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Lahoo Ki Lau
13 जून 2020
कच्चा आढ़ती एसोसिएशन के पूर्व प्रधान का सनसनीखेज आरोप खरीद एजेंसियों के नाम पर एसोसिएशन ने आढ़तियों से वसूल किए थे 16 लाख रुपये
प्रति बैग 75 पैसे वसूल किया गया था चंदा, मुझे बताया जाए कि किस सरकारी अधिकारी के पास पहुंचा था पैसा और क्यों?
एसोसिएशन के पैसे का दुरुपयोग हो रहा, इसलिए प्रधान गुरदीप कामरा से मांगा हिसाब
डबवाली(लहू की लौ)कच्चा आढ़ती एसोसिएशन के पूर्व प्रधान प्रकाश चंद बांसल ने वर्ष 2017 से लेकर अब तक का हिसाब एसोसिएशन प्रधान गुरदीप कामरा से मांगा है। बांसल के अनुसार वर्ष 2017 में जब प्रधान पद छोड़ा था, उस समय करीब 10-11 लाख रुपये एसोसिएशन फंड का हिसाब प्रधान टेकचंद छाबड़ा को दिया था। वर्ष 2019-20 में गुरदीप कामरा प्रधान बन गए थे। बांसल ने एसोसिएशन के पैसे का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। मांग पत्र में पूछा है कि बताया जाए कि छाबड़ा ने एसोसिएशन का कितना फंड जमा किया था। दो वर्ष के कार्यकाल के दौरान सभी साधनों से एसोसिएशन को कितनी आय हुई थी और खर्च कितना था।पूर्व प्रधान ने एसोसिएशन की कार्यप्रणाली पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप है कि वर्ष 2018-19 में सरकारी एजेंसियों के नाम पर गेहूं खरीदते समय कच्चे आढ़तियों से 75 पैसे प्रति कट्टा वसूल किया गया था। करीब 20 लाख गेहूं के कट्टों के बदले 16 लाख रुपये वसूल किए गए थे। बांसल ने कहा है कि उसे हिसाब दिया जाए कि किस फर्म से पैसे लिए गए तथा किस सरकारी अधिकारी को कितने-कितने पैसे कब-कब दिए गए? पूर्व प्रधान ने बताया कि सरकारी एजेंसियों के नाम पर हुई वसूली के तथ्य मेरे पास मौजूद हैं। उस दौरान मंडी के सभी आढ़तियों ने पैसे नहीं दिए थे। वे करीब एक माह से हिसाब मांग रहे हैं। पंचायती तौर पर मौखिक कहा गया कि हिसाब मिल जाएगा। अगर उन्हें समय पर एसोसिएशन का हिसाब नहीं मिला तो वे मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाएंगे।
एसोसिएशन के करीब सवा सौ सदस्य ऐसे हैं, जो प्रति वर्ष 1500-1500 रुपये देते हैं। दो साल में करीब पौने चार लाख रुपये एसोसिएशन को मिलते हैं। जबकि खर्च बहुत अधिक है। अनाज मंडी में चार चौकीदार तथा एक मुनीम है। प्रति वर्ष खर्च करीब तीन लाख रुपये है। मैं अपनी जेब से खर्च कर रहा हूं। प्रकाश चंद बांसल चुनाव हार गए थे। इसलिए राजनीतिक कारणों के कारण ऐसे आरोप लगा रहे हैं। जल्द एसोसिएशन की बैठक बुलाकर पूरा हिसाब सबके सामने रख दिया जाएगा।
-गुरदीप कामरा, प्रधान कच्चा आढ़ती एसोसिएशन, डबवाली
मैंने अपने कार्यकाल के दौरान किसी आढ़ती से सरकारी खरीद एजेंसी के नाम पर चंदा उगाही नहीं की। प्रकाश चंद बांसल चुनाव हार गए थे। विपक्ष का कार्य आरोप लगाना होता है, जो वे कर रहे हैं।
-टेकचंद छाबड़ा, पूर्व प्रधान
कच्चा आढ़ती एसोसिएशन, डबवाली
गंदगी से घुट रहा दम, हमें इच्छा मृत्यु दे दो
डबवाली(लहू की लौ)गांव चौटाला में अध्यापक पिता-पुत्र टॉयलेट का मल गली में बहा रहे हैं। ऐसे में लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। शुक्रवार को डबवाली पहुंचे ग्रामीणों ने एसडीएम डॉ. विनेश कुमार को शिकायत देते हुए इच्छा मृत्यु मांग ली। ग्रामीण रामकुमार, राजेंद्र, दीपचंद, कृष्ण, राकेश फागोडिया ने बताया कि बदबूदार वातावरण से उनका खाना-पीना, सोना सब हराम हो गया है। भाईचारा न बिगड़े इसलिए चौटाला पुलिस चौकी में शिकायत दर्ज करवाई थी। लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। पूरी गली के लोग तनाव में हैं, कभी भी अप्रिय घटना घटित हो सकती है। घुट-घुटकर मरने से अच्छा है कि हमें इच्छा मृत्यु दे दें या फिर उक्त पिता-पुत्र के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करके न्याय दिलाएं। एसडीएम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बीडीपीओ को कार्रवाई करने के आदेश दिए। बीडीपीओ ने ग्राम सचिव से रिपोर्ट तलब की है।
फर्जी दस्तावेज से जमीन बेचने का झांसा दे 4 लाख ठगे,केस दर्ज
वर्ष 2017 में किया था जमीन का सौदा, इकरारनामा के बाद आरटीजीएस के जरिए आरोपित को दिए गए थे पैसे
डबवाली(लहू की लौ)फर्जी दस्तावेज के आधार पर जमीन बेचने का झांसा देकर चार लाख रुपये ठगने का मामला सामने आया है। शहर थाना पुलिस ने उपमंडल न्यायिक दंडाधिकारी विनय शर्मा की अदालत के आदेश पर गांव मौजगढ़ निवासी सुखदेव सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया है। डबवाली निवासी शिकायतकर्ता संदीप कुमार के अनुसार सुखदेव ने गांव मौजगढ़ में 8 कनाल जमीन का सौदा 3 मई 2017 को 10.25 लाख रुपये में किया था। आरोपित ने खुद को उपरोक्त जमीन का मालिक बताया था। सौदा होने के बाद उसने आरटीजीएस के जरिए 4 लाख रुपये दे दिए। जमीन की रजिस्टरी 3 मई 2018 को तय की गई थी। इसके लिए उसने जमीन पर बैंक का लोन होना बताया था। 1 मई 2018 को उक्त उसके पास आया, वह बोला कि उसने बैंक का लोन नहीं भरा है। जमीन की रजिस्टरी की तारीख 30 नवंबर 2018 तय हो गई। इस संबंधी इकरारनामा के पीछे लिखित हुई थी। इकरारनामा की शर्तों के मुताबिक वह तय तिथि को सब रजिस्ट्रार डबवाली के कार्यालय में पहुंचा था। लेकिन आरोपित नहीं आया।शिकायतकर्ता के अनुसार 17 जुलाई 2019 को वह भूपिंद्र सेठी निवासी डबवाली के साथ आरोपित के पास गया था। उन्हें देखकर आरोपित तैश में आ गया। सुखदेव सिंह ने कहा कि जिस जमीन का इकरारनामा किया है, उसका वह मालिक नहीं है। शिकायतकर्ता के अनुसार वर्ष 2017-18 की नई जमाबंदी व इंतकाल नं. 3773 की नकल ली तो पता चला कि आरोपित सुखदेव जमीन का मालिक ही नहीं है। उपरोक्त जमीन को अपने भाईयों के नाम डिग्री करवा चुका है।
पुलिस ने सुनवाई नहीं की, कहा-अदालत में जाओ
शिकायतकर्ता के अनुसार 25 जुलाई 2019 को शहर थाना डबवाली में शिकायत दर्ज करवाई थी। पुलिस आरोपित को बुलाने की बात करती रही। बाद में कहने लगी कि चुनाव में व्यस्त है। चुनाव के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की। 23 नवंबर 2019 को इस संबंध में एसपी सिरसा के पास शिकायत दर्ज करवाई गई थी। उन्होंने सदर थाना डबवाली के पास कार्रवाई के लिए शिकायत भेज दी थी। लेकिन वहां भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। पुलिस ने साफ कहा कि वह अदालत में चला जाए। आरोपित ने अदालत को बताया कि आरोपित ने साजिश रचकर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उससे चार लाख रुपये की धोखाधड़ी की है। अदालत ने इस्तगासा पर सुनवाई करते हुए पुलिस को केस दर्ज करने के आदेश दिए।
भारी मात्रा में गांजा और प्रतिबंधित नशीली सिरप जब्त
चंडीगढ़ (लहू की लौ) हरियाणा पुलिस द्वारा ड्रग्स और अन्य नशीले पदार्थों की तस्करी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए नूंह जिला से 127 किलो 800 ग्राम गांजा और 4800 बोतल प्रतिबंधित नशीली सिरप जब्त की गई हैं।
हरियाणा पुलिस के प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर एक टीम तैयार करके तहसीलदार के साथ गांव भाजलाका के मकान पर रेड की तो तलाशी लेने पर पुलिस को सात प्लास्टिक बैग में कुल 127 किलो 800 ग्राम गांजा बरामद हुआ। हालांकि, पुलिस को आता देखकर घर के सभी सदस्य भागने में कामयाब रहे।
सभी आरोपियों की पहचान कर ली गई है और उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम को भेजा गया है। जल्द ही सभी सलाखों में होंगे।
एक अन्य मामले में, नूंह में एक पिकअप वाहन से 4800 बोतल प्रतिबंधित नशीली सिरप जब्त करने के बाद पुलिस टीम ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। एक गुप्त सूचना के आधार पर, पुलिस टीम ने सिविल अस्पताल, पुन्हाना रोड़ के पास नाकाबंदी कर होडल की तरफ से आ रहे यूपी रजिस्ट्रेशन नंबर वाले एक वाहन को रोककर तलाशी ली तो उसमें 40 गत्ते की पेटियों में कुल 4800 बोतल नशीली सिरप (वेलसीरेक्स और क्लोरोमाइन फॉस्फेट), जो कि प्रतिबंधित दवा है, बरामद हुई।
पकड़े गए आरोपियों की पहचान उत्तर प्रदेश के जिला मथुरा निवासी के रूप में हुई है।
पुलिस ने गांजा व नशीली दवाई को कब्जे में लेकर इस संबंध में आरोपियों के खिलाफ तावडू और पुन्हाना पुलिस थानों में एनडीपीएस अधिनियम के तहत मामले दर्ज किए हैं और आगे की जांच जारी है।
हरियाणा पुलिस के प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर एक टीम तैयार करके तहसीलदार के साथ गांव भाजलाका के मकान पर रेड की तो तलाशी लेने पर पुलिस को सात प्लास्टिक बैग में कुल 127 किलो 800 ग्राम गांजा बरामद हुआ। हालांकि, पुलिस को आता देखकर घर के सभी सदस्य भागने में कामयाब रहे।
सभी आरोपियों की पहचान कर ली गई है और उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम को भेजा गया है। जल्द ही सभी सलाखों में होंगे।
एक अन्य मामले में, नूंह में एक पिकअप वाहन से 4800 बोतल प्रतिबंधित नशीली सिरप जब्त करने के बाद पुलिस टीम ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। एक गुप्त सूचना के आधार पर, पुलिस टीम ने सिविल अस्पताल, पुन्हाना रोड़ के पास नाकाबंदी कर होडल की तरफ से आ रहे यूपी रजिस्ट्रेशन नंबर वाले एक वाहन को रोककर तलाशी ली तो उसमें 40 गत्ते की पेटियों में कुल 4800 बोतल नशीली सिरप (वेलसीरेक्स और क्लोरोमाइन फॉस्फेट), जो कि प्रतिबंधित दवा है, बरामद हुई।
पकड़े गए आरोपियों की पहचान उत्तर प्रदेश के जिला मथुरा निवासी के रूप में हुई है।
पुलिस ने गांजा व नशीली दवाई को कब्जे में लेकर इस संबंध में आरोपियों के खिलाफ तावडू और पुन्हाना पुलिस थानों में एनडीपीएस अधिनियम के तहत मामले दर्ज किए हैं और आगे की जांच जारी है।
मेरे पर दर्ज हुआ झूठा मामला, पुलिस मामले की जांच करवाए
डबवाली(लहू की लौ)वार्ड नं. 14 निवासी संदीप उर्फ सन्नी ने डीएसपी कार्यालय में सात लोगों के खिलाफ शिकायत दी है। उसका कहना है कि 6-7 जून की रात को समय करीब रात 12 बजे वह अपनी मौसी के घर जा रहा था। रास्ते में उसे भारत ने आवाज दी तो वह रुक गया। भारत तथा उसके साथ आए कुछ लोग उसे जबरदस्ती उठाकर भारत के घर ले गए। वहां उसे पीटने लगे। लोहे की रॉड उसके सिर पर दे मारी। आरोपितों ने मौका पर पुलिस बुला ली। उसके खिलाफ झूठा मुकद्दमा दर्ज करवा दिया। उसे करीब आधा घंटा शहर थाना में रखा गया, तबियत ज्यादा खराब होने पर परिवार वालों को बुलाकर सरकारी अस्पताल में दाखिल करवाया। शिकायतकर्ता के अनुसार पुलिसकर्मी उसका बयान दर्ज कर ले गया था, लेकिन आरोपितों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। सन्नी ने केस नं. 205 की पूर्ण जांच करवाने की मांग की है।
अबूबशहर में गाड़ी चोरी, केस दर्ज
डबवाली(लहू की लौ)गांव अबूबशहर में घर के बाहर खड़ी बोलेरो पिकअप गाड़ी चोरी होने का मामला सामने आया है। गाड़ी मालिक की शिकायत पर चौटाला पुलिस ने केस दर्ज करके आगामी कार्रवाई शुरु कर दी है। गांव अबूबशहर निवासी कर्ण कुमार ने बताया कि उसने सफेद रंग की बोलेरो पिकअप 9 जून को घर के सामने गली में खउ़ी की थी। जिसे रात को अज्ञात व्यक्ति चुरा ले गया।
पीटीआइ ने दिया सांकेतिक धरना, कहा-सरकार सहानुभूति दिखाए, अन्यथा आंदोलन के लिए तैयार रहे
पीटीआइ ने 15 जून से सिरसा में क्रमिक अनशन शुरु करने की चेतावनी दी
डबवाली(लहू की लौ)हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति ने 1983 पीटीआइ अध्यापकों की सेवाएं पुन: बहाल करने की मांग करते हुए डबवाली के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में सांकेतिक धरना दिया। पीटीआइ को एसकेएस हरियाणा, रोड़वेज कर्मचारी यूनियन, आंगनवाड़ी वर्कर यूनियन, भवन निर्माण कामगार, हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ तथा रिटायर्ड कर्मचारी यूनियन का समर्थन मिला। बाद में मुख्यमंत्री तथा उपमुख्यमंत्री हरियाणा के नाम खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी राजकुमार मेहता को ज्ञापन सौंपा गया। धरनारत लोगों ने विधायक अमित सिहाग को भी मांग पत्र सौंपकर न्याय के लिए आवाज़ उठाने की मांग रखी।
आंदोलनकारी समिति ने शिक्षा निदेशालय पर उच्चतम न्यायालय के आदेशों की अवमानना करने का आरोप लगाया है। समिति के अनुसार 1983 पीटीआइ अध्यापकों को पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में नियुक्ति मिली थी। राजनीति का शिकार बनाते हुए नौकरी से निकाला गया है। चूंकि उपरोक्त अध्यापकों की तीन-चार बार पूरी पड़ताल हो चुकी है। कोई कर्मचारी दोषी नहीं पाया गया, न्यायालयों में चले केसों में भी कोई अध्यापक दोषी साबित नहीं हुआ। इसके विपरीत कर्मचारी चयन आयोग द्वारा अपनाई गई भर्ती प्रक्रिया में खामियां उजागर हुई हैं। अध्यापकों ने कहा कि अगर हम दोषी साबित नहीं हुए तो सजा के हकदार कैसे हुए? आयोग की लापरवाही की सजा उन्हें क्यों दी जा रही है। समिति ने कहा कि हरियाणा सरकार 1983 परिवारों के प्रति सहानुभूति व मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए सेवा को पुन: बहाल करके उन्हें सेवा सुरक्षा प्रदान करे। साथ ही समिति ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने उनके हित में कदम नहीं उठाया तो वह आंदोलन के लिए तैयार रहे।
समिति के अनुसार 15 जून से जिला सचिवालय में सभी कर्मचारियों के सहयोग से क्रमिक अनशन शुरू किया जाएगा। इस मौके पर सर्व कर्मचारी संघ के सुभाष ढाल, हरियाणा अध्यापक संघ से गुरमीत सिंह, नानक चंद, कृष्णकांत, कालूराम, रोड़वेज से पृथ्वी सिंह चाहर, आंगनवाड़ी वर्कर यूनियन से वीरपाल कौर, मिड डे मील से राजरानी राज्य उपप्रधान, रिटायर कर्मचारी संघ से मंगल सिंह, पीटीआई अध्यापक संघ से कालूराम, गुरमीत सिंह राज्य उपप्रधान मौजूद थे।
डबवाली(लहू की लौ)हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति ने 1983 पीटीआइ अध्यापकों की सेवाएं पुन: बहाल करने की मांग करते हुए डबवाली के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में सांकेतिक धरना दिया। पीटीआइ को एसकेएस हरियाणा, रोड़वेज कर्मचारी यूनियन, आंगनवाड़ी वर्कर यूनियन, भवन निर्माण कामगार, हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ तथा रिटायर्ड कर्मचारी यूनियन का समर्थन मिला। बाद में मुख्यमंत्री तथा उपमुख्यमंत्री हरियाणा के नाम खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी राजकुमार मेहता को ज्ञापन सौंपा गया। धरनारत लोगों ने विधायक अमित सिहाग को भी मांग पत्र सौंपकर न्याय के लिए आवाज़ उठाने की मांग रखी।
आंदोलनकारी समिति ने शिक्षा निदेशालय पर उच्चतम न्यायालय के आदेशों की अवमानना करने का आरोप लगाया है। समिति के अनुसार 1983 पीटीआइ अध्यापकों को पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में नियुक्ति मिली थी। राजनीति का शिकार बनाते हुए नौकरी से निकाला गया है। चूंकि उपरोक्त अध्यापकों की तीन-चार बार पूरी पड़ताल हो चुकी है। कोई कर्मचारी दोषी नहीं पाया गया, न्यायालयों में चले केसों में भी कोई अध्यापक दोषी साबित नहीं हुआ। इसके विपरीत कर्मचारी चयन आयोग द्वारा अपनाई गई भर्ती प्रक्रिया में खामियां उजागर हुई हैं। अध्यापकों ने कहा कि अगर हम दोषी साबित नहीं हुए तो सजा के हकदार कैसे हुए? आयोग की लापरवाही की सजा उन्हें क्यों दी जा रही है। समिति ने कहा कि हरियाणा सरकार 1983 परिवारों के प्रति सहानुभूति व मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए सेवा को पुन: बहाल करके उन्हें सेवा सुरक्षा प्रदान करे। साथ ही समिति ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने उनके हित में कदम नहीं उठाया तो वह आंदोलन के लिए तैयार रहे।
समिति के अनुसार 15 जून से जिला सचिवालय में सभी कर्मचारियों के सहयोग से क्रमिक अनशन शुरू किया जाएगा। इस मौके पर सर्व कर्मचारी संघ के सुभाष ढाल, हरियाणा अध्यापक संघ से गुरमीत सिंह, नानक चंद, कृष्णकांत, कालूराम, रोड़वेज से पृथ्वी सिंह चाहर, आंगनवाड़ी वर्कर यूनियन से वीरपाल कौर, मिड डे मील से राजरानी राज्य उपप्रधान, रिटायर कर्मचारी संघ से मंगल सिंह, पीटीआई अध्यापक संघ से कालूराम, गुरमीत सिंह राज्य उपप्रधान मौजूद थे।
गलियों के निर्माण के लिए विधायक ने उपायुक्त से की मुलकात
विधायक की उपायक्त से मुलाकात के चलते वार्ड वासियों को बंधी आस
डबवाली(लहू की लौ)हलका डबवाली के विधायक अमित सिहाग ने उपायुक्त सिरसा से मिलकर वार्ड नं. 21 की गलियों का निर्माण करवाने की मांग की है। इन गलियों के निर्माण की मांग काफी समय से वार्ड वासी कर रहे थे। विधानसभा सत्र से पहले विधायक ने उपायुक्त से मिल शहर की विभिन्न गलियों के निर्माण, स्ट्रीट लाइट एवम् कूड़ा प्रबंधन की मांग रखी थी, जिसके चलते अधिकांश गलियों के टेंडर निकाल गलियों के निर्माण कार्य को शुरू करवा दिया गया था। लेकिन उपरोक्त गलियों को तकनीकी खामियों के चलते नहीं बनाया गया था। इनके निर्माण कार्य की फाइल उपायुक्त के कार्यालय में पहुंच गई थी। विधायक ने इस पर संज्ञान लेते हुए उपायुक्त से मुलाकात की। साथ ही इसका समाधान करने की मांग की। उपायुक्त ने विधायक को उपरोक्त गलियों के निर्माण को प्राथमिकता से करवाने के लिए आश्वस्त किया है। विधायक ने शुक्रवार को स्वयं वार्ड में जाकर गलियों का निरीक्षण किया और वार्ड वासियों को गलियों के जल्द निर्माण का विश्वास दिलाया। जिससे वार्ड वासियों को आस बंधी है।
डबवाली(लहू की लौ)हलका डबवाली के विधायक अमित सिहाग ने उपायुक्त सिरसा से मिलकर वार्ड नं. 21 की गलियों का निर्माण करवाने की मांग की है। इन गलियों के निर्माण की मांग काफी समय से वार्ड वासी कर रहे थे। विधानसभा सत्र से पहले विधायक ने उपायुक्त से मिल शहर की विभिन्न गलियों के निर्माण, स्ट्रीट लाइट एवम् कूड़ा प्रबंधन की मांग रखी थी, जिसके चलते अधिकांश गलियों के टेंडर निकाल गलियों के निर्माण कार्य को शुरू करवा दिया गया था। लेकिन उपरोक्त गलियों को तकनीकी खामियों के चलते नहीं बनाया गया था। इनके निर्माण कार्य की फाइल उपायुक्त के कार्यालय में पहुंच गई थी। विधायक ने इस पर संज्ञान लेते हुए उपायुक्त से मुलाकात की। साथ ही इसका समाधान करने की मांग की। उपायुक्त ने विधायक को उपरोक्त गलियों के निर्माण को प्राथमिकता से करवाने के लिए आश्वस्त किया है। विधायक ने शुक्रवार को स्वयं वार्ड में जाकर गलियों का निरीक्षण किया और वार्ड वासियों को गलियों के जल्द निर्माण का विश्वास दिलाया। जिससे वार्ड वासियों को आस बंधी है।कोरोना वायरस संकट की किसी भी स्थिति से निपटने के लिए राज्य पूरी तरह से तैयार
चंडीगढ(लहू की लौ) हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनन्द अरोड़ा ने कहा कि कोरोना वायरस संकट के कारण उत्पन्न होने वाली किसी भी स्थिति से निपटने के लिए राज्य पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि इस वैश्विक महामारी के प्रसार को रोकने और प्रभावी ढंग से इसका मुकाबला करने के लिए समय-समय पर सक्रिय रणनीतियां बनाई जा रही हैं।
मुख्य सचिव ने आज यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोविड-19 के लिए नियुक्त नोडल अधिकारियों और जिला उपायुक्तों के साथ संकट समन्वय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को कोविड-19 के प्रबंधन की तैयारियों में तेजी लाने, टेस्टिंग सुविधा बढ़ाने, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग, क्लिनिकल मैनेजमेंट पर अधिक ध्यान केंद्रित करने, कंटेनमेंट जोन पर कड़ी निगरानी पर जोर देने के साथ-साथ जन-जागरूकता गतिविधियों को बढ़ाने के निर्देश दिए।
उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों का पालन करना अनिवार्य है और इन निर्देशों को सख्ती से लागू किया जाए
मुख्य सचिव ने नियंत्रण क्षेत्रों (कंटेनमेंट जोन) की निगरानी के बारे में संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि अब नियंत्रण क्षेत्र में एंट्री और एग्जि़ट पॉइंट का सीमा निर्धारण करने के साथ साथ कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग और क्लिनिकल प्रबंधन पर प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि कस्बों और गांवों में निगरानी पर अधिक जोर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जन जागरूकता समय की जरूरत है और इसके लिए पंचायतों, रेसिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन और स्वयंसेवकों की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा कि हर अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडरों की उपलब्धता को पांच गुना बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत हो तो कोविड केयर सेंटर में भी ऑक्सीजन सिलेंडर की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। इसके अलावा, अस्पताल में बेड की क्षमता, पीपीई किट की पर्याप्त उपलब्धता और मृत शरीर का प्रबंधन को भी प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी भयावह स्थिति से निपटने के लिए एमबीबीएस, पैरामेडिक और नर्सिंग के अंतिम वर्ष के छात्रों को प्रशिक्षित किया जाए।
मुख्य सचिव ने उपायुक्तों को निर्देश दिए कि गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (एसएआरआई) या इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारियों (आईएलआई) की निगरानी सावधानीपूर्वक की जाए ताकि प्रारंभिक चरण में ही किसी भी संभावित संक्रमण का पता लगाया जा सके।
उन्होंने उपायुक्तों को निर्देश दिए कि वे सूचना प्रौद्योगिकी का अधिकतम उपयोग करें, एक ऐसा तंत्र तैयार करें जिसमें कोविड लक्षण होने वाले किसी भी व्यक्ति को पता होना चाहिए कि उसे कहां जाना है। इसके अलावा, वायरस के फैलाव को रोकने के लिए और व्यापक कदम उठाए जाने चाहिए।
होम आईसोलेशन के संबंध में मुख्य सचिव ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हए कहा कि गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, किसी भी रोगी, जिनमें कोविड-19 के हल्के या पूर्व-लक्षण पाए जाते हैं, उस स्थिति में संक्रमण की श्रंख्ला को तोडऩे के लिए ऐसे रोगियों को तुरंत होम आईसोलेशन में भेजा जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे सभी मामलों में रोगियों के स्वास्थ्य की निगरानी नियमित रूप से इंसिडेंट कमांडरों द्वारा की जानी चाहिए और इस सूचना को निगरानी टीमों के साथ भी साझा किया जाना चाहिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि टीबी, किडनी संबंधी, आदि जैसे पूर्व बीमारियों से पीडि़त लोगों की मॉनिटरिंग पर विशेष ध्यान देने के साथ-साथ प्रत्येक घर की निगरानी के कार्य को जारी रखी जाए।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने कहा कि हरियाणा में वायरस को फैलने से रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम पहले ही उठाए जा चुके हैं और लगातार कठोर रणनीतियां बनाई जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि सभी उपायुक्त प्रदेश में कोविड से निपटान के प्रबंधन की रणनीतियों में और तेजी लाना सुनिश्चित करें और मुख्य रूप से कोरोना मामलों की निगरानी से लेकर इसके उपचार पर अधिक जोर दिया जाए। जन जागरूकता गतिविधियों में तेजी लाने के साथ-साथ यूनिट टीमों के माध्यम से हाई रिस्क वाले मरीजों की पहचान करने के लिए फीडबैक तंत्र विकसित करने पर जोर दिया जाए।
मुख्य सचिव ने आज यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोविड-19 के लिए नियुक्त नोडल अधिकारियों और जिला उपायुक्तों के साथ संकट समन्वय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को कोविड-19 के प्रबंधन की तैयारियों में तेजी लाने, टेस्टिंग सुविधा बढ़ाने, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग, क्लिनिकल मैनेजमेंट पर अधिक ध्यान केंद्रित करने, कंटेनमेंट जोन पर कड़ी निगरानी पर जोर देने के साथ-साथ जन-जागरूकता गतिविधियों को बढ़ाने के निर्देश दिए।
उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों का पालन करना अनिवार्य है और इन निर्देशों को सख्ती से लागू किया जाए
मुख्य सचिव ने नियंत्रण क्षेत्रों (कंटेनमेंट जोन) की निगरानी के बारे में संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि अब नियंत्रण क्षेत्र में एंट्री और एग्जि़ट पॉइंट का सीमा निर्धारण करने के साथ साथ कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग और क्लिनिकल प्रबंधन पर प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि कस्बों और गांवों में निगरानी पर अधिक जोर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जन जागरूकता समय की जरूरत है और इसके लिए पंचायतों, रेसिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन और स्वयंसेवकों की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा कि हर अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडरों की उपलब्धता को पांच गुना बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत हो तो कोविड केयर सेंटर में भी ऑक्सीजन सिलेंडर की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। इसके अलावा, अस्पताल में बेड की क्षमता, पीपीई किट की पर्याप्त उपलब्धता और मृत शरीर का प्रबंधन को भी प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी भयावह स्थिति से निपटने के लिए एमबीबीएस, पैरामेडिक और नर्सिंग के अंतिम वर्ष के छात्रों को प्रशिक्षित किया जाए।
मुख्य सचिव ने उपायुक्तों को निर्देश दिए कि गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (एसएआरआई) या इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारियों (आईएलआई) की निगरानी सावधानीपूर्वक की जाए ताकि प्रारंभिक चरण में ही किसी भी संभावित संक्रमण का पता लगाया जा सके।
उन्होंने उपायुक्तों को निर्देश दिए कि वे सूचना प्रौद्योगिकी का अधिकतम उपयोग करें, एक ऐसा तंत्र तैयार करें जिसमें कोविड लक्षण होने वाले किसी भी व्यक्ति को पता होना चाहिए कि उसे कहां जाना है। इसके अलावा, वायरस के फैलाव को रोकने के लिए और व्यापक कदम उठाए जाने चाहिए।
होम आईसोलेशन के संबंध में मुख्य सचिव ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हए कहा कि गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, किसी भी रोगी, जिनमें कोविड-19 के हल्के या पूर्व-लक्षण पाए जाते हैं, उस स्थिति में संक्रमण की श्रंख्ला को तोडऩे के लिए ऐसे रोगियों को तुरंत होम आईसोलेशन में भेजा जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे सभी मामलों में रोगियों के स्वास्थ्य की निगरानी नियमित रूप से इंसिडेंट कमांडरों द्वारा की जानी चाहिए और इस सूचना को निगरानी टीमों के साथ भी साझा किया जाना चाहिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि टीबी, किडनी संबंधी, आदि जैसे पूर्व बीमारियों से पीडि़त लोगों की मॉनिटरिंग पर विशेष ध्यान देने के साथ-साथ प्रत्येक घर की निगरानी के कार्य को जारी रखी जाए।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने कहा कि हरियाणा में वायरस को फैलने से रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम पहले ही उठाए जा चुके हैं और लगातार कठोर रणनीतियां बनाई जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि सभी उपायुक्त प्रदेश में कोविड से निपटान के प्रबंधन की रणनीतियों में और तेजी लाना सुनिश्चित करें और मुख्य रूप से कोरोना मामलों की निगरानी से लेकर इसके उपचार पर अधिक जोर दिया जाए। जन जागरूकता गतिविधियों में तेजी लाने के साथ-साथ यूनिट टीमों के माध्यम से हाई रिस्क वाले मरीजों की पहचान करने के लिए फीडबैक तंत्र विकसित करने पर जोर दिया जाए।
दो ट्रांसफार्मर से तेल तथा कॉपर चोरी, केस दर्ज
डबवाली(लहू की लौ)गांव चौटाला में ट्रांसफार्मर चोरी होने का मामला सामने आया है। किसान बलराम की शिकायत पर उपमंडल चौटाला के एसडीओ नगिंद्र सिंह ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज करवाया है। शिकायतकर्ता के अनुसार किसान के खेत में 16 केवीए क्षमता का ट्रांसफार्मर स्थापित था। रात को अज्ञात चोर उसमें से कॉपर तथा ऑयल चोरी कर ले गए। जिसकी कीमत करीब 44061 रुपये है। चौटाला गांव में ही ट्रांसफार्मर चोरी का दूसरा मामला सामने आया है। परमेश्वरी देवी के नाम पर खेत में 16केवीए क्षमता का ट्रांसफार्मर लगा हुआ था। 9 जून की रात को अज्ञात चोर उसमें से कॉपर तथा तेल चोरी कर ले गए। नुकसान करीब 44061 रुपये हुआ है। दोनों मामलों में सदर थाना पुलिस ने एसडीओ नागिंद्र सिंह की शिकायत पर केस दर्ज करके आगामी कार्रवाई शुरु कर दी है।
लोहगढ़ में शराब की चलती भट्ठी पकड़ी, 160 लीटर लाहन समेत दो गिरफ्तार
डबवाली(लहू की लौ)सीआइए डबवाली ने गांव लोहगढ़ में छापामारी करके घर में चलती शराब की भट्ठी पकड़ी है। पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार करके मौका से 160 लीटर लाहन तथा चार बोतल शराब बरामद की है। आरोपितों की पहचान लक्ष्मण तथा सुरेंद्र पाल उर्फ छानी के रुप में हुई है। सीआइए के एचसी अशोक कुमार को मुखबरी मिली थी कि गांव लोहगढ़ में लक्ष्मण के घर पर चलती भट्ठी पकड़ी जा सकती है। सूचना पाकर टीम मौका पर पहुंची। पुलिस ने देखा कि एक व्यक्ति चूल्हे में लकड़ी डाल रहा था तो दूसरा बर्तन में पानी बदल रहा था। पुलिस को देखकर दोनों ने भागने की कोशिश की तो पकड़े गए। पुलिस ने 160 लीटर लाहन तथा चार बोतल नजायज शराब बरामद की। लक्ष्मण तथा सुरेंद्रपाल उर्फ छानी के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज करके आगामी कार्रवाई शुरु कर दी है।
इधर देसूजोधा पुलिस के एचसी मनोहर लाल ने गांव देसूजोधा निवासी जसविंद्र सिंह को 10 बोतल शराब समेत गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार मुखबरी मिली थी कि आरोपित बिना परमिट ठेका देसी शराब बेचता है। वह एक कैनी में शराब लेकर घर से निकल चुका है। पुलिस ने उसे रास्ते में पकड़ लिया। कैनी में बरामद शराब का माप किया तो 10 बोतल मिली।
इधर 30 लीटर लाहन बरामद
सदर थाना पुलिस के एचसी सुरेंद्र कुमार ने गांव मांगेआना में छापामारी करके बिंदर सिंह के घर पर नाजायज शराब निकालने के लिए तैयार किया जा रहा 30 लीटर लाहन बरामद किया है। पुलिस के अनुसार आरोपित घर के आंगन में एक कैनी में लाहन तैयार कर रहा था।
इधर देसूजोधा पुलिस के एचसी मनोहर लाल ने गांव देसूजोधा निवासी जसविंद्र सिंह को 10 बोतल शराब समेत गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार मुखबरी मिली थी कि आरोपित बिना परमिट ठेका देसी शराब बेचता है। वह एक कैनी में शराब लेकर घर से निकल चुका है। पुलिस ने उसे रास्ते में पकड़ लिया। कैनी में बरामद शराब का माप किया तो 10 बोतल मिली।
इधर 30 लीटर लाहन बरामद
सदर थाना पुलिस के एचसी सुरेंद्र कुमार ने गांव मांगेआना में छापामारी करके बिंदर सिंह के घर पर नाजायज शराब निकालने के लिए तैयार किया जा रहा 30 लीटर लाहन बरामद किया है। पुलिस के अनुसार आरोपित घर के आंगन में एक कैनी में लाहन तैयार कर रहा था।
12 जून 2020
राजस्थान सीमा से लाइव राजस्थान ने शहरी क्षेत्र में प्रवेश रोका, बाइपास से इंट्री कर सकते हैं हरियाणा-पंजाब के लोग
बाइपास पर पहचान पत्र दिखाकर स्क्रीनिंग के बाद राजस्थान दे रहा प्रवेश
पड़ौसी सूबे के मूल निवासियों को अधिक परेशानी, बाहर जाने के लिए अनुमति जरुरी हुई
डबवाली (लहू की लौ) हरियाणा-पंजाब के लोगों के लिए राजस्थान में इंट्री बैन नहीं है। स्क्रीनिंग के बाद उन्हें प्रवेश दिया जा रहा है। सीमा पर उन्हें पहचान पत्र दिखाना होता है, वे कहां जा रहे हैं, सिर्फ यहीं बताना होता है। पड़ौसी सूबे ने स्थानीय नागरिकों के लिए सीमा सील की है। स्थानीय नागरिक बिना पास राजस्थान से बाहर नहीं जा सकते।
लाइव रिपोर्ट :
हरियाणा के आखिरी छोर पर स्थित गांव चौटाला से करीब चार किलोमीटर की दूरी पर राजस्थान पुलिस ने स्वामी केशवानंद महाविद्यालय ग्रामोत्थान के सामने सीमा सील कर रखी है। किसी को संगरिया शहर में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा। राजस्थान पुलिस के 8-10 जवानों के साथ-साथ भारत स्काऊटस के वॉलंटियर्स योगेश के नेतृत्व में डयूटी कर रहे हैं। हरियाणा, पंजाब के अतिरिक्त राजस्थान के मूल निवासी को भी इस गेट से इंट्री नहीं दी जा रही। लोग राजस्थान के मूल निवासी होने के प्रमाण पत्र तक दिखा रहे हैं, सभी को संगरिया बाइपास के रास्ते से आने के लिए कहा जा रहा है। यह गेट केवल उनके लिए ही खोला जा रहा है, जिनके पास सूबे से बाहर जाने के लिए राजस्थान सरकार की अनुमति है। संगरिया के मूल निवासी हरप्रीत को गेट पर रोका गया है। कार में उसके साथ उसकी पत्नी तथा बच्चा है। तीनों चौटाला से वापिस घर जा रहे हैं। उन्हें आगे नहीं बढऩे दिया जा रहा। बाइक पर पत्नी, बच्चे संग बठिंडा से लौटा संगरिया का रमेश कुमार भी जाम में फंसा हुआ है। उसका कहना है कि वह ससुराल गया था। पंजाब, हरियाणा सीमा क्रॉस करने में मुझे कोई परेशानी नहीं आई। अपने सूबे पहुंचा हूं तो सीमा पर रोक लिया गया। कहते हैं कि संगरिया बाइपास के रास्ते आओ।
राजस्थान से बाहर जाने वालों को परमिशन जरुरी है। अन्य प्रदेशों से आने वालों को शहर की सीमा पर रोका जा रहा है। उन्हें संगरिया बाइपास से आने के लिए कहा जा रहा है। क्योंकि वहां स्क्रीनिंग हो रही है। राजस्थान में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति से पूरी जानकारी जुटाई जा रही है। हां, बसें तो पूरी तरह से बंद हैं।
-अनिल कुमार
(संगरिया शहर की सीमा पर तैनात राजस्थान का अध्यापक)
राजस्थान को सुरक्षित रखने के लिए हम वालंटियर्स सेवारत हैं। हमारा कार्य लोगों को जागरुक करना है। संगरिया शहर के प्रवेश द्वार को बंद किया गया है। यहां से किसी को इंट्री नहीं दी जा रही।
-योगेश कुमार, भारत स्काऊट
हरियाणा सरकार का गुमराह पत्र
प्रदेश में दिव्यांगता की सभी 21 श्रेणियों को नहीं मिल रहा लाभ, सिर्फ प्रचार तक सीमित है मनोहर सरकार
केंद्र सरकार के फैसले के प्रपत्रों पर मोदी-मनोहर लाल की तस्वीर लगा प्रचार कर रहा हरियाणा राज्य का सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग
डबवाली (लहू की लौ) सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग हरियाणा का प्रपत्र दिव्यांगजनों को गुमराह कर रहा है। दिव्यांगजन प्रपत्र के मुताबिक पेंशन के आवेदन करते हैं, लेकिन वे खारिज हो जाते हैं। ऐसा इसलिए कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 प्रदेश में लागू नहीं हुआ है। नियमानुसार केंद्र सरकार ने अधिनियम लागू करके दिव्यांगता की श्रेणियां 7 से बढ़ाकर 21 कर दी हैं। नई श्रेणियों में शामिल दिव्यांगजन लाभ से वंचित हैं। बताया जाता है कि पिछले चार साल से हरियाणा सरकार ने नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है। हालांकि केंद्र सरकार के फैसले पर अपनी छाप लगाकर खूब प्रचार कर रही है। साफ तौर पर इसे गुमराह प्रपत्र कहा जा सकता है। दिव्यांगजन तो परेशान हैं ही, संबंधित विभाग के जिला अधिकारियों के लिए प्रपत्र टेंशन का सबब बना हुआ है। जिला स्तरीय अधिकारी दावा करते हैं कि वे नोटिफिकेशन जारी करवाने के लिए कई बार प्रदेश स्तरीय बैठकों में मुद्दा उठा चुके हैं। लेकिन सरकार के स्तर पर मामला अटका हुआ है।
सीएम विंडो का दरवाजा खटखटाया, नहीं जागी सरकार
डबवाली के वार्ड नं. 10 निवासी सुरिंद्र सिंह, वार्ड नं. 05 निवासी कृष्ण लाल, बाबा रामदेव वाली गली निवासी निमा देवी ने बताया कि सरकार आम लोगों को प्रपत्र के जरिए जानकारी दे रही है कि दिव्यांगजन की 7 श्रेणी को बढ़ाकर 21 कर दिया गया है। जिसमें बौनों को शामिल किया गया है। प्रप्रत्र अनुसार कदम 4 फुट 10 ईंच यानी 147 सेंमी. या होने पर वह बौना भत्ता का हकदार होगा। उन्होंने सीएमओ सिरसा से मेडिकल जांच करवाई थी, वे सरकार के नए नॉमर्स पूरे करते हैं। इसके बाद भत्ता के लिए आवेदन किया था। लेकिन उनका भत्ता रिजेक्ट कर दिया गया कि वे बौना भत्ता पाने के पात्र नहीं है। सीएम विंडो का दरवाजा खटखटाया, इसके बावजूद सरकार नहीं जागी। अधिकारी ने जवाब दिया कि ऐसा कोई नियम नहीं है।
पेंशन बढ़ी पर नए नियम लागू नहीं हुए
हरियाणा सरकार बेशक केंद्र सरकार के फैसले का हरियाणा में खूब प्रचार कर रही हो। खुद पुराने ढर्रे पर चल रही है। हरियाणा के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग अब भी सालों पुराने नियमों पर कार्य कर रहा है। हरियाणा में अब भी दिव्यांगता की सात श्रेणियां मानी जाती हैं। 7वीं श्रेणी बौनापन की है। जिसमें साफ दर्शाया गया है कि 3 फीट 8 ईंच कदम वाले पुरुष तथा 3 फीट 3 ईंच कद वाली महिला को बौना माना जाता है। उसके अनुसार ही उसे पेंशन मिलती है। ताज्जुब की बात यह है कि बौने को प्रदेश सरकार 2000 रुपये मासिक भत्ता दे रही है। जोकि 1 नवंबर 2018 को प्रभावी हुआ था।
केंद्र सरकार के फैसले के प्रपत्रों पर मोदी-मनोहर लाल की तस्वीर लगा प्रचार कर रहा हरियाणा राज्य का सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग
डबवाली (लहू की लौ) सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग हरियाणा का प्रपत्र दिव्यांगजनों को गुमराह कर रहा है। दिव्यांगजन प्रपत्र के मुताबिक पेंशन के आवेदन करते हैं, लेकिन वे खारिज हो जाते हैं। ऐसा इसलिए कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 प्रदेश में लागू नहीं हुआ है। नियमानुसार केंद्र सरकार ने अधिनियम लागू करके दिव्यांगता की श्रेणियां 7 से बढ़ाकर 21 कर दी हैं। नई श्रेणियों में शामिल दिव्यांगजन लाभ से वंचित हैं। बताया जाता है कि पिछले चार साल से हरियाणा सरकार ने नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है। हालांकि केंद्र सरकार के फैसले पर अपनी छाप लगाकर खूब प्रचार कर रही है। साफ तौर पर इसे गुमराह प्रपत्र कहा जा सकता है। दिव्यांगजन तो परेशान हैं ही, संबंधित विभाग के जिला अधिकारियों के लिए प्रपत्र टेंशन का सबब बना हुआ है। जिला स्तरीय अधिकारी दावा करते हैं कि वे नोटिफिकेशन जारी करवाने के लिए कई बार प्रदेश स्तरीय बैठकों में मुद्दा उठा चुके हैं। लेकिन सरकार के स्तर पर मामला अटका हुआ है।
सीएम विंडो का दरवाजा खटखटाया, नहीं जागी सरकार
डबवाली के वार्ड नं. 10 निवासी सुरिंद्र सिंह, वार्ड नं. 05 निवासी कृष्ण लाल, बाबा रामदेव वाली गली निवासी निमा देवी ने बताया कि सरकार आम लोगों को प्रपत्र के जरिए जानकारी दे रही है कि दिव्यांगजन की 7 श्रेणी को बढ़ाकर 21 कर दिया गया है। जिसमें बौनों को शामिल किया गया है। प्रप्रत्र अनुसार कदम 4 फुट 10 ईंच यानी 147 सेंमी. या होने पर वह बौना भत्ता का हकदार होगा। उन्होंने सीएमओ सिरसा से मेडिकल जांच करवाई थी, वे सरकार के नए नॉमर्स पूरे करते हैं। इसके बाद भत्ता के लिए आवेदन किया था। लेकिन उनका भत्ता रिजेक्ट कर दिया गया कि वे बौना भत्ता पाने के पात्र नहीं है। सीएम विंडो का दरवाजा खटखटाया, इसके बावजूद सरकार नहीं जागी। अधिकारी ने जवाब दिया कि ऐसा कोई नियम नहीं है।
पेंशन बढ़ी पर नए नियम लागू नहीं हुए
हरियाणा सरकार बेशक केंद्र सरकार के फैसले का हरियाणा में खूब प्रचार कर रही हो। खुद पुराने ढर्रे पर चल रही है। हरियाणा के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग अब भी सालों पुराने नियमों पर कार्य कर रहा है। हरियाणा में अब भी दिव्यांगता की सात श्रेणियां मानी जाती हैं। 7वीं श्रेणी बौनापन की है। जिसमें साफ दर्शाया गया है कि 3 फीट 8 ईंच कदम वाले पुरुष तथा 3 फीट 3 ईंच कद वाली महिला को बौना माना जाता है। उसके अनुसार ही उसे पेंशन मिलती है। ताज्जुब की बात यह है कि बौने को प्रदेश सरकार 2000 रुपये मासिक भत्ता दे रही है। जोकि 1 नवंबर 2018 को प्रभावी हुआ था।
- दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के तहत दिव्यांगजनों की श्रेणियां 7 से बढ़कर 21 हो गई हैं। यह फैसला केंद्र सरकार का है। अभी हरियाणा में यह लागू नहीं हुआ है। हां, हम इसका प्रचार जरुर कर रहे हैं। विशेष बच्चों के सेमिनार में स्पैशल टीचर अभिभावकों को बता रहे हैं। जब लोग उस अनुसार आवेदन करते हैं, तो हम उन्हें लाभ नहीं दे पा रहे। इस मुद्दे पर कई बार डिसकस हो चुकी है। सरकार ने नोटिफिकेशन जारी करनी है।
- -नरेश बत्तरा, जिला समाज कल्याण अधिकारी, सिरसा
महामारी से लडऩे की बजाए प्रचार का भोंपू बजा रही है बीजेपी- भूपेंद्र सिंह हुड्डा
प्रदेश में चल रही है घोटालों और यूटर्न की सरकार, अंदरूनी समन्वय का है अभाव- हुड्डा
सिरसा (लहू की लौ) पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गांव गुडियाखेड़ा में किसानों से मुलाक़ात कर उनकी समस्याओं को सुना। इस मौक़े पर उन्होंने वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ. केवी सिंह द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।
मीडिया से बातचीत में नेता प्रतिपक्ष ने बीजेपी की तरफ से प्रदेशभर 14 से 17 जून तक होने वाली राजनीतिक रैलियों पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि ये समय महामारी से लडऩे का है, ना कि प्रचार का भोंपू बजाने का। अगर इस लड़ाई में सरकार ने लापरवाही बरती तो हरियाणा में भी दिल्ली या मुम्बई जैसे हालात हो सकते हैं। क्योंकि प्रदेश में रोज़ 300 से 400 कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं। सरकार अपनी पीठ थपथपाने और बीमारी को राजनीतिक इवेंट बनाने की बजाय, स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान दे। आज राजनीति से ऊपर उठकर काम करने का समय चाहे सरकार हो या विपक्ष।
हुड्डा ने कहा कि रू॥्र की गाइडलाइनंस में ऐसे तमाम राजनीतिक, सामाजिक समारोहों, सेमिनार और बैठकों पर रोक है जिनमें भीड़ जुटने की संभावना है। बावजूद इसके बीजेपी सैंकड़ों लोगों को इक_ा करके उनकी जान से खिलवाड़ करना चाहती है। अगर बीजेपी के पास ख़र्च करने के लिए इतना ही धन है तो उसे कोरोना की लड़ाई में इस्तेमाल करना चाहिए, ना कि वर्चुअल रैलियों में। अपनी उपलब्धियां गिनवाने से पहले सरकार को अपनी विफलताओं पर भी नजऱ डाल लेनी चाहिए।
आज प्रदेश के युवा देश में बेरोजग़ारी की मार झेल रहे हैं। बरसों से भर्तियां लटकी पड़ी हैं और उनकी ज्वाइनिंग नहीं करवाई जा रही है। स्वास्थ्य महकमें में कॉन्ट्रेक्ट पर लगे हज़ारों लोगों को नौकरी से निकाला जा रहा है। धान, सरसों, मीटर, चना खऱीद और शराब की अवैध बिक्री जैसे घोटाले हो रहे हैं। सरकार उनकी जांच करवाने की बजाए, उनपर पर्दा डाल रही है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि ये सिफऱ् विफलताओं, घोटालों और यूटर्न की सरकार बनकर रह गई है। अगर हम सरकार की विफलताएं गिनवाने के लिए रैलियां करेंगे तो लाखों लोगों की भीड़ जुटेगी। लेकिन ये समय राजनीतिक टकराव की बजाए आपसी सहयोग का है। जब हम सब मिलकर इस महामारी को हरा देंगे तो उसके बाद राजनीतिक कार्यक्रम भी होते रहेंगे। फिलहाल किसी भी तरह की राजनीतिक इवेंटबाज़ी करना ग़लत है।
इस वक्त सरकार को लोगों की जान और उनके रोजग़ार की सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए। उसे किसानों को सुविधाएं और रियायतें देने पर ज़ोर देना चाहिए। लेकिन सरकार इसके उल्ट किसानों पर रोज़ कोई ना कोई पाबंदी थोप देती है। पिछले दिनों किसानों की मांग के आगे झुकते हुए सरकार ने धान पर लगाई पाबंदी को तो हटाया लेकिन वो अभी भी पंचायती ज़मीन पर रोक हटाने के लिए तैयार नहीं है। ऊपर से धान किसानों पर अप्रत्यक्ष मार मारने के लिए नई राईस शूट पॉलिसी भी लेकर आई है। राईस शूट के रेट को 150 रुपये से बढ़ाकर सीधे 300 रुपये कर दिया है। पॉलिसी की मंशा पुराने लाभार्थी किसानों को बरसाती मोगे की सप्लाई बंद करके, उन्हें ट्यूबवैल के सहारे छोडऩे की लगती है। सरकार को कोरोना काल में किसानों के साथ नए-नए प्रयोग बंद करने चाहिए। उसे पुरानी नीति पर ही आगे बढऩा चाहिए। अगर कोई नया किसान मोगे की सप्लाई के लिए अप्लाई करता है तो उसके लिए सप्लाई सुनिश्चित करनी चाहिए। भूजल संरक्षण के लिए किसानों पर पाबंदी लगाने की बजाए दादूपुर नलवी नहर परियोजना को फिर से शुरू करना चाहिए। ओटू झील,रिचार्ज बोर,ड्रेन और तालाबों की खुदाई करवानी चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री ने राशन कार्ड धारकों की समस्या पर भी ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि हमने सरकार से पीले राशन कार्ड धारकों के साथ, ग्रीन राशन कार्ड धारकों को भी राशन देने की अपील की थी। लेकिन आज भी उन लोगों को राशन नहीं मिल पा रहा है। खाकी (ह्रक्क॥) राशनकार्डों के लिए चीनी और सरसों का तेल आजतक किसी डिपो पर नहीं आए। यहां तक कि डिपो होल्डर्स के कमीशन का भुगतान भी कई महीने से लटका हुआ है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश, डबवाली से विधायक अमित सिहाग, पूर्व विधायक प्रह्लाद सिंह गिल्लाखेड़ा, रामनिवास घोड़ेला, होशियारी लाल शर्मा, डॉ सुशील इन्दौरा, भरत सिंह बेनीवाल, नवीन केडिया, मा. दलीप, रवि शर्मा, मोहन खत्री समेत कई नेता मौजूद थे।
सिरसा (लहू की लौ) पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गांव गुडियाखेड़ा में किसानों से मुलाक़ात कर उनकी समस्याओं को सुना। इस मौक़े पर उन्होंने वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ. केवी सिंह द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।
मीडिया से बातचीत में नेता प्रतिपक्ष ने बीजेपी की तरफ से प्रदेशभर 14 से 17 जून तक होने वाली राजनीतिक रैलियों पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि ये समय महामारी से लडऩे का है, ना कि प्रचार का भोंपू बजाने का। अगर इस लड़ाई में सरकार ने लापरवाही बरती तो हरियाणा में भी दिल्ली या मुम्बई जैसे हालात हो सकते हैं। क्योंकि प्रदेश में रोज़ 300 से 400 कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं। सरकार अपनी पीठ थपथपाने और बीमारी को राजनीतिक इवेंट बनाने की बजाय, स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान दे। आज राजनीति से ऊपर उठकर काम करने का समय चाहे सरकार हो या विपक्ष।हुड्डा ने कहा कि रू॥्र की गाइडलाइनंस में ऐसे तमाम राजनीतिक, सामाजिक समारोहों, सेमिनार और बैठकों पर रोक है जिनमें भीड़ जुटने की संभावना है। बावजूद इसके बीजेपी सैंकड़ों लोगों को इक_ा करके उनकी जान से खिलवाड़ करना चाहती है। अगर बीजेपी के पास ख़र्च करने के लिए इतना ही धन है तो उसे कोरोना की लड़ाई में इस्तेमाल करना चाहिए, ना कि वर्चुअल रैलियों में। अपनी उपलब्धियां गिनवाने से पहले सरकार को अपनी विफलताओं पर भी नजऱ डाल लेनी चाहिए।
आज प्रदेश के युवा देश में बेरोजग़ारी की मार झेल रहे हैं। बरसों से भर्तियां लटकी पड़ी हैं और उनकी ज्वाइनिंग नहीं करवाई जा रही है। स्वास्थ्य महकमें में कॉन्ट्रेक्ट पर लगे हज़ारों लोगों को नौकरी से निकाला जा रहा है। धान, सरसों, मीटर, चना खऱीद और शराब की अवैध बिक्री जैसे घोटाले हो रहे हैं। सरकार उनकी जांच करवाने की बजाए, उनपर पर्दा डाल रही है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि ये सिफऱ् विफलताओं, घोटालों और यूटर्न की सरकार बनकर रह गई है। अगर हम सरकार की विफलताएं गिनवाने के लिए रैलियां करेंगे तो लाखों लोगों की भीड़ जुटेगी। लेकिन ये समय राजनीतिक टकराव की बजाए आपसी सहयोग का है। जब हम सब मिलकर इस महामारी को हरा देंगे तो उसके बाद राजनीतिक कार्यक्रम भी होते रहेंगे। फिलहाल किसी भी तरह की राजनीतिक इवेंटबाज़ी करना ग़लत है।
इस वक्त सरकार को लोगों की जान और उनके रोजग़ार की सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए। उसे किसानों को सुविधाएं और रियायतें देने पर ज़ोर देना चाहिए। लेकिन सरकार इसके उल्ट किसानों पर रोज़ कोई ना कोई पाबंदी थोप देती है। पिछले दिनों किसानों की मांग के आगे झुकते हुए सरकार ने धान पर लगाई पाबंदी को तो हटाया लेकिन वो अभी भी पंचायती ज़मीन पर रोक हटाने के लिए तैयार नहीं है। ऊपर से धान किसानों पर अप्रत्यक्ष मार मारने के लिए नई राईस शूट पॉलिसी भी लेकर आई है। राईस शूट के रेट को 150 रुपये से बढ़ाकर सीधे 300 रुपये कर दिया है। पॉलिसी की मंशा पुराने लाभार्थी किसानों को बरसाती मोगे की सप्लाई बंद करके, उन्हें ट्यूबवैल के सहारे छोडऩे की लगती है। सरकार को कोरोना काल में किसानों के साथ नए-नए प्रयोग बंद करने चाहिए। उसे पुरानी नीति पर ही आगे बढऩा चाहिए। अगर कोई नया किसान मोगे की सप्लाई के लिए अप्लाई करता है तो उसके लिए सप्लाई सुनिश्चित करनी चाहिए। भूजल संरक्षण के लिए किसानों पर पाबंदी लगाने की बजाए दादूपुर नलवी नहर परियोजना को फिर से शुरू करना चाहिए। ओटू झील,रिचार्ज बोर,ड्रेन और तालाबों की खुदाई करवानी चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री ने राशन कार्ड धारकों की समस्या पर भी ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि हमने सरकार से पीले राशन कार्ड धारकों के साथ, ग्रीन राशन कार्ड धारकों को भी राशन देने की अपील की थी। लेकिन आज भी उन लोगों को राशन नहीं मिल पा रहा है। खाकी (ह्रक्क॥) राशनकार्डों के लिए चीनी और सरसों का तेल आजतक किसी डिपो पर नहीं आए। यहां तक कि डिपो होल्डर्स के कमीशन का भुगतान भी कई महीने से लटका हुआ है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश, डबवाली से विधायक अमित सिहाग, पूर्व विधायक प्रह्लाद सिंह गिल्लाखेड़ा, रामनिवास घोड़ेला, होशियारी लाल शर्मा, डॉ सुशील इन्दौरा, भरत सिंह बेनीवाल, नवीन केडिया, मा. दलीप, रवि शर्मा, मोहन खत्री समेत कई नेता मौजूद थे।
महिला बैंककर्मी से क्लर्क ने की मारपीट
संगरिया (लहू की लौ) केंद्रीय सहकारी बैंक नई धान मंडी ब्रांच में कार्यरत महिला बैंककर्मी की इसी बैंक के क्लर्क ने भोजनावकाश दौरान मारपीट हो गई। सिर में आई चोट से खून बहने लगा तो अन्य कर्मचारियों ने बीच बचाव किया। बैंक की महिला सहायक कर्मचारी गांव नाथवाना निवासी पार्वती स्वामी ने पुलिस को दिए परिवाद में बताया कि गुरुवार दोपहर लंच टाइम में वो खाना खाने के बाद सेफरुम में आराम कर रही थी। करीब पौने तीन बजे बैंक क्लर्क कमल किशोर आया और बाल पकड़कर खींचते हुए मारपीट की। अल्मारी से पटककर थापा-मुक्की व गाली गलौज की व जान से मारने की धमकी दी। शोर मचाने पर कर्मचारियों शकुंतला व साजन सिंह ने छुड़वाया। उसके सिर में चोट आई। मौके पर बैंक कर्मी यूनियन पदाधिकारी जितेंद्र व अन्य पहुंचे।
विदेश जाने का चाहवान हो रहे हैं ठग्गी के शिकार, विदेश भेजने का झांसा देकर 6 लाख रुपये ठगे
बठिंडा(लहू की लौ)लोग कबूतरबाजों के पंजे में फंसते जा रहा है, लेकिन सरकार व जिला प्रशासन की ओर से इन कबूतरबाजों के पंख कुतरने के लिए कोई सख्त कदम नहीं उठाया जा रहा। विदेश जाने के जुनून में युवा और उनके घरवाले अपनी जमापूंजी तक लुटा रहे हैं। लेकिन उन्हें विदेश भेजने के नाम पर सिर्फ धोखा मिलता है। इतना ही नहीं अवैध तरीके से विदेश जाने के चक्कर में कई युवाओं को जान भी गंवानी पड़ी है। बठिंडा में कुछ ही ट्रेवल एजेंट है जो पंजीकृत है। कैप्टन सरकार ने ऐलान किया था कि अवैध ट्रेवल एजेंटों पर शिकंजा कसा जाएगा। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने फर्जी एजेंटों के बारे में ब्लू प्रिंट तैयार करने व फॉरेन इंप्लॉयमेंट ब्यूरो खोलने के भी आदेश दिए थे। लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद यह गोरखधंधा रुकने का नाम नहीं ले रहा और ठगी का सिलसिला जारी है। अब ताजा मामला बठिंडा का है जहां विदेश भेजने के नाम पर लाखों रुपये की ठग्गी मारने के आरोप में थाना रामा पुलिस ने वीरपाल कौर पत्नी गुरबचन सिंह निवासी रामा के बयानों पर जगप्रीत सिंह पुत्र कश्मीर सिंह, कुलदीप कौर पत्नी जगप्रीत सिंह निवासी प्रताप नगर बठिंडा,बूटा सिंह पुत्र हजूरा सिंह,बेअंत सिंह, गुरबंत सिंह पुत्र बूटा सिंह,जसविंदर कौर पत्नी बूटा सिंह निवासी घुद्दा, गुरलाल सिंह निवासी बहादजगढ़ जंडिया के खिलाफ धारा 420, के तहत मामला दर्ज किया है। प्राप्त जानकारी अनुसार शिकायतकर्ता वीरपाल कौर ने पुलिस को अपने ब्यानों में बताया कि उक्त व्यक्तियों ने उसे सिंगापुर भेजने का झांसा देकर 6 लाख रुपये की ठग्गी मार ली। जिसके बाद पुलीस द्वारा उक्त मामले की लंबी तफ्तीश के बाद उक्त आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी।
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