंतखेड़ा में महिलाओं ने मोर्चा खोल दिया है। शनिवार को महिलाओं ने एक धार्मिक स्थल में बैठक की। बैठक के बाद महिलाओं ने प्रशासन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने कहा कि वे किसी भी कीमत पर गांव में ठेका नहीं खुलने देंगी।
आबकारी एवं कराधान विभाग द्वारा गांव की पंचायत के विरोध के बावजूद भी गांव में शराब का प्रस्तावित ठेका खोले जाने से ग्रामीणों में गहरा रोष व्याप्त है। इस संदर्भ में गांव की महिलाएं तीन दिन पूर्व शराब ठेकेदार के करिंदों के साथ भिड़ चुकी हैं। महिलाओं ने उस समय एक मोबाइल शराब ठेका पर हमला करके शराब की बोतलें तोड़ दी थी। आरोप है कि इस कार्रवाई के बावजूद भी आबकारी एवं कराधान विभाग के सहयोग से ठेकेदार गांव में ठेका खोलने के लिए अड़ा हुआ है। गांव के प्रभावशाली लोगों को नियंत्रण में करके शराब ठेकेदार ठेका खोलने के प्रयास में जुटे होने की सूचना पाकर शनिवार को गांव के बाबा रामदेव मंदिर में सैंकड़ों महिलाएं जमा हो गई। इस संदर्भ में बैठक से पूर्व मंदिर से महिलाओं को एकत्रित होने की सूचना भी दी गई। बैठक में आबाकारी एवं कराधान विभाग पर ठेकेदार की मदद करने का आरोप लगाया गया। महिलाओं ने यह भी आरोप लगाया कि ठेकेदार गांव में कभी कहीं और कभी कहीं मोबाइल शराब ठेका खोलकर शराब के ठेके का विरोध करने वाली महिलाओं को उत्तेजित कर रहा है। गांव के प्रभावशाली व्यक्तियों पर दबाव भी बना रहा है कि उसे गांव में ठेका खोलने की अनुमति किसी प्रकार मिल जाए। महिलाओं ने हैरानी प्रकट की कि जब गांव की पंचायत ने प्रस्ताव पारित करके शराब का ठेका न खोले जाने की मांग की है, तो इसके बावजूद भी प्रशासन उनके गांव में शराब का ठेका क्यों खोलना चाहता है? बैठक में भारी संख्या में उपस्थित महिलाओं ने मौखिक तौर पर गांव में ठेका न खुलने देने का प्रस्ताव पारित किया। प्रशासन के एकतरफा रवैये को देखते हुए महिलाओं ने नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया।
गांव सावंतखेड़ा निवासी पार्वती देवी, राज रानी, सुलोचना देवी, माया देवी, अमरजीत कौर, सरोज रानी, छिन्द्रपाल कौर, गोमती देवी, मोहनी देवी, बिमला देवी, कैलाश रानी, शकुंतला देवी, सीता देवी, शांति देवी, कमला देवी, कमलेश्वरी, कुलवंत कौर, वीरपाल कौर ने कहा कि अधिकांश अपराधों के पीछे नशा ही है। अगर गांव में शराब का ठेका खुलता है तो गांव के मर्द शराब पीकर एक-दूसरे से झगड़ा तो करेंगे ही और दूसरा बहू-बेटियों से भी झगड़ेंगे। जिसके परिणाम गंभीर होंगे। गांव का पैसा बिना किसी वजह के अदालतों में पैरवियों पर खर्च होगा। उन्होंने कहा कि अपराध की जड़ को अगर पहले ही समाप्त कर दिया जाए, तो इससे गांव का पैसा बचेगा और गांव में रहने वाले परिवार भी शांति से रहकर खुशहाल होंगे। गांव के सरपंच रणजीत सिंह सावंतखेड़ा ने कहा कि पंचायत ने पंचायत ने गांव में शराब का ठेका होने से पूर्व भी गांव में ठेका न खोले जाने के संबंध में प्रस्ताव पारित करके उपायुक्त को भेजा था। गांव के लोग अगर शराब का ठेका नहीं चाहेंगे तो पंचायत भी किसी भी कीमत पर गांव में ठेका नहीं खोलने देगी। महिलाओं ने कहा कि अगर उनकी मांग को प्रशासन ने नजरअंदाज किया तो वे नेशनल हाईवे जाम करने को बाध्य होंगी।
उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल ने कहा कि डीईटीसी को निर्देश दिए गए हैं कि वे गांव के माहौल को देखे और संबंधित शराब ठेकेदार को वहां शराब बेचने से रोके। लोगों को शराब के ठेके से किसी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिए।
आबकारी एवं कराधान विभाग द्वारा गांव की पंचायत के विरोध के बावजूद भी गांव में शराब का प्रस्तावित ठेका खोले जाने से ग्रामीणों में गहरा रोष व्याप्त है। इस संदर्भ में गांव की महिलाएं तीन दिन पूर्व शराब ठेकेदार के करिंदों के साथ भिड़ चुकी हैं। महिलाओं ने उस समय एक मोबाइल शराब ठेका पर हमला करके शराब की बोतलें तोड़ दी थी। आरोप है कि इस कार्रवाई के बावजूद भी आबकारी एवं कराधान विभाग के सहयोग से ठेकेदार गांव में ठेका खोलने के लिए अड़ा हुआ है। गांव के प्रभावशाली लोगों को नियंत्रण में करके शराब ठेकेदार ठेका खोलने के प्रयास में जुटे होने की सूचना पाकर शनिवार को गांव के बाबा रामदेव मंदिर में सैंकड़ों महिलाएं जमा हो गई। इस संदर्भ में बैठक से पूर्व मंदिर से महिलाओं को एकत्रित होने की सूचना भी दी गई। बैठक में आबाकारी एवं कराधान विभाग पर ठेकेदार की मदद करने का आरोप लगाया गया। महिलाओं ने यह भी आरोप लगाया कि ठेकेदार गांव में कभी कहीं और कभी कहीं मोबाइल शराब ठेका खोलकर शराब के ठेके का विरोध करने वाली महिलाओं को उत्तेजित कर रहा है। गांव के प्रभावशाली व्यक्तियों पर दबाव भी बना रहा है कि उसे गांव में ठेका खोलने की अनुमति किसी प्रकार मिल जाए। महिलाओं ने हैरानी प्रकट की कि जब गांव की पंचायत ने प्रस्ताव पारित करके शराब का ठेका न खोले जाने की मांग की है, तो इसके बावजूद भी प्रशासन उनके गांव में शराब का ठेका क्यों खोलना चाहता है? बैठक में भारी संख्या में उपस्थित महिलाओं ने मौखिक तौर पर गांव में ठेका न खुलने देने का प्रस्ताव पारित किया। प्रशासन के एकतरफा रवैये को देखते हुए महिलाओं ने नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया।
गांव सावंतखेड़ा निवासी पार्वती देवी, राज रानी, सुलोचना देवी, माया देवी, अमरजीत कौर, सरोज रानी, छिन्द्रपाल कौर, गोमती देवी, मोहनी देवी, बिमला देवी, कैलाश रानी, शकुंतला देवी, सीता देवी, शांति देवी, कमला देवी, कमलेश्वरी, कुलवंत कौर, वीरपाल कौर ने कहा कि अधिकांश अपराधों के पीछे नशा ही है। अगर गांव में शराब का ठेका खुलता है तो गांव के मर्द शराब पीकर एक-दूसरे से झगड़ा तो करेंगे ही और दूसरा बहू-बेटियों से भी झगड़ेंगे। जिसके परिणाम गंभीर होंगे। गांव का पैसा बिना किसी वजह के अदालतों में पैरवियों पर खर्च होगा। उन्होंने कहा कि अपराध की जड़ को अगर पहले ही समाप्त कर दिया जाए, तो इससे गांव का पैसा बचेगा और गांव में रहने वाले परिवार भी शांति से रहकर खुशहाल होंगे। गांव के सरपंच रणजीत सिंह सावंतखेड़ा ने कहा कि पंचायत ने पंचायत ने गांव में शराब का ठेका होने से पूर्व भी गांव में ठेका न खोले जाने के संबंध में प्रस्ताव पारित करके उपायुक्त को भेजा था। गांव के लोग अगर शराब का ठेका नहीं चाहेंगे तो पंचायत भी किसी भी कीमत पर गांव में ठेका नहीं खोलने देगी। महिलाओं ने कहा कि अगर उनकी मांग को प्रशासन ने नजरअंदाज किया तो वे नेशनल हाईवे जाम करने को बाध्य होंगी।
उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल ने कहा कि डीईटीसी को निर्देश दिए गए हैं कि वे गांव के माहौल को देखे और संबंधित शराब ठेकेदार को वहां शराब बेचने से रोके। लोगों को शराब के ठेके से किसी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिए।
मोबाइल चुराकर भागता काबू
डबवाली (लहू की लौ) यहां के न्यू बस स्टैण्ड रोड़ पर स्थित एक कपड़ा की दुकान से मोबाइल फोन चुराकर भागते एक युवक को दुकान मालिक ने काबू करके पुलिस के सुपुर्द कर दिया।
बठला क्लॉथ हाऊस के मालिक दयानंद बठला ने बताया कि शनिवार को वह अपनी दुकान पर अपनी बेटी मनीषा को बैठाकर स्वयं लघुशंका के लिए गया हुआ था। पीछे से कपड़ा देखने के बहाने दो युवक उसकी दुकान में आए। कुर्ता-पजयामा का कपड़ा देखने के बाद कपड़े को महंगा बताकर चलते बने। लेकिन जाते हुए लड़की को चकमा देकर उसका मोबाइल उठाकर फरार हो गए।
कपड़ा विक्रेता के अनुसार संयोग से वह भी उसी समय दुकान पर आ गया। मोबाइल के बारे में पूछने पर लड़की ने उपरोक्त बात बताई। वह तुरंत उन युवकों के पीछे हो लिया। जिस पर एक युवक तो काबू आ गया। जबकि उसका दूसरा साथी फरार हो गया। पूछताछ के दौरान युवक ने स्वयं को पक्काकलां निवासी बताया और अपने साथी को भी इसी गांव का बताते हुए कहा कि मोबाइल उन्होंने चुराया है। लेकिन मोबाइल उसके साथी के पास है।
इस घटना की सूचना पाकर मौका पर थाना शहर के एएसआई रामसरूप पहुंचे। दुकानदार ने पकड़े गए युवक को पुलिस के हवाले कर दिया।
एएनएम फिर थाने पहुंची
28 मई 2011 को डॉक्टर पर लगाया था छेड़छाड़ का आरोप
डबवाली (लहू की लौ) प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) देसूजोधा के गांव मांगेआना स्थित सबसैंटर पर तैनात एएनएम से डॉक्टर द्वारा कथित छेड़छाड़ का मामला गंभीर होता जा रहा है। एएनएम ने थाना सदर पुलिस में एक शिकायत देकर डॉक्टर तथा गांव मांगेआना के एक व्यक्ति पर धमकी देने का आरोप लगाया है।
थाना सदर पुलिस में दी अपनी शिकायत में एएनएम सत्या देवी ने कहा है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, देसूजोधा के प्रभारी डॉ. गुरजीत सिंह ने 30 मई को डीएसपी बाबू लाल, मेडिकल ऑफिसर एमके भादू तथा एमपीएचडब्ल्यू एसोसिएशन हरियाणा के पदाधिकारियों के सामने माफी मांग ली थी। साथ में लिखित तौर पर भविष्य में ऐसी गलती नहीं करूंगा...भी लिख दिया था, जिसके बाद समझौता हो गया। लेकिन इसके बावजूद भी उसे धमकी देकर परेशान किए जाने का सिलसिला जारी है।
7 जून 2011 को आशा वर्कर छिन्द्रपाल उर्फ चरणजीत कौर गांव मांगेआना में मेरे पास सैन्टर पर लगभग ढाई बजे आई। उसके साथ दो लड़के ओर भी थे। जिन्होंने अपने मुंह ढांपे हुए थे। उनमें से एक लड़का आशा वर्कर के साथ अंदर आया और दूसरा गेट के बाहर खड़ा हो गया। जिसमें हाथ में डंडानुमा चीज थी। आशा वर्कर ने आते ही धमकी भरे लहजे से उससे वैक्सीयन कैरियर की मांग की। जो उसने उसे दे दी। बाद में वह बड़बड़ाते हुए वहां से चली गई। इसकी शिकायत उसने 8 जून को एसएमओ डबवाली को की। 12 जून 2011 को प्रात: 8.30 बजे उसके मोबाइल नं. पर एक कॉल आई। कॉल करने वाले व्यक्ति ने उसे धमकी दी कि उसने डॉ. गुरजीत सिंह से लिखित माफी मंगवाकर गलत कार्य किया है, अब तुम्हें इसकी सजा भुगतनी होगी। फिर करीब 10/10.30 बजे दो आदमी जिनमें से एक ने अपना नाम गुरपाल बताया और अपना मोबाइल नं. भी दिया। उसके घर में उसके माता-पिता व अन्य परिवार के सदस्यों के सामने धमकियां देने लगा कि उसकी पहुंच बहुत ऊंची है। वह डॉ. गुरजीत सिंह का कुछ नहीं बिगाड़ सकती। वह उनके साथ गांव मांगेआना में उनके रिश्तेदारों के घर चले। वहां बैठकर जैसा डॉ. साहब लिखवाएं और जिनके खिलाफ लिखवाएं लिखकर दो। लेकिन उसने ऐसा करने से इंकार कर दिया। इसकी सूचना उसने मोबाइल से एसएचओ डबवाली को दी।
इस संबंध में गुरपाल सिंह से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि मामला डॉक्टर और एएनएम के बीच है। इस मामले में उसे बेवजह घसीटा जा रहा है। उसने सत्या देवी को कोई धमकी नहीं दी।
थाना सदर पुलिस के एसआई सीता राम ने बताया कि पुलिस को शिकायत मिली है। शिकायत के आधार पर वे मामले की जांच कर रहे हैं।28 मई 2011 : पीएचसी देसूजोधा के अंतर्गत आने वाले गांव मांगेआना सबसैंटर में तैनात एएनएम सत्या देवी ने थाना सदर पुलिस में एक शिकायत देकर आरोप लगाया था कि 25 मई को पीएचसी देसूजोधा के प्रभारी डॉ. गुरजीत सिंह ने सैंटर का निरीक्षण करने के बहाने उससे छेड़छाड़ की है।
छेड़छाड़ प्रकरण पर नजर
28 मई 2011 : इसी दिन शाम को सिविल अस्पताल डबवाली में एसएमओ के रूम में दोनों पक्षों की बैठक हुई। गर्मा-सर्दी के बीच बैठक बेनतीजा रही।
30 मई 2011 : एमपीएचडब्ल्यू एसोसिएशन हरियाणा की प्रदेशाध्यक्षा एसोसिएशन के अन्य नेताओं के साथ डबवाली के सरकारी अस्पताल में पहुंची। कई बैठकें हुई। इस दौरान एसोसिएशन के कार्यकर्ताओं ने डॉक्टर की पिटाई कर डाली। बाद में डॉक्टर ने हाथ जोड़कर माफी मांग ली। मामला ठंडा पड़ गया।
30 मई 2011 : एएनएम की मांग पर हरियाणा स्वास्थ्य विभाग ने डॉ. गुरजीत सिंह तथा उनकी धर्मपत्नी डॉ. अमनदीप कौर को डेपूटेशन पर 14 दिनों के लिए दड़बाकलां भेज दिया।
17 जून 2011 : चौदह दिनों की डेपूटेशन समाप्त होने के बाद डॉक्टर ने 17 जून 2011 को पीएचसी देसूजोधा में ज्वाईंन किया। लेकिन देसूजोधा के ग्रामीणों ने उनके तबादले की मांग करते हुए पीएचसी पर ताला जड़ दिया।
17 जून 2011
बिजली किल्लत पर हैबूआना के ग्रामीणों ने दिया धरना
डबवाली (लहू की लौ) बिजली किल्लत से गुस्साए गांव हैबूआना के ग्रामीणों ने गुरूवार को गांव डबवाली स्थित दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम कार्यालय पर धरना दिया। ग्रामीणों ने हरियाणा सरकार तथा बिजली विभाग के खिलाफ नारेबाजी करके प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व गांव हैबूआना के सरपंच दलबीर सिंह, जगसीर सिंह, डॉ. नरोत्तम सिंह, जगतार सिंह, पूर्व सरपंच जगदेव सिंह, गुरनाम सिंह, सुखविंद्र सिंह, भारू सिंह, सुखदेव सिंह, अंग्रेज सिंह, गुरमेल सिंह, गुरां सिंह, जग्गा सिंह कर रहे थे। ग्रामीणों ने बताया कि बिजली निगम की ओर से उनके गांव को बिजली देने का शैड्यूल निर्धारित किया गया है। लेकिन उस अनुसार बिजली की आपूर्ति नहीं की जा रही। 24 घंटों के भीतर मुश्किल से एक घंटा बिजली नसीब होती है। इस एक घंटे के भीतर भी बिजली कई दफा गुल होती है। ग्रामीणों के अनुसार बिजली न रहने के कारण उन्हें पेयजल की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। छह किलोमीटर दूर स्थित गांव पाना के पास गुजरती भाखड़ा नहर से उन्हें ट्रालियों में पानी भरकर प्रयोग करना पड़ रहा है।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि अगर 25 जून तक शैड्यूल के अनुसार उन्हें बिजली नहीं दी जाती तो वे उनके गांव से होकर जाने वाली बिजली की आपूर्ति ठप्प कर दी जाएगी।
मौका पर किसी बिजली अधिकारी के न होने पर ग्रामीण बिफर पड़े। उन्होंने प्रदर्शन के बाद धरना दे दिया। धरने की सूचना पाकर बिजली निगम के मण्डल अभियंता वीके रंजन मौका पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों की शिकायत सुनी और समस्या का जल्द समाधान करवाने का आश्वासन दिया। आश्वासन पाने के बाद ग्रामीण शांत हुए।
दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम मण्डल डबवाली के अभियंता वीके रंजन ने बताया कि ग्रामीणों की मांग के अनुसार तय शैड्यूल के अनुसार ही बिजली की आपूर्ति करवाने का प्रयास किया जाएगा। ग्रामीणों ने उनसे यह भी शिकायत की कि निगम का कोई कर्मचारी उनके गांव की बिजली को जानबूझकर काट देता है। उनके अनुसार इस मामले की जांच कराई जाएगी।
प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व गांव हैबूआना के सरपंच दलबीर सिंह, जगसीर सिंह, डॉ. नरोत्तम सिंह, जगतार सिंह, पूर्व सरपंच जगदेव सिंह, गुरनाम सिंह, सुखविंद्र सिंह, भारू सिंह, सुखदेव सिंह, अंग्रेज सिंह, गुरमेल सिंह, गुरां सिंह, जग्गा सिंह कर रहे थे। ग्रामीणों ने बताया कि बिजली निगम की ओर से उनके गांव को बिजली देने का शैड्यूल निर्धारित किया गया है। लेकिन उस अनुसार बिजली की आपूर्ति नहीं की जा रही। 24 घंटों के भीतर मुश्किल से एक घंटा बिजली नसीब होती है। इस एक घंटे के भीतर भी बिजली कई दफा गुल होती है। ग्रामीणों के अनुसार बिजली न रहने के कारण उन्हें पेयजल की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। छह किलोमीटर दूर स्थित गांव पाना के पास गुजरती भाखड़ा नहर से उन्हें ट्रालियों में पानी भरकर प्रयोग करना पड़ रहा है।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि अगर 25 जून तक शैड्यूल के अनुसार उन्हें बिजली नहीं दी जाती तो वे उनके गांव से होकर जाने वाली बिजली की आपूर्ति ठप्प कर दी जाएगी।
मौका पर किसी बिजली अधिकारी के न होने पर ग्रामीण बिफर पड़े। उन्होंने प्रदर्शन के बाद धरना दे दिया। धरने की सूचना पाकर बिजली निगम के मण्डल अभियंता वीके रंजन मौका पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों की शिकायत सुनी और समस्या का जल्द समाधान करवाने का आश्वासन दिया। आश्वासन पाने के बाद ग्रामीण शांत हुए।
दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम मण्डल डबवाली के अभियंता वीके रंजन ने बताया कि ग्रामीणों की मांग के अनुसार तय शैड्यूल के अनुसार ही बिजली की आपूर्ति करवाने का प्रयास किया जाएगा। ग्रामीणों ने उनसे यह भी शिकायत की कि निगम का कोई कर्मचारी उनके गांव की बिजली को जानबूझकर काट देता है। उनके अनुसार इस मामले की जांच कराई जाएगी।
एसएस मास्टर की संदिग्ध मौत
डबवाली (लहू की लौ) जिला बठिंडा के गांव कालझराणी के सरकारी स्कूल के समाज शास्त्र अध्यापक गुरमीत सिंह का शव संदिग्ध परिस्थितियों में अलीकां रोड़ पर स्थित एक खेत में मिला। वे पिछले आठ सालों से शहर के वार्ड नं. 7 के प्रेमनगर में अपने परिवार के साथ रह रहे थे।
गुरमीत सिंह की शादी दस साल पूर्व अबूबशहर हाल डबवाली निवासी बलवीर सिंह की पुत्री राजेंद्र कौर के साथ हुई थी। जोकि गांव अबूबशहर के सरकारी स्कूल में बतौर हिन्दी अध्यापिका कार्यरत है। शादी के कुछ समय बाद ही गुरमीत डबवाली अपने ससुराल में आकर रहने लग गया था। मृतक गुरमीत सिंह के भाई हरदीप सिंह निवासी गांव कालझराणी ने बताया कि बुधवार दोपहर बाद करीब डेढ़ बजे उसके पास राजेंद्र कौर का फोन आया कि उसका भाई गुरमीत सिंह घर से कहीं चला गया है। सूचना पाकर वह तुरन्त डबवाली पहुंचा। उन्होंने उसकी खोज शुरू की। लेकिन उसका भाई कहीं नहीं मिला। देर शाम को गुमशुदा रिपोर्ट दर्ज करवाने के लिए वे थाने में गए। वहां पुलिस ने उन्हें बताया कि अलीकां रोड़ पर स्थित एक खेत में एक शव पड़ा है। वह पुलिस के साथ मौका पर पहुंचे। शव उसके भाई गुरमीत सिंह का था। हरदीप ने आरोप लगाया कि उसके भाई की हत्या की गई है। राजेंद्र कौर उसके भाई गुरमीत सिंह को माता-पिता तथा अन्य लोगों से भी नहीं मिलने देती थी। यहां तक उसके भाई की तनख्वाह भी खुद हजम करना चाहती थी। इसी विवाद के कारण उसका भाई काफी परेशानी में रहता था। उसे शक है कि उसके भाई की हत्या राजेंद्र कौर ने अपनी माता जसपाल कौर, पिता बलवीर सिंह तथा भाई बेअंत सिंह के साथ मिलकर की है।
इधर बलवीर सिंह ने बताया कि उन पर लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं। गुरमीत सिंह अपनी तनख्वाह अपने माता-पिता को दे देता था। इस पर भी उन्हें कोई एतराज नहीं था। साल 2003 में डबवाली में उन्होंने उसे घर बनाकर दिया था। उनके साथ गुरमीत सिंह को किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं थी।
गुरमीत सिंह की पत्नी राजेंद्र कौर ने बताया वह गांव अबूबशहर में हिन्दी अध्यापक के पद पर नियुक्त है। बुधवार दोपहर को वे दोनों घर के आंगन में सोए हुए थे। करीब 12.40 पर गुरमीत सिंह के पास गांव कालझराणी से किसी का फोन आया। फोन सुनने के बाद उन्होंने पीने के लिए उससे एक गिलास पानी मांगा। उसने पानी दे दिया और वापिस बैड पर लेट गई। कुछ देर बाद उठी तो गुरमीत सिंह को गायब पाया। जबकि उसका मोबाइल और बाईक घर पर ही था। उसने तत्काल इसकी जानकारी अपने पिता बलवीर सिंह, भाई बेअंत सिंह तथा गुरमीत सिंह के रिश्तेदारों को दी। उसने यह भी कहा कि उसका अपने पति गुरमीत सिंह के साथ कोई मनमुटाव नहीं था। आज तक उसने अपनी तनख्वाह में से एक पैसा भी उसे नहीं दिया। घर का गुजारा उसकी तनख्वाह से चलता। उस पर तथा उसके माता-पिता पर गलत आरोप लगाए जा रहे हैं।
डीएसपी बाबू लाल ने बताया कि थाना शहर पुलिस ने मृतक के भाई हरदीप सिंह के ब्यान पर दफा 174 सीआरपीसी के तहत कार्रवाई करते हुए गुरूवार को शव का पोस्टमार्टम डबवाली के सरकारी अस्पताल से करवाने के बाद उसे उसके वारिसों को सौंप दिया।
बोर्ड ने किया पोस्टमार्टम
शव का पोस्टमार्टम सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों की दो सदस्यीय टीम ने किया। जिसमें डॉ. बलेश बांसल तथा डॉ. सुखवंत सिंह शामिल थे। पोस्टमार्टम के बाद टीम ने बताया कि विसरे को जांच के लिए प्रयोगशाला में भेज दिया गया है। विसरे की जांच के बाद ही मौत के कारणों का खुलासा हो पाएगा।
मृतक गुरमीत सिंह के दो बच्चे हैं। बेटी जसप्रीत (10) 5वीं में पढ़ती है। जबकि बेटा नवरोज (5) पहली कक्षा का में पढ़ता है।
गुरमीत सिंह की शादी दस साल पूर्व अबूबशहर हाल डबवाली निवासी बलवीर सिंह की पुत्री राजेंद्र कौर के साथ हुई थी। जोकि गांव अबूबशहर के सरकारी स्कूल में बतौर हिन्दी अध्यापिका कार्यरत है। शादी के कुछ समय बाद ही गुरमीत डबवाली अपने ससुराल में आकर रहने लग गया था। मृतक गुरमीत सिंह के भाई हरदीप सिंह निवासी गांव कालझराणी ने बताया कि बुधवार दोपहर बाद करीब डेढ़ बजे उसके पास राजेंद्र कौर का फोन आया कि उसका भाई गुरमीत सिंह घर से कहीं चला गया है। सूचना पाकर वह तुरन्त डबवाली पहुंचा। उन्होंने उसकी खोज शुरू की। लेकिन उसका भाई कहीं नहीं मिला। देर शाम को गुमशुदा रिपोर्ट दर्ज करवाने के लिए वे थाने में गए। वहां पुलिस ने उन्हें बताया कि अलीकां रोड़ पर स्थित एक खेत में एक शव पड़ा है। वह पुलिस के साथ मौका पर पहुंचे। शव उसके भाई गुरमीत सिंह का था। हरदीप ने आरोप लगाया कि उसके भाई की हत्या की गई है। राजेंद्र कौर उसके भाई गुरमीत सिंह को माता-पिता तथा अन्य लोगों से भी नहीं मिलने देती थी। यहां तक उसके भाई की तनख्वाह भी खुद हजम करना चाहती थी। इसी विवाद के कारण उसका भाई काफी परेशानी में रहता था। उसे शक है कि उसके भाई की हत्या राजेंद्र कौर ने अपनी माता जसपाल कौर, पिता बलवीर सिंह तथा भाई बेअंत सिंह के साथ मिलकर की है।
इधर बलवीर सिंह ने बताया कि उन पर लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं। गुरमीत सिंह अपनी तनख्वाह अपने माता-पिता को दे देता था। इस पर भी उन्हें कोई एतराज नहीं था। साल 2003 में डबवाली में उन्होंने उसे घर बनाकर दिया था। उनके साथ गुरमीत सिंह को किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं थी।
गुरमीत सिंह की पत्नी राजेंद्र कौर ने बताया वह गांव अबूबशहर में हिन्दी अध्यापक के पद पर नियुक्त है। बुधवार दोपहर को वे दोनों घर के आंगन में सोए हुए थे। करीब 12.40 पर गुरमीत सिंह के पास गांव कालझराणी से किसी का फोन आया। फोन सुनने के बाद उन्होंने पीने के लिए उससे एक गिलास पानी मांगा। उसने पानी दे दिया और वापिस बैड पर लेट गई। कुछ देर बाद उठी तो गुरमीत सिंह को गायब पाया। जबकि उसका मोबाइल और बाईक घर पर ही था। उसने तत्काल इसकी जानकारी अपने पिता बलवीर सिंह, भाई बेअंत सिंह तथा गुरमीत सिंह के रिश्तेदारों को दी। उसने यह भी कहा कि उसका अपने पति गुरमीत सिंह के साथ कोई मनमुटाव नहीं था। आज तक उसने अपनी तनख्वाह में से एक पैसा भी उसे नहीं दिया। घर का गुजारा उसकी तनख्वाह से चलता। उस पर तथा उसके माता-पिता पर गलत आरोप लगाए जा रहे हैं।
डीएसपी बाबू लाल ने बताया कि थाना शहर पुलिस ने मृतक के भाई हरदीप सिंह के ब्यान पर दफा 174 सीआरपीसी के तहत कार्रवाई करते हुए गुरूवार को शव का पोस्टमार्टम डबवाली के सरकारी अस्पताल से करवाने के बाद उसे उसके वारिसों को सौंप दिया।
बोर्ड ने किया पोस्टमार्टम
शव का पोस्टमार्टम सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों की दो सदस्यीय टीम ने किया। जिसमें डॉ. बलेश बांसल तथा डॉ. सुखवंत सिंह शामिल थे। पोस्टमार्टम के बाद टीम ने बताया कि विसरे को जांच के लिए प्रयोगशाला में भेज दिया गया है। विसरे की जांच के बाद ही मौत के कारणों का खुलासा हो पाएगा।
मृतक गुरमीत सिंह के दो बच्चे हैं। बेटी जसप्रीत (10) 5वीं में पढ़ती है। जबकि बेटा नवरोज (5) पहली कक्षा का में पढ़ता है।
बिजली निगम के थ्री टायर ने तोड़ी किसानों की कमर
डबवाली (लहू की लौ) हरियाणा सरकार ने आंध्र प्रदेश सरकार की तर्ज पर हरियाणा में थ्री टायर योजना लागू करके किसानों की कमर तोड़ दी और साथ में दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम का पेट भी इतना भारी कर दिया कि वह थ्री टायर बन गया।
इसकी पोल खोलते हुए गांव खुइयांमलकाना के किसान तथा रिटायर्ड बिजली कर्मचारी बीएस भुल्लर ने बताया कि हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपिन्द्र सिंह हुड्डा स्वयं को किसान हितैषी बताते हैं, लेकिन वास्तव में वह किसानों के कितने हितैषी है इसका उदाहरण दक्षिण हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम में किसानों के लिए टयूब्बैल कनैक्शन की थ्री टायर योजना से लग जाता है। उनके अनुसार इस योजना को दक्षिण हरियाणा बिजली निगम के चीफ इंजीनियर (कर्मिशियल) हिसार के सेल्ज सर्कुलर नं. 12/2011 दिनांक 16/5/2011 तथा सेल्ज इंस्ट्रक्शन नं. 10/2011 दिनांक 19/5/2011 के अनुसार अगर किसान एक टयूब्बैल कनैक्शन लेता है तो उसे ट्रांस्फार्मर की पूरी कीमत अदा करनी होगी जो लगभग 45 हजार रूपये है। जबकि पहले किसान को इसी कनैक्शन के लिए केवल 20 हजार रूपये निगम को अदा करने होते थे। जबकि एलटी गु्रप कनैक्शन के लिए किसान को तीन कनैक्शन लेने पर 90 हजार रूपये अदा करने होंगे। उन्होंने कहा कि दिन-प्रतिदिन कर्ज के तले दबते और महंगी खेती का शिकार हो रहे किसान को वर्तमान कांग्रेस सरकार ने राहत देने की अपेक्षा उसे और बोझ तले लाद दिया है। उनके अनुसार सरकार जानबूझ कर ऐसी नीति तैयार कर रही है कि किसान अपने आप जमीन जोतना ही छोड़ जाये और वह मजबूर होकर औने-पौने भाव पर अपनी जमीन को बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के पास गिरवी रख दे।
इसकी पोल खोलते हुए गांव खुइयांमलकाना के किसान तथा रिटायर्ड बिजली कर्मचारी बीएस भुल्लर ने बताया कि हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपिन्द्र सिंह हुड्डा स्वयं को किसान हितैषी बताते हैं, लेकिन वास्तव में वह किसानों के कितने हितैषी है इसका उदाहरण दक्षिण हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम में किसानों के लिए टयूब्बैल कनैक्शन की थ्री टायर योजना से लग जाता है। उनके अनुसार इस योजना को दक्षिण हरियाणा बिजली निगम के चीफ इंजीनियर (कर्मिशियल) हिसार के सेल्ज सर्कुलर नं. 12/2011 दिनांक 16/5/2011 तथा सेल्ज इंस्ट्रक्शन नं. 10/2011 दिनांक 19/5/2011 के अनुसार अगर किसान एक टयूब्बैल कनैक्शन लेता है तो उसे ट्रांस्फार्मर की पूरी कीमत अदा करनी होगी जो लगभग 45 हजार रूपये है। जबकि पहले किसान को इसी कनैक्शन के लिए केवल 20 हजार रूपये निगम को अदा करने होते थे। जबकि एलटी गु्रप कनैक्शन के लिए किसान को तीन कनैक्शन लेने पर 90 हजार रूपये अदा करने होंगे। उन्होंने कहा कि दिन-प्रतिदिन कर्ज के तले दबते और महंगी खेती का शिकार हो रहे किसान को वर्तमान कांग्रेस सरकार ने राहत देने की अपेक्षा उसे और बोझ तले लाद दिया है। उनके अनुसार सरकार जानबूझ कर ऐसी नीति तैयार कर रही है कि किसान अपने आप जमीन जोतना ही छोड़ जाये और वह मजबूर होकर औने-पौने भाव पर अपनी जमीन को बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के पास गिरवी रख दे।
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