20 नवंबर 2014

कमानी टूटी, टीले पर जा चढ़ी बस, 30 घायल

डबवाली (लहू की लौ) सड़क पर दौड़े जा रही पीआरटीसी चंडीगढ़ डिपू की बस अचानक आठ फुट मिट्टी के टीले पर चढ़ गई। टीले पर खड़े एक वृक्ष से टकराकर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। जिससे सवारियों में कोहराम मच गया। डबवाली-बठिंडा मार्ग पर गांव गहरी बुट्टर के नजदीक हुये हादसे में घायल लोगों को डबवाली तथा बठिंडा के सरकारी तथा निजी अस्पतालों में उपचार के लिये लेजाया गया।
सुबह करीब पौने 11 बजे सूरतगढ़-चंडीगढ़ रूट की एक बस डबवाली से चंडीगढ़ के लिये रवाना हुई थी। बस में करीब 42 लोग सवार थे। गांव गहरी बुट्टर के नजदीक चालक ने आगे जा रहे वाहनों को ओवरटेक करने का प्रयास किया। इसी बीच बस के तीन पट्टे (कमानी) टूट गई। चालक के नियंत्रण से बाहर हुई बस मिट्टी के टीले पर चढ़कर वृक्ष से जा टकराई। जिससे बस बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। हादसे में यात्रियों के चोटें आई। राहगीरों ने बड़ी मुश्किल से घायलों को बस से बाहर निकाला। सूचना पाकर मौका पर थाना कोटफत्ता के प्रभारी इंस्पेक्टर रिछपाल सिंह तथा हाईवे ट्रेफिक इंचार्ज प्रीतम सिंह, हरजीत सिंह मौका पर पहुंचे। एंबुलैंस की मदद से घायलों को उपचार के लिये अस्पताल पहुंचाया गया।
बड़ा हादसा होने से टला
डबवाली-बठिंडा मार्ग देश के अति व्यस्त मार्गों में से एक है। पंजाब तथा गुजरात के उद्योगों के लिये यह संजीवनी से कम नहीं। इसलिये इस मार्ग पर तेल तथा गैस से भरे टैंकर चलते हैं। गनीमत रही कि जब पीआरटीसी की बस अनियंत्रित होकर सड़क की दूसरी ओर चली गई, उस समय कोई वाहन सामने या पीछे से नहीं आया। डबवाली के एक निजी अस्पताल में घायल अवस्था में पहुंची सकताखेड़ा निवासी हरविंद्र कौर तथा गांव वीरूवाली निवासी जसपाल कौर ने बताया कि वे बठिंडा जा रही थीं। मार्ग में बस ऊंची जगह पर पहुंच गई। वे बस में फंस गई। बड़ी मुश्किल से उन्हें बाहर निकाला गया।

इलाज के लिये बठिंडा, डबवाली पहुंचे घायल
हाईवे ट्रेफिक इंचार्ज प्रीतम सिंह ने बताया कि हादसे में जख्मी लोगों को एंबुलैंस के जरिये बठिंडा, डबवाली के सरकारी अस्पतालों में पहुंचाया गया है। बस में सवार अधिकतर बच्चों तथा महिलाओं को चोटें आई हैं।

बड़ा हादसा होने से टला
बस चालक हरिंद्र सिंह ने बताया कि बस सूरतगढ़ से चंडीगढ़ जा रही थी। बस में करीब 42 लोग सवार थे। जैसे ही उसे कमानी टूटने का अहसास हुआ। उसे बस की गति धीमी कर ली। बस अनियंत्रित होकर टीले पर चढ़ गई। गति कम होने के कारण बस वृक्ष से टकराकर वहीं मिट्टी में धंस गई। अन्यथा बस पलट सकती थी। बस की तीन कमानी टूटने से यह हादसा हुआ।

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