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Lahoo Ki Lau

युवा दिलों की धड़कन, जन जागृति का दर्पण, निष्पक्ष एवं निर्भिक समाचार पत्र

14 जून 2020

हरियाणा में महाविद्यालय में परीक्षाएं 1 जुलाई से 31 जुलाई 2020 तक आयोजित करने का निर्णय

चंडीगढ़ (लहू की लौ) हरियाणा सरकार ने राज्य के विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों तथा तकनीकी शिक्षा से जुड़े संस्थानों में अंतिम वर्ष की कक्षा में पढऩे वाले विद्यार्थियों की परीक्षाएं पारंपरिक तरीके से 1 जुलाई से 31 जुलाई 2020 तक आयोजित करने का निर्णय लिया है। इन परीक्षाओं के परिणाम 7 अगस्त 2020 तक घोषित किए जाएंगे।
एक सरकारी प्रवक्ता ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि विद्यार्थियों के हितों को देखते हुए हरियाणा सरकार ने उच्चतर शिक्षा विभाग तथा तकनीकी शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले संस्थानों के अंतिम वर्ष की कक्षा में पढऩे वाले विद्यार्थियों की परीक्षाएं पहले की तरह करवाने का निर्णय लिया है, लेकिन इस दौरान भारत सरकार के गृह मंत्रालय एवं हरियाणा सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार सोशल डिस्टेंसिंग, सैनेटाइजिंग आदि का पूर्ण रूप से अनुपालन किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि परीक्षाओं के दौरान विद्यार्थियों के लिए छात्रावास नहीं खोले जाएंगे, लेकिन सामाजिक दूरियों के मानदंडों का कड़ाई से पालन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि हरियाणा से बाहर के जो विद्यार्थी इस दौरान कोई परीक्षा नहीं दे सकते हैं तो उनके लिए पिछली सभी परीक्षाओं का औसत लिया जा सकता है या वे बाद में खुद परीक्षा में शामिल होकर परीक्षा देने या ग्रेड में सुधार के लिए विकल्प चुन सकते हैं।
उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा जारी आदेशों में कहा गया है कि इंटरमीडिएट समैस्टर के सभी विद्यार्थी अगली कक्षा में प्रमोट कर दिए जाएंगे, जिसमें उनके पिछली कक्षा में प्राप्त अंकों का 50 प्रतिशत को वर्तमान समैस्टर के आंतरिक मूल्यांकन या असाइनमेंट के 50 प्रतिशत अंकों के साथ जोड़ा जाएगा। सरकार ने यह भी कहा कि यदि कोई विश्वविद्यालय कैंपस डिपार्टमैंटस के ऐसे विद्यार्थियों की परीक्षा लेने का इरादा रखता है, तो वह ऐसा कर सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि जिन विद्यार्थियों का कोई पेपरबकाया है तो उन्हें परीक्षा से छूट देकर अगले समैस्टर में प्रमोट किया जा सकता है और रि-अपीयर आगे ले जा सकते हैं।
प्रवक्ता के अनुसार प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को केवल आंतरिक मूल्यांकन की गणना के आधार पर अगली कक्षा में प्रमोट किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि जहां पर प्रैक्टिकल परीक्षाएं अभी तक संचालित नहीं हो पाई हैं वहां पर विद्यार्थियों की पिछली सभी प्रैक्टिकल परीक्षाओं के औसत आधार पर या पिछली समैस्टर में थ्योरी की परीक्षाओं के औसत 80 प्रतिशत अंकों का आधार माना जा सकता है, इनमें जिसमें भी अधिक अंक बनते हैं उसको आधार मान सकते हैं। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालयों द्वारा अपने 'यूनिवर्सिटी टीचिंग डिपार्टमैंटसÓ में एडमिशन व्यक्तिगत स्तर पर आयोजित किए जाएंगे, जबकि उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा स्नातक स्तर और स्नातकोत्तर स्तर के कॉलेजों के लिए पहले की तरह केंद्रीकृत ऑनलाइन एडमिशन किए जाएंगे।

पंजाब-राजस्थान ने सील की सीमा, हरियाणा के सीमावर्ती इलाके की मुश्किलें बढ़ी


पंजाब-राजस्थान ने सीमा सील करके हरियााणा के सीमावर्ती इलाकों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। हालात यह हो गई है कि राजस्थान में आसानी से प्रवेश मिल जाएगा, लेकिन वापिस आने के लिए ई-पास लेना होगा। जो आसानी से नहीं मिलेगा। कुछ ऐसे ही हालात पंजाब ने पैदा कर दिए हैं। वीकेंड पर पंजाब खुला होगा, पर सीमाएं सील होंगी। ऐसे में जिला सिरसा खासकर डबवाली इलाके के कामकाजी लोग भी पंजाब में प्रवेश नहीं कर पा रहे। पंजाब सरकार ने साफ कर दिया है कि जरुरी होने पर ही ई-पास दिया जाएगा। ऐसे में आने वाले दिनों में सीमावर्ती इलाके के लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

डबवाली(लहू की लौ)राजस्थान के बाद दूसरे पड़ौसी सूबे पंजाब ने भी सीमाएं सील कर दी हैं। पंजाब में वीकेंड पर शनिवार तथा रविवार को यह व्यवस्था लागू रहेगी। नई व्यवस्था के मुताबिक अंतरराजीय तथा अंतरजिला आवाजाही के लिए ई-पास जरुरी कर दिया गया है। इस दौरान मेडिकल इमरजेंसी में आने-जाने के लिए छूट तय की गई है। शनिवार को पहले दिन डबवाली से सटे पंजाब के जिला श्री मुक्तसर साहिब तथा बठिंडा की सीमा पर पुलिस तैनात रही। हरियाणा के लोगों की एंट्री नहीं मिली। ऐसे में लोगों ने बठिंडा या श्री मुक्तसर साहिब जाने के लिए चोर रास्तों का सहारा लिया। इधर राजस्थान की सीमा भी सील रही। लेकिन पंजाब की तरह सख्ती नहीं बरती गई। बाहरी व्यक्तियों को स्क्रीनिंग के बाद प्रवेश करने दिया जा रहा था। राजस्थान से वापिस लौटने के लिए ई-पास जरुरी किया गया है।
शनिवार को बठिंडा रोड पर एएसआइ जरनैल सिंह के नेतृत्व में पुलिस तैनात थी। किसी को सीमा पार नहीं करने दी जा रही थी। डबवाली के गांव मटदादू से कार पर जा रहे छह लोगों को पुलिस ने रोक लिया। पुलिस उनका चालान काटने को तैयार हो गई। ग्रामीणों ने जब बताया कि वे किसी के अंतिम संस्कार में शरीक होने जा रहे हैं तो पुलिस ने उन्हें जाने दिया। इधर मलोट रोड पर एएसआइ गुरदीप सिंह के नेतृत्व में पुलिस नाका लगाए हुए थी। यहां जाम जैसी स्थिति दिखाई दी। ई-पास देखकर ही पुलिस ने लोगों को जाने दिया। अन्य गाड़ी चालकों को वापिस भेज दिया।

गजटिड छुट्टियों वाले दिन आवाजाही के लिए ई-पास जरुरी कर दिया गया है। शेष पांच दिनों के लिए पुरानी व्यवस्था ही रहेगी।
-जिला मजिस्ट्रेट
बी. श्रीनिवासन, बठिंडा (पंजाब)

राजस्थान में इंट्री के लिए ई-पास की जरुरत नहीं। प्रदेश से वापिस लौटने या प्रदेश के नागरिक को बाहर जाने के लिए ई-पास जरुरी है।
-एसडीएम मांगी लाल सुथार, संगरिया (राजस्थान)

डबवाली में परेशानी बढ़ा रहे पंजाब से आ रहे बेसहारा पशु

8 मई 2020 को वीसी के जरिए मुख्यमंत्री के समक्ष उठा था मुद्दा
एक माह बीत जाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होने पर नंदीशाला ने भेजी शिकायत

डबवाली(लहू की लौ)पड़ौसी सूबे पंजाब से बेसहारा पशु लगातार डबवाली में प्रवेश कर रहे हैं। ऐसे में बेसहारा पशुओं की संख्या बढ़ती ही जा रही है। मामला करीब एक माह पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के समक्ष उठ चुका है। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इधर हालात यह हैं कि पशु हर रोज किसी को घायल कर रहे हैं। एकता नगरी की गली नं. 6 में लगातार दो मामले सामने आ चुके हैं। सिरसा रोड स्थित नंदीशाला मंडी डबवाली के प्रबंधकों ने मुख्यमंत्री को शिकायत भेजकर कार्रवाई करने की मांग की है।
शिकायत में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने 8 मई 2020 को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए हरियाणा को बेसहारा गौधन मुक्त करने, गौशालाओं तथा नंदीशालाओं के प्रबंधन में आ रही समस्याओं पर विचार किया था। इसमें यह समस्या उभरकर सामने आई थी कि यहां पर अन्य राज्यों की सीमा हरियाणा से लगती हैं, वहां पर पड़ौसी सूबों से बेसहारा गौधन हरियाणा में प्रवेश करता है। डबवाली की सीमा पंजाब से लगती है। इसलिए पंजाब राज्य से बेसहारा गौधन हरियाणा में धकेला जाता है। नंदीशाला प्रबंधकों ने शिकायत के जरिए मुख्यमंत्री को बताया है कि डबवाली से करीब एक किलोमीटर दूरी पर पंजाब पशु मंडी आयोजित करता है। यहां पर किसान पशु बेचने के लिए आते हैं। साथ ही बेसहारा पशुओं को डबवाली सीमा में छोड़ दिया जाता है। हालांकि भारत सरकार की अधिसूचना के मुताबिक अंतरराजीय सीमा के 50 किलोमीटर के भीतर कोई भी राज्य पशु मंडी का आयोजन नहीं कर सकता। इसके बावजूद पशु मंडी संचालित हो रही है।

8 मई को वीसी के जरिए यह मुद्दा सीएम हरियाणा के समक्ष उठा चुका हूं। इसके बावजूद न तो सरकार न कोई कदम उठाया, न ही विभाग ने। इसलिए मुख्यमंत्री को शिकायत भेजकर डबवाली की सीमा के पास लगने वाली पशु मंडी को बंद करवाने की मांग की गई है। साथ ही डबवाली शहर में आ रहे बेसहारा गौधन को रोकने के लिए प्रशासन के माध्यम से सख्त कदम उठाने के लिए मुख्यमंत्री से अपील की गई है।
-विनोद बांसल, प्रधान, नंदीशाला मंडी डबवाली


विश्व रक्तदाता दिवस विशेष


रक्तदान के प्रेमी हैं रामधन, 127 बार कर चुके हैं रक्तदान
जेबीटी नवीन नागपाल 87 तथा 77 बार रक्तदान कर चुके हैं डॉ. राजकपूर गर्ग




डबवाली(लहू की लौ) स्वेच्छिक रक्तदान की बात करें तो रोहतक के बाद सिरसा जिला प्रदेश में दूसरे स्थान पर है। अकेले डबवाली में हर वर्ष 10 हजार यूनिट रक्तदान होता है। ऐसे रक्तदाताओं में से एक है रामधन। इस इंसान को रक्तदान प्रेमी कहा जाए तो कोई अचरज नहीं होना चाहिए। डबवाली के गांव रामपुरा बिश्नोइयां का रहने वाला यह 58 वर्षीय इंसान 127 बार रक्तदान कर चुका है। खास बात यह है कि इनका ब्लड ग्रुप रेयर है। पेशे से ऑटो चालक यह इंसान रेयर ब्लड ग्रुप बी नेगेटिव होने के बावजूद 60 किलोमीटर के दायरे में रक्तदान करने पहुंच जाता है। रामधन ने वर्ष 1991 में रक्तदान की शुरुआत की थी। उन दिनों वह हनुमानगढ़ जंक्शन गया हुआ था। एक निजी अस्पताल में रक्त के अभाव में तड़प रही महिला को देखकर उसे रहा नहीं गया। चिकित्सक की प्रेरणा के बाद रामधन ने रक्तदान किया। महिला की जान बच गई। अब तक वह सिरसा, लुधियाना, चंडीगढ़, बीकानेर, जयपुर, हनुमानगढ़ के साथ-साथ इलाके में आयोजित होने वाले रक्तदान शिविर में 127 बार रक्तदान कर चुका है। यह शख्स युवाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन गया है। उसे रक्तदान करते देख रामपुरा बिश्नोईयां, रामगढ़, गोरीवाला, गंगा, झुट्टीखेड़ा के युवा रक्तदान करने लगे हैं।

रामधन की तरह उसका ऑटो भी रक्तदान के लिए प्रेरित करता है। कई तरह के स्लोगन उसने अपनी ऑटो पर लिखवाए हुए हैं। ऑटो में बैठी सवारी को बातों-बातों में वह रक्तदान करने का आह्वान करता है। इस ऑटो चालक का सीधा सा फार्मूला है कि एक व्यक्ति को रक्तदान के लिए कहोगे, वह अपने पूरे परिवार को रक्तदान के लिए कहेगा। परिवार में एक भी सदस्य जागरूक हो गया, तो पूरा परिवार रक्तदानी बन जाएगी।

रक्त से बची थी जान, अब बचा रहे दूसरों की जान
डबवाली निवासी नवीन नागपाल 87 बार रक्तदान कर चुके हैं। वे पेशे से जेबीटी हैं। उनके रक्तदाता बनने की कहानी दिलचस्प है। उनका जन्म वर्ष 1973 को फिरोजपुर (पंजाब) में हुआ था। अगर समय पर रक्त न मिलता तो जच्चे-बच्चे में से किसी की जान जा सकती थी। जब नवीन करीब 22 साल के हुए तो उनकी मां राज रानी ने इस बात का खुलासा किया। उन्होंने रक्तदान करना शुरु किया। करीब 47 वर्ष के नवीन अब तक 87 बार रक्तदान कर अजनबियों से खून का रिश्ता जोड चुके हैं। उनके वाहन पर ब्लड डोनर लिखा हुआ है, साथ ही रक्तदान का डिजिट। हर तीन माह बाद वे रक्तदान करते हैं तो डिजिट बदल जाता है। नवीन नागपाल के अनुसार, आज तक उन्हें किसी तरह की कमजोर महसूस नहीं हुई। बल्कि फायदा हुआ है, आज तक कभी बीमारी ने घर नहीं किया।

उम्र 68 साल, फिर भी रक्तदान का जज्बा बरकरार
डबवाली निवासी डॉ. राजकपूर गर्ग करीब 68 वर्ष के हो चुके हैं। वे 77 बार रक्तदान कर चुके हैं। नियमानुसार वे रक्तदान नहीं कर सकते, लेकिन उनकी इच्छा है कि मरते दम तक रक्तदान करुं। डॉ. राजकपूर गर्ग ने बताया कि 1972 में मेडिकल कॉलेज रोहतक में बी फार्मेसी के दौरान जागरुक होकर पहली बार रक्तदान किया था। तब ऐसा लगा था कि जान निकल गई है। रिफ्रेशमेंट के बाद बाजार में बहुत कुछ खाया। कुछ दिनों बाद शरीर हलका-फुलका तथा एनर्जी से भरा लगा। तब से ऐसी लगन लगी कि अब यहां भी रक्तदान कैंप लगता है तो खून देने पहुंच जाते हैं। आज तक कभी भी शरीर में तकलीफ महसूस नहीं हुई।

सिरसा जिला में सर्वाधिक समय रक्तदान करने वालों में रामधन प्रेमी, नवीन नागपाल तथा डॉ. राजकपूर गर्ग आदि 8-10 लोगों का नाम सूची में शामिल है। ये ऐसे रक्तदाता है, जो युवाओं को रक्तदान के प्रति जागरुक करते हैं।
-अश्विनी शर्मा, कार्यक्रम अधिकारी, जिला रेडक्रॉस सोसायटी सिरसा

घर से पढ़ाओ अभियान.... बच्चे ढाणी में बैठे-बैठे पढ़ें, इसलिए जेबीटी ने गिफ्ट किया एंड्रॉयड मोबाइल


पाठशाला में इकलौते टीचर हैं संजीव बिश्नोई, पहली से पांचवीं में पढ़ते हैं 15 बच्चे


डबवाली(लहू की लौ) घर से पढ़ाओ अभियान तभी कारगर साबित होगा, जब बच्चों के हाथ में एंड्रॉयड मोबाइल होगा। गांव अबूबशहर की ढाणी गुरुनानक में बनी पाठशाला में कार्यरत जेबीटी संजीव बिश्नोई ने यह बात गांठ बांधते हुए बच्चों को हजारों रुपये कीमत का एंड्रॅायड मोबाइल गिफ्ट किया है। जिसकी सहायता से पांच ढाणियों के आठ बच्चे हर रोज लाइव क्लासिज लगा रहे हैं।
दरअसल, संजीव बिश्नोई जिस पाठशाला में कार्यरत हैं। वहां पहली से पांचवीं तक 15 बच्चों ने दाखिला ले रखा है। सभी बच्चे साथ सटी ढाणियों से ताल्लुक रखते हैं। पाठशाला में वे इकलौते अध्यापक हैं। उन्होंने बच्चों को घर बैठे पढ़ाना शुरु किया तो पता चला कि आकाशदीप, दलजीत, किरणजीत, अकवीर, चंचल, लवप्रीत आदि के पास एंड्रॉयड फोन ही नहीं है। शिक्षा विभाग के अभियान को सफल करने के लिए उन्होंने बाजार से मोबाइल खरीदा। एक बच्चे के परिजनों की आइडी लेकर सिम एक्टिवेट करवा दिया। फिर क्या था, सीधे ढाणी में पहुंच गए। आठ बच्चों को एक साथ मोबाइल गिफ्ट किया। उन्हें वाट्सएप या लाइव कॉल की जानकारी दी। हर रोज शाम को आठों बच्चे एक स्थान पर इक्ट्ठे होते हैं। शाम 5 बजे लाइव क्लास लगती है। उपरोक्त प्रयास की बदौलत शिक्षा विभाग ने प्रशंसा पत्र दिया है।

पाठशाला से करीब ढाई किलोमीटर की दूरी पर पांच ढाणियां एक-दूसरे से सटी हुई हैं। ढाणियों के आठ बच्चों के परिजन सुबह ही दिहाड़ी पर चले जाते हैं, देर शाम को घर वापिस लौटते हैं। बच्चों ने समस्या उसे बताई थी। उनकी पढ़ाई प्रभावित न हो, इसलिए मैंने एंड्रॉयड मोबाइल खरीदकर दिया है। अब बच्चों को पढऩे में कोई परेशानी नहीं हुई।
-संजीव बिश्नोई, जेबीटी
ढाणी गुरुनानक नगर पाठशाला, गांव अबूबशहर

आशा वर्करों का हर माह हो कोरोना टेस्ट : बेअंत कौर

डबवाली (लहू की लौ) नागरिक अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. एमएस भादू के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते हुए आशा वर्कर्स यूनियन की ओर से सीएम को पत्र भेजकर आशा वर्कर्स महिलाओं की समस्याओं का समाधान करने की मांग की गई है।
आशा वर्कर्स यूनियन की प्रधान बेअंत कौर ने बताया कि हरियाणा की आशा वर्कर कोरोना महामारी से लडऩे में फ्रंट लाइन वर्कर के तौर पर कार्य कर रही हैं और बार-बार मांग पत्र भेजने पर भी उनकी मांगों की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने मांग पत्र में लिखा है कि आशा वर्कर लगातार लोगों के संपर्क में रहती हंै। इसलिए बिना किसी सिस्टम के बीच तमाम आशा वर्करों का महीने में एक बार कोविड-19 टेस्ट जरूर कराया जाए। संक्रमित आशाओं को स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के साथ आइसोलेशन कैंप में रखा जाए या अलग से आइसोलेशन कैंप बनाए जाए। आठ एक्टिविटीज पर राज्य सरकार से मिलने वाली 50 प्रतिशत इनसेंटिव दोबारा लागू किया जाए। आशाओं को अच्छी क्वालिटी के सैनिटाइजर आदि मिलने में भी समस्याएं आ रही हैं। आशा वर्करों को मास्क, ग्लब्स, सैनिटाइजर एवं कंटेटमेंट जोन में काम करने वाली आशा वर्कर को सभी उपकरण उपलब्ध करवाएं। उन्होंने कहा कि सभी आशाओं को चार हजार रूपये जोखिम भत्ता दिया जाए एवं आशा फैसिलिटेर पहले से मिल रही प्रोत्साहन राशि में किसी तरह की कोई कटौती न की जाए।

रोहतक पीजीआई से भागे आरोपी को सीआईए सिरसा पुलिस ने धर दबोचा

 राजस्थान भागने की फिराक में था आरोपी

सिरसा (लहू की लौ)जिला की सीआईए सिरसा पुलिस ने महत्वपूर्ण सुराग जुटाते हुए बीती 9 जून 2020 को सिरसा जेल से ईलाज के लिए ले जाए गए पीजीआई एम एस रोहतक से भागे आरोपी को काबू करने में सफलता हासिल की है।
इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए डीएसपी आर्यन चौधरी व सीआईए सिरसा प्रभारी इंस्पैक्टर रविंद्र कुमार ने संयुक्त रूप से बताया कि पीजीआई रोहतक से भागे इस आरोपी को शीघ्र अति शीघ्र काबू करने के लिए पुलिस अधीक्षक सिरसा उप पुलिस महानिरीक्षक डॉ. अरूण सिंह ने सीआईए सिरसा पुलिस टीमों का गठन किया था । उन्होंने बताया कि काबू किया गया आरोपी विकास उर्फ विक्की निवासी गांव नेजियाखेड़ा जिला सिरसा को फरवरी 2020 में सीआईए सिरसा पुलिस ने 2600 नशीलें कैप्सूलों के साथ पकड़ा था। इस संबंध में आरोपी के खिलाफ नाथूसरी चौपटा थाना में मादक पदार्थ अधिनियम के तहत अभियोग दर्ज हुआ था और इस संबंध में वह सिरसा जेल में था।
उन्होंने बताया कि बीती 9 जून 2020 को विकास उर्फ विक्की पीजीआई रोहतक से पुलिस कस्टडी से भाग गया था। इस संबंध में थाना पीजीआई एमएस रोहतक में अभियोग दर्ज किया गया था। सिरसा पुलिस द्वारा आरोपी विकास को सिरसा जेल से पैर के ईलाज के लिए पीजीआई रोहतक ले जाया गया था। डीएसपी आर्यन चौधरी व सीआईए प्रभारी ने बताया कि पुलिस हिरासत से भागने के बाद विकास रोहतक, हांसी, हिसार, फतेहाबाद, भट्टू, चौपटा तथा ऐलनाबाद इत्यादि क्षेत्रों में घूमता रहा। उन्होंने बताया कि सीआईए सिरसा पुलिस के सहायक उप निरीक्षक तरसेम सिंह के नेतृत्व में एक पुलिस टीम ने महत्वपूर्ण सुराग जुटाते हुए आरोपी विकास को ऐलनाबाद क्षेत्र से काबू कर लिया।
डीएसपी आर्यन चौधरी ने बताया कि सहायक उप निरीक्षक तरसेम सिंह के नेतृत्व में गठित पुलिस टीम को महत्वपूर्ण सूचना मिली कि विकास उर्फ विक्की ऐलनाबाद क्षेत्र में छिपा हुआ है और राजस्थान भागने की तैयारी में है। इस सूचना को पाकर सीआईए की पुलिस टीम ने उसे ऐलनाबाद से काबू कर लिया।
 डीएसपी आर्यन चौधरी ने बताया कि गिरफ्तार किया गया आरोपी विकास उर्फ विक्की अपराधिक प्रवृत्ति का व्यक्ति है। वर्ष 2015, 2016, 2017 में उसके खिलाफ राजस्थान के थाना नोहर में चोरी के अभियोग दर्ज हुए थे। वर्ष 2016 में आरोपी के खिलाफ शहर थाना सिरसा में चोरी का अभियोग तथा वर्ष 2019 में शहर थाना सिरसा में एनडीपीएस का अभियोग दर्ज हुआ था। आरोपी विकास के खिलाफ फरवरी, 2020 में नाथूसरी चौपटा थाना में एनडीपीएस का अभियोग दर्ज हुआ था और इसी मामले में वह सिरसा जेल में बंद था।

भाजपा युवा मोर्चा ने चलाया व्यक्ति जनसंपर्क अभियान, पत्रक व मॉस्क बांटे

डबवाली (लहू की लौ)केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व वाली सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल का एक वर्ष पूर्ण कर लिया है। इस एक वर्ष के दौरान केंद्र सरकार ने अनेक ऐसे ऐतिहासिक निर्णय लिए जिनकी कल्पना स्वतंत्र भारत में किसी भी राजनीतिक दल के साथ-साथ देश के अधिकांश नागरिकों ने भी नहीं की थी।
 यह शब्द भाजपा युवा मोर्चा के मंडलाध्यक्ष विजयंत शर्मा ने बीती सायं मीना बाजार में व्यक्ति जनसंपर्क अभियान के तहत पत्रक व मॉस्क वितरित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि प्रधान सेवक मोदी ने अपना पदभार ग्रहण करने के पश्चात् अपने निर्धारित एजेंडे के तहत गरीबों, दलितों, पिछड़ों, महिलाओं एवं युवाओं के समस्त कल्याण के लिए लागू की गई योजनाओं को पुन: गति प्रदान की है।
 उन्होंने बताया कि पांच सौ मॉस्क वितरित करते हुए लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के प्रति जागरुक किया।
इस मौके मनोनित पार्षद रामकिशन मेहता, पार्षद बलजीत सिंह, उपाध्यक्ष सोनू सिंगला, संजय खनगवाल, महामंत्री गोविंद प्रसाद बागड़ी, सन्नी कौशल, मास्टर गौरी शंकर, राजन टक्कर, सतीश पहूजा, जगसीर सिंह सोनी, सुखजिंद्र सिंह काला जापानी उनके साथ थे। 

प्रदेश में बिना भेदभाव के विकास कार्य करवाए जा रहे हैं-रणजीत सिंह


सिरसा(लहू की लौ) बिजली, जेल एवं अक्षय ऊर्जा मंत्री रणजीत सिंह से रानियां हलके के विभिन्न गांवों के सरपंच व सरपंच प्रतिनिधियों ने मुलाकात कर प्रदेश सरकार की नीतियों व रणजीत सिंह की कार्य प्रणाली में अपनी आस्था जताई।
इस अवसर पर गांव चकराईयां के सरपंच निरवैर सिंह, गांव गिंदड़ावाली से सरपंच प्रतिनिधि जसविंदर कुमार, गांव ढाणी प्रताप सिंह के सरपंच प्रतिनिधि भगत सिंह, गांव सचसाहिबा के सरपंच प्रतिनिधि गुरुमंगत सिंह, गांव फिरोजाबाद के सरपंच प्रतिनिधि पम्मा व पूर्व जिला पार्षद फिरोजाबाद तारा चंद मौजूद थे।
सरपंच व सरपंच प्रतिनिधियों ने रणजीत सिंह को आश्वासन दिलाया कि वे भविष्य में रणजीत सिंह के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार की नीतियों के अनुरुप कार्य करते हुए हलके के विकास में पूर्ण सहयोग करेंगे। सरपंच व प्रतिनिधियों ने कहा कि रणजीत सिंह ने हमेशा ही रानियां हलके के विकास के बारे में गंभीरता से प्रयास किए हैं और उनके बिजली मंत्री बनने के बाद क्षेत्र में उत्साह का माहौल है और आमजन की उम्मीदों के अनुरुप बिजली मंत्री हलके के विकास कार्यों के लिए दिन रात तत्पर रहते हैं। उन्होंने कहा कि रणजीत सिंह उन्हें जो भी दिशा निर्देश देंगे, उनके लिए वे हमेशा तत्पर रहेंगे।
रणजीत सिंह ने उक्तसरपंच व सरपंच प्रतिनिधियों से बातचीत करते हुए कहा कि जिला व रानियां हलके के विकास में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं रहेगी और योजनाबद्ध तरीके से विकास कार्य करवाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में प्रदेश में बिना भेदभाव के विकास कार्य करवाए जा रहे हैं और कोरोना वायरस के चलते इस संकट की घड़ी में सरकार द्वारा तत्परता से निर्णय लेते हुए जनहित में कार्य किए गए हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गत विशाल रानियां रैली के दौरान जिला व रानियां हलके के विकास के लिए अनेकों सौगात दी है और भविष्य में विकास कार्यों में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी।

14 June. 2020





13 जून 2020

हरियाणा में आज कोरोना के 415 नए केस, अब तक 78 मौत, देखिये मेडिकल बुलेटिन


कच्चा आढ़ती एसोसिएशन के पूर्व प्रधान का सनसनीखेज आरोप खरीद एजेंसियों के नाम पर एसोसिएशन ने आढ़तियों से वसूल किए थे 16 लाख रुपये


प्रति बैग 75 पैसे वसूल किया गया था चंदा, मुझे बताया जाए कि किस सरकारी अधिकारी के पास पहुंचा था पैसा और क्यों?

एसोसिएशन के पैसे का दुरुपयोग हो रहा, इसलिए प्रधान गुरदीप कामरा से मांगा हिसाब

डबवाली(लहू की लौ)कच्चा आढ़ती एसोसिएशन के पूर्व प्रधान प्रकाश चंद बांसल ने वर्ष 2017 से लेकर अब तक का हिसाब एसोसिएशन प्रधान गुरदीप कामरा से मांगा है। बांसल के अनुसार वर्ष 2017 में जब प्रधान पद छोड़ा था, उस समय करीब 10-11 लाख रुपये एसोसिएशन फंड का हिसाब प्रधान टेकचंद छाबड़ा को दिया था। वर्ष 2019-20 में गुरदीप कामरा प्रधान बन गए थे। बांसल ने एसोसिएशन के पैसे का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। मांग पत्र में पूछा है कि बताया जाए कि छाबड़ा ने एसोसिएशन का कितना फंड जमा किया था। दो वर्ष के कार्यकाल के दौरान सभी साधनों से एसोसिएशन को कितनी आय हुई थी और खर्च कितना था।
पूर्व प्रधान ने एसोसिएशन की कार्यप्रणाली पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप है कि वर्ष 2018-19 में सरकारी एजेंसियों के नाम पर गेहूं खरीदते समय कच्चे आढ़तियों से 75 पैसे प्रति कट्टा वसूल किया गया था। करीब 20 लाख गेहूं के कट्टों के बदले 16 लाख रुपये वसूल किए गए थे। बांसल ने कहा है कि उसे हिसाब दिया जाए कि किस फर्म से पैसे लिए गए तथा किस सरकारी अधिकारी को कितने-कितने पैसे कब-कब दिए गए? पूर्व प्रधान ने बताया कि सरकारी एजेंसियों के नाम पर हुई वसूली के तथ्य मेरे पास मौजूद हैं। उस दौरान मंडी के सभी आढ़तियों ने पैसे नहीं दिए थे। वे करीब एक माह से हिसाब मांग रहे हैं। पंचायती तौर पर मौखिक कहा गया कि हिसाब मिल जाएगा। अगर उन्हें समय पर एसोसिएशन का हिसाब नहीं मिला तो वे मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाएंगे।

एसोसिएशन के करीब सवा सौ सदस्य ऐसे हैं, जो प्रति वर्ष 1500-1500 रुपये देते हैं। दो साल में करीब पौने चार लाख रुपये एसोसिएशन को मिलते हैं। जबकि खर्च बहुत अधिक है। अनाज मंडी में चार चौकीदार तथा एक मुनीम है। प्रति वर्ष खर्च करीब तीन लाख रुपये है। मैं अपनी जेब से खर्च कर रहा हूं। प्रकाश चंद बांसल चुनाव हार गए थे। इसलिए राजनीतिक कारणों के कारण ऐसे आरोप लगा रहे हैं। जल्द एसोसिएशन की बैठक बुलाकर पूरा हिसाब सबके सामने रख दिया जाएगा।
-गुरदीप कामरा, प्रधान कच्चा आढ़ती एसोसिएशन, डबवाली

मैंने अपने कार्यकाल के दौरान किसी आढ़ती से सरकारी खरीद एजेंसी के नाम पर चंदा उगाही नहीं की। प्रकाश चंद बांसल चुनाव हार गए थे। विपक्ष का कार्य आरोप लगाना होता है, जो वे कर रहे हैं।
-टेकचंद छाबड़ा, पूर्व प्रधान
कच्चा आढ़ती एसोसिएशन, डबवाली

गंदगी से घुट रहा दम, हमें इच्छा मृत्यु दे दो

डबवाली(लहू की लौ)गांव चौटाला में अध्यापक पिता-पुत्र टॉयलेट का मल गली में बहा रहे हैं। ऐसे में लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। शुक्रवार को डबवाली पहुंचे ग्रामीणों ने एसडीएम डॉ. विनेश कुमार को शिकायत देते हुए इच्छा मृत्यु मांग ली। ग्रामीण रामकुमार, राजेंद्र, दीपचंद, कृष्ण, राकेश फागोडिया ने बताया कि बदबूदार वातावरण से उनका खाना-पीना, सोना सब हराम हो गया है। भाईचारा न बिगड़े इसलिए चौटाला पुलिस चौकी में शिकायत दर्ज करवाई थी। लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। पूरी गली के लोग तनाव में हैं, कभी भी अप्रिय घटना घटित हो सकती है। घुट-घुटकर मरने से अच्छा है कि हमें इच्छा मृत्यु दे दें या फिर उक्त पिता-पुत्र के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करके न्याय दिलाएं। एसडीएम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बीडीपीओ को कार्रवाई करने के आदेश दिए। बीडीपीओ ने ग्राम सचिव से रिपोर्ट तलब की है।

फर्जी दस्तावेज से जमीन बेचने का झांसा दे 4 लाख ठगे,केस दर्ज


वर्ष 2017 में किया था जमीन का सौदा, इकरारनामा के बाद आरटीजीएस के जरिए आरोपित को दिए गए थे पैसे
डबवाली(लहू की लौ)फर्जी दस्तावेज के आधार पर जमीन बेचने का झांसा देकर चार लाख रुपये ठगने का मामला सामने आया है। शहर थाना पुलिस ने उपमंडल न्यायिक दंडाधिकारी विनय शर्मा की अदालत के आदेश पर गांव मौजगढ़ निवासी सुखदेव सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया है। डबवाली निवासी शिकायतकर्ता संदीप कुमार के अनुसार सुखदेव ने गांव मौजगढ़ में 8 कनाल जमीन का सौदा 3 मई 2017 को 10.25 लाख रुपये में किया था। आरोपित ने खुद को उपरोक्त जमीन का मालिक बताया था। सौदा होने के बाद उसने आरटीजीएस के जरिए 4 लाख रुपये दे दिए। जमीन की रजिस्टरी 3 मई 2018 को तय की गई थी। इसके लिए उसने जमीन पर बैंक का लोन होना बताया था। 1 मई 2018 को उक्त उसके पास आया, वह बोला कि उसने बैंक का लोन नहीं भरा है। जमीन की रजिस्टरी की तारीख 30 नवंबर 2018 तय हो गई। इस संबंधी इकरारनामा के पीछे लिखित हुई थी। इकरारनामा की शर्तों के मुताबिक वह तय तिथि को सब रजिस्ट्रार डबवाली के कार्यालय में पहुंचा था। लेकिन आरोपित नहीं आया।
शिकायतकर्ता के अनुसार 17 जुलाई 2019 को वह भूपिंद्र सेठी निवासी डबवाली के साथ आरोपित के पास गया था। उन्हें देखकर आरोपित तैश में आ गया। सुखदेव सिंह ने कहा कि जिस जमीन का इकरारनामा किया है, उसका वह मालिक नहीं है। शिकायतकर्ता के अनुसार वर्ष 2017-18 की नई जमाबंदी व इंतकाल नं. 3773 की नकल ली तो पता चला कि आरोपित सुखदेव जमीन का मालिक ही नहीं है। उपरोक्त जमीन को अपने भाईयों के नाम डिग्री करवा चुका है।

पुलिस ने सुनवाई नहीं की, कहा-अदालत में जाओ
शिकायतकर्ता के अनुसार 25 जुलाई 2019 को शहर थाना डबवाली में शिकायत दर्ज करवाई थी। पुलिस आरोपित को बुलाने की बात करती रही। बाद में कहने लगी कि चुनाव में व्यस्त है। चुनाव के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की। 23 नवंबर 2019 को इस संबंध में एसपी सिरसा के पास शिकायत दर्ज करवाई गई थी। उन्होंने सदर थाना डबवाली के पास कार्रवाई के लिए शिकायत भेज दी थी। लेकिन वहां भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। पुलिस ने साफ कहा कि वह अदालत में चला जाए। आरोपित ने अदालत को बताया कि आरोपित ने साजिश रचकर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उससे चार लाख रुपये की धोखाधड़ी की है। अदालत ने इस्तगासा पर सुनवाई करते हुए पुलिस को केस दर्ज करने के आदेश दिए।

भारी मात्रा में गांजा और प्रतिबंधित नशीली सिरप जब्त

चंडीगढ़ (लहू की लौ) हरियाणा पुलिस द्वारा ड्रग्स और अन्य नशीले पदार्थों की तस्करी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए नूंह जिला से 127 किलो 800 ग्राम गांजा और 4800 बोतल प्रतिबंधित नशीली सिरप जब्त की गई हैं।
हरियाणा पुलिस के प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर एक टीम तैयार करके तहसीलदार के साथ गांव भाजलाका के मकान पर रेड की तो तलाशी लेने पर पुलिस को सात प्लास्टिक बैग में कुल 127 किलो 800 ग्राम गांजा बरामद हुआ। हालांकि, पुलिस को आता देखकर घर के सभी सदस्य भागने में कामयाब रहे।
सभी आरोपियों की पहचान कर ली गई है और उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम को भेजा गया है। जल्द ही सभी सलाखों में होंगे।
 एक अन्य मामले में, नूंह में एक पिकअप वाहन से 4800 बोतल प्रतिबंधित नशीली सिरप जब्त करने के बाद पुलिस टीम ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। एक गुप्त सूचना के आधार पर, पुलिस टीम ने सिविल अस्पताल, पुन्हाना रोड़ के पास नाकाबंदी कर होडल की तरफ से आ रहे यूपी रजिस्ट्रेशन नंबर वाले एक वाहन को रोककर तलाशी ली तो उसमें 40 गत्ते की पेटियों में कुल 4800 बोतल नशीली सिरप (वेलसीरेक्स और क्लोरोमाइन फॉस्फेट), जो कि प्रतिबंधित दवा है, बरामद हुई।
पकड़े गए आरोपियों की पहचान उत्तर प्रदेश के जिला मथुरा निवासी के रूप में हुई है।
 पुलिस ने गांजा व नशीली दवाई को कब्जे में लेकर इस संबंध में आरोपियों के खिलाफ तावडू और पुन्हाना पुलिस थानों में एनडीपीएस अधिनियम के तहत मामले दर्ज किए हैं और आगे की जांच जारी है।

मेरे पर दर्ज हुआ झूठा मामला, पुलिस मामले की जांच करवाए

डबवाली(लहू की लौ)वार्ड नं. 14 निवासी संदीप उर्फ सन्नी ने डीएसपी कार्यालय में सात लोगों के खिलाफ शिकायत दी है। उसका कहना है कि 6-7 जून की रात को समय करीब रात 12 बजे वह अपनी मौसी के घर जा रहा था। रास्ते में उसे भारत ने आवाज दी तो वह रुक गया। भारत तथा उसके साथ आए कुछ लोग उसे जबरदस्ती उठाकर भारत के घर ले गए। वहां उसे पीटने लगे। लोहे की रॉड उसके सिर पर दे मारी। आरोपितों ने मौका पर पुलिस बुला ली। उसके खिलाफ झूठा मुकद्दमा दर्ज करवा दिया। उसे करीब आधा घंटा शहर थाना में रखा गया, तबियत ज्यादा खराब होने पर परिवार वालों को बुलाकर सरकारी अस्पताल में दाखिल करवाया। शिकायतकर्ता के अनुसार पुलिसकर्मी उसका बयान दर्ज कर ले गया था, लेकिन आरोपितों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। सन्नी ने केस नं. 205 की पूर्ण जांच करवाने की मांग की है।

अबूबशहर में गाड़ी चोरी, केस दर्ज

डबवाली(लहू की लौ)गांव अबूबशहर में घर के बाहर खड़ी बोलेरो पिकअप गाड़ी चोरी होने का मामला सामने आया है। गाड़ी मालिक की शिकायत पर चौटाला पुलिस ने केस दर्ज करके आगामी कार्रवाई शुरु कर दी है। गांव अबूबशहर निवासी कर्ण कुमार ने बताया कि उसने सफेद रंग की बोलेरो पिकअप 9 जून को घर के सामने गली में खउ़ी की थी। जिसे रात को अज्ञात व्यक्ति चुरा ले गया। 

पीटीआइ ने दिया सांकेतिक धरना, कहा-सरकार सहानुभूति दिखाए, अन्यथा आंदोलन के लिए तैयार रहे

पीटीआइ ने 15 जून से सिरसा में क्रमिक अनशन शुरु करने की चेतावनी दी
डबवाली(लहू की लौ)हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति ने 1983 पीटीआइ अध्यापकों की सेवाएं पुन: बहाल करने की मांग करते हुए डबवाली के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में सांकेतिक धरना दिया। पीटीआइ को एसकेएस हरियाणा, रोड़वेज कर्मचारी यूनियन, आंगनवाड़ी वर्कर यूनियन, भवन निर्माण कामगार, हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ तथा रिटायर्ड कर्मचारी यूनियन का समर्थन मिला। बाद में मुख्यमंत्री तथा उपमुख्यमंत्री हरियाणा के नाम खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी राजकुमार मेहता को ज्ञापन सौंपा गया। धरनारत लोगों ने विधायक अमित सिहाग को भी मांग पत्र सौंपकर न्याय के लिए आवाज़ उठाने की मांग रखी।
आंदोलनकारी समिति ने शिक्षा निदेशालय पर उच्चतम न्यायालय के आदेशों की अवमानना करने का आरोप लगाया है। समिति के अनुसार 1983 पीटीआइ अध्यापकों को पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में नियुक्ति मिली थी। राजनीति का शिकार बनाते हुए नौकरी से निकाला गया है। चूंकि उपरोक्त अध्यापकों की तीन-चार बार पूरी पड़ताल हो चुकी है। कोई कर्मचारी दोषी नहीं पाया गया, न्यायालयों में चले केसों में भी कोई अध्यापक दोषी साबित नहीं हुआ। इसके विपरीत कर्मचारी चयन आयोग द्वारा अपनाई गई भर्ती प्रक्रिया में खामियां उजागर हुई हैं। अध्यापकों ने कहा कि अगर हम दोषी साबित नहीं हुए तो सजा के हकदार कैसे हुए? आयोग की लापरवाही की सजा उन्हें क्यों दी जा रही है। समिति ने कहा कि हरियाणा सरकार 1983 परिवारों के प्रति सहानुभूति व मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए सेवा को पुन: बहाल करके उन्हें सेवा सुरक्षा प्रदान करे। साथ ही समिति ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने उनके हित में कदम नहीं उठाया तो वह आंदोलन के लिए तैयार रहे।
समिति के अनुसार 15 जून से जिला सचिवालय में सभी कर्मचारियों के सहयोग से क्रमिक अनशन शुरू किया जाएगा। इस मौके पर सर्व कर्मचारी संघ के सुभाष ढाल, हरियाणा अध्यापक संघ से गुरमीत सिंह, नानक चंद, कृष्णकांत, कालूराम, रोड़वेज से पृथ्वी सिंह चाहर, आंगनवाड़ी वर्कर यूनियन से वीरपाल कौर, मिड डे मील से राजरानी राज्य उपप्रधान, रिटायर कर्मचारी संघ से मंगल सिंह, पीटीआई अध्यापक संघ से कालूराम, गुरमीत सिंह राज्य उपप्रधान मौजूद थे।


गलियों के निर्माण के लिए विधायक ने उपायुक्त से की मुलकात

विधायक की उपायक्त से मुलाकात के चलते वार्ड वासियों को बंधी आस


डबवाली(लहू की लौ)हलका डबवाली के विधायक अमित सिहाग ने उपायुक्त सिरसा से मिलकर वार्ड नं. 21 की गलियों का निर्माण करवाने की मांग की है। इन गलियों के निर्माण की मांग काफी समय से वार्ड वासी कर रहे थे। विधानसभा सत्र से पहले विधायक ने उपायुक्त से मिल शहर की विभिन्न गलियों के निर्माण, स्ट्रीट लाइट एवम् कूड़ा प्रबंधन की मांग रखी थी, जिसके चलते अधिकांश गलियों के टेंडर निकाल गलियों के निर्माण कार्य को शुरू करवा दिया गया था। लेकिन उपरोक्त गलियों को तकनीकी खामियों के चलते नहीं बनाया गया था। इनके निर्माण कार्य की फाइल उपायुक्त के कार्यालय में पहुंच गई थी। विधायक ने इस पर संज्ञान लेते हुए उपायुक्त से मुलाकात की। साथ ही इसका समाधान करने की मांग की। उपायुक्त ने विधायक को उपरोक्त गलियों के निर्माण को प्राथमिकता से करवाने के लिए आश्वस्त किया है। विधायक ने शुक्रवार को स्वयं वार्ड में जाकर गलियों का निरीक्षण किया और वार्ड वासियों को गलियों के जल्द निर्माण का विश्वास दिलाया। जिससे वार्ड वासियों को आस बंधी है।

कोरोना वायरस संकट की किसी भी स्थिति से निपटने के लिए राज्य पूरी तरह से तैयार

चंडीगढ(लहू की लौ) हरियाणा की मुख्य सचिव  केशनी आनन्द अरोड़ा ने कहा कि कोरोना वायरस संकट के कारण उत्पन्न होने वाली किसी भी स्थिति से निपटने के लिए राज्य पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि इस वैश्विक महामारी के प्रसार को रोकने और प्रभावी ढंग से इसका मुकाबला करने के लिए समय-समय पर सक्रिय रणनीतियां बनाई जा रही हैं।
मुख्य सचिव ने आज यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोविड-19 के लिए नियुक्त नोडल अधिकारियों और जिला उपायुक्तों के साथ संकट समन्वय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को कोविड-19 के प्रबंधन की तैयारियों में तेजी लाने, टेस्टिंग सुविधा बढ़ाने, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग, क्लिनिकल मैनेजमेंट पर अधिक ध्यान केंद्रित करने, कंटेनमेंट जोन पर कड़ी निगरानी पर जोर देने के साथ-साथ जन-जागरूकता गतिविधियों को बढ़ाने के निर्देश दिए।
उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों का पालन करना अनिवार्य है और इन निर्देशों को सख्ती से लागू किया जाए
मुख्य सचिव ने नियंत्रण क्षेत्रों (कंटेनमेंट जोन) की निगरानी के बारे में संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि अब नियंत्रण क्षेत्र में एंट्री और एग्जि़ट पॉइंट का सीमा निर्धारण करने के साथ साथ कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग और क्लिनिकल प्रबंधन पर प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि कस्बों और गांवों में निगरानी पर अधिक जोर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जन जागरूकता समय की जरूरत है और इसके लिए पंचायतों, रेसिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन और स्वयंसेवकों की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा कि हर अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडरों की उपलब्धता को पांच गुना बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत हो तो कोविड केयर सेंटर में भी ऑक्सीजन सिलेंडर की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। इसके अलावा, अस्पताल में बेड की क्षमता, पीपीई किट की पर्याप्त उपलब्धता और मृत शरीर का प्रबंधन को भी प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी भयावह स्थिति से निपटने के लिए एमबीबीएस, पैरामेडिक और नर्सिंग के अंतिम वर्ष के छात्रों को प्रशिक्षित किया जाए।
मुख्य सचिव ने उपायुक्तों को निर्देश दिए कि गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (एसएआरआई) या इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारियों (आईएलआई) की निगरानी सावधानीपूर्वक की जाए ताकि प्रारंभिक चरण में ही किसी भी संभावित  संक्रमण का पता लगाया जा सके।
उन्होंने उपायुक्तों को निर्देश दिए कि वे सूचना प्रौद्योगिकी का अधिकतम उपयोग करें, एक ऐसा तंत्र तैयार करें जिसमें कोविड लक्षण होने वाले किसी भी व्यक्ति को पता होना चाहिए कि उसे कहां जाना है। इसके अलावा, वायरस के फैलाव को रोकने के लिए और व्यापक कदम उठाए जाने चाहिए।
होम आईसोलेशन के संबंध में मुख्य सचिव ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हए कहा कि गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, किसी भी रोगी, जिनमें कोविड-19 के हल्के या पूर्व-लक्षण पाए जाते हैं, उस स्थिति में संक्रमण की श्रंख्ला को तोडऩे के लिए ऐसे रोगियों को तुरंत होम आईसोलेशन में भेजा जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे सभी मामलों में रोगियों के स्वास्थ्य की निगरानी नियमित रूप से इंसिडेंट कमांडरों द्वारा की जानी चाहिए और इस सूचना को निगरानी टीमों के साथ भी साझा किया जाना चाहिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि टीबी, किडनी संबंधी, आदि जैसे पूर्व बीमारियों से पीडि़त लोगों की मॉनिटरिंग पर विशेष ध्यान देने के साथ-साथ प्रत्येक घर की निगरानी के कार्य को जारी रखी जाए।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने कहा कि हरियाणा में वायरस को फैलने से रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम पहले ही उठाए जा चुके हैं और लगातार कठोर रणनीतियां बनाई जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि सभी उपायुक्त प्रदेश में कोविड से निपटान के प्रबंधन की रणनीतियों में और तेजी लाना सुनिश्चित करें और मुख्य रूप से कोरोना मामलों की निगरानी से लेकर इसके उपचार पर अधिक जोर दिया जाए। जन जागरूकता गतिविधियों में तेजी लाने के साथ-साथ यूनिट टीमों के माध्यम से हाई रिस्क वाले मरीजों की पहचान करने के लिए फीडबैक तंत्र विकसित करने पर जोर दिया जाए।