17 सितंबर 2011

अस्पताल में नर्सों का हंगामा, जमकर गाली-गलौज


डबवाली (लहू की लौ) सरकारी अस्पताल की दो स्टाफ नर्सों में चल रही खुन्नस शुक्रवार को बड़ा रूप ले गई। एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाती हुई दोनों आमने-सामने हो गई। वहां जमकर गाली-गलौज हुआ। नर्सों ने पूरा अस्पताल सिर पर उठा लिया। उनका तमाशा देने के लिए अस्पताल के मरीज मौका पर जुट गए। बाद में अस्पताल के चिकित्सकों ने बीच में पड़कर दोनों का राजीनामा करा दिया।
अस्पताल में कार्यरत एक नर्स अपनी सहयोगी नर्स के चरित्र पर शक करती है। कुछ दिन पहले इस नर्स ने सहयोगी नर्स पर आरोप जड़ दिया। इस बात पर दोनों में काफी गर्मा-सर्दी हुई। लेकिन उस समय मामला ठंडा पड़ गया। शुक्रवार को दोनों की अलग-अलग डयूटी थी। एक की डयूटी एम्बुलैंस तथा दूसरी की लेबर रूम में थी। लेकिन लेबर रूम के सामान का चार्ज एम्बुलैंस डयूटी कर रही नर्स के पास था। लेबर रूम में कार्यरत नर्स के पास डिलीवरी आई हुई थी। डिलीवरी करने के लिए उसे ग्लबज की जरूरत थी। इसलिए उसने एम्बुलैंस डयूटी कर रही नर्स को सामान निकालने के लिए कहा। लेकिन वह उस पर बिफर पड़ी। उसे खूब बुरा-भला कहा। थप्पड़ मारकर दीवार के साथ लगा देने की धमकी दे डाली। पीडि़त नर्स ने अस्पताल के कार्यकारी एसएमओ डॉ. एमके भादू, डॉ. बलेश बांसल के साथ-साथ अपने परिजनों को मौका पर बुला लिया। नर्स के परिजनों को देखकर दूसरी नर्स ने बवाल खड़ा कर दिया।
मारपीट का आरोप लगाते हुए यह नर्स एमएलआर कटवाने पर अड़ गई। इधर स्टाफ नर्सों के बीच हुए घमासान को देखने के लिए मरीजों की भारी भीड़ जुट गई। नर्सों का तमाशा करीब एक घंटा तक चलता रहा। जिससे मरीजों को काफी मुश्किल आई। बाद में मौका पर पहुंचे चिकित्सक ने नर्सों को समझाया-बुझाया तथा उनका दायित्व याद दिलाया। चिकित्सकों के अनुरोध पर एक नर्स ने झुकते हुए दूसरी को सॉरी बोल दिया। जिससे मामला निबट गया। बताते हैं कि इस मामले के बाद अस्पताल प्रशासन ने लेबर रूम के सामान का चार्ज संबंधित नर्स से छीन लिया है।
अस्पताल के कार्यकारी एसएमओ डॉ. एमके भादू ने बताया कि सामान निकालने को लेकर स्टाफ नर्सों में मनमुटाव हुआ था। दोनों को समझा-बुझाकर शांत कर दिया गया है।

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