17 सितंबर 2011

तीन विभाग उठाएंगे घपले से पर्दा!


डबवाली-संगरिया मार्ग की जांच का पहला चरण खत्म
डबवाली (लहू की लौ) हरियाणा की राजनीति में सबसे ऊंचे पायदान पर गिने जाने वाले गांव चौटाला की ओर जाता डबवाली-संगरिया मार्ग अपने सूरत-ए-हाल के कारण हमेशा चर्चा का विषय रहा है। आरोप है कि विपक्ष के नेता पूर्व मुख्यमंत्री चौ. ओमप्रकाश चौटाला के गृह क्षेत्र तक जाने के कारण सरकार ने इस मार्ग की सुध नहीं ली। व्यापारिक तथा सैन्य दृष्टि से महत्वपूर्ण इस मार्ग की मुरम्मत के नाम पर सरकार के अधिकारियों तथा कर्मचारियों ने अपनी जेबें भरी। क्या वाकई मुरम्मत के नाम आई राशि में गड़बड़झाला हुआ है, इसकी जांच सरकार के तीन विभाग मिलकर कर रहे हैं। जांच का पहला चरण पूरा हो गया है।
साल 2004-05 से पूर्व डबवाली-संगरिया मार्ग जीआरआईएफ (गर्वमेंट रिजर्व इंजीनियरिंग फोर्स) के हवाले था। इंडियन नेशनल लोकदल के सुप्रीमों चौ. ओमप्रकाश चौटाला ने अपनी सरकार के दौरान मार्ग  की खराब हालत को देखते हुए जीआरआईएफ से इस रोड़ को बीएण्डआर के हवाले करवा दिया था। जिससे यह रोड़ एमडीआर (मेजर डिस्ट्रिक रोड़) बन गई।  इनेलो की सरकार के समय आखिरी बार 2004-05 में इसकी मुरम्मत की गई। रोड़ की दशा सुधारने के लिए 20 एमएम की प्री मिक्स कारपेट की तह बिछाई गई। उसके बाद इस रोड़ की ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया। हालांकि इस रोड़ की मुरम्मत करने के लिए लाखों रूपए कागजों में जारी हुए। बताते हैं कि सड़क पर बने खड्ढों को भरने के लिए विभिन्न चरणों में प्रयोग हुई राशि करोड़ों में बैठती है। अक्टूबर 2010 में देश की राजधानी दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए क्वींस ऑफ बैटन 26 सितंबर 2010 को इसी मार्ग से निकली थी। आगमन के लिए विभाग ने करीब 25 लाख रूपए की राशि रोड़ की दशा सुधारने पर खर्च कर दी थी। लेकिन वर्तमान समय में सड़क पर खड्ढें ज्यों के त्यों हैं।
जिला परिषद सिरसा के चेयरमैन डॉ. सीता राम ने खड्ढे भरने में हुए गोलमाल का मुद्दा उठाया और इसकी जांच की मांग की। उनकी मांग पर जांच शुरू हुई है। जांच का जिम्मा एसडीएम डबवाली डॉ. मुनीश नागपाल के कंधों पर है। नागपाल ने रोड़ की इंक्वायरी के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। जिसमें नगर सुधार मण्डल के एमई रमेश कंबोज, बीडीपीओ डबवाली सतीन्द्र सिवाच तथा एसडीओ मार्किटिंग बोर्ड भूप सिंह शामिल हैं। इस कमेटी का अध्यक्ष बीडीपीओ को बनाया गया है। जांच शुरू हो चुकी है। जांच का पहला चरण पूरा हो चुका है। जिसके तहत पूरे रोड़ की वीडियोग्राफी करवाई गई है। दूसरा चरण आरंभ हो गया है। एक एसडीओ, एक एमई तथा सात जेई पर आधारित टीम ने लोक निर्माण विभाग भवन एवं पथ से जीरो से 31.52 किलोमीटर तक लम्बी इस रोड़ को रिकॉर्ड तलब करके इसे कई भागों में विभाजित किया है। बड़ी बारीकी से प्रत्येक एंगल से जांच की जा रही है। रिकॉर्ड के अनुसार बताए गए पेच वर्क को मापा जा रहा है।
रोड़ की जांच के लिए बनी तीन सदस्यीय कमेटी के अध्यक्ष बीडीपीओ सतीन्द्र सिवाच ने बताया कि वीडियोग्राफी होने से जांच का प्रथम चरण पूरा हो गया है। एक एसडीओ, एक एमई तथा सात जेई पर आधारित टीम ने द्वितीय चरण का कार्य शुरू कर दिया है। अगले सप्ताह तक जांच पूरी होने की उम्मीद है।
पीडब्ल्यूडी बीएण्डआर सिरसा के एक्सीयन एमएस सांगवान ने बताया कि विभाग की ओर से जांच में पूरा सहयोग दिया जा रहा है। जांच कमेटी द्वारा समय-समय पर मांगे जा रहे रिकॉर्ड को उपलब्ध करवाया जा रहा है।

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