22 सितंबर 2011

हैफेड सोसाईटी में किसानों और अधिकारियों में मारपीट


डबवाली (लहू की लौ) अभी बिजाई का सीजन भी नहीं है, लेकिन इसके बावजूद डीएपी खाद लेने के लिए किसानों की लम्बी लाईने सहकारी समितियों के समक्ष लगी हुई हैं। खाद को लेकर सहकारी समितियों के अधिकारियों तथा किसानों के बीच झगड़े भी हो रहे हैं।
मंगलवार को गांव बिज्जूवाली के बुधराम, दारेवाला के नुपा राम, गोदीकां के कुलदीप सिंह, उग्रसैन, गोरीशंकर, सुरिंद्र, अबूबशहर के काला लहोरिया, राजा सिधू, गुरजीत सिंह लहोरिया भी खाद लेने के लिए डबवाली की अनाज मण्डी में स्थित सहकारी समिति हैफेड में आए हुए थे। इन किसानों के अनुसार वे लोग लाईन में लगे हुए थे। लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें खाद नहीं दी गई। बल्कि झगड़ा करके उन्हें हैफेड की सोसाईटी से बाहर निकाल दिया गया। इन किसानों ने आरोप लगाया कि सोसाईटी के मैनेजर लीलाधर ने उनके कपड़े भी फाड़ डाले।
हैफेड के मैनेजर लीलाधर ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि जो भी किसान लाईन में लगा, उसे खाद मिल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों ने उससे गाली-गलौज। उनके अनुसार किसानों को संबंधित पैक्स में ही खाद उपलब्ध करवाई जा रही है। लेकिन पैक्स से एडवाईस बनाने के लिए कहा गया है। जिस पैक्स की एडवाईस उनके पास आती है, उन्हें खाद भिजवाई जा रही है। उनके अनुसार डबवाली पैक्स से संबंधित डबवाली, सांवतखेड़ा और नीलियांवाली में आज खाद उपलब्ध करवा दी गई है। जबकि बुधवार को शेरगढ़, खुईयां और अबूबशहर में भी खाद उपलब्ध करवा दी जाएगी।
लीलाधर के अनुसार बिजाई का मौसम नहीं है। 15 अक्टूबर से बिजाई शुरू होनी है। लेकिन इसके बावजूद किसान डीएपी लेने के लिए सोसाईटियों पर आने शुरू हो गए हैं। उनके अनुसार इसका कारण डीएपी के रेट भविष्य में बढऩे की संभावना है। इसलिए किसान चाहते हैं कि अभी से ही खाद खरीद ली जाए। उनके अनुसार इस समय डबवाली हल्का में एक लाख छब्बीस हजार बैग खाद के पड़े हैं। खाद की कमी नहीं है। उनके अनुसार इनमें से 47 हजार बैग पुराने रेट 600 रूपए प्रति बैग के हिसाब से उपलब्ध करवाए जाने हैं। इसके अतिरिक्त बैग बढ़े हुए रेटों पर दिए जाएंगे।

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