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Lahoo Ki Lau

युवा दिलों की धड़कन, जन जागृति का दर्पण, निष्पक्ष एवं निर्भिक समाचार पत्र

14 जुलाई 2011

पानी दा टैंकर तीन सौ रूपए विच..

डबवाली (लहू की लौ) पानी दा टैंकर तीन सौ रूपए विच, लेना ए ता ले लो। जी हां! गांव सांवतखेड़ा में पीने के पानी पर बोली लग रही है। गांव के चौराहे पर कुछ लोग पानी के टैंकर लेकर आते हैं और फिर पानी की बोली लगाते हैं, जो 250 रूपए से शुरू होकर 350 तक पहुंच जाती है।
जनस्वास्थ्य विभाग के गांव मांगेआना में स्थित जलघर से मांगेआना और गांव सांवतखेड़ा को पेयजल की आपूर्ति होती है। लेकिन पिछले एक सप्ताह से यह आपूर्ति बंद पड़ी है। जिसके चलते गांव मांगेआना तथा गांव सांवतखेड़ा में पानी के लिए हाहाकार मची हुई है। लोग मोल लेकर पानी पीने को मजबूर हैं। गांव सांवतखेड़ा में तो हालत यहां तक है कि लोग पानी की बोली देकर खरीद रहे हैं।
गांव सांवतखेड़ा के सरपंच रणजीत सिंह ने बताया कि मांगेआना स्थित जलघर में बने दो वाटर स्टोरेज टैंकों का बैड खराब हो गया है। जिसके कारण स्टोरेज के लिए जो भी पानी टैंकों में डाला जाता है, वह धरती में बह जाता है। जिसके चलते उनके गांव को पानी नहीं मिल रहा। उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि गांव में बोली पर पानी बिक रहा है। वाटर टैंक लेकर कुछ लोग गांव की चौपाल में आते हैं और बोली पर पानी बेच जाते हैं। जोकि 250 से लेकर 350 रूपए प्रति टैंक के हिसाब से बिक रहा है। सरपंच ने कहा कि हरिजन बस्ती में पानी की कमी को पूरा करने के लिए वह खर्चे पर टैंक मंगवाकर पेयजल की आपूर्ति करेगा।
गांव मांगेआना के सरपंच जगसीर सिंह ने बताया कि उनके गांव में भी वाटर स्टोरेज टैंक का बैड खराब हो जाने से पेयजल की दिक्कत आ रही है। लेकिन फिर भी गांव में तीसरे दिन कुछ सप्लाई हो जाने से राहत महसूस की जा रही है। लेकिन पानी की दिक्कत बनी हुई है।
जनस्वास्थ्य विभाग के कनिष्ठ अभियंता हरभजन सिंह ने बताया कि मनरेगा के तहत हाल ही में उक्त वाटर स्टोरेज टैंकों की सफाई करवाई गई थी। इस दौरान एक टैंक के बैड को नुक्सान पहुंचा था। इस टैंक के बैड के टूट जाने से पानी जमीन में जा रहा है। जबकि दूसरा स्टोरेज टैंक भी रिस रहा है। लेकिन उसकी गति कम है। टैंक की रिपेयर के लिए विभाग के पास बजट नहीं है। फिर भी पानी की कमी को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।

....सासू मां इसकी इजाजत नहीं देती

डबवाली (लहू की लौ) भले ही 21वीं सदी विज्ञान का युग कहलाती है, लेकिन फिर भी भारतीय समाज से एक बच्चे के बाद दूसरे बच्चे की इच्छा भय के कारण या फिर लड़की बाद लड़के की इच्छा जनसंख्या वृद्धि का कारण बन रही है। यह बात परिवार नियोजन सेवा व सहायता काऊंटर पर सामने आई है।
बढ़ती आबादी पर नियंत्रण के लिए लोगों को प्रेरित करने हेतू प्रदेश भर में जनंसख्या स्थिरता पखवाड़ा मनाया जा रहा है। पखवाड़े के तहत सरकारी अस्पतालों में परिवार नियोजन सेवा व सहायता काऊंटर खोले गए हैं। इन काऊंटरों पर आने वाले दम्पत्ति काऊंटर प्रभारी से कई प्रकार के क्रॉस प्रश्न करते हैं। डबवाली के सरकारी अस्पताल में चल रहे काऊंटर पर परिवार नियोजन के संबंध में जानकारी दे रही स्वास्थ्य कर्मी से एक दम्पत्ति ने सवाल किया कि उनके एक बच्चा है, हम आगे और बच्चा नहीं चाहते। इसके लिए हम क्या करें? स्वास्थ्य कर्मी ने उन्हें नलबंदी या नसबंदी की सलाह दी। लेकिन दम्पत्ति ने कहा कि सासू मां उन्हें इसकी इजाजत नहीं देती। वे कहती हैं कि एक बच्चा होने पर न जाने कब क्या घटित हो जाए, तो फिर आगे का वंश कैसे चलेगा। इस पर स्वास्थ्य कर्मी ने महिला को कॉपर टी लगवाने या माला डी का विकल्प सुझाया। लेकिन दम्पत्ति ने इसे भी बहाना बनाकर टाल दिया।
इधर कबीर बस्ती की एक दम्पत्ति ने स्वास्थ्य कर्मी ने कहा कि उसके एक बेटा और दो बेटियां हैं। उसने कहा कि दो बेटियां भी एक और लड़के की इच्छा के चलते ही हुई हैं। इसलिए वे चाहते हैं कि अब विराम लगे और उनका ऑप्रेशन हो। कबीर बस्ती निवासी पिंटू तथा वीणा के अनुसार अब उन्हें समझ में आया है कि लड़कों की इच्छा के चलते जनसंख्या वृद्धि नहीं होनी चाहिए। इस पर नियंत्रण जरूरी है।
दम्पत्ति का यही डर बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए सरकार द्वारा दिए जा रहे हम एक-हमारा एक के नारे पर भारी दिख रहा है। हम एक-हमारा एक को स्थापित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग को समाज के भीतर फैली उपरोक्त विचाराधारा का तोड़ निकालना होगा। फिलहाल जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े के दौरान स्वास्थ्य कर्मी इस डर से जूझते दिख रहे हैं।
अस्पताल के कार्यकारी एसएमओ एमके भादू ने बताया कि परिवार नियोजन सेवा व सहायता काऊंटर से दम्पत्ति लाभ उठा रहे हैं। काऊंटर प्रभारी राज वर्मा दम्पत्ति का उचित मार्गदर्शन कर रही हैं। काऊंटर पर परामर्श के लिए आ रहे दम्पत्ति में एक संतान के प्रति अजीबोगरीब डर देखा जा रहा है। दम्पत्ति से विचार-विमर्श करने के बाद साफ जाहिर है कि इसी डर की वजह से वे दूसरा बच्चा पैदा करने की चाह रखते हैं। स्वास्थ्य कर्मी दम्पत्ति के डर को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं।

50 हजार के लालच में रिक्शा चालक ने तीन हजार गंवाए

डबवाली (लहू की लौ) यहां की एक ट्रांस्पोर्ट में कार्यरत रिक्शा चालक 50 हजार रूपए पाने के लालच में आकर अपने तीन हजार रूपये तथा मोबाइल खो बैठा।
जीटी रोड़ पर स्थित एक ट्रांस्पोर्ट में कार्यरत रिक्शा चालक शंकर (25) को मंगलवार को तीन हजार रूपए वेतन के रूप में प्राप्त हुए थे। वह इस राशि को जमा करवाने के लिए भारतीय स्टेट बैंक में चला गया। वहां पर उसे दो लड़के मिले। जिन्होंने स्वयं को अमृतसर का बताते हुए कहा कि उनके पास एक लाख रूपए है। वे इस राशि को इक्ट्ठा जमा नहीं करवा सकते। अगर वे इसमें उनकी मदद करे तो वे उसके शुक्रगुजार होंगे। इसी दौरान इन युवकों से उससे कहा कि वह तीन हजार रूपए की राशि जमा करवाने के लिए बैंक में आया है। एक युवक ने शंकर को लालच देते हुए कहा कि उसकी तीन हजार रूपए की राशि उसके साथी को जमा करवाने के लिए दे देते हैं और वे दोनों एक लाख रूपए की राशि को आपस में बांट लेंगे। शंकर युवक के लालच में आ गया और तीन हजार रूपए की राशि उसने दे दी।
तीनों शंकर की रिक्शा में एक गेस्ट हाऊस पर आए और वहां चाय पीने के बहाने बैठ गए। इसी दौरान उन्होंने एक युवक को राशि जमा करवाने के लिए भेज दिया और दूसरे युवक ने रूमाल में लिपटी हुई एक लाख रूपए की राशि शंकर को यह कहकर थमा दी कि वह भी अभी थोड़ी देर में आया। वह जाता हुआ शंकर का मोबाइल भी ले गया। लेकिन बाद में नहीं लौटा। इधर रूमाल में लिपटी राशि जब शंकर ने खोली तो वह यह देखकर हैरान रह गया कि उसमें केवल कागज ही थे, नोट एक भी नहीं।
सिटी थाना प्रभारी इंस्पेक्टर महा सिंह ने बताया कि उनके पास शिकायत नहीं आई है। शिकायत आने पर कार्रवाई की जाएगी।

12 जुलाई 2011

'लाशों पर बना दो डिस्पोजलÓ

आबादी में डिस्पोजल के विरोध में उतरे नरसिंह कलोनी वासी, टीम बैरंग लौटाई
डबवाली (लहू की लौ) मालवा बाईपास पर जिला बठिंडा के गांव नरसिंह कलोनी में डिस्पोजल का निर्माण करने आए पंजाब सरकार के वाटर सप्लाई एवं सेनीटेशन विभाग के अधिकारियों को ग्रामीणों ने खदेड़ दिया।
 जिला श्री मुक्तसर साहिब की मण्डी किलियांवाली तथा जिला बठिंडा के गांव नरसिंह कलोनी के गंदे पानी की निकासी के लिए पिछले दो सालों से डिस्पोजल बनाने का प्रयास सरकार द्वारा किया जा रहा है। लेकिन इस डिस्पोजल का क्षेत्र आबादी में आ जाने पर ग्रामीण इस स्थान पर डिस्पोजल बनाए जाने के खिलाफ हैं। ग्रामीणों के अनुसार डिस्पोजल आबादी से दूर बनाए जाने पर उन्हें कोई एतराज नहीं है।
डिस्पोजल बनाने के लिए सोमवार को नायब तहसीलदार लम्बी लखविंद्र सिंह, वाटर सप्लाई एण्ड सेनीटेशन विभाग के एसडीई सुखदर्शन सिंह, जेई गंगा राम गोयल गिदड़बाहा तथा ठेकेदार फर्म हरदेव सिंह एण्ड कंपनी गोनियाना के पार्टनर रमन सिंह मौका पर पहुंचे। इसकी भनक पाकर ग्रामीण आनन-फानन में वहां जमा हो गए। उन्होंने डिस्पोजल बनाए जाने का विरोध शुरू कर दिया। नायब तहसीलदार लखविंद्र सिंह ने लोगों को समझा-बुझाकर मन बदलने की पुरजोर की। लेकिन ग्रामीणों ने दो टूक शब्दों में कहा कि डिस्पोजल उनकी लाशों पर ही बन पाएगा। वे किसी भी सूरत में डिस्पोजल नहीं बनने देंगे। ग्रामीणों के भारी विरोध को देखते हुए सरकार की उपरोक्त टीम बैरंग लौट गई।
मौका पर उपस्थित पंजाब खेत मजदूर यूनियन जिला श्री मुक्तसर साहिब के अध्यक्ष नानक चन्द सिंघेवाला, पंजाब किसान सभा के जिलाध्यक्ष चरणजीत सिंह बनवाला, गांव नरसिंह कलोनी निवासी सुरेंद्र कुमार, बलवंत सिंह, रिछपाल, मिट्ठू, मुख्तियार सिंह, चानन सिंह, जंगीर कौर, वीरपाल कौर, बलवीर कौर, किरणा, हरजीत कौर, अमृतपाल कौर, तविंद्र कौर, सुदेश कुमारी, माया देवी ने बताया कि डिस्पोजल आबादी में आता है। आबादी में डिस्पोजल को बनाए जाने से गंदे पानी की बदबू के चलते वहां उन्हें रहना मुश्किल हो जाएगा। इसके अतिरिक्त गंदे पानी के कारण बीमारियां भी फैलेंगी। उनकी मांग है कि डिस्पोजल को आबादी से बाहर बनाया जाए। लेकिन सरकार और प्रशासन जिद्द पकड़कर आबादी में ही डिस्पोजल बनाने पर अड़े हुए हैं। हालांकि रात को भी प्रशासनिक अधिकारियों ने डिस्पोजल बनाने का प्रयास किया। लेकिन ग्रामीण महिलाओं के रोष को देखकर अधिकारियों को वहां से भागना पड़ा।
नायब तहसीलदार लखविंद्र सिंह ने बताया कि डिस्पोजल के लिए उन्होंने लोगों का रोष देखा है। वे लोगों की आवाज को अपने उच्च अधिकारियों तक पहुंचा देंगे।
ठेकेदार फर्म हरदेव सिंह एण्ड कंपनी गोनियाना के पार्टनर रमन सिंह ने बताया कि दो माह पूर्व ही उन्हें डिस्पोजल का ठेका अलॉट हुआ है। विभाग जब भी उन्हें जमीन उपलब्ध करवा देगा, वे काम शुरू कर देंगे। लेकिन लोगों के विरोध के चलते उन्हें डिस्पोजल का काम करने में मुश्किल आ रही है।

दबंगों के डर से दलित परिवार ने छोड़ा शहर

डबवाली (लहू की लौ) पड़ौस में रहने वाले दबंग युवकों से तंग आया वार्ड नं. 13 का एक दलित परिवार हरियाणा से पलायन करके पंजाब में चला गया है। इस परिवार का आरोप है कि शिकायत के बावजूद पुलिस ने आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं की है। इधर राज्य से परिवार के पलायन की खबर मिलते ही पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एक युवक को हिरासत में ले लिया।
वाल्मीकि मोहल्ले में रह रहे 58 वर्षीय रामदेव के घर पर पड़ौस में रहने वाले कुछ दबंग युवकों ने 29 जून 2011 को हमला कर दिया था। जिससे उसके बेटे अजय तथा पुत्रवधू सरोज पत्नी बिट्टू के चोटें आई थी। पीडि़त परिवार इस मामले को पुलिस में ले गया। लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। 58 वर्षीय रामदेव के अनुसार वह पिछले 28 सालों से अपनी पत्नी राज रानी के साथ यहां रह रहा है। यहीं अपने दो बेटों बिट्टू, अजय तथा बेटी रचना की परवरिश की। बेटों की शादियां की। लेकिन उसके पड़ौस में रहने वाले कुछ दबंग युवक उसके घर पर कब्जा करने का प्रयास कर रहे हैं। बीती 24 जून को उसके छोटे बेटे अजय की शादी में उन्होंने रूकावट डालने का प्रयास किया। 29 जून को उसके घर पर हमला करके अजय तथा गर्भवती पुत्रवधू सरोज के चोटें मारी। सरोज बठिंडा के एक निजी अस्पताल में उपचाराधीन है। उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस में भी की। लेकिन पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है। रामदेव के अनुसार पुलिस द्वारा कार्रवाई न किए जाने के कारण दबंगों के हौसला इतना बढ़ गया कि वे लोग उन पर कार्रवाई न होने देने की फब्तियां कसने लगे हैं। पुलिस द्वारा कार्रवाई न किए जाने तथा दबंगों के हौसले को देखते हुए वे पंजाब में किराए के मकान में शिफ्ट हो गए हैं।
सिटी थाना प्रभारी महा सिंह ने बताया कि उपरोक्त शिकायत के आधार पर पुलिस अपनी कार्रवाई कर रही है। इस मामले में सोमवार को पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। जिससे पूछताछ की जा रही है।

बलेरो सवारों ने ट्रक के शीशे तोड़े, लूट का प्रयास

डबवाली (लहू की लौ) गांव जगमालवाली के पास साईकलों के भरे एक ट्रक को बलेरो सवार लोगों ने लूटने का प्रयास किया।  इस दौरान ट्रक पर बरसायी गई ईंटों से ट्रक का परिचालक घायल हो गया।
ट्रक चालक जगसीर सिंह (26) पुत्र तेजा सिंह निवासी डोड ने बताया कि वह पंजाब के लुधियाना से शनिवार शाम को साईकिल भर कर अहमदाबाद के लिए रवाना हुआ था। लेकिन रविवार को अपने गांव डोड से रात्रि 9.30 बजे रवाना होने से पूर्व ट्रक परिचालक कुलविन्द्र सिंह पुत्र जरनैल सिंह निवासी सेमां को साथ लिया। वह लोग तलबंडी साबो होकर बाया कालांवाली से डबवाली की ओर आ रहे थे। उनका ट्रक जैसे ही कालांवाली क्रॉस करके जगमालवाली के पास पहुंचा तो उसने देखा कि एक बलेरो गाड़ी उनका पीछा कर रही है, इतनी देर में ही तेजगति से उनके ट्रक को क्रॉस करके बलेरो गाड़ी आगे आकर खड़ी हो गई। लेकिन उन्होंने ट्रक को नहीं रोका। थोड़ी ही दूरी पर इन लोगों ने पम्प के निकट उन पर पथराव शुरू कर दिया। जिससे ट्रक का शीश टूट कर परिचालक के पेट में जा लगा। इसके बावजूद भी वह अपने ट्रक को बचाता हुआ गांव डबवाली के नाका तक ले आया और वहां तैनात पुलिस को घटना की जानकारी दी।
थाना कालांवाली के प्रभारी विक्रम नेहरा ने बताया कि घटना की सूचना उन्हें मिली है और अभी तक ट्रक चालक और परिचालक के ब्यान होने हैं। इसके बाद ही कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। लेकिन फिर भी अपने स्तर पर इस मामले की पुलिस जांच कर रही है।

तीन ट्रांसफार्मर से कॉपर चोरी

डबवाली (लहू की लौ) गांव डबवाली रकबा से अज्ञात चोर तीन किसानों के खेतों में लगे तीन बिजली के ट्रांसफार्मर चुरा ले गये। जिसकी सूचना संबंधित किसानों ने बिजली विभाग तथा पुलिस को दी है।
डबवाली के आढ़तिया हरबिलास निरंकारी ने बताया कि उसके बेटे कपिल जिन्दल के नाम गांव डबवाली में कालांवाली रोड़ पर कृषि भूमि है और इसमें बिजली विभाग का ट्रांस्फार्मर लगा हुआ था। जिसमें से अज्ञात व्यक्ति सारा सामान निकाल ले गये। उन्होंने यह भी बताया कि नजदीक  के जगजीत सिंह पुत्र बाबू सिंह तथा नदान सिंह पुत्र मल सिंह के खेतों से भी अज्ञात चोर ट्रांस्फार्मर उतार कर उसमें से सामान चुरा ले गये। इसकी सूचना बिजली निगम के जेई गुरबख्श सिंह तथा थाना शहर में दी।
दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के जेई गुरबख्श सिंह ने बताया कि तीनों किसानों की शिकायत मिलने पर मौका का निरीक्षण किया। इस वारदात से निगम को प्रति ट्रांस्फार्मर 60 हजार रूपये का नुक्सान हुआ। अज्ञात चोर ट्रांस्फार्मर से तांबे की तार और तेल आदि निकाल ले गये। उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दे दी है। थाना शहर प्रभारी इंस्पेक्टर महा सिंह ने बताया कि जांच के लिए एफएसएल टीम को मौका पर भेजा गया, जांच की जा रही है।

गंगा में विवाहिता ने चूहे मार दवा निगली

डबवाली (लहू की लौ) सोमवार सुबह गांव गंगा में एक विवाहिता ने चूहे मार दवा निगल कर अपनी जान देने की कोशिश की। जिसे गंभीर हालत में इलाज के लिए अस्पताल लाया गया।
गंभीर हालत में सरकारी अस्पताल में दाखिल सर्वजीत कौर (25) पत्नी बबला  निवासी गंगा ने बताया कि उसने गुस्से में आज सुबह दवाई के भ्रम में चूहे मार दवा खा ली और गंभीर हालत में शोर मचाने पर उसका पति उसे इलाज के लिए पहले गोरीवाला के सरकारी अस्पताल में ले गया। वहां से रैफर होने पर उसे डबवाली लाया गया। मौका पर अस्पताल में उपस्थित सर्वजीत कौर की मां अमरजीत कौर निवासी गुरूसर सैहनेवाला जिला बठिंडा ने बताया कि उसकी बेटी के तीन बच्चे हैं। उसकी गंभीर हालत की सूचना पाकर वह यहां पहुंची है। लेकिन डाक्टर ने उसे फिलहाल खतरे से बाहर घोषित कर दिया है।

पेंशन न मिलने पर वृद्ध ने जल त्यागा

डबवाली (लहू की लौ) हरियाणा सरकार की लापरवाही के चलते पेंशन धारकों को पिछले चार माह से पेंशन न मिलने से आ रही परेशानी से आहत इनेलो पेंशनधारकों के साथ सोमवार को सड़कों पर उतर आई और कलोनी रोड़ पर साढ़े तीन घंटे तक सड़क पर धरना देकर रोष प्रकट किया।  एक वृद्ध पेेंशनधारक अनजल त्याग कर अनशन पर लेट गया।
सोमवार को निर्धारित स्थानों पर हरियाणा सरकार द्वारा फिेनो कम्पनी की मार्फत बुढ़ापा, विधवा और विकलांग पेंशन धारकों को पेंशन का वितरण करना था। लेकिन फिनो कम्पनी के कर्मचारी निर्धारित स्थानों पर नहीं पहुंचे। जबकि पेंशन धारक निर्धारित स्थानों पर पहुंच गये। करीब डेढ़ घंटे तक पेंशन धारकों ने कम्पनी कर्मचारियों का इंंतजार किया। पेंशन धारक पिछले दो दिनों से कम्पनी के कर्मचारियों द्वारा पेंशन के लिए उन्हें बुला कर पेंशन न देने से खफा थे और स्वयं को अपमानित महसूस कर रहे थे। आज फिर इंतजार के बावजूद भी पेंशन का वितरण न होने से पेंशन धारक रोषस्वरूप सड़कों पर उतर आये। इसकी सूचना पाकर इनेलो नेता रणवीर सिंह राणा, पार्षद टेक चन्द छाबड़ा, पार्षद सुभाष मित्तल, पार्षद नीलकांत मैहता के नेतृत्व में इनेलो कार्यकर्ता दीपक बागड़ी, लभू सेठी, दर्शन मोंगा, काली मिढ़ा, भगवान दास आरेवाला, अमन चुघ, विपिन मोंगा, मुनीश शर्मा, रामकिशन ग्रोवर, अमरनाथ बागड़ी, अमनदीप, सुनील बांसल, शलेन्द्र जौड़ा भी मौका पर पहुंचे और पेंशनधारकों के समर्थन सड़क पर ही धरने पर बैठ गये। इसी के साथ ही पेंशन लेने पहुंचा वृद्ध ओमप्रकाश डांग अनजल त्याग कर तपती धूप में सड़क पर लेट गया।
पेंशनधारकों तथा इनेलो कार्यकर्ताओं ने हुड्डा सरकार तथा जिला प्रशासन के खिलाफ जम कर नारेबाजी की।  इसकी भनक पाकर प्रशासन के हाथ-पैर फूल गये। समाधान के लिए नायब तहसीलदार हरिओम बिश्नोई धरनास्थल पर पहुंचे। लेकिन उसकी बातचीत से धरनाकारी संतुष्ट नहीं हुए। इसके बाद उपायुक्त सिरसा से बातचीत करके उपमंडलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल वहां पहुंचे और उन्होंने धरनाकारियों को शुक्रवार से पेंशन वितरण का आश्वासन दिया। जिससे पेंशनधारक सहमत हो गये। इसके बाद उपमंडलाधीश ने वृद्ध ओमप्रकाश को जल पिला कर उसका अनशन तोड़ा।
इनेलो के जिला प्रधान महासचिव रणवीर सिंह राणा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि अगर प्रशासन शुक्रवार के पेंशन वितरण के आश्वासन पर खरा नहीं उतरा तो सोमवार से इनेलो लोकतांत्रिक तरीके से पेंशनधारकों के साथ आंदोलन छेड़ देगी।

स्कूटर की टक्कर से छात्र घायल

डबवाली (लहू की लौ) यहां के एफसीआई गोदाम के पास स्थित एक निजी शिक्षण संस्थान का दूसरी कक्षा का छात्र स्कूटर की टक्कर से घायल हो गया। जिसे उपचार के लिए सरकारी अस्पताल में लाया गया।
वार्ड नं. 6 के कबीर नगर निवासी सोमनाथ ने बताया कि उसका पांच वर्षीय बेटा दर्शन सोमवार को पढऩे के लिए कबीर नगर के पास स्थित आनंद मॉडल स्कूल में गया था। उसके अध्यापक ने फीस के लिए उसकी माता को बुलाया। दर्शन घर से अपनी माता सावित्री देवी को बुलाकर वापिस स्कूल जा रहा था। पीछे से आया एक स्कूटर दर्शन के बीच टक्कर मारकर फरार हो गया।

विश्व जनसंख्या दिवस पर प्रतियोगिताएं आयोजित

डबवाली (लहू की लौ) राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा द्वारा विश्व जनसख्या दिवस पर पेंटिंग तथा भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
यह जानकारी देते हुए विद्यालय के प्रिंसीपल इन्द्रजीत सांगवान ने बताया कि प्रतियोगिता का विषय छोटा परिवार, सुखी परिवार था। पेंटिंग प्रतियोगिता में 10वीं की नेहा प्रथम, 7वीं की बरखा द्वितीय और 10वीं की अनु ने तृतीय स्थान पाया। जबकि भाषण प्रतियोगिता में 12वीं की मीनू प्रथम, 9वीं की वैशाली द्वितीय, 10वीं की वंदना तृतीय रही।
इस मौके पर सरकारी अस्पताल के कार्यकारी एसएमओ एमके भादू तथा दंत चिकित्सक मीना जिन्दल ने अपने विचार रखे और विद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना की अधिकारी परमजीत कौर ने छात्राओं को बढ़ती जनसंख्या के दुष्परिणामों की जानकारी दी। विजेताओं को प्रधानाचार्य ने पुरस्कार वितरित किए।
इससे पूर्व सरकारी अस्पताल में कार्यकारी एसएमओ एमके भादू, डॉ. मीना जिन्दल, डॉ. राहुल ने छोटा परिवार संपूर्ण विकास, छोटी लड़की खुशहाल परिवार विषय पर जानकारी देते हुए जनसंख्या स्थिरता पर बल दिया। इस मौके पर लगाए गए काऊंटर पर राज वर्मा ने लोगों को नलबंदी, नसबंदी और परिवार कल्याण के संबंध में जानकारी दी। इसके साथ ही मच्छरों के प्रति भी लोगों को जागरूक किया।

टीचर पर मामला दर्ज

डबवाली (लहू की लौ) टयूशन पढऩे गई छात्रा से छेड़छाड़ करने के आरोपी अध्यापक के खिलाफ थाना शहर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
थाना शहर प्रभारी महा सिंह ने बताया कि किलियांवाली के अजीत नगर में रहने वाले शाम लाल गोयल की बारह वर्षीय बेटी की शिकायत पर आरोपी अध्यापक नरेश गोयल निवासी खूह वाली गली, वार्ड नं. 1, डबवाली के खिलाफ दफा 354/506 आईपीसी के तहत मामला दर्ज करके आरोपी की तालाश शुरू कर दी है।

सड़क में बने खड्डे ने ली युवक की जान

डबवाली (लहू की लौ) गांव मांगेआना के पास खड्डे में बाईक गिरने से बाईक चालक की मौत हो गई। जबकि उसके साथ बेटा उसका चचेरा भाई घायल हो गया।गांव देसूजोधा का 22 वर्षीय बेअंत सिंह पुत्र गुरचरण सिंह रविवार रात करीब 9.30 बजे अपने चचेरे भाई राजा सिंह (23) पुत्र गुलजार सिंह के साथ बाईक पर उसकी गांव मौजगढ़ में स्थित परचून की दुकान से वापिस गांव लौट रहा था। बाईक को बेअंत सिंह चला रहा था। गांव मांगेआना रोड़ पर बाईक की लाईट अचानक बंद हो गई। जिससे बाईक सड़क में बने एक खड्डे में जा गिरा। बाईक का हैंडल बेअंत सिंह की छाती में जा लगा। घटना की सूचना घायल राजा ने अपने परिजनों को दी। मौका पर आए परिजनों ने दोनों को अस्पताल पहुंचाया। अस्पताल में चिकित्सक ने बेअंत सिंह को मृत घोषित कर दिया।
मामले की जांच कर रहे थाना सदर पुलिस के एएसआई छबील दास ने बताया कि राजा सिंह के उपरोक्त ब्यान पर पुलिस ने दफा 174 सीआरपीसी के तहत कार्रवाई करते हुए शव का डबवाली के सरकारी अस्पताल से पोस्टमार्टम करवाने के बाद उसे उसके वारिसों को सौंप दिया।

11 जुलाई 2011

छात्रा से छेड़छाड़, अध्यापक की धुनाई

डबवाली (लहू की लौ) खूह वाली गली में एक अध्यापक द्वारा बारह वर्षीय बालिका से छेड़छाड़ करने का मामला सामने आया है।मण्डी किलियांवाली के अजीत नगर की 8वीं कक्षा में पढऩे वाली एक लड़की वार्ड नं. 1 में स्थित खूह वाली गली में शनिवार को पहले दिन टयूशन पर गई थी। अध्यापक ने रविवार को दोपहर बाद 2 बजे टयूशन पर आने के लिए कहा था। वह टयूशन पढ़कर घर लौटी। तो उसने अध्यापक द्वारा उससे की गई छेड़छाड़ की जानकारी अपने अभिभावकों को दी। किलियांवाली के अजीत नगर निवासी शाम लाल ने बताया कि उसकी 12 वर्षीय बेटी 8वीं कक्षा में पढ़ती है और रविवार को दूसरे दिन टयूशन पढऩे के लिए खूह वाली गली में अध्यापक नरेश गोयल के पास दोपहर बाद 2 बजे गई थी। लेकिन शाम को साढ़े तीन बजे जब वह घर लौटी तो उसने रोते हुए बताया कि अध्यापक ने पहले उसे मोबाइल पर ब्लू फिल्म दिखाई। फिर उससे छेड़छाड़ की। उस समय अध्यापक की पत्नी और बच्चे घर पर नहीं थे।
इधर अस्पताल में दाखिल घायल अध्यापक नरेश गोयल ने बताया कि लड़की पिछले वर्ष भी उसके पास पढ़ती थी। आज टयूशन का दूसरा दिन था। लेकिन उसने उसे यह कहकर पढ़ाने से इंकार कर दिया था कि उसके पास समय नहीं है। उसने यह भी कहा कि रविवार को छुट्टी होने की बात उसने लड़की से कही थी। लेकिन लड़की यह कहकर आज उनके घर पर आ गई कि उसका सोमवार को हिसाब का पेपर है और उसकी तैयारी करनी है। अध्यापक के अनुसार लड़की का किसी के साथ लफड़ा है। वह इसकी शिकायत उसके माता-पिता को न कर दे, इसलिए लड़की ने उस पर मनगढ़ंत और झूठा आरोप लगाया है। अध्यापक ने यह भी कहा कि लड़की के पिता व तीन-चार अन्य ने उसके घर पर आकर उससे मारपीट भी की। उसने बताया कि उसकी पत्नी सालासर गई हुई है। जबकि उसकी पांच वर्षीय बेटी उसके पास घर पर थी।
थाना शहर प्रभारी महा सिंह ने बताया कि लड़की की शिकायत उनके पास आई है। मामले की जांच की जा रही है।

'भीखÓ मांगने को मजबूर पेंशन धारक!

डबवाली (लहू की लौ) चार माह से पेंशन से वंचित चले आ रहे विकलांग, विधवा और वृद्ध रोटी मांगकर पेट भरने को मजबूर हो गए हैं। रविवार को जिला प्रशासन के पेंशन प्रोग्राम के तहत शहर में पेंशन का वितरण होना था। सुबह 8 बजे ही तय स्थान पर पेंशन धारक जमा होना शुरू हो गए। सुबह से दोपहर हो गई। लेकिन पेंशन बांटने वाले नहीं आए। बाद में वार्ड पार्षदों ने मौका पर पहुंचकर वार्ड से संबंधित लोगों को समझा-बुझाकर घर भेजा।
गुरूद्वारा कलगीधर सिंह सभा में व्हील चेयर पर पेंशन लेने आए महेंद्र कुमार (45), सुखदेव सिंह (70) ने बताया कि उनकी जिन्दगी पेंशन के सहारे आगे बढ़ रही थी। लेकिन पिछले चार महीनों से पेंशन न मिलने से जिन्दगी की डगर ठहर गई है। कमाई का कोई साधन नहीं, आगे-पीछे पूछने वाला भी कोई नहीं। ऐसे हालातों में वे सड़क पर आ गए हैं। लोगों की दुकानों, घरों से रोटी के दो टुकड़ें मांगने को विवश हो गए हैं। जब रोटी मांगते हैं तो लोग दुत्कारते हैं, जिससे उन्हें शर्मिंदा होना पड़ता है, लेकिन क्या करें, पापी पेट का सवाल है। जब पेंशन नहीं मिलेगी और रोजगार का साधन नहीं होगा तो रोटी कहीं से तो खानी ही पड़ेगी।
विद्या देवी (65) ने बताया कि उसके कोई बेटा नहीं है। जो उसे संभाल सके। सरकार द्वारा निर्धारित पेंशन ही उसके गुजारे का साधन थी। इसी पेंशन से वह अपना गुजारा चलाती। पेंशन के सहारे उसने अपनी दो बेटियों को पढ़ाया और शादी की। लेकिन अब वह अकेली है। पेंशन न मिलने न मिलने के कारण दूसरों के आगे हाथ फैलाकर पेट पाल रही है।
विधवा कमलेश देवी (50) ने बताया कि पेंशन से वह केवल अपना ही गुजारा नहीं चलाती थी। बल्कि बुढ़ापे में सहारा बनने वाले अपने बेटे गणेश को भी पाल रही है। गणेश 12वीं का छात्र है। स्कूल में उसने 800 रूपए की राशि फीस के तौर पर अदा करनी है। लेकिन चार माह से पेंशन न मिलने से वह अपने बच्चे की फीस नहीं भर पाई और उसके बच्चे को स्कूल से निकाल दिया गया। दूसरा पेट भरने के लिए उसे अब दूसरों से रोटी मांगकर खानी पड़ रही है।
इस मौके पर उपस्थित वृद्धा आशा रानी, माया देवी, लाजवंती ने बताया कि दो दिन पूर्व पेंशन बांटने के लिए आए फिनो कंपनी के एजेंटों तथा बाद में जिलाधीश ने समाचार पत्रों के माध्यम से कहा था कि 10 जुलाई को सभी पेंशन धारकों को पेंशन मिल जाएगी। लेकिन वे तपती दोपहर में 12 बजे तक पेंशन बांटने वाले कर्मचारियों का इंतजार करते रहे। लेकिन कोई नहीं आया। वे घर से पेंशन वितरण स्थल तक आने-जाने में रिक्शा पर 50 रूपए खर्च करती हैं। लेकिन इसके बावजूद भी पेंशन नसीब नहीं होती। वृद्धों ने कहा कि बार-बार उन्हें बुलाकर सरकार, प्रशासन और पेंशन वितरण करने वाले कर्मचारी बेइज्जत कर रहे हैं। ये कर्मचारी अब जब भी आएंगे तो अपना रोष उनके समक्ष अपने ही अंदाज में प्रकट करेंगे।
गुरूद्वारा में एकत्रित सैंकड़ों पेंशन धारकों में रोष की सूचना पाकर मौका पर पहुंचे वार्ड नं. 1 के पार्षद जगदीप सूर्या, वार्ड नं. 3 के पार्षद सुभाष मित्तल ने इस संदर्भ में फिनो कंपनी के अधिकारी विनय कुमार से बात की। अधिकारी ने उन्हें जवाब दिया कि वे आज नहीं आ सकते। फिर कभी आएंगे। अब तो रिकॉर्ड पूरा कर रहे हैं। कर्मचारियों के न आने की सूचना पक्की होने पर इन पार्षदों ने वृद्धों की आंखों से टपक रहे आंसुओं को पौंछते हुए कहा कि वे उनके साथ हैं। यदि उन्हें प्रशासन के खिलाफ सड़कों पर आना पड़ा तो आएंगे। अपने पार्षदों का आश्वासन पाकर पेंशन धारक घरों को वापिस चले गए।
पार्षद जगदीप सूर्या, पार्षद सुभाष मित्तल ने इस संवाददाता से बातचीत करते हुए प्रशासन के खिलाफ अपना रोष निकालते हुए कहा कि जिलाधीश पेंशन धारकों को पेंशन बांटे जाने की तिथि और समय निर्धारित करने के ब्यान अखबारों में प्रकाशित करवा देता है, लेकिन पेंशन बांटने वाले कर्मचारी निर्धारित समय और तिथि पर न पहुंचने से पेंशन धारकों का अपमान होता है। पेंशन न मिलने से पेंशन धारक रोटी मांगकर पेट भर रहे हैं। कई पेंशन धारकों को ऐसा करने से उन्होंने रोका है।

इंतजार करते रह गए पेंशन धारक
डबवाली (लहू की लौ) रविवार को नगरपालिका में स्मार्ट कार्ड बनवाने के लिए वृद्ध, विधवा और विकलांग इंतजार करते रहे लेकिन स्मार्ट कार्ड बनाने वाले नहीं पहुंचे।
वार्ड नं. 14 के पार्षद विनोद बांसल, वार्ड नं. 6 के पार्षद ओमप्रकाश बागड़ी, वार्ड नं. 3 के पार्षद सुभाष मित्तल ने बताया कि 10 जुलाई को स्मार्ट कार्ड बनाने वालों ने नगरपालिका में आना था। लेकिन पेंशनधारक स्मार्ट कार्ड बनवाने की इंतजार में सुबह से बाद दोपहर 2 बजे तक बैठे रहे। उन्होंने यह भी बताया कि वे भी सुबह से ही नगरपालिका में बैठे हुए थे। जब कार्ड बनाने वाला कोई भी नगरपालिका में नहीं पहुंचा।  उन्होंने फिनो कम्पनी के आलम खां इंचार्ज ब्लॉक डबवाली से मोबाइल पर कई बार बातचीत की तो उन्हें हर बार यहीं कहा गया कि 10 मिनट में उनका आदमी नगरपालिका में पहुंच रहा है। जब धैर्य की सीमा टूटी तो और उससे पूछा गया कि बुजुर्गों को क्यों खराब किया जा रहा है तो आलम खां का जवाब था कि वह खराब नहीं कर रहा, खराब तो डीसी साहेब कर रहे हैं। पार्षदों ने इसकी शिकायत उपमंडलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल से की। उपमंडलाधीश ने तुरन्त कार्यवाही करते हुए फिनो कम्पनी के अधिकारियों की खिंचाई की।
पार्षदों ने कहा कि सरकार ने पेंशन धारकों की राशि वितरण के लिए समय-समय पर एक्सीस बैंक में जमा करवा रखी है। लेकिन बैंक ने फिनो कम्पनी को ठेका दे रखा है। वितरण के मामले में बैंक और कम्पनी अपने दायित्व से भाग रहे हैं। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि सरकार अन्य किसी बैंक को पेंशन की जिम्मेवारी सौंपे या पुराना सिस्टम बहाल करे।
वृद्धों को अपमानित नहीं होने देगी इनेलो-राणा
डबवाली। यदि सरकार ने वृद्धों का अपमान करने की नीति को नहीं त्यागा तो इनेलो वृद्धों के सम्मान के बहाली के लिए संघर्ष करने को मजबूर होगी। यह शब्द इनेलो जिला सिरसा के प्रधान महासचिव रणवीर सिंह राणा ने वृद्धों को पेंशन देने के नाम पर बार-बार परेशान करने पर कहे। उन्होंने कहा कि वृद्धों को पेंशन देने के लिए बार-बार बुलाया जाता है लेकिन पेंशन वितरण करने वाले कर्मचारी स्वयं नहीं पहुंचते। इस प्रकार से सरकार फिनो कम्पनी की आड़ में वृद्धों को अपमानित कर रही है जो असहनीय है। उन्होंने कहा कि चौ. देवीलाल ने वृद्धों को सम्मान देने के लिए पेंशन योजना लागू की थी और साथ में कहा था कि यह वृद्धों का अधिकार है लेकिन कांग्रेस की हुड्डा सरकार वृद्धा पेंशन को खैरात समझ कर उन्हें अपमानित कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार वृद्धों के प्रति सम्मान को बहाल करे, अन्यथा इनेलो वृद्धों के साथ सड़कों पर उतरेगी।

निराला बाबा का जोरदार स्वागत



कालांवाली (सिंगला) चतुर्मास के लिए पधारे आचार्य दिव्यानंद विजय महाराज (निराले बाबा) का मण्डी में नगर प्रवेश करने पर भव्य स्वागत किया गया। स्वागत समारोह में हरियाणा, पंजाब, राजस्थान सहित अन्य प्रदेशों से हजारो की सख्ंया मे श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
रोड़ी रोड़ पेट्रोल पंप के पास निराला बाबा का चतुर्मास प्रवास सेवा समिति के सदस्यों जगदेव राय, सुरेश बंटू, अशोक टोनी, इंद्रजीत गर्ग, मुकेश गर्ग आदि ने स्वागत किया। बाबा जी के स्वागत समारोह में हाथी, घोड़े , ऊंट सहित विभिन्न प्रकार की बैंड पार्टियों ने भाग लिया। आसमान से श्रद्धालुओं व बाबा जी पर पुष्प वर्षा की गई। स्वागत समारोह में स्कूल के बच्चों ने ध्वज यात्रा व महिलाओं ने कलश यात्रा निकाली।
यह यात्रा बस स्टैंड से शुरू होकर मॉडल टाऊन, अनाज मण्डी, भगत सिंह मार्किट, सब्जी मण्डी से होकर महाजन धर्मशाला में पहुंची। यात्रा का मंडी में तरणोद्वार लगाकर जगह-जगह स्वागत किया गया। धर्मशाला में पहुंचने पर मंडी की समाज सेवी संस्थाओं ने बाबा जी का जोर-शोर से स्वागत किया। धर्मशाला में आयोजित समारोह में पंजाब के वरिष्ठ अकाली नेता सरूप चंद सिंगला ने ध्वजारोहण कर कार्यक्र्रम की शुरूआत की।
इस मौके पर नायब तहसीलदार संजय चौधरी, कांग्रेस नेता ओमप्रकाश केहरवाला, इनेलो नेता विनोद मित्तल, बिल्ला कबाडिय़ा, नरेश सिंगला, संजय सैन, मदन लाल, युवा कांग्रेस के प्रधान ओमप्रकाश लुहानी, मास्टर परमानंद, हरिमोहन गुप्ता सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

10 जुलाई 2011

सरकारी कर्मचारी तंबाकू के धुएं में उड़ा रहे हैं कानून

हरियाणा स्वास्थ्य विभाग के एक पत्र से प्रदेश भर के सरकारी महकमों के कर्मचारियों में खलबली
डबवाली (लहू की लौ) धूम्रपान के लिए बनाया गया कानून, सरकार के कर्मचारी खुद तोड़ते हैं। यह हम नहीं कह रहे। बल्कि यह स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा द्वारा राज्य के सभी सरकारी विभागों के प्रमुखों को जारी एक पत्र कह रहा है। स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा ने राज्य को धूम्रपान और तंबाकू मुक्त जोन बनाने के लिए कमर कस ली है। महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा पंचकूला ने इस संदर्भ में राज्य के सभी सिविल सर्जन को एक पत्र भेजकर उन्हें निर्देश दिए हैं कि वे अपने जिला के तहत आने वाले सरकारी विभागों के जिला प्रमुखों को इस संबंधी जागरूक करें। महानिदेशक के निर्देशों पर राज्य के सभी सिविल सर्जन ने पुलिस अधीक्षकों, महाप्रबंधकों, जिला शिक्षा अधिकारियों, जिला प्राईमरी शिक्षा अधिकारियों, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों/चिकित्सा अधिकारियों/प्रभारी, सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, ब्लाक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को निर्देश जारी करके कहा है कि धूम्रपान रोकने के लिए कानून बना हुआ है। लेकिन बड़े खेद की बात है कि उनके अंतर्गत आने वाले कर्मी खुद ही सिगरेट के धुएं को हवा में उड़ाकर...धूम्रपान संबंधी बने कानून को तोड़ते हैं।
इसकी पुष्टि करते हुए उप सिविल सर्जन (स्वास्थ्य) सिरसा डॉ. आरूष अरोड़ा ने बताया कि जिला सिरसा में भी सिविल सर्जन सिरसा ने धूम्रपान निषेध संबंधी बने कानून की पालना के लिए सरकारी विभागों के जिला प्रमुखों को पत्र जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि उनके कार्यालय में कर्मचारी, अधिकारी, चालक एवं परिचालक, अध्यापक तथा पुलिस कर्मचारी खुद धूम्रपान निषेध कानून तोड़ते हैं। उनसे भविष्य में जुर्माना वसूला जाए या कानूनी कार्रवाई की जाए। उनके अधिनस्थ आने वाली सार्वजनिक संस्थाओं/सरकारी संस्थाओं/स्कूलों में 100 वर्ग मी. के अंदर धूम्रपान एवं तंबाकू मुक्त जोन के अंदर कोई भी  दुकानदार/व्यक्ति तंबाकू एवं धूम्रपान संबंधी सामग्री न बेचता हो। अगर उनके परिसर में धूम्रपान निषेध नियम का कोई व्यक्ति उल्लंघन करता है, तो उनके विरूद्ध कानूनी कार्रवाई की जाए। साथ में यह भी दिशा निर्देश दिए गए हैं कि संबंधित विभागों के परिसरों के बाहर और भीतर धूम्रपान निषेध के साईन बोर्ड लगाए जाएं।

धर्म लोगों को जोड़ता है तोड़ता नहीं-निराला बाबा

कालांवाली (संजीव सिंगला) संतों का काम लोगों को सही मार्ग पर चलने का संदेश देना है। संत किसी भी धर्म या समाज को नहीं मानते। यह बात ओजस्वी प्रखर वक्ता क्रांतिकारी आचार्य दिव्यानंद विजय महाराज निराले बाबा ने शनिवार को मॉडल टाऊन में इंद्रजीत गोयल के निवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही। उन्होंने कहा कि हमें धीरे-धीरे अपनी पुरानी रूढ़ीवादी सोच को बदलना होगा। लोगों को साथ जोडऩे व जुडऩे के लिए समाजिक कार्यक्रता बनना होगा। उन्होंने कहा कि उनका मुख्य उद्ेश्य सभी धर्म व वर्ग के लोगों को साथ जोडऩा है और समाजिक कार्यों के लिए जागरूक करना ताकि समाज सेवा के माध्यम से लोक भलाई के कार्य हो सके।
उन्होंने बताया कि उनकी प्रेरणा से व लोगों के सहयोग से विभिन्न स्थानों पर 12 गोशालाएं स्थापित हुई हैं। एक स्कूल स्थापित किया है जिसमें बच्चों को निशुल्क शिक्षा दी जाती है। उन्होंने कहा कि उनकी इच्छा कालांवाली मण्डी में कई ऐसे सामाजिक कार्य करने की है जिससे लोगों को फायदा हो। निराले बाबा ने बताया कि हरियाणा में उनका प्रथम चतुर्मास है, जबकि वह पंजाब में 11 व राजस्थान में चतुर्मास कर चुके हैं। इससे पूर्व निराले बाबा का निवास स्थान पहुंचने पर इंद्रजीत गर्ग, अग्रवाल वैश्य समाज के हल्का प्रधान सुरेश गर्ग (बंटू), अशोक टोनी आदि ने उनका स्वागत किया। उनका रविवार को मंडी में चतुर्मास के लिए भव्य नगर प्रवेश होगा।

बडिंगखेड़ा में शुरू हुए क्रिकेट मुकाबले

डबवाली (लहू की लौ) गांव बडिंगखेड़ा में गांव की ओर से आवा मैदान में आयोजित पांच दिवसीय चौथा क्रिकेट टूर्नामेंट का शुभारम्भ गांव के पूर्व सरपंच दर्शन सिंह भोलू ने रिबन काट कर किया। इसमें पंजाब-हरियाणा की 25 टीमें भाग ले रही हैं।
शनिवार को टूर्नामेंट के पहले दिन 10 टीमों में मुकाबले हुए। टॉस जीत कर पहले खेलते हुए लोहगढ़ की टीम ने सभी विकेट खो कर मात्र रन बनाये। इस लक्ष्य को भेदने के लिए मुकबाले में उतरी नसिंग स्कूल सिंघेवाला की टीम ने बिना 3 विकेट खो कर 4 ओवर में जीत हासिल कर ली। नर्सिंग स्कूल के विक्की को 3 विकेट झटकने तथा 21 रन बनाने पर मैन ऑफ दी मैच घोषित किया गया।
दूसरा मुकाबला घुमियारा और बडिंगखेड़ा की टीम में हुआ। पहले खेलते हुए बडिंगखेड़ा की टीम ने 8 ओवर में एक विकेट खो कर 115 रन बनाये। इस लक्ष्य को भेदने के लिए उतरी घुमियारा की टीम 38 रनों पर ही आलआऊट हो गई। बडिंगखेड़ा की टीम के जसप्रीत सिंह ने इस मुकाबले में 80 रनों का योगदान दिया। जसप्रीत को मैन ऑफ दी मैच घोषित किया गया। तीसरा मुकाबला लौहारा-डबवाली की टीम के बीच में हुआ। लौहारा टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 8 ओवर में 9 विकेट खो कर 31 रन बनाये। जबकि डबवाली की ने इस लक्ष्य को तीन ओवर में बिना विकेट खोये ही पूरा कर लिया। डबवाली टीम के मलिंगा को 5 विकेट झटकने और 6 रनों के योगदान पर मैन ऑफ दी मैच घोषित किया गया।
चौथा मुकाबला शेरगढ़ और बादल की टीम के बीच हुआ। पहले वैटिंग करते हुए शेरगढ़ टीम ने 8 ओवर में 3 विकेट खो कर 74 रन बनाये। इस लक्ष्य को भेदने के लिए उतरी बादल की टीम 6 ओवर में ही 32 रन बना कर आलआउट हो गई। शेरगढ़ टीम के विक्की को 31 रनों के योगदान के लिए मैन ऑफ दी मैच चुना गया। पांचवां मुकाबला किलियांवाली और बडिंगखेड़ा-बी टीम के बीच हुआ। बडिंगखेड़ा टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 8 ओवर में 5 विकेट खो कर 52 रन बनायेे जबकि किलियांवाली टीम ने अपनी पारी खेलते हुए 7.5 ओवर में 3 विकेट खो कर इस लक्ष्य को भेदने में सफलता पायी। किलियांवाली टीम के हरमीत को 3 विकेट तथा 15 रनों के योगदान के लिए मैन ऑफ दी मैच घोषित किया गया। क्रिकेट मुकाबले रैफरी गुरसेवक सिंह, गुरप्रीत सिंह, गुरप्यार सिंह, निर्र्मल सिंह की देखरेख में करवाये जा रहे हैं।

बुरी आत्मा ने ली जान

डबवाली (लहू की लौ) कचहरी के पास रहने वाली विवाहित युवती का शव शनिवार सुबह कबीर बस्ती के नजदीक पंजाब क्षेत्र में रेलवे ट्रेक में संदिग्ध हालतों में मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। शव बुरी तरह से कटा हुआ था। मृतका के पति का कहना है कि उसकी पत्नी पर बुरी आत्मा का प्रभाव था। जबकि उसके मामा ने अपनी भानजी की हत्या की आशंका जताई है। जीआरपी बठिंडा पुलिस अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट के इंतजार में है।
शनिवार सुबह करीब 5 बजे रेलवे का की-मैन कन्हैया लाल रोजाना की तरह गश्त पर था। कबीर बस्ती के पास उसने रेलवे ट्रेक में एक युवती का शव देखा। उसने तत्काल इसकी सूचना सहायक स्टेशन मास्टर होशियार सिंह को दी। सूचना पाकर मौका पर जीआरपी बठिंडा के एएसआई गुरमेल सिंह पहुंचे। मृतका की पहचान हलीमा बेगम (35) पत्नी अहमद अली निवासी नजदीक कचहरी, डबवाली के रूप में हुई।
मृतका के पति अहमद अली (37) निवासी डबवाली ने बताया कि हलीमा को किसी बुरी आत्मा ने अपने वश में कर रखा था। वह अजीब सी हरकतें करने लगी थी। इसका प्रभाव उसकी मानसिकता पर पड़ा और वह पिछले एक साल से परेशान रहने लगी। इलाज के लिए वे हलीमा को उनकी झोपड़ी के पास ही रहने वाले बाबा त्राव के पास ले गए। बाबा ने बताया कि हलीमा पर बुरी आत्मा की छाया है। बाबा ने उसे एक ताबीज बनाकर दिया। ताबीज गले में डालते ही बुरी आत्मा का प्रभाव खत्म हो गया। इस ताबीज ने ढाई माह तक कार्य किया। इस प्रकार वे हर ढाई माह बाद उसे बाबा के पास लेजाते और नया ताबीज बनाकर उसके गले में डाल देते। लेकिन पिछले तीन माह से बाबा यहां नहीं थे। जिसके कारण वे नया ताबीज नहीं बना पाए। बुरी आत्मा के प्रभाव में मानसिक परेशानी के चलते ही उसकी पत्नी ने रेलगाड़ी के आगे कूदकर आत्महत्या की है। अहमद अली ने यह भी बताया कि वह 20 दिनों से पंजाब में गाय चराने के लिए गया हुआ था। शनिवार सुबह उसे उपरोक्त घटना के बारे में उसके भाई नियामत अली (25) ने सूचित किया। सूचना पाकर वह डबवाली पहुंचा। उसके तीन बच्चे रसमत खान (12), फिरोज उर्फ खनन (10) तथा नजमन खान (8) हैं।
इधर मृतका के मामा मंजूर खान (50) निवासी भागसर (राजस्थान) ने बताया कि उसकी भानजी हलीमा की शादी करीब पंद्रह साल पूर्व बुल्ली खान के बेटे अहमद अली से हुई थी। लेकिन पिछले तीन सालों से उसकी भानजी को दहेज के लिए तंग व परेशान किया जा रहा था। वहीं अहमद अली ने दूसरी शादी भी रचा ली। इस बात का पता लगने पर हलीमा अक्सर परेशान रहा करती। शुक्रवार रात करीब 8 बजे उसके पास हलीमा का फोन आया कि वे उसे यहां से ले जाएं, वरना उसका पति, जेठ बगैरा उसे मार देंगे। शनिवार सुबह करीब 4 बजे उन्हें सूचना मिली कि हलीमा ने गाड़ी तले आकर आत्महत्या कर ली है। मंजूर खान ने आरोप लगाया कि हलीमा ने आत्महत्या नहीं की। बल्कि ससुरालियों ने उसकी हत्या कर शव को रेल ट्रेक पर डाला है। अब सजा के डर से बचने के लिए अहमद अली बुरी आत्मा की झूठी कहानी गढ़ रहा है।
मामले की जांच कर रहे जीआरपी बठिंडा के एएसआई गुरमेल सिंह ने बताया कि फिलहाल पुलिस ने मृतका के पति अहमद अली के ब्यान पर इत्तेफाकिया मौत की कार्रवाई अमल में लाई है। बठिंडा के सरकारी अस्पताल से शव का पोस्टमार्टम करवाने के बाद उसे उसके वारिसों को सौंप दिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी।
एएसआई गुरमेल सिंह ने यह भी बताया कि पुलिस ने मृतका की बेटी 10 वर्षीय फिरोज उर्फ खनन के ब्यान भी दर्ज किए हैं। फिरोज ने बताया कि उसकी माता उसके छोटे भाई को उसके साथ चारपाई पर लेटाकर लघुशंका का बहाना करके चली गई। लेकिन वापिस नहीं लौटी।