22 सितंबर 2011

गंदे पानी की आपूर्ति पर बिफरी महिलाएं, दो दिन की अल्टीमेटम


डबवाली (लहू की लौ) शहर के सीवरेज का गंदा पानी निकालने के लिए जनस्वास्थ्य विभाग को जमीन नहीं मिल रही है। वहीं पाईपों में रूका गंदा पानी पेयजल आपूर्ति के समय घरों में सप्लाई हो रहा है। शहर में लोग बीमार पडऩे लगे हैं। वहीं लोगों में विरोध के स्वर भी गूंजने लगे हैं। बुधवार को दिन उगते ही महिलाएं विभाग के कार्यालय पहुंची। महिलाओं ने जमकर बवाल काटा। वहां उपस्थित कनिष्ठ अभियंता को दो दिन के भीतर समस्या का हल करने की चेतावनी दे डाली है। शहर के सीवरेज का गंदा पानी निकालने के लिए डिस्पोजल की भूमि छोटी पड़ गई है। जिसके चलते तीन दिनों से सीवरेज का पानी पाईपों में जमा है। पाईपें धीरे-धीरे भर रही हैं। वहीं नहरबंदी के कारण पानी की समस्या भी गहरा गई है। टयूब्बैल के पानी को स्टॉक किए गए पानी के साथ मिलाकर पेयजल आपूर्ति की जा रही है। लेकिन आपूर्ति में सीवरेज का गंदा पानी मिक्स होकर घरों तक पहुंच रहा है। जिससे लोग बीमार पड़ रहे हैं। बुधवार को शहर के पुराना हनुमान मंदिर क्षेत्र की महिलाएं जनस्वास्थ्य विभाग के कार्यालय में पहुंची। मौका पर उपस्थित कनिष्ठ अभियंता सतपाल रोज को खूब खरी-खोटी सुनाई। प्रवीण रानी, आशा रानी, अंजू, संतोष देवी, पूजा, किरण, रीना, सीमा ने बताया कि उनके क्षेत्र में पेयजल की आपूर्ति नहीं हो रही है। लेकिन जब भी पानी आता है तो सीवरेज युक्त पानी। यह पिछले चार साल से हो रहा है। वे कई बार विभाग को लिखित शिकायत दर्ज करवा चुकी है। लेकिन आज तक उनकी समस्या का हल नहीं हुआ। अब तो हालात और भी गंभीर हो गए हैं। पिछले कुछ दिनों से बदबूदार काला पानी उनके घरों में आ रहा है। परिवार के सदस्य बीमार पड़ रहे हैं। क्षेत्र में ऐसा कोई घर नहीं, जिसका सदस्य उल्टी, दस्त रोग का शिकार न हो।
इन महिलाओं ने कनिष्ठ अभियंता को दो दिन के भीतर समस्या का हल करके स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति करवाने की चेतावनी दी। महिलाओं के अनुसार अगर दो दिन के भीतर उनकी समस्या का समाधान नहीं होता तो वे कार्यालय का घेराव करने को बाध्य होंगी।
जनस्वास्थ्य विभाग के कनिष्ठ अभियंता सतपाल रोज ने बताया कि पंजाब में नहरबंदी चल रही है। नहरों में पानी आने में कुछ दिन लगेंगे। स्टॉक किए गए पानी तथा टयूब्बैल के पानी को मिलाकर शहर के लोगों को पेयजल आपूर्ति की जा रही है। उन्होंने स्वीकार किया कि सीवरेज का पानी निकालने के लिए विभाग के पास जमीन नहीं है। जिसके चलते पानी पाईपों में रूका पड़ा है। कुछ जगहों पर यह पानी मिक्स होकर घरों में आ रहा है। ऐसी जगहों को चिन्हित करके ठीक किया जा रहा है।

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