11 दिसंबर 2010

धारावाहिक रामायण की सुमित्रा का देहांत

डबवाली (लहू की लौ) भारतीय सिनेमा के रूपहले पर्दे पर अपनी प्रतिभा के बल पर धूम मचाने वाली डबवाली की बहू रजनी शर्मा का मुम्बई के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। उन्होंने करीब पांच सौ गुजराती, पचास हिन्दी और पचास पंजाबी फिल्मों में अभिनय किया।
रजनी शर्मा का जन्म पंजाब के अमृतसर में 7 नवंबर 1953 को हुआ था। बचपन से ही उन्हें स्टेज पर अपनी प्रतिभा दिखाने का शौक था। इसी शौक ने उन्हें स्टेज का एक बेहतरीन आर्टिस्ट बना दिया। अपनी कला को हिन्दोंस्तानियों के जेहन में उतारने के लिए वे मुम्बई चली गई। इस दौरान उनकी मुलाकात डबवाली से मुम्बई पढऩे के लिए गए मोहन शर्मा से हुई। दोनों ने एक-दूजे को अपना जीवन साथी बनाने की ठान ली। दोनों के परिजन मान गए और रजनी डबवाली की बहू बन गई।
कलाकार रजनी शर्मा ने अपनी जिन्दगी में कभी भी कला से समझौता नहीं किया। बेशक रजनी डबवाली के मोहन शर्मा के साथ ब्याही गई। लेकिन विवाह से पूर्व उन्होंने मोहन के सामने भी शर्त रख दी थी। रजनी ने मोहन से साफ कह दिया था कि वह शादी तभी करेगी, जब उसे बिना किसी रूकावट के रूपहले पर्दे पर काम करने दिया जाएगा। रजनी की इस बात से मोहन खासे प्रभावित हुए।  रजनी की इच्छा को ध्यान में रखते हुए वे मुम्बई में सेटल हो गए।
कलाकार रजनी शर्मा गुजराती फिल्मों की सुप्रसिद्ध अभिनेत्री रही। करीब 500 फिल्मों में अभिनय किया। शानदार अभिनय के कारण उन्हें दो बार गुजरात स्टेट अवार्ड से भी नवाजा गया। उनकी पहली हिन्दी फिल्म जय संतोषी मां रही। बाद में उन्होंने साहिब, प्यार के काबिल, शीतला माता, रोटी की कीमत, काला धंधा गोरे लोग के साथ-साथ धारावाहिक रामायण, विक्रम वेताल, दादा दादी की कहानियां, मेरे अपने, तीन बुहरानियां, कलश, किस्सा शांति का में अभिनय किया। रामानंद सागर रचित श्री रामायण में उन्होंने लक्ष्मण की माता सुमित्रा की भूमिका की, जिसे लोगों ने काफी सराहा। गौरतलब है कि रजनी शर्मा को इस मुकाम तक पहुंचाने का श्रेय उनके पति मोहन शर्मा को जाता है।
रजनी शर्मा का गत दिवस मुम्बई के कोकीला बहन धीरूबाई अंबानी हॉस्पीटल में देहांत हो गया। वे पिछले कुछ दिनों से बीमार चली आ रही थीं। उनके निमित्त मुम्बई में रखी गई शोक सभा में डबवाली से प्रसिद्ध कलाकार रमेश मिढ़ा, मोहन शर्मा के भाई कर्मचंद शर्मा, जगदीश शर्मा, विजय शर्मा ने भाग लिया और रजनी शर्मा को श्रद्धासुमन अर्पित किए।

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