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11 जून 2020

लैंड लीज पॉलिसी को अंतिम रूप दिया, उद्यमी 6 प्रतिशत वार्षिक की आरक्षित दर से भूमि पटटे पर ले सकेंगे

चण्डीगढ़(लहू की लौ)हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम (एचएसआईआईडीसी) ने प्रदेश में अधिक से अधिक निवेश आकर्षित करने और निवेशकों की भूमि से जुड़ी समस्याओं का समाधान करने के उद्देश्य से लैंड लीज पॉलिसी को अंतिम रूप दिया है जिसके तहत इच्छुक उद्यमी 6 प्रतिशत वार्षिक की आरक्षित दर से भूमि पट्टे पर ले सकेंगे।
यह जानकारी एचएसआईआईडीसी  के एस्टेट डिवीजन के प्रमुख  सुनील शर्मा ने आज पंचकूला में आयोजित वर्चुअल वैबडैस्क की बैठक के दौरान दी। निगम के प्रबंध निदेशक अनुराग अग्रवाल ने बैठक की अध्यक्षता की।
  सुनील शर्मा ने बताया कि ई-कामर्स कंपनी अमेजन ने प्रदेश में वेयरहाउसिंग में रुचि दिखाई है। इसी तरह एक बैटरी विनिर्माण कंपनी, जिसमें जापान का भी हिस्सा है, आईएमटी मानेसर में जमीन लेना चाहती है। उन्होंने कहा कि एचएसआईआईडीसी चाहता है कि हरियाणा में आने की इच्छुक कंपनियों को जल्द से जल्द भूमि आबंटित की जाए ताकि वे यहां अपना कारोबार शुरू कर सकें।
 उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री  मनोहर लाल और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला प्रदेश में अधिक से अधिक पूंजी निवेश आकर्षित करने के लिए प्रयासरत हैं। वे चीन, अमेरिका और जापान आदि देशों से भारत में आने की इच्छुक कंपनियों के प्रतिनिधियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रूबरू हुए हैं। उन लोगों द्वारा उठाए गए विषयों को देखते हुए एचएसआईआईडीसी ने सप्ताह में 3 दिन- सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को वैब डैस्क के नाम से एक श्रंखला की शुरुआत की है। एचएसआईआईडीसी के प्रबंध निदेशक इसकी अध्यक्षता करते हैं और मौके पर ही उनकी समस्याओं का समाधान किया जाता है।
 सुनील शर्मा ने बताया कि कोविड-19 महामारी के चलते बदले हालात में हरियाणा सरकार और एचएसआईआईडीसी ने सूचना प्रौद्योगिकी के प्रति विशेष बल दिया है। उन्होंने बताया कि इस महामारी ने प्रदेश को कई चीजों में आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया है। पहले जहां हरियाणा में कई चीजों का निर्माण नहीं होता था, वहीं कोविड-19 के कारण अब प्रदेश में इन चीजों का निर्माण होने लगा है। हरियाणा में इस महामारी से पहले पीपीई किट्स और एन-95 मास्क का निर्माण नहीं होता था। लेकिन एचएसआईआईडीसी ने 9 अप्रैल, 2020 को व्हाट्सएप पर पीपीई किट्स के लिए एक प्लेटफार्म बना दिया था जिसके माध्यम से पीपीई किट्स के निर्माताओं, आपूर्तिकर्ताओं और व्यापारियों को एक मंच उपलब्ध करवाया गया। इससे एक नई शुरुआत हुई और उसी माध्यम से एचएसआईआईडीसी ने वैबिनार और वैब डैस्क की शुरुआत की। इसके माध्यम से सप्ताह में 3 दिन तक उच्चाधिकारी विभिन्न कंपनियों की समस्याएं सुनते हैं और उनका समाधान करते हैं।

30 मई 2020

संदिग्ध परिस्थितियों में प्रवासी मजदूर की मौत, तीसरी मंजिल

शहर थाना से सटी मिठाई की दुकान पर छह माह से कार्यरत था उत्तर प्रदेश निवासी मजदूर

डबवाली (लहू की लौ) डबवाली में मिठाई की दुकान पर कार्यरत उत्तर प्रदेश के जिला कौशाम्बी तहसील मंझनपुर के गांव सैदनपुर निवासी जितेंद्र (27) की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। उसका शव दुकान की तीसरी मंजिल पर बने एक कमरे में मिला। मृतक करीब छह माह पहले डबवाली आया था। इससे पहले दक्षिण दिल्ली में हजरत निजामुद्दीन इलाके में रहता था।
चौटाला हाईवे पर शहर थाना से सटी दुकान आशीर्वाद स्वीट्स पर मृतक का भाई मान सिंह मुख्य हलवाई के तौर पर करीब 12 वर्षों से कार्यरत है। उसने जितेंद्र को सहायक के तौर पर रख लिया था। दोनों भाईयों के लिए अलावा दुकान पर बिहार के जिला कटिहार निवासी छोटू कार्यरत है। तीनों दुकान की दूसरी तथा तीसरी मंजिल पर ही सोते थे। रात को तीसरी मंजिल पर दो चारपाई पर जितेंद्र तथा छोटू सोए हुए थे। जबकि मान सिंह दूसरी मंजिल पर सोया हुआ था। बताया जाता है कि रात 2 बजे छोटू ने जितेंद्र को छत पर टहलते हुए देखकर, उसे सोने के लिए कहा था। शुक्रवार सुबह करीब 6.15 बजे भाई को उठाने के लिए मान सिंह ऊपर आया तो वह चारपाई पर नहीं मिला। एक कमरे के भीतर गया तो उसने भाई के गले में रस्सी देखी। जिस पर दो गांठे लगी हुई थी। उसकी नाक तथा कान से खून बह रहा था। उसकी मौत हो चुकी थी। इसकी सूचना उसने दुकान मालिक को दी। जिसके बाद पुलिस को सूचित किया गया। पुलिस ने शव कब्जे में करके पोस्टमार्टम के लिए उपमंडल नागरिक अस्पताल में पहुंचाया।

फांसी खाने से जान गई
चिकित्सक प्रकृति तथा उनके सहयोगी अर्चित ने पोस्टमार्टम किया है। सामने आया है कि फांसी खाने से जान गई है। पोस्टमार्टम के बाद शव पुलिस को सौंप दिया गया है।
-एमके भादू, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, डबवाली


मृतक के भाई मान सिंह के बयान पर धारा 174 सीआरपीसी के तहत इत्तेफाकिया मौत की कार्रवाई अमल में लाई गई है। उसका कहना है कि जितेंद्र दो-तीन दिन से परेशान चला आ रहा था। इसी परेशानी में उसने जान दे दी। कमरे में लगी खूंटी पर रस्सी डालकर उसने फंदा बनाया था। पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव उसके वारिसों को सौंप दिया गया है।
-एसएचओ सत्यवान, शहर थाना डबवाली

25 मई 2020

खुदा का कौन सा बंदा था, दो जून की रोटी दे आंखों में आंसू ले गया....



जींद से पंजाब जा रहे मजदूर परिवारों को एक-दूसरे की सीमा में खदेडऩे तक सीमित रही हरियाणा-पंजाब पुलिस


डबवाली (लहू की लौ)हरियाणा पुलिस ने पशुओं की तरह खदेड़ दिया तो कुछ माह की बेटी को उठाए वो तेजी से रेलवे लाइन क्रॉस करके पंजाब सीमा की ओर जा रही थी। उसके पीछे-पीछे कुछ बच्चे, महिलाएं चल रही थीं। बच्चों, महिलाओं, पुरुषों समेत वे कुल 32 लोग थे। सभी की मंजिल एक थी जिला फिरोजपुर के गुरुहरसहाय कस्बे का गांव फतेहगढ़ गहरी। पंजाब सीमा में पुलिस नाके पर पहुंचे तो वापिस जाने के लिए कह दिया। वापिस आए तो पुलिस ने हरियाणा सीमा में घुसने से रोक दिया। पूरी रात खुले आसमान तले बीती, रविवार को तापमान बढ़ गया तो किलियांवाली में कस्सी किनारे शरण ली। दोपहर बाद करीब 1 बजे गुरुहरसहाय से परिजनों ने भेजी दो गाडिय़ां मजदूरों को लेकर चोर रास्तों से वापिस रवाना हो गईं।
लाइव रिपोर्ट :
शनिवार, शाम 7.30 बजे
शाम करीब 6 बजे जींद से 32 लोग डबवाली पहुंचे थे। इस समय डबवाली पुलिस की पीसीआर पूछताछ कर रही है। गोपी, रवि, अरविंद का कहना है कि वे जींद से सटे एक गांव में नाली बनाने का कार्य कर रहे थे। ठेकेदार ने कार्य बंद करके वापिस जाने के लिए कह दिया। वे जींद लघुसचिवालय गए, वहां से भगा दिए गए। मेडिकल करवाने के लिए गए तो वहां से निकाल दिए गए। पैदल निकले तो पुलिस वालों ने मार भगाया। आज सुबह 3 बजे दो पिकअप गाडिय़ों में चले तो अब यहां पहुंचे हैं। गाड़ी चालकों ने उनसे 10 हजार रुपये किराया वसूल किया है। अब उनके पास बहुत कम राशि शेष रह गई है। प्रशासन को सूचित करने की बजाए, पुलिस इन्हें पशुओं की तरह खदेडऩा उचित समझ रही है। पीसीआर पर तैनात दोनों पुलिसकर्मियों का कहना है कि नजदीक ही पंजाब सीमा शुरु हो जाएगी। आप हमारे साथ आओ, हमारी बात हो गई है पंजाब पुलिस से, वे आपको जाने देंगे। पुलिस की बात सुनकर मजदूर पंजाब सीमा की ओर कूच कर गए।
रात : 9.00 बजे
हरियाणा सीमा से खदेडऩे के बाद प्रवासी मजदूर फंस गए हैं, क्योंकि पंजाब पुलिस नाका क्रॉस करने नहीं दे रही। वापिस जाते हैं तो हरियाणा पुलिस घुसने नहीं दे रही। जबकि प्रवासी मजदूरों के लिए प्रबंध करने पर दोनों राज्यों की पुलिस चुप्पी साधे हुए है। बच्चे भूख के मारे तड़प रहे हैं। रात करीब 10 बजे रेलवे स्टेशन पर सीबीएस राजीव शर्मा, एएनएम सुदेश रानी के सहयोग से संस्था अपने ने चावल-दाल का लंगर पहुंचाया है। महिलाओं के अनुसार उन लोगों ने सुबह 7 बजे के बाद भोजन खाया है। संस्था सदस्यों ने पांच महिलाओं तथा बच्चों के पैर नंगे देखकर चप्पल पहनाई है।
रविवार, सुबह 11.30 बजे
नेशनल हाईवे किनारे रात बीताने के बाद रविवार को ये लोग लिंक रोड पर माइनर किनारे पेड़ों की छाया में आ गए हैं। संस्था अपने तथा निरंकारी मिशन के सदस्य दाल-रोटी का लंगर लेकर पहुंचे हैं। बच्चों को रोटी खाते देख समाजसेवियों की आंखे भर आई हैं। ऐसा नज़ारा देखकर शायर की पंक्तियां याद आती हैं कि 'मेरी भूख को वो पन्नी में भरकर दे गया, चार रोटी के साथ सब्जी भी दे गया। मैं नहीं जानता खुदा का कौन सा बंदा था, दो जून की रोटी दे आंखों में आंसू ले गया....Ó। दोपहर बाद करीब 1 बजे मजदूरों के परिजनों ने दो वाहन भेजे हैं। जिसमें वे अपने गंतव्य की ओर रवाना हो गए हैं।