डीडी गोयल
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डबवाली। जोधपुर के लोग और मुकाम की धार्मिक यात्रा पर आए श्रद्धालु जिस व्यक्ति को पॉलीथीन का कचरा बीनते देखकर पागल की संज्ञा देते थे, आज वह व्यक्ति केवल पर्यावरण प्रेमी के नाम से ही विख्यात नहीं है, बल्कि विदेशों में भी प्रेरणा का स्त्रोत बनकर विश्व को पॉलीथीन के कचरे के खिलाफ खड़ा करने का एक आंदोलन बन गया है। गोरे उस पर इतने लट्टू हुए हैं कि उन्होंने उस पर वीडियो फिल्म तैयार करनी शुरू कर दी है।
यह व्यक्ति कोई ओर नहीं, बल्कि हिन्दोंस्तान के राजस्थान राज्य के जोधपुर का एमकॉम पास खमु राम बिश्नोई है। जोकि राजस्थान हाईकोर्ट, जोधपुर में न्यायिक सहायक के पद पर कार्यरत है। खमु राम बिश्नोई डबवाली की बिश्नोई धर्मशाला में गुरूवार को बिश्नोई समाज द्वारा खेजड़ी के शहीदों समर्पित पर्यावरण रैली में भाग लेने के लिए आए हुए थे और इस संवाददाता से पर्यावरण पर विशेष बातचीत कर रहे थे। पर्यावरण एवं वन्य जीव संरक्षण संस्थान, जोधपुर के संस्थापक खमुराम बिश्नोई ने बताया कि उसे प्लास्टिक का कचरा बीनने की न तो कोई सनक है और न ही इसे इक्ट्ठा करके कबाडिय़ों को बेचना उसका पेशा है। बल्कि वह निजी स्वार्थ से ऊपर उठकर समाज, राज्य, देश और विश्व के भले के लिए इस काम को अंजाम दे रहा है। उसका एकमात्र उद्देश्य है कि पृथ्वी के पर्यावरण को संतुलित रखकर प्रदूषण से कैसे बचाए रखा जा सकें। यहीं कारण है कि वह स्थान-स्थान पर यहां भी उसे प्लास्टिक का कचरा दिखाई देता है, वह उसे बीनने लग जाता है।
खमुराम के अनुसार वे इस बात से भली प्रकार से परिचित हैं कि प्लास्टिक के कचरे को जलाने से निकलने वाली हानिकारक गैसें वातावरण को प्रदूषित करती हैं, जो मानव जीवन के लिए अत्यंत हानिकारक है। यदि कचरे को मिट्टी में दबा दिया जाए, तो वह दब तो जाता है, लेकिन सैंकड़ों सालों तक भी वह नष्ट नहीं होता।
उन्होंने बताया कि वे पहली बार हरियाणा की भूमि पर आए हैं और उन्हें पंजाब, राजस्थान तथा हरियाणा की त्रिवेणी कही जाने वाली मण्डी डबवाली में आने का सौभाग्य ही प्राप्त नहीं हुआ, बल्कि इस मिट्टी की सुगंधी को अपने मात्थे से लगाने का अवसर भी प्राप्त हुआ है। विशेषकर ऐसे मौके पर जब पर्यावरण के लिए 281 वर्ष पूर्व 363 बिश्नोईयों ने शहीदी दी और उसमें भी एक विरांगना अमृता देवी शामिल थी। जिसका आज स्मृति दिवस है।
उन्होंने बताया कि वे एमकॉम करने के बाद राजस्थान सरकार की न्यायिक सेवा में चला गया। लेकिन इसके बावजूद भी उसके दिल में पर्यावरण के प्रति एक टीस थी। धरती को बिगड़ रहे पर्यावरण से कैसे बचाया जा सके, इससे सुरक्षा पाने की सनक उसके सिर पर सवार थी। उसने धरती मां की रक्षा के लिए जब कचरा बीनने की सेवा का कार्य अपने हाथ में लिया तो जोधपुर नगर के लोग उसे पागल कहने लगे। कुछ लोग तो उससे नफरत भी करने लगे। लेकिन जब उन्हें यह पता चला कि वे यह काम अपने लिए नहीं, उन लोगों के लिए कर रहा है तो उन्होंने धीरे-धीरे उसका साथ देना शुरू किया। उन्होंने दुकानदारों को भी समझाया कि वे पॉलीथीन को काम में न लेकर कागज की थैलियों, गत्ते के डिब्बों या फिर कपड़े के थैलों का प्रयोग करें। नक्कारखाना में तूती की आवाज कौन सुनता, लेकिन वह भी अपनी धुन का पक्का था। उसने कपड़े के थैले बनाए और उसे बाजार में लोगों को नि:शुल्क दिया। देखते-देखते पर्यावरण संरक्षण के लिए और भी लोग आगे आए। जोधपुर महानगर उसका मिशन बन गया और मारवाड़ को मुक्त करने का अभियान शुरू हो गया। गांधीवाद के आदर्शों पर चलते हुए उसने विरोधियों के पैर छुए और अपने मिशन में सफलता अर्जित की।
परिणामस्वरूप साल 2004 में फ्रांस से पर्यावरण शोधकर्ता फ्रेंक वोगेल अपनी थीसिस के सिलसिले में भारत आए और इसी दौरान वह राजस्थान के धार्मिक स्थलों की यात्रा पर निकल पड़े। वोगेल की दृष्टि एक मेले में प्लास्टिक का कचरा बीननते खमुराम पर पड़ी। खमुराम इस मेले में केवल कचरा ही नहीं बीनन रहा था, बल्कि लोगों को इस कचरे के खतरों से सचेत और जागरूक भी कर रहा था। जिससे प्रभावित होकर फ्रेंक ने उससे बातचीत की और उसके ढ़ेर सारे फोटो खींचकर अपने देश ले गया। फ्रेंक ने यूरोपीय देशों की इस भ्रांति को दूर करने का प्रयास किया कि भारतीय पर्यावरण को नुक्सान पहुंचा रहे हैं। फ्रेंक वोगेल की इस दृष्टि ने खमुराम को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचा दिया। 11 दिसंबर 2008 को कोर्चेवेल सिटी (पेरिस) में प्रारम्भ होने वाले तीन दिवसीय इंटरनेशनल प्लेनेट वर्कशॉप में केवल शामिल होने का गौरव ही प्राप्त नहीं हुआ। बल्कि एशिया महाद्वीप का प्रतिनिधित्व करने का मौका भी मिला। इस वर्कशॉप में वल्र्ड के 300 पर्यावरण शोधकर्ताओं ने शिरकत की थी।
खमुराम ने बताया कि उस पर फ्रेंक वोगेल द्वारा बनाई जा रही डाक्यूमेंट्री (फिल्म) का पहला चरण पूरा हो चुका है। पुन: इसकी शूटिंग 29 सितंबर से जोधपुर में होनी है। इस फिल्म में शोधकर्ता ने प्लास्टिक के प्रभाव को दिखाते हुए पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया है। खमुराम का मानना है कि सरकारें पर्यावरण की रक्षा के लिए कानून तो बना रहीं हैं, लेकिन इसको एम्पलीमेंट करने में लापरवाह हैं। जिसके चलते पर्यावरण की रक्षा उतनी तीव्र गति से नहीं हो रही है, जितनी तीव्र गति से होनी चाहिए। उनके अनुसार सावन और भादो में बड़ी तादाद में वृक्षारोपण किया जाता है और यह वृक्षारोपण केवल नाटक ही साबित होता है। चूंकि वृक्षारोपण के बाद उसकी पालना करना हम सब भूल जाते हैं। पर्यावरण प्रेमी खमुराम ने बताया कि पिछले दस वर्षों के दौरान वह और उसकी संस्था के सदस्य करीब एक करोड़ लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक कर चुके हैं। यहां भी मेला भरता है, वे लोग वहीं पहुंच जाते हैं।
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Lahoo Ki Lau
28 सितंबर 2010
रात को सरकारी अस्पताल में हंगामा
डबवाली (लहू की लौ) सरकारी अस्पताल में बुधवार रात को घायल को उपचार के लिए बाहर लेजाने के लिए एम्बूलैंस उपलब्ध न होने पर घायल के परिजनों ने अस्पताल में हंगामा खड़ा कर दिया। मौका पर उपस्थित डॉक्टर को खूब खरी खोटी सुनाई।
जानकारी अनुसार गांव जोगेवाला का मंदर सिंह (40) अपने बाईक से गांव की ओर जा रहा था। जोगेवाला मार्ग पर अचानक उसकी बाईक स्लिप कर गई। सूचना पाकर डबवाली जन सहारा सेवा संस्था के सदस्य मौका पर पहुंचे। उन्होंने घायल को उठाया और डबवाली के सरकारी अस्पताल में दाखिल करवा दिया। सिर पर चोट होने की वजह से डॉक्टर ने तुरंत उसे सिरसा के लिए रैफर कर दिया। उस समय अस्पताल में एम्बूलैंस मौजूद नहीं थी।
दुर्घटना की सूचना पाकर घायल मंदर सिंह के परिजन अस्पताल पहुंचे। करीब अढ़ाई घंटे उन्हें एम्बूलैंस उपलब्ध नहीं हुई। जिससे परिजनों का गुस्सा उफन गया। गांव के बलराज सिंह नंबरदार, सर्वजीत सिंह, जोगिन्द्र सिंह, हरदीप सिंह, सुरेन्द्र, लवली, राजपाल आदि ने मौका पर उपस्थित डॉक्टर पर इलाज में कोताही बरतने का आरोप लगाया। ग्रामीणों के अनुसार डॉक्टर ने घायल की सही तरीके से देखभाल नहीं की। उन्होंने आरोप लगाया कि घायल के मरहम-पट्टी तक नहीं की गई। घायल को रैफर किए हुए अढ़ाई घंटे हो चुके हैं। लेकिन सरकारी अस्पताल में एम्बूलैंस तक उपलब्ध नहीं है। इसी बीच ग्रामीणों की डॉक्टर से काफी तकरार हुई। अस्पताल में हंगामा होने की सूचना पाकर मौका पर थाना शहर पुलिस के एसआई भागीरथ, हवलदार खेता राम तथा जय सिंह भी पहुंचे। उन्होंने भी ग्रामीणों को शांत करवाने का प्रयास किया। ग्रामीणों के गुस्से को देखते हुए डॉक्टर ने फौरी तौर पर प्राईवेट अस्पताल की एम्बूलैंस मंगवाकर घायल को रैफर किया।
इस संबंध में जब मौका पर उपस्थित डॉक्टर सुखवंत सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने ग्रामीणों के आरोपों को निराधार बताया। उनके अनुसार इलाज में किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती गई। घायल के सिर पर चोट होने के कारण उन्होंने तुरंत उसे सिरसा के लिए रैफर कर दिया था। लेकिन अस्पताल की एम्बूलैंस एक मरीज को छोडऩे के लिए बाहर गई हुई थी। इसी के चलते घायल मंदर सिंह को रैफर करने में देरी हुई।
जानकारी अनुसार गांव जोगेवाला का मंदर सिंह (40) अपने बाईक से गांव की ओर जा रहा था। जोगेवाला मार्ग पर अचानक उसकी बाईक स्लिप कर गई। सूचना पाकर डबवाली जन सहारा सेवा संस्था के सदस्य मौका पर पहुंचे। उन्होंने घायल को उठाया और डबवाली के सरकारी अस्पताल में दाखिल करवा दिया। सिर पर चोट होने की वजह से डॉक्टर ने तुरंत उसे सिरसा के लिए रैफर कर दिया। उस समय अस्पताल में एम्बूलैंस मौजूद नहीं थी।
दुर्घटना की सूचना पाकर घायल मंदर सिंह के परिजन अस्पताल पहुंचे। करीब अढ़ाई घंटे उन्हें एम्बूलैंस उपलब्ध नहीं हुई। जिससे परिजनों का गुस्सा उफन गया। गांव के बलराज सिंह नंबरदार, सर्वजीत सिंह, जोगिन्द्र सिंह, हरदीप सिंह, सुरेन्द्र, लवली, राजपाल आदि ने मौका पर उपस्थित डॉक्टर पर इलाज में कोताही बरतने का आरोप लगाया। ग्रामीणों के अनुसार डॉक्टर ने घायल की सही तरीके से देखभाल नहीं की। उन्होंने आरोप लगाया कि घायल के मरहम-पट्टी तक नहीं की गई। घायल को रैफर किए हुए अढ़ाई घंटे हो चुके हैं। लेकिन सरकारी अस्पताल में एम्बूलैंस तक उपलब्ध नहीं है। इसी बीच ग्रामीणों की डॉक्टर से काफी तकरार हुई। अस्पताल में हंगामा होने की सूचना पाकर मौका पर थाना शहर पुलिस के एसआई भागीरथ, हवलदार खेता राम तथा जय सिंह भी पहुंचे। उन्होंने भी ग्रामीणों को शांत करवाने का प्रयास किया। ग्रामीणों के गुस्से को देखते हुए डॉक्टर ने फौरी तौर पर प्राईवेट अस्पताल की एम्बूलैंस मंगवाकर घायल को रैफर किया।
इस संबंध में जब मौका पर उपस्थित डॉक्टर सुखवंत सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने ग्रामीणों के आरोपों को निराधार बताया। उनके अनुसार इलाज में किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती गई। घायल के सिर पर चोट होने के कारण उन्होंने तुरंत उसे सिरसा के लिए रैफर कर दिया था। लेकिन अस्पताल की एम्बूलैंस एक मरीज को छोडऩे के लिए बाहर गई हुई थी। इसी के चलते घायल मंदर सिंह को रैफर करने में देरी हुई।
ड्रेन टूटा,खेतों में घुसा पानी
डबवाली (लहू की लौ) यहां से 5 किलोमीटर दूर पंजाब के बठिंडा जिला के साथ लगते गांव डूमवाली के रकबा में पडऩे वाली बरसाती डे्रेन का बांध बुधवार शाम को टूट जाने से पानी नरमा के खेतों में बह गया। जिससे किसानों में हड़कम्प मच गया। इसकी सूचना पाकर एसडीएम बठिंडा मौका पर पहुंचे।
गांव डूमवाली के किसान महिपाल सिंह एडवोकेट, भानुप्रताप ङ्क्षसह, कुलजीत सिंह सिधू, गांव पथराला के सरपंच लुधर सिंह ने बताया कि केन्द्र सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा में बरसात के समय आने वाली बाढ़ से मुक्ति दिलाने के लिए इस डे्रनेज का निर्माण किया था। ताकि इस डे्रनेज की मार्फत फालतू पानी राजस्थान के सूखाग्रस्त इलाके में छोड़ा जा सके। लेकिन हरियाणा की तत्कालीन इंडियन नैशनल लोकदल सरकार ने हरियाणा में इस डे्रनेज को बन्द करके जमीन किसानों को दे दी। उनका गांव हरियाणा की सीमा पर होने के कारण वहां डे्रनेज बन्द हो चुकी है। उनके अनुसार 8 वर्ष के बाद इस ड्रेन में पहली बार पानी का बहाव इतना अधिक आया है कि यह बांध तोड़ कर खेतों में घुस गया। इन किसानों ने यह भी कहा कि बठिंडा ब्रांच तथा कोटला ब्रांच का फालतू पानी भी इसमें छोड़ा जाता है। किसानों ने बठिंडा के उपायुक्त की मार्फत केन्द्र सरकार तथा पंजाब सरकार को एक पत्र लिख कर मांग की है कि रिपेरियन एक्ट के तहत हरियाणा में बन्द पड़ी ड्रेनेज को चालू करवाया जाये। ताकि आने वाले खतरे से किसानों की जमीनों को बचाया जा सके।
प्रभावित किसान जोगिन्द्र सिंह भाऊ तथा विकास कुमार ने बताया कि डे्रनेज का बांध टूटने से उनकी 8 एकड़ भूमि पर उगी नरमा का फसल में पानी भर गया। इसकी जानकारी उन्होंने जिला प्रशासन बठिंडा को दी।
सूचना पाकर मौका पर पहुंचे बठिंडा के एसडीएम केपीएस माहीं ने इस संवाददाता को बताया कि एक्सीयन ड्रेनेज मानसा को इसकी जानकारी देकर टूटे बांध को जेसीबी मशीनों से भरवा दिया गया है। किसानों का जो भी नुक्सान हुआ है उसकी भरपाई कर दी जायेगी। एक्सीयन ड्रेनेज मानसा विजय कुमार ने बताया कि इन ड्रेनेज में अक्सर पानी रहता है जो कि पानी की कमी के चलते किसानों के काम आता है। इस बार बरसात ज्यादा होने से ड्रेनेज में पानी ज्यादा आ गया। इधर बुर्जी नं. 0 से 185 तक हरियाणा का क्षेत्र पड़ता है, वहां के किसानों ने डे्रनेज को बन्द कर दिया है। इसके चलते पानी आगे नहीं जा पाया और इस क्षेत्र में डे्रनेज का बांध टूट गया।
गांव डूमवाली के किसान महिपाल सिंह एडवोकेट, भानुप्रताप ङ्क्षसह, कुलजीत सिंह सिधू, गांव पथराला के सरपंच लुधर सिंह ने बताया कि केन्द्र सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा में बरसात के समय आने वाली बाढ़ से मुक्ति दिलाने के लिए इस डे्रनेज का निर्माण किया था। ताकि इस डे्रनेज की मार्फत फालतू पानी राजस्थान के सूखाग्रस्त इलाके में छोड़ा जा सके। लेकिन हरियाणा की तत्कालीन इंडियन नैशनल लोकदल सरकार ने हरियाणा में इस डे्रनेज को बन्द करके जमीन किसानों को दे दी। उनका गांव हरियाणा की सीमा पर होने के कारण वहां डे्रनेज बन्द हो चुकी है। उनके अनुसार 8 वर्ष के बाद इस ड्रेन में पहली बार पानी का बहाव इतना अधिक आया है कि यह बांध तोड़ कर खेतों में घुस गया। इन किसानों ने यह भी कहा कि बठिंडा ब्रांच तथा कोटला ब्रांच का फालतू पानी भी इसमें छोड़ा जाता है। किसानों ने बठिंडा के उपायुक्त की मार्फत केन्द्र सरकार तथा पंजाब सरकार को एक पत्र लिख कर मांग की है कि रिपेरियन एक्ट के तहत हरियाणा में बन्द पड़ी ड्रेनेज को चालू करवाया जाये। ताकि आने वाले खतरे से किसानों की जमीनों को बचाया जा सके।
प्रभावित किसान जोगिन्द्र सिंह भाऊ तथा विकास कुमार ने बताया कि डे्रनेज का बांध टूटने से उनकी 8 एकड़ भूमि पर उगी नरमा का फसल में पानी भर गया। इसकी जानकारी उन्होंने जिला प्रशासन बठिंडा को दी।
सूचना पाकर मौका पर पहुंचे बठिंडा के एसडीएम केपीएस माहीं ने इस संवाददाता को बताया कि एक्सीयन ड्रेनेज मानसा को इसकी जानकारी देकर टूटे बांध को जेसीबी मशीनों से भरवा दिया गया है। किसानों का जो भी नुक्सान हुआ है उसकी भरपाई कर दी जायेगी। एक्सीयन ड्रेनेज मानसा विजय कुमार ने बताया कि इन ड्रेनेज में अक्सर पानी रहता है जो कि पानी की कमी के चलते किसानों के काम आता है। इस बार बरसात ज्यादा होने से ड्रेनेज में पानी ज्यादा आ गया। इधर बुर्जी नं. 0 से 185 तक हरियाणा का क्षेत्र पड़ता है, वहां के किसानों ने डे्रनेज को बन्द कर दिया है। इसके चलते पानी आगे नहीं जा पाया और इस क्षेत्र में डे्रनेज का बांध टूट गया।
स्वाईन फ्लू का रोगी मिला
डबवाली (लहू की लौ) मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के विधानसभा क्षेत्र लम्बी के गांव मण्डी किलियांवाली में राजस्थान से आए स्वाईन फ्लू के रोगी ने स्वास्थ्य विभाग पंजाब में हड़कम्प मचा दिया।
मण्डी किलियांवाली के बस अड्डा के सामने स्थित क्वालिटी फर्नीचर हाऊस वाली गली के निवासी राजेन्द्र पाल गर्ग ने बताया कि उसका बेटा राहुल (17) 11वीं का छात्र है और वह 13 अप्रैल 2010 को कोटा के बांसल कोचिंग सैन्टर में पढ़ाई के साथ-साथ आईआईटी की कोचिंग ले रहा है। उन्हें सूचना मिली कि राहुल बीमार है और कंपकंपी लगकर उसे बुखार आ रहा है। कोटा में राहुल के रक्त की जांच करवाई गई। इधर वे उसे डबवाली ले आए। बुधवार रात को कोटा से जो रिपोर्ट उनके पास आई, उसमें स्वाईन फ्लू घोषित किया गया था। जिस पर उन्होंने डबवाली के सरकारी अस्पताल में जाकर डॉक्टरों से सलाह-मश्विरा किया और उनकी सलाह पर उसे पीजीआई रोहतक में ईलाज के लिए लेजाया गया है।
इस संदर्भ में लम्बी सिविल अस्पताल के कार्यकारी एसएमओ डॉ. रीटा गुप्ता से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें भी इस बात की जानकारी मिली है की कोटा से राहुल नामक छात्र किलियांवाली में आया है। जोकि स्वाईन फ्लू का रोगी है। एतिहात के तौर पर कदम उठाते हुए राहुल के कनटेक्ट में आने वाले उसके परिवार के आठों सदस्यों को स्वाईन फ्लू की दवा टैनी फ्लू दी गई है। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही एक टीम भी गठित की गई है, जोकि उसके परिवारिक सदस्यों और आसपास के लोगों पर स्वाईन फ्लू को लेकर निगाह बनाए रखेगी। इस टीम में एक डॉक्टर, एक फार्मासिस्ट, एक बहुउद्देश्यीय कर्मचारी, एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को नियुक्त किया गया है।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि स्वाईन फ्लू से बचने के लिए स्वाईन फ्लू के रोगी से दूर रहा जाए। रोगी खांसी व जुकाम के समय अपने मुंह पर रूमाल रखे। रोगी के साथ हाथ न मिलाया जाए। और अगर रोगी के साथ हाथ लगता है, तो उसे अच्छी प्रकार से धोया जाए। बुखार, खांसी और सिरदर्द होने पर आवश्य ही अपने आस-पड़ौस के सरकारी अस्पताल से टैस्ट करवाकर इस संदर्भ में राए ली जाए।
इधर डबवाली के सरकारी अस्पताल के कार्यकारी एसएमओ डॉ. एमके भादू ने बताया कि स्वाईन फ्लू का रोगी अस्पताल में आया था। उसे स्वाईन फ्लू से संबंधी ट्रीटमेंट दे दिया गया है।
मण्डी किलियांवाली के बस अड्डा के सामने स्थित क्वालिटी फर्नीचर हाऊस वाली गली के निवासी राजेन्द्र पाल गर्ग ने बताया कि उसका बेटा राहुल (17) 11वीं का छात्र है और वह 13 अप्रैल 2010 को कोटा के बांसल कोचिंग सैन्टर में पढ़ाई के साथ-साथ आईआईटी की कोचिंग ले रहा है। उन्हें सूचना मिली कि राहुल बीमार है और कंपकंपी लगकर उसे बुखार आ रहा है। कोटा में राहुल के रक्त की जांच करवाई गई। इधर वे उसे डबवाली ले आए। बुधवार रात को कोटा से जो रिपोर्ट उनके पास आई, उसमें स्वाईन फ्लू घोषित किया गया था। जिस पर उन्होंने डबवाली के सरकारी अस्पताल में जाकर डॉक्टरों से सलाह-मश्विरा किया और उनकी सलाह पर उसे पीजीआई रोहतक में ईलाज के लिए लेजाया गया है।
इस संदर्भ में लम्बी सिविल अस्पताल के कार्यकारी एसएमओ डॉ. रीटा गुप्ता से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें भी इस बात की जानकारी मिली है की कोटा से राहुल नामक छात्र किलियांवाली में आया है। जोकि स्वाईन फ्लू का रोगी है। एतिहात के तौर पर कदम उठाते हुए राहुल के कनटेक्ट में आने वाले उसके परिवार के आठों सदस्यों को स्वाईन फ्लू की दवा टैनी फ्लू दी गई है। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही एक टीम भी गठित की गई है, जोकि उसके परिवारिक सदस्यों और आसपास के लोगों पर स्वाईन फ्लू को लेकर निगाह बनाए रखेगी। इस टीम में एक डॉक्टर, एक फार्मासिस्ट, एक बहुउद्देश्यीय कर्मचारी, एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को नियुक्त किया गया है।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि स्वाईन फ्लू से बचने के लिए स्वाईन फ्लू के रोगी से दूर रहा जाए। रोगी खांसी व जुकाम के समय अपने मुंह पर रूमाल रखे। रोगी के साथ हाथ न मिलाया जाए। और अगर रोगी के साथ हाथ लगता है, तो उसे अच्छी प्रकार से धोया जाए। बुखार, खांसी और सिरदर्द होने पर आवश्य ही अपने आस-पड़ौस के सरकारी अस्पताल से टैस्ट करवाकर इस संदर्भ में राए ली जाए।
इधर डबवाली के सरकारी अस्पताल के कार्यकारी एसएमओ डॉ. एमके भादू ने बताया कि स्वाईन फ्लू का रोगी अस्पताल में आया था। उसे स्वाईन फ्लू से संबंधी ट्रीटमेंट दे दिया गया है।
ड्रेन टूटा,खेतों में घुसा पानी
डबवाली (लहू की लौ) यहां से 5 किलोमीटर दूर पंजाब के बठिंडा जिला के साथ लगते गांव डूमवाली के रकबा में पडऩे वाली बरसाती डे्रेन का बांध बुधवार शाम को टूट जाने से पानी नरमा के खेतों में बह गया। जिससे किसानों में हड़कम्प मच गया। इसकी सूचना पाकर एसडीएम बठिंडा मौका पर पहुंचे।
गांव डूमवाली के किसान महिपाल सिंह एडवोकेट, भानुप्रताप ङ्क्षसह, कुलजीत सिंह सिधू, गांव पथराला के सरपंच लुधर सिंह ने बताया कि केन्द्र सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा में बरसात के समय आने वाली बाढ़ से मुक्ति दिलाने के लिए इस डे्रनेज का निर्माण किया था। ताकि इस डे्रनेज की मार्फत फालतू पानी राजस्थान के सूखाग्रस्त इलाके में छोड़ा जा सके। लेकिन हरियाणा की तत्कालीन इंडियन नैशनल लोकदल सरकार ने हरियाणा में इस डे्रनेज को बन्द करके जमीन किसानों को दे दी। उनका गांव हरियाणा की सीमा पर होने के कारण वहां डे्रनेज बन्द हो चुकी है। उनके अनुसार 8 वर्ष के बाद इस ड्रेन में पहली बार पानी का बहाव इतना अधिक आया है कि यह बांध तोड़ कर खेतों में घुस गया। इन किसानों ने यह भी कहा कि बठिंडा ब्रांच तथा कोटला ब्रांच का फालतू पानी भी इसमें छोड़ा जाता है। किसानों ने बठिंडा के उपायुक्त की मार्फत केन्द्र सरकार तथा पंजाब सरकार को एक पत्र लिख कर मांग की है कि रिपेरियन एक्ट के तहत हरियाणा में बन्द पड़ी ड्रेनेज को चालू करवाया जाये। ताकि आने वाले खतरे से किसानों की जमीनों को बचाया जा सके।
प्रभावित किसान जोगिन्द्र सिंह भाऊ तथा विकास कुमार ने बताया कि डे्रनेज का बांध टूटने से उनकी 8 एकड़ भूमि पर उगी नरमा का फसल में पानी भर गया। इसकी जानकारी उन्होंने जिला प्रशासन बठिंडा को दी।
सूचना पाकर मौका पर पहुंचे बठिंडा के एसडीएम केपीएस माहीं ने इस संवाददाता को बताया कि एक्सीयन ड्रेनेज मानसा को इसकी जानकारी देकर टूटे बांध को जेसीबी मशीनों से भरवा दिया गया है। किसानों का जो भी नुक्सान हुआ है उसकी भरपाई कर दी जायेगी। एक्सीयन ड्रेनेज मानसा विजय कुमार ने बताया कि इन ड्रेनेज में अक्सर पानी रहता है जो कि पानी की कमी के चलते किसानों के काम आता है। इस बार बरसात ज्यादा होने से ड्रेनेज में पानी ज्यादा आ गया। इधर बुर्जी नं. 0 से 185 तक हरियाणा का क्षेत्र पड़ता है, वहां के किसानों ने डे्रनेज को बन्द कर दिया है। इसके चलते पानी आगे नहीं जा पाया और इस क्षेत्र में डे्रनेज का बांध टूट गया।
गांव डूमवाली के किसान महिपाल सिंह एडवोकेट, भानुप्रताप ङ्क्षसह, कुलजीत सिंह सिधू, गांव पथराला के सरपंच लुधर सिंह ने बताया कि केन्द्र सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा में बरसात के समय आने वाली बाढ़ से मुक्ति दिलाने के लिए इस डे्रनेज का निर्माण किया था। ताकि इस डे्रनेज की मार्फत फालतू पानी राजस्थान के सूखाग्रस्त इलाके में छोड़ा जा सके। लेकिन हरियाणा की तत्कालीन इंडियन नैशनल लोकदल सरकार ने हरियाणा में इस डे्रनेज को बन्द करके जमीन किसानों को दे दी। उनका गांव हरियाणा की सीमा पर होने के कारण वहां डे्रनेज बन्द हो चुकी है। उनके अनुसार 8 वर्ष के बाद इस ड्रेन में पहली बार पानी का बहाव इतना अधिक आया है कि यह बांध तोड़ कर खेतों में घुस गया। इन किसानों ने यह भी कहा कि बठिंडा ब्रांच तथा कोटला ब्रांच का फालतू पानी भी इसमें छोड़ा जाता है। किसानों ने बठिंडा के उपायुक्त की मार्फत केन्द्र सरकार तथा पंजाब सरकार को एक पत्र लिख कर मांग की है कि रिपेरियन एक्ट के तहत हरियाणा में बन्द पड़ी ड्रेनेज को चालू करवाया जाये। ताकि आने वाले खतरे से किसानों की जमीनों को बचाया जा सके।
प्रभावित किसान जोगिन्द्र सिंह भाऊ तथा विकास कुमार ने बताया कि डे्रनेज का बांध टूटने से उनकी 8 एकड़ भूमि पर उगी नरमा का फसल में पानी भर गया। इसकी जानकारी उन्होंने जिला प्रशासन बठिंडा को दी।
सूचना पाकर मौका पर पहुंचे बठिंडा के एसडीएम केपीएस माहीं ने इस संवाददाता को बताया कि एक्सीयन ड्रेनेज मानसा को इसकी जानकारी देकर टूटे बांध को जेसीबी मशीनों से भरवा दिया गया है। किसानों का जो भी नुक्सान हुआ है उसकी भरपाई कर दी जायेगी। एक्सीयन ड्रेनेज मानसा विजय कुमार ने बताया कि इन ड्रेनेज में अक्सर पानी रहता है जो कि पानी की कमी के चलते किसानों के काम आता है। इस बार बरसात ज्यादा होने से ड्रेनेज में पानी ज्यादा आ गया। इधर बुर्जी नं. 0 से 185 तक हरियाणा का क्षेत्र पड़ता है, वहां के किसानों ने डे्रनेज को बन्द कर दिया है। इसके चलते पानी आगे नहीं जा पाया और इस क्षेत्र में डे्रनेज का बांध टूट गया।
खुली हवा में सांस लेंगे हीरा और जग्गा
डबवाली (लहू की लौ) वर्षों से जंजीरों में जकड़े गांव पन्नीवाला रूलदू के गुरदीप और जगवीर को खुली हवा में सांस लेने की उम्मीद आखिर जगी है। अखबारों की खबर के बाद डॉक्टरों की टीम ने जाकर दोनों की हिस्ट्री जानी और अपनी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को दी।
डबवाली सिविल अस्पताल के एसएमओ डॉ. विनोद महिपाल ने बताया कि जैसे ही स्वास्थ्य विभाग हरियाणा को गांव पन्नीवाला रूलदू में गुरदीप उर्फ हीरा और जगवीर उर्फ जग्गा को उनके अभिभावकों द्वारा बीमारी के चलते जंजीरों में जकडऩे का पता चला तो उन्होंने अपने उच्च अधिकारियों के दिशा निर्देश पर इसकी जांच के लिए डॉ. गुरजीत सिंह सिधू मैडीकल अधिकारी पीएचसी देसूजोधा की डयूटी लगाई। इस पर डॉ. गुरजीत सिंह जगवीर और गुरदीप के घर पहुंचे और उनके अभिभावकों से हिस्ट्री जानी और रिपोर्ट उसकेे समक्ष प्रस्तुत की।
महिपाल के अनुसार जगवीर के भाई हरफूल सिंह ने बताया कि जग्गा 9 वर्ष का था तो वह घर के सदस्यों से अलग ही अपनी दुनिया में रहने लगा तथा इतना आक्रमिक हो गया, उसके सामने जो भी आता उसे मारने के लिए दौड़ता। बिना बताये घर से भाग जाता। उसके इलाज के लिए तीन वर्ष सिरसा और दो वर्ष बठिंडा के अस्पतालों में हजारों रूपये उन्होंने खर्च कर डाले, लेकिन कोई लाभ नहीं मिला। उसकी हरकतों से तंग आकर मां-बाप ने मजबूरन जग्गा को जंजीरों में डाल दिया। यदि हरियाणा स्वास्थ्य विभाग उसके भाई के इलाज के लिए उनका सहयोग करती है तो वह उसका इलाज करवाने के लिए उसे यहां भी विभाग कहेगा वहां ले जाने को तैयार हैं।
इधर गुरदीप उर्फ हीरा की माता हरबन्स कौर ने चिकित्सक को बताया कि हीरा जब एक वर्ष का था तो अचानक घर में बनी डिग्गी में गिर गया था। 5वीं पास करने के बाद हीरा के दिमाग में पता नहीं क्या आया कि उसने स्कूल जाना छोड़ दिया और गुमसुम रहने लगा। कुछ ही दिनों बाद लोगों को मारने के लिए दौडऩे लगा। जिस पर उसे 17 वर्ष की आयु में जंजीरों से बांधना पड़ा, हालांकि वह बीड़ी पीने का शौकीन है, भोजन, चाय आदि मांग लेता है। हरबन्स कौर ने बताया कि उन्होंने जगह-जगह हीरा के इलाज के लिए पैसे पानी की तरह बहाये, अब उनके पास उसके इलाज के लिए फूटी कौड़ी भी नहीं बची। अगर हरियाणा का स्वास्थ्य विभाग उसके बेटे को सामान्य करने में उनकी मदद करता है तो वह विभाग के निर्देश अनुसार इलाज करवाने के लिए तैयार हैं।
एसएमओ ने इस संवाददाता से बातचीत करते हुए बताया कि उन्होंने डॉक्टर से प्राप्त जांच रिपोर्ट को आवश्यक कार्यवाही के लिए सीएमओ सिरसा और उपमंडलाधीश डबवाली को भेज दिया है। उनके अनुसार स्वास्थ्य विभाग से हीरा और जग्गा के अभिभावकों ने इलाज की तैयारी के लिए 2 दिन का समय मांगा है। इसके बाद इलाज के लिए इन्हें पीजीआई रोहतक में भेज दिया जायेगा। इलाज का खर्च स्वास्थ्य विभाग हरियाणा वहन करेगा।
डबवाली सिविल अस्पताल के एसएमओ डॉ. विनोद महिपाल ने बताया कि जैसे ही स्वास्थ्य विभाग हरियाणा को गांव पन्नीवाला रूलदू में गुरदीप उर्फ हीरा और जगवीर उर्फ जग्गा को उनके अभिभावकों द्वारा बीमारी के चलते जंजीरों में जकडऩे का पता चला तो उन्होंने अपने उच्च अधिकारियों के दिशा निर्देश पर इसकी जांच के लिए डॉ. गुरजीत सिंह सिधू मैडीकल अधिकारी पीएचसी देसूजोधा की डयूटी लगाई। इस पर डॉ. गुरजीत सिंह जगवीर और गुरदीप के घर पहुंचे और उनके अभिभावकों से हिस्ट्री जानी और रिपोर्ट उसकेे समक्ष प्रस्तुत की।
महिपाल के अनुसार जगवीर के भाई हरफूल सिंह ने बताया कि जग्गा 9 वर्ष का था तो वह घर के सदस्यों से अलग ही अपनी दुनिया में रहने लगा तथा इतना आक्रमिक हो गया, उसके सामने जो भी आता उसे मारने के लिए दौड़ता। बिना बताये घर से भाग जाता। उसके इलाज के लिए तीन वर्ष सिरसा और दो वर्ष बठिंडा के अस्पतालों में हजारों रूपये उन्होंने खर्च कर डाले, लेकिन कोई लाभ नहीं मिला। उसकी हरकतों से तंग आकर मां-बाप ने मजबूरन जग्गा को जंजीरों में डाल दिया। यदि हरियाणा स्वास्थ्य विभाग उसके भाई के इलाज के लिए उनका सहयोग करती है तो वह उसका इलाज करवाने के लिए उसे यहां भी विभाग कहेगा वहां ले जाने को तैयार हैं।
इधर गुरदीप उर्फ हीरा की माता हरबन्स कौर ने चिकित्सक को बताया कि हीरा जब एक वर्ष का था तो अचानक घर में बनी डिग्गी में गिर गया था। 5वीं पास करने के बाद हीरा के दिमाग में पता नहीं क्या आया कि उसने स्कूल जाना छोड़ दिया और गुमसुम रहने लगा। कुछ ही दिनों बाद लोगों को मारने के लिए दौडऩे लगा। जिस पर उसे 17 वर्ष की आयु में जंजीरों से बांधना पड़ा, हालांकि वह बीड़ी पीने का शौकीन है, भोजन, चाय आदि मांग लेता है। हरबन्स कौर ने बताया कि उन्होंने जगह-जगह हीरा के इलाज के लिए पैसे पानी की तरह बहाये, अब उनके पास उसके इलाज के लिए फूटी कौड़ी भी नहीं बची। अगर हरियाणा का स्वास्थ्य विभाग उसके बेटे को सामान्य करने में उनकी मदद करता है तो वह विभाग के निर्देश अनुसार इलाज करवाने के लिए तैयार हैं।
एसएमओ ने इस संवाददाता से बातचीत करते हुए बताया कि उन्होंने डॉक्टर से प्राप्त जांच रिपोर्ट को आवश्यक कार्यवाही के लिए सीएमओ सिरसा और उपमंडलाधीश डबवाली को भेज दिया है। उनके अनुसार स्वास्थ्य विभाग से हीरा और जग्गा के अभिभावकों ने इलाज की तैयारी के लिए 2 दिन का समय मांगा है। इसके बाद इलाज के लिए इन्हें पीजीआई रोहतक में भेज दिया जायेगा। इलाज का खर्च स्वास्थ्य विभाग हरियाणा वहन करेगा।
डूमवाली बैरियर पर बवाल
डबवाली (लहू की लौ) डूमवाली बैरियर पर मंगलवार रात को जमकर बवाल मचा। शराब के नशे में धुत्त एक पुलिस कर्मी ने ट्रक चालक पर बंदूक तान दी।
जानकारी अनुसार बठिंडा रोड़ पर स्थित डूमवाली बैरियर पर अक्सर वाहनों की लम्बी कतारें लगी रहती हैं। जिसके कारण इस मार्ग पर जाम जैसी स्थिति पैदा हो जाती है। मंगलवार रात को एक ट्रक चालक ने अपने ट्रक को सड़क पर रोका और उसके भीतर सो गया। जिसको लेकर ट्रक चालक और आईआरबी के जवान के बीच तूतू-मैंमैं हो गई। मामला इतना बढ़ गया कि तैश में आए जवान ने ट्रक चालक को पीटना शुरू कर दिया। बचाव में उतरे ट्रक चालकों पर उक्त जवान ने बंदूक तान ली। जिससे मामला और भी बिगड़ गया।
गुजरात से सामान लेकर बठिंडा जा रहे ट्रक चालक कैलाश चन्द्र ने बताया कि वह रात को अपनी गाड़ी पास करवाने के लिए बैरियर पर रूका हुआ था। इसी दौरान एक ट्रक चालक ने मार्ग में ट्रक खड़ा कर दिया था। बैरियर पर मौजूद आईआरबी जवान ने उसे ट्रक साईड में लगाने को कहा। चालक ट्रक को साईड में लगा रहा था, इसी बीच दोनों में गर्मा-सर्दी हो गई। बात इतनी बिगड़ गई कि शराब के नशे में धुत्त जवान ने उसे नीचे उतार लिया और पीटना शुरू कर दिया। डंडों की मार से ट्रक चालक के खून बहने लगा। इंसानियत के नाते उसने ट्रक चालक को छुड़वाने का प्रयास किया। लेकिन शराब के नशे में धुत्त जवान ने उस पर बंदूक तान ली। जवान के साथियों ने बीच-बचाव करके उसे बचाया। जवान ने अपनी वर्दी और उस पर लगी नेम प्लेट तक तोड़ डाली। सेल टैक्स बैरियर के उच्च अधिकारियों के मौका पर पहुंच जाने से उस समय मामला शांत हो गया।
इधर आईआरबी जवान नरिन्द्र पाल ने बताया कि वह रात को डयूटी पर था। एक ट्रक चालक ने मार्ग में ही ट्रक खड़ा कर दिया था। जब वह उसे ट्रक साईड खड़ा करने के लिए कहने गया, तो वह उससे उलझ गया। ट्रक चालक गाली-गलौच पर उतर आया। जब उसने विरोध किया तो वह उससे मारपीट करने लगा। उसने उसकी वर्दी तक फाड़ डाली।
इस संदर्भ में जब टैक्स बैरियर के मंगलवार रात्रि डयूटी के समय इंचार्ज रणधीर सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि उनके पास दोनों पक्षों में से किसी की शिकायत नहीं आई है। शिकायत आने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
जानकारी अनुसार बठिंडा रोड़ पर स्थित डूमवाली बैरियर पर अक्सर वाहनों की लम्बी कतारें लगी रहती हैं। जिसके कारण इस मार्ग पर जाम जैसी स्थिति पैदा हो जाती है। मंगलवार रात को एक ट्रक चालक ने अपने ट्रक को सड़क पर रोका और उसके भीतर सो गया। जिसको लेकर ट्रक चालक और आईआरबी के जवान के बीच तूतू-मैंमैं हो गई। मामला इतना बढ़ गया कि तैश में आए जवान ने ट्रक चालक को पीटना शुरू कर दिया। बचाव में उतरे ट्रक चालकों पर उक्त जवान ने बंदूक तान ली। जिससे मामला और भी बिगड़ गया।
गुजरात से सामान लेकर बठिंडा जा रहे ट्रक चालक कैलाश चन्द्र ने बताया कि वह रात को अपनी गाड़ी पास करवाने के लिए बैरियर पर रूका हुआ था। इसी दौरान एक ट्रक चालक ने मार्ग में ट्रक खड़ा कर दिया था। बैरियर पर मौजूद आईआरबी जवान ने उसे ट्रक साईड में लगाने को कहा। चालक ट्रक को साईड में लगा रहा था, इसी बीच दोनों में गर्मा-सर्दी हो गई। बात इतनी बिगड़ गई कि शराब के नशे में धुत्त जवान ने उसे नीचे उतार लिया और पीटना शुरू कर दिया। डंडों की मार से ट्रक चालक के खून बहने लगा। इंसानियत के नाते उसने ट्रक चालक को छुड़वाने का प्रयास किया। लेकिन शराब के नशे में धुत्त जवान ने उस पर बंदूक तान ली। जवान के साथियों ने बीच-बचाव करके उसे बचाया। जवान ने अपनी वर्दी और उस पर लगी नेम प्लेट तक तोड़ डाली। सेल टैक्स बैरियर के उच्च अधिकारियों के मौका पर पहुंच जाने से उस समय मामला शांत हो गया।
इधर आईआरबी जवान नरिन्द्र पाल ने बताया कि वह रात को डयूटी पर था। एक ट्रक चालक ने मार्ग में ही ट्रक खड़ा कर दिया था। जब वह उसे ट्रक साईड खड़ा करने के लिए कहने गया, तो वह उससे उलझ गया। ट्रक चालक गाली-गलौच पर उतर आया। जब उसने विरोध किया तो वह उससे मारपीट करने लगा। उसने उसकी वर्दी तक फाड़ डाली।
इस संदर्भ में जब टैक्स बैरियर के मंगलवार रात्रि डयूटी के समय इंचार्ज रणधीर सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि उनके पास दोनों पक्षों में से किसी की शिकायत नहीं आई है। शिकायत आने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
10 सितंबर 2010
15 सालों से जंजीरों में जगवीर
डबवाली (लहू की लौ) 'तेलू दे मुंडे की लत बड़ी करड़ी है, किन्ना भी मोड़ी जाईए मुडदी ही नहींÓ अपने बेटे के यह शब्द किलकारी बनकर उपमंडल डबवाली के गांव पन्नीवाला रूलदू की एक दम्पत्ति के कानों में गूंज रहे हैं। उनका बेटा अब 28 सालों का हो गया है। लेकिन मानसिक रूप से परेशान है। शायद यही कमजोरी उसका कसूर बन गई। जिसके कारण मजबूर दम्पत्ति ने अपने कलेजे पर पत्थर रखकर उसे जंजीरों में जकड़ दिया।
गांव पन्नीवाला रूलदू में रहने वाले घग्घी सिंह (52) का बेटा जगवीर उर्फ जग्गा पिछले 15 सालों से जंजीरों में जकड़ा घर के एक कोने में बैठा हुआ है। लेकिन जन्म से वह ऐसा नहीं था। गांव के सरकारी स्कूल से कक्षा पहली, दूसरी और फिर तीसरी पास की। लेकिन चौथी कक्षा में कदम रखते ही न जाने जग्गा को क्या हुआ। हंसता-खेलता चेहरा एकदम से मायूस पड़ गया। स्कूल छोड़ दिया, घर के सदस्यों से बात करनी छोड़कर अपनी ही दुनियां में खो गया। बीतता समय उसका जख्म और गहरा करता गया। 10 वर्ष की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते वह इतना आक्रमक हो गया कि जो भी उसके सामने आता वह उसे मारने के लिए दौड़ता। बिना बताए वह घर से भाग जाने लगा। उसके मां-बाप उसे दिखाने के लिए कभी तांत्रिक, तो कभी डॉक्टर के पास लेजाते। इसके बावजूद भी उसकी आदतें नहीं बदली। अलबत्ता वह ओर ज्यादा खूंखार हो गया। मासूम चेहरे पर हैवान का चेहरा कैसे लग गया। यह किसी की समझ में नहीं आया। मजबूरन हरकतों से तंग आए मां-बाप ने जग्गा को जंजीरों में डाल दिया।
बकौल घग्घी सिंह (52) वह एक दिहाड़ीदार मजदूर है। उसके दो बेटे हरफूल (32) तथा जगवीर उर्फ जग्गा (28) हैं। हरफूल विवाहित है। लेकिन जगवीर को वे लोग बांधने को मजबूर हैं। चौथी कक्षा में दाखिल होते ही उसके बेटे को दौरे पडऩे लगे। कई बार उसे शिक्षा प्राप्त करते हुए कक्षा में ही दौरा पड़ा और वे उसे घर ले आए। दौरा पडऩे से पहले वह आक्रमक भी होने लगा। उसे डबवाली, सिरसा, बठिंडा, गंगानगर के चिकित्सकों के पास लेजाया गया। जगवीर के उपचार पर उसने अपनी दो कैनाल भूमि, घर में पुरूखों की दौलत तक लगा डाली। लेकिन उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। वह घर से भागने लगा। जगवीर की हरकतें दिन-ब-दिन बढऩे लगी, वह घर के सदस्यों से भी उलझने लगा। जिसके कारण उसे अपने कलेजे पर पत्थर रखकर उसे जंजीरों में बांधना पड़ा।
घग्घी सिंह की पत्नी सुखदेव कौर (50) ने बताया कि चिकित्सकों ने उन्हें बताया कि जगवीर को मिर्गी के दौरे पड़ते हैं तथा उसके दिमाग की नसें भी कमजोर हैं। जगवीर की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। वह और अधिक आक्रमक होता जा रहा है। जिसके कारण उसे नशे के इंजेक्शन तथा टेबलेट दी जा रही है।
मजबूर मां-बाप अपने बेटे जगवीर का ईलाज करवाकर थक चुके हैं। लेकिन अब भी उन्हें उनके घर में भगवान रूपी इंसान के पहुंचने की उम्मीद है। उन्हें आशा है कि वह इंसान जल्द आएगा और उसके बेटे के चेहरे की हंसी दोबारा लौटेगी।
डबवाली सिविल अस्पताल के एसएमओ डॉ. विनोद महिपाल से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि इस संबंध में उन्हें आज ही जानकारी मिली है। इसकी जांच के लिए स्वास्थ्य कर्मी की डयूटी लगा दी गई है। स्वास्थ्य कर्मी की रिपोर्ट के बाद जगवीर का ईलाज करवाया जाएगा।
गांव पन्नीवाला रूलदू में रहने वाले घग्घी सिंह (52) का बेटा जगवीर उर्फ जग्गा पिछले 15 सालों से जंजीरों में जकड़ा घर के एक कोने में बैठा हुआ है। लेकिन जन्म से वह ऐसा नहीं था। गांव के सरकारी स्कूल से कक्षा पहली, दूसरी और फिर तीसरी पास की। लेकिन चौथी कक्षा में कदम रखते ही न जाने जग्गा को क्या हुआ। हंसता-खेलता चेहरा एकदम से मायूस पड़ गया। स्कूल छोड़ दिया, घर के सदस्यों से बात करनी छोड़कर अपनी ही दुनियां में खो गया। बीतता समय उसका जख्म और गहरा करता गया। 10 वर्ष की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते वह इतना आक्रमक हो गया कि जो भी उसके सामने आता वह उसे मारने के लिए दौड़ता। बिना बताए वह घर से भाग जाने लगा। उसके मां-बाप उसे दिखाने के लिए कभी तांत्रिक, तो कभी डॉक्टर के पास लेजाते। इसके बावजूद भी उसकी आदतें नहीं बदली। अलबत्ता वह ओर ज्यादा खूंखार हो गया। मासूम चेहरे पर हैवान का चेहरा कैसे लग गया। यह किसी की समझ में नहीं आया। मजबूरन हरकतों से तंग आए मां-बाप ने जग्गा को जंजीरों में डाल दिया।
बकौल घग्घी सिंह (52) वह एक दिहाड़ीदार मजदूर है। उसके दो बेटे हरफूल (32) तथा जगवीर उर्फ जग्गा (28) हैं। हरफूल विवाहित है। लेकिन जगवीर को वे लोग बांधने को मजबूर हैं। चौथी कक्षा में दाखिल होते ही उसके बेटे को दौरे पडऩे लगे। कई बार उसे शिक्षा प्राप्त करते हुए कक्षा में ही दौरा पड़ा और वे उसे घर ले आए। दौरा पडऩे से पहले वह आक्रमक भी होने लगा। उसे डबवाली, सिरसा, बठिंडा, गंगानगर के चिकित्सकों के पास लेजाया गया। जगवीर के उपचार पर उसने अपनी दो कैनाल भूमि, घर में पुरूखों की दौलत तक लगा डाली। लेकिन उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। वह घर से भागने लगा। जगवीर की हरकतें दिन-ब-दिन बढऩे लगी, वह घर के सदस्यों से भी उलझने लगा। जिसके कारण उसे अपने कलेजे पर पत्थर रखकर उसे जंजीरों में बांधना पड़ा।
घग्घी सिंह की पत्नी सुखदेव कौर (50) ने बताया कि चिकित्सकों ने उन्हें बताया कि जगवीर को मिर्गी के दौरे पड़ते हैं तथा उसके दिमाग की नसें भी कमजोर हैं। जगवीर की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। वह और अधिक आक्रमक होता जा रहा है। जिसके कारण उसे नशे के इंजेक्शन तथा टेबलेट दी जा रही है।
मजबूर मां-बाप अपने बेटे जगवीर का ईलाज करवाकर थक चुके हैं। लेकिन अब भी उन्हें उनके घर में भगवान रूपी इंसान के पहुंचने की उम्मीद है। उन्हें आशा है कि वह इंसान जल्द आएगा और उसके बेटे के चेहरे की हंसी दोबारा लौटेगी।
डबवाली सिविल अस्पताल के एसएमओ डॉ. विनोद महिपाल से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि इस संबंध में उन्हें आज ही जानकारी मिली है। इसकी जांच के लिए स्वास्थ्य कर्मी की डयूटी लगा दी गई है। स्वास्थ्य कर्मी की रिपोर्ट के बाद जगवीर का ईलाज करवाया जाएगा।
गुरदीप 'हीराÓ को इंसाफ मिलने की उम्मीद
डबवाली (लहू की लौ) गांव पन्नीवाला रूलदू का हीरा क्या एक बार फिर खुली हवा में सांस ले सकेगा? इस प्रश्न का उत्तर तो प्रशासन के आला अधिकारी ही दे सकते हैं। लेकिन सबकुछ मालूम होते हुए भी वे अनजान बने हुए हैं। लेकिन हीरा इंसाफ मिलने की उम्मीद लिए हुए जी रहा है।
उपमंडल डबवाली के गांव पन्नीवाला रूलदू का गुरदीप 'हीराÓ पिछले 18 वर्षों से जंजीरों में बंधा है। हीरा को जो बीमारी है उसे साईंस के विशेषज्ञ लाईलाज नहीं मानते हैं। इलाज के बाद हीरा आजाद पंछी की तरह खुली हवा में अपने पंख फैलाकर उड़ सकता है। लेकिन यह तभी संभव हो सकता है, जब प्रशासन उसके प्रति संजीदा हो और उसका उपचार करवाए। दुर्भाग्य तो इस बात का है कि प्रशासन ने आज तक हीरा की ओर कदम नहीं बढ़ाया है। यहां बता दें कि गुरदीप उर्फ हीरा भाइयों में से सबसे छोटा है। उसकी उम्र 35 वर्ष हो चुकी है। बाल्यकाल से ही हीरा किसी से कुछ नहीं कहता था। स्कूल से वापिस घर आने के बाद वह गुमसुम सा घर के एक कोने में बैठा रहता। जैसे-तैसे उसने गांव के सरकारी स्कूल से पांचवी पास की। लेकिन 6वीं में प्रवेश पाते ही उसने स्कूल जाना छोड़ दिया। जवानी में पांव रखते ही उसे न जाने क्या हुआ वह घर के सदस्यों से बदसलूकी करने लगा। इसी दौरान हीरा के पिता कौर सिंह की हृदय घात से मौत हो गई। वे सिंचाई विभाग में कार्यरत थे। पिता की मौत के बाद हीरा और तनाव में रहने लगा। वह परिवार के सदस्यों से मारपीट भी करने लगा। बिना बताए वह घर से दूर जाने लगा। सूचना मिलने पर परिवार के सदस्य उसे ढूंढकर घर वापिस लाते। हीरा का चैकअप सिरसा और बठिंडा के डॉक्टरों को भी करवाया। डॉक्टरों की सलाह थी कि हीरा मानसिक रूप से बीमार है। उसे घर में ही रखें।
30 अगस्त को इस मामले में एसएमओ डॉ. विनोद महिपाल से पूछा गया था तो उन्होंने कहा था कि हीरा की पूरी मदद की जाएगी। जिला सिरसा में कोई भी मनोरोग चिकित्सक नहीं है। इसके चलते हीरा को रोहतक में भेजा जाएगा। अस्पताल की ओर से रोहतक लेजाने के लिए उसे एम्बूलैंस उपलब्ध करवाई जाएगी।
उपमंडल डबवाली के गांव पन्नीवाला रूलदू का गुरदीप 'हीराÓ पिछले 18 वर्षों से जंजीरों में बंधा है। हीरा को जो बीमारी है उसे साईंस के विशेषज्ञ लाईलाज नहीं मानते हैं। इलाज के बाद हीरा आजाद पंछी की तरह खुली हवा में अपने पंख फैलाकर उड़ सकता है। लेकिन यह तभी संभव हो सकता है, जब प्रशासन उसके प्रति संजीदा हो और उसका उपचार करवाए। दुर्भाग्य तो इस बात का है कि प्रशासन ने आज तक हीरा की ओर कदम नहीं बढ़ाया है। यहां बता दें कि गुरदीप उर्फ हीरा भाइयों में से सबसे छोटा है। उसकी उम्र 35 वर्ष हो चुकी है। बाल्यकाल से ही हीरा किसी से कुछ नहीं कहता था। स्कूल से वापिस घर आने के बाद वह गुमसुम सा घर के एक कोने में बैठा रहता। जैसे-तैसे उसने गांव के सरकारी स्कूल से पांचवी पास की। लेकिन 6वीं में प्रवेश पाते ही उसने स्कूल जाना छोड़ दिया। जवानी में पांव रखते ही उसे न जाने क्या हुआ वह घर के सदस्यों से बदसलूकी करने लगा। इसी दौरान हीरा के पिता कौर सिंह की हृदय घात से मौत हो गई। वे सिंचाई विभाग में कार्यरत थे। पिता की मौत के बाद हीरा और तनाव में रहने लगा। वह परिवार के सदस्यों से मारपीट भी करने लगा। बिना बताए वह घर से दूर जाने लगा। सूचना मिलने पर परिवार के सदस्य उसे ढूंढकर घर वापिस लाते। हीरा का चैकअप सिरसा और बठिंडा के डॉक्टरों को भी करवाया। डॉक्टरों की सलाह थी कि हीरा मानसिक रूप से बीमार है। उसे घर में ही रखें।
30 अगस्त को इस मामले में एसएमओ डॉ. विनोद महिपाल से पूछा गया था तो उन्होंने कहा था कि हीरा की पूरी मदद की जाएगी। जिला सिरसा में कोई भी मनोरोग चिकित्सक नहीं है। इसके चलते हीरा को रोहतक में भेजा जाएगा। अस्पताल की ओर से रोहतक लेजाने के लिए उसे एम्बूलैंस उपलब्ध करवाई जाएगी।
09 सितंबर 2010
मलेरिया के खिलाफ उठ खड़ा हुआ पंजाब स्वास्थ्य विभाग
डबवाली (लहू की लौ) स्वास्थ्य विभाग पंजाब ने लम्बी हल्के में मलेरिया से लडऩे के लिए कमर कस ली है। गांव सिंघेवाला में मलेरिया से एक युवती की मौत के बाद विभाग ने गांव के लोगों को मलेरिया से मुक्ति दिलाने के लिए दो टीमों का गठन किया है।
एसएमओ लम्बी डॉ. अजमेर सिंह धालीवाल ने स्वीकार किया कि लम्बी हल्के में मलेरिया अपने पांव पसार रहा है। उनके अनुसार अगस्त माह से लेकर अब तक इस हल्के में लगभग 1650 बीमार लोगों की सलाईडें तैयार की गईं, जिनमें से तीन केस पॉजीटिव पाये गये। उनके अनुसार लालबाई में बलजिन्द्र सिंह पुत्र कौर सिंह, अबुलखुराना में जसकरण सिंह पुत्र बलवीर सिंह, किलियांवाली में चमकौर सिंह पुत्र प्रीतम सिंह मलेरिया का शिकार पाया गया और उन्हें मौका पर ही इसकी चिकित्सा भी उपलब्ध करवा दी गई।
लेकिन हाल में गांव सिंघेवाला में लक्ष्मी (17) पुत्री जसवन्त सिंह की मलेरिया से मौत की खबर विभाग को मिली है। तभी से विभाग ने इस गांव में मलेरिया पर सर्वे करवाने का निर्णय लेते हुए इसके लिए हैल्थ वर्करों पर आधारित दो टीमें गठित की हैं। इन टीमों को दो या तीन दिन के भीतर गांव सिंघेवाला तथा इसी गांव के स्कूल के बच्चों पर सर्वे करके इसकी रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिये गये हैं।
धालीवाल के अनुसार यह टीमें 8 और 9 सितम्बर को गांव और स्कूल में जाकर बुखार से प्रभावित लोगों की सलाईडें बनायेंगी। सलाईडों की जांच के बाद जो भी मलेरिया से प्रभावित पाया जायेगा उनका इलाज भी सरकारी खर्चे पर करवाया जायेगा।
एसएमओ लम्बी डॉ. अजमेर सिंह धालीवाल ने स्वीकार किया कि लम्बी हल्के में मलेरिया अपने पांव पसार रहा है। उनके अनुसार अगस्त माह से लेकर अब तक इस हल्के में लगभग 1650 बीमार लोगों की सलाईडें तैयार की गईं, जिनमें से तीन केस पॉजीटिव पाये गये। उनके अनुसार लालबाई में बलजिन्द्र सिंह पुत्र कौर सिंह, अबुलखुराना में जसकरण सिंह पुत्र बलवीर सिंह, किलियांवाली में चमकौर सिंह पुत्र प्रीतम सिंह मलेरिया का शिकार पाया गया और उन्हें मौका पर ही इसकी चिकित्सा भी उपलब्ध करवा दी गई।
लेकिन हाल में गांव सिंघेवाला में लक्ष्मी (17) पुत्री जसवन्त सिंह की मलेरिया से मौत की खबर विभाग को मिली है। तभी से विभाग ने इस गांव में मलेरिया पर सर्वे करवाने का निर्णय लेते हुए इसके लिए हैल्थ वर्करों पर आधारित दो टीमें गठित की हैं। इन टीमों को दो या तीन दिन के भीतर गांव सिंघेवाला तथा इसी गांव के स्कूल के बच्चों पर सर्वे करके इसकी रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिये गये हैं।
धालीवाल के अनुसार यह टीमें 8 और 9 सितम्बर को गांव और स्कूल में जाकर बुखार से प्रभावित लोगों की सलाईडें बनायेंगी। सलाईडों की जांच के बाद जो भी मलेरिया से प्रभावित पाया जायेगा उनका इलाज भी सरकारी खर्चे पर करवाया जायेगा।
ट्रक ने युवक सहित दो कुचले
गांव चौटाला स्थित टैक्स बैरियर पर मंगलवार रात करीब 1 बजे घटित हुआ हादसा
डबवाली (लहू की लौ) चौटाला के सेल्ज टैक्स बैरियर पर मंगलवार रात को करीब एक बजे एक अज्ञात ट्रक दो जनों को कुचल कर फरार हो गया। घायलों की कुछ समय बाद मौत हो गई।
चौटाला टैक्स बैरियर पर कार्यरत इंस्पेक्टर बलराज सिंह ने बताया कि रात को वह डयूटी पर था। रात के करीब एक बजे डबवाली साईड से तेजगति से आया ट्रक बैरियर पर पहले खड़े सीमेंट के भरे ट्रक से जा टकराया। इसके बाद जब ट्रक चालक ट्रक को भगाने लगा तो बैरियर पर तैनात चतुर्थश्रेणी कर्मी सोहन लाल (36) पुत्र साहब राम निवासी कर्मगढ़ जिला सिरसा अपने साथियों के साथ ट्रक को रोकने लिए इसके नजदीक पहुंचा तो ट्रक चालक ने साईड मार कर सोहन लाल को घायल कर दिया।
इंंस्पेक्टर के अनुसार तेजगति से दौड़ता यह ट्रक वहीं पर स्थित कीकर से जा टकराया और ट्रक की पाईपें कीकर में धंस गईं। ट्रक चालक इसके बावजूद ट्रक को कीकर से निकाल कर संगरिया की ओर फरार हो गया। जाते-जाते बैरियर के नजदीक ही यह ट्रक एक अन्य युवक को रौंद गया। बलराज सिंह ने बताया कि घायल अवस्था में सोहन लाल को सिरसा के सरकारी अस्पताल में ले जाया गया। लेकिन चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया।
थाना सदर के अन्तर्गत आने वाली चौटाला चौकी के प्रभारी एसआई जीत सिंह ने बताया कि इंस्पेक्टर बलराज सिंह के ब्यान पर अज्ञात ट्रक चालक के खिलाफ लापरवाही से ट्रक चला कर दो व्यक्तियों को कुचलने के आरोप में धारा 279/304ए/427 आईपीसी के तहत मामला दर्ज करके ट्रक चालक की तालाश शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि बैरियर के पास मृत मिले युवक की पहचान नहीं हो पायी है।
डबवाली (लहू की लौ) चौटाला के सेल्ज टैक्स बैरियर पर मंगलवार रात को करीब एक बजे एक अज्ञात ट्रक दो जनों को कुचल कर फरार हो गया। घायलों की कुछ समय बाद मौत हो गई।
चौटाला टैक्स बैरियर पर कार्यरत इंस्पेक्टर बलराज सिंह ने बताया कि रात को वह डयूटी पर था। रात के करीब एक बजे डबवाली साईड से तेजगति से आया ट्रक बैरियर पर पहले खड़े सीमेंट के भरे ट्रक से जा टकराया। इसके बाद जब ट्रक चालक ट्रक को भगाने लगा तो बैरियर पर तैनात चतुर्थश्रेणी कर्मी सोहन लाल (36) पुत्र साहब राम निवासी कर्मगढ़ जिला सिरसा अपने साथियों के साथ ट्रक को रोकने लिए इसके नजदीक पहुंचा तो ट्रक चालक ने साईड मार कर सोहन लाल को घायल कर दिया।
इंंस्पेक्टर के अनुसार तेजगति से दौड़ता यह ट्रक वहीं पर स्थित कीकर से जा टकराया और ट्रक की पाईपें कीकर में धंस गईं। ट्रक चालक इसके बावजूद ट्रक को कीकर से निकाल कर संगरिया की ओर फरार हो गया। जाते-जाते बैरियर के नजदीक ही यह ट्रक एक अन्य युवक को रौंद गया। बलराज सिंह ने बताया कि घायल अवस्था में सोहन लाल को सिरसा के सरकारी अस्पताल में ले जाया गया। लेकिन चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया।
थाना सदर के अन्तर्गत आने वाली चौटाला चौकी के प्रभारी एसआई जीत सिंह ने बताया कि इंस्पेक्टर बलराज सिंह के ब्यान पर अज्ञात ट्रक चालक के खिलाफ लापरवाही से ट्रक चला कर दो व्यक्तियों को कुचलने के आरोप में धारा 279/304ए/427 आईपीसी के तहत मामला दर्ज करके ट्रक चालक की तालाश शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि बैरियर के पास मृत मिले युवक की पहचान नहीं हो पायी है।
जोरदार होगा क्वींस बैटन का स्वागत
डबवाली (लहू की लौ) आगामी 26 सितम्बर को डबवाली में प्रवेश करने पर क्वींस बैटन रिले का जोरदार स्वागत किया जाएगा। स्वागत के लिए उपमंडल स्तर पर एक दर्जन से भी अधिक कमेटियों का गठन किया है। यह जानकारी डबवाली के उपमंडल अधिकारी (ना.) मुनीश नागपाल ने विभिन्न कमेटियों में शामिल सभी अधिकारियों की बैठक में दी। उन्होंने कहा कि क्वींस बैटन रिले के स्वागत के लिए विभिन्न विभागों को जिम्मेवारियों सौंपी गई है। उन्होंने बताया कि क्वींस बैटन के आगमन पर सुरक्षा व यातायात के नियंत्रण की जिम्मेवारी उपपुलिस अधीक्षक, डबवाली तथा सचिव परिवहन प्राधिकरण अधिकारी, सिरसा को सौंपी गई है। इसी प्रकार से वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी, डबवाली सहित एक मैडीकल टीम द्वारा एंबुलेस आदि की व्यवस्था की जिम्मेवारी सांैपी गई है। इसके साथ-साथ मार्केट कमेटी के सचिव व फायर ब्रिगेड ऑफिसर मार्केट कमेटी डबवाली की भी फायर टैंडर संबंधी जिम्मेवारी सुनिश्चित की गई है। नागपाल ने बताया कि सफाई आदि की व्यवस्था सुचारु रखने संबंधी जिम्मेवारी सचिव नगरपालिका, डबवाली, गांवों मेंसफाई आदि की व्यवस्था के लिए खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी, पीने के पानी व्यवस्था की जिम्मेवारी खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी, डबवाली, सचिव मार्केट कमेटी डबवाली तथा एसएमओ डबवाली को सौंपी गई है। इसके साथ-साथ शहर में सड़कों आदि की मरम्मत संबंधी जिम्मेवारी व लोक निर्माण विश्राम गृह को सुज्जित करने का कार्य राष्ट्रीय राजमार्ग के उपमंडल अभियंता सिरसा को सौंपा गया है। उन्होंने आगे बताया कि रिले के दौरान आने वाले सभी खिलाडिय़ों के ठहरने व अन्य सुविधाओं के लिए जिला खेल अधिकारी अपने स्तर पर स्वयं प्रबंध करेंगे। रिले के दौरान क्रेन आदि की व्यवस्था के लिए यातायात प्रबंधक हरियाणा राज्य परिवहन डबवाली को जिम्मेवारी सौंपी गई है। बिजली आपूर्ति के लिए कार्यकारी अभियंता दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम, रैली के मार्ग में पडऩे वाले गांवों में पंचायतों के माध्यम से स्वागत गेट लगवाने का कार्य सचिव नगरपालिका, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी डबवाली व उपमंडल जन स्वास्थ्य अधिकारी, डबवाली का होगा। इसके अतिरिक्त दोपहर के खाने की व्यवस्था जिला खेल एवं युवा कल्याण अधिकारी व सहायक खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की देखरेख में होगी। वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डबवाली भोजन की शुद्वता की जांच करेंगे। जिला खेल एवं युवा कल्याण अधिकारी द्वारा सेना बैंड भी सुनिश्चित किया जाएगा। रिले के मार्ग में पडऩे वाले टेढे मेढ़े वृक्षों आदि की ठीक प्रकार से काट छांट का कार्य वन राजिक अधिकारी डबवाली द्वारा किया जाएगा।
बिज्जूवाली-बनवाला मार्ग किया जाम
बनवाला (जसवंत जाखड़) विद्यार्थियों ने बस सुविधा की मांग को लेकर गांव बिज्जूवाली-बनवाला रोड़ पर जाम लगा दिया। यह जाम दो घंटे तक लगा रहा।
गांव रिसालियाखेड़ा, औढां तथा कालांवाली में पढऩे के लिए जाने वाले गांव बिज्जूवाली के विद्यार्थियों ने बस सुविधा का अभाव होने का आरोप लगाते हुए सुबह 8 बजे अचानक गांव के बनवाला रोड़ पर जाम लगा दिया। जोकि दो घंटे तक चला। विद्यार्थी अनु, सतपाल, पवन, राजेन्द्र, मोहन लाल, हेमराज, मनीराम और पवन कुमार ने बताया कि कालूआना-कालांवाली मार्ग पर सुबह केवल एक प्राईवेट बस चलती है और उसमें विद्यार्थी पूरे नहीं आते। विद्यार्थियों की संख्या उस समय ज्यादा होने के कारण अक्सर प्राईवेट बस चालक भी बस का यह समय मिस कर देते हैं। जिसके चलते उन्हें भारी परेशानी होती है और लेट होने पर अध्यापक भी उन्हें विद्यालय में प्रवेश नहीं देते।
उनकी मांग है कि सरकार उनके लिए इस रूट पर रोड़वेज की बस चलाये और विद्याािर्थयों को समय पर पहुंचाने का दायित्व संभाले। जाम की सूचना पाकर गांव के सरपंच राजाराम, पंच देवपाल, राजपाल, दिनेश कुमार, रामपाल भी मौका पर पहुंच गये। इधर गोरीवाला पुलिस चौकी के प्रभारी एसआई रमेश कुमार अपने दलबल के साथ पहुंचे। उनके समझाने बुझाने और उनकी समस्या को सरकार तक पहुंचाने व प्राईवेट बस मालिक के साथ बातचीत करके इस समस्या का समधान निकलवाने का आश्वासन देने पर ही छात्र शांत हुए। दो घंटे का बाद जाम खुल सका।
इस संबंध में एसआई रमेश कुमार ने बताया कि विद्यार्थियों की मांग जायज है और उन्हें पूरा करवाने के लिए प्राईवेट बस मालिक के साथ बातचीत की जायेगी। बस मालिक को इसके लिए थाना में बुलाया गया है।
गांव रिसालियाखेड़ा, औढां तथा कालांवाली में पढऩे के लिए जाने वाले गांव बिज्जूवाली के विद्यार्थियों ने बस सुविधा का अभाव होने का आरोप लगाते हुए सुबह 8 बजे अचानक गांव के बनवाला रोड़ पर जाम लगा दिया। जोकि दो घंटे तक चला। विद्यार्थी अनु, सतपाल, पवन, राजेन्द्र, मोहन लाल, हेमराज, मनीराम और पवन कुमार ने बताया कि कालूआना-कालांवाली मार्ग पर सुबह केवल एक प्राईवेट बस चलती है और उसमें विद्यार्थी पूरे नहीं आते। विद्यार्थियों की संख्या उस समय ज्यादा होने के कारण अक्सर प्राईवेट बस चालक भी बस का यह समय मिस कर देते हैं। जिसके चलते उन्हें भारी परेशानी होती है और लेट होने पर अध्यापक भी उन्हें विद्यालय में प्रवेश नहीं देते।
उनकी मांग है कि सरकार उनके लिए इस रूट पर रोड़वेज की बस चलाये और विद्याािर्थयों को समय पर पहुंचाने का दायित्व संभाले। जाम की सूचना पाकर गांव के सरपंच राजाराम, पंच देवपाल, राजपाल, दिनेश कुमार, रामपाल भी मौका पर पहुंच गये। इधर गोरीवाला पुलिस चौकी के प्रभारी एसआई रमेश कुमार अपने दलबल के साथ पहुंचे। उनके समझाने बुझाने और उनकी समस्या को सरकार तक पहुंचाने व प्राईवेट बस मालिक के साथ बातचीत करके इस समस्या का समधान निकलवाने का आश्वासन देने पर ही छात्र शांत हुए। दो घंटे का बाद जाम खुल सका।
इस संबंध में एसआई रमेश कुमार ने बताया कि विद्यार्थियों की मांग जायज है और उन्हें पूरा करवाने के लिए प्राईवेट बस मालिक के साथ बातचीत की जायेगी। बस मालिक को इसके लिए थाना में बुलाया गया है।
06 सितंबर 2010
बिजली आपूर्ति को लेकर ग्रामीणों ने लगाया जाम
सिरसा। जिला के गांव पनिहारी के खेतों में घर बनाकर रह रहे लोगों ने बिजली आपूर्ति की मांग को लेकर सिरसा-चंडीगढ़ मार्ग अवरूद्ध कर दिया जिससे वाहनों की लम्बी कतार लग गई और लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ी।
ग्रामीण निर्मल सिंह,हुक्मचंद, मक्खन, गुरबचन, जंडीराम, गोपीराम, गुरमीत सिंह,कशमीर सिंह,गुरचरण सिंह,पाल सिंह,वजीर सिंह,भाला सिंह सहित काफी किसान आज प्रात:सिरसा-चंडीगढ़ मार्ग पर आ डटे और जाम लगा दिया। ग्रामीणों की मांग है कि उनकी करीब आधा सैंकड़ा ढाणियों को रात्री के समय बिजली आपूर्ति नहीं की जा रही जिससे मच्छर परेशान करते हैं। मच्छरों के काट खाने से मलेरिया व अन्य बिमारियां पनप रहीं हैं। विभागीय अधिकारियों से बार-बार गुहार लगाए जाने के बावजूद समस्या ज्यों की त्यों बरकरार है। जाम की सूचना मिलने पर बिजली निगम के एस डी ओ ओ.पी. बिश्रोई,सदर थाना से ए.एस.आई. सतबीर सिंह दलबल सहित मौके पर पहुंचे। काफी जद्दोजहद के बाद गांव पनिहारी के सरपंच मनविन्द्र सिंह द्वारा समझाने के बाद बिजली निगम के अध्किारियों द्वारा रात्री 7 से सुबह 4 बजे तक दो फेज बिजली आपूर्ति के आश्वासन पर आन्दोलनकारियों ने जाम खोला।
ग्रामीण निर्मल सिंह,हुक्मचंद, मक्खन, गुरबचन, जंडीराम, गोपीराम, गुरमीत सिंह,कशमीर सिंह,गुरचरण सिंह,पाल सिंह,वजीर सिंह,भाला सिंह सहित काफी किसान आज प्रात:सिरसा-चंडीगढ़ मार्ग पर आ डटे और जाम लगा दिया। ग्रामीणों की मांग है कि उनकी करीब आधा सैंकड़ा ढाणियों को रात्री के समय बिजली आपूर्ति नहीं की जा रही जिससे मच्छर परेशान करते हैं। मच्छरों के काट खाने से मलेरिया व अन्य बिमारियां पनप रहीं हैं। विभागीय अधिकारियों से बार-बार गुहार लगाए जाने के बावजूद समस्या ज्यों की त्यों बरकरार है। जाम की सूचना मिलने पर बिजली निगम के एस डी ओ ओ.पी. बिश्रोई,सदर थाना से ए.एस.आई. सतबीर सिंह दलबल सहित मौके पर पहुंचे। काफी जद्दोजहद के बाद गांव पनिहारी के सरपंच मनविन्द्र सिंह द्वारा समझाने के बाद बिजली निगम के अध्किारियों द्वारा रात्री 7 से सुबह 4 बजे तक दो फेज बिजली आपूर्ति के आश्वासन पर आन्दोलनकारियों ने जाम खोला।
भूमि अधिग्रहण मामले में गोरखपुर के किसान भूख हड़ताल पर बैठे
सिरसा। परमाणु सयंत्र के लिए भूमि अधिग्रहण के खिलाफ पिछली 20 अगस्त से धरने पर बैठे गोरखपुर के किसानो ने अपना विरोध अब और तेज कर दिया है। किसानों ने आज से फतेहाबाद लघुसचिवालय में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है। किसान संघर्ष समिति सदस्यों ने बताया कि सरकार उनकी मांग पर किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दे रही है। आज की भूख हड़ताल में संघर्ष समिति के प्रधान हंसराज सिवाच, बलराज शर्मा, इंद्र सिवाच, शमशेर सिंह श्योकंद, रिसाल सिंह सिवाच शामिल हुए। हर रोज पांच किसान भूख हड़ताल पर बैठेंगे।
समिति प्रधान हंसराज ने कहा कि सरकार किसानों की उपजाऊ भूमि पर सयंत्र लगाने पर अड़ी है लेकिन वे किसी भी कीमत पर अपनी जमीन नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि आज से किसान भूखहड़ताल पर बैठ गए हैं और भविष्य में यदि कोई अप्रिय घटना होती है तो उसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी। किसान संघर्ष समिति सदस्यों ने कहा कि सरकार ने जल्द ही अगर कोई निर्णय किसानों के संदर्भ में नहीं लिया तो वे अपना आंदोलन इससे भी तेज करेंगे। किसानों के साथ धरने पर आज हजकां जिलाध्यक्ष निहाल सिहं मताना, हजकां पूर्व जिलाध्यक्ष राजेंद्र चौधरी काका ,कुम्हार सभा के प्रधान विरेंद्र सिंह बागोरिया, सतबीर सिंह, सीताराम, हवा सिंह ने भी धरने पर पहुंचकर किसानों को समर्थन दिया।
उधर,अखिल भारतीय युवक कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सिरसा के सांसद डॉ. अशोक तंवर ने कहा कि सिरसा संसदीय क्षेत्र के गांव गोरखपुर में स्थापित हो रहे परमाणु बिजली संयत्र के लिए भूमि अधिग्रहण को लेकर धरनारत्त किसान राजनीति का शिकार न होकर मुआवजे बढ़ोतरी को लेकर राज्य सरकार से बैठकर बात करे ताकि मांग पूर्ति हो सके। सांसद तंवर सिरसा में रानियां रोड स्थित स. गुरदीप सिंह के निवास पर इस संवाददाता से बातचीत कर रहे थे। सांसद तंवर ने कहा कि विपक्षी दल जब सत्ता में रहे तो राज्य में बिजली उत्पादन की खातिर एक कदम तक नहीं बढ़ाया और आज प्रदेश में सत्तारूढ़ कंाग्रेस सरकार बिजली संयत्र स्थापित करने लगी है तो विपक्ष को पच नहीं रहा तथा किसानों को मोहरा बना सियासी खेल खेल रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लग रहे चार बड़े बिजली संयत्रों से हरियाणा शीघ्र ही बिजली में आत्मनिर्भर हो जाएगा।
समिति प्रधान हंसराज ने कहा कि सरकार किसानों की उपजाऊ भूमि पर सयंत्र लगाने पर अड़ी है लेकिन वे किसी भी कीमत पर अपनी जमीन नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि आज से किसान भूखहड़ताल पर बैठ गए हैं और भविष्य में यदि कोई अप्रिय घटना होती है तो उसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी। किसान संघर्ष समिति सदस्यों ने कहा कि सरकार ने जल्द ही अगर कोई निर्णय किसानों के संदर्भ में नहीं लिया तो वे अपना आंदोलन इससे भी तेज करेंगे। किसानों के साथ धरने पर आज हजकां जिलाध्यक्ष निहाल सिहं मताना, हजकां पूर्व जिलाध्यक्ष राजेंद्र चौधरी काका ,कुम्हार सभा के प्रधान विरेंद्र सिंह बागोरिया, सतबीर सिंह, सीताराम, हवा सिंह ने भी धरने पर पहुंचकर किसानों को समर्थन दिया।
उधर,अखिल भारतीय युवक कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सिरसा के सांसद डॉ. अशोक तंवर ने कहा कि सिरसा संसदीय क्षेत्र के गांव गोरखपुर में स्थापित हो रहे परमाणु बिजली संयत्र के लिए भूमि अधिग्रहण को लेकर धरनारत्त किसान राजनीति का शिकार न होकर मुआवजे बढ़ोतरी को लेकर राज्य सरकार से बैठकर बात करे ताकि मांग पूर्ति हो सके। सांसद तंवर सिरसा में रानियां रोड स्थित स. गुरदीप सिंह के निवास पर इस संवाददाता से बातचीत कर रहे थे। सांसद तंवर ने कहा कि विपक्षी दल जब सत्ता में रहे तो राज्य में बिजली उत्पादन की खातिर एक कदम तक नहीं बढ़ाया और आज प्रदेश में सत्तारूढ़ कंाग्रेस सरकार बिजली संयत्र स्थापित करने लगी है तो विपक्ष को पच नहीं रहा तथा किसानों को मोहरा बना सियासी खेल खेल रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लग रहे चार बड़े बिजली संयत्रों से हरियाणा शीघ्र ही बिजली में आत्मनिर्भर हो जाएगा।
मंत्री के चालक ने किया रेप
नई दिल्ली। प्रदेश के गृह राज्यमंत्री के चालक द्वारा एक युवती से दुष्कर्म किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। फिलहाल पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ मारपीट व जान से मारने की धमकी देने का अभियोग दर्ज किया है। युवती को चिकित्सकीय जांच के लिए सफदरगंज अस्पताल में ले जाया गया।
मिली जानकारी के अनुसार गृह राज्यमंत्री गोपाल कांडा की भांजी गुडग़ांव स्थित एमएलए फ्लैट्स सैक्टर नं. 28, मकान नं. 405 में रह रही है। उसके घर सिलीगुड़ी निवासी रिचा (काल्पनिक नाम)कार्यरत है। विगत 26 अगस्त को मंत्री की भांजी ने किसी कार्यवश बाहर जाना था। रिचा को उसने उसकी सहेली वसंत विहार में रहने वाली खुशी के घर छोड़ दिया। सूत्रों के मुताबिक अगले ही दिन मंत्री का चालक सुनील लालबत्ती लगी टक्शन गाड़ी लेकर खुशी के घर जा पहुंचा। सुनील ने रिचा को यह कहकर गाड़ी में बैठा लिया कि मैडम लौट आई हैं। रिचा सुनील के साथ गाड़ी में सवार होकर घर पहुंची। यहां सुनील ने रिचा के साथ बलात्कार किया। रिचा किसी को इस बारे में न बताए उसे जान से मारने की धमकी भी दी। अगले दिन रिचा ने सारा वाक्या मंत्री की भांजी को बताया। उसने भी मामले पर लीपापोती करनी चाही। मानसिक रूप से पीडि़त रिचा को पुन: उसकी सहेली खुशी के घर भेज दिया। सूत्रों के अनुसार रिचा को ब्लीडिंग शुरू हो गई। खुशी रिचा को लेकर अस्पताल पहुंची, यहां चिकित्सकों ने रिचा से बलात्कार होने की बात कही। खुशी ने सुनील को फोन कर धमकाया। तैश में आए सुनील ने कल अपने साथियों गौतम, संजू व अमरजीत को खुशी के घर उसी टक्शन गाड़ी में भेजा। यहां उक्त तीनों ने रिचा व खुशी के साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी। किसी तरह खुशी ने पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और टक्शन गाड़ी व उक्त तीनों आरोपियों को मौके पर ही धरदबोचा। फिलहाल खुशी की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने उक्त तीनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 323, 324, 506 के तहत मामला दर्ज किया है। रिचा से हुए दुष्कर्म के मामले में दिल्ली पुलिस ने गुडग़ांव पुलिस को सूचित कर दिया है। रिचा की चिकित्सकीय जांच के लिए उसे सफदरगंज दिल्ली अस्पताल ले जाया गया। जब इस सम्बंध में गृह राज्यमंत्री गोपाल कांडा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सुनील नामक युवक उनका चालक नहीं है। जो गाड़ी पुलिस द्वारा काबू की गई है वह उनकी नहीं बल्कि उनके रिश्तेदारों की है।
मिली जानकारी के अनुसार गृह राज्यमंत्री गोपाल कांडा की भांजी गुडग़ांव स्थित एमएलए फ्लैट्स सैक्टर नं. 28, मकान नं. 405 में रह रही है। उसके घर सिलीगुड़ी निवासी रिचा (काल्पनिक नाम)कार्यरत है। विगत 26 अगस्त को मंत्री की भांजी ने किसी कार्यवश बाहर जाना था। रिचा को उसने उसकी सहेली वसंत विहार में रहने वाली खुशी के घर छोड़ दिया। सूत्रों के मुताबिक अगले ही दिन मंत्री का चालक सुनील लालबत्ती लगी टक्शन गाड़ी लेकर खुशी के घर जा पहुंचा। सुनील ने रिचा को यह कहकर गाड़ी में बैठा लिया कि मैडम लौट आई हैं। रिचा सुनील के साथ गाड़ी में सवार होकर घर पहुंची। यहां सुनील ने रिचा के साथ बलात्कार किया। रिचा किसी को इस बारे में न बताए उसे जान से मारने की धमकी भी दी। अगले दिन रिचा ने सारा वाक्या मंत्री की भांजी को बताया। उसने भी मामले पर लीपापोती करनी चाही। मानसिक रूप से पीडि़त रिचा को पुन: उसकी सहेली खुशी के घर भेज दिया। सूत्रों के अनुसार रिचा को ब्लीडिंग शुरू हो गई। खुशी रिचा को लेकर अस्पताल पहुंची, यहां चिकित्सकों ने रिचा से बलात्कार होने की बात कही। खुशी ने सुनील को फोन कर धमकाया। तैश में आए सुनील ने कल अपने साथियों गौतम, संजू व अमरजीत को खुशी के घर उसी टक्शन गाड़ी में भेजा। यहां उक्त तीनों ने रिचा व खुशी के साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी। किसी तरह खुशी ने पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और टक्शन गाड़ी व उक्त तीनों आरोपियों को मौके पर ही धरदबोचा। फिलहाल खुशी की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने उक्त तीनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 323, 324, 506 के तहत मामला दर्ज किया है। रिचा से हुए दुष्कर्म के मामले में दिल्ली पुलिस ने गुडग़ांव पुलिस को सूचित कर दिया है। रिचा की चिकित्सकीय जांच के लिए उसे सफदरगंज दिल्ली अस्पताल ले जाया गया। जब इस सम्बंध में गृह राज्यमंत्री गोपाल कांडा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सुनील नामक युवक उनका चालक नहीं है। जो गाड़ी पुलिस द्वारा काबू की गई है वह उनकी नहीं बल्कि उनके रिश्तेदारों की है।
400 फीडरों का होगा रख-रखाव
चण्डीगढ़। दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वारा अपने क्षेत्र में शुरू किए गए बिजली आपूर्ति प्रणाली रख्र-रखाव पखवाड़ा के दौरान 11 के.वी. स्तर के 400 फ ीडरों का रख्र-रखाव किया जाएगा। निगम द्वारा शुरू किया गया रख्र-रखाव पखवाड़ा 20 सितम्बर तक जारी रहेगा।
निगम के एक प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए आज बताया कि पिछले पांच दिनों के दौरान निगम के ऑप्रेशन विंग के कर्मचारियों ने इन फ ीडरों पर रख-रखाव का कौन सा काम कहां किया जाना है कि पहचान कर ली है। इससे पूर्व पूरे क्षेत्र में सर्वेक्षण कर ऐसे 400 फ ीडरों की पहचान की गई थी, जिन पर रख्र-रखाव के कार्य की अपेक्षाकृत ज्यादा जरूरत है।
प्रवक्ता ने बताया कि रखरखाव कार्यों में लाईनों के पास की वृक्षों की टहनियां काटना, ढीले तारों को खिंचना, जम्फ र सही करना, 11 के.वी. जम्फ र की मेल- फि मेल का उचित मिलान, जी.ओ.स्विचों की कार्यप्रणाली ठीक करना, कम से कम पहले एच पोल की अर्थिग प्रणाली ठीक करना, असुरक्षित क्षेत्रों में सही गार्डिगं, स्टे वायर को कसना व एग इन्सूलेटर आदि को चैक करने का कार्य शामिल होगा।
उन्होंने बताया कि पाक्षिक रख-रखाव के अलावा गत मई मास में शुरू किए गए विशेष अभियान के तहत अभी तक 11 के.वी. स्तर के 428 फ ीडरों का रख-रखाव कर लिया गया है। इस अभियान के तहत 11 के.वी. स्तर के सभी 2628 फ ीडरों का समयबद्ध रख-रखाव किया जाएगा ताकि तूफ ानी व प्रतिकूल मौसम में भी बाधा रहित बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके तथा कम बाधाओं वाली बिजली आपूर्ति के साथ-साथ तकनीकी घाटा भी कम से कम हो। इस अभियान के तहत फ ीडर का सब-स्टेशन से लेकर बिजली वितरक ट्रांसफ ार्मर तक पूरी प्रणाली का रख-रखाव किया जा रहा है व तारों की जमीन से उचित दूरी सुनिश्चित करने के लिए उनको खींचा जा रहा है।
निगम के एक प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए आज बताया कि पिछले पांच दिनों के दौरान निगम के ऑप्रेशन विंग के कर्मचारियों ने इन फ ीडरों पर रख-रखाव का कौन सा काम कहां किया जाना है कि पहचान कर ली है। इससे पूर्व पूरे क्षेत्र में सर्वेक्षण कर ऐसे 400 फ ीडरों की पहचान की गई थी, जिन पर रख्र-रखाव के कार्य की अपेक्षाकृत ज्यादा जरूरत है।
प्रवक्ता ने बताया कि रखरखाव कार्यों में लाईनों के पास की वृक्षों की टहनियां काटना, ढीले तारों को खिंचना, जम्फ र सही करना, 11 के.वी. जम्फ र की मेल- फि मेल का उचित मिलान, जी.ओ.स्विचों की कार्यप्रणाली ठीक करना, कम से कम पहले एच पोल की अर्थिग प्रणाली ठीक करना, असुरक्षित क्षेत्रों में सही गार्डिगं, स्टे वायर को कसना व एग इन्सूलेटर आदि को चैक करने का कार्य शामिल होगा।
उन्होंने बताया कि पाक्षिक रख-रखाव के अलावा गत मई मास में शुरू किए गए विशेष अभियान के तहत अभी तक 11 के.वी. स्तर के 428 फ ीडरों का रख-रखाव कर लिया गया है। इस अभियान के तहत 11 के.वी. स्तर के सभी 2628 फ ीडरों का समयबद्ध रख-रखाव किया जाएगा ताकि तूफ ानी व प्रतिकूल मौसम में भी बाधा रहित बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके तथा कम बाधाओं वाली बिजली आपूर्ति के साथ-साथ तकनीकी घाटा भी कम से कम हो। इस अभियान के तहत फ ीडर का सब-स्टेशन से लेकर बिजली वितरक ट्रांसफ ार्मर तक पूरी प्रणाली का रख-रखाव किया जा रहा है व तारों की जमीन से उचित दूरी सुनिश्चित करने के लिए उनको खींचा जा रहा है।
मुआवजा राशि में वृद्धि की घोषणा
चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डïा ने आज हरियाणा विधानसभा में बाढ़ से नलकूपों और फसलों को हुए नुकसान के लिये दिये जाने वाली मुआवजा राशि में वृद्घि करने की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि अब किसानों को नलकूपों की क्षतिपूर्ति के लिये 5000 रुपये की बजाय 7500 रुपये की राशि दी जायेगी। मुख्यमंत्री ने फसली मुआवजे में भी प्रति एकड़ 500 रुपये की वृद्घि करने की घोषणा की। जिन किसानों की फसलों में 76 प्रतिशत से 100 प्रतिशत तक क्षति हुई हैं, उन्हें 5000 रुपये प्रति एकड़ की बजाय 5500 रुपये प्रति एकड़, जिनकी फसलों में 51 प्रतिशत से 75 प्रतिशत के बीच क्षति हुई हैं, उन्हें 4000 रुपये प्रति एकड़ की बजाय 4500 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जायेगा और जिन किसानों की फसलों को 26 प्रतिशत से 50 प्रतिशत के बीच नुकसान हुआ है, उन्हें 3000 रुपये प्रति एकड़ की बजाय 3500 रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा दिया जायेगा। मुख्यमंत्री की इस घोषणा से किसानों को लगभग 11.50 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि मिलेगी।
इससे पूर्व संसदीय मामले मंत्री श्री रणदीप सिंह सूरजेवाला ने ध्यानाकर्षण नोटिस का जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश में हाल ही में आई बाढ़ से प्रभावित हुए जिला अम्बाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, सिरसा, यमुनानगर एवं फतेहाबाद में करवाई गई विशेष गिरदावरी के आधार पर राज्य सरकार द्वारा किसानों को मुआवजा देने के लिए 111.09 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई। इसके अतिरिक्त, सरकार ने जिन किसानों के बाढ़ प्रभावित खेतों में दोबारा बिजाई नहीं हो सकी है, उनके बिजली के बिलों की प्रतिपूर्ति करने का भी निर्णय लिया है और इन जिलों में क्षतिग्रस्त नलकूपों के लिए राहत देने का मामला भी सरकार के विचाराधीन है।
उन्होंने बताया कि जिन किसानों की भूमि बाढ़ से प्रभावित हुई है और खेतों की दोबारा बिजाई नहीं की जा सकी है, उनके बिजली के बिजलों की प्रतिपूर्ति की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिस अवधि के दौरान किसानों के पम्प सैट पानी में डूबे रहे, चाहे नलकूल खराब हुआ या नहीं, के लिए मुआवजे की राशि न्यूनतम मासिक चार्ज 200 रुपये प्रति बीएचपी वार्षिक के आधार पर होगी।
उन्होंने कहा कि विशेष गिरदावरी रिपोर्ट के अनुसार बाढ़ के कारण जिला फतेहाबाद में 66613 एकड़, सिरसा में 33171 एकड़, कुरूक्षेत्र में 53813 एकड़,अम्बाला में 16436 एकड़, कैथल में 54708 और यमुनानगर में 1434 एकड़ क्षेत्र में फसलों को 25 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि जिला फतेहाबाद में किसानों को 32.46 करोड़ रुपये से अधिक, जिला सिरसा में 16.53 करोड़ रुपये से अधिक, जिला कुरूक्षेत्र में 26.46 करोड़ रुपये से अधिक, जिला अम्बाला में 7.89 करोड़ रुपये से अधिक, जिला कैथल में 27.15 करोड़ रुपये से अधिक और जिला यमुनानगर में 58.48 लाख रुपये की राहत राशि दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि इन जिलों में 3044 नलकूप भी क्षतिग्रस्त हुए है और इसके लिए राहत देने का मामला सरकार के विचाराधीन है। इसी प्रकार, जिला यमुनानगर में क्षतिग्रस्त मकानों के लिए लगभग 47.87 लाख रुपये और जिला अम्बाला में 35.65 लाख रुपये वितरित किए गए हैं,जबकि उपायुक्त सिरसा को 2.91 करोड़ रुपये की राशि मकानों की क्षति के लिए राहत देने के लिए दी गई है। अन्य जिलों में पानी देर से उतरने के कारण सर्वे का कार्य पूरा नहीं हो सका है और इन क्षेत्रों को भी शीघ्र ही राहत दे दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि सहकारिता विभाग द्वारा खरीफ 2010 में बाढ़ प्रभावित जिलों में कुल 208.22 करोड़ रुपये के लघु अवधि के ऋणों को मध्यम अवधि के ऋणों में बदला जाएगा। इसी प्रकार, बिजली विभाग द्वारा बाढ़ में क्षतिग्रस्त 1476 खम्बे एवं 400 एसपी मीटर बदले गए और 301 वितरण ट्रांसफार्मों की मरम्मत की गई।
उन्होंने कहा कि कृषि विभाग द्वारा फसलवार प्रभावित रकबा पहचाना गया और किसानों को बाढ़ का पानी उतरने के बाद फसल लेने बारे शिक्षित किया गया। उन्हें धान की पौध उपलब्ध होने पर क्षतिग्रस्त रकबे में धान की रोपाई दोबारा करने और खेत खाली रहने पर अगस्त मास के अन्त में तोरिया जैसी अन्य फसलें लेने का परामर्श दिया गया। किसानों को धान बासमती, मूंग और उड़द के प्रमाणित बीज 75 प्रतिशत सबसिडी और शंकर मक्की के बीच 90 प्रतिशत सबसिडी पर दिए गए। इसके अतिरिक्त, किसानों को शंकर बाजरा, तोरिया व बाजरे की बीज मिनी किटस के रूप में मुफ्त दिए गए। इसके अतिरिक्त, फसलों की दोबारा बिजाई के कारण खरीफ 2010 के लिए मांग पूर्ण करने हेतू यूरिया खाद के ऐलोकेशन 8.50 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर 9 लाख मीट्रिक टन और डीएपी की ऐलोकेशन 3.20 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर 3.60 लाख मीट्रिक टन की गई।
उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग द्वारा वर्ष 2010 में बाढ़ कार्यों पर 106.60 करोड़़ रुपये खर्च किए हैं। सरकार ने 522.18 करोड़ रुपये लागत की बाढ़ नियंत्रण की 149 स्कीमें मंजूर की है, जिनमें से 72 नई और 77 पुरानी चल रही योजनाएं हैं। इनमें से 63 स्कीमें पहले ही पूरी हो चुकी है और 37 पर कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि नहरों, डे्रनों एव नदियों को पानी की सुरक्षित निकासी के लिए साफ रखा जाएगा और पंजाब व हरियाणा के साथ अन्तर्राजीय मामलें सुलझाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि बाढ़ के कारण प्रदेश में 1778 किलोमीटर लम्बी एक हज़ार सड़कें पानी में डूब गई थी, जिसके कारण अधिकतम सड़कें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। लोक निर्माण विभाग द्वारा 480 ऐसी सड़कें ,जिन पर यातायात बंद कर दिया गया था, में से 451 सड़कें यातायात के लिए खोल दी गई हैं और शेष को पुन: बहाल करने का कार्य जारी है। उन्होंने कहा कि बाढ़ के कारण पुलों को भी भारी नुकसान हुआ जिससे कुछ सड़कों एवं पुलों पर यातायात निलम्बित रहा। इन पुलों पर यातायात बहाल करने का कार्य किया गया।
उन्होंने कहा कि जन स्वास्थ्य इंजीनिरिंग विभाग द्वारा बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए लोगों को पीने के पानी की आपूर्ति टैंकरों से की गई। विभाग द्वारा रा वाटर स्टोरेज टैंकों व क्लीयर वाटर स्टोरेज टैंकों की सफाई व डी-सील्ट किया गया। नलकूप चलाने के लिए डीजल जनरेटर सैट किराए पर लिए गए । इसके अतिरिक्त, पानी जनित रोगों से बचाव सुनिश्चित करने के लिए सुपर क्लोरिनेशन किया गया।
उन्होंने कहा कि जिला अम्बाला में 65, कुरूक्षेत्र में 143, कैथल में 77, फतेहाबाद में 88 और सिरसा में 50 चिकित्सीय तथा अर्ध-चिकित्सीय स्टाफ टीमों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को दौरा किया। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नियमित तौर पर पानी के सैंपल लिए गए तथा सभी स्तरों पर दवाइयों की आपूर्ति सुनिश्चित की गई। इसके अतिरिक्त, पशु सुरक्षा के उपाए भी किए गए।
उन्होंने कहा कि अब किसानों को नलकूपों की क्षतिपूर्ति के लिये 5000 रुपये की बजाय 7500 रुपये की राशि दी जायेगी। मुख्यमंत्री ने फसली मुआवजे में भी प्रति एकड़ 500 रुपये की वृद्घि करने की घोषणा की। जिन किसानों की फसलों में 76 प्रतिशत से 100 प्रतिशत तक क्षति हुई हैं, उन्हें 5000 रुपये प्रति एकड़ की बजाय 5500 रुपये प्रति एकड़, जिनकी फसलों में 51 प्रतिशत से 75 प्रतिशत के बीच क्षति हुई हैं, उन्हें 4000 रुपये प्रति एकड़ की बजाय 4500 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जायेगा और जिन किसानों की फसलों को 26 प्रतिशत से 50 प्रतिशत के बीच नुकसान हुआ है, उन्हें 3000 रुपये प्रति एकड़ की बजाय 3500 रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा दिया जायेगा। मुख्यमंत्री की इस घोषणा से किसानों को लगभग 11.50 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि मिलेगी।
इससे पूर्व संसदीय मामले मंत्री श्री रणदीप सिंह सूरजेवाला ने ध्यानाकर्षण नोटिस का जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश में हाल ही में आई बाढ़ से प्रभावित हुए जिला अम्बाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, सिरसा, यमुनानगर एवं फतेहाबाद में करवाई गई विशेष गिरदावरी के आधार पर राज्य सरकार द्वारा किसानों को मुआवजा देने के लिए 111.09 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई। इसके अतिरिक्त, सरकार ने जिन किसानों के बाढ़ प्रभावित खेतों में दोबारा बिजाई नहीं हो सकी है, उनके बिजली के बिलों की प्रतिपूर्ति करने का भी निर्णय लिया है और इन जिलों में क्षतिग्रस्त नलकूपों के लिए राहत देने का मामला भी सरकार के विचाराधीन है।
उन्होंने बताया कि जिन किसानों की भूमि बाढ़ से प्रभावित हुई है और खेतों की दोबारा बिजाई नहीं की जा सकी है, उनके बिजली के बिजलों की प्रतिपूर्ति की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिस अवधि के दौरान किसानों के पम्प सैट पानी में डूबे रहे, चाहे नलकूल खराब हुआ या नहीं, के लिए मुआवजे की राशि न्यूनतम मासिक चार्ज 200 रुपये प्रति बीएचपी वार्षिक के आधार पर होगी।
उन्होंने कहा कि विशेष गिरदावरी रिपोर्ट के अनुसार बाढ़ के कारण जिला फतेहाबाद में 66613 एकड़, सिरसा में 33171 एकड़, कुरूक्षेत्र में 53813 एकड़,अम्बाला में 16436 एकड़, कैथल में 54708 और यमुनानगर में 1434 एकड़ क्षेत्र में फसलों को 25 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि जिला फतेहाबाद में किसानों को 32.46 करोड़ रुपये से अधिक, जिला सिरसा में 16.53 करोड़ रुपये से अधिक, जिला कुरूक्षेत्र में 26.46 करोड़ रुपये से अधिक, जिला अम्बाला में 7.89 करोड़ रुपये से अधिक, जिला कैथल में 27.15 करोड़ रुपये से अधिक और जिला यमुनानगर में 58.48 लाख रुपये की राहत राशि दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि इन जिलों में 3044 नलकूप भी क्षतिग्रस्त हुए है और इसके लिए राहत देने का मामला सरकार के विचाराधीन है। इसी प्रकार, जिला यमुनानगर में क्षतिग्रस्त मकानों के लिए लगभग 47.87 लाख रुपये और जिला अम्बाला में 35.65 लाख रुपये वितरित किए गए हैं,जबकि उपायुक्त सिरसा को 2.91 करोड़ रुपये की राशि मकानों की क्षति के लिए राहत देने के लिए दी गई है। अन्य जिलों में पानी देर से उतरने के कारण सर्वे का कार्य पूरा नहीं हो सका है और इन क्षेत्रों को भी शीघ्र ही राहत दे दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि सहकारिता विभाग द्वारा खरीफ 2010 में बाढ़ प्रभावित जिलों में कुल 208.22 करोड़ रुपये के लघु अवधि के ऋणों को मध्यम अवधि के ऋणों में बदला जाएगा। इसी प्रकार, बिजली विभाग द्वारा बाढ़ में क्षतिग्रस्त 1476 खम्बे एवं 400 एसपी मीटर बदले गए और 301 वितरण ट्रांसफार्मों की मरम्मत की गई।
उन्होंने कहा कि कृषि विभाग द्वारा फसलवार प्रभावित रकबा पहचाना गया और किसानों को बाढ़ का पानी उतरने के बाद फसल लेने बारे शिक्षित किया गया। उन्हें धान की पौध उपलब्ध होने पर क्षतिग्रस्त रकबे में धान की रोपाई दोबारा करने और खेत खाली रहने पर अगस्त मास के अन्त में तोरिया जैसी अन्य फसलें लेने का परामर्श दिया गया। किसानों को धान बासमती, मूंग और उड़द के प्रमाणित बीज 75 प्रतिशत सबसिडी और शंकर मक्की के बीच 90 प्रतिशत सबसिडी पर दिए गए। इसके अतिरिक्त, किसानों को शंकर बाजरा, तोरिया व बाजरे की बीज मिनी किटस के रूप में मुफ्त दिए गए। इसके अतिरिक्त, फसलों की दोबारा बिजाई के कारण खरीफ 2010 के लिए मांग पूर्ण करने हेतू यूरिया खाद के ऐलोकेशन 8.50 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर 9 लाख मीट्रिक टन और डीएपी की ऐलोकेशन 3.20 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर 3.60 लाख मीट्रिक टन की गई।
उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग द्वारा वर्ष 2010 में बाढ़ कार्यों पर 106.60 करोड़़ रुपये खर्च किए हैं। सरकार ने 522.18 करोड़ रुपये लागत की बाढ़ नियंत्रण की 149 स्कीमें मंजूर की है, जिनमें से 72 नई और 77 पुरानी चल रही योजनाएं हैं। इनमें से 63 स्कीमें पहले ही पूरी हो चुकी है और 37 पर कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि नहरों, डे्रनों एव नदियों को पानी की सुरक्षित निकासी के लिए साफ रखा जाएगा और पंजाब व हरियाणा के साथ अन्तर्राजीय मामलें सुलझाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि बाढ़ के कारण प्रदेश में 1778 किलोमीटर लम्बी एक हज़ार सड़कें पानी में डूब गई थी, जिसके कारण अधिकतम सड़कें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। लोक निर्माण विभाग द्वारा 480 ऐसी सड़कें ,जिन पर यातायात बंद कर दिया गया था, में से 451 सड़कें यातायात के लिए खोल दी गई हैं और शेष को पुन: बहाल करने का कार्य जारी है। उन्होंने कहा कि बाढ़ के कारण पुलों को भी भारी नुकसान हुआ जिससे कुछ सड़कों एवं पुलों पर यातायात निलम्बित रहा। इन पुलों पर यातायात बहाल करने का कार्य किया गया।
उन्होंने कहा कि जन स्वास्थ्य इंजीनिरिंग विभाग द्वारा बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए लोगों को पीने के पानी की आपूर्ति टैंकरों से की गई। विभाग द्वारा रा वाटर स्टोरेज टैंकों व क्लीयर वाटर स्टोरेज टैंकों की सफाई व डी-सील्ट किया गया। नलकूप चलाने के लिए डीजल जनरेटर सैट किराए पर लिए गए । इसके अतिरिक्त, पानी जनित रोगों से बचाव सुनिश्चित करने के लिए सुपर क्लोरिनेशन किया गया।
उन्होंने कहा कि जिला अम्बाला में 65, कुरूक्षेत्र में 143, कैथल में 77, फतेहाबाद में 88 और सिरसा में 50 चिकित्सीय तथा अर्ध-चिकित्सीय स्टाफ टीमों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को दौरा किया। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नियमित तौर पर पानी के सैंपल लिए गए तथा सभी स्तरों पर दवाइयों की आपूर्ति सुनिश्चित की गई। इसके अतिरिक्त, पशु सुरक्षा के उपाए भी किए गए।
हरियाणा में लगेगा टोकन हाऊस टैक्स
चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डïा ने आज घोषणा की कि प्रदेश के 90 प्रतिशत लोग जो 250 वर्ग गज तक के क्षेत्र वाले घरों में रह रहे हैं, के हितों को ध्यान में रखते हुए उनसे एक रुपया प्रतिवर्ग गज की दर से टोकन हाउस टैक्स लेने का निर्णय लिया गया है।
यह जानकारी मुख्यमंत्री ने आज यहां विधानसभा सत्र के दौरान विधायक श्री अनिल विज द्वारा गृहकर के सम्बंध में लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जवाब के दौरान दी।
शहरी स्थानीय निकाय मंत्री श्री महेन्द्र प्रताप सिंह ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के उत्तर में कहा कि हरियाणा सरकार वर्तमान गृह कर प्रणाली को सरल बनाने के लिए नई गृहकर प्रणाली लागू करने पर विचार कर रही है जिसके तहत गृहकर का निर्धारण स्वयं आकलन के आधार पर करने, क्षेत्र के कलैक्टर रेट के आधार पर कर की दर का निर्धारण करने, छोटे आकार के प्लाटों पर टोकन टैक्स लागू करने, पुरानी सम्पत्तियों, कच्ची छतों, ई.डब्ल्यू.एस ग्रुप हाऊसिंग आदि पर कर से छूट दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि गृहकर क्षेत्रीय यूनिट प्रणाली अर्थात निर्मित क्षेत्र पर निर्धारित किया जाएगा। भवन मालिकों द्वारा स्वयं के उपयोग के लिए आवसीय सम्पत्ति के सम्बंध में छूट का प्रावधान किया जाएगा ताकि उन पर कर भार कम हो। इसके अतिरिक्त, कर दाता किसी भी राष्टï्रीयकृत बैंक में कर अदायगी कर सकेगा।
उन्होंने कहा कि देश में सभी मुख्य कर जैसे कि आयकर, केन्द्रीय कर, वैट आदि में वृद्घि का कारण कम कर, एैच्छिक पालना एवं सरल तरीका है, जिसके कारण इन साधनों से आय में वृद्घि हुई और ये सब कर प्रणालियां कर दाता के विश्वास पर आधारित है। उन्होंने कहा कि नई गृहकर प्रणाली भी इन्हीं सिद्घान्तों पर आधारित होगी। उन्होंने कहा कि भवन मालिकों को इस बारे कोई नोटिस नहीं जारी किया जाएगा और इस सम्बंध में जारी सभी नोटिस निरस्त समझे जाएंगे। भवन मालिकों को कर देते समय यह विवरण देना होगा कि सम्पत्ति किराय पर है या स्वयं के उपयोग के लिए और यह बात प्रथम दृष्टिï में स्वीकार्य होगी।
इसके अतिरिक्त, कर जमा करवाना एवं कर की गणना करना स्वैच्छा पर निर्भर होगा और पालिकाएं कर निर्धारण का कार्य नहीं करेंगी। छूट प्राप्ति के लिए कोई शपथ-पत्र आदि दिया जाना आवश्यक नहीं होगी, लेकिन गलत घोषणा की स्थित में वैट के आधार पर जुर्माना किया जाएगा। स्वयं उपयोग के लिए 250 वर्ग गज या अधिक आकार की आवासीय इकाइयों पर उचित गृहकर लगाया जाएगा और इसके लिए गठित समिति द्वारा मामले में अन्तिम निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि नई कर प्रणाली छूट वापिस करने की तिथि से लागू होगी।
यहां यह उल्लेखनीय होगी कि मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डïा द्वारा पहली नवम्बर, 2007 को प्रदेश में गृहकर हटाने सम्बन्धी की गई घोषणा केवल स्वयं के प्रयोग में आने वाली आवासीय सम्पत्ति के गृहकर से सम्बन्धित थी। इस घोषणा से पहले गृहकर प्रणाली बहुत की कठिन व जटिल बन चुकी थी और इसमें पारदर्शिता नहीं रही थी, जिसके कारण समूची प्रणाली में आमूल परिर्वतन किया जाना आवश्यक हो गया था।
उन्होंने कहा कि गृहकर बारे सरकार की सोच का महत्वपूर्ण बिन्दू यह भी है कि गृहकर प्रणाली न्यायोचित व ठीक हो। सभी वर्गों को गृहकर छूट से अमीर वर्ग भी कर देने से छूट जाता है जोकि उचित नहीं है। इसलिए सरकार का विचार है कि बड़ी आवासीय इकाइयोंं पर उचित गृहकर लगाया जाये व छोटी इकाइयां पर टोकन टैक्स लगाया जाये। यह इसलिए भी उचित है ताकि नागरिक सुविधाओं में दोनों गरीब तथा अमीर की भागीदारी हो।
सभी को गृहकर छूट देने का एक और कुप्रभाव यह हुआ कि बहुत से मकान नगरपालिका के रिकार्ड में दर्ज ही नहीं हो रहे थे जिससे कई प्रकार की कठिनाइयां उत्पन्न हो रही थी। अब एक पारदर्शी, सरल तथा स्वयं निर्णय पर आधारित गृहकर प्रणाली से इन कठिनाइयां का समाधान हो सकेगा।
यह जानकारी मुख्यमंत्री ने आज यहां विधानसभा सत्र के दौरान विधायक श्री अनिल विज द्वारा गृहकर के सम्बंध में लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जवाब के दौरान दी।
शहरी स्थानीय निकाय मंत्री श्री महेन्द्र प्रताप सिंह ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के उत्तर में कहा कि हरियाणा सरकार वर्तमान गृह कर प्रणाली को सरल बनाने के लिए नई गृहकर प्रणाली लागू करने पर विचार कर रही है जिसके तहत गृहकर का निर्धारण स्वयं आकलन के आधार पर करने, क्षेत्र के कलैक्टर रेट के आधार पर कर की दर का निर्धारण करने, छोटे आकार के प्लाटों पर टोकन टैक्स लागू करने, पुरानी सम्पत्तियों, कच्ची छतों, ई.डब्ल्यू.एस ग्रुप हाऊसिंग आदि पर कर से छूट दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि गृहकर क्षेत्रीय यूनिट प्रणाली अर्थात निर्मित क्षेत्र पर निर्धारित किया जाएगा। भवन मालिकों द्वारा स्वयं के उपयोग के लिए आवसीय सम्पत्ति के सम्बंध में छूट का प्रावधान किया जाएगा ताकि उन पर कर भार कम हो। इसके अतिरिक्त, कर दाता किसी भी राष्टï्रीयकृत बैंक में कर अदायगी कर सकेगा।
उन्होंने कहा कि देश में सभी मुख्य कर जैसे कि आयकर, केन्द्रीय कर, वैट आदि में वृद्घि का कारण कम कर, एैच्छिक पालना एवं सरल तरीका है, जिसके कारण इन साधनों से आय में वृद्घि हुई और ये सब कर प्रणालियां कर दाता के विश्वास पर आधारित है। उन्होंने कहा कि नई गृहकर प्रणाली भी इन्हीं सिद्घान्तों पर आधारित होगी। उन्होंने कहा कि भवन मालिकों को इस बारे कोई नोटिस नहीं जारी किया जाएगा और इस सम्बंध में जारी सभी नोटिस निरस्त समझे जाएंगे। भवन मालिकों को कर देते समय यह विवरण देना होगा कि सम्पत्ति किराय पर है या स्वयं के उपयोग के लिए और यह बात प्रथम दृष्टिï में स्वीकार्य होगी।
इसके अतिरिक्त, कर जमा करवाना एवं कर की गणना करना स्वैच्छा पर निर्भर होगा और पालिकाएं कर निर्धारण का कार्य नहीं करेंगी। छूट प्राप्ति के लिए कोई शपथ-पत्र आदि दिया जाना आवश्यक नहीं होगी, लेकिन गलत घोषणा की स्थित में वैट के आधार पर जुर्माना किया जाएगा। स्वयं उपयोग के लिए 250 वर्ग गज या अधिक आकार की आवासीय इकाइयों पर उचित गृहकर लगाया जाएगा और इसके लिए गठित समिति द्वारा मामले में अन्तिम निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि नई कर प्रणाली छूट वापिस करने की तिथि से लागू होगी।
यहां यह उल्लेखनीय होगी कि मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डïा द्वारा पहली नवम्बर, 2007 को प्रदेश में गृहकर हटाने सम्बन्धी की गई घोषणा केवल स्वयं के प्रयोग में आने वाली आवासीय सम्पत्ति के गृहकर से सम्बन्धित थी। इस घोषणा से पहले गृहकर प्रणाली बहुत की कठिन व जटिल बन चुकी थी और इसमें पारदर्शिता नहीं रही थी, जिसके कारण समूची प्रणाली में आमूल परिर्वतन किया जाना आवश्यक हो गया था।
उन्होंने कहा कि गृहकर बारे सरकार की सोच का महत्वपूर्ण बिन्दू यह भी है कि गृहकर प्रणाली न्यायोचित व ठीक हो। सभी वर्गों को गृहकर छूट से अमीर वर्ग भी कर देने से छूट जाता है जोकि उचित नहीं है। इसलिए सरकार का विचार है कि बड़ी आवासीय इकाइयोंं पर उचित गृहकर लगाया जाये व छोटी इकाइयां पर टोकन टैक्स लगाया जाये। यह इसलिए भी उचित है ताकि नागरिक सुविधाओं में दोनों गरीब तथा अमीर की भागीदारी हो।
सभी को गृहकर छूट देने का एक और कुप्रभाव यह हुआ कि बहुत से मकान नगरपालिका के रिकार्ड में दर्ज ही नहीं हो रहे थे जिससे कई प्रकार की कठिनाइयां उत्पन्न हो रही थी। अब एक पारदर्शी, सरल तथा स्वयं निर्णय पर आधारित गृहकर प्रणाली से इन कठिनाइयां का समाधान हो सकेगा।
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