25 जून 2011

मृत रवि जीवित हो उठा!


डबवाली (लहू की लौ) मृत घोषित कोई इंसान कभी घर लौट आए, ऐसा न कभी देखा है और न कभी सुना है। लेकिन गुरूवार को किलियांवाली का मृत घोषित रवि अचानक घर लौट आया। जबकि उसका शव मलोट के सरकारी अस्पताल में पड़ा था।
किलियांवाली पुलिस को गुरूवार सुबह मालवा बाईपास रोड़ पर एक 22 वर्षीय युवक का शव मिला। शव की पहचान के लिए पुलिस ने कई स्थानों पर संपर्क साधा। लेकिन अचानक किलियांवाली की कबीर बस्ती में रहने वाला वाला 75 साल का बृजलाल मौका पर पहुंचा और शव को अपने सीने से लगाकर फूट-फूटकर रो पड़ा और रोते-रोते उसने कहा कि यह उसका छोटा बेटा रवि है। बृजलाल ने रवि की मौत की सूचना अपने घर पर दी। जिस पर रवि का ताऊ टेकचंद, भाई राजू, विक्की, सोनू, चचेरा भाई शाम लाल उर्फ शामा के साथ गली के अन्य लोग भी मालवा बाईपास पर पहुंच गये और शव को देख कर रोने-चिल्लाने लगे।
रवि की मौत पर उसके घर पर सन्नाटा छा गया, दरियां बिछ गईं, गली के लोग संवेदनाएं प्रकट करने के लिए आने शुरू हो गए। गली के लोग रोते-बिलखते परिवार के लोगों को सांत्वना देने लगे। इधर रवि के पिता बृजलाल, ताऊ टेकचंद तथा भाई सोनू ने पुलिस को ब्यान दिया कि करीब दस साल पूर्व रवि के सिर में चोट आने के कारण वह मानसिक रूप से परेशान रहने लगा था। अब वह हलवाईयों के साथ समारोहों में जाकर तंदूर पर रोटी बनाने का काम कर रहा था। साथ में उसका इलाज भी चल रहा था। बुधवार शाम को करीब 6 बजे खाना खाने के बाद रवि घर से निकला था। लेकिन उसके बाद घर नहीं लौटा। किलियांवाली पुलिस ने उपरोक्त तीनों के ब्यान पर कागजी कार्रवाई पूरी करके संदेह प्रकट किया कि लू लगने के कारण रवि की मौत हुई होगी और शव को पोस्टमार्टम के लिए मलोट के सरकारी अस्पताल में लेजाया गया।
शव को अस्पताल के डैड हाऊस में पहुंचे तीन घंटे ही बीते होंगे कि रवि के भाई सोनू के मोबाइल की घंटी बज उठी। रवि की आवाज सुनकर सोनू सकपका गया। रवि ने बताया कि वह जीवित है, इस पर वहां उपस्थित परिजन कभी शव को देखते और कभी मोबाइल पर आई आवाज का आभास करते। बाद में शव के साथ गए रवि के परिजन पुलिस को यह कहकर लौट आए कि उनका बेटा तो जीवित है। वह घर लौट आया है।
किलियांवाली पुलिस चौकी प्रभारी एएसआई जीत सिंह ने बताया कि मृतक युवक की पहचान रवि के रूप में उसके परिजनों ने की थी। परिजनों की पहचान पर ही उन्होंने दफा 174 सीआरपीसी के तहत कार्रवाई करते हुए इस शव को पोस्टमार्टम के लिए मलोट के सरकारी अस्पताल में पहुंचाया था। लेकिन अब परिजन मृत युवक को अपना बताने से इंकार कर रहे हैं और अपने बेटे के घर आने का दावा जता रहे हैं।
मुझे मरा समझ लिया
मैं तो गुरूवार को अग्रवाल धर्मशाला में भोग समारोह में तंदूर पर रोटियां बना रहा था। मंगू हलवाई ने बताया कि वह जीवित यहां है और उसके परिजन घर पर उसकी मौत का मातम मना रहे हैं। वह तुरंत घर पहुंचा और उसने बताया कि वह जीवित है।
-रवि कुमार
फिर यह शव किसका
किलियांवाली चौकी प्रभारी जीत सिंह के अनुसार डॉक्टर की व्यस्तता के चलते उक्त शव के पोस्टमार्टम में देरी हुई। इससे पहले ही उसकी पहचान से पर्दा उठ गया। फिलहाल शव को मलोट के सरकारी अस्पताल के डैड हाऊस में पहचान के लिए रखा गया है। मृतक युवक का कद करीब 5 फुट 6 ईंच है, उम्र करीब 21-22 साल है। युवक ने डार्क ग्रे कलर की जींस पेंट, फरोजी कलर की शर्ट पहनी हुई है। उसके मुंह पर हल्की दाढ़ी है। दाईं बाजू पर अनिता लिखा हुआ है। पुलिस शव की पहचान के लिए प्रयासरत है।

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