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Lahoo Ki Lau

युवा दिलों की धड़कन, जन जागृति का दर्पण, निष्पक्ष एवं निर्भिक समाचार पत्र

24 मार्च 2011

2190 दिनों की दुश्मनी, मित्रता में बदली


डबवाली (लहू की लौ) छह साल पुराने एक लड़ाई-झगड़े के केस में वकीलों की सूझबूझ और गणमान्य लोगों के हस्तक्षेप के बाद करवाए गए राजीनामे को अदालत ने स्वीकृति प्रदान करके गांव जगमालवाली में दो गुटों के बीच चली आ रही द्वेष भावना को समाप्त करवा दिया।
गांव जगमालवाली के रणजीत सिंह पुत्र सुखदेव सिंह की शिकायत पर जुलाई 2005 को कालांवाली पुलिस ने इसी गांव के गुरमेल सिंह के खिलाफ दफा 323/324/325 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया था। जिसमें शिकायतकर्ता ने कहा था कि वह 9 जुलाई को शाम 7.30 बजे घर पर था। गुरमेल सिंह ने उस पर तेजधार हथियारों से हमला करके उसे चोटें मारी। रंजिश की वजह यह थी कि गुरमेल सिंह ने रणजीत सिंह की साली गुरमीत कौर पत्नी अमरपाल सिंह को गलत फोन किए थे। इस संबंध में रामां में पंचायत हुई थी।
इधर गुरमेल सिंह पुत्र गंगा सिंह निवासी जगमालवाली ने रणजीत सिंह निवासी जगमालवाली और राजा सिंह पुत्र मिट्ठू सिंह निवासी रामां मण्डी तहसील तलवंडी साबो के खिलाफ डबवाली अदालत में इस्तगासा दायर करके न्याय की गुहार लगाई थी। जिसमें अदालत ने दफा 323 और 506 आईपीसी के तहत दोनों को तलब किया था।
मंगलवार को अदालत ने स्टेट बनाम गुरमेल सिंह केस में गुरमेल सिंह को दोषी करार दिया था। जबकि गुरमेल सिंह बनाम रणजीत सिंह बगैरा में रणजीत सिंह बगैरा को दोषी करार दिया था। बुधवार को इन्हें सजा सुनाई जानी थी। लेकिन वकील कुलदीप सिंह सिधू और वाईके शर्मा के प्रयासों और गांव जगमालवाली के गणमान्य लोगों के हस्तक्षेप से दोनों पक्षों में राजीनामा हो गया। दोनों पक्षों ने अपने राजीनामा में लिखा कि दोनों ही पक्ष खेत पड़ौसी व घर के पड़ौसी हैं और एक ही गांव के रहने वाले हैं। पंचायती व बिरादरी ने आपस में राजीनामा करवा दिया है। दोनों पक्षों में मनमुटाव व रंजिश दूर हो गई है। यह राजीनामा दोनों ही पक्षों के हित में है। अदालत ने दोनों पक्षों की याचिका पर विचार करने के बाद राजीनामा पर मुहर लगा दी और छह वर्षों से चले आ रही आपसी कटुता को मित्रता में बदल दिया।

गरीबी ने खेत में फेंकवा दिए थे कलेजे के टुकड़े


डबवाली (लहू की लौ) गरीबी इतनी नामुराद चीज है कि अपने जिगर के टुकड़ों को भी बाहर फेंककर मरने के लिए छोड़ सकती है। इसका रहस्योद्घटन गांव चौटाला में दो अबोध बालिकाओं को बेहोशी की हालत में खेत में फेंकने वाली दो महिलाओं की गिरफ्तारी के बाद पुलिस पूछताछ के दौरान हुआ है।
अबोध बालिकाओं को बेहोशी की हालत में खेत में फेंकने की आरोपी मां और नानी को चौटाला पुलिस ने गिरफ्तार करके मंगलवार को उपमण्डल न्यायिक दण्डाधिकारी महावीर सिंह की अदालत में पेश किया। अदालत ने आरोपी महिलाओं को सात दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिए।
चौटाला पुलिस चौकी प्रभारी एसआई जीत सिंह कुंडू ने बताया कि ओमप्रकाश (35) पुत्र रामकुमार निवासी चौटाला ने लीलाधर पुत्र गंगाजल बिश्नोई से 5वें हिस्से पर जमीन खेती के लिए ली हुई है। उसके तीन बेटियां ज्योति (6), गीता (4), गुनगुन (2) हैं। 23 दिसम्बर 2010 को उसकी पत्नी सुमन (32) रजामंदी से बच्चों सहित मायके हनुमानगढ़ चली गई थी। 11 मार्च को ओमप्रकाश की पत्नी सुमन तथा सास प्रेमा देवी थ्री व्हीलर में आईं और उसकी दो बेटियां को खेत में फेंक गईं। ओमप्रकाश ने अपनी पुत्रियां गीता और गुनगुन को बेहोशी की हालत में खेत में पाया और इलाज के लिए चौटाला के सरकारी अस्पताल में दाखिल करवाया। पुलिस ने ओमप्रकाश की शिकायत पर दफा 317/34 आईपीसी के तहत अपने बच्चों को त्याग देने के आरोप में शिकायतकर्ता की पत्नी सुमन और सास प्रेमा देवी पत्नी ओमप्रकाश निवासी हनुमानगढ़ के खिलाफ केस दर्ज करके कार्रवाई शुरू कर दी थी। चौकी प्रभारी के अनुसार आरोपी सुमन तथा प्रेमा देवी को हनुमानगढ़ से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस के समक्ष दोनों आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने 11 मार्च को चौटाला रकबा के खेत में गीता और गुनगुन को भूखी-प्यासी हालत में फेंक दिया था। इसका कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि ओमप्रकाश सुमन को तंग और परेशानी करता था। गरीबी के चलते वह अपनी इन दो बेटियों को पालने में अक्षम थी। जिसके चलते उन्होंने यह अपराध किया।

मानसिक परेशानी में गाड़ी के आगे कूदा


डबवाली (लहू की लौ) कबीर बस्ती (पंजाब) के नजदीक गाड़ी के आगे कूदकर एक युवक ने जान दे दी। जिसकी पहचान गांव पन्नीवाला मोटा निवासी सतबीर उर्फ जगजीत (40) के रूप में हुई है।
मंगलवार सुबह करीब 5 बजे रेलवे में की-मैन के पद पर तैनात कन्हैया लाल रोजमर्रा की तरह लाईनों की चैकिंग कर रहा था। कबीर बस्ती के निकट लाईनों में उसे एक शव पड़ा दिखाई दिया। उसने तुरंत इसकी जानकारी स्टेशन मास्टर को दी। स्टेशन मास्टर की सूचना डबवाली जन सहारा सेवा संस्था के सदस्य मौका पर पहुंचे। इधर इसकी सूचना पाकर जीआरपी बठिंडा को दी गई।
जीआरपी बठिंडा के एएसआई गुरमेल सिंह ने मौका पर पहुंचकर युवक के शव को कब्जे में लिया और उसकी जेब तालाशी के दौरान पर्स से मिले मतदाता पहचान पत्र और लाईसेंस के आधार पर उसकी पहचान सतबीर उर्फ जगजीत पुत्र अमर सिंह निवासी पन्नीवाला मोटा के रूप में हुई। एएसआई की सूचना पाकर मृतक का भाई सुभाष मौका पर पहुंचा।
सुभाष (44) ने बताया कि बीती 22 तारीख को गांव के एक युवक लाधू राम की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई थी। जिसमें उसके भाई सतबीर का नाम घसीटा जा रहा था। पुलिस द्वारा मामले की जांच चल रही है। इसकी को लेकर उसका भाई मानसिक रूप से परेशान था। इसी परेशानी के चलते सोमवार शाम को अचानक घर से गायब हो गया और कबीर बस्ती (पंजाब) के पास गाड़ी के नीचे आकर जान दे दी।
मामले की जांच कर रहे जीआरपी बठिंडा के एएसआई गुरमेल सिंह ने बताया कि पुलिस को मृतक सतबीर के भाई सुभाष निवासी पन्नीवाला मोटा ने ब्यान दिया है कि मानसिक परेशानी के चलते उसके भाई ने गाड़ी के आगे आकर जान दी है। पुलिस ने इस आधार पर दफा 174 सीआरपीसी के तहत कार्रवाई करते हुए शव का बठिंडा के सरकारी अस्पताल से पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव को उसके वारिसों को सौंप दिया।

कोलकाता से किया था हैंड राईटिंग का डिप्लोमा


गाड़ी चोरी के आरोप में पकड़े गए 72 साल के वकील ने
डबवाली (लहू की लौ) गाड़ी चोरी के आरोप में डबवाली से पकड़े गए 72 साल के वकील धनी राम मित्तल से दिल्ली पुलिस ने रिमांड के दौरान एक सेंट्रो कार बरामद हुई है। रिमांड के दौरान मास्टरमाईंड वकील ने दिल्ली पुलिस के समक्ष एक के बाद एक सनसनीखेज खुलासे किए हैं।
इस संवाददाता से बातचीत करते हुए उत्तर-पश्चिम जिला, दिल्ली की प्रभाीर आईपीएस मीनू चौधरी ने बताया कि दिल्ली में वाहन चोर गिरोह के काफी मामले सामने आ रहे थे। बढ़ते अपराध पर अंकुश लगाने के लिए एंटी ऑटो थेफ्ट स्कवेड की एक टीम को गठित किया गया। जिसमें एसआई वेदप्रकाश, एएसआई सुरेन्द्र कुमार, एएसआई रमेश कुमार, एचसी नरेन्द्र कुमार, एचसी शेषधर आदि को शामिल किया गया। इस टीम ने गाड़ी चोर गिरोह के दो सदस्यों संजय मित्तल तथा महिपाल को काबू करने में सफलता अर्जित की। पूछताछ के दौरान संजय मित्तल पुलिस के समक्ष परत-दर-परत राज खोलता गया। पूछताछ के दौरान संजय ने गिरोह का मुख्य सरगना धनी राम मित्तल को बताया और यह भी बताया कि वे चोरी की गई गाडिय़ों को राजस्थान के अनूपगढ़ में रहने वाले तेजा सिंह नामक व्यक्ति के जरिए आगे बेचते हैं।
चौधरी के अनुसार संजय से मिली जानकारी के आधार पर टीम धनी राम मित्तल की टोह में जुट गई। गत दिवस टीम को मुखबरी मिली कि धनी राम मित्तल और तेजा सिंह डबवाली में हैं। सूचना मिलते ही टीम ने डबवाली में रेड करके दोनों को काबू कर लिया। दोनों की निशानदेही पर अनूपगढ़ में तेजा सिंह ढाणी से पुलिस को चोरी की गई अस्टीम, बलेरो, टाटा सूमो, मारूति कारें बरामद हुई। पकड़े गए दोनों आरोपियों को दिल्ली की एक अदालत में पेश करके दो दिन का रिमांड हासिल किया गया। रिमांड के दौरान धनी राम मित्तल ने काफी सनसनीखेज खुलासे किए।
चौधरी ने आगे बताया कि चोरी की गई गाडियों के जाली कागजात तैयार करके उपरोक्त गिरोह के सदस्य इन्हें आगे बेचा करते थे। जाली कागजात को तैयार करने में बड़ी सफाई से काम किया जाता था। धनी राम मित्तल ने कोलकाता से हैंड राईटिंग का डिप्लोमा किया हुआ है। वह दूसरे की लिखावट तथा साईन करने में बड़ा माहिर है।
मीनू चौधरी ने बताया कि धनी राम मित्तल एक पेशेवर मुजरिम है। इस व्यक्ति पर रोहतक, दिल्ली, हिसार, जींद, बठिंडा, करनाल, बीकानेर, गंगानगर, भिवानी, बहादुरगढ़, सोनीपत, गोहाना, बरनाला, तपा तथा फरीदाबाद पर चोरी, धोखाधड़ी, हत्या आदि के कई संगीन मामले विचाराधीन है।

बनेगा पेट्रो केमिकल जोन


फुल्लोखारी में स्थापित रिफाईनरी के लिए
डबवाली (लहू की लौ) गांव फुल्लोखारी में स्थापित रिफाईनरी की यूनिट स्थापित करने के लिए लगभग 250 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में पेट्रो केमिकल जोन का मास्टर प्लान तैयार हो जाने से संबंधित गांवों में हड़कंप मच गया है। जोन को पेट्रोल, केमिकल एण्ड पेट्रो केमिकल इनवेस्टमेंट रीजन (पीसीपीआईआर) का नाम दिया गया है। इस जोन को लेकर किसान अपनी जमीन की सुरक्षा के लिए जुटने लगे हैं। वहीं इसे जिला टाऊन प्लानिंग अधिकारी ने किसानों के लिए हितकारी करार दिया है।
रिफाईनरी की यूनिटें स्थापित करने के लिए पंजाब सरकार ने एक मास्टर प्लान तैयार किया है। इस मास्टर प्लान में ब्लाक संगत के गांवों समेत जिला बठिंडा के कई गांव शामिल हैं। रिफाईनरी में अनयूज प्रोडक्ट को नई स्थापित होने वाली यूनिटों में लाकर तैयार किया जाएगा। मास्टर प्लान में 39 गांवों को चिह्नित किया गया है। जिसमें गांव पथराला, गांव चकरूलदू सिंह वाला, कुटी किशनपुरा, जस्सी बागवाली, गुरथड़ी, फल्लड़, तरखानवाला, चकहीरा सिंह वाला, गहरी बुट्टर, धुनेवाला, महिता, शेरगढ़, माना वाला, बाघा, बंगी रूलदू, मलवाला, बंगी रूकु, कनकवाल, फुल्लोखारी, ग्याना मुख्य तौर पर शामिल हैं। मास्टर प्लान के तहत इन गांवों के 40 प्रतिशत हिस्से में ही रिफाईनरी से संबंधित औद्योगिक ईकाईयां स्थापित की जा सकेंगी।
जिला टाऊन प्लानिंग अधिकारी गुलजार सिंह ने बताया कि पीसीपीआईआर स्थापित होने से किसानों को नुक्सान नहीं बल्कि फायदा होगा। उन्होंने बताया कि औद्योगिक ईकाईयों के लिए जो मास्टर प्लान तैयार किया गया है, उसके मुताबिक उक्त क्षेत्रों को काफी लाभ होगा। मुख्य मार्ग करीब 60 मी. चौड़ा होगा। साथ में लिंक मार्ग और अन्य मार्ग भी चौड़े किए जाएंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि रिफाईनरी की ईकाईयां के लिए जमीन उपलब्ध करवाने के लिए किसी किसान को बाध्य नहीं किया जाएगा। बल्कि किसान की मर्जी होगी कि वह जमीन देगा या नहीं। उन्होंने बताया कि जोन स्थापित होने से इस क्षेत्र के युवाओं को भी रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे।
इधर जोन की स्थापना को लेकर किसानों को अपनी जमीनों को जबर्दस्ती छीनने का डर सताने लगा है। क्षेत्र के किसानों के मुताबिक जोन की आड़ में उनकी जमीनें छीनी जा सकती हैं। दूसरा क्षेत्र में जोन स्थापित होने के बाद औद्योगिक ईकाईयों से निकलने वाली हानिकारक गैस और विषैले तत्व उनके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल सकती है। किसानों ने मांग की है कि पंजाब सरकार मास्टर प्लान पर कार्य शुरू करने से पूर्व चयनित गांवों के किसानों की एक बैठक बुलाए तथा मास्टर प्लान से संबंधित जानकारी उन्हें उपलब्ध करवाए। संबंधित गांवों के किसानों ने एकजुट होना शुरू कर दिया है। उन्होंने सीधे तौर पर धमकी दी है कि अगर सरकार ने उनके क्षेत्र को औद्योगिक जोन बनाकर उनकी जमीनें छीनने का प्रयास किया तो वे पंजाब सरकार के खिलाफ आंदोलन छेडऩे को बाध्य होंगे।

बन बैठा था जज


धनी राम मित्तल कागजों में जालसाजी करके
डबवाली (लहू की लौ) गाड़ी चोरी के आरोप में पकड़ा गया रोहतक का 72 साल का वकील धनी राम मित्तल जालसाजी करके रोहतक में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रह चुका है। विभिन्न राज्यों में इस वकील पर करीब 250 मुकद्दमें चल रहे हैं। यह खुलासा दिल्ली पुलिस की जांच के दौरान हुआ है। धनी राम मित्तल को गत दिवस कार चोरी के आरोप में दिल्ली पुलिस के एंटी ऑटो थेफ्ट स्कवेड की टीम ने डबवाली से काबू किया था। आरोपी को दिल्ली की एक अदालत में पेश करने के बाद पुलिस ने दो दिन का रिमांड हासिल किया था।
जज को दिखाया बाहर का मार्ग
एंटी ऑटो थेफ्ट स्कवेड के एसआई वेदप्रकाश तथा एएसआई सुरेश शर्मा ने मोबाइल पर बताया कि रिमांड के दौरान दिल्ली पुलिस को धनी राम मित्तल के बारे में कई जानकारियां मिली हैं। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली में इस एलएलबी पास आरोपी पर जालसाजी, चोरी व अन्य वारदातों के कई मुकद्दमें चल रहे हैं। मुकद्दमों की फेहरिस्त काफी लम्बी है। धनी राम मित्तल राजस्थान के गंगानगर से एलएलबी पास है। प्रेक्टिस के लिए यह व्यक्ति रोहतक अदालत में बैठा। 1987 में रोहतक अदालत में किसी बात को लेकर जज से आरोपी की बहस हुई। आरोपी ने जज को तीन दिन के भीतर सबक सिखाने की धमकी दी।
144 आरोपी कर दिए थे बरी
एसआई के अनुसार धनी राम मित्तल ने जाली कागजात तैयार करके जज को वहां से चलता किया। बाद में जाली ऑर्डर लेकर खुद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बन बैठा। करीब डेढ़ माह तक यह बेहरूपिया अपना खेल खेलता रहा और इस खेल के दौरान उसने विभिन्न मामलों में फंसे 144 आरोपियों को बरी कर दिया। आखिर बहरूपिया का मुखोटा सामने आया, तो पुलिस ने आरोपी के खिलाफ 144 एफआईआर दर्ज कर दी।
हैंडराईटिंग की नकल उतारने में है माहिर
एसआई के अनुसार धनी राम मित्तल शातिर दिमाग का है और जाली हुबहू हस्ताक्षर करने का माहिर भी है। 1964 में पहली बार 420 के एक मुकद्दमें में दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ चुका है। काले कोट में छुपा यह शातिर अपने काले कोट की आड़ में अपराध करता रहा। कोर्ट के इर्द-गिर्द खड़ी होने वाली गाडिय़ों को उड़ाता रहा। वकील होने के कारण किसी को इस पर संदेह नहीं हुआ। जब राज खुला तो दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ गया।

दिल्ली पुलिस के अनुसार आरोपी के पास मास्टर की थी। जिसके आधार पर वह किसी भी कार का लॉक खोल लेता। आरोपी चोरी करने के बाद अपने रहने की जगह बदल लेता था।

मोबाइल चक्की के तले आकर मरा


डबवाली (लहू की लौ) गांव डबवाली के चश्मा साहिब गुरूद्वारा रोड़ पर शुक्रवार रात को एक मोबाइल चक्की (ट्रेक्टर के साथ लगी आटा चक्की) पलट गई। चक्की के नीचे आने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। जबकि एक घायल हो गया।
गांव डबवाली निवासी सुजान सिंह (50), लाभ सिंह (35) गांव शेरगढ़ से शुक्रवार रात को अपनी मोबाइल चक्की पर गांव लौट रहे थे। ट्रेक्टर को सुजान सिंह चला रहा था। चश्मा साहिब गुरूद्वारा रोड़ पर अचानक मोबाइल चक्की पलट गई। गांव डबवाली में करियाणा की दुकान चलाने वाले सुजान सिंह के बेटे बलजिन्द्र ने बताया कि सूचना पाकर वह भिन्द्र सिंह निवासी गांव डबवाली को साथ लेकर मौका पर पहुंचा। मोबाइल चक्की के नीचे दबे सुजान सिंह तथा लाभ सिंह को निकाला। सूचना पाकर मौका पर पहुंची डबवाली जन सहारा सेवा संस्था की एम्बुलैंस से दोनों घायलों को उपचार के लिए डबवाली लाया जा रहा था, तो रास्ते में ही उसके पिता सुजान सिंह ने दम तोड़ दिया। जबकि लाभ सिंह को घायल अवस्था में डबवाली के एक प्राईवेट अस्पताल में लेजाया गया।
बलजिन्द्र सिंह ने बताया कि उसके पिता सुजान सिंह ने कुछ समय पूर्व ही मोबाइल चक्की का कार्य शुरू किया था। वे गांवों में जाकर चक्की की मदद से लोगों का अनाज पिसाई किया करते थे। मामले की जांच कर रहे थाना शहर पुलिस के एएसआई रामसरूप ने बताया कि मृतक के पौत्रे भूपिन्द्र सिंह (24) पुत्र जगतार सिंह के ब्यान पर इत्तफाकिया मौत की कार्रवाई अमल में लाते हुए शव का शनिवार को डबवाली के सरकारी अस्पताल से पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव को वारिसों को सौंप दिया।

नकली चाबी से उड़ाई थी टीचर की जेन कार

डबवाली (लहू की लौ) 27 फरवरी की रात को डबवाली के वार्ड नं. 2 की दर्जियों वाली गली में से चुराई गई जेन कार को पुलिस ने बरामद कर लिया है।
डबवाली के वार्ड नं. 2 की दर्जियों वाली गली के निवासी अध्यापक राजीव रंजन की कार बीती 27 फरवरी की रात को चोरी हो गई थी। इस संबंध में गोल बाजार पुलिस ने अभियोग दर्ज कर जांच शुरू की कर दी थी। बीते दिनों पंजाब की मलोट पुलिस ने गाड़ी चोरी के आरोप में एक युवक को काबू किया। आरोपी ने अपनी पहचान दलजीत उर्फ सोनू पुत्र महेंद्र निवासी पटेल नगर मलोट के रूप में करवाई। आरोपी ने पूछताछ के दौरान पंजाब पुलिस के समक्ष डबवाली से भी कार चोरी करने की बात स्वीकारी। सहायक उपनिरीक्षक ने बताया कि शहर डबवाली पुलिस ने कार चोरी के मामले में वांछित आरोपी को मुक्तसर जेल से प्रोडेक्शन वारंट पर लिया। शुक्रवार को आरोपी को उपमंडल न्यायिक दण्डाधिकारी महावीर सिंह की अदालत में पेश करके एक दिन का रिमांड हासिल किया। रिमांड अवधि के दौरान आरोपी ने घटना स्थल की निशानदेही करवाते हुए चोरी की गई जेन कार बरामद करवाई।
जांच अधिकारी सुभाष चन्द्र ने यह भी बताया कि आरोपी दलजीत ने नकली चाबी का प्रयोग करके कार चुराई थी। वह नशे की पूर्ति के लिए कार चोरी करता है। आरोपी को शनिवार को उपमण्डल न्यायिक दण्डाधिकारी महावीर सिंह की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने आरोपी को 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिए।

वकील निकला गाड़ी चोर


दिल्ली पुलिस ने डबवाली में की रेड, बाप-बेटा दोनों करते थे गाड़ी चोरी
डबवाली (लहू की लौ) दिल्ली पुलिस के एंटी थेफ्ट स्कवेड ने रोहतक के एक नामी-गिरामी वकील को कार चोर गिरोह के सरगना के रूप में डबवाली से काबू करके चोरी की गई 10 कारें बरामद की हैं।
दिल्ली से चोरी हुई कारों की गुत्थी को सुलझाते हुए दिल्ली पुलिस के एंटी थेफ्ट सैल ने रोहतक निवासी संजय मित्तल को काबू किया था। पुलिस पूछताछ में संजय ने कार चोरी मामले में अपने पिता धनी राम मित्तल का नाम पुलिस को बताया था और यह भी बताया था कि वे दोनों बाप-बेटा मिलकर गाडिय़ां चुराते हैं। चोरी की गाडिय़ों को राजस्थान के अनूपगढ़ के रहने वाले जमींदार तेजा सिंह की मार्फत पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में बेचते हैं।
सैल के एसआई वेदप्रकाश ने बताया कि संजय से मिली जानकारी के आधार पर सैल ने अपना कार्य शुरू कर दिया। दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास शुरू कर दिए। इसी दौरान सैल को मुखबरी मिली कि आरोपी धनी राम मित्तल तथा तेजा सिंह को डबवाली में देखा गया है। सूचना पाकर वे अपनी टीम के साथ डबवाली पहुंचे और यहां से धनी राम मित्तल और तेजा सिंह को दबोच लिया। पुलिस को तेजा सिंह की ढाणी से दिल्ली से चोरी की गई 10 गाडिय़ां बरामद हुई हैं। जिनमें अस्टीम, बलेरो तथा मारूति शामिल हैं।
एसआई के अनुसार पकड़ा गया आरोपी धनी राम मित्तल पेशे से वकील है। जोकि रोहतक (हरियाणा) का रहने वाला है। धनी राम मित्तल और उसका बेटा संजय मित्तल दोनों दिल्ली से गाडिय़ां चोरी किया करते थे। बाद में चोरी की गाडिय़ों को राजस्थान के अनूपगढ़ के रहने वाले तेजा सिंह के यहां ढाणी में खड़ी कर देते। तेजा सिंह दलाल के रूप में इन गाडिय़ों को साथ लगते राज्यों में बेचता था। उन्होंने यह भी बताया कि पकड़े गए आरोपी धनी राम मित्तल पर कई केस रजिस्टर्ड हैं।
यूं मिले आरोपी
एसआई वेदप्रकाश के अनुसार संजय मित्तल और तेजा सिंह पंजाब की एक जेल में बंद थे। वहीं वे एक-दूसरे के संपर्क में आए और उन लोगों ने अपना नेटवर्क तैयार किया।

12 मार्च 2011

गंडासा मारकर किसान की हत्या


महिला सहित चार पर हत्या का मामला दर्ज, आरोपियों को पकडऩे के लिए पांच टीमें गठित
डबवाली (लहू की लौ) गांव डबवाली के चश्मा साहिब गुरूद्वारा रोड़ पर रास्ते की मिट्टी को लेकर उपजे विवाद में शुक्रवार दोपहर को चार जनों ने एक किसान का बेरहमी से कतल कर दिया। हत्यारों में एक महिला भी शामिल है। पुलिस ने चार जनों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करके उनकी तालाश शुरू कर दी है। आरोपियों की तालाश के लिए पुलिस ने पांच टीमें गठित की हैं।
गांव डबवाली निवासी जसकरण सिंह (35) पुत्र नाजर सिंह चश्मा साहिब गुरूद्वारा रोड़ पर स्थित अपने खेत में कार्य कर रहा था। खेत में खुशकरण सिंह पुत्र नाहर सिंह, हरमंदर सिंह पुत्र बलजिन्द्र सिंह निवासी गांव डबवाली भी मौजूद थे। खेत में सब्जी की बिजाई के लिए कम्प्यूराईज्ड कराहा से समतल करने का कार्य चल रहा था। मिट्टी खेत के साथ जा रहे मार्ग में डाली जा रही थी। इस दौरान खेत के पास रह रहे जगसीर सिंह नामक व्यक्ति ने इस मार्ग पर मिट्टी डालने पर एतराज किया और इसको लेकर उनमें तकरार हो गई।
जोगिन्द्र सिंह (51) निवासी गांव डबवाली ने बताया कि जगसीर सिंह, राजविंद्र सिंह, खुशविंद्र सिंह पुत्रान जगसीर सिंह, बेअंत कौर पत्नी जगसीर सिंह घर से तेजधार हथियार उठा लाए और जसकरण पर हमला कर दिया। अपनी जान बचाकर भागता हुआ जसकरण वहीं गिर गया। आरोपियों ने तेजधार हथियारों से उस पर कई वार किए। जगसीर बगैरा तब तक वार करते रहे जब तक जसकरण ने दम नहीं तोड़ दिया।
हत्या की सूचना पाकर एसपी सिरसा सत्येंद्र गुप्ता, डीएसपी डबवाली बाबू लाल ने घटना स्थल का निरीक्षण किया। मौका पर एसपी सत्येंद्र गुप्ता ने मामला दर्ज करके आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी के लिए अपने अधिनस्थ अधिकारियों को आदेश दिए।
डीएसपी बाबू लाल ने बताया कि पुलिस ने जोगिन्द्र सिंह (51) पुत्र नरायण सिंह निवासी गांव डबवाली के ब्यान पर उसके भतीजे जसकरण उर्फ लीला की गंडासे मारकर हत्या करने के आरोप में जगसीर सिंह उर्फ जग्गा, बेअंत कौर पत्नी जगसीर सिंह, राजविंद्र सिंह, खुशविंद्र सिंह पुत्रान जगसीर सिंह के खिलाफ दफा 302/34 आईपीसी के तहत मामला दर्ज करके आरोपियों की तालाश शुरू कर दी गई है।
डीएसपी के अनुसार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पांच टीमें गठित की गई हैं। जिनका नेतृत्व थाना शहर प्रभारी बलवंत जस्सू, सीआईए डबवाली प्रभारी एसआई हवा सिंह, एएसआई कृष्ण कुमार, एएसआई साधु राम, एएसआई राजकुमार कर रहे हैं।

11 मार्च 2011

मैं पापी तू बख्शन हार


समारोह : वैश्य महासम्मेलन ने सांसद नवीन जिन्दल के बर्थ-डे पर सम्मानित किए नेत्रदानी परिवार    डबवाली (लहू की लौ) अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन की ओर से सांसद नवीन जिन्दल के 41वें जन्मदिवस पर बुधवार शाम को हरियाणा पब्लिक स्कूल के प्रांगण में 'ओपी जिन्दल पुरस्कार वितरण एवं विशाल सांस्कृतिक कार्यक्रमÓ का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का आगाज सिरसा से आए कलाकार गुरप्रीत सिंह घुग्घी ने 'मैं पापी तू बख्शन हारÓ से किया। बस दा पंजाब एवं 'राहे-राहे जांदेआ नूं घुट पानी दी तूं पिला दे...Ó , 'आऊंदी कुडि़ए-जांदी कुडि़ए बाजार चो जूती ले आंवी...Ó  के बोल पर सग्गी गिद्दा, पंजाबी बोलियों की प्रस्तुति देकर कलाकारों ने दर्शकों को थिरकने पर मजबूर कर दिया। महासम्मेलन की ओर से मरणोपरांत नेत्रदान कर चुके स्व. विद्या देवी मित्तल, स्व. हंसराज गर्ग, स्व. मिठू राम सोनी, स्व. कमला देवी गर्ग, स्व. केदारनाथ भाटी एडवोकेट व रामकिशन ग्रोवर के परिवारों को ओपी जिन्दल पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के संरक्षक राम प्रकाश सेठी, रूप चन्द सेठी, योगेश गर्ग ने मरणोंपरांत शरीर दान करने की घोषणा की।
कार्यक्रम में एसडीएम डॉ. मुनीश नागपाल मुख्यातिथि के रूप में शरीक हुए। जबकि अध्यक्षता ज्योतिषी पं. लाल जी शास्त्री ने की। डबवाली शहरी कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पवन गर्ग, संदीप चौधरी, सुशील बांसल, भगवान श्री कृष्ण कॉलेज एजुकेशन की प्रधानाचार्या डॉ. पूनम गुप्ता, गुरूनानक कॉलेज किलियांवाली की प्रधानाचार्या डॉ. इंदिरा अरोड़ा तथा दि आर्ट ऑफ लिविंग के प्रतिनिधि डॉ. प्रेम छाबड़ा विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए।
इस अवसर पर महासम्मेलन के राज्य उपाध्यक्ष सुरेंद्र सिंगला, शाखा अध्यक्ष प्रीतम बांसल, एडवोकेट सुरेश शर्मा, बहादर सिंह कूका, नगर पार्षद विनोद बांसल, पूर्व पार्षद पवन सेठी, सतीश जग्गा, केशव शर्मा, पूर्व प्रधानाचार्य आत्माराम अरोड़ा, चिमन लाल मिढ़ा, मोहन लाल कौशिक, कृष्ण सेतिया, एसके दूआ, प्रकाशचंद बांसल, रविंद्र छाबड़ा, पं. मुरारी लाल शर्मा, देवराज बांसल, रोहित बांसल व हंसराज गोयल आदि उपस्थित थे। इस मौके पर मंच का संचालन एचपीएस स्कूल के आचार्य रमेश सचदेवा ने बखूबी किया।

दो हादसों में 18 घायल


डबवाली (लहू की लौ) नेशनल हाईवे 10 पर बुधवार रात को हुई दो सड़क दुर्घटनाओं में 18 जनें घायल हो गए। जिन्हें उपचार के लिए डबवाली, लम्बी तथा गांव बादल स्थित सरकारी अस्पतालों में उपचार के लिए लेजाया गया। दोनों ही परिवार संस्कार के बाद अपने-अपने गंतव्य की ओर जा रहे थे।
किलियांवाली में अबोहर रोड़ कैचियां पर प्राईवेट बस के फीटर रेहड़ा से टकरा जाने से फीटर रेहड़ा चालक सहित 13 लोग घायल हो गये। जिन्हें गम्भीर हालत में लम्बी के सरकारी अस्पताल में डबवाली जन सहारा सेवा संस्था की एम्बुलैंस ने पहुंचाया। गांव बिदोवाली से रूप सिंह का परिवार फीटर रेहड़ा पर सवार होकर गांव डबवाली में काका सिंह के साडू सतनाम सिंह के संस्कार पर आये हुए थे और शाम 3 बजे संस्कार के बाद वापिस गांव लौट रहे थे। जैसे ही उनका फीटर रेहड़ा किलियांवाली में अबोहर कैंचियों के पास पहुंचा तो अबोहर साईड से आई प्राईवेट बस फीटर रेहड़ा से टकरा गई और फीटर रेहड़ा पलट गया। जिससे फीटर रेहड़ा चालक सहित 13 लोग घायल हो गये। घायलों में फीटर रेहड़ा चालक बिल्लू सिंह, सवारियां काकू सिंह, गुरदेव सिंह, सुखजीत कौर, गुलाब कौर, मनजीत कौर, महिन्द्र कौर, रानी कौर, सुरजीत कौर, श्रृंगारा सिंह, जंगीर कौर के नाम शामिल हैं। घायलों को लम्बी के सरकारी अस्पताल में ले जाया गया। घटना की सूचना पाकर किलियांवाली चौकी प्रभारी एएसआई कश्मीरी लाल मौका पर पहुंचे। चौकी प्रभारी ने बताया कि दुर्घटना करने वाली जनता बस सर्विस अबोहर की बस को काबू कर लिया गया है जबकि मौका से बस चालक फरार हो गया। घायलों के ब्यानों के बाद बस चालक के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही की जायेगी।
मलोट रोड़ पर स्थित श्री हनुमान मंदिर के पास मिट्टी की भरी एक ट्राली से स्विफ्ट कार के टकरा जाने से कार में सवार 5 लोगों को चोटें आयीं। समालखां निवासी सुरेश कुमार (47) पुत्र बख्तावर मल खूंगर ने बताया कि वे बुधवार सुबह 8.30 बजे समालखां से अबोहर के लिए रवाना हुए थे। उसके साथ उसका छोटा भाई श्याम सुन्दर (45), पत्नी उषा रानी (40), बहन प्रेम लता (37) पत्नी प्रवीन कुमार, जीजा पवन कुमार पुत्र नन्द लाल था। अबोहर में बुआ की बेटी हरजीत  का संस्कार करवाने के बाद वह लोग शाम को 7.30 बजे समालखां के लिए अबोहर से रवाना हुए। लेकिन उनकी स्विफ्ट कार जैसे ही मलोट रोड़ पर किलियांवाली में स्थित हनुमान मंदिर के पास रात्रि 8.30 बजे पहुंची तो आगे जा रही मिट्टी की भरी ट्राली से जा टकराई। जिससे उस सहित कार में सवार सभी लोग घायल हो गये। कार बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। घायलों को डबवाली जन सहारा सेवा संस्था के चालक कुलवन्त सिंह ने सरकारी अस्पताल डबवाली में पहुंचाया। घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद रोहतक रैफर कर दिया गया।
किलियांवाली चौकी के प्रभारी एएसआई कश्मीरी लाल ने बताया कि घायलों ने किसी पर भी कार्रवाई करवाने से इंकार कर दिया है।

09 मार्च 2011

बच्चे के पेट से निकला कीड़ों का ढ़ेर


डबवाली (लहू की लौ) चार वर्ष के बच्चे के पेट से एक-एक फुट लम्बे 50 कीड़े निकलने से बच्चे के अभिभावक हतप्रभ हैं।
किलियांवाली की भाटी कलोनी निवासी भरपूर राम ने बताया कि उसका 4 वर्षीय बेटा पवनदीप पहली कक्षा का छात्र है। पिछले तीन माह से वह मिट्टी खाने लगा था और उसके पेट में दर्द था, पेट फूल गया। उन्होंने अपने बेटे को एक प्राईवेट डॉक्टर को दिखाया। डॉक्टर की दवा से उसके पेट से ढेर सारे कीड़े निकले। अब पवनदीप राहत महसूस कर रहा है।
आरएमपी डॉ. नानक ने बताया कि उसके पास पवनदीप को पेट दर्द के चलते इलाज के लिए लाया गया था। उसे लगा कि जिस प्रकार से बच्चे के पेट में दर्द के लक्षण बताये गये हैं वह पेट में कीड़ों के कारण से हैं। इस पर उसने कीड़ों की दवा की दो शीशियां पीने को दीं। जिससे कीड़े पेट से बाहर निकल गये।

डीएसपी के खिलाफ नारेबाजी


डबवाली (लहू की लौ) गांव लोहगढ़ में विवाहिता कर्मजीत कौर की मौत के प्रकरण को लेकर थाना सदर में सोमवार को दोनों पक्षों के बीच चल रही बैठक के दौरान कहासुनी हो गई। लड़की के पक्षकारों ने बैठक का बहिष्कार करते हुए थाने का घेराव कर डाला। बैठक के अध्यक्ष डीएसपी पर आरोपी परिवार का पक्ष लेने का आरोप लगाते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। इधर डीएसपी ने लड़की पक्ष पर जांच को प्रभावित करने का आरोप लगाया है।
बीते गुरूवार को गांव लोहगढ़ में विवाहिता कर्मजीत कौर की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई थी। कर्मजीत के भाई जगसीर सिंह के ब्यान पर पुलिस ने कर्मजीत के पति जगपाल सिंह, सास हरबंस कौर तथा देवर बग्घा निवासीगण लोहगढ़ के खिलाफ मरने के लिए मजबूर करने के आरोप में मामला दर्ज करके जगपाल को गिरफ्तार कर लिया था। इधर हरबंस कौर ने पुलिस कप्तान सिरसा सतेंद्र गुप्ता को एक दरखवास्त देकर स्वयं तथा अपने बेटे बग्घा सिंह को निर्दोष बताते हुए जांच की मांग की थी।
एसपी ने इस दरखवास्त के आधार पर जांच का कार्य डीएसपी डबवाली बाबू लाल को सौंप दिया। डीएसपी बाबू लाल ने जांच आरंभ करते हुए दोनों पक्षों को रविवार को थाना सदर में बुलाया। लेकिन किसी कारण पंचायत नहीं हुई। सोमवार को पुन: दोनों पक्ष थाना सदर में उपस्थित हुए। बैठक के दौरान किसी बात लेकर दोनों पक्षों में तकरार हो गई। मामला तूल पकड़ गया। लड़की पक्ष ने जांच पर संदेह करते हुए बैठक का बहिष्कार कर दिया। थाने का घेराव करके नारेबाजी शुरू कर दी।
लड़की पक्ष के मेजर सिंह, जगसीर सिंह, गुरसेवक सिंह, हरदीप सिंह, हरभजन सिंह, लखवीर सिंह, मनदीप सिंह, अमरीक सिंह, बलदेव सिंह, जितेन्द्र सिंह निवासी घुकांवाली ने आरोप लगाया कि डीएसपी बाबू लाल उन पर कर्मजीत की सास हरबंस कौर तथा देवर बग्घा सिंह को केस से निकलवाने के लिए दबाव डाल रहा है। बैठक के दौरान डीएसपी उन्हें बार-बार दबाने का प्रयास कर रहा था और साथ में दुव्र्यवहार भी कर रहा था।
लड़का पक्ष के जगदेव सिंह निवासी कर्मगढ़ छत्तरां (बठिंडा), गांव लोहगढ़ के सरपंच प्रतिनिधि नछत्तर सिंह, हरबंस सिंह नंबरदार, कुलवंत सिंह पूर्व पंच, जसविंद्र सिंह, सुखपाल सिंह, अंग्रेज सिंह, साहिब सिंह निवासीगण लोहगढ़ ने बताया कि बैठक शांति से चल रही थी। लेकिन लड़का पक्ष ने दबाव की रणनीति के तहत बवाल खड़ा कर दिया और बैठक से उठकर चले गए। इन लोगों ने मांग की कि मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
डीएसपी बाबू लाल ने बताया कि उन पर लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं। एसपी सतेंद्र गुप्ता ने हरबंस कौर की याचिका पर सुनवाई करते हुए मामले की जांच उन्हें सौंपी थी। अभी जांच चल रही है। दोनों पक्षों को जांच के लिए थाना में बुलाया गया था। शांतिप्रिय माहौल में चल रही बैठक के दौरान लड़की पक्ष की ओर से आए एक रिटायर्ड पुलिस अधिकारी ने माहौल बिगाड़ दिया। लड़की पक्ष बैठक से उठकर चला गया। पुलिस पर दबाव बनाने तथा जांच प्रभावित करने के लिए इन लोगों ने नारेबाजी करनी शुरू कर दी। डीएसपी के मुताबिक जांच के दौरान पूरी ईमानदारी से कार्य किया जा रहा है। किसी भी निर्दोष को बलि का बकरा नहीं बनने दिया जाएगा।

प्रेमी जोड़े ने थाना में रचाई शादी


डेढ़ साल पहले ऋषिकेश में एसटीडी पीसीओ पर मिले थे दोनों
डबवाली (लहू की लौ) करीब डेढ़ साल पहले धार्मिक नगरी ऋषिकेश के एक एसटीडी पीसीओ पर फोन करने गए एक युवक की पीसीओ ऑपरेटर एक युवती से मित्रता हो गई। बाद में यह मित्रता प्रेम में तबदील हो गई। दोनों ने विवाह रचाकर घर बसाने का मन बनाया। लेकिन दोनों के प्यार में जाति आड़े आ रही थी। अपने प्यार को परवान चढ़ाने के लिए प्रेमी जोड़ा घर से भाग गया। जाति की सीमाओं को लांघते हुए दोनों परिवारों ने युवक-युवती की शादी कर दी।
डबवाली के वार्ड नं. 10 का निवासी पवन कुमार (21) पुत्र सुरेन्द्र कुमार डेढ़ वर्ष पूर्व ऋषिकेश में अपने नौनिहाल गया हुआ था। वहां रेलवे रोड़ पर स्थित एक एसटीडी पर फोन करने के लिए गया तो वहां की ऑपरेटर आरती शर्मा से उसकी आंखे चार हो गई। धीरे-धीरे दोनों एक-दूसरे के प्यार में बंध गए। पवन का वहां आना-जाना शुरू हो गया। उन दोनों ने शादी करवाने का फैसला लिया। 2 मार्च को शादी करवाने के लिए दोनो ऋषिकेश से बिना कुछ बताए भाग कर डबवाली आ गए।
आरती (19) पुत्री दिनेश कुमार शर्मा निवासी कृष्ण नगर कलोनी, नजदीक आईडीपीएल ऋषिकेश ने बताया कि डेढ़ वर्ष पूर्व उसका पवन से प्यार हुआ था। वह इन्टर पास है, एसटीडी पीसीओ पर बतौर ऑपरेटर काम करती थी। एक दिन पवन एसटीडी में टेलीफोन करने के लिए आया और वह उसकी हो गई। उसने बताया कि इस प्रेम प्रसंग के संबंध में उसने अपने माता-पिता से कभी बात नहीं की। लेकिन उसकी बहनों को इसकी जानकारी थी। 2 मार्च को वह ऋषिकेश से हरिद्वार आए और हरिद्वार से बठिंडा पहुंच गए। वहां से फिर वह 5 मार्च को बठिंडा से डबवाली आ गए। लेकिन शाम को जब वापिस हरिद्वार वाली गाड़ी से ऋषिकेश लौट रहे थे, तो जीआरपी ने रेलवे स्टेशन पर उन्हें दबोच लिया।
पवन (21) निवासी डबवाली ने बताया कि वह डीजे में काम करता है। वह पिछले पांच सालों से ऋषिकेश में अपने नौनिहाल में आता-जाता है। करीब डेढ़ वर्ष पूर्व ऋषिकेश में एक पीसीओ पर वह फोन कर रहा था। वहीं आरती से उसके प्रेम संबंध हो गए। उसने आरती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया है और उसे पाकर वह खुश है।
जीआरपी डबवाली के एएसआई इकबाल सिंह ने बताया कि रेलवे स्टेशन पर एक युवक और युवती बैठे हुए थे। उन्हें संदेह हुआ कि यह जोड़ी भागकर आई है। पूछताछ करने पर दोनों ने सही बात बता दी। युवती ने अपना नाम आरती शर्मा और युवक ने अपना नाम पवन बताया। दोनों के परिजनों को टेलीफोन से जानकारी दी। 7 मार्च को जीआरपी में आरती का पिता ऋषिकेश से दिनेश कुमार शर्मा (65) पहुंचा। उधर पवन का दादा रेशम कुमार अरोड़ा (65)   निवासी डबवाली अपने वार्ड के पार्षद टेकचंद छाबड़ा के साथ चौकी पहुंचा। अपने परिजनों के समक्ष लड़का-लड़की ने शादी की इच्छा जताई। अलग-अलग जाति से संबंधित होने के बावजूद दोनों परिवारों ने लड़का और लड़की को रंजामंदी दे दी। लड़का और लड़की ने जीआरपी चौकी में ही एक-दूसरे के गले में मालाएं डालकर शादी रचा ली। दोनों पक्षों ने पुलिस को लिखकर दे दिया है कि दोनों परिवार इस शादी से सहमत हैं और वे इस संबंध में किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करवाना चाहते।
आरती के पिता ऋषिकेश निवासी दिनेश कुमार शर्मा सेवानिवृत हवलदार आर्मी ने बताया कि उसे आरती और पवन के बीच प्रेम संबंधों के बारे में 2 मार्च से पूर्व कोई जानकारी नहीं थी। जब ये लोग ऋषिकेश से भागे तो उसे पता चला। इस संबंध में जब उसने अपने घर में बातचीत की तो आरती की बहनों ने बताया कि उसके पास एक लड़का आता-जाता था। शर्मा के अनुसार उसने अपनी बेटी की इच्छा के मुताबिक उसकी शादी पवन से करवा दी।
इधर पवन के दादा रेशम अरोड़ा निवासी डबवाली ने बताया कि उसने अपने पोते की इच्छा को रखते हुए उसकी शादी आरती से करवा दी।

05 मार्च 2011

सीबीआई जांच की मांग


गुरदेव कौर हत्या मामले ने तूल पकड़ा, गांव में पुलिस फोर्स तैनात
डबवाली (लहू की लौ) गांव सांवतखेड़ा में 11 फरवरी को 73 साल की वृद्धा गुरदेव कौर की हत्या का मामला तूल पकड़ गया है। हत्या के आरोप में पकड़े गए युवक के परिजनों ने युवक को मामले में झूठा फंसाए जाने का आरोप पुलिस पर लगाया है। वहीं मामले की जांच सीबीआई से करवाए जाने की मांग भी उठने लगी है। उधर आरोपी परिवार के बहिष्कार करने की अफवाह के चलते गांव में पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है।
11 फरवरी को गांव सांवतखेड़ा में गुरदेव कौर (73) की हत्या कर दी गई थी। उसका शव सरसों के खेत में आपत्तिजनक हालत में मिला था। वृद्धा की हत्या के आरोप में पुलिस ने गांव के ही गुरदीप उर्फ बोला उर्फ निक्का को काबू किया था। लेकिन गुरूवार शाम को आरोपी के परिवार का सामाजिक बहिष्कार करने की अफवाह ने बवाल खड़ा कर दिया। इस अफवाह ने पुलिस के भी हाथ-पांव फूला दिए। किसी भी अनहोनी से निपटने के लिए शुक्रवार सुबह ही भारी संख्या में पुलिस दलबल गांव में पहुंच गया।
एक दलित परिवार के सामाजिक बहिष्कार की अफवाह की सूचना पाकर इंडियन बहुजन संदेश पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष करनैल सिंह औढ़ां पीडि़त परिवार के घर पहुंचे। यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए करनैल सिंह औढ़ां ने कहा कि देश के संविधान में किसी भी जाति विशेष का बहिष्कार करने का किसी को अधिकार नहीं है। अगर कोई ऐसा करता है, तो उसके विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता के तहत कार्रवाई अमल में लाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि वृद्धा की हत्या का अपराधी पकड़ा जाना चाहिए। लेकिन किसी बेकसूर को पकडऩा न्याय संगत नहीं है। उन्होंने इस मामले की सीबीआई जांच करवाए जाने की मांग की।
इधर हत्या के आरोप में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए गुरदीप उर्फ बोला उर्फ निक्का के पिता बंता सिंह, माता तेज कौर, भाई जगसीर सिंह, पत्नी हरजिन्द्र कौर तथा बहन कर्मजीत कौर ने गुरदीप को निर्दोष बताते हुए कहा कि उसे गांव के सरपंच रणजीत सिंह ने रंजिश के चलते झूठा फंसाया है। उन्होंने पुलिस पर भी आरोप लगाया कि पुलिस ने बिना जांच किए गुरदीप उर्फ बोला को प्रताडि़त किया और फंसाया। उन्होंने यह भी बताया कि गुरदीप सिंह ने कभी भी वृद्धा के परिवार में नौकरी नहीं की। जबकि पुलिस गुरदीप को मृतका के परिवार का नौकर बता रही है।
गांव के सरपंच रणजीत सिंह ने निक्का के परिवार द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि इस मामले में उसका कोई हस्तक्षेप नहीं है। पुलिस ने अपनी जांच के बाद ही वृद्धा की हत्या का आरोपी निक्का को पाया। उसने यह भी कहा कि उसकी निक्का से कोई पुरानी रंजिश नहीं है। सरपंच ने निक्का के परिवार के बहिष्कार को झूठी अफवाह करार देते हुए कहा कि इस संबंध में कहीं भी मुनादी नहीं हुई है और न ही पंचायत ने इस संदर्भ में कोई प्रस्ताव पारित किया है।
मृतक वृद्धा के भाई जय सिंह ने कहा कि उनके घर पर गुरूवार को किसी तरह की कोई महापंचायत नहीं हुई। बल्कि बहिष्कार का शगूफा शरारती तत्वों की कपोल कल्पना है। किसी ने भी गांव में किसी परिवार का कोई बहिष्कार नहीं किया। हत्या के आरोप में पकड़े गए गुरदीप उर्फ निक्का के परिवार से उनकी कोई रंजिश नहीं है और न ही उनके परिवार का कोई व्यक्ति उनके पास नौकरी करता रहा है। उसकी बहन गुरदेव कौर की हत्या की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और हत्यारा पकड़ा जाना चाहिए। इसके लिए सरकार सीबीआई की जांच करवाए।
एसपी सिरसा सत्येंद्र गुप्ता ने बताया कि एतिहात के तौर पर गांव सांवतखेड़ा में फोर्स तैनात की गई है। ताकि असामाजिक तत्व अफवाह फैलाकर गांव का माहौल न बिगाड़ें।

ससुरालियों के लालच ने ली कर्मजीत की जान


डबवाली (लहू की लौ)  जमीन के लालच में पति, देवर और सास ने मिलकर एक विवाहिता की जान ले ली। पुलिस ने मृतका के भाई की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करके आगामी कार्यवाही शुरू कर दी है।
गांव घुकांवाली के जगसीर सिंह (35) पुत्र बारू सिंह ने बताया कि वर्ष 2000 में उसकी छोटी बहन कर्मजीत कौर की शादी गांव लोहगढ़ में जगपाल सिंह पुत्र गुरचरण सिंह के साथ हुई थी। शादी में हैसियत से बढ़कर उन्होंने अपनी बहन को दान-दहेज दिया था। इस दौरान कर्मजीत कौर के बेटा हुआ। जिसका नाम अर्शदीप है। अब उसकी आयु करीब 9 साल है। गुरूवार शाम को गांव लोहगढ़ के बलविंद्र सिंह पटवारी ने उसे सूचना दी कि कर्मजीत कौर की मौत हो गई है। उसे डबवाली के सरकारी अस्पताल में रखा गया है। इसकी सूचना पाकर वह मौका पर पहुंचा। उसने देखा कि उसकी बहन के गले पर निशान हैं और मुंह से खून की लार बह रही है। उसकी बहन को मरने के लिए मजबूर किया गया है या फिर उसे मारा गया है। उसके अनुसार उसकी तीन अन्य बहनें भी हैं। वीरां और रानी उससे बड़ी हैं जबकि कर्मजीत कौर उससे छोटी थी और जसप्रीत कौर भी उससे छोटी है। उनके पास कुल 26 किल्ले जमीन है। 7 माह पूर्व उसके पिता बारू सिंह की मौत हो गई थी। इसके बाद जमीन को 6 हिस्सों में बांट दिया गया। उसकी चारों बहनों ने अपने हिस्से की जमीन उसे देना तय कर लिया। तीन माह पूर्व उन्होंने अपनी जमीन उसके नाम करवा दी।
कर्मजीत कौर का पति जगपाल सिंह पुत्र गुरचरण सिंह, देवर बग्गा सिंह तथा सास हरबन्स कौर को यह बात बर्दाश्त नहीं हुई और वह लोग उससे ज्यादा मारपीट करने लगे। वे चाहते थे कि कर्मजीत कौर के हिस्से आने वाली करीब 4 एकड़ जमीन जगसीर सिंह के नाम न करके  उनके नाम कर दी जाये। इसको लेकर उसकी बहन कर्मजीत कौर के ससुराली उसे परेशान करते थे। 10 दिन पूर्व उसकी बहन का फोन उसके पास आया और वह कहने लगी कि जमीन उनके नाम न करवाये जाने पर उसके ससुराली उसे मारने की धमकी दे रहे हैं और परेशान कर रहे हैं। बहन का फोन आने वह गांव के ही बलदेव सिंह, गुरसेवक सिंह, मनजीत सिंह के साथ लोहगढ़ गया और उन्हें समझाया, साथ में दो लाख रूपये देकर उन्हें कहा कि इसके बाद वे उसकी बहन को तंग व परेशान न करें।
सरकारी अस्पताल डबवाली के डॉक्टर एमके भादू ने बताया कि अस्पताल में वीरवार रात को लगभग 8.30 बजे कर्मजीत कौर को मृत अवस्था में लाया गया था। उसके गले पर रस्सी का निशान था। शुक्रवार को चौटाला पुलिस चौकी की कार्यवाही के बाद उन्होंने अपने साथी डॉ. बलेश बांसल के  साथ शव का पोस्टमार्टम करना था। लेकिन लड़की पक्ष के लोग पोस्टमार्टम सिरसा में करवाना चाहते थे। इसलिए लाश को पोस्टमार्टम के लिए सिरसा रैफर कर दिया गया।  थाना सदर पुलिस प्रभारी उपनिरीक्षक रतन सिंह ने बताया कि जगसीर सिंह निवासी घुकांवाली के ब्यान पर उसकी बहन कर्मजीत कौर को मरने के लिए मजबूर करने के आरोप में गांव लोहगढ़ के जगपाल सिंह, बग्घा सिंह तथा हरबन्स कौर के खिलाफ धारा 306/34 आईपीसी के तहत केस दर्ज करके लाश का पोस्टमार्टम सिरसा के सिविल अस्पताल से करवाने के बाद बिसरे को जांच के लिए प्रयोगशाला मधुबन भेज दिया गया है। मामले की जांच चौटाला पुलिस चौकी प्रभारी एसआई जीत सिंह कर रहे हैं।

फिल्मों में प्रवेश करने के लिए मॉडलिंग इजी-वे


डबवाली (लहू की लौ) मॉडलिंग फिल्मों में प्रवेश करने का इजी वे है। लेकिन मेहनत और लगन के बिना मॉडलिंग भी आसान नहीं। यह कहना है प्रसिद्ध पंजाबी फिल्म हश्र के विलन विक्टर जॉन का।
वे गुरूवार को मण्डी किलियांवाली के नीलकंठ मैरिज पैलेस में एक पंजाबी एलबम की शूटिंग के दौरान पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 2001 में उन्होंने पंजाबी गीत रस भीनी-भीनी बहा जोगिया.. से मॉडलिंग की दुनियां में प्रवेश किया था। उसके बाद उनके मॉडलिंग में शूट किए गए गीत नैण नैला नाल मिला लीं, बाजी मार गया बठिंडा वाला गबरू काफी हिट हुए। उन्होंने बताया कि मॉडलिंग में युवाओं के लिए आपार संभावनाएं हैं। लेकिन भारतीय समाज मॉडलिंग को पश्चिमी कल्चर की संज्ञा देता है, जबकि ऐसा नहीं है। उनके अनुसार एक मॉडल भारतीय संस्कृति में रहकर भी बुलंदियों को छू सकता है।
प्रसिद्ध पंजाबी फिल्म मिट्टी तथा हश्र में भूमिका निभा चुके विक्टर जॉन जल्द आ रही पंजाबी फिल्म मित्रां दा ना चलदा में मुख्य किरदार की भूमिका में रूपहले पर्दे पर नजर आएंगे।

विलन की भूमिका में पुलिस वाला


डबवाली (लहू की लौ) फिल्म इंडस्ट्री में बॉम्बे नागपुर शर्मा के नाम से मशहूर कलाकार बीएन शर्मा ने कहा कि अब पंजाबी फिल्मों का स्तर काफी ऊंचा हुआ है। जिसके चलते हिन्दी फिल्मों के कलाकार भी अब पंजाबी फिल्मों में भाग लेने लगे हैं। यहीं नहीं पंजाबी फिल्में अच्छा कारोबार करने लगी हैं। 30-40 लाख रूपए में बनकर तैयार होने वाली पंजाबी फिल्म में जान फूंकने के लिए अब 5-6 करोड़ रूपए खर्च किए जाने लगे हैं।
वे गुरूवार को मण्डी किलियांवाली स्थित नीलकंठ पैलेस में एक एलबम की शूटिंग के दौरान पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पहले पंजाबी फिल्में जट्ट और जमीन के इर्द-गिर्द घूमती थी। इसलिए फिल्मों के नाम भी जट्ट दी मुच्छ, जट्ट दी गंडासी या जट्ट दी जमीन के इर्द-गिर्द घूमते थे। लेकिन अब इसमें परिवर्तन आया है। पंजाबी फिल्मों ने इससे बाहर आकर अपने स्तर को सुधारा है।
उन्होंने कहा कि समाज की मांग के अनुसार ही फिल्में तैयार होती है। कभी जमाना था कि फिल्म में महिला अदाकार की बाजू पकडऩे पर बवाल खड़ा हो जाता था। इसे सैक्स सिंबल कहा जाता था। अब जबकि महिला अदाकार का बाजू पकडऩे पर कोई हो-हल्ला नहीं होता। बल्कि समाज इस प्रकार के दृश्यों की मांग कर रहा है।
उसे फिल्मों में विलन की भूमिका पसंद है। उसके भाग्य में विलन की भूमिका ही लिखी हुई है। उन्होंने मजाक करते हुए कहा कि अक्सर उसकी 85 वर्षीय माता सुभद्रा भी उससे यही प्रश्न करती है कि पुत जदो तूं छोटा सी ओदों भी छित्तर खांदा सी, ते हुण तूं फिल्म दे शुरू तो ले के खत्म होण तक छित्तर खाई जांदा रहदां, ते छित्तर पैणे कदों हटनगे।
बीएन शर्मा ने बताया कि देश के कई राज्यों ने कलाकारों को एक प्लेटफार्म तैयार करके दिया है। लेकिन पंजाब अभी इसमें पिछड़ा हुआ है। उनके अनुसार उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की ओर से पंजाब में फिल्म सिटी के निर्माण की घोषणा से कुछ आस बंधी है। उन्होंने यह भी बताया कि वे हरभजन मान की जल्द आने वाली फिल्म यारा ओ दिलदारा के साथ-साथ जी ने मेरा दिल लुटेया में जीपी ग्रेवाल के साथ नजर आएंगे।
1985 में पंजाबी फिल्म बैसाखी में विलन की भूमिका से अपने कैरियर का आगाज करने वाले बीएन शर्मा अब तक हिन्दी तथा पंजाबी की सैंकड़ों फिल्मों में विलन के तौर पर कार्य कर चुके हैं। उन्होंने हिन्दी फिल्म गदर-एक प्रेम कथा, अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो, प्रायश्चित, लेडी डकैत, आज का बंदोबस्त में अपनी अदाकारी दिखाकर दर्शकों की खूब वाहवाही लूटी। अदाकार होने के साथ-साथ बीएन शर्मा पंजाब पुलिस के सैक्टर-9 चण्डीगढ़ में स्थित पुलिस हैडक्र्वाटर में बतौर सुपरिडेण्ट तैनात हैं।

अबूबशहर के मनरेगा मजदूर बिफरे


डबवाली (लहू की लौ) नियमित रूप से काम न मिलने और किए गए काम के बदले वेतन न मिलने पर गुस्साए गांव अबूबशहर के मनरेगा मजदूरों ने उपमण्डलाधीश कार्यालय के समक्ष जोरदार प्रदर्शन कर नारेबाजी की।
गुरूवार दोपहर को गांव अबूबशहर के मनरेगा मजदूर अचानक उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल के कार्यालय के समक्ष पहुंचे और कार्यालय के आगे धरना देकर बैठ गए। इस दौरान मजदूरों ने अपनी मांगों के समर्थन में हरियाणा सरकार के विरूद्ध जोरदार नारेबाजी करके भड़ास निकाली। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व सुंदर लाल, आत्मा राम, बिन्द्र, विजय, कुलदीप, गजानंद, सोमा रानी, पुष्पा देवी, रजनी, प्रेमो देवी, कलावती, नसीब कौर, परमेश्वरी, जसपाल कौर, निहाल सिंह आदि कर रहे थे।
इन लोगों ने बताया कि छह माह पूर्व उन्होंने गांव में बने वाटर वक्र्स तथा उसकी डिग्गी की सफाई की थी। लेकिन काम के बदले आज तक उन्हें मजदूरी नहीं मिली है। इसके बाद जनवरी माह में काम मिलने पर कुछ मजदूरों ने जोहड़ की खुदाई की। चार-पांच दिन कार्य करने के बाद उन्हें हटा दिया गया। इस कार्य की मजदूरी भी उन्हें आज तक नहीं मिली है। इस मौके पर मजदूरों ने अपनी मांगों के समर्थन में उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल को ज्ञापन सौंपा। एसडीएम से कार्रवाई किए जाने का आश्वासन मिलने के बाद मनरेगा मजदूर शांत हुए।
बाद में एसडीएम डॉ. मुनीश नागपाल ने बताया कि मनरेगा मजदूरों के साथ न्याय होगा। मामले की जांच करने के आदेश बीडीपीओ डबवाली राम सिंह को दे दिए गए हैं। मनरेगा मजदूरों की मांगों के संबंध में वे उपायुक्त सिरसा युद्धवीर सिंह ख्यालिया से भी बात करेंगे।
बीडीपीओ राम सिंह से जब इस संदर्भ में बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि पैसे की कोई कमी नहीं है। पैसे मनरेगा मजदूरों के खाते में जमा होते हैं। कुछ मजदूरों ने बैंक में अपने खाते नहीं खुलवाएं हैं। बिना खाता वे किसी मजदूर को पैसे नहीं दे सकते। यहां तक कार्य का सवाल है, पंचायत जो भी डिमांड करती है, उसके अनुसार पैसा उसे उपलब्ध करवा दिया जाता है। फिर भी वे मामले की जांच करेंगे।