सिरसा। सिटी पुलिस ने पुरानी हाउसिंग बोर्ड के पास बने अशोक विहार में सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए एक दलाल, तीन लड़कों व दो लड़कियों सहित 6 लोगों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस को किसी मुखबिर से सूचना मिली थी कि अशोक विहार में कमरा किराए पर लेकर कुछ लोग देह व्यापार का धंधा चला रहे हैं। सूचना मिलने पर थाना शहर प्रभारी हंसराज ने टीम का गठन किया और एक पुलिस कर्मचारी को फर्जी ग्राहक बनाकर भेजा। सौदा पटने पर फर्जी ग्राहक बनकर गए पुलिसकर्मी ने इशारे से पुलिस को बुला लिया। पुलिस ने मौके से हिसार के रहने वाले लड़कियों के दलाल विक्रम, फतेहाबाद के दो युवकों रामेश्वर व हनुमान के साथ कोलकाता की दो लड़कियों सुनीता व माया को इम्मोरल ट्रेफिक एक्ट के अंतर्गत गिरफ्तार कर लिया। सभी को आज शाम कोर्ट में पेश कर दिया गया।
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Lahoo Ki Lau
20 मार्च 2010
गुमनाम पत्र के जरिये डॉक्टर से मांगे 5 लाख
डबवाली (लहू की लौ) गांव चट्ठा के एक आरएमपी डॉक्टर को गुमनाम धमकी भरी चिट्ठी मिलने के बाद बुधवार रात को डबवाली पुलिस में खलबली मच गई और आनन-फानन में मुस्तैद पुलिस ने नाकाबंदी करके आरोपी को पकडऩे के लिए अपना जाल भी बिछा दिया। लेकिन आरोपी नहीं पहुंचा।
पुलिस सूत्रों के अनुसार गांव चट्ठा के एक आरएमपी डॉक्टर को एक गुमनाम पत्र मिला था। जिसमें लिखा था कि वह 5 लाख रूपये की राशि निर्धारित स्थल पर पहुंचा दे। अन्यथा उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। आरएमपी डॉक्टर ने इस मामले को पुलिस के सुपुर्द रख दिया। पुलिस ने गुमनाम पत्र को गंभीरता से लेते हुए बताये गये स्थल को चारों ओर से घेर लिया। सूत्रों के अनुसार डीएसपी बाबू लाल के नेतृत्व में थाना सदर प्रभारी भगवान दास तथा डबवाली पुलिस के अन्य अधिकारियों को अलग-अलग डयूटी लगाकर चौकन्ना कर दिया गया। पूरी रात पुलिस नाकाबंदी लगाये बैठी रही। लेकिन धमकी देने वाला नहीं पहुंचा।
इस सम्बन्ध में जब डीएसपी बाबू लाल से पूछा गया तो उन्होंने स्वीकार किया कि धमकी भरा पत्र गांव चट्ठा के एक आरएमपी डॉक्टर को मिला था और इस संदर्भ में पुलिस ने पूरी तरह से चौकसी बरतते हुए आरोपी को पकडऩे का जाल बिछा दिया था। उनके अनुसार डॉक्टर से गुमनाम पत्र के जरिये 5 लाख रूपये की मांग की गई थी। फिलहाल एतिहात के तौर पर पुलिस को चौकस रहने के आदेश दिये गये हैं। इधर थाना सदर प्रभारी भगवान दास ने भी धमकी भरे पत्र की पुष्टि की और उन्होंने कहा कि संभव है कि किसी शरारती ने यह शरारत की हो। लेकिन इसके बावजूद भी पुलिस ने पूर्ण नाकाबंदी की और अब भी चौकसी बरते हुए है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार गांव चट्ठा के एक आरएमपी डॉक्टर को एक गुमनाम पत्र मिला था। जिसमें लिखा था कि वह 5 लाख रूपये की राशि निर्धारित स्थल पर पहुंचा दे। अन्यथा उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। आरएमपी डॉक्टर ने इस मामले को पुलिस के सुपुर्द रख दिया। पुलिस ने गुमनाम पत्र को गंभीरता से लेते हुए बताये गये स्थल को चारों ओर से घेर लिया। सूत्रों के अनुसार डीएसपी बाबू लाल के नेतृत्व में थाना सदर प्रभारी भगवान दास तथा डबवाली पुलिस के अन्य अधिकारियों को अलग-अलग डयूटी लगाकर चौकन्ना कर दिया गया। पूरी रात पुलिस नाकाबंदी लगाये बैठी रही। लेकिन धमकी देने वाला नहीं पहुंचा।
इस सम्बन्ध में जब डीएसपी बाबू लाल से पूछा गया तो उन्होंने स्वीकार किया कि धमकी भरा पत्र गांव चट्ठा के एक आरएमपी डॉक्टर को मिला था और इस संदर्भ में पुलिस ने पूरी तरह से चौकसी बरतते हुए आरोपी को पकडऩे का जाल बिछा दिया था। उनके अनुसार डॉक्टर से गुमनाम पत्र के जरिये 5 लाख रूपये की मांग की गई थी। फिलहाल एतिहात के तौर पर पुलिस को चौकस रहने के आदेश दिये गये हैं। इधर थाना सदर प्रभारी भगवान दास ने भी धमकी भरे पत्र की पुष्टि की और उन्होंने कहा कि संभव है कि किसी शरारती ने यह शरारत की हो। लेकिन इसके बावजूद भी पुलिस ने पूर्ण नाकाबंदी की और अब भी चौकसी बरते हुए है।
19 मार्च 2010
बस मालिक और उसके बेटे की पिटाई करने पर कांग्रेसियों ने थाना पर दिया धरना
डबवाली (लहू की लौ) यहां के बस स्टैंड के बाहर एक प्राईवेट बस के मालिक और उसके बेटे को एक एएसआई द्वारा बिना किसी कारण के पीटने के आरोप में बुधवार रात को कांग्रेस कार्यकत्र्ताओं ने शहरी कांग्रेस प्रधान नवरतन बांसल के नेतृत्व में धरना दे दिया तथा उस पर कार्यवाही का आश्वासन मिलने के बाद ही धरना छोड़ा।
शहर कांग्रेस प्रधान नवरतन बांसल के अनुसार बुधवार शाम को कर्म सिंह और उसका बेटा अपनी हनुमानगढ़ जाने वाली बस की देखभाल के लिए बस अड्डा पर आये थे और जैसे ही बस को हनुमानगढ़ के लिए रवाना करने लगे तो उस में एक शराबी सवार हो गया। जिसे उन्होंने ले जाने से इंकार कर दिया। इतनी देर में वहां पर एएसआई मनफूल सिंह आ धमका जो कि शराब के नशे में धुत्त था। उसने आन देखा न तान और कर्मसिंह को पीटने लगा। जब उसके बेटे ने उसे इस हरकत से रोका तो वह उस पर भी टूट पड़ा।
बताते है कि बाद में उन दोनो को थाने ले गया। वहां भी उनसे बदतमीजी से पेश आया। हालांकि थाना प्रभारी के रूप में कार्यरत एसआई कृष्ण लाल ने भी उसे समझाया कि यह शरीफ आदमी है और तूं इसे क्यों यहां लाया है। इसकी जानकारी पा कर मौका पर शहरी कांग्रेस प्रधान नवरतन बांसल के नेतृत्व में करीब 30 कांग्रेसी वहां पहुंच गये और उन्होंने एएसआई की डाक्टरी करवाने तथा उसके खिलाफ बिना किसी वजह के बस मालिक और उसके बेटे को पीटने के आरोप में केस दर्ज करने की बात कही। कर्म सिंह ने पुलिस को लिखित शिकायत करके न्याय की गुहार लगाई। इस पर मौका पर डीएसपी बाबू लाल भी पहुंच गये और उन्होंने स्थिति को देखते हुए एएसआई मनफूल सिंह के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिये। एसपी सिरसा के आदेश पर उसे तत्काल प्रभाव से निलिम्बत करने के आदेश भी उन्होंने जारी किये। लेकिन थाना शहर से आरोपी एएसआई डीएसपी के आने की सूचना पाकर पहले ही फरार हो चुका था। शराबी पुलिस कर्मी द्वारा बिना किसी कारण के एक बस अपरेटर की पिटाई किये जाने से लोगो में पुलिस के खिलाफ गहर रोष व्याप्त है। डीएसपी बाबू लाल ने बताया कि उन्हें इस संदर्भ में शिकायत मिली थी और उन्होंने अपने उच्च अधिकारियों को एएसआई के निलम्बन की सिफारिश की है।
शहर कांग्रेस प्रधान नवरतन बांसल के अनुसार बुधवार शाम को कर्म सिंह और उसका बेटा अपनी हनुमानगढ़ जाने वाली बस की देखभाल के लिए बस अड्डा पर आये थे और जैसे ही बस को हनुमानगढ़ के लिए रवाना करने लगे तो उस में एक शराबी सवार हो गया। जिसे उन्होंने ले जाने से इंकार कर दिया। इतनी देर में वहां पर एएसआई मनफूल सिंह आ धमका जो कि शराब के नशे में धुत्त था। उसने आन देखा न तान और कर्मसिंह को पीटने लगा। जब उसके बेटे ने उसे इस हरकत से रोका तो वह उस पर भी टूट पड़ा।
बताते है कि बाद में उन दोनो को थाने ले गया। वहां भी उनसे बदतमीजी से पेश आया। हालांकि थाना प्रभारी के रूप में कार्यरत एसआई कृष्ण लाल ने भी उसे समझाया कि यह शरीफ आदमी है और तूं इसे क्यों यहां लाया है। इसकी जानकारी पा कर मौका पर शहरी कांग्रेस प्रधान नवरतन बांसल के नेतृत्व में करीब 30 कांग्रेसी वहां पहुंच गये और उन्होंने एएसआई की डाक्टरी करवाने तथा उसके खिलाफ बिना किसी वजह के बस मालिक और उसके बेटे को पीटने के आरोप में केस दर्ज करने की बात कही। कर्म सिंह ने पुलिस को लिखित शिकायत करके न्याय की गुहार लगाई। इस पर मौका पर डीएसपी बाबू लाल भी पहुंच गये और उन्होंने स्थिति को देखते हुए एएसआई मनफूल सिंह के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिये। एसपी सिरसा के आदेश पर उसे तत्काल प्रभाव से निलिम्बत करने के आदेश भी उन्होंने जारी किये। लेकिन थाना शहर से आरोपी एएसआई डीएसपी के आने की सूचना पाकर पहले ही फरार हो चुका था। शराबी पुलिस कर्मी द्वारा बिना किसी कारण के एक बस अपरेटर की पिटाई किये जाने से लोगो में पुलिस के खिलाफ गहर रोष व्याप्त है। डीएसपी बाबू लाल ने बताया कि उन्हें इस संदर्भ में शिकायत मिली थी और उन्होंने अपने उच्च अधिकारियों को एएसआई के निलम्बन की सिफारिश की है।
अंग्रेजों के खेल को पदमश्री क्यों!
डबवाली (लहू की लौ) कबड्डी में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर कई स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन करने वाले कर्नाटक के बीसी सुरेश ने खिलाडिय़ों की पीड़ा को जाहिर करते हुए कहा कि कितनी बड़ी विडम्बना है कि भारतीय खेल कबड्डी, हॉकी में स्वर्ण पदक पाने वालों को केवल अर्जुन अवार्ड पर ही संतोष करने को मजबूर किया जाता है, जबकि अंग्रेजों के खेल क्रिकेट में पचासा ठोकने वाले को पदमश्री पुरस्कार से नवाजा जाता है।
वे वीरवार को जोधपुर में सम्पन्न एक कबड्डी टूर्नामेंट जीतकर वापिस कर्नाटक लौटते समय डबवाली में सतनाम सिंह नामधारी के निवास स्थान पर कुछ समय रूके थे और इसी दौरान पत्रकारों से रूबरू हुए। उन्होंने कबड्डी में भारतीय खिलाडिय़ों द्वारा बटोरी की गई प्रशंसा का व्यख्यान करते हुए कहा कि वे 1990 में कबड्डी के अन्तर्राष्ट्रीय खेल के मैदान में उतरे थे। सन् 2002 में कोरिया में हुई 14वें एशियन खेल में उसे भारत की ओर से कबड्डी खेलने का मौका मिला। जिसमें भारतीय टीम ने विजयश्री पाई और इसके बाद 2003 में मलेशिया में सम्पन्न हुई एशियन चैम्पियनशिप में भारतीय कबड्डी टीम ने फिर विजय गाथा दोहराई। वर्ष 2004 में मुम्बई में हुए कबड्डी के पहले वल्र्ड कप में भी भारत ने अपना परचम लहराया। इसके बाद वर्ष 2006 में उनकी उपलब्धियों को देखते हुए उन्हें भारत की कबड्डी टीम के कप्तान पद पर सुशोभित होने का मौका मिला। उनकी कप्तानी में वर्ष 2006 में इरान में सम्पन्न हुई एशियन चैम्पियनशिप में टीम स्वर्ण पदक जीतकर वापिस लौटी।
बीसी सुरेश ने बताया कि अब तक वे अन्तर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में 6 बार गोल्ड मैडल तथा नेशनल चैम्पियनशिप में 8 बार गोल्ड मैडल प्राप्त कर चुके हैं। उन्होंने खिलाडिय़ों की टीस को पत्रकारों को अनुभव करवाते हुए कहा कि भारतीय खेलों में जो जगह कबड्डी को मिलनी चाहिए थी, वह नहीं मिली। जिसके कारण भारत का यह मूल खेल आज क्रिकेट के मुकाबले में फिसड्डी बना दिया गया है। जबकि उत्तर भारत में अभी भी कबड्डी का क्रेज है और उत्तर भारत की सरकारें कबड्डी खिलाडिय़ों को प्रोत्साहित करती हैं, इसके विपरीत दक्षिण भारत में कबड्डी को दोयम दर्जे का खेल समझा जाता है।
उन्होंने बताया कि दक्षिण में कबड्डी के प्रति लोगों में उत्साह पैदा हो और अच्छे खिलाड़ी बाहर जाकर देश का नाम रोशन करें, इसके लिए उन्होंने कर्नाटक में बीसी रमेश के नाम तले एक अकादमी की स्थापना की है। वर्ष 2009 में उन्हें स्टेट बैेंक ऑफ मैसूर ने डिप्टी मैनेजर के पद पर सम्मान देकर जो उसके लिए किया अब वह इसके अहसान के रूप में बैंक की ओर से कबड्डी खेल भी रहा है तथा साथ में कबड्डी का प्रशिक्षण भी अपने साथी खिलाडिय़ों को दे रहा है।
वे वीरवार को जोधपुर में सम्पन्न एक कबड्डी टूर्नामेंट जीतकर वापिस कर्नाटक लौटते समय डबवाली में सतनाम सिंह नामधारी के निवास स्थान पर कुछ समय रूके थे और इसी दौरान पत्रकारों से रूबरू हुए। उन्होंने कबड्डी में भारतीय खिलाडिय़ों द्वारा बटोरी की गई प्रशंसा का व्यख्यान करते हुए कहा कि वे 1990 में कबड्डी के अन्तर्राष्ट्रीय खेल के मैदान में उतरे थे। सन् 2002 में कोरिया में हुई 14वें एशियन खेल में उसे भारत की ओर से कबड्डी खेलने का मौका मिला। जिसमें भारतीय टीम ने विजयश्री पाई और इसके बाद 2003 में मलेशिया में सम्पन्न हुई एशियन चैम्पियनशिप में भारतीय कबड्डी टीम ने फिर विजय गाथा दोहराई। वर्ष 2004 में मुम्बई में हुए कबड्डी के पहले वल्र्ड कप में भी भारत ने अपना परचम लहराया। इसके बाद वर्ष 2006 में उनकी उपलब्धियों को देखते हुए उन्हें भारत की कबड्डी टीम के कप्तान पद पर सुशोभित होने का मौका मिला। उनकी कप्तानी में वर्ष 2006 में इरान में सम्पन्न हुई एशियन चैम्पियनशिप में टीम स्वर्ण पदक जीतकर वापिस लौटी।
बीसी सुरेश ने बताया कि अब तक वे अन्तर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में 6 बार गोल्ड मैडल तथा नेशनल चैम्पियनशिप में 8 बार गोल्ड मैडल प्राप्त कर चुके हैं। उन्होंने खिलाडिय़ों की टीस को पत्रकारों को अनुभव करवाते हुए कहा कि भारतीय खेलों में जो जगह कबड्डी को मिलनी चाहिए थी, वह नहीं मिली। जिसके कारण भारत का यह मूल खेल आज क्रिकेट के मुकाबले में फिसड्डी बना दिया गया है। जबकि उत्तर भारत में अभी भी कबड्डी का क्रेज है और उत्तर भारत की सरकारें कबड्डी खिलाडिय़ों को प्रोत्साहित करती हैं, इसके विपरीत दक्षिण भारत में कबड्डी को दोयम दर्जे का खेल समझा जाता है।
उन्होंने बताया कि दक्षिण में कबड्डी के प्रति लोगों में उत्साह पैदा हो और अच्छे खिलाड़ी बाहर जाकर देश का नाम रोशन करें, इसके लिए उन्होंने कर्नाटक में बीसी रमेश के नाम तले एक अकादमी की स्थापना की है। वर्ष 2009 में उन्हें स्टेट बैेंक ऑफ मैसूर ने डिप्टी मैनेजर के पद पर सम्मान देकर जो उसके लिए किया अब वह इसके अहसान के रूप में बैंक की ओर से कबड्डी खेल भी रहा है तथा साथ में कबड्डी का प्रशिक्षण भी अपने साथी खिलाडिय़ों को दे रहा है।
कीड़ेमार दवा मिले होने के संदेह में पेयजल आपूर्ति रूकवाई
डबवाली (लहू की लौ) गांव सुकेराखेड़ा में गांव के वाटर वक्र्स की डिग्गी के पानी में कीड़ेमार दवा मिले होने की आशंका को लेकर बवाल उठ खड़ा हो गया। जिसके चलते फिलहाल जनस्वास्थ्य विभाग ने पेयजल की आपूर्ति रोक दी है।
गांव सुकेराखेड़ा की सरपंच पार्वती देवी के पति ओमप्रकाश ने बताया कि नरेगा के तहत गांव के वाटर वक्र्स के पास खाल सफाई का काम चल रहा है। बुधवार शाम को करीब 5 बजे नरेगा मजदूरों ने वाटर वक्र्स की डिग्गी से एक व्यक्ति को कीड़ेमार दवाई के ड्रम से पानी लेजाते हुए देख लिया। इसकी सूचना उन्होंने उसे दी और उसने तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दे दी। मौका पर पुलिस ने पहुंचकर पानी की आपूर्ति रूकवा दी। इधर इसकी सूचना पाकर वीरवार को गांव के पूर्व सरपंच पवन मैहता, तोता राम, गगनदीप, मदन लाल, साहब राम मौका पर पहुंचे और उन्होंने मौके की नजाकत को देखते हुए इसकी सूचना जनस्वास्थ्य विभाग के सुपरवाईजर गणेशी लाल चौटाला को दी। गणेशी लाल ने मौका पर पहुंचकर ग्रामीणों को आश्वासन दिलाया कि पानी के सैम्पल लेकर टैस्ट के लिए प्रयोगशाला में भेजे जाएंगे। जब तक प्रशासनिक अधिकारी पेयजल आपूर्ति के आदेश नहीं देते, तब तक गांव में पेयजल की आपूर्ति जनहित में रोके रखी जाएगी। गणेशी लाल ने यह भी बताया कि अक्सर ग्रामीण बिजली न होने के कारण वाटर वक्र्स की डिग्गियों से पानी भरते रहते हैं। संभव है कि किसी ने डिग्गी से पानी भरा हो और मजदूरों को प्रयुक्त किया गया ड्रम कीड़ेमार दवाई का होने का संदेह हुआ हो।
गांव सुकेराखेड़ा की सरपंच पार्वती देवी के पति ओमप्रकाश ने बताया कि नरेगा के तहत गांव के वाटर वक्र्स के पास खाल सफाई का काम चल रहा है। बुधवार शाम को करीब 5 बजे नरेगा मजदूरों ने वाटर वक्र्स की डिग्गी से एक व्यक्ति को कीड़ेमार दवाई के ड्रम से पानी लेजाते हुए देख लिया। इसकी सूचना उन्होंने उसे दी और उसने तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दे दी। मौका पर पुलिस ने पहुंचकर पानी की आपूर्ति रूकवा दी। इधर इसकी सूचना पाकर वीरवार को गांव के पूर्व सरपंच पवन मैहता, तोता राम, गगनदीप, मदन लाल, साहब राम मौका पर पहुंचे और उन्होंने मौके की नजाकत को देखते हुए इसकी सूचना जनस्वास्थ्य विभाग के सुपरवाईजर गणेशी लाल चौटाला को दी। गणेशी लाल ने मौका पर पहुंचकर ग्रामीणों को आश्वासन दिलाया कि पानी के सैम्पल लेकर टैस्ट के लिए प्रयोगशाला में भेजे जाएंगे। जब तक प्रशासनिक अधिकारी पेयजल आपूर्ति के आदेश नहीं देते, तब तक गांव में पेयजल की आपूर्ति जनहित में रोके रखी जाएगी। गणेशी लाल ने यह भी बताया कि अक्सर ग्रामीण बिजली न होने के कारण वाटर वक्र्स की डिग्गियों से पानी भरते रहते हैं। संभव है कि किसी ने डिग्गी से पानी भरा हो और मजदूरों को प्रयुक्त किया गया ड्रम कीड़ेमार दवाई का होने का संदेह हुआ हो।
उपकरण उठाने आया डॉक्टर बैंरग लौटा
डबवाली (लहू की लौ) यहां के सिविल अस्पताल से नेत्र रोग सम्बन्धी उपकरण स्थानांतरित करने के विरोध में इनेलो, हजकां और खेत मजदूर यूनियन के सैंकड़ों कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया और सामान उठाने से रोक दिया।
प्राप्त जानकारी अनुसार औढ़ां के सीएचसी से आंख रोग विशेषज्ञ डॉ. सुमित जैन डबवाली के सिविल अस्पताल में पड़े आंख रोग जांच के उपकरणों को उठवाने के लिए निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा, पंचकूला के आदेश पर आये थे। लेकिन इसकी भनक इनेलो के रणवीर राणा, टेकचन्द छाबड़ा, गुरजीत सिंह, शिवजी राम बागड़ी, अमरनाथ बागड़ी, हजकां के कृष्ण लोहमरोड़, सुल्तान सिंह बैनीवाल, निर्मल सिंह धारणियां, खेत मजदूर यूनियन के कामरेड गणपत राम, मण्डी मजदूर यूनियन के विक्की चोरा, विजय खनगवाल को मिली तो वे अस्पताल में इक्ट्ठे हो गये और उन्होंने उपकरणों से भरी गाड़ी को रोक लिया और उसके आगे धरना पर बैठ गये तथा हरियाणा सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए इनेलो नेता रणवीर राणा तथा हजकां नेता कृष्ण कुमार लोहमरोड़ ने डबवाली के सिविल अस्पताल को रैफर अस्पताल की संज्ञा देते हुए कहा कि अगर हरियाणा सरकार ने डबवाली के प्रति अपनी नीति को नहीं बदला तो यहां के लोग सरकार के खिलाफ जोरदार आंदोलन चलाने को बाध्य होंगे।
इन नेताओं ने कहा कि सरकार को चाहिए कि डबवाली के सिविल अस्पताल में आंख रोग विशेषज्ञ, बर्न स्पैशलिस्ट, हड्डी रोग विशेषज्ञ, महिला रोग विशेषज्ञ नियुक्त किये जायें। इन नेताओं ने आशंका प्रकट की कि सरकार धीरे-धीरे डबवाली में विकास के लिए बनाये गये कार्यालयों को यहां से समाप्त करके बाहर स्थानांतरित कर रही है। कुछ वर्ष पूर्व कांग्रेस सरकार ने आते ही जनस्वास्थ्य विभाग के एक्सीयन कार्यालय को बाहर स्थानांतरित कर दिया। अब अस्पताल को स्थानांतरित करने की योजना बनाकर लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने की नीति पर चल रही है। उन्होंने आगाह किया कि डबवाली के लोग लावारिस नहीं है। वे अपना अधिकार लेना जानते हैं।
इस मौके पर लोगों के विरोध के चलते एसएमओ को स्थानांतरित किया जा रहा सामान वापिस अस्पताल में रखना पड़ा।
एसएमओ डॉ. विनोद कुमार महिपाल से जब इस संदर्भ में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सामान को अस्थाई रूप से उच्च अधिकारियों के आदेश पर भेजा जा रहा था और सरकार को डबवाली के सिविल अस्पताल में नेत्र रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति के लिए लिखा जा चुका है और विशेषज्ञ की नियुक्ति होते ही इस सामान को वापिस लाया जाना था।
इधर लोगों के सिविल अस्पताल में इक्ट्ठा होने की सूचना पाकर एसआई कृष्ण लाल परदेसी तथा एएसआई कैलाश चन्द्र अपने दलबल सहित मौका पर पहुंचे।
प्राप्त जानकारी अनुसार औढ़ां के सीएचसी से आंख रोग विशेषज्ञ डॉ. सुमित जैन डबवाली के सिविल अस्पताल में पड़े आंख रोग जांच के उपकरणों को उठवाने के लिए निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा, पंचकूला के आदेश पर आये थे। लेकिन इसकी भनक इनेलो के रणवीर राणा, टेकचन्द छाबड़ा, गुरजीत सिंह, शिवजी राम बागड़ी, अमरनाथ बागड़ी, हजकां के कृष्ण लोहमरोड़, सुल्तान सिंह बैनीवाल, निर्मल सिंह धारणियां, खेत मजदूर यूनियन के कामरेड गणपत राम, मण्डी मजदूर यूनियन के विक्की चोरा, विजय खनगवाल को मिली तो वे अस्पताल में इक्ट्ठे हो गये और उन्होंने उपकरणों से भरी गाड़ी को रोक लिया और उसके आगे धरना पर बैठ गये तथा हरियाणा सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए इनेलो नेता रणवीर राणा तथा हजकां नेता कृष्ण कुमार लोहमरोड़ ने डबवाली के सिविल अस्पताल को रैफर अस्पताल की संज्ञा देते हुए कहा कि अगर हरियाणा सरकार ने डबवाली के प्रति अपनी नीति को नहीं बदला तो यहां के लोग सरकार के खिलाफ जोरदार आंदोलन चलाने को बाध्य होंगे।
इन नेताओं ने कहा कि सरकार को चाहिए कि डबवाली के सिविल अस्पताल में आंख रोग विशेषज्ञ, बर्न स्पैशलिस्ट, हड्डी रोग विशेषज्ञ, महिला रोग विशेषज्ञ नियुक्त किये जायें। इन नेताओं ने आशंका प्रकट की कि सरकार धीरे-धीरे डबवाली में विकास के लिए बनाये गये कार्यालयों को यहां से समाप्त करके बाहर स्थानांतरित कर रही है। कुछ वर्ष पूर्व कांग्रेस सरकार ने आते ही जनस्वास्थ्य विभाग के एक्सीयन कार्यालय को बाहर स्थानांतरित कर दिया। अब अस्पताल को स्थानांतरित करने की योजना बनाकर लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने की नीति पर चल रही है। उन्होंने आगाह किया कि डबवाली के लोग लावारिस नहीं है। वे अपना अधिकार लेना जानते हैं।
इस मौके पर लोगों के विरोध के चलते एसएमओ को स्थानांतरित किया जा रहा सामान वापिस अस्पताल में रखना पड़ा।
एसएमओ डॉ. विनोद कुमार महिपाल से जब इस संदर्भ में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सामान को अस्थाई रूप से उच्च अधिकारियों के आदेश पर भेजा जा रहा था और सरकार को डबवाली के सिविल अस्पताल में नेत्र रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति के लिए लिखा जा चुका है और विशेषज्ञ की नियुक्ति होते ही इस सामान को वापिस लाया जाना था।
इधर लोगों के सिविल अस्पताल में इक्ट्ठा होने की सूचना पाकर एसआई कृष्ण लाल परदेसी तथा एएसआई कैलाश चन्द्र अपने दलबल सहित मौका पर पहुंचे।
60 वर्षीय दूल्हे से ठगी
नई नवेली दुल्हन व बिचोलन ने हजारों रूपये व जेवरात उड़ाये
डबवाली (लहू की लौ) 60 वर्षीय एक बूढ़े को अपनी उम्र से करीब आधी उम्र की महिला से शादी रचाना उस समय महंगा पड़ा, जब वह शादी रचाकर उससे हजारों रूपये की नकदी और सामान उड़ा ले गई।
ऐलनाबाद निवासी 60 वर्षीय गुरदीप सिंह पुत्र चरण सिंह ने बताया कि उसके कोई औलाद नहीं है। औलाद प्राप्ति के मोह में उसने अपनी पत्नी की सहमति से अन्य के साथ शादी रचाने का मन बनाया। इसके लिए उसने गांव के ही शेरा नामक एक व्यक्ति से सम्पर्क किया। शेरा ने उसकी बातचीत गांव नरसिंह कलोनी निवासी गुड्डी नामक एक महिला से करवाई और उसे उसकी होने वाली दुल्हन भी दिखाई गई। पीडि़त ने बताया कि 24-25 फरवरी की शाम को अचानक अमरजीत कौर निवासी चकेरियां हाल नरसिंह कलोनी अपनी साथी गुड्डी के साथ अचानक उसके निवास पर पहुंची और खुद को शगुन के रूप में 10,000 रूपये की राशि व हजारों रूपये के जेवरात डलवाकर लौट आई।
पीडि़त गुरदीप सिंह के अनुसार 3 मार्च को उसकी शादी तय हो गई। लेकिन तय शादी पर अमरजीत कौर ने एक अन्य लड़की रानी को उसके साथ दुल्हन के रूप में भेज दिया। लेकिन 5 मार्च को रानी नामक महिला अपने मायके चकेरियां जाने के बहाने 10 हजार रूपये की नकदी व घर में पड़े सूट उड़ा ले गई और वापिस नहीं लौटी। रानी नामक यह महिला अमरजीत कौर को अपनी मां बताती थी।
इधर आरोपी अमरजीत कौर ने बताया कि यह सब नरसिंह कलोनी में रहने वाली गुड्डी नामक महिला का किया धरा है। उसके अनुसार कुछ दिन पूर्व गुड्डी ने उसे अपने घर बुलाया और उसकी भेंट गांव मल्लेकां के शेरा नामक एक व्यक्ति से करवाई। वे लोग आपस में किसी व्यक्ति से बड़ी ठगी मारने की बात कर रहे थे। अमरजीत कौर के अनुसार योजना के मुताबिक गुड्डी व शेरा नामक व्यक्ति ने नरसिंह कलोनी में (गुड्डी के निवास स्थान पर) उसे दुल्हन के रूप में पेश कर दिया। लेकिन बाद में उसने रानी निवासी चकेरियां को मल्लेकां निवासी गुरदीप सिंह की दुल्हन के रूप में पेश करके उसे उसके साथ भेज दिया।
उपरोक्त घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए गांव नरसिंह कलोनी के सरपंच जसपाल सिंह ने बताया कि पीडि़त गांव मल्लेकां निवासी गुरदीप सिंह ने ठगी की शिकायत उससे की। जिस पर उन्होंने तत्काल पंचायत बुलाकर इस मामले को रखा। इस मौके पर गांव नरसिंह कलोनी की पंचायत के सदस्य जसपाल सिंह, तेजा सिंह, मनजीत कौर, महिन्द्र कौर सहित मेघराज पटवारी भी उपस्थित थे। सम्बन्धित पक्षों के ब्यान जाने गये। दूल्हे गुरदीप सिंह से ठगी होने की बात सामने आई। सरपंच के मुताबिक उपरोक्त महिलाओं ने दूल्हे से करीब 40 हजार रूपये की नकदी, जेवरात व सामान आदि ठगा है।
डबवाली (लहू की लौ) 60 वर्षीय एक बूढ़े को अपनी उम्र से करीब आधी उम्र की महिला से शादी रचाना उस समय महंगा पड़ा, जब वह शादी रचाकर उससे हजारों रूपये की नकदी और सामान उड़ा ले गई।
ऐलनाबाद निवासी 60 वर्षीय गुरदीप सिंह पुत्र चरण सिंह ने बताया कि उसके कोई औलाद नहीं है। औलाद प्राप्ति के मोह में उसने अपनी पत्नी की सहमति से अन्य के साथ शादी रचाने का मन बनाया। इसके लिए उसने गांव के ही शेरा नामक एक व्यक्ति से सम्पर्क किया। शेरा ने उसकी बातचीत गांव नरसिंह कलोनी निवासी गुड्डी नामक एक महिला से करवाई और उसे उसकी होने वाली दुल्हन भी दिखाई गई। पीडि़त ने बताया कि 24-25 फरवरी की शाम को अचानक अमरजीत कौर निवासी चकेरियां हाल नरसिंह कलोनी अपनी साथी गुड्डी के साथ अचानक उसके निवास पर पहुंची और खुद को शगुन के रूप में 10,000 रूपये की राशि व हजारों रूपये के जेवरात डलवाकर लौट आई।
पीडि़त गुरदीप सिंह के अनुसार 3 मार्च को उसकी शादी तय हो गई। लेकिन तय शादी पर अमरजीत कौर ने एक अन्य लड़की रानी को उसके साथ दुल्हन के रूप में भेज दिया। लेकिन 5 मार्च को रानी नामक महिला अपने मायके चकेरियां जाने के बहाने 10 हजार रूपये की नकदी व घर में पड़े सूट उड़ा ले गई और वापिस नहीं लौटी। रानी नामक यह महिला अमरजीत कौर को अपनी मां बताती थी।
इधर आरोपी अमरजीत कौर ने बताया कि यह सब नरसिंह कलोनी में रहने वाली गुड्डी नामक महिला का किया धरा है। उसके अनुसार कुछ दिन पूर्व गुड्डी ने उसे अपने घर बुलाया और उसकी भेंट गांव मल्लेकां के शेरा नामक एक व्यक्ति से करवाई। वे लोग आपस में किसी व्यक्ति से बड़ी ठगी मारने की बात कर रहे थे। अमरजीत कौर के अनुसार योजना के मुताबिक गुड्डी व शेरा नामक व्यक्ति ने नरसिंह कलोनी में (गुड्डी के निवास स्थान पर) उसे दुल्हन के रूप में पेश कर दिया। लेकिन बाद में उसने रानी निवासी चकेरियां को मल्लेकां निवासी गुरदीप सिंह की दुल्हन के रूप में पेश करके उसे उसके साथ भेज दिया।
उपरोक्त घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए गांव नरसिंह कलोनी के सरपंच जसपाल सिंह ने बताया कि पीडि़त गांव मल्लेकां निवासी गुरदीप सिंह ने ठगी की शिकायत उससे की। जिस पर उन्होंने तत्काल पंचायत बुलाकर इस मामले को रखा। इस मौके पर गांव नरसिंह कलोनी की पंचायत के सदस्य जसपाल सिंह, तेजा सिंह, मनजीत कौर, महिन्द्र कौर सहित मेघराज पटवारी भी उपस्थित थे। सम्बन्धित पक्षों के ब्यान जाने गये। दूल्हे गुरदीप सिंह से ठगी होने की बात सामने आई। सरपंच के मुताबिक उपरोक्त महिलाओं ने दूल्हे से करीब 40 हजार रूपये की नकदी, जेवरात व सामान आदि ठगा है।
17 मार्च 2010
14 क्विंटल चूरा पोस्त सहित दबोचा
डबवाली (लहू की लौ) डीएसपी (आर) बठिंडा बलजीत सिंह सिधू ने कहा कि पुलिस नशों पर नकेल कसने के लिए संकल्पबद्ध है। इसी संकल्प के तहत संगत क्षेत्र में नाकाबन्दी के दौरान पुलिस ने एक बड़ी सफलता प्राप्त करते हुए एक ट्रक में लेजायी जा रही 35 बोरी चूरा पोस्त पकड़ी है।
उन्होंने बताया कि पुलिस को मुखबरी मिली थी कि एक ट्रक में भारी मात्रा में चूरा पोस्त पंजाब में लाया जा रहा है। इसी मुखबरी के आधार पर थाना संगत के प्रभारी संदीप सिंह भाटी तथा चौकी आनन्दगढ़ प्रभारी एएसआई जसकरण सिंह ने सोमवार की रात को चकअतर सिंह वाला में नाका लगा कर चैकिंग शुरू कर दी। जिसके दौरान मुखबरी में बताया गया ट्रक चालक सहित काबू कर लिया गया। जिसकी तालाशी लेने पर ट्रक में रखी 35 बोरी चूरा पोस्त मिली जिसका कुल वजन 14 क्विंटल 3 किलो 500 ग्राम निकला। पुलिस सूत्रों के अनुसार इस ट्रक में सवार चार अन्य व्यक्ति पीछे आ रही एक स्कारपियों में फरार होने में सफल रहे। जिनमेें से दो की पहचान राजवीर सिंह पुत्र तारा सिंह निवासी बाज़क (संगत), गोरा सिंह निवासी गोबिन्दपुरा के रूप में की गई है।
गिरफ्तार किये गये ट्रक चालक संदीप सिंह पुत्र हरबन्स सिंह निवासी हररायपुर थाना नुइयांवाली को मंगलवार को बठिंडा अदालत में पेश करके अदालत से तीन दिन का पुलिस रिमांड ले लिया। रिमांड में पुलिस अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी और उनको शरण देने वाले स्कारपियो में कौन लोग थे। कहां से यह चूरा पोस्त लायी गई और इसे पंजाब में किस-किसको सप्लाई करना था।
उन्होंने बताया कि पुलिस को मुखबरी मिली थी कि एक ट्रक में भारी मात्रा में चूरा पोस्त पंजाब में लाया जा रहा है। इसी मुखबरी के आधार पर थाना संगत के प्रभारी संदीप सिंह भाटी तथा चौकी आनन्दगढ़ प्रभारी एएसआई जसकरण सिंह ने सोमवार की रात को चकअतर सिंह वाला में नाका लगा कर चैकिंग शुरू कर दी। जिसके दौरान मुखबरी में बताया गया ट्रक चालक सहित काबू कर लिया गया। जिसकी तालाशी लेने पर ट्रक में रखी 35 बोरी चूरा पोस्त मिली जिसका कुल वजन 14 क्विंटल 3 किलो 500 ग्राम निकला। पुलिस सूत्रों के अनुसार इस ट्रक में सवार चार अन्य व्यक्ति पीछे आ रही एक स्कारपियों में फरार होने में सफल रहे। जिनमेें से दो की पहचान राजवीर सिंह पुत्र तारा सिंह निवासी बाज़क (संगत), गोरा सिंह निवासी गोबिन्दपुरा के रूप में की गई है।
गिरफ्तार किये गये ट्रक चालक संदीप सिंह पुत्र हरबन्स सिंह निवासी हररायपुर थाना नुइयांवाली को मंगलवार को बठिंडा अदालत में पेश करके अदालत से तीन दिन का पुलिस रिमांड ले लिया। रिमांड में पुलिस अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी और उनको शरण देने वाले स्कारपियो में कौन लोग थे। कहां से यह चूरा पोस्त लायी गई और इसे पंजाब में किस-किसको सप्लाई करना था।
तीन वर्षीय बच्चे की जोहड़ में डूबने से मौत
डबवाली (लहू की लौ) पंजाब क्षेत्र के नजदीकी गांव फरीदकोट (बठिण्डा) में मंगलवार को एक तीन वर्षीय बच्चे की जोहड़ में डूबने से मौत हो गई। मिली जानकारी अनुसार गांव के सुखदेव सिंह का तीन वर्षीय बेटा शंकर आज अचानक एससी कलोनी में बने जोहड़ में गिर गया। जिसे तुरन्त डबवाली के एक प्राईवेट अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया। लेकिन उसने दम तोड़ दिया। ग्रामीणों ने पंजाब सरकार से पीडि़त परिवार को मुआवजा दिये जाने की मांग की है।
कितने हैं जो दूसरों को प्रेम देते हैं-जैन साध्वी
डबवाली (लहू की लौ) अढाई अक्षर प्रेम के लिए हर कोई यह अभिलाषा करता है कि हर जन मुझे से प्रेम करे यह बात जैन साध्वियों उज्ज्वल कुमारी, सूरज प्रभा तथा डा. लवण्यायशा ने लगभग एक माह से नित्य चलने वाली सांयकालिन कथा के दौरान कहे। उन्होंने उपस्थित जनसमूह से यह सवाल किया कि हर कोई प्रेम तो चाहता है परन्तु कितने हैं जो दूसरों को प्रेम देते हैं। परन्तु उन्होंने यह चिन्ता भी व्यक्त की कि प्रेम करें किससे। क्या भजन गाने से, हाथ मिलाने से प्रेम हो जाता है।
उन्होंने कहा कि प्रेम तब होता है जब हम अंदर से सरल हो जाते हैं। किसी भी वस्तु को तब तक हासिल नहीं किया जा सकता जब तक हम पूर्ण रूप से उसका मूल्य नहीं दे देते। उसी प्रकार हम पूर्ण समर्पित हुए बिना न तो किसी से प्रेम पा सकते हैं और न हीं किसी को प्रेम दे सकते हैं।
भगवान को पाने के लिए भी हमें द्रौपदी की तरह पूर्ण समपर्ण करना होगा। उन्होंने बताया कि द्रौपदी को भी भगवान ने चीर तभी प्रदान किया जब उसने दोनों हाथ उठाकर स्वयं को पूर्ण रूप से समर्पित कर दिया।
हम जब तक अपने मन में अनुराग नहीं जगाते और जब तक क्रोध, काम, मोह, माया का त्याग नहीं करते तब तक परमात्मा का प्रेम नहीं मिलता। यदि हम मैले दर्पण में अपना चेहरा देखेंग तो वह भी हमें सुन्दर दिखाई नहीं देगा। हम भले ही सुन्दर हों। अर्थात् हमें अपने-अपने मन रूपी दर्पण को सदैव साफ रखना होगा तभी हम प्रेम पा सकते हैं और तभी हम प्रेम दे भी सकते हैं। व्यक्ति स्वयं को प्रेम करना सीखे तो ही वह प्रेम लेेने का अधिकारी बन सकता है।
उन्होंने कहा कि प्रेम तब होता है जब हम अंदर से सरल हो जाते हैं। किसी भी वस्तु को तब तक हासिल नहीं किया जा सकता जब तक हम पूर्ण रूप से उसका मूल्य नहीं दे देते। उसी प्रकार हम पूर्ण समर्पित हुए बिना न तो किसी से प्रेम पा सकते हैं और न हीं किसी को प्रेम दे सकते हैं।
भगवान को पाने के लिए भी हमें द्रौपदी की तरह पूर्ण समपर्ण करना होगा। उन्होंने बताया कि द्रौपदी को भी भगवान ने चीर तभी प्रदान किया जब उसने दोनों हाथ उठाकर स्वयं को पूर्ण रूप से समर्पित कर दिया।
हम जब तक अपने मन में अनुराग नहीं जगाते और जब तक क्रोध, काम, मोह, माया का त्याग नहीं करते तब तक परमात्मा का प्रेम नहीं मिलता। यदि हम मैले दर्पण में अपना चेहरा देखेंग तो वह भी हमें सुन्दर दिखाई नहीं देगा। हम भले ही सुन्दर हों। अर्थात् हमें अपने-अपने मन रूपी दर्पण को सदैव साफ रखना होगा तभी हम प्रेम पा सकते हैं और तभी हम प्रेम दे भी सकते हैं। व्यक्ति स्वयं को प्रेम करना सीखे तो ही वह प्रेम लेेने का अधिकारी बन सकता है।
15 मार्च 2010
नानकशाही कलेण्डर में बदलाव करके बादल डाल रहे हैं सिक्ख कौम में दरार-चीमा
डबवाली (लहू की लौ) यहां की सिक्ख संगत ने नानकशाही संवत के अनुसार नया वर्ष मनाते हुए रविवार को गुरूद्वारा बाबा विश्वकर्मा से एक दस्तार मार्च आयोजित किया और नई पीढ़ी को सिक्खी के बारे में जानकारी दी।
इस दस्तार मार्च से पूर्व शिरोमणि अकाली दल पंच प्रधानी अमृतसर (पंजाब) प्रदेश महासचिव हरपाल सिंह चीमा ने नानकशाही कलेण्डर का विमोचन किया। पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि 2003 में अकालतख्त से नानकशाही कलेण्डर को जारी किया गया था। लेकिन अब शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबन्धक कमेटी अमृतसर इसमें कुछ परिवर्तन करके धूमाशाप कलेण्डर जारी कर रही है। जो उन्हें स्वीकार नहीं है और इस प्रकार से दो-दो कलेण्डर जारी करके सिक्ख कौम को बांटने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने इस परिवर्तन के पीछे बादल परिवार की भूमिका बताते हुए कहा कि नानकशाही कलेण्डर में वोटों की राजनीति के चलते बदलाव किया जा रहा है। बदलाव में संक्रांति और गुरूपर्वो को बदलने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबन्धक कमेटी के चुनाव आने ही वाले हैं और उनका प्रयास है कि बादल विरोधी सभी गुटों को एकत्रित करके इन चुनावों में भाग लेकर वर्षों से एसजीपीसी और सिक्ख संस्थानों पर कुंडली मारे बैठे बादल परिवार को खदेड़ा जा सकें। उन्होंने कहा कि सिक्खों को उतना खतरा बाहर से नहीं है, जितना खतरा भीतर बैठे बादल जैसे लोगों से हैं। जिन्होंने लगातार सिक्खी को नुक्सान पहुंचाया है।
उन्होंने पत्रकारों के सवालों के जवाब में यह भी कहा कि पंजाब में अब 1984 के दंगों को लेकर कोई तलखी नहीं है। उनके अनुसार उस समय भी और अब भी बादल परिवार का ही एक ड्रामा था। उनके अनुसार अब 25 वर्ष के बाद सुखबीर सिंह बादल को 1984 के दंगों की याद आई है और इसमें दोषियों को सजा दिलाने की बात कही जाने लगी है। जबकि सच यह है कि बीजेपी सरकार के केन्द्र में होते हुए सुखबीर बादल केन्द्रीय मंत्री थे। उस समय 1984 के दंगों पर वे कुछ नहीं कर पाये और अब कभी हरसिमरत कौर से और कभी स्वयं इस सम्बन्ध में ब्यान देकर सिक्खों के जख्मों को हरे करने का प्रयास कर रहे हैं।
इस अवसर पर उपस्थित श्री गुरूग्रंथ साहिब सत्कार सभा हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुखविन्द्र सिंह खालसा ने कहा कि दस्तार सिक्खी की आत्मा है और इस दस्तार ने देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। लेकिन बहकावे में आकर कुछ युवा इस दस्तार से मुंह मोड़ चुके हैं। उन्हें वापिस लौट आना चाहिए।
उन्होंने डेरावाद पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हरियाणा, पंजाब और केन्द्र की सरकारें डेरावाद को बढ़ावा दे रही हैं। डेरावाद सिक्खी की आड़ में युवा पीढ़ी को सिक्खी से दूर कर रहा है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि 22 मार्च 2009 से शुरू हुए धर्म युद्ध मोर्चे की 21 मार्च को मनाई जा रही वार्षिकी पर 101 सिक्खों का जत्था बाबा हरदीप सिंह के नेतृत्व में अकालतख्त तलवंडी साबो से डेरा सलावतपुर की ओर कूच करेगा। यह जत्था पाखंडवाद के द्योतक सलावतपुरा डेरा पर ताले जड़ेगा।
इस अवसर पर शिरोमणि अकाली दल पंच प्रधानी अमृतसर के जिला पटियाला अध्यक्ष गुरमीत सिंह, बलकरण सिंह खालसा, श्री गुरूग्रंथ साहिब सत्कार सभा के जिला सिरसा के उपप्रधान जस्सा सिंह सोढ़ी, गुरूद्वारा बाबा विश्वकर्मा मन्दिर के प्रधान सुखविन्द्र सिंह, सुरजीत सिंह, कुलवन्त सिंह, सुरेन सिंह, कंवलजीत सिंह, मनदीप सिंह, मनिन्द्र सिंह आदि उपस्थित थे।
इस दस्तार मार्च से पूर्व शिरोमणि अकाली दल पंच प्रधानी अमृतसर (पंजाब) प्रदेश महासचिव हरपाल सिंह चीमा ने नानकशाही कलेण्डर का विमोचन किया। पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि 2003 में अकालतख्त से नानकशाही कलेण्डर को जारी किया गया था। लेकिन अब शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबन्धक कमेटी अमृतसर इसमें कुछ परिवर्तन करके धूमाशाप कलेण्डर जारी कर रही है। जो उन्हें स्वीकार नहीं है और इस प्रकार से दो-दो कलेण्डर जारी करके सिक्ख कौम को बांटने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने इस परिवर्तन के पीछे बादल परिवार की भूमिका बताते हुए कहा कि नानकशाही कलेण्डर में वोटों की राजनीति के चलते बदलाव किया जा रहा है। बदलाव में संक्रांति और गुरूपर्वो को बदलने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबन्धक कमेटी के चुनाव आने ही वाले हैं और उनका प्रयास है कि बादल विरोधी सभी गुटों को एकत्रित करके इन चुनावों में भाग लेकर वर्षों से एसजीपीसी और सिक्ख संस्थानों पर कुंडली मारे बैठे बादल परिवार को खदेड़ा जा सकें। उन्होंने कहा कि सिक्खों को उतना खतरा बाहर से नहीं है, जितना खतरा भीतर बैठे बादल जैसे लोगों से हैं। जिन्होंने लगातार सिक्खी को नुक्सान पहुंचाया है।
उन्होंने पत्रकारों के सवालों के जवाब में यह भी कहा कि पंजाब में अब 1984 के दंगों को लेकर कोई तलखी नहीं है। उनके अनुसार उस समय भी और अब भी बादल परिवार का ही एक ड्रामा था। उनके अनुसार अब 25 वर्ष के बाद सुखबीर सिंह बादल को 1984 के दंगों की याद आई है और इसमें दोषियों को सजा दिलाने की बात कही जाने लगी है। जबकि सच यह है कि बीजेपी सरकार के केन्द्र में होते हुए सुखबीर बादल केन्द्रीय मंत्री थे। उस समय 1984 के दंगों पर वे कुछ नहीं कर पाये और अब कभी हरसिमरत कौर से और कभी स्वयं इस सम्बन्ध में ब्यान देकर सिक्खों के जख्मों को हरे करने का प्रयास कर रहे हैं।
इस अवसर पर उपस्थित श्री गुरूग्रंथ साहिब सत्कार सभा हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुखविन्द्र सिंह खालसा ने कहा कि दस्तार सिक्खी की आत्मा है और इस दस्तार ने देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। लेकिन बहकावे में आकर कुछ युवा इस दस्तार से मुंह मोड़ चुके हैं। उन्हें वापिस लौट आना चाहिए।
उन्होंने डेरावाद पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हरियाणा, पंजाब और केन्द्र की सरकारें डेरावाद को बढ़ावा दे रही हैं। डेरावाद सिक्खी की आड़ में युवा पीढ़ी को सिक्खी से दूर कर रहा है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि 22 मार्च 2009 से शुरू हुए धर्म युद्ध मोर्चे की 21 मार्च को मनाई जा रही वार्षिकी पर 101 सिक्खों का जत्था बाबा हरदीप सिंह के नेतृत्व में अकालतख्त तलवंडी साबो से डेरा सलावतपुर की ओर कूच करेगा। यह जत्था पाखंडवाद के द्योतक सलावतपुरा डेरा पर ताले जड़ेगा।
इस अवसर पर शिरोमणि अकाली दल पंच प्रधानी अमृतसर के जिला पटियाला अध्यक्ष गुरमीत सिंह, बलकरण सिंह खालसा, श्री गुरूग्रंथ साहिब सत्कार सभा के जिला सिरसा के उपप्रधान जस्सा सिंह सोढ़ी, गुरूद्वारा बाबा विश्वकर्मा मन्दिर के प्रधान सुखविन्द्र सिंह, सुरजीत सिंह, कुलवन्त सिंह, सुरेन सिंह, कंवलजीत सिंह, मनदीप सिंह, मनिन्द्र सिंह आदि उपस्थित थे।
राजा राम अग्रवाल धर्मशाला ट्रस्ट के खिलाफ जनहित याचिका
डबवाली (लहू की लौ) गांव गोरीवाला के दो लोगों ने राजा राम अग्रवाल धर्मशाला ट्रस्ट, डबवाली के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर करके न्यायालय से गुहार लगाई है कि वर्तमान ट्रस्ट पारिवारिक ट्रस्ट बनकर रह गया है और इसके पदाधिकारियों को हटाकर इस ट्रस्ट को पब्लिक हित में बनाया जाये।
गांव गोरीवाला निवासी रामनाथ पुत्र मोहन लाल पुत्र परस राम और कृष्णा देवी पत्नी रामनाथ ने न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी अमरजीत सिंह की अदालत में सीपीसी की धारा 92 के तहत राजा राम अग्रवाल धर्मशाला ट्रस्ट, डबवाली (रजि.) को चुनौती देते हुए अपनी याचिका में कहा है कि इस ट्रस्ट को राजा राम अग्रवाल की 1944 में मृत्यु के बाद उनकी स्मृति में उनकी विरासत को संभालते हुए कस्तूरी लाल और मोहन लाल निवासीगण गोरीवाला ने 30-07-1945 में बनाया था। जिसमें ट्रस्ट को चैरिटेबल और धार्मिक प्रकृति का घोषित किया गया था। इस ट्रस्ट के पास इस समय गांव गोरीवाला और डबवाली नगर में करीब 25 दुकानें, स्कूल, धर्मशाला और 529 कैनाल भूमि है।
याचि ने अपनी याचिका में यह भी कहा कि ट्रस्ट के नियमानुसार ट्रस्ट के नाम जो भूमि है, उसे आम पब्लिक के लिए प्रयोग में लाया जाना था। लेकिन अब इस ट्रस्ट को एक ही परिवार ने अपनी निजी सम्पत्ति मानते हुए अपने अधिकार क्षेत्र में ले रखा है। कस्तूरी लाल की मृत्यु के बाद इस ट्रस्ट को बाबू राम पुत्र कस्तूरी लाल का खानदान ही संभाल रहा है और इसी परिवार में से प्रधान, सचिव व अन्य सदस्य हैं। जबकि उनके (मोहन लाल) परिवार से किसी को सदस्य नहीं मनाया गया है। याचियों ने अपनी याचिका में यह भी कहा कि पिछले 20 वर्ष से संस्था के चुनाव नहीं हुए हैं। याचियों ने अपनी गुहार में कहा है कि आय-व्यय का ब्यौरा भी कभी सार्वजनिक नहीं किया गया है। इस ट्रस्ट को ट्रस्ट की भावनाओं के अनुसार न रखे जाने के चलते इसके पदाधिकारियों को हटाकर इसे पब्लिक हित में बनाया जाये।
याचिका दायर करने से पूर्व याचियों ने अदालत से सीपीसी की धारा 92 की अनुमति लेकर ही इस याचिका को दायर किया है। अदालत ने याचिका को विचारार्थ स्वीकार करते हुए पदाधिकारियों और ट्रस्ट सहित 9 को नोटिस भेजकर 13 अप्रैल को अपना पक्ष अदालत के समक्ष रखने के आदेश दिये हैं।
गांव गोरीवाला निवासी रामनाथ पुत्र मोहन लाल पुत्र परस राम और कृष्णा देवी पत्नी रामनाथ ने न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी अमरजीत सिंह की अदालत में सीपीसी की धारा 92 के तहत राजा राम अग्रवाल धर्मशाला ट्रस्ट, डबवाली (रजि.) को चुनौती देते हुए अपनी याचिका में कहा है कि इस ट्रस्ट को राजा राम अग्रवाल की 1944 में मृत्यु के बाद उनकी स्मृति में उनकी विरासत को संभालते हुए कस्तूरी लाल और मोहन लाल निवासीगण गोरीवाला ने 30-07-1945 में बनाया था। जिसमें ट्रस्ट को चैरिटेबल और धार्मिक प्रकृति का घोषित किया गया था। इस ट्रस्ट के पास इस समय गांव गोरीवाला और डबवाली नगर में करीब 25 दुकानें, स्कूल, धर्मशाला और 529 कैनाल भूमि है।
याचि ने अपनी याचिका में यह भी कहा कि ट्रस्ट के नियमानुसार ट्रस्ट के नाम जो भूमि है, उसे आम पब्लिक के लिए प्रयोग में लाया जाना था। लेकिन अब इस ट्रस्ट को एक ही परिवार ने अपनी निजी सम्पत्ति मानते हुए अपने अधिकार क्षेत्र में ले रखा है। कस्तूरी लाल की मृत्यु के बाद इस ट्रस्ट को बाबू राम पुत्र कस्तूरी लाल का खानदान ही संभाल रहा है और इसी परिवार में से प्रधान, सचिव व अन्य सदस्य हैं। जबकि उनके (मोहन लाल) परिवार से किसी को सदस्य नहीं मनाया गया है। याचियों ने अपनी याचिका में यह भी कहा कि पिछले 20 वर्ष से संस्था के चुनाव नहीं हुए हैं। याचियों ने अपनी गुहार में कहा है कि आय-व्यय का ब्यौरा भी कभी सार्वजनिक नहीं किया गया है। इस ट्रस्ट को ट्रस्ट की भावनाओं के अनुसार न रखे जाने के चलते इसके पदाधिकारियों को हटाकर इसे पब्लिक हित में बनाया जाये।
याचिका दायर करने से पूर्व याचियों ने अदालत से सीपीसी की धारा 92 की अनुमति लेकर ही इस याचिका को दायर किया है। अदालत ने याचिका को विचारार्थ स्वीकार करते हुए पदाधिकारियों और ट्रस्ट सहित 9 को नोटिस भेजकर 13 अप्रैल को अपना पक्ष अदालत के समक्ष रखने के आदेश दिये हैं।
14 मार्च 2010
अग्निकांड पीडि़तों को उपचार के लिए सुविधा बहाल
डबवाली (लहू की लौ) पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा डबवाली अग्निकांड में झुलसे हुए घायलों को उपचार के लिए पूर्व निर्धारित दस अस्पतालों में उपचार करवाने की सुविधा बहाल करने पर डबवाली अग्निकांड पीडि़त संघ ने उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है।
ज्ञात रहे कि 9 नवंबर 2009 को उच्च न्यायालय द्वारा दिये गये फैसले में घायलों के उपचार के लिए प्रदेश के सरकारी अस्पतालों के अलावा पीजीआई चंडीगढ़ के साथ साथ एम्स में उपचार करवाने की सुविधा प्रदान की थी। जिस पर अग्रिपीडि़त संघ की ओर उनकी अधिवक्ता अंजू अरोड़ा ने पुर्नविचार याचिका दायर कर उपचार के लिए पहले से निर्धारित दस अस्पतालों को सूचीबद्ध किये जाने की गुजारिश की थी। जिस पर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा रोगियों की परेशानी को देखते हुए वह सुविधा बहाल कर दी।
संघ के प्रवक्ता विनोद बांसल ने उच्च न्यायालय के इस निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इस निर्णय के बाद घायल पहले वाले अस्पतालों से ही अपना उपचार जारी रख सकेंगे।
ज्ञात रहे कि 9 नवंबर 2009 को उच्च न्यायालय द्वारा दिये गये फैसले में घायलों के उपचार के लिए प्रदेश के सरकारी अस्पतालों के अलावा पीजीआई चंडीगढ़ के साथ साथ एम्स में उपचार करवाने की सुविधा प्रदान की थी। जिस पर अग्रिपीडि़त संघ की ओर उनकी अधिवक्ता अंजू अरोड़ा ने पुर्नविचार याचिका दायर कर उपचार के लिए पहले से निर्धारित दस अस्पतालों को सूचीबद्ध किये जाने की गुजारिश की थी। जिस पर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा रोगियों की परेशानी को देखते हुए वह सुविधा बहाल कर दी।
संघ के प्रवक्ता विनोद बांसल ने उच्च न्यायालय के इस निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इस निर्णय के बाद घायल पहले वाले अस्पतालों से ही अपना उपचार जारी रख सकेंगे।
सड़क हादसे में किशोर की मौत
डबवाली (लहू की लौ) गांव चकजालू के बस अड्डा के पास शनिवार को कार और मोटरसाईकिल की भिड़न्त में मोटरसाईकिल पर सवार एक किशोर की मौत हो गई। जबकि चालक घायल हो गया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार एक कार ऐलनाबाद साईड से गोरीवाला की ओर आ रही थी कि गांव चकजालू के बस अड्डा के पास कार ने सामने से आ रहे एक मोटरसाईकिल में टक्कर मार दी। दुर्घटना में मोटरसाईकिल चालक राजकुमार पुत्र मुंशी राम निवासी रत्ताखेड़ा घायल हो गया। जबकि उसके 13-14 वर्षीय लड़के अनिल कुमार की मौका पर ही मौत हो गई। दुर्घटना के बाद कार सवार कार को वहीं छोड़कर भाग गये।
इधर गांव अहमदपुर दारेवाला का राम सिंह बस से नोहर जा रहा था कि जब उसने इस घटना को देखा तो तत्काल बस से उतरकर घायल को अपने प्रयासों से अस्पताल पहुंचाया। प्राथमिक उपचार के बाद राजकुमार की गंभीर हालत को देखते हुए उसे सिरसा रैफर कर दिया गया।
सूचना पाकर मौका पर पहुंची गोरीवाला पुलिस ने कार को कब्जे में ले लिया। पुलिस ने हीरा लाल पुत्र मुंशी राम के ब्यान पर मामला दर्ज करके आरोपियों की तालाश शुरू कर दी है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार एक कार ऐलनाबाद साईड से गोरीवाला की ओर आ रही थी कि गांव चकजालू के बस अड्डा के पास कार ने सामने से आ रहे एक मोटरसाईकिल में टक्कर मार दी। दुर्घटना में मोटरसाईकिल चालक राजकुमार पुत्र मुंशी राम निवासी रत्ताखेड़ा घायल हो गया। जबकि उसके 13-14 वर्षीय लड़के अनिल कुमार की मौका पर ही मौत हो गई। दुर्घटना के बाद कार सवार कार को वहीं छोड़कर भाग गये।
इधर गांव अहमदपुर दारेवाला का राम सिंह बस से नोहर जा रहा था कि जब उसने इस घटना को देखा तो तत्काल बस से उतरकर घायल को अपने प्रयासों से अस्पताल पहुंचाया। प्राथमिक उपचार के बाद राजकुमार की गंभीर हालत को देखते हुए उसे सिरसा रैफर कर दिया गया।
सूचना पाकर मौका पर पहुंची गोरीवाला पुलिस ने कार को कब्जे में ले लिया। पुलिस ने हीरा लाल पुत्र मुंशी राम के ब्यान पर मामला दर्ज करके आरोपियों की तालाश शुरू कर दी है।
जाली आईडी पर कनैक्शन देने वाला काबू
डबवाली (लहू की लौ) गोरीवाला पुलिस चौकी ने जाली आईडी पर कनैक्शन लेकर धोखादेही करने के तीन आरोपियों में से मुख्य आरोपी को काबू करके डबवाली की न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी अमरजीत सिंह की अदालत में पेश किया जिसे पुलिस ने एक दिन के पुलिस रिमांड पर ले लिया।
प्राप्त जानकारी अनुसार रिसालियाखेड़ा निवासी लखविन्द्र सिंह ने पुलिस को दिये ब्यान में बताया कि उसने सुशील कुमार पुत्र बनवारी लाल व उसकी दुकान पर काम करने वाले पवन कुमार को चार फोटो और अन्य कागजात देकर एयरटेल कम्पनी के दो सिम लिये। जब उसने आरोपियों से यह पूछा कि उन्होंने उसकी चार फोटो और चार राशन कार्ड की फोटो स्टेट कापियां क्यों ली हैं तो उस समय उन्होंने बताया था कि यह फार्मों के साथ लगाई जानी जरूरी हैं। लेकिन कुछ दिन बाद ही गोरीवाला पुलिस चौकी से पुलिस कर्मी उसके तथा रवि कुमार के घर आये। उन्होंने उन्हें बताया कि उनकी आईडी के नाम से दो सिम जारी हुए हैं और वहां से किसी औरत को धमकी दी गई है। इस पर मुद्दई के अनुसार उसने सफाई देते हुए कहा कि उनके नाम पर प्रयुक्त किये जाने वाले फोन न. 99968-97281 तथा 99968-96837 उसने लिये ही नहीं। खोज करने के बाद पता चला कि सुशील कुमार ने इस नम्बर के सिम अपने ही परिवार के पंकज कुमार पुत्र संतोष कुमार निवासी रिसालियाखेड़ा को दिये हुए थे। जिससे कौशल्या नामक महिला के लैंड फोन पर धमकी दी गई थी।
पुलिस ने लखविन्द्र सिंह की शिकायत पर आईडी व फोटो आदि का दुरूपयोग करते हुए उससे धोखादेही करने के आरोप में गांव रिसालियाखेड़ा के सुशील कुमार, ऐलनाबाद के पवन कुमार तथा रिसालियाखेड़ा के पंकज कुमार के खिलाफ धारा 420/465/468/471/34 आईपीसी के तहत केस दर्ज करके आरोपियों में से सुशील कुमार को गिरफ्तार करके अदालत में पेश किया और अदालत ने पुलिस की याचिका पर अन्य आरोपियों की तालाश के लिए एक दिन का पुलिस रिमांड देने के आदेश दिये।
प्राप्त जानकारी अनुसार रिसालियाखेड़ा निवासी लखविन्द्र सिंह ने पुलिस को दिये ब्यान में बताया कि उसने सुशील कुमार पुत्र बनवारी लाल व उसकी दुकान पर काम करने वाले पवन कुमार को चार फोटो और अन्य कागजात देकर एयरटेल कम्पनी के दो सिम लिये। जब उसने आरोपियों से यह पूछा कि उन्होंने उसकी चार फोटो और चार राशन कार्ड की फोटो स्टेट कापियां क्यों ली हैं तो उस समय उन्होंने बताया था कि यह फार्मों के साथ लगाई जानी जरूरी हैं। लेकिन कुछ दिन बाद ही गोरीवाला पुलिस चौकी से पुलिस कर्मी उसके तथा रवि कुमार के घर आये। उन्होंने उन्हें बताया कि उनकी आईडी के नाम से दो सिम जारी हुए हैं और वहां से किसी औरत को धमकी दी गई है। इस पर मुद्दई के अनुसार उसने सफाई देते हुए कहा कि उनके नाम पर प्रयुक्त किये जाने वाले फोन न. 99968-97281 तथा 99968-96837 उसने लिये ही नहीं। खोज करने के बाद पता चला कि सुशील कुमार ने इस नम्बर के सिम अपने ही परिवार के पंकज कुमार पुत्र संतोष कुमार निवासी रिसालियाखेड़ा को दिये हुए थे। जिससे कौशल्या नामक महिला के लैंड फोन पर धमकी दी गई थी।
पुलिस ने लखविन्द्र सिंह की शिकायत पर आईडी व फोटो आदि का दुरूपयोग करते हुए उससे धोखादेही करने के आरोप में गांव रिसालियाखेड़ा के सुशील कुमार, ऐलनाबाद के पवन कुमार तथा रिसालियाखेड़ा के पंकज कुमार के खिलाफ धारा 420/465/468/471/34 आईपीसी के तहत केस दर्ज करके आरोपियों में से सुशील कुमार को गिरफ्तार करके अदालत में पेश किया और अदालत ने पुलिस की याचिका पर अन्य आरोपियों की तालाश के लिए एक दिन का पुलिस रिमांड देने के आदेश दिये।
12 मार्च 2010
बिजली को लेकर ग्रामीणों का हल्ला बोल
डबवाली (लहू की लौ) शैड्यूल अनुसार बिजली न मिलने से गुस्साये गांव मसीतां के ग्रामीणों ने वीरवार को दक्षिण हरियाणा विद्युत वितरण निगम डबवाली मण्डल अभियन्ता के कार्यालय के समक्ष धरना देकर जोरदार प्रदर्शन किया।
गांव मसीतां के सर्वजीत सिंह, मनजीत सिंह दलेह, बलविन्द्र सिंह, दर्शन सिंह, बलतेज सिंह, मेजर सिंह, सुरेन्द्र सिंह, गुरबचन सिंह, करनैल सिंह, अवतार सिंह, वीरेन्द्र सिंह, कुलविन्द्र सिंह आदि ने बताया कि उनके गांव को बिजली देने के लिए निगम द्वारा शैड्यूल निर्धारित किया गया है। लेकिन शैड्यूल अनुसार भी उनको बिजली आपूर्ति नहीं की जा रही। पिछले 8 दिनों से बिजली व्यवस्था बुरी तरह से ठप्प होकर रह गई है। उनके अनुसार करीब दो माह से नहर में पानी नहीं आया और ऊपर से बिजली न आने से फसल पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि गांव की पंचायत की ओर से दो एकड़ भूमि बिजली विभाग को ग्रिड स्थापित करने के लिए दी गई है। इसके बावजूद भी विभाग उक्त जगह पर ग्रिड लगाने में दिलचस्पी नहीं ले रहा है। इसके विपरीत डबवाली में एक ओर ग्रिड स्थापित करने के लिए सर्वे कर रहा है। ग्रामीणों ने मांग की कि मुख्य लाईन की स्विच को कई भागों में बांटकर लगाया जाना चाहिए ताकि एक स्थान से स्विच ऑफ होने से अन्य स्थानों की बिजली प्रभावित न हो। इस मौके पर ग्रामीणों ने हरियाणा सरकार, बिजली विभाग तथा मण्डल अभियन्ता के खिलाफ जोरदार नारेबाजी भी की। मण्डल अभियन्ता आर.के. वर्मा ने ग्रामीणों की बात सुनने के बाद कहा कि शैड्यूल मुताबिक मिलने वाली बिजली में लगने वाले जीरो कट सम्बन्धी वे अपने उच्च अधिकारियों से बात करेंगे, ताकि ये कट न लगें। लाईन को कई भागों में बांटकर स्विच लगवा दिये जाएंगे। उन्होंने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि गांव मसीतां में 33केवी सबस्टेशन बनाने का प्रस्ताव सरकार के पास भेजा हुआ है।
गांव मसीतां के सर्वजीत सिंह, मनजीत सिंह दलेह, बलविन्द्र सिंह, दर्शन सिंह, बलतेज सिंह, मेजर सिंह, सुरेन्द्र सिंह, गुरबचन सिंह, करनैल सिंह, अवतार सिंह, वीरेन्द्र सिंह, कुलविन्द्र सिंह आदि ने बताया कि उनके गांव को बिजली देने के लिए निगम द्वारा शैड्यूल निर्धारित किया गया है। लेकिन शैड्यूल अनुसार भी उनको बिजली आपूर्ति नहीं की जा रही। पिछले 8 दिनों से बिजली व्यवस्था बुरी तरह से ठप्प होकर रह गई है। उनके अनुसार करीब दो माह से नहर में पानी नहीं आया और ऊपर से बिजली न आने से फसल पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि गांव की पंचायत की ओर से दो एकड़ भूमि बिजली विभाग को ग्रिड स्थापित करने के लिए दी गई है। इसके बावजूद भी विभाग उक्त जगह पर ग्रिड लगाने में दिलचस्पी नहीं ले रहा है। इसके विपरीत डबवाली में एक ओर ग्रिड स्थापित करने के लिए सर्वे कर रहा है। ग्रामीणों ने मांग की कि मुख्य लाईन की स्विच को कई भागों में बांटकर लगाया जाना चाहिए ताकि एक स्थान से स्विच ऑफ होने से अन्य स्थानों की बिजली प्रभावित न हो। इस मौके पर ग्रामीणों ने हरियाणा सरकार, बिजली विभाग तथा मण्डल अभियन्ता के खिलाफ जोरदार नारेबाजी भी की। मण्डल अभियन्ता आर.के. वर्मा ने ग्रामीणों की बात सुनने के बाद कहा कि शैड्यूल मुताबिक मिलने वाली बिजली में लगने वाले जीरो कट सम्बन्धी वे अपने उच्च अधिकारियों से बात करेंगे, ताकि ये कट न लगें। लाईन को कई भागों में बांटकर स्विच लगवा दिये जाएंगे। उन्होंने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि गांव मसीतां में 33केवी सबस्टेशन बनाने का प्रस्ताव सरकार के पास भेजा हुआ है।
मोटरसाईकिल चालक ने वृद्ध को लूटा
डबवाली (लहू की लौ) गांव घुमियारा में बुधवार सुबह एक वृद्ध को एक मोटरसाईकिल सवार युवक ने गांव खुम्बन पहुंचाने के बहाने लूट लिया और फरार हो गया। पीडि़त वृद्ध महंगा सिंह ने किलियांवाली पुलिस चौकी को एक शिकायत पत्र देकर आरोप लगाया है कि वह अपने गांव घुमियारा बस स्टेंड पर खुम्बन जाने के लिए खड़ा था और उसके पास अचानक मोटरसाईकिल आकर रूका। मोटरसाईकिल चालक ने कहा कि उसने खुम्बन जाना है और वह उसे साथ ले चलता है। जिस पर वह मोटरसाईकिल पर बैठ गया और युवक ने मोटरसाईकिल को खुम्बन लेजाने की अपेक्षा लौहारा गांव के साथ बहती कस्सी की तरफ ले गया और वहां उसने उसके हाथ में पहनी छाप, कड़ा व जेब में रखी नकदी छीन ली और फरार हो गया।
सेतिया कॉलोनी में बरामद हुई लापता छात्रा
श्रीगंगानगर। एक महीने से मारी-मारी फिर रही पुलिस को आज अपराह्न राहत की सांस मिली, जब कथित रूप से अपहृत एक स्कूली छात्रा को स्थानीय सेतिया कॉलोनी में पुलिस चौकी के समीप एक घर से बरामद कर लिया गया। पूजा नाम की बारहवीं कक्षा की यह छात्रा हनुमानगढ़ जंक्शन के समीप चक 20 एलएलडब्लयू से विगत 7-8 फरवरी की रात को लापता हो गई थी। उसके पिता बनवारीलाल सहारण ने दस फरवरी को महिला थाने में अज्ञात व्यक्तियों पर पूजा का अपहरण कर लेने के आरोप में मुकदमा दर्ज करवाया था। हनुमानगढ़ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यादराम फासल ने पूजा को बरामद कर लिये जाने की जानकारी देते बताया कि कल उसे जोधपुर हाईकोर्ट में पेश किया जाएगा। पूजा की बरामदगी के लिए उसके पिता ने पिछले सप्ताह जोधुपर हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका लगाई थी। हाईकोर्ट में पूजा द्वारा बयान दिये जाने पर उसी के अनुरूप आगे की कार्यवाही की जाएगी।
पूजा के लापता और उसके बरामद होने के पीछे एक सनसनीखेज, दिलचस्प और रोंगटे खड़े कर देने वाली दास्तां सामने आई है। यह दास्तां श्रीगंगानगर शहर के एक ऐसे घिनौने सच को बेनकाब करती है, जिसमें घर से निकली और राह भटकी हुई लड़कियों को किस तरह बरगलाकर उन्हें अपने घरवालों के विरूद्ध ही कर दिया जाता है। इस मामले में सेतिया कॉलोनी की एक संदिग्ध चरित्र की महिला की भूमिका की पुलिस ने गहन छानबीन करने की ठानी है, जबकि एक टैम्पू चालक भी संदेह के घेरे में है।
हनुमानगढ़ पुलिस के अनुसार पूजा के बरामद होने पर उससे फिलहाल शुरूआती पूछताछ हो पाई है, लेकिन उसने जो कुछ बताया है, उस पर सहज रूप से शायद ही कोई विश्वास कर पायेगा। जांच में पता चला है कि पूजा के पास एक मोबाइल फोन था, जिस पर अकसर फोन कॉल तथा एसएमएस आते रहते थे। इस मोबाइल के लिए नरसी नामक युवक ने अपने नाम से सिमकार्ड लेकर दे रखा था। जिनके फोन इस नंबर आते थे, उनमें जितेंद्र सिहाग नामक एक युवक भी था, जो श्रीगंगानगर में शेयरों के एक कारोबारी के दफ्तर में काम करता था। पूजा के अपहरण का मुकदमा दर्ज होने के बाद सबसे पहले उसके मोबाइल फोन की कॉल डिटेल निकाली गई। यह फोन पूजा घर में ही छोड़ गई थी। कॉल डिटेल से पता चला कि डेढ़ दर्जन ऐसे नंबर हैं, जिनसे सबसे अधिक कॉलें आई थीं। इन सब नंबरों की पड़ताल करने पर नरसी तथा जितेंद्र सिहाग को गिरफ्तार किया गया। यह दोनों आठ फरवरी के बाद पूजा से मिलने से इंकार करते रहे। अलबत्ता नरसी ने बताया कि आठ फरवरी को पूजा ने किसी नये नंबर से उसे फोन किया तथा गांव से गंगानगर मिलने के लिये बुलाया। उसने इंकार कर दिया। इसके बाद पूजा का फोन नहीं आया।
पुलिस के मुताबिक अब खुलासा हुआ है कि सात-आठ फरवरी की रात को घर से निकलकर पूजा पक्का सहारण के समीप गुरूनानकनगर के अड्डे पर आई, जहां तड़के उसे एक अखबार सप्लाई करने की जीप मिली। इस जीप से बस अड्डे पर पहुंची। उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वह कहां जाये। अड्डे से बाहर आकर वह इधर-उधर गलियों में घूम रही थी, तभी एक टैम्पू चालक की उस पर नजर पड़ गई। टैम्पू चालक ने उसे बातों में लगाया तो पूजा ने अंध विद्यालय चलने के लिए कहा। रास्ते में पूजा ने टैम्पू चालक के मोबाइल फोन से नरसी को कॉल की थी। इतने में टैम्पू चालक समझ गया कि पूजा घर से भागी हुई है। उसने रास्ते में टैम्पू अपना मोबाइल रिचार्ज करने के बहाने से रूकवाया और साईड में जाकर किसी को पूजा के बारे में बताया। बाद में अंध विद्यालय जाते समय टैम्पू चालक से पूछने पर बता दिया कि वहां उसका कोई नहीं रहता। वह तो अंध विद्यालय में रहने के लिए किसी ठिकाने का पता करने जा रही है। चालक ने उसे बताया कि अंध विद्यालय में इस तरह लड़कियों को नहीं रखा जाता। तब असमंजस की स्थिति में देखते हुए टैम्पू चालक ने पूजा को अपने जाल में फांसा और सीधे सेतिया कॉलोनी में अपनी एक परिचित महिला निर्मला (नाम तब्दील) के घर ले गया। इसी निर्मला के घर में पूजा एक महीने से टिकी हुई थी।
पुलिस के अनुसार निर्मला के यहां से बरामद होने के बाद से पूजा उसी के गुण गा रही है। वह अपने मां-बाप के पास जाने से इंकार कर रही है। यही नहीं उसका कथित रूप से यह भी कहना है कि मां-बाप उसे प्रताडि़त करते थे, इसलिए वह घर छोडऩे को मजबूर हुई है। दूसरी तरफ पुलिस अधिकारी निर्मला के चरित्र को संदिग्ध बता रहे हैं। उनका कहना है कि फिलहाल प्राथमिकता पूजा को कल हाईकोर्ट में पेश करने की है। इसके बा निर्मला और टैम्पू चालक की भूमिका की छानबीन की जाएगी। पुलिस ने मुताबिक निर्मला के सेतिया कॉलोनी इलाके में दो मकान है। उसकी एक पुत्री इन दिनों सिरसा के यहां आई हुई थी। निर्मला दिन में पूजा को अपनी पुत्री के साथ दूसरे मकान में रखती थी और रात को सोने के लिए अपने घर बुला लेती थी। पूजा का कहना है कि निर्मला के यहां रहते हुए उसे कोई तकलीफ नहीं हुई। वह उसे बड़े अच्छे-सलीके से अपने पास रख रही थी। यहां तक कि पूजा अब निर्मला को मम्मी कहती है।
पूजा के गायब होने के बाद से हनुमानगढ़ महिला थाना पुलिस का सारा ध्यान श्रीगंगानगर पर केंद्रित था। यहां आने के बाद आठ फरवरी को उसने एक एसटीडीपीसीओ से अपने घर फोन कर खुद के श्रीगंगानगर में होने की जानकारी दी थी। पिछले एक सप्ताह थानाप्रभारी जगदीश हुड्डा और एएसआई लेखराम श्रीगंगानगर में दल-बल सहित डेरा डाले हुए थे। स्थानीय पुलिस का भी सहयोग लिया जा रहा था। पूजा के इश्तिहार पूरे शहर में जारी किये गए। बावजूद इसके किसी को भनक नहीं लग रही थी कि पूजा सेतिया कॉलोनी पुलिस चौकी के समीप के एक मकान में ही रह रही थी।
पूजा के लापता और उसके बरामद होने के पीछे एक सनसनीखेज, दिलचस्प और रोंगटे खड़े कर देने वाली दास्तां सामने आई है। यह दास्तां श्रीगंगानगर शहर के एक ऐसे घिनौने सच को बेनकाब करती है, जिसमें घर से निकली और राह भटकी हुई लड़कियों को किस तरह बरगलाकर उन्हें अपने घरवालों के विरूद्ध ही कर दिया जाता है। इस मामले में सेतिया कॉलोनी की एक संदिग्ध चरित्र की महिला की भूमिका की पुलिस ने गहन छानबीन करने की ठानी है, जबकि एक टैम्पू चालक भी संदेह के घेरे में है।
हनुमानगढ़ पुलिस के अनुसार पूजा के बरामद होने पर उससे फिलहाल शुरूआती पूछताछ हो पाई है, लेकिन उसने जो कुछ बताया है, उस पर सहज रूप से शायद ही कोई विश्वास कर पायेगा। जांच में पता चला है कि पूजा के पास एक मोबाइल फोन था, जिस पर अकसर फोन कॉल तथा एसएमएस आते रहते थे। इस मोबाइल के लिए नरसी नामक युवक ने अपने नाम से सिमकार्ड लेकर दे रखा था। जिनके फोन इस नंबर आते थे, उनमें जितेंद्र सिहाग नामक एक युवक भी था, जो श्रीगंगानगर में शेयरों के एक कारोबारी के दफ्तर में काम करता था। पूजा के अपहरण का मुकदमा दर्ज होने के बाद सबसे पहले उसके मोबाइल फोन की कॉल डिटेल निकाली गई। यह फोन पूजा घर में ही छोड़ गई थी। कॉल डिटेल से पता चला कि डेढ़ दर्जन ऐसे नंबर हैं, जिनसे सबसे अधिक कॉलें आई थीं। इन सब नंबरों की पड़ताल करने पर नरसी तथा जितेंद्र सिहाग को गिरफ्तार किया गया। यह दोनों आठ फरवरी के बाद पूजा से मिलने से इंकार करते रहे। अलबत्ता नरसी ने बताया कि आठ फरवरी को पूजा ने किसी नये नंबर से उसे फोन किया तथा गांव से गंगानगर मिलने के लिये बुलाया। उसने इंकार कर दिया। इसके बाद पूजा का फोन नहीं आया।
पुलिस के मुताबिक अब खुलासा हुआ है कि सात-आठ फरवरी की रात को घर से निकलकर पूजा पक्का सहारण के समीप गुरूनानकनगर के अड्डे पर आई, जहां तड़के उसे एक अखबार सप्लाई करने की जीप मिली। इस जीप से बस अड्डे पर पहुंची। उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वह कहां जाये। अड्डे से बाहर आकर वह इधर-उधर गलियों में घूम रही थी, तभी एक टैम्पू चालक की उस पर नजर पड़ गई। टैम्पू चालक ने उसे बातों में लगाया तो पूजा ने अंध विद्यालय चलने के लिए कहा। रास्ते में पूजा ने टैम्पू चालक के मोबाइल फोन से नरसी को कॉल की थी। इतने में टैम्पू चालक समझ गया कि पूजा घर से भागी हुई है। उसने रास्ते में टैम्पू अपना मोबाइल रिचार्ज करने के बहाने से रूकवाया और साईड में जाकर किसी को पूजा के बारे में बताया। बाद में अंध विद्यालय जाते समय टैम्पू चालक से पूछने पर बता दिया कि वहां उसका कोई नहीं रहता। वह तो अंध विद्यालय में रहने के लिए किसी ठिकाने का पता करने जा रही है। चालक ने उसे बताया कि अंध विद्यालय में इस तरह लड़कियों को नहीं रखा जाता। तब असमंजस की स्थिति में देखते हुए टैम्पू चालक ने पूजा को अपने जाल में फांसा और सीधे सेतिया कॉलोनी में अपनी एक परिचित महिला निर्मला (नाम तब्दील) के घर ले गया। इसी निर्मला के घर में पूजा एक महीने से टिकी हुई थी।
पुलिस के अनुसार निर्मला के यहां से बरामद होने के बाद से पूजा उसी के गुण गा रही है। वह अपने मां-बाप के पास जाने से इंकार कर रही है। यही नहीं उसका कथित रूप से यह भी कहना है कि मां-बाप उसे प्रताडि़त करते थे, इसलिए वह घर छोडऩे को मजबूर हुई है। दूसरी तरफ पुलिस अधिकारी निर्मला के चरित्र को संदिग्ध बता रहे हैं। उनका कहना है कि फिलहाल प्राथमिकता पूजा को कल हाईकोर्ट में पेश करने की है। इसके बा निर्मला और टैम्पू चालक की भूमिका की छानबीन की जाएगी। पुलिस ने मुताबिक निर्मला के सेतिया कॉलोनी इलाके में दो मकान है। उसकी एक पुत्री इन दिनों सिरसा के यहां आई हुई थी। निर्मला दिन में पूजा को अपनी पुत्री के साथ दूसरे मकान में रखती थी और रात को सोने के लिए अपने घर बुला लेती थी। पूजा का कहना है कि निर्मला के यहां रहते हुए उसे कोई तकलीफ नहीं हुई। वह उसे बड़े अच्छे-सलीके से अपने पास रख रही थी। यहां तक कि पूजा अब निर्मला को मम्मी कहती है।
पूजा के गायब होने के बाद से हनुमानगढ़ महिला थाना पुलिस का सारा ध्यान श्रीगंगानगर पर केंद्रित था। यहां आने के बाद आठ फरवरी को उसने एक एसटीडीपीसीओ से अपने घर फोन कर खुद के श्रीगंगानगर में होने की जानकारी दी थी। पिछले एक सप्ताह थानाप्रभारी जगदीश हुड्डा और एएसआई लेखराम श्रीगंगानगर में दल-बल सहित डेरा डाले हुए थे। स्थानीय पुलिस का भी सहयोग लिया जा रहा था। पूजा के इश्तिहार पूरे शहर में जारी किये गए। बावजूद इसके किसी को भनक नहीं लग रही थी कि पूजा सेतिया कॉलोनी पुलिस चौकी के समीप के एक मकान में ही रह रही थी।
बम धमाकों-गोलियों से गूंज उठी पुलिस लाईन
श्रीगंगानगर। स्थानीय पुलिस लाईन आज सुबह आतंकी हमले से गूंज उठी। आतंकवादियों ने हमला करते हुए बम छोड़े और अंधाधुंध गोलियां चलाईं। पुलिस की इमरजेंसी रेसक्यू टीम (ईआरटी) ने अदम्य साहस दिखाते हुए आतंकवादियों में से तीन को मार गिराया। इस कार्यवाही में ईआरटी का एक जवान घायल हो गया, जिसे तुरंत एंबुलैंस से अस्पताल पहुंचाया गया।
प्रात: 8 बजे बम धमाकों और गोलियां की आवाजों ने पुलिस लाईन के आसपास रहने वाले लोगों को चांैकाया। लाईन के दोनों मुख्य द्वारों पर काफी भीड़ लग गई। लोग बाउंडरी वाल पर लाईन के मैदान पर हो रही इस मुठभेड़ को देखने के लिए चढ़ गये। दरअसल यह कोई आतंकी हमला नहीं था, बल्कि सिर्फ इसका प्रदर्शन (डैमो) किया गया था। आतंकी हमले से निपटने का यह प्रदर्शन जिला पुलिस के आज से शुरू हुए वार्षिक निरीक्षण का एक हिस्सा था। इसमें स्मोक कैंडल शैल, वैरी लाईट गन से बमों और बंदूकों से खाली कारतूसों का इस्तेमाल किया गया। धुएं से उठते गुब्बार, ईआरटी के पॉजीशन लेते हुए जवान और बमों-गोलियों की आवाजें बिल्कुल आतंकवादियों से मुठभेड़ के दृश्य को जीवंत कर रही थी। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (यातायात) आरएस ढिल्लो ने इस प्रदर्शन को बारीकी से देखा और इसकी खामियों को नोट किया।
आतंकी हमले के बाद बलवईयों (प्रदर्शनकारियों) को खदेडऩे की कार्यवाही का प्रदर्शन किया गया। महंगाई, बेरोजगारी, सिंचाई-पानी आदि के मुद्दों को लेकर प्रदर्शन कर रही भीड़ को पुलिस बल ने उनको चेतावनी दी। भीड़ द्वारा पुतला फूंके जाने के बाद पथराव कर दिये जाने पर मौजूद ड्यूटी मजिस्ट्रेट के निर्देश पर पुलिस की गैस पार्टी ने आंसू गैस के गोले छोड़े और सशस्त्र टुकड़ी ने हवाई फायरिंग किये। भीड़ को तीतर-बीतर करने के लिए लाठी पार्टी ने उनका पीछा किया। इस प्रदर्शन को सफलतापूर्वक संपन्न किया गया। इसकी खामियां भी एडीजीपी ढिल्लो की नजर से बच नहीं पाईं। इन खामियों से उन्होंने पुलिस अधीक्षक तथा अन्य अधिकारियों को अवगत करवाते हुए इसे सुधारने के निर्देश दिये।
प्रदर्शन का अगला हिस्सा क्राईम सीन को प्रस्तुत करने का था, जिसमें पुलिस लाईन स्थित पेट्रोल पंप को लूटने की वारदात को अंजाम दिया गया। मोटरसाइकिल पर सवार दो नकाबपोश पंप कर्मचारी को गोली मारकर लूट ले गए। अपराधियों को पकडऩे के लिए पुलिस पार्टी को उसके पीछे लगाया, जबकि दूसरी पुलिस पार्टी ने मौके पर जांच-पड़ताल की कार्यवाही को पूर्ण किया। घटनास्थल को सुरक्षा घेरे में लेने के बाद घायल पंप कर्मी को एंबुलैंस से अस्पताल भिजवाया गया। अपराधियों के फिंगर एवं फुट प्रिंट उठाने की कार्यवाही एमओबी पार्टी द्वारा की गई। लुटेरों का पता लगाने के लिए डॉग स्कवायड की भी मदद ली गई। मौके की जांच का काम सब इंस्पेक्टर गुरूभूपेंद्रसिंह ने किया। उधर पीछा कर रही पुलिस पार्टी ने लाईन के मैदान में नाकाबंदी के सहयोग से नकाबपोश लुटेरों को धर दबोचा। लुटेरों को पकडऩे की कार्यवाही का नेतृत्व सब इंस्पेक्टर धीरेंद्र शेखावत ने किया। अपराधियों के पकड़े जाने के बाद मौके पर मिले उनके पिस्तौल व मोटरसाइकिल को बिना फोटोग्राफी किये जब्त करने की गलती को एडीजीपी ढिल्लो ने पकड़ा और हिदायत दी कि ऐसी कार्यवाही में मौके की फोटोग्राफी किये बिना किसी वस्तु से छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए।
इस वार्षिक निरीक्षण की शुरूआत प्रात: 7 बजे से सलामी परेड़ से हुई। परेड़ का नेतृत्व पुलिस अधीक्षक उमेशचंद्र दत्ता ने किया। उनके साथ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत और अनूपगढ़ के डीएसपी दशरथसिंह भी थे। यह परेड़ काफी शानदार रही। प्रदर्शनों के बाद एडीजीपी ढिल्लो ने पुलिस लाईन की तमाम शाखाओं- मोटर वाहन, क्वार्टर गार्ड, ट्रेजरी, मालखाना, मैस, वायरलैस सैंटर, पोलनेट रूम, आवासीय भवनों तथा जल सप्लाई व्यवस्थाओं का अवलोकन किया। उन्होंने लाईन में रहने वाले पुलिस कर्मियों की सुविधाओं के लिए इन व्यवस्थाओं में आवश्यक सुधार करने के निर्देश दिये।
प्रात: 8 बजे बम धमाकों और गोलियां की आवाजों ने पुलिस लाईन के आसपास रहने वाले लोगों को चांैकाया। लाईन के दोनों मुख्य द्वारों पर काफी भीड़ लग गई। लोग बाउंडरी वाल पर लाईन के मैदान पर हो रही इस मुठभेड़ को देखने के लिए चढ़ गये। दरअसल यह कोई आतंकी हमला नहीं था, बल्कि सिर्फ इसका प्रदर्शन (डैमो) किया गया था। आतंकी हमले से निपटने का यह प्रदर्शन जिला पुलिस के आज से शुरू हुए वार्षिक निरीक्षण का एक हिस्सा था। इसमें स्मोक कैंडल शैल, वैरी लाईट गन से बमों और बंदूकों से खाली कारतूसों का इस्तेमाल किया गया। धुएं से उठते गुब्बार, ईआरटी के पॉजीशन लेते हुए जवान और बमों-गोलियों की आवाजें बिल्कुल आतंकवादियों से मुठभेड़ के दृश्य को जीवंत कर रही थी। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (यातायात) आरएस ढिल्लो ने इस प्रदर्शन को बारीकी से देखा और इसकी खामियों को नोट किया।
आतंकी हमले के बाद बलवईयों (प्रदर्शनकारियों) को खदेडऩे की कार्यवाही का प्रदर्शन किया गया। महंगाई, बेरोजगारी, सिंचाई-पानी आदि के मुद्दों को लेकर प्रदर्शन कर रही भीड़ को पुलिस बल ने उनको चेतावनी दी। भीड़ द्वारा पुतला फूंके जाने के बाद पथराव कर दिये जाने पर मौजूद ड्यूटी मजिस्ट्रेट के निर्देश पर पुलिस की गैस पार्टी ने आंसू गैस के गोले छोड़े और सशस्त्र टुकड़ी ने हवाई फायरिंग किये। भीड़ को तीतर-बीतर करने के लिए लाठी पार्टी ने उनका पीछा किया। इस प्रदर्शन को सफलतापूर्वक संपन्न किया गया। इसकी खामियां भी एडीजीपी ढिल्लो की नजर से बच नहीं पाईं। इन खामियों से उन्होंने पुलिस अधीक्षक तथा अन्य अधिकारियों को अवगत करवाते हुए इसे सुधारने के निर्देश दिये।
प्रदर्शन का अगला हिस्सा क्राईम सीन को प्रस्तुत करने का था, जिसमें पुलिस लाईन स्थित पेट्रोल पंप को लूटने की वारदात को अंजाम दिया गया। मोटरसाइकिल पर सवार दो नकाबपोश पंप कर्मचारी को गोली मारकर लूट ले गए। अपराधियों को पकडऩे के लिए पुलिस पार्टी को उसके पीछे लगाया, जबकि दूसरी पुलिस पार्टी ने मौके पर जांच-पड़ताल की कार्यवाही को पूर्ण किया। घटनास्थल को सुरक्षा घेरे में लेने के बाद घायल पंप कर्मी को एंबुलैंस से अस्पताल भिजवाया गया। अपराधियों के फिंगर एवं फुट प्रिंट उठाने की कार्यवाही एमओबी पार्टी द्वारा की गई। लुटेरों का पता लगाने के लिए डॉग स्कवायड की भी मदद ली गई। मौके की जांच का काम सब इंस्पेक्टर गुरूभूपेंद्रसिंह ने किया। उधर पीछा कर रही पुलिस पार्टी ने लाईन के मैदान में नाकाबंदी के सहयोग से नकाबपोश लुटेरों को धर दबोचा। लुटेरों को पकडऩे की कार्यवाही का नेतृत्व सब इंस्पेक्टर धीरेंद्र शेखावत ने किया। अपराधियों के पकड़े जाने के बाद मौके पर मिले उनके पिस्तौल व मोटरसाइकिल को बिना फोटोग्राफी किये जब्त करने की गलती को एडीजीपी ढिल्लो ने पकड़ा और हिदायत दी कि ऐसी कार्यवाही में मौके की फोटोग्राफी किये बिना किसी वस्तु से छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए।
इस वार्षिक निरीक्षण की शुरूआत प्रात: 7 बजे से सलामी परेड़ से हुई। परेड़ का नेतृत्व पुलिस अधीक्षक उमेशचंद्र दत्ता ने किया। उनके साथ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत और अनूपगढ़ के डीएसपी दशरथसिंह भी थे। यह परेड़ काफी शानदार रही। प्रदर्शनों के बाद एडीजीपी ढिल्लो ने पुलिस लाईन की तमाम शाखाओं- मोटर वाहन, क्वार्टर गार्ड, ट्रेजरी, मालखाना, मैस, वायरलैस सैंटर, पोलनेट रूम, आवासीय भवनों तथा जल सप्लाई व्यवस्थाओं का अवलोकन किया। उन्होंने लाईन में रहने वाले पुलिस कर्मियों की सुविधाओं के लिए इन व्यवस्थाओं में आवश्यक सुधार करने के निर्देश दिये।
रिश्ते में भाई-बहन लगते प्रेमी युगल ने आत्महत्या की
चूरू। दूर के रिश्ते में बहन-भाई लगते युवक-युवती ने प्रेम संबंध परवान न होते देखकर मौत को गले लगा लिया। युवक ने कीटनाशक दवा पी ली और युवती ने पानी के कुंड में छलांग लगा दी। दोनों के शव मिलने से सनसनी फैल गई और गांव शोक में डूब गया। पुलिस ने गांव में आकर जांच-पड़ताल की और पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिये। आज शाम इनका गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया।
यह घटना चूरू जिले के भालेरी थानांतर्गत बूचास गांव में हुई। भालेरी के थानाप्रभारी महेंद्र कुमार ने बताया कि बुधवार रात को सूचना आई कि बूचास गांव के समीप जंगल-बीहड़ में एक युवक मृत पड़ा है। वहां जाकर जांच करने पर इस युवक की शिनाख्त फूलाराम (25) पुत्र गुरदयाल मेघवाल के रूप में हुई। इसी दौरान पता चला कि गांव की एक लड़की भी गायब है। रातभर तलाश की गई, लेकिन उसका पता नहीं चला। आज सुबह होने पर तलाश पुन: शुरू की गई। लड़की के घर से उसके पांव के निशान नजदीक के एक खेत में बने पानी के कुंड की तरफ जाते हुए दिखाई दिये। कुंड में लड़की की लाश बरामद हुई। यह मृतका 18 वर्षीय लिछमा पुत्री मेघाराम मेघवाल थी।
थानाप्रभारी के अनुसार जांच-पड़ताल में पता चला कि फूलाराम और लिछमा में प्रणय संबंध थे, लेकिन ये दोनों दूर के रिश्ते में चचेरे भाई-बहन भी थे। इनके प्रणय संबंध की भनक करीब 6 महीने पहले परिवारवालों को हो गई, तब इन्हें मिलने-जुलने से रोका जाने लगा था। इससे निराश होकर दोनों ने आत्महत्या कर ली। आज अलग-अलग मरग रिपोर्टें दर्ज की गईं। दोनों के परिवारवालों ने शवों का देर शाम को गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार कर दिया।
यह घटना चूरू जिले के भालेरी थानांतर्गत बूचास गांव में हुई। भालेरी के थानाप्रभारी महेंद्र कुमार ने बताया कि बुधवार रात को सूचना आई कि बूचास गांव के समीप जंगल-बीहड़ में एक युवक मृत पड़ा है। वहां जाकर जांच करने पर इस युवक की शिनाख्त फूलाराम (25) पुत्र गुरदयाल मेघवाल के रूप में हुई। इसी दौरान पता चला कि गांव की एक लड़की भी गायब है। रातभर तलाश की गई, लेकिन उसका पता नहीं चला। आज सुबह होने पर तलाश पुन: शुरू की गई। लड़की के घर से उसके पांव के निशान नजदीक के एक खेत में बने पानी के कुंड की तरफ जाते हुए दिखाई दिये। कुंड में लड़की की लाश बरामद हुई। यह मृतका 18 वर्षीय लिछमा पुत्री मेघाराम मेघवाल थी।
थानाप्रभारी के अनुसार जांच-पड़ताल में पता चला कि फूलाराम और लिछमा में प्रणय संबंध थे, लेकिन ये दोनों दूर के रिश्ते में चचेरे भाई-बहन भी थे। इनके प्रणय संबंध की भनक करीब 6 महीने पहले परिवारवालों को हो गई, तब इन्हें मिलने-जुलने से रोका जाने लगा था। इससे निराश होकर दोनों ने आत्महत्या कर ली। आज अलग-अलग मरग रिपोर्टें दर्ज की गईं। दोनों के परिवारवालों ने शवों का देर शाम को गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार कर दिया।
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