16 दिसंबर 2014

मेरा नचदा पंजाब पर झूम उठा पंडाल

बाल मंदिर सीनियर सैकेंडरी स्कूल का वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह संपन्न

डबवाली (लहू की लौ) छात्राओं से छेड़छाड़ त
था उनकी दुर्दशा पर व्यंग्यात्मक कोरियोग्राफी एक अकेली लड़की ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस सहित दर्शकों की आंखों में पानी भर दिया। मौका था मंडी किलियांवाली स्थित बाल मंदिर सीनियर सैकेंडरी स्कूल के वार्षिक कार्यक्रम का। रविवार को विद्यालय प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम में संजीव शाद की कोरियोग्राफी ने दीयां दा दर्द बड़ी बखूबी से ब्यां किया। कोरियोग्राफी में दिखाया गया कि घर की दहलीज से लेकर कॉलेज के गेट पर लड़कियां महफूज नहीं हैं। चौराहों पर खड़ी होकर अपनी दुर्दशा का जवाब मांगती हैं? सिस्टम तथा समाज में बदलाव से लड़कियां सुरक्षित हो सकती हैं।
लघु नाटिका से शिक्षा तंत्र पर प्रहार
मंच पर लघु नाटिका सूरज उगने से पहले प्रस्तुत की गई। नाटिका में चीनी घोटाला, भाई भतीजा वाद, रिश्वतखोरी, भ्रष्ट राजनीति, ऑयल एंड फूड स्केम का मुद्दा उठाया गया। कलाकारों ने एक आदमी की वर्तमान हालात ब्यां करते हुये कहा कि मैं आदमी हूं, आप जैसा ही हूं। नहीं, नहीं आप जैसा नहीं हो सकता। हर इंसान एक जैसा नहीं हो सकता। मैं आम आदमी हूं। मौजूदा भ्रष्ट सिस्टम का मारा। भ्रष्ट राजनीतिकों को रोजाना लूटते देखता हूं। ऐसे में जहर पीने को मन करता है। 33 मिनट की इस लघु नाटिका में आधुनिक शिक्षा प्रणाली पर जबरदस्त कटाक्ष किया गया। किताबी ज्ञान के साथ-साथ विजडम की प्रेरणा दी गई।
बच्चों ने उतारी सतरंगी पींग
सांस्कृतिक कार्यक्रम में बच्चों ने धूम मचा दी। लोक विरासत पेश करते हुये बच्चों ने सतरंगी पींग मंच पर उतार दी। गुजरात, कश्मीर, हरियाणा, राजस्थान तथा पंजाब की संस्कृति को अपने-अपने अंदाज में प्रस्ततु किया। भुमरो, भुमरो, शाम रंग भुमरो...., जन्नत का नूर लेकर मेहंदी की रात आई है। युवक-युवतियों ने मेरा रंगला पंजाब, मेरा नचदा पंजाब पर प्रस्तुति देकर दर्शकों को नाचने पर मजबूर कर दिया।
इससे पूर्व कार्यक्रम का आगाज मंगलवंदनम के साथ हुआ। जस्टिस परमजीत सिंह ने मां सरस्वती के समक्ष ज्योति प्रज्जवलित करके कार्यक्रम को आगे बढ़ाया। बच्चों ने स्वागत गीत पेश किया। इस मौके पर विद्यालय के मेधावी तथा खेलों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले बच्चों को सम्मानित किया गया। विद्यालय मैनेजिंग कमेटी के उपाध्यक्ष नीरज जिंदल ने मुख्यातिथि जस्टिस परमजीत सिंह का परिचय करवाया। प्रिंसीपल एसके कौशिक ने विद्यालय की वाार्षिक रिपोर्ट पढ़ी। इस अवसर पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश बठिंडा तेजिंद्र सिंह, विद्यालय प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष वीपी जिंदल, अरूण जिंदल, डॉ. आरएस अग्निहोत्री, साहित्यकार एसएम देवगण, तरसेम जिंदल, सुदर्शन मित्तल, पिं्रसीपल सुरजीत सिंह मान, जेएस हरचंद, कंचन हरचंद, रमेश सचदेवा, बीडी बांसल, केशव शर्मा, वेदप्रकाश भारती, मनोज गुप्ता, प्रविंद्र अरोड़ा, के. दिलावर, प्रिंसीपल डॉ. इंदिरा अरोड़ा, कोरियोग्राफर संजीव शाद उपस्थित थे।  मंच संचालन स्टॉफ सदस्य पवन वर्मा तथा संदीप कौर ने किया।

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