29 सितंबर 2011

आढ़तियों को पंजाब से ऑफर


डबवाली (लहू की लौ) मार्किट फीस में कटौती की मांग को लेकर प्रदेश का व्यापारी संघर्षरत है। सरकार उनकी मांगों की ओर कोई ध्यान नहीं दे रही। लेकिन पड़ौसी राज्य इस गोल्डन चांस को किसी भी कीमत पर हाथ से नहीं निकलने दे रहे। तीन राज्यों की त्रिवेणी डबवाली में बैठे व्यापारियों को पंजाब में बिजनेस सेट करने की ऑफर मिली है। वहीं व्यापारियों के साथ लेबर ने भी पंजाब के जिला श्री मुक्तसर साहिब की मण्डी किलियांवाली में जाने की इच्छा जता दी है। इधर इससे पूर्व ही किसान अपनी उपज लेकर पंजाब में दाखिल हो रहे हैं।
डबवाली में 150 आढ़ती, पांच जीनिंग मिल, पंद्रह ब्रोकर तथा पांच हजार मजदूर हैं। डबवाली क्षेत्र को कपास-नरमा के उत्पादन के मामले में जिला सिरसा का हार्ट कहा जाता है। सीजन शुरू होने से पूर्व ही व्यापारी मार्किट फीस में कमी की मांग को लेकर आंदोलन की राह पर चल रहे हैं। आढ़तियों की मांग है कि पड़ौसी राज्य पंजाब तथा राजस्थान में मार्किट फीस हरियाणा की तुलना में कम है। जिससे किसान को उसकी उपज का उचित भाव मिलने के साथ-साथ व्यापारी वर्ग पर भी अनावश्यक दबाव नहीं पड़ता। लेकिन व्यापारियों की मांग सरकार के कानों तक नहीं पहुंच रही हैं। पड़ौसी राज्य पंजाब के मार्किटिंग बोर्ड के अधिकारियों ने इसे उचित अवसर समझते हुए डबवाली के व्यापारियों को पंजाब में व्यापार करने की ऑफर दी है। इस संबंधी साथ लगते जिला श्री मुक्तसर साहिब की मण्डी किलियांवाली के सुपरवाईजर की कॉल कच्चा आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष हरबिलास निरंकारी के पास आई है। मण्डी सुपरवाईजर ने हरियाणा के आढ़तियों को लाईसेंस लेने के साथ-साथ व्यापार करने की खुली अनुमति दी है।
कच्चा आढ़तिया एसोसिएशन के अध्यक्ष हरबिलास निरंकारी ने उपरोक्त पुष्टि करते हुए बताया कि मार्किटिंग बोर्ड, पंजाब के ऑफर पर व्यापारियों ने मंथन शुरू कर दिया है। उनके अनुसार काफी समय से हरियाणा का व्यापारी अपने उचित हकों के लिए लड़ाई लड़ रहा है। लेकिन प्रदेश की हुड्डा सरकार व्यापारी को दबाने पर तुली हुई है। पंजाब के ऑफर को व्यापारी गंभीरता से ले रहे हैं। इस मुद्दे पर सभी व्यापारी एकजुट हैं। अगर सरकार उनकी आवाज को इसी तरह कुचलती गई तो वे निश्चित तौर पर ही पंजाब में पलायन कर जाएंगे।
किसान बलदेव सिंह, सुखपाल सिंह, जगसीर सिंह ने बताया कि वे नरमा लेकर अनाज मण्डी में आए थे। लेकिन कोई व्यापारी उनका नरमा खरीदने को तैयार नहीं हुआ। इसके लिए उन्हें मजबूरन पंजाब का रूख करना पड़ा।
हरियाणा मण्डी मजदूर यूनियन की शाखा डबवाली के अध्यक्ष विक्की चोरा तथा सदस्य किशोरी लाल के अनुसार डबवाली का व्यापारी नरमा-कपास की खरीद नहीं कर रहा। जिसके चलते अनाज मण्डी में लेबर को कार्य नहीं मिल रहा। ऐसे हालातों में उनके पास पेट भरने के लिए  किलियांवाली की अनाज मण्डी में पलायन ही एक रास्ता है। वे जल्द ही यूनियन की बैठक बुलाकर इस बारे में निर्णय लेंगे।
मार्किट कमेटी डबवाली के सचिव चरण सिंह गिल ने कहा कि आढ़तियों को समझाने के प्रयास चल रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही मण्डी में कपास-नरमा की खरीद आरंभ होगी।

कोई टिप्पणी नहीं: