07 जुलाई 2010

......अब पछतावा

डबवाली (लहू की लौ)  पिस्तौल की नोक पर लाखों रूपये का सोना लूटने वाले गिरोह के डबवाली पुलिस द्वारा पकड़े गये लुटेरे अब अपनी करनी पर पछतावा कर रहे हैं।
लूट के मामले में गिरफ्तार हवलदार तथा डीसी फरीदकोट के गनमैन गुरजीत सिंह (48)पुत्र बलदेव सिंह निवासी सुन्दर नगर, फरीदकोट ने इस संवाददाता से बातचीत करते हुए पुलिस कस्टडी में स्वीकार किया है कि उसने लूट की वारदात में शामिल होकर गलती की है। वह पंजाब पुलिस के डीजीपी कार्यालय चण्डीगढ़ में बतौर ड्राईवर भी तैनात रहा है। 23 जुलाई 1985 में वह पुलिस में भर्ती हुआ था, उसका बैल्ट नं. 754 है।
उसने बताया कि वह किस प्रकार से इस सरगना के मुखिया सुरजीत सिंह निवासी बरनाला के चंगुल में फंसा। उसके अनुसार सुरजीत सिंह पंजाब पुलिस से निलम्बित कर्मचारी है। उसकी मुलाकात फरीदकोट में अक्सर सुरजीत सिंह उस समय होती रहती थी जब वह पेशी भुगतने के लिए अदालत में आता था। उसे यह मालूम था कि वह इतना बड़ा शातिर है। अगर गुरजीत सिंह की मानें तो उसके अनुसार इस लूट की वारदात में अभी तक उसे हिस्सा नहीं मिला है। लेकिन हिस्सा बंटने से पूर्व ही हरियाणा पुलिस ने उसे दबोच लिया।
उसने यह भी बताया कि 26 जून को उसे सुरजीत सिंह ने फोन करके डबवाली पहुंचने के लिए कहा और वह तुरन्त जगजीत सिंह उर्फ जग्गा को साथ लेकर डबवाली के बठिंडा चौक में पहुंच गया और 26 जून की वारदात को अंजाम दिया। उसने यह भी बताया कि उनका एक साथी राम भी उनके साथ था। उनके अनुसार लूटपाट के बाद वह लोग तो फरीदकोट चले गये जबकि उनके दो अन्य साथी बठिंडा की ओर।
इधर पता चला है कि अन्य अभियुक्तों को पकडऩे के लिए पुलिस ने कई संदिग्ध स्थानों पर पकड़े गये आरोपियों की निशानदेही पर छापामारी भी की। लेकिन अभी तक पुलिस को सफलता नहीं मिली। इस संबंध थाना शहर डबवाली प्रभारी वीरेन्द्र सिंह से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अन्य आरोपी शीघ्र ही गिरफ्तार कर लिये जायेंगे।

कोई टिप्पणी नहीं: