15 मार्च 2010

राजा राम अग्रवाल धर्मशाला ट्रस्ट के खिलाफ जनहित याचिका

डबवाली (लहू की लौ) गांव गोरीवाला के दो लोगों ने राजा राम अग्रवाल धर्मशाला ट्रस्ट, डबवाली के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर करके न्यायालय से गुहार लगाई है कि वर्तमान ट्रस्ट पारिवारिक ट्रस्ट बनकर रह गया है और इसके पदाधिकारियों को हटाकर इस ट्रस्ट को पब्लिक हित में बनाया जाये।

गांव गोरीवाला निवासी रामनाथ पुत्र मोहन लाल पुत्र परस राम और कृष्णा देवी पत्नी रामनाथ ने न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी अमरजीत सिंह की अदालत में सीपीसी की धारा 92 के तहत राजा राम अग्रवाल धर्मशाला ट्रस्ट, डबवाली (रजि.) को चुनौती देते हुए अपनी याचिका में कहा है कि इस ट्रस्ट को राजा राम अग्रवाल की 1944 में मृत्यु के बाद उनकी स्मृति में उनकी विरासत को संभालते हुए कस्तूरी लाल और मोहन लाल निवासीगण गोरीवाला ने 30-07-1945 में बनाया था। जिसमें ट्रस्ट को चैरिटेबल और धार्मिक प्रकृति का घोषित किया गया था। इस ट्रस्ट के पास इस समय गांव गोरीवाला और डबवाली नगर में करीब 25 दुकानें, स्कूल, धर्मशाला और 529 कैनाल भूमि है।
याचि ने अपनी याचिका में यह भी कहा कि ट्रस्ट के नियमानुसार ट्रस्ट के नाम जो भूमि है, उसे आम पब्लिक के लिए प्रयोग में लाया जाना था। लेकिन अब इस ट्रस्ट को एक ही परिवार ने अपनी निजी सम्पत्ति मानते हुए अपने अधिकार क्षेत्र में ले रखा है। कस्तूरी लाल की मृत्यु के बाद इस ट्रस्ट को बाबू राम पुत्र कस्तूरी लाल का खानदान ही संभाल रहा है और इसी परिवार में से प्रधान, सचिव व अन्य सदस्य हैं। जबकि उनके (मोहन लाल) परिवार से किसी को सदस्य नहीं मनाया गया है। याचियों ने अपनी याचिका में यह भी कहा कि पिछले 20 वर्ष से संस्था के चुनाव नहीं हुए हैं। याचियों ने अपनी गुहार में कहा है कि आय-व्यय का ब्यौरा भी कभी सार्वजनिक नहीं किया गया है। इस ट्रस्ट को ट्रस्ट की भावनाओं के अनुसार न रखे जाने के चलते इसके पदाधिकारियों को हटाकर इसे पब्लिक हित में बनाया जाये।
याचिका दायर करने से पूर्व याचियों ने अदालत से सीपीसी की धारा 92 की अनुमति लेकर ही इस याचिका को दायर किया है। अदालत ने याचिका को विचारार्थ स्वीकार करते हुए पदाधिकारियों और ट्रस्ट सहित 9 को नोटिस भेजकर 13 अप्रैल को अपना पक्ष अदालत के समक्ष रखने के आदेश दिये हैं।

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