डबवाली(लहू की लौ)चौटाला पुलिस के इएएसआइ आत्मा राम ने चार युवकों को 84 बोतल शराब समेत गिरफ्तार किया है। पुलिस तेजाखेड़ा रोड़ पर माइनर पुल पर मौजूद थी। गांव चौटाला की ओर से दो बाइक आते नजर आए। सामने पुलिस को खड़ा देखकर बाइक चालकों ने पीछे मोडऩे का प्रयास किया तो बाइक फिसल गए। एक बाइक पर गांव तेजाखेड़ा निवासी गुरप्रीत तथा उसके पीछे गोविंद बैठा हुआ था। दोनों ने बीच में 42 बोतल शराब रखी हुई थी। जबकि दूसरे बाइक पर तेजाखेड़ा गांव निवासी कुलदीप तथा विजय सवार थे। बीच में रखे प्लास्टिक बैग से 42 बोतल शराब बरामद हुई। पुलिस ने उपरोक्त चारों के खिलाफ एक्साइज एक्ट तथा धारा 188 के तहत केस दर्ज किया है।
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Lahoo Ki Lau
06 जून 2020
स्कूल में 11 पौधे लगाकर शुरू किया पौधारोपण अभियान
डबवाली (लहू की लौ) शुक्रवार को विश्व पर्यावरण दिवस पर पांच साल से चलती आ रही मुहिम को आगे बढ़ाते हुए GPS अगुणिया बास चौटाला स्कूल मे स्टॉफ व ग्रामीणों ने साथ मिलकर 11 पौधे स्कूल में लगाए।
इस मौके पर जन नायक युवा क्लब के साथियों ने संकल्प लिया कि पर्यावरण दिवस हम पूरे जून माह प्रति दिन पौधे लगाएंगे और आने वाले समय पर जो पौधे लगाए गए हैं उनकी देखरेख व नए पौधे लगाकर पूरे गांव को हरियाणा का सबसे ग्रीन गांव बनाया जाएगा।
इस मौके पर अध्यापक अरविंद शर्मा, अध्यापक भजन लाल,जेपी गोदारा, छोटू सहारण,पवन स्वामी, आंनद बिश्नोई,अनिल पुनिया, मुकेश खदरिया, महावीर स्वामी, कृष्ण सोनी।
इस मौके पर जन नायक युवा क्लब के साथियों ने संकल्प लिया कि पर्यावरण दिवस हम पूरे जून माह प्रति दिन पौधे लगाएंगे और आने वाले समय पर जो पौधे लगाए गए हैं उनकी देखरेख व नए पौधे लगाकर पूरे गांव को हरियाणा का सबसे ग्रीन गांव बनाया जाएगा।इस मौके पर अध्यापक अरविंद शर्मा, अध्यापक भजन लाल,जेपी गोदारा, छोटू सहारण,पवन स्वामी, आंनद बिश्नोई,अनिल पुनिया, मुकेश खदरिया, महावीर स्वामी, कृष्ण सोनी।
जनता व कर्मचारियों की मांग नहीं तो परिवहन विभाग का निजीकरण क्यों-तालमेल कमेटी
डबवाली (लहू की लौ)स्टेज कैरिज स्कीम 2016 रद्द करने व लम्बित मांगों को लागू करने के प्रति गम्भीर नहीं सरकार। सभी डिपुओं की तालमेल कमेटी 8 जून को महाप्रबंधकों के माध्यम से महानिदेशक राज्य परिवहन को ज्ञापन सौंप कर विभाग के निजीकरण पर रोक लगाने व मांगों को लागू करने की पुरजोर मांग की जाएगी।*
हरियाणा रोड़वेज कर्मचारी तालमेल कमेटी के वरिष्ठ नेता व हरियाणा रोड़वेज वर्कर्स यूनियन संबंधित सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेश महासचिव सरबत सिंह पूनिया, सिरसा डिपो के प्रधान मदनलाल खोथ व डबवाली सब डिपो के प्रधान पृथ्वी सिंह चाहर ने सयुंक्त ब्यान में बताया गत दिवस परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा के साथ बातचीत में तालमेल कमेटी ने स्टेज कैरिज स्कीम 2016 के खिलाफ तर्कों सहित लिखित सुझाव व एतराज़ देकर परिवहन विभाग के निजीकरण का डटकर विरोध किया। फिर भी कर्मचारियों के एतराज़ व सुझाव को दरकिनार करके कोरोना महामारी की आड़ में विभाग का निजीकरण कर रही हैं सरकार। कर्मचारी नेताओं ने जोर देकर कहा प्रदेश की जनता, छात्र-छात्राओं, जनप्रतिनिधियों व रोड़वेज कर्मचारियों की परिवहन विभाग के निजीकरण की मांग नहीं फिर भी सरकार प्राइवेट बसों को रूट परमिट देकर विभाग को बर्बाद करने पर क्यों अड़ी हुई है?उन्होंने कहा प्राइवेट बसें सरकार को भी भारी आर्थिक नुकसान पहुंचा रही है, एक प्राइवेट बस प्रति माह सरकार को एकमुश्त 14 हजार रुपये टैक्स दे रही है जबकि हरियाणा रोड़वेज की एक बस प्रति माह 40 हजार से 60 हजार रुपये टैक्स दे रही है।उन्होंने बताया स्टेज कैरिज स्कीम के तहत मुख्य मार्गों पर परमिट देना मोटर व्हीकल एक्ट का उल्लंघन है। कर्मचारी नेताओं ने जोर देकर कहा परिवहन विभाग के निजीकरण व प्राइवेट बसें चलने से जनता को बेहतर परिवहन सेवा नहीं मिलेगी व स्थाई रोजगार के अवसर समाप्त हो जाएंगे। कर्मचारी नेताओं ने कहा स्टेज कैरिज स्कीम 2016 के तहत प्राइवेट बसों को रूट परमिट देने बारे अचानक आनन-फानन में स्टेज कैरिज स्कीम 2016 को लागू करने की सरकार की क्या मजबूरी हो गई। एक तरफ तो देश व प्रदेश की जनता कोरोना महामारी के संकट से जूझ रही है, दूसरी तरफ सरकार जल्द बाजी में स्टेज कैरिज स्कीम लागू करके निजीकरण की प्रक्रिया शुरू करके विभाग को तहस-नहस करने पर तुली हुई है। कर्मचारी नेताओं ने कहा सरकार रोड़वेज कर्मचारियों के विरोध के चलते निवर्तमान परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार की अध्यक्षता 13 जून 2017 में हुई मीटिंग में स्टेज कैरिज स्कीम को रद्द कर चुकी हैं, अब फिर सरकार इस स्कीम को लागू करके वादाखिलाफी कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार प्राइवेट रूट परमिट देने की स्कीम को संशोधन करने की बजाए रद्द करें। पूंजीपतियों का मोह छोड़ कर विभाग में बढ़ती आबादी अनुसार 14 हजार सरकारी बसें शामिल करें ताकि आम जनता व छात्र-छात्राओं को बेहतर व सुरक्षित परिवहन सेवा मिलने के साथ 84 हजार बेरोजगारों को स्थाई रोजगार मिल सकें। उन्होंने बताया स्टेज कैरिज स्कीम को रद्द करने व लम्बित मांगों को लागू करने की मांग को लेकर सभी डिपूओं की तालमेल कमेटी अपने अपने डिपो में 8 जून को महाप्रबंधकों के माध्यम से महानिदेशक राज्य परिवहन को ज्ञापन भेजेंगी। उसके बाद तालमेल कमेटी की एक दर्जन टीमों द्वारा 16 जून से 29 जून तक सभी डिपुओं में कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित करके विभाग के निजीकरण का विरोध किया जाएगा।
कर्मचारी नेताओं ने कहा परिवहन मंत्री के साथ 6 जनवरी को हुई बैठक में मानी गई मांगों को लागू ना करके सरकार कर्मचारियों को आन्दोलन के लिए मजबूर कर रही है। उन्होंने कहा कोरोना महामारी के दौरान मौत के मुंह में रह कर कर्मचारी जोखिम भरी ड्यूटी कर रहे हैं। परन्तु सरकार द्वारा पीपीई किट सहित सभी उपकरणों का प्रबंध नहीं किया जा रहा। उन्होंने 50 लाख रूपये एक्शग्रेसिया बीमा पॉलिसी में शामिल करने, जोखिम भत्ता व इंसेंटिव देने, लॉकडाउन के समय विभाग को करोड़ों रूपये के नुकसान की भरपाई के लिए सरकार द्वारा आर्थिक पैकेज देने के अलावा तीन वर्ष का बकाया बोनस देने, 2002 से पहले के भर्ती कर्मचारियों को नियुक्ति तिथि से पक्का करने,परिचालकों का ग्रेड पे बढ़ाने, कर्मशाला कर्मचारियों के कटौती किये राजपत्रित अवकाश पहले की तरह लागू करने, 2016 में भर्ती चालकों को पक्का करने,परिचालकों को ई टिक्टींग मशीन उपलब्ध करवाने, विभाग में बढ़े हुए किराये को राउंड फिगर में लागू करने, शिक्षा भत्ता व रोके गए डीए व एलटीसी का भुगतान करने,सभी खाली पदों पर पक्की भर्ती करने व सभी श्रेणियों के खाली पड़े प्रॅमोशनल पदों पर प्रमोशन करने आदि मांगों को अनेक मीटिंगों में मान लेने के बाद भी लागू नहीं करने से कर्मचारियों में भारी रोष है।
हरियाणा रोड़वेज कर्मचारी तालमेल कमेटी के वरिष्ठ नेता व हरियाणा रोड़वेज वर्कर्स यूनियन संबंधित सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेश महासचिव सरबत सिंह पूनिया, सिरसा डिपो के प्रधान मदनलाल खोथ व डबवाली सब डिपो के प्रधान पृथ्वी सिंह चाहर ने सयुंक्त ब्यान में बताया गत दिवस परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा के साथ बातचीत में तालमेल कमेटी ने स्टेज कैरिज स्कीम 2016 के खिलाफ तर्कों सहित लिखित सुझाव व एतराज़ देकर परिवहन विभाग के निजीकरण का डटकर विरोध किया। फिर भी कर्मचारियों के एतराज़ व सुझाव को दरकिनार करके कोरोना महामारी की आड़ में विभाग का निजीकरण कर रही हैं सरकार। कर्मचारी नेताओं ने जोर देकर कहा प्रदेश की जनता, छात्र-छात्राओं, जनप्रतिनिधियों व रोड़वेज कर्मचारियों की परिवहन विभाग के निजीकरण की मांग नहीं फिर भी सरकार प्राइवेट बसों को रूट परमिट देकर विभाग को बर्बाद करने पर क्यों अड़ी हुई है?उन्होंने कहा प्राइवेट बसें सरकार को भी भारी आर्थिक नुकसान पहुंचा रही है, एक प्राइवेट बस प्रति माह सरकार को एकमुश्त 14 हजार रुपये टैक्स दे रही है जबकि हरियाणा रोड़वेज की एक बस प्रति माह 40 हजार से 60 हजार रुपये टैक्स दे रही है।उन्होंने बताया स्टेज कैरिज स्कीम के तहत मुख्य मार्गों पर परमिट देना मोटर व्हीकल एक्ट का उल्लंघन है। कर्मचारी नेताओं ने जोर देकर कहा परिवहन विभाग के निजीकरण व प्राइवेट बसें चलने से जनता को बेहतर परिवहन सेवा नहीं मिलेगी व स्थाई रोजगार के अवसर समाप्त हो जाएंगे। कर्मचारी नेताओं ने कहा स्टेज कैरिज स्कीम 2016 के तहत प्राइवेट बसों को रूट परमिट देने बारे अचानक आनन-फानन में स्टेज कैरिज स्कीम 2016 को लागू करने की सरकार की क्या मजबूरी हो गई। एक तरफ तो देश व प्रदेश की जनता कोरोना महामारी के संकट से जूझ रही है, दूसरी तरफ सरकार जल्द बाजी में स्टेज कैरिज स्कीम लागू करके निजीकरण की प्रक्रिया शुरू करके विभाग को तहस-नहस करने पर तुली हुई है। कर्मचारी नेताओं ने कहा सरकार रोड़वेज कर्मचारियों के विरोध के चलते निवर्तमान परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार की अध्यक्षता 13 जून 2017 में हुई मीटिंग में स्टेज कैरिज स्कीम को रद्द कर चुकी हैं, अब फिर सरकार इस स्कीम को लागू करके वादाखिलाफी कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार प्राइवेट रूट परमिट देने की स्कीम को संशोधन करने की बजाए रद्द करें। पूंजीपतियों का मोह छोड़ कर विभाग में बढ़ती आबादी अनुसार 14 हजार सरकारी बसें शामिल करें ताकि आम जनता व छात्र-छात्राओं को बेहतर व सुरक्षित परिवहन सेवा मिलने के साथ 84 हजार बेरोजगारों को स्थाई रोजगार मिल सकें। उन्होंने बताया स्टेज कैरिज स्कीम को रद्द करने व लम्बित मांगों को लागू करने की मांग को लेकर सभी डिपूओं की तालमेल कमेटी अपने अपने डिपो में 8 जून को महाप्रबंधकों के माध्यम से महानिदेशक राज्य परिवहन को ज्ञापन भेजेंगी। उसके बाद तालमेल कमेटी की एक दर्जन टीमों द्वारा 16 जून से 29 जून तक सभी डिपुओं में कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित करके विभाग के निजीकरण का विरोध किया जाएगा।
कर्मचारी नेताओं ने कहा परिवहन मंत्री के साथ 6 जनवरी को हुई बैठक में मानी गई मांगों को लागू ना करके सरकार कर्मचारियों को आन्दोलन के लिए मजबूर कर रही है। उन्होंने कहा कोरोना महामारी के दौरान मौत के मुंह में रह कर कर्मचारी जोखिम भरी ड्यूटी कर रहे हैं। परन्तु सरकार द्वारा पीपीई किट सहित सभी उपकरणों का प्रबंध नहीं किया जा रहा। उन्होंने 50 लाख रूपये एक्शग्रेसिया बीमा पॉलिसी में शामिल करने, जोखिम भत्ता व इंसेंटिव देने, लॉकडाउन के समय विभाग को करोड़ों रूपये के नुकसान की भरपाई के लिए सरकार द्वारा आर्थिक पैकेज देने के अलावा तीन वर्ष का बकाया बोनस देने, 2002 से पहले के भर्ती कर्मचारियों को नियुक्ति तिथि से पक्का करने,परिचालकों का ग्रेड पे बढ़ाने, कर्मशाला कर्मचारियों के कटौती किये राजपत्रित अवकाश पहले की तरह लागू करने, 2016 में भर्ती चालकों को पक्का करने,परिचालकों को ई टिक्टींग मशीन उपलब्ध करवाने, विभाग में बढ़े हुए किराये को राउंड फिगर में लागू करने, शिक्षा भत्ता व रोके गए डीए व एलटीसी का भुगतान करने,सभी खाली पदों पर पक्की भर्ती करने व सभी श्रेणियों के खाली पड़े प्रॅमोशनल पदों पर प्रमोशन करने आदि मांगों को अनेक मीटिंगों में मान लेने के बाद भी लागू नहीं करने से कर्मचारियों में भारी रोष है।
चना किसानों से हो रहीं लूट-अभय सिंह
चंडीगढ़ (लहू की लौ) इनेलो नेता चौधरी अभय सिंह चौटाला ने बताया कि पिछले दिनों हिसार की मंडी में चना किसानों की लूट का मामला सामने आया कि सरकारी एजेंसी हैफेड द्वारा प्रति बोरी की तुलाई में करीब 5 किलो चने की ज्यादा की लूट की गई, इसमें करीब 250 रुपए प्रति बोरी किसानों को लूटा गया। दुर्भाग्य की बात तो ये है कि इस दौरान वहां जिला प्रशासन का कोई अधिकारी मौजूद नहीं था और किसानों को रातभर मंडियों में ही सोना पड़ा। किसानों से 100 रुपए आढ़त के नाम पर भी काटे गए जबकि सरकार पहले ही कह चुकी है कि चने की खरीद में किसान से कोई भी आढ़त का पैसा नहीं काटा जाएगा। इस दौरान किसानों ने मंडी प्रधान व सरकारी एजेंसी के अधिकारियों पर मिलीभगत का भी आरोप लगाया है। इससे साफ जाहिर होता है कि भाजपा-जजपा किसानों की आज तक की सबसे बड़ी अनेदखी करने वाली सरकार साबित हुई है।
उन्होंने कहा कि सरकारी एजेंसी द्वारा किसानों को लूटने का यह कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी धान, गेहूं और सरसों की फसलों को लेकर किसानों को लूटने के मामले प्रदेश की जनता के सामने उजागर हो चुके हैं। हिसार की मंडी में चने की फसल के लिए किसान पहले दर-दर भटकता रहा फिर जब तोलने का समय आया तो प्रत्येक कट्टे में सरकारी एजेंसी हैफेड द्वारा प्रति कट्टा पांच किलोग्राम अधिक तोला गया। किसानों द्वारा जब ये चोरी पकड़ी गई तो सरकार की पोल खुल गई।
इनेलो नेता ने सरकार के उस दावे को खोखला करार देते हुए कहा कि जो सरकार ग्रेड-1 धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1835 से 1887 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाने पर अपनी पीठ थपथपा रही है, वह तो मात्र 2.9 प्रतिशत की बढ़ौतरी है जबकि सरकार द्वारा दावा किया जा रहा है कि उन्होंने न्यूनतम समर्थन मूल्य 50 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है। इनेलो नेता ने कहा कि भाजपा-जजपा सरकार अपने आपको किसान हितैषी होने का ढिंढोरा पीट रही है।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के इस दौर में किसानों को किसी भी प्रकार की कोई राहत सरकार द्वारा नहीं दी गई है। ऊपर से मंडियों में किसानों को लूटने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। चने के दाने का साइज छोटा बताकर खरीद न करना किसानों को बेवजह परेशान किया जा रहा है। किसानों से करीब 300 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से लेकर खराब चने की खरीद का मामला भी सामने आया है जबकि जिस किसान का चना अच्छी गुणवत्ता का है उसका चना नहीं खरीदा जा रहा है। हद तो तब हो गई जब किसानों से खाने के 60 रुपए सरकार द्वारा वसूले गए।
उन्होंने कहा कि सरकारी एजेंसी द्वारा किसानों को लूटने का यह कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी धान, गेहूं और सरसों की फसलों को लेकर किसानों को लूटने के मामले प्रदेश की जनता के सामने उजागर हो चुके हैं। हिसार की मंडी में चने की फसल के लिए किसान पहले दर-दर भटकता रहा फिर जब तोलने का समय आया तो प्रत्येक कट्टे में सरकारी एजेंसी हैफेड द्वारा प्रति कट्टा पांच किलोग्राम अधिक तोला गया। किसानों द्वारा जब ये चोरी पकड़ी गई तो सरकार की पोल खुल गई।
इनेलो नेता ने सरकार के उस दावे को खोखला करार देते हुए कहा कि जो सरकार ग्रेड-1 धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1835 से 1887 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाने पर अपनी पीठ थपथपा रही है, वह तो मात्र 2.9 प्रतिशत की बढ़ौतरी है जबकि सरकार द्वारा दावा किया जा रहा है कि उन्होंने न्यूनतम समर्थन मूल्य 50 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है। इनेलो नेता ने कहा कि भाजपा-जजपा सरकार अपने आपको किसान हितैषी होने का ढिंढोरा पीट रही है।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के इस दौर में किसानों को किसी भी प्रकार की कोई राहत सरकार द्वारा नहीं दी गई है। ऊपर से मंडियों में किसानों को लूटने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। चने के दाने का साइज छोटा बताकर खरीद न करना किसानों को बेवजह परेशान किया जा रहा है। किसानों से करीब 300 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से लेकर खराब चने की खरीद का मामला भी सामने आया है जबकि जिस किसान का चना अच्छी गुणवत्ता का है उसका चना नहीं खरीदा जा रहा है। हद तो तब हो गई जब किसानों से खाने के 60 रुपए सरकार द्वारा वसूले गए।
नेहरू स्कूल में विश्व पर्यावरण दिवस पर ऑनलाइन पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन
डबवाली (लहू की लौ) नेहरू सीनियर सेकेंडरी स्कूल मे विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य पर बच्चों में ऑनलाइन पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन करवाया गया इस प्रतियोगिता में नेहरू सीनियर सेकेंडरी स्कूल के विभिन्न छात्र छात्राओं ने भाग लिया प्रतियोगिता का मुख्य विषय पर्यावरण सुरक्षा था।
इस अवसर पर नेहरू सीनियर सेकेंडरी स्कूल के निर्देशक हरि प्रकाश शर्मा ने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि पर्यावरण हमारे जीवन की एक ऐसी नींव है जो हमारे जीवन के प्रत्येक पक्ष से संबंधित है हमें हमारा पर्यावरण दूषित वस्तुओं से बचा कर रखना होगा आधुनिक युग में फैली कोरोना कि यह बीमारी भी हमारे पर्यावरण में उपस्थित विभिन्न प्राणियों के स्वास्थ्य को खराब कर रही है जिससे पूरे विश्व भर में यह विकट स्थिति उत्पन्न हो गई जिसका सामना आज पूरा विश्व कर रहा है इसीलिए हमें खुद को व अपने आसपास के पर्यावरण को साफ रख कर सहयोग देना चाहिए
स्कूल के प्रधानाचार्य जीवन सिंगला ने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि पर्यावरण अर्थात् परि+आवरण। हमारे आस-पास का वातावरण। अगर हमारे आसपास का वातावरण दूषित होगा इसका सबसे ज्यादा प्रभाव हमारे अपने स्वास्थ्य पर पड़ेगा उन्होंने बच्चों को वृक्ष लगाने की सलाह दी उन्होंने वृक्षों का महत्व बताते हुए कहा कि वृक्ष हमारे जीवन की अनमोल कुंजी है यह प्रकृति का वह उपहार है जिसकी कोई कीमत नहीं है क्योंकि वृक्षों से हमें छाया, ऑक्सीजन, औषधियां आदि वस्तुएं जिन पर हमारा जीवन निर्भर करता है, मिलती हैं इसीलिए हमें अपने आसपास पर्यावरण का ध्यान रखना चाहिए। प्रतियोगिता के आयोजन मे प्राध्यापक पुनीत सिंगला व पिंकी वर्मा की मुख्य भूमिका रही। अध्यापकों ने बच्चों को पर्यावरण बचाने के लिये प्रेरित किया।माता हरकी देवी महिला शिक्षण महाविद्यालय ने आयोजित की ऑनलाइन प्रतियोगिता
डबवाली (लहू की लौ)माता हरकी देवी महिला शिक्षण महाविद्यालय ओढ़ां ने विश्वभर में फैली हुई कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन के चलते महाविद्यालय ने कोविड-19 कोरोना वायरस जागरूकता अभियान में आहुति डालते हुए महाविद्यालय में राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता का आयोजन करवाया गया। प्रतियोगिता का निर्देशन कॉलेज प्रधानाचार्या डॉ. सुनीता स्याल ने किया।
उक्त प्रतियोगिता के आयोजन के संबंध में संस्था सचिव मंदर सिंह सरां ने कहा कि सभी छात्राओं ने लॉकडाउन का पालन करते हुए घर मे रह कर समय का सही सदुपयोग किया और छात्राओं को आधुनिक तकनीकी के साथ जुडऩे का अवसर मिला। प्रतियोगिता के कोऑर्डिनेटर डॉ सुभाष चंद्र ने प्रतियोगिता के प्रतिभागियों से कहा कि हम छात्राओं को कोविड-19 से बचाव और रोकथाम के लिए विभिन्न माध्यमों से प्रेरित कर रहे है, बच्चों को ऐसी प्रतियोगिताओं में बढ़ चढ़ कर भाग लेना चाहिए।
पीपीटी प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर एमएम कॉलेज ऑफ एजूकेशन से वर्षा नागपाल, हिन्दू कॉलेज ऑफ एजूकेशन सोनीपत से लोकेश द्वितीय व शाह सतनाम जी कॉलेज ऑफ एजूकेशन सिरसा से पायल अग्रवाल व बीएसके कालेज ऑफ एजूकेशन मंडी डबवाली से निधि जिंदल तृतीय स्थान पाने में कामयाब रहे। कविता प्रतियोगिता में सनातन धर्म संस्कृत महाविद्यालय सिरसा से पूर्वा शर्मा प्रथम, हिन्दू कॉलेज ऑफ एजूकेशन सोनीपत से शिखा मालिक द्वितीय स्थान पर व शाह सतनाम जी कॉलेज ऑफ एजूकेशन से गोविंद व बीपीएस महिला विश्वविद्यालय खानपुर कलां सोनीपत से चीनू कुमारी तृतीय स्थान पर रही।
बैस्ट आउट ऑफ वेस्ट प्रतियोगिता में एमएम कॉलेज ऑफ एजूकेशन फतेहाबाद से दिव्या प्रथम, माता हरकी देवी महिला शिक्षण महाविद्यालय की अमनिंदर कौर द्वितीय व शाह सतनाम जी कालेज ऑफ एजूकेशन की बिंदिया व माता हरकी देवी महिला शिक्षण महाविद्यालय की ही एकता तृतीय स्थान पर रही।
उक्त प्रतियोगिता के आयोजन के संबंध में संस्था सचिव मंदर सिंह सरां ने कहा कि सभी छात्राओं ने लॉकडाउन का पालन करते हुए घर मे रह कर समय का सही सदुपयोग किया और छात्राओं को आधुनिक तकनीकी के साथ जुडऩे का अवसर मिला। प्रतियोगिता के कोऑर्डिनेटर डॉ सुभाष चंद्र ने प्रतियोगिता के प्रतिभागियों से कहा कि हम छात्राओं को कोविड-19 से बचाव और रोकथाम के लिए विभिन्न माध्यमों से प्रेरित कर रहे है, बच्चों को ऐसी प्रतियोगिताओं में बढ़ चढ़ कर भाग लेना चाहिए।
पीपीटी प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर एमएम कॉलेज ऑफ एजूकेशन से वर्षा नागपाल, हिन्दू कॉलेज ऑफ एजूकेशन सोनीपत से लोकेश द्वितीय व शाह सतनाम जी कॉलेज ऑफ एजूकेशन सिरसा से पायल अग्रवाल व बीएसके कालेज ऑफ एजूकेशन मंडी डबवाली से निधि जिंदल तृतीय स्थान पाने में कामयाब रहे। कविता प्रतियोगिता में सनातन धर्म संस्कृत महाविद्यालय सिरसा से पूर्वा शर्मा प्रथम, हिन्दू कॉलेज ऑफ एजूकेशन सोनीपत से शिखा मालिक द्वितीय स्थान पर व शाह सतनाम जी कॉलेज ऑफ एजूकेशन से गोविंद व बीपीएस महिला विश्वविद्यालय खानपुर कलां सोनीपत से चीनू कुमारी तृतीय स्थान पर रही।
बैस्ट आउट ऑफ वेस्ट प्रतियोगिता में एमएम कॉलेज ऑफ एजूकेशन फतेहाबाद से दिव्या प्रथम, माता हरकी देवी महिला शिक्षण महाविद्यालय की अमनिंदर कौर द्वितीय व शाह सतनाम जी कालेज ऑफ एजूकेशन की बिंदिया व माता हरकी देवी महिला शिक्षण महाविद्यालय की ही एकता तृतीय स्थान पर रही।
बेस्ट आऊट ऑफ वेस्ट ऑनलाईन प्रतियोगिता का आयोजन
डबवाली (लहू की लौ) भगवान श्री कृष्ण शिक्षण महिला महाविद्यालय में ईको क्लब ने ऑनलाइन बेस्ट आऊट ऑपु वेस्ट प्रतियोगिता का आयोजन करवाया। प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करना था।
प्रतियोगिता में छात्राओं ने घर में बचे कचरे से पुन: चक्रण द्वारा नई वस्तुओं का निर्माण किया और अपनी प्रतिभा को निखारा। इस प्रतियोगिता के माध्यम से हम पर्यावरण में कूड़े कचरे की मात्रा को कम करके इसे सरंक्षित कर सकते हैं। छात्राओं ने प्रतियोगिता में बचे हुए कागजों, धागों, बटनों, टूटे हुए शीशों, खाली बोतलों व बचे हुए मोतियों का प्रयोग किया।
यह जानकारी देते हुए क्लब प्रभारी सिमता सेतिया ने बताया कि प्रतियोगिता महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. पूनम गुप्ता के निर्देशन में करवाया गया। प्रतियोगिता के घोषित परिणाम में बीएड प्रथमा वर्ष की छात्रा परमजीत कौर प्रथम, द्वितीय वर्ष की छात्रा नेहा द्वितीय और द्वितीय वर्ष की अनिता व संजू बीए प्रथम वर्ष ने तीसरा स्थान पाया। निर्णायक मण्डल की भूमिका डॉ. पूनम गुप्ता, डॉ. कमलेश यादव, डॉ. सुमन छाबड़ा व अंजू यादव ने निभाई। इस मौके पर डॉ. पूनम गुप्ता ने ऑन लाइन माध्यम से छात्राओं को पर्यावरण सरंक्षण के लिए जागरूक किया और पर्यावरण सरंक्षण के लिए अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाने व कचरा प्रबंधन के लिए प्रेरित किया।
प्रतियोगिता में छात्राओं ने घर में बचे कचरे से पुन: चक्रण द्वारा नई वस्तुओं का निर्माण किया और अपनी प्रतिभा को निखारा। इस प्रतियोगिता के माध्यम से हम पर्यावरण में कूड़े कचरे की मात्रा को कम करके इसे सरंक्षित कर सकते हैं। छात्राओं ने प्रतियोगिता में बचे हुए कागजों, धागों, बटनों, टूटे हुए शीशों, खाली बोतलों व बचे हुए मोतियों का प्रयोग किया।
यह जानकारी देते हुए क्लब प्रभारी सिमता सेतिया ने बताया कि प्रतियोगिता महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. पूनम गुप्ता के निर्देशन में करवाया गया। प्रतियोगिता के घोषित परिणाम में बीएड प्रथमा वर्ष की छात्रा परमजीत कौर प्रथम, द्वितीय वर्ष की छात्रा नेहा द्वितीय और द्वितीय वर्ष की अनिता व संजू बीए प्रथम वर्ष ने तीसरा स्थान पाया। निर्णायक मण्डल की भूमिका डॉ. पूनम गुप्ता, डॉ. कमलेश यादव, डॉ. सुमन छाबड़ा व अंजू यादव ने निभाई। इस मौके पर डॉ. पूनम गुप्ता ने ऑन लाइन माध्यम से छात्राओं को पर्यावरण सरंक्षण के लिए जागरूक किया और पर्यावरण सरंक्षण के लिए अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाने व कचरा प्रबंधन के लिए प्रेरित किया।
84 बोतल देशी शराब सहित चार युवक
सिरसा (लहू की लौ)जिला भर में नशे के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत जिला की सदर डबवाली थाना पुलिस ने गश्त व चैकिंग के दौरान गांव चौटाला क्षेत्र से चार युवकों को 84 बोतल देशी शराब के साथ काबू किया है। पकड़े गए युवकों की पहचान गुरप्रीत पुत्र पप्पा सिंह, गोविंद पुत्र गुरदयाल सिंह, कुलदीप पुत्र मनफूल व विजय पुत्र भाला राम निवासियान तेजाखेड़ा के रूप में हुई है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए सदर डबवाली थाना प्रभारी इंस्पेक्टर राजेंद्र सिंह ने बताया कि पकड़े गए युवकों के खिलाफ थाना सदर डबवाली में आबकारी अधिनियम व भा.द.सं.की धारा 188 के तहत अभियोग दर्ज किया गया है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए सदर डबवाली थाना प्रभारी इंस्पेक्टर राजेंद्र सिंह ने बताया कि पकड़े गए युवकों के खिलाफ थाना सदर डबवाली में आबकारी अधिनियम व भा.द.सं.की धारा 188 के तहत अभियोग दर्ज किया गया है।
14,450 रुपए की जुआ राशि के साथ पांच लोग काबू
सिरसा (लहू की लौ)जिला भर में चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत कार्यवाही करते हुए जिला की थाना शहर सिरसा पुलिस ने गस्त व चैकिंग के दौरान बाल्मीकि चौक सिरसा क्षेत्र से महत्वपूर्ण सूचना के आधार पर सार्वजनिक जगह पर जुआ खेल रहे 5 लोगों को 14,450 रु. की जुआ राशि व ताश के पत्तों के साथ काबू किये हैं। पकड़े लोगों की पहचान सुनील कुमार पुत्र मुकुंद निवासी कांडा कॉलोनी सिरसा, राकेश पुत्र श्याम लाल, गुलशन पुत्र बंसी लाल निवासी नजदीक खालसा हाई स्कूल सिरसा, धीरज कुमार पुत्र रमेश लाल निवासी मेला ग्राउंड सिरसा व जोनी उर्फ नितिन पुत्र सतीश कुमार निवासी कीर्ति नगर, सिरसा के रूप में हुई है। इस संबंध में जानकारी देते थाना शहर सिरसा प्रभारी इंस्पेक्टर सुखबीर सिंह ने बताया कि पकड़े गए लोगों के खिलाफ थाना शहर सिरसा में गेम्बलिंग एक्ट व भा.द.सं. की धारा 188 के तहत अभियोग दर्ज किया गया है।
बाल मन्दिर स्कूल में वृक्षारोपण कर विश्व पर्यावरण दिवस मनाया
डबवाली (लहू की लौ) बाल मन्दिर स्कूल में शुक्रवार को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर अभिभावको ने वृक्षारोपण करके पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।
प्रिंसीपल सुरेन्द्र कुमार कौशिक ने विद्यालय प्रशासनिक कार्यालय में आए हुए अभिभावकों से आज वृक्षारोपण करवा कर पर्यावरण दिवस मनाया। इसके बाद बातचीत करते हुए प्रिंसीपल कौशिक ने कहा कि स्वच्छ शुद्ध, हरित पर्यावरण के लिए बाल मंदिर की अपनी अनूठी पहचान है और इसी पहचान में चार चांद लगाने के लिए विद्यालय परिसर में प्रतिवर्ष वन महोत्सव, विश्व पर्यावरण दिवस, पृथ्वी दिवस या किसी शुभावसर पर वृक्षारोपण किया जाता है और पृथ्वी एवं पर्यावरण को सुन्दर, स्वच्छ बनाए रखने में योगदान दिया जाता है। इस मौके पर अभिभावकों ने अपने वक्तव्य में कहा कि इतने विशाल परिसर को साफ सुथरा और हरा भरा बनाए रखना नि:संदेह प्रशंसनीय है।
प्रिंसीपल सुरेन्द्र कौशिक ने उपस्थित अभिभावकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि लॉकडाऊन से जो पर्यावरण में सुधार हुआ है वो पिछले 60 वर्षों में किए गए प्रयासों से भी नहीं हुआ। प्रकृति अब दूल्हन की तरह सज संवर कर सुन्दर रूप में हमारे सामने है। हमने अब अपने आचार व्यवहार से इसे दूषित और शोषित नहीं करना है। आज विश्व पर्यावरण दिवस पर शुभ संकल्प लेना चाहिए कि हम सदैव इसे स्वस्थ एवं स्वच्छ रखेंगे। पर्यावरण की सुरक्षा हमारे जीवन की सुरक्षा है।
प्रिंसीपल सुरेन्द्र कुमार कौशिक ने विद्यालय प्रशासनिक कार्यालय में आए हुए अभिभावकों से आज वृक्षारोपण करवा कर पर्यावरण दिवस मनाया। इसके बाद बातचीत करते हुए प्रिंसीपल कौशिक ने कहा कि स्वच्छ शुद्ध, हरित पर्यावरण के लिए बाल मंदिर की अपनी अनूठी पहचान है और इसी पहचान में चार चांद लगाने के लिए विद्यालय परिसर में प्रतिवर्ष वन महोत्सव, विश्व पर्यावरण दिवस, पृथ्वी दिवस या किसी शुभावसर पर वृक्षारोपण किया जाता है और पृथ्वी एवं पर्यावरण को सुन्दर, स्वच्छ बनाए रखने में योगदान दिया जाता है। इस मौके पर अभिभावकों ने अपने वक्तव्य में कहा कि इतने विशाल परिसर को साफ सुथरा और हरा भरा बनाए रखना नि:संदेह प्रशंसनीय है।प्रिंसीपल सुरेन्द्र कौशिक ने उपस्थित अभिभावकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि लॉकडाऊन से जो पर्यावरण में सुधार हुआ है वो पिछले 60 वर्षों में किए गए प्रयासों से भी नहीं हुआ। प्रकृति अब दूल्हन की तरह सज संवर कर सुन्दर रूप में हमारे सामने है। हमने अब अपने आचार व्यवहार से इसे दूषित और शोषित नहीं करना है। आज विश्व पर्यावरण दिवस पर शुभ संकल्प लेना चाहिए कि हम सदैव इसे स्वस्थ एवं स्वच्छ रखेंगे। पर्यावरण की सुरक्षा हमारे जीवन की सुरक्षा है।
05 जून 2020
सांसद सुनीता दुग्गल के प्रयास लाए रंग, विदेश में फंसे ऐलनाबाद के भगत सिंह दयाल व रतिया की सुमन लौटे अपने घर
सकुशल घर वापसी होने पर भगत ङ्क्षसह व सुमन ने सांसद का किया धन्यवाद, परिजनों ने भी सांसद का जताया आभार
सिरसा(लहू की लौ) कोरोना वैश्विक महामारी के कहर से पूरा विश्व संकट से जूझ रहा है। लॉकडाउन के चलते विदेशों में देश के विभिन्न जिला के नागरिक फंसे हुए हैं। इन्हीं में ऐलनाबाद के भगत सिंह दयाल व रतिया की सुमन भी थी, जोकि विदेश में अलग-अलग जगहों पर लॉकडाउन के चलते फंसे होने के कारण अपने घर नहीं लौट पा रहे थे। जब दोनों परिवार वालों ने इस बारे सांसद सुनीता दुग्गल को अवगत करवाया तो सांसद ने आश्वासन दिया कि वे इन्हें जल्द विदेश से घर वापस लाएंगी। सांसद ने दोनों के घर वापसी के लिए विदेश मंत्रालय में पत्र लिखने के साथ-साथ विदेश मंत्री जयशंकर से बात भी की। इस तरह से सांसद के प्रयास रंग लाए और दोनों भगत सिंह दयाल व सुमन अपने घर वापस सकुशल लौट आए। दोनों के घर लौटने पर परिवार वालों ने तय दिल से आभार व्यक्त किया। सांसद के इस काम की पूरे लोकसभा क्षेत्र में तारिफ हो रही है।
सिरसा जिला के ऐलनाबाद का भगत सिंह दयाल यूएई में काम करते हैं और वे वहीं रहते हैं। अचानक भगत सिंह दयाल के पिता की तबीयत खराब हो गई। ऐसे में भगत सिंह दयाल को यूएई से ऐलनाबाद अपने घर आना था। लेकिन लॉकडाउन के चलते उनके वापिस आने में कठिनाई आ रही थी। सभी कौशिशों के बावजूद भी वह अपने घर नहीं लौट पा रहा था। ऐसे में जब भगत सिंह दयाल के परिवार वालों ने इस बारे सांसद सुनीता दुग्गल को अवगत करवाया तो सांसद ने उन्होंने आश्वासन दिया कि वे भगत सिंह दयाल को घर वापिस लाएंगी। सांसद ने भगत सिंह दयाल के पासपोर्ट आदि सभी जानकारियों के साथ विदेश मंत्रालय में पत्र लिखा और विदेश मंत्री जयशंकर से फोन पर कई बार बात की। सांसद के प्रयासों का ही परिणाम रहा कि ऐलनाबाद के भगत सिंह दयाल यूएई से सकुशल अपने घर लौट आए।
इसी प्रकार रतिया से सन 2017 से सुमन रानी पुत्री सुखचरन अरोडा टिब्बा कलोनी निवासी यूक्रेन में पढाई कर रही रही है कोरोना महामारी के चलते यूक्रेन में 31 दिसम्बर तक लॉक डाउन है जिसको लेकर भारत के सभी छात्र भारत वतन वापसी कर रहे थे लेकिन दो बार एम्बेसी में अप्लाई करने पर भी एयर इंडिया फ्लाइट सूची में सुमन का नाम न होने से सुमन की टेंशन बढ गई। जिस पर परिवार ने सांसद सुनीता दुग्गल से सम्पर्क किया और
पुरे मामले अवगत करवाया । सांसद दुग्गल ने मामले की जानकारी लेकर विदेश मंत्रालय को पत्र लिखा व विदेश मंत्री से बात की और बेटी सुमन से यूक्रेन में बात कर आश्वासन दिया की घबराने की जरूरत नही है जल्द समाधान होगा । वही 3 जून को एयर इंडिया की फ्लाइट थी उसमें भी सुमन का नाम नही था । जिस पर देर शाम सांसद दुग्गल ने यूक्रेन में फिर सुमन से बात की और उसके बाद फिर विदेश मंत्री से बात की जिसके बाद एम्बेसी से मेल आई और ऐन मोके पर एयर इंडिया की टिकट बुक हो पाई। जिसके बाद सुमन बुधवार रात वापिस लोटी। सांसद सुनीता दुग्गल के कडे प्रयास से सुमन अरोडा बुधवार रात्रि को अपने वतन लौटी।
सिरसा(लहू की लौ) कोरोना वैश्विक महामारी के कहर से पूरा विश्व संकट से जूझ रहा है। लॉकडाउन के चलते विदेशों में देश के विभिन्न जिला के नागरिक फंसे हुए हैं। इन्हीं में ऐलनाबाद के भगत सिंह दयाल व रतिया की सुमन भी थी, जोकि विदेश में अलग-अलग जगहों पर लॉकडाउन के चलते फंसे होने के कारण अपने घर नहीं लौट पा रहे थे। जब दोनों परिवार वालों ने इस बारे सांसद सुनीता दुग्गल को अवगत करवाया तो सांसद ने आश्वासन दिया कि वे इन्हें जल्द विदेश से घर वापस लाएंगी। सांसद ने दोनों के घर वापसी के लिए विदेश मंत्रालय में पत्र लिखने के साथ-साथ विदेश मंत्री जयशंकर से बात भी की। इस तरह से सांसद के प्रयास रंग लाए और दोनों भगत सिंह दयाल व सुमन अपने घर वापस सकुशल लौट आए। दोनों के घर लौटने पर परिवार वालों ने तय दिल से आभार व्यक्त किया। सांसद के इस काम की पूरे लोकसभा क्षेत्र में तारिफ हो रही है।सिरसा जिला के ऐलनाबाद का भगत सिंह दयाल यूएई में काम करते हैं और वे वहीं रहते हैं। अचानक भगत सिंह दयाल के पिता की तबीयत खराब हो गई। ऐसे में भगत सिंह दयाल को यूएई से ऐलनाबाद अपने घर आना था। लेकिन लॉकडाउन के चलते उनके वापिस आने में कठिनाई आ रही थी। सभी कौशिशों के बावजूद भी वह अपने घर नहीं लौट पा रहा था। ऐसे में जब भगत सिंह दयाल के परिवार वालों ने इस बारे सांसद सुनीता दुग्गल को अवगत करवाया तो सांसद ने उन्होंने आश्वासन दिया कि वे भगत सिंह दयाल को घर वापिस लाएंगी। सांसद ने भगत सिंह दयाल के पासपोर्ट आदि सभी जानकारियों के साथ विदेश मंत्रालय में पत्र लिखा और विदेश मंत्री जयशंकर से फोन पर कई बार बात की। सांसद के प्रयासों का ही परिणाम रहा कि ऐलनाबाद के भगत सिंह दयाल यूएई से सकुशल अपने घर लौट आए।
इसी प्रकार रतिया से सन 2017 से सुमन रानी पुत्री सुखचरन अरोडा टिब्बा कलोनी निवासी यूक्रेन में पढाई कर रही रही है कोरोना महामारी के चलते यूक्रेन में 31 दिसम्बर तक लॉक डाउन है जिसको लेकर भारत के सभी छात्र भारत वतन वापसी कर रहे थे लेकिन दो बार एम्बेसी में अप्लाई करने पर भी एयर इंडिया फ्लाइट सूची में सुमन का नाम न होने से सुमन की टेंशन बढ गई। जिस पर परिवार ने सांसद सुनीता दुग्गल से सम्पर्क किया और
पुरे मामले अवगत करवाया । सांसद दुग्गल ने मामले की जानकारी लेकर विदेश मंत्रालय को पत्र लिखा व विदेश मंत्री से बात की और बेटी सुमन से यूक्रेन में बात कर आश्वासन दिया की घबराने की जरूरत नही है जल्द समाधान होगा । वही 3 जून को एयर इंडिया की फ्लाइट थी उसमें भी सुमन का नाम नही था । जिस पर देर शाम सांसद दुग्गल ने यूक्रेन में फिर सुमन से बात की और उसके बाद फिर विदेश मंत्री से बात की जिसके बाद एम्बेसी से मेल आई और ऐन मोके पर एयर इंडिया की टिकट बुक हो पाई। जिसके बाद सुमन बुधवार रात वापिस लोटी। सांसद सुनीता दुग्गल के कडे प्रयास से सुमन अरोडा बुधवार रात्रि को अपने वतन लौटी।
शहर की सड़कों के सौंदर्यकरण में रोड स्वीपिंग मशीन निभाएगी अहम भूमिका : उपायुक्त
उपायुक्त रमेश चंद्र बिढान ने नगर परिषद कार्यालस से रोड स्वीपिंग मशीन को झंडी दिखाकर किया रवाना
सिरसा(लहू की लौ) रोड स्वीपिंग मशीन अब सिरसा शहरी क्षेत्र की सफाई व्यवस्था को दुरूस्त बनाने में सहभागी बनेगी। शुक्रवार को उपायुक्त रमेश चंद्र बिढान ने नगर परिषद कार्यालय से मशीन को झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर नगर परिषद वाइस चेयरमैन रणधीर सिंह, नगर परिषद सचिव गुरशरण सिंह, मुख्य सफाई निरीक्षक जोगिंद्र सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
उपायुक्त रमेश चंद्र बिढान ने कहा कि जिला के शहरी क्षेत्र की सौंदर्यकरण में रोड़ स्वीपिंग मशीन अहम भूमिका निभाएगी। शहरी क्षेत्र की सड़कों को ये मशीन मिलने के बाद और अधिक सफाई व्यवस्था दुरूस्त होगी। उन्होंने कहा कि सफाई के साथ ही इस मशीन के माध्यम से सड़क से कचरा भी रोड स्वीपिंग मशीन उठाएगी। उन्होंने आमजन से भी अपील की कि वे सफाई व्यवस्था के कार्य में आगे आकर अपने शहर को साफ.सुथरा बनाये रखने में अपनी भूमिका अदा करें। सफाई व्यवस्था को बेहतर रखकर हम एक सुंदर समाज की कल्पना कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए स्वच्छता एक बेहतर उपाय है। हर व्यक्ति साफ-सफाई को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं और जिला को स्वच्छ व सुंदर बनाने में अपना सहयोग करें। उपायुक्त ने मशीन को चलवाकर मशीन की सफाई तकनीक की
जानकारी ली।
एक्सईएन सुमित मलिक ने उपायुक्त को रोड स्वीपिंग मशीन की कार्यशैली के बारे में बताया कि मशीन में बड़े-बड़े साइज के ब्रश लगे हैं। ये मशीन के सेंटर और साइड में लगे हैं,जो सड़कों की सफाई करते रहते हैं। दोनों तरफ लगे ब्रश गोल-गोल घूम कर कचरे को सड़क के बीचों-बीच लाते हैं और बीच का ब्रश सड़क से कचरे को सेक्शन के माध्यम से डम्प टैंक में एकत्र करता है। उन्होंने बताया कि मशीन में साथ-साथ छिड़काव होने से सफाई के दौरान धूल नहीं उठेगी।
सिरसा(लहू की लौ) रोड स्वीपिंग मशीन अब सिरसा शहरी क्षेत्र की सफाई व्यवस्था को दुरूस्त बनाने में सहभागी बनेगी। शुक्रवार को उपायुक्त रमेश चंद्र बिढान ने नगर परिषद कार्यालय से मशीन को झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर नगर परिषद वाइस चेयरमैन रणधीर सिंह, नगर परिषद सचिव गुरशरण सिंह, मुख्य सफाई निरीक्षक जोगिंद्र सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। उपायुक्त रमेश चंद्र बिढान ने कहा कि जिला के शहरी क्षेत्र की सौंदर्यकरण में रोड़ स्वीपिंग मशीन अहम भूमिका निभाएगी। शहरी क्षेत्र की सड़कों को ये मशीन मिलने के बाद और अधिक सफाई व्यवस्था दुरूस्त होगी। उन्होंने कहा कि सफाई के साथ ही इस मशीन के माध्यम से सड़क से कचरा भी रोड स्वीपिंग मशीन उठाएगी। उन्होंने आमजन से भी अपील की कि वे सफाई व्यवस्था के कार्य में आगे आकर अपने शहर को साफ.सुथरा बनाये रखने में अपनी भूमिका अदा करें। सफाई व्यवस्था को बेहतर रखकर हम एक सुंदर समाज की कल्पना कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए स्वच्छता एक बेहतर उपाय है। हर व्यक्ति साफ-सफाई को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं और जिला को स्वच्छ व सुंदर बनाने में अपना सहयोग करें। उपायुक्त ने मशीन को चलवाकर मशीन की सफाई तकनीक की
जानकारी ली।
एक्सईएन सुमित मलिक ने उपायुक्त को रोड स्वीपिंग मशीन की कार्यशैली के बारे में बताया कि मशीन में बड़े-बड़े साइज के ब्रश लगे हैं। ये मशीन के सेंटर और साइड में लगे हैं,जो सड़कों की सफाई करते रहते हैं। दोनों तरफ लगे ब्रश गोल-गोल घूम कर कचरे को सड़क के बीचों-बीच लाते हैं और बीच का ब्रश सड़क से कचरे को सेक्शन के माध्यम से डम्प टैंक में एकत्र करता है। उन्होंने बताया कि मशीन में साथ-साथ छिड़काव होने से सफाई के दौरान धूल नहीं उठेगी।
गेहूं उठान की जानकारी दिए बगैर बिल अप्रूव करता रहा इंस्पेक्टर, डीएफएससी ने नोटिस जारी कर जिम्मेवार ठहराया
निरीक्षक राजदीप के दायरे में आते हैं सात खरीद केंद्र, डीएफएससी ने नोटिस में माना-संबंधित निरीक्षक के कारण रुका भुगतान
डबवाली(लहू की लौ)कोरोना संकट के बीच गेहूं खरीद प्रक्रिया में उलझी रही तो अब व्यापारियों तथा किसानों को पेमेंट के लिए संबंधित खरीद एजेंसियों से जुड़े कर्मचारियों की लापरवाही की सजा भुगतनी पड़ रही है। डबवाली से जुड़े मामले में डीएफएससी सिरसा ने निरीक्षक राजदीप सिंह को नोटिस जारी किया है। नोटिस के मुताबिक संबंधित निरीक्षक आइ फार्मों की अप्रूवल तो दे देता था, लेकिन खरीद किए गए गेहूं के उठान बारे ऑनलाइन प्रमाण पत्र नहीं देता था। अधूरी जानकारी के कारण संबंधित के दायरे में आने वाले सात खरीद केंद्रों की पेमेंट का भुगतान नहीं हुआ है। डीएफएससी नीरज शर्मा ने राजदीप सिंह को उक्त केंद्रों के बकाया बिल, ऑनलाइन अप्रूव किए गए आइ फार्मों से संबंधित उठान के आंकड़े, बिल, गेहूं उठान की सूचना से संबंधित दस्तावेज उपलबध करवाने के आदेश दिए हैं।
यह है मामला
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग का निरीक्षक राजदीप सिंह डबवाली, लोहगढ़, देसूजोधा, राजा राम चिरंजी लाल, गणपति राइस मिल, ओल्ड हरियाणा कॉटन फैक्टरी, ओमप्रकाश बब्बर एंड संस, महावीर राइस मिल खरीद केंद्र में गेहूं खरीद कर रहा है। आढ़ती गेहूं खरीद के बाद आइ फार्म जमा करवाते थे, उसकी अप्रूवल दे देता। जबकि उठान बारे ऑनलाइन प्रमाण पत्र नहीं देता था। ऐसे में दस्तावेज अधूरे होने के कारण संबंधित आढ़ती तथा किसानों को भुगतान नहीं हो पाता था। डीएफससी ने नोटिस में लिखा है कि डबवाली मंडी का 26 मई, लोहगढ़ मंडी से संबंधित बिल 27 मई को सर्कल कार्यालय में जमा करवाया गया था। लेकिन गेहूं उठान का प्रमाण पत्र नहीं दिया गया। जबकि निरीक्षक प्रतिदिन दी जाने वाली रिपोर्ट में संपूर्ण खरीद का उठान दर्शाता रहा।
निरीक्षक को जिम्मेवार ठहराया गया है
नोटिस में डीएफससी ने कहा है कि निरीक्षक ने 18 मई के बाद के बिल सर्कल कार्यालय में जमा करवाए गए हैं। लेकिन सातों खरीद केंद्रों से संबंधित बकाया बिल अभी तक उपलब्ध नहीं करवाए जाने के कारण भुगतान नहीं हुआ है। इसके लिए संबंधित अधिकारी ने राजदीप सिंह को जिम्मेवार ठहराया है।
महकमें के एक निरीक्षक ने गेहूं खरीद संबंधी कागजात पूरे नहीं किए हैं। लेकिन नोटिस सभी निरीक्षकों को जारी कर दिया। मेरी कोई गलती नहीं है। क्योंकि मैंने पूरे दस्तावेज जमा करवाए हैं। आढ़तियों-किसानों की पेमेंट आ रही है। मैं नोटिस का जवाब दे दूंगा।
-राजदीप सिंह, निरीक्षक, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग, डबवाली
डबवाली(लहू की लौ)कोरोना संकट के बीच गेहूं खरीद प्रक्रिया में उलझी रही तो अब व्यापारियों तथा किसानों को पेमेंट के लिए संबंधित खरीद एजेंसियों से जुड़े कर्मचारियों की लापरवाही की सजा भुगतनी पड़ रही है। डबवाली से जुड़े मामले में डीएफएससी सिरसा ने निरीक्षक राजदीप सिंह को नोटिस जारी किया है। नोटिस के मुताबिक संबंधित निरीक्षक आइ फार्मों की अप्रूवल तो दे देता था, लेकिन खरीद किए गए गेहूं के उठान बारे ऑनलाइन प्रमाण पत्र नहीं देता था। अधूरी जानकारी के कारण संबंधित के दायरे में आने वाले सात खरीद केंद्रों की पेमेंट का भुगतान नहीं हुआ है। डीएफएससी नीरज शर्मा ने राजदीप सिंह को उक्त केंद्रों के बकाया बिल, ऑनलाइन अप्रूव किए गए आइ फार्मों से संबंधित उठान के आंकड़े, बिल, गेहूं उठान की सूचना से संबंधित दस्तावेज उपलबध करवाने के आदेश दिए हैं।
यह है मामला
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग का निरीक्षक राजदीप सिंह डबवाली, लोहगढ़, देसूजोधा, राजा राम चिरंजी लाल, गणपति राइस मिल, ओल्ड हरियाणा कॉटन फैक्टरी, ओमप्रकाश बब्बर एंड संस, महावीर राइस मिल खरीद केंद्र में गेहूं खरीद कर रहा है। आढ़ती गेहूं खरीद के बाद आइ फार्म जमा करवाते थे, उसकी अप्रूवल दे देता। जबकि उठान बारे ऑनलाइन प्रमाण पत्र नहीं देता था। ऐसे में दस्तावेज अधूरे होने के कारण संबंधित आढ़ती तथा किसानों को भुगतान नहीं हो पाता था। डीएफससी ने नोटिस में लिखा है कि डबवाली मंडी का 26 मई, लोहगढ़ मंडी से संबंधित बिल 27 मई को सर्कल कार्यालय में जमा करवाया गया था। लेकिन गेहूं उठान का प्रमाण पत्र नहीं दिया गया। जबकि निरीक्षक प्रतिदिन दी जाने वाली रिपोर्ट में संपूर्ण खरीद का उठान दर्शाता रहा।
निरीक्षक को जिम्मेवार ठहराया गया है
नोटिस में डीएफससी ने कहा है कि निरीक्षक ने 18 मई के बाद के बिल सर्कल कार्यालय में जमा करवाए गए हैं। लेकिन सातों खरीद केंद्रों से संबंधित बकाया बिल अभी तक उपलब्ध नहीं करवाए जाने के कारण भुगतान नहीं हुआ है। इसके लिए संबंधित अधिकारी ने राजदीप सिंह को जिम्मेवार ठहराया है।
महकमें के एक निरीक्षक ने गेहूं खरीद संबंधी कागजात पूरे नहीं किए हैं। लेकिन नोटिस सभी निरीक्षकों को जारी कर दिया। मेरी कोई गलती नहीं है। क्योंकि मैंने पूरे दस्तावेज जमा करवाए हैं। आढ़तियों-किसानों की पेमेंट आ रही है। मैं नोटिस का जवाब दे दूंगा।
-राजदीप सिंह, निरीक्षक, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग, डबवाली
एसडीएम कार्यालय के आगे कर्मचारियों का धरना, सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन
डबवाली(लहू की लौ)सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के बैनर तले विभिन्न विभागीय यूनियनों के कर्मचारियों ने बृहस्पतिवार को एसडीएम कार्यालय के समक्ष दो घंटे धरना दिया। मांग व मुद्दों को लेकर कर्मचारियों ने नारेबाजी कर रोष जताया। धरना प्रदर्शन का नेतृत्व सर्वकर्मचारी संघ डबवाली के प्रधान सुभाष ढ़ाल कर रहे थे। दोपहर बाद 1 बजे कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री तथा हरियाणा के मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार संजय चौधरी को ज्ञापन सौंपा। धरने का संचालन कृष्ण कायत ने किया।वक्ताओं ने कहा कि सरकार कोविड-19 आपातकाल की आड़ में कर्मचारियों की छंटनी कर रही है, उनके आर्थिक हितों पर कुठाराघात कर रही है। महंगाई भत्ते व एलटीसी सहित अन्य भत्तों पर रोक लगाना इसी कड़ी का हिस्सा है । 1983 पीटीआई को सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रदत्त समय पूर्व कार्य मुक्त करना कर्मचारी विरोधी नीतियों का नतीजा है । हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के जिला सहसचिव गुरमीत सिंह ने धरने को संबोधित करते हुए सरकार से मांग की कि दस वर्षों से विभाग में सेवा कार्य कर रहे पीटीआई शिक्षकों के हित में सरकार सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार करे व कोई नीति बनाकर इन्हें सेवा सुरक्षा मुहैया करवाई जाए। आल हरियाणा पावर कार्पोरेशन डबवाली के प्रधान राहुल शर्मा ने सभी कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने व स्वास्थय विभाग सहित सभी विभागों में लगे आउटसोर्सिंग से हटाए गए कर्मचारियों की सेवा बहाल करने की मांग की और सरकार को चेताया कि कर्मचारी विरोधी नीतियों का पुरजोर विरोध किया जाएगा और तुगलकी फरमानों का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
धरने को स्वास्थ्य विभाग से सुमित्रा देवी, मिड-डे-मील वर्कर यूनियन की प्रधान राज रानी, आंगनबाड़ी यूनियन की पूर्व प्रधान वीरों देवी, भवन-निर्माण कामगार यूनियन के प्रधान राजविंदर सिंह व प्रधान सुभाष ढाल ने भी संबोधित किया। धरने में हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ से सचिव कालूराम, राजेंद्र जाखड़, नानक चंद,बलौर सिंह, गुरविंदर सिंह, भीमराय, मनोज बूमरा वोकेशनल एजुकेशन यूनियन से राजवीर सिंह के अलावा बहुत से अध्यापकों, मिड-डे-मील वर्कर्स , आंगनबाड़ी, बिजली विभाग के कर्मचारियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।
हाई कोर्ट ने निजी स्कूल एसोसिएशन और सरकार को किया नोटिस, 15 जून तक देना होगा जवाब
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन द्वारा फीस बढ़ोतरी मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने लिया संज्ञान
चंडीगढ़ (लहू की लौ) गए थे नमाज पढऩे रोजे गले पड़ गए। कुछ इसी तरह का वाक्या प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के साथ वीरवार को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में हुआ। प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने कोरोना संक्रमण काल में चल रहे लाकडाउन के दौरान फी
स वसूली और नए सत्र से फीस बढ़ोतरी मामले को लेकर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की शरण ली थी। इसी मामले में स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार भी अधिवक्ता अभिनव अग्रवाल के माध्यम से बच्चों के अभिभावकों का पक्षकार बन गए। वीरवार को मामले में पहली सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन की तरफ से अधिवक्ता अभिनव अग्रवाल ने माननीय हाईकोर्ट के न्यायाधीश राजमोहन के समक्ष हरियाणा एजुकेशन एक्ट 1995 के सेक्शन चैप्टर छह के सेक्शन 17(5) की विस्तृत चर्चा की और बताया कि प्रत्येक निजी स्कूल को हर साल ऑडिट बैलेंस सीट निदेशालय के समक्ष जमा कराने के आदेश दिए हुए हैं। संगठन ने शिक्षा निदेशालय को इस संबंध में एक शिकायत दी थी। जिस पर शिक्षा निदेशालय ने 18 दिसंबर 2019 को प्रदेश के सभी निजी स्कूलों को क्षेत्रीय कार्यालयों में अपने स्कूल की ऑडिट बैलेंस सीट 31 दिसंबर तक जमा कराने के आदेश दिए थे। इन आदेशों में निदेशालय ने यह भी स्पष्ट किया था कि निर्धारित अवधि में ऑडिट बैलेंस सीट जमा नहीं कराने पर फार्म छह अधूरा माना जाएगा। संगठन की तरफ से यह बात भी कोर्ट के समक्ष रखी गई कि अधिकांश निजी स्कूलों ने ऑडिट बैलेंस सीट शिक्षा निदेशालय के समक्ष जमा नहीं कराई है। इसी वजह से उनका फार्म छह भी अधूरा पड़ा है।
वहीं प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की पैरवी कर रहे अधिवक्ताओं की तरफ से भी कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि ये मसला सरकार और निजी स्कूलों के बीच का है, इसमें संगठन का कोई लेना देना नहीं है। निजी स्कूल एसोसिएशन ने बच्चों की फीस बढ़ोतरी करने व लाकडाउन अवधि के दौरान अभिभावकों से फीस लेने संबंधी बातें भी रखी। प्राइवेट स्कूलों की मांग थी कि फार्म नंबर छह के अनुसार बच्चों से फीस लेने की अनुमति दी जाए और सरकार ने जो आदेश किए हैं, उन्हें स्थगित कराया जाए। न्यायाधीश राजमोहन ने मामले की सुनवाई करते हुए स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन द्वारा ऑडिट बैलेंस सीट संबंधी एक्ट का हवाला देते हुए इसकी अनुपालना नहीं करने अनुरोध पर हरियाणा सरकार और प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन को नोटिस जारी करते हुए 15 जून तक जवाब तलब किया है। हाई कोर्ट के कड़े रुख के बाद निजी स्कूल एसोसिएशन की मुश्किलें बढ़ गई हैं। वहीं इस मसले में अब तक शिक्षा निदेशालय में ऑडिट बैंलेंस सीट जमा कराने से बचने वाले स्कूलों पर भी कार्रवाई की तलवार लटकना तय है।
चंडीगढ़ (लहू की लौ) गए थे नमाज पढऩे रोजे गले पड़ गए। कुछ इसी तरह का वाक्या प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के साथ वीरवार को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में हुआ। प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने कोरोना संक्रमण काल में चल रहे लाकडाउन के दौरान फी
स वसूली और नए सत्र से फीस बढ़ोतरी मामले को लेकर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की शरण ली थी। इसी मामले में स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार भी अधिवक्ता अभिनव अग्रवाल के माध्यम से बच्चों के अभिभावकों का पक्षकार बन गए। वीरवार को मामले में पहली सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन की तरफ से अधिवक्ता अभिनव अग्रवाल ने माननीय हाईकोर्ट के न्यायाधीश राजमोहन के समक्ष हरियाणा एजुकेशन एक्ट 1995 के सेक्शन चैप्टर छह के सेक्शन 17(5) की विस्तृत चर्चा की और बताया कि प्रत्येक निजी स्कूल को हर साल ऑडिट बैलेंस सीट निदेशालय के समक्ष जमा कराने के आदेश दिए हुए हैं। संगठन ने शिक्षा निदेशालय को इस संबंध में एक शिकायत दी थी। जिस पर शिक्षा निदेशालय ने 18 दिसंबर 2019 को प्रदेश के सभी निजी स्कूलों को क्षेत्रीय कार्यालयों में अपने स्कूल की ऑडिट बैलेंस सीट 31 दिसंबर तक जमा कराने के आदेश दिए थे। इन आदेशों में निदेशालय ने यह भी स्पष्ट किया था कि निर्धारित अवधि में ऑडिट बैलेंस सीट जमा नहीं कराने पर फार्म छह अधूरा माना जाएगा। संगठन की तरफ से यह बात भी कोर्ट के समक्ष रखी गई कि अधिकांश निजी स्कूलों ने ऑडिट बैलेंस सीट शिक्षा निदेशालय के समक्ष जमा नहीं कराई है। इसी वजह से उनका फार्म छह भी अधूरा पड़ा है।
वहीं प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की पैरवी कर रहे अधिवक्ताओं की तरफ से भी कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि ये मसला सरकार और निजी स्कूलों के बीच का है, इसमें संगठन का कोई लेना देना नहीं है। निजी स्कूल एसोसिएशन ने बच्चों की फीस बढ़ोतरी करने व लाकडाउन अवधि के दौरान अभिभावकों से फीस लेने संबंधी बातें भी रखी। प्राइवेट स्कूलों की मांग थी कि फार्म नंबर छह के अनुसार बच्चों से फीस लेने की अनुमति दी जाए और सरकार ने जो आदेश किए हैं, उन्हें स्थगित कराया जाए। न्यायाधीश राजमोहन ने मामले की सुनवाई करते हुए स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन द्वारा ऑडिट बैलेंस सीट संबंधी एक्ट का हवाला देते हुए इसकी अनुपालना नहीं करने अनुरोध पर हरियाणा सरकार और प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन को नोटिस जारी करते हुए 15 जून तक जवाब तलब किया है। हाई कोर्ट के कड़े रुख के बाद निजी स्कूल एसोसिएशन की मुश्किलें बढ़ गई हैं। वहीं इस मसले में अब तक शिक्षा निदेशालय में ऑडिट बैंलेंस सीट जमा कराने से बचने वाले स्कूलों पर भी कार्रवाई की तलवार लटकना तय है।
युवा मोर्चा अध्यक्ष ने एसडीएम पर किया पलटवार
डबवाली(लहू की लौ)भाजपा युवा मोर्चा डबवाली के अध्यक्ष विजयंत शर्मा ने धारा-144 की उल्लंघना मामले में एसडीएम पर पलटवार किया है। उनका कहना है कि 27 मई को एसडीएम निर्धारित समय सुबह 9 बजे कार्यालय आ जाते तो मामला निपट जाता। लेकिन वे आए ही 11 बजे थे। उनकी समस्या सुनने की अपेक्षा सीधा कार्यालय में घुस गए। विजयंत शर्मा के अनुसार रेहड़ी चालकों की समस्या संबंधी एसडीएम से बातचीत करने के लिए वह तथा पार्षद बलजीत सिंह एसडीएम कार्यालय गए थे। उन दोनों के अलावा वहां कोई नहीं था। एसडीएम के कार्यालय में देरी से आने के कारण वहां लोग आने लगे। पार्षदों के अलावा रेहड़ी वाले तथा उनके परिवारों ने धरना लगा लिया। उनका मकसद प्रशासनिक अधिकारी को नीचा दिखाना कतई नहीं था, वे तो चाहते थे कि एसडीएम आएं और समस्या का तुरंत समाधान हो जाए। लेकिन वे बार-बार बुलाने के बावजूद नहीं आए। युवा मोर्चा के अध्यक्ष का कहना है कि इस संबंध में वे उपायुक्त सिरसा से मिलने गए थे। किसी कार्य में व्यस्त होने की वजह से उनसे मुलाकात नहीं हो सकी। उन्होंने धारा 144 का उल्लंघन नहीं किया है।
चौटाला में ओलावृष्टि से नरमा को नुकसान, किसानों ने मांगा मुआवजा
डबवाली(लहू की लौ)वीरवार शाम को गांव चौटाला में ओलावृष्टि से संगरिया रोड पर हनुमान मंदिर के पीछे स्थित खेतों में नरमा की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। किसानों ने विशेष गिरदावरी करवाकर मुआवजा मांगा है। किसान राजेश बिश्नोई, पवन कुमार, हनुमान, महावीर नैन, दलीप बिश्नोई ने बताया कि शाम को करीब 15 से 20 मिनट तक ओलावृष्टि हुई है। जिससे नरमा के पौधे की टहनी टूट गई है। फसल को करीब 100 फीसद नुकसान हुआ है। इस सम्बंध में उन्होंने प्रशासन को सूचित किया है। किसानों के अनुसार प्रति एकड़ खर्च करीब 6000 हुआ था, मेहनत अलग हुई थी। प्राथमिक नजर से फसल लगभग खराब हो चुकी है। किसानों के अनुसार पुन: खेत तैयार करने और नरमा बीजांत करने में काफी समय लगेगा। हालात इतने खराब हैं कि यह असम्भव प्रतीत होता है। किसानों के अनुसार ओलावृष्टि गांव के एक हिस्से में हुई,उसी क्षेत्र के खेत प्रभावित हुए।
डबवाली से युवक लापता, 12 दिन बाद सुराग नहीं
डबवाली(लहू की लौ)डबवाली के सिरसा रोड पर रहने वाले 33 वर्षीय युवक का करीब 12 दिन बाद भी सुराग नहीं लगा है। वह 23 मई को घर से गायब हुआ था। पुलिस ने उसकी पत्नी की शिकायत पर धारा 346 के तहत केस दर्ज किया है। पुलिस में दी शिकायत में ममता ने बताया है कि उसका पति संदीप मलोट स्थित शराब ठेका पर कार्यरत है। वह 22 मई को डबवाली लौटा था। 23 मई को रात करीब पौने 12 बजे उसकी आंख खुली तो वह गायब था। घर का मुख्य गेट भी खुला पड़ा था। उसने इसकी जानकारी ससुर देसराज को दी। उसका कोई सुराग नहीं लगा। संदीप के एक बेटा तथा एक बेटी है।
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