Adsense

Lahoo Ki Lau

युवा दिलों की धड़कन, जन जागृति का दर्पण, निष्पक्ष एवं निर्भिक समाचार पत्र

14 दिसंबर 2014

सात साल में कार्यकारी प्रिंसीपल का रहा दबदबा, नहीं मिले प्राध्यापक

कॉलेज में 25 प्राध्यापकों में से 11 पद खाली, 3 गेस्ट

डबवाली (लहू की लौ) राजकीय महाविद्यालय में प्राध्यापकों के आधे पद रिक्त पड़े हैं। पांच विषयों के प्राध्यापक महाविद्यालय की स्थापना से ही नहीं मिले हैं। ऐसे में राजकीय महाविद्यालय में पढऩे आने वाले 1100 विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर है। इतना ही नहीं महाविद्यालय के संचालन के लिये प्रिंसीपल का पद भी 30 नवंबर 2014 को खाली हो गया है।
डबवाली में कॉलेज की मांग करीब चार दशक पुरानी थी। जो पिछली सरकार के समय सिरे चढ़ गई। वर्ष 2007 में पुराने सिविल अस्पताल के भवन में अस्थाई तौर पर कक्षाएं शुरू हुई थी। 16 फरवरी 2014 को बाबा भीमराव अंबेडकर राजकीय महाविद्यालय का नाम मिला। करीब सात वर्षों तक सिविल अस्पताल के भवन में चलने के बाद कॉलेज अगस्त 2014 में गांव डबवाली में नये बने भवन में शिफ्ट हुआ है। लेकिन प्राध्यापकों के पद आज तक भरे नहीं गये हैं। कॉलेज में प्राध्यापकों के कुल 25 पद स्वीकृत हैं। जिनमें से 11 पद अभी भी खाली पड़े हैं। हिंदी, इतिहास, रसायन विज्ञान, गृहविज्ञान तथा शारीरिक शिक्षा प्राध्यापक तो वर्ष 2007 से नहीं मिले हैं। ऐसी परिस्थितियों में विद्यार्थी कैसे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, यह समझ से परे है।
सात वर्षों में रहा कार्यकारी प्रिंसीपल का दबदबा
पिछले सात वर्षों से राजकीय महाविद्यालय प्रिंसीपल के लिये भी तरसता रहा है। अशोक भाटिया ने पहले प्रिंसीपल के रूप में कार्यभार संभाला था। वे 26 जून 2007 से 12 मई 2008 तक रहे। उनके बाद पीके गर्ग कार्यकारी प्रिंसीपल रहे। हालांकि सात वर्षों के दौरान एमएल कालड़ा, शमीम शर्मा, यूएस सैनी, सुचित्रा भी प्रिंसीपल रहे। लेकिन कार्यकाल बहुत कम समय का रहा। इस दौरान चार बार पीके गर्ग के पास चार्ज रहा। आखिर सरकार ने उन्हें पदोन्नति देकर 14 फरवरी 2013 को प्रिंसीपल नियुक्त किया। जोकि 30 नवंबर 2014 को अपने पद से सेवानिवृत्त हो गये हैं। प्रिंसीपल का पद एक बार फिर रिक्त हो गया है।

प्राध्यापकों की स्थाई नियुक्ति के लिये मांग भेजी गई है। विद्यार्थियों की शिक्षा में बाधा न आये इसके लिये अस्थाई लेक्चर उपलब्ध करवाये जा रहे हैं।
    -राकेश वधवा, कार्यकारी प्रिंसीपल राजकीय महाविद्यालय, डबवाली

टीचिंग स्टॉफ की स्थिति
पद स्वीकृत पद भरे खाली गेस्ट
अंग्रेजी 03 01 02 00
हिंदी        01 -- 00 01
ज्योग्रफी  03 03 00 00
इतिहास  01 00 00 01
पंजाबी 01 01 00 00
अर्थशास्त्र 01 01 00 00
गणित 02 01 01 00
साईकोलॉजी 01 01 00 00
राजनीतिक शास्त्र 01 00 01 00
फिजिकल एजूकेशन 01 00 01 00
कॉमर्स 02 02 00 00
केमिस्ट्री 02 01 01 00
फिजिकस 02 00 00 01
होम साईंस 02 00 02 00
कंप्यूटर साईंस 92 00 02 00
कुल 25 11 11 03

मम्मी-पापा आज मैं तोता बनूंगा, मुझे देखने के लिये जरूर आना

डबवाली (लहू की लौ) मम्मी, पापा आज मैं तोता बनऊंगा। मुझे देखने के लिये आप जरूर आना। दादी जी को भी साथ लाना। करीब उन्नीस वर्ष पूर्व 23 दिसंबर 1995 को डीएवी स्कूल के वार्षिक कार्यक्रम में भाग लेने जाते समय रविकांत के यह बोल आज भी उसके पिता वीरेश दत्त के कानों में गूंजते हैं। आंखों से अश्रु टपकने लगते हैं।
डबवाली अग्निकांड में वीरेश कुमार दत्त के परिवार के नौ सदस्य मारे गये थे। जिसमें उनकी पत्नी सरोज रानी (29), दो बेटे रविकांत (9), केशवकांत (3), बेटी नीलम रानी (8), मां लक्ष्मी देवी (54), भाभी सरोज (27) पत्नी सुरेश कुमार, भतीजा घनश्याम (1 साल), भानजा दीपक (6), भानजी चंचल (3) शामिल हैं। वीरेश के अनुसार रविकांत डीएवी की तीसरी कक्षा का छात्र था। जबकि बेटी नीलम दूसरी कक्षा की छात्रा थी। 23 दिसंबर के कार्यक्रम के लिये दोनों ने ठीक एक सप्ताह पूर्व ही तैयारी आरंभ कर दी थी। रविकांत को कार्यक्रम में पिंजरे में बंद तोते का किरदार तथा बेटी ने डांस में अपनी प्रतिभा दिखानी थी। कार्यक्रम के दिन दोनों घर से जाते समय पूरे परिवार को कार्यक्रम में भाग लेने के लिये कहकर गये थे। दोपहर बाद करीब 1 बजे परिवार के उपरोक्त सदस्य कार्यक्रम देखने के लिये गये थे।
दोपहर बाद 3 बजे पता चला
वीरेश के अनुसार वह 1995 में वह पंजाब के निकटवर्ती जिला श्री मुक्तसर साहिब के गांव लंबी में केमिस्ट शॉप चलाता था। 23 दिसंबर को दोपहर बाद करीब 3 बजे उसे उपरोक्त हादसे के बारे में सूचना मिली। मामूली हादसा समझते हुये वह अपने घर पहुंचा। केशवकांत, घनश्याम, चंचल घर में थे, उन्हें देखकर ऐसा नहीं लगा कि उनकी मौत हो गई है। चूंकि उनके शरीर पर जलने के निशान तक नहीं थे। वह अपनी बहन लीलावती के साथ सिविल अस्पताल में पहुंचा। नीलम सिविल अस्पताल में दाखिल थी। उपचार के बाद उसे रैफर कर दिया गया। रविकांत के शव के बगैर सभी शव मिल गये। किसी के शरीर पर जलने का निशान नहीं मिला।
तोता बने बेटे का शव हाथों में आ गया
24 दिसंबर को फिर वह अपने बेटे रविकांत को ढूंढऩे के लिये गया। सिविल अस्पताल में उसके बेटे का शव मिल गया। वह तोता बना हुआ था। आठ शव लेकर वे रामबाग में पहुंचे। शव जलाने के लिये जगह कम थी। रामबाग के नजदीक एक खेत में शवों को अग्नि दी। इसी बीच उसकी बेटी का शव भी वहां आ गया। उस दिन परिवार की नौ चिताएं जली।
आगजनी के समय पिंजरे में बंद था रविकांत
वीरेश के अनुसार अग्निकांड के कुछ वर्षों बाद उसे पता चला कि कार्यक्रम में आगजनी के दौरान उसका बेटा स्टेज पर पिंजरे में तोता बनकर कैद था। आग लगने पर भगदड़ मची हुई थी। इस दौरान रविकांत चाबी, चाबी चिल्ला रहा था। लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की। वीरेश के अनुसार उसका बेटा डॉक्टर तथा बेटी अध्यापिका बनना चाहती थी। लेकिन सब कुछ खत्म हो गया।
भगदड़ तथा दम घुटने के कारण मरे बच्चे और महिलाएं
वीरेश के अनुसार अग्निकांड में जलने के कारण उसके परिवार के सदस्यों की मौत नहीं हुई। बल्कि अग्निकांड की भीषणता तथा भगदड़ की वजह से कुचले जाने के कारण मारे गये। बच्चों की जीभ बाहर थी।

ठंडी हवा व हल्की बूंदाबांदी से जनजीवन प्रभावित

डबवाली (लहू की लौ) शुक्रवार सुबह से चली शीत लहर से एकाएक ठंड में वृद्धि होने से सामान्य जनजीवन दिनभर प्रभावित रहा, हालांकि क्षेत्र में हल्की बूंदाबांदी भी रही। जिसके चलते उत्पन्न हुई ठंड से बचने के लिए लोग गर्म कपड़ों में लिपटे नजर आए तो वहीं जगह जगह लोग अलाव सेंकते देखे गए। अनेक लोग काम काज छोड़कर दिनभर घरों में दुबके रहे तो वहीं उधर महीने के दूसरे शनिवार को स्कूलों में छुट्टी होने के कारण विद्यार्थियों को कुछ राहत नसीब हुई लेकिन खेतों में काम करने वाले लोगों को काफी परेशानी महसूस हुई। बढ़ी ठंड के साथ ही गर्म वस्त्रों की अचानक मांग बढ़ गई और गर्म वस्त्र विके्रता पूरा दिन व्यस्त रहे। भले ही इस ठंड व हल्की बूंदाबांदी ने मौसम का मिजाज बदल दिया हो और लोगों को कुछ परेशानियों से भी दो चार होना पड़ा हो लेकिन किसानों की माने तो गेहूं की फसल के लिए उक्त मौसम फायदे का सौदा सिद्ध हुआ है। पिछले कुछ दिनों से दिन के समय तेज धूप के कारण गेहूं की फसल प्रभावित हो रही थी। ठंड अब उस पर लाभकारी साबित होगी।

पंजाबियां दी शान वखरी पर झूमे दर्शक

बाल वाटिका मॉडल स्कूल का वार्षिक उत्सव आयोजित

डबवाली (लहू की लौ) बाल वाटिका मॉडल स्कूल का वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह शनिवार को धूमधाम से संपन्न हुआ। जिसमें श्री मुक्तसर साहिब के डीईओ दविंद्र राजौरिया ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की।
यूकेजी के बच्चों ने झांकी हिंदुस्तान की गाने पर नृत्य करके सबका मन मोह लिया। कक्षा द्वितीय की छात्राओं ने धीयां दा सत्कार करो और रंग दे बसंती चोला पर प्रस्तुति देकर खूब वाहवाही लूटी। नन्हें-मुन्नें बच्चों ने पंजाबियां दी शान वखरी गाने पर नृत्य कर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। बच्चों ने भाषण, कविताएं, गीतगाकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस मौके पर प्रधानाचार्या वंदना मेहता ने वार्षिक रिपोर्ट पढ़ी। मुख्यातिथि ने मेधावी विद्यार्थियों को पुरस्कार दिये। इस मौके पर प्रबंधक समिति के सदस्य वीपी जिन्दल, अरूण जिन्दल, नीरज जिन्दल, अनिल गोयल,रविन्द्र गर्ग, प्रिंसीपल एसके कौशिक, प्रिंसीपल गुरू नानक कॉलेज डॉ. इन्दिरा अरोड़ा, प्रिंसीपल बीएड कॉलेज डॉ. पूनम गुप्ता, तरसेम जिन्दल, कंचन हरचन्द, एसके दुआ उपस्थित थे।

14 Dec. 2014





13 दिसंबर 2014

डबवाली अग्निकांड में दोनों टांगें गंवाई समाजसेवा के लिये फिर खड़ी हुई गीता


नेत्रदान के फार्म भरे, मरणोपरांत शरीर दान की चाह

डबवाली (लहू की लौ) मैं चाहती हूं कि मरणोपरांत मेरी आंखें दान कर दी जायें, ताकि दूसरों की जिंदगी में उजाला भर सकें। मेरे शरीर को रिसर्च के लिये मेडिकल इंस्टीच्यूट को दान दे दिया जाये। ताकि मेडिकल छात्रों का भविष्य संवर सकें। यह कहना है अग्निकांड पीडि़ता गीता का। दर्द भरा पल याद करके वह आज भी सिहर उठती है। अग्निकांड के बाद अब तक की जिंदगी कैसे कटी, वह ही जानती है।
शादी से एक दिन पहले आया आग का सैलाब
23 दिसंबर 1995 को गीता अपनी अध्यापिका सहेली मंजू के साथ डीएवी स्कूल का वार्षिक कार्यक्रम देखने के लिये गई थी। दर्शकों के लिये लगी अंतिम कुर्सियों पर वह बैठी हुई थी। आग भी पीछे से शुरू हुई थी। जोकि तेजी से आगे बढ़ी। आग का पता लगने पर मैरिज पैलेस में अफरा तफरी मच गई। सभी दर्शक अपनी जान बचाने के लिये भागे। गीता नीचे गिर गई। उसके ऊपर लोग गिरते गये। आग लगने के कारण उसकी दोनों टांगें बुरी तरह से झुलस गईं। हालांकि 24 दिसंबर 1995 को गीता की शादी श्री मुक्तसर साहिब (पंजाब) में होनी तय थी। लेकिन गीता ने आगजनी में दोनों टांगें गंवा दी।
बचाओ, बचाओ कहकर सिर उठती थी
अग्निकांड के बाद चार साल तक गीता की जिंदगी कोमा में रही। ऐसा कोई पल नहीं था, जब अग्निकांड की भयावह को याद कर वह विचलित नहीं हुई हो। गीता के पिता अमर सिंह ने 13 दिसंबर 1999 की घटना को याद करते हुये बताया कि अग्निकांड के ठीक चार साल बाद, उसी तारीख को गीता इतनी भयभीत हुई कि आग-आग कहते हुये बचाओ-बचाओ चिल्लाने लगी। अग्निकांड से उसकी बेटी को मानसिक आघात लगा। अग्निकांड में अपनी दोनों टांगें गंवाने के बाद जब भी वह उनकी तरफ देखती तो उसके बेहोश होने की स्थिति हो जाती। आज भी अग्निकांड का जिक्र करते ही गीता व्यथित हो जाती है। जिसके चलते घर में अग्निकांड के संबंध में बातचीत करने पर पाबंदी लगाई हुई है। साथ में अग्निकांड के संबंध में जानने के लिये गीता से मिलने आने वालों के लिये दरवाजे बंद किये हुये हैं।
शादी न करने का फैसला
अमर सिंह ने बताया कि 24 दिसंबर 1995 को उसकी बेटी के हाथ पीले होने थे, लेकिन अग्निकांड ने उसकी बेटी की टांगों के साथ भगवान ने उससे यह हक भी छीन लिया कि वह अपनी बेटी को डोली में विदा करे। हालांकि कुछ सालों तक उसने गीता की शादी के प्रयास किये। दो युवक गीता की हालत को समझते हुये शादी के लिये तैयार भी हुये। लेकिन उसकी बेटी ने शादी करवाने से साफ इंकार कर दिया। जिसके बाद उन्होंने कभी भी गीता को शादी के लिये नहीं कहा।


अभी सफर बाकी है
आर्टिफिशयल टांगों के जरिये पुन: खड़ी हुई गीता के हौंसले बुलंद हैं। वह डेरा सच्चा सौदा सिरसा की शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग में पिछले दो वर्षों से सेवारत है। मानवता भलाई के लिये चलाये जा रहे 104 कार्यों में अपना योगदान दे रही है। गीता को समाजसेवा के कार्यों में बढ़ चढ़कर भाग लेते देख उसकी सहयोगी भी उससे खासी प्रभावित हैं। उसके सहयोगियों का कहना है कि अग्निकांड जैसी भीषण त्रासदी में से गुजरने के बावजूद गीता में समाजसेवा का जज्बा काबिले तारीफ है। जब उसे आराम करने की सलाह दी जाती है, तो गीता कहती है अभी सफर बाकी है।

नेत्रदान का फार्म भरा
मैं नेत्रदान के साथ-साथ मरणोपरांत अपना शरीर दान करना चाहती हूं। चूंकि मेरे नेत्र किसी की जिंदगी में उजाला फैलाएंगे। शरीर पर रिसर्च करके देश के भावी चिकित्सक कुछ सीख पाएंगे। पिछले दो वर्षों से आध्यात्म के मार्ग पर चलकर बहुत अच्छा महसूस कर रही हूं। समाजसेवा करके मजा आ रहा है।
-गीता (अग्निकांड पीडि़ता)

खरीदा कबाड़, बना दी जिम

राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में आज से शुरू होगी जिम

डबवाली (लहू की लौ) शिक्षा तथा व्यवस्था के मामले में निजी विद्यालयों को टक्कर दे रहा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से नई बुलंदी हासिल करने जा रहा है। इस बार विद्यालय खिलाडिय़ों की पौध तैयार करने के लिये जिम लेकर आया है। कबाड़ में मिले सामान से जिम तैयार की गई है। जिम में 10 मशीनें लगाई गई हैं। जिम में मात्र वे युवा ही प्रवेश पा सकेंगे जो विद्यालय में पढ़ते हुये खेल के मैदान में अपना जौहर दिखाते हैं।
यूं तैयार हुई जिम
डबवाली के एक कबाड़ी ने कालावांली में जिम का सामान कबाड़ में खरीदा था। जिस पर नहरी पटवारी तथा खिलाड़ी राकेश शर्मा की नजर पड़ गई। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय तथा खेतू राम सेठी स्पोट्र्स क्लब के अध्यक्ष सुरजीत सिंह मान की सहमति से शर्मा ने करीब 40 हजार रूपये में उपरोक्त सामान खरीद लिया। पेंट तथा कबाड़ की मरम्मत पर करीब बीस हजार रूपये का खर्च आया। जिसके बाद एकदम नई जैसी जिम खड़ी हो गई है।
खिलाडिय़ों के लिये जिम जरूरी
प्रिंसीपल सुरजीत सिंह मान तथा राकेश शर्मा ने बताया कि खिलाडिय़ों के लिये जिम बेहद जरूरी है। चूंकि फिटनेस को बरकरार रखने तथा स्टेमिना बढ़ाने के लिये जिम ही एकमात्र सहारा है। विद्यालय ने कई प्रतिभावान खिलाड़ी दिये हैं। लेकिन जिम के अभाव से इन खिलाडिय़ों के प्रयास बेकार साबित हो रहे थे।
जिम में ये मशीनें : चेस्ट फ्लाई मशीन, पुल डाऊन मशीन, वाईसप करल बैंच, लेग प्रैस मशीन, समित मशीन, डंबल, केबल क्रॉस वॉर मशीन, रोईंग मशीन, अपर लॉअर प्रैस बैंच, बैक प्रैस मशीन।

जेसीबी के आगे धरने पर बैठी महिलाएं

शिकायत सुनने के लिये भाजपा नेता को कार्यालय से खींच लाये लोग

डबवाली (लहू की लौ) शुक्रवार को गुरू तेग बहादर नगर के लोगों ने आर
ओबी का निर्माण रूकवा दिया। गलियों के आगे दीवार खींचने से मना करने के बावजूद ठेकेदार नहीं माना तो महिलाएं जेसीबी के आगे धरने पर बैठ गईं। करीब सात घंटे तक चले इस हाई वोल्टेज धरने में लोगों ने भाजपा नेता को भी घसीट लिया। लोगों के विरोध के चलते एनएचएआई अधिकारियों को काम किये बगैर बैरंग लौटना पड़ा।
सुबह करीब 7 बजे गुरू तेग बहादर नगर के लोग शशिपाल, कांता देवी, लक्ष्मी कौर, सुरजीत कौर, वीना, मंजू मिढ़ा, रेणू पलटा, अनिता रानी, जसविंद्र कौर, सत्या देवी, राजवीर कौर, विपिन मोंगा, सुखविंद्र सिंह, सुरेंद्र मिढ़ा, भूषण शर्मा के नेतृत्व में इक्ट्ठे हुये। लोगों ने आरओबी निर्माण में लगे लोगों को गलियों के आगे दीवार खींचने से रोक दिया। इसके बावजूद ठेकेदार के करिंदे जेसीबी तथा ट्रेक्टर-ट्रालियां लेकर मौका पर आ गये। जिससे महिलाओं का गुस्सा बढ़ गया। महिलाएं जेसीबी के आगे धरना लगाकर बैठ गईं। कुछ लोग अपनी शिकायत लेकर सीधा भाजपा कार्यालय में जा घुसे। भाजपा नेता देवकुमार शर्मा को मौका पर खींच लाये। एनएचएआई की ओर से आरओबी का कार्य देख रहे भगवान दास भी मौका पर पहुंच गये। धरनारत लोगों से बातचीत का दौर शुरू हुआ।
आप कार्य रूकवाओ, मैं करूंगा मंत्री जी से बात
एनएचएआई प्रतिनिधि भगवान दास ने आरओबी की ड्राईंग का हवाला देते हुये गलियों के आगे से दीवार न हटाने की बात कही। बिना उच्च अधिकारियों की मंजूरी से कार्य बंद न करने पर अड़ गये। जिस पर भाजपा नेता ने इस संबंध में केंद्रीय भूतल मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर से बात करने का कहकर कार्य रूकवा दिया। करीब सात घंटे बाद लोगों ने धरना उठा लिया।
बंद हो जायेगी आवाजाही
वीरवार रात को आरओबी निर्माण में लगे लोगों ने गलियों के आगे दीवार खींचने के लिये खुदाई शुरू की। भनक मिलते ही लोग एकजुट होना शुरू हो गये। लोगों ने कार्य रूकवा दिया। सुबह होते ही ठेकेदार ने पुन: कार्य शुरू करने का प्रयास किया तो धरना शुरू कर दिया। लोगों ने बताया कि वार्ड नं. 1 तथा 2 के तहत आने वाली उनकी गलियों में करीब डेढ़ सौ घर हैं। गलियों के आगे दीवार खींचे जाने से उनका संपर्क मुख्य बाजार से टूट जायेगा। वहीं आगजनी की स्थिति में दमकल गाड़ी भी उन तक नहीं पहुंच पायेगी। वे दीवार नहीं खिंचने देंगे।


कार्य बंद करवाया
आरओबी की ड्राईंग एनएचएआई तथा रेलवे ने मिलकर तैयार की है। जिसमें फेरबदल करने का अधिकार उच्च अधिकारियों को है। लोगों की मांग को संबंधित अधिकारियों को बता दिया गया है। अधिकारी जो भी फैसला करेंगे, उसके अनुसार कार्य होगा। फिलहाल आगामी निर्णय तक विवादित जगह पर कार्य बंद करवा दिया गया है।
-भगवान दास,
प्रतिनिधि, एनएचएआई


इग्जामिन करेंगे
सुबह फोन पर मुझे घटनाक्रम का पता चला था। लोगों के एतराज पर इग्जामिन किया जायेगा। इतनी जल्दी निर्णय नहीं होगा। फिलहाल काम रूक गया है।
-वीके जैन,
प्रॉजेक्ट डायरेक्टरएनएचएआई, हिसार


मंत्री जी से मिलूंगा
फिलहाल आरओबी का कार्य रूक गया है। टेक्निकल रिपोर्ट के बाद फैसला होगा। मैं खुद भूतल मंत्री कृष्णपाल गुर्जर से मिलकर उन्हें वास्तुस्थिति से अवगत करवाऊंगा।
-देवकुमार शर्मा
भाजपा नेता

बीच-बचाव करने पर पीटा

डबवाली (लहू की लौ) गांव डबवाली में हुये झगड़े में एक युवक घायल हो गया। जिसे उपचार के लिये डबवाली के सरकारी अस्पताल में लेजायाह्य गया। उपचाराधीन जसवीर सिंह ने बताया कि उसका भाई भीम सिंह गांव में स्थित एक दुकान पर खड़ा था। इसी दौरान कुछ युवक उससे गाली-गलौज करते हुये झगड़ा करने लगे। बीच-बचाव करने पर आरोपियों ने उसे पीट डाला।

शहर में मेडिकल वेस्ट से फैल सकता है इंफेक्शन

नई किरण संस्था के अभियान के दौरान सामने आया मामला

डबवाली (लहू की लौ) कुछ चिकित्सीय संस्थान मेडिकल वेस्ट को सरेआम सड़कों या फिर कूड़ा डिपो पर फेंक रहे हैं। जिससे शहर में इंफेक्शन फैलने का खतरा बढ़ गया है। नई किरण संस्था ने सफाई अभियान के दौरान इसका खुलासा हुआ है। सरकारी अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकार ने इसे खतरनाक करार देते हुये प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का मामला बताया है।
संस्था के सदस्य शुक्रवार को कलोनी रोड़ रेलवे फाटक के नजदीक कूड़ा डंपिंग प्वाईंट पर कूड़ा एकत्रित कर उसे डस्टबिन में भर रहे थे। इसी दौरान कूड़े में मेडिकल वेस्ट पड़ा मिला। जिसमें काफी संख्या में इंजेक्शन सीरिंज थी। संस्था सदस्यों ने एक निजी अस्पताल के जरिये उपरोक्त मेडिकल वेस्ट को नष्ट करवा दिया। इससे पूर्व आज संस्था ने हिंदी फीचर फिल्म जय हो की तर्ज पर अपने अभियान की शुरूआत की थी। संस्था सदस्यों ने डस्टबिन तक कूड़ा डालने के लिये आये लोगों से कहा कि आपने कूड़ा डस्टबिन में डाला है इसके लिए आपको 'थैंक्यूÓ। कृप्या आप तीन अन्य लोगों को भी कूड़ा सड़क पर फेंकने की बजाए वहां रखे डस्टबिन में डालने के लिए जरूर प्रेरित करें। संस्था के अध्यक्ष कर्ण कामरा ने कहा कि अभियान सात दिनों तक चलेगा व इसके बाद भी किसी को यहां कूड़ा नहीं फेंकने दिया जाएगा। शहर में यह अभियान भी चलाया जाएगा कि हर व्यक्ति तीन अन्य लोगों को कूड़ा डस्टबिन में ही डालने के लिए प्रेरित करें ताकि अधिक से अधिक लोगों तक स्वच्छता का संदेश पहुंचे। इस मौके पर लवली शर्मा, मोहन मोंगा, विकास गर्ग, आकाश मित्तल व अन्य सदस्य उपस्थित थे।

मेडिकल वेस्ट है खतरनाक
मेडिकल वेस्ट खतरनाक है। कूड़ा में पड़ा होने पर यह ज्यादा खतरनाक हो जाता है। चूंकि कूड़े में पशु मुंह मारते हैं। वहीं कागज बीनने वाले छोटे-छोटे बच्चे कूड़े में प्रवेश करते हैं। कूड़े को नगर परिषद कर्मचारी उठाते हैं। इससे उन्हें इंफेक्शन हो सकता है। यहीं नहीं हवा के जरिये भी मेडिकल वेस्ट से इंफेक्शन का खतरा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इसे कंट्रोल करता है। शिकायत मिलने पर संबंधित विभाग को इसके बारे में सूचित किया जायेगा।
-एमके भादू, एसएमओ, डबवाली

असर ने करवाया डेंटल चैकअप कैम्प में 210 विद्यार्थियों का चैकअप

डबवाली (लहू की लौ) एसोसिएशन फॉर सोशल एक्टिविटीज एवं रिफाम्र्स (असर)ने शुक्रवार को अलीकां स्थित नेहरू कॉलेज ऑफ एजूकेशन में डेंटल चेकअप व अवेयरनेस शिविर लगाया। कैंप में 210 बच्चों व अन्य लोगों के दातों की जांच की गई व उन्हें नि:शुल्क दवाईयां व टुथब्रश दिए गए।
दंत रोग विशेषज्ञ डॉ. विकास गुंबर व नेहरू कॉलेज ऑफ एजूकेशन के डायरेक्टर विजयंत शर्मा ने ज्योति प्रज्जवलित कर शिविर का शुभारंभ किया। असर संस्थापक भारत भूषण वधवा ने बच्चों को दंातों की नियमित देखभाल के लिए प्रेरित किया।
असर प्रवक्ता मनोज शर्मा ने बताया कि कैंप में डॉ. विकास गुंबर ने बच्चों व अन्य लोगों के दातों की जांच की व उन्हें दातों की विभिन्न बीमारियों के बारे में जानकारी दी। शिविर प्रबंधों में नेहरू स्कूल की अध्यापिका किरण सिंगला, ममता आर्य, परमजीत कौर व स्कूल के विद्यार्थियों ने सहयोग दिया। शिविर समापन पर असर प्रधान एडवोकेट दीपक जग्गा व नेहरू कॉन्वेंट स्कूल की प्रिंसीपल सोना शर्मा ने डॉ. विकास गुंबर व अन्य सहयोगियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। 
इस अवसर पर असर सचिव पंकज धींगड़ा, कोषाध्यक्ष गोल्डी बलाना, ऋषि पपनेजा, सतीश चुघ, अशोक सिंगला, दमन चुघ, बिजली कर्मचारी यूनियन के प्रधान केवल कृष्ण व अन्य सदस्य उपस्थित थे। 

राजा राम स्कूल के विद्यार्थियों ने अंतरिक्ष की जानकारी ली



डबवाली (लहू की लौ) राजा राम कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के छात्रा-छात्राओं ने कपूरथला स्थित पुष्पा गुजराल साईंस सिटी का शैक्षणिक भ्रमण किया। इस दौरान सबसे पहले बच्चों ने प्लेनेटोरियम देखा व अंतरक्षि संबंधी जानकारी ली। उन्होंने जाना कि विश्व में चंद्रमा पर रहने के लिए आवश्यक परिस्थितियों की खोज की प्रतियोगिता प्रारंभ हो चुकी है। इसके अतिरिक्त चंद्रमा पर हुई खोज से संबंधित जानकारी भी उन्हें मिली। दूसरे चरण में बच्चों ने वरच्युल वल्र्ड के तहत 3डी व लेजर प्रदर्शन देखा। क्लाईमेंट थियेटर के माध्यम से मौसम परिवर्तन के बारे में विस्तार से जाना। वातावरण में बदलाव के कारण व इसके लिए कौन जिम्मेदार है के बारे में जानकारी प्राप्त की। डायनासोर पार्क में डायनासोर की विभिन्न प्रजातियों के बारे में जानकारी प्राप्त की। उर्जा पार्क में बच्चों ने उर्जा प्राप्ति के स्त्रोत , विभिन्न प्रकार के उर्जा मॉडल तथा ऊर्जा बचाने के तरीकों के बारे में ज्ञान हासिल किया। इसके अतिरिक्त पुष्पा गुजराल साईंस सिटी में स्थित साईंस ऑफ स्पोर्टस, साईबर साईंस, फन साईंस, मानव संरचना व अन्य जानकारियां एकत्रित की। इसके साथ बच्चों ने बोटिंग का आनंद उठाया। यह शैक्षणिक भ्रमण एनसीसी एयरविंग अधिकारी सत्यपाल जोशी, भौतिक व रसायन प्रवक्ता शीनम, रिंकल, आरती तथा क्लर्क घनश्याम के नेतृत्व में संपन्न हुआ। इससे पहले विद्यालय प्रिंसीपल प्रवीण कुमार गौड़ ने हरी झंडी दिखाकर बच्चों के दल को साईंस सिटी कपूरथला के लिए रवाना किया।

सुलेख प्रतियोगिता में नवजोत, गुरविन्द्र, धनंजय ने बाजी मारी

डबवाली (लहू की लौ) गुरू नानक कालेज किलियांवाली में अंग्रेजी विभाग द्वारा सुलेख प्रतियोगिता आयोजित की गई। जिसमें  बीए द्वितीय और बीए तृतीय वर्ष के 30 विद्यार्थियों ने भाग लिया। जिसमें नवजोत सिंह बीए द्वितीय प्रथम, गुरविन्द्र कौर बीए तृतीय द्वितीय और धनंजय सुथार बीए द्वितीय तृतीय रहे। इस अवसर पर प्रिंसीपल डॉ. इन्दिरा अरोड़ा, प्रो. सुरिन्द्र कपिला और प्रो.अर्चना ग्रोवर उपस्थित थे।

13 Dec. 2014





12 दिसंबर 2014

LAHOOKILAU: साहिल सेठी राजनीतिकों के मुंह पर तमाचा है इस अग्निकांड पीडि़त की कहानी

LAHOOKILAU: साहिल सेठी राजनीतिकों के मुंह पर तमाचा है इस अग्निकांड पीडि़त की कहानी

साहिल सेठी राजनीतिकों के मुंह पर तमाचा है इस अग्निकांड पीडि़त की कहानी

सिंगापुर स्थित विश्व की सबसे बड़ी कंपनी में हैं ब्रांड मैनेजर, पीएम नरेंद्र मोदी से पा चुका है सम्मान

डबवाली (लहू की लौ) बेशक सरकारों ने अग्निकांड पीडि़तों के जख्म कुरेदने में कोई कोर कसर बाकी न छोड़ी हो। लेकिन एक अग्निकांड पीडि़त ने अपनी प्रतिभा के बल पर कुछ ऐसा कर दिखाया है जो राजनीतिकों के मुंह पर तमाचे से कम नहीं। वर्तमान पीएम नरेंद्र मोदी से सम्मान पा चुका यह अग्निकांड पीडि़त विदेश में विश्व की एक मल्टीनेशनल कंपनी में कार्य करते हुये सालाना 50 लाख रूपये से ज्यादा कमा रहा है।
बी-टेक करते ही मिली थी नौकरी
हम बात कर रहे हैं डबवाली निवासी सुनील सेठी के 28 वर्षीय बेटे साहिल सेठी की। 23 दिसंबर 1995 को डबवाली अग्निकांड में पचास फीसदी झुलसने के बाद भी इस युवक ने हिम्मत नहीं हारी। यह युवक दूसरों के लिये प्रेरणा बनकर सामने आया है। अग्निकांड के समय साहिल की उम्र महज 9 वर्ष थी। वह डीएवी स्कूल में 5वीं कक्षा का छात्र था। अग्निकांड के तुरंत बाद सुनील सेठी डबवाली छोड़कर अबोहर (पंजाब) में जा बसे। अबोहर में डीएवी संस्थान में साहिल को 12वीं उत्तीर्ण करवाने के बाद वे पुन: डबवाली आ गये। 12वीं के बाद वर्ष 2008 में साहिल ने भोपाल स्थित एनआईटी से कंप्यूटर साईंस में बी-टेक पास की। कैंपस के दौरान ही यूएसए की एक कंपनी ने उसे चेन्नई में नौकरी पर रख लिया। करीब डेढ़ वर्ष तक नौकरी करने के बाद 2009 में केट परीक्षा में 99.4 परसेंटेल अंक पाकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।
टॉप इंस्टीच्यूट ने मांगा था दाखिला : देश के टॉप छह इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ मैनेजमेंट ने इस प्रतिभाशाली बेटे का एडमिशन लेने के लिये पत्र भेजे। जिनमें से आईआईएम अहमदाबाद एक था।  दूसरी तरफ आर्थिक परेशानी से जूझ रहे परिजनों ने हाथ खड़े कर दिये। दाखिला फीस भरने के लिये करीब पंद्रह लाख रूपये चाहिये थे। इस अग्निकांड पीडि़त ने स्टूडेंट लोन लेकर पढ़ाई की। मार्च 2011 में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह तथा गुजरात के पूर्व सीएम तथा वर्तमान पीएम नरेंद्र मोदी ने आईआईएम अहमदाबाद में इस अग्निकांड पीडि़त को एमबीए की डिग्री सौंपी।
कैंपस में हुआ सिलेक्शन
डबवाली के इस बेटे ने कैंपस सिलेक्शन में भी अपना हुनर दिखाया। कई मल्टीनेशनल कंपनियां एमबीए पास युवकों को तलाशने के लिये पहुंची। मई 2011 में विश्व की सबसे बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी पीएंडजी ने इस अग्निकांड पीडि़त को सिंगापुर स्थित एशिया के अपने हैडक्वार्टर में जॉब दी। उस समय सलाना 26 लाख रूपये का पैकेज दिया। ब्रांड मैनेजर के पद पर जॉब करने वाला यह अग्निकांड पीडि़त अपने दम पर मात्र तीन सालों में वेतन में 24 लाख रूपये से अधिक वृद्धि करवाने में सफल हुआ है। शहर का यह बेटा अब सालाना 50 लाख रूपये से ज्यादा का पैकेज ले रहा है। जोकि वायदाखिलाफी करने वाले राजनीतिकों के मुंह पर तमाचे के सामान है।
जब लड़की के परिजनों को दिखाये जख्म : 13 अप्रैल 2014 को उसी कंपनी में कार्यरत एक युवती के साथ शादी के बंधन में बंधने वाले साहिल सेठी ने रिश्ते के दौरान युवतियों के परिजनों को अग्निकांड में मिले जख्म तक दिखा दिये थे। जिस पर वधू पक्ष के लोगों ने जख्मों को दरकिनार करते हुये उसकी काबलियत को सराहा और अपनी बेटी का हाथ अग्निकांड पीडि़त के हाथ में सौंपा।

पिता ने भी लड़ी लडाई
साहिल की सफलता में उसके माता-पिता का अतुलनीय योगदान रहा है। अबोहर स्थित डीएवी संस्थान में फीस रिफंड न करने पर सुनील सेठी संस्थान का फीस रिफंड करने संबंधी पत्र लेकर प्रस्तुत हुये थे। यह पत्र आज भी वे संभाले हुये हैं। उपरोक्त संस्थान जब भी किसी अग्निकांड पीडि़त के बच्चे या फिर खुद पीडि़त को तंग करता है तो पत्र दिखा देते हैं। सुनील सेठी के अनुसार ऐसे कई मामलों में उसने पत्र का सहारा लिया है।

जख्मों को ताकत बना लिया
अग्निकांड के दौरान मैं अपने बेटे साहिल तथा बेटी सानिया के साथ फंस गई थी। साहिल के साथ-साथ मैं भी पचास फीसदी जल गई थी। बेटी भी घायल हुई थी। जोकि सीए है। साहिल ने कभी भी अपने जख्मों को कमजोरी नहीं बनने दिया। बल्कि जख्मों को अपनी ताकत समझकर पढ़ाई की। देश के सर्वश्रेष्ठ आईआईएम अहमदाबाद में एडमिशन अपने दम पर लिया।
-शशि सेठी (अग्निकांड पीडि़ता)

उधारी न लौटाने पर कोर्ट ने सुनाई सजा

डबवाली (लहू की लौ) न्यायिक दंडाधिकारी (प्रथम श्रेणी) कपिल राठी की अदालत ने एक मामले की सुनवाई करते हुये एक व्यक्ति को डेढ़ साल की कैद तथा एक लाख दस हजार रूपये मुआवजा राशि देने के आदेश दिये हैं।
गांव सुकेराखेड़ा निवासी सुखदेव सिंह ने अदालत में इस्तगासा दायर करके कहा था कि 1 मई 2013 को उसने सुकेराखेड़ा के गुरबचन लाल को एक लाख रूपये की उधारी दी थी। इसके लिये एक प्रोनोट तथा रसीद दी थी। उक्त राशि पर 12 फीसदी सालाना ब्याज देने का इकरार किया था। लेकिन उसने अपना वायदा पूरा नहीं किया। गुरबचन लाल ने 15 अक्तूबर 2013 को एक लाख रूपये का चैक पंजाब नेशनल बैंक शाखा अबूबशहर के नाम दिया। 31 अक्तूबर 2013 को अपने मीमो सहित इस आशय पर यह चैक वापिस कर दिया कि खाता में पर्याप्त राशि नहीं है। 15 नवंबर 2013 को नोटिस जारी करके राशि वापिस लौटाने के लिये कहा गया। लेकिन आरोपी ने राशि अदा नहीं की।
वीरवार को न्यायिक दंडाधिकारी (प्रथम श्रेणी) कपिल राठी की अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने तथा गवाहों के ब्यानों के आधार पर गुरबचन लाल को दोषी करार देते हुये डेढ़ वर्ष की कैद तथा 1 लाख 10 हजार रूपये का मुआवजा देने के आदेश दिये।

आधार कार्ड पर बवाल, बनने हुये बंद

डबवाली (लहू की लौ) शहर में आधार कार्ड बनने बंद हो गये हैं। जिससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है। वीरवार को कंप्यूटर सेंटरों के आगे लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई। जिसके चलते कई सेंटर चालकों को अपना शट्टर डाऊन करना पड़ा।
आधार कार्ड के नाम पर लिये जा रहे थे पैसे : आधार कार्ड के नाम पर अब तक लोगों से मनमर्जी के पैसे ऐंठे जा रहे थे। तहसीलदार मातू राम नेहरा के समक्ष भंड़ाफोड़ होने के एक दिन बाद वीरवार को आधार कार्ड बनने बंद हो गये। गांव घुकांवाली से आधार कार्ड बनाने के लिये अपने बच्चों समेत डबवाली पहुंचे भिंद्र सिंह ने बताया कि उन्हें मालूम नहीं था कि डबवाली में आधार कार्ड बनने बंद हो गये हैं। वह मेहनत मजदूरी करता है। किराये में ही उसके 200 रूपये खर्च हो गये। इधर आधार कार्ड बनाने के लिये डबवाली पहुंचे लखुआना निवासी सुशील कुमार ने बताया कि स्कूलों में बच्चों से आधार कार्ड मांगे जा रहे हैं। उसका खुद का आधार कार्ड बना है। बच्चों को साथ लेकर डबवाली आया था। लेकिन यहां पहुंचने पर पता चला कि आधार कार्ड बनने बंद हो गये हैं। वे लोग अब कहां जाये, किसका दरवाजा खटखटायें।
वीरवार को ऐसे सैंकड़ों मामले सामने आये, जो आधार कार्ड बनाने के इच्छुक थे। पेंशन, राशन तथा सब्सिडी के लिये आधार कार्ड जरूरी होने पर इस महत्वपूर्ण आईडी प्रूफ के लिये लोग मारे-मारे फिरे। लेकिन कहीं से संपूर्ण जानकारी न मिलने पर वापिस अपने गंतव्य लौट गये।
कंपनियों ने हमें लूटा
वर्ष 2011 से आधार कार्ड बना रहे विक्की सिधू ने बताया कि उसने चार निजी कंपनियों के कहने पर उपरोक्त कार्य शुरू किया था। उस समय ढाई लाख रूपये कीमत से चौदह मशीन खरीदी थी। कंपनी ने प्रति आधार कार्ड के लिये सोलह रूपये देने का वायदा किया था। करीब 1 लाख 90 हजार आधार कार्ड बनाये थे। लेकिन कंपनियों की ओर उसके अभी तक 12 लाख रूपये बकाया हैं। वहीं ढाई लाख रूपये में आई एक मशीन को उसे महज 45 हजार रूपये में बेचना पड़ा। इस हालत में उसने कंपनियों को उपरोक्त आधार कार्ड के डॉक्यूमेंट जमा नहीं करवाये। कंपनी तथा सरकार में वे फंस गये हैं। वे अब तक मुफ्त में आधार कार्ड बना रहे थे। जो बंद कर दिये हैं।
इधर नई अनाज मंडी रोड़ पर आधार कार्ड बना रहे कृष्ण कुमार ने बताया कि वे लोग कंपनियों की ठगी का शिकार हुये हैं। कंपनियां मशीन रिचार्ज करने के नाम पर उनसे हजारों रूपये वसूलती हैं। जबकि आधार कार्ड बनाने पर फूटी कौड़ी नहीं दे रहीं। हालांकि वे आधार कार्ड बनाने का शुल्क नहीं ले रहे। बल्कि आधार कार्ड के लिये अप्लाई फार्म का प्रिंट करने या फिर फोटो कॉपी करने के रूपये लेते हैं। जोकि उनका कार्य है। किसी विवाद में पडऩे की अपेक्षा कार्य बंद कर दिया है।

किसी को आधार बनाने से रोका नहीं
किसी को आधार कार्ड बनाने से रोका नहीं गया है। बल्कि शुल्क लेने से रोका गया है। आधार कार्ड का कोई शुल्क नहीं। संबंधित एजेंसी के पास आने वाले डॉक्यूमेंट सरकार के पास जमा होते हैं। अगर बिना मंजूरी के कोई आधार कार्ड बना रहा था, तो जांच का विषय है। इस संबंध में जल्द प्रोग्रामर ऑफिसर से बात करूंगा, ताकि लोगों को परेशानी न हो।
-मातू राम नेहरा, तहसीलदार, डबवाली

दहेज प्रताडऩा का आरोपी गिरफ्तार

डबवाली (लहू की लौ) दहेज प्रताडऩा के एक मामले में शहर थाना पुलिस ने महम निवासी साहिल पुत्र वीरभान को गिरफ्तार किया है। शहर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर दलीप सिंह तथा एसआई इंद्राज ने बताया कि वार्ड नं. 7 निवासी गीता रानी पुत्री ज्ञान चन्द मैहता के ब्यान पर पुलिस ने दहेज प्रताडऩा का मामला दर्ज किया था। आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद वीरवार को उपमंडल न्यायिक दंडाधिकारी परवेश सिंगला की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने आरोपी को चौदह दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिये।

मंदिर में चोरी, गुरूद्वारा में प्रयास, आरोपी गिरफ्त में

डबवाली (लहू की लौ) गांव लखुआना स्थित दो धार्मिक स्थलों पर चोरी का मामला सामने आया है। पुलिस ने चोरी के आरोप में एक युवक के खिलाफ मामला दर्ज उसे गिरफ्तार कर लिया है।
गांव लखुआना के सरपंच रामजी लाल ने पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि वीरवार को गांव का एक युवक बाबा रामदेव मंदिर से गुल्लर उठा ले गया। युवक ने गुरूद्वारा में भी चोरी का प्रयास किया। पुलिस ने शिकायत मिलते ही संबंधित युवक अजय शर्मा को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की तो वह चोरी की वारदात मान गया। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने मंदिर से चुराई गुल्लक बरामद कर ली।
मामले की जांच कर रहे सदर थाना पुलिस के हवलदार बलवीर ने बताया कि आरोपी अजय शर्मा लकड़ी का अच्छा कारीगर है। लेकिन नशे की लत ने उसे बर्बाद करके रख दिया है। मेडिकल नशे की पूर्ति के लिये वह चोरियां करता है। आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज करके आगामी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।


चौटाला रोड़ पर चोरी
चौटाला रोड़ पर स्थित लखोत्रा ऑटो वक्र्स के मालिक सर्वजीत सिंह ने बताया कि अज्ञात चोर दुकान की दीवार फांदकर भीतर घुसे। चोर वर्कशॉप में खड़े एक बाईक के दोनों पहिये निकाल ले गये। जिसकी कीमत करीब 10 हजार रूपये है। इसके अतिरिक्त वहां पड़े औजार भी चुरा ले गये। चोरी की सूचना पुलिस को दे दी गई है।