Adsense
Lahoo Ki Lau
08 अक्टूबर 2025
04 दिसंबर 2024
26 नवंबर 2024
22 नवंबर 2024
डबवाली में 34000 क्विंटल धान बिकने की इन्तजार में
15 नवंबर तक फसल मंडी में लाने वाले किसानों का सरकार समर्थन मूल्य पर खरीदे धान-कामरा
डबवाली (लहू की लौ) डबवाली में लगभग 34000 क्विंटल धान बिकने की इन्तजार में है। हरियाणा सरकार द्वारा एमएसपी पर 2320/-रुपये प्रति के हिसाब से जितना क्षेत्र मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर दर्ज है, लेने का लक्ष्य रखा था और खरीद की अंतिम तिथि 15 नवंबर थी। हैफेड और डीएफसी ने यह खरीद करनी थी लेकिन अंतिम तारीख को 58000 क्विंटल मे से लगभग 24000 क्विंंटल के लगभग खरीद हुई बाकी 34000 क्विंंटल की खरीद नहीं की गई यह बहाना बनाकर कि डबवाली के शैलरों का कोटा पूरा हो गया है।
डबवाली आढ़ती एसोसिएशन के पूर्व प्रधान व हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के अध्यक्ष व आढ़ती ऐसोसिएशन के प्रदेश प्रैस सचिव गुरदीप कामरा दर्दी ने इस पर कहा कि जब सरकार को पहले पता होता है कि कितना धान मंडी में आएगा तो समय रहते इसके लिए क्यों नहीं योजना बनाई गई जो किसान 15 तारीख तक मंडी में अपना धान ले आए उनका धान समर्थन मूल्य पर सरकार को खरीदना चाहिए। आगे दर्दी ने इस बात की जानकारी डीएफएससी मुकेश कुमार को कर दी गई है और उन्होंने इस बारे में अपनी जांच भी की है। इसके अलावा प्रदेश ऐसोसिएशन व सरकार के उच्च अधिकारियों के संज्ञान में भी यह बात पहुंचा दी है। अब सरकार के पाले में यह है कि वो क्या निर्णय लेती है, यदि अभी भी खरीद नहीं की तो कामरा ने कहा कि सुबह जिन किसानों की अभी धान नहीं बिकी उनसे मीटिंग कर आगे रणनीति तय करेंगें।
सरकार से मांग की एक दिन के लिए उन किसानों की.समर्थन मूल्य पर खरीद जरूर करें जो 15 नवंबर से पहले फसल मंडी में ले आऐ थे। ताकि अपनी फसल बेचने में पेरशानी ना हो। ज्ञात रहे साथ लगते पंजाब प्रदेश में ये ही खरीद 30 नवंबर तक जारी रहेगी। कामरा ने कहा कि अगर सरकार ने जल्द फैसला न लिया तो किसान और आढ़तिया मिल कर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।
सीएम के जहाज के साथ उड़े अधिकारियों के वायदे
आज भी इन्तजार में दिन निकल गया कि खरीद होगी लेकिन दिन भर सभी अधिकारी यह कहते दिखे थोड़ी देर में आदेश आ सकता है, खरीद होगी। ज्ञातव्य रहे मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी जब तक सिरसा में रहे तब तक सभी अधिकारी यह कहते रहे जरूर खरीद होगी। लेकिन जैसे ही मुख्यमंत्री हवाई जहाज में बैठे, अधिकारियों के वायदे भी जहाज के साथ उड़ गए। अब अफसरों की भाषा में कुछ अलग रवैया है।
17 नवंबर 2024
प्रदेश और जनता के हितों की लड़ाई मजबूती से लड़ेंगे, फिर से किसानों और जनता के बीच में जाएंगे: अभय सिंह चौटाला
इनेलो की राष्ट्रीय/राज्य कार्यकारिणी बैठक में विधानसभा चुनाव में हुई हार पर किया गया मंथन, चार प्रस्ताव किए गए पास, संगठन किया भंग
चंडीगढ़ (लहू की लौ) शनिवार को चंडीगढ़ स्थित जाट भवन में इनेलो की राष्ट्रीय/राज्य कार्यकारिणी की बैठक की गई जिसमें हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में मिली हार पर मंथन किया गया तथा बैठक में पहुंचे पदाधिकारियों एवं विधानसभा का चुनाव लड़े उम्मीदवारों ने हार के कारणों पर खुलकर अपनी बातों को रखा। बैठक की अध्यक्षता पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ने की। इस बैठक में प्रदेशाध्यक्ष रामपाल माजरा, आरएस चौधरी, महेंद्र सिंह मलिक, प्रकाश भारती, अदित्य देवीलाल और अर्जुन चौटाला भी मौजूद रहे। बैठक में कानून व्यवस्था, पराली जलाने, बढ़ रहे डेंगू और विधानसभा के लिए बदले में दी गई जमीन का विरोध करने जैसे मुद्दों पर प्रस्ताव पास किए गए। पार्टी संगठन का पुनर्गठन किया जाएगा जिसके लिए संगठन को भंग किया गया।प्रेस वार्ता के दौरान इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने बताया कि विधानसभा चुनाव में आम चर्चा थी कि हम 15 से 20 सीटें जीतने जा रहे थे। लेकिन आखिरी के दो दिनों में अचानक बड़ा फेर बदल हुआ। हमें उम्मीद थी कि बसपा और इनेलो तीसरी ताकत उभर कर आएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ उसके क्या कारण रहे। ऐसे में चुनाव में पार्टी के नेताओं की क्या भूमिका रही। साथ ही संगठन को मजबूत करने के लिए राय ली गई। उन्होंने कहा कि बैठक में सभी की यह राय है कि पार्टी के संगठन में नए लोगों को अहम् भूमिका देनी चाहिए। साथ ही सभी पदों पर 4 साल के बाद उम्मीदवार का बदलाव किया जाना चाहिए ताकि नए साथी पार्टी से जुड़ सकें। उन्होंने सभी निर्णय लेने के लिए ओपी चौटाला को अधिकृत करने के लिए प्रस्ताव रखा ताकि बदलाव किया जा सके।
अभय सिंह चौटाला ने बताया कि अब प्रदेश की जनता पूरी तरह से यह जान चुकी है कि जो भूपेंद्र हुड्डा हमें बीजेपी की बी टीम कहते थे, वही भाजपा को सत्ता में लेके आए हैं। भूपेंद्र हुड्डा को डर था कि यदि इनेलो सत्ता में आ गई तो उसके लिए मुश्किल समय शुरू हो जाएगा। हम यह चाह रहे थे कि बीजेपी और कांग्रेस सत्ता से दूर रहे। लेकिन भूपेंद्र हुड्डा भाजपा को हराने की बजाय इनेलो को हराने में लगा रहा। बीजेपी ने पहले इनेलो के टुकड़े किए फिर जेजेपी के साथ गठबंधन किया। अब जेजेपी पार्टी पूरी तरह से खत्म हो चुकी है। जहां बीजेपी ने जात पात को बढ़ावा दिया भूपेंद्र हुड्डा ने भी इसमें कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। भाजपा आज भी जाति पाति का जहर घोलकर के आगे बढऩा चाहती है। विधानसभा के अंदर बीजेपी के एक सदस्य ने जाति विशेष को लेकर कटाक्ष किया।
नई विधानसभा बनाने पर भूपेंद्र हुड्डा द्वारा 60-40 के रेशो वाले बयान पर कहा कि हुड्डा को चंडीगढ़ के बारे में पूरी जानकारी नहीं है। चंडीगढ़ हरियाणा का है। शाह आयोग की रिपोर्ट में साफ साफ लिखा था कि या तो चंडीगढ़ या फिर 107 हिन्दी भाषी गांव हरियाणा को दिए जाएं। राजीव लोंगोवाल समझौते में भी यह साफ लिखा हुआ था। हरियाणा को बचाने के लिए किसी ने सबसे बड़ा संघर्ष किया तो चौधरी देवी लाल ने किया। एसवाइएल पर भी अगर किसी ने लड़ाई लड़ी तो इनेलो ने लड़ी। हम किसी भी कीमत पर चंडीगढ़ पंजाब को नहीं जाने देंगे। यदि चंडीगढ़ चाहिए तो 107 हिंदी भाषी गांव हरियाणा में जोड़े जाए। मुख्यमंत्री नायब सैनी अगर यह कहे कि जमीन के बदले जमीन लेंगे तो इसका हम विरोध करते हैं। यह बीजेपी सरकार की कमजोरी है कि वह जमीन के एवज में जमीन दे रही है। उन्होंने कहा कि हरियाणा विधानसभा का मामला आगे नहीं बढ़ेगा और यह सिर्फ खबरों और विवादों तक ही सीमित रहेगा। आगे विधानसभा सीट बढऩे पर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि उसके लिए मौजूदा हरियाणा विधानसभा में ही एक्सटेंशन किया जाए।
सुखबीर बादल द्वारा अकाली दल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने पर पूछे गए सवाल पर कहा कि किसको बनाना है किसको नहीं यह उनकी पार्टी का अंदरूनी मामला है।
यह सरकार किसानों की सबसे बड़ी विरोधी है। पराली को लेकर किसानों को परेशान किया जा रहा है। सच्चाई यह है कि पराली जलाने से मात्र 3 प्रतिशत प्रदूषण होता है बाकी 97 प्रतिशत प्रदूषण कारखानों और वाहनों से होता है। किसानों पर जुर्माना लगाने की बजाय सरकार को कारखानों और वाहनों पर लगाम लगानी चाहिए।
हरियाणा में बढ़ते बीपीएल परिवार सरकार की नाकामी का रिपोर्ट कार्ड : कुमारी सैलजा
चंडीगढ़ (लहू की लौ)अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि आर्थिक विकास एवं संपन्नता की दृष्टि से भारत में अग्रणी माना जाने वाला हरियाणा अपने ही एक विभाग- नागरिक संसाधन सूचना डिपार्टमेंट की लापरवाही के कारण एक बिलो पॉवर्टी लाइन (बीपीएल) राज्य बन गया है क्योंकि इसकी कुल आबादी का 70 प्रतिशत गरीबी रेखा से नीचे पहुंच गई है। बढ़ते बीपीएल परिवार सरकार की नाकामी का रिपोर्ट कार्ड है। सरकार को बताना चाहिए कि उनके विकास के दावों के बावजूद इतनी बड़ी आबादी गरीब कैसे हो गई?
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि हैरानी की बात यह भी है कि जिन निर्धन लोगों को वास्तव में बीपीएल कार्ड और उसका लाभ मिलना चाहिए था वह उनको नहीं मिला। बीते साल ही जारी प्रति व्यक्ति आय के आंकड़े में हरियाणा दूसरे नंबर पर है। जहां पर प्रति व्यक्ति सालाना आय 2,96,685 रुपये होने का दावा किया जा रहा है तो फिर इतने बीपीएल लोग कैसे हैं और कहां से आ गए। उन्होंने कहा कि भाजपा के पास बताने के लिए कोई उपलब्धि नहीं है। दस साल में भाजपा ने हरियाणा की 70 प्रतिशत आबादी को गरीब बना दिया। अब सरकार इसका जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि बढ़ते बीपीएल परिवार सरकार की नाकामी का रिपोर्ट कार्ड है। सरकार को बताना चाहिए कि उनके विकास के दावों के बावजूद इतनी बड़ी आबादी कैसे गरीब हो गई?
उन्होंने कहा कि अगर डाटा में हेरफेर के कारण बीपीएल लोगों की संख्या बढ़ी है तो उन सरकारी कर्मचारियों को इसके लिए उत्तरदायी ठहराकर दंडित करना चाहिए। अगर परिवार पहचान पत्र में कोई भी व्यक्ति अपनी आय घोषित करता है तो उसके सत्यापन की जिम्मेदारी सरकार की बनती है पर शायद इसी जांच तक नहीं करवाई जाती। उन्होंने कहा कि सरकार को इस पर अपना पक्ष जनता के समक्ष जरूर रखना चाहिए कि क्या प्रदेश में बीपीएल लोगों की संख्या बढ़ रही है, बढ़ रही है तो क्यों बढ़ रही है, एक ओर प्रति व्यक्ति आय बढऩे का दावा किया जा रहा है तो बीपीएल लोग कहां से बढ़ रहे हैं। हरियाणा की कुल आबादी दो करोड़ 80 लाख आंकी जा रही है, दिसंबर 2022 में 1.24 करोड़ बीपीएल लोग थे जो अब बढक़र 1.98 करोड हो गए हैं।
13 नवंबर 2024
एचडीएफसी बैंक में सॉयरन बजने से पुलिस में मचा हड़कंप मौके पर नहीं था कोई गार्ड या कर्मचारी
https://www.facebook.com/dailylahookilau/videos/1120625439461648/
डबवाली (लहू की लौ) मंगलवार रात को एचडीएफसी बैंक की शाखा-2 में सॉयरन बजने से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। सॉयरन की आवाज सुनते ही थाना शहर प्रभारी, गोल बाजार पुलिस और अन्य पुलिस गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं और सॉयरन बजने के कारण की जांच शुरू की।
यह घटना रात करीब 10:20 बजे हुई, जब अचानक बैंक का सॉयरन तेज आवाज में बजने लगा। करीब आधे घंटे तक लगातार सॉयरन की आवाज सुनाई देती रही, जिसके बाद गोल बाजार पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने देखा कि बैंक का गेट बंद था और कोई कर्मचारी भी मौके पर मौजूद नहीं था, जिससे सॉयरन बजने का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया।
एएसआई अशोक कुमार ने ने बैंक की शाखा-2 के मैनेजर सौरभ महेता से संपर्क किया और उन्हें घटना की जानकारी दी। इसके बाद, बैंक की चौटाला रोड शाखा के डिप्टी मैनेजर संदीप कुमार मौके पर पहुंचे। कुछ ही समय बाद, सुरक्षा गार्ड रविंद्र और दीपक भी घटनास्थल पर पहुंचे। गार्ड ने बैंक का शटर खोलकर अंदर का निरीक्षण किया, लेकिन सब कुछ सामान्य पाया। इसके बाद, सॉयरन को बंद कर दिया गया
थाना शहर प्रभारी शैलेंद्र कुमार, 112 नंबर गाड़ी के डयूटी पर तैनात एसआई कुलवीर सिंह और अन्य पुलिसकर्मी भी मौके पर पहुंचे। सॉयरन बजने के दौरान उस क्षेत्र के लोग भी बैंक के पास जमा हो गए थे। पुलिस की मौजूदगी में करीब एक घंटे में सॉयरन तीन से चार बार फिर से बजा।
सुरक्षा गार्ड रविंद्र कुमार ने बताया कि सॉयरन बजने का कारण धुंआ होना बताया, जिसके कारण बार- बार सॉयरन बज रहा था।
22 प्रतिशत नमी वाले धान से भरे जा रहे बैग, देसूजोधा मंडी में किसानों का हंगामा
किसान बोले-मार्केट कमेटी तथा प्रशासनिक अधिकारी सूचना के बावजूद मौके पर नहीं पहुंचे
बुधवार सुबह देसूजोधा मंडी में जुटेंगे किसान
डबवाली(लहू की लौ)मंगलवार शाम को देसूजोधा खरीद केंद्र पर बवाल हो गया। जब किसानों ने 22 प्रतिशत नमी वाले धान से बैग भर रहे एक व्यापारी को पकड़ लिया। किसानों के विरोध के बाद व्यापारी अपनी लेबर लेकर फुर्र हो गया। किसानों का आरोप है कि मार्केट कमेटी तथा एसडीएम कार्यालय में शिकायत देने के बावजूद कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। जिससे किसानों में रोष फैल गया। किसानों ने प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी करके रोष जताया। किसानों के अनुसार बुधवार सुबह मंडी में मामले की जांच करवाई जाएगी।
किसान जसवीर सिंह भाटी शेरगढ़, हरबंस सिंह देसूजोधा, मनदीप ढिल्लों, सुंदरपाल, जसवंत सिंह, भूपिंद्र सिंह भोला, प्रितपाल सिंह, परमजीत च_ा, बलवीर सिंह, भजन सिंह, हरमंदर सिंह, गुरप्रेम सिंह देसूजोधा आदि ने बताया कि किसान करीब 15-15 दिनों से 17 प्रतिशत नमी वाला धान लेकर बैठे हैं। उनका धान खरीद नहीं किया जा रहा है, न ही तौल किया जा रहा है। जबकि 22 प्रतिशत नमी वाला धान तौला जा रहा है। सरेआम बैग भरे जा रहे हैं। यह सब सरकारी खरीद एजेसियों, राइस मिलर तथा मार्केट कमेटी की मिलीभगत से हो रहा है। इसके पीछे काट है। मनदीप ढिल्लों के अनुसार उनके पास साक्ष्य हैं, जिसके अनुसार 19 प्रतिशत नमी वाली धान को प्रति क्विंटल 13 से 15 किलोग्राम कटौती पर लिया जा रहा है। जबकि नियम 17 प्रतिशत नमी का है। किसान जगदेव सिंह ने इस संबंध में सारे साक्ष्य पेश किए हैं। लेकिन मार्केट कमेटी तथा अन्य प्रशासनिक अधिकारी सुनवाई नहीं कर रहे।
पंजाब के धान से भरी मंडी
किसान नेता जसवीरर सिंह भाटी, मनदीप सिंह ढिल्लों ने आरोप लगाया कि देसूजोधा मंडी पंजाब के धान से भरी पड़ी है। इस वजह से अनाज सड़ रहा है। मार्केट कमेटी की मिलीभगत से पड़ौसी सूबे का धान मंडी में पहुंचा है। अब उस धान को आढ़ती ठिकाने लगाने में जोर-शोर से जुटे हुए हैं। किसान नेता ने विजिलेंस जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि किसान को बुलाकर जांच की जाए, इससे बड़े मामले की खुलासा होगा।
----
खरीद एजेंसी नमी की जांच करती है। एजेंसी के कहने पर धान से बैग भरे जाते हैं। हमारा कोई कसूर नहीं है। मार्केट कमेटी ने नमी की जांच की है और धान में 22 प्रतिशत नमी मिली है तो हमें इसकी जानकारी नहीं है।
-मोहित गोयल, आढ़ती, गोयल ट्रेडिंग कंपनी, देसूजोधा
----
देसूजोधा मंडी में बैग में गीला धान भरा जा रहा है तो उसका कसूरवार आढ़ती है। एजेंसी का इसमें कोई लेनादेना नहीं है। मार्केट कमेटी को संबंधित आढ़ती के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। कार्रवाई का अधिकार मार्केट कमेटी का है। एजेंसी सरकार की हिदायतों के अनुसार खरीद करती है।
-बलकरण सिंह, निरीक्षक, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग डबवाली
12 नवंबर 2024
11 नवंबर 2024
10 नवंबर 2024
09 नवंबर 2024
17 जून 2020
11 जून 2020
09 जून 2020
28 मई 2020
उपभोक्ताओं के लिए ट्रस्ट रीडिंग की सुविधा शुरू, डबवाली सहित राज्य के 42 शहर शामिल
चंडीगढ़ (लहू की लौ) हरियाणा बिजली वितरण निगमों (उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम) ने उपभोक्ताओं के लिए ट्रस्ट रीडिंग की सुविधा शुरू की है। बिजली बिल में मीटर रींिडंग गलत होने की स्थिति में उपभोक्ता ऑनलाईन माध्यम से सही मीटर रीडिंग प्रदान करके बिल ठीक करवा सकते हैं।यह जानकारी देते हुए निगम के एक प्रवक्ता ने बताया कि यह सुविधा घरेलू, गैर-घरेलू और एलटी औद्योगिक श्रेणियों (अधिकतम 20 किलोवाट तक लोड) के उपभोक्ताओं के लिए है। इसके लिए उपभोक्ता निगमों की वेबसाईट www.uhbvn.org.in , www.dhbvn.org.in पर जाकर ट्रस्ट रीडिंग की सुविधा को उपयोग कर पाएंगे। इस सुविधा के उपयोग बारे सारी जानकारी भी निगमों की वेबसाईटों पर उपलब्घ है।
उन्होंने विस्तार से जानकारी देते बताया कि शुरुआत में यह सुविधा प्रदेश के 42 शहरों में शुरु की जा रही है। जिसमें उत्तर हरियाणा के अधीन पंचकूला, करनाल, पानीपत, सोनीपत, रोहतक, झज्जर, कैथल, अंबाला सिटी, अंबाला कैंट, यमुनानगर, शाहबाद, बहादुरगढ़, कालका, पिंजौर, चीका, गोहाणा, घरौंडा, पेहवा, थानेसर, गन्नौर और समालखा शहर शामिल हैं। वहीं, दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के अंतर्गत गुरुग्राम, फरीदाबाद, फतेहाबाद, जींद, सिरसा, हिसार, रेवाड़ी, भिवानी, चरखीदादरी, पलवल, डबवाली, बरवाला, एलनाबाद, टोहाना, हांसी, नरवाना, नारनौल, होडल, बावानी खेड़ा, सिवानी और लौहारु शहर शामिल हैं।
गौरतलब है, बीते दो माह में लॉकडाउन होने की वजह से कई उपभोक्ताओं की मीटर रीडिंग नहीं हो पाई, उन्हें औसत के आधार पर ही बिजली बिल जारी किए गए हैं। वे उपभोक्ता भी इस सुविधा का उपयोग करके अपने बिलों को वास्तविक रीडिंग के अनुसार ठीक करवा पाएंगे।













































