23 अगस्त 2011

सुनवाई न होने पर सीवरेज में घुस गए दुकानदार


विभाग, प्रशासन तथा राजनेता न आए काम
डबवाली (लहू की लौ) दो माह पहले जनस्वास्थ्य विभाग को शिकायत दी, लेकिन नतीजा जीरो। फिर प्रशासन को शिकायत की, लेकिन नतीजा जीरो। फिर सत्ता पक्ष से जुड़े एक राजनेता को शिकायत की, लेकिन नतीजा जीरो। जब कहीं सुनवाई ही नहीं तो ये विभाग, प्रशासन या राजनेता क्यूं हैं? यह कहना है दो माह से सीवरेज खुलवाने सुचारू करवाने के लिए धक्के खा रहे मेन बाजार के दुकानदारों का।
गोल बाजार से गांधी चौक तक के सीवरेज पिछले काफी अरसे से बंद हैं। मामूली बरसात से दुकानों के आगे पानी जमा है। मच्छर पनपने के कारण दुकानदार मलेरिया की जद में हैं। सीवरेज खुलवाने के लिए दुकानदारों ने इसकी शिकायत कई मर्तबा जनस्वास्थ्य विभाग, एसडीएम तथा सत्ता पक्ष के एक लीडर से की। फिर अपनी ओर से भी निजी व्यक्तियों का बंदोबस्त करके सीवरेज खुलवाने का प्रयास किया। लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। उधर बाजार के दो युवक केशव तथा सुनील बीमार पड़ गए। दोनों को मलेरिया हो गया। सोमवार को दुकानदार राम डायर तथा बबली बारबर ने सीवरेज के ढक्कन उठा दिए और खुद सीवरेज में घुस गए। इन लोगों ने बांस भी चलाई। लेकिन बुरी तरह से बंद सीवरेज नहीं खुल सके। मजबूरन दुकानदारों को दुकानों के आगे खड़ा गंदा पानी बाल्टियों के जरिए निकालना पड़ा।
दुकानदार रविंद्र मिढ़ा, गौत्तम मिढ़ा, राम डायर, बबली बारबर, जोनी, अशोक डायर, धीरा आदि ने बताया कि शिकायत किए को उन्हें दो माह बीत चुके हैं। लेकिन उनकी सुनवाई करने वाला कोई नहीं है। जिसके चलते उन्हें उपरोक्त कदम उठाना पड़ा। तीन घंटे के प्रयास के बावजूद उन्हें सफलता नहीं मिली। जिसके कारण बाल्टियों में गंदा पानी इक्ट्ठा करके उन्हें निकालना पड़ा।
एसडीएम डॉ. मुनीश नागपाल ने बताया कि काफी समय पहले दुकानदारों की शिकायत उनके पास आई थी। जनस्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को समस्या के समाधान के आदेश दिए गए थे। कर्मचारियों ने कार्य करने में कोताही बरती है। जिससे मजबूर होकर दुकानदारों को उक्त कदम उठाना पड़ा। संबंधित विभाग से कार्य में कोताही बरतने का जवाब मांगा जाएगा। एसडीएम के अनुसार मंगलवार को सीवरेज व्यवस्था दुरूस्त हो जाएगी।

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