02 फ़रवरी 2010

मुंबई मुद्दे पर दखलंदाजी नहीं करे संघ: उद्धव

मुंबई। मुबई में उत्तर भारतीयों को किसी भी तरह के भेदभाव से बचाने संबंधी आरएसएस प्रवक्ता राम माधव के वक्तव्य पर संघ को आड़े हाथों लेते हुए शिवसेना के कार्यकारी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने आज कहा कि संगठन महाराष्ट्र की राजधानी के मुद्दे पर दखलंदाजी न करे। उद्धव ने आज यहां संवाददाताओं से कहा- राम माधव को मुंबई मुद्दे की चिंता नहीं करनी चाहिए और हमें देशभक्ति या एकता का पाठ नहीं पढ़ाना चाहिये। वर्ष १९९२ के हिंदू-मुस्लिम दंगों के दौरान शिवसेना ने हिंदुओं की रक्षा की थी लेकिन उस समय आरएसएस कहां था। उन्होंने कहा कि राम माधव को दक्षिण भारतीय राज्यों के बारे में चिंता करनी चाहिए और उन राज्यों में हिंदी सिखानी चाहिये। मुंबई को मराठी माणूस की ही बताने के शिवसेना के दावे को दरकिनार करते हुए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी हाल ही में कहा था कि मुंबई सभी भारतीयों के लिए है। सभी भाषा, समुदाय और जाति के लोग भारत की संतान हैं। कोई भी भारतीयों को रोजगार की तलाश में देश के किसी हिस्से में जाने से नहीं रोक सकता।
महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद पर उद्धव ने कहा कि हजारों मराठी लोग कर्नाटक में भेदभाव का शिकार हो रहे हैं लेकिन माधव उनके बारे में कभी कुछ नहीं कहते। उद्धव ने यह भी कहा कि आरएसएस असम में हिंदी भाषी लोगों के साथ हो रहे भेदभाव पर क्यों चुप्पी साधे है। शिवसेना के मराठी जनता के प्रति रुख को दोहराते हुए उद्धव ने कहा- मराठी जनता की राह में आने वाले किसी भी व्यक्ति को पहले शिवसेना का सामना करना होगा।
इस बीच, मुंबई क्षेत्रीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कृपाशंकर सिंह ने राम माधव के वक्तव्य की आलोचना करते हुए कहा कि आरएसएस महात्मा गांधी की हत्या को नहीं रोक सका। फिर वह उत्तर भारतीयों पर हमलों को कैसे रोकेगा।

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