न्यूयार्क। आईपीएल में पाकिस्तान के खिलाडिय़ों को तवज्जो न मिलने पर अपनी टिप्पणी से शिवसेना के गुस्से का शिकार बने शाहरुख खान ने कहा है कि वह इसके लिए माफी नहीं मांगेंगे। शाहरुख ने शिवसेना की गतिविधियों को अलोकतांत्रिक करार दिया है। अपनी टिप्पणी पर कायम शाहरुख ने जोर देते हुए कहा कि हर भारतीय इस बात से सहमत है कि भारत एक अच्छा देश है, जहां हर मेहमान का स्वागत होता है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ एक अभिनेता के शब्दों के साथ बहुत अहमियत जुड़ी हुई है। भारत में शिवसेना की प्रतिक्रियाओं के बारे में पूछे गए प्रश्न के जवाब में शाहरुख ने कहा कि मुझे ऐसी प्रतिक्रियाएं अस्वस्थ, अलोकतांत्रिक और गैरसंवेदनशील लगती हैं। आप सिर्फ इतना ही कह सकते हैं कि आपका जो भी मानना है, आप उस पर कायम रहें और मुझे आशा है कि मेरे पास इतनी शक्ति है कि मैं ऐसा कर सकूंगा। शाहरुख ने कहा कि एक भारतीय होने के नाते मुझे कोई शर्म नहीं है, न दु:ख है और न ही उसके लिए माफी मांगना चाहता हूं जो मैंने कहा है। आईपीएल पर उपजे विवाद के बाद कोलकाता नाइट राइडर्स क्रिकेट टीम के मालिक शाहरुख ने पाकिस्तानी खिलाडिय़ों की उपेक्षा के खिलाफ आवाज उठाई थी। शाहरुख ने कहा था कि अगर उनकी टीम को खिलाडिय़ों को नियुक्त करने का मौका मिलता तो वह सीमा पार के खिलाडिय़ों को लेते।
शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने इस मामले को देशभक्ति से जोड़ते हुए शाहरुख की फिल्म 'माय नेम इज खानÓ के पोस्टर फाड़ दिए थे और शाहरुख के मुंबई स्थित बंगले के बाहर प्रदर्शन भी किए थे। पार्टी ने चेतावनी दी थी कि जब तक शाहरुख माफी नहीं मांगते वे फिल्म को प्रदर्शित नहीं होने देंगे। शिवसेना के नेता अनिल परब ने कहा था कि शाहरुख अगर पाकिस्तानी खिलाडिय़ों के पक्ष में बोलना चाहते हैं तो उन्हें पाकिस्तान चले जाना चाहिए। प्रदर्शनकारियों ने शाहरुख के घर के बाहर मुंबई से पाकिस्तान की टिकट के प्रतीक के तौर पर पोस्टर लहराए थे। पार्टी के वरिष्ठ नेता मनोहर जोशी ने कहा था कि यह देशभक्ति का मुद्दा है और शाहरुख को राजनीति में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। शाहरुख ने कहा कि उनका वक्तव्य एक भारतीय के दृष्टिकोण से था और उनका मानना है कि सीमा के तनाव को व्यक्तिगत नफरत में नहीं बदळा जाना चाहिए। अपनी फिल्म के प्रचार के सिलसिले में यहां आए शाहरुख ने कहा कि मैंने जो भी कहा, जो एक मुद्दा बन गया- मैंने एक भारतीय होने के नाते कहा, मुझे लगता है कि हर भारतीय यही कहेगा कि हम एक अच्छे देश के निवासी हैं जहां हर मेहमान का स्वागत होता है।
शाहरुख ने कहा कि हर देश की सीमा पर तनाव होता है लेकिन उस तनाव के कारण हम हमारे बच्चों और युवाओं को गलत चीज नहीं सिखा सकते। 'माय नेम इज खानÓ का प्रचार कर रहे शाहरुख से पत्रकार फिल्म के बजाए इस विवाद के बारे में प्रश्न पूछते ज्यादा नजर आए। शाहरुख ने कहा कि मैं कोई राजनीतिज्ञ नहीं हूं और कोई कट्टरपंथी भी नहीं हूं, मैं सिर्फ एक अभिनेता हूं और बहुत सी बातें कहता हूं। कई बार मेरी बातों को लोग सही या गलत तरीके से लेते हैं लेकिन इसे इतना ज्यादा तूल नहीं देना चाहिए।
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Lahoo Ki Lau
03 फ़रवरी 2010
अल कायदा बेकसूर मुस्लिमों का हत्यारा: ओबामा
वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का मानना है कि अल कायदा दुनिया भर के बेकसूर मुसलमानों का सबसे बड़ा हत्यारा है। ओबामा ने यूट्यूब को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि मुझे लगता है कि यह समझना अहम है कि हमारा युद्ध एक समूह विशेष के खिलाफ है- अल कायदा और उसके चरमपंथी सहयोगी, जो दुनिया भर में फैले हुए हैं, जो हम पर हमला करते हैं, हमारे सहयोगियों पर, दुनिया भर के दूतावासों पर और सबसे दुखद तौर पर मासूम लोगों पर हमला करते हैं- वे यह नहीं देखते कि जिन पर हमला कर रहे हैं उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि और मजहब क्या है। ओबामा ने कहा कि अल कायदा संभवत: मासूम और बेकसूर मुस्लिमों का सबसे बड़ा हत्यारा है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिका को हर मोर्चे पर आतंकवाद से लडऩा है। ओबामा ने कहा कि हमें अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सीमा वाले इलाकों में उनसे ठोस तरीके से निपटना होगा, जहां उन्होंने अब भी पकड़ बना रखी है। उन्होंने कहा कि अब वे यमन और सोमालिया जैसे इलाकों में भी फैल रहे हंै। हम उनकी कार्रवाइयों को सीमित करने और उन्हें उन इलाकों में नष्ट करने के लिए अपने अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ मिल कर काम कर रहे हंै।
ओबामा ने कहा- लेकिन हमें उनके नए विचारों से भी लडऩा होगा। हमें मुस्लिमों के उस बहुसंख्यक समुदाय के साथ मिल कर काम करना होगा जो इस हिंसा को नकार चुके हैं। ओबामा को महसूस होता है कि उनके प्रशासन ने इस दिशा में उतना अच्छा काम नहीं किया, जितना किया जाना चाहिए। ओबामा ने कहा कि हमें यमन जैसे देशों में आर्थिक परियोजनाएं शुरू करनी चाहिए, जो बहुत गरीब हैं। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि वहां के युवा लोगों को मौके मिलें। यही बात पाकिस्तान में भी सच है। उन्होंने कहा कि इन चरमपंथी संगठनों से निपटने के लिए हमें हमारी पूरी शक्ति से लडऩा होगा।
ओबामा ने कहा- लेकिन हमें उनके नए विचारों से भी लडऩा होगा। हमें मुस्लिमों के उस बहुसंख्यक समुदाय के साथ मिल कर काम करना होगा जो इस हिंसा को नकार चुके हैं। ओबामा को महसूस होता है कि उनके प्रशासन ने इस दिशा में उतना अच्छा काम नहीं किया, जितना किया जाना चाहिए। ओबामा ने कहा कि हमें यमन जैसे देशों में आर्थिक परियोजनाएं शुरू करनी चाहिए, जो बहुत गरीब हैं। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि वहां के युवा लोगों को मौके मिलें। यही बात पाकिस्तान में भी सच है। उन्होंने कहा कि इन चरमपंथी संगठनों से निपटने के लिए हमें हमारी पूरी शक्ति से लडऩा होगा।
सपा से निकाले गये अमर सिंह, बोले धन्यवाद मुलायम
नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी से निकाले जाने के बाद अमर सिंह ने आज पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव को इसके लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि अब मैं अपनी तरह से काम करने के लिए आजाद हूं। उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए राजनीतिक निर्वाण है। अमर ने मुलायम सिंह के खिलाफ एक भी शब्द कहने से इंकार करते हुए कहा कि मैंने १४ वर्षों तक पार्टी की दिन रात सेवा की उसके बदळे मुझे यह सिला मिला। उन्होंने कहा कि वैसे भी पार्टी में रहकर अंग्रेजी, कम्प्यूटर और ब्लॉगिंग का विरोध करने पर मुझे घुटन महसूस होती थी। उन्होंने कहा कि यह हैरत की बात है कि पार्टी प्रमुख को यह समझने में १४ साल का समय लग गया कि पार्टी का पूंजीवाद हो गया। जबकि उत्तर प्रदेश विकास परिषद का गठन स्वयं मुलायम सिंह ने मुख्यमंत्री रहते हुए कहा था जिसमें देश के प्रमुख उद्योगपति शामिल थे।
उन्होंने कहा कि मैं १४ साल प्रवक्ता रहा और अब १४ दिन पुराने प्रवक्ता मोहन सिंह मेरे खिलाफ आग उगल रहे हैं जबकि वह लोकसभा चुनावों के समय मेरे पास गिड़गिड़ाकर आर्थिक मदद मांगने आए लेकिन चुनाव में तीसरे नंबर पर रहे। अब वह ललचाई आंखों से राज्यसभा पर निगाह लगाए हुए हैं, मेरी उन्हें शुभकामना है कि राज्यसभा उन्हें मिल जाए।
उन्होंने कहा कि मुझसे सोमवार को मुलायम सिंह की ओर से पार्टी सांसद राशिद मसूद ने संपर्क किया और पूछा कि क्या पार्टी में आपके लौटने की संभावनाएं हैं तो मैंने साफ इंकार कर दिया क्योंकि मैं इस आरोप से खिन्न हूं कि कल्याण सिंह को पार्टी से जोडऩे के लिए मैं जिम्मेदार हूं और मेरे पास मुलायम परिवार के खिलाफ सीडी है। उन्होंने इस कथित भ्रामक प्रचार पर भी सपा को आड़े हाथों लिया कि वह मायावती का पक्ष ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी दो दिन पहले ही प्रदेश सरकार ने मेरे खिलाफ एक मुकदमे को गति प्रदान की है। मेरे खिलाफ मायावती ने जो मुकदमे कराए हैं वह मुलायम और उनके परिवार की ढाल बनकर जब मैं खड़ा हुआ तब दर्ज कराए गए। वर्तमान प्रवक्ता पर तो ऐसा कोई मुकदमा नहीं है। यही नहीं मुलायम परिवार के किसी सांसद ने भी संसद के दोनों सदनों में मुलायम का कभी बचाव नहीं किया।
उन्होंने कहा कि मैंने अपने ब्लॉग में ज्योति बसु और सोनिया गांधी के त्याग की जो तारीफ की उसमें कुछ भी गलत नहीं है। अपने दिल्ली स्थित सरकारी आवास पर संवाददाताओं से बातचीत कर रहे अमर सिंह ने कहा कि मैंने पार्टी को यह सुझाव देकर कुछ गलत नहीं किया कि जब कांग्रेस और भाजपा जैसी पार्टियां महिला आरक्षण के समर्थन में हैं तो इस विधेयक का विरोध करके कोई फायदा नहीं। साथ ही यह सुझाव भी कोई गलत नहीं था कि पार्टी को अब मुस्लिम या अति पिछड़े को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए। मुलायम को खुद बार-बार मुख्यमंत्री या फिर अपने परिवार के लोगों को इस पद पर लाने का प्रयास नहीं करना चाहिए।
पार्टी प्रवक्ता के आरोपों से नाराज अमर सिंह ने कहा कि इन लोगों ने बड़ी बेशर्मी से मेरे योगदान को नकारते हुए मुझे कमीना और पागल तक कहा। यदि यह विशेषण मुझे नहीं दिए जाते तो मैं घर पर रहता लेकिन इन विशेषणों के कारण मैं सभाएं करने पर विवश हुआ। उन्होंने कहा कि मैंने तो पार्टी से सिक लीव मांगी थी और अपनी बीमारी की बात कहकर, कुछ दिन आराम करने की बात कहकर कुछ गलत नहीं किया।
अमर ने साफ किया कि उन्होंने अभी कोई राजनीतिक निर्णय नहीं लिया है और जो लोकमंच बनाया है उसके जरिए वह काम करेंगे। उन्होंने कहा कि हमने तो क्षत्रियों की सभा में भी अति पिछड़ों के हित की बात की।
उन्होंने कहा कि मैं १४ साल प्रवक्ता रहा और अब १४ दिन पुराने प्रवक्ता मोहन सिंह मेरे खिलाफ आग उगल रहे हैं जबकि वह लोकसभा चुनावों के समय मेरे पास गिड़गिड़ाकर आर्थिक मदद मांगने आए लेकिन चुनाव में तीसरे नंबर पर रहे। अब वह ललचाई आंखों से राज्यसभा पर निगाह लगाए हुए हैं, मेरी उन्हें शुभकामना है कि राज्यसभा उन्हें मिल जाए।
उन्होंने कहा कि मुझसे सोमवार को मुलायम सिंह की ओर से पार्टी सांसद राशिद मसूद ने संपर्क किया और पूछा कि क्या पार्टी में आपके लौटने की संभावनाएं हैं तो मैंने साफ इंकार कर दिया क्योंकि मैं इस आरोप से खिन्न हूं कि कल्याण सिंह को पार्टी से जोडऩे के लिए मैं जिम्मेदार हूं और मेरे पास मुलायम परिवार के खिलाफ सीडी है। उन्होंने इस कथित भ्रामक प्रचार पर भी सपा को आड़े हाथों लिया कि वह मायावती का पक्ष ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी दो दिन पहले ही प्रदेश सरकार ने मेरे खिलाफ एक मुकदमे को गति प्रदान की है। मेरे खिलाफ मायावती ने जो मुकदमे कराए हैं वह मुलायम और उनके परिवार की ढाल बनकर जब मैं खड़ा हुआ तब दर्ज कराए गए। वर्तमान प्रवक्ता पर तो ऐसा कोई मुकदमा नहीं है। यही नहीं मुलायम परिवार के किसी सांसद ने भी संसद के दोनों सदनों में मुलायम का कभी बचाव नहीं किया।
उन्होंने कहा कि मैंने अपने ब्लॉग में ज्योति बसु और सोनिया गांधी के त्याग की जो तारीफ की उसमें कुछ भी गलत नहीं है। अपने दिल्ली स्थित सरकारी आवास पर संवाददाताओं से बातचीत कर रहे अमर सिंह ने कहा कि मैंने पार्टी को यह सुझाव देकर कुछ गलत नहीं किया कि जब कांग्रेस और भाजपा जैसी पार्टियां महिला आरक्षण के समर्थन में हैं तो इस विधेयक का विरोध करके कोई फायदा नहीं। साथ ही यह सुझाव भी कोई गलत नहीं था कि पार्टी को अब मुस्लिम या अति पिछड़े को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए। मुलायम को खुद बार-बार मुख्यमंत्री या फिर अपने परिवार के लोगों को इस पद पर लाने का प्रयास नहीं करना चाहिए।
पार्टी प्रवक्ता के आरोपों से नाराज अमर सिंह ने कहा कि इन लोगों ने बड़ी बेशर्मी से मेरे योगदान को नकारते हुए मुझे कमीना और पागल तक कहा। यदि यह विशेषण मुझे नहीं दिए जाते तो मैं घर पर रहता लेकिन इन विशेषणों के कारण मैं सभाएं करने पर विवश हुआ। उन्होंने कहा कि मैंने तो पार्टी से सिक लीव मांगी थी और अपनी बीमारी की बात कहकर, कुछ दिन आराम करने की बात कहकर कुछ गलत नहीं किया।
अमर ने साफ किया कि उन्होंने अभी कोई राजनीतिक निर्णय नहीं लिया है और जो लोकमंच बनाया है उसके जरिए वह काम करेंगे। उन्होंने कहा कि हमने तो क्षत्रियों की सभा में भी अति पिछड़ों के हित की बात की।
02 फ़रवरी 2010
वीरचन्द गुप्ता वरच्युस क्लब के अध्यक्ष बने
डबवाली (लहू की लौ) यहां के वरच्युस कल्ब इण्डिया के वार्षिक चुनाव मुख्य सलाहाकर आत्मा राम अरोड़ा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुए।
यह जानकारी देते हुए क्लब के प्रवक्ता राजेश हाकू ने बताया कि बैठक में वर्ष 2010 के लिये प्रधान वीर चन्द गुप्ता, उपप्रधान मंगतराय बांसल, जनरल सचिव अशोक टीना, सहसचिव रमेश सेठी, फाईनैंस सचिव विजय बांसल, सह फाईंनैंस सचिव विजय मुंजाल, पीआरओ राजेश हाकू, एपीआरओ सुमित भारती, शिक्षा निर्देशक नरेश शर्मा, सह शिक्षा निदेशक राजकुमार, सांस्कृतिक सचिव संजीव शाद, सह सांस्कृतिक सचिव पालविन्द्र शास्त्री, निदेशक समाज सेवा एडवोकेट भूपिन्द्र सूर्या, सह निदेशक समाज सेवा ज्ञानी ज्ञान सिंह, निदेशक स्वास्थ्य सेवायें डॉ. मथुरा दास चलाना, सह निदेशक स्वास्थ्य सेवायें डॉ. लवलीन नागपाल, निदेशक खेल कूद राकेश शर्मा, सह निदेशक खेलकूद एडवोकेट जतिन्द्र खैरा के अतिरिक्त मनोज कुमार आफिस इन्चार्ज का कार्य भार सौंपा गयाञ इसके अतिरिक्त प्रबंधक समिति में संतोश शर्मा, तरसेम गर्ग, परमजीत कोचर, जतिन्द्र शर्मा, वेद कालड़ा को प्रबंधक समिति का सदस्य बनाया गया। इस मौके पर कल्ब के संस्थापक केशव शर्मा, सलाहकार डॉ. प्रशोत्तम सिंगला, पूर्व वित्त सचिव विजय बांसल भी उपस्थित थे।
यह जानकारी देते हुए क्लब के प्रवक्ता राजेश हाकू ने बताया कि बैठक में वर्ष 2010 के लिये प्रधान वीर चन्द गुप्ता, उपप्रधान मंगतराय बांसल, जनरल सचिव अशोक टीना, सहसचिव रमेश सेठी, फाईनैंस सचिव विजय बांसल, सह फाईंनैंस सचिव विजय मुंजाल, पीआरओ राजेश हाकू, एपीआरओ सुमित भारती, शिक्षा निर्देशक नरेश शर्मा, सह शिक्षा निदेशक राजकुमार, सांस्कृतिक सचिव संजीव शाद, सह सांस्कृतिक सचिव पालविन्द्र शास्त्री, निदेशक समाज सेवा एडवोकेट भूपिन्द्र सूर्या, सह निदेशक समाज सेवा ज्ञानी ज्ञान सिंह, निदेशक स्वास्थ्य सेवायें डॉ. मथुरा दास चलाना, सह निदेशक स्वास्थ्य सेवायें डॉ. लवलीन नागपाल, निदेशक खेल कूद राकेश शर्मा, सह निदेशक खेलकूद एडवोकेट जतिन्द्र खैरा के अतिरिक्त मनोज कुमार आफिस इन्चार्ज का कार्य भार सौंपा गयाञ इसके अतिरिक्त प्रबंधक समिति में संतोश शर्मा, तरसेम गर्ग, परमजीत कोचर, जतिन्द्र शर्मा, वेद कालड़ा को प्रबंधक समिति का सदस्य बनाया गया। इस मौके पर कल्ब के संस्थापक केशव शर्मा, सलाहकार डॉ. प्रशोत्तम सिंगला, पूर्व वित्त सचिव विजय बांसल भी उपस्थित थे।
भारत में अमेरिका ने आतंकवादी हमलों की आशंका जताई
वाशगटन। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने भारत में आतंकी हमले होने की आशंका के मद्देजनर भारत आने वाले अपने नागरिकों को सतर्क रहने को कहा है। भारत में आतंकवादी हमलों की योजना के बारे में लगातार मिल रही सूचना को देखते हुए अमेरिका ने यह परामर्श जारी किया है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने परामर्श में कहा है कि अमेरिकी सरकार को लगातार सूचना मिल रही है कि आतंकवादी संगठन भारत में हमले की साजिश रच सकते हैं।
परामर्श में कहा गया है कि आतंकवादी और उनसे सहानुभूति रखने वालों ने उन स्थानों पर हमले किए हंै जहां पर अमेरिकी नागरिक या अन्य पश्चिमी देशों के लोग जाते हैं। इन जगहों पर जाने से पहले सावधानी बरतें।
इसमें कहा गया है कि वे धार्मिक स्थानों समेत सार्वजनिक जगह पर जाते समय वहां की सुरक्षा व्यवस्था को देख ले। इसमें सलाह दी गई है कि सुरक्षा के मद्देनजर वे खुद को ज्यादा जाहिर न करें।
मालूम हो कि इससे पहले भी पिछले अमेरिकी सरकार ने इसी प्रकार के दिशा निर्देश जारी किए थे और इस भारत ने क$डा एतराज भी जताया था।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने परामर्श में कहा है कि अमेरिकी सरकार को लगातार सूचना मिल रही है कि आतंकवादी संगठन भारत में हमले की साजिश रच सकते हैं।
परामर्श में कहा गया है कि आतंकवादी और उनसे सहानुभूति रखने वालों ने उन स्थानों पर हमले किए हंै जहां पर अमेरिकी नागरिक या अन्य पश्चिमी देशों के लोग जाते हैं। इन जगहों पर जाने से पहले सावधानी बरतें।
इसमें कहा गया है कि वे धार्मिक स्थानों समेत सार्वजनिक जगह पर जाते समय वहां की सुरक्षा व्यवस्था को देख ले। इसमें सलाह दी गई है कि सुरक्षा के मद्देनजर वे खुद को ज्यादा जाहिर न करें।
मालूम हो कि इससे पहले भी पिछले अमेरिकी सरकार ने इसी प्रकार के दिशा निर्देश जारी किए थे और इस भारत ने क$डा एतराज भी जताया था।
बिहार में अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे : राहुल
बेतिया। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव राहुल गांधी ने आज कहा कि उनकी पार्टी बिहार में अगला विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ेगी। बिहार के दो दिवसीय दौरे के क्रम में राहुल आज पश्चिम चंपारण जिले के भितिहरवा गांव पहुंचे। उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आश्रम में जाकर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। गांधी आश्रम परिसर में राहुल ने आंतरिक चुनाव में शामिल होने के लिए पार्टी के संभावित युवा उम्मीदवरों के साथ बातचीत की।
राहुल ने कहा कि जनता का भरोसा खोने के कारण बिहार में कांग्रेस की यह दुर्गति हुई थी और अगला चुनाव उनकी पार्टी अपने दम पर लड़ेगी। उन्होंने कहा कि हवाई नेताओं के दिन लद गए। अब नेता पैराशूट से नहीं गिराए जाएंगे बल्कि गांव के पंचायत से बनेंगे। राहुल ने कहा कि जिनकी जमीन मजबूत होगी, वही आगे बढेंग़े तथा जो जनता के बीच जाकर उनके लिए संघर्ष करेगा उसी को पार्टी का टिकट दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि युवा कांगेस की ओर देश के युवाओं का झुकाव तेजी से बढ़ रहा है और युवाओं के जरिए पार्टी के संगठन को मजबूत बनाया जाएगा। राहुल ने कहा कि बिहार में बदळाव लाना है और युवा कांग्रेस के नेता यहां की जनता के लिए लड़ेंगे।
पश्चिम चंपारण जिले के भितिहरवा गांव से विशेष हेलिकाप्टर से रवाना हुए राहुल दरभंगा के ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में आयोजित एक गैर राजनीतिक कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं को संबोधित करेंगे। दरभंगा में भी राहुल पार्टी के आंतरिक चुनाव में शामिल होने के लिए संभावित उम्मीदवरों के साथ बातचीत करेंगे। राहुल आज ही दरभंगा से गया के लिए रवाना होंगे और बोधगया में पार्टी के अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के राज्य स्तरीय सम्मेलन को संबोधित करेंगे। राहुल वहां भी पार्टी के आंतरिक चुनाव में शामिल होने के लिए संभावित उम्मीदवरों के साथ बातचीत करेंगे। राहुल आज ही गया से पटना लौट आएंगे और शाम में यहां कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय में पार्टी की एक समिति को संबोधित करेंगे।
राहुल ने कहा कि जनता का भरोसा खोने के कारण बिहार में कांग्रेस की यह दुर्गति हुई थी और अगला चुनाव उनकी पार्टी अपने दम पर लड़ेगी। उन्होंने कहा कि हवाई नेताओं के दिन लद गए। अब नेता पैराशूट से नहीं गिराए जाएंगे बल्कि गांव के पंचायत से बनेंगे। राहुल ने कहा कि जिनकी जमीन मजबूत होगी, वही आगे बढेंग़े तथा जो जनता के बीच जाकर उनके लिए संघर्ष करेगा उसी को पार्टी का टिकट दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि युवा कांगेस की ओर देश के युवाओं का झुकाव तेजी से बढ़ रहा है और युवाओं के जरिए पार्टी के संगठन को मजबूत बनाया जाएगा। राहुल ने कहा कि बिहार में बदळाव लाना है और युवा कांग्रेस के नेता यहां की जनता के लिए लड़ेंगे।
पश्चिम चंपारण जिले के भितिहरवा गांव से विशेष हेलिकाप्टर से रवाना हुए राहुल दरभंगा के ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में आयोजित एक गैर राजनीतिक कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं को संबोधित करेंगे। दरभंगा में भी राहुल पार्टी के आंतरिक चुनाव में शामिल होने के लिए संभावित उम्मीदवरों के साथ बातचीत करेंगे। राहुल आज ही दरभंगा से गया के लिए रवाना होंगे और बोधगया में पार्टी के अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के राज्य स्तरीय सम्मेलन को संबोधित करेंगे। राहुल वहां भी पार्टी के आंतरिक चुनाव में शामिल होने के लिए संभावित उम्मीदवरों के साथ बातचीत करेंगे। राहुल आज ही गया से पटना लौट आएंगे और शाम में यहां कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय में पार्टी की एक समिति को संबोधित करेंगे।
मुंबई मुद्दे पर दखलंदाजी नहीं करे संघ: उद्धव
मुंबई। मुबई में उत्तर भारतीयों को किसी भी तरह के भेदभाव से बचाने संबंधी आरएसएस प्रवक्ता राम माधव के वक्तव्य पर संघ को आड़े हाथों लेते हुए शिवसेना के कार्यकारी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने आज कहा कि संगठन महाराष्ट्र की राजधानी के मुद्दे पर दखलंदाजी न करे। उद्धव ने आज यहां संवाददाताओं से कहा- राम माधव को मुंबई मुद्दे की चिंता नहीं करनी चाहिए और हमें देशभक्ति या एकता का पाठ नहीं पढ़ाना चाहिये। वर्ष १९९२ के हिंदू-मुस्लिम दंगों के दौरान शिवसेना ने हिंदुओं की रक्षा की थी लेकिन उस समय आरएसएस कहां था। उन्होंने कहा कि राम माधव को दक्षिण भारतीय राज्यों के बारे में चिंता करनी चाहिए और उन राज्यों में हिंदी सिखानी चाहिये। मुंबई को मराठी माणूस की ही बताने के शिवसेना के दावे को दरकिनार करते हुए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी हाल ही में कहा था कि मुंबई सभी भारतीयों के लिए है। सभी भाषा, समुदाय और जाति के लोग भारत की संतान हैं। कोई भी भारतीयों को रोजगार की तलाश में देश के किसी हिस्से में जाने से नहीं रोक सकता।
महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद पर उद्धव ने कहा कि हजारों मराठी लोग कर्नाटक में भेदभाव का शिकार हो रहे हैं लेकिन माधव उनके बारे में कभी कुछ नहीं कहते। उद्धव ने यह भी कहा कि आरएसएस असम में हिंदी भाषी लोगों के साथ हो रहे भेदभाव पर क्यों चुप्पी साधे है। शिवसेना के मराठी जनता के प्रति रुख को दोहराते हुए उद्धव ने कहा- मराठी जनता की राह में आने वाले किसी भी व्यक्ति को पहले शिवसेना का सामना करना होगा।
इस बीच, मुंबई क्षेत्रीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कृपाशंकर सिंह ने राम माधव के वक्तव्य की आलोचना करते हुए कहा कि आरएसएस महात्मा गांधी की हत्या को नहीं रोक सका। फिर वह उत्तर भारतीयों पर हमलों को कैसे रोकेगा।
महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद पर उद्धव ने कहा कि हजारों मराठी लोग कर्नाटक में भेदभाव का शिकार हो रहे हैं लेकिन माधव उनके बारे में कभी कुछ नहीं कहते। उद्धव ने यह भी कहा कि आरएसएस असम में हिंदी भाषी लोगों के साथ हो रहे भेदभाव पर क्यों चुप्पी साधे है। शिवसेना के मराठी जनता के प्रति रुख को दोहराते हुए उद्धव ने कहा- मराठी जनता की राह में आने वाले किसी भी व्यक्ति को पहले शिवसेना का सामना करना होगा।
इस बीच, मुंबई क्षेत्रीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कृपाशंकर सिंह ने राम माधव के वक्तव्य की आलोचना करते हुए कहा कि आरएसएस महात्मा गांधी की हत्या को नहीं रोक सका। फिर वह उत्तर भारतीयों पर हमलों को कैसे रोकेगा।
31 जनवरी 2010
कांग्रेस में कलह
डबवाली (लहू की लौ) हल्का डबवाली के विधानसभा चुनाव में जिस प्रकार से कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा उससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं में मायूसी ही नहीं बल्कि खटास भी पैदा हो गई है। इसी के चलते हल्का डबवाली कांग्रेस के प्रधान रामजी लाल तथा शहरी प्रधान नवरतन बांसल ने भी सोनिया गांधी को एक पत्र लिखकर पार्टी को सुचारू रूप से चलाने की मांग रखनी पड़ी है।
इन नेताओं सहित अन्य पार्टी कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्षा सोनिया गांधी को भेजे पत्र में कहा है कि जब से हरियाणा में कांग्रेस पार्टी की सरकार आई है, तब से डबवाली हल्का में चंद लोगों ने फूट पाओ राज करो की नीति अपना रखी है। डबवाली में कुछ शरारती तत्व और कार्यकर्ताओं ने गुटबाजी बनाकर पार्टी पर कुठाराघात किया है और पार्टी के पुराने वफादार कार्यकर्ताओं को पार्टी की बैठकों में न बुलाकर, उनको इज्जत और मान न देकर बाहर का रास्ता दिखा दिया है। जिस कारण पार्टी कार्यकर्ताओं में रोष है और पुराने वफादार कार्यकर्ता अपने-अपने घर बैठ गये हैं।
इस पत्र पर गोपाल मित्तल, साहब राम पुहाल, बलदेव राज शर्मा, कश्मीर सिंह तनेजा आदि के भी हस्ताक्षर हैं। पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि सन् 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी अशोक तंवर ने पार्टी संगठन को साथ लेकर चलते हुए लोकसभा चुनाव से विजयश्री पाई। परंतु इसी वर्ष विधानसभा चुनाव में पार्टी संगठन व वर्करों की अनदेखी के चलते कांग्रेस पार्टी बुरी तरह पराजित हुई। उनका आरोप है कि कुछ चंद लोगों ने कांग्रेस प्रत्याशी को अपनी मुट्ठी में रखा और इससे कांग्रेस वर्कर नाराज हुए। जो हार का कारण बने।
शिकायत में यह भी लिखा है कि सन् 2005 में भी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी जगन्नाथ चुनाव हारे। उन्हें भी यहां फूट का सामना करना पड़ा। चूंकि उनके साथ भी चंद आदमी थे और कार्यकर्ता व संगठन की अनदेखी की गई थी। इन पार्टी कार्यकर्ताओं ने सोनिया गांधी से गुहार लगाई है कि हल्का डबवाली में पार्टी को सुचारू रूप से चलाने के लिए कोई अच्छा प्रतिनिधि दिया जाये, जो इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करके पार्टी को मजबूत और सुचारू रूप से चला सकें। अन्यथा पिछले चुनावों की तरह ही भविष्य में होने वाले चुनाव में भी पार्टी को मुंह की खानी पड़ेगी।
मजेदार बात तो यह है कि इस समय कांग्रेस में जो लड़ाई चल रही है, वह केवल मलाई खाने की लड़ाई है। कोई सत्ता के साथ जुड़कर मोटी मलाई चाट रहा है तो किसी के हाथ लस्सी भी नहीं आ रही है। जिसके चलते केवल अधिकांश कार्यकर्ता मदानी चलाने वाले ही रह गये हैं। जबकि मलाई बड़े खा रहे हैं।
इन नेताओं सहित अन्य पार्टी कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्षा सोनिया गांधी को भेजे पत्र में कहा है कि जब से हरियाणा में कांग्रेस पार्टी की सरकार आई है, तब से डबवाली हल्का में चंद लोगों ने फूट पाओ राज करो की नीति अपना रखी है। डबवाली में कुछ शरारती तत्व और कार्यकर्ताओं ने गुटबाजी बनाकर पार्टी पर कुठाराघात किया है और पार्टी के पुराने वफादार कार्यकर्ताओं को पार्टी की बैठकों में न बुलाकर, उनको इज्जत और मान न देकर बाहर का रास्ता दिखा दिया है। जिस कारण पार्टी कार्यकर्ताओं में रोष है और पुराने वफादार कार्यकर्ता अपने-अपने घर बैठ गये हैं।
इस पत्र पर गोपाल मित्तल, साहब राम पुहाल, बलदेव राज शर्मा, कश्मीर सिंह तनेजा आदि के भी हस्ताक्षर हैं। पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि सन् 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी अशोक तंवर ने पार्टी संगठन को साथ लेकर चलते हुए लोकसभा चुनाव से विजयश्री पाई। परंतु इसी वर्ष विधानसभा चुनाव में पार्टी संगठन व वर्करों की अनदेखी के चलते कांग्रेस पार्टी बुरी तरह पराजित हुई। उनका आरोप है कि कुछ चंद लोगों ने कांग्रेस प्रत्याशी को अपनी मुट्ठी में रखा और इससे कांग्रेस वर्कर नाराज हुए। जो हार का कारण बने।
शिकायत में यह भी लिखा है कि सन् 2005 में भी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी जगन्नाथ चुनाव हारे। उन्हें भी यहां फूट का सामना करना पड़ा। चूंकि उनके साथ भी चंद आदमी थे और कार्यकर्ता व संगठन की अनदेखी की गई थी। इन पार्टी कार्यकर्ताओं ने सोनिया गांधी से गुहार लगाई है कि हल्का डबवाली में पार्टी को सुचारू रूप से चलाने के लिए कोई अच्छा प्रतिनिधि दिया जाये, जो इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करके पार्टी को मजबूत और सुचारू रूप से चला सकें। अन्यथा पिछले चुनावों की तरह ही भविष्य में होने वाले चुनाव में भी पार्टी को मुंह की खानी पड़ेगी।
मजेदार बात तो यह है कि इस समय कांग्रेस में जो लड़ाई चल रही है, वह केवल मलाई खाने की लड़ाई है। कोई सत्ता के साथ जुड़कर मोटी मलाई चाट रहा है तो किसी के हाथ लस्सी भी नहीं आ रही है। जिसके चलते केवल अधिकांश कार्यकर्ता मदानी चलाने वाले ही रह गये हैं। जबकि मलाई बड़े खा रहे हैं।
ट्रीटमेंट प्लांट की खुदाई के लिए आई टीम को खदेड़ा
डबवाली (लहू की लौ) पंजाब मण्डीकरण बोर्ड जनस्वास्थ्य विभाग की टीम पुलिस दलबल के साथ मण्डी किलियांवाली में निर्धारित स्थल पर डिस्पोजल बनाने के लिए शुक्रवार को पहुंची। लेकिन नरसिंह कलोनी निवासियों के विरोध के चलते इस टीम को वहां से बेरंग लौटना पड़ा।
प्राप्त जानकारी अनुसार मालवा बाईपास रोड़ पर मण्डीकरण बोर्ड पंजाब के जनस्वास्थ्य विभाग ने करीब 28 वर्ष पूर्व डिस्पोजल एवं ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की योजना तैयार की थी। इसी योजना के तहत मण्डीकरण बोर्ड पंजाब का जनस्वास्थ्य विभाग दो बार पहले भी ट्रीटमेंट प्लांट के लिए डिग्गी खुदवाने का प्रयास कर चुका है। लेकिन लोगों के विरोध के चलते उसे सफलता नहीं मिली।
शुक्रवार को तीसरी बार विभाग के सुपरवाईजर जसवीर सिंह तथा अकाली नेता राजेन्द्र सिंह भाटी के नेतृत्व में मण्डीकरण बोर्ड ने पुलिस बल के साथ इस स्थान पर दस्तक दी। उनके साथ जेसीबी मशीन भी थी। जैसे ही जेसीबी मशीन ने खुदाई का कार्य शुरू किया तो नरसिंह कलोनी के सरपंच जसपाल सिंह के नेतृत्व में कलोनी निवासी भारी संख्या में मौका पर जमा हो गये और बोर्ड के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। इस विरोध के चलते विभागीय टीम को वहां से बैरंग वापिस जाना पड़ा। विरोध करने वालों में शामिल अमनदीप सिंह पंच, गिन्नी, अमरजीत सिंह, काली, राजवीर, अमृत, बलकरण, काका, देसराज, बोहड़ सिंह, धर्मा सिंह, सीता देवी, अमरजीत कौर, जसवीर कौर, गुरविन्द्र कौर, जंगीर कौर आदि ने बताया कि वे लोग ट्रीटमेंट प्लांट के खिलाफ नहीं है। लेकिन उनकी मांग है कि इसे आबादी से करीब एक किलोमीटर दूर बनाया जाये। उन्होंने यह भी कहा कि अगर 28 वर्ष पूर्व विभाग की यहां ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की योजना थी, तो इस स्थान पर विभाग ने निर्माणाधीन ट्रीटमेंट प्लांट का बोर्ड क्यों नहीं लगाया।
सरपंच जसपाल सिंह ने बताया कि पंचायत सदस्यों के साथ शीघ्र ही उपायुक्त मुक्तसर को मिलकर अपनी इस समस्या से अवगत करवाएंगे और उनसे अनुरोध करेंगे कि ट्रीटमेंट प्लांट आबादी से एक किलोमीटर दूर स्थापित किया जाये। उन्होंने यह भी कहा कि अगर विभाग ट्रीटमेंट प्लांट को आबादी से एक किलोमीटर दूर बनाता है, तो ग्राम पंचायत इसके लिए विभाग को पंचायती जमीन देने के लिए तैयार है।
मण्डीकरण बोर्ड पंजाब के जनस्वास्थ्य विभाग के सुपरवाईजर जसवीर सिंह ने कहा कि भले ही इस स्थान पर 28 वर्ष पूर्व ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की योजना बनाई गई थी। लेकिन इस योजना को वर्तमान प्रकाश सिंह बादल की सरकार ने हाल ही में स्वीकृति देते हुए इस पर 2 करोड़ रूपये लगाने का निर्णय लिया है, उनके अनुसार सरकारी जमीन पर इसे बनाया जा रहा है और इसे इसी जगह पर हर हालत में बनाया जाएगा। उनके अनुसार आज फोर्स कम थी और प्रशासन भी नहीं चाहता कि विरोध करने वालों के साथ सख्ती से पेश आया जाये। प्रशासन चाहता है कि बातचीत से विरोध करने वाले ट्रीटमेंट प्लांट की महत्ता को समझें और इसका विरोध न करें।
प्राप्त जानकारी अनुसार मालवा बाईपास रोड़ पर मण्डीकरण बोर्ड पंजाब के जनस्वास्थ्य विभाग ने करीब 28 वर्ष पूर्व डिस्पोजल एवं ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की योजना तैयार की थी। इसी योजना के तहत मण्डीकरण बोर्ड पंजाब का जनस्वास्थ्य विभाग दो बार पहले भी ट्रीटमेंट प्लांट के लिए डिग्गी खुदवाने का प्रयास कर चुका है। लेकिन लोगों के विरोध के चलते उसे सफलता नहीं मिली।
शुक्रवार को तीसरी बार विभाग के सुपरवाईजर जसवीर सिंह तथा अकाली नेता राजेन्द्र सिंह भाटी के नेतृत्व में मण्डीकरण बोर्ड ने पुलिस बल के साथ इस स्थान पर दस्तक दी। उनके साथ जेसीबी मशीन भी थी। जैसे ही जेसीबी मशीन ने खुदाई का कार्य शुरू किया तो नरसिंह कलोनी के सरपंच जसपाल सिंह के नेतृत्व में कलोनी निवासी भारी संख्या में मौका पर जमा हो गये और बोर्ड के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। इस विरोध के चलते विभागीय टीम को वहां से बैरंग वापिस जाना पड़ा। विरोध करने वालों में शामिल अमनदीप सिंह पंच, गिन्नी, अमरजीत सिंह, काली, राजवीर, अमृत, बलकरण, काका, देसराज, बोहड़ सिंह, धर्मा सिंह, सीता देवी, अमरजीत कौर, जसवीर कौर, गुरविन्द्र कौर, जंगीर कौर आदि ने बताया कि वे लोग ट्रीटमेंट प्लांट के खिलाफ नहीं है। लेकिन उनकी मांग है कि इसे आबादी से करीब एक किलोमीटर दूर बनाया जाये। उन्होंने यह भी कहा कि अगर 28 वर्ष पूर्व विभाग की यहां ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की योजना थी, तो इस स्थान पर विभाग ने निर्माणाधीन ट्रीटमेंट प्लांट का बोर्ड क्यों नहीं लगाया।
सरपंच जसपाल सिंह ने बताया कि पंचायत सदस्यों के साथ शीघ्र ही उपायुक्त मुक्तसर को मिलकर अपनी इस समस्या से अवगत करवाएंगे और उनसे अनुरोध करेंगे कि ट्रीटमेंट प्लांट आबादी से एक किलोमीटर दूर स्थापित किया जाये। उन्होंने यह भी कहा कि अगर विभाग ट्रीटमेंट प्लांट को आबादी से एक किलोमीटर दूर बनाता है, तो ग्राम पंचायत इसके लिए विभाग को पंचायती जमीन देने के लिए तैयार है।
मण्डीकरण बोर्ड पंजाब के जनस्वास्थ्य विभाग के सुपरवाईजर जसवीर सिंह ने कहा कि भले ही इस स्थान पर 28 वर्ष पूर्व ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की योजना बनाई गई थी। लेकिन इस योजना को वर्तमान प्रकाश सिंह बादल की सरकार ने हाल ही में स्वीकृति देते हुए इस पर 2 करोड़ रूपये लगाने का निर्णय लिया है, उनके अनुसार सरकारी जमीन पर इसे बनाया जा रहा है और इसे इसी जगह पर हर हालत में बनाया जाएगा। उनके अनुसार आज फोर्स कम थी और प्रशासन भी नहीं चाहता कि विरोध करने वालों के साथ सख्ती से पेश आया जाये। प्रशासन चाहता है कि बातचीत से विरोध करने वाले ट्रीटमेंट प्लांट की महत्ता को समझें और इसका विरोध न करें।
किसानों ने बादल परिवार के खिलाफ दिया धरना
डबवाली (लहू की लौ) भारतीय किसान यूनियन (एकता ) उग्राहा ने गांव बादल के एक किसान को बादल परिवार द्वारा प्रताडि़त किये जाने के विरोध में शुक्रवार को लम्बी थाना के समक्ष जोरदार नारेबाजी करते हुए धरना दिया।
बीकेयू (एकता) के ब्लाक प्रधान गुरदीप सिंह खुड्डियां तथा सुक्खा सिंह सिंघेवाला ब्लाक प्रधान खेत मजदूर यूनियन ने बताया कि गांव बादल के एक गरीब किसान परिवार मोहन सिंह पुत्र नाजर सिंह ने 1995-96 में करीब चार एकड़ जमीन बादल परिवार के पवनप्रीत सिंह उर्फ बॉबी पुत्र जसवीर सिंह और जसवीर सिंह पुत्र बलवीर सिंह से एक साल के लिए ठेका पर ली थी। लेकिन इन लोगों ने गरीब किसान को आवश्यक पानी नहीं दिया। जिसके चलते वहां फसल नहीं हो सकी और जितनी भी फसल हुई, उसको बेचकर उसने पैसे दे दिये थे। लेकिन 21 हजार रूपये अभी भी बॉबी परिवार के बाकी रह गये थे। उनके अनुसार जमींदार ने पांच प्रतिशत ब्याज लगाकर अब इस गरीब किसान से 6 लाख रूपये की मांग शुरू कर दी और साथ ही उसकी दो कैनाल जमीन पर कब्जा कर लिया।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि 6-7-09 को किसान द्वारा इस भूमि पर बनाये गये मकान को भी आधी रात को उपरोक्त आरोपियों ने गनमैनों और अपने ड्राईवर के साथ मिलकर गिरा दिया। इसकी रपट भी लम्बी थाना में करवाई गई थी। लेकिन आज तक आरोपियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई। गरीब किसान को इंसाफ न मिलने पर आज उन्हें लम्बी थाना का घेराव करना पड़ा है।
इस मौके पर जिला प्रधान पूर्ण सिंह दोदा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष भूपिन्द्र सिंह चन्नू, जिला महासचिव गुरभक्त सिंह भलाईआना, ब्लाक प्रधान मल सिंह क्खांवाली, जरनैल सिंह, भूपिन्द्र सिंह पंजावा, फलेल सिंह क्खांवाली, जसवीर सिंह सेहना, गुरतेज सिंह चन्नू, धीरा सिंह, जंगीर सिंह मिढ़ा, बलदेव सिंह, सुरजीत सिंह खुड्डियां, ब्लाक मलोट प्रधान बोहड़ सिंह शेरगढ़, ब्लाक मुक्तसर के कामरेड जगदेव सिंह, गोरा सिंह भागसर, जीता सिंह महाभद्र, मल सिंह, मुख्तियार सिंह रोहड़ांवाली, खेत मजदूर यूनियन के जिला प्रधान नानक सिंह सिंघेवाला, गुरतेज सिंह किलियांवाली, गुरपाश सिंह सिंघेवाला लोकमोर्चा, हेमराज टीएसयू उपस्थित थे।
धरना दे रहे किसानों के पास पहुंचे थाना लम्बी प्रभारी हरिन्द्र सिंह चमेली ने किसानों को आश्वासन दिलाया कि मोहन सिंह अपनी जमीन में अपना मकान बनाये। उसे पुलिस द्वारा संरक्षण दिया जाएगा। इस पर किसानों ने धरना समाप्त कर दिया।
बीकेयू (एकता) के ब्लाक प्रधान गुरदीप सिंह खुड्डियां तथा सुक्खा सिंह सिंघेवाला ब्लाक प्रधान खेत मजदूर यूनियन ने बताया कि गांव बादल के एक गरीब किसान परिवार मोहन सिंह पुत्र नाजर सिंह ने 1995-96 में करीब चार एकड़ जमीन बादल परिवार के पवनप्रीत सिंह उर्फ बॉबी पुत्र जसवीर सिंह और जसवीर सिंह पुत्र बलवीर सिंह से एक साल के लिए ठेका पर ली थी। लेकिन इन लोगों ने गरीब किसान को आवश्यक पानी नहीं दिया। जिसके चलते वहां फसल नहीं हो सकी और जितनी भी फसल हुई, उसको बेचकर उसने पैसे दे दिये थे। लेकिन 21 हजार रूपये अभी भी बॉबी परिवार के बाकी रह गये थे। उनके अनुसार जमींदार ने पांच प्रतिशत ब्याज लगाकर अब इस गरीब किसान से 6 लाख रूपये की मांग शुरू कर दी और साथ ही उसकी दो कैनाल जमीन पर कब्जा कर लिया।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि 6-7-09 को किसान द्वारा इस भूमि पर बनाये गये मकान को भी आधी रात को उपरोक्त आरोपियों ने गनमैनों और अपने ड्राईवर के साथ मिलकर गिरा दिया। इसकी रपट भी लम्बी थाना में करवाई गई थी। लेकिन आज तक आरोपियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई। गरीब किसान को इंसाफ न मिलने पर आज उन्हें लम्बी थाना का घेराव करना पड़ा है।
इस मौके पर जिला प्रधान पूर्ण सिंह दोदा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष भूपिन्द्र सिंह चन्नू, जिला महासचिव गुरभक्त सिंह भलाईआना, ब्लाक प्रधान मल सिंह क्खांवाली, जरनैल सिंह, भूपिन्द्र सिंह पंजावा, फलेल सिंह क्खांवाली, जसवीर सिंह सेहना, गुरतेज सिंह चन्नू, धीरा सिंह, जंगीर सिंह मिढ़ा, बलदेव सिंह, सुरजीत सिंह खुड्डियां, ब्लाक मलोट प्रधान बोहड़ सिंह शेरगढ़, ब्लाक मुक्तसर के कामरेड जगदेव सिंह, गोरा सिंह भागसर, जीता सिंह महाभद्र, मल सिंह, मुख्तियार सिंह रोहड़ांवाली, खेत मजदूर यूनियन के जिला प्रधान नानक सिंह सिंघेवाला, गुरतेज सिंह किलियांवाली, गुरपाश सिंह सिंघेवाला लोकमोर्चा, हेमराज टीएसयू उपस्थित थे।
धरना दे रहे किसानों के पास पहुंचे थाना लम्बी प्रभारी हरिन्द्र सिंह चमेली ने किसानों को आश्वासन दिलाया कि मोहन सिंह अपनी जमीन में अपना मकान बनाये। उसे पुलिस द्वारा संरक्षण दिया जाएगा। इस पर किसानों ने धरना समाप्त कर दिया।
30 जनवरी 2010
बीपीएल सूची लागू न होने से हजारों परिवार वंचित हैं लाभ से
डबवाली (लहू की लौ) हजारों परिवारों के लिए जीवन यापन का पर्याय बनी बीपीएल सूची जिला खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के लिए कोई मायने नहीं रखती। भारी भरकम वेतन लेने वाले विभागीय अधिकारी प्रदेश सरकार द्वारा अनुमोदित की गई बीपीएल सूची को लागू करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे। यही कारण है कि अगस्त-2009 से जारी की गई सूची को पांच माह बाद भी लागू नहीं किया गया है और इस सूची में शामिल पात्र परिवारों के बीपीएल कार्ड नहीं बन पाए हैं। बीपीएल कार्ड नहीं बनने के कारण हजारों परिवार न केवल रियायती दर पर मिलने वाले राशन से वंचित हैं, बल्कि प्रदेश सरकार द्वारा बीपीएल परिवारों को दी जाने वाली सुविधाओं से भी महरूम हैं। उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार द्वारा बीपीएल परिवारों को सस्ती दर पर राशन के अलावा बच्चों को शिक्षा, रोजगार व अन्य तरीकों से अनेक प्रकार की सुविधाएं दी जाती हैं। बीपीएल परिवारों को दो लाख रुपये का ऋण दिये जाने की योजना है, जिसमें 50 हजार रुपये तक अनुदान मिलता है। इसके अलावा बीपीएल परिवारों के बच्चों को पुस्तकें व अन्य प्रकार की सुविधा हासिल होती है। बीपीएल सूची में नाम आने के बावजूद हजारों परिवार जिला खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की कथित ढिलाई के चलते बीपीएल कार्ड से वंचित हैं। बीपीएल कार्ड नहीं होने के कारण वे सरकारी की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाने से भी वंचित हैं।
यहां वर्णनीय है कि प्रदेश सरकार द्वारा अगस्त-2008 में बीपीएल सूची जारी की गई थी। इस सूची में अनेक प्रकार की खामियों को लेकर भारी रोष पैदा हुआ था। बाद में प्रदेश सरकार द्वारा अगस्त-2009 में एक और बीपीएल सूची जारी की गई, मगर खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने इस सूची में शामिल किये गये परिवारों के पीले कार्ड बनाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। पहले लोकसभा चुनाव आए और उसके बाद विधानसभा चुनाव। तत्पश्चात ऐलनाबाद उपचुनाव आ गए, मगर प्रदेश सरकार की योजना सिरे नहीं चढ़ पाई। सिरसा के एक जागरूक नागरिक भूपेश गोयल द्वारा सूचना अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में जिला खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने स्वयं इस आशय की स्वीकारोक्ति की है कि विभाग के सिरसा, मल्लेकां, नाथूसरी चौपटा, डिंग, सुचान, कालांवाली, रोड़ी, ओढां, डबवाली, जीवननगर, खारिया में बीपीएल कार्ड बनाने में ढिलाई बरती गई है।
बीपीएल सूची को लेकर तथ्य यह हैं कि जिला खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा 8 हजार से अधिक परिवारों के कार्ड ही नहीं बनाए गए हैं। इतनी बड़ी संख्या में लोग विभाग के पास पीले कार्ड बनवाने ही नहीं पहुंचे। इसके साथ ही विभाग बीपीएल सूची में शामिल इन परिवारों को खोज ही नहीं पाया। हजारों परिवारों के इस बीपीएल सूची में शामिल होने के कारण पात्र परिवार इस सूची में स्थान नहंी बना पाए हैं।
विभाग की ओर से यदि 8025 परिवारों के नाम काट दिये जाते हैं तो इतनी ही संख्या के पात्र परिवारों को बीपीएल सूची में स्थान मिल सकता है, मगर जिला खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की कार्रवाई कछुआ गति से जारी है। उसे आम आदमी के हितों से शायद कुछ लेना-देना नहीं है। सूचना अधिकार के तहत जिला खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा जो सूचना दी गई है, उसके तहत स्टेट बीपीएल के 15841 कार्ड मंजूर किये गये थे, जिनमें से 12162 कार्ड ही जारी किये गये। इस प्रकार 2679 परिवारों का कोई पता नहीं चल पाया। इसी प्रकार सेंट्रल बीपीएल के 31186 परिवारों को इस सूची में शामिल किया गया मगर 28319 परिवार ही कार्ड बनवाने के लिए पहुंचे। अंतोदय योजना के तहत 25827 परिवारों के नाम सूची में शामिल किये गये, जिनमें से 23348 लोग ही अपने राशन कार्डों पर गुलाबी कार्ड की मोहर लगवाने के लिए पहुंचे। विभाग द्वारा दी गई सूचना के तहत 8025 परिवारों के कार्ड नहीं बने हैं।
जिला खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की कथित ढिलाई का यह आलम है कि अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय सिरसा द्वारा 28 अगस्त 2009 को दी गई नई बीपीएल सूची को आज तक लागू नहीं किया गया। यही नहीं विभाग के कर्मचारियों ने उच्चाधिकारियों द्वारा दी गई हिदायतों की भी पालना नहीं की। विभाग के कर्मचारियों द्वारा बरती गई ढील पर उच्चाधिकारियों ने केवल हिदायत भर देकर अपने कत्र्तव्य की इतिश्री कर ली। उधर बीपीएल सूची में शामिल परिवार पीले कार्ड के लिए कभी अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय तो कभी खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के चक्कर लगा रहे हैं। बीपीएल सूची में शामिल होने के लिए सैकड़ों परिवार आज भी नेताओं और दलालों की हाजिरी भर रहे हैं।
पिछले पांच महीने से पीले कार्ड के लिए चक्कर लगाने का यह क्रम आज भी जारी है। दरअसल बीपीएल कार्ड की स्थिति में पात्र परिवार सस्ता राशन, बैंक ऋण, ईलाज व शिक्षा के अलावा अन्य सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। शर्मनाक बात यह है कि जिन अधिकारियों को इस बीपीएल सूची को लागू करवाना चाहिए, वे अपने मातहत कर्मियों को पीले कार्ड अविलंब बनाने की हिदायत भर दे रहे हैं।
यहां वर्णनीय है कि प्रदेश सरकार द्वारा अगस्त-2008 में बीपीएल सूची जारी की गई थी। इस सूची में अनेक प्रकार की खामियों को लेकर भारी रोष पैदा हुआ था। बाद में प्रदेश सरकार द्वारा अगस्त-2009 में एक और बीपीएल सूची जारी की गई, मगर खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने इस सूची में शामिल किये गये परिवारों के पीले कार्ड बनाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। पहले लोकसभा चुनाव आए और उसके बाद विधानसभा चुनाव। तत्पश्चात ऐलनाबाद उपचुनाव आ गए, मगर प्रदेश सरकार की योजना सिरे नहीं चढ़ पाई। सिरसा के एक जागरूक नागरिक भूपेश गोयल द्वारा सूचना अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में जिला खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने स्वयं इस आशय की स्वीकारोक्ति की है कि विभाग के सिरसा, मल्लेकां, नाथूसरी चौपटा, डिंग, सुचान, कालांवाली, रोड़ी, ओढां, डबवाली, जीवननगर, खारिया में बीपीएल कार्ड बनाने में ढिलाई बरती गई है।
बीपीएल सूची को लेकर तथ्य यह हैं कि जिला खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा 8 हजार से अधिक परिवारों के कार्ड ही नहीं बनाए गए हैं। इतनी बड़ी संख्या में लोग विभाग के पास पीले कार्ड बनवाने ही नहीं पहुंचे। इसके साथ ही विभाग बीपीएल सूची में शामिल इन परिवारों को खोज ही नहीं पाया। हजारों परिवारों के इस बीपीएल सूची में शामिल होने के कारण पात्र परिवार इस सूची में स्थान नहंी बना पाए हैं।
विभाग की ओर से यदि 8025 परिवारों के नाम काट दिये जाते हैं तो इतनी ही संख्या के पात्र परिवारों को बीपीएल सूची में स्थान मिल सकता है, मगर जिला खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की कार्रवाई कछुआ गति से जारी है। उसे आम आदमी के हितों से शायद कुछ लेना-देना नहीं है। सूचना अधिकार के तहत जिला खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा जो सूचना दी गई है, उसके तहत स्टेट बीपीएल के 15841 कार्ड मंजूर किये गये थे, जिनमें से 12162 कार्ड ही जारी किये गये। इस प्रकार 2679 परिवारों का कोई पता नहीं चल पाया। इसी प्रकार सेंट्रल बीपीएल के 31186 परिवारों को इस सूची में शामिल किया गया मगर 28319 परिवार ही कार्ड बनवाने के लिए पहुंचे। अंतोदय योजना के तहत 25827 परिवारों के नाम सूची में शामिल किये गये, जिनमें से 23348 लोग ही अपने राशन कार्डों पर गुलाबी कार्ड की मोहर लगवाने के लिए पहुंचे। विभाग द्वारा दी गई सूचना के तहत 8025 परिवारों के कार्ड नहीं बने हैं।
जिला खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की कथित ढिलाई का यह आलम है कि अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय सिरसा द्वारा 28 अगस्त 2009 को दी गई नई बीपीएल सूची को आज तक लागू नहीं किया गया। यही नहीं विभाग के कर्मचारियों ने उच्चाधिकारियों द्वारा दी गई हिदायतों की भी पालना नहीं की। विभाग के कर्मचारियों द्वारा बरती गई ढील पर उच्चाधिकारियों ने केवल हिदायत भर देकर अपने कत्र्तव्य की इतिश्री कर ली। उधर बीपीएल सूची में शामिल परिवार पीले कार्ड के लिए कभी अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय तो कभी खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के चक्कर लगा रहे हैं। बीपीएल सूची में शामिल होने के लिए सैकड़ों परिवार आज भी नेताओं और दलालों की हाजिरी भर रहे हैं।
पिछले पांच महीने से पीले कार्ड के लिए चक्कर लगाने का यह क्रम आज भी जारी है। दरअसल बीपीएल कार्ड की स्थिति में पात्र परिवार सस्ता राशन, बैंक ऋण, ईलाज व शिक्षा के अलावा अन्य सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। शर्मनाक बात यह है कि जिन अधिकारियों को इस बीपीएल सूची को लागू करवाना चाहिए, वे अपने मातहत कर्मियों को पीले कार्ड अविलंब बनाने की हिदायत भर दे रहे हैं।
अपहरण का मामला दर्ज
डबवाली (लहू की लौ) थाना शहर पुलिस ने 28 जनवरी को शाम 5.20 पर यहां के वार्ड नं. 9 के निर्मल चन्द पुत्र सरदारी लाल की पत्नी के आपहरण और घर की महिलाओं से मारपीट करने और जान से मारने की धमकी देने के आरोप में करीब 15 जनों के खिलाफ केस दर्ज करके आगामी कार्यवाही शुरू कर दी है।
प्राप्त जानकारी अनुसार निर्मल चन्द ने पुलिस को दिये ब्यान में कहा है कि 2-05-2009 को उसकी शादी लखविन्द्र कौर पुत्री महिन्द्र सिंह के साथ हुई थी। लेकिन महिन्द्र सिंह बगैरा इस शादी से खुश नहीं थे। वीरवार को करीब 12.30 बजे जीपों में सवार होकर करीब 15 व्यक्ति उनके मकान पर आये और उसकी पत्नी को जबर्दस्ती उठाकर जीप में डालकर ले गये। इस दौरान जब उनकी घर की महिलाओं ने इसका विरोध किया तो उन्होंने उनके साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी।
शिकायतकर्ता की शिकायत पर पुलिस ने गांव ढाणी खुईयांमलकाना के महिन्द्र सिंह, कश्मीर सिंह, बलवीर सिंह, सुरजीत सिंह पुत्रान इन्द्र सिंह, टीटू सिंह, गुरमीत सिंह पुत्रान कश्मीर सिंह, रणजीत सिंह, सतिन्द्र सिंह पुत्रान बलवीर सिंह, गुरलाभ सिंह पुत्र गुरजीत सिंह, संगीत पुत्र जोगिन्द्र सिंह तथा हीरा सिंह पुत्र गुरबचन सिंह, हरप्रीत सिंह पुत्र नसीब सिंह निवासीगण मौजगढ़ तथा हरप्रीत सिंह निवासी मलोट जिला मुक्तसर के खिलाफ धारा 148/149/323/365/506/452 आईपीसी के तहत केस दर्ज किया है। शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में यह भी कहा है कि आरोपी उसकी पत्नी को नुक्सान पहुंचा सकते हैं तथा उनसे उसे भी जान-माल का खतरा है।
प्राप्त जानकारी अनुसार निर्मल चन्द ने पुलिस को दिये ब्यान में कहा है कि 2-05-2009 को उसकी शादी लखविन्द्र कौर पुत्री महिन्द्र सिंह के साथ हुई थी। लेकिन महिन्द्र सिंह बगैरा इस शादी से खुश नहीं थे। वीरवार को करीब 12.30 बजे जीपों में सवार होकर करीब 15 व्यक्ति उनके मकान पर आये और उसकी पत्नी को जबर्दस्ती उठाकर जीप में डालकर ले गये। इस दौरान जब उनकी घर की महिलाओं ने इसका विरोध किया तो उन्होंने उनके साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी।
शिकायतकर्ता की शिकायत पर पुलिस ने गांव ढाणी खुईयांमलकाना के महिन्द्र सिंह, कश्मीर सिंह, बलवीर सिंह, सुरजीत सिंह पुत्रान इन्द्र सिंह, टीटू सिंह, गुरमीत सिंह पुत्रान कश्मीर सिंह, रणजीत सिंह, सतिन्द्र सिंह पुत्रान बलवीर सिंह, गुरलाभ सिंह पुत्र गुरजीत सिंह, संगीत पुत्र जोगिन्द्र सिंह तथा हीरा सिंह पुत्र गुरबचन सिंह, हरप्रीत सिंह पुत्र नसीब सिंह निवासीगण मौजगढ़ तथा हरप्रीत सिंह निवासी मलोट जिला मुक्तसर के खिलाफ धारा 148/149/323/365/506/452 आईपीसी के तहत केस दर्ज किया है। शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में यह भी कहा है कि आरोपी उसकी पत्नी को नुक्सान पहुंचा सकते हैं तथा उनसे उसे भी जान-माल का खतरा है।
पिस्तौल की नोक पर टाटा ऐस लूटी
डबवाली (लहू की लौ) गांव माना के पास तीन अज्ञात लोगों ने पिस्तौल की नोक पर टाटा ऐस मालिक से टाटा ऐस और हजारों रूपये की नकदी लूट ली और उसे बांध कर नहरों के पास फेंक गये।
मंडी किलियांवाली के मालवा रोड़ निवासी तरनदीप सियाल पुत्र हरिन्द्रजीत सियाल ने बताया कि बुधवार सुबह वह अपने घर के आगे अपनी टाटा ऐस गाड़ी को धो रहा था कि इसी दौरान उसके पास दो व्यक्ति आये और कहने लगे कि उन्होंने गांव माना से भैंस लेकर आनी है। इस पर उसने उनसे 500 रूपये किराया की मांग की लेकिन आपसी समझौते से 350 रूपये में किराया तय हो गया।
ऐस मालिक के अनुसार वह दोनों लोग उसके साथ उसकी गाड़ी में बैठ गये और माना की ओर रवाना हो गये तथा उनका एक अन्य साथी मारूति कार के साथ उनके साथ हो लिया। वह अभी सिंघेवाला-बादल लिंक रोड़ पर जा ही रहे थे कि गांव माना से पहले उन्होंने गाड़ी को कच्चे में यह कहते हुए मुड़वा दिया कि निकटवर्ती ढाणी से उन्होंने भैंस को लादना है। थोड़ी ही दूर में उसे एक खेत में पड़ी पराली को गाड़ी में लादने के लिए कहा और स्वयं अपनी पास रखी बोतल से पानी पीने लगे। थोड़ी देर बाद जब वह पराली गाड़ी में डाल रहा था तो उनमें से एक ने उसकी कमर पर पिस्तौल लगा दी और दूसरे ने उसके मफलर से उसके हाथ बांध दिये। इन्हीं में से एक ने उसके कंधे से टीका लगा दिया और वह बेहोश होने लगा।
अर्धबेहोशी की हालत में उसे उन लोगों ने टाटा ऐस में डाल लिया और उसे लालबाई होते हुए अबुलखुराना की बड़ी नहरों की ओर ले गये। नहरों पर पहुंच कर उससे उसकी जेब में रखी 10 हजार रूपये की नकदी, मोबाइल तथा हाथ की अंगुली में डाली सोने की अंगूठी लूट ली और उसका मुंह, आंख, पैर बांध कर नहर में फेंकने लगे तो उसने मिन्नत खुशामद की तो लुटेरों का मन पिघल गया और उसे बंधी हुई हालत में फेंक कर ऐस गाड़ी लेकर फरार हो गये।
उसने जैसे-तैसे अपने को बंधन से मुक्त करके उसने इसकी जानकारी नहर पर डयूटी दे रहे व्यक्तियों को दी और उनके मोबाइल से घर पर और पुलिस को फोन किया। थाना लम्बी पुलिस ने तरणदीप सियाल की शिकायत पर अज्ञात युवकों के खिलाफ धारा 382, 341, 34 आईपीसी के तहत केस दर्ज करके लुटेरों की तालाश शुरू कर दी है।
मंडी किलियांवाली के मालवा रोड़ निवासी तरनदीप सियाल पुत्र हरिन्द्रजीत सियाल ने बताया कि बुधवार सुबह वह अपने घर के आगे अपनी टाटा ऐस गाड़ी को धो रहा था कि इसी दौरान उसके पास दो व्यक्ति आये और कहने लगे कि उन्होंने गांव माना से भैंस लेकर आनी है। इस पर उसने उनसे 500 रूपये किराया की मांग की लेकिन आपसी समझौते से 350 रूपये में किराया तय हो गया।
ऐस मालिक के अनुसार वह दोनों लोग उसके साथ उसकी गाड़ी में बैठ गये और माना की ओर रवाना हो गये तथा उनका एक अन्य साथी मारूति कार के साथ उनके साथ हो लिया। वह अभी सिंघेवाला-बादल लिंक रोड़ पर जा ही रहे थे कि गांव माना से पहले उन्होंने गाड़ी को कच्चे में यह कहते हुए मुड़वा दिया कि निकटवर्ती ढाणी से उन्होंने भैंस को लादना है। थोड़ी ही दूर में उसे एक खेत में पड़ी पराली को गाड़ी में लादने के लिए कहा और स्वयं अपनी पास रखी बोतल से पानी पीने लगे। थोड़ी देर बाद जब वह पराली गाड़ी में डाल रहा था तो उनमें से एक ने उसकी कमर पर पिस्तौल लगा दी और दूसरे ने उसके मफलर से उसके हाथ बांध दिये। इन्हीं में से एक ने उसके कंधे से टीका लगा दिया और वह बेहोश होने लगा।
अर्धबेहोशी की हालत में उसे उन लोगों ने टाटा ऐस में डाल लिया और उसे लालबाई होते हुए अबुलखुराना की बड़ी नहरों की ओर ले गये। नहरों पर पहुंच कर उससे उसकी जेब में रखी 10 हजार रूपये की नकदी, मोबाइल तथा हाथ की अंगुली में डाली सोने की अंगूठी लूट ली और उसका मुंह, आंख, पैर बांध कर नहर में फेंकने लगे तो उसने मिन्नत खुशामद की तो लुटेरों का मन पिघल गया और उसे बंधी हुई हालत में फेंक कर ऐस गाड़ी लेकर फरार हो गये।
उसने जैसे-तैसे अपने को बंधन से मुक्त करके उसने इसकी जानकारी नहर पर डयूटी दे रहे व्यक्तियों को दी और उनके मोबाइल से घर पर और पुलिस को फोन किया। थाना लम्बी पुलिस ने तरणदीप सियाल की शिकायत पर अज्ञात युवकों के खिलाफ धारा 382, 341, 34 आईपीसी के तहत केस दर्ज करके लुटेरों की तालाश शुरू कर दी है।
जन समस्याओं को लेकर सीपीआई कार्यकर्ताओं ने की नारेबाजी
डबवाली (लहू की लौ) गांव नरसिंह कलोनी में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पार्टी के जिला सचिव जगजीत सिंह जोगा के नेतृत्व में पंजाब सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और बेरोजगारों को नरेगा के तहत उनका हक दिये जाने का अनुरोध किया।
इस मौके पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए सीपीआई के जिला बठिण्डा सचिव जगजीत सिंह जोगा ने बताया कि बढ़ती हुई महंगाई ने आम नागरिक की कमर तोड़ दी है। इसके बावजूद पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल और मनोरंजन कालिया ने संयुक्त रूप से सरकार को एक रिपोर्ट देकर किसानों के 100 यूनिट बिजली को छीन लिया है। उन्होंने छीने गये इन यूनिटों को फिर से बहाल करने की मांग की।
इस मौके पर उन्होंने बताया कि वे हैरान हैं कि इस कमर तोड़ महंगाई के बावजूद नरेगा के तहत जॉब कार्ड नहीं बनाये जा रहे हैं, जिनको जॉब कार्ड दिये गये हैं, उनको काम नहीं दिया जा रहा, राशन कार्ड बनाये नहीं जा रहे, राशन डिपुओं पर दिये जाने वाले आटा-दाल में कटौती कर दी गई है। इस मौके पर सीपीआई कार्यकर्ताओं ने पंजाब सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
इस अवसर पर बीबी जसवीर कौर प्रधान स्त्री सभा बठिण्डा, गुरमुख सिंह बादल मजदूर नेता पंजाब खेत मजदूर सभा, हरबन्स सिंह, चरणजीत सिंह बनवाला जिला प्रधान पंजाब किसान सभा, रमेश कुमार मंगला आदि उपस्थित थे। इस मौके पर स्थापित की गई गांव की स्त्री सभा में गुजरां देवी, बलवीर कौर, शीला देवी, बलजीत कौर, रानी कौर आदि को शामिल किया गया।
इस मौके पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए सीपीआई के जिला बठिण्डा सचिव जगजीत सिंह जोगा ने बताया कि बढ़ती हुई महंगाई ने आम नागरिक की कमर तोड़ दी है। इसके बावजूद पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल और मनोरंजन कालिया ने संयुक्त रूप से सरकार को एक रिपोर्ट देकर किसानों के 100 यूनिट बिजली को छीन लिया है। उन्होंने छीने गये इन यूनिटों को फिर से बहाल करने की मांग की।
इस मौके पर उन्होंने बताया कि वे हैरान हैं कि इस कमर तोड़ महंगाई के बावजूद नरेगा के तहत जॉब कार्ड नहीं बनाये जा रहे हैं, जिनको जॉब कार्ड दिये गये हैं, उनको काम नहीं दिया जा रहा, राशन कार्ड बनाये नहीं जा रहे, राशन डिपुओं पर दिये जाने वाले आटा-दाल में कटौती कर दी गई है। इस मौके पर सीपीआई कार्यकर्ताओं ने पंजाब सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
इस अवसर पर बीबी जसवीर कौर प्रधान स्त्री सभा बठिण्डा, गुरमुख सिंह बादल मजदूर नेता पंजाब खेत मजदूर सभा, हरबन्स सिंह, चरणजीत सिंह बनवाला जिला प्रधान पंजाब किसान सभा, रमेश कुमार मंगला आदि उपस्थित थे। इस मौके पर स्थापित की गई गांव की स्त्री सभा में गुजरां देवी, बलवीर कौर, शीला देवी, बलजीत कौर, रानी कौर आदि को शामिल किया गया।
बांग्लादेशी घुसपैठिया गिरफ्तार
शिलांग। सीमा सुरक्षा बल (सीसुब) ने भारत-बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय सीमा गुडङ्क्षलगाव में बृहस्पतिवार को घुसपैठ करते समय एक बांग्लादेशी नागरिक को गिरफ्तार किया। जिसकी पहचान बांग्लादेश के दंतभांगा गांव निवासी अब्दुल मतलीब (३५) के रूप में की गई है।
वहीं दूसरी ओर असम-मेघालय फ्रंटियर सीसुब ने असम के धुबड़ी जिले के अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर तस्करी कर बांग्लादेश भेजी जा रही २५ गाय और अन्य सामग्री को जब्त किया। बाद में सीसुब ने कानूनी कार्रवाई के लिए राज्य पुलिस को सौंप दिया।
वहीं दूसरी ओर असम-मेघालय फ्रंटियर सीसुब ने असम के धुबड़ी जिले के अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर तस्करी कर बांग्लादेश भेजी जा रही २५ गाय और अन्य सामग्री को जब्त किया। बाद में सीसुब ने कानूनी कार्रवाई के लिए राज्य पुलिस को सौंप दिया।
28 जनवरी 2010
सानिया मिर्जा की सगाई टूटी
बेंगलूर। अपने बचपन के मित्र सोहराब मिर्जा से शादी रचाने के ख्वाब रखने वाली मशहूर टेनिस खिलाड़ी साजिया मिर्जा ने सोहराब से दूरियां बना ली है। इन दूरियों की मध्यस्थता करने वाले सानिया के पिता ही हैं। पिता ने बताया, कि सानिया और सोहराब की सगाई टूट गयी है, वहीं एक चैनल को भी सानिया ने खुद एसएमएस करके इसकी जानकारी दी।
सानिया के पिता इमरान ने कहा, कि हैदराबाद के व्यवसायी मो- सोहराब मिर्जा उनकी बेटी सानिया के लम्बे जीवन सफर के लिये उपयुक्त नहीं थे। इसलिए उन्होंने यह निर्णय लिया। सोहराब फिलहाल इंग्लैण्ड में पढ़ाई कर रहे हैं।
सानिया ने सगाई टूटने के कारणों के बारे में तो कुछ नहीं कहा है, लेकिन सगाई टूटने की पुष्टि की है। सानिया ने कहा कि वह और सोहराब पिछले पांच सालों से दोस्त थे। लेकिन सगाई के समय के दौरान हमने खुद को असंगत पाया। सानिया ने कहा कि सोहराब का आगे का जीवन अच्छा रहे वह इसकी दुआ करती हैं। उल्लेखनीय है कि हाल ही में सानिया ने कहा था, कि वह शादी के बाद टेनिस को अलविदा कह देंगी।
सानिया के पिता इमरान ने कहा, कि हैदराबाद के व्यवसायी मो- सोहराब मिर्जा उनकी बेटी सानिया के लम्बे जीवन सफर के लिये उपयुक्त नहीं थे। इसलिए उन्होंने यह निर्णय लिया। सोहराब फिलहाल इंग्लैण्ड में पढ़ाई कर रहे हैं।
सानिया ने सगाई टूटने के कारणों के बारे में तो कुछ नहीं कहा है, लेकिन सगाई टूटने की पुष्टि की है। सानिया ने कहा कि वह और सोहराब पिछले पांच सालों से दोस्त थे। लेकिन सगाई के समय के दौरान हमने खुद को असंगत पाया। सानिया ने कहा कि सोहराब का आगे का जीवन अच्छा रहे वह इसकी दुआ करती हैं। उल्लेखनीय है कि हाल ही में सानिया ने कहा था, कि वह शादी के बाद टेनिस को अलविदा कह देंगी।
भगोड़े डीआईजी टण्डन पर 50 हजार का इनाम
जयपुर। अभी तक पुलिस चोरों को ढूंढने के लिये इनाम का सहारा लेती थी, लेकिन अब पुलिस विभाग को ही बलात्कार के आरोपी डीआईजी को गिरफ्तार करने के लिये ईनाम की घोषणा करनी पड़ी। इस ईनाम के लिये पुलिस मुख्यालय से ५० हजार रुपये का नकद ईनाम देने से सम्बंधी आदेश जारी कर दिया है। गौरतलब है, कि मधुकर टण्डन के खिलाफ वर्ष १९९७ में बांदीकुंई थाने में कांस्टेबल ने पत्नी का अपहरण का उसके साथ बलात्कार करने का मामला दर्ज कराया था।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (क्राइम) कन्हैया लाल ने बताया कि न्यायालय ने टण्डन के खिलाफ स्थायी वारण्ट जारी किया है। एसओजी २००३ में बर्खास्त टण्डन को तलाशने में जुटी है। मुख्यालय से जारी आदेश में कहा गया है, कि टण्डन की सूचना देने पर ५० हजार इनाम मिलेगा और सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा।
कई स्तर पर जांच के बाद टण्डन के नहीं मिलने पर पुलिस की ओर से मामले में अदालत में चार्जशीट पेश कर दी थी। इसके बाद पुलिस ने मामले को ठण्डे बस्ते में डाल दिया। अब दुबारा इस मामले को लेकर सरकार चेती है। सरकार की ओर से ३० दिसम्बर को जारी हुए आदेश में मधुकर टण्डन व पेरोल पर जेल से बाहर आने के बाद फरार हुए बिती मोहन्ती की तलाश का काम एसओजी को सौंपा गया।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (क्राइम) कन्हैया लाल ने बताया कि न्यायालय ने टण्डन के खिलाफ स्थायी वारण्ट जारी किया है। एसओजी २००३ में बर्खास्त टण्डन को तलाशने में जुटी है। मुख्यालय से जारी आदेश में कहा गया है, कि टण्डन की सूचना देने पर ५० हजार इनाम मिलेगा और सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा।
कई स्तर पर जांच के बाद टण्डन के नहीं मिलने पर पुलिस की ओर से मामले में अदालत में चार्जशीट पेश कर दी थी। इसके बाद पुलिस ने मामले को ठण्डे बस्ते में डाल दिया। अब दुबारा इस मामले को लेकर सरकार चेती है। सरकार की ओर से ३० दिसम्बर को जारी हुए आदेश में मधुकर टण्डन व पेरोल पर जेल से बाहर आने के बाद फरार हुए बिती मोहन्ती की तलाश का काम एसओजी को सौंपा गया।
27 जनवरी 2010
खेल परिसर में धूमधाम से मना गणतंत्र दिवस
डबवाली (लहू की लौ) यहां के खेल परिसर में 61वां गणतंत्र दिवस समारोह मंगलवार को धूमधाम से मनाया गया। जिसमें उपमण्डलाधीश सुभाष चन्द्र गाबा ने ध्वजारोहण किया और सरकार की उपलब्धियों की जानकारी दी। इस मौके पर करीब 18 विद्यालयों के विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस मौके पर परेड़ में एनसीसी आर्मी राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, डबवाली प्रथम, एनसीसी गल्र्ज एसडीजी द्वितीय रही, जबकि स्पैशल स्काऊटस का पुरस्कार नवप्रगति सीनियर सैकेण्डरी स्कूल को दिया गया। झांकियों में डीएवी सीनियर सैकेण्डरी स्कूल डबवाली प्रथम, महिला एवं बाल कल्याण विकास विभाग द्वितीय, वन विभाग को प्रोत्साहन पुरस्कार दिया गया। इस मौके पर परेड कमाण्डर रमेश कुमार सब इंस्पेक्टर हरियाणा पुलिस, एनसीसी अधिकारी आर्मी जितेन्द्र शर्मा, एनसीसी एयरविंग अधिकारी सत्यपाल जोशी, कृष्णा पत्नी रणवीर सिंह ब्लाक औढ़ां साक्षरता अभियान, भोला सिंह लीपिक एसएमओ औढ़ां, वेदप्रकाश दंत सहायक औढ़ां, विजय सिंह सहायक बाल विकास परियोजना अधिकारी, भूप सिंह प्रधानाचार्य राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय रिसालियाखेड़ा, प्रभुदयाल मुख्याध्यापक राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अहमदपुर दारेवाला, रमेश चन्द्र मैहता चौकीदार बाल विकास परियोजना अधिकारी, जगतार सिंह चौकीदार उपमण्डल अधिकारी (ना.) डबवाली, सतपाल पटवारी खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी औढ़ां, रामनिवास शर्मा कर अधीक्षक नगरपालिका डबवाली, लखविन्द्र सिंह सेवादार नगरपालिका डबवाली, पवन कुमार सरपंच ग्राम पंचायत टप्पी, हरबन्स लाल पुत्र जीवन राम डबवाली, रूकमनी देवी एएनएम पीएचसी कालूआना, अमनदीप कौर पुत्री गुरतेज सिंह खालसा सीनियर सैकेण्डरी स्कूल, डबवाली, किरणदीप कौर पुत्री जगजीत सिंह खालसा सीनियर सैकेण्डरी स्कूल डबवाली, मनप्रीत कौर पुत्री जगसीर सिंह खालसा सीनियर सैकेण्डरी स्कूल डबवाली तथा 5 स्वतंत्रता सेनानियों को भी सम्मानित किया गया।23 जनवरी 2010
ऐसा पहली बार हुआ है
डबवाली (लहू की लौ) ऐलनाबाद विधानसभा सीट से इनेलो प्रत्याशी अभय सिंह चौटाला की जीत के साथ न केवल कई नए कीर्तिमान स्थापित हुए हैं बल्कि लोगों में यह भी चर्चा चल पड़ी है कि ऐसा पहली बार हुआ है कि जब किसी राजनेता पिता के साथ-साथ उनके दोनों पुत्र भी विधानसभा के सदस्य बने हों। इस समय पूर्व मुख्यमन्त्री ओमप्रकाश चौटाला उचाना विधानसभा क्षेत्र से विधायक व विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं। उनके बड़े बेटे अजय सिंह चौटाला डबवाली से विधायक हैं और छोटे बेटे अभय सिंह चौटाला आज ऐलनाबाद विधानसभा उपचुनाव में 64 हजार 813 वोट हासिल करके कांग्रेस प्रत्याशी भरत सिंह बेनिवाल को 6,227 वोटों के अन्तर से हराकर विधायक चुने गए हैं। इसी के साथ देवीलाल परिवार की तीन पीढिय़ों ने विपक्ष में होते हुए सरकार के खिलाफ विधानसभा उपचुनाव जीतने का भी एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
हरियाणा विधानसभा में पिता-पुत्र दो राजनेताओं को तो एकसाथ विधायक रहने का पहले भी अवसर मिला था। 1987 में चौधरी देवीलाल के साथ उनके बेटे रणजीत सिंह विधायक चुने गए थे जबकि 1993 से 1998 तक भजनलाल व चंद्रमोहन एक साथ विधायक रहे थे। इसके अलावा 2000 से 2005 तक चौधरी ओमप्रकाश चौटाला व उनके पुत्र अभय सिंह चौटाला भी एक साथ विधायक रह चुके हैं। लेकिन चौधरी ओमप्रकाश चौटाला के साथ उनके दोनों बेटों अजय चौटाला व अभय चौटाला का विधायक होना अपने आप में एक नया कीर्तिमान है। इसके अलावा एक कीर्तिमान यह भी स्थापित हुआ है कि चौधरी देवीलाल परिवार ने अब तक लड़े सभी उपचुनावों में जीत दर्ज की है।
चौधरी ओमप्रकाश चौटाला के बड़े बेटे अजय सिंह चौटाला 1990 में दातारामगढ़ राजस्थान से विधायक चुने गए थे और विधानसभा के मध्यावधि चुनावों में 1993 में नौहर से विधायक चुने गए थे और 1998 तक राजस्थान विधानसभा में विधायक रहे। 1999 में हुए लोकसभा के मध्यावधि चुनावों में वे भिवानी से सांसद चुने गए और 2004 तक लोकसभा के सांसद रहे। 2004 में वे राज्यसभा के सांसद चुने गए और 2009 तक राज्यसभा में सांसद रहे। इस समय वे डबवाली से विधायक हैं। अभय सिंह चौटाला पहले रोडी से और अब ऐलनाबाद से विधानसभा उपचुनाव में विधायक चुने गए हैं।
चौधरी देवीलाल परिवार ने इस जीत के साथ ही उपचुनावों में जीत का भी एक नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है। चौधरी देवीलाल ने 1959 में संयुक्त पंजाब के समय सिरसा विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव में 27 हजार मतों के अन्तर से जीत हासिल की थी। उसके बाद 10 मई, 1970 को ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र से हुए उपचुनाव में चौधरी ओमप्रकाश चौटाला ने 19 हजार मतों के अन्तर से जीत दर्ज की थी। इसके बाद रोडी विधानसभा क्षेत्र में 1974 मेें हुए उपचुनाव में चौधरी देवीलाल ने आजाद प्रत्याशी के तौर पर कांग्रेस उम्मीदवार इंद्राज सिंह बेनिवाल को 16 हजार मतों के अन्तर से हराकर सरकार के खिलाफ जीत दर्ज की।
इसके अलावा पंजाब समझौते के खिलाफ त्याग पत्र देकर पुन: चुनाव लड़कर चौधरी देवीलाल ने महम विधानसभा क्षेत्र से 24 दिसम्बर, 1985 को हुए उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी को 11 हजार से ज्यादा मतों के अन्तर से हराकर सरकार के खिलाफ जीत दर्ज की। 1990 में चौधरी ओमप्रकाश चौटाला ने दड़बाकलां विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी जगदीश नेहरा को हराकर जीत दर्ज की। 1993 में नरवाना विधानसभा क्षेत्र में हुए उपचुनाव में इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला ने सरकार के खिलाफ जीत दर्ज करते हुए कांग्रेस प्रत्याशी रणदीप सुरजेवाला को 19 हजार मतों के अन्तर से हराया। 2000 में हुए विधानसभा चुनाव में इनेलो प्रमुख चौधरी ओमप्रकाश चौटाला नरवाना व रोडी दोनों क्षेत्रों से विजयी हुए थे और उनके द्वारा खाली की गई रोडी सीट से अभय सिंह चौटाला उपचुनाव जीतकर विजयी हुए थे। इस बार श्री चौटाला उचाना व ऐलनाबाद विधानसभा सीटों से विजयी हुए और ऐलनाबाद सीट छोडऩे पर हुए इस उपचुनाव में इनेलो प्रत्याशी अभय सिंह चौटाला सरकार के खिलाफ जीत दर्ज करते हुए कांग्रेस प्रत्याशी भरत सिंह बेनिवाल को हराकर विधायक चुने गए हैं।
हरियाणा विधानसभा में पिता-पुत्र दो राजनेताओं को तो एकसाथ विधायक रहने का पहले भी अवसर मिला था। 1987 में चौधरी देवीलाल के साथ उनके बेटे रणजीत सिंह विधायक चुने गए थे जबकि 1993 से 1998 तक भजनलाल व चंद्रमोहन एक साथ विधायक रहे थे। इसके अलावा 2000 से 2005 तक चौधरी ओमप्रकाश चौटाला व उनके पुत्र अभय सिंह चौटाला भी एक साथ विधायक रह चुके हैं। लेकिन चौधरी ओमप्रकाश चौटाला के साथ उनके दोनों बेटों अजय चौटाला व अभय चौटाला का विधायक होना अपने आप में एक नया कीर्तिमान है। इसके अलावा एक कीर्तिमान यह भी स्थापित हुआ है कि चौधरी देवीलाल परिवार ने अब तक लड़े सभी उपचुनावों में जीत दर्ज की है।
चौधरी ओमप्रकाश चौटाला के बड़े बेटे अजय सिंह चौटाला 1990 में दातारामगढ़ राजस्थान से विधायक चुने गए थे और विधानसभा के मध्यावधि चुनावों में 1993 में नौहर से विधायक चुने गए थे और 1998 तक राजस्थान विधानसभा में विधायक रहे। 1999 में हुए लोकसभा के मध्यावधि चुनावों में वे भिवानी से सांसद चुने गए और 2004 तक लोकसभा के सांसद रहे। 2004 में वे राज्यसभा के सांसद चुने गए और 2009 तक राज्यसभा में सांसद रहे। इस समय वे डबवाली से विधायक हैं। अभय सिंह चौटाला पहले रोडी से और अब ऐलनाबाद से विधानसभा उपचुनाव में विधायक चुने गए हैं।
चौधरी देवीलाल परिवार ने इस जीत के साथ ही उपचुनावों में जीत का भी एक नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है। चौधरी देवीलाल ने 1959 में संयुक्त पंजाब के समय सिरसा विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव में 27 हजार मतों के अन्तर से जीत हासिल की थी। उसके बाद 10 मई, 1970 को ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र से हुए उपचुनाव में चौधरी ओमप्रकाश चौटाला ने 19 हजार मतों के अन्तर से जीत दर्ज की थी। इसके बाद रोडी विधानसभा क्षेत्र में 1974 मेें हुए उपचुनाव में चौधरी देवीलाल ने आजाद प्रत्याशी के तौर पर कांग्रेस उम्मीदवार इंद्राज सिंह बेनिवाल को 16 हजार मतों के अन्तर से हराकर सरकार के खिलाफ जीत दर्ज की।
इसके अलावा पंजाब समझौते के खिलाफ त्याग पत्र देकर पुन: चुनाव लड़कर चौधरी देवीलाल ने महम विधानसभा क्षेत्र से 24 दिसम्बर, 1985 को हुए उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी को 11 हजार से ज्यादा मतों के अन्तर से हराकर सरकार के खिलाफ जीत दर्ज की। 1990 में चौधरी ओमप्रकाश चौटाला ने दड़बाकलां विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी जगदीश नेहरा को हराकर जीत दर्ज की। 1993 में नरवाना विधानसभा क्षेत्र में हुए उपचुनाव में इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला ने सरकार के खिलाफ जीत दर्ज करते हुए कांग्रेस प्रत्याशी रणदीप सुरजेवाला को 19 हजार मतों के अन्तर से हराया। 2000 में हुए विधानसभा चुनाव में इनेलो प्रमुख चौधरी ओमप्रकाश चौटाला नरवाना व रोडी दोनों क्षेत्रों से विजयी हुए थे और उनके द्वारा खाली की गई रोडी सीट से अभय सिंह चौटाला उपचुनाव जीतकर विजयी हुए थे। इस बार श्री चौटाला उचाना व ऐलनाबाद विधानसभा सीटों से विजयी हुए और ऐलनाबाद सीट छोडऩे पर हुए इस उपचुनाव में इनेलो प्रत्याशी अभय सिंह चौटाला सरकार के खिलाफ जीत दर्ज करते हुए कांग्रेस प्रत्याशी भरत सिंह बेनिवाल को हराकर विधायक चुने गए हैं।
कबाड़ की दुकान में आग, हजारों का नुक्सान
डबवाली (लहू की लौ) यहां के सिरसा रोड़ पर कबाड़ की एक दुकान में आग लग जाने से करीब हजारों रूपये कीमत की इंडिका कार और टाटा सीरा जलकर राख हो गई। जबकि जीप की सीटें जल गई।
फायर ब्रिगेड सूत्रों के अनुसार रात को करीब 11 बजे सिरसा रोड़ पर स्थित एक कबाड़ की दुकान के मालिक जगदीश चन्द नारंग की सूचना पाकर नगरपालिका की फायर ब्रिगेड मौका पर पहुंची और आग पर काबू पाया। लेकिन इस दौरान वहां खड़ी इंडिका कार और टाटा सीरा जिनकी कीमत करीब डेढ़ लाख रूपये बताई जाती है, जलकर राख हो गई। वहीं खड़ी जीप की सीटें भी जल गई।
फायर ब्रिगेड सूत्रों के अनुसार आग लगने का कारण तो मालूम नहीं हो पाया। लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि किसी ने इन गाडिय़ों को आग लगाई होगी।
फायर ब्रिगेड सूत्रों के अनुसार रात को करीब 11 बजे सिरसा रोड़ पर स्थित एक कबाड़ की दुकान के मालिक जगदीश चन्द नारंग की सूचना पाकर नगरपालिका की फायर ब्रिगेड मौका पर पहुंची और आग पर काबू पाया। लेकिन इस दौरान वहां खड़ी इंडिका कार और टाटा सीरा जिनकी कीमत करीब डेढ़ लाख रूपये बताई जाती है, जलकर राख हो गई। वहीं खड़ी जीप की सीटें भी जल गई।
फायर ब्रिगेड सूत्रों के अनुसार आग लगने का कारण तो मालूम नहीं हो पाया। लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि किसी ने इन गाडिय़ों को आग लगाई होगी।
शीघ्र ही फोरलेन होगा राजमार्ग
औढ़ां (जितेन्द्र गर्ग) ओढ़ां में आबादी के मध्य से होकर गुजरते राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 10 पर ट्रफिक की अधिकता होने के कारण सड़क दुघर्टनाएं अक्सर होती रहती हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग पर रहने वाले गांववासी कृष्ण खुराना, जगदीश मायला, प्रमोद कुमार, महेंद्र खुराना व गुरदेव सिंह आदि ने बताया कि इस मार्ग पर ट्रैफिक इतना ज्यादा होता है कि उन्हें हर समय दुघर्टना का भय बना रहता है अत: सुरक्षा की दृष्टि से इस मार्ग को चौड़ा करके फोरलेन किए जाने की जरूरत है ताकि ट्रैफिक का बोझ कुछ कम हो सके।
इस संबंध में नेशनल हाइवे हिसार के उपमंडल अधिकारी सतीश मेहता से बात किए जाने पर उन्होंने बताया कि ओढ़ां वासियों को इस समस्या से शीघ्र ही छुटकारा मिल जाएगा क्योंकि विभाग द्वारा इस राजमार्ग को ओढ़ां स्थित निरंकारी भवन से लेकर नई अनाज मंडी तक 2200 मीटर तथा डबवाली गांव में कालांवाली कैंचियों से लेकर सेम नाले तक 2800 मीटर सड़क को शीघ्र ही फोरलेन कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि ओढ़ां व डबवाली में फोरलेन किए जाने वाले राजमार्ग की कुल लंबाई 5000 मीटर है और इस मार्ग को फोरलेन करने का टेंडर 7 करोड़ 76 लाख 40 हजार में हो चुका है तथा शीघ्र ही काम शुरू हो जाएगा। उन्होंने आगे बताया कि इससे राजमार्ग की चौड़ाई पौने 9 मीटर बढ़ जाएगी और बीच में चार फुट का डिवाइडर होगा जिस कारण दुघर्टनाएं कम होंगी।
इस संबंध में नेशनल हाइवे हिसार के उपमंडल अधिकारी सतीश मेहता से बात किए जाने पर उन्होंने बताया कि ओढ़ां वासियों को इस समस्या से शीघ्र ही छुटकारा मिल जाएगा क्योंकि विभाग द्वारा इस राजमार्ग को ओढ़ां स्थित निरंकारी भवन से लेकर नई अनाज मंडी तक 2200 मीटर तथा डबवाली गांव में कालांवाली कैंचियों से लेकर सेम नाले तक 2800 मीटर सड़क को शीघ्र ही फोरलेन कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि ओढ़ां व डबवाली में फोरलेन किए जाने वाले राजमार्ग की कुल लंबाई 5000 मीटर है और इस मार्ग को फोरलेन करने का टेंडर 7 करोड़ 76 लाख 40 हजार में हो चुका है तथा शीघ्र ही काम शुरू हो जाएगा। उन्होंने आगे बताया कि इससे राजमार्ग की चौड़ाई पौने 9 मीटर बढ़ जाएगी और बीच में चार फुट का डिवाइडर होगा जिस कारण दुघर्टनाएं कम होंगी।
ऑफिस से सीधे घर जाओ और बच्चे पैदा करो का आदेश
नई दिल्ली (एजेन्सी) एक ओर जहां भारत सरकार जनसंख्या वृद्धि को लेकर परेशान है। सरकार न जाने कितनी ऐसी योजनाएं चला रही है, जिससे जनसंख्या नियंत्रण में काबू पाया जा सके, परंतु भारतीय हैं कि मानते ही नहीं, लेकिन हम जिस देश की बात करने जा रहे हैं, वहां स्थिति कुछ और है।
दक्षिण कोरिया की सरकार ने सरकारी और गैर सरकारी कार्यालयों में यह आदेश जारी कर दिया है, कि कार्यालय के ढेर सारी फाइलों के बोझ से निपटकर वह सीधे घर जाएं और अपनी पत्नी के साथ रहें, ताकि जनसंख्या में इजाफा हो सके। अब ये तो सरकार ही जानती होगी कि इस तरह का आदेश लागू करने के लिये उन्हें क्यों जरूरत पड़ी। यह सरकार की दरियादिली या फिर दक्षिण कोरिया के निवासियों में सेक्स के प्रति अनिच्छा।
बुधवार यानि सप्ताह के मध्य में स्वास्थ्य मंत्रालय के इमारत की बत्तियां शाम सात बजे बुझा दी जाएंगी और लोगों को बाहर कर दिया जाएगा। दक्षिण कोरिया के लिए उसकी आबादी की बढ़ती उम्र एक बड़ी चिंता की वजह बन रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे सुलझाने का बीड़ा उठाया है।
मजाक में इस मंत्रालय को इन दिनों जोडिय़ां बनाने वाले मंत्रालय का नाम दिया जा रहा है और उदाहरण पेश करने के लिए मंत्रालय ने अपनी ही इमारत से शुरुआत की है।
इतना ही नहीं हर महीने में एक दिन मुहैया किया जा रहा है इसी उद्देश्य के लिए। जो अधिकारी एक से ज्यादा बच्चे पैदा कर चुके हैं उन्हें तोहफे दिए जा रहे हैं और विभाग की तरफ से ऐसे समारोह आयोजित किए जा रहे हैं जिससे अधिकारियों के बीच प्यार मुहब्बत बढ़े। वैसे आलोचकों का कहना है कि सरकार यदि वाकई गंभीर है तो उसे बच्चों की देखरेख और शिक्षा का खर्च कम करना चाहिए, क्योंकि इसी डर से युवा जोडिय़ां बच्चे पैदा करने से घबरा रही हैं।
दक्षिण कोरिया की सरकार ने सरकारी और गैर सरकारी कार्यालयों में यह आदेश जारी कर दिया है, कि कार्यालय के ढेर सारी फाइलों के बोझ से निपटकर वह सीधे घर जाएं और अपनी पत्नी के साथ रहें, ताकि जनसंख्या में इजाफा हो सके। अब ये तो सरकार ही जानती होगी कि इस तरह का आदेश लागू करने के लिये उन्हें क्यों जरूरत पड़ी। यह सरकार की दरियादिली या फिर दक्षिण कोरिया के निवासियों में सेक्स के प्रति अनिच्छा।
बुधवार यानि सप्ताह के मध्य में स्वास्थ्य मंत्रालय के इमारत की बत्तियां शाम सात बजे बुझा दी जाएंगी और लोगों को बाहर कर दिया जाएगा। दक्षिण कोरिया के लिए उसकी आबादी की बढ़ती उम्र एक बड़ी चिंता की वजह बन रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे सुलझाने का बीड़ा उठाया है।
मजाक में इस मंत्रालय को इन दिनों जोडिय़ां बनाने वाले मंत्रालय का नाम दिया जा रहा है और उदाहरण पेश करने के लिए मंत्रालय ने अपनी ही इमारत से शुरुआत की है।
इतना ही नहीं हर महीने में एक दिन मुहैया किया जा रहा है इसी उद्देश्य के लिए। जो अधिकारी एक से ज्यादा बच्चे पैदा कर चुके हैं उन्हें तोहफे दिए जा रहे हैं और विभाग की तरफ से ऐसे समारोह आयोजित किए जा रहे हैं जिससे अधिकारियों के बीच प्यार मुहब्बत बढ़े। वैसे आलोचकों का कहना है कि सरकार यदि वाकई गंभीर है तो उसे बच्चों की देखरेख और शिक्षा का खर्च कम करना चाहिए, क्योंकि इसी डर से युवा जोडिय़ां बच्चे पैदा करने से घबरा रही हैं।
21 जनवरी 2010
जम्मू-कश्मीर में प्रीपेड मोबाइल पर से रोक हटी
नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में प्रीपेड मोबाइल फोन सेवा पर ढाई माह से लागू पाबंदी आज हटा ली। केन्द्र का आदेश तत्काल लागू हो गया है और ग्राहकों की जांच के लिए कड़े नियम लागू कर दिए गए हैं। सरकारी सूत्रों ने बताया कि केन्द्र ने राज्य के ३८ लाख प्रीपेड मोबाइल फोनधारकों की जांच के लिए पुख्ता योजना तैयार कर ली है। इसी के मद्देनजर प्रतिबंध हटाने का फैसला किया गया है। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले साल पहली नवंबर से प्रदेश में प्रीपेड सेवा पर रोक लगा दी थी।
गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने हाल में कहा था कि यदि सेवाप्रदाता ग्राहकों की पहचान और जांच के लिए सौ फीसदी फूलप्रूफ योजना पेश करते हैं और मंत्रालय इससे संतुष्ट हो जाता है तो प्रतिबंध को वापस ले लिया जाएगा। जम्मू-कश्मीर सरकार और स्वयं मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला केन्द के साथ इस मसले पर बातचीत कर रह थे। मुख्यमंत्री ने केन्द्र से इस मसले को जल्द से जल्द हल करने का आग्रह किया था। राज्य सरकार दूरसंचार आपरेटरों के लिए ऐसी नीति के पक्ष में थी, जिसमें ग्राहकों की जांच का काम पूरा नहीं करने वाली कंपनियों पर वित्तीय जुर्माना लगाने के साथ-साथ कड़ी कार्रवाई की जा सके।
गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने हाल में कहा था कि यदि सेवाप्रदाता ग्राहकों की पहचान और जांच के लिए सौ फीसदी फूलप्रूफ योजना पेश करते हैं और मंत्रालय इससे संतुष्ट हो जाता है तो प्रतिबंध को वापस ले लिया जाएगा। जम्मू-कश्मीर सरकार और स्वयं मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला केन्द के साथ इस मसले पर बातचीत कर रह थे। मुख्यमंत्री ने केन्द्र से इस मसले को जल्द से जल्द हल करने का आग्रह किया था। राज्य सरकार दूरसंचार आपरेटरों के लिए ऐसी नीति के पक्ष में थी, जिसमें ग्राहकों की जांच का काम पूरा नहीं करने वाली कंपनियों पर वित्तीय जुर्माना लगाने के साथ-साथ कड़ी कार्रवाई की जा सके।
अब महिला हॉकी टीम को भी 'शिव' ने दिया सहारा
भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कुछ दिनों पहले हॉकी इंडिया के खिलाडि़यों को आर्थिक सहायता देने के ऐलान के बाद देश में हॉकी इंडिया पर भी मंडरा रहे आर्थिक तंगी के चतले सहारा देंगे। श्री चौहान ने देश की पुरुष हॉकी टीम की तरह ही महिला हॉकी टीम को भी आर्थिक सहायता देने का गुरुवार को यहां ऐलान किया। इसके लिए वह दिल्ली में खेल मंत्री से भी चर्चा करेंगे। हालांकि उन्होंने कहाकि यह सहायता केंद्र सरकार के पास जाएगी।
उल्लेखनीय है कि पुरुष हॉकी खिलाडियों की पैसों की मांग पूरी होने के बाद महिला हॉकी खिलाडियों ने हॉकी इंडिया से पैसों की मांग कर डाली है। हालांकि महिला हॉकी के खिलाडि़यों ने पुरुष हॉकी के खिला$िडयों की तरह न तो हड़ताल की और न ही ह$डताल की चेतावनी दी, पर इतना जरूर किया, जिससे उनकी बात शासन-प्रशासन तक पहुंच जाए और उनकी प्रेक्टिस भी प्रभावित न हो। किन्तु इतना जरूर है कि उन्होंने इसके लिए एक अलग रास्ता अख्तियार किया, जिसके तहत जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती वह विरोध स्वरूप बांह पर काली पट्टी बांधकर खेलेंगीं। हालांकि इस मांग के माने जाने पर वह हड़ताल पर जाने की घोषणा करेंगी।
महिला हॉकी इंडिया की खिलाडि़यों ने बुधवार को गांधीगिरी के रूप में भोपाल स्थित सिंडीकेट बैंक में एक खाता (७७०५२०१०००२९७०-टीटीनगर ब्रांच) भी खुलवाया है, जिसके माध्यम से गरीब हॉकी खिला$िडयों की मदद की जाएगी। यह खाता कप्तान सुरिंदर कौर, ममता खरब, दीपिका मूर्ति और सुभद्रा प्रधान के नाम पर संयुक्त रूप से खुला है। इस दौरान हॉकी इंडिया की महिला खिलाडि़यों ने पुरुष खिलाडि़यों के समान ही फीस व अन्य भत्तों की मांग की, लेकिन वहां से जवाब मिला कि हमने सारा पैसा पुरुष खिला$िडयों पर खर्च कर दिया है। अभी आपके लिए कुछ नहीं हो सकता। इसके बाद महिला हॉकी खिलाडि़यों ने आपस में विचार विमर्श कर यह फैसला लिया है कि हम अपनी गरीब साथी खिलाडियों की मदद खुद करेंगी। उल्लेखनीय है कि भारतीय महिला हॉकी खिलाडी इन दिनों भोपाल के साई रीजनल सेंटर पर नेशनल कैम्प में हिस्सा ले रही हैं। यह कैम्प सात फरवरी तक चलेगा। इसमें देशभर की शीर्ष ३८ खिला$डी शामिल हैं। सात फरवरी के बाद दस दिन का विश्राम है। फिर खिला$डी भोपाल में १४ फरवरी को एकत्र होंगी और जापान टूर के लिए अभ्यास करेंगी। वैसे भी कामनवेल्थ गेम्स तक भारतीय महिला हाकी खिलाडि़यों का नेशनल कैंप भोपाल को आबंटित है।
उल्लेखनीय है कि पुरुष हॉकी खिलाडियों की पैसों की मांग पूरी होने के बाद महिला हॉकी खिलाडियों ने हॉकी इंडिया से पैसों की मांग कर डाली है। हालांकि महिला हॉकी के खिलाडि़यों ने पुरुष हॉकी के खिला$िडयों की तरह न तो हड़ताल की और न ही ह$डताल की चेतावनी दी, पर इतना जरूर किया, जिससे उनकी बात शासन-प्रशासन तक पहुंच जाए और उनकी प्रेक्टिस भी प्रभावित न हो। किन्तु इतना जरूर है कि उन्होंने इसके लिए एक अलग रास्ता अख्तियार किया, जिसके तहत जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती वह विरोध स्वरूप बांह पर काली पट्टी बांधकर खेलेंगीं। हालांकि इस मांग के माने जाने पर वह हड़ताल पर जाने की घोषणा करेंगी।
महिला हॉकी इंडिया की खिलाडि़यों ने बुधवार को गांधीगिरी के रूप में भोपाल स्थित सिंडीकेट बैंक में एक खाता (७७०५२०१०००२९७०-टीटीनगर ब्रांच) भी खुलवाया है, जिसके माध्यम से गरीब हॉकी खिला$िडयों की मदद की जाएगी। यह खाता कप्तान सुरिंदर कौर, ममता खरब, दीपिका मूर्ति और सुभद्रा प्रधान के नाम पर संयुक्त रूप से खुला है। इस दौरान हॉकी इंडिया की महिला खिलाडि़यों ने पुरुष खिलाडि़यों के समान ही फीस व अन्य भत्तों की मांग की, लेकिन वहां से जवाब मिला कि हमने सारा पैसा पुरुष खिला$िडयों पर खर्च कर दिया है। अभी आपके लिए कुछ नहीं हो सकता। इसके बाद महिला हॉकी खिलाडि़यों ने आपस में विचार विमर्श कर यह फैसला लिया है कि हम अपनी गरीब साथी खिलाडियों की मदद खुद करेंगी। उल्लेखनीय है कि भारतीय महिला हॉकी खिलाडी इन दिनों भोपाल के साई रीजनल सेंटर पर नेशनल कैम्प में हिस्सा ले रही हैं। यह कैम्प सात फरवरी तक चलेगा। इसमें देशभर की शीर्ष ३८ खिला$डी शामिल हैं। सात फरवरी के बाद दस दिन का विश्राम है। फिर खिला$डी भोपाल में १४ फरवरी को एकत्र होंगी और जापान टूर के लिए अभ्यास करेंगी। वैसे भी कामनवेल्थ गेम्स तक भारतीय महिला हाकी खिलाडि़यों का नेशनल कैंप भोपाल को आबंटित है।
स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस में डकैती
इटारसी। त्रिवेंद्रम से हजरत निजामुद्दीन जाने वाली स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस में आज डकैती से हडकंप मच गया। इस दौरान डकैतों ने करीब दो घंटे से ज्यादा समय तक लूटपाट की, जिसके बाद जीआरपी के होश उड़ गए। अभी मामले की जांच जारी है।
जानकारी अनुसार नागपुर से तकरीबन रात साढ़े १२ बजे लगभग ८ नकाबपोश बदमाश जनरल कोच में चढ़ गए और स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस के स्टेशन से छूटते ही लूटपाट शुरू कर दी। करीब ढाई घंटे चली इस लूटपाट में डकैतों ने यात्रियों से नकदी के साथ ही सोने-चांदी के जेवरात सहित मोबाइल फोन भी लूट लिए। बताया जाता है कि टी गांव के पास अक्सर गाडि़यां काफी स्लो हो जाती हैं, जिसका फायदा उठाकर यह नकाबपोश बदमाश अपने मकसद में कामयाब होने के बाद यहीं पर गा$डी से उतर गए। घटना के बाद पूरी तरह लुट चुके यात्रियों ने बैतूल स्टेशन पर जमकर हंगामा मंचाया, जिस पर जीआरपी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रकरण पंजीबद्घ किया।
जानकारी अनुसार नागपुर से तकरीबन रात साढ़े १२ बजे लगभग ८ नकाबपोश बदमाश जनरल कोच में चढ़ गए और स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस के स्टेशन से छूटते ही लूटपाट शुरू कर दी। करीब ढाई घंटे चली इस लूटपाट में डकैतों ने यात्रियों से नकदी के साथ ही सोने-चांदी के जेवरात सहित मोबाइल फोन भी लूट लिए। बताया जाता है कि टी गांव के पास अक्सर गाडि़यां काफी स्लो हो जाती हैं, जिसका फायदा उठाकर यह नकाबपोश बदमाश अपने मकसद में कामयाब होने के बाद यहीं पर गा$डी से उतर गए। घटना के बाद पूरी तरह लुट चुके यात्रियों ने बैतूल स्टेशन पर जमकर हंगामा मंचाया, जिस पर जीआरपी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रकरण पंजीबद्घ किया।
लंगर तैयार करते आग भड़की
डबवाली (लहू की लौ) दु:खहरण अंजनी माता मन्दिर, मण्डी किलियांवाली में बुधवार को लंगर तैयार करते समय गैस सिलेण्डर की पाईप लीक हो जाने से अचानक आग भड़क उठी। जिससे शंकर नामक हलवाई घायल हो गया।
प्राप्त जानकारी अनुसार दु:ख हरण अंजनी माता मन्दिर में आज गणेश और श्री अंजनी माता की मूर्ति स्थापना का कार्य सम्पन्न हो चुका था और इस मौके पर श्रद्धालुओं के लिए लंगर तैयार किया जा रहा था। लंगर तैयार करते समय भट्ठी के साथ जो गैस सिलेण्डर लगा हुआ था। उसकी पाईप अचानक लीक कर उठी और देखते-ही-देखते सिलेण्डर को आग ने अपने आगोश में ले लिया। बचाव करते हुए हलवाई शंकर का बाजू आग से झुलस गया और उसे गंभीर हालत में प्राईवेट अस्पताल में लेजाया गया। पता चला है कि मौका पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पाया।
प्राप्त जानकारी अनुसार दु:ख हरण अंजनी माता मन्दिर में आज गणेश और श्री अंजनी माता की मूर्ति स्थापना का कार्य सम्पन्न हो चुका था और इस मौके पर श्रद्धालुओं के लिए लंगर तैयार किया जा रहा था। लंगर तैयार करते समय भट्ठी के साथ जो गैस सिलेण्डर लगा हुआ था। उसकी पाईप अचानक लीक कर उठी और देखते-ही-देखते सिलेण्डर को आग ने अपने आगोश में ले लिया। बचाव करते हुए हलवाई शंकर का बाजू आग से झुलस गया और उसे गंभीर हालत में प्राईवेट अस्पताल में लेजाया गया। पता चला है कि मौका पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पाया।
ललित मोदी ने मेरे फोन का जवाब नहीं दिया पीसीबी चीफ
लाहौर। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के अध्यक्ष एजाज बट्टा मंगलवार को मुंबई में आईपीएल-३ के लिए हुई नीलामी में अपने देश के किसी खिलाड़ी के लिए बोली नहीं लगने से खासे नाराज हैं।
जियो न्यूज के मुताबिक बट्टा ने आईपीएल आयोजकों और फ्रेंचाइजी टीमों के मालिकों के इस कदम की आलोचना की और इस संबंध में आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी से बात करने की कोशिश की लेकिन उनके मुताबिक मोदी ने उनके फोन कॉल का जवाब ही नहीं दिया। लाहौर में मीडिया से मुखातिब बट्टा ने कहा, हमारे ११ खिलाड़ी नीलामी के लिए मैदान में थे लेकिन किसी के लिए बोली नहीं लगी। यह बेहद दुखदाई पक्ष है। मैं इसे लेकर बहुत नाराज हूं। मैंने खेल मंत्री से अनुरोध किया है कि वह इस संबंध में भारत के खेल मंत्री से बात करें। बट्टा ने कहा कि उन्होंने कई बार मोदी से संपर्क साधने की कोशिश की लेकिन मोदी ने एक बार भी उनके फोन कॉल का जवाब देना उचित नहीं समझा। बकौल बट्टा, यह बहुत निराशाजनक पहलू है। मैं मोदी से इसका कारण जानना चाहता था लेकिन उन्होंने मुझसे बात नहीं की। गौरतलब है कि मंगलवार को मुंबई के ट्राइडेंट होटल में हुई नीलामी में पाकिस्तान के किसी भी खिलाड़ी के लिए बोली नहीं लगाई गई। तीसरे सेशन के लिए मौजूदा ट्वेंटी-२० विश्व चौम्पियन पाकिस्तानी टीम के कुल ११ खिलाड़ी मैदान में थे लेकिन आठ में से एक भी फ्रेंचाइजी टीम ने उन्हें अपने साथ जोडऩे की इच्छा नहीं जाहिर की। यहां तक की ट्वेंटी-२० टीम के कप्तान शाहिद अफरीदी को भी खरीददार नहीं मिला।
जियो न्यूज के मुताबिक बट्टा ने आईपीएल आयोजकों और फ्रेंचाइजी टीमों के मालिकों के इस कदम की आलोचना की और इस संबंध में आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी से बात करने की कोशिश की लेकिन उनके मुताबिक मोदी ने उनके फोन कॉल का जवाब ही नहीं दिया। लाहौर में मीडिया से मुखातिब बट्टा ने कहा, हमारे ११ खिलाड़ी नीलामी के लिए मैदान में थे लेकिन किसी के लिए बोली नहीं लगी। यह बेहद दुखदाई पक्ष है। मैं इसे लेकर बहुत नाराज हूं। मैंने खेल मंत्री से अनुरोध किया है कि वह इस संबंध में भारत के खेल मंत्री से बात करें। बट्टा ने कहा कि उन्होंने कई बार मोदी से संपर्क साधने की कोशिश की लेकिन मोदी ने एक बार भी उनके फोन कॉल का जवाब देना उचित नहीं समझा। बकौल बट्टा, यह बहुत निराशाजनक पहलू है। मैं मोदी से इसका कारण जानना चाहता था लेकिन उन्होंने मुझसे बात नहीं की। गौरतलब है कि मंगलवार को मुंबई के ट्राइडेंट होटल में हुई नीलामी में पाकिस्तान के किसी भी खिलाड़ी के लिए बोली नहीं लगाई गई। तीसरे सेशन के लिए मौजूदा ट्वेंटी-२० विश्व चौम्पियन पाकिस्तानी टीम के कुल ११ खिलाड़ी मैदान में थे लेकिन आठ में से एक भी फ्रेंचाइजी टीम ने उन्हें अपने साथ जोडऩे की इच्छा नहीं जाहिर की। यहां तक की ट्वेंटी-२० टीम के कप्तान शाहिद अफरीदी को भी खरीददार नहीं मिला।
बच्चे व युवा ज्यादा आते हैं स्वाइन फ्लू के चपेट में
नई दिल्ली। देश में स्वाइन फ्लू वायरस का संक्रमण जारी है। इस संबंध में किए गये एक ताजा सरकारी अध्ययन से यह बात सामने आयी है कि इस रोग के वायरस अन्य आयु के लोगों की अपेक्षा बच्चों और युवाओं को अधिक चपेट में ले रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा स्वाइन फ्लू के संबंध में किए गये एक ताजा अध्ययन की रिपोर्ट के अनुसार गत वर्ष ११ मई से २० दिसंबर तक स्वाइन फ्लू की जांच के लिए मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं की पुष्टि के २४ हजार २४२ मामलों को लिंग-आयु के आधार पर विभाजित किया तो यह बात सामने आयी कि इन पुष्टि के मामलों में सबसे अधिक संख्या ८५०१ पांच से १९ साल के युवावर्ग की थी। इनमें युवकों की संख्या ५०१६ और युवतियों की संख्या ३४८५ थी। इसके बाद दूसरा स्थान २० से ३९ साल के लोगों का था जिनकी संख्या ६८९० थी जिसमें, पुरुषों की संख्या ४१११ और महिलाओं की संख्या २७७९ थी। तीसरा स्थान ४० से ५९ साल के लोगों का था जिनकी संख्या २११८ थी जिसमें पुरुषों की संख्या १२०५ और महिलाओं की संख्या ९१३ थी। चौथा स्थान पांच साल से कम आयु के बच्चों का था जिनकी संख्या १६७६ थी जिसमें लड़के ९६९ और लड़कियां ७०७ थी, जबकि सबसे कम संख्या ६० से ऊपर आयु के लोगों की थी। यह संख्या ३५५ थी जिसमें पुरुषों की संख्या २१६ और महिलाओं की संख्या १३९ थी। रिपोर्ट के अनुसार देश में गतवर्ष २० दिसंबर तक एक लाख तीन हजार ७८० संदिग्ध रोगियों की जांच की गयी जिसमें से केवल २३ प्रतिशत यानी २३ हजार ७२७ मामलों में पुष्टि हुई और ७७ प्रतिशत यानी ८० हजार ५३ मामले नकारात्मक पाए गये। इस रोग से पीडि़त तीन प्रतिशत २८२ रोगियों की मौत हुई ओर ९७ प्रतिशत यानी २२ हजार ९४५ रोगियों को विभिन्न अस्पतालों में इलाज के बाद ठीक हो गये या उनका सुधार है।
देश में स्वाइन फ्लू का पहला मामला मई के दूसरे सप्ताह में आया था। उसके बाद से प्रत्येक एक सप्ताह में दर्ज किए गये इसके मामलों में भारी उतार चढाव आता रहा। ११ से १७ मई तक के सप्ताह में मामलों की संख्या केवल एक थी। उसके कुछ समय बाद २४-३० अगस्त तक के सप्ताह में यह संख्या बढ़कर एक हजार १५९ हो गई लेकिन अचानक ३१ अगस्त से ६ सितंबर के सप्ताह यह संख्या ८८५ हो गयी। उसके बाद यह तेजी से बढ़ी और १४-२० सितंबर के सप्ताह में बढ़कर एक हजार ७२० हो गई। इसी प्रकार फिर मामलों में तेजी से गिरावट आई और १९-२५ अक्टूबर तक के सप्ताह में ५३३ हो गयी जो ७-१३ दिसंबर तक के सप्ताह में बढ़कर २ हजार ९६ हो गई और १४-२० दिसंबर तक के सप्ताह में १९८१ हो गयी। अध्ययन के दौरान स्वाइन फ्लू के कुल मामलों में से ५००२ मामलों का चिकित्सीय परीक्षण किया गया तो उनमें फेब्रीली समूह के ४९४७ मामले सामने आये। जिनमें केवल बुखार और सांस लेने की कठिनाई महसूस होने वाले रोगियों की संख्या ३४४ यानी ७ प्रतिशत, बुखार और सर्दी लगने वाले रोगियों की संख्या ३२६ यानी ७ प्रतिशत, बुखार और खांसी एक साथ की संख्या ४००९ यानी ८४ प्रतिशत और केवल बुखार वालों की संख्या ७० यानी एक प्रतिशत पाई गयी। इसी प्रकार एफेब्रीली समूह में रोगियों की संख्या ३५३ सामने आयी इनमें खांसी और गला खराब वाले रोगियों की संख्या १५४ यानी ६१ प्रतिशत, केवल खांसी वाले रोगियों की संख्या ९३ यानी ३७ प्रतिशत और उल्टी आ रहे रोगियों की संख्या ६ यानी दो प्रतिशत पाई गयी।
सर्वेक्षण के दौरान देश के ९ प्रमुख शहरों में २१ नवंबर से २० दिसंबर तक की अवधि के दौरान स्वाइन फ्लू के ५७५१ मामले सामने आये। जिसमें सबसे अधिक ३४४८ मामले यानी १४-७ प्रतिशत दिल्ली में आये उसके बाद जयपुर में ६५८ यानी २-८ प्रतिशत, पुणे ४४७ यानी १-९ प्रतिशत, नोएडा २७४ यानी १-२ प्रतिशत, चेन्नई २२३ यानी एक प्रतिशत, गुडगांव २२१ यानी ०-९ प्रतिशत, बेंगलुरू २२० यानी ०-९ प्रतिशत, गाजियाबाद १४९ यानी १४९ यानी ०-६ प्रतिशत और चंडीगढ १११ यानी ०-५ प्रतिशत मामले सामने आये।
देश में स्वाइन फ्लू का पहला मामला मई के दूसरे सप्ताह में आया था। उसके बाद से प्रत्येक एक सप्ताह में दर्ज किए गये इसके मामलों में भारी उतार चढाव आता रहा। ११ से १७ मई तक के सप्ताह में मामलों की संख्या केवल एक थी। उसके कुछ समय बाद २४-३० अगस्त तक के सप्ताह में यह संख्या बढ़कर एक हजार १५९ हो गई लेकिन अचानक ३१ अगस्त से ६ सितंबर के सप्ताह यह संख्या ८८५ हो गयी। उसके बाद यह तेजी से बढ़ी और १४-२० सितंबर के सप्ताह में बढ़कर एक हजार ७२० हो गई। इसी प्रकार फिर मामलों में तेजी से गिरावट आई और १९-२५ अक्टूबर तक के सप्ताह में ५३३ हो गयी जो ७-१३ दिसंबर तक के सप्ताह में बढ़कर २ हजार ९६ हो गई और १४-२० दिसंबर तक के सप्ताह में १९८१ हो गयी। अध्ययन के दौरान स्वाइन फ्लू के कुल मामलों में से ५००२ मामलों का चिकित्सीय परीक्षण किया गया तो उनमें फेब्रीली समूह के ४९४७ मामले सामने आये। जिनमें केवल बुखार और सांस लेने की कठिनाई महसूस होने वाले रोगियों की संख्या ३४४ यानी ७ प्रतिशत, बुखार और सर्दी लगने वाले रोगियों की संख्या ३२६ यानी ७ प्रतिशत, बुखार और खांसी एक साथ की संख्या ४००९ यानी ८४ प्रतिशत और केवल बुखार वालों की संख्या ७० यानी एक प्रतिशत पाई गयी। इसी प्रकार एफेब्रीली समूह में रोगियों की संख्या ३५३ सामने आयी इनमें खांसी और गला खराब वाले रोगियों की संख्या १५४ यानी ६१ प्रतिशत, केवल खांसी वाले रोगियों की संख्या ९३ यानी ३७ प्रतिशत और उल्टी आ रहे रोगियों की संख्या ६ यानी दो प्रतिशत पाई गयी।
सर्वेक्षण के दौरान देश के ९ प्रमुख शहरों में २१ नवंबर से २० दिसंबर तक की अवधि के दौरान स्वाइन फ्लू के ५७५१ मामले सामने आये। जिसमें सबसे अधिक ३४४८ मामले यानी १४-७ प्रतिशत दिल्ली में आये उसके बाद जयपुर में ६५८ यानी २-८ प्रतिशत, पुणे ४४७ यानी १-९ प्रतिशत, नोएडा २७४ यानी १-२ प्रतिशत, चेन्नई २२३ यानी एक प्रतिशत, गुडगांव २२१ यानी ०-९ प्रतिशत, बेंगलुरू २२० यानी ०-९ प्रतिशत, गाजियाबाद १४९ यानी १४९ यानी ०-६ प्रतिशत और चंडीगढ १११ यानी ०-५ प्रतिशत मामले सामने आये।
पवार ने कहा, बढ़ेंगे दूध के दाम
नई दिल्ली। महंगाई से त्रस्त आम आदमी को जल्द ही एक और झटका लगने वाला है। सूत्रों के मुताबिक देश में चीनी और दालों की कीमतों के आसमान छूने के बाद जल्द ही दूध की कीमतें भी बढऩे वाली हैं। केन्र्दीय कृषि मंत्री शरद पवार ने आज एक और चौंकाने वाला बयान देकर दूध की कीमतों को बढ़ाने के संकेत दे दिए हैं। पवार का कहना है कि देश में दूध की जबर्दस्त किल्लत हो रही है। जिसके मद्देनजर सरकार पर दूध का दाम बढ़ाने पर दबाव बनाया जा रहा है। पवार के मुताबिक खासकर उत्तर भारत में पिछले कई सालों से दूध के उत्पादन में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है जबकि मांग दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। दूध की सबसे ज्यादा कमी उत्तर भारत में ही हो रही है। उन्होंने चीनी के बाद दूध के दामों में भी बढ़ोतरी कर जनता पर एक और भार डालने का संकेत दिया है।
20 जनवरी 2010
खेत मजदूरों को देख बीडीपीओ भागा
डबवाली (लहू की लौ) पंजाब खेत मजदूर यूनियन ने महंगाई पर नियंत्रण स्थापित करने और नरेगा के तहत मजदूरों को न्याय दिलाने की मांग को लेकर मंगलवार को बीडीपीओ कार्यालय लम्बी के समक्ष धरना देकर अपना रोष प्रकट किया। लेकिन जब ज्ञापन देने का समय आया तो उस समय बीडीपीओ चोर मोरी से कार्यालय से फरार हो गया। जिससे मजदूरों में रोष भड़क गया और मजदूरों ने धरने को अनिश्चितकालीन घेराव में तबदील कर दिया।
हर रोज बढ़ रही महंगाई को नियंत्रण में करने, नरेगा स्कीम के अन्तर्गत मजदूरों को साल भर का रोजगार 200 रूपये प्रति दिहाड़ी के तहत देने जैसी मांगों को लेकर पंजाब खेत मजदूर यूनियन के कार्यकर्ता यूनियन की राज्य इकाई के आह्वान पर आज अचानक बीडीपीओ कार्यालय पर धरना देने के लिए पहुंच गये। इन मजदूरों के साथ बीडीपीओ ने 2.30 बजे का समय ज्ञापन देने के लिए निर्धारित किया था। लेकिन जब ज्ञापन देने का समय आया तो उस समय बीडीपीओ अपने कार्यालय के पिछवाड़े से खिसक गया। जिसको लेकर मजदूरों में रोष भड़क उठा। मौका पर उपस्थित मजदूर नेता लक्ष्मण सिंह सेवेवाला, सुक्खा सिंह आदि ने खेत मजदूरों के साथ विचार-विमर्श के बाद अपने इस धरने को अनिश्चित कालीन घेराव में बदल दिया और बीडीपीओ तथा पंजाब सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।
इस मौके पर खेत मजदूरों को सम्बोधित करते हुए यूनियन के प्रदेश महासचिव लक्ष्मण सिंह सेवेवाला ने कहा कि भारत की सत्ता पर काबिज हाकमों की गलत आर्थिक नीति के कारण ही महंगाई तेज गति से बढ़ रही है। जबकि कृषि में उत्पादन कम हो रहा है। पूंजीवादी सरकार कृषि की अपेक्षा अन्य साधनों पर पूंजी निवेश कर रही है। जबकि कृषि को निरोत्साहित करने पर तुली हुई है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जन वितरण प्रणाली को सरकार की नीतियों ने पूरी तरह से तहस-नहस कर दिया है।
सेवेवाला ने यह भी कहा कि सिंघेवाला-फतूहीवाला में मजदूरों से नरेगा के तहत करवाये गये काम का पारिश्रमिक 1 लाख 48 हजार 376 रूपये महीनों बीतने के बावजूद भी नहीं दिये गये।
इस मौके पर इलाका प्रधान सुक्खा सिंह, काला सिंह, राजा सिंह, गुरतेज सिंह, परमजीत सिंह चन्नू आदि नेताओं ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर मजदूर मांग कर रहे थे कि नरेगा के तहत मजदूरों को वर्ष भर के लिए 200 रूपये प्रति दिहाड़ी के हिसाब से रोजगार दिया जाये, महंगाई को नियंत्रित करने के लिए डिपुओं द्वारा रसोई और अन्य घरेलू प्रयोग की वस्तुओं की आपूर्ति सस्ते रेट पर की जाये, जमाखोरी बन्द की जाये और जमाखोरों द्वारा जमा की गई वस्तुओं को जब्त करके सस्ती दरों पर लोगों को वितरित की जायें, वायदा व्यापार पर रोक लगाई जाये, खेत मजदूरों को 10-10 मरले के प्लाट और मकान निर्माण के लिए एक लाख रूपये अनुदान राशि दी जाये, आत्महत्या से पीडि़त किसान-मजदूर परिवारों को 5-5 लाख रूपये मुआवजा और नौकरी दी जाये।
हर रोज बढ़ रही महंगाई को नियंत्रण में करने, नरेगा स्कीम के अन्तर्गत मजदूरों को साल भर का रोजगार 200 रूपये प्रति दिहाड़ी के तहत देने जैसी मांगों को लेकर पंजाब खेत मजदूर यूनियन के कार्यकर्ता यूनियन की राज्य इकाई के आह्वान पर आज अचानक बीडीपीओ कार्यालय पर धरना देने के लिए पहुंच गये। इन मजदूरों के साथ बीडीपीओ ने 2.30 बजे का समय ज्ञापन देने के लिए निर्धारित किया था। लेकिन जब ज्ञापन देने का समय आया तो उस समय बीडीपीओ अपने कार्यालय के पिछवाड़े से खिसक गया। जिसको लेकर मजदूरों में रोष भड़क उठा। मौका पर उपस्थित मजदूर नेता लक्ष्मण सिंह सेवेवाला, सुक्खा सिंह आदि ने खेत मजदूरों के साथ विचार-विमर्श के बाद अपने इस धरने को अनिश्चित कालीन घेराव में बदल दिया और बीडीपीओ तथा पंजाब सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।
इस मौके पर खेत मजदूरों को सम्बोधित करते हुए यूनियन के प्रदेश महासचिव लक्ष्मण सिंह सेवेवाला ने कहा कि भारत की सत्ता पर काबिज हाकमों की गलत आर्थिक नीति के कारण ही महंगाई तेज गति से बढ़ रही है। जबकि कृषि में उत्पादन कम हो रहा है। पूंजीवादी सरकार कृषि की अपेक्षा अन्य साधनों पर पूंजी निवेश कर रही है। जबकि कृषि को निरोत्साहित करने पर तुली हुई है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जन वितरण प्रणाली को सरकार की नीतियों ने पूरी तरह से तहस-नहस कर दिया है।
सेवेवाला ने यह भी कहा कि सिंघेवाला-फतूहीवाला में मजदूरों से नरेगा के तहत करवाये गये काम का पारिश्रमिक 1 लाख 48 हजार 376 रूपये महीनों बीतने के बावजूद भी नहीं दिये गये।
इस मौके पर इलाका प्रधान सुक्खा सिंह, काला सिंह, राजा सिंह, गुरतेज सिंह, परमजीत सिंह चन्नू आदि नेताओं ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर मजदूर मांग कर रहे थे कि नरेगा के तहत मजदूरों को वर्ष भर के लिए 200 रूपये प्रति दिहाड़ी के हिसाब से रोजगार दिया जाये, महंगाई को नियंत्रित करने के लिए डिपुओं द्वारा रसोई और अन्य घरेलू प्रयोग की वस्तुओं की आपूर्ति सस्ते रेट पर की जाये, जमाखोरी बन्द की जाये और जमाखोरों द्वारा जमा की गई वस्तुओं को जब्त करके सस्ती दरों पर लोगों को वितरित की जायें, वायदा व्यापार पर रोक लगाई जाये, खेत मजदूरों को 10-10 मरले के प्लाट और मकान निर्माण के लिए एक लाख रूपये अनुदान राशि दी जाये, आत्महत्या से पीडि़त किसान-मजदूर परिवारों को 5-5 लाख रूपये मुआवजा और नौकरी दी जाये।
शिक्षा के गिरते स्तर के लिए संस्थाओं का सिस्टम दोषी-सेठी
डबवाली (लहू की लौ) किड्स किंगडम स्कूल, सिंघेवाला के प्रांगण में रविवार को वर्तमान शिक्षा पद्धति एवं शिक्षा के गिरते स्तर पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें डबवाली व आसपास के क्षेत्र के लोगो ने भाग लिया।
इस मौके पर लर्निग ट्री एजुकेशनेल सोसायटी की ओर से नीलू सेठी ने कहा कि शिक्षा के गिरते स्तर के लिए संस्थाओं का सिस्टम ही दोषी है। चूंकि शिक्षण संस्थाएं शिक्षा देने की अपेक्षा पैसा कमाने पर जोर देने लगी है। संस्थाएं इस बात पर अधिक विचार करती हैं कि पैसा अधिक से अधिक कैसे कमाया जाये लेकिन शिक्षा का स्तर कैसे ऊपर उठे इस पर ध्यान नहीं देती। जबकि लर्निग ट्री एजुकेशानल सोसायटी इससे हट कर केवल पैसा कमाने पर नहीं बल्कि बच्चे का शिक्षा स्तर कैसे ऊपर उठे इस पर जोर देती है। विद्यालय की अंग्रेजी अध्यायपिका उमा गर्ग ने कहा कि शिक्षा का स्तर तभी ऊंचा उठ सकता है जब वहां पर बच्चों को अध्ययन करवा रहे अध्यापक की शिक्षा और अनुभव का स्तर भी ऊंचा हो। सोसायटी के प्रवक्ता के के वर्मा ने कहा कि संस्था का दृष्टिकोण, उद्देश्य एवं मिशन महत्वपूर्ण होता है। यदि किसी संस्था का दृष्टिकोण विशाल, उद्देश्य उच्च एवं मिशन केवल सेवा हो तो वह संस्था केवल दूसरों का उदार ही नहीं करती बल्कि वह संस्था भविष्य में भी लम्बे समय तक लोगो की सेवा में कार्यरत रहने का गौरव पाती है। उनकी सोसायटी भी इसी पर चलते हुए 2020 में दसवी एवं 2022 में बाहरवीं कक्षा तक इस विद्यालय को ले जाकर सीबीएसई में बच्चों को टॉप पोजिशन हासिल करवाने का मिशन लेकर चल रही है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि संस्था का उद्देश्य केवल बच्चे को टॉप पर लेजाना ही नहीं है बल्कि बच्चे का सर्वागीण विकास करवाते हुए उसे उच्च गुणवत्ता की शिक्षा देकर उसे देश, समाज और अपने प्रति उत्तरदायी बनाना है।
इस मौके पर एडवोकेट जगदीश गुप्ता ने संस्था के प्रयास की सरहाना करते हुए कहा कि यह संस्था जिस प्रकार से अपने प्रयासों में पारदर्शिता दिखा रही है उससे लगता है कि संस्था बच्चों और उनके अभिभावकों को उनकी उम्मीद से भी अधिक देने का प्रयास कर रही है। इस मौके पर गांव लौहारा के सरपंच सुरजीत सिंह, देव कुमार शर्मा ने भी अपने विचार रखे। इस मौके पर आये हुए मेहमानो का धन्यवाद सोसायटी की प्रबंधन निर्देशिका मीनाक्षी खूंगर ने किया। जबकि मेहमानो का स्वागत स्कूल प्रशासक सोहन लाल गुम्बर ने किया।
इस मौके पर लर्निग ट्री एजुकेशनेल सोसायटी की ओर से नीलू सेठी ने कहा कि शिक्षा के गिरते स्तर के लिए संस्थाओं का सिस्टम ही दोषी है। चूंकि शिक्षण संस्थाएं शिक्षा देने की अपेक्षा पैसा कमाने पर जोर देने लगी है। संस्थाएं इस बात पर अधिक विचार करती हैं कि पैसा अधिक से अधिक कैसे कमाया जाये लेकिन शिक्षा का स्तर कैसे ऊपर उठे इस पर ध्यान नहीं देती। जबकि लर्निग ट्री एजुकेशानल सोसायटी इससे हट कर केवल पैसा कमाने पर नहीं बल्कि बच्चे का शिक्षा स्तर कैसे ऊपर उठे इस पर जोर देती है। विद्यालय की अंग्रेजी अध्यायपिका उमा गर्ग ने कहा कि शिक्षा का स्तर तभी ऊंचा उठ सकता है जब वहां पर बच्चों को अध्ययन करवा रहे अध्यापक की शिक्षा और अनुभव का स्तर भी ऊंचा हो। सोसायटी के प्रवक्ता के के वर्मा ने कहा कि संस्था का दृष्टिकोण, उद्देश्य एवं मिशन महत्वपूर्ण होता है। यदि किसी संस्था का दृष्टिकोण विशाल, उद्देश्य उच्च एवं मिशन केवल सेवा हो तो वह संस्था केवल दूसरों का उदार ही नहीं करती बल्कि वह संस्था भविष्य में भी लम्बे समय तक लोगो की सेवा में कार्यरत रहने का गौरव पाती है। उनकी सोसायटी भी इसी पर चलते हुए 2020 में दसवी एवं 2022 में बाहरवीं कक्षा तक इस विद्यालय को ले जाकर सीबीएसई में बच्चों को टॉप पोजिशन हासिल करवाने का मिशन लेकर चल रही है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि संस्था का उद्देश्य केवल बच्चे को टॉप पर लेजाना ही नहीं है बल्कि बच्चे का सर्वागीण विकास करवाते हुए उसे उच्च गुणवत्ता की शिक्षा देकर उसे देश, समाज और अपने प्रति उत्तरदायी बनाना है।
इस मौके पर एडवोकेट जगदीश गुप्ता ने संस्था के प्रयास की सरहाना करते हुए कहा कि यह संस्था जिस प्रकार से अपने प्रयासों में पारदर्शिता दिखा रही है उससे लगता है कि संस्था बच्चों और उनके अभिभावकों को उनकी उम्मीद से भी अधिक देने का प्रयास कर रही है। इस मौके पर गांव लौहारा के सरपंच सुरजीत सिंह, देव कुमार शर्मा ने भी अपने विचार रखे। इस मौके पर आये हुए मेहमानो का धन्यवाद सोसायटी की प्रबंधन निर्देशिका मीनाक्षी खूंगर ने किया। जबकि मेहमानो का स्वागत स्कूल प्रशासक सोहन लाल गुम्बर ने किया।
सरपंच पर नरेगा का वेतन न देने का आरोप
डबवाली (लहू की लौ) गांव गोदीकां के एक युवक ने उपायुक्त सिरसा को एक शिकायत देकर नरेगा स्कीम के तहत गांव के सरपंच पर उसे काम करवाने के बावजूद भी वेतन न देने का आरोप लगाया है। जबकि सरपंच ने आरोप को खारिज करते हुए शिकायतकर्ता पर ही कई आरोप जड़ दिये हैं।
कालू राम पुत्र फूला राम निवासी गोदीकां ने उपायुक्त सिरसा को व्यक्तिगत रूप से 6 जनवरी को दिये एक पत्र में कहा है कि वह गांव गोदीकां का स्थाई निवासी है और उसे गांव के सरपंच विनोद सहारण ने सहायक/मैट के पद पर 15 मार्च 08 से 20 अगस्त 2009 तक कार्य पर रखा हुआ था और उसे 2000 रूपये प्रति माह के हिसाब से वेतन देना स्वीकार किया था। लेकिन उसे यह कहकर सरपंच वेतन न देता रहा कि अभी तक उसका वेतन उसके पास नहीं पहुंचा है। जबकि 4 माह पूर्व उसे सरपंच ने काम से भी निकाल दिया।
इधर इस सम्बन्ध में जब गांव के सरपंच विनोद सहारण से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कालू राम पुत्र फूला राम उसके पास सहायक के पद पर ही नहीं था। उनके अनुसार ग्राम सभा की बैठक में एक प्रस्ताव पारित करके सहायक के पद पर किसी व्यक्ति को रखा जाता है। ग्राम सभा के रिकॉर्ड में कहीं भी कालू राम सहायक के पद पर नहीं है। उसने नरेगा के तहत जितना काम किया था, उसे उसके हिसाब से राशि दे दी गई है। उन्होंने यह भी कहा कि पूरे गांव में नरेगा के तहत जिसे भी राशि दी गई है, उसकी फोटो भी ली गई हैं। सरपंच ने यह भी कहा कि मामला कुछ और है।
सरपंच के अनुसार शिकायतकर्ता अपनी पत्नी को गांव में बने बैंक में नौकरी लगवाना चाहता था, जबकि नौकरी उसकी पत्नी से अधिक पढ़ी लिखी लड़की को मिली है। इसी रंजिश को लेकर शिकायतकर्ता उसके खिलाफ शिकायतबाजी कर रहा है।
कालू राम पुत्र फूला राम निवासी गोदीकां ने उपायुक्त सिरसा को व्यक्तिगत रूप से 6 जनवरी को दिये एक पत्र में कहा है कि वह गांव गोदीकां का स्थाई निवासी है और उसे गांव के सरपंच विनोद सहारण ने सहायक/मैट के पद पर 15 मार्च 08 से 20 अगस्त 2009 तक कार्य पर रखा हुआ था और उसे 2000 रूपये प्रति माह के हिसाब से वेतन देना स्वीकार किया था। लेकिन उसे यह कहकर सरपंच वेतन न देता रहा कि अभी तक उसका वेतन उसके पास नहीं पहुंचा है। जबकि 4 माह पूर्व उसे सरपंच ने काम से भी निकाल दिया।
इधर इस सम्बन्ध में जब गांव के सरपंच विनोद सहारण से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कालू राम पुत्र फूला राम उसके पास सहायक के पद पर ही नहीं था। उनके अनुसार ग्राम सभा की बैठक में एक प्रस्ताव पारित करके सहायक के पद पर किसी व्यक्ति को रखा जाता है। ग्राम सभा के रिकॉर्ड में कहीं भी कालू राम सहायक के पद पर नहीं है। उसने नरेगा के तहत जितना काम किया था, उसे उसके हिसाब से राशि दे दी गई है। उन्होंने यह भी कहा कि पूरे गांव में नरेगा के तहत जिसे भी राशि दी गई है, उसकी फोटो भी ली गई हैं। सरपंच ने यह भी कहा कि मामला कुछ और है।
सरपंच के अनुसार शिकायतकर्ता अपनी पत्नी को गांव में बने बैंक में नौकरी लगवाना चाहता था, जबकि नौकरी उसकी पत्नी से अधिक पढ़ी लिखी लड़की को मिली है। इसी रंजिश को लेकर शिकायतकर्ता उसके खिलाफ शिकायतबाजी कर रहा है।
सर्दी में स्कूल के गेट पर खड़े रहे बच्चे
डबवाली (लहू की लौ) सरकारी विद्यालयों की व्यवस्था इतनी बिगड़ती जा रही है कि हाड़ कम्पा देने वाली सर्दी में भी बच्चों को समय पर स्कूल पहुंचने के बावजूद भी विद्यालय का मुख्य गेट न खुलने के बावजूद भी कड़कती सर्दी में बाहर खड़े रहना पड़ रहा है। अफसोस तो यह है कि अध्यापक भी समय पर नहीं पहुंचते।
इसका उदाहरण सोमवार को कई दिनों की छुट्टियों के बाद खुले राजकीय मिडिल स्कूल (राजकीय प्राथमिक पाठशाला नं. 3) में मिला। सुबह 9 बजे स्कूल के बच्चे इस विद्यालय के गेट पर आ गये। लेकिन गेट न खुले होने के कारण उन्हें बाहर सड़क पर ही घनी धुंध में गेट खुलने की इंतजार में खड़े होना पड़ा और यह बच्चे सड़क तक आ जाने से वाहनों की चपेट में आते हुए बचे। यहीं नहीं बल्कि इसके चलते कुछ समय तक वहां वाहनों का जाम भी लग गया।
इसकी सूचना पाकर 9.25 पर मौका पर पहुंचे इस संवाददाता को बच्चों ने बताया कि कुछ बच्चों को स्कूल के मुख्य गेट की चाबी लेने के लिए मास्टर शेषपाल के घर भेजा गया है। इधर इस संवाददाता ने विद्यालय के प्रभारी राजेन्द्र सिंह देसूजोधा को फोन करके स्थिति से अवगत करवाया और मौका पर पहुंचने के लिए कहा। इसी दौरान संवाददाता ने देखा कि 10 बजे तक अध्यापक एक-एक करके विद्यालय तक पहुंचे।
राजेन्द्र सिंह देसूजोधा ने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा कि सभी मिडिल स्कूलों में चतुर्थश्रेणी कर्मचारी की व्यवस्था है लेकिन उनके विद्यालय को चतुर्थश्रेणी कर्मी नहीं दिया गया है। इसी के चलते यह मुश्किल दरपेश आई है। उनके अनुसार स्कूल में लाखों रूपये की कीमत का सामान आया हुआ है। जिसमें एजूसैट भी शामिल है। लेकिन चौकीदार न होने के कारण उसे शुरू नहीं किया गया और यह सामान बेकार साबित हो रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि इस स्कूल के केवल प्राईमरी विभाग में 413 बच्चे हैं जिनके बैठने की भी समुचित व्यवस्था नहीं है। इसके चलते यह स्कूल मिडिल के नॉरम को भी पूरा नहीं करता। इस स्कूल को डबल स्टोरी बनाने के लिए लिखा जा चुका है।
इसका उदाहरण सोमवार को कई दिनों की छुट्टियों के बाद खुले राजकीय मिडिल स्कूल (राजकीय प्राथमिक पाठशाला नं. 3) में मिला। सुबह 9 बजे स्कूल के बच्चे इस विद्यालय के गेट पर आ गये। लेकिन गेट न खुले होने के कारण उन्हें बाहर सड़क पर ही घनी धुंध में गेट खुलने की इंतजार में खड़े होना पड़ा और यह बच्चे सड़क तक आ जाने से वाहनों की चपेट में आते हुए बचे। यहीं नहीं बल्कि इसके चलते कुछ समय तक वहां वाहनों का जाम भी लग गया।
इसकी सूचना पाकर 9.25 पर मौका पर पहुंचे इस संवाददाता को बच्चों ने बताया कि कुछ बच्चों को स्कूल के मुख्य गेट की चाबी लेने के लिए मास्टर शेषपाल के घर भेजा गया है। इधर इस संवाददाता ने विद्यालय के प्रभारी राजेन्द्र सिंह देसूजोधा को फोन करके स्थिति से अवगत करवाया और मौका पर पहुंचने के लिए कहा। इसी दौरान संवाददाता ने देखा कि 10 बजे तक अध्यापक एक-एक करके विद्यालय तक पहुंचे।
राजेन्द्र सिंह देसूजोधा ने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा कि सभी मिडिल स्कूलों में चतुर्थश्रेणी कर्मचारी की व्यवस्था है लेकिन उनके विद्यालय को चतुर्थश्रेणी कर्मी नहीं दिया गया है। इसी के चलते यह मुश्किल दरपेश आई है। उनके अनुसार स्कूल में लाखों रूपये की कीमत का सामान आया हुआ है। जिसमें एजूसैट भी शामिल है। लेकिन चौकीदार न होने के कारण उसे शुरू नहीं किया गया और यह सामान बेकार साबित हो रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि इस स्कूल के केवल प्राईमरी विभाग में 413 बच्चे हैं जिनके बैठने की भी समुचित व्यवस्था नहीं है। इसके चलते यह स्कूल मिडिल के नॉरम को भी पूरा नहीं करता। इस स्कूल को डबल स्टोरी बनाने के लिए लिखा जा चुका है।
16 जनवरी 2010
विडियोकॉन ने हरियाणा के बाजारों में पेश किये विश्व-स्तरीय मोबाइल फोन
हिसार : विश्व की जानी मानी कंपनी विडियोकॉन ग्रुप ने आधुनिकतम मोबाइल व विश्वस्तरीय मोबाइल फोन बाजार में उतारे हैं। इसके नये मोबाइल फोन में कई आधुनिकतम फीचर मौजूद हैं जैसे बेसिक कलर मॉड्यूल, एफ एम रेडियो, डबल सिम की सुविधा, एमपी-३ म्यूजिक, कैमरा, मल्टीमीडिया एवं टच फोन आदि।
विडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन व एमडी श्री वी एन धूत ने कहा कि कंपनी का इरादा २०१० में बेहतरीन पेश करके इस क्षेत्र की शीर्षतम कंपनियों की श्रेणी में खुद को लाना है। बात चाहे क्वालिटी, रेंज, तकनीक या वैल्यू की हो, किसी भी मामले में समझौता नहीं किया जाएगा। मोबाइल फोन वर्तमान में 4० करोड़ लोगों के बीच अपनी पैठ बना चुका है। विडियोकॉन भारत की सबसे बड़ी एवं विश्वस्तरीय उपभोक्ता वस्तु कंपनी है तथा मोबाइल फोन सेवा के क्षेत्र में भी हमारी कंपनी भारतीय उपभोक्ता के दिलों पर राज करेगी।
विडियोकॉन का नया लोगो 'वीÓ तथा विडियोकॉन मोबाइल फोन का ब्रांड प्रचार संदेश (वी इज द न्यू मी) भी लोगों ने काफी पसंद किया है। विडियोकॉन ने नये मोबाइल हैंडसेट लांच करने से पहले भारतीय युवाओं की पसंद तथा मोबाइल के प्रति उनका नजरिया क्या है उसका विस्तृत अध्ययन किया। अध्ययन से पता चला कि पहले कपड़ों एवं खानपान में लोगों की ज्यादा रुचि हुआ करती थी, लेकिन अब लोगों की पसंद बदल चुकी है। उन ब्रांडों को लोग अधिक पसंद करने लगे हैं जो उनकी पर्सनेलिटी व एटीट्यूड को बढ़ाएं। पसंदीदा चीजों में मोबाइल फोन भी शामिल है। विडियोकॉन ने इन्हीं जरूरतों एवं पसंद को ध्यान में रखते हुए काफी स्टाइलिश एवं आधुनिकतम फीचर से लैस मोबाइल हैंडसेट बाजार में उतारा है।
24,000 करोड़ रुपये टर्नओवर के साथ विडियोकॉन भारत के 15 टॉप बड़े बिजनेस हाउस एवं विश्व के टॉप 100 बिजनेस हाउस में शुमार है। ब्रांड इक्विटी सर्वे 2009 के अनुसार विडियोकॉन भारत के टॉप 50 ब्रांडों में शामिल है। विडियोकॉन कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स एवं घरेलू उपभोक्ता वस्तुओं की अग्रणी निर्माता कंपनी है तथा रंगीन टीवी, वॉशिंग मशीन एवं रेफ्रिजरेटर के क्षेत्र में विश्व की नंबर वन कंपनी है। कंपनी टीवी कीपूर्ण रेंज, वॉशिंग मशीन, एयर कंडीशनर, रेफ्रिजरेटर, ऑडियो व होम थियेटर सिस्टम, माइक्रोवेव आदि का उत्पादन करती है। विडियोकॉन विश्वस्तरीय बाजार में अपनी पहचान बना चुकी है। भारत में निर्मित अपनी वस्तुओं को यूरोप, पश्चिम एशिया, लेटिन अमरीका, नाइजीरिया एवं इंडोनेशिया आदि देशों के बाजार में बेचती है।
विडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन व एमडी श्री वी एन धूत ने कहा कि कंपनी का इरादा २०१० में बेहतरीन पेश करके इस क्षेत्र की शीर्षतम कंपनियों की श्रेणी में खुद को लाना है। बात चाहे क्वालिटी, रेंज, तकनीक या वैल्यू की हो, किसी भी मामले में समझौता नहीं किया जाएगा। मोबाइल फोन वर्तमान में 4० करोड़ लोगों के बीच अपनी पैठ बना चुका है। विडियोकॉन भारत की सबसे बड़ी एवं विश्वस्तरीय उपभोक्ता वस्तु कंपनी है तथा मोबाइल फोन सेवा के क्षेत्र में भी हमारी कंपनी भारतीय उपभोक्ता के दिलों पर राज करेगी।
विडियोकॉन का नया लोगो 'वीÓ तथा विडियोकॉन मोबाइल फोन का ब्रांड प्रचार संदेश (वी इज द न्यू मी) भी लोगों ने काफी पसंद किया है। विडियोकॉन ने नये मोबाइल हैंडसेट लांच करने से पहले भारतीय युवाओं की पसंद तथा मोबाइल के प्रति उनका नजरिया क्या है उसका विस्तृत अध्ययन किया। अध्ययन से पता चला कि पहले कपड़ों एवं खानपान में लोगों की ज्यादा रुचि हुआ करती थी, लेकिन अब लोगों की पसंद बदल चुकी है। उन ब्रांडों को लोग अधिक पसंद करने लगे हैं जो उनकी पर्सनेलिटी व एटीट्यूड को बढ़ाएं। पसंदीदा चीजों में मोबाइल फोन भी शामिल है। विडियोकॉन ने इन्हीं जरूरतों एवं पसंद को ध्यान में रखते हुए काफी स्टाइलिश एवं आधुनिकतम फीचर से लैस मोबाइल हैंडसेट बाजार में उतारा है।
24,000 करोड़ रुपये टर्नओवर के साथ विडियोकॉन भारत के 15 टॉप बड़े बिजनेस हाउस एवं विश्व के टॉप 100 बिजनेस हाउस में शुमार है। ब्रांड इक्विटी सर्वे 2009 के अनुसार विडियोकॉन भारत के टॉप 50 ब्रांडों में शामिल है। विडियोकॉन कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स एवं घरेलू उपभोक्ता वस्तुओं की अग्रणी निर्माता कंपनी है तथा रंगीन टीवी, वॉशिंग मशीन एवं रेफ्रिजरेटर के क्षेत्र में विश्व की नंबर वन कंपनी है। कंपनी टीवी कीपूर्ण रेंज, वॉशिंग मशीन, एयर कंडीशनर, रेफ्रिजरेटर, ऑडियो व होम थियेटर सिस्टम, माइक्रोवेव आदि का उत्पादन करती है। विडियोकॉन विश्वस्तरीय बाजार में अपनी पहचान बना चुकी है। भारत में निर्मित अपनी वस्तुओं को यूरोप, पश्चिम एशिया, लेटिन अमरीका, नाइजीरिया एवं इंडोनेशिया आदि देशों के बाजार में बेचती है।
राणा, हेडली पर आरोप तय
शिकागो। पाकिस्तानी मूल के शिकागो निवासी तहाव्वुर हुसैन राणा तथा अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली के खिलाफ अमेरिका की एक संघीय ज्यूरी ने आज मुंबई आतंकवादी हमलों के मामले में आरोप निर्धारित किए। इन दोनों को ज्यूरी ने आतंकवादी हमलों के मकसद से आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तय्यबा के लिए जमीनी आधार तैयार करने तथा साजो सामान संबंधी सहायता मुहैया कराने का आरोपी ठहराया है। ज्यूरी ने अपने फैप्रे में लश्कर द्वारा मुंबई हमलों की योजना बनाने की व्यापक जानकारी दी है और बताया है कि किस प्रकार इसके नेताओं ने चार दिनों तक चले हमले को निर्देशित किया। २६ नवंबर से शुरू हुए इस आतंकवादी हमले में छह अमेरिकियों समेत १६६ लोग मारे गए थे।
पाकिस्तानी मूल के ४९ वर्षीय अमेरिकी हेडली को संघीय जांच ब्यूरो ने अक्तूबर में गिरफ्तार किया था और उसके खिलाफ सात दिसंबर को आरोपपत्र दायर किया गया था जबकि ४९ वर्षीय पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक राणा को १८ अक्तूबर को गिरफ्तार किए जाने के बाद से ही शिकागो में संघीय पुलिस की हिरासत में रखा गया है। राणा पर पैगम्बर मोहम्मद के कार्टून प्रकाशित करने वाले डेनमार्क के एक समाचारपत्र के खिलाफ आतंकवादी हमले की योजना बनाने का आरोप है। आज जो आरोप निर्धारित किए गए हैं वे सात सितंबर को हेडली के खिलाफ लगाए गए आरोपों से मेल खाते हैं तथा तीन मामलों में राणा को प्रतिवादी ठहराया गया है। उसके खिलाफ भारत तथा डेनमार्क में आतंकवादी हमलों के लिए साजो सामान के रूप में सहायता मुहैया कराने और पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तय्यबा की मदद करने का आरोप लगाया गया है। पाकिस्तान स्थित एक प्रभावशाली आतंकवादी संगठन के नेता इलियास कश्मीरी के खिलाफ भी आरोप निर्धारित किए गए हैं जिसके बारे में कहा जाता है कि वह अल कायदा के नेताओं और पाकिस्तानी सेना के सेवानिवृत मेजर अब्दुर्र रहमान हाशिम सईद (अब्दुर्र रहमान) के लगातार संपर्क में था। अमेरिकी विधि विभाग ने एक बयान में यह जानकारी दी।
आज पहली बार कश्मीरी के खिलाफ आरोप निर्धारित किए गए हैं हालांकि इससे पूर्व राणा, अब्दुर्र रहमान और हेडली के खिलाफ तय किए गए आरोपों में केवल उसका नाम शामिल किया गया था। राणा पर मुंबई आतंकवादी हमलों को अंजाम देने तथा उसकी तैयारी में सहायता करने और डेनमार्क में आतंकवादी हमले की साजिश और लश्कर को साजो सामान की मदद देने का आरोप लगाया गया था। राणा को शिकागो में संघीय अदालत के समक्ष पेश करने के लिए अभी कोई तारीख तय नहीं की गई है। यह मामला अमेरिकी जिला न्यायाधीश हैरी डी लेनिनवेबर को सौंपा गया है। अमेरिका ने दिसंबर २००१ में लश्कर को विदेशी आतंकवादी संगठन करार दिया था। आरोपपत्र में कहा गया है कि हेडली ने मुंबई हमलों की योजना बनाने में अहम भूमिका निभाई और इसके लिए उसने पाकिस्तान में लश्कर के साजिशकर्ताओं को शक्तिशाली लक्ष्यों की व्यापक वीडियो फुटेज उपलब्ध कराई। इसके साथ ही उसने हमले के दौरान आतंकवादियों द्वारा अपनाए जाने वाले रूट की सटीक सूचना भी दी और समुद्र के रास्ते आतंकवादियों के महानगर में प्रवेश के मार्ग का भी ब्यौरा तय किया।
मार्च २००८ में लश्कर ने हेडली को मुंबई बंदरगाह तथा उसके आसपास के इलाके का नौका के जरिए दौरा करने तथा विभिन्न स्थलों की वीडियोग्राफी करने का निर्देश दिया था। करीब साल भर पहले हेडली ने मुंबई में प्रमुख लक्ष्यों और विशेषकर ताज होटल की तस्वीरें लीं और वीडियो टेप तैयार किए। उसने ताज होटल के दूसरे तल पर सम्मेलन कक्षों तथा बालरूम की विस्तृत वीडियो तैयार की। उसने ओबेराय होटल के वीडियो भी तैयार किए। भारत के इस प्रकार के हर निगरानी दौरे के बाद एकत्र की गई सूचना और वीडियो फुटेज लश्कर के नेताओं को देने के लिए हेडली पाकिस्तान गया। खुद को निर्दोष बताने वाले हेडली के बारे में समझा जाता है कि उसने लश्कर के साजिशकर्ताओं के निर्देशों का पूरी तरह पालन किया और ताज होटल में भविष्य में होने वाले सम्मेलनों का कार्यक्रम हाप्रि करने का प्रयास किया। लश्कर से जुड़े लोगों के साथ एक मुलाकात में हेडली को 'एÓ सदस्य ने ताज महल होटल का नमूना दिखाया। आरोपपत्र में यह बात कही गई है। मार्च या अप्रैल २००८ में लश्कर के ए और बी सदस्यों ने हेडली को ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम उपकरण दिया और बताया कि इसका इस्तेमाल किस प्रकार किया जाए। साजिश के ही हिस्से के तहत अप्रैल २००८ में हेडली ने मुंबई बंदरगाह तथा आसपास के इलाकों की जीपीएस उपकरण से निगरानी की और वीडियो टेप तैयार किए।
हेडली ने छत्रपति शिवाजी टर्मिनस ट्रेन स्टेशन का भी दौरा किया। हमले से पूर्व हेडली को लश्कर ने ताज होटल और हमलावरों के प्रवेश स्थलों की फिर से निगरानी करने को कहा जिसमें पुलिस स्टेशन से ताज महल होटल तक के मार्ग का वीडियो टेप तैयार करना भी शामिल था। लश्कर के दोनों ए और बी सदस्यों ने उसे मुंबई में यहूदी कम्युनिटी सेंटर चाबड़ हाउस की भी वीडियोग्राफी करने को कहा। आरोपपत्र में यह जानकारी दी गई है। हेडली के खिलाफ पिछले माह दर्ज किए गए १२ मामलों में आरोप तय किए गए हैं जिनमें छह मामले साजिश तथा बाकी हत्या, विदेशी आतंकवादी साजिशों में साजो सामान मुहैया कराने, लश्कर को साजो सामान मुहैया कराने तथा छह मामले भारत में अमेरिकी नागरिकों की हत्या से संबंधित हैं। अमेरिकी विधि विभाग ने कहा है कि वर्ष २००२ और २००३ में हेडली ने कथित रूप से पाकिस्तान में लश्कर के आतंकवाद प्रशिक्षण शिविरों में भाग लिया और डेनमार्क तथा भारत में हमलों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने के लिए राणा, कश्मीरी तथा अब्दुर्र रहमान समेत इसके अन्य सदस्यों के साथ मिलकर साजिश रची।
विधि विभाग ने कहा है कि कश्मीरी और मेजर अब्दुर्र रहमान और पाशा के नाम से जाने जाने वाले अब्दुर्र रहमान, दोनों को हत्या की साजिश तथा डेनमार्क आतंकवादी साजिश में साजो सामान की मदद उपळब्ध कराने के लिए डेनमार्क में लोगों को भाड़े पर लेने का आरोप लगाया गया है। इन दोनों में से कोई भी अमेरिकी हिरासत में नहीं है। नाद्रर्न डिस्ट्रिक्ट आफ इलिनोइस के अमेरिकी अटार्नी पैट्रिक जे फित्जगेराल्ड, एफबीआई के शिकागो कार्यालय के विशेष एजेंट इंचार्ज राबर्ट डी ग्रांट और राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी सहायक अटार्नी डेविस क्रिस ने आरोप तय किए। इस मामले की जांच तथा अभियोजन में सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट आफ कैलिफोर्निया के अमेरिकी अटार्नी का कार्यालय, लास ऐंजिलिस तथा वाशिंगटन डीसी में एफबीआई कार्यालय भी भाग ले रहे हैं।
पाकिस्तानी मूल के ४९ वर्षीय अमेरिकी हेडली को संघीय जांच ब्यूरो ने अक्तूबर में गिरफ्तार किया था और उसके खिलाफ सात दिसंबर को आरोपपत्र दायर किया गया था जबकि ४९ वर्षीय पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक राणा को १८ अक्तूबर को गिरफ्तार किए जाने के बाद से ही शिकागो में संघीय पुलिस की हिरासत में रखा गया है। राणा पर पैगम्बर मोहम्मद के कार्टून प्रकाशित करने वाले डेनमार्क के एक समाचारपत्र के खिलाफ आतंकवादी हमले की योजना बनाने का आरोप है। आज जो आरोप निर्धारित किए गए हैं वे सात सितंबर को हेडली के खिलाफ लगाए गए आरोपों से मेल खाते हैं तथा तीन मामलों में राणा को प्रतिवादी ठहराया गया है। उसके खिलाफ भारत तथा डेनमार्क में आतंकवादी हमलों के लिए साजो सामान के रूप में सहायता मुहैया कराने और पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तय्यबा की मदद करने का आरोप लगाया गया है। पाकिस्तान स्थित एक प्रभावशाली आतंकवादी संगठन के नेता इलियास कश्मीरी के खिलाफ भी आरोप निर्धारित किए गए हैं जिसके बारे में कहा जाता है कि वह अल कायदा के नेताओं और पाकिस्तानी सेना के सेवानिवृत मेजर अब्दुर्र रहमान हाशिम सईद (अब्दुर्र रहमान) के लगातार संपर्क में था। अमेरिकी विधि विभाग ने एक बयान में यह जानकारी दी।
आज पहली बार कश्मीरी के खिलाफ आरोप निर्धारित किए गए हैं हालांकि इससे पूर्व राणा, अब्दुर्र रहमान और हेडली के खिलाफ तय किए गए आरोपों में केवल उसका नाम शामिल किया गया था। राणा पर मुंबई आतंकवादी हमलों को अंजाम देने तथा उसकी तैयारी में सहायता करने और डेनमार्क में आतंकवादी हमले की साजिश और लश्कर को साजो सामान की मदद देने का आरोप लगाया गया था। राणा को शिकागो में संघीय अदालत के समक्ष पेश करने के लिए अभी कोई तारीख तय नहीं की गई है। यह मामला अमेरिकी जिला न्यायाधीश हैरी डी लेनिनवेबर को सौंपा गया है। अमेरिका ने दिसंबर २००१ में लश्कर को विदेशी आतंकवादी संगठन करार दिया था। आरोपपत्र में कहा गया है कि हेडली ने मुंबई हमलों की योजना बनाने में अहम भूमिका निभाई और इसके लिए उसने पाकिस्तान में लश्कर के साजिशकर्ताओं को शक्तिशाली लक्ष्यों की व्यापक वीडियो फुटेज उपलब्ध कराई। इसके साथ ही उसने हमले के दौरान आतंकवादियों द्वारा अपनाए जाने वाले रूट की सटीक सूचना भी दी और समुद्र के रास्ते आतंकवादियों के महानगर में प्रवेश के मार्ग का भी ब्यौरा तय किया।
मार्च २००८ में लश्कर ने हेडली को मुंबई बंदरगाह तथा उसके आसपास के इलाके का नौका के जरिए दौरा करने तथा विभिन्न स्थलों की वीडियोग्राफी करने का निर्देश दिया था। करीब साल भर पहले हेडली ने मुंबई में प्रमुख लक्ष्यों और विशेषकर ताज होटल की तस्वीरें लीं और वीडियो टेप तैयार किए। उसने ताज होटल के दूसरे तल पर सम्मेलन कक्षों तथा बालरूम की विस्तृत वीडियो तैयार की। उसने ओबेराय होटल के वीडियो भी तैयार किए। भारत के इस प्रकार के हर निगरानी दौरे के बाद एकत्र की गई सूचना और वीडियो फुटेज लश्कर के नेताओं को देने के लिए हेडली पाकिस्तान गया। खुद को निर्दोष बताने वाले हेडली के बारे में समझा जाता है कि उसने लश्कर के साजिशकर्ताओं के निर्देशों का पूरी तरह पालन किया और ताज होटल में भविष्य में होने वाले सम्मेलनों का कार्यक्रम हाप्रि करने का प्रयास किया। लश्कर से जुड़े लोगों के साथ एक मुलाकात में हेडली को 'एÓ सदस्य ने ताज महल होटल का नमूना दिखाया। आरोपपत्र में यह बात कही गई है। मार्च या अप्रैल २००८ में लश्कर के ए और बी सदस्यों ने हेडली को ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम उपकरण दिया और बताया कि इसका इस्तेमाल किस प्रकार किया जाए। साजिश के ही हिस्से के तहत अप्रैल २००८ में हेडली ने मुंबई बंदरगाह तथा आसपास के इलाकों की जीपीएस उपकरण से निगरानी की और वीडियो टेप तैयार किए।
हेडली ने छत्रपति शिवाजी टर्मिनस ट्रेन स्टेशन का भी दौरा किया। हमले से पूर्व हेडली को लश्कर ने ताज होटल और हमलावरों के प्रवेश स्थलों की फिर से निगरानी करने को कहा जिसमें पुलिस स्टेशन से ताज महल होटल तक के मार्ग का वीडियो टेप तैयार करना भी शामिल था। लश्कर के दोनों ए और बी सदस्यों ने उसे मुंबई में यहूदी कम्युनिटी सेंटर चाबड़ हाउस की भी वीडियोग्राफी करने को कहा। आरोपपत्र में यह जानकारी दी गई है। हेडली के खिलाफ पिछले माह दर्ज किए गए १२ मामलों में आरोप तय किए गए हैं जिनमें छह मामले साजिश तथा बाकी हत्या, विदेशी आतंकवादी साजिशों में साजो सामान मुहैया कराने, लश्कर को साजो सामान मुहैया कराने तथा छह मामले भारत में अमेरिकी नागरिकों की हत्या से संबंधित हैं। अमेरिकी विधि विभाग ने कहा है कि वर्ष २००२ और २००३ में हेडली ने कथित रूप से पाकिस्तान में लश्कर के आतंकवाद प्रशिक्षण शिविरों में भाग लिया और डेनमार्क तथा भारत में हमलों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने के लिए राणा, कश्मीरी तथा अब्दुर्र रहमान समेत इसके अन्य सदस्यों के साथ मिलकर साजिश रची।
विधि विभाग ने कहा है कि कश्मीरी और मेजर अब्दुर्र रहमान और पाशा के नाम से जाने जाने वाले अब्दुर्र रहमान, दोनों को हत्या की साजिश तथा डेनमार्क आतंकवादी साजिश में साजो सामान की मदद उपळब्ध कराने के लिए डेनमार्क में लोगों को भाड़े पर लेने का आरोप लगाया गया है। इन दोनों में से कोई भी अमेरिकी हिरासत में नहीं है। नाद्रर्न डिस्ट्रिक्ट आफ इलिनोइस के अमेरिकी अटार्नी पैट्रिक जे फित्जगेराल्ड, एफबीआई के शिकागो कार्यालय के विशेष एजेंट इंचार्ज राबर्ट डी ग्रांट और राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी सहायक अटार्नी डेविस क्रिस ने आरोप तय किए। इस मामले की जांच तथा अभियोजन में सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट आफ कैलिफोर्निया के अमेरिकी अटार्नी का कार्यालय, लास ऐंजिलिस तथा वाशिंगटन डीसी में एफबीआई कार्यालय भी भाग ले रहे हैं।
कोसी का कहर, सरकार दोषी : रिपोर्ट
पटना। बिहार के प्रधान महालेखाकार (पीएजी) ने २००८ में कोसी नदी के तटबंध टूटने के लिए राज्य सरकार को दोषी ठहराया है। तटबंधों के टूटने से आई बाढ़ ने लाखों लोगों को बेघर कर दिया था और कई लोग मारे गए थे। सरकारी सूत्रों ने आज बताया कि पीएजी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बिहार के जल संसाधन विभाग ने संरक्षण कार्य में तत्परता में कमी दिखाई जिसके कारण २००८ में नेपाल में कुसाहा में कोसी के बांध में दरार आई। नियंत्रक और महालेखा परीक्षक के अंदर आने वाले पीएजी कार्यालय ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जल संसाधन विभाग ने बांध प्रभाग और बीरपुर के पूर्वी कोसी तटबंध प्रभाग के उन प्रस्तावों को स्वीकार नहीं किया जिसमें कमजोर बांधों के संरक्षण की बात थी। इसमें २००८ के बाढ़ में बह गए बांध भी शामिल थे। बांधों को दुरुस्त करने के बजाए विभाग ने निर्माण कार्यों को ११ जगहों से समेट कर १२-८ किलोमीटर से १३-६ किलोमीटर के बीच केवल पांच जगह कर दिया और ग्रामीण इलाकों में बांधों की मरम्मत करने का तो विचार ही नहीं किया।
प्रधान महालेखाकार (पीएजी) की रिपोर्ट में बताया गया है कि पांच अगस्त २००८ को १२-१९ किलोमीटर और १२-९० किमी स्पर में दरार पडऩा शुरू हुआ और १८ अगस्त को समस्या ने विकराल रूप धारण कर लिया लेकिन वायरलेस रिपोर्ट से प्रमाण मिलता है कि इस अवधि में भी तटबंधों को बचाने के लिए कोई कदम नही उठाए गए। रिपोर्ट में कहा गया है कि बाढ़ से बचाव कार्य में प्रभाग और विशेषज्ञों ने तटबंधों को छुआ तक नहीं। रिपोर्ट के अनुसार, चूंकि नेपाल में एक महत्वपूर्ण परियोजना पर काम चल रहा था इस वजह से स्थानीय प्रशासन और जल संसाधन विभाग को कोसी परियोजना के इलाकों की सुरक्षा और परियोजना के सुचारू निष्पादन के लिए समय-समय पर बैठकें करनी चाहिए थीं। पीएजी ने यह भी गौर किया कि भारत और नेपाल की संयुक्त समिति ने नियमित बैठकें नहीं कीं। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने पीएजी के अधिकारों पर सवाल उठाए क्योंकि न्यायमूर्ति बालिया आयोग मामले की जांच कर रहा था और महालेखाकार के कार्यालय में यह मामला नहीं आता। जल संसाधन विभाग ने कहा- यह कानून का सिद्धांत है कि जब किसी मामले की न्यायिक जांच चल रही हो तब उसके समानांतर कोई और जांच नहीं हो सकती। जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव ने न्यायिक जांच जारी होने का हवाला देकर इस मामले पर कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया और कहा- हम इसकी रिपोर्ट की व्यग्रता से प्रतीक्षा कर रहे हैं।
प्रधान महालेखाकार (पीएजी) की रिपोर्ट में बताया गया है कि पांच अगस्त २००८ को १२-१९ किलोमीटर और १२-९० किमी स्पर में दरार पडऩा शुरू हुआ और १८ अगस्त को समस्या ने विकराल रूप धारण कर लिया लेकिन वायरलेस रिपोर्ट से प्रमाण मिलता है कि इस अवधि में भी तटबंधों को बचाने के लिए कोई कदम नही उठाए गए। रिपोर्ट में कहा गया है कि बाढ़ से बचाव कार्य में प्रभाग और विशेषज्ञों ने तटबंधों को छुआ तक नहीं। रिपोर्ट के अनुसार, चूंकि नेपाल में एक महत्वपूर्ण परियोजना पर काम चल रहा था इस वजह से स्थानीय प्रशासन और जल संसाधन विभाग को कोसी परियोजना के इलाकों की सुरक्षा और परियोजना के सुचारू निष्पादन के लिए समय-समय पर बैठकें करनी चाहिए थीं। पीएजी ने यह भी गौर किया कि भारत और नेपाल की संयुक्त समिति ने नियमित बैठकें नहीं कीं। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने पीएजी के अधिकारों पर सवाल उठाए क्योंकि न्यायमूर्ति बालिया आयोग मामले की जांच कर रहा था और महालेखाकार के कार्यालय में यह मामला नहीं आता। जल संसाधन विभाग ने कहा- यह कानून का सिद्धांत है कि जब किसी मामले की न्यायिक जांच चल रही हो तब उसके समानांतर कोई और जांच नहीं हो सकती। जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव ने न्यायिक जांच जारी होने का हवाला देकर इस मामले पर कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया और कहा- हम इसकी रिपोर्ट की व्यग्रता से प्रतीक्षा कर रहे हैं।
06 जनवरी 2010
कला को बंदूकों से नहीं दबा सकते जेहादी-धालीवाल
डबवाली (लहू की लौ) कला कुदरत की तरह स्वतन्त्र है। वह न किसी देश, न किसी सीमा, न किसी धर्म, न किसी भाषा और न ही किसी जाति विशेष से बंधी होती है। बल्कि कला तो सबके लिए और सबको अच्छा संदेश देने के लिए होती है।
यह शब्द एक कलाकार के हैं जिसका नाम है केवल धालीवाल और जिसने कथा कश्मीर नाटक के माध्यम से कला के स्वरूप को संसार के सामने रखा है। कथा कश्मीर के माध्यम से कलाकार ने यह बताने का प्रयास किया है कि भले ही कश्मीर में जेहादी मौत का साया बनकर धर्म के नाम पर मासूमों का खून बहा रहे हैं और पुरातन कला को मिटाने के लिए बंदूक की गोलियों से कला को कत्ल करने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद भी कला को वे किसी प्रकार से नहीं दबा सकेंगे। क्योंकि कला भी एक जुनून है। जो कलाकार के माध्यम से संसार को शांति, भाईचारे और अपने अधिकारों की रक्षा का संदेश देते हुए अन्त में आतंक पर विजय प्राप्त करेगी।
इस संवाददाता से बातचीत करते हुए केवल धालीवाल ने बताया कि उसने अपनी अभिव्यक्ति को आवाज देने के लिए मंच-रंगमंच के नाम से अमृतसर में एक पहल की है। कथा कश्मीर का डबवाली में उसकी 10वीं प्रस्तुति है। वह अब तक सात वर्षों में अनेक देशों में घूम चुका है और वह इस मुकाम पर पहुंचा है कि रंगमंच एक ऐसा अभिव्यक्ति का साधन है, जो समाज को मार्गदर्शन दे सकता है। विशेषकर देश में फैली कुरीतियों के खिलाफ आवाज को बुलन्द करके उसको समाप्त करने में सहायक सिद्ध हो सकता है।
उन्होंने कहा कि कलाकार अपनी कला के माध्यम से समाज को बहुत कुछ देना चाहता है, लेकिन कलाकार की मजबूरियों के चलते कई बार सरकारें उसके मार्ग में बाधा बन जाती हैं। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि रंगमंच के कलाकारों को एकजुट होकर सरकारों की बैसाखियों को छोड़कर अपने पैरों पर खड़े होकर अपनी कला के लिए कुछ करना होगा। उनका मानना है कि सरकारें तो सहयोग के नाम पर केवल कलाकारों के जख्म ही कुरेद सकती हैं और उसे आगे बढऩे का मौका नहीं दे सकती, इसके लिए तो कलाकार को अपने में ही आगे बढऩे, देश और समाज की सेवा का जुनून भरना होगा।
धालीवाल ने पंजाब सरकार को कोसते हुए कहा कि अब तक पंजाब में जितनी भी सरकारें आई हैं, इन सरकारों ने राज्य में कला को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर रंगमंचों का एक भी कार्यक्रम आयोजित नहीं किया। जबकि कला को प्रोत्साहित करने के नाम पर नेता लोग जमकर ढि़ंढोरा पीटते हैं।
यह शब्द एक कलाकार के हैं जिसका नाम है केवल धालीवाल और जिसने कथा कश्मीर नाटक के माध्यम से कला के स्वरूप को संसार के सामने रखा है। कथा कश्मीर के माध्यम से कलाकार ने यह बताने का प्रयास किया है कि भले ही कश्मीर में जेहादी मौत का साया बनकर धर्म के नाम पर मासूमों का खून बहा रहे हैं और पुरातन कला को मिटाने के लिए बंदूक की गोलियों से कला को कत्ल करने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद भी कला को वे किसी प्रकार से नहीं दबा सकेंगे। क्योंकि कला भी एक जुनून है। जो कलाकार के माध्यम से संसार को शांति, भाईचारे और अपने अधिकारों की रक्षा का संदेश देते हुए अन्त में आतंक पर विजय प्राप्त करेगी।
इस संवाददाता से बातचीत करते हुए केवल धालीवाल ने बताया कि उसने अपनी अभिव्यक्ति को आवाज देने के लिए मंच-रंगमंच के नाम से अमृतसर में एक पहल की है। कथा कश्मीर का डबवाली में उसकी 10वीं प्रस्तुति है। वह अब तक सात वर्षों में अनेक देशों में घूम चुका है और वह इस मुकाम पर पहुंचा है कि रंगमंच एक ऐसा अभिव्यक्ति का साधन है, जो समाज को मार्गदर्शन दे सकता है। विशेषकर देश में फैली कुरीतियों के खिलाफ आवाज को बुलन्द करके उसको समाप्त करने में सहायक सिद्ध हो सकता है।
उन्होंने कहा कि कलाकार अपनी कला के माध्यम से समाज को बहुत कुछ देना चाहता है, लेकिन कलाकार की मजबूरियों के चलते कई बार सरकारें उसके मार्ग में बाधा बन जाती हैं। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि रंगमंच के कलाकारों को एकजुट होकर सरकारों की बैसाखियों को छोड़कर अपने पैरों पर खड़े होकर अपनी कला के लिए कुछ करना होगा। उनका मानना है कि सरकारें तो सहयोग के नाम पर केवल कलाकारों के जख्म ही कुरेद सकती हैं और उसे आगे बढऩे का मौका नहीं दे सकती, इसके लिए तो कलाकार को अपने में ही आगे बढऩे, देश और समाज की सेवा का जुनून भरना होगा।
धालीवाल ने पंजाब सरकार को कोसते हुए कहा कि अब तक पंजाब में जितनी भी सरकारें आई हैं, इन सरकारों ने राज्य में कला को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर रंगमंचों का एक भी कार्यक्रम आयोजित नहीं किया। जबकि कला को प्रोत्साहित करने के नाम पर नेता लोग जमकर ढि़ंढोरा पीटते हैं।
25 दिसंबर 2009
गुरूद्वारा में अबोध बालक से कुकर्म
डबवाली (लहू की लौ) गांव हाकूवाला में स्थित एक धार्मिक स्थल में स्थल के तथाकथित सेवादार ने एक अबोध बालक के साथ दुष्कर्म करके धार्मिक स्थल की मर्यादा को ही नहीं तोड़ा बल्कि उलाहना देने गये बच्चे के अभिभावकों को भी धक्के मार कर निकाल दिया।
गांव हाकूवाला के एक प्राईवेट स्कूल के प्रथम कक्षा के 9 वर्षीय छात्र मुकेश पुत्र सतपाल ने बताया कि वह बुधवार को अपने स्कूल से दोपहर को वापिस घर लौट रहा था कि जब वह गांव के बस अड्डा के पास स्थित गुरूद्वारा के पास से जैसे ही गुजरा तो वहां बैठे एक व्यक्ति ने उसे बुलाया और बहला-फुसला कर गुरूद्वारा के अन्दर ले गया। वहां पर उससे उसने दुष्कर्म किया जब उसने शोर मचाया तो उसका मुंह बन्द कर दिया तथा उसे धमकी दी कि अगर उसने बाहर किसी को बताया तो उसकी खैर नहीं।
बालक के अनुसार वह रोता हुआ ईंट-भ_ा पर स्थित अपने घर आया तो घर पर उसकी मां थी। उसने अपनी मां को आपबीती बताई। पत्रकारों से बातचीत करते हुए इसकी पुष्टि मुकेश की मां वीरमा देवी ने की और कहा कि उसकी शौच से खून आया तो उसे भी संदेह हुआ कि बच्चे के साथ दुष्कर्म हुआ है। उसने इसकी सूचना अपने पति सतपाल को भ_ा पर दी। विरमा देवी ने बताया कि जब उसका पति और वह गुरूद्वारा मणि सिंह साहिब में उलाहना देने के लिए गये तो उन्हें वहां से धक्के देकर निकाल दिया गया। विरमा देवी के अनुसार इसकी सूचना उन्होंने लम्बी थाना में दी और जांच के लिए उनके पास एएसआई कश्मीरी लाल पहुंचे और उन्होंने घटना के बारे में जानाकारी लेेने के बाद उन्हें बच्चे सहित लम्बी थाना में आने के लिए कहा। इस संबंध में जब एएसआई कश्मीरी लाल से पूछा गया तो उन्होंने शिकायत मिलने और मौका पर पहुंचने की पुष्टि की।
गुरूद्वारा मणि सिंह हाकूवाला की प्रबंधक समिति के प्रधान विचित्र सिंह से इस सन्दर्भ में बातचीत करने पर उन्होंने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि 7 दिन पूर्व ही आरोपी नरेन्द्र सिंह उर्फ दाना निवासी फत्ताकेरा गुरूद्वारा में आया है और बाबा जस्सा सिंह के अनुरोध पर उसे गजा इक्_ी करने के लिए गुरूद्वारा में रखा हुआ था। आज वे और अन्य लोग गुरूद्वारा में 27 दिसम्बर को 12 गांवों के आयोजित होने वाले एक विशाल नगर कीर्तन के सन्दर्भ में गांवों में श्रद्धालुओं को सूचना देेेने और इस संबंधी प्रचार के लिए इश्तिहार आदि लगाने के लिए गये हुए थे।
गुरूद्वारा के बाहर प्रसाद की सेवा करने वाले तेजा सिंह ने भी बच्चे के साथ घटित उक्त घटना की पुष्टि करते हुए धार्मिक स्थल में इस प्रकार करतूत को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
लम्बी पुलिस ने कुकर्म के शिकार लड़के के ब्यान दर्ज करके आगामी कार्यवाही शुरू कर दी है और आरोपी को हिरासत में ले लिया है।
थाना लम्बी प्रभारी हरिन्द्र सिंह चमेली ने शिकायत मिलने की पुष्टि करते हुए कहा कि जांच जारी है।
गांव हाकूवाला के एक प्राईवेट स्कूल के प्रथम कक्षा के 9 वर्षीय छात्र मुकेश पुत्र सतपाल ने बताया कि वह बुधवार को अपने स्कूल से दोपहर को वापिस घर लौट रहा था कि जब वह गांव के बस अड्डा के पास स्थित गुरूद्वारा के पास से जैसे ही गुजरा तो वहां बैठे एक व्यक्ति ने उसे बुलाया और बहला-फुसला कर गुरूद्वारा के अन्दर ले गया। वहां पर उससे उसने दुष्कर्म किया जब उसने शोर मचाया तो उसका मुंह बन्द कर दिया तथा उसे धमकी दी कि अगर उसने बाहर किसी को बताया तो उसकी खैर नहीं।
बालक के अनुसार वह रोता हुआ ईंट-भ_ा पर स्थित अपने घर आया तो घर पर उसकी मां थी। उसने अपनी मां को आपबीती बताई। पत्रकारों से बातचीत करते हुए इसकी पुष्टि मुकेश की मां वीरमा देवी ने की और कहा कि उसकी शौच से खून आया तो उसे भी संदेह हुआ कि बच्चे के साथ दुष्कर्म हुआ है। उसने इसकी सूचना अपने पति सतपाल को भ_ा पर दी। विरमा देवी ने बताया कि जब उसका पति और वह गुरूद्वारा मणि सिंह साहिब में उलाहना देने के लिए गये तो उन्हें वहां से धक्के देकर निकाल दिया गया। विरमा देवी के अनुसार इसकी सूचना उन्होंने लम्बी थाना में दी और जांच के लिए उनके पास एएसआई कश्मीरी लाल पहुंचे और उन्होंने घटना के बारे में जानाकारी लेेने के बाद उन्हें बच्चे सहित लम्बी थाना में आने के लिए कहा। इस संबंध में जब एएसआई कश्मीरी लाल से पूछा गया तो उन्होंने शिकायत मिलने और मौका पर पहुंचने की पुष्टि की।
गुरूद्वारा मणि सिंह हाकूवाला की प्रबंधक समिति के प्रधान विचित्र सिंह से इस सन्दर्भ में बातचीत करने पर उन्होंने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि 7 दिन पूर्व ही आरोपी नरेन्द्र सिंह उर्फ दाना निवासी फत्ताकेरा गुरूद्वारा में आया है और बाबा जस्सा सिंह के अनुरोध पर उसे गजा इक्_ी करने के लिए गुरूद्वारा में रखा हुआ था। आज वे और अन्य लोग गुरूद्वारा में 27 दिसम्बर को 12 गांवों के आयोजित होने वाले एक विशाल नगर कीर्तन के सन्दर्भ में गांवों में श्रद्धालुओं को सूचना देेेने और इस संबंधी प्रचार के लिए इश्तिहार आदि लगाने के लिए गये हुए थे।
गुरूद्वारा के बाहर प्रसाद की सेवा करने वाले तेजा सिंह ने भी बच्चे के साथ घटित उक्त घटना की पुष्टि करते हुए धार्मिक स्थल में इस प्रकार करतूत को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
लम्बी पुलिस ने कुकर्म के शिकार लड़के के ब्यान दर्ज करके आगामी कार्यवाही शुरू कर दी है और आरोपी को हिरासत में ले लिया है।
थाना लम्बी प्रभारी हरिन्द्र सिंह चमेली ने शिकायत मिलने की पुष्टि करते हुए कहा कि जांच जारी है।
24 दिसंबर 2009
चुनाव का बिगुल बजा, अखाड़े में पहलवानों की घोषणा बाकी
डबवाली (लहू की लौ) ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र के लिए नए नुमाइंदे की तलाश शुरू हो गई है। चुनाव आयोग ने दो दिन बाद 26 दिसम्बर से नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया शुरू कर देनी है। 2 जनवरी तक यह काम चलेगा और 6 जनवरी तक नाम वापिस लेने की प्रक्रिया खत्म होते ही मुकाबला शुरू हो जाएगा। मुकाबला अभी से शुरू है, लेकिन अभी खिलाडिय़ों के नाम घोषित नहीं हो पा रहे हैं।
माना जा रहा है कि इनेलो सुप्रीमों ओम प्रकाश चौटाला द्वारा खाली की गई इस सीट पर उनके कनिष्ठ पुत्र अभय सिंह चौटाला चुनाव मैदान में उतरने वाले हैं। कांग्रेसी खेमे में खिलाड़ी को लेकर खलबली जरूर है, लेकिन भरत सिंह बैनीवाल पूरी तरह संतुष्ट हैं कि गदा उन्हें ही सौंपी जाएगी। वैसे बदन पर तेल मालिश वे भी करवा रहे हैं जो भरत सिंह बैनीवाल का विकल्प बनना चाहते हैं। राजनीति के जानकार कहते हैं कि यदि भरत सिंह बैनीवाल के इलावा किसी अन्य को टिकट दी गई तो इनेलो की पौ बारह पच्चीस होगी और पिछले मार्जिन में अपने आप ही बढ़ौतरी हो जाएगी। फिर भी कांग्रेस के कद्दावर नेता रणजीत सिंह और युवा लहू की पहचान रखने वाले अनिल खोड़ कोई करिश्मा कर सकते हैं। रणजीत सिंह को चुनाव मैदान में उतरने से पहले उन्हें कथित गद्दारों पर कार्रवाई चाहिए। सब जानते है कि ये गद्दार कौन हैं।
वास्तव में यह चुनाव नहीं प्रतिष्ठा की लड़ाई है। कांग्रेस पार्टी जहां इस जिले में पूरी तरह साफ हो चुकी है, वहीं इनेलो के लिए दोबारा इस सीट पर पैठ बरकरार रखने की लड़ाई है। कांग्रेस की तरफ से टिकट किसी के हाथ में हो, लेकिन परीक्षा में मूल्यांकन गोपाल कांडा का होगा। कांडा को गृहराज्य मंत्री पद इसीलिए सौंपा गया है कि उन्हें हर हाल में जिले में कांग्रेस का खाता खोल कर देना है। इसके साथ दूसरी बड़ी जिम्मेदारी सांसद अशोक तंवर की है। पहले चुनाव में उन पर सवालिया निशान लग चुके हैं कि उन्हें धोने के लिए यह दूसरा मौका दिया गया है।
हालांकि सीधे तौर पर उनकी कोई जवाबदेही नहीं है, लेकिन पार्टी की युवा शाखा की राष्ट्रीय कमान देखने वाले तंवर पर संगठन के नाते बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। लोग जिला प्रधान की भूमिका पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं। यदि ऐलनाबाद में भी पार्टी का कोई अहित हुआ तो जवाब तलबी उनकी भी होगी।
वैसे उन्हें पहले भी नोटिस दिया जा चुका है, बेशक वह एक औपचारिकता मात्र है, लेकिन प्रधान को जवाब देने का यह दूसरा मौका तो मिल ही गया है। जानकार कहते है कि चुनाव के बाद पार्टी संगठन से लेकर मंत्रालयों तक में भारी फेरदबल होगा। अभी रंग डाला है देखिए पानी में कितनी मिलावट है और क्या रंग बनता है।
माना जा रहा है कि इनेलो सुप्रीमों ओम प्रकाश चौटाला द्वारा खाली की गई इस सीट पर उनके कनिष्ठ पुत्र अभय सिंह चौटाला चुनाव मैदान में उतरने वाले हैं। कांग्रेसी खेमे में खिलाड़ी को लेकर खलबली जरूर है, लेकिन भरत सिंह बैनीवाल पूरी तरह संतुष्ट हैं कि गदा उन्हें ही सौंपी जाएगी। वैसे बदन पर तेल मालिश वे भी करवा रहे हैं जो भरत सिंह बैनीवाल का विकल्प बनना चाहते हैं। राजनीति के जानकार कहते हैं कि यदि भरत सिंह बैनीवाल के इलावा किसी अन्य को टिकट दी गई तो इनेलो की पौ बारह पच्चीस होगी और पिछले मार्जिन में अपने आप ही बढ़ौतरी हो जाएगी। फिर भी कांग्रेस के कद्दावर नेता रणजीत सिंह और युवा लहू की पहचान रखने वाले अनिल खोड़ कोई करिश्मा कर सकते हैं। रणजीत सिंह को चुनाव मैदान में उतरने से पहले उन्हें कथित गद्दारों पर कार्रवाई चाहिए। सब जानते है कि ये गद्दार कौन हैं।
वास्तव में यह चुनाव नहीं प्रतिष्ठा की लड़ाई है। कांग्रेस पार्टी जहां इस जिले में पूरी तरह साफ हो चुकी है, वहीं इनेलो के लिए दोबारा इस सीट पर पैठ बरकरार रखने की लड़ाई है। कांग्रेस की तरफ से टिकट किसी के हाथ में हो, लेकिन परीक्षा में मूल्यांकन गोपाल कांडा का होगा। कांडा को गृहराज्य मंत्री पद इसीलिए सौंपा गया है कि उन्हें हर हाल में जिले में कांग्रेस का खाता खोल कर देना है। इसके साथ दूसरी बड़ी जिम्मेदारी सांसद अशोक तंवर की है। पहले चुनाव में उन पर सवालिया निशान लग चुके हैं कि उन्हें धोने के लिए यह दूसरा मौका दिया गया है।
हालांकि सीधे तौर पर उनकी कोई जवाबदेही नहीं है, लेकिन पार्टी की युवा शाखा की राष्ट्रीय कमान देखने वाले तंवर पर संगठन के नाते बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। लोग जिला प्रधान की भूमिका पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं। यदि ऐलनाबाद में भी पार्टी का कोई अहित हुआ तो जवाब तलबी उनकी भी होगी।
वैसे उन्हें पहले भी नोटिस दिया जा चुका है, बेशक वह एक औपचारिकता मात्र है, लेकिन प्रधान को जवाब देने का यह दूसरा मौका तो मिल ही गया है। जानकार कहते है कि चुनाव के बाद पार्टी संगठन से लेकर मंत्रालयों तक में भारी फेरदबल होगा। अभी रंग डाला है देखिए पानी में कितनी मिलावट है और क्या रंग बनता है।
कल थे जो अपने, आज वो बेगाने हो गये
डबवाली (लहू की लौ) विधानसभा चुनाव के दौरान वोट बटोरने के लालच में कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता द्वारा युवा कांग्रेस के समानांतर गठित किये गये यूथ क्लब के सदस्यों ने बुधवार को कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में एक बैठक करके डबवाली में युवा कांग्रेस में बोगस भर्ती होने का आरोप लगाकर कांग्रेस में भूचाल खड़ा कर दिया है।
प्राप्त जानकारी अनुसार कांग्रेस समर्थित तथाकथित यूथ क्लब सदस्यों की एक बैठक कांग्रेसी नेता नन्द लाल धानक की अध्यक्षता में हुई। यूथ क्लब के प्रधान नरेश सेठी, साहिब राम पुहाल, जगपाल सिंह, डॉ. आर.के. वर्मा, चित्रगुप्त छाबड़ा ने बैठक के बाद एक प्रैस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि डबवाली क्षेत्र में युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भर्ती बोगस रूप से हो रही है। उनके अनुसार विधानसभा चुनाव में डॉ. केवी सिंह के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जी-जान से कार्य किया। जिसके चलते केवी सिंह को 52,000 से अधिक वोट मिले। उन्होंने डबवाली में कांग्रेस पार्टी की हार का कारण प्रत्याशी के पारिवारिक सदस्यों को बताया।
बैठक में जगसीर सिंह, अशोक कुमार, भगवान सिंह, रोबिन मदान, मोनू, संजय, विक्रम, सुनील सेठी, रामपाल सिंगला, पंकज सेठी, अमनप्रीत, सुनील, जग्गी, विक्की मोंगा, मोनू मदान, कुलदीप कुमार, प्रेम कुमार, अमित सोनी आदि के शामिल होने का दावा किया गया है। यहां विशेषकर उल्लेखनीय है कि युवा कांग्रेस के मुकाबले में कांग्रेस के ही एक वरिष्ठ नेता ने यूथ क्लब के नाम के नीचे उपरोक्त युवकों को खड़ा किया था। जोकि अब इसी नेता के लिए गले की फांस बनने जा रहे हैं।
प्राप्त जानकारी अनुसार कांग्रेस समर्थित तथाकथित यूथ क्लब सदस्यों की एक बैठक कांग्रेसी नेता नन्द लाल धानक की अध्यक्षता में हुई। यूथ क्लब के प्रधान नरेश सेठी, साहिब राम पुहाल, जगपाल सिंह, डॉ. आर.के. वर्मा, चित्रगुप्त छाबड़ा ने बैठक के बाद एक प्रैस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि डबवाली क्षेत्र में युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भर्ती बोगस रूप से हो रही है। उनके अनुसार विधानसभा चुनाव में डॉ. केवी सिंह के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जी-जान से कार्य किया। जिसके चलते केवी सिंह को 52,000 से अधिक वोट मिले। उन्होंने डबवाली में कांग्रेस पार्टी की हार का कारण प्रत्याशी के पारिवारिक सदस्यों को बताया।
बैठक में जगसीर सिंह, अशोक कुमार, भगवान सिंह, रोबिन मदान, मोनू, संजय, विक्रम, सुनील सेठी, रामपाल सिंगला, पंकज सेठी, अमनप्रीत, सुनील, जग्गी, विक्की मोंगा, मोनू मदान, कुलदीप कुमार, प्रेम कुमार, अमित सोनी आदि के शामिल होने का दावा किया गया है। यहां विशेषकर उल्लेखनीय है कि युवा कांग्रेस के मुकाबले में कांग्रेस के ही एक वरिष्ठ नेता ने यूथ क्लब के नाम के नीचे उपरोक्त युवकों को खड़ा किया था। जोकि अब इसी नेता के लिए गले की फांस बनने जा रहे हैं।
हजारों लोगों ने नम आंखों से दी श्रद्धांजलि
5 अग्निकांड पीडि़तों को विद्यापीठ में मिलेगी नौकरी, बोले अजय चौटाला
डबवाली (लहू की लौ) डबवाली अग्निकांड के 14वें स्मृति दिवस पर अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों के नेताओं एवं हजारों लोगों ने डबवाली अग्निकांड स्मारक स्थल पर पहुंचकर 23 दिसम्बर 1995 को दोपहर 1 बजकर 47 मिनट पर शहीद हुए 442 बच्चों, महिला और पुरूषों को अपनी नम आंखों से श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर मंच का संचालन कर रहे अग्निकांड पीडि़त रमेश सचदेवा ने राजनीतिक नेताओं को झिंझोड़ते हुए कहा कि अगर दिल्ली में ब्लू लाईन बस के तले आकर कुत्ता मर जाये तो हाय-तौबा मच जाती है। लेकिन डबवाली में विश्व का सबसे बड़ा अग्निकांड हुआ और इसमें सैंकड़ों बच्चे, महिला और पुरूष तिल-तिल करके मर गये तथा सैंकड़ों ही बच्चे घायल होकर आज अपनी रोजी-रोटी का जुगाड़ जुटाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। लेकिन इस कांड को किसी भी नेता ने वह आवाज नहीं दी, जो आवाज दी जानी चाहिए थी। उन्होंने इस मौके पर उन बच्चों को भी राजनेताओं के आगे प्रस्तुत किया, जिनको सामाजिक धारा में लौटने में पूरी जिन्दगी लग सकती है। इस मौके पर उन्होंने अग्निकांड स्मारक स्थल पर स्थापित लाईब्रेरी के लिए लाईब्रेरियन तथा पुस्तकों की मांग की। इसके अतिरिक्त डबवाली के सरकारी अस्पताल में तत्कालीन सरकार द्वारा घोषित बर्न यूनिट स्थापित करने और पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा घोषित मुआवजा राशि को तुरन्त पीडि़तों को दिये जाने तथा सरकार आगे इस मामले को लेकर अपील न करे, की मांग की। 23 दिसम्बर को सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के रूप में घोषित करके इस प्रकार के उपाय करे कि भविष्य में ऐसी त्रासदी कभी घटित न हो।
इस मौके पर डबवाली अग्निकांड के शहीदों को अपने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए हल्का डबवाली के विधायक अजय सिंह चौटाला ने कहा कि दलगत भावनाओं से ऊपर उठकर सरकार को विवश किया जाएगा कि वह उस समय घोषित वायदे को पूरा करे और मानवता के नाते जो भी राशि उच्च न्यायालय द्वारा घोषित की गई है, उसे तुरन्त पीडि़तों को अदा करे। इस मौके पर उन्होंने अग्निकांड पीडि़तों की आवाज को बुलन्द करने का भी आश्वासन दिया और साथ में कहा कि सरकार पीडि़तों के लिए कब क्या करती है, ये तो बाद की बात है। लेकिन वह अभी 5 अग्निकांड पीडि़तों को चौ. देवीलाल विद्यापीठ, सिरसा में नौकरी देने की घोषणा करते हैं। इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपिन्द्र सिंह हुड्डा के पूर्व ओएसडी डॉ. केवी सिंह ने कहा कि फायर विक्टम एसोसिएशन ने लम्बा संघर्ष करके और तकलीफें सह कर इस लड़ाई को जीता है। उनके परिवार के भी चार सदस्य इस कांड में शहीद हुए हैं। उनके अनुसार जिसका इस कांड में कोई आया है, वो इसकी पीड़ा समझ सकता है। वे पहले भी एसोसिएशन के संघर्ष में शामिल थे और अब भी जो कुछ उनसे हो पाएगा, वे करेंगे।
सांसद अशोक तंवर ने इस बात को स्वीकार किया कि अग्निकांड पीडि़तों को इलाज के दौरान या अब तक जो मुश्किलें आ रही हैं, वे व्यवस्था की कमी के कारण ही आ रही हैं। वे इस व्यवस्था की कमी को दूर करने का जितना प्रयास कर सकते हैं, उतना प्रयास करेंगे और जो मांगे पीडि़तों ने रखी हैं, उन पर अभी से काम शुरू हो जाएगा तथा कल वे मुख्यमंत्री से भी इस सम्बन्ध में बातचीत करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कहीं भी कमी रही है अब भी इन्सानियत के नाते पीडि़तों के समक्ष जो भी समस्या आ रही है, उसका समाधान किया जाना चाहिए।
इस अवसर पर पूर्व विधायक डॉ. सीता राम, उपमण्डलाधीश सुभाष चन्द्र गाबा, तहसीलदार राजेन्द्र कुमार, जिला कांग्रेस अध्यक्ष होशियारी लाल शर्मा, संदीप चौधरी, नगरपालिका अध्यक्षा सिम्पा जैन, विनोद बांसल, बसपा नेता लीलू राम आसाखेड़ा आदि उपस्थित थे।
डबवाली (लहू की लौ) डबवाली अग्निकांड के 14वें स्मृति दिवस पर अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों के नेताओं एवं हजारों लोगों ने डबवाली अग्निकांड स्मारक स्थल पर पहुंचकर 23 दिसम्बर 1995 को दोपहर 1 बजकर 47 मिनट पर शहीद हुए 442 बच्चों, महिला और पुरूषों को अपनी नम आंखों से श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर मंच का संचालन कर रहे अग्निकांड पीडि़त रमेश सचदेवा ने राजनीतिक नेताओं को झिंझोड़ते हुए कहा कि अगर दिल्ली में ब्लू लाईन बस के तले आकर कुत्ता मर जाये तो हाय-तौबा मच जाती है। लेकिन डबवाली में विश्व का सबसे बड़ा अग्निकांड हुआ और इसमें सैंकड़ों बच्चे, महिला और पुरूष तिल-तिल करके मर गये तथा सैंकड़ों ही बच्चे घायल होकर आज अपनी रोजी-रोटी का जुगाड़ जुटाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। लेकिन इस कांड को किसी भी नेता ने वह आवाज नहीं दी, जो आवाज दी जानी चाहिए थी। उन्होंने इस मौके पर उन बच्चों को भी राजनेताओं के आगे प्रस्तुत किया, जिनको सामाजिक धारा में लौटने में पूरी जिन्दगी लग सकती है। इस मौके पर उन्होंने अग्निकांड स्मारक स्थल पर स्थापित लाईब्रेरी के लिए लाईब्रेरियन तथा पुस्तकों की मांग की। इसके अतिरिक्त डबवाली के सरकारी अस्पताल में तत्कालीन सरकार द्वारा घोषित बर्न यूनिट स्थापित करने और पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा घोषित मुआवजा राशि को तुरन्त पीडि़तों को दिये जाने तथा सरकार आगे इस मामले को लेकर अपील न करे, की मांग की। 23 दिसम्बर को सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के रूप में घोषित करके इस प्रकार के उपाय करे कि भविष्य में ऐसी त्रासदी कभी घटित न हो।
इस मौके पर डबवाली अग्निकांड के शहीदों को अपने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए हल्का डबवाली के विधायक अजय सिंह चौटाला ने कहा कि दलगत भावनाओं से ऊपर उठकर सरकार को विवश किया जाएगा कि वह उस समय घोषित वायदे को पूरा करे और मानवता के नाते जो भी राशि उच्च न्यायालय द्वारा घोषित की गई है, उसे तुरन्त पीडि़तों को अदा करे। इस मौके पर उन्होंने अग्निकांड पीडि़तों की आवाज को बुलन्द करने का भी आश्वासन दिया और साथ में कहा कि सरकार पीडि़तों के लिए कब क्या करती है, ये तो बाद की बात है। लेकिन वह अभी 5 अग्निकांड पीडि़तों को चौ. देवीलाल विद्यापीठ, सिरसा में नौकरी देने की घोषणा करते हैं। इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपिन्द्र सिंह हुड्डा के पूर्व ओएसडी डॉ. केवी सिंह ने कहा कि फायर विक्टम एसोसिएशन ने लम्बा संघर्ष करके और तकलीफें सह कर इस लड़ाई को जीता है। उनके परिवार के भी चार सदस्य इस कांड में शहीद हुए हैं। उनके अनुसार जिसका इस कांड में कोई आया है, वो इसकी पीड़ा समझ सकता है। वे पहले भी एसोसिएशन के संघर्ष में शामिल थे और अब भी जो कुछ उनसे हो पाएगा, वे करेंगे।
सांसद अशोक तंवर ने इस बात को स्वीकार किया कि अग्निकांड पीडि़तों को इलाज के दौरान या अब तक जो मुश्किलें आ रही हैं, वे व्यवस्था की कमी के कारण ही आ रही हैं। वे इस व्यवस्था की कमी को दूर करने का जितना प्रयास कर सकते हैं, उतना प्रयास करेंगे और जो मांगे पीडि़तों ने रखी हैं, उन पर अभी से काम शुरू हो जाएगा तथा कल वे मुख्यमंत्री से भी इस सम्बन्ध में बातचीत करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कहीं भी कमी रही है अब भी इन्सानियत के नाते पीडि़तों के समक्ष जो भी समस्या आ रही है, उसका समाधान किया जाना चाहिए।
इस अवसर पर पूर्व विधायक डॉ. सीता राम, उपमण्डलाधीश सुभाष चन्द्र गाबा, तहसीलदार राजेन्द्र कुमार, जिला कांग्रेस अध्यक्ष होशियारी लाल शर्मा, संदीप चौधरी, नगरपालिका अध्यक्षा सिम्पा जैन, विनोद बांसल, बसपा नेता लीलू राम आसाखेड़ा आदि उपस्थित थे।
अभी भी नहीं लिया किसी ने सबक
डबवाली (लहू की लौ) डबवाली अग्निकांड को हुए करीब 14 वर्ष बीत चुके हैं। लेकिन अभी तक इस कांड के प्रभावित लोगों के जख्मों पर किसी ने भी मरहम लगाने का प्रयास नहीं किया है। हालांकि कहा तो यह भी जाता है कि 12 वर्ष के बाद रूढी की भी सुनी जाती है और 14 वर्ष का वनवास काटकर प्रभु श्री राम भी अयोध्या लौट आये थे। लेकिन अग्निकांड को हुए 14 वर्ष होने के बावजूद भी आज तक न तो किसी राजनीतिक ने सुध ली है और न ही लोगों या प्रशासन ने कोई सबक सीखा है।
डबवाली अग्निकांड 23 दिसम्बर 1995 को घटित हुआ था। इससे पूर्व और इसके बाद आज तक इतना बड़ा अग्निकांड दुनिया में कहीं घटित नहीं हुआ और ईश्वर से यही प्रार्थना है कि ऐसा हो भी ना। डबवाली अग्निकांड में 442 बच्चे, महिला-पुरूष, युवा और वृद्ध शहीद हुए थे। उस समय की सरकार ने इस कांड से सबक लेते हुए यह घोषणा की थी कि डबवाली के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को सिविल अस्पताल बना दिया जाएगा और यहां पर बर्न यूनिट भी स्थापित किया जाएगा। इस दौरान कई सरकारें बदली लेकिन किसी ने भी इन घोषणाओं पर ध्यान नहीं दिया। परिणामस्वरूप अग्निकांड में घायल हुए बच्चों को अब भी अपने इलाज के लिए दिल्ली, चण्डीगढ़ और रोहतक जाना पड़ रहा है। अभी भी कुछ बच्चे ऐसे हैं, जिन्हें इलाज करवाते-करवाते शायद उम्र ही बीत जाये।
अग्निकांड को देखते हुए एतहात के तौर पर सरकार ने यह भी प्रावधान किया था कि जब भी कहीं शादी समारोह होगा तो वहां पर लगने वाले टैण्ट इस हिसाब से लगाये जाएंगे कि उनमें आने-जाने के लिए चार प्रवेश द्वार होने जरूरी हैं और टैण्ट के लिए फायर ब्रिगेड की मंजूरी भी जरूरी है। यहीं नहीं बल्कि आग जलाने का काम टैण्ट से काफी दूरी पर होगा। लेकिन इन सब नियमों को धत्ता बताकर कार्यक्रम पहले की तरह ही चल रहे हैं। भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में अग्नि से बचाव के लिए कोई प्रबन्ध नहीं किये जा रहे हैं।
अग्निकांड पीडि़त रमेश सचदेवा ने कहा कि सरकार ने डबवाली के सीएचसी को जनरल अस्पताल बनाने की घोषणा तो कर दी। लेकिन अभी तक इसे जनरल अस्पताल का दर्जा नहीं मिला है। 100 बैड के अस्पताल को हाल ही में 60 बैड का तो कर दिया गया है। लेकिन न तो पूरे बैड हैं और न ही 60 बैड वाली सुविधाएं।
बर्न यूनिट की स्थापना अभी तक नहीं की गई। फिजियोथेरेपिस्ट भी नियुक्त नहीं किया गया। घायलों की हालत यह है कि गर्मी में उनके जख्म फिर से संजीव हो उठते हैं और इलाज के लिए उन्हें दिल्ली, चण्डीगढ़ और रोहतक जाना पड़ता है। उन्होंने इस बात पर भी अफसोस जाहिर किया कि डीएमसी और सीएमसी लुधियाना के अस्पतालों को घायलों के इलाज के लिए नामजद करने के बाद अब लिस्ट से काट दिया गया है। जबकि डीएमसी और सीएमसी में ही अधिकांश मरीज अपना इलाज करवाते रहे हैं और वहां के डॉक्टर जो इलाज करते थे, उससे परिचित हैं। उन्होंने मांग की कि इन अस्पतालों को भी पुन: सूचिबद्ध किया जाये।
डबवाली के सरकारी अस्पताल की हालत तो यह है कि यहां पर न तो एक्स-रे और न ही अल्ट्रासाऊंड स्पैशलिस्ट है। हालांकि अल्ट्रासाऊंड मशीन को आये करीब 8 वर्ष हो चुके हैं। यहां के अस्पताल में फिजियोथेरेपी के लिए जो सामान मंगवाया गया था, वह भी नदारद है। सचदेवा ने मांग की है कि डबवाली के सिविल अस्पताल में बर्न यूनिट स्थापित करके किसी बर्न स्पैशलिस्ट को नियुक्त किया जाये और घायलों का इलाज डबवाली में ही हो।
अग्निकांड में अपने दोनों हाथ गंवा चुके उमेश कुमार पुत्र परमानन्द मित्तल के अनुसार जब यह कांड हुआ, उस समय वह 14 वर्ष का था। अब उसकी आयु 28 वर्ष है। हाथों से विकलांग होते हुए भी, उसने जैसे-तैसे 12वीं पास कर ली। अब वह नौकरी के लिए दर-दर भटक रहा है। अग्निकांड की स्मृति के समय 23 दिसम्बर को जब भी राजनीतिक श्रद्धांजलि देने आते हैं, तो उन्हें नौकरी का आश्वासन देते हैं। बाद में अग्निकांड पीडि़तों को भूल जाते हैं और वह पिछले करीब 8 सालों से देखता आ रहा है कि अग्निकांड पीडि़तों के साथ राजनीतिक हीन भावना के साथ पेश आते हैं और केवल टॉफी देने के अतिरिक्त और कुछ भी नहीं करते। घायलों की हालत यह है कि वह जीवित भी मुर्दे के समान हैं।
14 वर्ष पूर्व हुए अग्निकांड से लगता है कि सरकार ने कोई सबक नहीं सीखा। यही कारण है कि डबवाली में दो फायर ब्रिगेड स्टेशन होने के बावजूद भी इन फायद ब्रिगेड स्टेशनों पर स्टॉफ का अत्यंत अभाव है। फायर ब्रिगेड सूत्रों के अनुसार दोनों फायर ब्रिगेड स्टेशनों के 4 वाहनों पर करीब 76 जनों का स्टॉफ चाहिए। लेकिन वर्तमान समय में दोनों फायर स्टेशनों पर केवल 21 का ही स्टॉफ है। यहां तक की इन फायर स्टेशनों के पास आवश्यक सामान भी नहीं है। पिछले दिनों रामां मण्डी में आग बुझाने के लिए डबवाली नगरपालिका की फायर ब्रिगेड को भेजा गया था। जिसको दंगाईयों ने क्षतिग्रस्त कर दिया और इसके बाद नई गाड़ी मांगने पर सिरसा से एक गाड़ी भेजी गई। जिसकी हालत यह है कि उसमें से पानी ही टपक रहा है।
डबवाली अग्निकांड 23 दिसम्बर 1995 को घटित हुआ था। इससे पूर्व और इसके बाद आज तक इतना बड़ा अग्निकांड दुनिया में कहीं घटित नहीं हुआ और ईश्वर से यही प्रार्थना है कि ऐसा हो भी ना। डबवाली अग्निकांड में 442 बच्चे, महिला-पुरूष, युवा और वृद्ध शहीद हुए थे। उस समय की सरकार ने इस कांड से सबक लेते हुए यह घोषणा की थी कि डबवाली के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को सिविल अस्पताल बना दिया जाएगा और यहां पर बर्न यूनिट भी स्थापित किया जाएगा। इस दौरान कई सरकारें बदली लेकिन किसी ने भी इन घोषणाओं पर ध्यान नहीं दिया। परिणामस्वरूप अग्निकांड में घायल हुए बच्चों को अब भी अपने इलाज के लिए दिल्ली, चण्डीगढ़ और रोहतक जाना पड़ रहा है। अभी भी कुछ बच्चे ऐसे हैं, जिन्हें इलाज करवाते-करवाते शायद उम्र ही बीत जाये।
अग्निकांड को देखते हुए एतहात के तौर पर सरकार ने यह भी प्रावधान किया था कि जब भी कहीं शादी समारोह होगा तो वहां पर लगने वाले टैण्ट इस हिसाब से लगाये जाएंगे कि उनमें आने-जाने के लिए चार प्रवेश द्वार होने जरूरी हैं और टैण्ट के लिए फायर ब्रिगेड की मंजूरी भी जरूरी है। यहीं नहीं बल्कि आग जलाने का काम टैण्ट से काफी दूरी पर होगा। लेकिन इन सब नियमों को धत्ता बताकर कार्यक्रम पहले की तरह ही चल रहे हैं। भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में अग्नि से बचाव के लिए कोई प्रबन्ध नहीं किये जा रहे हैं।
अग्निकांड पीडि़त रमेश सचदेवा ने कहा कि सरकार ने डबवाली के सीएचसी को जनरल अस्पताल बनाने की घोषणा तो कर दी। लेकिन अभी तक इसे जनरल अस्पताल का दर्जा नहीं मिला है। 100 बैड के अस्पताल को हाल ही में 60 बैड का तो कर दिया गया है। लेकिन न तो पूरे बैड हैं और न ही 60 बैड वाली सुविधाएं।
बर्न यूनिट की स्थापना अभी तक नहीं की गई। फिजियोथेरेपिस्ट भी नियुक्त नहीं किया गया। घायलों की हालत यह है कि गर्मी में उनके जख्म फिर से संजीव हो उठते हैं और इलाज के लिए उन्हें दिल्ली, चण्डीगढ़ और रोहतक जाना पड़ता है। उन्होंने इस बात पर भी अफसोस जाहिर किया कि डीएमसी और सीएमसी लुधियाना के अस्पतालों को घायलों के इलाज के लिए नामजद करने के बाद अब लिस्ट से काट दिया गया है। जबकि डीएमसी और सीएमसी में ही अधिकांश मरीज अपना इलाज करवाते रहे हैं और वहां के डॉक्टर जो इलाज करते थे, उससे परिचित हैं। उन्होंने मांग की कि इन अस्पतालों को भी पुन: सूचिबद्ध किया जाये।
डबवाली के सरकारी अस्पताल की हालत तो यह है कि यहां पर न तो एक्स-रे और न ही अल्ट्रासाऊंड स्पैशलिस्ट है। हालांकि अल्ट्रासाऊंड मशीन को आये करीब 8 वर्ष हो चुके हैं। यहां के अस्पताल में फिजियोथेरेपी के लिए जो सामान मंगवाया गया था, वह भी नदारद है। सचदेवा ने मांग की है कि डबवाली के सिविल अस्पताल में बर्न यूनिट स्थापित करके किसी बर्न स्पैशलिस्ट को नियुक्त किया जाये और घायलों का इलाज डबवाली में ही हो।
अग्निकांड में अपने दोनों हाथ गंवा चुके उमेश कुमार पुत्र परमानन्द मित्तल के अनुसार जब यह कांड हुआ, उस समय वह 14 वर्ष का था। अब उसकी आयु 28 वर्ष है। हाथों से विकलांग होते हुए भी, उसने जैसे-तैसे 12वीं पास कर ली। अब वह नौकरी के लिए दर-दर भटक रहा है। अग्निकांड की स्मृति के समय 23 दिसम्बर को जब भी राजनीतिक श्रद्धांजलि देने आते हैं, तो उन्हें नौकरी का आश्वासन देते हैं। बाद में अग्निकांड पीडि़तों को भूल जाते हैं और वह पिछले करीब 8 सालों से देखता आ रहा है कि अग्निकांड पीडि़तों के साथ राजनीतिक हीन भावना के साथ पेश आते हैं और केवल टॉफी देने के अतिरिक्त और कुछ भी नहीं करते। घायलों की हालत यह है कि वह जीवित भी मुर्दे के समान हैं।
14 वर्ष पूर्व हुए अग्निकांड से लगता है कि सरकार ने कोई सबक नहीं सीखा। यही कारण है कि डबवाली में दो फायर ब्रिगेड स्टेशन होने के बावजूद भी इन फायद ब्रिगेड स्टेशनों पर स्टॉफ का अत्यंत अभाव है। फायर ब्रिगेड सूत्रों के अनुसार दोनों फायर ब्रिगेड स्टेशनों के 4 वाहनों पर करीब 76 जनों का स्टॉफ चाहिए। लेकिन वर्तमान समय में दोनों फायर स्टेशनों पर केवल 21 का ही स्टॉफ है। यहां तक की इन फायर स्टेशनों के पास आवश्यक सामान भी नहीं है। पिछले दिनों रामां मण्डी में आग बुझाने के लिए डबवाली नगरपालिका की फायर ब्रिगेड को भेजा गया था। जिसको दंगाईयों ने क्षतिग्रस्त कर दिया और इसके बाद नई गाड़ी मांगने पर सिरसा से एक गाड़ी भेजी गई। जिसकी हालत यह है कि उसमें से पानी ही टपक रहा है।
20 दिसंबर 2009
खेलों पर खर्च होंगे 56 करोड़ 48 लाख रूपये
सिरसा (लहू की लौ) हरियाणा के गृह, उद्योग एवं खेल राज्यमंत्री श्री गोपाल कांडा ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए 56 करोड़ 48 लाख रुपए की राशि खर्च की जाएगी, जोकि विगत विपक्षी सरकार के एक वर्षीय खेल बजट से दस गुणा अधिक है।
श्री कांडा ने आज सिरसा जिले के एक स्कूल में वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता का उद्घाटन अवसर पर विद्यार्थियो व लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवाओं का खेलों में रुझान बढ़ाने के लिए राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रीय खेलों में स्वर्ण, रजत और राष्ट्रीय पदक जीतने वाले खिलाडिय़ों के लिए पुरस्कार राशि बढ़ाकर क्रमश: 3 लाख, 2 लाख ओर 1 लाख रुपए कर दी है जबकि पहले यह राशि 51 हजार, 31 हजार और 11 हजार रुपए थी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में खेल विकास के लिए और ग्रामीण खेलों को बढ़ावा देने के लिए 171 गांवों में राजीव गांधी खेल स्टेडियम तथा विभिन्न स्थानों पर खेल अकादमी स्थापित की जा रही है। अर्जुन व द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेताओं सहित अन्य प्रशिक्षित खिलाडिय़ों पांच हजार रुपए प्रति माह सम्मान भत्ता दिया जा रहा है। द्रोणाचार्य और अर्जुन अवार्डियों को द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्त करने वाले खिलाडिय़ों को अब तक 14.31 करोड़ रुपए की राशि सम्मान स्वरुप दी जा चुकी है। प्रदेश में क्रिकेट के अलावा पारम्परिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए नर्सरी और अन्य शाखाओं की स्थापना की जा रही है। हॉकी के लिए शाहबाद में एस्ट्रोट्रफ बिछाया गया है। पंचकूला में 4 करोड़ रुपए की लागत से सिंथेटिक टै्रक बिछाया जा रहा है। इसके अलावा सिरसा के शहीद भगत सिंह स्टेडियम में साढ़े 4 करोड़ रुपए की लागत से हॉकी मैदान पर एस्ट्रोट्रफ बिछाने का कार्य जारी है।
खेल राज्यमंत्री ने कहा कि सिरसा में शिक्षा के साथ-साथ सभी तरह की खेल सुविधाएं प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध करवाई जाएगी ताकि जिला के बच्चे राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश का नाम रोशन कर सके। उन्होंने स्कूल भवन के लिए 11 लाख रुपए की राशि अनुदान के रुप में मुहैया करवाने की घोषणा की। इसके साथ-साथ स्कूल में टेबल टेनिस की नर्सरी और स्केटिंग विंग तथा बॉस्केट बाल ग्राऊंड बनाने की घोषणा भी की।
श्री कांडा ने आज सिरसा जिले के एक स्कूल में वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता का उद्घाटन अवसर पर विद्यार्थियो व लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवाओं का खेलों में रुझान बढ़ाने के लिए राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रीय खेलों में स्वर्ण, रजत और राष्ट्रीय पदक जीतने वाले खिलाडिय़ों के लिए पुरस्कार राशि बढ़ाकर क्रमश: 3 लाख, 2 लाख ओर 1 लाख रुपए कर दी है जबकि पहले यह राशि 51 हजार, 31 हजार और 11 हजार रुपए थी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में खेल विकास के लिए और ग्रामीण खेलों को बढ़ावा देने के लिए 171 गांवों में राजीव गांधी खेल स्टेडियम तथा विभिन्न स्थानों पर खेल अकादमी स्थापित की जा रही है। अर्जुन व द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेताओं सहित अन्य प्रशिक्षित खिलाडिय़ों पांच हजार रुपए प्रति माह सम्मान भत्ता दिया जा रहा है। द्रोणाचार्य और अर्जुन अवार्डियों को द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्त करने वाले खिलाडिय़ों को अब तक 14.31 करोड़ रुपए की राशि सम्मान स्वरुप दी जा चुकी है। प्रदेश में क्रिकेट के अलावा पारम्परिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए नर्सरी और अन्य शाखाओं की स्थापना की जा रही है। हॉकी के लिए शाहबाद में एस्ट्रोट्रफ बिछाया गया है। पंचकूला में 4 करोड़ रुपए की लागत से सिंथेटिक टै्रक बिछाया जा रहा है। इसके अलावा सिरसा के शहीद भगत सिंह स्टेडियम में साढ़े 4 करोड़ रुपए की लागत से हॉकी मैदान पर एस्ट्रोट्रफ बिछाने का कार्य जारी है।
खेल राज्यमंत्री ने कहा कि सिरसा में शिक्षा के साथ-साथ सभी तरह की खेल सुविधाएं प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध करवाई जाएगी ताकि जिला के बच्चे राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश का नाम रोशन कर सके। उन्होंने स्कूल भवन के लिए 11 लाख रुपए की राशि अनुदान के रुप में मुहैया करवाने की घोषणा की। इसके साथ-साथ स्कूल में टेबल टेनिस की नर्सरी और स्केटिंग विंग तथा बॉस्केट बाल ग्राऊंड बनाने की घोषणा भी की।
प्रदेश में खुलेंगे 1500 स्किल्ड डवलपमेंट सैन्टर
डबवाली (लहू की लौ) हरियाणा के गृह एवं उद्योग राज्यमंत्री गोपाल कांडा ने कहा कि प्रदेश भर में युवाओं के सर्वांगीण विकास के लिए 1500 स्किल्ड डवलपमेंट सैंटर खोले जाएंगे। वे आज सिरसा जिले के झीड़ी गांव में 10 लाख रुपए की लागत से बनने वाले पार्क का शिलान्यास कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण युवाओं के विकास के लिए अनेक प्रकार के कार्यक्रम चलाए जा रहे है। उन्होंने कहा कि आगामी वर्ष के अन्त तक युवाओं की शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं पर विशेष बल दिया जाएगा। युवाओं के कल्याण हेतु पंचायतों को ओर अधिक अधिकार दिए जाएंगे ताकि पंचायतें खेल सुविधाओं पर अधिक राशि कर खर्च कर सकेगी।
श्री कांडा ने कहा कि चौ. भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार के कार्यकाल के दौरान जिले में एक करोड़ रुपए से अधिक की राशि विभिन्न विकास कार्यों पर खर्च की जा चुकी है। नरेगा स्कीम के तहत गांव में 58 लाख रुपए की राशि खर्च की गई है। उन्होंने बाबा दीप सिंह युवा क्लब को जिम प्रदान करने की घोषणा की तथा गांव के मिडल स्कूल को अपग्रेड करवाने का भी आश्वासन दिया।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण युवाओं के विकास के लिए अनेक प्रकार के कार्यक्रम चलाए जा रहे है। उन्होंने कहा कि आगामी वर्ष के अन्त तक युवाओं की शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं पर विशेष बल दिया जाएगा। युवाओं के कल्याण हेतु पंचायतों को ओर अधिक अधिकार दिए जाएंगे ताकि पंचायतें खेल सुविधाओं पर अधिक राशि कर खर्च कर सकेगी।
श्री कांडा ने कहा कि चौ. भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार के कार्यकाल के दौरान जिले में एक करोड़ रुपए से अधिक की राशि विभिन्न विकास कार्यों पर खर्च की जा चुकी है। नरेगा स्कीम के तहत गांव में 58 लाख रुपए की राशि खर्च की गई है। उन्होंने बाबा दीप सिंह युवा क्लब को जिम प्रदान करने की घोषणा की तथा गांव के मिडल स्कूल को अपग्रेड करवाने का भी आश्वासन दिया।
सरकारी विद्यालय के बच्चों की होगी स्वास्थ्य जांच
डबवाली (लहू की लौ) हरियाणा के सभी सरकारी स्कूलों में बच्चों के स्वास्थ्य की जांच विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा की जाएगी इसके लिए सरकार ने इंदिरा बाल स्वास्थ्य योजना चलाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत स्कूली बच्चों का नियमित रूप से हैल्थ चैकअप किया जाएगा। हर बच्चे का हैल्थ कार्ड बनाया जाएगा। कार्ड में बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी विवरण दर्ज किया जाएगा। जिन बच्चों के स्वास्थ्य में किसी तरह की चूक हुई उनके उचित इलाज की व्यवस्था भी योजना के अंतर्गत की जाएगी।
यह जानकारी प्रदेश की स्वास्थ्य, शिक्षा एवं समाज कल्याण मंत्री गीता भुक्कल ने आज झज्जर में दी। उन्होंने प्रदेश सकरार द्वारा जनकल्याण में लिए गए एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि नये सत्र से पहली से आठवीं कक्षा तक के सभी वर्गों के बच्चों को स्कूल में किताबें मुफ्त मिलेंगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का दृष्टिकोण है कि आर्थिक अभाव के चलते प्रदेश का कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रह पाए।
उन्होंने कहा कि समाज हित के इसी दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करने के तमाम उपाय किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रयास किए जा रहे हैं कि प्रदेश के सभी स्कूलों में पर्याप्त मात्रा में फर्नीचर उपलब्ध हो ताकि किसी भी बच्चे को जमीन पर बैठकर पढ़ाई न करनी पड़े। उन्होंने कहा कि मिड-डे-मिल योजना में भी रचनात्मक सुधार करते हुए मिड-डे-मिल की राशि में बढोतरी की गई है। उन्होंने कहा कि स्कूल में बनने वाले भोजन की गुणवत्ता में किसी तरह का समझौता न हो इसके लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए गए हैं।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में हरियाणा प्रदेश में शिक्षा का स्तर तेजी से सुधरा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश एजुकेशन हब बनने जा रहा है। राजीव गांधी एजुकेशन सिटी में विश्व स्तरीय शिक्षण संस्थान दस्तक देंगे। उन्होंने कहा कि आई.आई.एम और फैशन डिजानिंग जैसे राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के संस्थान हरियाणा में आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापरक शिक्षा की नींव प्राथमिक स्तर से ही मजबूत हो इसके लिए अनेक योजनाएं प्रदेश सरकार द्वारा क्रियान्वित की जा रही है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि अनुसूचित जाति के छात्रों को शिक्षा विभाग द्वारा पहली कक्षा से 12वीं कक्षा तक 100 रुपए से 300 रुपए तक प्रतिमाह छात्रवृत्ति तथा 740 से 1450 रुपए तक प्रतिवर्ष कक्षा अनुसार एकमुश्त भत्ता दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अन्य वर्गों की लड़कियों को 150 रुपए से 400 रुपए तक प्रतिमाह छात्रवृत्ति तथा 740 रुपए से 1450 रुपए मासिक भत्ता प्रति वर्ष एक मुश्त दिया जा रहा है।
यह जानकारी प्रदेश की स्वास्थ्य, शिक्षा एवं समाज कल्याण मंत्री गीता भुक्कल ने आज झज्जर में दी। उन्होंने प्रदेश सकरार द्वारा जनकल्याण में लिए गए एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि नये सत्र से पहली से आठवीं कक्षा तक के सभी वर्गों के बच्चों को स्कूल में किताबें मुफ्त मिलेंगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का दृष्टिकोण है कि आर्थिक अभाव के चलते प्रदेश का कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रह पाए।
उन्होंने कहा कि समाज हित के इसी दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करने के तमाम उपाय किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रयास किए जा रहे हैं कि प्रदेश के सभी स्कूलों में पर्याप्त मात्रा में फर्नीचर उपलब्ध हो ताकि किसी भी बच्चे को जमीन पर बैठकर पढ़ाई न करनी पड़े। उन्होंने कहा कि मिड-डे-मिल योजना में भी रचनात्मक सुधार करते हुए मिड-डे-मिल की राशि में बढोतरी की गई है। उन्होंने कहा कि स्कूल में बनने वाले भोजन की गुणवत्ता में किसी तरह का समझौता न हो इसके लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए गए हैं।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में हरियाणा प्रदेश में शिक्षा का स्तर तेजी से सुधरा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश एजुकेशन हब बनने जा रहा है। राजीव गांधी एजुकेशन सिटी में विश्व स्तरीय शिक्षण संस्थान दस्तक देंगे। उन्होंने कहा कि आई.आई.एम और फैशन डिजानिंग जैसे राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के संस्थान हरियाणा में आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापरक शिक्षा की नींव प्राथमिक स्तर से ही मजबूत हो इसके लिए अनेक योजनाएं प्रदेश सरकार द्वारा क्रियान्वित की जा रही है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि अनुसूचित जाति के छात्रों को शिक्षा विभाग द्वारा पहली कक्षा से 12वीं कक्षा तक 100 रुपए से 300 रुपए तक प्रतिमाह छात्रवृत्ति तथा 740 से 1450 रुपए तक प्रतिवर्ष कक्षा अनुसार एकमुश्त भत्ता दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अन्य वर्गों की लड़कियों को 150 रुपए से 400 रुपए तक प्रतिमाह छात्रवृत्ति तथा 740 रुपए से 1450 रुपए मासिक भत्ता प्रति वर्ष एक मुश्त दिया जा रहा है।
19 दिसंबर 2009
सुखबीर बोले, कौन कैप्टन अमरिन्द्र सिंह..
डबवाली (लहू की लौ) पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि वह किसी कैप्टन अमरिन्द्र सिंह को नहीं जानता। वे कौन हैं?
वे शुक्रवार को डबवाली बार एसोसिएशन के बार रूम में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने उपरोक्त शब्द उस समय कहे जब उनका ध्यान पंजाब में स्वाईन फ्लू को रोकने में सरकार की विफलता और स्वाईन फ्लू का लाईसेंस कुछ अकाली नेताओं को दिये जाने के सम्बन्ध में बठिण्डा में कैप्टन अमरिन्द्र सिंह द्वारा पत्रकार वार्ता में लगाये गये आरोप की ओर आकर्षित करवाया गया। उन्होंने कहा कि वे किसी अमरिन्द्र सिंह को नहीं जानता। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार स्वाईन फ्लू के सम्बन्ध में सभी पग उठा रही है। यहां तक की हर स्टेशन पर स्वाईन फ्लू के लिए जरूरी दवा टेमी फ्लू का स्टॉक रखने के आदेश दिये गये हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह बीमारी हवा से फैलती है, इसका इलाज तो परहेज है और कोई भी सरकार इसे केवल रोकने का ही प्रयास कर सकती है।
जब उनसे वीरवार को लोकसभा में गृह मंत्री पी. चिदम्बरम द्वारा पेश किये गये उस प्रस्ताव के सम्बन्ध में पूछा गया कि सभी मंत्रियों को इस प्रस्ताव द्वारा अपने रिश्तेदारों व अन्य लोगों को हवाई यात्रा में फ्री में साथ लेजाने की सुविधा दी गई है, जबकि महंगाई बढ़ रही। इस पर पहले तो छोटे बादल ने प्रस्ताव के सम्बन्ध में अनभिज्ञता जाहिर की। लेकिन अभय सिंह चौटाला ने उन्हें इसकी जानकारी दी तब वे बोले कि केन्द्र सरकार ही महंगाई बढ़ाने के लिए दोषी है और अब इस महंगाई पर नियंत्रण करने में कांग्रेस की केन्द्र सरकार पूरी तरह से असफल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि केन्द्र की कांग्रेस सरकार महंगाई के मामले में विश्व की सबसे फेल्यूअर सरकार है।
उन्होंने इस मौके पर पत्रकारों को बताया कि पंजाब सरकार शीघ्र ही नये नियम बनाकर बार सदस्यों को विभिन्न स्थानों पर आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाने का प्रयास करेगी।
वे शुक्रवार को डबवाली बार एसोसिएशन के बार रूम में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने उपरोक्त शब्द उस समय कहे जब उनका ध्यान पंजाब में स्वाईन फ्लू को रोकने में सरकार की विफलता और स्वाईन फ्लू का लाईसेंस कुछ अकाली नेताओं को दिये जाने के सम्बन्ध में बठिण्डा में कैप्टन अमरिन्द्र सिंह द्वारा पत्रकार वार्ता में लगाये गये आरोप की ओर आकर्षित करवाया गया। उन्होंने कहा कि वे किसी अमरिन्द्र सिंह को नहीं जानता। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार स्वाईन फ्लू के सम्बन्ध में सभी पग उठा रही है। यहां तक की हर स्टेशन पर स्वाईन फ्लू के लिए जरूरी दवा टेमी फ्लू का स्टॉक रखने के आदेश दिये गये हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह बीमारी हवा से फैलती है, इसका इलाज तो परहेज है और कोई भी सरकार इसे केवल रोकने का ही प्रयास कर सकती है।
जब उनसे वीरवार को लोकसभा में गृह मंत्री पी. चिदम्बरम द्वारा पेश किये गये उस प्रस्ताव के सम्बन्ध में पूछा गया कि सभी मंत्रियों को इस प्रस्ताव द्वारा अपने रिश्तेदारों व अन्य लोगों को हवाई यात्रा में फ्री में साथ लेजाने की सुविधा दी गई है, जबकि महंगाई बढ़ रही। इस पर पहले तो छोटे बादल ने प्रस्ताव के सम्बन्ध में अनभिज्ञता जाहिर की। लेकिन अभय सिंह चौटाला ने उन्हें इसकी जानकारी दी तब वे बोले कि केन्द्र सरकार ही महंगाई बढ़ाने के लिए दोषी है और अब इस महंगाई पर नियंत्रण करने में कांग्रेस की केन्द्र सरकार पूरी तरह से असफल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि केन्द्र की कांग्रेस सरकार महंगाई के मामले में विश्व की सबसे फेल्यूअर सरकार है।
उन्होंने इस मौके पर पत्रकारों को बताया कि पंजाब सरकार शीघ्र ही नये नियम बनाकर बार सदस्यों को विभिन्न स्थानों पर आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाने का प्रयास करेगी।
सुखबीर बादल ने बार एसोसिएशन को दी 11 लाख की अनुदान राशि
डबवाली (लहू की लौ) पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने शुक्रवार को अचानक इनेलो नेता तथा खेल रत्न अभय सिंह चौटाला के साथ डबवाली बार रूम में पहुंचे। इस मौके पर बार एसोसिएशन को कम्प्यूटर आदि के लिए छोटे बादल ने 11 लाख रूपये की राशि अपनी जेब से देने की घोषणा की।
प्राप्त जानकारी अनुसार उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल तथा इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला ने शुक्रवार को कालांवाली तथा ऐलनाबाद क्षेत्र के कुछ गांवों का दौरा करना था और इस दौरे पर जाने से पूर्व वे अचानक बार रूम में वकीलों से मिलने के लिए पहुंच गये। सुखबीर सिंह बादल पहली बार, बार एसोसिएशन में आये थे। इस मौके पर वकीलों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
बार को सम्बोधित करते हुए सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि उनके परिवार का डबवाली से गहरा रिश्ता है और डबवाली नगर को वे अपना ही नगर मानते हैं। अगर हरियाणा में इस बार इनेलो की सरकार बनती तो डबवाली नगर पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों का केन्द्रीय नगर होता है। उन्होंने कहा कि ईश्वर जो करता है, ठीक है। लेकिन अगली बार अवश्य ही हरियाणा के मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला होंगे और डबवाली दो मुख्यमंत्रियों का केन्द्र नगर बन जाएगा।
उन्होंने कहा कि वकील जनता को इंसाफ दिलाने की भूमिका अदा करते हैं। भले ही लोगों का पुलिस से झगड़ा हो या फिर आपसी झगड़ा। वकीलों की मार्फत ही उनकी सुनवाई होती है और लोगों को इंसाफ मिलता है। उन्होंने पिछले दिनों को याद करते हुए कहा कि पहले वकील कोर्ट के बाहर एक टेबल लगाकर बैठते थे। लोग थके-हारे जब उनके पास पहुंचते तो लोगों को आराम करने के लिए एक बैंच भी नसीब नहीं होता था। अब जबकि बार एसोसिएशन के प्रयासों से अच्छे कार्यालय बन गये हैं, उन्होंने डबवाली न्यायालय परिसर में वकीलों के बने कमरों को देखकर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि सभी स्थानों पर इसी प्रकार की सुविधा होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि लुधियाना में वकीलों को अच्छी सुविधा मिले, इसके लिए पंजाब सरकार ने 2 करोड़ रूपये बार एसोसिएशन को देने की घोषणा की है।
इस मौके पर वे फिर से चौटाला और बादल परिवारों के आपसी सम्बन्धों का जिक्र करना नहीं भूले। उन्होंने कहा कि पंजाब में हो रहे विकास का लाभ डबवाली के लोगों को भी मिलेगा। उन्होंने यह भी बताया कि बठिण्डा में अगले वर्ष से शुरू होने वाले एयरपोर्ट का लाभ भी यहां के लोगों को मिलेगा। जिसमें दिल्ली से बठिण्डा का लुत्फ हवाई यात्रा से लोग उठाएंगे।
इस मौके पर खेल रत्न अभय सिंह चौटाला ने डबवाली की बार एसोसिएशन में उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के पहली बार पधारने पर धन्यवाद किया और बादल ने जब बार एसोसिएशन के सहयोग के लिए 5 लाख रूपये की राशि घोषित की तो उन्होंने बीच में बोलकर इस राशि को बढ़वाकर 11 लाख रूपये करवा दिया।
इस मौके पर मंच का संचालन एडवोकेट केएल पासी ने किया। इस अवसर पर उपमण्डल न्यायिक दण्डाधिकारी महावीर सिंह, उपमण्डलाधीश सुभाष चन्द्र गाबा, डीएसपी रामफल सिंह, तहसीलदार राजेन्द्र कुमार, थाना शहर प्रभारी वीरेन्द्र सिंह, बार एसोसिएशन के प्रधान कुलवन्त सिंह सिधू, एडवोकेट सुरेन्द्र गर्ग, कुलदीप सिंह, बलजीत सिंह, सुखबीर सिंह बराड़, वाईके शर्मा, आर.के. बिस्सू, सुभाष चन्द्र गुप्ता, दीपक कौशल, गंगा बिशन गोयल, जीबी मिढ़ा, राजपाल सिंह, राजेश यादव, सुरेश मैहता, तेजिन्द्र सिंह मिड्डूखेड़ा आदि उपस्थित थे।
प्राप्त जानकारी अनुसार उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल तथा इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला ने शुक्रवार को कालांवाली तथा ऐलनाबाद क्षेत्र के कुछ गांवों का दौरा करना था और इस दौरे पर जाने से पूर्व वे अचानक बार रूम में वकीलों से मिलने के लिए पहुंच गये। सुखबीर सिंह बादल पहली बार, बार एसोसिएशन में आये थे। इस मौके पर वकीलों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
बार को सम्बोधित करते हुए सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि उनके परिवार का डबवाली से गहरा रिश्ता है और डबवाली नगर को वे अपना ही नगर मानते हैं। अगर हरियाणा में इस बार इनेलो की सरकार बनती तो डबवाली नगर पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों का केन्द्रीय नगर होता है। उन्होंने कहा कि ईश्वर जो करता है, ठीक है। लेकिन अगली बार अवश्य ही हरियाणा के मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला होंगे और डबवाली दो मुख्यमंत्रियों का केन्द्र नगर बन जाएगा।
उन्होंने कहा कि वकील जनता को इंसाफ दिलाने की भूमिका अदा करते हैं। भले ही लोगों का पुलिस से झगड़ा हो या फिर आपसी झगड़ा। वकीलों की मार्फत ही उनकी सुनवाई होती है और लोगों को इंसाफ मिलता है। उन्होंने पिछले दिनों को याद करते हुए कहा कि पहले वकील कोर्ट के बाहर एक टेबल लगाकर बैठते थे। लोग थके-हारे जब उनके पास पहुंचते तो लोगों को आराम करने के लिए एक बैंच भी नसीब नहीं होता था। अब जबकि बार एसोसिएशन के प्रयासों से अच्छे कार्यालय बन गये हैं, उन्होंने डबवाली न्यायालय परिसर में वकीलों के बने कमरों को देखकर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि सभी स्थानों पर इसी प्रकार की सुविधा होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि लुधियाना में वकीलों को अच्छी सुविधा मिले, इसके लिए पंजाब सरकार ने 2 करोड़ रूपये बार एसोसिएशन को देने की घोषणा की है।
इस मौके पर वे फिर से चौटाला और बादल परिवारों के आपसी सम्बन्धों का जिक्र करना नहीं भूले। उन्होंने कहा कि पंजाब में हो रहे विकास का लाभ डबवाली के लोगों को भी मिलेगा। उन्होंने यह भी बताया कि बठिण्डा में अगले वर्ष से शुरू होने वाले एयरपोर्ट का लाभ भी यहां के लोगों को मिलेगा। जिसमें दिल्ली से बठिण्डा का लुत्फ हवाई यात्रा से लोग उठाएंगे।
इस मौके पर खेल रत्न अभय सिंह चौटाला ने डबवाली की बार एसोसिएशन में उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के पहली बार पधारने पर धन्यवाद किया और बादल ने जब बार एसोसिएशन के सहयोग के लिए 5 लाख रूपये की राशि घोषित की तो उन्होंने बीच में बोलकर इस राशि को बढ़वाकर 11 लाख रूपये करवा दिया।
इस मौके पर मंच का संचालन एडवोकेट केएल पासी ने किया। इस अवसर पर उपमण्डल न्यायिक दण्डाधिकारी महावीर सिंह, उपमण्डलाधीश सुभाष चन्द्र गाबा, डीएसपी रामफल सिंह, तहसीलदार राजेन्द्र कुमार, थाना शहर प्रभारी वीरेन्द्र सिंह, बार एसोसिएशन के प्रधान कुलवन्त सिंह सिधू, एडवोकेट सुरेन्द्र गर्ग, कुलदीप सिंह, बलजीत सिंह, सुखबीर सिंह बराड़, वाईके शर्मा, आर.के. बिस्सू, सुभाष चन्द्र गुप्ता, दीपक कौशल, गंगा बिशन गोयल, जीबी मिढ़ा, राजपाल सिंह, राजेश यादव, सुरेश मैहता, तेजिन्द्र सिंह मिड्डूखेड़ा आदि उपस्थित थे।
कांग्रेस लोगों को दालें छोड़कर सूखे मटर खाने की सलाह देने लगी-बादल
कालांवाली (लहू की लौ) शिरोमणि अकाली दल के प्रधान और पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने जरूरी वस्तुओं की आसमान छूती कीमतों पर नकेल डालने में बुरी तरह से असफल और अयोग्य साबित हुई कांग्रेस के नेतृत्व से केन्द्र सरकार से इस्तीफा देने की मांग की है।
वे शुक्रवार को हरियाणा के डबवाली और कालांवाली कस्बों में शिरोमणि अकाली दल और इण्डियन नेशनल लोकदल के सांझे उम्मीदवार चरणजीत सिंह रोड़ी की बेमिसाल विजय पर धन्यवादी रैलियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में अप्रत्याशित बढ़ौतरी के कारण आम आदमी को दो वक्त की रोटी के भी लाले पड़े हुए हैं। लेकिन केन्द्र सरकार गैर संवेदनशील बनी हुई है। उन्होंने कहा कि महंगाई की दर के आंकड़े पिछले 12 वर्षो के दौरान सबसे अधिक 20 प्रतिशत तक पहुंच जाना वर्तमान केन्द्र सरकार की आर्थिक नीतियां का दिवालियापन प्रकट कर रही है। उन्होंने कहा कि इस दिशाहीन सरकार को अब सत्ता में रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय कृषि, वित्त और वाणिज्य मंत्रालयों में कोई तालमेल न होने के कारण कीमतों में बढ़ौतरी की समस्या का समाधान करने में केन्द्र सरकार असफल रही। जिसके चलते देश को महंगाई का सामना करना पड़ रहा है।
सुखबीर सिंह बादल ने लोगों को कांग्रेस की भ्रष्ट नीति का पर्दाफाश करने का आह्वान करते हुए कहा कि दालों की कीमतें 90 रूपये प्रति किलो से ऊपर जा चुकी हैं और केन्द्र सरकार कीमतों पर नियंत्रण स्थापित करने की अपेक्षा देश के 70 प्रतिशत लोगों के लिए प्रोटीन का इकलौता स्त्रोत दालों को छोड़कर सूखे मटर खाने की सलाह दे रही है। उन्होंने कहा कि अब स्थिति इतनी शर्मनाक बन चुकी है कि बड़े स्टोरों द्वारा राशन की कीमत सूची जारी करते समय दालों का भाव प्रति आधा किलो ही बताया जा रहा है। जबकि दालों का भाव पिछले चार महीनों के भीतर दुगुने रेट पर जा पहुंचा है।
सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि जल्दी ही एनडीए का एक प्रतिनिधि मण्डल देश के राष्ट्रपति को मिलकर केन्द्र सरकार को कुंभकर्णी नींद से उठाने या फिर बर्खास्त करने की मांग करेगा। यह सरकार खाने-पीने वाली वस्तुओं में हुई वृद्धि के कारण भूख से मरने वाले मजबूर लोगों की जान की रक्षा करने और अपने संवैधानिक कत्र्तव्य को निभाने में बुरी तरह असफल साबित हुई है।
वे शुक्रवार को हरियाणा के डबवाली और कालांवाली कस्बों में शिरोमणि अकाली दल और इण्डियन नेशनल लोकदल के सांझे उम्मीदवार चरणजीत सिंह रोड़ी की बेमिसाल विजय पर धन्यवादी रैलियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में अप्रत्याशित बढ़ौतरी के कारण आम आदमी को दो वक्त की रोटी के भी लाले पड़े हुए हैं। लेकिन केन्द्र सरकार गैर संवेदनशील बनी हुई है। उन्होंने कहा कि महंगाई की दर के आंकड़े पिछले 12 वर्षो के दौरान सबसे अधिक 20 प्रतिशत तक पहुंच जाना वर्तमान केन्द्र सरकार की आर्थिक नीतियां का दिवालियापन प्रकट कर रही है। उन्होंने कहा कि इस दिशाहीन सरकार को अब सत्ता में रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय कृषि, वित्त और वाणिज्य मंत्रालयों में कोई तालमेल न होने के कारण कीमतों में बढ़ौतरी की समस्या का समाधान करने में केन्द्र सरकार असफल रही। जिसके चलते देश को महंगाई का सामना करना पड़ रहा है।
सुखबीर सिंह बादल ने लोगों को कांग्रेस की भ्रष्ट नीति का पर्दाफाश करने का आह्वान करते हुए कहा कि दालों की कीमतें 90 रूपये प्रति किलो से ऊपर जा चुकी हैं और केन्द्र सरकार कीमतों पर नियंत्रण स्थापित करने की अपेक्षा देश के 70 प्रतिशत लोगों के लिए प्रोटीन का इकलौता स्त्रोत दालों को छोड़कर सूखे मटर खाने की सलाह दे रही है। उन्होंने कहा कि अब स्थिति इतनी शर्मनाक बन चुकी है कि बड़े स्टोरों द्वारा राशन की कीमत सूची जारी करते समय दालों का भाव प्रति आधा किलो ही बताया जा रहा है। जबकि दालों का भाव पिछले चार महीनों के भीतर दुगुने रेट पर जा पहुंचा है।
सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि जल्दी ही एनडीए का एक प्रतिनिधि मण्डल देश के राष्ट्रपति को मिलकर केन्द्र सरकार को कुंभकर्णी नींद से उठाने या फिर बर्खास्त करने की मांग करेगा। यह सरकार खाने-पीने वाली वस्तुओं में हुई वृद्धि के कारण भूख से मरने वाले मजबूर लोगों की जान की रक्षा करने और अपने संवैधानिक कत्र्तव्य को निभाने में बुरी तरह असफल साबित हुई है।
20 लाख की शराब सहित तीन धरे
डबवाली (लहू की लौ) जिला चूरू के भलेठी थाना में पंजाब से समगलिंग करके लाई जा रही करीब 20 लाख रूपये कीमत की शराब पकड़ी गई है। शराब लेजाने के आरोपी हरियाणा के जिला सिरसा से सम्बन्धित हैं।
प्राप्त जानकारी अनुसार भलेठी थाना के अन्तर्गत आने वाले तारा नगर के पेट्रोल पम्प पर मुखबरी के आधार पर खड़े ट्रक की तालाशी लेने पर उसमें से 785 कार्टून अंग्रेजी शराब बरामद हुई। जिसकी कीमत 20 लाख रूपये आंकी जा रही है। यह शराब कैटल फीड के नाम पर गुजरात के भाव नगर की बिल्टी बनवाकर लेजाई जा रही थी।
भलेठी थाना प्रभारी महेन्द्र कुमार ने बताया कि पुलिस को मुखबरी मिली थी कि भारी मात्रा में एक ट्रक में भरकर खन्ना से भावनगर के लिए शराब लेजाई जा रही है। ट्रक हरियाणा के जिला सिरसा से सम्बन्धित है। इसी मुखबरी के आधार पर तारा नगर के पेट्रोल पम्प पर रूके ट्रक की तालाशी ली गई और उसमें रखी भारी मात्रा में उपरोक्त शराब बरामद हुई। ट्रक के साथ पकड़े गये तीन लोगों ने अपनी पहचान बलदेव सिंह तथा परमजीत सिंह पुत्रान सुरेन्द्र सिंह निवासी भगत नगर, सिरसा के रूप में और तीसरे ने सुखबीर सिंह पुत्र बलदेव सिंह निवासी जानेश्वर (जलालाबाद) पंजाब के रूप में करवाई है। बलदेव सिंह ने स्वयं को ट्रक का मालिक और चालक बताते हुए पुलिस को बताया कि उसने इस शराब को खन्ना से ट्रक में लोड किया था और इसे भाव नगर लेजाना था।
तालाशी के दौरान बरामद 785 कार्टून में डीएसपी ब्लैक 190 पेटी, ग्रीन लेवल 140 पेटी, रॉयल स्टेग 100 पेटी, ब्लेंडर स्टेड 5 पेटी, डरवी स्पैशल 90 पेटी, अरेस्टो ग्रेट गोल्डन 65 पेटी, अरेस्टो ग्रेट प्रीमियम 35 पेटी, एव्रीडे गोल्ड 95 पेटी, अरेस्टो ग्रेट शेक 65 पेटी शराब बताई जाती है। यह भी बताया जाता है कि डीएसपी ब्लैक शराब की कीमत प्रति बोतल करीब 500 रूपये है। पकड़ी गई शराब महंगी शराब बताई जाती है।
प्राप्त जानकारी अनुसार भलेठी थाना के अन्तर्गत आने वाले तारा नगर के पेट्रोल पम्प पर मुखबरी के आधार पर खड़े ट्रक की तालाशी लेने पर उसमें से 785 कार्टून अंग्रेजी शराब बरामद हुई। जिसकी कीमत 20 लाख रूपये आंकी जा रही है। यह शराब कैटल फीड के नाम पर गुजरात के भाव नगर की बिल्टी बनवाकर लेजाई जा रही थी।
भलेठी थाना प्रभारी महेन्द्र कुमार ने बताया कि पुलिस को मुखबरी मिली थी कि भारी मात्रा में एक ट्रक में भरकर खन्ना से भावनगर के लिए शराब लेजाई जा रही है। ट्रक हरियाणा के जिला सिरसा से सम्बन्धित है। इसी मुखबरी के आधार पर तारा नगर के पेट्रोल पम्प पर रूके ट्रक की तालाशी ली गई और उसमें रखी भारी मात्रा में उपरोक्त शराब बरामद हुई। ट्रक के साथ पकड़े गये तीन लोगों ने अपनी पहचान बलदेव सिंह तथा परमजीत सिंह पुत्रान सुरेन्द्र सिंह निवासी भगत नगर, सिरसा के रूप में और तीसरे ने सुखबीर सिंह पुत्र बलदेव सिंह निवासी जानेश्वर (जलालाबाद) पंजाब के रूप में करवाई है। बलदेव सिंह ने स्वयं को ट्रक का मालिक और चालक बताते हुए पुलिस को बताया कि उसने इस शराब को खन्ना से ट्रक में लोड किया था और इसे भाव नगर लेजाना था।
तालाशी के दौरान बरामद 785 कार्टून में डीएसपी ब्लैक 190 पेटी, ग्रीन लेवल 140 पेटी, रॉयल स्टेग 100 पेटी, ब्लेंडर स्टेड 5 पेटी, डरवी स्पैशल 90 पेटी, अरेस्टो ग्रेट गोल्डन 65 पेटी, अरेस्टो ग्रेट प्रीमियम 35 पेटी, एव्रीडे गोल्ड 95 पेटी, अरेस्टो ग्रेट शेक 65 पेटी शराब बताई जाती है। यह भी बताया जाता है कि डीएसपी ब्लैक शराब की कीमत प्रति बोतल करीब 500 रूपये है। पकड़ी गई शराब महंगी शराब बताई जाती है।
18 दिसंबर 2009
गेहूं भिगोने के मामले में राजनीतिक और अफसरशाही की मिलीभगत-रवि चौटाला
डबवाली (लहू की लौ) भारत के पूर्व उप प्रधानमंत्री चौ. देवीलाल के पौत्र एवं किसान नेता रवि सिंह चौटाला ने भिवानी और डबवाली में सरकारी गेहूं पर पानी की स्प्रे करके भिगोने के मामले में कोई कार्यवाही न होने के मामले को गंभीरता से लेते हुए इसमें राजनीतिकों और अफसरों की मिलीभगत करार दिया है।
उन्होंने कहा कि राजनीतिकों और अधिकारियों की मिलीभगत के चलते गेहूं भिगोने का काम केवल भिवानी और डबवाली में ही नहीं बल्कि पूरे हरियाणा में हो रहा है। राजनीतिकों और अफसरशाही की मिलीभगत से होने वाली इस लूट-खसूट से जनता को बचाने की जरूरत है। उनके अनुसार इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए और कानूनी दायरे में रहकर दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए।
इधर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पूर्व सचिव सतनाम सिंह नामधारी ने गेहूं भिगोने के मामले पर कहा कि वामपंथी दलों ने इसे गंभीरता से लिया है। शीघ्र ही जिला सिरसा के वामपंथी दलों की इस मामले को लेकर बैठक हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि 31 दिसम्बर तक अगर सरकार ने दोषियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की तो वामपंथी दल एक विशेष रणनीति के तहत इस मामले को लेकर आंदोलन चलाएंगे।
उन्होंने कहा कि राजनीतिकों और अधिकारियों की मिलीभगत के चलते गेहूं भिगोने का काम केवल भिवानी और डबवाली में ही नहीं बल्कि पूरे हरियाणा में हो रहा है। राजनीतिकों और अफसरशाही की मिलीभगत से होने वाली इस लूट-खसूट से जनता को बचाने की जरूरत है। उनके अनुसार इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए और कानूनी दायरे में रहकर दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए।
इधर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पूर्व सचिव सतनाम सिंह नामधारी ने गेहूं भिगोने के मामले पर कहा कि वामपंथी दलों ने इसे गंभीरता से लिया है। शीघ्र ही जिला सिरसा के वामपंथी दलों की इस मामले को लेकर बैठक हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि 31 दिसम्बर तक अगर सरकार ने दोषियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की तो वामपंथी दल एक विशेष रणनीति के तहत इस मामले को लेकर आंदोलन चलाएंगे।
ब्यान से मुकरा डीएम
डबवाली (लहू की लौ) डबवाली में गेहूं भिगोने के मामले पर स्टेट वेयर हाऊस कार्पोरेशन के जिला प्रबन्धक एम.एल. वर्मा आज फिर अपने ब्यान से पलट गये और उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट उन्होंने पुलिस को नहीं बल्कि अपने मुख्यालय चण्डीगढ़ भेजी है।
पिछले करीब दो सप्ताह से डबवाली के स्टेट वेयर हाऊस कार्पोरेशन के गोदाम में होमगार्ड जवानों को नशीला भुजिया खिलाने के बाद गेहूं भिगोने का मामला चल रहा है और इस सम्बन्ध में जब भी कार्पोरेशन के जिला प्रबन्धक से बातचीत की जाती है तो वह हर रोज अपने ब्यान से पलटते रहते हैं। पहले उन्होंने कहा था कि गेहूं के नमूने नहीं लिये और बाद में कहा कि उसने गेहूं के नमूने लिये हैं। बुधवार को मोबाइल पर बातचीत के दौरान कहा कि उसने जांच रिपोर्ट तैयार करके पुलिस को प्रेषित कर दी है। लेकिन आज वीरवार को इस ब्यान से भी मुकर गये और कहा कि उसने तो अपने उच्च अधिकारियों को चण्डीगढ़ में जांच रिपोर्ट भेजी है।
उनसे यह पूछने पर कि जांच रिपोर्ट में क्या लिखा है, तो उन्होंने बताया कि उन्होंने तो सिर्फ जांच रिपोर्ट में यही बताया है कि डबवाली के विवादित गोदाम में पड़ी गेहूं के अलग-अलग स्टेगों से दो-दो नमूनें लिये और उनकी डबवाली तथा सिरसा में अपने स्तर पर नमी की जांच की। जो सही पाई गई है।
यहां विशेषकर उल्लेखनीय है कि जांच रिपोर्ट के सम्बन्ध में इस संवाददाता ने तीन बार जिला प्रबन्धक से मोबाइल पर सम्पर्क किया और पहली बार तो दोपहर 2.23 पर कहा कि वे काम में व्यस्त हैं, आधा घण्टा के बाद बात करना। जब 3.10 पर फिर बात की गई तो 15 मिनट के बाद बात करना। अन्तत: 4.35 मिनट पर ही वे गेहूं प्रकरण के सम्बन्ध में कुछ बताने को तैयार हुए।
पिछले करीब दो सप्ताह से डबवाली के स्टेट वेयर हाऊस कार्पोरेशन के गोदाम में होमगार्ड जवानों को नशीला भुजिया खिलाने के बाद गेहूं भिगोने का मामला चल रहा है और इस सम्बन्ध में जब भी कार्पोरेशन के जिला प्रबन्धक से बातचीत की जाती है तो वह हर रोज अपने ब्यान से पलटते रहते हैं। पहले उन्होंने कहा था कि गेहूं के नमूने नहीं लिये और बाद में कहा कि उसने गेहूं के नमूने लिये हैं। बुधवार को मोबाइल पर बातचीत के दौरान कहा कि उसने जांच रिपोर्ट तैयार करके पुलिस को प्रेषित कर दी है। लेकिन आज वीरवार को इस ब्यान से भी मुकर गये और कहा कि उसने तो अपने उच्च अधिकारियों को चण्डीगढ़ में जांच रिपोर्ट भेजी है।
उनसे यह पूछने पर कि जांच रिपोर्ट में क्या लिखा है, तो उन्होंने बताया कि उन्होंने तो सिर्फ जांच रिपोर्ट में यही बताया है कि डबवाली के विवादित गोदाम में पड़ी गेहूं के अलग-अलग स्टेगों से दो-दो नमूनें लिये और उनकी डबवाली तथा सिरसा में अपने स्तर पर नमी की जांच की। जो सही पाई गई है।
यहां विशेषकर उल्लेखनीय है कि जांच रिपोर्ट के सम्बन्ध में इस संवाददाता ने तीन बार जिला प्रबन्धक से मोबाइल पर सम्पर्क किया और पहली बार तो दोपहर 2.23 पर कहा कि वे काम में व्यस्त हैं, आधा घण्टा के बाद बात करना। जब 3.10 पर फिर बात की गई तो 15 मिनट के बाद बात करना। अन्तत: 4.35 मिनट पर ही वे गेहूं प्रकरण के सम्बन्ध में कुछ बताने को तैयार हुए।
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