26 नवंबर 2014

नशे को खत्म करना चाहती है चौदह साल की कोमलप्रीत

23 नवंबर को पटियाला में खेलकर नेशनल लेबल पर क्वालिफाई किया


डबवाली (लहू की लौ) पंजाब च नशा बहोत बिकदा है। मेरे पिंड दा वी हाल चंगा नी। नशे दे खातमे लई मैं पंजाब दी पहली महिला डीजीपी बनना चाहुंदी आ। यह कहना है सीबीएसई कलस्टर गेम्स में प्रदेश स्तरीय मुकाबलों में सिल्वर मेडल जितकर नेशनल मुकाबलों के लिये क्वालिफाई करने वाली चौदह वर्षीय कोमलप्रीत कौर का।

पटियाला में हुई प्रतियोगिता
बाल मंदिर सीनियर सैकेंडरी स्कूल की 9वीं कक्षा की इस छात्रा ने 23 नवंबर को पटियाला के बुड्ढा दल पब्लिक स्कूल में संपन्न हुई प्रतियोगिता में जोरदार प्रदर्शन किया। 15.3 सैकेंड में 100 मी. दौड़ पूरी की। दौड़ में दूसरा स्थान प्राप्त करने पर कोमलप्रीत कौर गुजरात में होने वाली राष्ट्रीय स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेगी। मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के गृहक्षेत्र लंबी के तहत आने वाले गांव कखांवाली की रहने वाली कोमप्रीत के पिता दलजीत सिंह भारतीय सेना से लॉस नायक के पद से सेवानिवृत्त हैं। जो अपनी बेटी को बेटों से कम नहीं आंकते। 
पिता की डांट ने पहुंचाया राष्ट्रीय स्तर पर
पिता के कहने पर कोमलप्रीत ने दो माह पहले ही दौड़ शुरू की है। सुबह साढ़े चार बजे से लगातार साढ़े छह बजे तक गांव में दौड़ लगाने लगी। आरंभ में सांस फूलने पर जब पांव डगमगाने लगे तो पिता सहारा बने। कोमलप्रीत के अनुसार ऐसा होने पर पिता ने डांटते, कहते दौड़ो, जल्द दौड़ो। उस समय पापा की डांट पर गुस्सा आता था। आज जब सिल्वर मैडल मिला तो डांट का मतलब समझ में आया। नेशनल क्वालिफाई करने के बाद वे लगातार मेहनत करेगी। सुबह प्रेक्टिस के बाद स्कूल टाईम में प्रेक्टिस। इसके बाद रात को साढ़े 8 से साढ़े 9 बजे तक गांव में प्रेक्टिस करूंगी।
11 सैकेंड में पूरी करूंगी 100 मीटर
छात्रा ने बताया कि दो माह में वह 13 से 14 सैकेंड में 100 मीटर दौड़ लगा लेती है। लेकिन प्रदेश स्तरीय गेम्स में वह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाई। पहले नंबर पर आने वाली लड़की ने 14.7 सैकेंड में 100 मीटर दौड़ पूरी की। उसका लक्ष्य 11 सैकेंड में दौड़ पूरी करने का है। जिसके लिये वह विद्यालय के डीपीई सुखविंद्र सिंह की देखरेख में लगातार मेहनत करेगी और अपनी कमियां दूर करेगी।


अनुशासन को लागू करने का प्रयास
भारतीय सेना में सर्विस के दौरान मिले अनुशासन को अपने बच्चों पर लागू कर रहा हूं। जिसका परिणाम कोमलप्रीत की सफलता के रूप में सामने है। उम्मीद है कि बेटी नेशनल पर अच्छा खेलकर अपने क्षेत्र का नाम रोशन करेगी। अपनी उम्मीदों को पंख लगायेगी।
-दलजीत सिंह (कोमलप्रीत कौर के पिता)

विशेष सुविधाएं देने का प्रयास
स्कूल की बेटी ने पहली बार नेशनल में जगह बनाई है। जिससे स्कूल का नाम रोशन हुआ है। कोमलप्रीत को स्कूल में विशेष सुविधाएं देने के प्रयास किये जाएंगे। ताकि अन्य बच्चे कोमलप्रीत को देखकर बेहतर कर सकें।
-एसके कौशिक प्रिंसीपल

कमियां दूर करने का प्रयास
स्टेट लेबल कंपीटीशन में जो कमियां सामने आई, उसे दूर करने का प्रयास किया जायेगा। नेशनल लेबल के लिये तैयारी शुरू कर दी गई है।
-सुखविंद्र सिंह, डीपीई

कोई टिप्पणी नहीं: