19 नवंबर 2014

खुलने से पहले ही डिफाल्टर बना कस्तूरबा गांधी विद्यालय

बिजली बिल न भरने से कनेक्शन कटा, महज दो अध्यापकों की नियुक्ति से इसी वर्ष तीन कक्षाएं शुरू करने की तैयारी

डबवाली (लहू की लौ) गांव रत्ताखेड़ा-राजपुरा में बना कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय शुरू होने से पूर्व ही विवादों में घिर गया है। बिल बकाया होने पर बिजली निगम ने विद्यालय का बिजली कनेक्शन काट दिया है। विवादों के बीच विद्यालय के कार्यकारी प्राचार्य ने चार्ज संभालने से मना कर दिया है। जबकि शिक्षा विभाग ने आनन-फानन में इसी माह से विद्यालय शुरू करने के निर्देश जारी कर रखे हैं। सवाल उठता है कि बगैर बालिकाओं तथा बिजली के बच्चे कैसे पढ़ेंगे? विद्यालय में बने हॉस्टल में कैसे रहेंगे?
किसी कारणवश पढ़ाई छोड़ चुकी या फिर अनाथ बालिकाओं के लिये हरियाणा सरकार ने रत्ताखेड़ा-राजपुरा में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय का निर्माण करवाया है। विद्यालय का भवन करीब चार एकड़ भूमि में करीब दो करोड़ रूपये की लागत से तैयार हुआ है। जिसका उद्घाटन 16 फरवरी 2014 को पूर्व सीएम भूपिंद्र सिंह हुड्डा ने किया था। लेकिन विद्यालय में स्टॉफ की नियुक्ति नहीं हुई। जिसके चलते विद्यालय शुरू नहीं हो सका। अब हरियाणा में नई बनी भाजपा सरकार ने विद्यालय में हॉस्टल वार्डन समेत संस्कृत अध्यापक तथा एसएस अध्यापक की नियुक्ति की है। प्राचार्य का चार्ज रत्ताखेड़ा-राजपुरा के सरकारी विद्यालय के प्राचार्य दलीप सिंह को दिया है। लेकिन दलीप सिंह ने चार्ज लेने से मना कर दिया है। चूंकि विद्यालय शुरू होने से पहले ही कर्जदार हो गया है। बिजली निगम ने विद्यालय को डिफाल्टर की सूची में डाल रखा है। करीब 18 हजार रूपये का बिल विद्यालय की ओर बकाया पड़ा है।
6वीं से 8वीं तक होंगे दाखिले
दो अध्यापकों की नियुक्ति के बाद खट्टर सरकार विद्यालय को जल्दी शुरू करना चाहती है। निर्देश के बाद बीईओ डबवाली संत कुमार बिश्नोई ने मंगलवार को अपने कार्यालय में खंड के सभी सरकारी स्कूलों के प्रभारियों की बैठक ली। बैठक में प्रभारियों को बालिका विद्यालय शुरू करने के लिये सहयोग देने का आह्वान किया। प्रभारियों को अपने-अपने क्षेत्र में अनाथ या फिर किसी कारणवश शिक्षा छोड़ चुकी बालिकाओं को पुन: उपरोक्त विद्यालय में दाखिला दिलाने की बात कही।

कटा हुआ है बिजली कनेक्शन
सरकार ने विद्यालय इसी माह से शुरू करने के सख्त निर्देश दिये हैं। बालिकाओं की खोज के लिये वे स्वयं उपरोक्त दो अध्यापकों के साथ गांव-गांव में निकलेंगे। योजना के अनुसार एससी/बीसी या बीपीएल कार्ड धारकों की बच्चियों के दाखिले लिये जा सकते हैं। मैंने अभी चार्ज नहीं लिया है, चूंकि बिजली बिल का विवाद चल रहा है। बिजली कनेक्शन कटा हुआ है। विवाद शांत होने के बाद ही चार्ज संभालूंगा।
-दलीप सिंह, कार्यकारी प्राचार्य

सभी सुविधा मिलेगी
खंड के सरकारी स्कूलों के प्रभारियों की बैठक लेकर बालिका विद्यालय शुरू करने में सहयोग मांगा गया है। ऐसे बच्चों की पहचान की जा रही है जो अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ चुके हैं। बालिकाओं को विद्यालय में पढ़ाई के लिये संपूर्ण वातावरण उपलब्ध करवाया जायेगा। वर्दी के साथ-साथ खान-पान तथा रहने के लिये हॉस्टल की सुविधा दी जायेगी। विद्यालय का भवन 12वीं कक्षा तक के लिये बनाया गया है। फिलहाल इसी वर्ष से 6वीं, 7वीं तथा 8वीं के दाखिले शुरू करके विद्यालय शुरू किया जा रहा है। -संत कुमार बिश्नोई, बीईओ, डबवाली

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