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Lahoo Ki Lau

युवा दिलों की धड़कन, जन जागृति का दर्पण, निष्पक्ष एवं निर्भिक समाचार पत्र

24 जुलाई 2010

अपहृत पिता की हत्या, लाश सड़क पर फैंकी

हत्यारे पुत्रों, भतीजे व अन्यों अपहरणकर्ताओं की तलाश में छापे
श्रीगंगानगर। घरेलू विवाद के चलते अपहृत किए गए अधेड़ की हत्या कर दी गई है। इस अधेड़ की लाश आज सुबह जिले के श्रीबिजयनगर थानांतर्गत जैतसर मार्ग पर चक 22 जीबी में तिराहे से चक 13 जीबी को जाने वाली रोड पर पड़ी हुई मिली। इस अधेड़ का शुक्रवार को दिनदहाड़े उसकी पहली पत्नी के दो पुत्रों, भतीजों व अन्य जनों ने अपहरण कर लिया था। तभी से पुलिस इस अधेड़ को सकुशल बरामद करने के लिए भाग-दौड़ कर रही थी। आज सुबह लाश मिलने पर अपहरण के इस मामले में हत्या की धारा भी लगा दी गई है। अधेड़ के शरीर पर चोटों के अनगिनत निशान हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आज सुबह 7.30 बजे किसी व्यक्ति ने श्रीबिजयनगर थाना प्रभारी पुष्पेन्द्र सिंह को बताया कि एक व्यक्ति की चौटिल अवस्था में लाश चक 13 जीबी को जाने वाले मार्ग पर एक साइड में पड़ी है। थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे। पुलिस को एक अधेड़ व्यक्ति की पहले से ही तलाश थी। संदेह होने पर थाना प्रभारी पुष्पेन्द्र सिंह ने मटीली राठान थाना प्रभारी महावीर को इस लाश के बारे में बताया। कुछ ही देर में महावीर दलबल सहित तथा अपहृत किए गए गुरचरण सिंह जटसिख (55) की दूसरी पत्नी व अन्य परिचितों को लेकर चक 13 जीबी पहुंच गए। वहां लाश की शिनाख्त गुरचरण सिंह के रूप में हुई। थाना प्रभारी ने बताया कि मौके पर पंचनामा की कार्रवाई कर लाश को पोस्टमार्टम के लिए दोपहर को श्रीगंगानगर के जिला अस्पताल में लाया गया है। यहां मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है।
थाना प्रभारी ने बताया कि शुक्रवार दोपहर को चक 18 जैड से गुरचरण सिंह को अगुवा कर लिए जाने के बाद से ही पुलिस उसकी सरगर्मी से तलाश कर रही थी। आज जब लाश मिली, तो उसके शरीर पर चोटों के काफी निशान थे। उसे लाठियों से बेतहाशा पीटा गया। उन्होंने बताया कि गुरचरण सिंह की दूसरी पत्नी जसवीर कौर ने शुक्रवार देर शाम को मटीली राठान थाने में रिपोर्ट देते हुए पहली पत्नी के दो पुत्रों अमरजीत सिंह व इन्द्रजीत सिंह, गुरचरण सिंह के भाई हरबंस सिंह व उसके पुत्र कुलदीप सिंह के अलावा मीता सिंह संतपुरा, कांता सिंह व जगतार सिंह दलियांवाली आदि पर अपहरण का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज करवाया था। धारा 364, 323, 447, 147, 148 व 149 में यह मामला दर्ज किया गया। रात को भी गुरचरण सिंह और इन आरोपितों की तलाश की जाती रही, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। गुरचरणसिंह का मोबाइल फोन बंद आ रहा था, जबकि आरोपितों के मोबाइल फोन भी बंद थे। टावर लॉकेशन से इनका पीछा किया गया और कई गांवों में छापे भी मारे गए।

घात-प्रतिघात
श्रीगंगानगर। अपहरण करके नृशंसतापूर्वक मौत के घाट उतारे गए किसान गुरचरणसिंह जटसिख का अपनी पहली पत्नी के पुत्रों और अपने भाई-भतीजों के साथ पिछले एक-डेढ़ वर्ष से घात-प्रतिघात की आंख-मिचौली चल रही थी। मटीली राठान थाना प्रभारी के अनुसार दोनों ही पक्ष एक-दूसरे की ताक में थे कि कब उन्हें मौका मिले और किसी को सलटा दिया जाए। पहले मौका पहली पत्नी के पुत्रों को कल शुक्रवार को मिल गया, जब उन्होंने अकेले चक 18 जैड आए हुए पिता को दबोच लिया। अन्यथा दोनों ही पक्षों का कोई भी सदस्य अकेले कहीं भी नहीं जाता था। हमेशा दो-तीन आदमी उनके साथ चलते थे। दूसरी पत्नी के साथ श्रीगंगानगर की चक 3 ई छोटी की गली नंबर 4 में रह रहा गुरचरण सिंह शुक्रवार सुबह 10-10.30 बजे अपनी जीप लेकर अकेले चक 18 जैड जमीन संभालने के लिए गया था। वहां उसे पहली पत्नी के पुत्रों, भाई, भतीजे और इनके साथियों ने घेर लिया। अधमरा तो गुरचरण सिंह को इन दोनों नहीं वहीं लाठियों से पीट-पीटकर कर दिया था। गुरचरण सिंह की जीप वहीं रह गई। अपहरणकर्ता उसे हरियाणा के नंबरों वाली अपनी जीप में डालकर ले गए। उसे न जाने कहां-कहां घूमाते रहे। चोटें लगी हुई थीं और इलाज न हो पाने के कारण गुरचरण की मौत हो गई।

पंचायत में हुआ था फैसला
श्रीगंगानगर। गुरचरण सिंह पहली पत्नी के साथ रहेगा या दूसरी पत्नी के साथ, इसका फैसला एक-डेढ़ वर्ष पहले दोनों पक्षों द्वारा बुलाई गई बिरादरी की एक बड़ी पंचायत में हुआ था। तब भी इन दोनों पक्षों के बीच चल रही तनातनी का मामला तत्कालीन डीएसपी (ग्रामीण) राजेश मील के समक्ष पहुंचा। उन्होंने ही पंचायत के जरिए विवाद सुलझाने का सुझाव दिया। तब बड़ी पंचायत बुलाई गई। इसमें गुरचरण सिंह को समझाया-बुझाया गया, लेकिन उसने दो टूक शब्दों में कहा दिया कि वह पहली पत्नी और उसके बच्चों को छोडऩे के लिए तैयार है। दूसरी पत्नी के साथ ही रहेगा। गुरचरण सिंह के पास कुल 39 बीघा कृषि भूमि थी। मटीली राठान थाना प्रभारी महावीर ने यह जानकारी देते हुए बताया कि 9 बीघा भूमि गुरचरण सिंह ने बेच दी थी। शेष 30 बीघा जमीन में से 6 बीघा जमीन उसने अपने पास रख ली। बाकी भूमि पहली पत्नी और उससे हुए बच्चों के नाम कर दी। दूसरी पत्नी जसवीर कौर से गुरचरण सिंह की जान-पहचान काफी समय से थी, लेकिन अब एक-डेढ़ वर्ष से वह जसवीर कौर के साथ यहां 3 ई छोटी में रह रहा था। दूसरी तरफ पहली पत्नी के पुत्र, भाई व भतीजे दिल में रड़क रखे हुए थे कि गुरचरण सिंह ने दूसरी औरत के लिए अपने घर-परिवार को छोड़ दिया। इनकी रंजिश लगातार बढ़ती ही चली गई। नतीजतन गुरचरण सिंह की हत्या हो गई। उन्होंने बताया कि आरोपितों को पकडऩे के लिए भरसक प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि इनमें से गुरचरण सिंह का भाई हरबंस को पुलिस ने कल ही चक 18 जैड से पकड़ लिया था। उसी से पता चला था कि गुरचरण सिंह को जीप में डालकर ले जाने वालों में कौन-कौन हैं।

बाढ़ पीडि़त महिला से रेप

बाप ने शरण दी, बेटों ने लूट ली अस्मत
डबवाली (लहू की लौ) बाढ़ पीडि़त दम्पत्ति को आश्रय देने वाले एक व्यक्ति के बेटों ने आश्रय पाने वाले परिवार की महिला की अस्मत लूट ली। पुलिस ने पीडि़त महिला की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ रेप का मामला दर्ज करके उनकी तालाश शुरू कर दी है।
बलात्कार की शिकार महिला रजनी (23) के पति परमिन्द्र सिंह (25) पुत्र रीठा सिंह निवासी सिवियां (कोटकपूरा) हाल ढाणी प्रेम सिंह, सिरसा ने बताया कि करीब दो वर्ष पूर्व वह अपनी पत्नी रजनी, साले गोरा तथा भाभी भिन्द्र कौर पत्नी गोरा के साथ गांव सिवियां तह. कोटकपूरा (पंजाब) से सिरसा में रोजगार की तालाश में आया था। सिरसा से कुछ दूरी पर स्थित ढाणी प्रेम सिंह में उसे एक जमींदार के खेत में काम मिल गया। वह दिहाड़ी-मजदूरी करके अपना तथा अपने परिवार का पेट पालने लगा।
पिछले दिनों आई बाढ़ के कारण ढाणी में पानी भर गया। उसका बसा-बसाया आशियाना भी बाढ़ के पानी में बह गया। वह घर से बेघर हो गया। उसके साले का परिवार भी उससे बिछड़ गया। अपना तथा अपने परिवार का पेट पालने की खातिर काम की तालाश में अपनी पत्नी और एक वर्षीय बच्चे के साथ मारा-मारा घूमने लगा। बुधवार शाम को वह डबवाली पहुंचा। उसने उपमण्डल डबवाली के गांव लखुआना जाना था। बस द्वारा वह अपने परिवार सहित गांव शेरगढ़ पहुंचा। यहां से वह पैदल ही लखुआना के लिए चल दिया। शाम के करीब 7.30 बजे मार्ग में उसे गांव शेरगढ़ निवासी पिरथी सिंह मिला।
परमिन्द्र सिंह के अनुसार पिरथी सिंह ने उसके परिवार पर दया दिखाते हुए अपने घर पर रूकने के लिए कहा। गांव में काम दिलाए जाने की गारंटी ली। अनुरोध करने पर वह पिरथी सिंह के घर पर रूक गया। गुरूवार सुबह पिरथी सिंह उसे अपने साथ काम पर ले गया। दोपहर बाद करीब डेढ़ बजे उसकी पत्नी रजनी उसके पास आई और उसे आप-बीती बताई। उसने इस मामले को थाना शहर डबवाली पुलिस के समक्ष रखा।
मामले की जांच कर रहे थाना शहर पुलिस के प्रभारी एसआई विक्रम सिंह ने बताया कि पुलिस को दिए ब्यान में परमिन्द्र सिंह की पत्नी रजनी ने कहा है कि उसको घर में अपने एक वर्षीय बच्चे के साथ अकेला पाकर पिरथी सिंह के बेटे हरदीप सिंह ने उससे मुंह काला किया और सोनू ने अपने भाई का इस काम में साथ दिया। उसने आरोपियों के चंगुल से छूटकर इसकी जानकारी अपने पति को दी। वह ग्रामीणों के सहयोग से उसे न्याय के लिए थाना ले आया। रजनी के ब्यान पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 376/120-बी आईपीसी के तहत केस दर्ज करके उनकी तालाश शुरू कर दी है।

23 जुलाई 2010

लूट की वारदात का चौथा आरोपी गिरफ्तार

सिरसा। जिला की सीआईए सिरसा पुलिस ने 31 जनवरी 2010 को शहर के पालिका बाजार में हुई लूट की घटना के चौथे आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है।
गिरफ्तार किये गये आरोपी की पहचान तरसेम पुत्र सतीश कुमार निवासी गली नंबर 7 पटेल नगर मलोट पंजाब के रूप में हुई है। इस संबंध में जानकारी देते हुए सीआईए सिरसा के प्रभारी निरीक्षक किशोरी लाल ने बताया कि शहर के पालिका बाजार में स्थित बूट हाऊस के संचालक सुरेन्द्र पुत्र जगदीश के साथ बीती 31 जनवरी को लूट की वारदात हुई, जिसमें आरोपियों ने सुरेन्द्र से 40 हजार रुपये की नकदी व मोबाईल लूट लिया। उन्होंने बताया कि इस संबंध में शहर थाना सिरसा में अभियोग दर्ज कर जांच का जिम्मा सीआईए स्टाफ सिरसा को सौंपा गया। प्रभारी ने बताया कि गुत्थी को सुलझाने के लिए स्टाफ की कई टीमों का गठन किया गया। सहायक उपनिरीक्षक रणसिंह पर आधारित पुलिस टीम ने महत्वपूर्ण सुराग जुटाते हुए 31 मई व 1 जून को घटना के तीन आरोपियों बलविन्द्र निवासी शमशाबाद पट्टी, हरजिन्द्र निवासी भंभूर, नानक सिंह निवासी झोरडऩाली को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने पूछताछ कर उनकी निशानदेही पर लूटी गई 12 हजार रुपये की राशि व एक मोबाईल फोन बरामद किया था।
उन्होंने बताया कि कल सीआईए के सहायक उपनिरीक्षक रणसिंह ने घटना के चौथे आरोपी तरसेम को शहर सिरसा क्षेत्र से काबू कर लिया तथा पूछताछ कर उसकी निशानदेही पर लूटी गई 6 हजार रुपये की राशि बरामद कर ली है। प्रभारी ने बताया कि इस घटना के पांचवें आरोपी की भी पहचान कर ली गई है।

फरार हुआ कैदी गिरफ्तार

डबवाली। जिला की बडागुढ़ पुलिस ने पैरोल छुट्टी बीत जाने के बाद फरार हुए कैदी को पुन: गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किये गये कैदी जग्गी उर्फ करतार सिंह पुत्र गुरदीप सिंह गांव रघुआना का निवासी है। आरोपी को आज सिरसा अदालत में पेश किया जाएगा।
इस संबंध में जानकारी देते हुए बडागुढ़ा के थाना प्रभारी उपनिरीक्षक रामकिशन ने बताया कि जग्गी उर्फ अवतार सिंह निवासी रघुआना के विरुद्ध 20 मई 1996 को सदर डबवाली थाना में मादक पदार्थ अधिनियम के तहत अभियोग दर्ज हुआ था तथा आरोपी को सन 2005 में 15 साल की कैद की सजा सुनाई गई। उन्होंने बताया कि अवतार सिंह 18 मई 2010 को सिरसा जेल से 6 सप्ताह की पैरोल छुट्टी पर गांव रघुआना में आया तथा उसको 30 जून 2010 को सिरसा जेल वापिस जाना था।  परंतु वह जेल न जाकर फरार हो गया।
थाना प्रभारी ने बताया कि जेल अधीक्षक सिरसा ने इस संबंध में अवतार सिंह के खिलाफ जेल न पहुंचने के संबंध में शिकायत दर्ज करवाई, जिस पर अवतार सिंह के विरुद्ध थाना बडागुढ़ा में अभियोग दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी गई। बडागुढ़ा थाना प्रभारी ने बताया कि अभियोग दर्ज करने के बाद अवतार सिंह की लगातार तलाश की जा रही थी तथा उसके छुपने के संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही थी।
उन्होंने बताया कि कल उन्हें सूचना मिली कि जग्गी उर्फ अवतार सिंह गांव झोरडऱोही में विवाहित अपनी बेटी सुरजीत कौर के घर आया हुआ है। सूचना को पाकर उन्होंने पुलिस पार्टी के साथ गांव झोरडऱोही में दबिश देकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपी को आज सिरसा अदालत में पेश कर पुन: जेल भेजा जाएगा।

आज से शुरू होगा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे

सिरसा। जिला प्रशासन द्वारा कल से जिला के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के नुकसान का सर्वे करवाया जाएगा। सभी अधिकारी अपने-अपने विभागों से संबंधित नुकसान व कृषि क्षेत्र व मकानों में हुए नुकसान की रिपोर्ट आगामी 31 जुलाई तक उपायुक्त कार्यालय में सौंप देंगे। इस संबंध में अधिकारियों की बैठक आयोजित कर जिला उपायुक्त सी.जी रजिनीकांथन ने निर्देश दिए कि वे ईमानदारी व निष्पक्षता से बाढ़ से हुए नुकसान का सर्वे करे और प्रतिदिन सर्वे की रिपोर्ट संबंधित उपमंडल अधिकारी नागरिक और उनके कार्यालय में भिजवाएं ताकि सर्वे किए गए क्षेत्रों में अगले दिन वरिष्ठ अधिकारी सर्वे कर निरीक्षण कर सके। उन्होंने बताया कि जिला में हजारों की संख्या में मकान बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए है। प्रत्येक गांव में मकानों का सर्वे करने के लिए छह सदस्यीय टीम बनाई गई है। इस टीम में एक जूनियर इंजीनियर, ग्राम सचिव, सरपंच, सामान्य जाति का नंबरदार, पिछड़ा वर्ग का नंबरदार और अनुसूचित जाति का नंबरदार शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारियों को सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार सर्वे करने के भी निर्देश दिए गए है। सभी गांवों में किए गए सर्वे का प्रतिदिन संबंधित बीडीपीओ, उपमंडल अधिकारी नागरिक द्वारा निरीक्षण भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि स्पैशल गिरदावरी करने का कार्य भी कल से शुरु कर दिया जाएगा। कृषि, खेती में हुए नुकसान के सर्वे के लिए पटवारी अपने साथ सरपंच, नंबरदार व जमीन के मालिकों को साथ रखेंगे ताकि सर्वे का काम पूरी तरह पारदर्शिता से किया जा सके। उन्होंने बताया कि सभी खंडों में सर्वे का निरीक्षण करने के लिए नायब तहसीलदारों को इंचार्ज बनाया गया है।

गृह मंत्री ने जाना बाढ़ पीडि़तों का दर्द

सिरसा। गृह राज्यमंत्री गोपाल कांडा ने आज जिले के बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया और बाढ़ पीडि़तों का दर्द सुना। स्थानीय लोक निर्माण विश्राम गृह से अधिकारियों के दल के साथ गृह राज्यमंत्री गोपाल कांडा सबसे पहले डिंग मंडी के लिए रवाना हुए। डिंग मंडी में पिछले दो दिनों में हुई बरसात से सबसे अधिक नुकसान हुआ। इस क्षेत्र में अनेक मकान क्षतिग्रस्त हो गए और पूरा कसबा पानी से लबालब भर गया। श्री कांडा ने यहां पहुंचते ही बाढ़ पीडि़त लोगों को एक-एक करके सुना और उनकी हर संभव मदद के लिए अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए। इस मौके पर गृह राज्यमंत्री श्री कांडा ने स्वयं निजी कोष से 10 लाख रुपए की सहायता देने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि यह धन उन लोगों पर खर्च किया जाए जिनके मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। श्री कांडा ने अधिकारियों से कहा कि पूरे क्षेत्र का सर्वे करवाया जाए और जिन लोगों के मकान गिरे हैं उन्हें मरम्मत के लिए इस राशि में से धन उपलब्ध करवाया जाए। लोगों ने श्री कांडा को अपनी शिकायतें बताते हुए कहा कि बरसात से आई बाढ़ के कारण लोगों के घर डूब गए। कारोबार ठप हो गए और खेती-बाड़ी नष्ट हो गई। लोगों ने जिला प्रशासन की भी शिकायत की और कहा कि उन्हें मदद देने के लिए कोई अधिकारी नहीं आया। इस पर श्री कांडा ने अधिकारियों को आड़े हाथों लिया। डिंग के अलावा गृह राज्यमंत्री ने जोधकां, कुक्कड़थाना, बाजेकां, नेजाडेलां और झोंपड़ा में भी बाढ़ ग्रस्त इलाकों का जायजा लिया। कुक्कड़ थाना में श्री कांडा ने बाढ़ पीडि़तों की मदद के लिए 2.5 लाख व जोधकां में 5 लाख की राशि दी। इससे पहले गृह राज्यमंत्री ने मुख्यमंत्री के साथ भी यहां के हालात का जायजा लिया था और मुख्यमंत्री को यहां के लोगों को मदद देने की अपील की थी। श्री कांडा ने बताया कि राज्य सरकार ने विशेष गिरदावरी के आदेश दे रखें है जिस पर कार्रवाई की जा रही है और केंद्र सरकार की ओर से गठित कमेटी भी अपना सर्वे पूरा कर चुकी है। उन्होंने बताया कि जल्द ही केंद्र की ओर से भी बाढ़ पीडि़तों को पूरी मदद दी जाएगी।  उनके साथ इस दौरे में अतिरिक्त उपायुक्त पंकज चौधरी, उपमंडल अधिकारी नागरिक एस.के जैन, कांग्रेस नेता गोबिंद कांडा, कांग्रेस नेत्री श्रीमती कृष्णा पूनियां, सूरत सैनी, हेतराम, राजेंद्र मकानी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उनके साथ थे।

सर्वे पूरी पारदर्शिता से करें अधिकारी-तंवर

सिरसा। सिरसा के सांसद श्री अशोक तंवर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे बाढ़ से प्रभावित मकानों और फसलों का सर्वे पूरी पारदर्शिता से करे ताकि कोई भी  व्यक्ति बाढ़ के नुकसान के मुआवजे से वंचित न रहे। श्री तंवर आज वार्ड नंबर-19 में खालसा स्कूल के निकट ट्यूबवैल का उद्घाटन करने के पश्चात लोगों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सिरसा जिला में कल बाढ़ से हुए नुकसान का सर्वे शुरु किया जा रहा है। इसलिए जिस भी व्यक्ति की फसल, मकान, ट्यूबवैल व अन्य संपत्ति बाढ़ से नष्ट हुई है वे सर्वे टीम के अधिकारियों से मिलकर अपनी रिपोर्ट दर्ज करवाए। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से भी कहा है कि वे इस सर्वे के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों का सहयोग करे। उन्होंने पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों का भी आह़वान किया कि वे स्वयं सर्वे टीम के साथ जाकर सर्वे करवाए ताकि प्रत्येक जरुरतमंद व्यक्ति को बाढ़ से हुए नुकसान का मुआवजा मिल सके और प्रशासन द्वारा राहत भी जुटाई जा सके।
उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को ये भी निर्देश दिए कि जो गांव बाढ़ से प्रभावित हुए है उनमें गलियां, सड़कों व अन्य रास्तों की मरम्मत प्राथमिकता के आधार पर करवाए ताकि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों को किसी प्रकार की कठिनाई न हो। उन्होंने यह भी कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यो में और ज्यादा तीव्रता लाई जाएगी। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा शहरी क्षेत्रों में 110 लीटर प्रतिदिन प्रति व्यक्ति शुद्व पेयजल मुहैया करवाया जा रहा है और ग्रामीणों व शहरी क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की पेयजल संबंधी कठिनाई नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पेयजल स्त्रोतों में क्लोरीनेशन अवश्य करना चाहिए। इसके साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी यह भी सुनिश्चित करे कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में किसी प्रकार की महामारी न फैले। उन्होंने इस अवसर पर शहरवासियोंकी विभिन्न विभागों से संबंधित शिकायतें सुनी और उन्हें दूर करने का आश्वासन दिया। इस मौके पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष होशियारी लाल शर्मा, ब्लॉक प्रधान भूपेश मेहता, कांग्रेस के प्रदेश महासचिव नवीन केडिय़ा, कांग्रेस नेता आनंद बियानी, राजकुमार शर्मा, तिलक राज चंदेल व अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

गन्दे पेयजल की आपूर्ति से उल्टी-दस्त रोग फैला

डबवाली (लहू की लौ) वार्ड नं. 13 की गली विक्रमादित्य अस्पताल वाली के लोग पिछले छह माह से सीवरेजयुक्त पानी की आपूर्ति को लेकर उल्टी दस्त रोग का शिकार हो रहे हैं।
यह जानकारी देते हुए गली निवासी राजेश जिन्दल ने बताया कि उनकी गली में पिछले छह माह से गन्दे पेयजल की आपूर्ति को लेकर वह लोग जनस्वास्थ्य विभाग के पास अपनी शिकायत दर्ज करवाते आ रहे हैं लेकिन कोई ध्यान न दिये जाने से अब हालत यह हो गई है कि उनके गली के लोग उल्टी दस्त रोग के शिकार हो गये हैं।  उनके अनुसार गन्दे पेयजल के कारण उनकी गली के निवासी आशू धींगड़ा, बन्नू बतरा के साथ-साथ उसका पिता हरबिलास निरंकारी, भाई दीपक जिन्दल पिछले एक सप्ताह से उल्टी-दस्त का शिकार हैं। प्राईवेट अस्पतालों से उनका इलाज चल रहा है। इस संबंध में जनस्वास्थ्य विभाग डबवाली के जेई सतपाल से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बरसात के दिनों में अक्सर ऐसी समस्याएं आ जाती हैं। इस समस्या को हल करवा दिया जायेगा।
इधर दर्पण सिनेमा के पीछे भी पिछले तीन दिनों से गन्दे पेयजल की आपूर्ति हो रही है। यह जानकारी एडवोकेट जगदीप सिंह ने दी।

विक्रम नेहरा डबवाली के थाना प्रभारी नियुक्त

डबवाली (लहू की लौ) पुलिस प्रशासन को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए पुलिस अधीक्षक सतिन्द्र गुप्ता द्वारा आज  अधिकारियों को इधर-उधर किया गया है। अधिकारियों के किए गए तबादले की पुष्टि पुलिस प्रवक्ता ने की।
मिली जानकारी के अनुसार  नाथूसरी चौपटा थाना प्रभारी विक्रम नेहरा का तबादला कर दिया गया है। उन्हें शहर थाना डबवाली का कार्यभारी सौंपा गया है। वहां तैनात इंस्पेक्टर विरेंद्र सिंह को डिटैक्टिव ब्रांच का कार्यभार दिया गया। इस ब्रांच में  कार्यरत धर्मवीर को नाथूसरी चौपटा  थाना में भेजा गया है। वे यहां थाना प्रभारी की कमान संभालेेंगे।
इसी प्रकार कुछ और अधिकारियों के तबादले किए गए हैं। पुलिस अधीक्षक सतींद्र गुप्ता द्वारा किए गए इन तबादलों की पुष्टि करते हुए पुलिस प्रवक्ता सुरजीत सहारण ने बताया कि गौरीवाला चौकी प्रभारी सहायक उपनिरीक्षक कृष्ण कुमार को डबवाली मंडी स्थित गोल बाजार चौकी का प्रभारी नियुक्त किया गया है। यहां तैनात रमेश चंद्र को कृष्ण कुमार के स्थान पर गौरीवाला चौकी प्रभारी बनाया गया है।
इसके अतिरिक्त मुख्य सिपाही व सिपाही पदों पर तैनात कर्मचारियों को भी जिला में इधर-उधर किया गया है। प्रवक्ता ने बताया कि प्रशासन को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए फेरबदल किया जाना अति आवश्यक है। इसी के तहत उक्त कार्रवाई को अंजाम दिया गया है।

करंट से चार झुलसे

डबवाली (लहू की लौ) यहां की कबीर बस्ती में करंट लगने से एक मासूम बच्ची सहित चार जनें झुलस गए। जिन्हें उपचार के लिए डबवाली के राजकीय अस्पताल में लाया गया। गुरूवार सुबह कबीर बस्ती निवासी दीवान चन्द की पत्नी कस्तूरी देवी (62) घर में झाडू लगा रही थी। इसी दौरान अचानक टेबल फैन उसके ऊपर आ गिरा और उसे करंट लग गया। शोर सुनकर कस्तूरी देवी की बेटियां रेखा (32) तथा सोनू (27) दौड़ीं। अपनी माता को करंट से बचाने की कोशिश की। इसी बीच उन्हें भी करंट ने अपने आगोश में ले लिया। वहीं खेल रही मानसी (5) को भी करंट लग गया। मां-बेटियों का शोर सुनकर आस-पड़ौस के लोग इक्ट्ठे हो गए। पड़ौसी ओमबती, कृष्णा रानी, ओमप्रकाश, महेशी आदि ने बस्ती को जाती लाईट कट करके करंट से झुलस रही मां-बेटियों को निकाला। घायलों को  तत्काल उपचार के लिए डबवाली के राजकीय अस्पताल में पहुंचाया।

बैंक और पाठशाला में चोरों की दस्तक

डबवाली (लहू की लौ) बुधवार रात को अज्ञात चोरों ने भारतीय स्टेट बैंक में लगी एटीएम मशीन में तोडफ़ोड़ की। वहीं एक राजकीय प्राथमिक पाठशाला से बैंक की कापियों सहित हजारों रूपए कीमत का सामान चुरा ले गए। गुरूवार सुबह पुलिस ने दोनों जगहों का निरीक्षण करके अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
चौटाला रोड़ पर स्थित भारतीय स्टेट बैंक की शाखा में लगी एटीएम मशीन में बुधवार रात को अज्ञात व्यक्तियों ने तोडफ़ोड़ की। मशीन में लगे कैश काऊंटर का कवरिंग गेट तोडऩे का प्रयास किया। लेकिन चोरों के हाथ कैश काऊंटर तक नहीं पहुंच सके। शाखा के मुख्य प्रबंधक बीएस सरपाल ने बताया कि गुरूवार सुबह उन्हें सूचना मिली कि एटीएम मशीन के कैश काऊंटर का कवरिंग गेट टूटा हुआ है। वे तुरन्त मौका पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। सरपाल के अनुसार लगता है कि अज्ञात चोरों ने कैश काऊंटर तक पहुंचने के प्रयास में कवरिंग गेट को तोड़ा। सूचना पाकर थाना शहर पुलिस भी मौका पर पहुंची और एटीएम रूम का निरीक्षण किया। जांच अधिकारी थाना शहर पुलिस के एसआई कैलाश चन्द्र ने बताया कि मौका का निरीक्षण करके आगामी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
इधर राजकीय प्राथमिक पाठशाला नं. 2 में भी चोरों ने जमकर उत्पात मचाया। चोर पाठशाला से हजारों रूपए कीमत का सामान चुरा ले गए। पाठशाला की मुख्याध्यापिका सुखदेव कौर ने बताया कि गुरूवार सुबह वह चोरी की सूचना पाकर मौका पर पहुंची। चोरों ने पाठशाला के ऑफिस में प्रवेश कर कमरें में पड़ी तीन गोदरेज की अलमारी के ताले तोड़ दिए और पाठशाला का रिकॉर्ड बिखेर दिया। चोर अलमारी में पड़ी स्टील की सौ प्लेट, दो जग, दो दरी तथा एक भारत्तोलक मशीन चुरा ले गए। जिसकी कुल कीमत करीब दस हजार रूपए है। चोर स्कूल के नाम बनी दो ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स तथा एक एसबीआई की पास बुक भी चुरा ले गए।
पाठशाला में चोरी की सूचना पाकर गोल बाजार पुलिस चौकी के कर्मचारियों ने घटना का निरीक्षण किया।

22 जुलाई 2010

दूसरी में पढऩे वाले ने सहपाठी का गला दबाया

डबवाली | टेलीविजन के नाटकों और फिल्मों में हिंसा के दृश्यों का प्रभाव बच्चों की मानसिकता पर भी पड़ रहा है। बच्चों का छोटी छोटी बातों में गुस्सा हो जाना आज आम बात हो गई है, लेकिन बच्चे किसी की जान लेने की कोशिश करें, ऐसा कम ही होता है। बुधवार को राजकीय प्राथमिक स्कूल नंबर 3 में पढऩे वाले कक्षा दो के एक छात्र ने ज्योमेट्री बॉक्स को लेकर झगड़े में अपनी सहपाठी छात्रा का गला दबा दिया जिससे वह बेसुध हो गई। छात्रा का डबवाली के राजकीय अस्पताल में इलाज चल रहा है। 
आधी छुट्टी में की लड़ाई
दो में पढऩे वाली ममता (8) पुत्री काला राम निवासी चौटाला रोड डबवाली ने बताया कि स्कूल में आधी छुट्टी हो गई थी। इस दौरान उसके सहपाठी मनप्रीत उर्फ भालू (9) ने उसका ज्योमेट्री बॉक्स चुरा लिया। इस पर उसने एतराज किया और मनप्रीत से ज्योमेट्री बॉक्स छीन लिया। इस बात पर गुस्साए मनप्रीत ने उसका गला दबा दिया। ममता का गला दबाए जाने की सूचना पाकर स्टाफ रूम में बैठे स्कूल के मुख्याध्यापक राजेंद्र सिंह के अलावा अध्यापक संजीव भारद्वाज, शेषपाल, वीरपाल कौर तथा सीमा रानी मौके पर पहुंचे।
उन्होंने बेसुध अवस्था में पड़ी ममता को एक निजी अस्पताल में पहुंचाया। यहां से डॉक्टर ने उसे राजकीय अस्पताल में भेज दिया। डॉक्टर ने प्राथमिक उपचार के बाद ममता की हालत खतरे से बाहर घोषित कर दी।
अभिभावकों को तलब किया
स्कूल के मुख्यध्यापक राजेंद्र सिंह ने बताया कि इस मामले में छात्र मनप्रीत को घर भेजकर उसके अभिभावकों को स्कूल में तलब किया गया है।
उधर इस बारे में थाना शहर पुलिस के कार्यकारी प्रभारी एसआई मंदरूप सिंह ने बताया कि पुलिस के पास इस मामले को लेकर कोई शिकायत नहीं आई है। शिकायत आने के बाद ही कार्यवाई की जाएगी।

19 जुलाई 2010

प्रेमी जोड़े ने जहर निगला

डबवाली (लहू की लौ) गांव बांडी में एक विवाहित प्रेमी जोड़े ने जहरीला पदार्थ निगल कर अपनी इहलीला समाप्त कर ली। 
थाना संगत के एएसआई तथा जांच अधिकारी सुबेग सिंह ने बताया कि गांव बांडी का मुकेश कुमार (30) पुत्र हीरा लाल धोबियाना मुहल्ला बठिंडा में पूजा रानी पुत्री वजेन्द्र कुमार से विवाहित था और इधर गांव भागीबंदर की पूजा रानी (30) इसी मुहल्ले के राजेन्द्र कुमार पुत्र हरी राम के साथ विवाहिता थी। 
उनके अनुसार दो वर्ष पूर्व मुकेश बांडी तथा पूजा भागीबंदर के बीच प्रेम संबंध पैदा हो गये और दोनों एक साथ रहने लगे। जिस पर दोनों के ही अभिभावकों ने ऐतराज जताया और इस संबंध में एक बार तलबंडी साबो थाना में पंचायत भी हुई और उस पंचायत में यह तय हुआ कि यह दोनों एक-दूसरे से नहीं मिलेंगे।
लेकिन पिछले 10 दिनों से मुकेश और पूजा फिर एक-दूसरे से मिलने लगे और शुक्रवार शाम को गांव बांडी के खेतों में जाकर दोनों ने जहर निगल लिया। मुकेश के पिता हीरा लाल पुत्र मंगत राम बांडी ने पुलिस को दिये ब्यान में बताया कि जहरीला पदार्थ निगलने के बाद यह दोनों घर आ गये और कहने लगे कि उन्होंने तो जहरीला पदार्थ निगल कर जीवन लीला समाप्त कर ली है। दोनों को गंभीर हालत में जब अस्पताल ले जाया जा रहा था तो मार्ग में ही दोनों ने दम तोड़ दिया।



दम्पत्ति झुलसा, महिला की मौत


डबवाली (लहू की लौ) थाना संगत के अन्तर्गत आने वाले गांव मशाना में शुक्रवार की रात को अपने घर पर स्टोव पर खाना बनाते समय आग लग जाने से दम्पत्ति झुलस गया। जबकि महिला की मौत हो गई।
थाना संगत प्रभारी इंस्पेक्टर संदीप सिंह भाटी  ने बताया कि गांव मशाना में जोगिन्द्र कौर उर्फ कुलदीप कौर (40) पत्नी दर्शन सिंह शुक्रवार की रात को करीब 8 बजे अपने घर में स्टोव पर खाना बना रही थी कि अचानक उसके कपड़ों को आग लग गई। उसके शोर करने पर उसके बचाव के लिए जैसे ही दर्शन सिंह आग बुझाने का प्रयास करने लगा तो आग ने उसे भी दबोच लिया।
जोगिन्द्र कौर की मौका पर ही मौत हो गई। जबकि उसका पति दर्शन सिंह अभी भी सिविल अस्पताल बठिंडा में जीवन और मौत के बीच संघर्ष कर रहा है।

18 जुलाई 2010

सरकार की नजर में इंसाफ मांगने वाला नक्सली-हिमांशु

डबवाली (लहू की लौ) गांधी आश्रम दांतेवाड़ा (छत्तीसगढ़) के संचालक हिमांशु कुमार ने कहा कि सरकार विदेशी कम्पनियों से सौदेबाजी करके देश के धन को लूटा रही है। माईनिंग के लिए सेना और पुलिस के बल पर गरीब लोगों की जमीन हथियाई जा रही है। इंसाफ मांगने वाले को नक्सली करार देकर उसकी हत्या कर दी जाती है।
वे शनिवार को ऑप्रेशन ग्रीन हंट के विरोध में अपने भारत भ्रमण के दौरान डबवाली में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आदिवासी क्षेत्र 5वें अनुसूचित जाति एरिया में आते हैं। क्षेत्र में कानून पेसा लागू होता है। बिना ग्राम सभा की मंजूरी के लिए इस क्षेत्र में पुलिस भी प्रवेश नहीं कर सकती। विदेशी कम्पनियां रूठ न जाएं इसके लिए सरकार कानून को धत्ता बताते हुए जबरन इन क्षेत्रों में प्रवेश करती है। माईनिंग के उद्देश्य से लोगों की जमीनों पर कब्जे करती है। विरोध करने वालों को नक्सली कहकर गोली मरवा दी जाती है।
उन्होंने कहा कि 1 अक्तूबर 2009 को दांतेवाड़ा के गांव गोमपाक में एक दो साल के बच्चे मुकेश की सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन ने बाएं हाथ की तीन अंगुलियां काट दी। इतना ही नहीं बल्कि मुकेश की मां, नाना-नानी को भी मौत के घाट उतार दिया। गांव के अन्य 9 लोगों को मारा गया। साथ लगते गांव के भी 17 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया।
महात्मा गांधी और बिनोवा भावे के साथी प्रकाश भाई के बेटे हिमांशु ने कहा कि 18 वर्षों से वह अपने एक हजार साथियों के साथ दांतेवाड़ा के कंवल नार गांव में बनवासी चेतना आश्रम चला रहा था। जिसमें बच्चों को फ्री शिक्षा और ग्रामीणों उपचार किया जाता था। लेकिन सरकार ने उसे नक्सलियों के साथ जोड़कर आश्रम पर बुल्डोजर चलवा दिया। सरकार द्वारा नक्सलियों के खिलाफ छेड़ी गई मुहिम में अब तक एक भी नक्सली नहीं मारा गया। मारे तो केवल आम लोग गए हैं। उनके अनुसार यह मार-धाड़ बिना जांच किए ही चल रही है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वे नक्सली नहीं है और न ही नक्सलियों की किसी संस्था से सम्बन्ध रखते हैं। अपने मतलब के लिए हिंसा फैलाकर देश में अशांति स्थापित करने वाले कांग्रेसियों और भाजपाईयों को नक्सली नहीं कहा जाता। जबकि अपना हक मांगने वाले गरीब लोगों को नक्सली कहा जा रहा है। हिमांशु कुमार ने कहा कि ऑप्रेशन ग्रीन हंट से पहले सरकार ने नक्सलियों के खिलाफ सलवायुडू नामक एक ऑप्रेशन चलाया था। ऑप्रेशन के दौरान नागा बटालियन ने दांतेवाड़ा के 644 गांवों को खाली करवाकर आग लगा दी। जिससे 4 लाख लोग विस्थापित हो गए। कुछ लोगों ने आंध्र प्रदेश में शरण ली और कुछ ने दूर-दराज के गांवों में। जबकि कुछ लोग जंगलों में भाग लिए। जंगलों में छुपे हुए लोगों को नक्सली कहकर सरकार ऑप्रेशन ग्रीन हंट चला रही है।
उन्होंने कहा कि ये सरकारें न्यायालय के आदेशों की भी अवहेलना करती हैं। कोर्ट के आदेश के बावजूद भी उजाड़े गए आदिवासियों को सरकारों ने नहीं बसाया है। उन्होंने सरकार को चेताया कि जुल्म से हिंसा फैलती है और अशांति भी। इसलिए सरकार संयम से काम ले और जो लोग अधिकार मांग रहे हैं, उन्हें उनके जायज अधिकार दे।
हिमांशु के अनुसार वे अपने साथी अभय के साथ 27 जून को दिल्ली से ऑप्रेशन ग्रीन हंट के विरोध में देश की साईकिल यात्रा पर निकले हैं। इस अवसर पर उनके साथ शहीद भगत सिंह विचार मंच डबवाली के बलजीत सिंह, अश्विनी शर्मा उपस्थित थे।

08 जुलाई 2010

दलित परिवार ने निगला जहर, पांच की मौत

डबवाली (लहू की लौ) चाय में जहरीला पदार्थ निगल कर गांव चौटाला में एक दलित परिवार के 5 लोगों ने जान दे दी जबकि एक जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष कर रहा है।
गांव चौटाला के वार्ड नं. 8 की निवासी तथा आंगनवाड़ी वर्कर बिमला (50) पत्नी भजन लाल मेघवाल ने बताया कि उसकेबेटे कालू राम ने गांव के ही जमींदार ओमप्रकाश की चौथ पर ली हुई है। बुधवार को वह जमीन पर काम करके जल्दी ही घर लौट आया। जबकि वह दोपहर 12 बजे आंगनवाड़ी में खाना बनाने के लिए चली गई। लेकिन शाम को जब घर वापिस लौटी तो परिवार के सभी सदस्य इधर-उधर गिर रहे थे। इसका कारण पूछने पर कालू राम ने उसे बताया कि उन लोगों ने चाय में डाल कर गेहूं में डालने वाली गोली निगल ली है।
वह तत्काल लोगों के सहयोग से उसके बेटे कालू राम (35),  पुत्रवधू राममूर्ति (30), पौत्रे गोबिन्द (5) सोमा (9), पौत्रियां सलीन रानी (10), कविता रानी (8) को चौटाला के सिविल अस्पताल में उपचार के लिए ले जाया गया। लेकिन उनकी गंभीर हालत को  देखते हुए डॉक्टर ने उन्हें डबवाली रैफर कर दिया।
डबवाली सिविल अस्पताल में आने के कुछ समय बाद चिकित्सक ने राममूर्ति, गोबिन्द, सलीन रानी, कविता रानी को मृत घोषित कर दिया। जबकि कालू राम तथा सोमा को प्राथमिक चिकित्सा के बाद गंभीर हालत को देखते हुए सिरसा रैफर कर दिया। लेकिन गांव पन्नीवाला मोटा के पास सोमा ने भी दम तोड़ दिया।
बिमला से जब जहर निगलने का कारण पूछा गया तो उसने कहा कि वह भी नहीं जानती कि आखिर कालू राम व उसके परिवार ने जहर क्यों निगला। जबकि उन सब में आपस में लड़ाई-झगड़ा भी नहीं हुआ।
इधर इस मामले की जांच कर रहे चौटाला पुलिस चौकी के प्रभारी एसआई जीत सिंह ने बताया कि वह स्वयं घटनास्थल का निरीक्षण करके इस बात का पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि जहर किस चीज में मिला हुआ था और कालू राम परिवार ने जहर क्यों निगला।

07 जुलाई 2010

चलती बस से युवक को फेंका, मौत

डबवाली (लहू की लौ) पुरानी रंजिश को लेकर गांव जण्डवाला के दो युवकों में बस में हुए झगड़े में एक युवक ने दूसरे युवक को चलती बस से धक्का देकर उसकी हत्या कर दी।
थाना सदर डबवाली के कार्यकारी प्रभारी रतन सिंह ने बताया कि गांव जण्डवाला बिश्नोइयां के सोनू (15) पुत्र सत्यनारायण ने पुलिस को दिये ब्यान में कहा है कि उसका भाई प्रहलाद (18) उसे उसके ननिहाल सूरतगढ़ छोडऩे के लिए हरियाणा रोड़वेज की बस से गांव जण्डवाला बिश्नोइयां से संगरिया के लिए जा रहा था। गांव से ही इस बस में उनके गांव का विष्णु पुत्र रामसरूप सवार हुआ।
शिकायतकर्ता के अनुसार जैसे ही बस गांव आसाखेड़ा के पास पहुंची तो विष्णु पुरानी रंजिश को लेकर उसके भाई प्रहलाद से झगडऩे लगा। इसी दौरान विष्णु ने बस का दरवाजा खोल कर चलती बस से प्रहलाद को धक्का दे दिया। प्रहलाद की मौका पर ही मौत हो गई। पुलिस के अनुसार सोनू ने बताया कि 31 मार्च को प्रहलाद व विष्णु में किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया था और इस संबंध में प्रहलाद बगैरा के खिलाफ 325 आईपीसी के तहत मामला दर्ज हुआ था। तभी से विष्णु उसके भाई से रंजिश रखता आ रहा है।
थाना प्रभारी ने बताया कि सोनू की शिकायत पर विष्णु के खिलाफ धारा 302 आईपीसी के तहत मामला दर्ज करके लाश को कब्जे में लेकर आगामी कार्यवाही शुरू कर दी है।

पुत्र मोह में रचाई दूसरी शादी, पहली पत्नी को घर से निकाला

डबवाली (लहू की लौ) भले ही इंसान चन्द्र और मंगल लोक पर पहुंच गया है और महिलाओं को पुरूषों के बराबर संवैधानिक अधिकार मिल गए हैं। लेकिन फिर भी पुरूष प्रधान समाज की मानसिकता में कोई बदलाव नहीं आया। जिसके चलते आज भी अपना वंश चलाए रखने के लिए बेटा न होने पर पत्नी को घर से निकालने से भी पुरूष नहीं चूकता। उपमण्डल डबवाली के गांव सकताखेड़ा की एक महिला ने इसी प्रसंग को लेकर अदालत की शरण ली है।
महिला ने लड़का पैदा न होने के चलते मानसिक व शारीरिक तौर पर प्रताडि़त करने और पहली के जीवित रहते नई शादी रचाने के आरोप में अपने पति सहित 9 जनों पर एक इस्तगासा दायर करके न्याय की गुहार लगाई है। जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी अमरजीत सिंह की अदालत ने धारा 156 (3) सीआरपीसी के तहत डबवाली पुलिस को पति सहित 9 जनों के खिलाफ धारा 406/498ए/494/504/506, 120बी आईपीसी के तहत केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
दायर इस्तगासा में जसवीर कौर (38) पत्नी दर्शन सिंह पुत्र कर्म सिंह निवासी गांव ढाबां तहसील संगरिया हाल पुत्री मुख्तियार सिंह पुत्र दलीप सिंह गांव सकताखेड़ा ने आरोप लगाया है कि मार्च 1992 में हिन्दू रीति-रिवाज के अनुसार उसकी शादी दर्शन सिंह पुत्र कर्म सिंह के साथ सम्पन्न हुई थी। जिसमें उसके माता-पिता ने अपनी हैसियत से बढ़कर दान दहेज दिया। उसके 4-2-1993 को दर्शन सिंह के सहयोग से एक लड़की शरणदीप कौर का जन्म हुआ। वह अभी तक भी दर्शन सिंह की विवाहिता पत्नी है और उसके मध्य में आज तक कानूनी तौर पर कोई तलाक नहीं हुआ है। लेकिन उसके कोई लड़का पैदा न होने से दर्शन सिंह और उसका ससुर बलकौर सिंह निवासी ढाबां, रानी उर्फ लखवीर कौर पत्नी बलदेव सिंह, बलदेव सिंह पुत्र जीत सिंह निवासी सिरियांवाली जिला बठिण्डा उसे मानसिक रूप से व शारीरिक रूप से प्रताडि़त करने लगे और आरोपियों ने मारपीट करके तलाक हेतू कागजों पर हस्ताक्षर करवाने की कोशिश की। लेकिन उसने ऐसा नहीं होने दिया और धमकी देने लगे कि वे उसे घर पर नहीं बसाएंगे तथा दर्शन सिंह की दूसरी शादी बिना तलाक लिए ही करवा लेंगे।
इस पर वह रोती हुई अपने मायके आई। सारी बात मायके वालों को बताने पर उसकी माता इस सदमे को बर्दाश्त नहीं कर सकी और उसकी मौत हो गई। इसके बाद कई बार पंचायतें हुई। लेकिन आरोपी आश्वासन ही देते रहे। जून 2009 में उसे बताया गया कि उसके पति दर्शन सिंह की दूसरी शादी सुखपाल कौर के साथ बजरिया आनन्द कारज गांव जलाल जिला बठिण्डा में हो गई है। जिसमें बिचौले के रूप में रानी व उसके पति बलदेव सिंह ने भूमिका अदा की है।
इस पूरे मामले में शिकायतकात्री ने दर्शन सिंह की माता जसमेल कौर, दर्शन सिंह की दूसरी पत्नी सुखपाल कौर पुत्री मलकीत सिंह निवासी जलाल, मलकीत सिंह, अक्को पत्नी मलकीत सिंह निवासीगण जलाल, रानी उर्फ लखवीर कौर पत्नी बलदेव सिंह, बलदेव सिंह पुत्र जीत सिंह निवासीगण सिरियांवाली जिला बठिण्डा, हरदीप सिंह पुत्र नन्द सिंह सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी निवासी ढाबां को आरोपी बनाते हुए अदालत से न्याय की गुहार लगाई है। शनिवार को अदालत ने इस मामले की सुनवाई करते हुए थाना सदर पुलिस डबवाली को उपरोक्त धाराओं के तहत केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं।

......अब पछतावा

डबवाली (लहू की लौ)  पिस्तौल की नोक पर लाखों रूपये का सोना लूटने वाले गिरोह के डबवाली पुलिस द्वारा पकड़े गये लुटेरे अब अपनी करनी पर पछतावा कर रहे हैं।
लूट के मामले में गिरफ्तार हवलदार तथा डीसी फरीदकोट के गनमैन गुरजीत सिंह (48)पुत्र बलदेव सिंह निवासी सुन्दर नगर, फरीदकोट ने इस संवाददाता से बातचीत करते हुए पुलिस कस्टडी में स्वीकार किया है कि उसने लूट की वारदात में शामिल होकर गलती की है। वह पंजाब पुलिस के डीजीपी कार्यालय चण्डीगढ़ में बतौर ड्राईवर भी तैनात रहा है। 23 जुलाई 1985 में वह पुलिस में भर्ती हुआ था, उसका बैल्ट नं. 754 है।
उसने बताया कि वह किस प्रकार से इस सरगना के मुखिया सुरजीत सिंह निवासी बरनाला के चंगुल में फंसा। उसके अनुसार सुरजीत सिंह पंजाब पुलिस से निलम्बित कर्मचारी है। उसकी मुलाकात फरीदकोट में अक्सर सुरजीत सिंह उस समय होती रहती थी जब वह पेशी भुगतने के लिए अदालत में आता था। उसे यह मालूम था कि वह इतना बड़ा शातिर है। अगर गुरजीत सिंह की मानें तो उसके अनुसार इस लूट की वारदात में अभी तक उसे हिस्सा नहीं मिला है। लेकिन हिस्सा बंटने से पूर्व ही हरियाणा पुलिस ने उसे दबोच लिया।
उसने यह भी बताया कि 26 जून को उसे सुरजीत सिंह ने फोन करके डबवाली पहुंचने के लिए कहा और वह तुरन्त जगजीत सिंह उर्फ जग्गा को साथ लेकर डबवाली के बठिंडा चौक में पहुंच गया और 26 जून की वारदात को अंजाम दिया। उसने यह भी बताया कि उनका एक साथी राम भी उनके साथ था। उनके अनुसार लूटपाट के बाद वह लोग तो फरीदकोट चले गये जबकि उनके दो अन्य साथी बठिंडा की ओर।
इधर पता चला है कि अन्य अभियुक्तों को पकडऩे के लिए पुलिस ने कई संदिग्ध स्थानों पर पकड़े गये आरोपियों की निशानदेही पर छापामारी भी की। लेकिन अभी तक पुलिस को सफलता नहीं मिली। इस संबंध थाना शहर डबवाली प्रभारी वीरेन्द्र सिंह से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अन्य आरोपी शीघ्र ही गिरफ्तार कर लिये जायेंगे।

डबवाली में पिटा काऊंटर इंटेलिजंस अधिकारी

डबवाली (लहू की लौ) यहां के बठिंडा चौक से एक कार चालक की कनपटी पर पिस्तौल लगा कर अपहरण करने का प्रयास कर रहे तीन जनों में से एक को लोगों ने दबोच लिया और उसकी अच्छी खातिरदारी की। लोगों का शिकार बने व्यक्ति ने पुलिस के समक्ष अपनी पहचान काऊंटर इंटेलिजंस पटियाला जोन पंजाब के एसआई के रूप में करवाई।
गुरतेज सिंह (40) पुत्र सुखमन्दर सिंह निवासी मुक्तसर ने बताया कि वह मुक्तसर में बाबा सन्त सिंह रोड़ पर हरमन ज्वैलर्स के नाम पर ज्वैलरी का काम करता है। रविवार को उसने कालांवाली अपनी बुआ को मिलने के लिए जाना था। उसने डबवाली में अपने बुआ के बेटे कुलदीप सिंह तथा सांडू कौर सिंह को इसकी सूचना फोन पहले देकर गोल चौक पर आने के लिए कह दिया था।
वह रविवार को सुबह लगभग 7.30 बजे बठिंडा चौक डबवाली में पहुुंच गया। कुलदीप सिंह पहले ही वहां मौजूद था। जबकि वह दोनों कौर सिंह के आने का इंतजार करने लगे। इसी दौरान वहां पर तीन व्यक्ति आये और उनमें से एक कार की पिछली सीट पर सवार हो गया और दूसरे ने उसकी कार की चाबी निकाल कर मोबाइल छीन लिया। तीसरा कार के दूसरी साईड पर खड़ा हो गया। पिछली सीट पर बैठे व्यक्ति ने उनकी कनपटी पर पिस्तौल लगा लिया और बाहर खड़े व्यक्ति को आदेश दिया कि वह उसे बाहर निकाल कर स्वयं कार का स्टेयरिंग संभाल ले।
शिकायतकर्ता के अनुसार वह उन व्यक्तियों से अपना कसूर पूछ रहा है और वह कौन व्यक्ति हैं जानने का प्रयास कर रहा था। तभी वहां पर कौर सिंह भी अपने बेटे वीरेन्द्र सिंह के साथ आ गया। उन्होंने संबंधित व्यक्तियों द्वारा कोई जवाब न देेने पर शोर मचा दिया। शोर सुन कर आसपास के लोगों ने उन तीन अज्ञात व्यक्तियों को घेर लिया और कनपटी पर पिस्तौल लगाने वाले को दबोच लिया। जबकि दो अन्य लोगों को चकमा देकर फरार हो गये।
लोगों ने पहले तो दबोचे गये व्यक्ति की अच्छी खातिरदारी की और बाद में उसे पुलिस को सौंप दिया। लूटपाट की घटना इसी चौक में 26 जून को पहले ही घटित हुई थी और लोग चौकन्ने थे। इस घटना की सूचना पाकर नगर के काफी लोग मौका पर पहुंच गये। जिसमें एडवोकेट रणजीत सिंह, एडवोकेट सुखबीर सिंह बराड़, एडवोकेट जितेन्द्र खैरा, वाईन ठेकेदार बिल्ला आदि शाामिल हैं। मौका पर पहुंचे इस संवाददाता को लोगों द्वारा दबोचे गये व्यक्ति ने अपना नाम पंकज कुमार निवासी रामपुरा बताया और कहा कि वह बरनाला के एक प्राईवेट कॉलेज में प्रोफेसर लगा हुआ है। थाना शहर डबवाली के प्रभारी वीरेन्द्र सिंह से जब इस सन्दर्भ में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि पकड़े गये व्यक्ति ने पुलिस को अपनी पहचान स्वर्ण गांधी एसआई काउंटर इंटेलीजेेंस पटियाला जोन पंजाब बताया। उसने यह भी बताया कि वह अपने स्टाफ सदस्यों के साथ मलोट से किसी कार का पीछा कर रहा था। लेकिन गलती से बठिंडा चौक डबवाली में यह लोग उनके हत्थे चढ़ गये। उसने इस प्रकरण के लिए कार सवारों से लिखित में खेद भी प्रकट किया है।
ज्ञातव्य रहे डबवाली पुलिस को गहरी छानबीन के दौरान लोगों द्वारा पुलिस के सुपुर्द किये गये पंजाब पुलिस के इस अधिकारी ने अपने मिशन के बारे में कुछ भी नहीं बताया। सिर्फ इतना ही कहा कि मामला पूरी तरह सिक्रेट है और वह इसे बताने के लिए बाध्य नहीं हैं।

04 जुलाई 2010

उपायुक्त की सिक्योरिटी में तैनात गार्ड निकला लुटेरा

डबवाली (लहू की लौ) पिस्तौल की नोक पर लाखों रूपये का सोना लूटने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए दो सदस्यों को हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार करके बड़ी सफलता अर्जित की है। लुटेरों में पंजाब के एक डीसी का सिक्योरिटी गार्ड भी शामिल है।
थाना शहर प्रभारी इंस्पेक्टर वीरेन्द्र सिंह के अनुसार दिल्ली से गंगानगर जा रही जमींदारा ट्रांस्पोर्ट की एक बस जब 26 जून को सुबह डबवाली पहुंची तो उसमें सवार अबोहर निवासी सौरभ शर्मा (23) पुत्र नरेन्द्र शर्मा को चार अज्ञात कार सवारों ने बस से अपहरण करके एक इंडिको कार में मंडी किलियांवाली के डीकासर गुरूद्वारा के पास ले जाकर पिस्तौल की नोक पर उसके अंडरवीयर में छुपाये 950 ग्राम सोना बिस्कुट और जेवरात लूट लिये थे। शिकायतकर्ता ने पुलिस को यह भी बताया था कि लुटेरों  में से एक पंजाब पुलिस की वर्दी में भी था।
सौरभ शर्मा ने उस समय पुलिस को दिये ब्यान में बताया था कि वह गंगानगर की जवाहर मार्किट में स्थित कन्हैया लाल की दुकान पर सोने-चांदी का काम करता है और गंगानगर के कन्हैया लाल का 250 ग्राम, अशोक कुमार का 550 ग्राम और दौलत राम का 150 ग्राम सोना दिल्ली से 15 लाख रूपये में खरीद कर गंगानगर जमींदारा ट्रांस्पोर्ट से ले जा रहा था।
जिला सिरसा पुलिस ने एसपी सतिन्द्र गुप्ता के दिशा निर्देश पर आरोपियों की तालाश शुरू करते हुए सौरभ शर्मा द्वारा बताई गई पहचान के आधार पर तीन स्कैच तैयार किये थे। इन स्कैच को एसआई कैलाश चन्द्र ने स्वयं सीआईए बठिंडा के साथ-साथ मलोट, गिदड़बाहा, संगत, बरनाला, फरीदकोट, मुक्तसर के थानों में जाकर पुलिस को दिये और सहयोग मांगा। पुलिस को इस अभियान में शुक्रवार शाम को उस समय भारी सफलता मिली जब मुखबरी के आधार पर बठिंडा के बस स्टैंड के सामने सौरभ शर्मा की शिनाख्त पर लूटेरा गिरोह के दो लोगों को दबोच लिया। दबोचे गये लोगों ने पुलिस को अपनी पहचान गुरजीत सिंह (48)पुत्र बलदेव सिंह तथा जगजीत सिंह उर्फ जग्गा (43) पुत्र मुख्तियार सिंह निवासीगण फरीदकोट (पंजाब) के रूप में करवाई।
थाना प्रभारी के अनुसार पकड़े गये गुरजीत सिंह ने अपनी पहचान को विस्तार से बताते हुए बताया कि वह पंजाब पुलिस में हवलदार के पद पर है और इन दिनों फरीदकोट के उपायुक्त की गार्द में बतौर सुरक्षा गार्ड तैनात है।
पुलिस ने उपरोक्त दोनों आरोपियों को न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी अमरजीत सिंह की अदालत में पेश करके अन्य आरोपियों को गिरफ्तार करने, लूट में प्रयुक्त की गई कार, लूटा गया सोना बरामद करने के लिए 5 दिन का पुलिस रिमांड मांगा। लेकिन अदालत ने पुलिस की याचिका को स्वीकार करते हुए आरोपियों का तीन दिन का पुलिस रिमांड दे दिया।

02 जुलाई 2010

पालिका अध्यक्षा सिम्पा जैन अविश्वास मत हारी

डबवाली (लहू की लौ) नगरपालिका अध्यक्षा सिम्पा जैन और उपाध्यक्ष हरनेक सिंह के खिलाफ उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल की अध्यक्षता में गुरूवार को आयोजित पार्षदों की बैठक में दो तिहाई बहुमत से अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया। बैठक में अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में 14 और विरोध में दो मत पड़े। जबकि सिम्पा जैन के साथ चट्टान की तरह खड़े चार अन्य पार्षद बैठक में उपस्थित ही नहीं हुए।
प्राप्त जानकारी अनुसार निर्धारित समय सुबह 11.00 बजे नगरपालिका में उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल पहुंच गए और उपस्थित पार्षदों की बैठक शुरू हो गई। बैठक में अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में आए सभी 13 पार्षद सहित हल्का डबवाली के विधायक डॉ. अजय सिंह चौटाला उपस्थित थे। इस मौके पर उपमण्डलाधीश ने हाथ खड़े करके अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में या विरोध में मतदान करने का पार्षदों से अनुरोध किया। जिस पर अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में 13 पार्षदों सहित विधायक का हाथ भी उठा। प्रस्ताव का समर्थन करने वालों में कांग्रेस के चार विद्रोही पार्षद वार्ड नं. 1 से जगदीप सूर्या, वार्ड नं. 12 से रमेश बागड़ी, वार्ड नं. 14 से विनोद बांसल, वार्ड नं. 17 से गीता चौहान और इनेलो तथा भाजपा के वार्ड नं. 2 से सरला गुप्ता, वार्ड नं. 3 से सुभाष मित्तल, वार्ड नं. 8 से कृष्णा छाबड़ा, वार्ड नं. 9 से सरोज सेठी, वार्ड नं. 10 से टेकचन्द छाबड़ा, वार्ड नं. 11 से नीलकान्त मैहता, वार्ड नं. 16 से गुरजीत सिंह, वार्ड नं. 18 सुखविन्द्र सरां, वार्ड नं. 19 सुरेन्द्र छिन्दा शामिल थे। जबकि प्रस्ताव के विरोध में केवल नगरपालिका अध्यक्षा एवं वार्ड नं. 4 से पार्षद सिम्पा जैन और उपाध्यक्ष एवं वार्ड नं. 7 से पार्षद हरनेक सिंह वहां अलग-थलग पड़े रहे। पालिका अध्यक्षा ने कांग्रेस समर्थित वार्ड नं. 5 से पार्षद बिन्दिया महन्त, वार्ड नं. 6 से ओमप्रकाश बागड़ी, वार्ड नं. 13 से मधु बागड़ी, वार्ड नं. 15 से सुरजीत चावला को अपने साथ चट्टान की तरह खड़े होने का दावा किया था, लेकिन इनमें से एक भी पार्षद प्रस्ताव के विरोध में बैठक में उपस्थित नहीं हुआ।
बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल ने बताया कि आज 1 जुलाई 2010 को डबवाली के विधायक अजय सिंह चौटाला की उपस्थिति में नगरपालिका अध्यक्षा सिम्पा जैन तथा उपाध्यक्ष हरनेक सिंह के खिलाफ 13 पार्षदों द्वारा दिए गए शपथ-पत्रों पर अविश्वास प्रस्ताव बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में विधायक सहित सभी 13 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन किया और इस अविश्वास प्रस्ताव को पारित घोषित किया गया। उन्होंने बताया कि अब इस प्रस्ताव को आगामी कार्रवाई के लिए उपायुक्त सिरसा के पास भेजा जा रहा है।
इस मौके पर उन्होंने यह भी कहा कि इस बैठक के द्वारा प्रजातंत्र की निष्पक्षता को कायम रखा गया है। प्रशासन ने निष्पक्षता के मामले में पूरी पारदर्शिता बरती है।
इधर अविश्वास प्रस्ताव हारने के बाद सिम्पा जैन ने पहले तो इस सम्बन्ध में कोई भी प्रतिक्रिया करने से इंकार कर दिया। लेकिन बाद में कहा कि जो हुआ अच्छा ही हुआ। लेकिन पार्षदों ने अच्छा नहीं किया। कांग्रेस से सम्बन्धित पार्षदों ने अविश्वास का समर्थन करके केवल कांग्रेस पार्टी को ही बदनाम नहीं किया। बल्कि कांग्रेस पार्टी के नेता डॉ. केवी सिंह को भी बदनाम किया। जिन्होंने अविश्वास प्रस्ताव न आए, इसके लिए काफी प्रयास किया था।
हल्का डबवाली से विधायक तथा इनेलो के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अजय सिंह चौटाला ने अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि पार्षदों ने प्रजातांत्रिक तरीके से अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में मतदान करके काफी समय से पालिका अध्यक्षा और उपाध्यक्ष को हटाने के सम्बन्ध में चलाए गए अभियान को सफल बना दिया। उन्होंने कहा कि पालिका अध्यक्षा और उपाध्यक्ष दोनों ही पार्षदों का विश्वास खो चुके थे और प्रशासन के साथ मिलकर मनमानी कर रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन से मिलकर पिछली बैठक स्थगित करवा दी गई थी। यहां तक की पार्षदों की खरीद-फरोख्त का भी प्रयास किया गया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इनेलो के पार्षद किसी भी कीमत पर खरीदे नहीं जा सकते, यह उन्होंने आज की बैठक में भी सिद्ध कर दिया। उन्होनें यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि प्रशासन जल्दी ही चुनाव की तिथि घोषित करके प्रधान और उपप्रधान पद के लिए पार्षदों की बैठक आमंत्रित करेगा, ताकि डबवाली के रूके हुए विकास कार्य गति पा सकें। उन्होंने पत्रकारों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि आगामी चुनाव प्रजातंत्र तरीके से मिल-बैठकर ही होंगे। 5 जुलाई के भारत बन्द के सम्बन्ध में बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि इस बार भी हरियाणा में पूर्ण बन्द होगा और इनेलो इस बन्द में जोर-शोर से भाग ले रही है। इधर नगरपालिका में अविश्वास प्रस्ताव पर बुलाई गई बैठक के समय पूर्ण सुरक्षा व्यवस्था थी और डीएसपी बाबू लाल स्वयं सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभाले हुए थे। प्रशासन द्वारा बैठक की कार्रवाई की वीडियोग्राफी भी करवाई गई।

ऐलनाबाद में इनेलो ने कांग्रेस को दिखाया ठेंगा

ऐलनाबाद। यहां नगर पालिका पर इनेलो ने अप्रत्याशित बहुमत हासिल किया। दो आजाद उम्मीदवारों तथा एक कांग्रेस के विद्रोही का साथ पाकर इनेलो ने पालिका फतह की।  इनेलो ने साथ ही साथ ही अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष पदों पर भी नियुक्ति कर दी।
उल्लेखनीय है कि विगत मई माह में नगर निकाय के चुनाव हुए थे। सिरसा तथा रानियां में इनेलो को पूर्ण बहुमत हासिल हुआ था जबकि कालांवाली तथा एलनाबाद में स्थिति उहापोह की थी। कालांवाली में स्थिति पहले ही स्पष्ट हो चुकी थी। यहां कुल 13 सीटों में से इनेलो तथा कांग्रेस 6-6 पर काबिज हुए थे। एक आजाद उम्मीदवार ने जीत दर्ज की थी। कुछ दिन पूर्व आजाद उम्मीदवार के इनेलो को समर्थन देने के फैसले के साथ ही यहां की पालिका पर संशय समाप्त हो गया था।
ऐलनाबाद में नगरपालिका की कुल  17 सीटों पर मतदान हुआ था। इनमें से 9 पर कांग्रेस तथा 6 पर इनेलो समर्थित उम्मीदवारों ने विजय पताका लहराई थी। वहीं दो आजाद उम्मीदवार जीते थे। आजाद उम्मीदवारों के समर्थन के बावजूद भी इनेलो की स्थिति डांवांडोल दिखाई दे रही थी। इस प्रकार कांग्रेस को ही पालिका पर काबिज माना जा रहा था।
आज दोनों पार्टियों को बहुमत साबित करना था।  इनेलो के विधायक अभय सिंह चौटाला मौके पर पहुंचे। बहुमत साबित करने की प्रक्रिया शुरू की गई तो सब भौचक्के  रह गए।  आजाद उम्मीदवारों ने तो इनेलो को समर्थन दिया ही, इसके अलावा कांग्रेस के एक पार्षद ने भी विद्रोह भावना दिखाते हुए इनेलो के पक्ष में मतदान कर दिया। एक मत विधायक अभय सिंह चौटाला का था। इस प्रकार इनेलो ने बहुमत हासिल कर पालिका पर अपना कब्जा जमाया। चट मंगनी पट ब्याह की कहावत सिद्ध करते हुए तुरंत अध्यक्ष व उपाध्यक्ष भी मनोनीत कर दिए गए। खास बात यह है कि दोनों ही पद आजाद उम्मीदवारों को सौंपे गए हैं। रघुबीर जांगड़ा को प्रधान तथा धर्मपाल गुंबर को उपप्रधान बनाया गया है। जिक्रयोग है कि गुंबर इससे पूर्व इसी पद पर कांग्रेस  की ओर से भी कमान संभाल चुके हैं। तत्पश्चात विधायक चौटाला ने अध्यक्ष व उपाध्यक्ष को गोपनीयता की शपथ दिलाई। इनेलो द्वारा नगरपालिका पर कब्जा जमाने के बाद शहर में इनेलो समर्थकों ने विजय जुलूस निकाला।

20 मानव रहित स्टेशनों पर कर्मचारी नियुक्त होंगे-मीणा

डबवाली (लहू की लौ) मानव रहित रेलवे फाटकों पर बढ़ रहे हादसों से रेलवे मंत्रालय के माथे पर चिंता की रेखाएं खिंच गई है। मंत्रालय ने इसे गंभीरता से लेते हुए लोगों को जागरूक करने की ठानी है। इसी संदर्भ में सबडीविजन हनुमानगढ़ के एडीईएम ने सबडिविजन के अन्तर्गत पडऩे वाले मानव रहित रेलवे फाटकों का दौरा किया। पेट्रोल पम्पस, ढाबों तथा चौपालों पर जाकर वाहन चालकों को जागरूक किया।
प्राप्त जानकारी अनुसार पिछले कुछ समय से देश में बने मानव रहित रेलवे फाटकों पर काफी हादसे हुए हैं। इन हादसों में न जाने कितने लोग मौत का शिकार हुए हैं। लोगों की जान-माल की सुरक्षा के लिए रेलवे मंत्रालय ने एक महत्वपूर्ण पग उठाया है। वाहन चालकों को जागरूक किया जा रहा है। व्यक्तिगत तौर पर जानकारी देकर वाहन चालकों को रेल यातायात सम्बन्धी सचेत करवाया जा रहा है। यहीं नहीं लोगों को रेल अधिनियम तथा मोटर वाहन कानून से भी अवगत करवाया जा रहा है।
इसी सिलसिले में संरक्षा संगठन उत्तर-पश्चिम रेलवे बीकानेर मण्डल के आह्वान पर हनुमानगढ़ सबडीििवजन के एडीईएम ए.के.मीणा, एसके मदान एसएसई बठिण्डा, रमेश यादव एएसआई आरपीएफ डबवाली के प्लेटफार्म पर पहुंचे। इस संवाददाता से बातचीत करते हुए एडीईएम एके मीणा ने रेल मंत्रालय के उपरोक्त पग की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हनुमानगढ़ रेलवे उपमण्डल के अन्तर्गत 35 मानव रहित रेलवे फाटक आते हैं। वर्ष 2010-11 में इनमें से 20 रेलवे फाटकों पर कर्मचारी नियुक्त करने की योजना है। जबकि इससे पूर्व 2009-10 में 6 मानव रहित रेलवे फाटकों पर कर्मचारियों की नियुक्ति की जा चुकी है। उन्होंने यह भी बताया कि मोटर वाहन कानून 1988 के तहत मानव रहित रेलवे फाटक पर लापरवाही बरतना कानूनी अपराध है। इसके साथ ही रेलवे लाईन को क्रॉस करना भी एक अपराध है। इसके बाद रेलवे उपमण्डल हनुमानगढ़ के एडीईएम ए.के.मीणा ने वाहन चालकों को डूमवाली स्थित पेट्रोल पम्पस, जस्सी बागवाली स्थित एक ढाबे पर वाहनों को रोककर मानव रहित रेलवे फाटक को पार करने से पहले रूकने, दाएं-बाएं रेलवे लाइन पर आने वाली संभावित रेल गाड़ी को देखने के दोरान गाड़ी न आने की सूरत में ही फाटक को क्रॉस करने के लिए कहा। उन्होंने वाहन चालकों को बताया कि रेलगाड़ी प्रति सैकेण्ड 30 मीटर की गति से बढ़ती है, इसलिए फाटक को पार करने की भूल कदापि न करें। ऐसा करना मोटर वाहन कानून 1988 की धारा 131 के अधीन अपराध हैं।

सीएम को धौंस भरा ई-मेल भेजने का आरोपी अदालत में पेश

मुझे षडयंत्र के तहत फंसाया जा रहा है-नवदीप
डबवाली (लहू की लौ) फर्जी ई-मेल आईडी बनाकर हरियाणा के मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव को धौंस भरा मेल भेजने के आरोप में गिरफ्तार किए गए चौ. देवीलाल मैमोरियल इंजीनियरिंग कॉलेज के इलेक्ट्रोनिक्स विभाग के प्रवक्ता नवदीप को डबवाली के डयूटी मजिस्ट्रेट तथा उपमण्डल न्यायिक दण्डाधिकारी महावीर सिंह की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने 10 हजार रूपए के निजी मुचलके पर आरोपी को जमानत दे दी।
चौधरी देवीलाल इंजीनियरिंग कॉलेज, पन्नीवाला मोटा के डायरेक्टर डॉ. डीएस मोर के पास चंडीगढ़ से शिक्षा विभाग के निदेशक का एक पत्र आया। इस पत्र के जरिए विभागीय स्तर पर डॉ. मोर से टिप्पणी मांगी गई कि आपने विभाग के पास अपनी ईमेल आईडी से जो मैसेज भेजे हैं उस संदर्भ में आप का क्या कहना है? निदेशक का पत्र मिलने के बाद डॉ. मोर सकते में आ गए और उन्होंने तत्काल इस बात की जांच करवाई तो मालूम हुआ कि उनके नाम पर फजी ईमेल आईडी तैयार की गई है और इसी के जरिए यह संदेश भेजा गया है। डॉ. मोर ने इस मामले की शिकायत सिरसा के एसपी से की। एसपी सतेंद्र कुमार गुप्ता ने मामले की जांच का जिम्मा डबवाली के डीएसपी बाबूलाल को सौंपा।
डीएसपी बाबूलाल ने बताया कि फर्जी ई-मेल आईडी डीएसमोर.कॉम.डीईडीएसएम एटदरेट याहू.कॉम के नाम से बनाई गई और उससे जो मैसेज भेजा गया है वह मैं डॉ. मोर इंजीनियिरिंग कॉलेज का डायरेक्टर हूं और यहां का सर्वेसर्वा हूं, जो इच्छा होती है वही करता हूं, मुझे कोई टोकने या पूछने वाला नहीं।Ó इसके अलावा भी कुछ और मैसेज भी इस ईमेल के जरिए भेजे गए थे।
मामले की जांच कर रहे डीएसपी बाबूलाल ने बताया कि डॉ. मोर की शिकायत पर ओढ़ां थाना पुलिस ने दो लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। इनमें से एक हिसार के लघुसचिवालय परिसर में रहने वाली महिला तथा हिसार में सहायक कृषि अधिकारी कविता है। जबकि दूसरा आरोपी हिसार के आदर्श नगर कॉलोनी का रहने वाला सतीश है। जोकि हिसारं में कम्प्यूटर सैन्टर चलाता है। इनके खिलाफ आईपीसी 469 के तहत केस दर्ज किया गया था। उन्होंने बताया कि पुलिस ने बीएसएनएल कार्यालय से ईमेल की डिटेल निकलवाई तो मालूम हुआ कि उक्त आरोपियों ने हिसार से डॉ. मोर के नाम पर फर्जी ईमेल आईडी बनाकर मेल किए थे। ये मेल 13 मार्च 2010 और 9 अप्रैल 2010 को मैसेज भेजे गए थे। जांच के दौरान शक की सूई कॉलेज में ही इलेक्ट्रोनिक्स विभाग के प्रवक्ता नवदीप पर आकर अटक गई। जोकि कविता के पति हैं।
डीएसपी बाबू लाल स्वयं हिसार गए और उन्होंने नवदीप को दबोच लिया। मंगलवार को आरोपी नवदीप को उपमण्डल न्यायिक दण्डाधिकारी एवं डयूटी मजिस्ट्रेट डबवाली महावीर सिंह की अदालत में पेश किया। अदालत ने नवदीप को 10,000 रूपए के निजी मुचलके पर जमानत पर रिहा कर दिया।
जमानत पर रिहा होने के बाद इस संवाददाता से बातचीत करते हुए लेक्चरर नवदीप ने बताया कि उस पर किसी षडयंत्र के तहत उपरोक्त झूठा केस बनाया गया है। उसने अपना तर्क देते हुए कहा कि उसके घर 14 अप्रैल को बीएसएनएल ब्रॉडबैंड का इंटरनेट कनेक्शन लगा है। जबकि उस पर आरोप 13 मार्च तथा 9 अप्रैल को ई-मेल भेजने का है। उन्होंने कॉलेज के डायरेक्टर/प्रिंसीपल डॉ. डीएस मोर के खफा होने के सम्बन्ध में बताया कि वह अन्य कॉलेज प्रवक्ताओं के साथ मिलकर अपने अधिकारों के लिए संघर्षरत है। कॉलेज का डायरेक्टर तानाशाही नीति अपनाकर उस पर यह झूठा केस बनवाकर उनकी आवाज को दबाना चाहता है। लेक्चरार ने यह भी बताया कि वह पिछले सात वर्षों से इसी कॉलेज में लेक्चरार है। इससे पूर्व उस पर कोई भी दाग नहीं है। लेकिन दो वर्ष पूर्व कॉलेज का कार्यभार डॉ. डीएस मोर ने संभाला और वह तभी से उसके साथ-साथ अन्य लेक्चरार से भी खार खाता है।
चौधरी देवीलाल इंजीनियरिंग कॉलेज, पन्नीवाला मोटा के डायरेक्टर डीएस मोर ने उपरोक्त आरोपों पर कोई भी टिप्पणी करने से साफ इंकार किया।

रिएक्टर के कारण जाम हुए नेशनल हाईवे

डबवाली (लहू की लौ) हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड तथा मित्तल एनर्जी लिमिटेड के बैनर तले पंजाब की रामा मंडी और खनकवाल के बीच निर्माणाधीन गुरू गोविन्द सिंह रिफाइनरी में रिएक्टर बॉयलर लेकर जा रहे तीन ट्रॉले बुधवार को डबवाली पहुंचे। इन ट्रालों को देखने के लिए पूरा शहर उमड़ पड़ा। वहीं इसकी वजह से बुधवार को नेशनल हाईवे नं. 10, नेशनल हाईवे नं. 64 जाम हो गए।
रिएक्टर लदे ट्रालों के डबवाली पहुंचते हुए पूरा शहर इन्हें देखने के लिए गोल चौक पर जमा हो गया। पुरूष-महिलाएं, बच्चे-बूढ़े रिएक्टरों को देखने के लिए सब कतार में खड़े हो गए। जिससे गोल चौक पर जाम की स्थित उत्पन्न हो गई। बठिण्डा, संगरिया, मलोट  तथा सिरसा रोड़ पर वाहनों की लम्बी कतारें लग गई। मौका पर जिला यातायात प्रभारी कृष्णा यादव, डीएसपी डबवाली बाबू लाल के नेतृत्व में पहुंची पुलिस ने लोगों को मार्ग से हटाया और यातायात सामान्य करवाया। यहां लोगों में रिएक्टरों को देखने के लिए उत्सकुता थी, वहीं परेशानी भी रही। सुबह गुल हुई बत्ती देर शाम तक नहीं जगी थी।
रिएक्टर लदे ट्राले मंगलवार शाम को ही गांव डबवाली पहुंच गए थे और बुधवार सुबह 8 बजे अपने गंतव्य की ओर रवाना हुए। सेमनाला पुल के पास भारी-भरकम ट्रालों के गुजरने के लिए अलग रास्ता तैयार किया गया था। डबवाली का गोल चौक क्रॉस करने के बाद उक्त ट्राले गुरू गोविन्द सिंह रिफाईनरी की ओर रवाना हुए।
5 मार्च को कांडलापुर गुजरात से चले थे ट्राले
इस ट्रॉले के साथ चल रहे रिफाइनरी के एक अधिकारी चितरंजन पाण्डे ने बताया कि 388, 368 और 368 पहियों वाले तीन ट्रॉले रिएक्टर बॉयलर लेकर करीब चार माह पूर्व बीती 5 मार्च को गुजरात के कांडलापुर से चले थे। इनमें से 388 पहियों वाले ट्राले सहित रिएक्टर का भार करीब 850 टन तथा 368 पहियों वाले ट्रालों सहित रिएक्टरों का भार करीब 1500 टन है। मुम्बई की एक ट्रांस्पोर्ट कम्पनी ने रिएक्टरों को रिफाईनर में पहुंचाने का ठेका लिया है। पिछले चार महीनों से इन तीन ट्रालों के साथ 100 आदमी चल रहे हैं।

खुला दरबार सजाने आए अधिकारियों को लोगों ने घेरा

डबवाली (लहू की लौ) गुपचुप तरीके से खुला दरबार लगाने आए बिजली अधिकारियों को ग्रामीणों ने घेरकर खूब खरी-खोटी सुनाई। मांगों का समाधान न होने के कारण गुस्साये ग्रामीणों ने धरना देकर रोष प्रकट किया। हरियाणा सरकार तथा बिजली विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
प्राप्त जानकारी अनुसार बुधवार को 132केवी सबस्टेशन आसाखेड़ा पर बिजली निगम ने एसई सिरसा के नेतृत्व में खुला दरबार लगाना था। तय कार्यक्रम अनुसार एसई सिरसा वीपी गुप्ता, एक्सीयन डबवाली वीके रंजन, एसडीई आसाखेड़ा ओपी मैहता, एसडीई कालांवाली पंकज गंडा मौका पर पहुंचे। लेकिन दरबार सजने के कुछ देर बाद मौका पर इनेलो नेता एवं जिला परिषद सदस्य डॉ. सीता राम, किसान सभा जिला सिरसा के अध्यक्ष प्रहलाद सिंह भारूखेड़ा के नेतृत्व में आए सैंकड़ों ग्रामीणों ने उपरोक्त अधिकारियों का घेराव कर लिया और नारेबाजी शुरू कर दी।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए इनेलो नेता डॉ. सीता राम ने कहा कि खुला दरबार लगाने सम्बन्धी किसी भी प्रकार की सूचना आस-पास के गांवों में नहीं दी गई। जैसे ही उन्हें दरबार लगाने सम्बन्धी सूचना मिली तो वे मौका पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि आसाखेड़ा स्थित बिजलीघर के अन्तर्गत आसाखेड़ा, चौटाला, तेजाखेड़ा, अबूबशहर, लोहगढ़, भारूखेड़ा, जण्डवाला, गंगा, सुकेराखेड़ा सहित कुल तेरह गांव आते हैं और काफी संख्या में ढाणियां भी हैं। इनेलो नेता ने आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार ने 8 घण्टे बिजली देने की घोषणा की हुई है लेकिन इसके बावजूद ग्रामीणों को केवल दो घण्टे बिजली आपूर्ति की जा रही है। यही नहीं बीपीएल कार्ड धारकों को मीटर लेने के लिए डबवाली व सिरसा के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। डॉ. सीता राम के अनुसार राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के तहत ढाणियों के लोगों ने कनेक्शन लेने के लिए 10 फीसदी रकम बिजली विभाग के पास जमा करवाई हुई है। लेकिन दो वर्ष बीतने के बावजूद भी दफ्तरों के चक्कर खाने के सिवाए उन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ।
सुबह करीब 11.30 बजे से शुरू हुआ धरना करीब 1 बजे तक चलता रहा। इस दौरान ग्रामीणों ने हरियाणा सरकार, बिजली निगम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस अवसर पर ओमप्रकाश पूनियां सरपंच अबूबशहर, आत्मा राम सरपंच चौटाला, रामसरूप सरपंच सुकेराखेड़ा, जयमल राम पूर्व सरपंच आसाखेड़ा, नछत्तर सिंह सरपंच लोहगढ़, दया राम उलानियां, सुभाष जाखड़, पवन कुमार, विष्णु पूर्व सरपंच जण्डवाला, सुभाष कुमार आसाखेड़ा आदि ग्रामीण उपस्थित थे। एसई वीपी गुप्ता से आश्वासन पाने के बाद गुस्साए ग्रामीण शांत हुए।
इस संबंध में जब दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के एसई वीपी गुप्ता से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि उनके आसाखेड़ा स्थित 132केवी सबस्टेशन में पहुंचने से पूर्व काफी ग्रामीण पहले से मौजूद थे। ग्रामीणों ने उनके समक्ष ढाणियों को लाईट न मिलने, टयूब्बैल कनेक्शन दिए जाने सम्बन्धी मांगों को रखा। गुप्ता के अनुसार ग्रामीणों की मांगों का शीघ्र समाधान करने के लिए उपरोक्त मांगों को एमडी हिसार के समक्ष गुरूवार को रखा जाएगा। जिसके लिए एक्सीयन डबवाली वीके रंजन की डयूटी लगाई गई है। उन्होंने माना कि ग्रामीणों को खुले दरबार की सूचना देने में देरी हुई।

19 जून 2010

बीए प्रथम वर्ष के छात्र का अपहरण

डबवाली (लहू की लौ) एक विद्यार्थी के अपहरण को लेकर जिला सिरसा की पुलिस सकते में है। डबवाली क्षेत्र में विद्यार्थी की कार और कार के कागजात बरामद होने के बाद पुलिस ने तालाश जोरशोर से शुरू कर दी है।
मलोट के आढ़तिया राजकुमार नागपाल ने इस संवाददाता को बताया कि उसका 22 वर्षीय बेटा नन्दन नागपाल  चण्डीगढ़ के डीएवी कॉलेज में बीए प्रथम वर्ष का छात्र है। वह वीरवार शाम लगभग 4 बजे चण्डीगढ़ से मलोट के लिए रवाना हुआ और रात को करीब 8.45 पर उसे फोन आया कि वह आज रात बठिंडा रूकेगा और सुबह मलोट आयेगा और इसके साथ ही उसका फोन कट गया। जब उसने अपने बेटे से सम्पर्क करने का प्रयास किया तो उसका मोबाइल स्विच ऑफ आया।
शुक्रवार सुबह सवा 5 बजे उसे डबवाली क्षेत्र के गांव अलीकां से फोन आया कि उनकी गाड़ी के कागजात उनके गांव की माईनर नं. 6 के पास गिरे पड़े हैं। यह सुन कर वह तुरन्त मौका पर पहुंचे और उन्होंने लगभग डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर वह कार भी खड़ी पायी जिस पर उसका बेटा चण्डीगढ़ से आ रहा था। इसकी सूचना तुरन्त उन्होंने थाना शहर पुलिस को दी।
डीएसपी डबवाली बाबू लाल ने बताया कि थाना शहर पुलिस ने घटना का निरीक्षण करने के बाद राजकुमार नागपाल की शिकायत के आधार पर अज्ञात लोगों के खिलाफ उसके बेटे नन्दन नागपाल के अपहरण का मामला दर्ज करके आगामी कार्यवाही शुरू कर दी है। जिला सिरसा पुलिस को इस घटना के बाद सतर्क कर दिया गया है और आसपास के पंजाब तथा राजस्थान क्षेत्र में भी इसकी सूचना दे दी गई है।
उन्होंने बताया कि इस नन्दन नागपाल की तालाश के लिए तीन टीमें गठित की गई हैं जो संदिग्ध स्थानों की ओर भेजी गई हैं। इस मामले की गुत्थी सुलझाने के लिए स्पैशल स्टाफ भी गठित किया गया है। डीएसपी से जब यह पूछा गया कि अपहरण के पीछे अपहरणकर्ताओं की क्या मंशा हो सकती है। इस पर उन्होंने कहा कि जांच चल रही है लेकिन नन्दन के पिता ने पुलिस के समक्ष यह माना है कि वीरवार को उसके बेटे ने 5000 रूपये की मांग की थी जिससे उसने अपने किसी दोस्त को जन्म दिन पर गिफ्ट देना था लेकिन उन्होंने यह राशि देने से इंकार कर दिया था।
डीएसपी ने कहा कि पुलिस को जानकारी मिली है कि डबवाली के एक पीसीओ से एक संदिग्ध युवक ने शुक्रवार सुबह सवा 9 बजे राजकुमार नागपाल को फोन करके उसके बेटे के ठीक-ठाक होने की बात कही है। इस संबंध में संबंधित पीसीओ मालिक से पूछताछ की जा रही है।

13 जून 2010

किलियांवाली चौकी का किया घेराव

डबवाली (लहू की लौ) थाना लम्बी के अन्तर्गत आने वाले गांव वडिंगखेडा में पंजाब सरकार ने वर्ष 2006 में अलाट किए गए प्लाटों का अभी तक कब्जा न मिलने के कारण प्लाट धारकों में रोष पाया जा रहा है। आज जब इन लोगों ने कब्जा करने का प्रयास किया तो पुलिस चार व्यक्तियों को पकड़ कर पुलिस चौंकी किलियांवाली में ले आई। बाद में ग्रामीणों ने चौकी को घेर लिया और पकड़े गए लोगों को छुड़वाया। गांव वडिंगखेड़ा की शहीद भगत सिंह विकास कमेटी के प्रधान सुखजीत सिंह, सदस्य पाला राम, भागी राम, रामकरण ने बताया कि वर्ष 2001 में तत्कालीन बादल सरकार ने जरूरतमंदों को पांच-पांच मरले के प्लाट देने की घोषणा करते हुए इसके कार्ड भी वितरित कर दिए थे। जिनमें उनके गांव के 240 जरूरतमंद परिवार शामिल थे। लेकिन वर्ष 2006 में राÓय सरकार बदल गई और साथ में गांव का सरपंच भी बदल गया। कांग्रेस समर्थित नये सरपंच दर्शन सिंह ने वर्ष 2006 में घोषित जरूरतमंद 240 लोगों को 5-5 मरले के प्लाट देने के लिए निशान दे दिए। लेकिन अब फिर से सत्ता बदलते ही सरपंच भी अकाली दल का चुना गया। प्लाट के लाभार्थियों के अनुसार लम्बा समय बीत जाने पर उन्हें अभी तक प्लाट का कब्जा नहीं दिया गया है। जरूरतमंद और खेत मजदूर सुखजीत, रामकरण, कुलवन्त तथा राजेन्द्र सिंह ने बताया कि आज जब निश्चित स्थान पर उन्होंने निशानदेही करने का प्रयास किया तो पुलिस उन्हें पकड़ कर ले गई। उनके अनुसार वर्तमान पंचायत ने पार्टीबाजी के चलते पुलिस में यह शिकायत कर दी कि कुछ लोग पंचायत की भूमि पर कब्जा करना चाहते हैं। गिरफ्तारी की सूचना पाकर गांव वडिंगखेड़ा के सैंकड़ों लोगों ने किलियांवाली पुलिस चौकी को घेर लिया। मौका पर थाना लम्बी पुलिस के प्रभारी हरिन्द्र सिंह चमेली भी पहुंचे। ग्रामीणों के गुस्से को देखते हुए पुलिस ने हिरासत में लिए गए चार लोगों को रिहा कर दिया।
इस संदर्भ में जब थाना लम्बी प्रभारी हरिन्द्र सिंह चमेली से पूछा गया तो उन्होंने प्लांटो के इन प्रमाण पत्रों को फर्जी करार देते हुए कहा कि इनकी आड़ में गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि असली प्रमाण पत्रों पर पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिहं बादल का चित्र छपा हुआ है और उपायुक्त की मुहर व हस्ताक्षर हैं। लेकिन इन प्रमाण पत्रों पर गांव के सरपंच व एक अन्य चैयरमेन के हस्ताक्षर हैं। उन्होंने बताया कि इस सारे मामले की जांच पड़ताल की जाएगी व दोषी पाये जाने व्यक्तियों के खिलाफ कारवाई की जाएगी। इधर शहीद भगत सिंह ग्रामीण विकास समिति के अध्यक्ष सुखजीत सिंह ने कहा कि मजदूरों के पास प्रमाण पत्र असली हैं और वे इस संदर्भ में शीघ्र ही उपायुक्त मुक्तसर से मिलेंगे। अगर जरूरत पड़ी तो अपने अधिकारों के लिए धरने और प्रदर्शन भी करेंगे।

09 जून 2010

जोतांवाली की युवती ने नहर में कूद कर जान दी

डबवाली | क्षेत्र की ढाणी जोतांवाली में रहने वाली एक युवती (19) ने राजस्थान केनाल में कूदकर खुदकुशी कर ली। चौटाला पुलिस चौकी ने गांव अबूबशहर के पास से गुजरने वाली राजस्थान केनाल से मंगलवार को युवती का शव बरामद किया है। मृतका की पहचान सुमन उर्फ बेबी पुत्री पृथ्वीराज निवासी ढाणी जोतांवाली के रूप में हुई है।
चौटाला पुलिस चौकी के प्रभारी एसआई जीत सिंह ने बताया कि मृतका की पहचान उसके चाचा अनूप कुमार पुत्र नत्थू राम व पिता पृथ्वी राज ने की है। मृतका के चाचा अनूप कुमार (45) ने पुलिस को बताया है कि उसकी भतीजी सुमन 5 जून की रात को रहस्यमय ढंग से घर से लापता हो गई थी। उसने बताया कि गांव के पूर्व सरपंच प्रेम कुमार ने उनको बताया कि उसने राजस्थान केनाल पर 6 जून को एक युवक और युवती को राजस्थान केनाल की पटरी पर बैठे हुए देखा था। यह सुनते ही वे सुमन की तलाश में जुट गए थे। मगर मंगलवार को सुमन का शव राजस्थान केनाल से बरामद हुआ है। इस मामले की जांच कर रहे एसआई जीत सिंह ने बताया कि मृतका के चाचा अनूप कुमार ने पुलिस को दिए बयान के जरिए बताया है कि उनकी ढाणी में रहने वाला युवक हरदीप सिंह (18) पुत्र बलविंद्र सिंह उसकी भतीजी सुमन से शादी रचाना चाहता था और वह उससे शादी रचाने के लिए दबाब डालता रहता था जिसकी वजह से सुमन परेशान रहती थी। अनूप कुमार के मुताबिक हरदीप सिंह को कई बार समझाया भी था लेकिन वह नहीं माना। उसने आरोप लगाया कि हरदीप के दबाव से परेशान होकर उसकी भतीजी सुमन उर्फ बेबी ने केनाल में कूद कर जान दी है।
एसआई जीत सिंह ने बताया कि पुलिस ने मृतका के चाचा अनूप कुमार की शिकायत के आधार पर हरदीप सिंह के खिलाफ आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने के आरोप में केस दर्ज कर मामले की जांच आरंभ की है। सुमन व हरदीप दोनों आठवीं फेल बताए गए हैं और हरदीप अपने पिता के साथ खेती बाड़ी करने में हाथ बंटाता रहा है।

08 जून 2010

15 गांवों पर महिलाओं की सरकार

डबवाली (लहू की लौ) ब्लाक डबवाली के 48 गांवों में हुए सरपंच पद के चुनाव में वोटिंग का सिलसिला देर रात तक चलता रहा। जिसके चलते सरपंच पद के परिणाम भी देरी से घोषित हुए। 15 महिलाएं इस बार सरपंच पद पर कार्य करेंगी।
बीडीपीओ रामसिंह ने बताया कि सरपंच पद पर गांव अलीकां से महिला आरक्षित पर सुपिन्द्र कौर, आसाखेड़ा में अनुसूचित जाति आरक्षित पर रामकुमार, अहमदपुर दारेवाला में बलविन्द्र सिंह, अबूबशहर में महिला आरक्षित पर अमानती, बनवाला में भरत सिंह, बिज्जूवाली अनुसूचित आरक्षित में राजा राम, भारूखेड़ा में मनोज कुमार, चकजालू में देवीलाल, चौटाला में आत्मा राम और दीवानखेड़ा अनुसूचित जाति महिला में परमजीत कौर चुने गये।
इसी प्रकार गांव देसूजोधा में सुरजीत सिंह, गोदीकां महिला आरक्षित सीट पर विद्या, गिदडख़ेड़ा महिला आरक्षित पर राजेन्द्र कौर, गोरीवाला में धेला राम, गंगा में गुरदित्ता सिंह, हैबुआना में दलबीर सिंह, फतेहपुर जोतांवाली में सतिन्द्र, जोगेवाला में हरबन्स सिंह, झुट्टीखेड़ा में भूपिन्द्र कुमार, जण्डवाला बिश्नोइयां में मि_ू राम, खुइयांमलकाना अनुसूचित जाति महिला आरक्षित पर परमजीत कौर, कालूआना में जगदेव, लम्बी में अनुसूचित जाति (सुरक्षित) ओमप्रकाश सरपंच चुने गये।
गांव लखुआना में रामजी लाल, लोहगढ़ महिला आरक्षित पर बलदेव कौर, मुन्नांवाली आरक्षित पर इन्द्रो देवी, मोड़ी अनुसूचित जाति आरक्षित पर कश्मीरा सिंह, मांगेआना में जगसीर सिंह, मटदादू में बलकरण सिंह, मसीतां अनुसूचित जाति आरक्षित पर शिवराज सिंह, मौजगढ़ अनुसूचित जाति आरक्षित पर ओमप्रकाश, नीलियांवाली में हरनाम ङ्क्षसह, पाना में सुरजीत सिंह, पन्नीवाला रूलदू में हरमन्दर सिंह, पन्नीवाला मोरिका में जगदीप ङ्क्षसह, फुल्लो महिला आरक्षित पर बलविन्द्र कौर, रामपुरा बिश्नोइयां महिला आरक्षित पर गुरदीप कौर, राजपुरा में बलजिन्द्र कौर, रत्ताखेड़ा महिला आरक्षित पर मनभरी, रामगढ़ महिला आरक्षित पर रामेश्वरी, रिसालियाखेड़ा महिला आरक्षित पर सुशीला, राजपुरा माजरा में लाल चन्द, सांवतखेड़ा में रणजीत सिंह, सुकेराखेड़ा अनुसूचित जाति आरक्षित पर रामसरूप, सकताखेड़ा महिला आरक्षित पर कुलविन्द्र कौर, तेजाखेड़ा महिला आरक्षित पर बबिता, डबवाली गांव में अनुसूचित जाति महिला आरक्षित पर नसीब कौर, शेरगढ़ में राजकुमार सरपंच चुने गये।
इधर देर रात तक हुई पोलिंग तथा देर से आए रिजल्टों के कारण चुनाव कार्य में लगा सरकारी अमला सोमवार को छुट्टी पर रहा। जिसके कारण सरकारी कार्यालयों पर ताले जड़े मिले।

अगर समाज ने मुझे न्याय न दिलाया तो मैं आत्महत्या करने से भी गुरेज नहीं करूंगी।

डबवाली (लहू की लौ) 'अगर समाज ने मुझे न्याय न दिलाया तो मैं आत्महत्या करने से भी गुरेज नहीं करूंगी।Ó यह कोई फिल्म का डॉयलाग नहीं। बल्कि 26 वर्षीय युवती की आत्मा से निकले हुए शब्द हैं। जो इंसाफ पाने के लिए पिछले पांच दिनों से गांव भारूखेड़ा में बस अड्डा पर और सुनसान जगह पर बैठी हुई है।
गांव भारूखेड़ा के बस अड्डा पर लगे वट वृक्ष के नीचे टूटी कुर्सी पर बैठी 26 वर्षीय युवती हर आते जाते व्यक्ति से न्याय की गुहार लगा रही है। जो अपना नाम वनिता पुत्री जगदीश निवासी फतेहाबाद हाल भारूखेड़ा बताती है। युवती ने कहा कि 2007 में वह फतेहाबाद से डबवाली के एक महाविद्यालय में बीएड करने के लिए दाखिल हुई थी। उसके पिता जगदीश की हरियाणा रोड़वेज के चालक विनोद जाखड़ निवासी भारूखेड़ा के साथ इसलिए जान पहचान थी कि उसका पिता भी हरियाणा रोड़वेज में परिचालक के पद पर था। फतेहाबाद से डबवाली हर रोज कॉलेज में आना-जाना उसके लिए मुश्किल था। इसलिए उसके परिजनों ने विनोद जाखड़ के पास उसका ठहराव कर दिया। वनिता के अनुसार विनोद जाखड़ उसे अपनी बहन मानता था। इसलिए उसने भारूखेड़ा में उनके घर रूकना स्वीकार कर लिया।
वनिता के अनुसार विनोद जाखड़ ने धर्म बहन-भाई के रिश्ते को तार-तार करते हुए उससे कुकर्म किया। उसके अनुसार यह घटना 10.11.2007 और रात के करीब 10 बजे की है। शिकायतकात्री के अनुसार इसके बाद विनोद उससे बलात्कार करता रहा और उसने इस सम्बन्ध में विरोध किया तो विनोद ने उसे धमकाया। इसकी शिकायत थाना सदर डबवाली में की और 164 सीआरपीसी के तहत डबवाली के तत्कालीन न्यायिक दण्डाधिकारी राजेश शर्मा की अदालत में उसके ब्यान भी दर्ज किए गए। 2008 को एफआईआर नं. 132 के तहत दफा 376 और 506 आईपीसी के तहत केस भी दर्ज हुआ। लेकिन आरोपी द्वारा उसे घर बसा लेने का आश्वासन देने पर उसने विनोद के पक्ष में ब्यान दे दिया। जिस पर 4.01.2010 को जिला सैशन जज सिरसा डॉ. शिवा शर्मा ने आरोपी को बरी कर दिया। लेकिन बरी होते ही आरोपी ने फिर से उसे धोखा दिया और उससे किनारा कर लिया।
शिकायतकात्री ने यह भी बताया कि वह इस दौरान विनोद के साथ संगरिया में रहने लगी थी। लेकिन संगरिया में भी उससे धोखा किए जाने पर उसने संगरिया पुलिस में 14.05.2010 को धारा 376/382/323/34आईपीसी के तहत केस दर्ज करवाया है। लेकिन संगरिया पुलिस ने भी अभी तक आरोपी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की है।
इस संदर्भ में आरोपी विनोद कुमार जाखड़ से उसके मोबाइल नं. पर सम्पर्क करने का प्रयास किया गया तो उसका फोन स्विच ऑफ आया। यहां विशेषकर उल्लेखनीय है कि वनिता गांव भारूखेड़ा में विनोद के मकान के नजदीक ही बस अड्डा पर धरना देकर पिछले पांच दिनों से बैठी हुई है और अक्सर ग्रामीण भी उसके आस-पास खड़े हुए मिलते हैं। जब ग्रामीणों से इस संदर्भ में बातचीत की जाती है तो वह कहते हैं कि इस मामले का समाधान पंचायत चुनावों के बाद ही हो पाएगा, वे प्रयासरत हैं कि उनके गांव में चल रहा यह विवाद किसी प्रकार निपट जाए।
वनिता ने जैसे ही न्याय के लिए जान देने की धमकी दी तो खुफिया विभाग भी सतर्क हो गया। पता चला है कि खुफिया विभाग ने इसकी जानकारी अपने उच्च अधिकारियों को दे दी है।

सकताखेड़ा में युवक ने फांसी खाई

डबवाली (लहू की लौ) गांव सकताखेड़ा में एक युवक ने फांसी खाकर अपनी इह लीला समाप्त कर ली।
गांव सकताखेड़ा निवासी स्नेहदीप (45) ने पुलिस को दिये ब्यान में कहा है कि उसका भतीजा राकेश कुमार (22) पुत्र विष्णु दत्त मानसिक रूप से परेशान चला आ रहा था। आज सोमवार सुबह उसने अपनी घर के कमरे की छत के सरिये से कपड़ा बांध कर फांसी ले ली। इसकी जानकारी उन लोगों को दोपहर 12 बजे लगी। सूचना पाकर चौटाला पुलिस चौकी के एसआई जीत सिंह मौका पर पहुंचे।
एसआई जीत सिंह के अनुसार स्नेहदीप के ब्यान पर 174 सीआरपीसी के तहत कार्यवाही करते हुए डबवाली के सिविल अस्पताल से शव का पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव को उसके वारिसों को सौंप दिया।

डिग्गी में गिरा मासूम, मौत

डबवाली (लहू की लौ) 5 दिन पूर्व अपने बच्चे के जन्म दिन की तैयारियों में मशगूल परिवार को उस समय भारी आघात लगा जब लाडला बेटा घर के आंगन में खेलते समय घर में बनी चार फुट गहरी डिग्गी में गिर गया और उसकी मौत हो गई।
गांव डबवाली के विशाल (28) पुत्र अशोक कुमार ने बताया कि दो वर्ष पूर्व ही उनके घर बेटा हुआ था। जिसका नाम उन्होंने विनय रखा था। वह रामां मण्डी की रिफाईनरी में काम करता है। वह प्रात: 7 बजे डयूटी पर चल गया। महिलाएं घर के भीतर काम कर रही थी और विनय घर के आंगन में खेल रहा था। खेलते-खेलते अचानक डिग्गी में गिर गया। जिसकी जानकारी घर के किसी सदस्य को नहीं थी। लेकिन कुछ समय बाद ही उसकी पत्नी अमनदीप कौर को याद आई कि विनय वहां नहीं है। उसकी तालाश शुरू की गई, तो वह खोजते-खोजते डिग्गी के पास पहुंची तो डिग्गी में उसका शव तैरता हुआ मिला। विनय को डबवाली के एक प्राईवेट अस्पताल में लेजाया गया। लेकिन जांच के बाद डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। विनय का आगामी 11 जून को दूसरा जन्म दिन था।

04 जून 2010

डेरा प्रमुख की जमानत पर फैसला 14 को

प्रदेशभर में पेशी को लेकर रहा हाई अलर्ट
सिरसा  डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह की अग्रिम जमानत पर आज दिया जाने वाला निर्णय अब चुनावों तक टल गया है। डेरा प्रमुख आज नियमित पेशी के दौरान वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सीबीआई अदालत में पेश हुए। पेशी के दौरान अदालत परिसर को सुरक्षा जाल में तबदील कर दिया गया था और चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात की गई थी। दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद हरियाणा सरकार व पुलिस की दरखास्त पर गौर करते हुए विशेष न्यायाधीश एएस नारंग ने अग्रिम जमानत पर फैसला चुनाव बाद यानी 14 जून तक टाल दिया। डेरा प्रमुख को मिली नियमित अग्रिम जमानत को आधार बनाते हुए अवतार सिंह नामक डेरा के पूर्व प्रबंधक ने उसे भी जमानत देने का आग्रह किया था। इसके बाद अदालत ने डेरा प्रमुख की अग्रिम जमानत पर आज फैसला सुनाना था। इस फैसले के दृष्टिगत ही राज्य सरकार ने अलर्ट घोषित किया था। सभी जिलाधीशों ने अपने मातहत अधिकारियों की बैठक भी कर ली थी। इसी बीच हरियाणा पुलिस ने न्यायालय से गुहार की कि चुनाव में व्यस्तता के चलते पुलिस इस मामले में सुरक्षा की गारंटी नहीं ले सकती इसलिए एक बार निर्णय को सुरक्षित रख लिया जाए। पुलिस की दरखास्त पर गौर करते हुए न्यायाधीश ने अगली तारीख 14 जून निर्धारित कर दी। साथ ही कल 5 जून को साध्वी यौन शोषण मामले में डेरा प्रमुख की पेशी को भी स्थगित कर दिया गया। डेरा प्रमुख की जमानत रद्द होने की आशंका के चलते डेरा के हजारों अनुयायी आज न्यायालय परिसर के बाहर एकत्रित थे। इनमें महिलाओं की संख्या काफी थी। तंबुओं के नीचे बैठी महिलाएं सिमरन भी करती देखी गईं। डेरामुखी सुबह सवा 8 बजे अदालत पहुंचे और भारी सुरक्षा के बीच उन्हें वीडिया कॉन्फ्रैंसिंग रूमं में ले जाया गया।  आज की पेशी दोपहर 3 बजकर 20 मिनट पर खत्म हुई। आज डेरा प्रमुख की पेशी के चलते अदालत परिसर के बाहर भारी संख्या में डेरा अनुयायी इक_े थे और पुलिस जवान भी अतिरिक्त लगाए गए थे। प्रदेश के पुलिस महानिदेशक रंजीव दलाल ने सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को डेरा प्रमुख की पेशी के चलते सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रखने के निर्देश जारी किए थे। पुलिस प्रशासन का अनुमान था कि अदालत द्वारा डेरा प्रमुखकी जमानत याचिका रद्द करने के बाद कानून व्यवस्था की स्थिति को संभालना मुश्किल हो जाएगा। इसलिए पुलिस ने पहले से ही पूरे बंदोबस्त कर लिए थे। भारी संख्या में पुलिस बल, फायर ब्रिगेड, घुड़सवार पुलिस, आंसू गैस, वज्र सहित सुरक्षा के तमाम इंतजाम किए गए थे। सुरक्षा व्यवस्था  का जायजा लेने के लिए आज हिसार रेंज के आईजी अनंत कुमार ढुल भी सिरसा पहुंचे।

चौपाल पर चुनाव के चर्चे

बनवाला (जसवन्त जाखड़) इन दिनों जिला सिरसा में जिला परिषद, ब्लाक समिति और पंचायत के चुनाव का प्रचार जोरों पर है। हालांकि 6 जून को प्रत्याशियों की पोल मत पेटियां तथा ईवीएम मशीनें खोल देंगी।
गांव बनवाला में जिला परिषद, ब्लाक समिति और पंचायत चुनाव में खड़े हुए प्रत्याशी अपनी-अपनी बात मतदाताओं के समक्ष रखने के लिए आ रहे हैं। इस बार ग्रामीण मतदाता उतना भोला नहीं है, जितना कि प्रत्याशी समझते हैं। वह हर बात को समझता है, भले ही उसे रिझाने के लिए शराब की ही क्यों न पिलाई जा रही हो। मतदाता इस बात को लेकर चल रहा है, कि अगर प्रत्याशी इस मौके पर उसे खिलाते-पिलाते हैं, तो खा पी लेना चाहिए। वोट तो अपने मन से ही देनी है। जब ये जीत जाएंगे तब उनकी सुनवाई कहां होने वाली है।
गांव के देवीलाल चौक पर बैठे हुए युवक प्रत्याशियों का प्रचार सुनने के बाद अक्सर बड़े ही मजे से बाते करते हैं कि यहां विकास की बात तो सभी करने आ रहे हैं, लेकिन वायदे पर खरा कौन उतरेगा, ये तो उसे अजमाने पर ही पता चल पाएगा। वे यह भी सोचते हैं कि आखिर वोट किसको दें। आपस में विचार-विमर्श तो करते हैं, लेकिन फिर मन को मसोस कर कहते हैं कि चलो 6 जून आएगी तब यहां मन करेगा, वहां मोहर लगा देंगे।
इसी प्रकार चौपाल में बैठे हुए वृद्ध भी हुक्का गुडग़ुड़ाते हुए अक्सर इन दिनों चुनाव की ही बात करते हैं, चूंकि मौसम भी तो चुनाव है, अब बेचारे हाड़ी काटकर कुछ समय आराम के साथ-साथ प्रत्याशियों के भाषण सुनकर मंनोरजन भी कर रहे हैं। इन चुनावों के मौसम में वृद्ध अपनी बेटों को यह सुझाव देना भी भूल गये हैं कि बेटा हाड़ी के बाद अब सावनी भी आनी है और खेत में जाकर इसकी बिजाई भी करनी है और आगे की भी सोचनी है।
भूप सिंह टाड़ा  का कहना है कि गांव का विकास रूका हुआ है, वे तो उसी को वोट देंगे, जो गांव की और भाईचारे की बात करेगा।
सरवन गोदारा  का कहना है कि कैसा जमाना आ गया है, सरपंच पद के लिए भी एमएलए जैसा प्रचार करना पड़ रहा है। भोंपू पूरा दिन गांव में बजते हैं और गांव की शांति भंग हो रही है, यह भी पता नहीं, कि जीतकर ये लोग गांव का कितना विकास करवाएंगे।
प्रेम भांभू  का कहना है कि प्रत्याशी अब तो बड़े-बड़े वायदे कर रहे हैं, लेकिन जब जीत हासिल होगी तो वायदे तो भूल जाएंगे, मतदाता को भी भूल जाएंगे। फिर कहेंगे हमें तो वोट डाला ही नहीं, हम तुम्हारे वोट से कहा बनें हैं।
रामकुमार का कहना है कि चुनाव में वोट डालने का अधिकार उसे मिल गया है और वह तो अपने वोट को पूरी तरह सोच-समझकर ही प्रयोग करेगा। उसका तो लक्ष्य एक ही है जो गरीब की सुनेगा, वह उसको जरूर वोट देगा।
हरबन्स जाखड़ का कहना है कि जीते कोई भी लेकिन वह अपने कत्र्तव्य को याद रखे। सबकी सुनें और सबको सरकार द्वारा बनाई गई योजनाओं का लाभ दे।

अविश्वास मत पर टिका कांग्रेस का भविष्य

डबवाली (लहू की लौ) नगरपालिका अध्यक्षा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर डबवाली के लोगों की निगाह अब 16 जून पर लगी हुई हैं। इसी प्रस्ताव पर डबवाली क्षेत्र में कांग्रेस और डॉ. केवी सिंह का राजनीतिक भविष्य भी जुड़ा हुआ है। चूंकि डॉ. केवी सिंह के आशीर्वाद से ही पालिका अध्यक्षा के पद पर सिम्पा जैन सुशोभित हो पाई थीं।
नगरपालिका के चुनावक्रम पर दृष्टि डालें तो पालिका के चुनाव पहली पालिका के समय सीमा समाप्त होने से पूर्व ही 30-12-2008 को सम्पन्न हुए थे। जिसके चलते 3-3-2009 को विजेता पार्षदों की नोटिफिकेशन सरकार द्वारा की गई। हालांकि इन चुनावों में 19 वार्डों में से 10 पर कांग्रेस को, 7 पर इनेलो तथा 2 पर इनेलो की सहयोगी भाजपा को सफलता हासिल हुई थी।
पार्षदों की प्रथम बैठक और शपथ ग्रहण समारोह 20 मार्च 2009 को तत्कालीन उपमण्डलाधीश धर्मपाल सिंह ने सम्पन्न करवाया था। लेकिन प्रधान और उपप्रधान पद को लेकर कांग्रेस में कशमकश चलती रही। कांग्रेस के 10 में से चार पार्षद प्रधान पद की दौड़ में थे। जिसमें विनोद बांसल, रमेश बागड़ी, सिम्पा जैन तथा हरनेक सिंह शामिल थे। कई दिन तक इनमें उठा-पटक चलती रही। उस समय इनेलो ने यह शिगूफा भी छोड़ा कि सरकार तो नगरपालिका पर इनेलो की ही आएगी और कांग्रेसी आपस में लड़ते रह जाएंगे। इनेलो के इस शिगूफा से कांग्रेसी पार्षदों को एक होने का मौका मिला और 31 मार्च को सिम्पा जैन के नाम पर जैसे तैसे सहमति हो गई। लेकिन इस सहमति से पूर्व कांग्रेस में फिर दरार पैदा हुई और पार्षद हरनेक सिंह नगरपालिका के बाहर से ही गायब हो गया। उस दिन कांग्रेसी पार्षदों के हाजिर न होने से बैठक कैंसल कर दी गई। इस मौके पर उपस्थित हुए इनेलो पार्षदों ने खूब शोर-शराबा किया। लेकिन उनकी एक न चली।
फिर अगले दिन 1 अप्रैल को कांग्रेसी पार्षद नगरपालिका में उपमण्डलाधीश धर्मपाल सिंह के निमंत्रण पर आयोजित पार्षदों की बैठक में उपस्थित हुए। इस मौके पर सभी 19 पार्षद उपस्थित थे। लेकिन बहुमत कांग्रेस के पक्ष में होने के कारण प्रधान पद पर सिम्पा जैन और उपप्रधान पद पर हरनेक सिंह को चुन लिया गया। हरनेक सिंह ने तत्काल अपना कार्य शुरू कर दिया। लेकिन 4 मई 2009 को प्रधान पद की नोटिफिकेशन के बाद प्रधान ने 5-5-2009 को अपना कार्यभार संभाला।
प्रधान पद को लेकर इसके बावजूद भी कांग्रेसी पार्षदों में नोंकझोंक अक्सर चलती रही। पार्षद जगदीप सूर्या, विनोद बांसल, रमेश बागड़ी ने बताया कि सिम्पा जैन वायदे पर कायम नहीं रही। जिसके चलते उन्हें विद्रोही तेवर अपनाने पड़े। उनके अनुसार प्रधान पद पर सिम्पा जैन की नियुक्ति करते समय पार्षदों में यह तय हुआ था कि छह माह के बाद वह प्रधान पद छोड़ देगी। इन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सिम्पा जैन पार्षदों को ब्लैकमेल करके प्रधान बनी थी। चूंकि उसने धमकी दी थी कि अगर उसे प्रधान नहीं बनाया जाता तो वह विपक्षी खेमे में शामिल हो सकती है।
विद्रोही कांग्रेसी पार्षदों ने इनेलो पार्षदों के साथ हाथ मिलाते हुए अपनी गुप्त बैठकें नगर के एक होटल में करनी शुरू कर दी। जिसमें विपक्ष के पार्षद गुरजीत सिंह शामिल थे। 14 मई 2010 को विद्रोही पार्षद अपने कार्य को अंजाम देने के लिए डबवाली से इनेलो के विधायक अजय सिंह चौटाला से सिरसा में उनके निवास स्थान पर मिले और बताया कि वे पालिका अध्यक्षा से खफा है और किसी भी कीमत पर इसे बदलने के इच्छुक हैं। बताया तो यह जाता है कि अजय सिंह चौटाला ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि वे अब भी विचार कर लें, अन्यथा आगे कदम बढ़ाने के बाद पीछे न हटें। इस मौके पर कांग्रेसी पार्षदों ने एक शर्त रखी कि यदि पालिका अध्यक्षा इनेलो में शामिल होने की इच्छा करे तो उसे किसी भी कीमत पर इनेलो में शामिल न किया जाए और न ही उसे समर्थन देकर इनेलो प्रधान बनाए। इस पर अजय सिंह चौटाला ने सहमति व्यक्त की और इनेलो व विद्रोही कांग्रेसी पार्षदों में समझौता हो गया। इसी योजना के तहत 17 मई को विद्रोही कांग्रेसी पार्षद अजय सिंह चौटाला के नेतृत्व में इनेलो पार्षदों के साथ उपायुक्त सिरसा के समक्ष प्रस्तुत हुए और  उन्हें पालिका अध्यक्षा और उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए अपने शपथ पत्र सौंपे। अविश्वास प्रस्ताव के लिए पार्षदों की विशेष बैठक 16 जून को बुलाए जाने को लेकर राजनीतिक क्षेत्रों में गतिविधियां तेज हो गई हैं। राजनीति पर्यवेक्षकों का मानना है कि नगरपालिका के अध्यक्षा पद पर सिम्पा जैन को बिठाने के लिए कांग्रेस नेता डॉ. केवी सिंह की अहम भूमिका थी और डॉ. केवी सिंह ने इसके लिए नगरपालिका चुनाव के समय गठित की गई पांच सदस्यीय कमेटी को भी नजरअंदाज कर दिया था। इस कमेटी में मलकीत सिंह गंगा, नवरतन बांसल, रवि चौटाला, संदीप चौधरी, दीपक कौशल एडवोकेट शामिल थे। कमेटी को नजरअंदाज करने के बाद कमेटी के सदस्यों और डॉ. केवी सिंह के बीच तभी से 36 का आंकड़ा चला आ रहा है। लेकिन विद्रोही कांग्रेसी भी केवी सिंह के ही समर्थक माने जाते रहे हैं। आखिर केवी सिंह के आशीर्वाद से बनाई गई पालिका अध्यक्षा के खिलाफ केवी सिंह के समर्थकों के ही विद्रोह में आ जाने से यह माना जाने लगा है कि यदि अविश्वास प्रस्ताव 16 जून को पारित हो जाता है, तो डॉ. केवी सिंह का डबवाली से जुड़ा राजनीतिक भविष्य भी काफी हद तक प्रभावित होगा। हालांकि पालिका अध्यक्षा के राजनीतिक भविष्य पर प्रश्न चिन्ह लगेगा ही।

30 मई 2010

सरपंच पद मिला 11 लाख में

डबवाली (लहू की लौ) जिला सिरसा के गांव पन्नीवाला मोरिकां में चुनाव न हों इसके लिए प्रत्याशियों में पहले बोली से सरपंची नीलाम करने का प्रयास किया गया। लेकिन बाद में गांव के मौजिज व्यक्तियों ने 11 लाख में सरपंची पर सर्वसम्मति करवाते हुए यह राशि गांव में बने एक डेरा और गुरूद्वारा को दिला दी।
डबवाली खण्ड के गांव पन्नीवाला मोरिकां में वीरवार को गांव के गणमान्य लोगों ने सार्वजनिक बैठक की। जिसमें सरपंच पद का चुनाव लड़ रहे अमरजीत सिंह (30) पुत्र दर्शन सिंह, जगदीश (50) पुत्र आत्मा सिंह, जगदीप सिंह (32) पुत्र साधु सिंह, इकबाल सिंह (30) पुत्र मुख्तियार सिंह, गमदूर सिंह (50) पुत्र सरवन सिंह, जगसीर सिंह (40) पुत्र टेक सिंह, लखवीर (55) पुत्र ज्वाला सिंह, हरमन्दर सिंह (35) पुत्र अंग्रेज सिंह, बलविन्द्र (29) पुत्र बन्ता सिंह, नगिन्द्र सिंह (50) पुत्र गुरदेव सिंह, बलकरण सिंह (35) पुत्र गुरदेव सिंह जोटा, अमरीक (30) पुत्र साधु सिंह को भी बुलाया गया। इस बैठक में गांव के डेरा बाबा ज्ञान नाथ के प्रमुख फलाई नाथ भी मौजूद थे। इसके अतिरिक्त कांग्रेसी नेता जग्गा सिंह बराड़ को भी आमंत्रित किया गया था। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि गांव में सरपंच का चयन शांतिमय तरीके से होना चाहिए और चुनाव की नौबत न आये। इसलिए सर्वसम्मति से फैसला ले लिया जाये। इसके साथ ही सरपंच पद पर सर्वसम्मति होने से गांव का 100 साल पुराना रिकॉर्ड भी टूट जाएगा।
इस मौके पर उपस्थित प्रत्याशियों ने सबसे पहले यह मांग रखी कि जो सरपंची पद के लिए अधिक बोली देगा वह स्वीकार होगा। जिस पर बोली 10 लाख रूपये से स्टार्ट हुई। देखते-देखते बोली 15 लाख रूपये तक पहुंच गई। लेकिन उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने इसे स्वीकार नहीं किया। बल्कि आपसी सहमति से यह तय हो गया कि सरपंच पद का प्रत्याशी जगदीप सिंह (32) पुत्र साधु सिंह 11 लाख रूपये की राशि देगा। मोहर लगते ही जगदीप सिंह 11 लाख रूपये की नकद राशि ले आया। इस राशि को गांव में बने डेरा तथा गुरूद्वारा पर खर्च करने के अतिरिक्त बाकी बची राशि को गांव के विकास पर खर्च करने पर सहमति हुई। बताते हैँ कि यह राशि डेरा के प्रमुख फलाई नाथ के पास रख दी गई।
गांव के निर्विरोध चुने गये सरपंच जगदीप सिंह ने इस बात को स्वीकार किया कि उसने 11 लाख रूपये की राशि दी है। यह राशि डेरा और गुरूद्वारा के विकास के लिए दी गई है।
मौका पर उपस्थित जग्गा सिंह बराड़ ने बताया कि गांव के लोगों की इच्छा के अनुरूप सरपंच पद पर सर्वसम्मति हुई है। उन्होंने कहा कि सरपंच चुने गये जगदीप सिंह ने अपनी इच्छा अनुसार 11 लाख रूपये की राशि डेरा के प्रमुख को सौंपी है। उनके अनुसार इस राशि को गांव के लोगों की कमेटी गठित करके कमेटी द्वारा खर्च की जाएगी। बराड़ ने इस बात की पुष्टि की कि जब उसे बुलाया गया था तो मौका पर सरपंच पद की बोली लग रही थी। जिसे उसने रोका और कहा कि पैसे के बल पर नहीं बल्कि गांव में भाईचारे की बदौलत सहमति हो, जो हुई।

ब्लू क्लीपिंग को टवीटर और फेसबुक से जोड़ा

डबवाली (लहू की लौ) साईबर अपराध करने वाले लोगों ने जिला सिरसा की पुलिस को चुनौती देते हुए डबवाली कांड के नाम से इंटरनेट पर उतारी गई ब्लू फिल्म की क्लिपिंग को अब यूटयूब के साथ-साथ वीयूक्लिप.कॉम पर भी उतार दिया है। पुलिस अभी तक साईबर अपराधियों के  सिरे को ही ढूढ़ रही है। लेकिन साईबर अपराध करने वाले ने पुलिस को एक और चुनौती देते हुए डबवाली कांड की अश्लील क्लिपिंग को दो भागों में वीयूक्लिप.कॉम पर उतारा ही नहीं बल्कि इसे पूरे संसार में अधिक प्रयोग की जाने वाली सोशल नेटवर्किंग साईट टवीटर और फेसबुक के साथ भी जोड़ दिया है।
जिस प्रकार से साईबर अपराधी कार्य कर रहा है उससे लगता है कि अपराधी शातिर दिमाग का है और इंटरनेट का अच्छा जानकार है। यह भी पता चला है कि डबवाली से 38 किलोमीटर दूर पंजाब का शहर बठिंडा इन क्लिपिंग की सीडी के लिए मशहूर हो चला है। कुछ लोग वहां से खरीद कर सीडी को डबवाली ला रहे हैं और उसकी कॉपी करके धड़ल्ले से बेच रहे हैं।
मोबाइल पर भी इस अश्लील क्लिपिंग का तीसरा पार्ट भी जारी करके युवाओं में सनसनी फैला दी है। तथ्य तो यह है कि पुलिस के पास इस अश्लील क्लिपिंग को लेकर न तो लड़के वालों ने और न ही लड़की वालों ने इसकी शिकायत दर्ज करवा कर जांच की मांग की है और न ही पुलिस ने इस अपराध में दोषी किसी व्यक्ति को अभी तक पूछताछ के लिए पकड़ा है। हालांकि इस क्लिपिंग की सीडी और मोबाइल पर इसे धड़ल्ले से डाऊनलोड किया जा रहा है और मोबाइल पर नई साईट का नाम भी दिया जा रहा है।
इस संबंध में डबवाली के डीएसपी बाबू लाल ने कहा कि अभी तक पुलिस किसी सिरे तक नहीं पहुंच पायी है। जब इसमें प्रगति होगी तो बता दी जायेगी। फिलहाल उन्हें कोई शिकायतकर्ता ही नहीं मिल रहा है।

ब्लू फिल्म की क्लीपिंग से युवा हो रहे हैं पथ भ्रष्ट

डबवाली (लहू की लौ) इंटरनेट और मोबाइल पर धड़ल्ले से चलने वाली डबवाली कांड नामक ब्लू फिल्म की क्लीपिंग इतनी लोकप्रिय हो चुकी है कि एक इंटरनेट कैफे पर यह क्लीपिंग जोरशोर से दिखाई जा रही है। जबकि पुलिस फिलहाल न तो इस कैफे को ढूंढ़ सकी है और न ही इसकी जांच को लेकर कड़ा रूख अख्तियार कर पाई है। प्राप्त जानकारी अनुसार पिछले तीन दिनों से डबवाली कांड नामक अश्लील क्लिपिंग चर्चा का विषय बनने के साथ-साथ युवाओं को पथ भ्रष्ट करने में भी अपनी भूमिका अदा कर रही है। चूंकि इस ब्लू फिल्म को इंटरनेट पर एक मिनट 12 सैकेंड की दिखाई गई है और मोबाइल पर यहीं क्लीपिंग दो भागों में 6 मिनट 24 सैकेंड की है। हालांकि कहा तो यह भी जा रहा है कि इस फिल्म की ब्लू सीडी एक घंटा से ऊपर की है। बताया जा रहा है कि यह क्लिपिंग भी बाजार में उतारी जा चुकी है। एक साईबर कैफे पर तो 20 रूपये लेकर दिखाई जा रही है। प्रशासन इस संबंध में फिलहाल सुस्त नजर आ रहा है।  इस सन्दर्भ मेंं जब डबवाली के डीएसपी बाबू लाल से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि अपराधी का पता लगाया जा रहा है कि किसने इसको तैयार किया और फिर मोबाइल और इंटरनेट पर डाऊनलोड किया। जब उनसे पूछा गया कि क्या इसकी जांच के दौरान किसी व्यक्ति को पूछताछ के लिए हिरासत मेें लिया गया है तो उनका कहना था कि फिलहाल पुलिस को इसका सिरा नहीं मिल पाया है।
स्कूल के विद्यार्थियों में भी इस क्लिपिंग को लेकर भी उत्सुकता बढ़ रही है जिसके चलते इस क्लिपिंग के विद्यार्थियों के मोबाइल पर पहुंच जाने से उनके मार्ग से भटक जाने का खतरा पैदा हो गया है। अगर समय रहते इस पर नियंत्रण स्थापित न किया जा सका तो यह समाज के लिए अहित कर साबित होगी।

गंगा में वोट को लेकर झगड़ा

डबवाली (लहू की लौ) वोटों को लेकर गांव गंगा में हुए झगड़े में एक युवक घायल हो गया। जिसे उपचार के लिए डबवाली के सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया गया। घायल की बाजू तथा पेट पर चोट आई है।
घायल कश्मीर सिंह (25) पुत्र करतार सिंह निवासी गंगा ने बताया कि वह भट्ठा मजदूर है। शुक्रवार रात को अपना काम निपटाकर वह घर में आया ही था कि उसी समय गांव के भूंडा, रिम्पा, किंदा बगैरा ने उसे आवाज लगाई। घर से बाहर निकलते ही उन्होंने उस पर तेजधार हथियारों से हमला करके चोटें मारी। कश्मीर ने बताया कि झगड़े का कारण वोट है।
उसके अनुसार वार्ड नं. 12 से गेज सिंह तथा भोला सिंह पंच पद के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। वह भोला सिंह की हिमायत करता है। लेकिन गेज सिंह के मददगार उस पर उन्हें वोट देने का दबाव डालते हैं। लेकिन ऐसा करने से उसने साफ इंकार कर दिया। इसी के चलते भूंडा, रिम्पा तथा किंदा निवासी गांव गंगा ने उस पर तेजधार हथियारों से हमला करके चोटें मारी। कश्मीर के अनुसार तीन माह पूर्व भी चुनावी रंजिश के चलते उक्त लोगों ने उस पर हमला करके चोटें मारी थी।
इस मामले के जांच अधिकारी तथा गौरीवाला पुलिस चौकी के एएसआई हंसराज ने बताया कि घायल को गोरीवाला पीएचसी से डबवाली में एक्सरे के लिए रैफर कर दिया है और  एक्सरे की रिपोर्ट आने के बाद ही आगामी कार्यवाही अमल में लाई जायेगी।

पन्नीवाला रूलदू में गोली चली

डबवाली (लहू की लौ) गांव पन्नीवाला रूलदू में खेत में पानी लगाने को लेकर दो पक्षों में हुए झगड़े में एक पक्ष पर दूसरे पक्ष ने गोलियां चलाने का आरोप लगाया है।
थाना सदर पुलिस डबवाली में की शिकायत में रणजीत सिंह (31) पुत्र छोटा सिंह ने आरोप लगाया है कि उसकी पानी की बारी थी लेकिन उनके ही गांव के इकबाल सिंह ने उसे पानी लगाने से रोका। जब उसने इसका विरोध किया तो इकबाल सिंह ने 12 बोर की देसी पिस्तौल के साथ दो हवाई फायर करके उसे जान से मारने की धमकी दी। जांच अधिकारी तथा थाना सदर पुलिस के एएसआई जय सिंह ने बताया कि रणजीत सिंह के ब्यान पर इकबाल सिंह पुत्र सतकरतार सिंह के खिलाफ धारा 285/506 आईपीसी तथा आर्मज एक्ट के तहत केस दर्ज करके मौका से चले दो कारतूस बरामद करके आगामी कार्यवाही शुरू कर दी है।

16 मई 2010

इंटरनेट पर चल रही ब्लू क्लीपिंग पर शिकंजा कसने की तैयारियां शुरू

डबवाली (लहू की लौ) यूटयूब पर डबवाली कांड के बैनर तले चल रही ब्लू फिल्म की क्लिपिंग का मामला पुलिस के आला अधिकारियों तक जा पहुंचा है। पुलिस ने इस ब्लू फिल्म को लेकर अपनी जांच शुरू कर दी है।
पता चला है कि डबवाली में चर्चा का विषय बनी डबवाली कांड की ब्लू फिल्म की क्लिपिंग का मामला पुलिस तक पहुंंचने के बाद इस साईट को पुलिस के आला अधिकारियों ने आज जांचा और इसके बाद अधिकारी इस बात का पता लगाने में जुट गये हैं कि यह फिल्म किसने तैयार करवाई और किसने बनाई तथा इसे किस प्रकार से नेट पर डाला गया।  चर्चा है कि एक युवक अपना मोबाइल लेकर एक कंप्यूटर वाले के पास गाने डाऊन लोड करवाने के लिए ले गया और उस कंप्यूटर वाले की निगाह मोबाइल में रखी ब्लू फिल्म पर पड़ी तो उसने उसकी कॉपी कंप्यूटर में कर ली और बाद में अन्य मोबाइल पर एमएमएस के जरिये पहुंचने लगी। जिससे पूरे नगर में हड़कम्प मच गया। पुलिस और खुफिया विभाग सक्रिय हो गया।
इंटरनेट पर और मोबाइल में डाली जा रही अश्लील वीडियो क्लीपिंग के संदर्भ में जब डीएसपी बाबू लाल से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि इस प्रकार की शिकायतें पुलिस को मिली हैं और एसपी सिरसा कार्यालय से इन साईटों को बन्द करवाने के लिए प्रयास शुरू हो चुके हैं। शीघ्र ही इन साईंटों को बन्द करवा दिया जाएगा और जो इस प्रकार की शरारत करेगा, उसके खिलाफ कार्यवाही होगी।

चर्चा का विषय बनी ब्लू फिल्म की क्लीपिंग

डबवाली (लहू की लौ) डबवाली कांड नामक एक ब्लू फिल्म की क्लीपिंग शुक्रवार को दिनभर शहर में चर्चा का विषय बनी रही। फिल्म की क्लीपिंग में नगर ही युवक-युवती को अश्लील हरकतें करता हुआ दिखाया गया है। इतना ही नहीं दो सप्ताह पूर्व इसे किसी व्यक्ति ने इंटरनेट से जोड़ दिया है।
जानकारी अनुसार इस क्लीपिंग को लेकर शहर में दिन-भर हलचल होती रही। लोग इस वीडियो की सीडी या क्लीपिंग के लिए सीडी विक्रेताओं तथा मोबाईल शॉप के चक्कर लगाते रहे। बताते हैं कि यह फिल्म करीब डेढ़ घण्टा की है। लेकिन मोबाइल शॉप द्वारा मोबाइलों में डाऊनलोड की जा रही इस वीडियो की क्लीपिंग मात्र 8 मिनट है। इंटरनेट पर 1 मिनट की वीडियो क्लीपिंग अपलोड की गई है। यह भी जानकारी प्राप्त हुई है कि वीडियो को बीती 26 अप्रैल को इंटरनेट पर डाला गया है। इंटरनेट पर डालने के लिए एक वेबसाईट का इस्तेमाल किया गया है। यह भी पता चला है कि कुछ लोग 200-200 रूपये लेकर मोबाइल पर इस क्लीपिंग को डाल रहे हैं।

11 मई 2010

डेरा फिर मुश्किल में

डबवाली (लहू की लौ) डेरा सच्चा सौदा सिरसा के पूर्व प्रबन्धक फकीर चन्द प्रकरण की जांच के लिए 5 दिनों से सिरसा में डेरा डाले बैठी सीबीआई टीम ने आज दूसरी बार गांव दीवानखेड़ा का दौरा किया। करीब एक दर्जन गवाहों के ब्यान दर्ज किये। गांव की पंचायत से फकीर चन्द की सम्पत्ति और रिश्तेदारों आदि के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की।
सीबीआई इंस्पेक्टर जेसी तिवाड़ी तथा हैड कांस्टेबल विपिन कुमार आज सुबह 8.30 बजे अचानक डबवाली नगर के बठिण्डा चौक में पहुंचे। फकीर चन्द के भतीजे तथा थ्री व्हीलर चालक चेतन कुमार से पूछताछ की। इसके बाद सुबह करीब 9.15 पर गांव दीवानखेड़ा के सरपंच राजेन्द्र बिश्नोई के निवास स्थान पर पहुंचे। उन्होंने वहां पर करीब एक दर्जन लोगों के ब्यान कलमबद्ध किये। पत्रकारों से बातचीत करते हुए गांव के सरपंच राजेन्द्र बिश्नोई ने बताया कि आज दूसरी बार सीबीआई टीम दीवानखेड़ा पहुंची। फकीर चन्द प्रकरण में करीब एक दर्जन लोगों से पूछताछ की और तथ्य जुटाए। सीबीआई टीम को उन्होंने बताया कि फकीर चन्द 1965 से डेरा में बतौर प्रबन्धक नियुक्त थे और अक्सर डेरा में रहते थे। लेकिन गांव में दु:ख-सुख में शरीक होने के लिए कभी-कभार आते थे। लेकिन पिछले 20 वर्षों से उनका कोई अता पता नहीं है। वर्ष 1990 में उन्हें आखिरी बार उनके भतीजे चेतन दास पुत्र रामदास की शादी में गांव में देखा गया था। उसके बाद वे कभी भी गांव में दिखाई नहीं दिये। डेरा से वे गायब हुए हैं। न तो उनके मृत शरीर को गांव में लाया गया और न ही उनके शरीर का संस्कार गांव में किया गया है। राजेन्द्र बिश्नोई ने कहा कि सीबीआई टीम जांच कर रही है। वे भी चाहते हैं कि फकीर चन्द के लापता होने के कारणों का सही पता लग सके।
सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार गांव की पंचायत ने अपनी लेटरपेड पर लिखकर सीबीआई को फकीर चन्द के बारे में आवश्यक जानकारी मुहैया करवाई है। सूत्र बताते हैं कि लेटर पेड पर फकीर चन्द की जमीन-जायदाद, रिश्तेदारों तथा फकीर चन्द के शव का गांव में दाह संस्कार न करने सम्बन्धी विस्तार से वर्णन किया गया है। फकीर चन्द के भतीजे एवं ब्लाक समिति डबवाली के सदस्य हंसराज पुत्र लक्ष्मण दास निवासी गांव दीवानखेड़ा ने पत्रकारों को बताया की फकीर चन्द उनके फूफा थे। उन्होंने सीबीआई को बताया कि उन्होंने आखिरी बार 1990 में फकीरचन्द को गांव में देखा था। वे अक्सर डेरा में रहते थे। उन्होंने सीबीआई को यह भी जानकारी दी कि जब फकीर चन्द की बहन लक्ष्मी देवी का निधन हुआ था, उस समय लक्ष्मी देवी का दाह संस्कार डेरा में ही किया गया था। उस समय फकीर चन्द भी वहां उपस्थित थे। लेकिन पिछले 20 वर्षो से उनका कोई पता नहीं। डेरा से वे गायब हुए हैं। गांव में उनके मृत शरीर का अन्तिम संस्कार नहीं किया गया। सीबीआई ने गांव की पूर्व महिला सरपंच कर्मजीत कौर के पति गुरतेज सिंह तेजा के ब्यान भी दर्ज किये हैं। पत्रकारों से बातचीत में गुरतेज सिंह ने बताया कि वर्ष 2000 से 2005 तक उसकी पत्नी गांव की सरपंच थी। नवम्बर 2004 में फकीर चन्द का भाई रामदास दो पुलिसकर्मियों के साथ उसके पास आया और फकीरचन्द की मृत्यु सम्बन्धी प्रमाण पत्र की मांग करने लगा। लेकिन फकीर चन्द के शरीर का दाह संस्कार गांव में नहीं हुआ था। इसके चलते उसने प्रमाण पत्र बनाने से साफ इंकार कर दिया। हालांकि रामदास के साथ आये दो पुलिस कर्मियों ने उस पर दबाव बनाने की कोशिश की। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार फकीर चन्द के भाई रामदास ने सीबीआई को जो ब्यान दर्ज करवाये हैं, उसमें उन्होंने प्रमाण पत्र के लिए वर्ष 2004 में महिला सरपंच के पति गुरतेज के पास जाने की बात स्वीकारी है। ज्ञातव्य रहे कि किसी भी मृत व्यक्ति के संस्कार सम्बन्धी प्रमाण पत्र को पंचायत से 21 दिन के भीतर प्राप्त करना होता है। फकीर चन्द के भाई रामदास के पुत्र चेतन कुमार निवासी डबवाली तथा ईसर दास के पुत्र पुरूषोत्तम निवासी दीवानखेड़ा के भी सीबीआई ने ब्यान दर्ज किये हैं।

05 मई 2010

भाखड़ा में डूबे सोनू का शव मिला

डबवाली (लहू की लौ) राजस्थान कैनाल में कैनाल के एक छोर से दूसरे छोर तक जाने की दौड़ में लगे दो दोस्तों में से गायब हुए युवक सोनू उर्फ रमेश कुमार (17) पुत्र मनी राम निवासी सुकेराखेड़ा का 32 घण्टे के बाद सुकेराखेड़ा पुल से एक किलोमीटर दूर पानी में तैरता हुआ शव मिल गया।
गांव की सरपंच पार्वती देवी के पति ओमप्रकाश (38) ने बताया कि सोनू को ढूंढऩे के लिए आज दूसरे दिन 14 फुट गहरे पानी में गांव के तैराक युवकों को उतारा गया। राजस्थान कैनाल के तीन पुलों पर ग्रामीणों के निगरानी दल सोनू के जीवित या मृत निकलने की आस लगाये हुए बैठे रहे। उनके अनुसार 7-7 किलोमीटर पर स्थित राजस्थान कैनाल के सुकेराखेड़ा पुल, जण्डवाला बिश्नोइयां पुल तथा कालुआना पुल पर ग्रामीणों के दस्ते तैनात कर दिये गए। 32 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद शाम को करीब 6 बजे सुकेराखेड़ा पुल से एक किलोमीटर दूर बुर्जी नं. 534 के नजदीक लापता हुए सोनू का शव राजस्थान कैनाल में तैरता हुआ दिखाई दिया। तुरन्त लोगों ने नहर में कूदकर उसे बाहर निकाल लिया। मौका पर पहुंचकर चौटाला पुलिस ने शव को अपने कब्जे में ले लिया।
ज्ञातव्य रहे सोमवार को सुबह 11 बजे गांव सुकेराखेड़ा के दो हमउम्र दोस्त सोनू और राजकुमार राजस्थान कैनाल में नहाने के लिए उतरे थे। नहाते-नहाते वह 220 फुट चौड़े एक छोर से दूसरे छोर तक जाने के लिए एक-दूसरे की प्रतियोगिता पर उतर आये। लेकिन सोनू सांस चढऩे के कारण अधर में ही लापता हो गया जबकि राजकुमार दूसरे छोर तक पहुंचने में सफल रहा।
सरपंच ओमप्रकाश के अनुसार सोनू 10वीं फेल था और खेत मजदूर था। वह एक हंसमुख युवक होने के कारण सभी उसे प्यार करते थे। किसी को यह मालूम नहीं था कि वह नहाने जाएगा और फिर लौटकर वापिस घर नहीं आएगा।
चौटाला पुलिस चौकी के प्रभारी एसआई जीत सिंह कुंडू मौका पर पहुंचे और ग्रामीणों के ब्यान दर्ज किये।

राजस्थान कैनाल को पार करता युवक डूबा

डबवाली (लहू की लौ) राजस्थान कैनाल के एक छोर से दूसरे छोर तक जाने की दो दोस्तों में क्या ठनी एक दोस्त बीच में ही पानी में गायब हो गया। जबकि दूसरे दोस्त ने बाहर निकलकर ग्रामीणों को इसकी जानकारी दी और अब पूरा गांव लापता हुए युवक को ढूंढ़ रहा है। प्राप्त जानकारी अनुसार गांव सुकेराखेड़ा के दो युवक सोनू (17) पुत्र मनी राम, राजकुमार (17) पुत्र रामकिशन गांव में से बहने वाली राजस्थान कैनाल पर सुबह करीब 11 बजे नहाने के लिए गये थे। लेकिन एक छोर पर नहाते-नहाते अचानक दोनों दोस्तों ने राजस्थान कैनाल के एक छोर से दूसरे छोर तक 220 फुट चौड़े मार्ग को पार करने की ठान ली। दोनों ही दोस्त पानी के बीच कूद पड़े और संघर्ष करते हुए दोनों में से राजकुमार उर्फ राजू तो नहर को पार कर गया। लेकिन सोनू रास्ते में दम चढऩे से गायब हो गया।
इस घटना की सूचना राजू ने गांव में जाकर दी। जिस पर गांव की सरपंच पार्वती देवी के पति ओमप्रकाश (38) अन्य ग्रामीणों के साथ मौका पर पहुंचे। इसकी पुष्टि करते हुए ओमप्रकाश ने बताया कि सोनू को ढूंढने के लिए लोहगढ़ से दो गोताखोर भी बुलाये गये। लेकिन पांच घण्टे के कड़े संघर्ष के बावजूद भी गोताखोरों के हाथ सफलता नहीं लग पाई। हालांकि नहर में पानी 14 फुट गहरा है। उन्होंने यह भी बताया कि इस घटना की सूचना पाकर डीएसपी डबवाली बाबू लाल अपने दलबल सहित मौका पर पहुंचे। अब ग्रामीणों ने सोनू को ढूंढने के लिए इस नहर पर निगरानी करनी शुरू कर दी है। जिसके लिए 20 लोग तैनात किये गये हैं। 7-7 लोगों के तीन ग्रुप नहर पर अपनी निगाहें टिकाये हुए हैं और रोशनी की व्यवस्था भी ग्रामीणों द्वारा नहर पर की गई है।
डीएसपी बाबू लाल ने बताया कि ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी कि गांव सुकेराखेड़ा के दो लड़के राजस्थान कैनाल में नहा रहे थे। जिसमें से एक डूब गया। जिसकी सूचना पाकर वे भी मौका पर पहुंचे। पुलिस ने मौका पर दो गोताखोरों को डूबे हुए युवक को निकालने के लिए बुलाया था। थाना सदर प्रभारी भगवान दास ने बताया कि राजस्थान कैनाल से सोनू को ढूंढऩे के लिए पुलिस ने प्रयास किया। लेकिन पानी का बहाव काफी ज्यादा था। ग्रामीणों को नहर पर लगा दिया गया है। जब भी उन्हें शव दिखाई दे तो वे तुरन्त पुलिस को सूचित करें।

29 अप्रैल 2010

अंधे पति और बेटे के लिए पोस्त तस्करी

डबवाली (लहू की लौ) थाना लम्बी पुलिस ने एक महिला को डोडा पोस्त तस्करी के आरोप में गांव ख्योवाली से गिरफ्तार किया है।
थाना प्रभारी लम्बी हरिन्द्र सिंह चमेली ने बताया कि पुलिस को मुखबरी मिली थी कि एक महिला चूरा पोस्त की तस्करी करती है और वह अक्सर राजस्थान से चूरा पोस्त लाकर पंजाब में सप्लाई करती है। इसी मुखबरी के आधार पर सोमवार को एएसआई जसबीर सिंह को गांव ख्योवाली के क्षेत्र में भेजा गया और उन्होंने गश्त के दौरान एक महिला को संदेह के आधार पर हिरासत में लिया और उसके थैले की तालाशी ली तो उसमें डोडा पोस्त मिला जिसका वजन साढ़े 6 किलो था। महिला ने अपनी पहचान गुरमेल कौर  (62)पत्नी टेक सिंह निवासी वार्ड नं. 8, संगत कलां (बठिंडा) के रूप में करवाई।
एएसआई जसबीर सिंह के अनुसार महिला ने पूछताछ के दौरान माना कि वह पिछले 35 वर्षों से पोस्त तस्करी से जुड़ी हुई है। उसका पति और बेटा दोनों अंधे हैं। गुजारा करने के लिए उसे मजबूरन इस धंधे को अपनाना पड़ा है।  पूछताछ में उसने यह भी स्वीकार किया कि वह इस डोडा पोस्त को बीकानेर से एक हजार रूपये प्रति किलो के हिसाब से खरीद कर लायी है जिसे उसने मलोट क्षेत्र में 1800 रूपये प्रति किलो के हिसाब से बेचना था। उसने पुलिस को यह भी बताया कि उस पर इससे पूर्व एनडीपीएस एक्ट के तहत चूरा पोस्त तस्करी के आरोप में थाना संगत में 900 ग्राम तथा डबवाली मेें डेढ़ किलो और अढ़ाई किलोग्राम चूरा पोस्त रखने के आरोप में पहले से ही केस दर्ज हैं।
आरोपी महिला को मंगलवार को मलोट अदालत में पेश किया गया और अदालत ने उसे 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिये।

तस्करी में चौटाला के दो युवक गिरफ्तार

डबवाली (लहू की लौ) संगरिया पुलिस ने सोमवार शाम को नाथूआना पुलिया के पास अफीम स्मगलिंग के आरोप में तीन युवकों को गिरफ्तार किया है।
संगरिया थाना के एसआई तारा राम ने बताया कि वह गश्त पर थे और उन्होंने नाथूआना पुलिया पर हरियाणा के चौटाला साईड से आ रहे एक मोटरसाईकिल को रूकने का इशारा किया। लेकिन मोटरसाईकिल चालक ने भगाने का प्रयास किया। पुलिस ने थोड़ी ही दूरी पर मोटरसाईकिल को काबू कर लिया। इस मोटरसाईकिल पर तीन युवक थे। तालाशी लेने पर एक युवक से 350 ग्राम अफीम बरामद हुई। इस युवक ने अपनी पहचान रामचन्द्र (27) पुत्र कृष्ण लाल निवासी चौटाला के रूप में करवाई। जबकि मोटरसाईकिल चालक ने अपनी पहचान अजय कुमार (22) पुत्र जगमोहन निवासी चौटाला और राम चन्द्र के पीछे बैठे युवक ने अपनी पहचान राजेश (25) पुत्र लाल चन्द निवासी नाथूआना (हनुमानगढ़)के रूप में करवाई। तीन युवकों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया।
जांच अधिकारी ने बताया कि आरोपियों को मंगलवार शाम को एसीजेएम संगरिया विनोद सोनी की अदालत में पेश किया और तीन दिन का पुलिस रिमांड प्राप्त कर लिया। पुलिस सूत्रों के अनुसार पूछताछ के दौरान युवकों ने बताया कि उन्होंने इस अफीम को चौटाला के छोटू भाट से खरीदा है और इसे नाथूआना गांव में जाकर बेचना था।
इधर रामचन्द्र के पिता सरपंच कृष्ण लाल बिश्नोई चौटाला ने कहा कि उसके बेटे रामचन्द्र तथा भतीजे अजय कुमार को एक साजिश के तहत छोटू भाट ने फंसाया है। वह कांग्रेस से सम्बन्धित है। जबकि छोटू भाट इनेलो से सम्बन्धित है। विधानसभा चुनावों के दौरान उनका छोटू भाट से अक्सर तकरार हुआ है और इसी का बदला उसने लिया है। उसका बेटा रामचन्द्र गांव चौटाला में दूध की डेयरी का काम करता है। नाथूआना का राजेश उसके बेटे को बरगलाकर ले गया था। जोकि छोटू भाट का आदमी है।