09 सितंबर 2009

धार्मिक स्थलों का प्रयोग चुनावी मंच के रूप में नहीं किया जाये : चुनाव आयोग

डबवाली (लहू की लौ) भारत के चुनाव आयोग ने राजनीतिक पार्टियों एवं प्रत्याशियों को हरियाणा विधानसभा 2009 के आम चुनावों के दौरान उनके सामान्य आचरण के बारे सुझाव दिए हैं। हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी सज्जन सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि चुनाव प्रचार के लिए मस्जिदों, गिरिजाघरों, मंदिरों या अन्य धार्मिक स्थलों का उपयोग मंच के रूप में नहीं किया जाएगा। कोई भी पार्टी या प्रत्याशी ऐसी गतिविधि में संलिप्त नहीं होगा, जिससे विद्यमान मतभेद और अधिक गंभीर हों या आपसी घृणा उत्पन्न होती हो या विभिन्न जातियों एवं समुदायों, धर्र्मों या भिन्न-भिन्न भाषा बोलने वालों के बीच तनाव उत्पन्न हों। उन्होंने कहा कि अन्य राजनीतिक पार्टियों की आलोचना करते समय केवल उनकी नीतियों एवं कार्यक्रमों, पिछले रिकार्ड तथा कार्य तक ही सीमित रहना होगा। पार्टियों एवं प्रत्याशियों को अन्य पार्टियों के नेताओं या कार्यकत्र्ताओं के निजी जीवन, जिसका सम्बन्ध उनकी सार्वजनिक गतिविधियों से नहीं है, के विभिन्न पहलुओं की आलोचना करने से बचना होगा। वोट प्राप्त करने के लिए जाति या सामुदायिक भावनाओं के आधार पर अपील नहीं की जाएगी। सभी पार्टियों एवं प्रत्याशियों को ऐसी सभी गतिविधियों से परहेज करना होगा, जो चुनाव कानून के तहत भ्रष्टï या अपराध हैंं, जैसेकि-मतदाता को रिश्वत देना, मतदाताओं को धमकी देना, मतदाताओं का प्रतिरूपण, मतदान केन्द्रों की 100 मीटर की परिधि में प्रचार करना, मतदान समाप्त होने के निर्धारित समय को समाप्त होने वाले 48 घण्टों के दौरान सार्वजनिक बैठकें आयोजित करना तथा मतदाताओं को मतदान केन्द्रों तक ले जाना और वापिस लाना। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के शांतिपूर्ण एवं विघ्ररहित पारिवारिक जीवन के अधिकार का सम्मान किया जाना चाहिए चाहे राजनीतिक पार्टियां या प्रत्याशी उनके राजनीतिक विचारों या गतिविधियों को कितना भी बुरा मानते हों। लोगों के विचारों एवं गतिविधियों के विरूद्घ विरोध के रूप में उनके घरों के सामने प्रदर्शन करना या धरना देने को किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोई भी राजनीतिक पार्टी या प्रत्याशी अपने कार्यकत्र्ताओं को किसी भी व्यक्ति की अनुमति के बिना उसकी जमीन, भवन, चारदीवारी आदि पर झण्डे लगाने, बैनर लगाने, नोटिस चिपकाने, स्लोगन आदि लिखने की अनुमति नहीं देगा। राजनीतिक पार्टियां या प्रत्याशी यह भी सुनिश्चित करेंगे कि उनके समर्थकों द्वारा अन्य पार्टियों द्वारा आयोजित बैठकों एवं जुनूसें में कोई व्यवधान उत्पन्न न किया जाए। एक राजनीतिक पार्टी के कार्यकत्र्ताओं या उनके समर्थकों द्वारा अन्य राजनीतिक पार्टी द्वारा आयोजित सार्वजनिक बैठकों में मौखिक या लिखित रूप से प्रश्न पूछक र या अपनी पार्टियों के पैम्फलैटस वितरित करके व्यवधान उत्पन्न नहीं किया जाएगा जहां एक पार्टी द्वारा बैठकें आयोजित की जा रही हैं, उसके पास दूसरी पार्टी द्वारा जलसे नहीं निकाले जाएंगे। किसी पार्टी द्वारा लगाए गए पोस्टरों को दूसरी पार्टी के कार्यकत्र्ताओं द्वारा हटाया नहीं जाएगा। पार्टी या प्रत्याशी प्रस्तावित बैठक के स्थान एवं समय के बारे स्थानीय पुलिस प्राधिकारियों को समय पर सूचित करेंगी ताकि पुलिस यातायात को नियंत्रित करने तथा शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक प्रबन्ध कर सके । पार्टी या प्रत्याशी बैठक आयोजित किए जाने के प्रस्तावित स्थल पर लागू किसी प्रतिबंध या निषेध आदेश के बारे पहले ही पता लगा लेंगे। यदि ऐसे कोई आदेश हैं, तो वे उसका कड़ाई से पालन करेंगे। यदि ऐसे आदेशों से कोई छूट ली जानी आवश्यक है, तो उसके लिए समय पर आवेदन करना होगा। किसी भी प्रस्तावित बैठक के सम्बन्ध में लाऊड स्पीकर या कोई अन्य सुविधा के उपयोग के लिए अनुमति या लाईसैंस लिया जाना आवश्यक है, तो पार्टी या प्रत्याशी ऐसी अनुमति या लाईसैंस प्राप्त करने के लिए सम्बन्धित प्राधिकारियों को समय रहते आवेदन करेंगे। बैठक के आयोजकों द्वारा बैठक में बाधा उत्पन्न करने या उपद्रव मचाने का प्रयास करने वाले लोगों से निपटने के लिए डयूटी पर तैनात पुलिस की सहायता ली जाएगी। उन्होंने कहा कि आयोजक स्वयं ऐसे व्यक्तियों के विरूद्घ कार्रवाई नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि जुलूस आयोजित करने वाली पार्टी या प्रत्याशी स्थान एवं समय, जहां से और जिस समय जुलूस शुरू होगा, उसका मार्ग तथा जुलूस समाप्त होने के समय एवं स्थान के बारे पहले ही निर्णय ले लेंगे। सामान्य तौर पर कार्यक्रम में कोई परिवर्तन नहीं होगा। आयोजकों को स्थानीय पुलिस प्राधिकारियों को कार्यक्रम के बारे समय पर सूचित करना होगा ताकि वे आवश्यक प्रबन्ध कर सकें। आयोजक इस बात का भी पता लगाएंगे कि उन स्थलों, जहां से जुलूस निकलेगा, पर कोई प्रतिबन्ध आदेश तो जारी नहीं हैं और जब तक कि सक्षम प्राधिकारी द्वारा विशेष छूट नहीं ली जाती तब तक वह उन प्रतिबंधों को भी मानेेगा। उन्होंने कहा कि यातायात विनियमों एवं प्रतिबंधों का भी ध्यानपूर्वक पालन किया जाएगा। आयोजक जुलूस के मार्ग के लिए समय रहते कदम उठाएंगे ताकि यातायात में कोई व्यवधान उत्पन्न न हो। उन्होंने कहा कि जुलूस को इस प्रकार नियोजित किया जाना चाहिए कि जहां तक सम्भव हो सके जुलूस सड़क के दाईं ओर ही रहे तथा डयूटी पर तैनात पुलिस के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाए। यदि दो या दो से अधिक राजनीतिक पार्टियां या प्रत्याशी एक ही समय पर एक ही मार्ग से जुलूस निकालना चाहें तो आयोजक समय रहते आपस में सम्पर्क करेंगे तथा किए जाने वाले उपायों के बारे निर्णय लेंगे ताकि जुलूसों का आपस में टकराव न हो या उनके कारण यातायात में क ोई व्यवधान उत्पन्न न हो। संतोषजनक व्यवस्था करने के लिए स्थानीय पुलिस की सहायता लेनी होगी तथा इस कार्य के लिए पार्टियांं शीघ्रातिशीघ्र पुलिस से सम्पर्क करेंगी। उन्होंने कहा कि राजनीतिक पार्टियों या प्रत्याशियों द्वारा जुलूस में चलने वाले लोगों द्वारा ले जाई जा रही ऐसी वस्तुएं, जिनका अवांछित तत्वों द्वारा विशेष रूप से जोश के क्षणों में, दुरूपयोग किया जा सकता है, को जहां तक संभव हो सके नियंत्रित करने का प्रयास किया जाना चाहिए। किसी भी राजनीतिक पार्टी या प्रत्याशी द्वारा अन्य राजनीतिक पार्टियों के सदस्यों या उनके नेताओं के पुतले ले जाना, सार्वजनिक स्थलों पर ऐसे पुतलों को जलाना और ऐसे ही अन्य प्रदर्शन नहीं किए जाएंगे।

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