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Lahoo Ki Lau
18 नवंबर 2024
गिदडख़ेड़ा गांव में लैंड हुआ पाकिस्तानी जहाजनुमा गुब्बारा, किसान ने किया पुलिस को सूचित
17 नवंबर 2024
धुंध के कारण बस ट्रक से टकराई, 15 यात्री घायल


यह है घटना
पीआरटीसी के बठिंडा डिपो की बस सुबह करीब 4.20 पर डबवाली से चंडीगढ़ के लिए रवाना हुई थी। बस को कुलदीप सिंह पुत्र सुखदर्शन सिंह निवासी डबवाली चला रहा था। बस बठिंडा जिला के निकटवर्ती गांव रूलदूवाला से सवारी उठा कर भारत माला पर कुटी किशनपुरा ओवरब्रिज पर चढ़ी तो सडक़ पर खड़े एक ट्रक से कंडक्टर साइड से टकरा गई।
बस चालक कुलदीप सिंह ने बताया कि ट्रक पर कोई इंडीकेटर नहीं चल रहे थे और न ही कोई रेड रिफ्लेक्टर या सूचक चिन्ह लगे थे, जिससे सडक़ पर खड़े वाहन का पता चल सके। बस की टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि सभी यात्री इधर-उधर गिर गए। करीब 15 यात्री गंभीर रूप से घायल हुए, जिनमें से 7 घायलों को डबवाली के सरकारी अस्पताल पहुंचाया।
घायलों की सूची
कुलदीप सिंह (बस चालक), कुलविंद्र सिंह परिचालक ( पुत्र बेअन्त सिंह, निवासी सेखू), जशनदीप कौर (25) पुत्री कुलविंद्र सिंह निवासी डबवाली, गुरलाल सिंह (43) पुत्र सुखदेव सिंह निवासी पक्का कलां, मनप्रीत कौर (29) पुत्री सुखविंद्र सिंह, निवासी फतूहीवाला, गुरतेज सिंह (50) पुत्र जोरा सिंह निवासी गहरी बुट्टर, गंगन (29) पुत्र सोहन राम, शान्ति देवी पत्नी सोहन राम निवासीगण वार्ड नं. 7, डबवाली, तेज सिंह (49) पुत्र गुरतेज सिंह निवासी गहरी बुट्टर व अन्य 5-6 सवारियों को मामूली चोटें आईं।
मेला से लौटे श्रद्धालुओं से भरी थी बस
बस सवारियों से भरी हुई थी।। इसका कारण काफी लोग राजस्थान के कलैत मेला में दर्शन करके वापिस गांव लौट रहे थे। दूसरा सरकारी जॉब में लगे लोग थे।
एम्बुलेंस चालक कुलवंत सिंह बने मददगार
डबवाली और पंजाब के कुुट्टी किशनपुरा में हुए इस बस हादसे सहित अन्य घटनाओं में एम्बुलेंस चालक कुलवंत सिंह ने फुर्ती से काम किया। उन्होंने अकेले ही करीब 12 घायलों को समय पर अस्पताल पहुंचाया।
प्रदेश और जनता के हितों की लड़ाई मजबूती से लड़ेंगे, फिर से किसानों और जनता के बीच में जाएंगे: अभय सिंह चौटाला
इनेलो की राष्ट्रीय/राज्य कार्यकारिणी बैठक में विधानसभा चुनाव में हुई हार पर किया गया मंथन, चार प्रस्ताव किए गए पास, संगठन किया भंग
चंडीगढ़ (लहू की लौ) शनिवार को चंडीगढ़ स्थित जाट भवन में इनेलो की राष्ट्रीय/राज्य कार्यकारिणी की बैठक की गई जिसमें हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में मिली हार पर मंथन किया गया तथा बैठक में पहुंचे पदाधिकारियों एवं विधानसभा का चुनाव लड़े उम्मीदवारों ने हार के कारणों पर खुलकर अपनी बातों को रखा। बैठक की अध्यक्षता पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ने की। इस बैठक में प्रदेशाध्यक्ष रामपाल माजरा, आरएस चौधरी, महेंद्र सिंह मलिक, प्रकाश भारती, अदित्य देवीलाल और अर्जुन चौटाला भी मौजूद रहे। बैठक में कानून व्यवस्था, पराली जलाने, बढ़ रहे डेंगू और विधानसभा के लिए बदले में दी गई जमीन का विरोध करने जैसे मुद्दों पर प्रस्ताव पास किए गए। पार्टी संगठन का पुनर्गठन किया जाएगा जिसके लिए संगठन को भंग किया गया।प्रेस वार्ता के दौरान इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने बताया कि विधानसभा चुनाव में आम चर्चा थी कि हम 15 से 20 सीटें जीतने जा रहे थे। लेकिन आखिरी के दो दिनों में अचानक बड़ा फेर बदल हुआ। हमें उम्मीद थी कि बसपा और इनेलो तीसरी ताकत उभर कर आएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ उसके क्या कारण रहे। ऐसे में चुनाव में पार्टी के नेताओं की क्या भूमिका रही। साथ ही संगठन को मजबूत करने के लिए राय ली गई। उन्होंने कहा कि बैठक में सभी की यह राय है कि पार्टी के संगठन में नए लोगों को अहम् भूमिका देनी चाहिए। साथ ही सभी पदों पर 4 साल के बाद उम्मीदवार का बदलाव किया जाना चाहिए ताकि नए साथी पार्टी से जुड़ सकें। उन्होंने सभी निर्णय लेने के लिए ओपी चौटाला को अधिकृत करने के लिए प्रस्ताव रखा ताकि बदलाव किया जा सके।
अभय सिंह चौटाला ने बताया कि अब प्रदेश की जनता पूरी तरह से यह जान चुकी है कि जो भूपेंद्र हुड्डा हमें बीजेपी की बी टीम कहते थे, वही भाजपा को सत्ता में लेके आए हैं। भूपेंद्र हुड्डा को डर था कि यदि इनेलो सत्ता में आ गई तो उसके लिए मुश्किल समय शुरू हो जाएगा। हम यह चाह रहे थे कि बीजेपी और कांग्रेस सत्ता से दूर रहे। लेकिन भूपेंद्र हुड्डा भाजपा को हराने की बजाय इनेलो को हराने में लगा रहा। बीजेपी ने पहले इनेलो के टुकड़े किए फिर जेजेपी के साथ गठबंधन किया। अब जेजेपी पार्टी पूरी तरह से खत्म हो चुकी है। जहां बीजेपी ने जात पात को बढ़ावा दिया भूपेंद्र हुड्डा ने भी इसमें कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। भाजपा आज भी जाति पाति का जहर घोलकर के आगे बढऩा चाहती है। विधानसभा के अंदर बीजेपी के एक सदस्य ने जाति विशेष को लेकर कटाक्ष किया।
नई विधानसभा बनाने पर भूपेंद्र हुड्डा द्वारा 60-40 के रेशो वाले बयान पर कहा कि हुड्डा को चंडीगढ़ के बारे में पूरी जानकारी नहीं है। चंडीगढ़ हरियाणा का है। शाह आयोग की रिपोर्ट में साफ साफ लिखा था कि या तो चंडीगढ़ या फिर 107 हिन्दी भाषी गांव हरियाणा को दिए जाएं। राजीव लोंगोवाल समझौते में भी यह साफ लिखा हुआ था। हरियाणा को बचाने के लिए किसी ने सबसे बड़ा संघर्ष किया तो चौधरी देवी लाल ने किया। एसवाइएल पर भी अगर किसी ने लड़ाई लड़ी तो इनेलो ने लड़ी। हम किसी भी कीमत पर चंडीगढ़ पंजाब को नहीं जाने देंगे। यदि चंडीगढ़ चाहिए तो 107 हिंदी भाषी गांव हरियाणा में जोड़े जाए। मुख्यमंत्री नायब सैनी अगर यह कहे कि जमीन के बदले जमीन लेंगे तो इसका हम विरोध करते हैं। यह बीजेपी सरकार की कमजोरी है कि वह जमीन के एवज में जमीन दे रही है। उन्होंने कहा कि हरियाणा विधानसभा का मामला आगे नहीं बढ़ेगा और यह सिर्फ खबरों और विवादों तक ही सीमित रहेगा। आगे विधानसभा सीट बढऩे पर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि उसके लिए मौजूदा हरियाणा विधानसभा में ही एक्सटेंशन किया जाए।
सुखबीर बादल द्वारा अकाली दल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने पर पूछे गए सवाल पर कहा कि किसको बनाना है किसको नहीं यह उनकी पार्टी का अंदरूनी मामला है।
यह सरकार किसानों की सबसे बड़ी विरोधी है। पराली को लेकर किसानों को परेशान किया जा रहा है। सच्चाई यह है कि पराली जलाने से मात्र 3 प्रतिशत प्रदूषण होता है बाकी 97 प्रतिशत प्रदूषण कारखानों और वाहनों से होता है। किसानों पर जुर्माना लगाने की बजाय सरकार को कारखानों और वाहनों पर लगाम लगानी चाहिए।
हरियाणा में बढ़ते बीपीएल परिवार सरकार की नाकामी का रिपोर्ट कार्ड : कुमारी सैलजा
चंडीगढ़ (लहू की लौ)अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि आर्थिक विकास एवं संपन्नता की दृष्टि से भारत में अग्रणी माना जाने वाला हरियाणा अपने ही एक विभाग- नागरिक संसाधन सूचना डिपार्टमेंट की लापरवाही के कारण एक बिलो पॉवर्टी लाइन (बीपीएल) राज्य बन गया है क्योंकि इसकी कुल आबादी का 70 प्रतिशत गरीबी रेखा से नीचे पहुंच गई है। बढ़ते बीपीएल परिवार सरकार की नाकामी का रिपोर्ट कार्ड है। सरकार को बताना चाहिए कि उनके विकास के दावों के बावजूद इतनी बड़ी आबादी गरीब कैसे हो गई?
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि हैरानी की बात यह भी है कि जिन निर्धन लोगों को वास्तव में बीपीएल कार्ड और उसका लाभ मिलना चाहिए था वह उनको नहीं मिला। बीते साल ही जारी प्रति व्यक्ति आय के आंकड़े में हरियाणा दूसरे नंबर पर है। जहां पर प्रति व्यक्ति सालाना आय 2,96,685 रुपये होने का दावा किया जा रहा है तो फिर इतने बीपीएल लोग कैसे हैं और कहां से आ गए। उन्होंने कहा कि भाजपा के पास बताने के लिए कोई उपलब्धि नहीं है। दस साल में भाजपा ने हरियाणा की 70 प्रतिशत आबादी को गरीब बना दिया। अब सरकार इसका जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि बढ़ते बीपीएल परिवार सरकार की नाकामी का रिपोर्ट कार्ड है। सरकार को बताना चाहिए कि उनके विकास के दावों के बावजूद इतनी बड़ी आबादी कैसे गरीब हो गई?
उन्होंने कहा कि अगर डाटा में हेरफेर के कारण बीपीएल लोगों की संख्या बढ़ी है तो उन सरकारी कर्मचारियों को इसके लिए उत्तरदायी ठहराकर दंडित करना चाहिए। अगर परिवार पहचान पत्र में कोई भी व्यक्ति अपनी आय घोषित करता है तो उसके सत्यापन की जिम्मेदारी सरकार की बनती है पर शायद इसी जांच तक नहीं करवाई जाती। उन्होंने कहा कि सरकार को इस पर अपना पक्ष जनता के समक्ष जरूर रखना चाहिए कि क्या प्रदेश में बीपीएल लोगों की संख्या बढ़ रही है, बढ़ रही है तो क्यों बढ़ रही है, एक ओर प्रति व्यक्ति आय बढऩे का दावा किया जा रहा है तो बीपीएल लोग कहां से बढ़ रहे हैं। हरियाणा की कुल आबादी दो करोड़ 80 लाख आंकी जा रही है, दिसंबर 2022 में 1.24 करोड़ बीपीएल लोग थे जो अब बढक़र 1.98 करोड हो गए हैं।
16 नवंबर 2024
सरकार के कहने पर बिजाई की मंूग की फसल अब एमएसपी पर बेचने के लिए अधिकारियों के चक्कर निकाल रहे किसान
मूंग की फसल एमएसपी पर खरीद करवाने को लेकर उपायुक्त को सौंपा शिकायत पत्र, दी आंदोलन की चेतावनी
डबवाली (लहू की लौ ) हरियाणा सरकार अलग अलग फसल की बिजाई करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही है। लेकिन किसान अपनी अलग बिजाई की हुई फसल को बेचने के लिए अधिकारियों के वायदों में उलझ कर परेशान हो गया है। यहां उसे इधर उधर भडक़ना पड़ रहा है। साथ ही उसे अपनी जेब से पैसा खर्च कर फसल को बेचने के प्रयास करते हुए कभी डबवाली तो कभी सिरसा के चक्कर निकालने पड़ रहे हैं।यह आरोप गांव राजपुरा रत्ताखेड़ा के किसान आत्मा पुत्र सीता राम ने लगाये हैं। एमएसपी पर खरीद के लिए उपायुक्त को मांग पत्र सौपा है।
मूंग फसल की एमएसपी पर खरीद करवाने को लेकर गांव राजपुरा व गोरीवाला के किसानों ने जिला उपायुक्त को शिकायत पत्र में किसानों आत्मा राम पुत्र सीताराम, विनोद कुमार पुत्र सीता राम, सन्दीप पारीक पुत्र आत्मा राम, अनीता पत्नी भीम सैन, हरकोरी पुत्री ओंकारमल, दर्शना देवी पुत्री खेतपाल सहित समस्त ग्रामीणों ने बताया कि वे गांव राजपुरा उपतहसील गोरीवाला व जिला सिरसा के स्थाई निवासी हैं।
हरियाणा सरकार द्वारा किसानों की सभी फसलों को एमएसपी पर खरीद किए जाने के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हंै, लेकिन मंडियों में अधिकारियों द्वारा किसानों की फसलों की बेकद्री की जा रही है। उन्होंने बताया कि उपरोक्त किसानों ने मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर अपनी फसल दर्ज करवा रखी है। वे तीन बार सिरसा अनाज मण्डी की हैफेड की दुकान नं. 13 पर 2 बार मूंग की फसल का सैंपल लेकर आए व एक बार फसल की भरी हुई ट्रॉली लेकर आए, लेकिन अधिकारी हमारी फसल को लेने से मना कर देते हंै।
किसानों ने कहा कि उन्होंने बड़ी उम्मीद के साथ इस फसल को बोया था, लेकिन फसल की एमएसपी पर खरीद न होने के कारण किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि उपायुक्त ने डीएम हैफेड मांगेराम को बुलाया था और उन्हें आदेश भी दिए थे, परंतु डीएम हैफेड का कहना है कि खरीद के बाद मूंग की फसल सीडब्ल्यूसी के वेयर हाउस में लगती है, जिसमें वेयर हाउस में तैनात रजनी मैडम इन्हें लगवाने से मना कर रहे हैं। उनका कहना है की मूंग का सैंपल ठीक नहीं है, जबकि किसानों ने कहा कि फसल में कोई खराबी नहीं है, लेकिन बावजूद इसके अधिकारियों द्वारा किसानों को बेवजह तंग किया जा रहा है। उन्होंने उपायुक्त से गुहार लगाई कि हैफेड अधिकारियों को निर्देश देकर उनकी मूंग की फसल को एमएसपी पर खरीद करवाएं, ताकि किसानों को समस्याओं का सामना न करना पड़े। वहीं किसानों ने चेतावनी भी दी है कि अगर एमएसपी पर फसल खरीद नहीं हुई तो आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
सरकार के कहने पर मंूग की फसल की बिजाई की
किसान आत्मा राम के अनुसार सरकार के कहने पर उसने मूंग की फसल बिजाई की थी। अब जब पक्क गई तो डबवाली हैफड़ के अधिकारियों ने गोदाम ना होने का कह सिरसा मंडी में भेज दिया। लेकिन वह सिरसा गया तो वहां भी उसे परेशान किया जा रहा है। वह फसल के साथ मंडी में पहुंचता है पर उसकी मूंग की फसल एमसपी पर लेने के लिए अधिकारी आना कानी कर रहे हैं। वह वापिस अपने गांव आ ट्रेक्टर ट्राली लेकर आ जाता है। जिससे उसका हजारों रूपये जेब से लग गया है।
डबवाली में मंूग की खरीद करने की मांग
किसानों ने डबवाली की अनाज मंडी में मंूग की खरीद शुरू करने की मांग की है। ताकि उन्हें अपनी फसल औने पौने भाव में ना बेचनी पड़ी। किसानों के अनुसार ऐलनाबाद में ही खरीद होती है। नहीं तो किसानों को राजस्थान के नौहर में मंूग बेचने के लिए जाना पड़ेगा। उन्हें एमएसपी से करीब 1800 रूपये प्रति क्विंटल कम रेट पर फसल बेचनी पड़ेगी। जिससे उन्हें लाखों रूपये का नुक्सान उठाना पड़ेगा।
15 नवंबर 2024
पूर्व विधायक की नर्सरी में फांसी पर लटका मिला ट्रैक्टर चालक
10 रुपये सैंकड़ा ब्याज पर लिये थे 80 हजार रुपये
डबवाली (लहू की लौ) तेजाखेड़ा में कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक अमित सिहाग की अमित फ्रूट नर्सरी में वीरवार शाम को एक ट्रैक्टर चालक बलकरन सिंह फांसी पर लटका हुआ पाया गया। इस घटना की जानकारी मिलते ही डीएसपी रमेश कुमार, थाना सदर प्रभारी ब्रह्म प्रकाश और चौटाला पुलिस प्रभारी आनन्द बेनीवाल के साथ फॉरेंसिक एक्सपर्ट मौके पर जांच के लिए पहुंचे।
घटना का विवरण
कांग्रेस नेता व पूर्व विधायक अमित सिहाग की नर्सरी में पिछले चार महीनों से गंगा गांव का एक परिवार काम कर रहा था। बलकरन सिंह पुत्र जगदीप सिंह इस नर्सरी में ट्रैक्टर चालक के रूप में कार्यरत था और उसकी पत्नी बलजीत कौर भी वहां काम करती थी। वीरवार शाम को बलकरन सिंह नर्सरी में बने एक कमरे में पंखे से लटका हुआ पाया गया। इस घटना से वहां हडक़ंप मच गया।
मृतक के छोटे भाई जयकरण ने पुलिस को बताया कि बलकरन ने 10 रुपये सैंकड़ा की ब्याज दर पर 80 हजार रुपये का कर्ज लिया था। समय पर किश्तें चुकाने के बावजूद ब्याज की दर अधिक होने के कारण कुल देय राशि मूल राशि से ज्यादा हो गई, जिससे बलकरन पर कर्ज चुकाने का दबाव बढ़ता गया। जयकरण के अनुसार, इसी दबाव के चलते बलकरन ने आत्महत्या की होगी।
मृतक की पत्नी बलजीत कौर ने भी पुलिस को बताया कि फाइनेंसर द्वारा बार-बार पैसे की मांग की जा रही थी, जिससे उनका परिवार परेशान था। कर्ज चुकाने की समस्या के कारण ही वे परिवार सहित नर्सरी में काम करने आए थे, लेकिन कर्ज का दबाव इस कद्र बढ़ गया कि उनके पति ने आत्महत्या कर ली।
घटना कांग्रेस नेता की नर्सरी में होने के कारण डीएसपी रमेश कुमार ने सीन ऑफ क्राइम के फॉरेंसिक एक्सपर्ट अजमेर सिंह को बुलाकर जांच करवाई। पुलिस ने मृतक की पत्नी और भाई के बयान दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
14 नवंबर 2024
13 नवंबर 2024
एचडीएफसी बैंक में सॉयरन बजने से पुलिस में मचा हड़कंप मौके पर नहीं था कोई गार्ड या कर्मचारी
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डबवाली (लहू की लौ) मंगलवार रात को एचडीएफसी बैंक की शाखा-2 में सॉयरन बजने से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। सॉयरन की आवाज सुनते ही थाना शहर प्रभारी, गोल बाजार पुलिस और अन्य पुलिस गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं और सॉयरन बजने के कारण की जांच शुरू की।
यह घटना रात करीब 10:20 बजे हुई, जब अचानक बैंक का सॉयरन तेज आवाज में बजने लगा। करीब आधे घंटे तक लगातार सॉयरन की आवाज सुनाई देती रही, जिसके बाद गोल बाजार पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने देखा कि बैंक का गेट बंद था और कोई कर्मचारी भी मौके पर मौजूद नहीं था, जिससे सॉयरन बजने का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया।
एएसआई अशोक कुमार ने ने बैंक की शाखा-2 के मैनेजर सौरभ महेता से संपर्क किया और उन्हें घटना की जानकारी दी। इसके बाद, बैंक की चौटाला रोड शाखा के डिप्टी मैनेजर संदीप कुमार मौके पर पहुंचे। कुछ ही समय बाद, सुरक्षा गार्ड रविंद्र और दीपक भी घटनास्थल पर पहुंचे। गार्ड ने बैंक का शटर खोलकर अंदर का निरीक्षण किया, लेकिन सब कुछ सामान्य पाया। इसके बाद, सॉयरन को बंद कर दिया गया
थाना शहर प्रभारी शैलेंद्र कुमार, 112 नंबर गाड़ी के डयूटी पर तैनात एसआई कुलवीर सिंह और अन्य पुलिसकर्मी भी मौके पर पहुंचे। सॉयरन बजने के दौरान उस क्षेत्र के लोग भी बैंक के पास जमा हो गए थे। पुलिस की मौजूदगी में करीब एक घंटे में सॉयरन तीन से चार बार फिर से बजा।
सुरक्षा गार्ड रविंद्र कुमार ने बताया कि सॉयरन बजने का कारण धुंआ होना बताया, जिसके कारण बार- बार सॉयरन बज रहा था।
22 प्रतिशत नमी वाले धान से भरे जा रहे बैग, देसूजोधा मंडी में किसानों का हंगामा
किसान बोले-मार्केट कमेटी तथा प्रशासनिक अधिकारी सूचना के बावजूद मौके पर नहीं पहुंचे
बुधवार सुबह देसूजोधा मंडी में जुटेंगे किसान
डबवाली(लहू की लौ)मंगलवार शाम को देसूजोधा खरीद केंद्र पर बवाल हो गया। जब किसानों ने 22 प्रतिशत नमी वाले धान से बैग भर रहे एक व्यापारी को पकड़ लिया। किसानों के विरोध के बाद व्यापारी अपनी लेबर लेकर फुर्र हो गया। किसानों का आरोप है कि मार्केट कमेटी तथा एसडीएम कार्यालय में शिकायत देने के बावजूद कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। जिससे किसानों में रोष फैल गया। किसानों ने प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी करके रोष जताया। किसानों के अनुसार बुधवार सुबह मंडी में मामले की जांच करवाई जाएगी।
किसान जसवीर सिंह भाटी शेरगढ़, हरबंस सिंह देसूजोधा, मनदीप ढिल्लों, सुंदरपाल, जसवंत सिंह, भूपिंद्र सिंह भोला, प्रितपाल सिंह, परमजीत च_ा, बलवीर सिंह, भजन सिंह, हरमंदर सिंह, गुरप्रेम सिंह देसूजोधा आदि ने बताया कि किसान करीब 15-15 दिनों से 17 प्रतिशत नमी वाला धान लेकर बैठे हैं। उनका धान खरीद नहीं किया जा रहा है, न ही तौल किया जा रहा है। जबकि 22 प्रतिशत नमी वाला धान तौला जा रहा है। सरेआम बैग भरे जा रहे हैं। यह सब सरकारी खरीद एजेसियों, राइस मिलर तथा मार्केट कमेटी की मिलीभगत से हो रहा है। इसके पीछे काट है। मनदीप ढिल्लों के अनुसार उनके पास साक्ष्य हैं, जिसके अनुसार 19 प्रतिशत नमी वाली धान को प्रति क्विंटल 13 से 15 किलोग्राम कटौती पर लिया जा रहा है। जबकि नियम 17 प्रतिशत नमी का है। किसान जगदेव सिंह ने इस संबंध में सारे साक्ष्य पेश किए हैं। लेकिन मार्केट कमेटी तथा अन्य प्रशासनिक अधिकारी सुनवाई नहीं कर रहे।
पंजाब के धान से भरी मंडी
किसान नेता जसवीरर सिंह भाटी, मनदीप सिंह ढिल्लों ने आरोप लगाया कि देसूजोधा मंडी पंजाब के धान से भरी पड़ी है। इस वजह से अनाज सड़ रहा है। मार्केट कमेटी की मिलीभगत से पड़ौसी सूबे का धान मंडी में पहुंचा है। अब उस धान को आढ़ती ठिकाने लगाने में जोर-शोर से जुटे हुए हैं। किसान नेता ने विजिलेंस जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि किसान को बुलाकर जांच की जाए, इससे बड़े मामले की खुलासा होगा।
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खरीद एजेंसी नमी की जांच करती है। एजेंसी के कहने पर धान से बैग भरे जाते हैं। हमारा कोई कसूर नहीं है। मार्केट कमेटी ने नमी की जांच की है और धान में 22 प्रतिशत नमी मिली है तो हमें इसकी जानकारी नहीं है।
-मोहित गोयल, आढ़ती, गोयल ट्रेडिंग कंपनी, देसूजोधा
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देसूजोधा मंडी में बैग में गीला धान भरा जा रहा है तो उसका कसूरवार आढ़ती है। एजेंसी का इसमें कोई लेनादेना नहीं है। मार्केट कमेटी को संबंधित आढ़ती के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। कार्रवाई का अधिकार मार्केट कमेटी का है। एजेंसी सरकार की हिदायतों के अनुसार खरीद करती है।
-बलकरण सिंह, निरीक्षक, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग डबवाली











































