17 सितंबर 2011

गेहूं गायब मामले में शक की सुई होमगार्ड जवानों पर


डबवाली (लहू की लौ) हरियाणा स्टेट वेयर हाऊसिंग कारपोरेशन के गांव शेरगढ़ स्थित गोदाम से गेहूं के 14 बैग गायब होने की जांच शुरू हो गई है। जांच का जिम्मा कारपोरेशन के जिला प्रबंधक ने अपने हाथों में लिया है। प्रबंधक ने गोदाम कीपर द्वारा स्टॉक में भरे गए गेहूं के बैग को कब्जे में लेकर जांच आगे बढ़ाई है। जिला प्रबंधक ने शक की सुई होमगार्ड जवानों की ओर कर दी है। जिससे मामला गंभीर होता जा रहा है।
31 अगस्त को गांव शेरगढ़ के गोदाम पर डयूटी कर रहे होमगार्ड जवान कृष्ण कुमार ने गोदाम कीपर सतिंद्र लुहान पर गाली-गलौज करके स्टॉक में जबर्दस्ती 14 बैग भरने का आरोप लगाया था। इसकी शिकायत होमगार्ड जवान ने पुलिस में की। पुलिस ने जवान तथा गोदाम कीपर के ब्यान कलमबद्ध करके अपनी कार्रवाई आगे बढ़ा दी। इस मामले में कारपोरेशन के जिला प्रबंधक एसके सिंघल ने कड़ा संज्ञान लिया है। उन्होंने मामले की जांच खुद करने का निर्णय लेते हुए स्टॉक में भरे गए 14 बैग को अवैध करार दिया है।
इस संवाददाता से बातचीत करते हुए हरियाणा स्टेट वेयर हाऊसिंग कारपोरेशन के जिला प्रबंधक एसके सिंघल ने बताया कि वे मामले की जांच कर रहे हैं। स्टॉक में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की मुहर लगे बारदाने में भरकर रखे गए गेहूं के बैग को अवैध घोषित किया है। जिला प्रबंधक ने खुलासा कि उनकी जांच के दौरान सामने आया है कि कारपोरेशन डबवाली के प्रबंधक पीके गुप्ता ने जुलाई 2011 में गांव शेरगढ़ गोदाम की फिजिकल वेरिफिकेशन की थी। लेकिन उसके बाद स्टॉक में से गेहूं के बैग कम हुए हैं। लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि उपरोक्त गोदाम में होमगार्ड के जवान 24 घंटे डयूटी देते हैं।
एसके सिंघल ने बताया कि गोदाम कीपर सतिंद्र लुहान ने उनके समक्ष स्टॉक में 14 बैग भरने की बात स्वीकारी है। वह एक मामले में सस्पेंड हुआ है। अपना चार्ज अन्य कर्मचारी को देते समय उसने स्टॉक में से 14 बैग कम पाए थे। कार्रवाई से बचने के लिए उसने 14 बैग को स्टॉक में भर दिया। हैरानीजनक बात तो यह है कि होमगार्ड जवानों की उपस्थिति में 14 बैग कम कैसे हो गए।
जिला प्रबंधक के अनुसार कारपोरेशन के डबवाली प्रबंधक पीके गुप्ता फिलहाल छुट्टी पर चल रहे हैं। छुट्टी खत्म होने के बाद उनके ब्यान कलमबद्ध किए जाएंगे। इस मामले में होमगार्ड जवानों के ब्यान भी दर्ज किए जाएंगे। उपरोक्त दोनों पक्षों के ब्यान ही कार्रवाई का आधार बनेंगे। उच्च अधिकारियों के निर्देश पर जांच में दोषी पाए जाने वाले कर्मचारियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

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