17 सितंबर 2011

चौटाला में 300 प्रभावित मकानों की पहचान, सर्वे जारी


डबवाली (लहू की लौ) बरसात से बुरी तरह से प्रभावित गांव चौटाला के ग्रामीणों का कहना है कि जब उनके गांव में प्रशासन आ जाता है, तो आसमान से पानी की एक बूंद भी नहीं गिरती। इसे संयोग कहें या कुछ ओर। लेकिन यही सच है। जितनी बार भी गांव में बाढ़ जैसी स्थिति बनी है, उस समय प्रशासन के पहुंचने के बाद बरसात नहीं हुई। पिछले पांच दिनों से प्रशासन ने गांव में तंबू गाड़े हुए हैं। बेमौसमी बरसात से हुए नुक्सान का आंकलन किया जा रहा है। अब तक करीब 300 घर बरसात से प्रभावित मिले हैं। यह सर्वे करीब सप्ताह भर तक चलेगा। वहीं चौटाला पुलिस चौकी की लेटरिंग और बाथरूम जमीन में धंसने की वजह से पुलिसकर्मी मुसीबत में फंस गए हैं।
लगातार पांच दिनों से हुई बरसात से गांव में भारी क्षति हुई। चार पंप सैट तथा दो वीटी पंप की मदद से गांव की गलियों में भरे पांच-पांच फुट पानी को गौशाला, चारा मण्डी तथा अन्य जमीन पर जोहड़ बनाकर निकाला गया। सबसे दिलचस्प पहलू यह रहा कि गांव चौटाला से जुड़ी राजनीतिक हस्तियों ने अपने गांव को बचाने के लिए प्रयास किए। जिला परिषद के चेयरमैन डॉ. सीता राम, मुख्यमंत्री के पूर्व ओएसडी डॉ. केवी सिंह तथा कांग्रेस नेता रणजीत सिंह मौके पर पहुंचे। इन नेताओं के समक्ष ग्रामीणों ने गांव में बोर स्थापित करवाने की मांग की। ग्रामीणों की मांग पर नेताओं ने बोर स्थापित करने की घोषणा की। वहीं सिंचाई विभाग की ओर से खोदे गए जोहड़ों को और गहरा किया जा रहा है, ताकि बारिश आने की स्थिति में गांव को डूबने से बचाया जा सके।
उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल ने बताया कि गांव चौटाला की गलियों से पानी पूरी तरह निकल चुका है। जोहड़ों को दो से तीन फुट गहरा किया जा रहा है। कानूनगो हरजंट सिंह, पटवारी दलीप कुमार, शिवप्रकाश, पंचायत सदस्य आत्मप्रकाश, रामकुमार, रामप्रताप, रणधीर तथा हरी राम गांव में हुए नुक्सान का आंकलन कर रहे हैं। मंगलवार तक हुए सर्वे में करीब 300 घर प्रभावित मिले हैं। पूरा कंपलीट सर्वे होने में कुछ दिन और लग सकते हैं। आवश्यक कार्रवाई के लिए सर्वे रिपोर्ट को सरकार के पास भेजा जाएगा।
उधर गांव चौटाला में बनी पुलिस चौकी के लेटरिंग और बाथरूम धंस गए हैं। जिसकी वजह से पुलिस कर्मियों को काफी मुश्किल पेश आ रही है। चौकी में बंद पड़ी लेटरिंग को पुन: खोला जा रहा है।
इधर ग्रामीण आश्चर्यजनक बात बता रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि गांव चौटाला में जब भी कभी मुसीबत आती है, तो प्रशासन के आने के बाद हल हो जाती है। जब से प्रशासनिक अधिकारी उनके गांव में आए हैं, तब से बरसात की एक बूंद भी गांव में नहीं गिरी।

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