06 दिसंबर 2014

दोस्तों की कारगुजारी की सजा, तीन साल बाद सलाखों के पीछे

पुलिस से बचने के लिये बीकानेर तथा गुडग़ांव में रहा

डबवाली (लहू की लौ) लूट की वारदात के लिये चार दोस्तों को अपनी कार मुहैया करवाने वाला भगौड़ा करार आरोपी तीन साल बाद पुलिस की गिरफ्त में आया है। पुलिस ने आरोपी के विरूद्ध एक ओर मामला दर्ज किया है। वीरवार को पुलिस ने आरोपी को न्यायिक दंडाधिकारी (प्रथम श्रेणी) देवेंद्र सिंह की अदालत में पेश किया। अदालत ने आरोपी को एक दिन के पुलिस रिमांड पर भेजने के आदेश दिये।
वरना पर दिया था वारदात को अंजाम
वर्ष 2011 में वरना कार सवार चार युवकों ने पन्नीवाला मोटा स्थित एक पेट्रोल पंप पर तेजधार हथियार दिखाकर 95 हजार रूपये लूट लिये थे। पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों ने वारदात में प्रयोग की गई वरना गाड़ी गांव कालूआना निवासी संदीप कुमार की होनी बताई थी। जिस पर पुलिस ने संदीप के खिलाफ दफा 120-बी के तहत मामला दर्ज करके उसकी तालाश शुरू कर दी। लेकिन आरोपी पकड़ में नहीं आया। मुखबरी के आधार पर सीआईए डबवाली ने बुधवार शाम को संदीप को गांव चौटाला से काबू कर लिया। पुलिस के अनुसार वह अपने किसी परिचित से मिलने के लिये चौटाला में आया था और बस से उतरा था।
एक दिन का रिमांड लिया
सीआईए डबवाली के प्रभारी सहायक उपनिरीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि 15 नवंबर 2012 को न्यायिक दंडाधिकारी (प्रथम श्रेणी) कपिल राठी की अदालत ने भगौड़ा घोषित किया था। पुलिस से छुपने के लिये संदीप बीकानेर तथा गुडग़ांव में ठिकाने बदलता रहा। आरोपी के विरुद्ध भादंसं की धारा 174-ए के तहत थाना ओढां में मामला दर्ज किया गया है। वीरवार को उसे न्यायिक दंडाधिकारी (प्रथम श्रेणी) देवेंद्र सिंह की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने आरोपी को एक दिन के पुलिस रिमांड पर भेजने के आदेश दिये। रिमांड अवधि के दौरान पुलिस वारदात में प्रयोग हुई वरना गाड़ी बरामद करने का प्रयास करेगी।

कोई टिप्पणी नहीं: