25 अगस्त 2010

ईंट भट्ठों में गूंजेगा क,ख,ग

चण्डीगढ़। हरियाणा में ईंट-भट्ठों में कार्य करने वाले लोगों के बच्चों को बेहतर गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करने, मिड-डे-मील योजना को और प्रभावी बनाने तथा संसाधनों का समुचित उपयोग सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने एक कलस्टर रूट अपनाने और प्रतिष्ठिïत एवं विश्वसनीय स्वैच्छिक एजेंसियों को वैकल्पिक अनूठे शिक्षा केन्द्र, जोकि 'भट्ठपाठशालाÓ के नाम से प्रसिद्घ हैं, स्थापित करने एवं संचालिक करने का कार्य सौंपने का निर्णय लिया है।
प्रदेश मेंं ईंट-भ_ïों पर कार्य परिस्थितियों को सुधारने के लिए विभिन्न विभागों द्वारा किए जा रहे कार्यों की समीक्षा करने के लिए हरियाणा की मुख्य सचिव श्रीमती उर्वशी गुलाटी की अध्यक्षता में आज यहां हुई एक बैठक में यह जानकारी दी गई। ईंट-भ_ïा मौसम आमतौर पर वर्ष में अक्तूबर मास से शुरू होकर मई मास तक चलता है।
श्रीमती गुलाटी ने निर्देश किए कि ईंट-भट्ठा मौसम शुरू होने से पहले सभी आरम्भिक कार्य शुरू कर दिए जाएं ताकि ईंट-भ_ïों में कार्य करने वाले श्रमिकों की समस्याओं को कम किया जा सके। प्रदेश के ईंट-भ_ïों में कार्य करने वाले श्रमिकों के लिए सम्बन्धित प्राधिकरणोंं  एवं विभागों द्वारा स्वास्थ्य सेवाएं, उनके बच्चों के लिए शिक्षा तथा आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता का प्रावधान करने के अलावा उनका मेहनताना भी सुनिश्चित किया जाएगा।
मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि प्रत्येक र्इंट-भ_ïे पर श्रमिकों के लिए उसी प्रकार स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित की जाएं, जैसेकि पहले मोबाईल वैनस की मदद से चिकित्सा अधिकारियों तथा सहायक स्टाफ द्वारा ईंट-भ_ïों का दौरा करके  उपलब्ध करवाई जाती रही हैं।
    बैठक में बताया गया कि एक योजना बनाई गई है जिसके तहत जिला में ईंट-भ_ïों के  समूह के लिए एक स्थल पर भ_ïा पाठशाला खोली जाएगी ताकि श्रमिकों के बच्चों को शिक्षा उपलब्ध करवाई जा सके। इस कार्य के लिए पात्र स्वैछिक एजेंसियों से आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे। इस कार्य के लिए एजेंसियों को सूचीबद्घ करने की प्रक्रिया समाप्त होने के उपरांत अक्तूबर एवं नवम्बर में बच्चों के दाखिले किए जाएंगे। भ_ïा पाठशाला अब एक दिन में चार घण्टों के बजाए छ: घण्टों के लिए चलाई जाएंगी।
    बैठक में यह भी बताया गया कि सर्वशिक्षा अभियान की वैकल्पिक अनूठी शिक्षा योजना को और आगे बढ़ा दिया गया है ताकि ईंट भ_ïा परिसरों में अपने माता-पिता के साथ रहने वाले छ: से 14 वर्ष की आयु वर्ग के सभी मौसमी प्रवासी बच्चों को इस योजना का लाभ उपलब्ध करवाया जा सके। भ_ïा पाठशालाओं में बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ शिक्षण एवं अध्ययन सामग्री, उपकरण तथा अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई जाती हैं। सतही वास्तविकताओं के आधार पर ही कलस्टर पद्घति निर्धारित की गई है। प्रदेश में हजारों ईंट-भ_ïे हैं और उनमें से अधिकतर में स्कूल न जाने वाले बच्चों की संख्या बहुत कम है। प्रत्येक ईंट-भ_ïे पर स्कूल स्थापित करना न तो सम्भव है और न ही उचित, इसलिए सभी बच्चों को दाखिला दिलाने के लिए निकटवर्ती ईंट-भ_ïों का एक समूह बनाकर एक सुविधाजनक स्थल पर भ_ïा पाठशाला स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। ऐसा किए जाने से इन पाठशालाओं का परिविक्षण करना सरल होगा और साथ ही संसाधनों का उचित उपयोग और शिक्षा एवं उपलब्ध सुविधाओं की गुणवत्ता को सुधारने में भी मदद मिलेगी। कलस्टरस, जहां भ_ïा पाठशालाएं स्थापित की जानी हैं, की सूची पहले ही तैयार की जा चुकी है।
    भ_ïा पाठशालाओं में बच्चों को मिड-डे-मिल उपलब्ध करवाने की प्रणाली को भी अंतिम रूप दिया जा चुका है। गैर सरकारी संगठनों की मदद से उन्हें गर्म एवं ताजा तैयार पौष्टिक भोजन उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जाएंगे, जिसके लिए जिला प्रशासन द्वारा राशन की आपूर्ति की जाएगी। बेहतर विकल्प उपलब्ध न होने की स्थिति में निकटवर्ती सरकारी स्कूल, जहां रसोइयों द्वारा बच्चों के लिए भोजन तैयार किया जाता है, से इस कार्य में मदद ली जाएगी। बहरहाल, बच्चों को ताजा एवं पौष्टिïक भोजन उपलब्ध करवाया जाना सुनिश्चित करने के लिए सम्बन्धित अतिरिक्त उपायुक्त द्वारा भ_ïा पाठशालाओं का दौरा किया जाएगा।
    वर्ष 2009-10 के दौरान ईंट-भ_ïों में पात्र बच्चों का सर्वेक्षण करवाने के उपरांत विभिन्न जिलों में 681 भ_ïा पाठशालाएं स्थापित की गई और उनमें लगभग 17000 प्रवासी बच्चों को दाखिला दिया गया। इन 681 भ_ïा पाठशालाओं में से अधिकतम 50 अम्बाला जिला में, 21 भिवानी में, 42 फरीदाबाद में, 35-35 फतेहाबाद एवं जींद में, आठ गुडग़ांव में, 46 हिसार में, 25 झज्जर में, 21 कैथल में, नौ करनाल में, 40 कुरूक्षेत्र में, 30-30 महेन्द्रगढ़ एवं मेवात में, 39 पलवल में, 45 पानीपत में, 29 पंचकूला में, 40 रोहतक में, 33 रेवाड़ी में, 24 सिरसा में, 47 सोनीपत में और 32 यमुनानगर में स्थापित की गईं।
    बैठक में बताया गया कि ईंट भटï्ठों पर कार्य करने के लिए आने के बाद श्रमिकों को खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा राशन कार्ड जारी किए जाएंगे, ताकि उन्हें सस्ते मूल्यों पर आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध करवाई जा सकें। सम्बन्धित जिला प्रशासन के वरिष्ठï अधिकारियों द्वारा अपने क्षेत्रों के ईंट-भ_ïों का दौरा करके श्रमिकों का उचित मेहनताना भी सुनिश्चित किया जाएगा। श्रम विभाग के कर्मचारियों द्वारा श्रमिकों के उचित मेहनताने के साथ-साथ उनका बीमा भी सुनिश्चित किया जाएगा।

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