12 सितंबर 2009

सत्संग करने से दूर होते हैं दोष-मुक्तानन्द

डबवाली (लहू की लौ) डॉ. स्वामी मुक्तानन्द महाराज ने कहा कि समाज में ईष्र्या, द्वेष, क्रोध, लोभ भयंकर रूप से व्यप्त होने के कारण समाज सुख-शांति से वंचित है। महापुरूषों के सत्संग करने से ही जीवन से दुर्गुण, दुव्र्यसन, दुराचार आदि दोष दूर होते हैं। वे यहां के वाटर वक्र्स के सामने स्थित शिव मन्दिर में सत्संग कर रहे थे। उन्होंने कहा कि महापुरूषों का जीवन परोपकार के लिए होता है और महापुरूषों के संग से प्रेम, मैत्री, करूणा, कृपा आदि सद्गुण आ जाते हैं। उनके अनुसार मन, वाणी एवं शरीर से होने वाले सभी कर्मो को ईश्वर के प्रति समर्पण भाव से करना ही निष्काम कर्म है। यही उपदेश श्री कृष्ण ने अर्जुन को दिया था।

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