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Lahoo Ki Lau
11 दिसंबर 2010
महिला का शव मिला
डबवाली। गोरीवाला पुलिस को राजपुरा माईनर की टेल के साथ बहने वाले रजवाहा से एक महिला की गली-सड़ी हालत में लाश मिली है। जिसे शिनाख्त के लिए डबवाली के सामान्य अस्पताल की मोरचरी में रखा गया है। गांव बिज्जूवाली का किसान काशी राम पुत्र बहादुर राम शुक्रवार दोपहर को लगभग एक बजे अपनी खेत में गया। उसने जैसे ही टयूब्बैल चलाया और उसकी निगाह रजवाहा की ओर गई तो वह देख कर दंग रह गया कि रजवाहा में महिला की गली-सड़ी हालत में एक लाश पड़ी है। इसकी सूचना उसने गोरीवाला पुलिस चौकी को दी और मौका पर एएसआई भूप सिंह ने पहुंच कर लाश को कब्जे में लेकर डबवाली के सामान्य अस्पताल के डैड हाऊस में ले आये। एएसआई भूप सिंह ने बताया कि मृतक महिला की शिनाख्त के लिए लाश को डैड हाऊस में रखा है। उनके अनुसार महिला के नीले-लाल रंग की धारीदार सलवार पहनी हुई है जबकि ऊपर का बदन नंगा, सिर से लेकर गर्दन तक चमड़ी नहीं है। दाहिने हाथ पर ओम खुदा हुआ, कलाई में रस्सी बंधी है। बायें हाथ की कोहनी तक चमड़ी नहीं है। लाश 8-10 दिन पुरानी, उम्र 43 वर्ष, कद 5 फुट के करीब है।
चलती ट्रेन में गुम हुई अनु पहुंच गई डबवाली
डबवाली (लहू की लौ) मंगलवार को चलती ट्रेन से एक पांच साल की लड़की अपनी मां की गोद से गायब हो गई। मार्ग में आई नहर में लड़की के गिरने का संदेह पैदा हुआ तो परिजन उसे नहर में तालाशने लगे। जबकि लड़की गाड़ी से डबवाली पहुंच चुकी थी। जीआरपी चौकी के कर्मचारियों ने पांच साल की इस लड़की को टॉफी, चॉकलेट देकर दुलारा और पुचकारा। एक सामाजिक संस्था की मदद से चौबीस घंटे के बाद लड़की अपने अभिभावकों की गोद में आ गई।
राकेश कुमार (32) निवासी बवनीपुर जिला मैनपुरी उत्तर प्रदेश ने बताया कि वह अपनी पत्नी सरिता के साथ पिछले दो माह से अबोहर के सुभाष नगर में रह रहा है और बब्बू नागपाल की नरमा की फैक्ट्री में काम करता है। मंगलवार रात को वह अबोहर से गाड़ी में बठिंडा पहुंचे तो मार्ग में उसकी पांच वर्षीय बेटी अनु ने उल्टी आने की बात कही और इतना कहते ही अनु गाड़ी में भागती हुई, अचानक गायब हो गई। हालांकि उसी दौरान अनु की माता सरिता ने डिब्बे में लड़की की खोज भी की। लेकिन कहीं नहीं मिली। जैसे ही गाड़ी बठिंडा आकर रूकी, उन्होंने अपनी अबोध बालिका की तालाश में पहले रेलवे स्टेशन की लाईनों में तालाश किया। बाद में उन्हें संदेह हुआ कि शायद लड़की बठिंडा के नजदीक मार्ग में आने वाली नहर में न गिर गई हो। इसलिए सुबह से ही वे नहर पर उसकी तालाश कर रहे थे।
उनके अनुसार किसी व्यक्ति ने उन्हें राय दी कि वह इस संदर्भ में बठिंडा की सहारा संस्था से संपर्क करे। वे वहां गए और उसको अपना मोबाइल नं. देकर फिर नहर पर ही लड़की की तालाश में जुट गए। जीआरपी डबवाली के प्रभारी एएसआई सुरेश कुमार ने बताया कि कालका-जोधपुर 4887 रेलगाड़ी बुधवार सुबह 5.23 पर जैसे ही डबवाली पहुंची तो गाड़ी के गार्ड मल सिंह मीणा ने एक पांच साल की अबोध बालिका को यह कहते हुए उन्हें सौंप दिया कि यह लड़की अपने माता-पिता से बिछुड़ गई है। लड़की को एएसआई सुरेश कुमार ने टॉफी, चॉकलेट बगैरा देकर उसकी पहचान जानने का प्रयास किया। लेकिन वर्दी को देखकर सहमी लड़की कुछ भी नहीं बोली।
एएसआई सुरेश कुमार ने सारी घटना को भांपते हुए वर्दी उतारी और साधारण वेष में लड़की से फिर पूछताछ शुरू कर दी। इस दौरान लड़की को जो भी उसने खाने पीने के मांगा, उसे दिया गया। धीरे-धीरे लड़की खुलने लगी और बोली कि उसके पिता का नाम राकेश है और माता का नाम सरिता। उसने यह भी बताया कि वह सिरसा की रहने वाली है। उसका पिता रूईं का काम करता है, तथा बब्बू करियाणा वाले से अक्सर वह घर का सामान खरीदते हैं। इस पर जीआरपी ने सिरसा और बठिंडा दोनों ही नगरों में लड़की की तालाश के लिए जीआरपी से संपर्क किया। लेकिन सबकुछ व्यर्थ साबित हुआ। इसके बाद एएसआई सुरेश कुमार के अनुसार उन्होंने सहारा संस्था बठिंडा से संपर्क किया। तब वहां कुछ भी मालूम नहीं हुआ। लेकिन दोबारा फिर संपर्क करने पर उन्हें राकेश कुमार का मोबाइल नं. मिला। इसी मोबाइल नं. से राकेश से संपर्क करके उन्हें पता चला कि उसकी पांच साल की बेटी गुम हुई है। पुलिस ने यह जानने के लिए की राकेश झूठ तो नहीं बोलता, लड़की को यहीं जीआरपी में रख लिया और स्वयं अपने दो साथी हवलदार लक्ष्मण सिंह तथा ईश्वर सिंह के साथ बठिंडा बठिंडा से राकेश कुमार को जीआरपी डबवाली ले आए। लड़की अपने पिता को देखते ही चिल्ला उठी और उसके पास आ गई।
जीआरपी ने लिखित-पढ़त करके लड़की को उसके पिता राकेश को सौंप दिया। बेटी को सही सलामत पाकर राकेश कुमार गदगद हो उठा। एएसआई सुरेश कुमार ने बताया कि जब वह सिरसा जीआरपी में कार्यरत थे, उस समय दस दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद लड़की के माता-पिता को ढूंढकर उन्हें सौंपने में सफल रहे थे।
राकेश कुमार (32) निवासी बवनीपुर जिला मैनपुरी उत्तर प्रदेश ने बताया कि वह अपनी पत्नी सरिता के साथ पिछले दो माह से अबोहर के सुभाष नगर में रह रहा है और बब्बू नागपाल की नरमा की फैक्ट्री में काम करता है। मंगलवार रात को वह अबोहर से गाड़ी में बठिंडा पहुंचे तो मार्ग में उसकी पांच वर्षीय बेटी अनु ने उल्टी आने की बात कही और इतना कहते ही अनु गाड़ी में भागती हुई, अचानक गायब हो गई। हालांकि उसी दौरान अनु की माता सरिता ने डिब्बे में लड़की की खोज भी की। लेकिन कहीं नहीं मिली। जैसे ही गाड़ी बठिंडा आकर रूकी, उन्होंने अपनी अबोध बालिका की तालाश में पहले रेलवे स्टेशन की लाईनों में तालाश किया। बाद में उन्हें संदेह हुआ कि शायद लड़की बठिंडा के नजदीक मार्ग में आने वाली नहर में न गिर गई हो। इसलिए सुबह से ही वे नहर पर उसकी तालाश कर रहे थे।
उनके अनुसार किसी व्यक्ति ने उन्हें राय दी कि वह इस संदर्भ में बठिंडा की सहारा संस्था से संपर्क करे। वे वहां गए और उसको अपना मोबाइल नं. देकर फिर नहर पर ही लड़की की तालाश में जुट गए। जीआरपी डबवाली के प्रभारी एएसआई सुरेश कुमार ने बताया कि कालका-जोधपुर 4887 रेलगाड़ी बुधवार सुबह 5.23 पर जैसे ही डबवाली पहुंची तो गाड़ी के गार्ड मल सिंह मीणा ने एक पांच साल की अबोध बालिका को यह कहते हुए उन्हें सौंप दिया कि यह लड़की अपने माता-पिता से बिछुड़ गई है। लड़की को एएसआई सुरेश कुमार ने टॉफी, चॉकलेट बगैरा देकर उसकी पहचान जानने का प्रयास किया। लेकिन वर्दी को देखकर सहमी लड़की कुछ भी नहीं बोली।
एएसआई सुरेश कुमार ने सारी घटना को भांपते हुए वर्दी उतारी और साधारण वेष में लड़की से फिर पूछताछ शुरू कर दी। इस दौरान लड़की को जो भी उसने खाने पीने के मांगा, उसे दिया गया। धीरे-धीरे लड़की खुलने लगी और बोली कि उसके पिता का नाम राकेश है और माता का नाम सरिता। उसने यह भी बताया कि वह सिरसा की रहने वाली है। उसका पिता रूईं का काम करता है, तथा बब्बू करियाणा वाले से अक्सर वह घर का सामान खरीदते हैं। इस पर जीआरपी ने सिरसा और बठिंडा दोनों ही नगरों में लड़की की तालाश के लिए जीआरपी से संपर्क किया। लेकिन सबकुछ व्यर्थ साबित हुआ। इसके बाद एएसआई सुरेश कुमार के अनुसार उन्होंने सहारा संस्था बठिंडा से संपर्क किया। तब वहां कुछ भी मालूम नहीं हुआ। लेकिन दोबारा फिर संपर्क करने पर उन्हें राकेश कुमार का मोबाइल नं. मिला। इसी मोबाइल नं. से राकेश से संपर्क करके उन्हें पता चला कि उसकी पांच साल की बेटी गुम हुई है। पुलिस ने यह जानने के लिए की राकेश झूठ तो नहीं बोलता, लड़की को यहीं जीआरपी में रख लिया और स्वयं अपने दो साथी हवलदार लक्ष्मण सिंह तथा ईश्वर सिंह के साथ बठिंडा बठिंडा से राकेश कुमार को जीआरपी डबवाली ले आए। लड़की अपने पिता को देखते ही चिल्ला उठी और उसके पास आ गई।
जीआरपी ने लिखित-पढ़त करके लड़की को उसके पिता राकेश को सौंप दिया। बेटी को सही सलामत पाकर राकेश कुमार गदगद हो उठा। एएसआई सुरेश कुमार ने बताया कि जब वह सिरसा जीआरपी में कार्यरत थे, उस समय दस दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद लड़की के माता-पिता को ढूंढकर उन्हें सौंपने में सफल रहे थे।
धारावाहिक रामायण की सुमित्रा का देहांत
डबवाली (लहू की लौ) भारतीय सिनेमा के रूपहले पर्दे पर अपनी प्रतिभा के बल पर धूम मचाने वाली डबवाली की बहू रजनी शर्मा का मुम्बई के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। उन्होंने करीब पांच सौ गुजराती, पचास हिन्दी और पचास पंजाबी फिल्मों में अभिनय किया।
रजनी शर्मा का जन्म पंजाब के अमृतसर में 7 नवंबर 1953 को हुआ था। बचपन से ही उन्हें स्टेज पर अपनी प्रतिभा दिखाने का शौक था। इसी शौक ने उन्हें स्टेज का एक बेहतरीन आर्टिस्ट बना दिया। अपनी कला को हिन्दोंस्तानियों के जेहन में उतारने के लिए वे मुम्बई चली गई। इस दौरान उनकी मुलाकात डबवाली से मुम्बई पढऩे के लिए गए मोहन शर्मा से हुई। दोनों ने एक-दूजे को अपना जीवन साथी बनाने की ठान ली। दोनों के परिजन मान गए और रजनी डबवाली की बहू बन गई।
कलाकार रजनी शर्मा ने अपनी जिन्दगी में कभी भी कला से समझौता नहीं किया। बेशक रजनी डबवाली के मोहन शर्मा के साथ ब्याही गई। लेकिन विवाह से पूर्व उन्होंने मोहन के सामने भी शर्त रख दी थी। रजनी ने मोहन से साफ कह दिया था कि वह शादी तभी करेगी, जब उसे बिना किसी रूकावट के रूपहले पर्दे पर काम करने दिया जाएगा। रजनी की इस बात से मोहन खासे प्रभावित हुए। रजनी की इच्छा को ध्यान में रखते हुए वे मुम्बई में सेटल हो गए।
कलाकार रजनी शर्मा गुजराती फिल्मों की सुप्रसिद्ध अभिनेत्री रही। करीब 500 फिल्मों में अभिनय किया। शानदार अभिनय के कारण उन्हें दो बार गुजरात स्टेट अवार्ड से भी नवाजा गया। उनकी पहली हिन्दी फिल्म जय संतोषी मां रही। बाद में उन्होंने साहिब, प्यार के काबिल, शीतला माता, रोटी की कीमत, काला धंधा गोरे लोग के साथ-साथ धारावाहिक रामायण, विक्रम वेताल, दादा दादी की कहानियां, मेरे अपने, तीन बुहरानियां, कलश, किस्सा शांति का में अभिनय किया। रामानंद सागर रचित श्री रामायण में उन्होंने लक्ष्मण की माता सुमित्रा की भूमिका की, जिसे लोगों ने काफी सराहा। गौरतलब है कि रजनी शर्मा को इस मुकाम तक पहुंचाने का श्रेय उनके पति मोहन शर्मा को जाता है।
रजनी शर्मा का गत दिवस मुम्बई के कोकीला बहन धीरूबाई अंबानी हॉस्पीटल में देहांत हो गया। वे पिछले कुछ दिनों से बीमार चली आ रही थीं। उनके निमित्त मुम्बई में रखी गई शोक सभा में डबवाली से प्रसिद्ध कलाकार रमेश मिढ़ा, मोहन शर्मा के भाई कर्मचंद शर्मा, जगदीश शर्मा, विजय शर्मा ने भाग लिया और रजनी शर्मा को श्रद्धासुमन अर्पित किए।
रजनी शर्मा का जन्म पंजाब के अमृतसर में 7 नवंबर 1953 को हुआ था। बचपन से ही उन्हें स्टेज पर अपनी प्रतिभा दिखाने का शौक था। इसी शौक ने उन्हें स्टेज का एक बेहतरीन आर्टिस्ट बना दिया। अपनी कला को हिन्दोंस्तानियों के जेहन में उतारने के लिए वे मुम्बई चली गई। इस दौरान उनकी मुलाकात डबवाली से मुम्बई पढऩे के लिए गए मोहन शर्मा से हुई। दोनों ने एक-दूजे को अपना जीवन साथी बनाने की ठान ली। दोनों के परिजन मान गए और रजनी डबवाली की बहू बन गई।
कलाकार रजनी शर्मा ने अपनी जिन्दगी में कभी भी कला से समझौता नहीं किया। बेशक रजनी डबवाली के मोहन शर्मा के साथ ब्याही गई। लेकिन विवाह से पूर्व उन्होंने मोहन के सामने भी शर्त रख दी थी। रजनी ने मोहन से साफ कह दिया था कि वह शादी तभी करेगी, जब उसे बिना किसी रूकावट के रूपहले पर्दे पर काम करने दिया जाएगा। रजनी की इस बात से मोहन खासे प्रभावित हुए। रजनी की इच्छा को ध्यान में रखते हुए वे मुम्बई में सेटल हो गए।
कलाकार रजनी शर्मा गुजराती फिल्मों की सुप्रसिद्ध अभिनेत्री रही। करीब 500 फिल्मों में अभिनय किया। शानदार अभिनय के कारण उन्हें दो बार गुजरात स्टेट अवार्ड से भी नवाजा गया। उनकी पहली हिन्दी फिल्म जय संतोषी मां रही। बाद में उन्होंने साहिब, प्यार के काबिल, शीतला माता, रोटी की कीमत, काला धंधा गोरे लोग के साथ-साथ धारावाहिक रामायण, विक्रम वेताल, दादा दादी की कहानियां, मेरे अपने, तीन बुहरानियां, कलश, किस्सा शांति का में अभिनय किया। रामानंद सागर रचित श्री रामायण में उन्होंने लक्ष्मण की माता सुमित्रा की भूमिका की, जिसे लोगों ने काफी सराहा। गौरतलब है कि रजनी शर्मा को इस मुकाम तक पहुंचाने का श्रेय उनके पति मोहन शर्मा को जाता है।
रजनी शर्मा का गत दिवस मुम्बई के कोकीला बहन धीरूबाई अंबानी हॉस्पीटल में देहांत हो गया। वे पिछले कुछ दिनों से बीमार चली आ रही थीं। उनके निमित्त मुम्बई में रखी गई शोक सभा में डबवाली से प्रसिद्ध कलाकार रमेश मिढ़ा, मोहन शर्मा के भाई कर्मचंद शर्मा, जगदीश शर्मा, विजय शर्मा ने भाग लिया और रजनी शर्मा को श्रद्धासुमन अर्पित किए।
सुखबीर बादल को दिखाए काले झण्डे
डबवाली (लहू की लौ) पिछले चार दिनों मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के लम्बी हल्के में अपनी मांगों के समर्थन में आमरण अनशन पर चल रहे जल सप्लाई एवं सैनीटेशन मस्ट्रोल इम्पलाईज यूनियन पंजाब के कर्मचारियों ने राज्य सरकार को धमकी दी है कि अगर 12 दिसम्बर तक उनकी मांगों की ओर ध्यान न दिया तो वह 13 दिसम्बर को मुख्यमंत्री के पैतृक गांव बादल की ओर कूच करके बादल का पुतला फूंकेंगे।
यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष सुखनन्दन सिंह मैहनिया ने बताया कि यूनियन द्वारा अपनी मांगों के समर्थन में शुरू किया गया आमरण अनशन वीरवार को चौथे दिन में शामिल हो गया है। यूनियन के बेलदारबिन्दर सिंह भीम फरीदकोट, माली कम चौकीदार लखविन्द्र सिंह धालीवाल अमृतसर पिछले चार दिनों से आमरण अनशन पर चल रहे हैं और इस दौरान दोनों की हालत दिनों-दिन खराब होती जा रही है। लेकिन सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगी।
सरकार के इस रवैये से दु:खी होकर कर्मचारियों ने अपनी घोषणा अनुसार जल सप्लाई एवं सैनीटेशन विभाग के मंत्री सुखबीर सिंह बादल को आज लम्बी से बादल जाते समय काली झंडिय़ां दिखा कर अपना रोष प्रदर्शन किया और उसके खिलाफ जोरदार नारेबाजी भी की। इस मौके पर यूनियन प्रधान के नेतृत्व में कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर उनकी हिमाचल पैटर्न पर पक्के करने की मांग स्वीकार नहीं की जाती तो यूनियन कार्यकर्ता 13 दिसम्बर को बादल की ओर कूच करेंगे। बादल पहुंच मुख्यमंत्री के खिलाफ पुतला फूंक प्रदर्शन करेंगे। भले ही पंजाब पुलिस उन पर लाठियां और गोलियां क्यों न बरसाये। इसके बाद सैंकड़ों कर्मचारियों ने लम्बी में रोष काले झंडों से रोष मार्च भी निकाला।
इस मौके पर शिवइन्द्र कुमार अमृतसर, शसपाल सिंह लल्ला, मोती लाल नाभा, चरणजीत संह मोगा, जगसीर बठिंडा, चरणजीत सिंह मोगा, गुरजन्ट सिंह जीरा, भजन सिंह मरखाली, हरदीप बावा मोगा, कुलवन्त सिंह बठिंडा, मुकेश कुमार पटियाला, मलकीत सिंह, लाल चन्द नाभा, दलजीत सिंह, गुरदेव सिंह, राजबीर सिंह, चन्द सिंह मलेरकोटला, आरपी वर्मा, रूप सिंह, प्रीतम सिंह, फकीर सिंह, शिंगारा सिंह, रणधीर सिंह, गुरदेव सिंह आदि उपस्थित थे।
यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष सुखनन्दन सिंह मैहनिया ने बताया कि यूनियन द्वारा अपनी मांगों के समर्थन में शुरू किया गया आमरण अनशन वीरवार को चौथे दिन में शामिल हो गया है। यूनियन के बेलदारबिन्दर सिंह भीम फरीदकोट, माली कम चौकीदार लखविन्द्र सिंह धालीवाल अमृतसर पिछले चार दिनों से आमरण अनशन पर चल रहे हैं और इस दौरान दोनों की हालत दिनों-दिन खराब होती जा रही है। लेकिन सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगी।
सरकार के इस रवैये से दु:खी होकर कर्मचारियों ने अपनी घोषणा अनुसार जल सप्लाई एवं सैनीटेशन विभाग के मंत्री सुखबीर सिंह बादल को आज लम्बी से बादल जाते समय काली झंडिय़ां दिखा कर अपना रोष प्रदर्शन किया और उसके खिलाफ जोरदार नारेबाजी भी की। इस मौके पर यूनियन प्रधान के नेतृत्व में कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर उनकी हिमाचल पैटर्न पर पक्के करने की मांग स्वीकार नहीं की जाती तो यूनियन कार्यकर्ता 13 दिसम्बर को बादल की ओर कूच करेंगे। बादल पहुंच मुख्यमंत्री के खिलाफ पुतला फूंक प्रदर्शन करेंगे। भले ही पंजाब पुलिस उन पर लाठियां और गोलियां क्यों न बरसाये। इसके बाद सैंकड़ों कर्मचारियों ने लम्बी में रोष काले झंडों से रोष मार्च भी निकाला।
इस मौके पर शिवइन्द्र कुमार अमृतसर, शसपाल सिंह लल्ला, मोती लाल नाभा, चरणजीत संह मोगा, जगसीर बठिंडा, चरणजीत सिंह मोगा, गुरजन्ट सिंह जीरा, भजन सिंह मरखाली, हरदीप बावा मोगा, कुलवन्त सिंह बठिंडा, मुकेश कुमार पटियाला, मलकीत सिंह, लाल चन्द नाभा, दलजीत सिंह, गुरदेव सिंह, राजबीर सिंह, चन्द सिंह मलेरकोटला, आरपी वर्मा, रूप सिंह, प्रीतम सिंह, फकीर सिंह, शिंगारा सिंह, रणधीर सिंह, गुरदेव सिंह आदि उपस्थित थे।
09 दिसंबर 2010
भेदभाव की राजनीति पर लगा विराम
चंडीगढ़। सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि राजनैतिक द्वेष के चलते प्रदेश के जिस हिस्से को अतीत की सरकारों ने पिछड़ा रखा, मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली वर्तमान प्रदेश सरकार उन क्षेत्रों को विकास के पथ पर अग्रणी कर भेदभाव की राजनीति पर विराम लगा दिया है।
दीपेंद्र हुड्डा ने आज झज्जर के बादली हलके के गांव पेलपा, निमाणा, सौंधी, नंगला व कुतानी सहित अनेक गांवों में पहुंचकर 17 दिसंबर को बादली में होने वाली रैली का न्यौता दिया।
सांसद ने कहा बादली सहित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के बड़ेे हिस्से को हरियाणा निर्माण के करीब 40 वर्षों तक जानबूझ कर पिछड़ा रखा गया। पिछले पांच वर्षों में वर्तमान सरकार की दूरदर्शी सोच का नतीजा है कि दशकों से पिछड़े रहे क्षेत्र विकास पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के साथ सटे हरियाणा के विकास के लिए पिछले पांच वर्षों में जिन योजनाओं का धरातल स्तर पर कार्य शुरू हुआ अब उसके परिणाम दिखाई देने लगे हैं। बादली के विकास का जिक्र करते हुए सांसद ने कहा कि देश का सबसे बड़ा चिकित्सा संस्थान एम्स-2 बादली में स्थापित होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब भी कोई एक बड़ी परियोजना दस्तक देती है तो साथ ही अनेक सहायक विकास योजनाएं स्वयं ही साथ आती है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के साथ सटा बादली का स्वरूप तेजी से स्वर्णिम हो रहा है।
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि बादली के विकास की अनेक परियोजनाओं के साथ 17 दिसंबर को बादली के विकास को गति देने वाली रैली होगी। इस रैली में मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत करेंगे। उन्होंने कहा कि इस बीच गांव-गांव से मिलने वाली जरूरतों के आधार पर समस्त क्षेत्र की मुख्य मांगें मुख्यमंत्री के समक्ष रखी जाएगा। उन्होंने कहा कि बादली की प्रगति की प्रतीक यह रैली इलाके के विकास के उत्सव जैसी होगी, इस लिहाज से जरूरी है कि रैली में हर गांव बड़ी संख्या में महिला-पुरुष हलके की रैली में पहुंचेगे।
सांसद ने कहा कि पिछले साढ़े पांच बरस के अरसे में मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में प्रदेश में जो फैसले लिए गए उनका लाभ प्रदेश के हर आम आदमी को मिला है। उन्होंने कहा वायदों से परे एक ही कलम से 1600 करोड़ रुपए के बिजली के बिल माफ करने का फैसला सरकार ने लिया तो उस राहत का लाभ प्रदेश के हर इलाके के किसान को मिला। उन्होंने कहा एक बाद एक करके जनहित की योजनाएं धरातल स्तर पर लागू कर प्रदेश को अग्रणी करने का कार्य वर्तमान सरकार ने किया है। उन्होंने कहा कि इसी का नतीजा है कि चालीस बरस के अरसे में पहली बार प्रदेश की जनता ने हरियाणा की राजनैतिक परंपराओं को तोड़ते हुए लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व को समर्थन देते हुए कांग्रेस की सरकार बनाई।
इसके अतिरिक्त, उन्होंने कहा है कि सार्वजनिक निर्माण के कार्य समाज के सांझे कार्य होते हैं। उन्होंने कहा कि सड़क, गलियों अथवा अन्य सार्वजनिक निर्माण कार्य के दौरान संबंधित क्षेत्र के लोग निर्माण कार्य में प्रयुक्त की जाने वाली निर्माण संबंधी सामग्री की निगरानी में स्वयं भी रूचि लें। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से भी आह्वान किया कि निर्माण कार्यों के दौरान गुणवत्ता में किसी तरह का समझौता न करें। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक निर्माण किसी भी समाज और राष्ट्र की सांझी धरोहर है ऐसे में निर्माण कार्य हर हाल में ईमानदारी से पूरे कराए जाएं।
बादली विधानसभा क्षेत्र के विधायक नरेश शर्मा ने कहा कि 17 दिसंबर की रैली में मुख्यमंत्री बादली की जनता के बीच पहुंचकर बादली के विकास को और अधिक मजबूती प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि बादली क्षेत्र को गुडग़ांव-फरीदाबाद की तर्ज पर विकसित करने के लिए जो खाका मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा और सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने खींचा तो उस पर तेजी से काम जारी है।
दीपेंद्र हुड्डा ने आज झज्जर के बादली हलके के गांव पेलपा, निमाणा, सौंधी, नंगला व कुतानी सहित अनेक गांवों में पहुंचकर 17 दिसंबर को बादली में होने वाली रैली का न्यौता दिया।
सांसद ने कहा बादली सहित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के बड़ेे हिस्से को हरियाणा निर्माण के करीब 40 वर्षों तक जानबूझ कर पिछड़ा रखा गया। पिछले पांच वर्षों में वर्तमान सरकार की दूरदर्शी सोच का नतीजा है कि दशकों से पिछड़े रहे क्षेत्र विकास पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के साथ सटे हरियाणा के विकास के लिए पिछले पांच वर्षों में जिन योजनाओं का धरातल स्तर पर कार्य शुरू हुआ अब उसके परिणाम दिखाई देने लगे हैं। बादली के विकास का जिक्र करते हुए सांसद ने कहा कि देश का सबसे बड़ा चिकित्सा संस्थान एम्स-2 बादली में स्थापित होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब भी कोई एक बड़ी परियोजना दस्तक देती है तो साथ ही अनेक सहायक विकास योजनाएं स्वयं ही साथ आती है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के साथ सटा बादली का स्वरूप तेजी से स्वर्णिम हो रहा है।
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि बादली के विकास की अनेक परियोजनाओं के साथ 17 दिसंबर को बादली के विकास को गति देने वाली रैली होगी। इस रैली में मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत करेंगे। उन्होंने कहा कि इस बीच गांव-गांव से मिलने वाली जरूरतों के आधार पर समस्त क्षेत्र की मुख्य मांगें मुख्यमंत्री के समक्ष रखी जाएगा। उन्होंने कहा कि बादली की प्रगति की प्रतीक यह रैली इलाके के विकास के उत्सव जैसी होगी, इस लिहाज से जरूरी है कि रैली में हर गांव बड़ी संख्या में महिला-पुरुष हलके की रैली में पहुंचेगे।
सांसद ने कहा कि पिछले साढ़े पांच बरस के अरसे में मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में प्रदेश में जो फैसले लिए गए उनका लाभ प्रदेश के हर आम आदमी को मिला है। उन्होंने कहा वायदों से परे एक ही कलम से 1600 करोड़ रुपए के बिजली के बिल माफ करने का फैसला सरकार ने लिया तो उस राहत का लाभ प्रदेश के हर इलाके के किसान को मिला। उन्होंने कहा एक बाद एक करके जनहित की योजनाएं धरातल स्तर पर लागू कर प्रदेश को अग्रणी करने का कार्य वर्तमान सरकार ने किया है। उन्होंने कहा कि इसी का नतीजा है कि चालीस बरस के अरसे में पहली बार प्रदेश की जनता ने हरियाणा की राजनैतिक परंपराओं को तोड़ते हुए लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व को समर्थन देते हुए कांग्रेस की सरकार बनाई।
इसके अतिरिक्त, उन्होंने कहा है कि सार्वजनिक निर्माण के कार्य समाज के सांझे कार्य होते हैं। उन्होंने कहा कि सड़क, गलियों अथवा अन्य सार्वजनिक निर्माण कार्य के दौरान संबंधित क्षेत्र के लोग निर्माण कार्य में प्रयुक्त की जाने वाली निर्माण संबंधी सामग्री की निगरानी में स्वयं भी रूचि लें। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से भी आह्वान किया कि निर्माण कार्यों के दौरान गुणवत्ता में किसी तरह का समझौता न करें। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक निर्माण किसी भी समाज और राष्ट्र की सांझी धरोहर है ऐसे में निर्माण कार्य हर हाल में ईमानदारी से पूरे कराए जाएं।
बादली विधानसभा क्षेत्र के विधायक नरेश शर्मा ने कहा कि 17 दिसंबर की रैली में मुख्यमंत्री बादली की जनता के बीच पहुंचकर बादली के विकास को और अधिक मजबूती प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि बादली क्षेत्र को गुडग़ांव-फरीदाबाद की तर्ज पर विकसित करने के लिए जो खाका मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा और सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने खींचा तो उस पर तेजी से काम जारी है।
हरियाणा में बनेगा हरियाणा मिट्टी कला बोर्ड
चण्डीगढ। हरियाणा सरकार ने प्रदेश में मिट्टïी के बर्तन व सजावटी कलाकृत्तियां बनाने की परम्परागत हस्तकला को बढ़ावा देने के लिए 'हरियाणा मिट्टïी कला बोर्डÓ का गठन किया है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डïा ने आज यह जानकारी देते हुए बताया कि बोर्ड एक स्वायत निकाय होगी और इसकी कार्यावधि प्रथत दृष्टïांत में दो वर्ष के लिए होगी, जिसे सरकार द्वारा समय समय पर बढ़ाया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बोर्ड की एक स्थाई सील होगी। उन्होंने कहा कि वाणिज्यिक उद्देश्य से मिट्टïी के बर्तन बनाने वाले और कुंभकारी करने वाले कलाकारों सहित और कलाकारों को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया जाएगा। देश के प्रतिष्ठिïत कलाकारों को लगाकर मिट्टïी के बर्तन, कुंभकारी और कलाकृत्तियों के निर्माण में कौशल विकास सुविधाएं स्थापित की जाएंगी।
श्री हुड्डïा ने कहा कि बोर्ड इन वस्तुओं को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने के लिए जागरूकता अभियान भी आयोजित करेगा। बोर्ड विपणन तंत्र के लिए आरम्भिक उपाय करेगा और बिक्री आऊॅटलेट के प्रावधान के माध्यम से निर्मित वस्तुओं की बिक्री को बढ़ावा देगा और नई रेंज के उत्पादों के विकास में पहल करेगा। बोर्ड कलाकारों द्वारा निर्मित और विकसित उत्पादों की प्रदर्शनियां भी आयोजित करेगा और उत्कृष्टï कलाकारों के लिए पुरस्कार का गठन करके प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दिया जाएगा।
श्री हुड्डïा ने कहा कि बोर्ड में पांच सदस्य होंगे, जिसमें एक अध्यक्ष, सदस्य सचिव सहित दो सरकारी सदस्य और सरकार द्वारा समय-समय पर नियुक्त दो गैर-सरकारी सदस्य शामिल होंगे। हरियाणा खादी एवं ग्राम उद्योग बोर्ड का मुख्य क ार्यकारी अधिकारी बोर्ड का पदेन सदस्य सचिव होगा। बोर्ड के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति और कार्यकाल की नियम एवं शर्तें सरकार द्वारा निर्धारित किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि बोर्ड राज्य सरकार की स्वीकृति से इसके प्रशासन के लिए नियम और विनियम बनाएगा। यह वर्ष में कम से कम एक बार या बोर्ड द्वारा निर्धारित कम से कम अन्तराल पर बैठक करेगा। बोर्ड की प्रत्येक बैठक की प्रोसिडिंगस की एक प्रति राज्य सरकार को भेजी जाएगी।
श्री हुड्डïा ने कहा कि बोर्ड सरकार की पूर्व स्वीकृति से प्रशासनिक, तकनीकी,लिपिकीय और अन्य पद सजृत करेगा और समय समय पर जारी नियमों और निर्देशों के अनुसार नियुक्तियां करेगा। बोर्ड के खर्च राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध किए जाने वाले सहायता अनुदान में से किए जाएंगे।
यहां यह उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने कुरूक्षेत्र में हाल ही में आयोजित एक समारोह में मिट्टïी के बर्तनों के जीर्णोद्घार और बढ़ावा देने के लिए 'हरियाणा मिट्टïी कला बोर्डÓ का गठन करने की घोषणा की थी।
हिसार में 12 दिसम्बर को आयोजित किए जाने वाले राज्य स्तरीय बीसी-ए समारोह के संयोजक कांगे्रस विधायक श्री राम निवास घोडेला ने इस बोर्ड के गठन का स्वागत किया है। उन्होंने समाज के पिछड़े और कमजोर वर्गों के सामाजिक आर्थिक उत्थान के लिए यह पहल करने हेतू इस समुदाय की ओर से मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डïा ने आज यह जानकारी देते हुए बताया कि बोर्ड एक स्वायत निकाय होगी और इसकी कार्यावधि प्रथत दृष्टïांत में दो वर्ष के लिए होगी, जिसे सरकार द्वारा समय समय पर बढ़ाया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बोर्ड की एक स्थाई सील होगी। उन्होंने कहा कि वाणिज्यिक उद्देश्य से मिट्टïी के बर्तन बनाने वाले और कुंभकारी करने वाले कलाकारों सहित और कलाकारों को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया जाएगा। देश के प्रतिष्ठिïत कलाकारों को लगाकर मिट्टïी के बर्तन, कुंभकारी और कलाकृत्तियों के निर्माण में कौशल विकास सुविधाएं स्थापित की जाएंगी।
श्री हुड्डïा ने कहा कि बोर्ड इन वस्तुओं को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने के लिए जागरूकता अभियान भी आयोजित करेगा। बोर्ड विपणन तंत्र के लिए आरम्भिक उपाय करेगा और बिक्री आऊॅटलेट के प्रावधान के माध्यम से निर्मित वस्तुओं की बिक्री को बढ़ावा देगा और नई रेंज के उत्पादों के विकास में पहल करेगा। बोर्ड कलाकारों द्वारा निर्मित और विकसित उत्पादों की प्रदर्शनियां भी आयोजित करेगा और उत्कृष्टï कलाकारों के लिए पुरस्कार का गठन करके प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दिया जाएगा।
श्री हुड्डïा ने कहा कि बोर्ड में पांच सदस्य होंगे, जिसमें एक अध्यक्ष, सदस्य सचिव सहित दो सरकारी सदस्य और सरकार द्वारा समय-समय पर नियुक्त दो गैर-सरकारी सदस्य शामिल होंगे। हरियाणा खादी एवं ग्राम उद्योग बोर्ड का मुख्य क ार्यकारी अधिकारी बोर्ड का पदेन सदस्य सचिव होगा। बोर्ड के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति और कार्यकाल की नियम एवं शर्तें सरकार द्वारा निर्धारित किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि बोर्ड राज्य सरकार की स्वीकृति से इसके प्रशासन के लिए नियम और विनियम बनाएगा। यह वर्ष में कम से कम एक बार या बोर्ड द्वारा निर्धारित कम से कम अन्तराल पर बैठक करेगा। बोर्ड की प्रत्येक बैठक की प्रोसिडिंगस की एक प्रति राज्य सरकार को भेजी जाएगी।
श्री हुड्डïा ने कहा कि बोर्ड सरकार की पूर्व स्वीकृति से प्रशासनिक, तकनीकी,लिपिकीय और अन्य पद सजृत करेगा और समय समय पर जारी नियमों और निर्देशों के अनुसार नियुक्तियां करेगा। बोर्ड के खर्च राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध किए जाने वाले सहायता अनुदान में से किए जाएंगे।
यहां यह उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने कुरूक्षेत्र में हाल ही में आयोजित एक समारोह में मिट्टïी के बर्तनों के जीर्णोद्घार और बढ़ावा देने के लिए 'हरियाणा मिट्टïी कला बोर्डÓ का गठन करने की घोषणा की थी।
हिसार में 12 दिसम्बर को आयोजित किए जाने वाले राज्य स्तरीय बीसी-ए समारोह के संयोजक कांगे्रस विधायक श्री राम निवास घोडेला ने इस बोर्ड के गठन का स्वागत किया है। उन्होंने समाज के पिछड़े और कमजोर वर्गों के सामाजिक आर्थिक उत्थान के लिए यह पहल करने हेतू इस समुदाय की ओर से मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
ऑर्केस्ट्रा की आड़ में चल रहे वेश्यावृत्ति के अड्डे का भंडाफोड़
सिरसा। शहर सिरसा पुलिस ने न्यू हाउसिंग बोर्ड कालोनी में स्थित एक मकान पर छापामार कर आरके्रस्टा पार्टी की आड़ में चलाए जा रहे वेश्यावृति के ठिकाने का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने मौके से दो युवतियों सहित पांच लोगों को काबू किया है।
जानकारी देते हुए शहर थानाप्रभारी निरीक्षक कृष्णा यादव ने बताया कि वह देर रात्रि को गश्त के दौरान बरनाला रोड़ के हाउसिंग बोर्ड क्षेत्र में मौजूद थी। इसी दौरान किसी मुखबिर के माध्यम से सूचना मिली कि नई हाउसिंग बोर्ड स्थित एक मकान में वेश्यावृति का धंधा हो रहा है। इस सूचना के आधार पर उन्होने पुलिस पार्टी के साथ मौके पर दबिश दी। पुलिस ने मौके से युवती रिंकी व सुमन को दो युवकों गोबिंद व बलजिंद के साथ आपत्तिजनक अवस्था में पाया। इसके अलावा पुलिस ने वेश्यावृति का अड्डा चलाने वाले काशीनाथ पुत्र आशुतोष निवासी जलधा, पश्चिमी बगाल को भी काबू कर लिया। पकड़े गए आरोपियों में रिंकी, वेश्यावृति के अड्डा संचालक काशीनाथ की पत्नी है। जबकि सुमन पत्नी विजय दिल्ली की रहने वाली है। इसके अलावा पकड़े गए दो युवकों बलजिंद्र पुत्र चरणङ्क्षसह निवासी खैरपुर तथा गोबिंद पुत्र टेकचंद निवासी कोटली को काबू किया है। पकड़े गए आरोपियों ने पुलिस पुछताछ में स्वीकारा की कि वे सिरसा में पिछले काफी समय से आरके्रस्टा की आड़ में अनैतिक धंधा चला रहे थे।
जानकारी देते हुए शहर थानाप्रभारी निरीक्षक कृष्णा यादव ने बताया कि वह देर रात्रि को गश्त के दौरान बरनाला रोड़ के हाउसिंग बोर्ड क्षेत्र में मौजूद थी। इसी दौरान किसी मुखबिर के माध्यम से सूचना मिली कि नई हाउसिंग बोर्ड स्थित एक मकान में वेश्यावृति का धंधा हो रहा है। इस सूचना के आधार पर उन्होने पुलिस पार्टी के साथ मौके पर दबिश दी। पुलिस ने मौके से युवती रिंकी व सुमन को दो युवकों गोबिंद व बलजिंद के साथ आपत्तिजनक अवस्था में पाया। इसके अलावा पुलिस ने वेश्यावृति का अड्डा चलाने वाले काशीनाथ पुत्र आशुतोष निवासी जलधा, पश्चिमी बगाल को भी काबू कर लिया। पकड़े गए आरोपियों में रिंकी, वेश्यावृति के अड्डा संचालक काशीनाथ की पत्नी है। जबकि सुमन पत्नी विजय दिल्ली की रहने वाली है। इसके अलावा पकड़े गए दो युवकों बलजिंद्र पुत्र चरणङ्क्षसह निवासी खैरपुर तथा गोबिंद पुत्र टेकचंद निवासी कोटली को काबू किया है। पकड़े गए आरोपियों ने पुलिस पुछताछ में स्वीकारा की कि वे सिरसा में पिछले काफी समय से आरके्रस्टा की आड़ में अनैतिक धंधा चला रहे थे।
08 दिसंबर 2010
सिरसा में सिंचाई विस्तारीकरण परियोजनाओं पर 160 करोड़ रुपए खर्च
सिरसा। सिरसा जिला में सिंचाई सुविधा के विस्तारीकरण पर गत पांच वर्ष के कार्यकाल में 23 परियोजनाओं पर 160 करोड़ रुपए से भी अधिक की राशि खर्च की गई है। यह जानकारी उपायुक्त सी.जी रजिनीकांथन ने बताया कि ओटू झील की क्षमता बढ़ाने पर 69 करोड़ रुपए की राशि खर्च की गई है। इसके साथ-साथ कुस्सर माईनर के विस्तार पर 1 करोड़ 92 लाख 72 हजार रुपए, सदैवा डिस्ट्रीब्यूटरी के साथ समानान्तर चैनल के निर्माण पर 12 करोड़ 20 लाख 25 हजार रुपए की राशि खर्च की गई है।
उन्होंने बताया कि बागसर माईनर के निर्माण पर 109 लाख 63 हजार रुपए, कसाबा माईनर के निर्माण पर 86 लाख 65 हजार रुपए, राजस्थान फीडर से निकलने वाली निमला लिंग चैनल पर 63 लाख 41 हजार रुपए, मंगला डायरैक्ट माइनर के विस्तार पर 13 करोड़ 47 लाख 34 हजार रुपए, रबी सीजन के लिए पक्की दक्षिणी घग्घर कैनाल और खरीफ सीजन के लिए समानान्तर कच्चे चैनल के निर्माण पर 9 करोड़ 66 हजार रुपए की राशि खर्च की गई है।
श्री कांथन ने बताया कि पोहड़का माईनर व पोहड़का सब-माईनर के निर्माण पर 2 करोड़ 9 लाख 72 हजार रुपए खर्च किए गए है। इसी तरह से घग्घर बरुवाली लिंक चैनल के निर्माण पर 6 करोड़ 15 लाख रुपए खर्च किए गए है। उन्होंने बताया कि कालुआना लिंक चैनल की रीमाडलिंग तथा चौटाला डिस्ट्रीब्यूटरी की क्षमता बढ़ाने पर भी 1 करोड़ 65 लाख रुपए की राशि खर्च की जा चुकी है। इसी प्रकार से नई कुम्थल माइनर के निर्माण पर 70 लाख 82 हजार रुपए, कंवरपुरा माइनर के निर्माण पर 51 लाख 29 हजार रुपए, कुटियाना डिस्ट्रीब्यूटरी की क्षमता बढ़ाने पर 138 लाख 93 लाख हजार रुपए खर्च किए गए है। उन्होंने बताया कि हिसार घग्घर ड्रेन तथा रंगोई खरीफ चैनल की खुदाई पर 457 लाख 69 हजार और खालों के रखरखाव और मरम्मत पर 29 लाख 98 हजार 23 हजार पर खर्च किए गए है।
उन्होंने बताया कि बागसर माईनर के निर्माण पर 109 लाख 63 हजार रुपए, कसाबा माईनर के निर्माण पर 86 लाख 65 हजार रुपए, राजस्थान फीडर से निकलने वाली निमला लिंग चैनल पर 63 लाख 41 हजार रुपए, मंगला डायरैक्ट माइनर के विस्तार पर 13 करोड़ 47 लाख 34 हजार रुपए, रबी सीजन के लिए पक्की दक्षिणी घग्घर कैनाल और खरीफ सीजन के लिए समानान्तर कच्चे चैनल के निर्माण पर 9 करोड़ 66 हजार रुपए की राशि खर्च की गई है।
श्री कांथन ने बताया कि पोहड़का माईनर व पोहड़का सब-माईनर के निर्माण पर 2 करोड़ 9 लाख 72 हजार रुपए खर्च किए गए है। इसी तरह से घग्घर बरुवाली लिंक चैनल के निर्माण पर 6 करोड़ 15 लाख रुपए खर्च किए गए है। उन्होंने बताया कि कालुआना लिंक चैनल की रीमाडलिंग तथा चौटाला डिस्ट्रीब्यूटरी की क्षमता बढ़ाने पर भी 1 करोड़ 65 लाख रुपए की राशि खर्च की जा चुकी है। इसी प्रकार से नई कुम्थल माइनर के निर्माण पर 70 लाख 82 हजार रुपए, कंवरपुरा माइनर के निर्माण पर 51 लाख 29 हजार रुपए, कुटियाना डिस्ट्रीब्यूटरी की क्षमता बढ़ाने पर 138 लाख 93 लाख हजार रुपए खर्च किए गए है। उन्होंने बताया कि हिसार घग्घर ड्रेन तथा रंगोई खरीफ चैनल की खुदाई पर 457 लाख 69 हजार और खालों के रखरखाव और मरम्मत पर 29 लाख 98 हजार 23 हजार पर खर्च किए गए है।
गैस कालाबाजारी पर विभाग हुआ सख्त
सिरसा। सर्दियों में गैस की किल्लत से निपटने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने जिला की सभी गैस एजेंसियों को घरेलू गैस की पर्याप्त सप्लाई सुनिश्चित करने के कड़े निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों का जिन एजेंसी संचालकों ने दृढ़ता से पालन नहीं किया, उसके खिलाफ विभाग द्वारा कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक धर्मवीर गोयत ने जिला की सभी गैस एजेंसियों को लिखे निर्देश पत्र में कहा कि एजेंसी पर रेट व स्टॉक बोर्ड लगा हुआ होना चाहिए। एजेंसी पर गैस बुकिंग के क्रमांक नम्बर की सूचि सूचना बोर्ड पर लगी हुई हो जिसमें प्रतिदिन बुकिंग की सप्लाई दर्शाई गई हो। नया गैस कनैक्शन लेते समय उपभोक्ता को चूल्हा देना अनिवार्य नहीं। डीएफएससी इन निर्देशों में कहा कि सूचना बोर्ड पर नए गैस कनैक्शन के रेट, जिसमें सिलेंडर की प्रतिभूति, रेगुलेटर प्रतिभूति, गैस पाइप का रेट, सर्विस चार्जेज व कम्पनी से सम्बंधित अन्य खर्चे उल्लेखित किए जाएं। कार्यदिवस पर दूरभाष पर गैस बुकिंग की सुविधा प्रदान की जाए तथा दूरभाष के अलावा सूचना बोर्ड पर गैस बुकिंग के लिए भी एक मोबाइल नम्बर भी दर्शाया जाए और इस कार्य के लिए किसी व्यक्ति की ड्यूटी लगाई जाए। निर्देशों में लिखा गया है कि एजेंसी संचालक प्रतिदिन कम्पनी से आए गैस सिलेंडर व उपभोक्ता को किस क्रमांक नम्बर से किस क्रमांक नम्बर तक गैस उपलब्ध करवाई गई, उसकी सूचना रोजाना दूरभाष व लिखित में विभाग को उपलब्ध करवाई जाए। नए गैस कनैक्शन/रिफिल जारी करते समय उपभोक्ताओं को अन्य खाद्या सामग्री लेने के लिए बाध्य न किया जाए। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने इन निर्देशों की प्रति डीसी, एसडीएम के अलावा रानियां, डबवाली, कालांवाली के सहायक खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारियों को भी भेजी गई है। एजेंसी संचालकों को इन निर्देशों के पालन में कोताही बरतने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
पीडि़त के परिजनों ने आरंभ की भूख हड़ताल
सिरसा। अरनियांवाली कांड में आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर गत पांच दिनों से पुलिस अधीक्षक कार्यालय के समक्ष धरने पर बैठे पीडि़त परिवार के दो परिजनों ने आज से भूख हड़ताल शुरू कर दी। धरने पर बैठे घायल त्रिलोक स्वामी की लड़की सुमित्रा तथा बृजलाल पुत्र महिपत राम ने आज से भूख हड़ताल शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि इतने दिन धरने पर बैठने के बाद भी न तो पुलिस प्रशासन की ओर से तथा न ही जिला प्रशासन की ओर से कोई उनसे बात करने आया तथा न ही खुलेआम जान से मारने की धमकियां देने वाले आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कहा कि उनका परिवार अपने काम काज छोड़कर न्याय मांगने के लिए यहां धरने पर बैठा है, लेकिन अभी तक आरोपियों को पकडऩे के लिए पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने कहा कि खेत व दुकान उजडऩे के बाद उनके परिवार पर भूखों मरने की नौबत आ चुकी है तथा सारे मामले की जानकारी होने के बाद भी अधिकारियों द्वारा उनकी सुनवाई करते हुए न्याय नहीं दिलाया जा रहा, जिसके विरोधस्वरूप आज वे भूख हड़ताल शुरू कर रहे हैं, जो तब तक चलती रहेगी, जब तक कि सभी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती।
सांसद ने किया नवोदय का औचक निरीक्षण
सिरसा । सिरसा लोकसभा क्षेत्र से सांसद डा. अशोक तंवर गत सांय सिरसा से दिल्ली जाते वक्त जवाहर नवोदय विद्यालय खाराखेड़ी रूके और विद्यालय का औचक निरीक्षण किया। इस मौके पर डा. तंवर ने छात्र-छात्राओं से मुलाकात की और उनसे गहन विचार विर्मश किया।
सांसद डा. तंवर इस अवसर पर छात्रों के साथ खेले और उन्हें खेलों के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि छात्रों को पढाई के साथ-साथ खेल आदि गतिविधियों से जुडऩा चाहिए। खेल से जहां शारीरिक विकास होता है वहीं नेतृत्व व प्रतियोगिता की भावना का विकास भी होता है। सांसद तंवर ने कहा कि देश व प्रदेश के खिलाडिय़ों का लोहा विदेशों ने माना है। राष्ट्रमंडल खेलों में भारत ने बेहतर प्रदर्शन कर देश का गौरव बढ़ाया। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार ने प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह के कुशल नेतृत्व व श्रीमति सोनिया गांधी के मार्गदर्शन में खेलों को बढ़ावा देने के लिए खिलाडिय़ों प्रोत्साहन दे रही है। खिलाडिय़ों को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षण की सुविधा के साथ-साथ उन्हें विभिन्न प्रकार की प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेने के अवसर प्रदान कर रही है। डा. तंवर ने कहा कि राष्ट्रमंडल खेलों मेें स्वर्ण, रजत तथा कास्य पदक जीतने वाले हरियाणा के खिलाडिय़ों को प्रदेश सरकार ने क्रमश: 15 लाख, 10 लाख तथा 5 लाख रूपए के नगद ईनाम तथा इसके साथ-साथ प्रशिक्षकों को 3 लाख, 2 लाख तथा 1 लाख रूपए के नगद ईनाम दिए हंै। उन्होंने कहा कि एशियाड खेल में पदक विजेताओं को भी जल्द ही प्रदेश सरकार सम्मानित करेगी।
सांसद डा. तंवर इस अवसर पर छात्रों के साथ खेले और उन्हें खेलों के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि छात्रों को पढाई के साथ-साथ खेल आदि गतिविधियों से जुडऩा चाहिए। खेल से जहां शारीरिक विकास होता है वहीं नेतृत्व व प्रतियोगिता की भावना का विकास भी होता है। सांसद तंवर ने कहा कि देश व प्रदेश के खिलाडिय़ों का लोहा विदेशों ने माना है। राष्ट्रमंडल खेलों में भारत ने बेहतर प्रदर्शन कर देश का गौरव बढ़ाया। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार ने प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह के कुशल नेतृत्व व श्रीमति सोनिया गांधी के मार्गदर्शन में खेलों को बढ़ावा देने के लिए खिलाडिय़ों प्रोत्साहन दे रही है। खिलाडिय़ों को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षण की सुविधा के साथ-साथ उन्हें विभिन्न प्रकार की प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेने के अवसर प्रदान कर रही है। डा. तंवर ने कहा कि राष्ट्रमंडल खेलों मेें स्वर्ण, रजत तथा कास्य पदक जीतने वाले हरियाणा के खिलाडिय़ों को प्रदेश सरकार ने क्रमश: 15 लाख, 10 लाख तथा 5 लाख रूपए के नगद ईनाम तथा इसके साथ-साथ प्रशिक्षकों को 3 लाख, 2 लाख तथा 1 लाख रूपए के नगद ईनाम दिए हंै। उन्होंने कहा कि एशियाड खेल में पदक विजेताओं को भी जल्द ही प्रदेश सरकार सम्मानित करेगी।
प्रदेश में बनेंगे कै्रशर जोन:बजरंग गर्ग
सिरसा । प्रदेश में उद्योग जोन की तर्ज पर निकट समय में क्रैशर जोन भी बनाए जाएंगे। इस दिशा में एक परियोजना तैयार की गई है। यह क्रैशर जोन प्रदेश के खनन वाले इलाकों में स्थापित किए जाएंगे ताकि एक ही जगह पर क्रैशर उपलब्ध हो सके। इस महत्ती परियोजना की खास बात यह भी है कि ईंट भट्ठों की तर्ज पर क्रैशर उद्योग पर भी एकमुश्त कर लगाए जाने की योजना पर विचार किया जा रहा है। इस आशय का खुलासा कान्फैड के चेयरमैन एवं हरियाणा व्यापार मंडल के चेयरमैन बजरंग दास गर्ग ने सिरसा में पत्रकार वार्ता में किया।
बजरंग दास गर्ग ने बताया कि कांग्रेस शासनकाल में व्यापारी वर्ग को अनेक रियायतें दी गई हैं। ग्वार गम उद्योग पर वैट कर के चलते ग्वार गम उद्योग की कमर टूट गई थी। कांंग्रेस सरकार ने इस पर वैट कर की समाप्ति कर दी। यही वजह है कि आज ग्वार गम उद्योग की इकाइयां दो से बढ़कर करीब 45 हो गई हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी इलाके की उन्नति व्यापार की प्रगति पर निर्भर करती है। हुड्डा सरकार ने व्यापारी वर्ग को रियायतें दी। सुरक्षित व्यापार का माहौल तैयार किया है। यही वजह है कि आज प्रदेश का वाॢषक बजट 2200 करोड़ रुपए से बढ़कर 18 हजार करोड़ से अधिक हो गया है। इस दौरान गर्ग के साथ व्यापार मंडल के जिला प्रधान हीरालाल शर्मा, आनंद बियानी, ओम बहल, राजेंद्र बंसल, कृष्ण ङ्क्षसगला, नरेंद्र ङ्क्षजदल, इंद्र जैन व प्रवीण ङ्क्षसगला उपस्थित थे।
इस दौरान गर्ग ने यह भी बताया कि ग्राम स्तर पर उद्योग नीति में संशोधन की प्रक्रिया जारी है। इस परियोजना के लागू होने से ग्राम स्तर पर उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने एक सवाल के जवाब में बताया कि पिछले कुछ अरसे से प्रदेश में खनन कार्य संबंधी मामला कोर्ट में है। ऐसे में सड़कों एवं सरकारी कार्यों के निर्माण में दिक्कत आ रही है। उन्होंने कहा कि उन्होंने चौटाला सरकार पर बरसते हुए कहा कि पहले व्यापारियों से रैलियों के नाम पर थैलियां लेने का चलन था। पहले तो व्यापारी का शोषण ही हुआ। कांग्रेस सरकार ने अनेक वस्तुओं पर करों से मुक्ति देकर व्यापारी वर्ग का हित किया है। उन्होंने इस बात की भी जानकारी दी कि उन्होंने कहा कि 25 दिसम्बर को सिरसा में प्रस्तावित कांग्रेस की बढ़ते कदम रैली में व्यापार मंडल के तत्वावधान में हजारों लोग शिरकत करेंगे। इस रैली को लेकर व्यापार मंडल के पदाधिकारी जनसम्पर्क अभियान भी चलाएंगे।
बजरंग दास गर्ग ने बताया कि कांग्रेस शासनकाल में व्यापारी वर्ग को अनेक रियायतें दी गई हैं। ग्वार गम उद्योग पर वैट कर के चलते ग्वार गम उद्योग की कमर टूट गई थी। कांंग्रेस सरकार ने इस पर वैट कर की समाप्ति कर दी। यही वजह है कि आज ग्वार गम उद्योग की इकाइयां दो से बढ़कर करीब 45 हो गई हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी इलाके की उन्नति व्यापार की प्रगति पर निर्भर करती है। हुड्डा सरकार ने व्यापारी वर्ग को रियायतें दी। सुरक्षित व्यापार का माहौल तैयार किया है। यही वजह है कि आज प्रदेश का वाॢषक बजट 2200 करोड़ रुपए से बढ़कर 18 हजार करोड़ से अधिक हो गया है। इस दौरान गर्ग के साथ व्यापार मंडल के जिला प्रधान हीरालाल शर्मा, आनंद बियानी, ओम बहल, राजेंद्र बंसल, कृष्ण ङ्क्षसगला, नरेंद्र ङ्क्षजदल, इंद्र जैन व प्रवीण ङ्क्षसगला उपस्थित थे।
इस दौरान गर्ग ने यह भी बताया कि ग्राम स्तर पर उद्योग नीति में संशोधन की प्रक्रिया जारी है। इस परियोजना के लागू होने से ग्राम स्तर पर उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने एक सवाल के जवाब में बताया कि पिछले कुछ अरसे से प्रदेश में खनन कार्य संबंधी मामला कोर्ट में है। ऐसे में सड़कों एवं सरकारी कार्यों के निर्माण में दिक्कत आ रही है। उन्होंने कहा कि उन्होंने चौटाला सरकार पर बरसते हुए कहा कि पहले व्यापारियों से रैलियों के नाम पर थैलियां लेने का चलन था। पहले तो व्यापारी का शोषण ही हुआ। कांग्रेस सरकार ने अनेक वस्तुओं पर करों से मुक्ति देकर व्यापारी वर्ग का हित किया है। उन्होंने इस बात की भी जानकारी दी कि उन्होंने कहा कि 25 दिसम्बर को सिरसा में प्रस्तावित कांग्रेस की बढ़ते कदम रैली में व्यापार मंडल के तत्वावधान में हजारों लोग शिरकत करेंगे। इस रैली को लेकर व्यापार मंडल के पदाधिकारी जनसम्पर्क अभियान भी चलाएंगे।
गांव छोड़ा, मौत खींच ले गई
डबवाली (लहू की लौ) अपने मां-बाप की मौत के बाद पंजाब के गांव मैहना को छोड़ कर अपने मामा के हाथों पले 28 वर्षीय युवक को क्या पता था कि उसकी मौत उसके गांव में ही जाकर होनी है।
गांव अलीकां में अपने मामा जीत सिंह के पास रहने वाला सुखमन्दर उर्फ सुखवन्त मूल रूप से पंजाब के गांव मैहना का निवासी है। लेकिन 15 वर्ष पूर्व उसकी माता गोलो तथा पिता नाजर सिंह की मौत हो गई और उसे उसका मामा जीत सिंह अपने पास गांव अलीकां ले आया। मामा लक्कड़ व्यापारी और भांजा बारबर का काम करके टाईम पास करता। कभी समय लगता तो अपने मामा के साथ लक्कड़ का व्यापार भी करने चला जाता।
उसकी दोस्ती 10 वर्ष पूर्व गांव के लक्कड़ व्यापारी मक्खन सिंह के बेटे सूबा सिंह से हुई तो अक्सर दोनों दोस्त यहां कहीं भी जाते साथ ही जाते। सूबा सिंह अभी कुंवारा था लेकिन सुखमन्दर सिंह की शादी हुई थी और उसके एक लड़का और एक लड़की है। सोमवार सुबह भी दोनों दोस्त मलोट में लक्कड़ खरीदने के लिए गये और मलोट से लौटते समय सूबा सिंह की बहन के घर गांव भुंदड़ में चले गये। वहां पर सूबा सिंह के जीजा जलौर सिंह ने गांव अलीकां आने की इच्छा जाहिर करते हुए उनके साथ बैठ गया। लेकिन इन तीनों को क्या पता था कि गांव मैहना के पास बस-मोटरसाईकिल दुर्घटना में उन तीनों को मौत अपने आगोश में ले लेगी। जलौर सिंह के भी दो बच्चे हैं जिनमें एक लड़का और एक लड़की।
अलग-अलग हुए संस्कार-गांवों में गमगीन माहौल
मंगलवार शाम को मलोट के सरकारी अस्पताल से पोस्टमार्टम के बाद हरियाणा के गांव अलीकां में सूबा सिंह तथा सुखमन्दर के शवों को तथा पंजाब के गांव भुंदड़ में जलौर सिंह के शव का दाह संस्कार रामबाग में किया गया। इस मौके पर ग्रामीणों की आंखों में आंसू थे और माहौल गमगीन था।
गांव अलीकां में अपने मामा जीत सिंह के पास रहने वाला सुखमन्दर उर्फ सुखवन्त मूल रूप से पंजाब के गांव मैहना का निवासी है। लेकिन 15 वर्ष पूर्व उसकी माता गोलो तथा पिता नाजर सिंह की मौत हो गई और उसे उसका मामा जीत सिंह अपने पास गांव अलीकां ले आया। मामा लक्कड़ व्यापारी और भांजा बारबर का काम करके टाईम पास करता। कभी समय लगता तो अपने मामा के साथ लक्कड़ का व्यापार भी करने चला जाता।
उसकी दोस्ती 10 वर्ष पूर्व गांव के लक्कड़ व्यापारी मक्खन सिंह के बेटे सूबा सिंह से हुई तो अक्सर दोनों दोस्त यहां कहीं भी जाते साथ ही जाते। सूबा सिंह अभी कुंवारा था लेकिन सुखमन्दर सिंह की शादी हुई थी और उसके एक लड़का और एक लड़की है। सोमवार सुबह भी दोनों दोस्त मलोट में लक्कड़ खरीदने के लिए गये और मलोट से लौटते समय सूबा सिंह की बहन के घर गांव भुंदड़ में चले गये। वहां पर सूबा सिंह के जीजा जलौर सिंह ने गांव अलीकां आने की इच्छा जाहिर करते हुए उनके साथ बैठ गया। लेकिन इन तीनों को क्या पता था कि गांव मैहना के पास बस-मोटरसाईकिल दुर्घटना में उन तीनों को मौत अपने आगोश में ले लेगी। जलौर सिंह के भी दो बच्चे हैं जिनमें एक लड़का और एक लड़की।
अलग-अलग हुए संस्कार-गांवों में गमगीन माहौल
मंगलवार शाम को मलोट के सरकारी अस्पताल से पोस्टमार्टम के बाद हरियाणा के गांव अलीकां में सूबा सिंह तथा सुखमन्दर के शवों को तथा पंजाब के गांव भुंदड़ में जलौर सिंह के शव का दाह संस्कार रामबाग में किया गया। इस मौके पर ग्रामीणों की आंखों में आंसू थे और माहौल गमगीन था।
बस ने बाईक सवार कुचले
डबवाली (लहू की लौ) यहां से छह किलोमीटर दूर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित पंजाब के गांव मैहना के पास एक निजी बस ने बाईक सवार तीन युवकों को कुचल दिया। दुर्घटना के बाद चालक बस को मौका पर छोड़कर फरार हो गया। थाना लम्बी पुलिस ने बस चालक के खिलाफ धारा 304ए/279/427 आईपीसी के तहत केस दर्ज करके उसकी तालाश शुरू कर दी है।
हरियाणा के गांव अलीकां निवासी तथा लक्कड़ व्यापारी सतपाल (32) पुत्र चन्द सिंह ने बताया कि वह और उसका साथी गुरचरण सिंह सोमवार सुबह लगभग 9.30 बजे मलोट के लिए रवाना हुए। मलोट में उन लोगों ने लक्कड़ खरीदनी थी। उनके साथ एक अन्य मोटरसाईकिल पर गांव का लक्कड़ व्यापारी सूबा सिंह (24) पुत्र मक्खन सिंह अपने दोस्त सुखमन्दर उर्फ सुखवन्त के साथ उनके गया था। मलोट से लौटते समय वह लोग गांव भुंदड़ में सूबा सिंह की बहन के घर कुछ समय के लिए रूके। इसी दौरान सूबा सिंह का जीजा जलौर ङ्क्षसह भी उनके साथ आ गया कि वह काफी समय से बीमार उसकी सास तेज कौर का पता ले आयेगा।
सतपाल के अनुसार वे लोग दो मोटरसाईकिलों पर अलग-अलग आ रहे थे। सूबा सिंह का मोटरसाईकिल उनके आगे था। वह लोग जैसे ही मैहना क्रॉस करके अभी एक किलोमीटर आगे निकले ही थे कि डबवाली साईड से आ रही बस अपने आगे जा रही कॉटन स्टिक की भरी ट्राली को ओवरटेक करते हुई सूबे सिंह के मोटरसाईकिल में जा लगी और उनको घसीटती हुई खेतों में ले गई। जबकि उन लोगों ने अपने मोटरसाईकिल को खेतों में डाल कर अपनी जान बचाई।
घायल अवस्था में सुखवन्त सिंह पुत्र नाजर सिंह को सहारा सेवा संस्था मलोट के सदस्य मनदीप सिंह पुत्र रमेश कुमार निवासी मलोट ने डबवाली के सरकारी अस्पताल में पहुचांया। सूबा सिंह (24) पुत्र मक्खन सिंह निवासी अलीकां तथा जलौर सिंह (36) पुत्र गोकुल सिंह निवासी भुंदड़ को घायल अवस्था में मलोट के सरकारी अस्पताल में ले जाया गया। डबवाली के सरकारी अस्पताल में पहुंचते ही सुखवन्त को और मलोट के सरकारी अस्पताल में पहुंचते ही जलौर सिंह को मृत घोषित कर दिया गया। जबकि सूबा सिंह को गंभीर हालत में बठिंडा के लिए रैफर कर दिया। गंभीर हालत में सूबा सिंह को बठिंडा ले जाया ही जा रहा था कि जोधपुर रोमाना के पास सूबा सिंह ने दम तोड़ दिया।
थाना लम्बी पुलिस प्रभारी एसआई हरिन्द्र सिंह चमेली ने बताया कि सतपाल के ब्यानों पर बस चालक के खिलाफ लापरवाही से बस चला कर दुर्घटना करके तीन युवकों को मारने के आरोप में केस दर्ज करके बस को कब्जे में लेकर बस चालक की तालाश शुरू कर दी है। बस चालक की पहचान करतार सिंह सरांवा निवासी अबोहर के रूप में हुई है। बस फाजिल्कां डबवाली ट्रांस्पोर्ट कं. की थी जो शाम को डबवाली से फाजिल्कां के लिए जा रही थी।
हरियाणा के गांव अलीकां निवासी तथा लक्कड़ व्यापारी सतपाल (32) पुत्र चन्द सिंह ने बताया कि वह और उसका साथी गुरचरण सिंह सोमवार सुबह लगभग 9.30 बजे मलोट के लिए रवाना हुए। मलोट में उन लोगों ने लक्कड़ खरीदनी थी। उनके साथ एक अन्य मोटरसाईकिल पर गांव का लक्कड़ व्यापारी सूबा सिंह (24) पुत्र मक्खन सिंह अपने दोस्त सुखमन्दर उर्फ सुखवन्त के साथ उनके गया था। मलोट से लौटते समय वह लोग गांव भुंदड़ में सूबा सिंह की बहन के घर कुछ समय के लिए रूके। इसी दौरान सूबा सिंह का जीजा जलौर ङ्क्षसह भी उनके साथ आ गया कि वह काफी समय से बीमार उसकी सास तेज कौर का पता ले आयेगा।
सतपाल के अनुसार वे लोग दो मोटरसाईकिलों पर अलग-अलग आ रहे थे। सूबा सिंह का मोटरसाईकिल उनके आगे था। वह लोग जैसे ही मैहना क्रॉस करके अभी एक किलोमीटर आगे निकले ही थे कि डबवाली साईड से आ रही बस अपने आगे जा रही कॉटन स्टिक की भरी ट्राली को ओवरटेक करते हुई सूबे सिंह के मोटरसाईकिल में जा लगी और उनको घसीटती हुई खेतों में ले गई। जबकि उन लोगों ने अपने मोटरसाईकिल को खेतों में डाल कर अपनी जान बचाई।
घायल अवस्था में सुखवन्त सिंह पुत्र नाजर सिंह को सहारा सेवा संस्था मलोट के सदस्य मनदीप सिंह पुत्र रमेश कुमार निवासी मलोट ने डबवाली के सरकारी अस्पताल में पहुचांया। सूबा सिंह (24) पुत्र मक्खन सिंह निवासी अलीकां तथा जलौर सिंह (36) पुत्र गोकुल सिंह निवासी भुंदड़ को घायल अवस्था में मलोट के सरकारी अस्पताल में ले जाया गया। डबवाली के सरकारी अस्पताल में पहुंचते ही सुखवन्त को और मलोट के सरकारी अस्पताल में पहुंचते ही जलौर सिंह को मृत घोषित कर दिया गया। जबकि सूबा सिंह को गंभीर हालत में बठिंडा के लिए रैफर कर दिया। गंभीर हालत में सूबा सिंह को बठिंडा ले जाया ही जा रहा था कि जोधपुर रोमाना के पास सूबा सिंह ने दम तोड़ दिया।
थाना लम्बी पुलिस प्रभारी एसआई हरिन्द्र सिंह चमेली ने बताया कि सतपाल के ब्यानों पर बस चालक के खिलाफ लापरवाही से बस चला कर दुर्घटना करके तीन युवकों को मारने के आरोप में केस दर्ज करके बस को कब्जे में लेकर बस चालक की तालाश शुरू कर दी है। बस चालक की पहचान करतार सिंह सरांवा निवासी अबोहर के रूप में हुई है। बस फाजिल्कां डबवाली ट्रांस्पोर्ट कं. की थी जो शाम को डबवाली से फाजिल्कां के लिए जा रही थी।
हजारों के जेवरात लेकर प्रेमी जोड़ा फुर्र
डबवाली (लहू की लौ) यहां की एकता नगरी से एक विवाहिता युवती अपने प्रेमी संग फुर्र हो गई। युवती के परिजनों ने पड़ौस में रहने वाले एक युवक के खिलाफ थाना शहर पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है।
डबवाली के वार्ड नं. 11 की एकता नगरी में रहने वाली एक युवती की शादी कुछ दिन पूर्व पंजाब के एक गांव में हुई थी। सोमवार को वह अपने माता-पिता से मिलने के लिए डबवाली आई हुई थी। लेकिन मंगलवार सुबह जब आंख खुली तो युवती के परिजन उसे घर में न पाकर आश्चर्यचकित हो गए। उन्होंने युवती की खोजबीन आरंभ की। कुछ देर बाद पता चला कि गली का सोनू नामक युवक भी अपने घर पर मौजूद नहीं है।
सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार घर से फरार हुए युवक-युवती दोनों एक ही गली के रहने वाले हैं। उनमें काफी दिनों से लव चला आ रहा था। जिसकी भनक पाकर युवती के परिजनों ने उसकी शादी कहीं ओर तय कर दी। लेकिन लड़की अभी नाबालिग थी। इसी के कारण लड़का कुछ दिन पहले थाना शहर डबवाली में जा पहुंचा और नाबालिग लड़की की शादी रोकने की गुहार लगाई। सूचना पर पुलिस भी सतर्क हो गई। युवती के परिजनों को इस बात का पता लग गया और उन्होंने उसकी शादी पंजाब के एक गांव में जाकर कर दी।
सूत्रों ने यह भी बताया कि सोमवार को लड़की अपने मायके आई हुई थी। मौका पाकर वह अपने प्रेमी संग फुर्र हो गई। बताया जाता है कि लड़की अपने साथ 10,000 रूपए और चार-पांच तोले सोने के जेवरात भी ले गई है। मामले की जांच कर रहे थाना शहर पुलिस के एसआई मंदरूप सिंह ने बताया कि युवती के परिजनों ने पुलिस में शिकायत देकर सहायता की मांग की है।
डबवाली के वार्ड नं. 11 की एकता नगरी में रहने वाली एक युवती की शादी कुछ दिन पूर्व पंजाब के एक गांव में हुई थी। सोमवार को वह अपने माता-पिता से मिलने के लिए डबवाली आई हुई थी। लेकिन मंगलवार सुबह जब आंख खुली तो युवती के परिजन उसे घर में न पाकर आश्चर्यचकित हो गए। उन्होंने युवती की खोजबीन आरंभ की। कुछ देर बाद पता चला कि गली का सोनू नामक युवक भी अपने घर पर मौजूद नहीं है।
सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार घर से फरार हुए युवक-युवती दोनों एक ही गली के रहने वाले हैं। उनमें काफी दिनों से लव चला आ रहा था। जिसकी भनक पाकर युवती के परिजनों ने उसकी शादी कहीं ओर तय कर दी। लेकिन लड़की अभी नाबालिग थी। इसी के कारण लड़का कुछ दिन पहले थाना शहर डबवाली में जा पहुंचा और नाबालिग लड़की की शादी रोकने की गुहार लगाई। सूचना पर पुलिस भी सतर्क हो गई। युवती के परिजनों को इस बात का पता लग गया और उन्होंने उसकी शादी पंजाब के एक गांव में जाकर कर दी।
सूत्रों ने यह भी बताया कि सोमवार को लड़की अपने मायके आई हुई थी। मौका पाकर वह अपने प्रेमी संग फुर्र हो गई। बताया जाता है कि लड़की अपने साथ 10,000 रूपए और चार-पांच तोले सोने के जेवरात भी ले गई है। मामले की जांच कर रहे थाना शहर पुलिस के एसआई मंदरूप सिंह ने बताया कि युवती के परिजनों ने पुलिस में शिकायत देकर सहायता की मांग की है।
सिरसा में होगी बढ़ते कदम रैली
सिरसा। आगामी 25 दिसंबर को सिरसा के शहीद भगत सिंह स्टेडियम में एक विशाल रैली का आयोजन किया जाएगा। इस रैली का नाम बढ़ते कदम रखा गया है। रैली को हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा संबोधित करेंगे। यह खुलासा सिरसा के सांसद डा. अशोक तंवर ने कांगे्रस भवन में कांगे्रस नेताओं की उपस्थिति में पत्रकारों के समक्ष किया।
उन्होंने कहा कि भीड़ के हिसाब से सिरसा की यह रैली नए कीर्तिमान स्थापित करेगी। रैली में हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपनी सरकार के एक वर्ष का लेखा-जोखा जनता के समक्ष रखेंगे और जिला में अरबों रुपए की लागत से पूरी हुई कई विकास परियोजनाओं को जनाता को समर्पित करेंगे। इन विकास परियोजनाओं में सिरसा में बना रेलवे ओवर ब्रिज भी शामिल है जो 25 दिसंबर को जनता के लिए खुल जाएगा। इसके अलावा कई परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी जाएगी।
तवंर ने कहा कि बढ़ते कदम रैली में मुख्यमंत्री श्री हुड्डा जिलावासियों के लिए अरबों रुपए की योजनाओं की घोषणाएं भी करेंगे। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन एवं स्थानीय पार्टी नेताओं द्वारा जिला में होने वाले कार्यों की सूची तैयार की जा रही है। प्राथमिकता के आधार पर पूरे किए जाने वाले कार्यों का मांगपत्र मुख्यमंत्री के समक्ष रखा जाएगा। इन कार्यों में घग्घर विस्तारीकरण परियोजना, सिरसा में महिला महाविद्यालय तथा ग्रामीण क्षेत्र के विकास से जूड़े कई कार्य शामिल होंगे। उन्हें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री सभी कार्यों की घोषणा जनता के समक्ष करेंगे। जिससे यह सिरसा के विकास के लिए वरदान साबित होगी।
एक प्रश्र के जवाब में डा. तंवर ने कहा कि सड़कों, भवनों व अन्य विकास कार्यों के लिए प्रदेश के पास धन की कोई कमी नहीं है। उन्होंने माना कि खनन कार्य का मामला अदालत में होने की वजह से बजरी व पत्थर इत्यादी के मिलने में रुकावट आई है जिससे सड़कों के निर्माण पर असर पड़ा है। बावजूद इसके मुख्यमंत्री ने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बजरी-पत्थर इत्यादी दूसरे प्रदेशों से खरीदें चाहे उसके लिए अधिक दाम भी क्यों न देने पड़े।
तंवर ने एक अन्य प्रश्र के जवाब में कहा कि मुख्यमंत्री की रैलियां प्रदेश के लोगों को लिए लाभदायक सिद्ध हुई हैं। इन रैलियों में मुख्यमंत्री विकास की घोषणाएं कर रहे हैं। फतेहाबाद में आयोजित रैली का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि फतेहाबाद की रैली लोगों के लिए विकास लेकर आई। इसी प्रकार से राई में हुई चक दे हरियाणा चक दे इंडिया नामक रैली में मंख्यमंत्री ने प्रदेश वासियों के लिए वोनांजा घोषणाएं की। पूर्व में हुई रैलियों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सिरसा में भी प्रगति के द्वार खुलेंगे।
उन्होंने कहा कि दूसरे जिलों में हुई रैलियों से सिरसा को भी फायदा हुआ है। राई की रैली में खेल जगत से संबधित कई कार्यक्रमों व योजनाओं की घोषणाएं हुई थी जिनमें सिरसा जिला को पुरुष हॉकी अकेडमी का तोहफा मिला। उन्होंने बिजली के मामले में बोलते हुए कहा कि हरियाणा फतेहाबाद जिला की ढाणियों सहित पूरे प्रदेश की ढाणियों में बिजली सुविधा मुहैया करवाने का कार्यक्रम शुरु किया गया है। इस कार्यक्रम के लिए पहले से रखी गई 118 करोड़ रुपए की राशि को और अधिक बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने 2जी स्पेक्ट्रम मामले पर बोलते हुए कहा कि यह घोटाला नही है, घोटाला होने न होने की बात तो पुरी जांच के बाद ही सामने आएगी। केंद्र सरकार इस मामले की जांच के लिए तैयार है। पीएसी से इस मामले की जांच करवाई जा सकती है।
डा. तंवर ने कहा कि रैली में स्थानीय स्तर की छोटी मोटी समस्याओं के समाधान के लिए भी मांग रखी जाएगी। इस अवसर पर पूर्व मंत्री चौ. रणजीत सिंह, मुख्यमंत्री के पूर्व ओएसडी डा. केवी सिंह, जिला कांगे्रस अध्यक्ष मलकीत सिंह खोसा, हरियाणा प्रदेश कांगे्रस के प्रतिनिधि गोबिंद कांडा, होशियारी लाल शर्मा व अन्य पार्टी के स्थानीय नेता व कार्यकर्ता उपस्थित थे।
उन्होंने कहा कि भीड़ के हिसाब से सिरसा की यह रैली नए कीर्तिमान स्थापित करेगी। रैली में हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपनी सरकार के एक वर्ष का लेखा-जोखा जनता के समक्ष रखेंगे और जिला में अरबों रुपए की लागत से पूरी हुई कई विकास परियोजनाओं को जनाता को समर्पित करेंगे। इन विकास परियोजनाओं में सिरसा में बना रेलवे ओवर ब्रिज भी शामिल है जो 25 दिसंबर को जनता के लिए खुल जाएगा। इसके अलावा कई परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी जाएगी।
तवंर ने कहा कि बढ़ते कदम रैली में मुख्यमंत्री श्री हुड्डा जिलावासियों के लिए अरबों रुपए की योजनाओं की घोषणाएं भी करेंगे। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन एवं स्थानीय पार्टी नेताओं द्वारा जिला में होने वाले कार्यों की सूची तैयार की जा रही है। प्राथमिकता के आधार पर पूरे किए जाने वाले कार्यों का मांगपत्र मुख्यमंत्री के समक्ष रखा जाएगा। इन कार्यों में घग्घर विस्तारीकरण परियोजना, सिरसा में महिला महाविद्यालय तथा ग्रामीण क्षेत्र के विकास से जूड़े कई कार्य शामिल होंगे। उन्हें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री सभी कार्यों की घोषणा जनता के समक्ष करेंगे। जिससे यह सिरसा के विकास के लिए वरदान साबित होगी।
एक प्रश्र के जवाब में डा. तंवर ने कहा कि सड़कों, भवनों व अन्य विकास कार्यों के लिए प्रदेश के पास धन की कोई कमी नहीं है। उन्होंने माना कि खनन कार्य का मामला अदालत में होने की वजह से बजरी व पत्थर इत्यादी के मिलने में रुकावट आई है जिससे सड़कों के निर्माण पर असर पड़ा है। बावजूद इसके मुख्यमंत्री ने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बजरी-पत्थर इत्यादी दूसरे प्रदेशों से खरीदें चाहे उसके लिए अधिक दाम भी क्यों न देने पड़े।
तंवर ने एक अन्य प्रश्र के जवाब में कहा कि मुख्यमंत्री की रैलियां प्रदेश के लोगों को लिए लाभदायक सिद्ध हुई हैं। इन रैलियों में मुख्यमंत्री विकास की घोषणाएं कर रहे हैं। फतेहाबाद में आयोजित रैली का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि फतेहाबाद की रैली लोगों के लिए विकास लेकर आई। इसी प्रकार से राई में हुई चक दे हरियाणा चक दे इंडिया नामक रैली में मंख्यमंत्री ने प्रदेश वासियों के लिए वोनांजा घोषणाएं की। पूर्व में हुई रैलियों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सिरसा में भी प्रगति के द्वार खुलेंगे।
उन्होंने कहा कि दूसरे जिलों में हुई रैलियों से सिरसा को भी फायदा हुआ है। राई की रैली में खेल जगत से संबधित कई कार्यक्रमों व योजनाओं की घोषणाएं हुई थी जिनमें सिरसा जिला को पुरुष हॉकी अकेडमी का तोहफा मिला। उन्होंने बिजली के मामले में बोलते हुए कहा कि हरियाणा फतेहाबाद जिला की ढाणियों सहित पूरे प्रदेश की ढाणियों में बिजली सुविधा मुहैया करवाने का कार्यक्रम शुरु किया गया है। इस कार्यक्रम के लिए पहले से रखी गई 118 करोड़ रुपए की राशि को और अधिक बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने 2जी स्पेक्ट्रम मामले पर बोलते हुए कहा कि यह घोटाला नही है, घोटाला होने न होने की बात तो पुरी जांच के बाद ही सामने आएगी। केंद्र सरकार इस मामले की जांच के लिए तैयार है। पीएसी से इस मामले की जांच करवाई जा सकती है।
डा. तंवर ने कहा कि रैली में स्थानीय स्तर की छोटी मोटी समस्याओं के समाधान के लिए भी मांग रखी जाएगी। इस अवसर पर पूर्व मंत्री चौ. रणजीत सिंह, मुख्यमंत्री के पूर्व ओएसडी डा. केवी सिंह, जिला कांगे्रस अध्यक्ष मलकीत सिंह खोसा, हरियाणा प्रदेश कांगे्रस के प्रतिनिधि गोबिंद कांडा, होशियारी लाल शर्मा व अन्य पार्टी के स्थानीय नेता व कार्यकर्ता उपस्थित थे।
05 दिसंबर 2010
यहां तो एमबीए पास भी अनपढ़!
डबवाली (लहू की लौ) देश में शिक्षण संस्थान कुकरमुत्ते की तरह खुल रहे हैं। एक-दूसरे से आगे बढऩे की होड़ में बच्चों को नए-नवेले ढंग से प्रशिक्षण देने का नाटक भी करते हैं। किताबी कीड़ा बनाने की अपेक्षा इनके पास कुछ भी नहीं है। इन संस्थानों से उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बावजूद कागज के सर्टिफिकेट के सिवाए कुछ हासिल नहीं होता। लेकिन जिन्दगी में सबसे जरूरी सामान्य ज्ञान से छात्र वंचित रह जाता है। ऐसा ही कुछ डबवाली में देखने को मिला।
डबवाली प्रशासन ने नगरपालिका तथा फायर ब्रिगेड में खाली चले आ रहे पदों को भरने के लिए डेली वेज पर कर्मचारी नियुक्त करने के लिए गुरूवार शाम को इंटरव्यू रखा हुआ था। इंटरव्यू नगरपालिका फायर ब्रिगेड में ड्राईवर के तीन पदों, फायर मैन के चार पदों, नगरपालिका कार्यालय डबवाली में क्लर्क के दो पदों, कम्प्यूटर ऑपरेटर के एक तथा ट्रेक्टर ड्राईवर के दो पदों के लिए था। इन पदों के लिए इंटरव्यू देने के लिए करीब 70 जनों ने आवेदन किया। जिसमें ड्राईवर पद के लिए चार, फायर मैन के लिए 7, क्लर्क के लिए 45, कम्प्यूटर ऑपरेटर के लिए 10 तथा ट्रेक्टर ड्राईवर के लिए पांच उम्मीदवार शामिल थे। उक्त पदों के लिए शैक्षणिक योग्यता न्यूनतम 10वीं पास निर्धारित की गई थी।
सबसे दिलचस्प पहलू यह रहा है कि इंटरव्यू में 10वीं पास से लेकर एमबीए किए हुए युवाओं ने भाग लिया। कम्प्यूटर का ज्ञान रखने वाले बीसीए, पीजीडीसीए अथवा डिग्री धारकों ने भी हिस्सा लिया। इंटरव्यू पर उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल ने खास नजर रखी। वे खुद मौका पर आए। इस दौरान प्रत्येक उम्मीदवार को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका दिया गया। ड्राईवर और फायर मैन पद के आवेदकों का इंटरव्यू फायर ब्रिगेड कार्यालय के पास लिया गया। इस मौके पर उपमण्डलाधीश ने संबंधित कार्यालय के स्टाफ के अतिरिक्त हरियाणा रोड़वेज उपडिपू डबवाली के कर्मचारी बलवान सिंह को भी बुलाया। मौका पर तैनात कर्मचारियों ने उपमण्डलाधीश की देखरेख में प्रत्येक आवेदनकर्ता को बारीकी से जांचा-परखा।
इसके उपरांत क्लर्क तथा कम्प्यूटर ऑपरेटर की इंटरव्यू का जिम्मा उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल ने खुद संभाला। लेकिन वे उस समय हैरान रह गए, जब उनके द्वारा पूछे गए सामान्य ज्ञान के प्रश्नों का उत्तर नौकरी पाने आए एमबीए पास युवक भी नहीं दे पाए। 10वीं, 12वीं, बीए, बीएससी, एमए, एमएससी, एमबीए पास इन छात्रों के पास केवल कागज का सर्टिफिकेट जरूर था।
पूछा गया था कि हरियाणा का मुख्यमंत्री कौन है, जवाब मिला गोपाल काण्डा। पूछा गया भारत देश का राष्ट्रपति कौन है, जवाब आया मनमोहन सिंह। पूछा गया श्रीलकां की राजधानी कौन सी है, जवाब मिला भोपाल। पूछा गया डबवाली में अग्निकांड कब हुआ, किसी भी आवेदनकर्ता के पास कोई जवाब नहीं। पूछा गया हरियाणा प्रदेश में जिले कितने हैं, कोई बोला 10, तो कोई 12। पूछा गया भूटान क्या है, जवाब मिला नेपाल की राजधानी। इस तरह के अनगिनत सामान्य ज्ञान से संबंधित सवाल पूछे गए लेकिन रिजल्ट शून्य ही रहा।
यहां तक की बीसीए या फिर पीजीडीसीए की डिग्री अपने हाथ में लिए युवकों को भी कम्प्यूटर पर डाटा एंट्री करना तक नहीं आया। यह सब देख रहे उपमण्डलाधीश एवं अन्य प्रशासनिक कर्मचारियों के होश फख्ता हो गए। चूंकि किताबी ज्ञान से भरे युवकों के दिमाग प्रेक्टिल तथा सामान्य ज्ञान में फेल हो गए। उल्लेखनीय है कि डबवाली प्रशासन ने रिक्त पदों को भरने के लिए जिला सिरसा के उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी थी।
गौरतलब है कि जिला में दे दनादन शिक्षण संस्थान खुल रहे हैं। छात्र-छात्राएं इन शिक्षण संस्थानों से शिक्षा प्राप्त करके कागजी सर्टिफिकेट तो प्राप्त कर रहे हैं। साथ में अपने भविष्य की नींव भी खोखली कर रहे हैं। चूंकि बिना किसी विशेष तजुर्बे के चलने वाले इन संस्थाओं में केवल किताबी ज्ञान ही दिया जाता है।
डबवाली प्रशासन ने नगरपालिका तथा फायर ब्रिगेड में खाली चले आ रहे पदों को भरने के लिए डेली वेज पर कर्मचारी नियुक्त करने के लिए गुरूवार शाम को इंटरव्यू रखा हुआ था। इंटरव्यू नगरपालिका फायर ब्रिगेड में ड्राईवर के तीन पदों, फायर मैन के चार पदों, नगरपालिका कार्यालय डबवाली में क्लर्क के दो पदों, कम्प्यूटर ऑपरेटर के एक तथा ट्रेक्टर ड्राईवर के दो पदों के लिए था। इन पदों के लिए इंटरव्यू देने के लिए करीब 70 जनों ने आवेदन किया। जिसमें ड्राईवर पद के लिए चार, फायर मैन के लिए 7, क्लर्क के लिए 45, कम्प्यूटर ऑपरेटर के लिए 10 तथा ट्रेक्टर ड्राईवर के लिए पांच उम्मीदवार शामिल थे। उक्त पदों के लिए शैक्षणिक योग्यता न्यूनतम 10वीं पास निर्धारित की गई थी।
सबसे दिलचस्प पहलू यह रहा है कि इंटरव्यू में 10वीं पास से लेकर एमबीए किए हुए युवाओं ने भाग लिया। कम्प्यूटर का ज्ञान रखने वाले बीसीए, पीजीडीसीए अथवा डिग्री धारकों ने भी हिस्सा लिया। इंटरव्यू पर उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल ने खास नजर रखी। वे खुद मौका पर आए। इस दौरान प्रत्येक उम्मीदवार को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका दिया गया। ड्राईवर और फायर मैन पद के आवेदकों का इंटरव्यू फायर ब्रिगेड कार्यालय के पास लिया गया। इस मौके पर उपमण्डलाधीश ने संबंधित कार्यालय के स्टाफ के अतिरिक्त हरियाणा रोड़वेज उपडिपू डबवाली के कर्मचारी बलवान सिंह को भी बुलाया। मौका पर तैनात कर्मचारियों ने उपमण्डलाधीश की देखरेख में प्रत्येक आवेदनकर्ता को बारीकी से जांचा-परखा।
इसके उपरांत क्लर्क तथा कम्प्यूटर ऑपरेटर की इंटरव्यू का जिम्मा उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल ने खुद संभाला। लेकिन वे उस समय हैरान रह गए, जब उनके द्वारा पूछे गए सामान्य ज्ञान के प्रश्नों का उत्तर नौकरी पाने आए एमबीए पास युवक भी नहीं दे पाए। 10वीं, 12वीं, बीए, बीएससी, एमए, एमएससी, एमबीए पास इन छात्रों के पास केवल कागज का सर्टिफिकेट जरूर था।
पूछा गया था कि हरियाणा का मुख्यमंत्री कौन है, जवाब मिला गोपाल काण्डा। पूछा गया भारत देश का राष्ट्रपति कौन है, जवाब आया मनमोहन सिंह। पूछा गया श्रीलकां की राजधानी कौन सी है, जवाब मिला भोपाल। पूछा गया डबवाली में अग्निकांड कब हुआ, किसी भी आवेदनकर्ता के पास कोई जवाब नहीं। पूछा गया हरियाणा प्रदेश में जिले कितने हैं, कोई बोला 10, तो कोई 12। पूछा गया भूटान क्या है, जवाब मिला नेपाल की राजधानी। इस तरह के अनगिनत सामान्य ज्ञान से संबंधित सवाल पूछे गए लेकिन रिजल्ट शून्य ही रहा।
यहां तक की बीसीए या फिर पीजीडीसीए की डिग्री अपने हाथ में लिए युवकों को भी कम्प्यूटर पर डाटा एंट्री करना तक नहीं आया। यह सब देख रहे उपमण्डलाधीश एवं अन्य प्रशासनिक कर्मचारियों के होश फख्ता हो गए। चूंकि किताबी ज्ञान से भरे युवकों के दिमाग प्रेक्टिल तथा सामान्य ज्ञान में फेल हो गए। उल्लेखनीय है कि डबवाली प्रशासन ने रिक्त पदों को भरने के लिए जिला सिरसा के उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी थी।
गौरतलब है कि जिला में दे दनादन शिक्षण संस्थान खुल रहे हैं। छात्र-छात्राएं इन शिक्षण संस्थानों से शिक्षा प्राप्त करके कागजी सर्टिफिकेट तो प्राप्त कर रहे हैं। साथ में अपने भविष्य की नींव भी खोखली कर रहे हैं। चूंकि बिना किसी विशेष तजुर्बे के चलने वाले इन संस्थाओं में केवल किताबी ज्ञान ही दिया जाता है।
पूर्व सरपंच को पीटा, बंधक बनाया
डबवाली (लहू की लौ) गांव पन्नीवाला मोरिकां के पूर्व सरपंच को शुक्रवार अल सुबह रंजिशन कुछ लोगों ने बंधक बना लिया और मारपीट की।
डबवाली के सरकारी अस्पताल में उपचाराधीन गांव पन्नीवाला मोरिकां के पूर्व सरपंच हरबंस सिंह (60) ने बताया कि वह गांव के निकट स्थित ढाणी में रहता है। शुक्रवार सुबह करीब एक बजे वह लघुशंका के लिए उठा था। अचानक प्रेमी उर्फ चिडिय़ा, निन्द्र सिंह पुत्र प्रेमी, चरणजीत पुत्र दर्शन सिंह, मक्खन सिंह पुत्र दर्शन सिंह निवासीगण पन्नीवाला मोरिकां ने उस पर तेजधार हथियारों से हमला कर दिया और चोटें मारी। बाद में उसे उसके घर में बांध दिया। वह जैसे-तैसे बंधन से मुक्त होकर अस्पताल में पहुंचा।
अकेला था पूर्व सरपंच
हरबंस सिंह ने बताया कि शुक्रवार अल सुबह वह अपनी मां गुरदेव कौर (90) के साथ घर पर अकेला था। उसकी धर्मपत्नी मनजीत कौर, बेटा नेमपाल सिंह और पुत्रवधू अमरजीत कौर पंजाब के गांव बरगाड़ी (कोटकपूरा) में एक शोकसभा में भाग लेने के लिए गए हुए थे। घर पर उसे अकेला पाकर आरोपियों ने उस पर हमला बोला।
अहसान का बदला चुकाया
पूर्व सरपंच हरबंस के अनुसार प्रेमी उर्फ चिडिय़ा उसकी पुत्रवधू का दूर का रिश्तेदार है। प्रेमी गांव खुईयांमलकाना में रहता था। गांव खुईयांमलकाना में रहते हुए उसने अपनी 20 एकड़ जमीन बेच दी और स्वयं घर पर रहने लगा। चार साल पूर्व प्रेमी ने गांव पन्नीवाला मोरिकां में रहने की इच्छा जाहिर की। पूर्व सरपंच के अनुसार उसने अपनी जमीन के नजदीक सात एकड़ जमीन प्रेमी को दिलाई। जिसके प्रेमी ने तीस लाख रूपए चुकाए। इसके अतिरिक्त अपनी जमीन में से एक कैनाल भूमि उसे रहने के लिए दी। लेकिन प्रेमी ने एक कैनाल जमीन के साथ-साथ उसकी ढाई मरले भूमि भी हथिया ली।
यूं पैदा हुई रंजिश
हरबंस सिंह के मुताबिक इस भूमि के बदले प्रेमी उर्फ चिडिया ने उसे केवल 65 हजार रूपए दिए। जब वह उससे ढ़ाई मरले भूमि खाली करने के लिए कहता, वह उसे आंखे दिखाता। पिछले करीब एक साल से इसी मामले को लेकर उनमें तकरार चली आ रही है। इसी रंजिश के चलते शुक्रवार को आरोपियों ने उस पर हमला करके मारपीट की तथा उसे बंधक बनाए रखा।
डबवाली के सरकारी अस्पताल में उपचाराधीन गांव पन्नीवाला मोरिकां के पूर्व सरपंच हरबंस सिंह (60) ने बताया कि वह गांव के निकट स्थित ढाणी में रहता है। शुक्रवार सुबह करीब एक बजे वह लघुशंका के लिए उठा था। अचानक प्रेमी उर्फ चिडिय़ा, निन्द्र सिंह पुत्र प्रेमी, चरणजीत पुत्र दर्शन सिंह, मक्खन सिंह पुत्र दर्शन सिंह निवासीगण पन्नीवाला मोरिकां ने उस पर तेजधार हथियारों से हमला कर दिया और चोटें मारी। बाद में उसे उसके घर में बांध दिया। वह जैसे-तैसे बंधन से मुक्त होकर अस्पताल में पहुंचा।
अकेला था पूर्व सरपंच
हरबंस सिंह ने बताया कि शुक्रवार अल सुबह वह अपनी मां गुरदेव कौर (90) के साथ घर पर अकेला था। उसकी धर्मपत्नी मनजीत कौर, बेटा नेमपाल सिंह और पुत्रवधू अमरजीत कौर पंजाब के गांव बरगाड़ी (कोटकपूरा) में एक शोकसभा में भाग लेने के लिए गए हुए थे। घर पर उसे अकेला पाकर आरोपियों ने उस पर हमला बोला।
अहसान का बदला चुकाया
पूर्व सरपंच हरबंस के अनुसार प्रेमी उर्फ चिडिय़ा उसकी पुत्रवधू का दूर का रिश्तेदार है। प्रेमी गांव खुईयांमलकाना में रहता था। गांव खुईयांमलकाना में रहते हुए उसने अपनी 20 एकड़ जमीन बेच दी और स्वयं घर पर रहने लगा। चार साल पूर्व प्रेमी ने गांव पन्नीवाला मोरिकां में रहने की इच्छा जाहिर की। पूर्व सरपंच के अनुसार उसने अपनी जमीन के नजदीक सात एकड़ जमीन प्रेमी को दिलाई। जिसके प्रेमी ने तीस लाख रूपए चुकाए। इसके अतिरिक्त अपनी जमीन में से एक कैनाल भूमि उसे रहने के लिए दी। लेकिन प्रेमी ने एक कैनाल जमीन के साथ-साथ उसकी ढाई मरले भूमि भी हथिया ली।
यूं पैदा हुई रंजिश
हरबंस सिंह के मुताबिक इस भूमि के बदले प्रेमी उर्फ चिडिया ने उसे केवल 65 हजार रूपए दिए। जब वह उससे ढ़ाई मरले भूमि खाली करने के लिए कहता, वह उसे आंखे दिखाता। पिछले करीब एक साल से इसी मामले को लेकर उनमें तकरार चली आ रही है। इसी रंजिश के चलते शुक्रवार को आरोपियों ने उस पर हमला करके मारपीट की तथा उसे बंधक बनाए रखा।
रोल माडल की भूमिका में आएं एडवोकेट-जस्टिस
डबवाली (लहू की लौ) हरियाणा एवं पंजाब हाईकोर्ट के जस्टिस आलोक सिंह शुक्रवार को डबवाली कोर्ट परिसर में पहुंचे। यहां उपमण्डल न्यायिक दण्डाधिकारी महावीर सिंह, उपमण्डल न्यायिक दण्डाधिकारी (प्रथम श्रेणी) अमरजीत सिंह, उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल, थाना शहर प्रभारी इंस्पेक्टर बलवंत जस्सू, बार एसोसिएशन डबवाली के अध्यक्ष एसके गर्ग तथा बार सदस्यों ने उन्हें फूल मालाओं से लाद दिया।
जस्टिस आलोक सिंह जिला सिरसा के अपने भ्रमण के दूसरे दिन सेशन जज सिरसा डॉ. शिवा वर्मा के साथ डबवाली पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कोर्ट परिसर का निरीक्षण किया। उन्होंने पौधारोपण भी किया। बाद में बार रूम में अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। जस्टिस आलोक सिंह ने कहा कि जस्टिस को बार जन्म देती है। बार जस्टिस की मां और जननी है। अधिवक्ताओं को रोल मॉडल की भूमिका निभानी चाहिए। चूंकि समाज बड़ी उम्मीद लेकर उनके पास आता है। जस्टिस ने चेताया कि वकील की उन्नति में शॉर्ट कट कोई जरिया नहीं है, इसलिए हार्ड वर्क करके आगे बढऩा चाहिए।
इस मौके पर बार एसोसिएशन ने जस्टिस आलोक सिंह से डबवाली कोर्ट परिसर में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, सब जेल बनाए जाने तथा कोर्ट परिसर में एसबीआई की ब्रांच खोले जाने की मांग की। मांगों के संबंध में जस्टिस आलोक ने कहा कि वे बार की मांगों को कमेटी के समक्ष रखेंगे और इसे हर हाल में पूरा करवाने का प्रयास करेंगे।
इस मौके पर एडवोकेट सुभाष चन्द्र गुप्ता, एससी शर्मा ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर बार के सभी सदस्य उपस्थित थे। मंच का संचालन एडवोकेट कुलवंत सिंह सिधू ने किया।
जस्टिस आलोक सिंह जिला सिरसा के अपने भ्रमण के दूसरे दिन सेशन जज सिरसा डॉ. शिवा वर्मा के साथ डबवाली पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कोर्ट परिसर का निरीक्षण किया। उन्होंने पौधारोपण भी किया। बाद में बार रूम में अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। जस्टिस आलोक सिंह ने कहा कि जस्टिस को बार जन्म देती है। बार जस्टिस की मां और जननी है। अधिवक्ताओं को रोल मॉडल की भूमिका निभानी चाहिए। चूंकि समाज बड़ी उम्मीद लेकर उनके पास आता है। जस्टिस ने चेताया कि वकील की उन्नति में शॉर्ट कट कोई जरिया नहीं है, इसलिए हार्ड वर्क करके आगे बढऩा चाहिए।
इस मौके पर बार एसोसिएशन ने जस्टिस आलोक सिंह से डबवाली कोर्ट परिसर में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, सब जेल बनाए जाने तथा कोर्ट परिसर में एसबीआई की ब्रांच खोले जाने की मांग की। मांगों के संबंध में जस्टिस आलोक ने कहा कि वे बार की मांगों को कमेटी के समक्ष रखेंगे और इसे हर हाल में पूरा करवाने का प्रयास करेंगे।
इस मौके पर एडवोकेट सुभाष चन्द्र गुप्ता, एससी शर्मा ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर बार के सभी सदस्य उपस्थित थे। मंच का संचालन एडवोकेट कुलवंत सिंह सिधू ने किया।
02 दिसंबर 2010
लिव इन रिलेशनशिप में जहर पीने से महिला की मौत
डबवाली | लिव इन रिलेशनशिप में हमउम्र युवक दलीप सिंह के साथ रहने वाली एक महिला राधा की जहरीले पदार्थ के सेवन से मौत हो गई। घटना खुइयांमलकाना गांव में हुई। पुलिस ने महिला की मौत को इत्तफाकिया मानते हुए पोस्टमार्टम कराकर लाश युवक के हवाले कर दी।
फोन पर हुई थी दोस्ती
महिला की युवक से फोन पर दोस्ती हुई जिसके बाद वह उसके साथ रहने लगी। मगर वह कौन थी, कहां की थी और उसका क्या अतीत था, इन सवालों के जवाब दलीप ने पुलिस को नहीं दिए हैं। दलीप सिंह (30) पुत्र कृष्ण कुमार बिश्नोई नौवीं कक्षा तक पढ़ा है और खेती करता है। करीब पांच माह पहले हमउम्र महिला उसके संपर्क में आई। महिला ने खुद का नाम राधा बताया और दलीप के साथ रहने लगी।
दोनों की जान-पहचान मोबाइल फोन की मिस कॉल से हुई। दलीप के अनुसार करीब पांच महीने पहले उसके मोबाइल पर एक अन्य मोबाइल से मिस कॉल आई। उसने जवाब में फोन लगाया तो फोन महिला ने रिसीव किया और खुद का नाम राधा बताया। फोन पर बातचीत के दौरान दोनों में दोस्ती हो गई। कुछ दिन बाद महिला गांव खुइयांमलकाना में उसके पास आ गई और साथ पत्नी के रूप में रहने लगी। दलीप के अनुसार महिला ने अपने अतीत के बारे में कभी कुछ भी नहीं बताया। यह भी नहीं कि वह किसी जाति की है। उसने यह पूछने की जरूरत भी नहीं समझी।
पुलिस को दिए बयान में दलीप ने बताया कि राधा पिछले कुछ दिनों से खांसी से पीड़ित थी और वह दवा भी ले रही थी। मंगलवार को खांसी की दवा के भ्रम में वह कीटनाशक दवा पी गई जिससे उसकी मौत हो गई। दलीप के अनुसार मंगलवार सुबह करीब सात बजे वह खेत से पशुओं के लिए हरा चारा लेने के लिए गया था। कुछ देर बाद ही उसके भतीजे नवीन कुमार (11) का फोन आया कि चाची की तबीयत ज्यादा खराब हो गई है। घर पहुंच कर उसने देखा कि राधा उल्टियां कर रही थी। उसे बठिंडा के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। वहां से उसे लुधियाना रेफर कर दिया। बठिंडा से लुधियाना ले जाते समय रास्ते में राधा ने दम तोड़ दिया।
खेत में रहता है दलीप
दलीप सिंह की मां का करीब तीन साल पहले निधन हो गया था। उसके पिता कृष्ण कुमार साधु बने हैं। उसका भाई गांव में रहता है और वह खेत में ढाणी में रहता है। इसी ढाणी में राधा उसके साथ रह रही थी। मामले की जांच कर रहे थाना सदर के एएसआई धर्मपाल ने बताया कि पुलिस ने दलीप के बयान पर राधा की मौत को इत्तफाकिया मानते हुए कार्रवाई की है।
फोन पर हुई थी दोस्ती
महिला की युवक से फोन पर दोस्ती हुई जिसके बाद वह उसके साथ रहने लगी। मगर वह कौन थी, कहां की थी और उसका क्या अतीत था, इन सवालों के जवाब दलीप ने पुलिस को नहीं दिए हैं। दलीप सिंह (30) पुत्र कृष्ण कुमार बिश्नोई नौवीं कक्षा तक पढ़ा है और खेती करता है। करीब पांच माह पहले हमउम्र महिला उसके संपर्क में आई। महिला ने खुद का नाम राधा बताया और दलीप के साथ रहने लगी।
दोनों की जान-पहचान मोबाइल फोन की मिस कॉल से हुई। दलीप के अनुसार करीब पांच महीने पहले उसके मोबाइल पर एक अन्य मोबाइल से मिस कॉल आई। उसने जवाब में फोन लगाया तो फोन महिला ने रिसीव किया और खुद का नाम राधा बताया। फोन पर बातचीत के दौरान दोनों में दोस्ती हो गई। कुछ दिन बाद महिला गांव खुइयांमलकाना में उसके पास आ गई और साथ पत्नी के रूप में रहने लगी। दलीप के अनुसार महिला ने अपने अतीत के बारे में कभी कुछ भी नहीं बताया। यह भी नहीं कि वह किसी जाति की है। उसने यह पूछने की जरूरत भी नहीं समझी।
पुलिस को दिए बयान में दलीप ने बताया कि राधा पिछले कुछ दिनों से खांसी से पीड़ित थी और वह दवा भी ले रही थी। मंगलवार को खांसी की दवा के भ्रम में वह कीटनाशक दवा पी गई जिससे उसकी मौत हो गई। दलीप के अनुसार मंगलवार सुबह करीब सात बजे वह खेत से पशुओं के लिए हरा चारा लेने के लिए गया था। कुछ देर बाद ही उसके भतीजे नवीन कुमार (11) का फोन आया कि चाची की तबीयत ज्यादा खराब हो गई है। घर पहुंच कर उसने देखा कि राधा उल्टियां कर रही थी। उसे बठिंडा के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। वहां से उसे लुधियाना रेफर कर दिया। बठिंडा से लुधियाना ले जाते समय रास्ते में राधा ने दम तोड़ दिया।
खेत में रहता है दलीप
दलीप सिंह की मां का करीब तीन साल पहले निधन हो गया था। उसके पिता कृष्ण कुमार साधु बने हैं। उसका भाई गांव में रहता है और वह खेत में ढाणी में रहता है। इसी ढाणी में राधा उसके साथ रह रही थी। मामले की जांच कर रहे थाना सदर के एएसआई धर्मपाल ने बताया कि पुलिस ने दलीप के बयान पर राधा की मौत को इत्तफाकिया मानते हुए कार्रवाई की है।
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