05 मार्च 2011

सीबीआई जांच की मांग


गुरदेव कौर हत्या मामले ने तूल पकड़ा, गांव में पुलिस फोर्स तैनात
डबवाली (लहू की लौ) गांव सांवतखेड़ा में 11 फरवरी को 73 साल की वृद्धा गुरदेव कौर की हत्या का मामला तूल पकड़ गया है। हत्या के आरोप में पकड़े गए युवक के परिजनों ने युवक को मामले में झूठा फंसाए जाने का आरोप पुलिस पर लगाया है। वहीं मामले की जांच सीबीआई से करवाए जाने की मांग भी उठने लगी है। उधर आरोपी परिवार के बहिष्कार करने की अफवाह के चलते गांव में पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है।
11 फरवरी को गांव सांवतखेड़ा में गुरदेव कौर (73) की हत्या कर दी गई थी। उसका शव सरसों के खेत में आपत्तिजनक हालत में मिला था। वृद्धा की हत्या के आरोप में पुलिस ने गांव के ही गुरदीप उर्फ बोला उर्फ निक्का को काबू किया था। लेकिन गुरूवार शाम को आरोपी के परिवार का सामाजिक बहिष्कार करने की अफवाह ने बवाल खड़ा कर दिया। इस अफवाह ने पुलिस के भी हाथ-पांव फूला दिए। किसी भी अनहोनी से निपटने के लिए शुक्रवार सुबह ही भारी संख्या में पुलिस दलबल गांव में पहुंच गया।
एक दलित परिवार के सामाजिक बहिष्कार की अफवाह की सूचना पाकर इंडियन बहुजन संदेश पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष करनैल सिंह औढ़ां पीडि़त परिवार के घर पहुंचे। यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए करनैल सिंह औढ़ां ने कहा कि देश के संविधान में किसी भी जाति विशेष का बहिष्कार करने का किसी को अधिकार नहीं है। अगर कोई ऐसा करता है, तो उसके विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता के तहत कार्रवाई अमल में लाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि वृद्धा की हत्या का अपराधी पकड़ा जाना चाहिए। लेकिन किसी बेकसूर को पकडऩा न्याय संगत नहीं है। उन्होंने इस मामले की सीबीआई जांच करवाए जाने की मांग की।
इधर हत्या के आरोप में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए गुरदीप उर्फ बोला उर्फ निक्का के पिता बंता सिंह, माता तेज कौर, भाई जगसीर सिंह, पत्नी हरजिन्द्र कौर तथा बहन कर्मजीत कौर ने गुरदीप को निर्दोष बताते हुए कहा कि उसे गांव के सरपंच रणजीत सिंह ने रंजिश के चलते झूठा फंसाया है। उन्होंने पुलिस पर भी आरोप लगाया कि पुलिस ने बिना जांच किए गुरदीप उर्फ बोला को प्रताडि़त किया और फंसाया। उन्होंने यह भी बताया कि गुरदीप सिंह ने कभी भी वृद्धा के परिवार में नौकरी नहीं की। जबकि पुलिस गुरदीप को मृतका के परिवार का नौकर बता रही है।
गांव के सरपंच रणजीत सिंह ने निक्का के परिवार द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि इस मामले में उसका कोई हस्तक्षेप नहीं है। पुलिस ने अपनी जांच के बाद ही वृद्धा की हत्या का आरोपी निक्का को पाया। उसने यह भी कहा कि उसकी निक्का से कोई पुरानी रंजिश नहीं है। सरपंच ने निक्का के परिवार के बहिष्कार को झूठी अफवाह करार देते हुए कहा कि इस संबंध में कहीं भी मुनादी नहीं हुई है और न ही पंचायत ने इस संदर्भ में कोई प्रस्ताव पारित किया है।
मृतक वृद्धा के भाई जय सिंह ने कहा कि उनके घर पर गुरूवार को किसी तरह की कोई महापंचायत नहीं हुई। बल्कि बहिष्कार का शगूफा शरारती तत्वों की कपोल कल्पना है। किसी ने भी गांव में किसी परिवार का कोई बहिष्कार नहीं किया। हत्या के आरोप में पकड़े गए गुरदीप उर्फ निक्का के परिवार से उनकी कोई रंजिश नहीं है और न ही उनके परिवार का कोई व्यक्ति उनके पास नौकरी करता रहा है। उसकी बहन गुरदेव कौर की हत्या की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और हत्यारा पकड़ा जाना चाहिए। इसके लिए सरकार सीबीआई की जांच करवाए।
एसपी सिरसा सत्येंद्र गुप्ता ने बताया कि एतिहात के तौर पर गांव सांवतखेड़ा में फोर्स तैनात की गई है। ताकि असामाजिक तत्व अफवाह फैलाकर गांव का माहौल न बिगाड़ें।

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