17 सितंबर 2011

बेमौसमी बरसात से 60 फीसदी कॉटन खत्म


डबवाली (लहू की लौ) मौसम के बदले मिजाज ने कॉटन हार्ट डबवाली में छेद करते हुए किसानों को भारी हानि पहुंचाई है। बरसात से यहां टिण्डे गिरे, वहीं गर्मी बढ़ जाने से पौधे भी मुरझा गए। मोटे अनुमान के अनुसार मौसम के बदले इसे मिजाज ने 60 प्रतिशत कॉटन की फसल को नुक्सान पहुंचाया है।
कृषि उपमण्डल डबवाली के तहत 90 गांव आते हैं। इन गांवों में करीब 85 हजार हेक्टेयर में कॉटन की बिजाई की गई है। कॉटन के मामले में डबवाली उपमण्डल को जिला सिरसा का हार्ट कहा जाता है। पिछले काफी अरसे से इस उपमण्डल के किसानों के लिए सफेद सोना ही जीविका का मुख्य साधन है। लेकिन बे मौसमी बरसात ने सफेद सोना पैदा करने वाले किसानों के सपनों पर पानी फेर दिया है। किसान सर्वजीत सिंह, इन्द्र सैन, जोरावर सिंह, इकबाल सिंह ने बताया कि बरसात से पूर्व उनके खेतों में फसल बहुत अच्छी खड़ी थी। टिण्डे लग चुके थे। कुछ टिण्डे खिल भी रहे थे। लेकिन अचानक मौसम में परिवर्तन हुआ। बेमौसमी बरसात उनके खेतों में कहर बनकर बरपी। जिससे पौधे पर लगे टिण्डे गिर गए। बरसात के बाद अचानक तपिश बढ़ी। जिससे लहलहाते पौधे झुलस गए।
उपमण्डल कृषि अधिकारी कार्यालय के अधिकारियों ने बेमौसमी बरसात के बाद नब्बे गांवों में सर्वे किया। सर्वे में 60 प्रतिशत कॉटन की फसल को नुक्सान पहुंचने की बात सामने आई है।
इस बात की पुष्टि करते हुए एडीओ राधेश्याम ने बताया कि कॉटन बेल्ट कहे जाने वाले गांव अबूबशहर, तेजाखेड़ा, चौटाला, सुकेराखेड़ा, जण्डवाला बिश्नोईयां, आसाखेड़ा, सकताखेड़ा, लोहगढ़ में बरसात से भारी नुक्सान हुआ है। खेतों में जमा हुए बरसाती पानी के बाद अचानक तेज खिली धूप ने पौधे को झुलसाकर रख दिया है।

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