20 जून 2020

ऑनलाइन कांसेप्ट गुरु ने मांगी उत्तर पुस्तिका तो बच्ची ने उठा दिए आटे से सने हाथ

तूड़ी वाले कमरे में हो रही पढ़ाई तो टेलीविजन के हालात खराब

डबवाली(लहू की लौ) विभागीय निर्देशानुसार सरकारी विद्यालयों के अध्यापक घर से पढ़ाओ अभियान के तहत आनलाईन शिक्षा के बाद बच्चों से फोन पर फीडबैक लेने के अलावा घर-घर जाकर होमवर्क चैक भी करते हैं। इसी कड़ी में गांव अबूबशहर में राजकीय कन्या उच्च विद्यालय के अध्यापक कृष्ण कायत व बलौर सिंह भी गांव में जा रहे हैं। यहां लगभग सभी के घर में छोटे-छोटे टेलीविजन हैं और वह भी साफ नहीं चलते हैं। टेलीविजन रखे भी काफी ऊंचाई पर पारंपरिक रूप से बनी सेल्फों पर हैं। जिन घरों में मोबाइल फोन हैं भी तो बच्चों के बड़े भाई या पिता के पास हंै। वे दिहाड़ी मजदूरी करने के लिए जाते हैं फोन साथ ले जाते हैं। बच्चों को फोन देर शाम को ही मिल पाता है। जिन घरों में पढऩे वाले तीन तीन चार चार बच्चे हैं उनके लिए मोबाइल से देख कर काम पूरा करना असंभव हो जाता है।

केस नम्बर-1
पुस्तकें उठाने तूड़ी पर चढ़ गई बेटी
एक अभिभावक फोन करके एजूसेट शिक्षा वाले चैनल न मिलने की मजबूरी जताते हैं इसलिए अध्यापक पहले उनके घर चैनल सैट करने व होमवर्क चैक करने जाते हैं तो पाया कि एक तूड़ी वाले कमरे में ही दो चारपाइयां बिछी है व इतनी भीषण गर्मी में केवल मात्र एक टेबल फैन का सहारा है । एक छोटा सा पुराना टेलीविजन ऊंचाई पर पड़ा है और बहुत ही झिलमिल सी तस्वीरें दिखती हैं जिसमें कि अक्षरों को पढऩा बहुत मुश्किल है । घर में एकमात्र मोबाइल पिता के पास है जो कि मजदूरी करने गए हैं और देर शाम ही वापिस आते हैं । घर में पढऩे वाले चार बच्चे हैं । तीसरी,छटी, आठवीं और दसवीं में पढऩे वाली चारों छात्राएं इन्हीं संसाधनों से पढऩे को मजबूर हैं । अध्यापक ने आठवीं की छात्रा कांता से थोड़े दिन पहले स्कूल से मिली पाठ्यपुस्तकें लाने को कहा ताकि उनमें से होमवर्क दिया जा सके । कांता झट से तूडी को लगी लकड़ी की सीढ़ी पर चढ़ जाती है क्योंकि उसकी किताबें वहां ऊंपर बनी एक शेल्फ पर रखी हुई हैं । गर्मी के ऐसे हालात में जहां सुख से जिंदगी जीना भी मुश्किल है पढ़ाई की बातें करना आसमानी बातें लगता है ।

केस नं 2
मजदूरी मिलेगी तो ही ठीक होगा मोबाइल
अध्यापक एक और घर में पढऩे वाले बच्चों का होमवर्क चैक करने जाते हैं । इस घर में भी चार बच्चे पढऩे वाले हैं । सभी कक्षाओं और विषयों के अध्यापक घर के एकमात्र मोबाइल वाट्सएप पर शिक्षण सामग्री भेज रहे हैं लेकिन मोबाइल की स्क्रीन पर इतने स्क्रैच हैं कि आंखों पर पूरा जोर देना पड़ता है कुछ भी पढऩे के लिए । इस घर में भी एक छोटा सा पुराना टेलीविजन है जिसकी तस्वीरें अति धुंधली और झिलमिल करती सी हैं । सभी बच्चे एक मोबाइल से पढ़ाई नहीं कर सकते इसलिए मजबूरी में अध्यापक अभिभावकों को फोन की स्क्रीन व टेलीविजन ठीक करवाने की सलाह देते हैं । बच्चों का पिता रामकुमार वायदा करता है कि मजदूरी के पैसे मिलने पर इन्हें ठीक करवाने का प्रयास जरूर करूंगा ।

केस नं - 3
कॉपी मांगी तो आटे से सने हाथ उठा दिए
एक गली में जब अध्यापक पहुंचते हैं तो एक घर से सातवीं में पढऩे वाली छोटी बच्ची भूमि भाग कर आती है और खुशी से नमस्ते बुलाती है। अध्यापक ने उसे अपने होमवर्क की कापी चैक करवाने के लिए कहा तो उसने अपने आटे से सने दोनों हाथों को ऊपर उठा कर दिखाया  पूछने पर पता चला कि उसकी मां भी पिता के साथ दिहाड़ी मजदूरी करने खेत में जाती है इसलिए घर में रह गए तीन छोटे बहन भाइयों के लिए उसे खाना बनाना पड़ता है , टेलीविजन देखने का समय नहीं मिलता । बस गनीमत है कि पढऩे में अति रूचि के चलते अपनी आंटी के मोबाइल फोन पर देख कर कुछ न कुछ होमवर्क कर लेती है ।






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