12 जून 2020

हरियाणा सरकार का गुमराह पत्र

प्रदेश में दिव्यांगता की सभी 21 श्रेणियों को नहीं मिल रहा लाभ, सिर्फ प्रचार तक सीमित है मनोहर सरकार

केंद्र सरकार के फैसले के प्रपत्रों पर मोदी-मनोहर लाल की तस्वीर लगा प्रचार कर रहा हरियाणा राज्य का सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग


डबवाली (लहू की लौ) सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग हरियाणा का प्रपत्र दिव्यांगजनों को गुमराह कर रहा है। दिव्यांगजन प्रपत्र के मुताबिक पेंशन के आवेदन करते हैं, लेकिन वे खारिज हो जाते हैं। ऐसा इसलिए कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 प्रदेश में लागू नहीं हुआ है। नियमानुसार केंद्र सरकार ने अधिनियम लागू करके दिव्यांगता की श्रेणियां 7 से बढ़ाकर 21 कर दी हैं। नई श्रेणियों में शामिल दिव्यांगजन लाभ से वंचित हैं। बताया जाता है कि पिछले चार साल से हरियाणा सरकार ने नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है। हालांकि केंद्र सरकार के फैसले पर अपनी छाप लगाकर खूब प्रचार कर रही है। साफ तौर पर इसे गुमराह प्रपत्र कहा जा सकता है। दिव्यांगजन तो परेशान हैं ही, संबंधित विभाग के जिला अधिकारियों के लिए प्रपत्र टेंशन का सबब बना हुआ है। जिला स्तरीय अधिकारी दावा करते हैं कि वे नोटिफिकेशन जारी करवाने के लिए कई बार प्रदेश स्तरीय बैठकों में मुद्दा उठा चुके हैं। लेकिन सरकार के स्तर पर मामला अटका हुआ है।

सीएम विंडो का दरवाजा खटखटाया, नहीं जागी सरकार 
डबवाली के वार्ड नं. 10 निवासी सुरिंद्र सिंह, वार्ड नं. 05 निवासी कृष्ण लाल, बाबा रामदेव वाली गली निवासी निमा देवी ने बताया कि सरकार आम लोगों को प्रपत्र के जरिए जानकारी दे रही है कि दिव्यांगजन की 7 श्रेणी को बढ़ाकर 21 कर दिया गया है। जिसमें बौनों को शामिल किया गया है। प्रप्रत्र अनुसार कदम 4 फुट 10 ईंच यानी 147 सेंमी. या होने पर वह बौना भत्ता का हकदार होगा। उन्होंने सीएमओ सिरसा से मेडिकल जांच करवाई थी, वे सरकार के नए नॉमर्स पूरे करते हैं। इसके बाद भत्ता के लिए आवेदन किया था। लेकिन उनका भत्ता रिजेक्ट कर दिया गया कि वे बौना भत्ता पाने के पात्र नहीं है। सीएम विंडो का दरवाजा खटखटाया, इसके बावजूद सरकार नहीं जागी। अधिकारी ने जवाब दिया कि ऐसा कोई नियम नहीं है।


पेंशन बढ़ी पर नए नियम लागू नहीं हुए
हरियाणा सरकार बेशक केंद्र सरकार के फैसले का हरियाणा में खूब प्रचार कर रही हो। खुद पुराने ढर्रे पर चल रही है। हरियाणा के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग अब भी सालों पुराने नियमों पर कार्य कर रहा है। हरियाणा में अब भी दिव्यांगता की सात श्रेणियां मानी जाती हैं। 7वीं श्रेणी बौनापन की है। जिसमें साफ दर्शाया गया है कि 3 फीट 8 ईंच कदम वाले पुरुष तथा 3 फीट 3 ईंच कद वाली महिला को बौना माना जाता है। उसके अनुसार ही उसे पेंशन मिलती है। ताज्जुब की बात यह है कि बौने को प्रदेश सरकार 2000 रुपये मासिक भत्ता दे रही है। जोकि 1 नवंबर 2018 को प्रभावी हुआ था।
  • दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के तहत दिव्यांगजनों की श्रेणियां 7 से बढ़कर 21 हो गई हैं। यह फैसला केंद्र सरकार का है। अभी हरियाणा में यह लागू नहीं हुआ है। हां, हम इसका प्रचार जरुर कर रहे हैं। विशेष बच्चों के सेमिनार में स्पैशल टीचर अभिभावकों को बता रहे हैं। जब लोग उस अनुसार आवेदन करते हैं, तो हम उन्हें लाभ नहीं दे पा रहे। इस मुद्दे पर कई बार डिसकस हो चुकी है। सरकार ने नोटिफिकेशन जारी करनी है।
  • -नरेश बत्तरा, जिला समाज कल्याण अधिकारी, सिरसा

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