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Lahoo Ki Lau

युवा दिलों की धड़कन, जन जागृति का दर्पण, निष्पक्ष एवं निर्भिक समाचार पत्र

17 सितंबर 2011

अस्पताल में नर्सों का हंगामा, जमकर गाली-गलौज


डबवाली (लहू की लौ) सरकारी अस्पताल की दो स्टाफ नर्सों में चल रही खुन्नस शुक्रवार को बड़ा रूप ले गई। एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाती हुई दोनों आमने-सामने हो गई। वहां जमकर गाली-गलौज हुआ। नर्सों ने पूरा अस्पताल सिर पर उठा लिया। उनका तमाशा देने के लिए अस्पताल के मरीज मौका पर जुट गए। बाद में अस्पताल के चिकित्सकों ने बीच में पड़कर दोनों का राजीनामा करा दिया।
अस्पताल में कार्यरत एक नर्स अपनी सहयोगी नर्स के चरित्र पर शक करती है। कुछ दिन पहले इस नर्स ने सहयोगी नर्स पर आरोप जड़ दिया। इस बात पर दोनों में काफी गर्मा-सर्दी हुई। लेकिन उस समय मामला ठंडा पड़ गया। शुक्रवार को दोनों की अलग-अलग डयूटी थी। एक की डयूटी एम्बुलैंस तथा दूसरी की लेबर रूम में थी। लेकिन लेबर रूम के सामान का चार्ज एम्बुलैंस डयूटी कर रही नर्स के पास था। लेबर रूम में कार्यरत नर्स के पास डिलीवरी आई हुई थी। डिलीवरी करने के लिए उसे ग्लबज की जरूरत थी। इसलिए उसने एम्बुलैंस डयूटी कर रही नर्स को सामान निकालने के लिए कहा। लेकिन वह उस पर बिफर पड़ी। उसे खूब बुरा-भला कहा। थप्पड़ मारकर दीवार के साथ लगा देने की धमकी दे डाली। पीडि़त नर्स ने अस्पताल के कार्यकारी एसएमओ डॉ. एमके भादू, डॉ. बलेश बांसल के साथ-साथ अपने परिजनों को मौका पर बुला लिया। नर्स के परिजनों को देखकर दूसरी नर्स ने बवाल खड़ा कर दिया।
मारपीट का आरोप लगाते हुए यह नर्स एमएलआर कटवाने पर अड़ गई। इधर स्टाफ नर्सों के बीच हुए घमासान को देखने के लिए मरीजों की भारी भीड़ जुट गई। नर्सों का तमाशा करीब एक घंटा तक चलता रहा। जिससे मरीजों को काफी मुश्किल आई। बाद में मौका पर पहुंचे चिकित्सक ने नर्सों को समझाया-बुझाया तथा उनका दायित्व याद दिलाया। चिकित्सकों के अनुरोध पर एक नर्स ने झुकते हुए दूसरी को सॉरी बोल दिया। जिससे मामला निबट गया। बताते हैं कि इस मामले के बाद अस्पताल प्रशासन ने लेबर रूम के सामान का चार्ज संबंधित नर्स से छीन लिया है।
अस्पताल के कार्यकारी एसएमओ डॉ. एमके भादू ने बताया कि सामान निकालने को लेकर स्टाफ नर्सों में मनमुटाव हुआ था। दोनों को समझा-बुझाकर शांत कर दिया गया है।

तीन विभाग उठाएंगे घपले से पर्दा!


डबवाली-संगरिया मार्ग की जांच का पहला चरण खत्म
डबवाली (लहू की लौ) हरियाणा की राजनीति में सबसे ऊंचे पायदान पर गिने जाने वाले गांव चौटाला की ओर जाता डबवाली-संगरिया मार्ग अपने सूरत-ए-हाल के कारण हमेशा चर्चा का विषय रहा है। आरोप है कि विपक्ष के नेता पूर्व मुख्यमंत्री चौ. ओमप्रकाश चौटाला के गृह क्षेत्र तक जाने के कारण सरकार ने इस मार्ग की सुध नहीं ली। व्यापारिक तथा सैन्य दृष्टि से महत्वपूर्ण इस मार्ग की मुरम्मत के नाम पर सरकार के अधिकारियों तथा कर्मचारियों ने अपनी जेबें भरी। क्या वाकई मुरम्मत के नाम आई राशि में गड़बड़झाला हुआ है, इसकी जांच सरकार के तीन विभाग मिलकर कर रहे हैं। जांच का पहला चरण पूरा हो गया है।
साल 2004-05 से पूर्व डबवाली-संगरिया मार्ग जीआरआईएफ (गर्वमेंट रिजर्व इंजीनियरिंग फोर्स) के हवाले था। इंडियन नेशनल लोकदल के सुप्रीमों चौ. ओमप्रकाश चौटाला ने अपनी सरकार के दौरान मार्ग  की खराब हालत को देखते हुए जीआरआईएफ से इस रोड़ को बीएण्डआर के हवाले करवा दिया था। जिससे यह रोड़ एमडीआर (मेजर डिस्ट्रिक रोड़) बन गई।  इनेलो की सरकार के समय आखिरी बार 2004-05 में इसकी मुरम्मत की गई। रोड़ की दशा सुधारने के लिए 20 एमएम की प्री मिक्स कारपेट की तह बिछाई गई। उसके बाद इस रोड़ की ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया। हालांकि इस रोड़ की मुरम्मत करने के लिए लाखों रूपए कागजों में जारी हुए। बताते हैं कि सड़क पर बने खड्ढों को भरने के लिए विभिन्न चरणों में प्रयोग हुई राशि करोड़ों में बैठती है। अक्टूबर 2010 में देश की राजधानी दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए क्वींस ऑफ बैटन 26 सितंबर 2010 को इसी मार्ग से निकली थी। आगमन के लिए विभाग ने करीब 25 लाख रूपए की राशि रोड़ की दशा सुधारने पर खर्च कर दी थी। लेकिन वर्तमान समय में सड़क पर खड्ढें ज्यों के त्यों हैं।
जिला परिषद सिरसा के चेयरमैन डॉ. सीता राम ने खड्ढे भरने में हुए गोलमाल का मुद्दा उठाया और इसकी जांच की मांग की। उनकी मांग पर जांच शुरू हुई है। जांच का जिम्मा एसडीएम डबवाली डॉ. मुनीश नागपाल के कंधों पर है। नागपाल ने रोड़ की इंक्वायरी के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। जिसमें नगर सुधार मण्डल के एमई रमेश कंबोज, बीडीपीओ डबवाली सतीन्द्र सिवाच तथा एसडीओ मार्किटिंग बोर्ड भूप सिंह शामिल हैं। इस कमेटी का अध्यक्ष बीडीपीओ को बनाया गया है। जांच शुरू हो चुकी है। जांच का पहला चरण पूरा हो चुका है। जिसके तहत पूरे रोड़ की वीडियोग्राफी करवाई गई है। दूसरा चरण आरंभ हो गया है। एक एसडीओ, एक एमई तथा सात जेई पर आधारित टीम ने लोक निर्माण विभाग भवन एवं पथ से जीरो से 31.52 किलोमीटर तक लम्बी इस रोड़ को रिकॉर्ड तलब करके इसे कई भागों में विभाजित किया है। बड़ी बारीकी से प्रत्येक एंगल से जांच की जा रही है। रिकॉर्ड के अनुसार बताए गए पेच वर्क को मापा जा रहा है।
रोड़ की जांच के लिए बनी तीन सदस्यीय कमेटी के अध्यक्ष बीडीपीओ सतीन्द्र सिवाच ने बताया कि वीडियोग्राफी होने से जांच का प्रथम चरण पूरा हो गया है। एक एसडीओ, एक एमई तथा सात जेई पर आधारित टीम ने द्वितीय चरण का कार्य शुरू कर दिया है। अगले सप्ताह तक जांच पूरी होने की उम्मीद है।
पीडब्ल्यूडी बीएण्डआर सिरसा के एक्सीयन एमएस सांगवान ने बताया कि विभाग की ओर से जांच में पूरा सहयोग दिया जा रहा है। जांच कमेटी द्वारा समय-समय पर मांगे जा रहे रिकॉर्ड को उपलब्ध करवाया जा रहा है।

मृतक के ब्यान लेने के लिए चक्कर लगाती रही पुलिस!


डबवाली (लहू की लौ) दुर्घटना में युवक की मौत होने के बाद युवक के परिजन बिना पोस्टमार्टम करवाए ही शव को गांव ले गए।  यह शव सरकारी एम्बुलैंस में डबवाली लाया जा रहा था। हालांकि दुर्घटना की एमएलआर पुलिस के पास आई थी। पुलिस अभी तक युवक का ब्यान दर्ज करने के लिए अस्पतालों के चक्कर लगा रही है।
गांव भारूखेड़ा के पास बुधवार सुबह एक ट्रेक्टर-ट्राली पलटने के कारण गांव डबवाली का टीटू नामक 26 वर्षीय युवक घायल हो गया था। जिसे उपचार के लिए डबवाली के सरकारी अस्पताल में लाया गया। वहां प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सक ने उसे सिरसा रैफर कर दिया। सरकारी अस्पताल का एम्बुलैंस चालक कृष्ण घायल के परिजनों के अनुरोध पर उसे इलाज के लिए बठिंडा ले गया। लेकिन जख्मों का ताप न सहते हुए चिकित्सक ने बीच रास्ते में ही दम तोड़ दिया। बठिंडा के एक निजी अस्पताल के चिकित्सक ने टीटू को मृत घोषित कर दिया।
पुलिस के पास दुर्घटना की एमएलआर पहुंचने के कारण चौटाला पुलिस घायल के ब्यान दर्ज करने के लिए बुधवार शाम को डबवाली पहुंची। लेकिन पता चला कि घायल को यहां से सिरसा रैफर कर दिया गया है। गुरूवार को पुन: पुलिस सिरसा गई लेकिन वहां भी उन्हें कोई नहीं मिला। पुलिस पूरा दिन घायल के ब्यान दर्ज करने के लिए अस्पतालों के चक्कर लगाती रही।
सरकारी अस्पताल की एम्बुलैंस के चालक कृष्ण कुमार ने बताया कि वह शव को लेकर वापिस डबवाली आ रहा था। लेकिन मृतक के परिजनों ने उस पर गांव डबवाली में चलने का दबाव डाला। वह अकेला था। दूसरा परिजन पोस्टमार्टम नहीं करवाना चाहते थे। इसी के चलते वह शव को मृतक के घर पर छोड़ आया।
मामले की जांच कर रहे चौटाला पुलिस चौकी के एएसआई रोशन लाल ने बताया कि उनके पास गांव भारूखेड़ा के पास टीटू के घायल होने की सूचना आई थी। वे ब्यान दर्ज करने के लिए डबवाली के सरकारी अस्पताल तथा सिरसा के सामान्य अस्पताल में गए थे। लेकिन उन्हें वहां टीटू नहीं मिला। पुलिस के पास अभी उसकी मौत की कोई जानकारी नहीं है। मृतक गांव डबवाली का बताया जाता है। इसी के चलते गांव डबवाली में उसके परिजनों से संपर्क साधने का प्रयास किया जा रहा है।
राजकीय अस्पताल डबवाली के चिकित्सक डॉ. सरवन बांसल ने बताया कि उनके पास टीटू नाम का घायल आया था। उपचार के बाद उसे सिरसा रैफर कर दिया गया था। उसकी मौत के बाद परिजन पोस्टमार्टम करवाने की बजाए अपनी मर्जी से उसे बीच रास्ते में अपने गांव ले गए।

।शराबी कर्मचारी सस्पेंड!


डबवाली (लहू की लौ) लालपरी के नशे में धुत्त होकर गोदाम में हंगामा खड़ा करने के आरोप में हरियाणा स्टेट वेयर हाऊसिंग कारपोरेशन के चार कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया है।
चौटाला रोड़ पर स्थित कारपोरेशन के लाल गोदाम में कुछ दिन पूर्व शराब के नशे में चूर होकर कर्मचारियों ने खूब उत्पात मचाया था। गोदाम के चौकीदार ने जब इन्हें रोका तो ये लोग उससे भी भिड़ गए। चौकीदार विजय कुमार ने उपरोक्त कर्मचारियों की शिकायत कारपोरेशन के एमडी को करके गोदाम में चल रही अनुशासनहीनता से परिचित करवाया था। चौकीदार की शिकायत पर मामले की जांच आरंभ हुई। एमडी ने जांच का जिम्मा जिला प्रबंधक एसके सिंगल को दिया। कुछ रोज पहले एसके सिंगल मामले की जांच करने के लिए डबवाली पहुंचे। इस दौरान उन्होंने स्टाफ से बातचीत की और उनके ब्यान कलमबद्ध किए। अपनी जांच रिपोर्ट एमडी कृष्ण कुमार ढुल को सौंप दी। जांच रिपोर्ट के आधार पर एमडी ने चार कर्मचारियों को गोदाम में शराब पीकर हुडदंग करने का दोषी मनाते हुए सस्पेंड कर दिया।
हरियाणा स्टेट वेयर हाऊसिंग कारपोरेशन के जिला प्रबंधक एसके सिंगल ने बताया कि विभाग को गोदाम कीपर श्री भगवान, गोदाम कीपर सतिंद्र लुहान, एससीएस रामचन्द्र तथा जीएसडब्ल्यू मोहन के खिलाफ शराब पीकर गोदाम में बवाल खड़ा करने की शिकायत मिली थी। विभाग के मैनेजिंग डायरेक्टर कृष्ण कुमार ढुल के आदेश पर उन्होंने मामले की जांच की थी। उन्होंने डबवाली आकर स्टाफ से मामले के संबंध में पूछताछ की थी। शिकायत बिल्कुल सही पाई गई थी। उन्होंने जांच रिपोर्ट एमडी को सौंप दी थी। इसी रिपोर्ट के आधार पर एमडी ने अंडर रूल 7.2 ऑफ सीएसआर वोल्यूम-1, पार्ट-1 (मेन रूल) के तहत कार्रवाई करते हुए उपरोक्त चारों को सस्पेंड किया है

स्टॉक में भर दी दूसरी एजेंसी की गेहूं!


डबवाली (लहू की लौ) हरियाणा स्टेट वेयर हाऊसिंग कारपोरेशन का गांव शेरगढ़ स्थित गोदाम विवादों में गिर गया है। गोदाम में तैनात होमगार्ड जवान का आरोप है कि गोदाम कीपर ने उससे गाली-गलौज करके जबर्दस्ती गेहूं के बैग स्टॉक में लगवाए हैं। जबकि गोदाम कीपर होमगार्ड जवानों को चोर बता रहा है। कारपोरेशन के जिला प्रबंधक ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। वहीं पुलिस ने भी अपने स्तर पर जांच आरंभ कर दी है।
कारपोरेशन के गांव शेरगढ़ स्थित गोदाम में तैनात होमगार्ड जवान कृष्ण कुमार ने गुरूवार को शहर पुलिस को दिए ब्यान में कहा है कि बुधवार शाम को गोदाम का कीपर सतिंद्र लुहान एक ट्रेक्टर पर गेहूं के 14 बैग भरकर वहां पहुंचा। उसने लुहान से गेट पास की मांग की। लेकिन उसने गेट पास नहीं दिखाया और जबर्दस्ती बैग को वहां उतार दिया। अपने मोबाइल के जरिए इसकी सूचना मैनेजर पीके गुप्ता को देनी चाही, लेकिन लुहान ने उसका मोबाइल छीनकर धरती पर पटककर तोड़ दिया। लुहान के चले जाने के बाद उसने एक अन्य मोबाइल से उपरोक्त बात मैनेजर को बताई। मैनेजर ने मामले की शिकायत पुलिस में करने की बात कही। अन्यथा उसके खिलाफ कार्रवाई करने की चेतावनी दी। जवान के अनुसार मंगलवार को मैनेजर पीके गुप्ता सहित कारपोरेशन के अन्य कर्मचारियों ने गोदाम में पड़े गेहूं के बैग की गिनती की थी। एक स्टॉक में 14 बैग कम मिले थे। विभागीय कार्रवाई से बचने के लिए गोदाम कीपर ने बुधवार शाम को ही बाहर से बैग लाकर स्टॉक पूरा कर दिया।
इधर गोदाम कीपर सतिंद्र लुहान ने बताया कि गोदाम में पड़ी गेहूं की रखवाली की जिम्मा होमगार्ड जवानों पर होता है। होमगार्ड जवानों की उपस्थिति में 14 बैग गायब हुए हैं। इसके लिए वे ही जिम्मेवार हैं। विभाग को कोई नुक्सान न पहुंचे, इसके लिए उसने अपनी ओर से गेहूं के चौदह बैग को स्टॉक में रखवाया।
दोनों पक्ष अपनी-अपनी बात रखकर अपने कत्र्तव्य की इतिश्री कर रहे हैं। लेकिन सच यह है कि स्टॉक पूरा करने के लिए खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के 14 बैग का सहारा लिया गया है। आखिर खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के बैग गोदाम कीपर सतिंद्र लुहान के पास आए कहां से? स्टॉक में से बैग कहां गायब हो गए, उनको कौन ले गया? इन सवालों ने उक्त खरीद एजेंसी अधिकारियों की नींद हराम कर दी है। यह मामला सामने आने के बाद विभाग में हड़कंप मच गया है। इस संवाददाता से बातचीत करते हुए कारपोरेशन के जिला प्रबंधक एसके सिंगल ने बताया कि खरीद सीजन में एजेंसियां एक-दूसरे के बारदाना का प्रयोग कर लेती हैं। लेकिन वर्तमान समय में खरीद न होने के बावजूद स्टॉक को पूरा करने के लिए खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के 14 बैग का प्रयोग गंभीर मामला है। वे इसकी जांच करवाएंगे। दोषी पाए जाने वाले अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ विभाग कार्रवाई की जाएगी।
थाना शहर प्रभारी इंस्पेक्टर महा सिंह रंगा ने बताया कि दोनों पक्षों के ब्यान कलमबद्ध किए गए हैं। अपने ब्यानों में दोनों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए हैं। लेकिन गोदाम कीपर सतिंद्र लुहान ने स्टॉक को पूरा करने के लिए 14 बैग वहां रखे। इससे पूर्व स्टॉक में से 14 बैग कहां से गायब हुए, इसकी जांच तो संबंधित विभाग ही करेगा। अगर विभाग उनके पास शिकायत करता है तो दोषी के खिलाफ मामला दर्ज करके कार्रवाई की जाएगी।

कम्युनिस्ट लहर के स्तम्भ रहे हरि राम गोयल का शरीर पंच तत्वों में विलीन


डबवाली (लहू की लौ) दैनिक लहू की लौ के सम्पादक जयमुनी गोयल तथा प्रबंधक राजीव गोयल के पिता कामरेड श्री हरिराम गोयल का मंगलवार की रात को 12 बजे हृदय गति रूकने से अचानक निधन हो गया। उन्हें उपचार के लिए मंगलवार शाम को एक निजी अस्पताल में लेजाया गया था। वे 80 वर्ष के थे। उनके पार्थिव शरीर को डबवाली के रामबाग में बुधवार दोपहर को उनके बड़े पौत्र डीडी गोयल ने मुखाग्नि देकर पंच तत्वों में विलीन किया। इस मौके पर नगर के अनेक गणमान्य व्यक्ति, समाजसेवी संस्थाओं के प्रमुख तथा राजनीतिक पार्टियों के नेता उपस्थित थे।
कामरेड हरि राम गोयल को संघर्षमयी जीवन विरासत में मिला था। उनके पिता श्री राम लाल गोयल स्वतंत्रता संग्राम के समय प्रजा मंडल लहर के दौरान लम्बे समय तक फिरंगियों की कैद में रहे। जब हरि राम गोयल ने जवानी संभाली तो वे अपने पिता के नक्शे कदमों पर चलते हुए आजाद देश में काले अंग्रेजों के खिलाफ खुलकर मैदान में आए। उन्होंने कम्युनिस्ट पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। तेजा सिंह स्वतंत्र तथा शहीद ए आजम सरदार भगत सिंह के साथी टिका राम सुखन के साथ लम्बे समय तक देश की आजादी के बाद कम्युनिस्ट लहर में काम किया। वे पार्टी की कालाबाजारी के खिलाफ मुहिम के दौरान डबवाली में सक्रिय रूप से शामिल हुए। किसानों और मजदूरों के लिए उन्होंने कई जखीरेबाजों से जखीरे निकलवाकर नियंत्रित मूल्य पर बंटवाए।
उन्होंने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए भी देश की आजादी के बाद जेल काटी। सरकार को उन्हें बिना शर्त रिहा करना पड़ा था।
इस मौके पर जयमुनी गोयल ने बताया कि शोक प्रकट करने आने वाले महानुभावों के लिए जीटी रोड़, नगर सुधार मण्डल पार्क के सामने स्थित निवास स्थान रखा गया है।

23 अगस्त 2011

सुनवाई न होने पर सीवरेज में घुस गए दुकानदार


विभाग, प्रशासन तथा राजनेता न आए काम
डबवाली (लहू की लौ) दो माह पहले जनस्वास्थ्य विभाग को शिकायत दी, लेकिन नतीजा जीरो। फिर प्रशासन को शिकायत की, लेकिन नतीजा जीरो। फिर सत्ता पक्ष से जुड़े एक राजनेता को शिकायत की, लेकिन नतीजा जीरो। जब कहीं सुनवाई ही नहीं तो ये विभाग, प्रशासन या राजनेता क्यूं हैं? यह कहना है दो माह से सीवरेज खुलवाने सुचारू करवाने के लिए धक्के खा रहे मेन बाजार के दुकानदारों का।
गोल बाजार से गांधी चौक तक के सीवरेज पिछले काफी अरसे से बंद हैं। मामूली बरसात से दुकानों के आगे पानी जमा है। मच्छर पनपने के कारण दुकानदार मलेरिया की जद में हैं। सीवरेज खुलवाने के लिए दुकानदारों ने इसकी शिकायत कई मर्तबा जनस्वास्थ्य विभाग, एसडीएम तथा सत्ता पक्ष के एक लीडर से की। फिर अपनी ओर से भी निजी व्यक्तियों का बंदोबस्त करके सीवरेज खुलवाने का प्रयास किया। लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। उधर बाजार के दो युवक केशव तथा सुनील बीमार पड़ गए। दोनों को मलेरिया हो गया। सोमवार को दुकानदार राम डायर तथा बबली बारबर ने सीवरेज के ढक्कन उठा दिए और खुद सीवरेज में घुस गए। इन लोगों ने बांस भी चलाई। लेकिन बुरी तरह से बंद सीवरेज नहीं खुल सके। मजबूरन दुकानदारों को दुकानों के आगे खड़ा गंदा पानी बाल्टियों के जरिए निकालना पड़ा।
दुकानदार रविंद्र मिढ़ा, गौत्तम मिढ़ा, राम डायर, बबली बारबर, जोनी, अशोक डायर, धीरा आदि ने बताया कि शिकायत किए को उन्हें दो माह बीत चुके हैं। लेकिन उनकी सुनवाई करने वाला कोई नहीं है। जिसके चलते उन्हें उपरोक्त कदम उठाना पड़ा। तीन घंटे के प्रयास के बावजूद उन्हें सफलता नहीं मिली। जिसके कारण बाल्टियों में गंदा पानी इक्ट्ठा करके उन्हें निकालना पड़ा।
एसडीएम डॉ. मुनीश नागपाल ने बताया कि काफी समय पहले दुकानदारों की शिकायत उनके पास आई थी। जनस्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को समस्या के समाधान के आदेश दिए गए थे। कर्मचारियों ने कार्य करने में कोताही बरती है। जिससे मजबूर होकर दुकानदारों को उक्त कदम उठाना पड़ा। संबंधित विभाग से कार्य में कोताही बरतने का जवाब मांगा जाएगा। एसडीएम के अनुसार मंगलवार को सीवरेज व्यवस्था दुरूस्त हो जाएगी।

गांव की अपनी अदालत



-दोषी पाए जाने पर ना होगी अपील, ना होगी दलील, गांव के सामने मिलेगा दण्ड
-टीचर अगर लेट आया तो पूरे दिन की लगेगी गैर हाजिरी, लड़कियों को जल्दी होगी छुट्टी

डबवाली (लहू की लौ) यदि गुरू लेट आएंगे तो स्कूल पढऩे आने वाले बच्चों पर नियंत्रण कैसे रहेगा? विद्यालय में कर्मचारियों द्वारा जाम छलकाए जाएंगे तो इसका बच्चों पर क्या प्रभाव पड़ेगा? स्कूल के गेट पर खड़े होकर सरेआम युवक मोबाइल पर भद्दे गाने लगाकर लड़कियों पर फब्तियां कसेंगे, तो लड़कियां स्कूल कैसे आ पाएंगी? अगर दोबारा किसी ने ऐसी गलती की तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा। यह किसी हिन्दी फीचर फिल्म में बॉबी देओल का डाईलॉग नहीं। बल्कि गांव मसीतां में शुरू हुई 'अदालतÓ  का फरमान है।
पिछले काफी समय से गांव मसीतां का माहौल ठीक नहीं था। गांव में सरकार की ओर से एक हाई स्कूल तथा दो प्राथमिक विद्यालय खोले गए हैं। लेकिन हाई स्कूल में पिछले काफी समय से अव्यवस्था का माहौल चल रहा है। गांव मौजिज व्यक्तियों ने इसकी शिकायत गांव की पंचायत तक पहुंचाई। पंचायत को अपनी शिकायत में कहा कि हाई स्कूल में तैनात कर्मचारी शराब के नशे में धुत्त रहते हैं। स्टाफ के सदस्य दो-दो घंटा लेट पहुंचते हैं। जिससे विद्यालय का अनुशासन भंग हो रहा है। बिगड़ैल युवा स्कूल के बाहर आकर मोबाइल से गंदे गाने बजाते हैं। आती-जाती लड़कियों पर फब्तियां कसते हैं। पंचायत ने गांव में मुनादी करवाकर ग्रामीणों को 'अदालतÓ में पहुंचने का आह्वान किया। अदालत का स्थान हाई स्कूल रखा गया। पूरे गांव के साथ-साथ तीनों स्कूलों के स्टाफ को वहां आमंत्रित किया गया।
शनिवार को गांव के सरपंच शिवराज सिंह की अध्यक्षता में 'अदालतÓ बैठी। जिसमें जिला परिषद के जोन नं. 6 के सदस्य के प्रतिनिधि सर्वजीत सिंह, मैम्बर जसवंत सिंह, मेजर सिंह, दर्शन सिंह, शमशेर सिंह, पप्पू सिंह मंचासीन हुए। इस मौके पर पूरा गांव उपस्थित था। 'अदालतÓ के अध्यक्ष ने गांव के लोगों से राय जानी। दो घंटे चली इस 'अदालतÓ में छह बिन्दुओं का एक प्रस्ताव पारित किया गया। जिसे पढ़कर सभी को सुनाया गया।
गांव के सरपंच शिवराज सिंह ने बताया कि उन्हें उपरोक्त संदर्भ में शिकायत मिली थी। ग्रामीणों की 'अदालतÓ लगने से पूर्व गांव में मुनादी करवाई गई थी। पहली दफा अपराध होने के कारण आरोपियों को माफी दी गई। लेकिन अब गांव में नियम बना दिए गए हैं। समय पर स्कूल न आने वाले टीचर के पूरे दिन की गैर हाजिरी लगेगी, विद्यालयों में लड़कियों को पंद्रह मिनट पहले छुट्टी दी जाएगी, मिड-डे मील चैक किया जाएगा, नशे में धुत्त मिलने वाले कर्मचारी या फिर स्कूल के बाहर मोबाइल पर गाना बजाते पकड़े जाने वाले युवक को पंचायत अपने तरीके से 'अदालतÓ लगाकर पूरे गांव के सामने आरोपी को दण्ड देगी। इस मसले को थाने या फिर संबंधित विभाग में नहीं लेजाया जाएगा। ऐसा गांव के बिगड़ते-माहौल को सुधारने के लिए किया गया है।

सिपाही बनाने का झांसा देकर साढ़े 9 लाख ठगे


डबवाली (लहू की लौ) सिपाही की नौकरी दिलाने का झांसा देकर एक व्यक्ति से साढ़े 9 लाख रूपये की ठगी मारने के आरोप में डबवाली के तीन लोगों के खिलाफ थाना लम्बी पुलिस ने मामला दर्ज करके शनिवार को दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है जबकि मुख्य आरोपी की तालाश जारी है।
गांव भीटीवाला के शिवकरण सिंह पुत्र जसकौर सिंह ने लम्बी पुलिस में शिकायत करके आरोप लगाया कि एक वर्ष पूर्व बादल के दशमेश गल्र्ज कॉलेज में कंटीन का ठेका लेने वाले और स्कूल बस मालिक डबवाली निवासी जग्गी से उसकी मुलाकात हुई तो जग्गी ने उसे बताया कि उसकी पंजाब सरकार में अच्छी पहुंच है और उसे पंजाब सरकार में कोई काम हो तो वह करवा सकता है। इस प्रकार की बातें करके जग्गी ने उसे अपने जाल में फंसा लिया। वह जग्गी की बातों मेें आकर अपने भतीजे निर्भय सिंह भीटीवाला तथा रिश्तेदार गुरमीत सिंह माऊआना को सिपाही भर्ती करवाने के लिए डबवाली में मिला। जग्गी के साथ दोनों को सिपाही भर्ती करवाने की एवज में साढ़े 9 लाख रूपया देना तय हो गया।
शिवकरण के अनुसार तय राशि अदा करने के लिए उसने जग्गी को गांव भीटीवाला में बुला लिया। इस समय उसके साथ जग्गी की मां मलकीत कौर तथा दोस्त गुलशन कुमार उनके गांव पहुंचे। वहां पर उन्होंने साढ़े 9 लाख रूपये इन तीनों को सौंप दिये। लेकिन जब उसके भतीजे और रिश्तेदार को जग्गी भर्ती नहीं करवा सका तो उसने अपनी राशि वापिस मांगी। इस संबंध में कई बार पंचायत भी हुईं। लेकिन जग्गी ने राशि देने से साफ इंकार कर दिया। जांच अधिकारी तथा किलियांवाली चौकी प्रभारी एएसआई मोहन लाल ने बताया कि शिकायतकर्ता की शिकायत पर उपरोक्त आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने धारा 406/420/120बी आईपीसी के तहत 15 अगस्त को केस दर्ज करके जांच का काम उन्हें सौंप दिया था। मुखबरी के आधार पर आरोपियों में से मलकीत कौर (55) पत्नी अमरजीत सिंह निवासी वार्ड नं. 3, गली सतनाम कौर एमसी वाली, डबवाली तथा गुलशन कुमार (30) पुत्र शगन लाल निवासी पुराना हनुमान मंदिर वाली गली को वाटर वक्र्स रोड़, किलियांवाली से शनिवार को गिरफ्तार कर, एसडीजेएम मलोट कंवलजीत सिंह की अदालत में पेश करके मुख्य आरोपी जगजीत सिंह जग्गी का पता लगाने तथा ऐंठी गई राशि बरामद करने के लिए तीन दिन का पुलिस रिमांड लिया है।

सड़कों पर हजारों बाल अन्ना


डबवाली (लहू की लौ) दिन शनिवार, सुबह के 9 बजे। डबवाली सिटी का गांधी चौक इंकबाल जिन्दाबाद के नारों से गूंज उठा। यह शंखनाद करने वाले  कोई ओर नहीं बल्कि सिटी के विभिन्न स्कूलों के हजारों बच्चे थे। जो अन्ना हजारे के समर्थन में बाजार में निकले थे।
उनके हाथों में तिरंगा, सिर पर तिरंगी टोपी और मुंह से देश भक्ति के जज्बे के साथ भारत माता की जय, वंदे मात्रम के साथ-साथ सरकारी लोकपाल धोखा है, जागो जनता मौका है, अन्ना की लहर है, भ्रष्टाचार पर कहर है, क्रप्शन गो बैक, शहीदो हम शर्मिंदा है, भ्रष्टाचार जिंदा है के नारे निकल रहे थे। भ्रष्टाचार के खिलाफ दिल्ली में अनशन पर चल रहे अन्ना हजारे के समर्थन में शहर के नवप्रगति सीनियर सैकेण्डरी स्कूल, खालसा सीनियर सैकेण्डरी स्कूल, नेहरू सीनियर सैकेण्डरी स्कूल, हरियाणा पब्लिक स्कूल, एमएम कॉन्वेंट स्कूल, बाबू नानक चंद मैमोरियल बाल मंदिर सीनियर सैकेण्डरी स्कूल, श्री अरोड़वंश आदर्श स्कूल, राजा राम कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, चिल्ड्रन मैमोरियल डीएवी स्कूल, सतलुज पब्लिक स्कूल के 3000 बच्चों का हजूम शनिवार सुबह 9 बजे जन लोकपाल बिल संघर्ष समिति के बैनर तले गांधी चौक पर इक्ट्ठा हुआ। गांधी चौक से अन्ना के समर्थन में मुख्य बाजार, वैद्य राम दियाल चौक, पुरानी अनाज मण्डी, सब्जी मण्डी, गुरूद्वारा कलगीधर सिंह सभा, परशुराम चौक से होते हुए शहीद भगत सिंह चौक पर पहुंचे। इस दौरान बच्चों ने हाथों में तख्तियां थामी हुई थी। उमड़े जनसैलाब से शहर अन्नामय हो गया। बच्चों का भ्रष्टाचार के खिलाफ हौसला देखकर दुकानदार भी उनकी आवाज में आवाज मिलाकर जन लोकपाल बिल को पास करवाने के लिए उठ खड़े हुए।
बच्चों के साथ-साथ संबंधित स्कूलों के अध्यापक भी इस जागरूक रैली में शामिल हुए। संघर्ष समिति के जयमुनी गोयल, वेदप्रकाश भारती, सतीश जग्गा, वियोगी हरि शर्मा, हरिंद्र सिंह, सर्वजीत सिंह, सतपाल जग्गा, रामलाल बागड़ी, विनोद नीलू, सुरेंद्र बर्तन वाला, अशोक पाहूजा, मनी राम अबूबशहर आदि उपस्थित थे।

डॉक्टर, वट इज दिस!


स्वास्थ्य मंत्री राव नरेंद्र सिंह अचानक सरकारी अस्पताल पहुंचे, सफाई व्यवस्था पर जताया असंतोष, बाकी सब ओके
डबवाली (लहू की लौ) मैं स्वास्थ्य मंत्री हूं, आपकी तकलीफा जानने के लिए यहां आया हूं। आप क्या तकलीफ लेकर अस्पताल आए हैं? जिस बीमारी के लिए आप आए हैं, उसका डॉक्टर यहां है?  यहां के डॉक्टर आपसे कैसा व्यवहार करते हैं? क्या आपको मेडिसन अस्पताल से उपलब्ध करवाई जाती है?
ये तमाम सवाल प्रदेश के हेल्थ मिनिस्टर राव नरेन्द्र सिंह के हैं, जो उन्होंने डबवाली के सरकारी अस्पताल में इलाज करवाने आए मरीजों से किए। मरीजों ने बताया कि यहां उनके साथ सही व्यवहार होता है। लेकिन नेत्र, हड्डी रोग विशेषज्ञ तथा फिजिशयन न होने के कारण उन्हें बिना इलाज ही घर लौटना पड़ता है। उपरोक्त तीनों विशेषज्ञों की अस्पताल में नियुक्ति की जाए। मंत्री ने कहा कि आप चिंता न करें, इसकी जल्द नियुक्ति की जाएगी।
मंत्री जी शनिवार सुबह करीब 11.00 बजे अपनी लाल बत्ती वाली गाड़ी से सरकारी अस्पताल में पहुंचे थे। अपने आगमन की किसी को भनक तक नहीं लगने दी। मरीजों से बातचीत करने के बाद अपने दो बॉडीगार्ड के साथ अस्पताल के भीतर चले गए। वहां कर्मचारियों से पूछा कि इस अस्पताल के एसएमओ कौन हैं? जवाब मिला एसएमओ तो रिटायर हो गए हैं, उनका कार्य डॉ. एमके भादू देख रहे हैं। मंत्री जी के आने की सूचना पाकर डॉ. भादू भी अपने रूम से निकल आए। वे उनके साथ इमरजेंसी रूम में गए। इधर-उधर नजर घुमाई। कमजोर सफाई व्यवस्था पर एतराज जताया।
पहली मंजिल की सीढिय़ां चढ़ते-चढ़ते उनकी नजर दीवारों पर थूके तलब के निशान पर गई। ब्लड स्टोरेज सैंटर, इसी मंजिल पर स्थापित वार्ड रूम का निरीक्षण किया। इस रूम के पहले बैड पर आराम कर रहे व्यक्ति से पूछा क्या तकलीफ है। साहब! मुझे कुछ नहीं हुआ, मैं तो अपने मरीज के साथ आया हूं। दूसरे बैड पर पड़े मरीज का हाल जाना। तीसरे बैड पर लेटे एक व्यक्ति से मंत्री जी ने सवाल दोहराया, आपको क्या तकलीफ है? लेटा व्यक्ति बोला, साहब! मैं तो मरीज के साथ आया हूं। मंत्री जी बोल उठे डॉ. साहब यह अस्पताल है या रेस्ट हाऊस। इसी रूम के चौथे व पांचवे बैड को चैक किया। बैड पर बिछे गद्दे को फटा पाकर डॉ. साहब की ओर इशारा करके कहा वट इज दिस? इस प्रकार का ढंग नहीं चलेगा। अपनी व्यवस्था सुधारिए, वरना आप पर कार्यवाही होगी।
इसी दौरान वहां पर स्टाफ नर्स कंचन शर्मा आ धमकी। उसने मंत्री से कहा कि मुझे अस्पताल का इंचार्ज प्रताडि़त करता है। इस  संबंध में उसने उच्च अधिकारियों को शिकायत की थी। जिससे ईष्र्या करते हुए उसका रिकॉर्ड रूम रीढ़ की हड्डी की सर्जरी के बावजूद तीसरी मंजिल पर शिफ्ट कर दिया गया है। मंत्री जी मुझे मेरी अलमारी नीचे चाहिए। मौका पर उपस्थित डॉ. एमके भादू ने मंत्री को अपना स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि स्टाफ नर्स कंचन शर्मा समय पर डयूटी नहीं देती। शिकायत की जांच तहसीलदार के पास विचाराधीन है। 23 अगस्त को शिकायत की जांच तिथि रखी गई है। मंत्री ने दोनों की बात सुनने पर कहा कि स्वास्थ्य विभाग में कोताही किसी भी हालत में स्वीकार नहीं है। यदि आपके (स्टाफ नर्स) साथ गलत हुआ है, तो इसकी जांच करवाकर उसे न्याय दिया जाएगा।
चण्डीगढ़ जाकर देखूंगा
मैंने आज अस्पताल परिसर का निरीक्षण किया, अस्पताल का कार्य काफी संतोषजनक है। लेकिन सफाई व्यवस्था का बुरा हाल है। डॉ. एमके भादू को एक सप्ताह के भीतर सफाई व्यवस्था सुधारने के लिए कहा गया है। इस समय प्रदेश में ही नहीं, पूरे देश में चिकित्सकों का टोटा है। डब्बावाली के लोग भाग्यशाली हैं, जिन्हें सरकार ने छह मेडिकल ऑफिसर दे रखे हैं। डॉक्टर का पेशा देश सेवा जैसा है। मौजूदा समय में सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर की कमी का कारण देश में बन रहे प्राईवेट फाईव स्टार होटलों जैसे अस्पतालों में डॉक्टरों का जाना है। वहां पर उन्हें वेतन भी ज्यादा मिलता है। मैंने स्वास्थ्य मंत्री का कार्यभार संभालने के बाद 373 नए डॉक्टरों की इंटरव्यू कॉल की। जिसमें से 200 के करीब डॉक्टर प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में नियुक्त कर दिए गए हैं। कन्या भ्रूण हत्या महापाप है। इससे इंसान की जाति के खत्म होने का खतरा पैदा हो गया है। सरकार ने इस पर नकेल कसने के लिए योजनाएं लागू की हैं। सरकार के साथ-साथ एनजीओ तथा अन्य समाजसेवी संस्थाओं को भी आगे आकर सहयोग करना चाहिए। सरकार ने फूड एण्ड ड्रग विभाग की स्थापना करके नशे को रोकने और मिलावटी पदार्थ पर अंकुश लगाने का प्रयास किया है। स्वास्थ्य मंत्री राव नरेंद्र सिंह ने उक्त शब्द पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि 1995 के अग्निकांड पीडि़तों के लिए डबवाली के सिविल अस्पताल में बर्न यूनिट स्थापित किए जाने की जानकारी उसे नहीं है। वे चण्डीगढ़ जाते ही अग्निकांड पीडि़तों के संदर्भ में की गई सरकारी घोषणाओं की फाईल तलब करेंगे। बाद में इस संबंध में कदम उठाएंगे। डबवाली अस्पताल से संबंधित अन्य समस्याओं के समाधान के लिए उन्होंने कार्यकारी एसएमओ को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं।

14 अगस्त 2011

गरीबों के लिए नहीं है जमीन


डीडी गोयल
80597-33000
डबवाली। उपमण्डल में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले करीब पंद्रह सौ परिवारों को महात्मा गांधी बस्ती योजना के तहत सौ-सौ गज का प्लाट नहीं मिलेगा। जबकि ये सभी परिवार खण्ड विकास एवं पंचायत कार्यालय द्वारा पात्र ठहराए गए हैं।
गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले लोगों के सिर पर छत मुहैया करने के लिए सरकार की ओर से चलाई जा रही योजना उपमण्डल के तीन गांवों में नहीं चल पा रही है। योजना के तहत संबंधित गांव की पंचायत पंचायत तथा खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालय द्वारा गांव अबूबशहर में 179, लोहगढ़ में 228 तथा मोड़ी में 80 गरीब परिवारों को सौ-सौ गज का प्लाट देना तय किया गया था। इन गांवों में गरीबों के लिए बनने वाली कलोनियों के नक्शे तक बना डाले गए थे। लेकिन जब लोगों को जमीन आवंटित करने करने के लिए उपरोक्त गांवों में पंचायती जमीन की निशानदेही की गई तो जगह नदारद पाई गई। कलोनियों के लिए बनाए गए नक्शे के अनुसार गांव अबूबशहर में पात्र परिवारों को प्लाट देने के लिए छह एकड़ दो कैनाल, लोहगढ़ में पांच एकड़ छह कैनाल तथा गांव मोड़ी में दो एकड़ पांच कैनाल भूमि की जरूरत है। लेकिन इन तीनों गांवों की पंचायत के पास गरीबों को देने के लिए महज सौ गज भूमि भी नहीं है। ऐसे में इन गांवों के गरीबों को पात्र होने के बावजूद प्लाट मुहैया नहीं हो सकेंगे।
उधर हरियाणा सरकार ने 15 अगस्त से पूर्व योजना के सौ फीसदी पूरा होने का लक्ष्य रखा था। उपरोक्त तीन गांवों के अतिरिक्त उपमण्डल के गांव गंगा के 516 तथा गांव कालूआना के 363 पात्र परिवारों को भी 15 अगस्त से पूर्व प्लाट आवंटित नहीं किए जा सकेंगे। चूंकि दोनों गांवों में प्लाट वितरण का विवाद अदालत में विचाराधीन है। इस प्रकार करीब पंद्रह सौ गरीब परिवारों को प्लाटों का आवंटन नहीं हो सकेगा।
खण्ड विकास एवं पंचायत कार्यालय डबवाली के एसईपीओ रामप्रकाश ग्रोवर के अनुसार गांव अबूबशहर, लोहगढ़ तथा मोड़ी की पंचायतों के पास जमीन न होने की वजह से गरीबों को सौ-सौ गज के प्लाट मुहैया नहीं करवाए जा सकेंगे। इन गांवों में जगह एक्वायर करने के लिए सरकार को लिखा गया है। गांव गंगा में प्लाट वितरण का मामला कोर्ट में विचाराधीन है। जबकि गांव कालूआना की पंचायत ने कलोनी के लिए बनाए गए नक्शे के अनुसार जमीन मुहैया नहीं करवाई। दूसरा यह मामला भी अदालत में विचाराधीन है। जिसके चलते उपरोक्त गांवों के अतिरिक्त इन दो गांवों में भी गरीबों को प्लाट वितरित नहीं किए जा सकते।

स्कीम डाल देते थे वारदात को अंजाम


डबवाली (लहू की लौ) सिटी पुलिस ने चैन स्नेचर गिरोह का पर्दाफाश किया है। गिरोह के तीन सदस्यों को काबू करने में सफलता अर्जित की है। आरोपियों ने डबवाली शहर तथा ऐलनाबाद में चैन स्नेचिंग की वारदातों को अंजाम देने की बात कबूली है। तीनों को शनिवार को अदालत में पेश किया गया। अदालत ने आरोपियों को तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेजने के आदेश दिए।
शहर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर महा सिंह रंगा ने बताया कि चैन स्नेचिंग की घटनाओं में बढ़ौतरी की वजह से पुलिस दिन-रात गश्त कर रही थी और मुखबरी लगाई हुई थी। शुक्रवार रात को पुलिस को मुखबरी मिली कि चैन स्नेचर गिरोह के तीन सदस्य बठिंडा रोड़ पर घूम रहे हैं। एसआई घड़सा राम ने मौका पर पहुंचकर युवकों को दबोच लिया। पकड़े गए युवकों ने अपनी पहचान कृष्ण उर्फ नत्थू राम पुत्र दर्शन सोनी निवासी कलोनी रोड़, डबवाली, विजय उर्फ गुरदीप पुत्र मुखलाल निवासी देसूजोधा, मनजीत पुत्र जगजीत निवासी नरसिंह कलोनी के रूप में करवाई है।
थाना प्रभारी के अनुसार पकड़े गए युवकों ने डबवाली तथा ऐलनाबाद में चैन स्नेचिंग की वारदातों को कबूला है। वारदात को अंजाम देने के लिए आरोपी दो बाईक का इस्तेमाल किया करते थे।
कैसे बना गैंग
नत्थू इन्वर्टर बैटरी का कार्य जानता है। जबकि गुरदीप की शहर के जीटी रोड़ पर कमानी की दुकान थी। आज कल पंजाब में ग्रिल बनाने का कार्य सीख रहा है। जबकि तीसरा आरोपी मनजीत जीपों पर इंजन रखने का कार्य करता है। शहर के जीटी रोड़ पर कार्यरत ये तीनों कुछ समय पहले इक्ट्ठे हुए और जल्द अमीर बनने की चाह में चैन स्नेचिंग की वारदात को अंजाम देने लगे। ये लोग चैन झपटने की वारदात को स्कीम का नाम दिया करते थे। गिरफ्तार करने के बाद जब पुलिस ने वारदातों के संदर्भ में पूछताछ की तो तीनों आरोपी बार-बार 'असीं थोडिय़ां स्कीमां ही पाईयां ने सानूं माफ कर दोÓ कहते रहे।
इंस्पेक्टर महा सिंह ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों को शनिवार को उपमण्डल न्यायिक दण्डाधिकारी डॉ. अतुल मडिया की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने आरोपियों को तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेजने के आदेश दिए। रिमांड के दौरान पुलिस बाईक तथा छीनी गई सोने की चैन बरामद करने का प्रयास करेगी।

प्रतिभागियों ने दिखाया टेलेंट


डबवाली (लहू की लौ) विद्यार्थियों में छुपी प्रतिभा को तराशने के लिए गुरूनानक कॉलेज किलियांवाली में शुक्रवार शाम को टेलेंट हंट का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन यूनिवर्सिटी के जोनल यूथ फेस्टिवल के दृष्टिगत किया गया। जिसमें कॉलेज के 47 विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। स्किट, मोनो एक्टिंग, डिबेट, ममीकरी, कोरियोग्राफी, लोक गीतों के माध्यम से प्रतिभागियों ने समां बांध दिया। बीए प्रथम वर्ष के छात्र अमन ने  वर्तमान समय की सबसे बड़ी समस्या नशे पर कटाक्ष करते हुए लघु कथा 'आज का रावण कौन?Ó पर मोनो एक्टिंग की। जिसमें वह नशे में धुत्त होकर दशहरा देखने जा रहा होता है। लेकिन रास्ते में गिर जाता है। कुछ लोग उसे संभालते हुए घर छोड़ आते हैं। बाद में उसे ज्ञात होता है कि दशहरा में रावण मरते और बाद में जलते वह प्रतिवर्ष देखता है। लेकिन इसके बावजूद अपने भीतर छुपे नशे रूपी रावण को उसने कभी नहीं मारा।
12वीं के छात्र गुरविंद्र सिंह ने कारगिल तथा 1984 के दंगों पर आधारित ओदो रब्ब कित्थे गया सी..., कन्या भ्रूण हत्या पर बीए प्रथम की छात्रा निर्मल कौर ने माये नी मैनूं कुख विच ना मार....गीत पेश करके देश के मौजूदा हालातों को मंच पर उतारा। इसके बाद बीए फाइनल के छात्र नीटा और बसंत सिंह ने पंजाबी भांगड़ा की प्रस्तुति देकर दर्शकों को भांगड़ा डालने पर मजबूर कर दिया। निर्णायक मण्डल में कलाकार त्रिलोचन गोगी, सागर मुक्तसर तथा हैप्पी सिंह शामिल थे। इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ कॉलेज की प्रधानाचार्या डॉ. इंदिरा अरोड़ा ने किया। अपने संबोधन में उन्होंने विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ सांस्कृतिक गतिविधियों में बढ़चढ़कर हिस्सा लेने का आह्वान किया। मंच का संचालन प्रो. भारत भूषण ने बखूबी किया।

13 अगस्त 2011

बस ने बाईक सवार कुचला


डबवाली (लहू की लौ) गांव मैहना के पास एक मोटरसाईकिल को प्राईवेट बस ने कुचल दिया जिससे मौका पर मोटरसाईकिल चालक की मौत हो गई और पीछे बैठा उसका साथी घायल हो गया।
घायल मनजीत सिंह टेलर मास्टर पुत्र गुरनाम सिंह निवासी गिदड़बाहा ने बताया कि वह अपने दोस्त गुरजन्ट सिंह पुत्र जंगीर सिंह गोल्ड स्मिथ के मोटरसाईकिल पर डबवाली आ रहा था। मोटरसाईकि ल को गुरजन्ट सिंह चला रहा था। वह जैसे ही लम्बी क्रॉस करने के बाद गांव मैहना के नजदीक पहुंचे तो डबवाली साईड से आ रही एक प्राईवेट बस ने मोटरसाईकिल को रौंद दिया। बस के अगला पहिया गुरजन्ट सिंह के सिर को रौंदता हुआ आगे निकल गया। जिससे गुरजन्ट सिंह की मौका पर ही मौत हो गई जबकि उसे उपचार के लिए घायल अवस्था में लम्बी के सरकारी अस्पताल में ले जाया गया।
इस मामले की जांच कर रहे थाना लम्बी के हवलदार विपिन कुमार ने बताया कि मनजीत सिंह के ब्यान पर गिल मान बस सर्विस के चालक के खिलाफ लापरवाही से बस चला कर मोटरसाईकिल चालक को कुचलने के आरोप में मामला दर्ज करके बस को काबू कर लिया है।

कन्या भ्रूण हत्या पर अंकुश लगाने के लिए लोगों का सहयोग जरूरी

बार रूम में आयोजित सेमिनार में बोले वक्ता
डबवाली (लहू की लौ) डबवाली अदालत में 10-12 मामले ऐसे चल रहे हैं, जिनमें तीन भाईयों की एक पत्नी है। अगर महिला-पुरूष अनुपात में इसी तरह फर्क आता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब यह गिनती 10-12 हजार में बदल जाएगी।
ये शब्द उपमण्डल न्यायिक दण्डाधिकारी डॉ. अतुल मडिया ने शुक्रवार को बार रूम में कन्या भ्रूण हत्या पर आयोजित सेमिनार में कहे। उन्होंने कहा कि आवश्यकता महिला पर होने वाले अत्याचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने की है। केवल सेमिनार में भाग लेने या फिर एक्ट पढऩे से इस संवेदनशील समस्या का समाधान नहीं है। उन्होंने सुझाव दिया कि कन्या भ्रूण हत्या तभी रूक सकती है, जब गर्भवती महिलाओं की सूची तैयार की जाए और गांवों में एएनएम द्वारा करवाए जा रहे गर्भपात पर अंकुश लगे।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश सिरसा सुभाष गोयल ने बतौर मुख्यातिथि इस सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा कि सेमिनारों से बाहर निकलकर समाज में काम करने तथा लोगों को कन्या भ्रूण हत्या केवल अपराध ही नहीं, बल्कि सामाजिक रूप से भी अनैतिक कार्य है, यह समझाने की जरूरत है। उनके अनुसार कन्या भ्रूण हत्या पर पूरी तरह से अंकुश लगाने के लिए आम लोगों का सहयोग जरूरी है।
सेमिनार को एसडीएम डॉ. मुनीश नागपाल, सामान्य अस्पताल के कार्यकारी एसएमओ डॉ. एमके भादू, स्वास्थ्य कर्मी राज वर्मा, मंजू बाला, कृष्णा देवी, शालू धींगड़ा, दर्शना देवी ने भी संबोधित किया। मंच का संचालन एडवोकेट गंगा बिशन गोयल ने बखूबी निभाया। इस अवसर पर सीजीएम एनके सिंगल, नायब तहसीलदार हरिओम बिश्नोई, डीएसपी बाबू लाल, सिटी थाना प्रभारी महा सिंह, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र दंदीवाल, पूर्व अध्यक्ष एसके गर्ग, एडवोकेट रणजीत सिंह, कुलदीप सिंह सिधू, सुरेश चन्द्र शर्मा, सुखबीर सिंह बराड़, बलजीत सिंह, धर्मवीर कुलडिय़ा, आईपी बिश्नोई, दीपक कौशल, जितेंद्र खैरा, जगदीश गुप्ता, वाईके शर्मा, बीएस सूर्या, सुरेश मैहता, कुलवंत सिंह, कुलवीर पासी उपस्थित थे।
इससे पूर्व सैशन जज सुभाष गोयल ने गांव गोरीवाला में लीगल सैल के क्लीनिक का शुभारंभ किया। बाद में डबवाली कोर्ट परिसर में पौधारोपण किया।

अवैध तरीके से निकली डीएपी!


डबवाली (लहू की लौ) चौटाला पैक्स के आसाखेड़ा सेल्ज प्वाईंट से सैंकड़ों गट्टे इधर-उधर होने का मामला सामने आया है। इस मामले को गांव आसाखेड़ा के ग्रामीणों ने एसडीएम के समक्ष उठाया है। एसडीएम ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
गांव आसाखेड़ा निवासी मनी राम, राजू राम पंच, श्री राम पंच, जीत राम, शीशपाल, कर्म सिंह शुक्रवार को खेत मजदूर यूनियन सिरसा के अध्यक्ष भाला राम भारूखेड़ा के नेतृत्व में एसडीएम डॉ. मुनीश नागपाल से मिले और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। एसडीएम को दिए ज्ञापन में ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पैक्स चौटाला के आसाखेड़ा सेल्ज प्वाईंट पर एक सप्ताह पूर्व डीएपी खाद के छह सौ गट्टे उतारे गए थे। गुरूवार को वे खाद लेने के लिए कतार में लगे हुए थे। लेकिन वहां अचानक दो ट्रेक्टर-ट्रालियां आई। वहां तैनात सेल्जमैन ने वहां खड़े किसानों को डीएपी देने की अपेक्षा 400 गट्टा उनमें भरकर गांव चौटाला की ओर भेज दिया।
एसडीएम को दी शिकायत में ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि डीएपी का प्रति गट्टा करीब 700 रूपए का है। जो ब्लैक में 900 से 1000 रूपए तक में मिल रहा है। किसानों को डीएपी देने की अपेक्षा अवैध तरीके से डीएपी बेची जा रही है।
एसडीएम डॉ. मुनीश नागपाल ने बताया कि मामले की जांच के लिए एसडीओ कृषि विभाग, डबवाली को लिखा गया है। दोषी पाए जाने पर नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
पैक्स चौटाला के क्लर्क सुदेश कुमार ने बताया कि आसाखेड़ा सेल्ज प्वाईंट पर कई दिनों से डीएपी के गट्टे पड़े हुए थे। वहां इसकी डिमांड लगभग खत्म हो चुकी थी। चौटाला के एक किसान को डीएपी की आवश्यकता थी। इसलिए स्टॉक में से 100 गट्टे उन्हें दिए गए हैं। सेल्ज प्वाईंट के कर्मचारियों पर लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं।

12 अगस्त 2011

छह साल बाद पिता को मिले बच्चे


डबवाली अदालत के प्रयास तथा वकीलों का सहयोग रंग लाया
डबवाली (लहू की लौ) एक्सीडेंट में मां को गंवाने के बाद अपने नाना के पास रह रहे दो बच्चे गुरूवार को अपने पिता के पास आ गए। छह वर्षों से इन बच्चों को लेकर पिता और नाना के बीच अदालत में विवाद चल रहा था। गुरूवार को अदालत के प्रयासों और वकीलों के सहयोग से पिता और नाना के बीच चल रही कड़वाहट ही दूर नहीं हुई। बल्कि बच्चे अपनी इच्छा से पिता के पास रहने को राजी हो गए।
बठिंडा के नगर निगम में सीनियर क्लर्क के पद पर कार्यरत वासदेव पुत्र मूलचन्द निवासी मोहल्ला कीकर दास, बठिंडा की शादी डबवाली निवासी कमलेश रानी से साल 1994 में हुई थी। कमलेश रानी के दो बच्चे अभिलाष और अभिषेक हुए। मई 2006 को कमलेश रानी की सोनावर पब्लिक स्कूल, मलोट रोड़, बठिंडा से घर लौटते समय पीआरटीसी की एक बस से दुर्घटना हो जाने पर मौत हो गई थी।
मां की मौत के बाद बच्चे अपने ननिहाल डबवाली में रहने लग गए थे। 16 वर्षीय अभिलाष और 12 वर्षीय अभिषेक डीएवी स्कूल डबवाली में अध्ययनरत हैं। 21 जुलाई 2006 को बच्चों के नाना मनोहर लाल निवासी मण्डी डबवाली ने अदालत में सेक्शन 125 सीआरपीसी के तहत मनटेंसी अलाऊंस के लिए अदालत में याचिका दायर करके बच्चों के पिता से बच्चों के पालन पोषण के लिए 4500 रूपए प्रति माह के हिसाब से खर्चा की मांग की थी। इधर बच्चों को पाने के लिए वासदेव ने भी बठिंडा की अदालत में केस दायर कर रखा था। जिसमें वासदेव केस हार गया। लेकिन डबवाली की अदालत में 125 सीआरपीसी का केस विचाराधीन था।
गुरूवार को उपमण्डल न्यायिक दण्डाधिकारी डॉ. अतुल मडिया की अदालत में इस मामले की सुनवाई थी। दोनों पक्ष अदालत में उपस्थित थे। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अभिलाष तथा अभिषेक को अदालत में बुलाकर उनकी राय जानी। बच्चों ने अपने पिता के साथ जाने की इच्छा प्रकट की। अदालत ने दोनों पक्षों को समझाने-बुझाने के लिए नेशनल लीगल सर्विस आथोरिटी के अधीन फ्री एण्ड कंपीटेंट लीगल सर्विस-2010 के माध्यम से इसका जिम्मा बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एसके गर्ग के नेतृत्व में वकीलों के पैनल को सौंपा। जिसमें बार एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र दंदीवाल, एडवोकेट कुलवंत सिंह, बलजीत सिंह और दोनों पक्षों के वकील राधेश्याम और राजेंद्र सिंह सरां भी शामिल किए गए। आखिर दोनों पक्षों को समझाने-बुझाने के बाद अदालत के प्रयास और वकीलों के सहयोग से सफलता हासिल हुई। नाना मनोहर लाल ने अपने दोहते अभिलाष तथा अभिषेक कुमार को खुशी-खुशी वासदेव के साथ भेजना स्वीकार कर लिया। वासदेव ने दोनों बच्चों की ताउम्र परवरिश करने और पढ़ाने-लिखाने की जिम्मेवारी स्वीकार करके अपने ससुर मनोहर लाल से आशीर्वाद प्राप्त कर लिया।

चौहान नगर में गोली चली


डबवाली (लहू की लौ) वीरवार शाम को चौहान नगर में घर के आसपास चक्कर लगाने से मना करने पर गुस्साये युवक ने एक व्यक्ति के ईंट मार कर कान फोड़ दिया। जिसे गंभीर हालत में उपचार के लिए डबवाली के सरकारी अस्पताल में लाया गया।
घायल जुल्फकार (45) ने बताया कि एक साल पूर्व उसकी कार पर बग्गा नामक युवक डाईवरी करता था लेकिन कार को बेचने के बाद उसे हटा दिया गया। लेेकिन इसके बावजूद भी वह उसके घर आता-जाता। जिस पर उन्होंने ऐतराज किया और वीरवार को तैश में आये इस युवक ने ईंट मार कर उसका कान फोड़ दिया। घायल ने आरोप लगाया कि बग्गा ने हवाई फायर भी किया जिससे मुहल्ले में दहशत फैल गई।

चौटाला में बस चालकों तथा बाईक सवारों में हाथापाई


डबवाली (लहू की लौ) बुधवार देर रात को गांव चौटाला के पास दो प्राईवेट बसों के अचानक सड़क के बीच रूक जाने से पीछे से आ रहे मोटरसाईकिल सवार युवकों के बीच हाथापाई हो गई और मामला पुलिस तक जा पहुंचा।
बुधवार रात को करीब 12 बजे संगरिया से चण्डीगढ़ बाया डबवाली के लिए एक प्राईवेट बस चली और इस बस ने संगरिया बॉर्डर पार करके जैसे ही हरियाणा के गांव चौटाला में प्रवेश किया तो सामने से आ रही एक बस को देख कर रूक गई। एक ही मालिक की बसें होने के कारण दोनों बसों में कंडक्टर की अदला-बदली होनी थी। इसी अदला-बदली के चलते काफी समय तक बसें सड़क के बीच खड़ी रहीं। जिस पर पीछे से आ रहे मोटरसाईकिल सवार युवकों ने ऐतराज जताया और इसी बात को लेकर दोनों पक्षों में हाथापाई हो गई।
घटना की सूचना पाकर चौटाला पुलिस चौकी के प्रभारी एसआई जीत सिंह कुंडू दल बल के साथ पहुंचे और घटना की जानकारी ली। चौकी प्रभारी ने बताया कि दोनों पक्षों में आपसी सुलह हो गई और कोई भी कार्यवाही नहीं करवाना चाहता था। इसीलिए मामला वहीं निपट गया।