14 सितंबर 2009

हरियाणा एसजीपीसी का गुरुद्वारे पर आठ घंटे कब्जा, टकराव टला


कुरुक्षेत्र। हरियाणा के लिए अलग एसजीपीसी की मांग कर रहे सिख नेताओं ने शनिवार को कुरुक्षेत्र के प्रतिष्ठित छठी पातशाही गुरुद्वारा की जिम्मेदारी संभाल ली। उधर, शीर्ष निकाय ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आरोप लगाया कि इस कदम को भूपिंदर सिंह हुड्डा सरकार का समर्थन हासिल है।स्वनियुक्त हरियाणा एसजीपीसी के अध्यक्ष जगदीश सिंह झिंदा ने कहा कि उन्होंने छठी पातशाही गुरुद्वारा की जिम्मेदारी संभाल ली है और इस दौरान उन्हें गुरुद्वारा के मौजूदा पदाधिकारियों से किसी प्रतिरोध का सामना नहीं करना पड़ा।
उन्होंने कहा कि गुरुद्वारा परिसर में सिर्फ दो लोग मौजूद थे और हरियाणा एसजीपीसी के नियंत्रण के बाद दोनों चले गए। उन्होंने कहा कि यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि राज्य सरकार हरियाणा के लिए अलग एसजीपीसी की मांग करने वालों के साथ न्याय करने में नाकाम रही है।
शीर्ष निकाय एसजीपीसी ने इस कदम का जोरदार विरोध करते हुए भूपिंदर सिंह हुड्डा सरकार पर आरोप लगाया कि वह ऐतिहासिक गुरुद्वारा पर जबरन नियंत्रण के लिए कुछ सिखों का समर्थन कर रही है। गुरुद्वारों का प्रबंधन करने वाली शीर्ष निर्वाचित संस्था एसजीपीसी ने कहा कि वह किसी भी कीमत पर गुरुद्वारे का नियंत्रण वापस लेगी। कुरुक्षेत्र रवाना होते हुए एसजीपीसी प्रमुख अवतार सिंह मक्कड़ ने कहा कि भूपिंदर सिंह हुड्डा सरकार कुछ हथियारबंद सिखों का समर्थन कर रही है जिन्होंने कुरुक्षेत्र में एक ऐतिहासिक गुरुद्वारे पर जबरन नियंत्रण स्थापित कर लिया है। हरियाणा सरकार और कुरुक्षेत्र जिला प्रशासन की आलोचना करते हुए मक्कड़ ने कहा कि एसजीपीसी किसी भी कीमत पर गुरूद्वारे का नियंत्रण वापस लेगी।

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