डबवाली (लहू की लौ) राष्ट्रीय राजमार्ग नं. 10 पर पंजाब क्षेत्र के समीपवर्ती गांव मैहना के नजदीक बुधवार सुबह ट्रक-कैंटर टक्कर में एक युवक की मौत हो गई। जबकि दो अन्य घायल हो गये। पुलिस सूत्रों के अनुसार एक ट्रक रोपड़ से बजरी लेकर गांव सिंघेवाला आ रहा था। जबकि कैंटर दिल्ली से सब्जी लेकर मलोट की ओर जा रहा था। जैसे ही गांव मैहना के पास उपरोक्त दोनों वाहन पहुंचे तो आमने-सामने टकरा गये। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार यह टक्कर इतनी जबर्दस्त थी कि ट्रक के परखच्चे उड़ गये। दुर्घटना की सूचना पाकर मौका पर पहुंचे पंजाब पुलिस की हाईव पेट्रोलिंग पार्टी चैक पोस्ट आदनियां के एएसआई गुरमिन्द्र सिंह ने बताया कि दुर्घटना में ट्रक चालक के पांव कट गये और उसे ट्रक के अगले भाग को काटकर निकाला गया। लेकिन उसके साथ बैठे अन्य युवक के मामूली खरोंचे आई। कैंटर में सवार दो जनों को भी चोटें आई। उपरोक्त तीनों घायलों को डबवाली के सामान्य अस्पताल में लाया गया।
मिली जानकारी अनुसार डबवाली सिविल अस्पताल से ट्रक चालक 22 वर्षीय मनजिन्द्र सिंह पुत्र गुरनैब सिंह निवासी गांव मैहता थाना तपामण्डी को गंभीर हालत में बठिण्डा रैफर कर दिया गया। लेकिन जख्मों का ताप न सहते हुए बठिण्डा पहुंचते ही उसने दम तोड़ दिया। जबकि कैंटर मालिक घायल 31 वर्षीय विजय कुमार पुत्र चिमन लाल, 25 वर्षीय चालक सुनील पुत्र हंसराज निवासीगण जलालबाद (फिरोजपुर) को सिरसा रैफर कर दिया गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार ट्रक चालक के साथ उसका चचेरा भाई कुलविन्द्र पुत्र बिकर सिंह निवासी मैहता भी बैठा हुआ था। जिसके मामूली खरोचें आई हैं।
मामले की जांच कर रहे लम्बी पुलिस के एसआई बन्ता सिंह ने बताया कि घटना के प्रत्यक्षदर्शी मैहना निवासी छिन्द्रपाल पुत्र गुरजंग सिंह की शिकायत पर कैंटर चालक के खिलाफ धारा 304ए/338/337/427/279आईपीसी के तहत मामला दर्ज करके आगामी कार्यवाही शुरू कर दी है। पुलिस ने शव का बठिण्डा के सिविल अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव को उसके वारिसों को सौंप दिया है।
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Lahoo Ki Lau
25 मार्च 2010
24 मार्च 2010
सिरसा पुलिस को लेने के देने पड़े
श्रीगंगानगर। सिरसा जिला पुलिस के एक दल को स्थानीय पुलिस का सहयोग लिए बिना एक मुल्जिम की धरपकड़ हेतु छापामारी करने पर लेने के देने पड़ गए। इस पुलिस दल को करीब आधा दर्जन अज्ञात व्यक्तियों ने घेर लिया और डंडों से हमला कर दिया। इसमें सिरसा पुलिस दल का नेतृत्व कर रहा सब इंस्पेक्टर घायल हो गए, जबकि उसके साथी पुलिस कर्मियों को भागकर जान बचानी पड़ी। हमलावर अज्ञात व्यक्तियों ने सिरसा पुलिस दल की सरकारी टवेरा गाड़ी को भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया। इस हमले की जानकारी मिलने पर स्थानीय पुलिस हरकत में आई, लेकिन हमलावरों को पकड़ा नहीं जा सका। हमला करने वालों पर मामला दर्ज कर लिया गया है।
यह घटनाक्रम सोमवार देर रात को हनुमानगढ़ जिले के भादरा थाना क्षेत्र के डोबी-भागवां गांव के रास्ते में हुआ, जब सिरसा में ट्रैफिक पुलिस के सब इंस्पेक्टर विक्रमसिंह दल-बल सहित एक मुल्जिम को पकडऩे के लिए छापा मारने जा रहे थे। भादरा पुलिस के मुताबिक सिरसा जिले के नाथूसरी चौपटा थाना में 18 मार्च को धारा 147, 148, 323 व 504 में दर्ज मुकदमे (नं. 38/10) में जांच अधिकारी एसआई विक्रमसिंह को एक अभियुक्त की तलाश थी। उन्हें पता चला कि यह अभियुक्त डोबी या भागवां गांवों में रणवीरसिंह नामक व्यक्ति के किसी ठिकाने पर शरण लिये हुए हैं। जब यह मुल्जिम डोबी गांव में नहीं मिला तो पुलिस दल भागवां के लिए रवाना हो गया। रात्रि करीब 10 बजे भागवां गांव पहुंचने से कुछ पहले सफेद रंग की सैंटरो कार में आये 5-6 व्यक्तियों ने सिरसा पुलिस की टवेरा (एचआर 57-3345) को रोक लिया। यह व्यक्ति बेसबॉल के बैट व डंडों आदि से लैस थे, जिन्होंने टवेरा के रूकते ही उसमें सवार पुलिस कर्मियों पर हमला कर दिया। सब इंस्पेक्टर विक्रमसिंह हमलावरों के हत्थे चढ़ गया, जबकि उसके साथी पुलिसकर्मी भाग छूटे। इन पुलिस कर्मियों के शोर मचाने पर आसपास की ढाणियों के लोग भागकर आये, जिन्हें आते देखकर हमलावर भाग खड़े हुए।
भादरा पुलिस के अनुसार एसआई विक्रमसिंह ने अपने ऊपर हुए हमले की सूचना सिरसा पुलिस के अधिकारियों को दी। सिरसा पुलिस अधीक्षक ने इस बारे में हनुमानगढ़ के पुलिस अधीक्षक को बताया, तब भादरा थाने में इस घटनाक्रम की जानकारी मिली। भादरा थाने से पुलिस दल घटनास्थल के लिए रवाना हो ही रहा था, तभी घायल एसआई विक्रमसिंह अपने दल सहित थाने में पहुंच गया। इसी बीच नोहर से डीएसपी नैविल क्लार्क भी आ गए। एसआई विक्रमसिंह की रिपोर्ट के आधार पर अज्ञात हमलावरों पर धारा 332, 353, 382 और पीडीपीपी एक्ट की धारा 3 के तहत मुकदमा (138/10) किया गया। डीएसपी नैविल क्लार्क ने भादरा थाना के सब इंस्पेक्टर सत्यनारायण को साथ लेकर दल बल सहित डोबी एवं भागवां गांवों और आसपास की ढाणियों में रात भर छापे मारे, लेकिन हमलावरों को पकड़ा नहीं जा सका।
एसआई विक्रमसिंह द्वारा दर्ज करवाये गए मुकदमे की जांच कर रहे एसआई सत्यनारायण ने बताया कि रात को अंधेरा होने के कारण सिरसा पुलिस दल हमलावरों की कार के नंबर नहीं देख पाया। अलबत्ता पता चला है कि सफेद सैंटरो के नंबर डीएल से शुरू होते हैं। दिल्ली के नंबरों वाली सैंटरों की इस क्षेत्र में तलाश की जा रही है। उन्होंने बताया कि आज विक्रमसिंह का उपचार करवाया गया और एक्सरे करवाये जाने पर पता चला कि उनके एक हाथ में फ्रैक्चर हो गया है। इस हाथ पर डंडे से प्रहार किया गया था। उन्होंने बताया कि विक्रमसिंह के साथ आये सिपाही राजेंद्र (1021), टवेरा चालक विनोद (947), सिपाही जगदीश (513), सुरेश (413) के चोट नहीं लगी। यह सभी सुरक्षित हैं। हमलावरों ने टवेरा को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया। उसकी लाइटें और शीशे तोड़ दिये।
सब इंस्पेक्टर सत्यनारायण ने बताया कि सिरसा पुलिस के इस दल ने इस क्षेत्र में मुल्जिम की गिरफ्तारी करने के लिए छापामारी करने की पूर्व सूचना न तो भादरा थाने में दी और न ही भिरानी थाने को। अगर यह पुलिस दल इन दोनों थानों में से किसी एक में पूर्व सूचना देकर स्थानीय पुलिस को साथ लेकर जाती, तो शायद यह घटना नहीं होती। उन्होंने कहा कि पूर्व सूचना न देकर और स्थानीय पुलिस को साथ न ले जाकर इस पुलिस दल ने बहुत बड़ी गलती की है।
यह घटनाक्रम सोमवार देर रात को हनुमानगढ़ जिले के भादरा थाना क्षेत्र के डोबी-भागवां गांव के रास्ते में हुआ, जब सिरसा में ट्रैफिक पुलिस के सब इंस्पेक्टर विक्रमसिंह दल-बल सहित एक मुल्जिम को पकडऩे के लिए छापा मारने जा रहे थे। भादरा पुलिस के मुताबिक सिरसा जिले के नाथूसरी चौपटा थाना में 18 मार्च को धारा 147, 148, 323 व 504 में दर्ज मुकदमे (नं. 38/10) में जांच अधिकारी एसआई विक्रमसिंह को एक अभियुक्त की तलाश थी। उन्हें पता चला कि यह अभियुक्त डोबी या भागवां गांवों में रणवीरसिंह नामक व्यक्ति के किसी ठिकाने पर शरण लिये हुए हैं। जब यह मुल्जिम डोबी गांव में नहीं मिला तो पुलिस दल भागवां के लिए रवाना हो गया। रात्रि करीब 10 बजे भागवां गांव पहुंचने से कुछ पहले सफेद रंग की सैंटरो कार में आये 5-6 व्यक्तियों ने सिरसा पुलिस की टवेरा (एचआर 57-3345) को रोक लिया। यह व्यक्ति बेसबॉल के बैट व डंडों आदि से लैस थे, जिन्होंने टवेरा के रूकते ही उसमें सवार पुलिस कर्मियों पर हमला कर दिया। सब इंस्पेक्टर विक्रमसिंह हमलावरों के हत्थे चढ़ गया, जबकि उसके साथी पुलिसकर्मी भाग छूटे। इन पुलिस कर्मियों के शोर मचाने पर आसपास की ढाणियों के लोग भागकर आये, जिन्हें आते देखकर हमलावर भाग खड़े हुए।
भादरा पुलिस के अनुसार एसआई विक्रमसिंह ने अपने ऊपर हुए हमले की सूचना सिरसा पुलिस के अधिकारियों को दी। सिरसा पुलिस अधीक्षक ने इस बारे में हनुमानगढ़ के पुलिस अधीक्षक को बताया, तब भादरा थाने में इस घटनाक्रम की जानकारी मिली। भादरा थाने से पुलिस दल घटनास्थल के लिए रवाना हो ही रहा था, तभी घायल एसआई विक्रमसिंह अपने दल सहित थाने में पहुंच गया। इसी बीच नोहर से डीएसपी नैविल क्लार्क भी आ गए। एसआई विक्रमसिंह की रिपोर्ट के आधार पर अज्ञात हमलावरों पर धारा 332, 353, 382 और पीडीपीपी एक्ट की धारा 3 के तहत मुकदमा (138/10) किया गया। डीएसपी नैविल क्लार्क ने भादरा थाना के सब इंस्पेक्टर सत्यनारायण को साथ लेकर दल बल सहित डोबी एवं भागवां गांवों और आसपास की ढाणियों में रात भर छापे मारे, लेकिन हमलावरों को पकड़ा नहीं जा सका।
एसआई विक्रमसिंह द्वारा दर्ज करवाये गए मुकदमे की जांच कर रहे एसआई सत्यनारायण ने बताया कि रात को अंधेरा होने के कारण सिरसा पुलिस दल हमलावरों की कार के नंबर नहीं देख पाया। अलबत्ता पता चला है कि सफेद सैंटरो के नंबर डीएल से शुरू होते हैं। दिल्ली के नंबरों वाली सैंटरों की इस क्षेत्र में तलाश की जा रही है। उन्होंने बताया कि आज विक्रमसिंह का उपचार करवाया गया और एक्सरे करवाये जाने पर पता चला कि उनके एक हाथ में फ्रैक्चर हो गया है। इस हाथ पर डंडे से प्रहार किया गया था। उन्होंने बताया कि विक्रमसिंह के साथ आये सिपाही राजेंद्र (1021), टवेरा चालक विनोद (947), सिपाही जगदीश (513), सुरेश (413) के चोट नहीं लगी। यह सभी सुरक्षित हैं। हमलावरों ने टवेरा को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया। उसकी लाइटें और शीशे तोड़ दिये।
सब इंस्पेक्टर सत्यनारायण ने बताया कि सिरसा पुलिस के इस दल ने इस क्षेत्र में मुल्जिम की गिरफ्तारी करने के लिए छापामारी करने की पूर्व सूचना न तो भादरा थाने में दी और न ही भिरानी थाने को। अगर यह पुलिस दल इन दोनों थानों में से किसी एक में पूर्व सूचना देकर स्थानीय पुलिस को साथ लेकर जाती, तो शायद यह घटना नहीं होती। उन्होंने कहा कि पूर्व सूचना न देकर और स्थानीय पुलिस को साथ न ले जाकर इस पुलिस दल ने बहुत बड़ी गलती की है।
सीएम ने कहा, लोगों को गुमराह कर रहे विपक्षी नेता
डबवाली (सिरसा)। मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मंगलवार को विपक्ष की भूमिका पर ही सवाल खड़ कर दिए। उन्होंने कहा कि हरियाणा में विपक्ष नाम की कोई चीज नहीं है। जो स्वयं को विपक्षी पार्टी के नेता कह रहे हैं, वे वास्तव में विपक्ष की भूमिका अदा न कर सिर्फ लोगों को गुमराह कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री मंगलवार को पूर्व ओएसडी डा. केवी सिंह के पुत्र अमित सिहाग की शादी क े प्रीति भोज में पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से भी बातचीत की।
उन्होंने कहा कि विपक्षी नेताओं ने विधानसभा सत्र के दौरान बेतुका सवाल उठाकर विधानसभा का समय बर्बाद करने के साथ-साथ लोगों को भी गुमराह करने का प्रयास किया है। डबवाली में अग्निकांड के बाद घोषणा के अनुरूप सिविल अस्पताल में अभी तक बर्न यूनिट स्थापित न किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह घोषणा केंद्र सरकार की थी न कि हरियाणा सरकार की। इसलिए इस घोषणा के तहत काम भी केंद्र सरकार ही कराएगी। विधायक अजय सिंह चौटाला द्वारा उन पर क्षेत्रवाद को बढ़वा देने के आरोप लगाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने क्षेत्रवाद और परिवारवाद को बढ़वा दिया है, वही इस तरह के आरोप लगाते हैं।
पंजाबी भाषा के अध्यापकों की नियुक्ति के सवाल पर उन्होंने कहा कि जिस विद्यालय के 10 विद्यार्थी उन्हें यह लिखकर दे देंगे कि वे पंजाबी पढ़ना चाहते हैं, उस विद्यालय में तत्काल पंजाबी अध्यापक की नियुक्ति की जाएगी। चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति पर उन्होंने कहा कि हालांकि, यह काम राज्यपाल का है, फिर भी वे इसके लिए प्रयास करेंगे। एचएसजीपीसी के बारे में उन्होंने कहा कि हरमोहिंद्र सिंह चट्ठा की रिपोर्ट आ चुकी है, लेकिन कुछ कानूनी अड़चने हैं। इन अड़चनों के दूर होते ही एचएसजीपीसी का रास्ता साफ हो जाएगा।
बिजली की किल्लत के सवाल पर उन्होंने कहा कि किसानों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो, इसके लिए बाहर से आठ रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली खरीदी जा रही है। अगर किसानों को उनकी खरीदी गई जिंस का 72 घंटे के भीतर भुगतान नहीं होता है तो संबंधित खरीद एजेंसी के अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हरियाणा में नगर परिषद और पंचायत चुनावों के संबंध में उन्होंने कहा कि ये चुनाव पार्टी के चुनाव चिह्न पर ही लड़ जाएंगे या बिना पार्टी चुनाव चिह्न के, इस पर विचार किया जा रहा है। इस मौके पर प्रो. संपत सिंह भी मौजूद थे
22 मार्च 2010
बिजली को लेकर मसीतांवासी भड़के
डबवाली (लहू की लौ) गांव मसीतां के किसान रविवार को अचानक हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लि. के गांव डबवाली स्थित कार्यालय में आ धमके। चल रही बिजली में बार-बार ट्रिपिंग की समस्या और निगम के एक अधिकारी पर अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए किसानों ने नारेबाजी भी की। जबकि बिजली विभाग के सम्बन्धित अधिकारी ने किसी प्रकार की अभद्रता से इंकार किया है।
गांव मसीतां के किसान सर्वजीत सिंह, मनजीत सिंह दलहे पूर्व सरपंच, गमदूर सिंह नम्बरदार, दर्शन सिंह, वीरेन्द्र सिंह, कुलविन्द्र सिंह, पिरती सिंह, मेजर सरां, काकू सरां आदि ने बताया कि बिजली निगम द्वारा उनको जो लाईट दी जा रही है, वह भी शैड्यूल मुताबिक नहीं दी जा रही। शैड्यूल अनुसार उनको मिलने वाली बिजली में भी एक-दो घण्टे का कट लगा दिया जाता है। इसके अतिरिक्त ट्रिपिंग अलग से होती है। जिससे उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
किसानों ने आरोप लगाया कि जब इस सम्बन्धी उन्होंने निगम के एसडीओ जी.डी. मैहता से सम्पर्क किया तो उन्होंने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया। किसानों ने मैहता तथा बिजली निगम के खिलाफ नारेबाजी भी की। हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लि. के एसडीओ जी.डी. मैहता ने किसी भी ग्रामीण के साथ अभद्र व्यवहार किये जाने से साफ इंकार करते हुए कहा कि ट्रिपिंग को लेकर उनके पास फोन अवश्य आया था। जिसका उन्होंने उचित उत्तर दिया। उनके अनुसार ट्रिपिंग का लोड अधिक या कम होने से कोई सम्बन्ध नहीं होता। बल्कि लाईन में अचानक फाल्ट आने से ऐसा होता है। मैहता के अनुसार गांव मसीतां को बिना किसी समस्या के बिजली मिले इसके लिए सम्बन्धित फीडर को दो भागों में विभाजित कर दिया गया है। इस अवसर पर दक्षिण हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम के एसडीओ गुलशन वधवा भी उपस्थित थे।
गांव मसीतां के किसान सर्वजीत सिंह, मनजीत सिंह दलहे पूर्व सरपंच, गमदूर सिंह नम्बरदार, दर्शन सिंह, वीरेन्द्र सिंह, कुलविन्द्र सिंह, पिरती सिंह, मेजर सरां, काकू सरां आदि ने बताया कि बिजली निगम द्वारा उनको जो लाईट दी जा रही है, वह भी शैड्यूल मुताबिक नहीं दी जा रही। शैड्यूल अनुसार उनको मिलने वाली बिजली में भी एक-दो घण्टे का कट लगा दिया जाता है। इसके अतिरिक्त ट्रिपिंग अलग से होती है। जिससे उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
किसानों ने आरोप लगाया कि जब इस सम्बन्धी उन्होंने निगम के एसडीओ जी.डी. मैहता से सम्पर्क किया तो उन्होंने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया। किसानों ने मैहता तथा बिजली निगम के खिलाफ नारेबाजी भी की। हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लि. के एसडीओ जी.डी. मैहता ने किसी भी ग्रामीण के साथ अभद्र व्यवहार किये जाने से साफ इंकार करते हुए कहा कि ट्रिपिंग को लेकर उनके पास फोन अवश्य आया था। जिसका उन्होंने उचित उत्तर दिया। उनके अनुसार ट्रिपिंग का लोड अधिक या कम होने से कोई सम्बन्ध नहीं होता। बल्कि लाईन में अचानक फाल्ट आने से ऐसा होता है। मैहता के अनुसार गांव मसीतां को बिना किसी समस्या के बिजली मिले इसके लिए सम्बन्धित फीडर को दो भागों में विभाजित कर दिया गया है। इस अवसर पर दक्षिण हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम के एसडीओ गुलशन वधवा भी उपस्थित थे।
भाभी ने देवर पर लगाया घर को आग लगाने का आरोप
डबवाली (ल$हू की लौ) गांव मिठड़ी बुधगिर की मनप्रीत कौर पत्नी गुरचरण सिंह ने लम्बी पुलिस को एक शिकायत देकर अपने देवर मनजीत सिंह पर उसे जलाने के लिए उस पर मिट्टी का तेल डालने का आरोप लगाया है और साथ में यह भी कहा है कि वह उसका घर का सामान जला गया।
मनप्रीत कौर ने बताया कि उसका पति गुरचरण सिंह दुबई गया हुआ है और पीछे से उसकी सास, देवर और ननद उससे मारपीट करते हैं। लेकिन शुक्रवार की रात को उसे अकेले पाकर उसका देवर मनजीत सिंह उसके घर आया और उसकी पहले पिटाई की फिर से उसे तेल डाल कर जलाने का प्रयास किया। लेकिन वह अपने बेटे सहित भाग कर गांव में जा पहुंची और बच गई।
शिकायतकात्री के अनुसार पीछे से उसका देवर उसके घर के सामान को जला गया। उसने आरोप लगाया कि उसका देवर उससे नशे के लिए पैसे की मांग करता है। शिकायत में उसने यह भी आरोप लगाया है कि आग से उसका टीवी, बैड, फ्रिज, पेटी, अलमारी जल गई तथा उसे संदेह है कि उसका देवर उसकी सोने की चैन, अंगूठियां व कड़ा आदि भी ले गया।
मनप्रीत कौर ने बताया कि उसका पति गुरचरण सिंह दुबई गया हुआ है और पीछे से उसकी सास, देवर और ननद उससे मारपीट करते हैं। लेकिन शुक्रवार की रात को उसे अकेले पाकर उसका देवर मनजीत सिंह उसके घर आया और उसकी पहले पिटाई की फिर से उसे तेल डाल कर जलाने का प्रयास किया। लेकिन वह अपने बेटे सहित भाग कर गांव में जा पहुंची और बच गई।
शिकायतकात्री के अनुसार पीछे से उसका देवर उसके घर के सामान को जला गया। उसने आरोप लगाया कि उसका देवर उससे नशे के लिए पैसे की मांग करता है। शिकायत में उसने यह भी आरोप लगाया है कि आग से उसका टीवी, बैड, फ्रिज, पेटी, अलमारी जल गई तथा उसे संदेह है कि उसका देवर उसकी सोने की चैन, अंगूठियां व कड़ा आदि भी ले गया।
लोक अदालत में 114 में से निपटाए 77 केस
बनवाला (जसवन्त जाखड़) गांव रिसालियाखेड़ा में स्थित राजकीय प्राथमिक कन्या विद्यालय में शनिवार को लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस अवसर पर एसडीजेएम महावीर सिंह की अदालत में 20 दीवानी, दो चैक बाऊंस, एक रिकवरी, 20 मोटर वाहन व 9 छोटे मुकदमों सहित कुल 53 मुकदमे आए जिनमे से 49 मुकदमे मौके पर निपटाए गए तथा जेएमआइसी अमरजीत सिंह की अदालत में 56 दीवानी, 3 आबकारी अधिनियम, दो मोटर वाहन सहित कुल 61 मुकदमे आए जिनमे से 28 का मौके पर निपटारा किया गया। इस लोक अदालत में 10 हजार 500 रुपए जुर्माने की रिकवरी की गई और 60 इंतकाल मंजूर किए गए। इस अवसर पर एडवोकेट जेएस दंदीवाल, युधिष्टर शर्मा, जसविंद्र सिंह, एसके गर्ग, बीएस यादव, एसके मेहता, जगदीप सिंह, बलजीत सिंह, आइडी मेहता, कमलजीत कंबोज, जीपीएस बराड़, राजेश यादव, महावीर सिंह, अमनदीप विर्क व कानूनगो मनोहर लाल सहित अन्य वकील उपस्थित थे। इस अवसर पर ग्राम सरपंच दलीप सिंह व ग्राम पंचायत सदस्यों सहित काफी संख्या में ग्रामीण उपस्थित हुए और न्यायधीशों व वकीलों का स्वागत किया। मंच का संचालन करते हुए एडवोकेट युधिष्टर शर्मा व बलवंत यादव ने बताया कि ग्रामीण लोक अदालत में समय व धन की बचत होती है और इसमें न किसी की हार व जीत होती है। इस अदालत में निपटाए गए केसों की आगे अपील भी नहीं की जा सकती। लोक अदालत का शुभारंभ करते हुए उपमंडीलीय मुक्तकालीनी सेवा समिति डबवाली के सदस्य सुरेंद्र गर्ग व जसविंद्र सिंह ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अधिनियम की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस अधिनियम के अनुसार एक वर्ष में 365 दिन माने जाते हैं जिसमें बेरोजगार लोगों को सौ दिन का रोजगार सरकार की ओर से दिया जाता है। जसविंद्र सिंह ने जजों का स्वागत करते हुए कहा कि कहा कि इस लोक अदालत के ज्यादा से ज्यादा केस निपटाए जाएं ताकि लोगों को बार बार अदालत के चक्कर न लगाने पड़ें।
महंगाई का विरोध : बिना दूध और चीनी के चाय पिलाई
डबवाली (लहू की लौ) देशव्यापी मंहगाई का विरोध शनिवार को डबवाली भाजपा ने अनूठे अंदाज से किया। यहां के बस स्टैण्ड पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने लोगो को बिना दूध और चीनी की चाय पिलाई एवं राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के नाम मंहगाई के खिलाफ ज्ञापन पर हस्ताक्षर करवाये। भाजपा की चाय और बढ़ती मंहगाई से खफा अन्य राजनैतिक दलों से संबधित लोग भी ज्ञापन पर हस्ताक्षर करते देखे गये।
इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्षा रेणू शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि बेकाबू मंहगाई से त्रस्त भारत की जनता के सामने जहां अपने परिवार के लालन-पालन का संकट खड़ा हो गया है, वहीं कांग्रेस की सरकार के मंत्री इस समस्या के प्रभावी निदान की जगह जमाखोरी कर अपनी जेबें भरने में लगे हैं।
डबवाली भाजपा प्रभारी सतीश जग्गा, कर्मचारी प्रकोष्ठ के प्रभारी एस.डी.कपूर, मण्डल महामंत्री बलदेव सिंह मांगेआना आदि वक्ताओं ने कांग्रेस सरकार को कोसते हुये कहा कि आम आदमी का नारा देकर सत्ता हथियाने वाली कांग्रेस के राज में आज आम आदमी अपने बदहाली पर खून के आंसू रो रहा है और केन्द्र सरकार की फाईव स्टार केबिनेट हर मौके पर नकारा साबित हो रही है। हस्ताक्षर अभियान में भाजपा के वरिष्ठ नेता हेमराज बांसल, कृष्ण ग्रोवर, नरेश बागड़ी, प्रवेश घई, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष शकुन्तला बरेजा, शकुन्तला बागड़ी, कृष्ण कीनिया, राम किशन मैहता, डा. रितेश शर्मा, नन्द लाल, मन्नू राम शर्मा, रणधीर सिंह पन्नीवाला, जंगीर सिंह दिवानखेड़ा, पूर्ण चन्द, दाता राम, सतीश गर्ग सहित कई कार्यकर्ता मौजूद थे।
इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्षा रेणू शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि बेकाबू मंहगाई से त्रस्त भारत की जनता के सामने जहां अपने परिवार के लालन-पालन का संकट खड़ा हो गया है, वहीं कांग्रेस की सरकार के मंत्री इस समस्या के प्रभावी निदान की जगह जमाखोरी कर अपनी जेबें भरने में लगे हैं।
डबवाली भाजपा प्रभारी सतीश जग्गा, कर्मचारी प्रकोष्ठ के प्रभारी एस.डी.कपूर, मण्डल महामंत्री बलदेव सिंह मांगेआना आदि वक्ताओं ने कांग्रेस सरकार को कोसते हुये कहा कि आम आदमी का नारा देकर सत्ता हथियाने वाली कांग्रेस के राज में आज आम आदमी अपने बदहाली पर खून के आंसू रो रहा है और केन्द्र सरकार की फाईव स्टार केबिनेट हर मौके पर नकारा साबित हो रही है। हस्ताक्षर अभियान में भाजपा के वरिष्ठ नेता हेमराज बांसल, कृष्ण ग्रोवर, नरेश बागड़ी, प्रवेश घई, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष शकुन्तला बरेजा, शकुन्तला बागड़ी, कृष्ण कीनिया, राम किशन मैहता, डा. रितेश शर्मा, नन्द लाल, मन्नू राम शर्मा, रणधीर सिंह पन्नीवाला, जंगीर सिंह दिवानखेड़ा, पूर्ण चन्द, दाता राम, सतीश गर्ग सहित कई कार्यकर्ता मौजूद थे।
बर्थ-डे पर लगाया चिकित्सा शिविर
डबवाली। यहां के स्पेयर पार्टस विक्रेता दरिया सिंह नामधारी ने गुरूद्वारा बाबा विश्वकर्मा मन्दिर में अपने जीवन के 50 वर्ष पूरे होने पर अनोखे ढंग से अपना जन्मदिवस मनाया। इस मौके पर भारी संख्या में नामधारी के दोस्त, रिश्तेदार व जान पहचान के लोग उपस्थित थे।
दरिया सिंह नामधारी के जन्मदिवस के संदर्भ में शनिवार को गुरूद्वारा में रखे गये श्री सुखमणि साहिब के पावन पाठ का भोग डाला गया। इसके बाद प्राकृ तिक चिकित्सक अमर सिंह शास्त्री तथा सुभाष चन्द शास्त्री के सानिध्य में आयोजित नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर में रोगियों की मुफ्त रजिस्टे्रेशन की गई। जिनका इलाज डबवाली के सतयुग आरोग्य मन्दिर में 10 दिन तक नि:शुल्क किया जायेगा।
इससे पूर्व दरिया सिंह के जन्मदिवस पर बोलते हुए रणजीत सिंह एडवोकेट ने कहा कि कुछ लोग देश में पिछले कुछ समय से समाज को तोडऩे की साजिश रच रहे हैं फिर भी समाज को जोडऩे वालों की कमी नहीं है। उनके अनुसार दरिया सिंह ने एक स्थान पर सभी धर्मों के लोगो को केवल इक्ठ्ठा ही नहीं किया बल्कि नि:शुल्क शिविर लगाकर बीमार पड़ रहे लोगो को मार्गदर्शन देने का प्रयास भी किया है ताकि वे लोग बीमारियों से बच सकें।
उन्होंने कहा कि हमेशा अच्छी बात को लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया जाना चाहिए। उनके अनुसार 90 प्रतिशत लोग आज कल तनाव के कारण रोगग्रस्त हैं और उन्हें सही मार्ग दिखाये जाने की जरूरत है। उनके अनुसार तनाव का कारण भी हमारे इर्द-गिर्द का वातावरण ही है। उन्होंने पत्रकारों से अनुरोध किया कि वह समाज में फैली कुरीतियों के खिलाफ अपनी कलम को ओर तीखी करें। रणजीत सिंह एडवोकेट ने लोगों को सचेत किया कि अगर हिन्दुस्तान रूपी नाव को बचाना है तो भाईचारा स्थापित करना होगा और भाईचारे में बाधक तत्वों से अलग थलग करना होगा।
गुरूद्वारा श्री कलगीधर सिंह सभा के प्रधान बघेल सिंह ने कहा कि अच्छाई उस समय ही प्रकट होती है जब ईश्वर कृपा करता है। गो सेवक रामलाल बागड़ी ने कहा कि हमें हमेशा ही धार्मिक रीतियों के अनुसार जन्म दिन मनाना चाहिए, ताकि हमारे बच्चों में अच्छे संस्कार पैदा हों और वह बड़े होकर अच्छे नागरिक बनें।
प्राकृतिक चिकित्सक अमर सिंह शास्त्री फरीदाबाद ने शिविर प्रारम्भ होने से पूर्व बताया कि शरीर को स्वस्थ रखने का मूल सूत्र आहार में छुपा हुआ है। जब हमारी जीवन शैली में किसी प्रकार की विकृति आती है तो रोग पैदा होता है। फिर इसमें सही ढंग से उपचार न करके बल्कि इसे दवा से दबाने का प्रयास किया जाता है, जो बाद में केवल घातक रोगों का कारण ही नहीं बनता बल्कि हमारी मौत का कारण बन जाता है। उन्होंने मरीजों को आश्वस्त किया कि शिविर के 10 दिन में वह उन्हें प्राकृतिक तरीके से जीने की शैली बताकर रोगो से राहत दिलाने का प्रयास करेंगे। उनके अनुसार नहाना, भोजन करना और सोना शरीर की दैनिक क्रियाओं को नियमानुसार करना भी रोग से मुक्ति का कारगर उपाय है।
इस मौके पर कुमार चन्द्रिका आश्रम स्कूल प्रबंधक समिति के अध्यक्ष कृष्ण जाखड़ ने आर्गेनिक खेती और गोपालन के बारे में बताया और वायुमण्डलीय प्रदूषण के प्रभाव की जानकारी दी।
इस मौके पर फतेह सिंह आजाद, बहादुर सिंह कूका ने भी अपने विचार रखे। जबकि मंच का संचालन बंटी गोयल ने किया। इस कार्यक्रम में नगर के अनेक गणमान्य व्यक्ति भारी संख्या में उपस्थित थे। इस अवसर पर गुरूद्वारा बाबा विश्वकर्मा मन्दिर की प्रबन्धक कमेटी के प्रधान सुखविन्द्र सिंह भी उपस्थित थे।
दरिया सिंह नामधारी के जन्मदिवस के संदर्भ में शनिवार को गुरूद्वारा में रखे गये श्री सुखमणि साहिब के पावन पाठ का भोग डाला गया। इसके बाद प्राकृ तिक चिकित्सक अमर सिंह शास्त्री तथा सुभाष चन्द शास्त्री के सानिध्य में आयोजित नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर में रोगियों की मुफ्त रजिस्टे्रेशन की गई। जिनका इलाज डबवाली के सतयुग आरोग्य मन्दिर में 10 दिन तक नि:शुल्क किया जायेगा।
इससे पूर्व दरिया सिंह के जन्मदिवस पर बोलते हुए रणजीत सिंह एडवोकेट ने कहा कि कुछ लोग देश में पिछले कुछ समय से समाज को तोडऩे की साजिश रच रहे हैं फिर भी समाज को जोडऩे वालों की कमी नहीं है। उनके अनुसार दरिया सिंह ने एक स्थान पर सभी धर्मों के लोगो को केवल इक्ठ्ठा ही नहीं किया बल्कि नि:शुल्क शिविर लगाकर बीमार पड़ रहे लोगो को मार्गदर्शन देने का प्रयास भी किया है ताकि वे लोग बीमारियों से बच सकें।
उन्होंने कहा कि हमेशा अच्छी बात को लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया जाना चाहिए। उनके अनुसार 90 प्रतिशत लोग आज कल तनाव के कारण रोगग्रस्त हैं और उन्हें सही मार्ग दिखाये जाने की जरूरत है। उनके अनुसार तनाव का कारण भी हमारे इर्द-गिर्द का वातावरण ही है। उन्होंने पत्रकारों से अनुरोध किया कि वह समाज में फैली कुरीतियों के खिलाफ अपनी कलम को ओर तीखी करें। रणजीत सिंह एडवोकेट ने लोगों को सचेत किया कि अगर हिन्दुस्तान रूपी नाव को बचाना है तो भाईचारा स्थापित करना होगा और भाईचारे में बाधक तत्वों से अलग थलग करना होगा।
गुरूद्वारा श्री कलगीधर सिंह सभा के प्रधान बघेल सिंह ने कहा कि अच्छाई उस समय ही प्रकट होती है जब ईश्वर कृपा करता है। गो सेवक रामलाल बागड़ी ने कहा कि हमें हमेशा ही धार्मिक रीतियों के अनुसार जन्म दिन मनाना चाहिए, ताकि हमारे बच्चों में अच्छे संस्कार पैदा हों और वह बड़े होकर अच्छे नागरिक बनें।
प्राकृतिक चिकित्सक अमर सिंह शास्त्री फरीदाबाद ने शिविर प्रारम्भ होने से पूर्व बताया कि शरीर को स्वस्थ रखने का मूल सूत्र आहार में छुपा हुआ है। जब हमारी जीवन शैली में किसी प्रकार की विकृति आती है तो रोग पैदा होता है। फिर इसमें सही ढंग से उपचार न करके बल्कि इसे दवा से दबाने का प्रयास किया जाता है, जो बाद में केवल घातक रोगों का कारण ही नहीं बनता बल्कि हमारी मौत का कारण बन जाता है। उन्होंने मरीजों को आश्वस्त किया कि शिविर के 10 दिन में वह उन्हें प्राकृतिक तरीके से जीने की शैली बताकर रोगो से राहत दिलाने का प्रयास करेंगे। उनके अनुसार नहाना, भोजन करना और सोना शरीर की दैनिक क्रियाओं को नियमानुसार करना भी रोग से मुक्ति का कारगर उपाय है।
इस मौके पर कुमार चन्द्रिका आश्रम स्कूल प्रबंधक समिति के अध्यक्ष कृष्ण जाखड़ ने आर्गेनिक खेती और गोपालन के बारे में बताया और वायुमण्डलीय प्रदूषण के प्रभाव की जानकारी दी।
इस मौके पर फतेह सिंह आजाद, बहादुर सिंह कूका ने भी अपने विचार रखे। जबकि मंच का संचालन बंटी गोयल ने किया। इस कार्यक्रम में नगर के अनेक गणमान्य व्यक्ति भारी संख्या में उपस्थित थे। इस अवसर पर गुरूद्वारा बाबा विश्वकर्मा मन्दिर की प्रबन्धक कमेटी के प्रधान सुखविन्द्र सिंह भी उपस्थित थे।
20 मार्च 2010
सैक्स रैकेट का भंडाफोड़
सिरसा। सिटी पुलिस ने पुरानी हाउसिंग बोर्ड के पास बने अशोक विहार में सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए एक दलाल, तीन लड़कों व दो लड़कियों सहित 6 लोगों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस को किसी मुखबिर से सूचना मिली थी कि अशोक विहार में कमरा किराए पर लेकर कुछ लोग देह व्यापार का धंधा चला रहे हैं। सूचना मिलने पर थाना शहर प्रभारी हंसराज ने टीम का गठन किया और एक पुलिस कर्मचारी को फर्जी ग्राहक बनाकर भेजा। सौदा पटने पर फर्जी ग्राहक बनकर गए पुलिसकर्मी ने इशारे से पुलिस को बुला लिया। पुलिस ने मौके से हिसार के रहने वाले लड़कियों के दलाल विक्रम, फतेहाबाद के दो युवकों रामेश्वर व हनुमान के साथ कोलकाता की दो लड़कियों सुनीता व माया को इम्मोरल ट्रेफिक एक्ट के अंतर्गत गिरफ्तार कर लिया। सभी को आज शाम कोर्ट में पेश कर दिया गया।
पुलिस को किसी मुखबिर से सूचना मिली थी कि अशोक विहार में कमरा किराए पर लेकर कुछ लोग देह व्यापार का धंधा चला रहे हैं। सूचना मिलने पर थाना शहर प्रभारी हंसराज ने टीम का गठन किया और एक पुलिस कर्मचारी को फर्जी ग्राहक बनाकर भेजा। सौदा पटने पर फर्जी ग्राहक बनकर गए पुलिसकर्मी ने इशारे से पुलिस को बुला लिया। पुलिस ने मौके से हिसार के रहने वाले लड़कियों के दलाल विक्रम, फतेहाबाद के दो युवकों रामेश्वर व हनुमान के साथ कोलकाता की दो लड़कियों सुनीता व माया को इम्मोरल ट्रेफिक एक्ट के अंतर्गत गिरफ्तार कर लिया। सभी को आज शाम कोर्ट में पेश कर दिया गया।
गुमनाम पत्र के जरिये डॉक्टर से मांगे 5 लाख
डबवाली (लहू की लौ) गांव चट्ठा के एक आरएमपी डॉक्टर को गुमनाम धमकी भरी चिट्ठी मिलने के बाद बुधवार रात को डबवाली पुलिस में खलबली मच गई और आनन-फानन में मुस्तैद पुलिस ने नाकाबंदी करके आरोपी को पकडऩे के लिए अपना जाल भी बिछा दिया। लेकिन आरोपी नहीं पहुंचा।
पुलिस सूत्रों के अनुसार गांव चट्ठा के एक आरएमपी डॉक्टर को एक गुमनाम पत्र मिला था। जिसमें लिखा था कि वह 5 लाख रूपये की राशि निर्धारित स्थल पर पहुंचा दे। अन्यथा उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। आरएमपी डॉक्टर ने इस मामले को पुलिस के सुपुर्द रख दिया। पुलिस ने गुमनाम पत्र को गंभीरता से लेते हुए बताये गये स्थल को चारों ओर से घेर लिया। सूत्रों के अनुसार डीएसपी बाबू लाल के नेतृत्व में थाना सदर प्रभारी भगवान दास तथा डबवाली पुलिस के अन्य अधिकारियों को अलग-अलग डयूटी लगाकर चौकन्ना कर दिया गया। पूरी रात पुलिस नाकाबंदी लगाये बैठी रही। लेकिन धमकी देने वाला नहीं पहुंचा।
इस सम्बन्ध में जब डीएसपी बाबू लाल से पूछा गया तो उन्होंने स्वीकार किया कि धमकी भरा पत्र गांव चट्ठा के एक आरएमपी डॉक्टर को मिला था और इस संदर्भ में पुलिस ने पूरी तरह से चौकसी बरतते हुए आरोपी को पकडऩे का जाल बिछा दिया था। उनके अनुसार डॉक्टर से गुमनाम पत्र के जरिये 5 लाख रूपये की मांग की गई थी। फिलहाल एतिहात के तौर पर पुलिस को चौकस रहने के आदेश दिये गये हैं। इधर थाना सदर प्रभारी भगवान दास ने भी धमकी भरे पत्र की पुष्टि की और उन्होंने कहा कि संभव है कि किसी शरारती ने यह शरारत की हो। लेकिन इसके बावजूद भी पुलिस ने पूर्ण नाकाबंदी की और अब भी चौकसी बरते हुए है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार गांव चट्ठा के एक आरएमपी डॉक्टर को एक गुमनाम पत्र मिला था। जिसमें लिखा था कि वह 5 लाख रूपये की राशि निर्धारित स्थल पर पहुंचा दे। अन्यथा उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। आरएमपी डॉक्टर ने इस मामले को पुलिस के सुपुर्द रख दिया। पुलिस ने गुमनाम पत्र को गंभीरता से लेते हुए बताये गये स्थल को चारों ओर से घेर लिया। सूत्रों के अनुसार डीएसपी बाबू लाल के नेतृत्व में थाना सदर प्रभारी भगवान दास तथा डबवाली पुलिस के अन्य अधिकारियों को अलग-अलग डयूटी लगाकर चौकन्ना कर दिया गया। पूरी रात पुलिस नाकाबंदी लगाये बैठी रही। लेकिन धमकी देने वाला नहीं पहुंचा।
इस सम्बन्ध में जब डीएसपी बाबू लाल से पूछा गया तो उन्होंने स्वीकार किया कि धमकी भरा पत्र गांव चट्ठा के एक आरएमपी डॉक्टर को मिला था और इस संदर्भ में पुलिस ने पूरी तरह से चौकसी बरतते हुए आरोपी को पकडऩे का जाल बिछा दिया था। उनके अनुसार डॉक्टर से गुमनाम पत्र के जरिये 5 लाख रूपये की मांग की गई थी। फिलहाल एतिहात के तौर पर पुलिस को चौकस रहने के आदेश दिये गये हैं। इधर थाना सदर प्रभारी भगवान दास ने भी धमकी भरे पत्र की पुष्टि की और उन्होंने कहा कि संभव है कि किसी शरारती ने यह शरारत की हो। लेकिन इसके बावजूद भी पुलिस ने पूर्ण नाकाबंदी की और अब भी चौकसी बरते हुए है।
19 मार्च 2010
बस मालिक और उसके बेटे की पिटाई करने पर कांग्रेसियों ने थाना पर दिया धरना
डबवाली (लहू की लौ) यहां के बस स्टैंड के बाहर एक प्राईवेट बस के मालिक और उसके बेटे को एक एएसआई द्वारा बिना किसी कारण के पीटने के आरोप में बुधवार रात को कांग्रेस कार्यकत्र्ताओं ने शहरी कांग्रेस प्रधान नवरतन बांसल के नेतृत्व में धरना दे दिया तथा उस पर कार्यवाही का आश्वासन मिलने के बाद ही धरना छोड़ा।
शहर कांग्रेस प्रधान नवरतन बांसल के अनुसार बुधवार शाम को कर्म सिंह और उसका बेटा अपनी हनुमानगढ़ जाने वाली बस की देखभाल के लिए बस अड्डा पर आये थे और जैसे ही बस को हनुमानगढ़ के लिए रवाना करने लगे तो उस में एक शराबी सवार हो गया। जिसे उन्होंने ले जाने से इंकार कर दिया। इतनी देर में वहां पर एएसआई मनफूल सिंह आ धमका जो कि शराब के नशे में धुत्त था। उसने आन देखा न तान और कर्मसिंह को पीटने लगा। जब उसके बेटे ने उसे इस हरकत से रोका तो वह उस पर भी टूट पड़ा।
बताते है कि बाद में उन दोनो को थाने ले गया। वहां भी उनसे बदतमीजी से पेश आया। हालांकि थाना प्रभारी के रूप में कार्यरत एसआई कृष्ण लाल ने भी उसे समझाया कि यह शरीफ आदमी है और तूं इसे क्यों यहां लाया है। इसकी जानकारी पा कर मौका पर शहरी कांग्रेस प्रधान नवरतन बांसल के नेतृत्व में करीब 30 कांग्रेसी वहां पहुंच गये और उन्होंने एएसआई की डाक्टरी करवाने तथा उसके खिलाफ बिना किसी वजह के बस मालिक और उसके बेटे को पीटने के आरोप में केस दर्ज करने की बात कही। कर्म सिंह ने पुलिस को लिखित शिकायत करके न्याय की गुहार लगाई। इस पर मौका पर डीएसपी बाबू लाल भी पहुंच गये और उन्होंने स्थिति को देखते हुए एएसआई मनफूल सिंह के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिये। एसपी सिरसा के आदेश पर उसे तत्काल प्रभाव से निलिम्बत करने के आदेश भी उन्होंने जारी किये। लेकिन थाना शहर से आरोपी एएसआई डीएसपी के आने की सूचना पाकर पहले ही फरार हो चुका था। शराबी पुलिस कर्मी द्वारा बिना किसी कारण के एक बस अपरेटर की पिटाई किये जाने से लोगो में पुलिस के खिलाफ गहर रोष व्याप्त है। डीएसपी बाबू लाल ने बताया कि उन्हें इस संदर्भ में शिकायत मिली थी और उन्होंने अपने उच्च अधिकारियों को एएसआई के निलम्बन की सिफारिश की है।
शहर कांग्रेस प्रधान नवरतन बांसल के अनुसार बुधवार शाम को कर्म सिंह और उसका बेटा अपनी हनुमानगढ़ जाने वाली बस की देखभाल के लिए बस अड्डा पर आये थे और जैसे ही बस को हनुमानगढ़ के लिए रवाना करने लगे तो उस में एक शराबी सवार हो गया। जिसे उन्होंने ले जाने से इंकार कर दिया। इतनी देर में वहां पर एएसआई मनफूल सिंह आ धमका जो कि शराब के नशे में धुत्त था। उसने आन देखा न तान और कर्मसिंह को पीटने लगा। जब उसके बेटे ने उसे इस हरकत से रोका तो वह उस पर भी टूट पड़ा।
बताते है कि बाद में उन दोनो को थाने ले गया। वहां भी उनसे बदतमीजी से पेश आया। हालांकि थाना प्रभारी के रूप में कार्यरत एसआई कृष्ण लाल ने भी उसे समझाया कि यह शरीफ आदमी है और तूं इसे क्यों यहां लाया है। इसकी जानकारी पा कर मौका पर शहरी कांग्रेस प्रधान नवरतन बांसल के नेतृत्व में करीब 30 कांग्रेसी वहां पहुंच गये और उन्होंने एएसआई की डाक्टरी करवाने तथा उसके खिलाफ बिना किसी वजह के बस मालिक और उसके बेटे को पीटने के आरोप में केस दर्ज करने की बात कही। कर्म सिंह ने पुलिस को लिखित शिकायत करके न्याय की गुहार लगाई। इस पर मौका पर डीएसपी बाबू लाल भी पहुंच गये और उन्होंने स्थिति को देखते हुए एएसआई मनफूल सिंह के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिये। एसपी सिरसा के आदेश पर उसे तत्काल प्रभाव से निलिम्बत करने के आदेश भी उन्होंने जारी किये। लेकिन थाना शहर से आरोपी एएसआई डीएसपी के आने की सूचना पाकर पहले ही फरार हो चुका था। शराबी पुलिस कर्मी द्वारा बिना किसी कारण के एक बस अपरेटर की पिटाई किये जाने से लोगो में पुलिस के खिलाफ गहर रोष व्याप्त है। डीएसपी बाबू लाल ने बताया कि उन्हें इस संदर्भ में शिकायत मिली थी और उन्होंने अपने उच्च अधिकारियों को एएसआई के निलम्बन की सिफारिश की है।
अंग्रेजों के खेल को पदमश्री क्यों!
डबवाली (लहू की लौ) कबड्डी में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर कई स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन करने वाले कर्नाटक के बीसी सुरेश ने खिलाडिय़ों की पीड़ा को जाहिर करते हुए कहा कि कितनी बड़ी विडम्बना है कि भारतीय खेल कबड्डी, हॉकी में स्वर्ण पदक पाने वालों को केवल अर्जुन अवार्ड पर ही संतोष करने को मजबूर किया जाता है, जबकि अंग्रेजों के खेल क्रिकेट में पचासा ठोकने वाले को पदमश्री पुरस्कार से नवाजा जाता है।
वे वीरवार को जोधपुर में सम्पन्न एक कबड्डी टूर्नामेंट जीतकर वापिस कर्नाटक लौटते समय डबवाली में सतनाम सिंह नामधारी के निवास स्थान पर कुछ समय रूके थे और इसी दौरान पत्रकारों से रूबरू हुए। उन्होंने कबड्डी में भारतीय खिलाडिय़ों द्वारा बटोरी की गई प्रशंसा का व्यख्यान करते हुए कहा कि वे 1990 में कबड्डी के अन्तर्राष्ट्रीय खेल के मैदान में उतरे थे। सन् 2002 में कोरिया में हुई 14वें एशियन खेल में उसे भारत की ओर से कबड्डी खेलने का मौका मिला। जिसमें भारतीय टीम ने विजयश्री पाई और इसके बाद 2003 में मलेशिया में सम्पन्न हुई एशियन चैम्पियनशिप में भारतीय कबड्डी टीम ने फिर विजय गाथा दोहराई। वर्ष 2004 में मुम्बई में हुए कबड्डी के पहले वल्र्ड कप में भी भारत ने अपना परचम लहराया। इसके बाद वर्ष 2006 में उनकी उपलब्धियों को देखते हुए उन्हें भारत की कबड्डी टीम के कप्तान पद पर सुशोभित होने का मौका मिला। उनकी कप्तानी में वर्ष 2006 में इरान में सम्पन्न हुई एशियन चैम्पियनशिप में टीम स्वर्ण पदक जीतकर वापिस लौटी।
बीसी सुरेश ने बताया कि अब तक वे अन्तर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में 6 बार गोल्ड मैडल तथा नेशनल चैम्पियनशिप में 8 बार गोल्ड मैडल प्राप्त कर चुके हैं। उन्होंने खिलाडिय़ों की टीस को पत्रकारों को अनुभव करवाते हुए कहा कि भारतीय खेलों में जो जगह कबड्डी को मिलनी चाहिए थी, वह नहीं मिली। जिसके कारण भारत का यह मूल खेल आज क्रिकेट के मुकाबले में फिसड्डी बना दिया गया है। जबकि उत्तर भारत में अभी भी कबड्डी का क्रेज है और उत्तर भारत की सरकारें कबड्डी खिलाडिय़ों को प्रोत्साहित करती हैं, इसके विपरीत दक्षिण भारत में कबड्डी को दोयम दर्जे का खेल समझा जाता है।
उन्होंने बताया कि दक्षिण में कबड्डी के प्रति लोगों में उत्साह पैदा हो और अच्छे खिलाड़ी बाहर जाकर देश का नाम रोशन करें, इसके लिए उन्होंने कर्नाटक में बीसी रमेश के नाम तले एक अकादमी की स्थापना की है। वर्ष 2009 में उन्हें स्टेट बैेंक ऑफ मैसूर ने डिप्टी मैनेजर के पद पर सम्मान देकर जो उसके लिए किया अब वह इसके अहसान के रूप में बैंक की ओर से कबड्डी खेल भी रहा है तथा साथ में कबड्डी का प्रशिक्षण भी अपने साथी खिलाडिय़ों को दे रहा है।
वे वीरवार को जोधपुर में सम्पन्न एक कबड्डी टूर्नामेंट जीतकर वापिस कर्नाटक लौटते समय डबवाली में सतनाम सिंह नामधारी के निवास स्थान पर कुछ समय रूके थे और इसी दौरान पत्रकारों से रूबरू हुए। उन्होंने कबड्डी में भारतीय खिलाडिय़ों द्वारा बटोरी की गई प्रशंसा का व्यख्यान करते हुए कहा कि वे 1990 में कबड्डी के अन्तर्राष्ट्रीय खेल के मैदान में उतरे थे। सन् 2002 में कोरिया में हुई 14वें एशियन खेल में उसे भारत की ओर से कबड्डी खेलने का मौका मिला। जिसमें भारतीय टीम ने विजयश्री पाई और इसके बाद 2003 में मलेशिया में सम्पन्न हुई एशियन चैम्पियनशिप में भारतीय कबड्डी टीम ने फिर विजय गाथा दोहराई। वर्ष 2004 में मुम्बई में हुए कबड्डी के पहले वल्र्ड कप में भी भारत ने अपना परचम लहराया। इसके बाद वर्ष 2006 में उनकी उपलब्धियों को देखते हुए उन्हें भारत की कबड्डी टीम के कप्तान पद पर सुशोभित होने का मौका मिला। उनकी कप्तानी में वर्ष 2006 में इरान में सम्पन्न हुई एशियन चैम्पियनशिप में टीम स्वर्ण पदक जीतकर वापिस लौटी।
बीसी सुरेश ने बताया कि अब तक वे अन्तर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में 6 बार गोल्ड मैडल तथा नेशनल चैम्पियनशिप में 8 बार गोल्ड मैडल प्राप्त कर चुके हैं। उन्होंने खिलाडिय़ों की टीस को पत्रकारों को अनुभव करवाते हुए कहा कि भारतीय खेलों में जो जगह कबड्डी को मिलनी चाहिए थी, वह नहीं मिली। जिसके कारण भारत का यह मूल खेल आज क्रिकेट के मुकाबले में फिसड्डी बना दिया गया है। जबकि उत्तर भारत में अभी भी कबड्डी का क्रेज है और उत्तर भारत की सरकारें कबड्डी खिलाडिय़ों को प्रोत्साहित करती हैं, इसके विपरीत दक्षिण भारत में कबड्डी को दोयम दर्जे का खेल समझा जाता है।
उन्होंने बताया कि दक्षिण में कबड्डी के प्रति लोगों में उत्साह पैदा हो और अच्छे खिलाड़ी बाहर जाकर देश का नाम रोशन करें, इसके लिए उन्होंने कर्नाटक में बीसी रमेश के नाम तले एक अकादमी की स्थापना की है। वर्ष 2009 में उन्हें स्टेट बैेंक ऑफ मैसूर ने डिप्टी मैनेजर के पद पर सम्मान देकर जो उसके लिए किया अब वह इसके अहसान के रूप में बैंक की ओर से कबड्डी खेल भी रहा है तथा साथ में कबड्डी का प्रशिक्षण भी अपने साथी खिलाडिय़ों को दे रहा है।
कीड़ेमार दवा मिले होने के संदेह में पेयजल आपूर्ति रूकवाई
डबवाली (लहू की लौ) गांव सुकेराखेड़ा में गांव के वाटर वक्र्स की डिग्गी के पानी में कीड़ेमार दवा मिले होने की आशंका को लेकर बवाल उठ खड़ा हो गया। जिसके चलते फिलहाल जनस्वास्थ्य विभाग ने पेयजल की आपूर्ति रोक दी है।
गांव सुकेराखेड़ा की सरपंच पार्वती देवी के पति ओमप्रकाश ने बताया कि नरेगा के तहत गांव के वाटर वक्र्स के पास खाल सफाई का काम चल रहा है। बुधवार शाम को करीब 5 बजे नरेगा मजदूरों ने वाटर वक्र्स की डिग्गी से एक व्यक्ति को कीड़ेमार दवाई के ड्रम से पानी लेजाते हुए देख लिया। इसकी सूचना उन्होंने उसे दी और उसने तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दे दी। मौका पर पुलिस ने पहुंचकर पानी की आपूर्ति रूकवा दी। इधर इसकी सूचना पाकर वीरवार को गांव के पूर्व सरपंच पवन मैहता, तोता राम, गगनदीप, मदन लाल, साहब राम मौका पर पहुंचे और उन्होंने मौके की नजाकत को देखते हुए इसकी सूचना जनस्वास्थ्य विभाग के सुपरवाईजर गणेशी लाल चौटाला को दी। गणेशी लाल ने मौका पर पहुंचकर ग्रामीणों को आश्वासन दिलाया कि पानी के सैम्पल लेकर टैस्ट के लिए प्रयोगशाला में भेजे जाएंगे। जब तक प्रशासनिक अधिकारी पेयजल आपूर्ति के आदेश नहीं देते, तब तक गांव में पेयजल की आपूर्ति जनहित में रोके रखी जाएगी। गणेशी लाल ने यह भी बताया कि अक्सर ग्रामीण बिजली न होने के कारण वाटर वक्र्स की डिग्गियों से पानी भरते रहते हैं। संभव है कि किसी ने डिग्गी से पानी भरा हो और मजदूरों को प्रयुक्त किया गया ड्रम कीड़ेमार दवाई का होने का संदेह हुआ हो।
गांव सुकेराखेड़ा की सरपंच पार्वती देवी के पति ओमप्रकाश ने बताया कि नरेगा के तहत गांव के वाटर वक्र्स के पास खाल सफाई का काम चल रहा है। बुधवार शाम को करीब 5 बजे नरेगा मजदूरों ने वाटर वक्र्स की डिग्गी से एक व्यक्ति को कीड़ेमार दवाई के ड्रम से पानी लेजाते हुए देख लिया। इसकी सूचना उन्होंने उसे दी और उसने तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दे दी। मौका पर पुलिस ने पहुंचकर पानी की आपूर्ति रूकवा दी। इधर इसकी सूचना पाकर वीरवार को गांव के पूर्व सरपंच पवन मैहता, तोता राम, गगनदीप, मदन लाल, साहब राम मौका पर पहुंचे और उन्होंने मौके की नजाकत को देखते हुए इसकी सूचना जनस्वास्थ्य विभाग के सुपरवाईजर गणेशी लाल चौटाला को दी। गणेशी लाल ने मौका पर पहुंचकर ग्रामीणों को आश्वासन दिलाया कि पानी के सैम्पल लेकर टैस्ट के लिए प्रयोगशाला में भेजे जाएंगे। जब तक प्रशासनिक अधिकारी पेयजल आपूर्ति के आदेश नहीं देते, तब तक गांव में पेयजल की आपूर्ति जनहित में रोके रखी जाएगी। गणेशी लाल ने यह भी बताया कि अक्सर ग्रामीण बिजली न होने के कारण वाटर वक्र्स की डिग्गियों से पानी भरते रहते हैं। संभव है कि किसी ने डिग्गी से पानी भरा हो और मजदूरों को प्रयुक्त किया गया ड्रम कीड़ेमार दवाई का होने का संदेह हुआ हो।
उपकरण उठाने आया डॉक्टर बैंरग लौटा
डबवाली (लहू की लौ) यहां के सिविल अस्पताल से नेत्र रोग सम्बन्धी उपकरण स्थानांतरित करने के विरोध में इनेलो, हजकां और खेत मजदूर यूनियन के सैंकड़ों कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया और सामान उठाने से रोक दिया।
प्राप्त जानकारी अनुसार औढ़ां के सीएचसी से आंख रोग विशेषज्ञ डॉ. सुमित जैन डबवाली के सिविल अस्पताल में पड़े आंख रोग जांच के उपकरणों को उठवाने के लिए निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा, पंचकूला के आदेश पर आये थे। लेकिन इसकी भनक इनेलो के रणवीर राणा, टेकचन्द छाबड़ा, गुरजीत सिंह, शिवजी राम बागड़ी, अमरनाथ बागड़ी, हजकां के कृष्ण लोहमरोड़, सुल्तान सिंह बैनीवाल, निर्मल सिंह धारणियां, खेत मजदूर यूनियन के कामरेड गणपत राम, मण्डी मजदूर यूनियन के विक्की चोरा, विजय खनगवाल को मिली तो वे अस्पताल में इक्ट्ठे हो गये और उन्होंने उपकरणों से भरी गाड़ी को रोक लिया और उसके आगे धरना पर बैठ गये तथा हरियाणा सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए इनेलो नेता रणवीर राणा तथा हजकां नेता कृष्ण कुमार लोहमरोड़ ने डबवाली के सिविल अस्पताल को रैफर अस्पताल की संज्ञा देते हुए कहा कि अगर हरियाणा सरकार ने डबवाली के प्रति अपनी नीति को नहीं बदला तो यहां के लोग सरकार के खिलाफ जोरदार आंदोलन चलाने को बाध्य होंगे।
इन नेताओं ने कहा कि सरकार को चाहिए कि डबवाली के सिविल अस्पताल में आंख रोग विशेषज्ञ, बर्न स्पैशलिस्ट, हड्डी रोग विशेषज्ञ, महिला रोग विशेषज्ञ नियुक्त किये जायें। इन नेताओं ने आशंका प्रकट की कि सरकार धीरे-धीरे डबवाली में विकास के लिए बनाये गये कार्यालयों को यहां से समाप्त करके बाहर स्थानांतरित कर रही है। कुछ वर्ष पूर्व कांग्रेस सरकार ने आते ही जनस्वास्थ्य विभाग के एक्सीयन कार्यालय को बाहर स्थानांतरित कर दिया। अब अस्पताल को स्थानांतरित करने की योजना बनाकर लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने की नीति पर चल रही है। उन्होंने आगाह किया कि डबवाली के लोग लावारिस नहीं है। वे अपना अधिकार लेना जानते हैं।
इस मौके पर लोगों के विरोध के चलते एसएमओ को स्थानांतरित किया जा रहा सामान वापिस अस्पताल में रखना पड़ा।
एसएमओ डॉ. विनोद कुमार महिपाल से जब इस संदर्भ में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सामान को अस्थाई रूप से उच्च अधिकारियों के आदेश पर भेजा जा रहा था और सरकार को डबवाली के सिविल अस्पताल में नेत्र रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति के लिए लिखा जा चुका है और विशेषज्ञ की नियुक्ति होते ही इस सामान को वापिस लाया जाना था।
इधर लोगों के सिविल अस्पताल में इक्ट्ठा होने की सूचना पाकर एसआई कृष्ण लाल परदेसी तथा एएसआई कैलाश चन्द्र अपने दलबल सहित मौका पर पहुंचे।
प्राप्त जानकारी अनुसार औढ़ां के सीएचसी से आंख रोग विशेषज्ञ डॉ. सुमित जैन डबवाली के सिविल अस्पताल में पड़े आंख रोग जांच के उपकरणों को उठवाने के लिए निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा, पंचकूला के आदेश पर आये थे। लेकिन इसकी भनक इनेलो के रणवीर राणा, टेकचन्द छाबड़ा, गुरजीत सिंह, शिवजी राम बागड़ी, अमरनाथ बागड़ी, हजकां के कृष्ण लोहमरोड़, सुल्तान सिंह बैनीवाल, निर्मल सिंह धारणियां, खेत मजदूर यूनियन के कामरेड गणपत राम, मण्डी मजदूर यूनियन के विक्की चोरा, विजय खनगवाल को मिली तो वे अस्पताल में इक्ट्ठे हो गये और उन्होंने उपकरणों से भरी गाड़ी को रोक लिया और उसके आगे धरना पर बैठ गये तथा हरियाणा सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए इनेलो नेता रणवीर राणा तथा हजकां नेता कृष्ण कुमार लोहमरोड़ ने डबवाली के सिविल अस्पताल को रैफर अस्पताल की संज्ञा देते हुए कहा कि अगर हरियाणा सरकार ने डबवाली के प्रति अपनी नीति को नहीं बदला तो यहां के लोग सरकार के खिलाफ जोरदार आंदोलन चलाने को बाध्य होंगे।
इन नेताओं ने कहा कि सरकार को चाहिए कि डबवाली के सिविल अस्पताल में आंख रोग विशेषज्ञ, बर्न स्पैशलिस्ट, हड्डी रोग विशेषज्ञ, महिला रोग विशेषज्ञ नियुक्त किये जायें। इन नेताओं ने आशंका प्रकट की कि सरकार धीरे-धीरे डबवाली में विकास के लिए बनाये गये कार्यालयों को यहां से समाप्त करके बाहर स्थानांतरित कर रही है। कुछ वर्ष पूर्व कांग्रेस सरकार ने आते ही जनस्वास्थ्य विभाग के एक्सीयन कार्यालय को बाहर स्थानांतरित कर दिया। अब अस्पताल को स्थानांतरित करने की योजना बनाकर लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने की नीति पर चल रही है। उन्होंने आगाह किया कि डबवाली के लोग लावारिस नहीं है। वे अपना अधिकार लेना जानते हैं।
इस मौके पर लोगों के विरोध के चलते एसएमओ को स्थानांतरित किया जा रहा सामान वापिस अस्पताल में रखना पड़ा।
एसएमओ डॉ. विनोद कुमार महिपाल से जब इस संदर्भ में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सामान को अस्थाई रूप से उच्च अधिकारियों के आदेश पर भेजा जा रहा था और सरकार को डबवाली के सिविल अस्पताल में नेत्र रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति के लिए लिखा जा चुका है और विशेषज्ञ की नियुक्ति होते ही इस सामान को वापिस लाया जाना था।
इधर लोगों के सिविल अस्पताल में इक्ट्ठा होने की सूचना पाकर एसआई कृष्ण लाल परदेसी तथा एएसआई कैलाश चन्द्र अपने दलबल सहित मौका पर पहुंचे।
60 वर्षीय दूल्हे से ठगी
नई नवेली दुल्हन व बिचोलन ने हजारों रूपये व जेवरात उड़ाये
डबवाली (लहू की लौ) 60 वर्षीय एक बूढ़े को अपनी उम्र से करीब आधी उम्र की महिला से शादी रचाना उस समय महंगा पड़ा, जब वह शादी रचाकर उससे हजारों रूपये की नकदी और सामान उड़ा ले गई।
ऐलनाबाद निवासी 60 वर्षीय गुरदीप सिंह पुत्र चरण सिंह ने बताया कि उसके कोई औलाद नहीं है। औलाद प्राप्ति के मोह में उसने अपनी पत्नी की सहमति से अन्य के साथ शादी रचाने का मन बनाया। इसके लिए उसने गांव के ही शेरा नामक एक व्यक्ति से सम्पर्क किया। शेरा ने उसकी बातचीत गांव नरसिंह कलोनी निवासी गुड्डी नामक एक महिला से करवाई और उसे उसकी होने वाली दुल्हन भी दिखाई गई। पीडि़त ने बताया कि 24-25 फरवरी की शाम को अचानक अमरजीत कौर निवासी चकेरियां हाल नरसिंह कलोनी अपनी साथी गुड्डी के साथ अचानक उसके निवास पर पहुंची और खुद को शगुन के रूप में 10,000 रूपये की राशि व हजारों रूपये के जेवरात डलवाकर लौट आई।
पीडि़त गुरदीप सिंह के अनुसार 3 मार्च को उसकी शादी तय हो गई। लेकिन तय शादी पर अमरजीत कौर ने एक अन्य लड़की रानी को उसके साथ दुल्हन के रूप में भेज दिया। लेकिन 5 मार्च को रानी नामक महिला अपने मायके चकेरियां जाने के बहाने 10 हजार रूपये की नकदी व घर में पड़े सूट उड़ा ले गई और वापिस नहीं लौटी। रानी नामक यह महिला अमरजीत कौर को अपनी मां बताती थी।
इधर आरोपी अमरजीत कौर ने बताया कि यह सब नरसिंह कलोनी में रहने वाली गुड्डी नामक महिला का किया धरा है। उसके अनुसार कुछ दिन पूर्व गुड्डी ने उसे अपने घर बुलाया और उसकी भेंट गांव मल्लेकां के शेरा नामक एक व्यक्ति से करवाई। वे लोग आपस में किसी व्यक्ति से बड़ी ठगी मारने की बात कर रहे थे। अमरजीत कौर के अनुसार योजना के मुताबिक गुड्डी व शेरा नामक व्यक्ति ने नरसिंह कलोनी में (गुड्डी के निवास स्थान पर) उसे दुल्हन के रूप में पेश कर दिया। लेकिन बाद में उसने रानी निवासी चकेरियां को मल्लेकां निवासी गुरदीप सिंह की दुल्हन के रूप में पेश करके उसे उसके साथ भेज दिया।
उपरोक्त घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए गांव नरसिंह कलोनी के सरपंच जसपाल सिंह ने बताया कि पीडि़त गांव मल्लेकां निवासी गुरदीप सिंह ने ठगी की शिकायत उससे की। जिस पर उन्होंने तत्काल पंचायत बुलाकर इस मामले को रखा। इस मौके पर गांव नरसिंह कलोनी की पंचायत के सदस्य जसपाल सिंह, तेजा सिंह, मनजीत कौर, महिन्द्र कौर सहित मेघराज पटवारी भी उपस्थित थे। सम्बन्धित पक्षों के ब्यान जाने गये। दूल्हे गुरदीप सिंह से ठगी होने की बात सामने आई। सरपंच के मुताबिक उपरोक्त महिलाओं ने दूल्हे से करीब 40 हजार रूपये की नकदी, जेवरात व सामान आदि ठगा है।
डबवाली (लहू की लौ) 60 वर्षीय एक बूढ़े को अपनी उम्र से करीब आधी उम्र की महिला से शादी रचाना उस समय महंगा पड़ा, जब वह शादी रचाकर उससे हजारों रूपये की नकदी और सामान उड़ा ले गई।
ऐलनाबाद निवासी 60 वर्षीय गुरदीप सिंह पुत्र चरण सिंह ने बताया कि उसके कोई औलाद नहीं है। औलाद प्राप्ति के मोह में उसने अपनी पत्नी की सहमति से अन्य के साथ शादी रचाने का मन बनाया। इसके लिए उसने गांव के ही शेरा नामक एक व्यक्ति से सम्पर्क किया। शेरा ने उसकी बातचीत गांव नरसिंह कलोनी निवासी गुड्डी नामक एक महिला से करवाई और उसे उसकी होने वाली दुल्हन भी दिखाई गई। पीडि़त ने बताया कि 24-25 फरवरी की शाम को अचानक अमरजीत कौर निवासी चकेरियां हाल नरसिंह कलोनी अपनी साथी गुड्डी के साथ अचानक उसके निवास पर पहुंची और खुद को शगुन के रूप में 10,000 रूपये की राशि व हजारों रूपये के जेवरात डलवाकर लौट आई।
पीडि़त गुरदीप सिंह के अनुसार 3 मार्च को उसकी शादी तय हो गई। लेकिन तय शादी पर अमरजीत कौर ने एक अन्य लड़की रानी को उसके साथ दुल्हन के रूप में भेज दिया। लेकिन 5 मार्च को रानी नामक महिला अपने मायके चकेरियां जाने के बहाने 10 हजार रूपये की नकदी व घर में पड़े सूट उड़ा ले गई और वापिस नहीं लौटी। रानी नामक यह महिला अमरजीत कौर को अपनी मां बताती थी।
इधर आरोपी अमरजीत कौर ने बताया कि यह सब नरसिंह कलोनी में रहने वाली गुड्डी नामक महिला का किया धरा है। उसके अनुसार कुछ दिन पूर्व गुड्डी ने उसे अपने घर बुलाया और उसकी भेंट गांव मल्लेकां के शेरा नामक एक व्यक्ति से करवाई। वे लोग आपस में किसी व्यक्ति से बड़ी ठगी मारने की बात कर रहे थे। अमरजीत कौर के अनुसार योजना के मुताबिक गुड्डी व शेरा नामक व्यक्ति ने नरसिंह कलोनी में (गुड्डी के निवास स्थान पर) उसे दुल्हन के रूप में पेश कर दिया। लेकिन बाद में उसने रानी निवासी चकेरियां को मल्लेकां निवासी गुरदीप सिंह की दुल्हन के रूप में पेश करके उसे उसके साथ भेज दिया।
उपरोक्त घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए गांव नरसिंह कलोनी के सरपंच जसपाल सिंह ने बताया कि पीडि़त गांव मल्लेकां निवासी गुरदीप सिंह ने ठगी की शिकायत उससे की। जिस पर उन्होंने तत्काल पंचायत बुलाकर इस मामले को रखा। इस मौके पर गांव नरसिंह कलोनी की पंचायत के सदस्य जसपाल सिंह, तेजा सिंह, मनजीत कौर, महिन्द्र कौर सहित मेघराज पटवारी भी उपस्थित थे। सम्बन्धित पक्षों के ब्यान जाने गये। दूल्हे गुरदीप सिंह से ठगी होने की बात सामने आई। सरपंच के मुताबिक उपरोक्त महिलाओं ने दूल्हे से करीब 40 हजार रूपये की नकदी, जेवरात व सामान आदि ठगा है।
17 मार्च 2010
14 क्विंटल चूरा पोस्त सहित दबोचा
डबवाली (लहू की लौ) डीएसपी (आर) बठिंडा बलजीत सिंह सिधू ने कहा कि पुलिस नशों पर नकेल कसने के लिए संकल्पबद्ध है। इसी संकल्प के तहत संगत क्षेत्र में नाकाबन्दी के दौरान पुलिस ने एक बड़ी सफलता प्राप्त करते हुए एक ट्रक में लेजायी जा रही 35 बोरी चूरा पोस्त पकड़ी है।
उन्होंने बताया कि पुलिस को मुखबरी मिली थी कि एक ट्रक में भारी मात्रा में चूरा पोस्त पंजाब में लाया जा रहा है। इसी मुखबरी के आधार पर थाना संगत के प्रभारी संदीप सिंह भाटी तथा चौकी आनन्दगढ़ प्रभारी एएसआई जसकरण सिंह ने सोमवार की रात को चकअतर सिंह वाला में नाका लगा कर चैकिंग शुरू कर दी। जिसके दौरान मुखबरी में बताया गया ट्रक चालक सहित काबू कर लिया गया। जिसकी तालाशी लेने पर ट्रक में रखी 35 बोरी चूरा पोस्त मिली जिसका कुल वजन 14 क्विंटल 3 किलो 500 ग्राम निकला। पुलिस सूत्रों के अनुसार इस ट्रक में सवार चार अन्य व्यक्ति पीछे आ रही एक स्कारपियों में फरार होने में सफल रहे। जिनमेें से दो की पहचान राजवीर सिंह पुत्र तारा सिंह निवासी बाज़क (संगत), गोरा सिंह निवासी गोबिन्दपुरा के रूप में की गई है।
गिरफ्तार किये गये ट्रक चालक संदीप सिंह पुत्र हरबन्स सिंह निवासी हररायपुर थाना नुइयांवाली को मंगलवार को बठिंडा अदालत में पेश करके अदालत से तीन दिन का पुलिस रिमांड ले लिया। रिमांड में पुलिस अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी और उनको शरण देने वाले स्कारपियो में कौन लोग थे। कहां से यह चूरा पोस्त लायी गई और इसे पंजाब में किस-किसको सप्लाई करना था।
उन्होंने बताया कि पुलिस को मुखबरी मिली थी कि एक ट्रक में भारी मात्रा में चूरा पोस्त पंजाब में लाया जा रहा है। इसी मुखबरी के आधार पर थाना संगत के प्रभारी संदीप सिंह भाटी तथा चौकी आनन्दगढ़ प्रभारी एएसआई जसकरण सिंह ने सोमवार की रात को चकअतर सिंह वाला में नाका लगा कर चैकिंग शुरू कर दी। जिसके दौरान मुखबरी में बताया गया ट्रक चालक सहित काबू कर लिया गया। जिसकी तालाशी लेने पर ट्रक में रखी 35 बोरी चूरा पोस्त मिली जिसका कुल वजन 14 क्विंटल 3 किलो 500 ग्राम निकला। पुलिस सूत्रों के अनुसार इस ट्रक में सवार चार अन्य व्यक्ति पीछे आ रही एक स्कारपियों में फरार होने में सफल रहे। जिनमेें से दो की पहचान राजवीर सिंह पुत्र तारा सिंह निवासी बाज़क (संगत), गोरा सिंह निवासी गोबिन्दपुरा के रूप में की गई है।
गिरफ्तार किये गये ट्रक चालक संदीप सिंह पुत्र हरबन्स सिंह निवासी हररायपुर थाना नुइयांवाली को मंगलवार को बठिंडा अदालत में पेश करके अदालत से तीन दिन का पुलिस रिमांड ले लिया। रिमांड में पुलिस अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी और उनको शरण देने वाले स्कारपियो में कौन लोग थे। कहां से यह चूरा पोस्त लायी गई और इसे पंजाब में किस-किसको सप्लाई करना था।
तीन वर्षीय बच्चे की जोहड़ में डूबने से मौत
डबवाली (लहू की लौ) पंजाब क्षेत्र के नजदीकी गांव फरीदकोट (बठिण्डा) में मंगलवार को एक तीन वर्षीय बच्चे की जोहड़ में डूबने से मौत हो गई। मिली जानकारी अनुसार गांव के सुखदेव सिंह का तीन वर्षीय बेटा शंकर आज अचानक एससी कलोनी में बने जोहड़ में गिर गया। जिसे तुरन्त डबवाली के एक प्राईवेट अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया। लेकिन उसने दम तोड़ दिया। ग्रामीणों ने पंजाब सरकार से पीडि़त परिवार को मुआवजा दिये जाने की मांग की है।
कितने हैं जो दूसरों को प्रेम देते हैं-जैन साध्वी
डबवाली (लहू की लौ) अढाई अक्षर प्रेम के लिए हर कोई यह अभिलाषा करता है कि हर जन मुझे से प्रेम करे यह बात जैन साध्वियों उज्ज्वल कुमारी, सूरज प्रभा तथा डा. लवण्यायशा ने लगभग एक माह से नित्य चलने वाली सांयकालिन कथा के दौरान कहे। उन्होंने उपस्थित जनसमूह से यह सवाल किया कि हर कोई प्रेम तो चाहता है परन्तु कितने हैं जो दूसरों को प्रेम देते हैं। परन्तु उन्होंने यह चिन्ता भी व्यक्त की कि प्रेम करें किससे। क्या भजन गाने से, हाथ मिलाने से प्रेम हो जाता है।
उन्होंने कहा कि प्रेम तब होता है जब हम अंदर से सरल हो जाते हैं। किसी भी वस्तु को तब तक हासिल नहीं किया जा सकता जब तक हम पूर्ण रूप से उसका मूल्य नहीं दे देते। उसी प्रकार हम पूर्ण समर्पित हुए बिना न तो किसी से प्रेम पा सकते हैं और न हीं किसी को प्रेम दे सकते हैं।
भगवान को पाने के लिए भी हमें द्रौपदी की तरह पूर्ण समपर्ण करना होगा। उन्होंने बताया कि द्रौपदी को भी भगवान ने चीर तभी प्रदान किया जब उसने दोनों हाथ उठाकर स्वयं को पूर्ण रूप से समर्पित कर दिया।
हम जब तक अपने मन में अनुराग नहीं जगाते और जब तक क्रोध, काम, मोह, माया का त्याग नहीं करते तब तक परमात्मा का प्रेम नहीं मिलता। यदि हम मैले दर्पण में अपना चेहरा देखेंग तो वह भी हमें सुन्दर दिखाई नहीं देगा। हम भले ही सुन्दर हों। अर्थात् हमें अपने-अपने मन रूपी दर्पण को सदैव साफ रखना होगा तभी हम प्रेम पा सकते हैं और तभी हम प्रेम दे भी सकते हैं। व्यक्ति स्वयं को प्रेम करना सीखे तो ही वह प्रेम लेेने का अधिकारी बन सकता है।
उन्होंने कहा कि प्रेम तब होता है जब हम अंदर से सरल हो जाते हैं। किसी भी वस्तु को तब तक हासिल नहीं किया जा सकता जब तक हम पूर्ण रूप से उसका मूल्य नहीं दे देते। उसी प्रकार हम पूर्ण समर्पित हुए बिना न तो किसी से प्रेम पा सकते हैं और न हीं किसी को प्रेम दे सकते हैं।
भगवान को पाने के लिए भी हमें द्रौपदी की तरह पूर्ण समपर्ण करना होगा। उन्होंने बताया कि द्रौपदी को भी भगवान ने चीर तभी प्रदान किया जब उसने दोनों हाथ उठाकर स्वयं को पूर्ण रूप से समर्पित कर दिया।
हम जब तक अपने मन में अनुराग नहीं जगाते और जब तक क्रोध, काम, मोह, माया का त्याग नहीं करते तब तक परमात्मा का प्रेम नहीं मिलता। यदि हम मैले दर्पण में अपना चेहरा देखेंग तो वह भी हमें सुन्दर दिखाई नहीं देगा। हम भले ही सुन्दर हों। अर्थात् हमें अपने-अपने मन रूपी दर्पण को सदैव साफ रखना होगा तभी हम प्रेम पा सकते हैं और तभी हम प्रेम दे भी सकते हैं। व्यक्ति स्वयं को प्रेम करना सीखे तो ही वह प्रेम लेेने का अधिकारी बन सकता है।
15 मार्च 2010
नानकशाही कलेण्डर में बदलाव करके बादल डाल रहे हैं सिक्ख कौम में दरार-चीमा
डबवाली (लहू की लौ) यहां की सिक्ख संगत ने नानकशाही संवत के अनुसार नया वर्ष मनाते हुए रविवार को गुरूद्वारा बाबा विश्वकर्मा से एक दस्तार मार्च आयोजित किया और नई पीढ़ी को सिक्खी के बारे में जानकारी दी।
इस दस्तार मार्च से पूर्व शिरोमणि अकाली दल पंच प्रधानी अमृतसर (पंजाब) प्रदेश महासचिव हरपाल सिंह चीमा ने नानकशाही कलेण्डर का विमोचन किया। पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि 2003 में अकालतख्त से नानकशाही कलेण्डर को जारी किया गया था। लेकिन अब शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबन्धक कमेटी अमृतसर इसमें कुछ परिवर्तन करके धूमाशाप कलेण्डर जारी कर रही है। जो उन्हें स्वीकार नहीं है और इस प्रकार से दो-दो कलेण्डर जारी करके सिक्ख कौम को बांटने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने इस परिवर्तन के पीछे बादल परिवार की भूमिका बताते हुए कहा कि नानकशाही कलेण्डर में वोटों की राजनीति के चलते बदलाव किया जा रहा है। बदलाव में संक्रांति और गुरूपर्वो को बदलने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबन्धक कमेटी के चुनाव आने ही वाले हैं और उनका प्रयास है कि बादल विरोधी सभी गुटों को एकत्रित करके इन चुनावों में भाग लेकर वर्षों से एसजीपीसी और सिक्ख संस्थानों पर कुंडली मारे बैठे बादल परिवार को खदेड़ा जा सकें। उन्होंने कहा कि सिक्खों को उतना खतरा बाहर से नहीं है, जितना खतरा भीतर बैठे बादल जैसे लोगों से हैं। जिन्होंने लगातार सिक्खी को नुक्सान पहुंचाया है।
उन्होंने पत्रकारों के सवालों के जवाब में यह भी कहा कि पंजाब में अब 1984 के दंगों को लेकर कोई तलखी नहीं है। उनके अनुसार उस समय भी और अब भी बादल परिवार का ही एक ड्रामा था। उनके अनुसार अब 25 वर्ष के बाद सुखबीर सिंह बादल को 1984 के दंगों की याद आई है और इसमें दोषियों को सजा दिलाने की बात कही जाने लगी है। जबकि सच यह है कि बीजेपी सरकार के केन्द्र में होते हुए सुखबीर बादल केन्द्रीय मंत्री थे। उस समय 1984 के दंगों पर वे कुछ नहीं कर पाये और अब कभी हरसिमरत कौर से और कभी स्वयं इस सम्बन्ध में ब्यान देकर सिक्खों के जख्मों को हरे करने का प्रयास कर रहे हैं।
इस अवसर पर उपस्थित श्री गुरूग्रंथ साहिब सत्कार सभा हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुखविन्द्र सिंह खालसा ने कहा कि दस्तार सिक्खी की आत्मा है और इस दस्तार ने देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। लेकिन बहकावे में आकर कुछ युवा इस दस्तार से मुंह मोड़ चुके हैं। उन्हें वापिस लौट आना चाहिए।
उन्होंने डेरावाद पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हरियाणा, पंजाब और केन्द्र की सरकारें डेरावाद को बढ़ावा दे रही हैं। डेरावाद सिक्खी की आड़ में युवा पीढ़ी को सिक्खी से दूर कर रहा है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि 22 मार्च 2009 से शुरू हुए धर्म युद्ध मोर्चे की 21 मार्च को मनाई जा रही वार्षिकी पर 101 सिक्खों का जत्था बाबा हरदीप सिंह के नेतृत्व में अकालतख्त तलवंडी साबो से डेरा सलावतपुर की ओर कूच करेगा। यह जत्था पाखंडवाद के द्योतक सलावतपुरा डेरा पर ताले जड़ेगा।
इस अवसर पर शिरोमणि अकाली दल पंच प्रधानी अमृतसर के जिला पटियाला अध्यक्ष गुरमीत सिंह, बलकरण सिंह खालसा, श्री गुरूग्रंथ साहिब सत्कार सभा के जिला सिरसा के उपप्रधान जस्सा सिंह सोढ़ी, गुरूद्वारा बाबा विश्वकर्मा मन्दिर के प्रधान सुखविन्द्र सिंह, सुरजीत सिंह, कुलवन्त सिंह, सुरेन सिंह, कंवलजीत सिंह, मनदीप सिंह, मनिन्द्र सिंह आदि उपस्थित थे।
इस दस्तार मार्च से पूर्व शिरोमणि अकाली दल पंच प्रधानी अमृतसर (पंजाब) प्रदेश महासचिव हरपाल सिंह चीमा ने नानकशाही कलेण्डर का विमोचन किया। पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि 2003 में अकालतख्त से नानकशाही कलेण्डर को जारी किया गया था। लेकिन अब शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबन्धक कमेटी अमृतसर इसमें कुछ परिवर्तन करके धूमाशाप कलेण्डर जारी कर रही है। जो उन्हें स्वीकार नहीं है और इस प्रकार से दो-दो कलेण्डर जारी करके सिक्ख कौम को बांटने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने इस परिवर्तन के पीछे बादल परिवार की भूमिका बताते हुए कहा कि नानकशाही कलेण्डर में वोटों की राजनीति के चलते बदलाव किया जा रहा है। बदलाव में संक्रांति और गुरूपर्वो को बदलने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबन्धक कमेटी के चुनाव आने ही वाले हैं और उनका प्रयास है कि बादल विरोधी सभी गुटों को एकत्रित करके इन चुनावों में भाग लेकर वर्षों से एसजीपीसी और सिक्ख संस्थानों पर कुंडली मारे बैठे बादल परिवार को खदेड़ा जा सकें। उन्होंने कहा कि सिक्खों को उतना खतरा बाहर से नहीं है, जितना खतरा भीतर बैठे बादल जैसे लोगों से हैं। जिन्होंने लगातार सिक्खी को नुक्सान पहुंचाया है।
उन्होंने पत्रकारों के सवालों के जवाब में यह भी कहा कि पंजाब में अब 1984 के दंगों को लेकर कोई तलखी नहीं है। उनके अनुसार उस समय भी और अब भी बादल परिवार का ही एक ड्रामा था। उनके अनुसार अब 25 वर्ष के बाद सुखबीर सिंह बादल को 1984 के दंगों की याद आई है और इसमें दोषियों को सजा दिलाने की बात कही जाने लगी है। जबकि सच यह है कि बीजेपी सरकार के केन्द्र में होते हुए सुखबीर बादल केन्द्रीय मंत्री थे। उस समय 1984 के दंगों पर वे कुछ नहीं कर पाये और अब कभी हरसिमरत कौर से और कभी स्वयं इस सम्बन्ध में ब्यान देकर सिक्खों के जख्मों को हरे करने का प्रयास कर रहे हैं।
इस अवसर पर उपस्थित श्री गुरूग्रंथ साहिब सत्कार सभा हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुखविन्द्र सिंह खालसा ने कहा कि दस्तार सिक्खी की आत्मा है और इस दस्तार ने देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। लेकिन बहकावे में आकर कुछ युवा इस दस्तार से मुंह मोड़ चुके हैं। उन्हें वापिस लौट आना चाहिए।
उन्होंने डेरावाद पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हरियाणा, पंजाब और केन्द्र की सरकारें डेरावाद को बढ़ावा दे रही हैं। डेरावाद सिक्खी की आड़ में युवा पीढ़ी को सिक्खी से दूर कर रहा है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि 22 मार्च 2009 से शुरू हुए धर्म युद्ध मोर्चे की 21 मार्च को मनाई जा रही वार्षिकी पर 101 सिक्खों का जत्था बाबा हरदीप सिंह के नेतृत्व में अकालतख्त तलवंडी साबो से डेरा सलावतपुर की ओर कूच करेगा। यह जत्था पाखंडवाद के द्योतक सलावतपुरा डेरा पर ताले जड़ेगा।
इस अवसर पर शिरोमणि अकाली दल पंच प्रधानी अमृतसर के जिला पटियाला अध्यक्ष गुरमीत सिंह, बलकरण सिंह खालसा, श्री गुरूग्रंथ साहिब सत्कार सभा के जिला सिरसा के उपप्रधान जस्सा सिंह सोढ़ी, गुरूद्वारा बाबा विश्वकर्मा मन्दिर के प्रधान सुखविन्द्र सिंह, सुरजीत सिंह, कुलवन्त सिंह, सुरेन सिंह, कंवलजीत सिंह, मनदीप सिंह, मनिन्द्र सिंह आदि उपस्थित थे।
राजा राम अग्रवाल धर्मशाला ट्रस्ट के खिलाफ जनहित याचिका
डबवाली (लहू की लौ) गांव गोरीवाला के दो लोगों ने राजा राम अग्रवाल धर्मशाला ट्रस्ट, डबवाली के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर करके न्यायालय से गुहार लगाई है कि वर्तमान ट्रस्ट पारिवारिक ट्रस्ट बनकर रह गया है और इसके पदाधिकारियों को हटाकर इस ट्रस्ट को पब्लिक हित में बनाया जाये।
गांव गोरीवाला निवासी रामनाथ पुत्र मोहन लाल पुत्र परस राम और कृष्णा देवी पत्नी रामनाथ ने न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी अमरजीत सिंह की अदालत में सीपीसी की धारा 92 के तहत राजा राम अग्रवाल धर्मशाला ट्रस्ट, डबवाली (रजि.) को चुनौती देते हुए अपनी याचिका में कहा है कि इस ट्रस्ट को राजा राम अग्रवाल की 1944 में मृत्यु के बाद उनकी स्मृति में उनकी विरासत को संभालते हुए कस्तूरी लाल और मोहन लाल निवासीगण गोरीवाला ने 30-07-1945 में बनाया था। जिसमें ट्रस्ट को चैरिटेबल और धार्मिक प्रकृति का घोषित किया गया था। इस ट्रस्ट के पास इस समय गांव गोरीवाला और डबवाली नगर में करीब 25 दुकानें, स्कूल, धर्मशाला और 529 कैनाल भूमि है।
याचि ने अपनी याचिका में यह भी कहा कि ट्रस्ट के नियमानुसार ट्रस्ट के नाम जो भूमि है, उसे आम पब्लिक के लिए प्रयोग में लाया जाना था। लेकिन अब इस ट्रस्ट को एक ही परिवार ने अपनी निजी सम्पत्ति मानते हुए अपने अधिकार क्षेत्र में ले रखा है। कस्तूरी लाल की मृत्यु के बाद इस ट्रस्ट को बाबू राम पुत्र कस्तूरी लाल का खानदान ही संभाल रहा है और इसी परिवार में से प्रधान, सचिव व अन्य सदस्य हैं। जबकि उनके (मोहन लाल) परिवार से किसी को सदस्य नहीं मनाया गया है। याचियों ने अपनी याचिका में यह भी कहा कि पिछले 20 वर्ष से संस्था के चुनाव नहीं हुए हैं। याचियों ने अपनी गुहार में कहा है कि आय-व्यय का ब्यौरा भी कभी सार्वजनिक नहीं किया गया है। इस ट्रस्ट को ट्रस्ट की भावनाओं के अनुसार न रखे जाने के चलते इसके पदाधिकारियों को हटाकर इसे पब्लिक हित में बनाया जाये।
याचिका दायर करने से पूर्व याचियों ने अदालत से सीपीसी की धारा 92 की अनुमति लेकर ही इस याचिका को दायर किया है। अदालत ने याचिका को विचारार्थ स्वीकार करते हुए पदाधिकारियों और ट्रस्ट सहित 9 को नोटिस भेजकर 13 अप्रैल को अपना पक्ष अदालत के समक्ष रखने के आदेश दिये हैं।
गांव गोरीवाला निवासी रामनाथ पुत्र मोहन लाल पुत्र परस राम और कृष्णा देवी पत्नी रामनाथ ने न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी अमरजीत सिंह की अदालत में सीपीसी की धारा 92 के तहत राजा राम अग्रवाल धर्मशाला ट्रस्ट, डबवाली (रजि.) को चुनौती देते हुए अपनी याचिका में कहा है कि इस ट्रस्ट को राजा राम अग्रवाल की 1944 में मृत्यु के बाद उनकी स्मृति में उनकी विरासत को संभालते हुए कस्तूरी लाल और मोहन लाल निवासीगण गोरीवाला ने 30-07-1945 में बनाया था। जिसमें ट्रस्ट को चैरिटेबल और धार्मिक प्रकृति का घोषित किया गया था। इस ट्रस्ट के पास इस समय गांव गोरीवाला और डबवाली नगर में करीब 25 दुकानें, स्कूल, धर्मशाला और 529 कैनाल भूमि है।
याचि ने अपनी याचिका में यह भी कहा कि ट्रस्ट के नियमानुसार ट्रस्ट के नाम जो भूमि है, उसे आम पब्लिक के लिए प्रयोग में लाया जाना था। लेकिन अब इस ट्रस्ट को एक ही परिवार ने अपनी निजी सम्पत्ति मानते हुए अपने अधिकार क्षेत्र में ले रखा है। कस्तूरी लाल की मृत्यु के बाद इस ट्रस्ट को बाबू राम पुत्र कस्तूरी लाल का खानदान ही संभाल रहा है और इसी परिवार में से प्रधान, सचिव व अन्य सदस्य हैं। जबकि उनके (मोहन लाल) परिवार से किसी को सदस्य नहीं मनाया गया है। याचियों ने अपनी याचिका में यह भी कहा कि पिछले 20 वर्ष से संस्था के चुनाव नहीं हुए हैं। याचियों ने अपनी गुहार में कहा है कि आय-व्यय का ब्यौरा भी कभी सार्वजनिक नहीं किया गया है। इस ट्रस्ट को ट्रस्ट की भावनाओं के अनुसार न रखे जाने के चलते इसके पदाधिकारियों को हटाकर इसे पब्लिक हित में बनाया जाये।
याचिका दायर करने से पूर्व याचियों ने अदालत से सीपीसी की धारा 92 की अनुमति लेकर ही इस याचिका को दायर किया है। अदालत ने याचिका को विचारार्थ स्वीकार करते हुए पदाधिकारियों और ट्रस्ट सहित 9 को नोटिस भेजकर 13 अप्रैल को अपना पक्ष अदालत के समक्ष रखने के आदेश दिये हैं।
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