23 जून 2011

बस चालकों का होगा 'टैस्टÓ


डबवाली। बढ़ते क्राईम पर रोक लगाने के साथ-साथ अब जिला सिरसा पुलिस सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लगाने के लिए बसों के चालकों को चैक करेगी। विशेषत: स्कूल तथा राज्य परिवहन की बसों के चालकों को फोकस करेगी। इस संबंध में एसपी सतिंद्र गुप्ता ने जिला के सभी थानों तथा पुलिस चौकियों को आदेश जारी किया है। ये आदेश अप्रैल 2011 में प्रदेश के जिला यमुनानगर में हुए एक भयानक सड़क हादसे को ध्यान में रखते हुए जारी किए गए हैं। एसपी ने जिला के सभी थानों तथा चौकी प्रभारियों को एक माह तक अपने क्षेत्र में विशेष अभियान चलाकर शिक्षण संस्थान, राज्य परिवहन की बसों के चालकों के साथ-साथ अन्य बसों के चालकों को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा निमित कुमार मामलों में दी गई हिदायतों की पालना कराने के लिए कहा है। साथ में राज्य परिवहन की बस का चालक नियमों पर खरा न उतरने की स्थिति में रोड़वेज के संबंधित महाप्रबंधक को जानकारी देने के आदेश दिए गए हैं। जिला पुलिस 15 जुलाई 2011 तक बस चालकों का टैस्ट लेगी।
बस चालक और परिचालक के वर्दी पहनी है। वर्दी पर उनकी नेम प्लेट लगी है। बस चालक के पास पांच वर्ष का अनुभव है। चालक निर्धारित लाईसेंस ऑथोरिटी से मान्यता प्राप्त है। परिचालक के पास नियम 29एमवी एक्ट के तहत लाईसेंस है। चालक ने निर्धारित दो वर्षीय रिफ्रेशर कोर्स किया है।
इसकी पुष्टि करते हुए जिला के कार्यकारी पुलिस कप्तान प्रवीण मैहता (एडीशनल एसपी) ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं के दृष्टिगत बस चालकों को चैक करने के आदेश सभी थानों तथा चौकी प्रभारियों के नाम जारी किए गए हैं। यह विशेष अभियान एक माह तक जारी रहेगा। सभी थाना तथा चौकी प्रभारियों को 15 जुलाई तक रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है।
यमुनानगर हादसे के बाद हरकत में पुलिस
28 अप्रैल 2011 को प्रदेश के जिला यमुनानगर में एक बड़ा सड़क हादसा घटित हुआ था। जिसमें कॉलेज के विद्यार्थियों को लेकर जा रही एक बस ट्रक से टकरा गई थी। हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई थी। जांच में पाया गया था कि बस चालक सामने आ रहे ट्रक की स्पीड का सही आंकलन नहीं कर पाया। बस को ओवरटेक कराने के प्रयास में हादसा घटित हुआ था। पुलिस ने जांच के दौरान यह भी पाया कि बस का चालक दो माह पहले ही नियुक्त हुआ था। इससे पूर्व वह इलेक्ट्रीशियन का कार्य करता था। वह मूल रूप से यमुनानगर के गांव रादौर का रहने वाला था। लेकिन उसका ड्राईविंग लाईसेंस उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से बना हुआ था। इसी मामले से हरियाणा पुलिस को यह भी पता चला कि प्रदेश में काफी चालकों ने दूसरे राज्यों से लाईसेंस प्राप्त किया हुआ है। चूंकि हरियाणा के अतिरिक्त अन्य प्रदेशों से यह आसानी से प्राप्त हो जाता है।
क्या है नियम : एमवी एक्ट 1988 की उप धारा (1) दफा-9 के तहत लाईसेंस प्राप्त करने वाला व्यक्ति उस इलाके का रहने वाला होना चाहिए। वहां अपना कारोबार चलाता हो या उसने किसी ट्रेनिंग स्कूल से प्रशिक्षण लिया होना जरूरी है।

कोई टिप्पणी नहीं: