03 दिसंबर 2014

दो करोड़ के टेंडर में नप ने तोड़े नियम, जांच की मांग

डबवाली (लहू की लौ) पूर्व पार्षद सहित कुछ ठेकेदारों ने नगर परिषद पर भ्रष्टाचार के आरोप जड़े हैं। आरोप है कि दो करोड़ रूपये के कार्यों का टैंडर जारी करते समय नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई गई हैं। कुछ ठेकेदारों के साथ मिलकर सरकार को लाखों रूपये का चूना लगाया है।
पूर्व पार्षद रमेश बागड़ी, गोपाल मित्तल ठेकेदार, राकेश बब्बर, सुखविंद्र सूर्या व सुरेश सोनी के अनुसार नगर परिषद ने शहर की 13 गलियों के निर्माण के लिए 27 अगस्त, 2014 को दो करोड़ रुपये के टैंडर काल किये थे। बाद में योजनाबद्ध तरीके से तिथि 8 सितंबर कर दी। तय तिथि की अपेक्षा बिना धरोहर राशि जमा करवाये टेंडर 9 सितंबर को खोले गये। इतना ही नहीं इन टेंडरों की उपायुक्त से मंजूरी लेने के लिए 10 सितंबर 2014 को पत्र लिखा गया तब तक भी धरोहर राशि जमा नहीं हुई थी। यह राशि 12 सितम्बर 2014 को उपायुक्त कार्यालय से मंजूरी मिलने के बाद ही जमा करवाई गई। जो कि सरासर नियमों की अवहेलना है।
शिकायतकर्ताओं ने खुलासा किया कि अधिकारियों ने ठेकेदारों से मिलीभगत कर नगर परिषद को लाखों रुपये का चूना लगाया है। एक गली को दो भागों में बांट दिया गया है। इसमें एक भाग का टेंडर 15 प्रतिशत कम रेट पर है। दो इसी गली का दूसरा भाग 6 से 7 प्रतिशत अधिक रेट पर दिया गया है। इसकी शिकायत 24 सितंबर को की गई थी। इसके बाद उन्होंने 9 अक्तूबर 2014, 20 अक्तूबर 2014, 20 नवंबर 2014 को चार बार शिकायत की गई। लेकिन इसकी जांच होने की बजाय नगर परिषद ने इस मामले को रफा दफा करने के लिए जल्दबाजी में गलियों का निर्माण करवाना आरंभ कर दिया है।
विवादित टेंडर में इन गलियों का हुआ है निर्माण
इस टेंडर में जिन गलियों का निर्माण करवाया गया है उनमें वार्ड नंबर 18 की गली मक्खन शर्मा वाली, वार्ड 18 में ही केंटर यूनियन, इसी वार्ड की महिंद्र मिस्त्री वाली गली है। इन गलियों को आईपीबी बनाया गया है। नगरपालिका से रामबाग तक की आरसीसी गली का निर्माण कार्य चल रहा है। इनके अलावा 9 गलियों का निर्माण ओर किया जाना है।
आरटीआई के तहत मिली जानकारी : शिकायतकर्ताओं ने बताया कि ठेकेदार गोपाल मित्तल ने आरटीआई के जरिये उपरोक्त मामले का भंड़ाफोड़ किया है। आरटीआई के तहत ही तथ्य सामने आये हैं। जिसकी निष्पक्षता से जांच होनी चाहिये।

आरोप पूरी तरह से निराधार
ई-टेंडरिंग के तहत पूरा कार्य हुआ है। नगर परिषद पर लगाये जा रहे आरोप पूरी तरह से निराधार हैं। नप मामले की जांच को तैयार है। -ऋषिकेश चौधरी, सचिव नगर परिषद, डबवाली

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