11 दिसंबर 2014

अनुबंध खत्म, अब घरों से इक्ट्ठा नहीं होगा कूड़ा

डबवाली (लहू की लौ) नगर परिषद के स्वच्छता अभियान को तगड़ा झटका लगा है। शहर में घर-घर जाकर कूड़ा एकत्रित करने वाली पांच गाडिय़ों के चालकों का अनुबंध समाप्त होने पर गाडिय़ों पर ब्रेक लग गये हैं। हालांकि कुछ दिन पूर्व ही नप ने चालकों के मोबाइल नंबर जारी करके अभियान को गति देने की बात कही थी।
घर-घर जाकर कूड़ा एकत्रित करते थे वाहन
पिछले करीब डेढ़ वर्ष से नगर परिषद की पांच महिंद्रा गाडिय़ां शहर में घर-घर जाकर कूड़ा एकत्रित कर रही हैं। जिसे बाद में रामबाग क्षेत्र में स्थित डंपिंग प्वाईंट पर पहुंचाया जाता है। इन गाडिय़ों पर नप ने अनुबंध पर चालकों की भर्ती की हुई है। प्रत्येक छह माह बाद उपायुक्त की मंजूरी के बाद अनुबंध की तिथि आगे बढ़ जाती है। इस बार 30 नवंबर को अनुबंध समाप्त हो गया। लेकिन स्वीकृति नहीं मिली। एक हफ्ते तक स्वीकृति का इंतजार करने के बाद चालकों ने हाथ खड़े कर दिये हैं। गाडिय़ों की चाबी नप को सौंप दी है।
बिना पैसा काम नहीं
चालक राजेश, सूरज, शिव कुमार, रोहताश ने बताया कि 30 नवंबर को अनुबंध समाप्त होने पर उन्हें नवंबर माह का वेतन नहीं मिला है। फिर भी उन्होंने हफ्ता भर मुफ्त में गाड़ी चलाई है। मई 2014 में भी इसी प्रकार का मामला था। स्वीकृति न मिलने के कारण उन्होंने माह भर गाड़ी चलाई थी। जिसकी पैगार आज तक नहीं मिली है। वे कई बार नप सचिव से लेकर एसडीएम डबवाली तक गुहार लगा चुके हैं। लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। जिसके चलते इस बार मजबूरन उन्हें काम छोडऩा पड़ा है। हालांकि सफाई निरीक्षक अविनाश सिंगला ने उन्हें काम करते रहने की सलाह दी है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि बिना वेतन काम नहीं होगा।
आज तक नहीं मिला पीएफ
अनुबंध आधारित चालकों ने बताया कि उनका मासिक वेतन 9900 रूपये है। जिसमें से हर माह 1400 रूपये पीएफ के नाम पर काटे जाते हैं। अनुबंध समाप्ति पर वे पीएफ की राशि मांगते हैं, तो उन्हें जवाब मिलता है कि आपके हटने के दो माह बाद ही पीएफ मिलेगा। उनका सवाल है कि अगर छह माह बाद अनुबंध समाप्त हो जाता है तो उन्हें पीएफ साथ की साथ मिलना चाहिये।
हालात हो जाएंगे खराब
अनुबंध कर्मचारियों के हाथ खड़े करने से शहर में गंदगी का आलम होने की आशंका है। चूंकि घर में एकत्रित होने वाला कूड़ा लोग इन्हें वाहनों में डंप करते थे। अब लोग कूड़े को बाहर डंप करेंगे। प्रतिदिन 60 टन कूड़ा एकत्रित करने का दावा करने वाली नगर परिषद के लिये उपरोक्त मामला स्वच्छता अभियान के लिये धक्का साबित हो सकता है।

एक माह पहले उपायुक्त को लिखा था
करीब एक माह पूर्व अनुबंध की अवधि बढ़ाने के लिये उपायुक्त को लिखा गया था। अभी मंजूरी नहीं आई है। वहीं चालकों ने काम छोड़ दिया है। चालकों को मनाने का प्रयास किया जा रहा है। -अविनाश सिंगला, सफाई निरीक्षक, नप

कोई टिप्पणी नहीं: