Adsense

Lahoo Ki Lau

युवा दिलों की धड़कन, जन जागृति का दर्पण, निष्पक्ष एवं निर्भिक समाचार पत्र

06 सितंबर 2010

LAHOOKILAU: हाथ से लिखा गुरूग्रंथ साहिब#links#links

LAHOOKILAU: हाथ से लिखा गुरूग्रंथ साहिब#links#links

हाथ से लिखा गुरूग्रंथ साहिब

डबवाली (लहू की लौ) जब किसी व्यक्ति के सिर पर कोई धुन सवार हो जाती है, तो वह निर्धारित लक्ष्य को पूरा करके ही दम लेता है। ऐसा ही एक व्यक्ति डबवाली में है। जिसने चार वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद श्री गुरूग्रंथ साहिब को अपने हाथों से लिखकर अपने दिल में उतारा। हरियाणा में इस प्रकार का काम करने वाला यह व्यक्ति पहला शख्स है।
डबवाली में वर्कशॉप चलाने वाले गुरमीत सिंह (54) पुत्र रिछपाल सिंह ने विशेष बातचीत में बताया कि उनका परिवार प्रारंभ से ही गुरू सिक्ख परिवार है। सिक्ख धर्म में उनकी आगाध श्रद्धा है। 1947 में हुए भारत-पाकिस्तान बंटवारे के दौरान उनका परिवार पाकिस्तान के सियालकोट को छोड़कर भारत में आ गया और तभी से वे लोग डबवाली में अपना कारोबार जमाए हुए हैं। उनका परिवार नितनेमी होने के कारण उसमें भी गुरूग्रंथ साहिब के प्रति श्रद्धा जगी। उसने निश्चय किया कि वह गुरूग्रंथ साहिब को अपने हाथों से लिखेगा। भले ही इसके लिए उसे कितना ही समय क्यों न लगाना पड़े। वर्कशॉप में दिन-भर काम करने के बाद रात को जो आराम करने का समय मिलता, उसमें से उसने गुरूग्रंथ साहिब के लिए समय निकालने का निश्चय किया और हर रोज रात को 12 बजे के बाद जब वातावरण शांत हो जाता, तो वह उठता और स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद वह गुरूग्रंथ साहिब को हाथ से लिखना शुरू कर देता।
इस उत्साही व्यक्ति के अनुसार उसने 1 सितंबर 2004 को श्री गुरूग्रंथ साहिब को हाथ से लिखना प्रारंभ किया। वर्ष 2008 को चार वर्षों के अंतराल के बाद उसने अपने इस कार्य को फलीभूत करने में सफलता हासिल की। उस द्वारा लिखा गया हस्तलिखित गुरूग्रंथ साहिब इन दिनों डबवाली के गुरूद्वारा श्री कलगीधर सिंह सभा में संभला हुआ है। गुरमीत सिंह के अनुसार वे बात को जगजाहिर नहीं करना चाहते थे। इसी के चलते उन्होंने दो वर्ष तक इसे सहेजे रखा। बाद में उन्होंने सिक्ख नवयुवकों के पथभ्रष्ट होने से बचाने के लिए इसे जगजाहिर किया, ताकि वे इस बात से प्रेरणा लेकर नशा आदि का त्याग करके गुरूवाले बनें।
हस्तलिखित श्री गुरूग्रंथ साहिब का साईज 17 गुणा 14 ईंच है। जिसके 1430 अंग है। प्रत्येक अंग पर 19 लाईन है और प्रत्येक लाईन में 28 शब्द हैं। उसकी इच्छा है कि उस द्वारा लिखे गए श्री गुरूग्रंथ साहिब का प्रकाश हजूर साहिब, नांदेड (महाराष्ट्र) में हो। इसके अतिरिक्त गुरमीत सिंह के अनुसार वह नित नेम, सुखमणि साहिब, 9वीं पातशाही श्री गुरू तेज बहादर की वाणी भी अपने हाथों से लिख चुका है।
गुरमीत सिंह पेंटिंग करने के शौकिन भी हैं। उनके द्वारा पेंट की गई पंज प्यारों को अमृत छकाते हुए श्री गुरू गोबिंद सिंह की फोटो नन्दगढ़ साहिब, आनंदपुर साहिब में लगी हुई है।
बकौल गुरमीत सिंह वह 17 गुणा 14 ईंच का श्री गुरूग्रंथ साहिब लिखने के बाद 27 गुणा 34 ईंच का गुरूग्रंथ साहिब लिखना चाहते हैं। वे इसे ब्रश की सहायता से लिखेंगे। इस पर जल्द ही कार्य शुरू होगा।

05 सितंबर 2010

किशोर न्याय बोर्ड और बाल कल्याण समितियों के सदस्य नियुक्त करने का निर्णय

चण्डीगढ़ | हरियाणा सरकार ने किशोर न्याय बोर्ड (बच्चों की देखभाल और सुरक्षा) अधिनियम, 2000 के तहत किशोर न्याय  बोर्ड और बाल कल्याण समितियों के सदस्य नियुक्त करने का निर्णय लिया है।
    महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक श्रीमती सरोज सिवाच ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य के लिए आवेदन करने हेतु हरियाणा अधिवासी सामाजिक कार्यकता पुरूष या महिला की आयु 35 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए।  सामाजिक कार्यकर्ता के पास सामाजिक कार्य, स्वास्थ्य, शिक्षा, मनोविज्ञान, बाल विकास या किसी अन्य सामाजिक विज्ञान संकाय मेंं स्नातकोत्तर  की उपाधि हो और वह कम से कम सात वर्षों से बाल कल्याण से सम्बन्धित योजना बनाने, क्रियान्वयन और प्रशासनिक कायों में सक्रिय रूप से संलिप्त होना चाहिए।
    उन्होंने कहा कि बाल कल्याण समितियों के सदस्यों के लिए आवेदन करने वाले हरियाणा अधिवासी कार्यकर्ता पुरूष या महिला की आयु 35 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए। बाल कल्याण समितियों के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति एक अध्यापक, डाक्टर या सामाजिक कार्यकर्ता, जिसने कम से कम 10+2 या इसके समकक्ष परीक्षा उत्र्तीण की हो, होना चाहिए और वह बच्चों से सम्बन्धित कार्यों में संलिप्त होना चाहिए। इसके अतिरिक्त, उन्हें सम्बन्धित क्षेत्र में कम से कम सात वर्षों का अनुभव होना चाहिए।
    आवेदकों को 20 सितम्बर, 2010 तक सम्बन्धित जिले के समेकित बाल विकास सेवा के प्रोग्राम अधिकारी को शैक्षणिक योग्यता के प्रमाणपत्र और अनुभव के साथ-साथ अपने आवेदन पत्र व बॉयोडाटा भेजने चाहिए।

34 अध्यापक राज्य स्तरीय पुरस्कार से नवाजे गए

चंडीगढ़ | हरियाणा के राज्यपाल जगन्नाथ पहाडिय़ा ने अध्यापकों का आह्वान किया कि वे सच्चाई, ईमानदारी और नैतिकता के उच्च आदर्शों को बच्चों के सामने प्रस्तुत करें  और वे सदाचार, आत्मीयता, विनम्रता और नैतिकता की प्रतिमूर्ति बनें, क्योंकि अध्यापकों का बच्चे के कोमल मन पर गहरा असर पड़ता है। ऐसे गुण आत्मसात करके बच्चे राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभा सकेंगे।
यह उदगार राज्यपाल ने आज यहां राज्य स्तरीय शिक्षक दिवस के अवसर पर अध्यापकों को मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुडïडा के साथ 34 अध्यापकों को राज्य स्तरीय पुरस्कार प्रदान करने के बाद उपस्थित अध्यापकों को सम्बोधित हुए व्यक्त किए।
भारत के पूर्व राष्टï्रपति सर्वपल्ली डॉ0 राधाकृष्ण को भाव भीने श्रद्घासुमन अर्पित करते हुए कहा कि वे उच्च दर्जे के चिन्तक, महान् दर्शनिक, उच्च विचारक थे। जिनका जन्म पूरे देश में 'शिक्षक दिवसÓ के रूप में मनाया जा रहा है।
    श्री पहाडिय़ा ने हरियाणा सरकार द्वारा प्रदान की जा रही गुणात्मक शिक्षा की सराहना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री हुडïडा के नेतïृत्व में हïïरियाणा सरकार बदलते हुए परिवेश के अनुसार बच्चों को गुणात्मक शिक्षा देने पर विशेष बल दे रही है ताकि हमारे बच्चे बेहतर शिक्षा ग्रहण करके वैश्वीकरण के इस युग में आ रही चुनौतियों का मुकाबला करते हुए आगे बढ़ सकें।
    राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा का अर्थ केवल कोरा किताबी ज्ञान नहीं है बल्कि वास्तविक शिक्षा मैं उसको मानता हूं जो हमें चुनौतियों का सामना करना सिखाए और जिससे बौद्धिक और मानसिक विकास सम्भव हो सके। वैश्वीकरण के इस युग में अध्यापकों के सामने भी नई-नई चुनौतियां आ रही हैं, जिनका मुकाबला करने के लिए अध्यापकों को विशेष रुप से आगे आना होगा। आज शिक्षा के क्षेत्र में जो बदलाव आया है जिसका असर न केवल तकनीकी, विज्ञान और अर्थव्यवस्था पर पड़ा है अपितु शिक्षा प्रणाली पर भी इसका व्यापक असर पड़ा है।
    उन्होंने कहा, 'आज कल शिक्षकों के आचरण का पतन और अनुपस्थिति की घटनाएं बढ़ रही हैं, जो हमारे लिए चिन्ता का विषय हैÓ। सफल अध्यापक वही है जो अपने विवेक से कार्य करते हुए विद्यार्थियों की शंकाओं का तत्परता से निवारण करें।
पुरस्कार प्राप्त करने वाले अध्यापकों को बधाई देते हुए उन्होंने आशा व्यक्त की कि दूसरे अध्यापक भी उनका आचरण करते हुए इस का पालन करेंगे कि ''गुरू एक ऐसा दीपक है, जिसके प्रकाश में तीन पीढिय़ां आलौकित हो जाती हैं।ÓÓ
इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने अध्यापक राज्य पुरस्कार की राशि 11 हजार रुपये से बढ़ाकर 21 हजार रुपये करने की घोषणा की और शिक्षा मंत्री श्रीमती गीता भुक्कल ने मुख्यमंत्री के निर्देशों की अनुपालना करते हुए कहा कि राज्य पुरस्कार के तहत दी जाने वाली 21 हजार रुपये की राशि आज सम्मानित हुए 34 अध्यापकों को भी दी जायेगी और पुरस्कार की बकाया राशि विभाग द्वारा शीघ्र ही दे दी जायेगी।
शिक्षक दिवस पर आयोजित राज्य शिक्षक सम्मान समारोह में पुरस्कृत शिक्षकों को शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने कहा कि शिक्षक मार्गदर्शक होते है और वे ही एक मज़बूत समाज का निर्माण करते है।
भारत के दूसरे राष्टï्रपति डॉ. एस. राधाकृष्णन को महान दार्शनिक तथा शिक्षाविद् बताते हुए श्री हुड्डा ने उनके साथ हुई एक व्यक्तिगत भेंटवार्ता का जिक्र भी किया और कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें ऐसी महान विभूति से मिलने का अवसर मिला।
शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यों का उल्लेख करते हुए श्री हुड्डा ने कहा कि हरियाणा अगले 5 से 7 सालों में राष्टï्रीय ही नहीं, अपितु अंतर्राष्टï्रीय स्तर पर शिक्षा का एक हब बनेगा और राज्य में हर किस्म एवं स्तर पर बेहतरीन शिक्षा उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार देश का पहला रक्षा विश्वविद्यालय स्थापित करने जा रही है। इसके अलावा, राज्य सरकार ने वाईएमसीए को विश्वविद्यालय का दर्जा देने, केन्द्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना, भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय के रूप में उत्तरी भारत के पहले महिला विश्वविद्यालय स्थापना तथा पशु विज्ञान विश्वविद्यालय शुरू करने जैसे अहम कदम उठाये है। उन्होंने कहा कि आज वैश्विक दौर में काफी हमारे सामने कई चुनौतियां है और उन चुनौतियों का सामना करने के लिए बदलाव जरूरी है इसलिए हमने राजीव गांधी एजुकेशन सिटी बनाने की एक परियोजना शुरू की है, जिसका पहला चरण पूरा हो चुका है। इस एजुकेशन सिटी में विश्व स्तरीय शैक्षणिक प्रतिष्ठïानों द्वारा अपने संस्थान खोलने के लिए आवेदन प्राप्त हुए है। उन्होंने कहा कि सभी को गुणात्मक शिक्षा उपलब्ध करवाना ही उनकी सरकार की प्राथमिकता है और पिछले पांच वर्षों के दौरान शिक्षा के बजट में उल्लेखनीय वृद्धि भी की गई है।
शिक्षामंत्री श्रीमती गीता भुक्कल ने कहा कि अध्यापकों को पुरस्कार देने में पूरी पारदर्शिता बरती गई है। अध्यापकों को राज्य स्तरीय पुरस्कार प्रदान करते समय केन्द्र सरकार द्वारा प्रदान किए जा रहे पुरस्कारों की तर्ज को आधार बनाया गया और पुरस्कारों के चयन के  लिए पूरी पारदर्शिता बरतते  हुए उनके लिए तीन कमेटियां बनाई गई। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि अध्यापकोंं को राज्य स्तरीय पुरस्कारों के रूप में दी जाने वाली राशि 11 हजार रुपये से बढाकर 21 हजार रुपये कर दी जाए और मुख्यमंत्री ने उदारता का परिचय देते हुए इसी वर्ष से पुरस्कार के रूप में अध्यापकों को 21 हजार रुपये देने की घोषणा की।
    जिन अध्यापकों को पुरस्कार दिया गया उनमें हरिपाल सिंह, पिं्रसीपल राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, महम; जलधीर सिंह, पिं्रसीपल राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, सहलांगा (झज्जर); सुनीता नैन, पिं्रसीपल राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, पंचकूला; सपना जैन, पिं्रसीपल राजकीय कन्या वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, करनाल; राम कुमार, मुख्याध्यापक, राजकीय उच्च विद्यालय, सीसर खरबला; विनोद कुमार शर्मा, मुख्याध्यापक, राजकीय उच्च विद्यालय, बलरी (करनाल); राजवन्ती राठी, मास्टर, डी.पी.ई., राजकीय कन्या वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, फरीदाबाद; श्री भगवान, सी एण्ड वी ड्राइंग, राजकीय उच्च विद्यालय, थाना कलां (सोनीपत); कमला देवी, सी एण्ड वी ड्राइंग, राजकीय कन्या वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, गोहाना मण्डी; देशराज, लैक्चरर कॉमर्स, राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, नन्द रामपुर बास; रोहताश सिंह, मास्टर साईंस, राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, झोझूकलां; सतिन्दर जीत सिंह, लैक्चरर कैमिस्ट्री, राजकीय कन्या वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, करनाल; ओम प्रकाश, मास्टर गणित, राजकीय कन्या वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, जटवाड़ा; लहणा सिंह, लैक्चरर गणित, जीएमएसएसएसएस, पानीपत; सुशील बंसल, लैक्चरर गणित, राजकीय कन्या वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, गोहाना मण्डी; ऊषा वर्मा, लैक्चरर गणित, राजकीय कन्या वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, भिवानी; सतपाल सिंह, लैक्चरर राजनीति शास्त्र, राजकीय कन्या वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, निसिंग; अरविन्द कुमार, लैक्चरर राजनीति शास्त्र, राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, बाछौद; केशो राम, लैक्चरर सोश्योलॉजी, राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, बगथला; रूद्र दत्त, लैक्चरर राजनीति शास्त्र, राजकीय कन्या वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, भानकपुर; अजैब सिंह सन्धू, लैक्चरर इतिहास, राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, गोरीवाला; राजेश कुमारी, लैक्चरर राजनीति शास्त्र, राजकीय कन्या वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, करनाल; रोशनी देवी, लैक्चरर सोश्योलॉजी, राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, दुजाना; कृष्णा देवी, लैक्चरर सोश्योलॉजी, लैक्चरर राजनीति शास्त्र, राजकीय कन्या वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, भिवानी; निर्मल मोर, मास्टर सामाजिक अध्ययन, राजकीय कन्या वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, गोहाना; प्रताप सिंह, लैक्चरर हिन्दी, राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, चरखी दादरी; गणेश दत्त शर्मा, लैक्चरर हिन्दी, जीएमएसएसएस, पंचकूला; सुशीला फौगाट, लैक्चरर हिन्दी, राजकीय कन्या वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, चरखी; भीमसैन शर्मा, लैक्चरर अंग्रेजी, राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, पाई; रविन्द्र कुमार, लैक्चरर अंग्रेजी, राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, फरीदाबाद ओल्ड; सिलक राम, लैक्चरर अंग्रेजी, राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, बवानीखेड़ा; दीपक शर्मा, लैक्चरर अंग्रेजी, राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय, अटेली; यतिन्द्र कुमार शर्मा, सी एण्ड वी संस्कृत, राजकीय हाई स्कूल, सेहतपुर और सुजीता, लैक्चरर गणित, डीआईईटी, बिरहीकलां शामिल हैं।
इस अवसर पर बादली के विधायक श्री नरेश शर्मा, रोहतक के विधायक श्री बी बी बत्रा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री छत्तर सिंह, अतिरिक्त प्रधान सचिव श्रीमती अनुराधा गुप्ता, मुख्यमंत्री के प्रधान विशेष कार्य अधिकारी श्री एम एस चौपड़ा, राज्यपाल के सचिव श्री मोहिन्द्र कुमार,राज्यपाल की सुपुत्री सुश्री हिमानी पहाडिय़ा, शिक्षा विभाग की वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव श्रीमती सुरीना राजन, सकैण्डरी एजुकेशन विभाग के निदेशक श्री बिजेन्द्र कुमार, राज्यपाल के संयूक्त सचिव श्री इंद्रजीत सुखीजा, राज्यपाल के परिसहाय श्री जग प्रवेश दहिया भी उपस्थित थे।

04 सितंबर 2010

स्कूली बच्चों को आई फ्लू

डबवाली (लहू की लौ) उपमंडल डबवाली के गांव सांवतखेड़ा के राजकीय माध्यमिक विद्यालय के छात्रों को आई फ्लू होने से स्कूली बच्चों में दहशत का माहौल पर्याप्त है। विद्यालय के करीब 50 विद्यार्थी इस रोग से पीडि़त हैं। शुक्रवार को विद्यालय प्रशासन ने पीडि़त छात्रों को छुट्टी दे दी। साथ में शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर अवगत करवाया है।
प्राप्त जानकारी अनुसार गांव सांवतखेड़ा के राजकीय माध्यमिक विद्यालय में 6वीं से लेकर 8वीं तक कुल 117 बच्चे हैं। जबकि प्राथमिक विंग में 135 बच्चे क,ख,ग पढ़ रहे हैं। स्कूली बच्चों में आई फ्लू रोग तेजी से अपनी जड़े जमा रहा है। कुल 252 बच्चों में से 50 बच्चे आई फ्लू का शिकार हो गए हैं। पीडि़त बच्चों में से अधिकतर विद्यालय आ रहे हैं। ऐसे में फ्लू के ओर अधिक फैलने का भय बन गया है। एतिहात के तौर पर विद्यालय का प्रशासन पीडि़त बच्चों को घर भेज रहा है।
कक्षा तीसरी की पवनदीप कौर, चौथी के भगवान, दविन्द्र, अनिता, हरमन कौर, राजिन्द्र सिंह, कुलदीप कौर, पांचवी के मदन लाल, मनदीप, अजय, साहिल, एकता, रजनी, कोमल, ममता, कुलदीप, लवप्रीत, पूनम, हरजिन्द्र सिंह, जसविन्द्र कौर, 6वीं की वीरपाल कौर, 7वीं के विशाल, स्वतंत्र, प्रगट, नवदीप, गुरप्रीत, तरूण, राहुल, शिवराज, सुखविंद्र, राजकुमार, 8वीं का विकास आई फ्लू की गिरफ्त में हैं।
राजकीय माध्यमिक विद्यालय के मुख्य शिक्षक मलकीत सिंह ने बताया कि विद्यालय के बच्चों में यह रोग तेजी से फैल रहा है। पीडि़त बच्चों को आंखों पर गोगलस लगाकर या विद्यालय में न आने की सलाह दी जा रही है। अगर कोई पीडि़त बच्चा विद्यालय में आता है, तो उसे छुट्टी दे दी जाती है, ताकि स्वस्थ बच्चे को यह रोग न हो। उन्होंने बताया कि खण्ड शिक्षा अधिकारी को भी उन्होंने एक पत्र भेजकर मामले से अवगत करवा दिया है।
डबवाली सिविल अस्पताल के एसएमओ विनोद महिपाल के अनुसार आई फ्लू एक वायरल है। जो पीडि़त व्यक्ति को छूने या पास बैठने से फैलता है। यह रोग अधिकतर वर्षा के मौसम में होता है। आंख में दर्द, खुजली, सिर दर्द, आंख में लाली आना, आंख की पलक का चिपक जाना यह सब इस रोग के लक्षण है।
एसएमओ के अनुसार यह रोग सात-आठ दिन का होता है। लेकिन इसमें विशेष सावधानी बरतनी पड़ती है। पीडि़त व्यक्ति आंख पर गोगलस लगाए रखे, घर से बाहर न निकले, किसी के संपर्क में न आए इत्यादि। एसएमओ विनोद महिपाल ने बताया कि लापरवाही बरतने पर यह रोग घातक साबित हो सकता है। रोग बढऩे से आंख पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। इतना ही नहीं आंख में घाव हो सकते हैं।
एसएमओ के अनुसार डबवाली के सामान्य अस्पताल में फ्लू के प्रथम चरण का ईलाज संभव है। लेकिन रोग बढऩे से आंख में इंफेक्शन होने पर विशेषज्ञ की राय पर ही ईलाज आगे बढ़ता है। डबवाली के सामान्य अस्पताल में आंख रोग विशेषज्ञ न होने संबंधी पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस बारे में उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया हुआ है।

03 सितंबर 2010

मोबाइल सप्लायर को पीटा

डबवाली (लहू की लौ) गांव रत्ताखेड़ा के पास बुधवार रात को रंजिशन हुए एक झगड़े में एक युवक घायल हो गया। जिसे उपचार के लिए गोरीवाला के सरकारी अस्पताल में लाया गया।
घायल सुभाष सहारण (22) पुत्र छोटू राम सहारण निवासी गोरीवाला ने बताया कि वह एरोमा कम्पनी के मोबाइल सप्लाई करने का काम करता है। बुधवार शाम को औढां से बाईक से वापिस अपने गांव गोरीवाला आ रहा था। शिकायतकर्ता के अनुसार उसने जैसे ही नुइयांवाली नहर क्रॉस की तो उसके पीछे एक जीप और कार लग गई। रत्ताखेड़ा और रामपुरा बिश्नोइयां के बीच उसके आगे जीप लगा कर उसे घेर लिया और उस पर तेजधार हथियारों से हमला कर दिया। लड़ाई का कारण उसने मंगलवार को इसी रोड़ पर साईड को लेकर कुछ युवकों के साथ हुई तूतू मैंमैं बताया।
गंगा निवासी रवि (22) पुत्र बनवारी लाल ने बताया कि वह ही अपने दोस्त सुभाष सहारण को घायल अवस्था में गोरीवाला के सरकारी अस्पताल लेकर आया। लेकिन प्राथमिक चिकित्सा के बाद सुभाष को सिरसा रैफर कर दिया गया।
इस संबंध में थाना औढां के प्रभारी हीरा सिंह ने बताया कि एमएलआर उनके पास आ चुकी है। घायल के ब्यानों के बाद ही कार्रवाई की जाएगी।

बंटवारे को लेकर भिड़े बाप-बेटे

डबवाली (लहू की लौ) गांव अबूबशहर के एक घर में बंटवारे को लेकर हुए झगड़े में माता-पिता और बच्चे आमने-सामने हो गए। झगड़े में तेजधार हथियार लगने से एक युवक घायल हो गया। जिसे उपचार के लिए डबवाली के सरकारी अस्पताल में लाया गया।
घायल पारस (30) निवासी अबूबशहर ने बताया कि दिहाड़ी मजदूर है। दो माह पूर्व उसने मछली पालन के लिए अपने पिता काहन चंद के साथ डिग्गियों का निर्माण किया था। लेकिन उसके पिता ने उसकी बनती दिहाड़ी 30,000 रूपए उसे नहीं दी। उसने अपने पिता के सामने शर्त रख दी कि वे उसके पैसे उसे दे दें या फिर कोई जगह खरीदकर दे दें। इसी बात को लेकर उसका पिता काहन चंद तथा माता चमेली देवी उसकी पत्नी सुनीता से झगड़ रहे थे। जब उसने बीच-बचाव किया तो उसके छोटे भाई सुरेन्द्र तथा देवीलाल ने उस पर तेजधार हथियार से हमला करके उसके चोटें मारी।
इधर जब काहन चंद (55) निवासी अबूबशहर से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि वह दिहाड़ी मजदूरी करता है। आज सुबह उनके घर में झगड़ा हुआ था। घर में बंटवारे को लेकर उसका बड़ा बेटा पारस अपनी माता से झगड़ा रहा था। उसने अपने छोटे बेटे सुरेन्द्र (26) तथा देवीलाल (28) के साथ मिलकर उसे ऐसा करने से रोका। लेकिन पारस उग्र हो गया और उसने वहीं पड़े तेजधार हथियार से सुरेन्द्र पर हमला कर दिया। लेकिन सुरेंद्र बाल-बाल बच गया। भाईयों में झगड़ा बढ़ता देख उसने बीच-बचाव करते हुए तेजधार हथियारों को फेंक दिया। काहन चंद के अनुसार इतने में उसके छोटे भाई साधु राम ने उस पर तेजधार हथियार से हमला कर दिया। इस हमले में वह तो बच गया, लेकिन हथियार उसके बड़े बेटे पारस को जा लगा।
काहन चंद ने यह भी बताया कि उन्होंने करीब दो माह पूर्व सोनीपत में मछली पालन के लिए सात डिग्गियों का निर्माण किया था। पारस काम को बीच में छोड़कर घर लौट आया। लेकिन उसने पारस के बनते पैसे उसे दे दिए थे। पारस घर का बंटवारा करवाना चाहता है।
मामले की जांच रहे चौटाला पुलिस चौकी के एएसआई कृष्ण लाल ने बताया कि बाप-बेटे के बीच झगड़े का कारण बंटवारा है। पुलिस ने घायल के ब्यान दर्ज करने के बाद दफा 323 के तहत रपट लिख ली गई है।

सफाई अव्यवस्था के खिलाफ गांधीगिरी

डबवाली (लहू की लौ) अनाज मंडी के पास हुड्डा के स्थान पर नगरपालिका द्वारा बनाया गया अस्थाई डिपू हटवाने के लिए इस क्षेत्र के नागरिकों ने गांधीगिरी का सहारा लिया है।
वार्ड नं. 9 के पूर्व पार्षद हरीश सेठी रिंका, सतपाल सेठी, अमन बांसल, चरणजीत, नीरज गुप्ता, पवन कुमार, नंद लाल गर्ग आदि ने बताया कि नई अनाज मंडी रोड़ पर उनके वार्ड की 9 गलियां पड़ती हैं। पिछले काफी वर्षों से नगरपालिका ने अनाज मण्डी के पास हुड्डा स्थल को गंदगी का अस्थाई डिपू बना रखा है। इस डिपू का प्रयोग नगरपालिका के सफाई कर्मचारियों के साथ इन गलियों के लोग भी करते आ रहे हैं। वे कई बार पालिका से गंदगी के इस डिपू को यहां से हटवाने के लिए अनुरोध कर चुके हैं। यहीं नहीं इस संदर्भ में वे उपमंडलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल से भी गुहार लगा चुके हैं। लेकिन ढाक के वही तीन पात। गंदगी का डिपू वहीं का वहीं है।
नगरपालिका, उपमण्डलाधीश के समक्ष मांग रखने के बावजूद कार्रवाई न होने के कारण अब इन लोगों ने गांधी जी के सिद्धांतों पर चलने का निर्णय लिया है। सुबह होते ही ये हुड्डा स्थल पर आ जाते हैं और हाथ जोड़कर खड़े हो जाते हैं। कूड़ा फेंकने वाला खुद शर्मसार होकर वापिस लौट जाता है।

घर से उठा ले गए थे लड़की को!

डबवाली (लहू की लौ) गांव अलीकां में बेहोशी की हालत में मिली 15 वर्षीय लड़की को गांव के दो युवक बेहोश करके उठा ले गए थे। इस बात का खुलासा बुधवार को होश में आने के बाद डबवाली के सरकारी अस्पताल में लड़की ने पुलिस के समक्ष किया। मामले की जांच कर रहे थाना शहर पुलिस के एएसआई कैलाश चन्द्र ने बताया कि गांव अलीकां के टेलर मास्टर रणजीत सिंह की 15 साल की बेटी वीरपाल को बुधवार को यहां के सरकारी अस्पताल में होश आ गया। लड़की को उसके परिजन मंगलवार सुबह बेहोशी की हालत में अस्पताल लाए थी। तभी से लड़की अचेत अवस्था में थी। होश में आने के बाद लड़की ने पुलिस को बताया कि सोमवार रात करीब 1-1.30 बजे वह लघुशंका के लिए उठी थी। इसी दौरान उनके पड़ौसी छिन्द्रपाल सिंह उर्फ पप्पू राम के दो बेटे जग्गी और वीरचन्द आए। उनमें से एक ने उसे पकड़ लिया और दूसरे ने उसके मुंह पर रूमाल रख दिया। जिससे वह बेहोश हो गई। इसके बाद उसे कुछ भी मालूम नहीं कि उसके साथ क्या हुआ। एएसआई कैलाश चन्द्र ने बताया कि पुलिस ने फिलहाल दफा 363/366 के तहत मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। लड़की का मेडीकल करवा जाएगा। रिपोर्ट आने के बाद आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

शराब की सौगन्ध पर मान गये मिस्टर टिंकू

डबवाली (लहू की लौ) पहले शराब ने एक युवक को चोरी की लत डाली और फिर उसी शराब की सौगन्ध ने चुराया गया सामान उसे लौटाने के लिए मजबूर कर दिया। सब्जी मंडी के पीछे स्थित ठेका शराब देसी के सेल्जमैन रमेश कुमार (48) पुत्र भगवान दास निवासी डबवाली ने बताया कि ठेका पर मंडी किलियांवाली का टिंकू नामक युवक शराब पीने अक्सर आता था। इसी दौरान उसके दिल में बेईमानी आ गई और उसने ठेका मोबाइल फोन और कूलर की जाली चुरा ली। इसकी भनक लगते ही उसने इस युवक को दबोच लिया और काफी पूछताछ के बाद भी जब वह नहीं माना तो उसे शराब की सौगन्ध उठाने के लिए कहा गया। शराब की सौगन्ध की बात सुनते ही टिंकू का नशा टूटने लगा और वह सबकुछ माना ही नहीं, बल्कि उसने चुराया गया मोबाइल और कूलर की जाली भी उसे वापिस लौटा दी।

महिलाओं ने रेहड़ी मालिक को चप्पलों से धुना

डबवाली (लहू की लौ) अमरूद को लेकर मुख्य बाजार में एक फ्रूट विक्रेता और महिला के बीच हाथापाई हो गई। गुस्से में आई महिलाओं ने रेहड़ी मालिक की चप्पलों से धुनाई कर डाली।
रोशनी देवी (20) निवासी गंगा ने बताया कि वह अपनी मां सावित्री के साथ अबोहर से मंगलवार को डबवाली आई थी और उन्होंने पंजाब बस स्टैंड से अमरूद खरीदे थे। उसकी मां डबवाली के मुख्य बाजार में अमरूद खाती जब एक फ्रूट रेहड़ी के पास से गुजरी तो रेहड़ी मालिक ने थोड़ा आगे जाकर उन्हें पकड़ लिया और यह कहते हुए थप्पड़ रसीद कर दिया कि उसने उसकी रेहड़ी से अमरूद उठा कर खाया है। इसका उन्होंने विरोध किया, लेकिन रेहड़ी मालिक ने जब पुन: उसकी मां पर हाथ उठाने का प्रयास किया तो उन्होंने रेहड़ी मालिक को पकड़ लिया और अच्छा धुना।
इधर रेहड़ी मालिक रमेश (54) पुत्र रामकिशन निवासी डबवाली ने बताया कि वह बाजार में रेहड़ी लगाये हुए था। उसकी रेहड़ी पर शाम को दो महिलाएं आयीं और उन महिलाओं में से एक ने अमरूद उठा लिया। जिसका उसने विरोध किया तो महिलाएं गाली-गलौच पर उतर आयी। बाद में चप्पलों से उस पर टूट पड़ी। दोनों पक्षों में से किसी ने भी इसकी शिकायत पुलिस में नहीं की।

अय्याशी करते पुलिसकर्मी काबू

डबवाली (लहू की लौ) हरियाणा पुलिस के दो कर्मचारी अपने एक मित्र के साथ गांव पाना में महिला से अय्याशी कर रहे ग्रामीणों के धक्के चढ़ गये। मौका पर पुलिस के पहुंचने से पहले ही एक पुलिस कर्मचारी और महिला ग्रामीणों को चकमा देकर भाग गये।
गांव पाना के सरपंच सुरजीत सिंह ने बताया कि उनके गांव में दोपहर 2 बजे से चार लोग मोटरसाईकिल पर घूम रहे थे। जिनमें एक महिला भी थी। यह संदिग्ध लोग छह बजे तक गांव में घूमते रहे। लेकिन जब ग्रामीण नहर में एक कार गिरने की सूचना पाकर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि वह संदिग्ध लोग नहर के पास बने खतानों में आपत्तिजनक हालत में हैं। ग्रामीणों ने जब उन लोगों को ललकारा तो यह लोग उनके गल पड़ गये और कहने लगे कि वह तो पुलिस वाले हैं उनका क्या बिगाड़ लोगे।
इस पर ग्रामीणों ने इसकी सूचना थाना सदर पुलिस को दी तो इन लोगों को पता चल गया कि वह अब पकड़े जायेंगे तो यह लोग भाग खड़े हुए। इसी दौरान ग्रामीणों ने दो को दबोच लिया। मोटरसाईकिल पर एक महिला और पुरूष भागने में सफल रहे। इतनी देर में मौका पर थाना सदर डबवाली पुलिस के एसआई रतन सिंह अपने दल बल के साथ पहुंच गये। एसआई रतन सिंह ने बताया पकड़े गये लोगों ने अपनी पहचान पंकज (27) पुत्र राजपाल निवासी गांव जाजी और सोनीपत के थाना सदर में सिपाही के पद पर तैनात बताया। दूसरे ने अपना नाम समन्दर सिंह (30) पुत्र गजे सिंह निवासी संदल खुर्द और ठेकेदारी करना बताया। इन लोगों ने पूछताछ के दौरान यह भी बताया कि उनके साथ प्रवीन नामक सिपाही भी था जो सोनीपत में ही तैनात है। सिपाही पंकज ने बताया कि वह कुछ समय पूर्व कालांवाली में बतौर सिपाही सर्विस कर चुका है। इस दौरान उसकी दोस्ती कालांवाली की एक महिला से हो गई। उसी के साथ वह और उसके दोस्त घूमने के लिए पाना गांव की तरफ आये थे। थाना सदर पुलिस ने पकड़े गये पंकज और समुन्दर के खिलाफ धारा 109 सीआरपीसी के  तहत चालान कर दिया।

फसल के चक्कर में किसान ने जान दांव पर लगाई, अस्पताल में दाखिल

डबवाली (लहू की लौ) उपमण्डल डबवाली के गांव गोदीकां में अपनी फसल को बचाने के खातिर एक किसान ने अपनी जान दांव पर लगा दी। किसान को घायल अवस्था में डबवाली के एक निजी अस्पताल में दाखिल करवाया गया है।
गांव गोदीकां के किसान अर्जुन दास (32) ने बताया कि उसने अपनी 12 एकड़ भूमि पर कपास-नरमा की बिजाई की हुई है। उसे टयूब्बैल का कनेक्शन लिए हुए को दो वर्ष बीत चुके हैं। लेकिन गांव में तैनात लाईनमैन धर्मपाल उससे टयूब्बैल की पार्टी मांगता है। सोमवार शाम को लाईनमैन उसके पास आया और उससे टयूब्बैल की पार्टी मांगने लगा। लेकिन उसने इंकार कर दिया। गुस्से में लाल धर्मपाल ने उसके टयूब्बैल का कनेक्शन काट दिया और बोला की पार्टी दे जाना और कनेक्शन लग जाएगा। अर्जुन दास के अनुसार अपनी फसल को बचाने के लिए वह टयूब्बैल का कनेक्शन करना चाहता था। मंगलवार सुबह वह अपने पड़ौसी सन्नी को साथ लेकर टयूब्बैलों को जाती बिजली की मेन स्विच काटने के लिए निकल गया। जैसे ही उसने लाईट बंद करने का प्रयास किया तो उसे करंट लग गया।
किसान अर्जुन दास करंट लगने से बुरी तरह से घायल हो गया। उसके हाथ, टांग और पैरों पर गंभीर चोट आई। मौका पर खड़े अर्जुन दास के पड़ौसी सन्नी ने उसे उपचार के लिए डबवाली के एक निजी अस्पताल में पहुंचाया। इस संदर्भ में जब दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के मण्डल अभियंता बी.के. रंजन से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि किसान उन्हें लाईन मैन के खिलाफ लिखकर दे, तो वे मामले की जांच करवाएंगे। किसान ने खुद जोखिम मोल लिया। किसान को इसकी सूचना विभाग के उच्च अधिकारियों से करनी चाहिए थी। लेकिन  किसान ने बिजली निगम के सिस्टम से छेडख़ानी करके गलत किया। इसके चलते किसान पर भी कानूनी कार्रवाई बनती है।

लड़की पर ओपरी हवा का साया!

डबवाली (लहू की लौ) गांव अलीकां की एक पंद्रह साल की लड़की डबवाली के सरकारी अस्पताल में बदहवासी हालत में पड़ी है। लड़की के साथ क्या घटना घटित हुई यह किसी को मालूम नहीं। लड़की की अजीब स्थिति को देखते हुए पुलिस इसे ओपरी हवा का चक्कर मान रही है। यहां तक की लड़की के अभिभावक भी कुछ स्पष्ट नहीं कर रहे।
जानकारी अनुसार उपमण्डल डबवाली के गांव अलीकां में सोमवार रात को करीब 1 बजे गुरूद्वारा से अनाऊसमेंट हुई की गांव में चोर घुस आए हैं। लोग चोरों को पकडऩे के लिए घरों से बाहर आ गए। इसी दौरान गांव में रह रहे रणजीत सिंह नामक व्यक्ति की पंद्रह साल की बेटी अचानक घर से गायब हो गई। लड़की के परिजन उसकी खोज में जुट गए। लेकिन लड़की नहीं मिली। मंगलवार सुबह करीब 7 बजे रणजीत सिंह का पड़ौसी उसके पास आया। लड़की के उसके घर में होने की बात कहकर उसे घर से लेजाने को कहा। लेकिन रणजीत सिंह ने लड़की को घर लाने से इंकार कर दिया और इसकी सूचना थाना शहर पुलिस डबवाली को दी। अचानक पड़ौसी ने लड़की को दीवार से उसके घर में फेंक दिया। परिजन लड़की को डबवाली के सरकारी अस्पताल में ईलाज के लिए ले आए।
अस्पताल में नियुक्त महिला चिकित्सक डॉ. अमरदीप कौर जस्सी ने उपरोक्त मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि लड़की के पिता रणजीत सिंह ने उन्हें उपरोक्त बात से अवगत करवाया है। उन्होंने भी लड़की के गले पर चोट के निशान पाए हैं। ऐसे निशान बलात्कार के दौरान हो सकते हैं। फिलहाल इसके बारे में ओर अधिक कुछ कहा नहीं जा सकता। स्वैब को जांच के लिए लैब में भेजा जाएगा, रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। फिलहाल लड़की ब्यान देने की स्थिति में नही है। उन्होंने एमएलआर काटकर थाना शहर पुलिस में भेज दी है।
मामले की जांच कर रहे थाना शहर पुलिस के एएसआई कैलाश चन्द्र ने बताया कि सूचना मिलने पर वे गांव अलीकां में गए थे। उस समय लड़की अपने घर की जमीन पर पड़ी हुई अजीबों गरीब हरकतें कर रही थी। जैसे उस पर ओपरी हवा का प्रभाव हो। फिलहाल लड़की अस्पताल में उपचाराधीन है और ब्यान देने के काबिल नहीं है। लड़की के ब्यानों के बाद ही मामला पता चल पाएगा।
इस संदर्भ में इस संवाददाता ने लड़की के पिता रणजीत सिंह से बात करने का भी प्रयास किया। उन्होंने अधिक कुछ नहीं बताया। इतना कहा कि जरूर उसकी लड़की के साथ कुछ गलत हुआ है। लड़की होश में आ जाए, सब मालूम पड़ जाएगा। रणजीत सिंह के परिवार की महिलाओं ने भी लड़की पर ओपरी हवा होने की बात कही।
सोमवार रात करीब 1 बजे के बाद लड़की अपने घर से गायब होकर पड़ौस के घर में कैसी पहुंची और उसके साथ क्या घटना घटित हुई, इस पर अभी संशय बरकरार है। लड़की डबवाली के सरकारी अस्पताल में अजीबो-गरीब हरकतें कर रही है। लेकिन बोलती कुछ नहीं। मामला क्या है, इसके बारे में लड़की के नॉर्मल होने का इंतजार किया जा रहा है।

31 अगस्त 2010

18 वर्षों से कैद में हीरा

डबवाली (लहू की लौ) पिछले 18 वर्षों से जंजीरों में जकड़ा गांव पन्नीवाला रूलदू का हीरा अपनी चमक खो चुका है। तेज रफ्तार से दौड़ रही इस दुनियां से बेखबर होकर वह घर के एक कोने में कैदी की भांति जिंदगी जी रहा है।
गुरदीप उर्फ हीरा भाईयों में से सबसे छोटा है। उसकी उम्र 35 वर्ष हो चुकी है। बाल्यकाल से ही हीरा किसी से कुछ नहीं कहता था। स्कूल से वापिस घर आने के बाद वह गुमसुम सा घर के एक कोने में बैठा रहता। जैसे-तैसे उसने गांव के सरकारी स्कूल से पांचवी पास की। लेकिन 6वीं में प्रवेश पाते ही उसने स्कूल जाना छोड़ दिया। जवानी में पांव रखते ही उसे न जाने क्या हुआ वह घर के सदस्यों से बदसलूकी करने लगा। इसी दौरान हीरा के पिता कौर सिंह की हृदय घात से मौत हो गई। वे सिंचाई विभाग में कार्यरत थे। पिता की मौत के बाद हीरा और तनाव में रहने लगा। वह परिवार के सदस्यों से मारपीट भी करने लगा। बिना बताए वह घर से दूर जाने लगा। सूचना मिलने पर परिवार के सदस्य उसे ढूंढकर घर वापिस लाते। हीरा का चैकअप सिरसा और बठिंडा के डॉक्टरों को भी करवाया। डॉक्टरों की सलाह थी कि हीरा मानसिक रूप से बीमार है। उसे घर में ही रखें। हीरा की माता हरबंस कौर (65) निवासी पन्नीवाला रूलदू ने बताया कि उसके तीन बेटों में से हीरा सबसे छोटा है। उसका बड़ा बेटा कुलदीप टेलीफोन विभाग में कार्यरत था। 40 वर्ष की उम्र में उसकी मृत्यु हो गई। उसके पति कौर सिंह की मृत्यु के बाद उसकी जगह उसके मंझले बेटे सुखपाल उर्फ विजय को सिंचाई विभाग में नौकरी मिली। उसकी आशा थी कि हीरा भी पढ़ लिखकर बड़ा आदमी बने। लेकिन भगवान को कुछ ओर ही मंजूर था। शारीरिक रूप से स्वस्थ होते हुए भी 18 वर्षों से अपने बेटे को जंजीरों में कैद देख रही है। वह देखने के सिवा करे तो क्या करे।
हरबंस कौर के अनुसार हीरा को सबकुछ ज्ञात है। वह भोजन, चाय आदि मांगकर लेता है।  यहां तक की बीडी पीने का भी शौकीन है। अक्सर अपने भाई से बीडी लेकर अपना शौक पूरा करता है। लेकिन जंजीर खोलते ही आपे से बाहर हो जाता है और मारने को दौड़ता है। उसकी तो बस यही अंतिम इच्छा है कि उसका बेटा सामान्य हो जाए।
इस संदर्भ में सरकारी अस्पताल के एसएमओ डॉ. विनोद महिपाल से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि अभी उनके सामने यह मामला आया है। हीरा की पूरी मदद की जाएगी। जिला सिरसा में कोई भी मनोरोग चिकित्सक नहीं है। इसके चलते हीरा को रोहतक में भेजा जाएगा। अस्पताल की ओर से रोहतक लेजाने के लिए उसे एम्बूलैंस उपलब्ध करवाई जाएगी।

29 अगस्त 2010

शादी रचाकर खाया जहर, प्रेमी की मौत

डबवाली | डबवाली के गांव बिज्जुवाली से शुक्रवार रात भागकर एक प्रेमी युगल ने रानियां के गांव सादेवाला के हनुमान मंदिर में शादी रचाई, और शनिवार सुबह 6 बजे के करीब दोनों ने सल्फास खाकर जान देने की कोशिश की। सल्फास के असर से प्रेमी की मौत हो गई और प्रेमिका सिरसा के सिविल अस्पताल में भर्ती है। उसकी हालत में सुधार है।
गांव कुस्सर में रहने वाले बलदेव सिंह का बेटा हरपाल सिंह (22) ड्राइवर है। हरपाल की बुआ जसविंद्र कौर गांव बिज्जुवाली में ब्याही हैं। इस वजह से उसका अक्सर गांव बिज्जुवाली में आना जाना लगा रहता था। बार बार के आने जाने से बुआ के पड़ोस में रहने वाले वीरचंद की पुत्री सरोज (19) और हरपाल के बीच प्रेम प्रसंग शुरू हो गया। इस बात की भनक युवती के परिजनों को भी थी और उन्होंेने हरपाल को समझाया भी, लेकिन वह नहीं माना। शुक्रवार रात वह गांव बिज्जुवाली आया और दोनों गांव से भाग निकले।
मंदिर में रचाई शादी
सरोज और हरपाल पहले गांव सादेवाला के हनुमान मंदिर पहुंचे जहां दोनों ने प्रेम विवाह किया। दोनों रात के मंदिर के पास बनी एक ढाणी में रुके और यहां पर हरपाल ने अपनी शादी के जश्न में शराब भी पी। सुबह करीब 6 बजे एकाएक उसने अपनी जेब से सल्फास की गोलियां निकालीं और पानी में घोल कर खुद पीया और सरोज को भी पीने को कहा। सल्फास का घोल पीते ही हरपाल ने दम तोड़ दिया और सरोज की तबीयत बिगड़ने लगी। 
सुबह जब गांव सादेवाला का सरपंच सुखविंद्र ने इन दोनों को बेहोश देखा तो तुरंत पुलिस को सूचना दी। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस पूछताछ के दौरान होश में आई सरोज ने बताया कि हरपाल ने सल्फास की गोलियां खाईं और उसे भी पीने को कहा, लेकिन उसने थोड़ी मात्रा में पी, जबकि हरपाल पूरा घोल पी गया था। सरोज ने बताया कि उन्होंने डरते हुए शादी रचाई, क्योंकि दोनों के घरवाले खिलाफ थे और शायद इसी डर से हरपाल ने यह कदम उठाया।

26 अगस्त 2010

दादी की हत्या करने वाला पोता धरा

बठिंडा (सिंगला/शर्मा) बाबा दीप सिंह नगर गली नं. 9 में 23—24 अगस्त की मध्यरात्रि को गुरप्रीत सिंह गोपी ने अपनी दादी का गला घोंटकर कत्ल कर दिया था वहीं कैनाल कॉलोनी पुलिस ने उक्त मामले में मृतका की लड़की नसीब कौर के बयानों पर गुरप्रीत सिंह गोपी तथा उसके दोस्त गोबिंद सिंह के खिलाफ अधीन धारा 302, 34 आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर लिया था और मात्र 24 घंटे में ही पुलिस ने गुरप्रीत सिंह गोपी को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त कर ली।
आज पत्रकार वार्ता दौरान डीएसपी(एच) शैलेंद्र सिंह ने बताया कि गुरप्रीत सिंह के पिता दर्शन सिंह भी रोड एक्सीडैंट में मौत हो गई थी वहीं उसकी मां घर परिवार छोड़कर जालंधर चली गई थी इस कारण गुरप्रीत को माता-पिता का प्यार नसीब नहीं हुआ जिसको उसकी दादी सुरजीत कौर ने पाल पोसकर बड़ा किया था पर गुरप्रीत के नशे के आदी होने के कारण तथा मोगा की रहने वाली दो बच्चों की मां के साथ उसके अवैध संबंधों के कारण उसको सुरजीत कौर ने घर से निकाल दिया था। उन्होंने बताया कि सुरजीत कौर को गुरप्रीत के पिता की दुर्घटना में मौत होने के कारण करीब 4.5 लाख रूपये भी मिले थे पर गुरप्रीत को इसमें से कोई हिस्सा नहीं मिला इस कारण गुरप्रीत एक तो प्यार न मिलने के कारण चिड़चिड़ा हो गया था तथा दूसरी तरफ उसको पैसों का लालच भी आ गया था जिस कारण उसने अपनी दादी का कत्ल कर दिया था जिसको आज सुबह डबवाली रोड से गिरफ्तार कर लिया है जिससे उसकी दादी के गहने भी बरामद कर लिये हैं तथा उसको आज मानयोग अदालत में पेश किया जाना है वहीं बाकी रहते मामलों की जांच की जा रही है कि गोबिंद सिंह तथा गुरप्रीत की माशूका का इस कत्ल में कुछ  रोल है या नहीं। इस मौके डीएसपी के साथ एसएचओ कैनाल कॉलोनी यूसी चावला, वर्धमान चौंकी इंचार्ज अंग्रेज सिंह भी उपस्थित थे।

पीआरटीसी पेंशनरों ने डिपो एमडी की अर्थी फूंकी

बठिंडा (सिंगला/शर्मा) लंबे समय से लटकती आ रही मांगों को लेकर पीआरटीसी पैंशनरों ने बुधवार को बठिंडा बस स्टैंड के आगे पीआरटीसी के एमडी की अर्थी फूंकी।
इस मौके पर किये गये रोष धरने को संबोधित कर रहे पीआरटीसी पैंशनर्स एसोसिएशन के महासचिव कुलदीप सिंह ने बताया कि एसोसिएशन की मांगों के संबंध में 9 अगस्त को पटियाला में एमडी के मुख्य कार्यालय पटियाला में पीआरटीसी के पैंशनरों की मीटिंग थी। जिसमें एमडी पैंशनरों की मांगों को सुने बिना ही वहां से उठकर चले गए। इसी बात को लेकर पैंशनरों में एमडी के खिलाफ काफी रोष पाया जा रहा है। इसी संदर्भ में सभी पीआरटीसी के डिपुओं के सामने एमडी की अर्थी फूंककर रोष प्रदर्शनों को किया गया। रोष प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे प्रीतम सिंह बराड़ व महासचिव कुलदीप सिंह लांबा ने यूनियन वर्करों की मांगों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया। उन्होंने बताया कि पैंशनरों की  काफी लंबे समय से डीऐ की किस्तों का भुगतान न होना, आठ प्रतिशत डीऐ की किशत जुलाई 2010 से ना देना, पांचवें पे कमीशन का  बढ़ा हुआ  बकाया सभी पैंशनरों को न देना, सेवा मुक्त हुए पैंशनरों के बकाया लंबे समय से अदा ना करना। फैमली पासों में सोध न करना, मेडिकल बिलों का भुगतान पंजाब सरकार के आदेशों के अनुसार न करना आदि शामिल है। गुरबचन सिंह जस्सी प्रधान ने मैनेजमेंंट  व पंजाब सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द ही उनकी मांगों को पूरा न किया गया तो इसके विरोध में यूनियन के सदस्य अपने संघर्ष को ओर तेज करेंगे।

25 अगस्त 2010

तस्करों और पुलिस कर्मियों में झड़प, एक तस्कर दबोचा

डबवाली (लहू की लौ) थाना शहर पुलिस ने पंजाब में सप्लाई होने जा रहे हजारों रूपए कीमत के अफीम दूध की एक बड़ी खेप पकडऩे में सफलता हासिल की है। तस्करों ने पुलिस के साथ हाथापाई भी की। इस दौरान एक तस्कर भागने में सफल रहा। जबकि एक दबोचा गया।
थाना शहर डबवाली के प्रभारी उपनिरीक्षक विक्रम नेहरा ने बताया कि उनके नेतृत्व में एसआई भागीरथ तथा एएसआई सूबे सिंह यादव सहित पुलिस पार्टी ने गांव शेरगढ से बडिंगखेडा (पंजाब) जाने वाले कच्चे मार्ग पर नाकाबंदी की हुई थी। इसी दौरान गांव शेरगढ की तरफ से डिस्कवर बाईक पर सवार दो युवक आए। युवकों को पुलिस ने जैसे ही रूकने का इशारा किया तो उन्होने मौके से फरार होने का प्रयास किया। इसी बीच उनकी पुलिस पार्टी के साथ झड़प भी हुई। इस दौरान एक युवक भाग निकला। परंतु उनमें से एक बाईक सहित पुलिस के हत्थे चढ़ गया। शक के आधार पर पुलिस ने जब युवक की तलाशी ली तो उसके पास से अफीम दूध बरामद हुई, जिसका वजन एक किलो पांच सौ ग्राम था।
थाना प्रभारी ने बताया कि उक्त आरोपियों ने पुलिस की सरकारी डयूटी में बाधा डालने का प्रयास भी किया तथा पुलिस कर्मियों से दुव्र्यवहार किया। दोनो आरोपियों के खिलाफ मादक पदार्थ अधिनियम तथा सरकारी कार्य में बाधा डालने की धाराओं 332, 353, 186 के तहत अभियोग दर्ज किया गया है। गिरफ्तार किए गए युवक की पहचान कृष्ण (28) पुत्र भागीरथ निवासी शेरगढ के रूप में हुई है। जबकि फरार हुए युवक की पहचान बिंद्र (35) पुत्र गुरचरण निवासी शेरगढ के रूप में हुई है। थाना शहर प्रभारी के अनुसार बाईक को बिंद्र चला रहा था। पकड़े गए आरोपी ने पूछताछ के दौरान पुलिस के समक्ष स्वीकार किया कि उन्होंने इस खेप को पंजाब के जिला मुक्तसर के गांवों में सप्लाई करना था। पकड़े गए अफीम दूध की कीमत करीब डेढ़ लाख रूपए आंकी जा रही है। पुलिस ने पकड़े गए आरोपी को उपमण्डल न्यायिक दण्डाधिकारी महावीर सिंह की अदालत में पेश किया और अदालत ने उसे 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिए।

ईंट भट्ठों में गूंजेगा क,ख,ग

चण्डीगढ़। हरियाणा में ईंट-भट्ठों में कार्य करने वाले लोगों के बच्चों को बेहतर गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करने, मिड-डे-मील योजना को और प्रभावी बनाने तथा संसाधनों का समुचित उपयोग सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने एक कलस्टर रूट अपनाने और प्रतिष्ठिïत एवं विश्वसनीय स्वैच्छिक एजेंसियों को वैकल्पिक अनूठे शिक्षा केन्द्र, जोकि 'भट्ठपाठशालाÓ के नाम से प्रसिद्घ हैं, स्थापित करने एवं संचालिक करने का कार्य सौंपने का निर्णय लिया है।
प्रदेश मेंं ईंट-भ_ïों पर कार्य परिस्थितियों को सुधारने के लिए विभिन्न विभागों द्वारा किए जा रहे कार्यों की समीक्षा करने के लिए हरियाणा की मुख्य सचिव श्रीमती उर्वशी गुलाटी की अध्यक्षता में आज यहां हुई एक बैठक में यह जानकारी दी गई। ईंट-भ_ïा मौसम आमतौर पर वर्ष में अक्तूबर मास से शुरू होकर मई मास तक चलता है।
श्रीमती गुलाटी ने निर्देश किए कि ईंट-भट्ठा मौसम शुरू होने से पहले सभी आरम्भिक कार्य शुरू कर दिए जाएं ताकि ईंट-भ_ïों में कार्य करने वाले श्रमिकों की समस्याओं को कम किया जा सके। प्रदेश के ईंट-भ_ïों में कार्य करने वाले श्रमिकों के लिए सम्बन्धित प्राधिकरणोंं  एवं विभागों द्वारा स्वास्थ्य सेवाएं, उनके बच्चों के लिए शिक्षा तथा आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता का प्रावधान करने के अलावा उनका मेहनताना भी सुनिश्चित किया जाएगा।
मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि प्रत्येक र्इंट-भ_ïे पर श्रमिकों के लिए उसी प्रकार स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित की जाएं, जैसेकि पहले मोबाईल वैनस की मदद से चिकित्सा अधिकारियों तथा सहायक स्टाफ द्वारा ईंट-भ_ïों का दौरा करके  उपलब्ध करवाई जाती रही हैं।
    बैठक में बताया गया कि एक योजना बनाई गई है जिसके तहत जिला में ईंट-भ_ïों के  समूह के लिए एक स्थल पर भ_ïा पाठशाला खोली जाएगी ताकि श्रमिकों के बच्चों को शिक्षा उपलब्ध करवाई जा सके। इस कार्य के लिए पात्र स्वैछिक एजेंसियों से आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे। इस कार्य के लिए एजेंसियों को सूचीबद्घ करने की प्रक्रिया समाप्त होने के उपरांत अक्तूबर एवं नवम्बर में बच्चों के दाखिले किए जाएंगे। भ_ïा पाठशाला अब एक दिन में चार घण्टों के बजाए छ: घण्टों के लिए चलाई जाएंगी।
    बैठक में यह भी बताया गया कि सर्वशिक्षा अभियान की वैकल्पिक अनूठी शिक्षा योजना को और आगे बढ़ा दिया गया है ताकि ईंट भ_ïा परिसरों में अपने माता-पिता के साथ रहने वाले छ: से 14 वर्ष की आयु वर्ग के सभी मौसमी प्रवासी बच्चों को इस योजना का लाभ उपलब्ध करवाया जा सके। भ_ïा पाठशालाओं में बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ शिक्षण एवं अध्ययन सामग्री, उपकरण तथा अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई जाती हैं। सतही वास्तविकताओं के आधार पर ही कलस्टर पद्घति निर्धारित की गई है। प्रदेश में हजारों ईंट-भ_ïे हैं और उनमें से अधिकतर में स्कूल न जाने वाले बच्चों की संख्या बहुत कम है। प्रत्येक ईंट-भ_ïे पर स्कूल स्थापित करना न तो सम्भव है और न ही उचित, इसलिए सभी बच्चों को दाखिला दिलाने के लिए निकटवर्ती ईंट-भ_ïों का एक समूह बनाकर एक सुविधाजनक स्थल पर भ_ïा पाठशाला स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। ऐसा किए जाने से इन पाठशालाओं का परिविक्षण करना सरल होगा और साथ ही संसाधनों का उचित उपयोग और शिक्षा एवं उपलब्ध सुविधाओं की गुणवत्ता को सुधारने में भी मदद मिलेगी। कलस्टरस, जहां भ_ïा पाठशालाएं स्थापित की जानी हैं, की सूची पहले ही तैयार की जा चुकी है।
    भ_ïा पाठशालाओं में बच्चों को मिड-डे-मिल उपलब्ध करवाने की प्रणाली को भी अंतिम रूप दिया जा चुका है। गैर सरकारी संगठनों की मदद से उन्हें गर्म एवं ताजा तैयार पौष्टिक भोजन उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जाएंगे, जिसके लिए जिला प्रशासन द्वारा राशन की आपूर्ति की जाएगी। बेहतर विकल्प उपलब्ध न होने की स्थिति में निकटवर्ती सरकारी स्कूल, जहां रसोइयों द्वारा बच्चों के लिए भोजन तैयार किया जाता है, से इस कार्य में मदद ली जाएगी। बहरहाल, बच्चों को ताजा एवं पौष्टिïक भोजन उपलब्ध करवाया जाना सुनिश्चित करने के लिए सम्बन्धित अतिरिक्त उपायुक्त द्वारा भ_ïा पाठशालाओं का दौरा किया जाएगा।
    वर्ष 2009-10 के दौरान ईंट-भ_ïों में पात्र बच्चों का सर्वेक्षण करवाने के उपरांत विभिन्न जिलों में 681 भ_ïा पाठशालाएं स्थापित की गई और उनमें लगभग 17000 प्रवासी बच्चों को दाखिला दिया गया। इन 681 भ_ïा पाठशालाओं में से अधिकतम 50 अम्बाला जिला में, 21 भिवानी में, 42 फरीदाबाद में, 35-35 फतेहाबाद एवं जींद में, आठ गुडग़ांव में, 46 हिसार में, 25 झज्जर में, 21 कैथल में, नौ करनाल में, 40 कुरूक्षेत्र में, 30-30 महेन्द्रगढ़ एवं मेवात में, 39 पलवल में, 45 पानीपत में, 29 पंचकूला में, 40 रोहतक में, 33 रेवाड़ी में, 24 सिरसा में, 47 सोनीपत में और 32 यमुनानगर में स्थापित की गईं।
    बैठक में बताया गया कि ईंट भटï्ठों पर कार्य करने के लिए आने के बाद श्रमिकों को खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा राशन कार्ड जारी किए जाएंगे, ताकि उन्हें सस्ते मूल्यों पर आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध करवाई जा सकें। सम्बन्धित जिला प्रशासन के वरिष्ठï अधिकारियों द्वारा अपने क्षेत्रों के ईंट-भ_ïों का दौरा करके श्रमिकों का उचित मेहनताना भी सुनिश्चित किया जाएगा। श्रम विभाग के कर्मचारियों द्वारा श्रमिकों के उचित मेहनताने के साथ-साथ उनका बीमा भी सुनिश्चित किया जाएगा।