12 जून 2020

महामारी से लडऩे की बजाए प्रचार का भोंपू बजा रही है बीजेपी- भूपेंद्र सिंह हुड्डा

प्रदेश में चल रही है घोटालों और यूटर्न की सरकार, अंदरूनी समन्वय का है अभाव- हुड्डा
सिरसा (लहू की लौ) पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गांव गुडियाखेड़ा में किसानों से मुलाक़ात कर उनकी समस्याओं को सुना। इस मौक़े पर उन्होंने वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ. केवी सिंह द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।
मीडिया से बातचीत में नेता प्रतिपक्ष ने बीजेपी की तरफ से प्रदेशभर 14 से 17 जून तक होने वाली राजनीतिक रैलियों पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि ये समय महामारी से लडऩे का है, ना कि प्रचार का भोंपू बजाने का। अगर इस लड़ाई में सरकार ने लापरवाही बरती तो हरियाणा में भी दिल्ली या मुम्बई जैसे हालात हो सकते हैं। क्योंकि प्रदेश में रोज़ 300 से 400 कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं। सरकार अपनी पीठ थपथपाने और बीमारी को राजनीतिक इवेंट बनाने की बजाय, स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान दे। आज राजनीति से ऊपर उठकर काम करने का समय चाहे सरकार हो या विपक्ष।
हुड्डा ने कहा कि रू॥्र की गाइडलाइनंस में ऐसे तमाम राजनीतिक, सामाजिक समारोहों, सेमिनार और बैठकों पर रोक है जिनमें भीड़ जुटने की संभावना है। बावजूद इसके बीजेपी सैंकड़ों लोगों को इक_ा करके उनकी जान से खिलवाड़ करना चाहती है। अगर बीजेपी के पास ख़र्च करने के लिए इतना ही धन है तो उसे कोरोना की लड़ाई में इस्तेमाल करना चाहिए, ना कि वर्चुअल रैलियों में। अपनी उपलब्धियां गिनवाने से पहले सरकार को अपनी विफलताओं पर भी नजऱ डाल लेनी चाहिए।
आज प्रदेश के युवा देश में बेरोजग़ारी की मार झेल रहे हैं। बरसों से भर्तियां लटकी पड़ी हैं और उनकी ज्वाइनिंग नहीं करवाई जा रही है। स्वास्थ्य महकमें में कॉन्ट्रेक्ट पर लगे हज़ारों लोगों को नौकरी से निकाला जा रहा है। धान, सरसों, मीटर, चना खऱीद और शराब की अवैध बिक्री जैसे घोटाले हो रहे हैं। सरकार उनकी जांच करवाने की बजाए, उनपर पर्दा डाल रही है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि ये सिफऱ् विफलताओं, घोटालों और यूटर्न की सरकार बनकर रह गई है। अगर हम सरकार की विफलताएं गिनवाने के लिए रैलियां करेंगे तो लाखों लोगों की भीड़ जुटेगी। लेकिन ये समय राजनीतिक टकराव की बजाए आपसी सहयोग का है। जब हम सब मिलकर इस महामारी को हरा देंगे तो उसके बाद राजनीतिक कार्यक्रम भी होते रहेंगे। फिलहाल किसी भी तरह की राजनीतिक इवेंटबाज़ी करना ग़लत है।
इस वक्त सरकार को लोगों की जान और उनके रोजग़ार की सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए। उसे किसानों को सुविधाएं और रियायतें देने पर ज़ोर देना चाहिए। लेकिन सरकार इसके उल्ट किसानों पर रोज़ कोई ना कोई पाबंदी थोप देती है। पिछले दिनों किसानों की मांग के आगे झुकते हुए सरकार ने धान पर लगाई पाबंदी को तो हटाया लेकिन वो अभी भी पंचायती ज़मीन पर रोक हटाने के लिए तैयार नहीं है। ऊपर से धान किसानों पर अप्रत्यक्ष मार मारने के लिए नई राईस शूट पॉलिसी भी लेकर आई है। राईस शूट के रेट को 150 रुपये से बढ़ाकर सीधे 300 रुपये कर दिया है। पॉलिसी की मंशा पुराने लाभार्थी किसानों को बरसाती मोगे की सप्लाई बंद करके, उन्हें ट्यूबवैल के सहारे छोडऩे की लगती है। सरकार को कोरोना काल में किसानों के साथ नए-नए प्रयोग बंद करने चाहिए। उसे पुरानी नीति पर ही आगे बढऩा चाहिए। अगर कोई नया किसान मोगे की सप्लाई के लिए अप्लाई करता है तो उसके लिए सप्लाई सुनिश्चित करनी चाहिए। भूजल संरक्षण के लिए किसानों पर पाबंदी लगाने की बजाए दादूपुर नलवी नहर परियोजना को फिर से शुरू करना चाहिए। ओटू झील,रिचार्ज बोर,ड्रेन और तालाबों की खुदाई करवानी चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री ने राशन कार्ड धारकों की समस्या पर भी ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि हमने सरकार से पीले राशन कार्ड धारकों के साथ, ग्रीन राशन कार्ड धारकों को भी राशन देने की अपील की थी। लेकिन आज भी उन लोगों को राशन नहीं मिल पा रहा है। खाकी (ह्रक्क॥) राशनकार्डों के लिए चीनी और सरसों का तेल आजतक किसी डिपो पर नहीं आए। यहां तक कि डिपो होल्डर्स के कमीशन का भुगतान भी कई महीने से लटका हुआ है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश, डबवाली से विधायक अमित सिहाग, पूर्व विधायक प्रह्लाद सिंह गिल्लाखेड़ा, रामनिवास घोड़ेला, होशियारी लाल शर्मा, डॉ सुशील इन्दौरा, भरत सिंह बेनीवाल, नवीन केडिया, मा. दलीप, रवि शर्मा, मोहन खत्री समेत कई नेता मौजूद थे।

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