17 सितंबर 2011

चौटाला में हजारों बेघर


मकानों, दुकानों के साथ-साथ सरकारी संपत्ति को नुक्सान
डबवाली (लहू की लौ) गांव चौटाला में बरसाती पानी ने हजारों लोगों को घर से बेघर कर दिया। मकान, दुकान गिरने के साथ-साथ सरकारी कार्यालयों की दीवारें भी गिर गई। वहीं चौटाला डिस्ट्रीब्यूटरी के साथ-साथ कब्रों में बरसाती पानी निकालने की योजना भी धरी की धरी रह गई। अब प्रशासन की ओर से गांव की काफी भूमि को जोहड़ की शक्ल देकर पानी निकाला जा रहा है।
गांव चौटाला में जमा करीब पांच फुट बरसाती पानी को निकालने के लिए प्रशासन ने ढाई किलोमीटर दूर स्थित चौटाला डिस्ट्रीब्यूटरी में पानी डालने की योजना बनाई थी। इसके लिए चार जेसीबी के साथ खाल का निर्माण कार्य शुरू कर दिया था। लेकिन डिस्ट्रीब्यूटरी गांव से करीब 12 फुट ऊंची होने के कारण पानी उसमें नहीं डाला जा सका। इस दौरान पानी निकालने के लिए लगाए गए छह पंप सैटों में से एक पंप सैट खराब हो गया। प्रशासन ने अपनी योजना को बदलते हुए पुन: बरसाती पानी को निकालने के प्रयास शुरू किए। शमशान भूमि के साथ लगती कब्रों वाली जमीन पर प्रशासन ने पानी छोडऩे का प्रयास किया। लेकिन ग्रामीणों के भारी विरोध के चलते ऐसा मुनासिब न हो सका। आखिर में गुरूवार देर रात को गांव की चारा मण्डी के पास स्थित जमीन तथा गांव के साथ लगती करीब दस एकड़ भूमि पर छह पंप सैटो की सहायता से पानी निकालने का प्रयास शुरू हुआ। दूसरी ओर बरसाती पानी के कारण करीब एक हजार घर गिर गए हैं। लोग अपने घर से बेघर हो गए हैं। कुछ लोगों ने अपने सगे संबंधियों के यहां शरण ले ली है। अधिकतर लोग गांव से बाहर ऊंची जगह पर तंबू लगाकर गांव से पानी निकलने की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
गांव के पटवारी दलीप सिंह ने बताया कि बरसाती पानी के कारण गांव में काफी नुक्सान हुआ है। मकान गिरने संबंधी करीब 500 शिकायतें उनके पास दर्ज हो चुकी हैं। इसके अतिरिक्त एक हजार घरों तथा दुकानों के साथ-साथ अस्पताल, सरकारी स्कूल, वाटर वक्र्स, पटवार खाना को भी भारी क्षति पहुंची हैं। सरकारी विभागों के कार्यालयों की दीवारें गिर गई हैं। पानी निकलने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री के पूर्व ओएसडी डॉ. केवी सिंह, एसडीएम डॉ. मुनीश नागपाल,  तहसीलदार डबवाली राजेंद्र कुमार, बीडीपीओ सतीन्द्र सिवाच, सिंचाई विभाग के एक्सीयन बीके जग्गा, एएई आरएस लुहान, सिंचाई विभाग की टेक्निकल विंग के एसडीओ एसएन गर्ग ने गांव का दौरा किया। इन लोगों ने ग्रामीणों की समस्याएं जानी।
एसडीएम डॉ. मुनीश नागपाल ने बताया कि गांव से पानी निकालने के लिए चार पंप सैटों के अतिरिक्त दो वीटी पंप लगाए गए हैं। इन पंपों की सहायता से करीब ढाई फुट पानी कम हुआ है। सभी गिरदावरों को गांव में हुए नुक्सान का सर्वे करवाने के आदेश दे दिए गए हैं। तहसीलदार राजेंद्र कुमार तथा बीडीपीओ सतीन्द्र सिवाच पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।

कोई टिप्पणी नहीं: